WHO के मुताबिक कोरोना के चलते कई रूटीन अपॉइंटमेंट और स्क्रीनिंग कैंसल करनी पड़ रही हैं। वहीं महामारी की वजह से कैंसर के इलाज जैसे क्रिटिकल केयर पर भी बहुत बुरा असर पड़ा।
मंगलवार, 1 सितंबर 2020
कोरोना की वजह से डब्लूएचओ की चैतावनी
WHO के मुताबिक कोरोना के चलते कई रूटीन अपॉइंटमेंट और स्क्रीनिंग कैंसल करनी पड़ रही हैं। वहीं महामारी की वजह से कैंसर के इलाज जैसे क्रिटिकल केयर पर भी बहुत बुरा असर पड़ा।
लाचारीः एक लाख में बेचा नवजात शिशु
आगरा। 36 साल की बबिता ने पिछले हफ्ते एक बच्चे को जन्म दिया। उसकी यह डिलीवरी सर्जरी से हुई। अस्पताल वालों ने उसे सर्जरी के 30,000 रुपये और दवाओं के 5,000 रुपये समेत 35 हजार रुपये के बिल थमाया। बबिता के पति शिवचरण (45) रिक्शा चलाते हैं। उनके पास इतने रुपये नहीं थे। दंपती का आरोप है कि अस्पताल वालों ने उनसे कहा कि बिल चुकाने के लिए अपने बच्चे को एक लाख रुपये में बेच दें।
दंपती का यह पांचवां बच्चा है। वे उत्तर प्रदेश के आगरा में शंभू नगर इलाके में किराए के कमरे में रहते हैं। रिक्शा चलाकर शिवचरण की रोज 100 रुपये आमदनी होती है। यह आमदनी भी रोज नहीं होती है। उनका सबसे बड़ा बेटा 18 साल का है। वह एक जूता कंपनी में मजदूरी करता है। कोरोना लॉकडाउन में उसकी फैक्ट्री बंद हो गई तो वह बेरोजगार हो गया।
आशा वर्कर ले गई थी अस्पताल
बबिता ने बताया कि एक आशा वर्कर उनके घर आई। उसने कहा कि वह उसकी फ्री में डिलीवरी करवा देगी। शिवचरण ने कहा कि उन लोगों का नाम आयुष्मान भारत योजना में नहीं है लेकिन आशा ने कहा कि फ्री इलाज करवा देगी। जब बबिता अस्पताल पहुंची तो अस्पताल वालों ने कहा कि सर्जरी करनी पड़ेगी। 24 अगस्त की शाम 6 बजकर 45 मिनट पर उसने एक लड़के को जन्म दिया। अस्पताल वालों ने उन लोगों को बिल थमाया। शिवचरण ने कहा, 'मेरी पत्नी और मैं पढ़ लिख नहीं सकते हैं। हम लोगों का अस्पताल वालों ने कुछ कागजों में अंगूठा लगवा लिया। हम लोगों को डिस्चार्ज पेपर नहीं दिए गए। उन्होंने बच्चे को एक लाख रुपये में खरीद लिया।'
डीएम ने कहा, कराएंगे जांच
इस मामले में डीएम प्रभूनाथ सिंह ने कहा, 'यह मामला गंभीर है। इसकी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।' नगर निगम के वॉर्ड पार्षद हरि मोहन ने कहा कि वह जानते हैं कि दंपती को अस्पताल के बिलों का भुगतान नहीं करने के कारण अपने बच्चे को बेचना पड़ा। उन्होंने कहा कि शिवचरण गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे थे।
अस्पताल प्रशासन ने दी सफाई
वहीं अस्पताल ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि बच्चे को दंपती ने छोड़ दिया था। उसे गोद लिया गया है, खरीदा या बेचा नहीं गया है। हम लोगों ने उन्हें बच्चे को छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया। ट्रांस यमुना इलाके के जेपी अस्पताल की प्रबंधक सीमा गुप्ता ने कहा, 'मेरे पास माता-पिता के हस्ताक्षर वाली लिखित समझौते की एक प्रति है। इसमें उन्हें खुद बच्चे को छोड़ने की इच्छा जाहिर की है।'
'लिखित समझौते का कोई मोल नहीं'
बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने कहा कि अस्पताल के स्पष्टीकरण से उनका अपराध नहीं कम होता। हर बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ने निर्धारित की है। उसी प्रक्रिया के तहत ही बच्चे को गोद दिया और लिया जाना चाहिए। अस्पताल प्रशासन के पास जो लिखित समझौता है, उसका कोई मूल्य नहीं है। उन्होंने अपराध किया है।'
यमुना बचाओ अभियान की शुरुआत
रवि चौहान
नई दिल्ली। विश्व पुरोहित यजमान न्याय परिसंघ द्वारा संचालित यमुना बचाओ अभियान की शुरुआत दिल्ली के आईटीओ के पास यमुना घाट पर हवन पूजा एवं तुलसी के पौधा रोपण कर की गई। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि यमुना बचाओ अभियान का मुख्य उद्देश पर्यावरण को देखते हुए दिल्ली स्थित यमुना नदी के दोनों ओर 60 किलोमीटर तक 2 करोड़ औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। यमुना बचाओ अभियान के तहत समन्वय समिति में आज वैदिक वीरांगना सॉन्ग हिंदू रक्षा दल एवं से कई संगठनों द्वारा यमुना बचाओ अभियान की समन्वय समिति द्वारा 108 तुलसी पौधरोपण कर शुरुआत की गई। यमुना बचाओ अभियान की अध्यक्षता प्रोमिला आर्य मुख्य प्रशासनिक गुरुजी पंडित लक्ष्मण बाल योगी समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी आशीष मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक संस्था ऑल इंडिया क्राईम रिफॉर्म्स ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद गर्ग समाजसेवी जनचेतना के अध्यक्ष डॉ अनिल शर्मा जानकी सक्सेना,ऋषि सक्सेना, प्रदीप कुमार, टीटू गोस्वामी आदि समन्वय समिति के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
चिंताः घट रही है मोदी की लोकप्रियता
फिसल रही है मोदी की लोकप्रियता, यूट्यूब पर लाइक से ज्यादा डिस्लाइक मिलने पर भाजपा चिंतित।
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे गिर रहा है। अगर उनके मन की बात कार्यक्रम के यूट्यूब पर रिएक्शन को आधार बनाया जाय तो ऐसा ही लगता है।
प्रधानमंत्री ने रविवार 30 अगस्त को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को संबोधित किया। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म यूट्यूब पर भी ये कार्यक्रम प्रसारित हुआ लेकिन दर्शकों के रिएक्शन को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह लोगों को रास नहीं आया। यही वजह है कि पीएम मोदी के ‘मन की बात’ को यूट्यूब पर पसंद करने वाले लोगों की संख्या से अधिक संख्या नापसंद करने वाले लोगों की देखी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से बने यूट्यूब अकाउंट पर ‘प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी मन की बात विद नेशन’ शीर्षक से वीडियो अपलोडेड है। इस वीडियो के आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता है कि इस वीडियो को 35 हजार लोगों ने जहां लाइक किया है, वहीं करीब 90 हजार लोगों ने डिस्लाइक किया है। अब तक इस वीडियो को 668,852 व्यूज मिल चुके हैं। लाइक से ज्यादा डिस्लाइक की संख्या ने भाजपा के रणनीतिकारों को चिंता में डाल दिया है। पार्टी कारणों का पता लगाने में जुटी है कि ऐसा क्यों हुआ।
शासन ने करोड़ों रूपये पंचायतों को दिए
सरायपाली। ग्राम पंचायतों में सरपंचों व सचिवों द्वारा शासकीय राशियों की बंदरबाट व भ्रष्टाचार किया जाता है यह न किसी अधिकारी , जनप्रतिनिधियों व प्रशासन से छिपा है। ग्रामीण क्षेत्रो में जनसुविधाओं को बढ़ाने निर्माण व विकास कार्यो के लिए शासन द्वारा करोड़ो रूपये ग्रामपंचायतों को प्रदान किया जाता है जिसमे से मुश्किल से 40 से 50 प्रतिशत ही कार्य होता है बाकी शेष रकम कमीशनखोरी व बंटवारे में निकल जाता है। भ्र्ष्टाचार को सार्वजनिक करने वाले मीडिया से जुड़े पत्रकारों को भी पेपर , विज्ञापन व नगद राशि के माध्यम से उन्हें भी सेट कर दिया जाता है ताकि निश्चिंत होकर भ्रस्टाचार कर सकें। सर्वाधिक दुखद पहली यह है कि जब किसी पंचायतों की शिकायत संबंधित ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों , पत्रकारों व अन्यों के द्वारा संबंधित अधिकारियों से प्रामाणिक दस्तावेजो के साथ कि जाती है तो उसके बावजूद भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही अथवा जांच नही की किये जाने से भ्रष्टाचारीयों में डर व भय समाप्त हो गया है।इसके बावजूद जब कुछ कार्यवाही होनी होती है तो राजनैतिक , प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यवाही नही किये जाने का निर्देश जारी कर दिया जाता है। कुछेक सरपंच व सचिव लोग राजनीति से जुड़े होने के कारण उन्हें सत्ताधारी पार्टी का सरंक्षण प्राप्त हो जाता है। इनकी फोटो बाकायदा विज्ञापनों व पोस्टरों में बेहिचक दिखाई देती है। पार्टी व पत्रकारों को विज्ञापन देकर सभी को उपकृत करने व स्वयं को संरक्षित करने का प्रयास किया जाता है। इन सबमें सबसे अहम भूमिका सरपंच व सचिव संघ की रहती है जो अधिकारियों व नेताओ के संपर्क में लगातार रहकर अपने आपको बचाते हैं। आज भी सरायपाली जनपद में कई ऐसे सचिव हैं जो सालों से सरायपाली में ही अपने आकाओं के सरंक्षण में टिके हुवे है। ये पुराने सचिव काम कम करते हैं व नेतागिरी करते अधिक पाये गए है। संघ की आड़ में राजनीति करने व अपनो को सिर्फ बचाने का जारी अधिक किया जाता है। संघ का मूल उद्देश्य ही सिर्फ यही रह गया है।
डीएम ने जिलापूर्ति विभाग की टीम को भेजा
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। खवाजा गरीब नवाज गैस एजेंसी के सपलायरो द्वारा गैस सिलेंडर कटिग करते हुए आज प्रताप विहार से लोगों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया जिसकी शिकायत डी एम अजय शकर पाडेय से डी एम ने जिलापूर्ति विभाग की टीम को भेजा। टीम प्रताप विहार पुलिस चौकी पहुंची और अपनी कार्यवाही की। चौकी प्रभारी राघवेंद्र तोमर व ए आर ओ अशवनी कुमार ने बताया कि सप्लायर पुराना काटा लेकर चल रहे थे तथा उन पर आधार कारड नहीं था कुछ सिलेंडर तोल मे कम थे उन्होंने बताया कि वाट,माप तोल अधिनियम के तहत एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
1 खिलाड़ी समेत 12 मेंबर्स हुए संक्रमित
नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन का आयोजन 19 सितंबर से होना है। लेकिन सीएसके के एक खिलाड़ी समेत 12 मेंबर्स के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की वजह से लीग को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कोरोना के मामलों की वजह से सीएसके को ओपनिंग मैच से बाहर रखा जा सकता है। धोनी की अगुवाई वाली सीएसके पिछले सीजन की उपविजेता रही है।
बीसीसीआई ने 19 सितंबर से शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन का शेड्यूल अब तक जारी नहीं किया है। हालांकि आईपीएल का शुरुआती मैच पिछले सीजन की विजेता और उपविजेता टीम के बीच ही खेला जाता है।बीसीसीआई ने पहले जो शेड्यूल जारी किया था उसमें आईपीएल 13 का आगाज मुंबई इंडियंस और सीएसके के बीच टक्कर से होना था।
नंदी ग्राम सुंगेरा के पास हुआ शव बरामद
रायपुर। धरसींवा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक युवक की खारुन नदी ग्राम सुंगेरा के पास शव बरामद हुआ है जो की धरसीवां क्षेत्र के अंतिम छोर का गांव हैं अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी है। लेकिन शव पूरी तरीके से गल गया है, लेकिन उसके हाथ में मोबाइल अभी भी पकड़ा हुआ देख रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है हालांकि शव को देख कर काफी पुराना है वैसे इस क्षेत्र में गांव से काफी दूर नदी पड़ती हैं जिसके चलते लोगों को लाश का पता नहीं चल पाया नदी किनारे इलाका सुनसान पाया जाता है काफी पुरानी होने के बाद लाश लोगों की नजर पड़ी बॉडी पूरी तरीके से सड़ गई है लाश को कब्जे में लेकर पुलिस प्रशासन शव को पोस्टमार्टम कर जांच में जुटी धरसीवा पुलिस|
चुनिंदा गर्भपातः लड़कियों की संख्या घटेगी
नई दिल्ली। भारत में चुनिंदा गर्भपात के चलते 2030 तक लड़कियों के जन्म के आंकड़े में लगभग 68 लाख की कमी आएगी और सबसे अधिक कमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलेगी। सऊदी अरब की किंग अब्दुल्ला यूनिवसिर्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटे डे पेरिस, फ्रांस के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद यह बात कही है।
1970 के दशक से भारत में रहा है असंतुलन
अध्ययन में कहा गया है कि भारत में प्रसव पूर्व लिंग चयन और सांस्कृतिक रूप से लड़कों को अधिक प्राथमिकता दिए जाने की वजह से 1970 के दशक के समय से जन्म के समय लैंगिक अनुपात में असंतुलन रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के असंतुलन से प्रभावित दूसरे देशों के विपरीत भारत में लैंगिक अनुपात में असंतुलन क्षेत्रीय विविधता के हिसाब से अलग-अलग है।
दुष्कर्म पर कांग्रेसियों ने किया 'धरना- प्रदर्शन'
नैनीताल। द्वाराहाट विधायक पर दुष्कर्म का मुकदमा शीघ्र दर्ज करने की मांग को लेकर सोमवार को कांग्रेसियों ने सरोवर नगरी नैनीताल के तल्लीताल गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान उत्तराखंड महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक नैनीताल श्रीमती सरिता आर्य ने कहा कि द्वाराहाट के विधायक पर दुष्कर्म का मामला राज्य सरकार के दबाब में दर्ज नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक और भाजपा बेटी बचाओ का नारा दे रही है तो दूसरी ओर खुद भाजपा नेता ही बेटियों का अपमान कर रहे हैं। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के चलते उन पर मुकदमें दर्ज नहीं हो रहे हैं।
पूर्व विधायक ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी को देखते हुए अब तो ऐसा लगता है कि भाजपा नेताओं से ही बेटियों का बचाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विधायक प्रकरण की जल्द से जल्द जांच हो, और सरकार को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए।
इस दौरान पूर्व सांसद महेंद्र पाल ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा बेरोजगारों के संग छल करते हुए अपने बच्चों को बिना विज्ञप्ति निकाले बैकडोर से सरकारी नौकरी में नियुक्त किया जा रहा है।यह प्रदेश के युवाओं के साथ नाइंसाफी है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
इस धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में नगर कांग्रेस अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल, हेम चंद आर्य, सुमित हृदयेश, खष्टी बिष्ट, मुकेश जोशी मंटु, मनमोहन कनवाल, पुष्कर बोरा, जेके शर्मा, संजय कुमार, पप्पू कर्नाटक, सूरज पांडे, कैलाश अधिकारी, राजेंद्र समेत कई अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल थे।
सकल घरेलू उत्पाद में 23 फ़ीसदी गिरावट
नई दिल्ली। कोरोना के कारण अप्रैल से जून के इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की आई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल से जून तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिये हैं।
थोड़ी देर पहले आए कोर सेक्टर के आंकड़ों ने भी निराश किया है। जुलाई महीने में आठ इंडस्ट्री के उत्पादन में 9.6 फीसदी की गिरावट आई है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पहली तिमाही में स्थिर कीमतों पर यानी रियल जीडीपी 26.90 लाख करोड़ रुपये की रही है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 35.35 लाख करोड़ रुपये की थी। इस तरह इसमें 23.9 फीसदी की गिरावट आई है।
निशुल्क ऑनलाइन छात्रवृत्ति फार्म भरेंं
लखनऊ। राजधानी के कैम्पवेल रोड स्थित असियामऊ में अल-उस्मान एजुकेशनल एण्ड वेलफेयर फाउण्डेशन द्वारा सभी छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति आवेदन फाॅर्म ऑनलाइन निःशुल्क।
भरवाए जा रहे हैं।यह जानकारी देते हुए फाउण्डेशन के संस्थापक एवं सचिव मोहम्मद हसीन ने बताया कि संस्था के माध्यम से ऐसे तमाम बच्चों के स्काॅलरशिप फाॅर्म फ्री में ऑनलाइन भरवाए जाते है जो किसी भी सरकारी या गैर सरकारी विद्यालय में पढ़ रहे हैं।संस्था द्वारा यह कार्य पिछले तीन वर्षों से लगातार किया जा रहा है जिससे छात्रवृत्ति के हक़दार बच्चों को उनका हक़ मिल सकें और वह शिक्षा से वंचित न रहने पाएं।हसीन के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा छात्रों को हर वर्ष छात्रवृत्ति देने की सुविधा उपलब्ध है,परन्तु बड़ी संख्या में हर साल बच्चे इस सुविधा का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं।जिसका एक कारण तो जागरूकता की कमी है तो दूसरे छात्रवृत्ति आवेदन करने के लिए जिन प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती है उसमें बहुत सारे छात्रों का सही समय पर प्रमाण-पत्र न बन पाने के कारण भी वह समय रहते आवेदन करने से छूट जाते है।हसीन कहते है कि संस्था ने सभी समस्याओं को देखते हुए एक अभियान तीन साल पहले शुरू किया था,जिसमें लखनऊ के तमाम स्कूल कालेजों से में पढ़ने वाले तमाम ऐसे छात्रों की सूची प्राप्त कर रही है जिन्हें छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने में किसी भी प्रकार की समस्याएं आ रही है।फाउण्डेशन द्वारा यह अभियान हर वर्ष चलाया जाता है जिससे कोई भी ज़रूरतमंद विद्यार्थी इससे वंचित न रहे। फाउण्डेशन के सचिव हसीन ने बताया कि वाई.ए.
इंटरनेट ज़ोन(Y.A Internet Zone)रौशन नगर निकट एक मिनारा मस्जिद कैम्पवेल रोड असियामऊ,लखनऊ पर आकर सभी छात्र-छात्राएं अपना छात्रवृत्ति आवेदन फार्म भरवा सकते है।जिसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होगा।आवेदन करने के लिए आधार कार्ड,पासपोर्ट साइज फोटो,बैंक खाता,पिछले वर्ष अंक पत्र,निवास एवं आय प्रमाण पत्र और मोबाइल नम्बर लाना होगा।
अधिकारी जानकारी के लिए वाई.ए.इंटरनेट ज़ोन के टोल फ्री नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं।
मुखर्जी का जाना संघ के लिए अपूरणीय क्षति
जानेंं, प्रणब दा को लेकर आरएसएस ने क्या कहा।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक जताया है। आरएसएस ने उन्हें अपना मार्गदर्शक बताते हुए निधन को संगठन के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाहक सुरेश भय्याजी जोशी के हवाले से जारी बयान में कहा गया है कि मुखर्जी का जाना संघ के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
संघ ने कहा, कुशल प्रशासक, राष्ट्र-हित सर्वोपरि का भाव जीवन में रख, राजनैतिक अस्पृश्यता से परे व सभी दलों में समान रूप से सम्मानित, मितभाषी, लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज अपनी जीवन यात्रा पूर्ण कर परम तत्व में विलीन हो गए। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, भारत के राजनैतिक-सामाजिक जीवन में उपजी इस शून्यता को भरना आसान नहीं होगा।संघ के प्रति उनके प्रेम और सद्भाव के चलते हमारे लिए तो वे एक मार्दर्शक थे।उनका जाना संघ के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
बारिश के कारण मच्छरों का कहर जारी
नई दिल्ली। बारिश के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचना बेहद मुश्किल हो जाता है। इस मौसम में यह बीमारियां माहमारी की तरह फैलना शुरू हो जाती हैं। डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया इनमें प्रमुख हैं।मच्छर देखने में भले ही छोटे से हों, लेकिन इनके काटने से होने वाली बीमारियां जानलेवा साबित हो सकती हैं।
मच्छरों के ज़बरदस्त कहर के बाद से इन्हें शेर या सांप जैसे जानवरों से भी ज़्यादा खतरनाक माना गया है। इसके अलावा भी इनसे जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जिन्हें पढ़कर आप दंग रह जाएंगे। पढ़ें मच्छरों के बारे में 10 चौकानें वाली बातें।
1. क्या आप जानते हैं कि नर मच्छर कभी नहीं काटते। जीं हां, आपने सही पढ़ा। लोगों को हमेशा मादा मच्छर ही काटती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मादा मच्छर को अपने अंडों के विकास के लिए प्रोटीन की ज़रूरत होती है और वो उसे इंसानों के खून में मिलता है।
2. मादा मच्छर एक वक्त में करीब 300 अंडे देती है। वहीं, एक मच्छर की आयु दो महीने से कम होती है। नर मच्छर 10 दिनों तक और मादा मच्छर 6 से 8 हफ्ते तक जिंदा रहती है।
3. मच्छरों के दांत नहीं होते इसलिए वह अपने मुंह के नुकीली और लंबे डंक से काटते हैं। एक मच्छर अपने वजन से तीन गुणा ज़्यादा खून पी सकता है।
4. अगर आपको पसीना कुछ ज्यादा ही आता है, तो आपको मच्छर भी ज्यादा ही काटेंगे। पसीने की महक मच्छरों को खींचती है।
5. अगर आप बीयर पीते हैं, तो मच्छर आपको अपना शिकार ज़रूर बनाएंगे। रिसर्च में साबित हुआ है कि जो लोग बीयर पीते हैं मच्छर दूसरे के मुकाबले उनकी तरफ कुछ ज्यादा ही अट्रैक्ट होते हैं।
6. मच्छरों को सिर्फ बीयर पीने वाले नहीं, बल्कि गर्भवती महिलाएं और ‘ओ’ ब्लड ग्रुप वाले लोग भी काफी पसंद आते हैं। ऐसे लोगों को ये ज्यादा काटते हैं।
7. अगर आपके घर में तुलसी का पौधा है, तो इसकी खुशबू से मच्छर आपके आस-पास नहीं आएंगे। मच्छर तुलसी के पत्तों से दूर भागते हैं।
8. तुलसी के पत्तों के अलावा, मच्छरों को लैवेंडर, गेंदे के फूल और लहसुन की महक भी पसंद नहीं होती। ऐसी चीजें जिसमें से नींबू जैसी खुशबू आती है इससे भी मच्छर दूर ही रहते हैं।
9. आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि मच्छरों की याद्दाश्त काफी तेज होती है। रिसर्च में साबित हुआ है कि जब आप किसी मच्छर को मारने की कोशिश करते हैं, तो वो आपके आसपास कम से कम 24 घंटों तक नहीं मंडराएगा।
10. मच्छर इंसानों की महक को पहचानते हैं। वो आपकी महक से पहचान जाते हैं कि उनका आपसे पहले सामना हुआ है कि नहीं।
फतवाः वैक्सीन हराम, इसे ना लगवाएं
इमाम ने जारी किया फतवा, कोरोना की वैक्सीन लगवाना है ‘हराम’
नई दिल्ली। एक तरफ पूरी दुनिया में कोरोना के टीके की खोज जारी है ताकि लोगों को इस गंभीर महामारी से बचाया जा सके। वहीं कुछ बेवकूफ अपनी हरकतों से बखेड़ा खड़ा करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के एक इमाम ने इस वैक्सीन को हराम बताते हुए मुसलमानों से इसे ना लगवाने की अपील की है। सुफयान खलीफा नामके इमाम ने हाल ही में एक वीडियो के जरिए अपने फॉलोअर्स से यह अपील की है।इमाम ने इसे हराम बताते हुए उन मुस्लिमों पर निशाना साधा जो इसे लगवाने के पक्ष में हैं।
इस तथाकथित धर्मगुरु ने कहा, उन मुस्लिम संस्थाओं को शर्म आनी चाहिए जो वैक्सीन के इस्तेमाल को सही ठहरा रहे हैं। इसके लिए फतवा साइन करने वाले इमामों को शर्म आनी चाहिए। कैथोलिकों ने इस वैक्सीन का विरोध किया है क्योंकि वे जानते हैं कि यह हराम है। यह अवैध है। इमाम के साथ कुछ और धार्मिक नेताओं ने भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन का विरोध किया है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने सफल ट्रायल के बाद ऑक्सफोर्ड वैक्सीन लोगों को उपलब्ध कराने के लिए इसे बनाने वाली कंपनी एस्ट्रोजेनिका के साथ करार किया है।
राजस्थान के 13 जिलों में बारिश का अलर्ट
जयपुर/जोधपुर। राजस्थान में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश ने प्रदेश के सभी जिलों को भिगाों कर रख दिया है। वंही मौसम विभाग (IMD) ने प्रदेश में एक सितंबर को 13 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
इन जिलों में येलो अलर्ट
मौसम विज्ञाग से मिली जानकारी अनुसार पूर्वी राजस्थान के अजमेर, झंझुनूं, सीकर, सिरोही, टोंक जिलों में तथा पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, चूरू, नागौर, जैसलमेर, जोधपुर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर जिलों में कुछ स्थानों पर बादल गरजने के साथ भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें से अधिकतर जिलों में पिछले 24 घंटों में बादलों का दौर भी जारी है और आधा दर्जन जिलों में बरसात का दौर रुक रुक कर जारी है।
भारत में संक्रमण का कहर लगातार जारी
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के 36.87 लाख मामले सामने आ चुके हैं। भारत एशिया में सबसे संक्रमित देश है। इतना ही नहीं यहां हर रोज दुनिया के कुल केसों के 30% मामले निकल रहे हैं। इसके अलावा कोरोना से हर रोज दुनियाभर में होने वाली मौतों की 20% यहां हो रही हैं। इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन का मानना है कि भारत में पीक अब कुछ दूरी पर ही है।
भारत में COVID-19 महामारी पर तीसरे संयुक्त बयान में विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में 23 लाख लोगों का ठीक होना काफी प्रभावशाली है। इसके अलावा यहां केस मृत्यु दर भी लगातार घट रही है।
‘पीक आने में कुछ दिन बाकी हैं’
अप्रैल में हेल्थ एक्सपर्ट्स का एक जॉइंट टास्क फोर्स बनाया गया था, जिसे कोरोना के समय कंटेनमेंट जोन को लेकर केंद्र सरकार को सवाह देनी थी। एक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा, भारत में हर रोज 70 हजार केस (16 अगस्त) सामने आ रहे हैं। यानी अभी भारत में पीक आने में बस कुछ दिन बाकी हैं।
भारत में हर 10 लाख पर 2251 केस
भारत में 5 जून को 9472 केस निकले थे। वहीं, दो महीने के अनलॉक फेज में 23 अगस्त को 61749 केस सामने आए। भारत में हर 10 लाख लोगों पर 2251 संक्रमित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के चलते पूरी स्वास्थ्य प्रणाली का ध्यान इसी पर है। इसके चलते राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सीमित स्थान मिला है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के विभिन्न हिस्सों से सीरो-निगरानी रिपोर्टों से संकेत मिले हैं कि ‘टेस्ट, ट्रेस, ट्रीट, और आइसोलेट’ की वर्तमान रणनीति के माध्यम से हम कोरोना संक्रमण के कुल अनुमानित मामलों के 5% से भी कम का पता लगा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने परीक्षा को लेकर दिया बयान
मुंबई। बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने सोमवार को केंद्र सरकार सहित उत्तरदाताओं को निर्देश दिया कि वे अपने इस फैसले पर विचार करें कि क्या बाढ़ग्रस्त इलाकों में रहने वाले छात्रों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई-मेन्स) स्थगित की जा सकती है क्योंकि वे परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में असमर्थ हैं। अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, जेईई और अन्य परीक्षा का संचालन करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति रवि देशपांडे और पुष्पा गनेदीवाला की खंडपीठ ने मंगलवार सुबह 8.30 बजे के लिए सुनवाई तय की है क्योंकि परीक्षा सुबह 9 बजे से शुरू होगी।
न्यायधीशों ने कहा, ‘परीक्षा एक सितंबर को सुबह नौ बजे से शुरू होनी है और इसलिए मामला आवश्यक है। इसलिए हमने रजिस्ट्री (न्यायिक) द्वारा, सरकारी वकील और भारत के सहायक महाधिवक्ता (एएसजीआई) को सूचना के साथ जनहित याचिका में इस मुद्दे को उठाने के लिए एक आदेश पारित किया।’
उच्च न्यायालय ने भंडारा में रहने वाले छात्र नितेश बावनकर के पत्र पर स्वत: संज्ञान लिया जिसने नागपुर, अमरावती, अकोला, भंडारा, चंद्रपुर, गोंदिया और गढ़चिरौली जिलों के छात्रों को होने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला था। ये जिले पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे हैं।
इन जिलों में कई शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से बांधों से पानी छोड़ने के कारण बाढ़ आ गई है, इसमें गोसीखुर्द भी शामिल है।
यहां सरकार द्वारा राहत और बचाव का कार्य जारी है। उच्च न्यायालय ने नागपुर नगर निगम (एनएमसी) आयुक्त के साथ उत्तरदाताओं के रूप में सभी पांच जिलों के कलेक्टरों को भी जोड़ा और उन्हें मंगलवार तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
पीठ ने कहा, ‘हमें यह सूचित किया गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत, एक क्षेत्र में कलेक्टर, जो एक नगर निगम नहीं है, किसी विशेष केंद्र में परीक्षा आयोजित करने या स्थगित करने का निर्णय ले सकता है।
यदि क्षेत्र नगर निगम द्वारा कवर किया जाता है, तो अधिनियम के तहत प्राधिकरण नागरिक प्रमुख है।
डॉ कफील को तुरंत रिहा करेंः हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील खान को दी जमानत…तत्काल रिहा करने को कहा।
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान के ऊपर से एनएसए हटाने का आदेश दिया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एनएसए हटाने का आदेश जारी करते हुए डॉक्टर कफील खान को तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया है।बता दें कि डॉ. कफील पर एनएसए लगाने को चुनौती दी गई थी।डॉ कफील की मां नुजहत परवीन की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई थी।
दरअसल, डॉ कफील पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में एनएसए के तहत कार्रवाई की गई थी। डीएम अलीगढ़ ने नफरत फैलाने के आरोप में डॉ. कफील पर एनएसए लगाया था। पिछले कई महीनों से कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं।
क्या है हाई कोर्ट का आदेश
फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अलीगढ़ डीएम की ओर से 13 फरवरी, 2020 को पारित आदेश (एनएसए की कार्रवाई) गैरकानूनी है।कफील खान को हिरासत में लेने की अवधि का विस्तार भी अवैध है।डॉ. कफील खान को तुरंत रिहा करने का आदेश जारी किया जाता है।
6 महीने से जेल में
डॉ. कफील खान की हिरासत को हाल में 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। पिछले करीब 6 महीने से एनएसए के तहत कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत 13 फरवरी 2020 को कफील खान को अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर निरुद्ध किया गया है।
पीएम का डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट फेल ?
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘Mann ki Baat’ को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Youtube पर पसंद से ज्यादा नापसंद किया गया है। यह पहली बार है जब PM Modi का कोई कार्यक्रम रिकॉर्ड तोड़ dislike किया गया हो। इससे पहले बीजेपी की IT Cell मैनेज कर लेती थी लेकिन इस बार यह संख्या इतनी है कि संभवतः मैनेज नहीं हो पा रहा हो।
पीएम के यूट्यूब अकाउंट पर 30 अगस्त, 2020 के ‘Prime Minister Narendra Modi’s Mann Ki Baat with the Nation’ के प्रोग्राम को 31 अगस्त शाम 07 बजकर 30 मिनट तक 65 हजार लोगों ने जहां पसंद किया था, वहीं 2 लाख से अधिक लोगों ने इसे नापसंद कर दिया है। यानी कार्यक्रम को पसंद करने वालों से तीन गुना से अधिक लोगों ने शो की इस कड़ी को नापसंद कर दिया। खबर लिखे जाने तक यहां इस शो को 11 लाख दर्शक मिल चुके थे।
प्रधानमंत्री-रक्षामंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित की
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अंतिम सफर पर, पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ, तीनों सेना प्रमुख समेत अन्य नेताओं ने दी श्रद्धांजलि…
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके आवास 10, राजाजी मार्ग स्थित आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी।इसके अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने प्रणब दा को श्रद्धांजलि दी।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आज अंतिम विदाई दी जाएगी।दोपहर करीब ढाई बजे दिल्ली के लोधी रोड श्मशान घाट में पूर्व राष्ट्रपति को अंतिम संस्कार होगा।इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान (10, राजाजी मार्ग, नई दिल्ली) पर रखा गया है।
बता दें कि 21 दिन तक सैन्य अस्पताल में भर्ती रहने के बाद सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी का निधन हो गया था। उनके दिमाग में बने खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी ब्रेन सर्जरी की गई थी, जिसके बाद से ही वो अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे।मुखर्जी को बाद में फेफड़े में संक्रमण हो गया था। उनके निधन के बाद केंद्र सरकार ने 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को दिल्ली छावनी स्थित अस्पताल में गत 10 अगस्त को भर्ती कराया गया था और उसी दिन उनके मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी सर्जरी की गई थी। मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे।
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