अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले वित्तीय लाभ की किस्त जारी कर दी है। पीएम मोदी ने किसानों के साथ बातचीत के दौरान दौरान ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बंगाल के किसानों को केंद्र की योजनाओं के लाभ से वंचित रखा गया है। बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जो योजनाओं का लाभ किसानों तक नहीं पहुंचने दे रहा है। ममता बनर्जी की विचारधारा ने बंगाल को बर्बाद कर दिया है। किसानों के खिलाफ उनके रवैये ने मुझे बहुत आहत किया है। विपक्ष इस पर चुप क्यों है? पीएम मोदी ने इस दौरान ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। बंगाल की सरकार के राजनीतिक कारणों से उनके राज्यों के किसानों को पैसे नहीं मिल रहे हैं। पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘किसानों के नाम पर अपने झंडे लेकर जो खेल खेल रहे हैं, अब उनको सच सुनना पड़ेगा।ये लोग अखबार और मीडिया में जगह बनाकर, राजनीतिक मैदान में खुद के जिंदा रहने की जड़ी- बूटी खोज रहे हैं। मैं इन दलों से पूछता हूं कि यहां फोटो निकालने के कार्यक्रम करते हैं, जरा केरल में आंदोलन करके वहां तो एपीएमसी चालू कराएं । पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, केरल में यह व्यवस्था शुरू कराने के लिए आपके पास समय नहीं है।’ पीएम मोदी ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ राजनीतिक दल नए कृषि कानूनों का विरोध करके राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। कुछ नेता किसानों के विरोध के नाम पर अपनी राजनीतिक विचारधारा को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘किसानों के जीवन में खुशी, हम सभी की खुशी बढ़ा देती है। सभी देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि क्रिसमस का ये त्योहार विश्व में प्रेम, शांति और सद्भाव का प्रसार करे।’ पीएम नरेंद्र मोदी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज, 18,हजार करोड़ रुपये से अधिक रुपये सीधे किसानों के खातों में जमा किए गए हैं; न कोई बिचौलिए था न कोई कमीशन लिया गया। पीएम मोदी से बातचीत के दौरान मध्य प्रदेश के धार के किसान मनोज पाटीदार ने कहा, ‘ अब तक, मुझे पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10,000 रुपये मिले हैं। नए कृषि कानूनों के तहत, अब हम किसी भी निजी व्यवसाय / संगठन को कृषि उपज बेच सकते हैं। इस साल, मैंने आईटीसी को 85 क्विंटल सोयाबीन बेचा।’ हरियाणा के फतेहाबाद के किसान हरि सिंह बिश्नोई ने कहा, ‘पहले मैं चावल की खेती करता था, लेकिन मुझे बागवानी में भी दिलचस्पी है। मैंने तीन एकड़ में नींबू और सात एकड़ में अमरूद लगाए हैं। हम उन्हें स्थानीय मंडियों में बेचते हैं और इसके लिए अच्छी रकम मिलती है। अरुणाचल प्रदेश के किसान गगन पेरिंग से पीएम मोदी ने सबसे पहले बात की। पेरिंग ने कहा कि उन्हें किसान निधि के तहत छह हजार रुपये मिले हैं। इसका इस्तेमाल उन्होंने ऑर्गेनिक खाद और दवा खरीदने में किया। उनके साथ 446 किसान ऑर्गेनिक अदरक उगाते हैं। पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि आप छोटे किसानों को प्राइवेट कंपनी के साथ जोड़ते हैं। क्या उन्होंने सिर्फ प्रोडक्ट खरीदे या अपकी जमीन भी ले ली? इस पर गगन ने कहा कि हाल ही में एक कंपनी से एग्रीमेंट हुआ है, जितना प्रोडेक्ट है उसे ही ले जाने का बात हुई है जमीन का नहीं। हमारी जमीन सुरक्षित है। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि आपकी फसल का कोई कांट्रैक्ट करेगा तो जमीन भी चली जाएगी। इतना झूठ बोल रहे हैं। पीएम मोदी के साथ बातचीत के दौरान ओडिशा के किसान नवीन ने कहा, ‘मैंने 2019 में किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त किया। मुझे बिचौलियों से 20 प्रतिशत की तुलना में मात्र 4 प्रतिशत ब्याज पर बैंक से 27,000 रुपये की राशि का ऋण मिला। पीएम मोदी ने ओडिशा के एक किसान से कहा, ‘मैं आपसे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड और इसके विभिन्न लाभों के बारे में बताने का आग्रह करता हूं, जिसमें कम ब्याज दर पर ऋण की उपलब्धता शामिल है।’ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ‘पंजाब सहित थोड़े से कुछ किसान भाई-बहनों के मन में नए कानूनों को लेकर भ्रम पैदा हुआ है। मैं उनको आग्रह करता हूं कि वो इस आंदोलन को त्याग कर सरकार के वार्ता के निमंत्रण पर आएं। मुझे आशा है कि किसान नए कानून के मर्म और महत्व को समझेंगे और हम समाधान की ओर अग्रसर होंगे।’ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ‘मैं प्रदर्शनकारी किसानों से अपील करता हूं कि वे अपना विरोध खत्म करें और सरकार से बातचीत करें। मुझे उम्मीद है कि वे नए कृषि कानूनों के महत्व को समझेंगे, और इस मुद्दे को जल्द ही हल किया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जल्द ही 9 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 18,000 करोड़ रुपये जारी करेंगे। आज, हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि पूरी राशि सीधे किसानों के खातों में पहुंच जाएगी।
किसान अनुभव साझा करेंगे
प्रधानमंत्री के साथ संवाद के दौरान किसान पीएम-किसान और केंद्र सरकार की अन्य कृषि कल्याण की योजनाओं को लेकर अपने अनुभव साझा करेंगे। गौरतलब है कि पीएम-किसान योजना के तहत हर साल तीन किस्तों में दो हजार रुपये की राशि सीधे किसान के बैंक खातों में भेजी जाती है।
किसानों का प्रदर्शन
यह कार्यक्रम ऐसे समय हो रहा है जब दिल्ली की सीमाओं पर किसान नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार का दावा है कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं। वह बातचीत के माध्यम से विवाद निपटाना चाहती है। दोनों के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई है, लेकिन कोई नतीजा नहींं निकला है। सरकार बातचीत के रास्ते बंद नहीं करना चाहती है। इसीलिए सरकार की ओर से गुरुवार को फिर किसान संगठनों को वार्ता के लिए बुलावा भेजा गया।
संबोधन में हिस्सा लेंगे भाजपा नेता
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों से कहा है कि वे 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के दिए जाने वाले संबोधन में हिस्सा लें। इस संबंध में पार्टी के सभी जन प्रतिनिधियों और पार्टी संगठन के सभी प्रदेश अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को पत्र भेजा गया है।
गौशाला में मौजूद हैं शाह
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज के किशनगढ़ स्थित गौशाला में मौजूद हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी असम के सिलचर में किसानों के साथ पीएम की बातचीत सुनेंगे, जबकि केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल, उत्तर प्रदेश के हापुड़ में होंगे। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी अपने निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में होंगी पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा के जगतसिंहपुर में होंगे। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के जैसलमेर में होने की उम्मीद है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पटना से कार्यक्रम सुनेंगे। केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह अपने संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद में होंगे।