मंगलवार, 3 अक्तूबर 2023
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प्रोटोटाइप ब्लूवॉकर 3 उपग्रह का प्रभाव, चिंता
प्रोटोटाइप ब्लूवॉकर 3 उपग्रह का प्रभाव, चिंता
इकबाल अंसारी/सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली/लंदन। पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे बड़े उपग्रहों के समूहों ने खगोलविदों की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि ये रात के समय आकाश में तारों का अवलोकन की उनकी क्षमता को बाधित कर सकते हैं। वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने नेचर पत्रिका में एक शोधपत्र प्रकाशित किया है, जिसमें खगोल विज्ञान पर प्रोटोटाइप ब्लूवॉकर 3 उपग्रह के प्रभाव का विवरण दिया गया है। इस टीम में इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
ब्लूवॉकर 3 एक प्रोटोटाइप उपग्रह है, जो इसका स्वामित्व रखने वाली कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल द्वारा नियोजित उपग्रह समूह का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दुनिया में कहीं भी मोबाइल या ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करना है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ब्लूवॉकर 3 के अवलोकन से पता चला है कि यह रात के आकाश में सबसे चमकदार वस्तुओं में से एक था, जिसकी चमक ने सभी चमकदार तारों की चमक को फीका कर दिया। दुनिया भर में कई कंपनियों ने ऐसे उपग्रह तारामंडल की परिकल्पना की है।
पृथ्वी के करीब इनकी स्थिति और अपेक्षाकृत बड़े आकार के कारण, रात के समय आकाश के अवलोकन को बाधित करने की इनकी क्षमता अधिक है तथा यही कारण है कि खगोलविद इन नक्षत्रों, या उपग्रहों के समूहों के बारे में चिंता जता रहे हैं। इंपीरियल कॉलेज में भौतिकी विभाग के डेव क्लेमेंट्स ने कहा, "रात का आकाश एक अनोखी प्रयोगशाला है जो वैज्ञानिकों को ऐसे प्रयोग करने की अनुमति देता है जो स्थलीय प्रयोगशालाओं में नहीं किए जा सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्राचीन समय का रात्रि आकाश भी मानवता की साझा सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे बड़े पैमाने पर समाज एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाना चाहिए।’’ सितंबर 2022 में ब्लूवॉकर 3 के प्रक्षेपण के कुछ हफ्तों के भीतर किए गए अवलोकन से पता चला कि उपग्रह आकाश में सबसे चमकदार वस्तुओं में से एक था।
खगोलविदों ने कहा कि उपग्रह तारामंडल दुनिया भर में संचार में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन खगोलीय अवलोकनों में इनका हस्तक्षेप ब्रह्मांड की समझ में वैज्ञानिकों की प्रगति को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है। उन्होंने अपने शोधपत्र में कहा कि इसलिए इन उपग्रह तारामंडल की तैनाती इनके दुष्प्रभावों पर उचित विचार करते हुए और खगोल विज्ञान पर इनके प्रभाव को कम करने के प्रयासों के साथ की जानी चाहिए।
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