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शनिवार, 16 सितंबर 2023

एक टैंक में हजारों मेंढक नजर आए, वायरल

एक टैंक में हजारों मेंढक नजर आए, वायरल 

सरस्वती उपाध्याय 
मेंढ़क को किसानों का दोस्त माना जाता है। क्योंकि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को नियंत्रित करने में इनका मुख्य योगदान है। आज के दौर में किसान महंगे कीटनाशकों की जगह मेंढ़क पालन को ही महत्व दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो शेयर किया गया, जिसमें एक बड़े से टैंक में कई हजारों मेंढक नजर आए, जिसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
इस वीडियो को इंस्टाग्राम अकाउंट frog_lover_world पर शेयर किया गया। वीडियो में बड़े-बड़े मोटे मेंढक एक साथ टरटर्राते नजर आए। इसके पास खड़ा शख्स एक बड़ी सी छलनी से एक-एक कर इन मेंढकों को बाहर निकालता नजर आया। शख्स ने जब एक मेंढक को पानी से निकाल कर सुखी जगह पर रखा, तो उसके साइज ने सबको हैरान कर दिया।
लोगों ने बताई मेंढकों की सेना
कई लोगों ने इसे मेंढक की सेना बताया। एक यूजर ने लिखा कि जिसे बाहर निकाला गया, वो भीड़ में सबसे स्पेशल बन गया। वीडियो के कैप्शन में इसे मेंढकों की सेना बताया गया। वहीं यूजर्स ने बताया कि ये वीडियो फ्रॉग ब्रीडर्स का है, जो मेंढक की खेती करते हैं।

शुक्रवार, 21 जुलाई 2023

सदी की सबसे गर्म तीसरी रात, रिकॉर्ड गर्मी 

सदी की सबसे गर्म तीसरी रात, रिकॉर्ड गर्मी   

मोहम्मद रियाज  

लखनऊ। यूपी में मौसम पूरी तरह से बदल गया है। दो-चार रोज पहले बारिश से नए-नए रिकॉर्ड बनाने वाले यूपी में गर्मी और उमस से डेरा डाल रखा है। दिन के तापमान के साथ रात के तापमान में भी रिकॉर्ड बढ़त दर्ज की गई है। कभी बादल तो कभी तेज और कड़क धूप के बीच उमस ने राजधानी और आसपास के लोगों को बेहाल कर रखा है। गर्मी का आलम ये है कि बीते बुधवार की रात इस सदी की अब तक की तीसरी सबसे गर्म रात रही। न्यूनतम तापमान 29.9 डिग्री रिकॉर्ड हुआ, जो प्रदेश में बुधवार को सर्वाधिक रहा।

आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक अब तक के न्यूनतम तापमान के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो बीते बुधवार को न्यूनतम तापमान इस सदी में तीसरी बार 30 के करीब पहुंचा। इससे पहले एक जुलाई 2021 को 30.3 डिग्री सेल्सियस और 8 जुलाई 2018 को 30 डिग्री दर्ज हुआ था न्यूनतम तापमान।बृहस्पतिवार को दिनभर बादलों की आवाजाही तो रही, लेकिन कड़क धूप में खड़े होना मुहाल रहा। दिन का पारा 37.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। जुलाई में अब तक की बात करें अधिकतम तापमान 35 .4 डिग्री तक तो पहुंचा था, बृहस्पतिवार को इसमें 1.7 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

लखनऊ विश्वविद्यालय में भू-विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. ध्रुवसेन सिंह कहते हैं कि कई वजहें हैं इस वक्त मानसून के ब्रेक होने की। एक तो एलनीनो सक्रिय है, जिससे मानसून कमजोर पड़ गया। बादल छाए रहने के कारण पृथ्वी से विकिरण अंतरिक्ष तक नहीं जा पा रहा है। इस कारण धरती गरम बनी हुई है। इस वक्त मानसून ट्रफ के गंगा के मैदान में होना चाहिए था, लेकिन वह यहां से बाहर है। इसी तरह पश्चिमी विक्षोभ यहां तक नहीं आ पा रहा है।

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