बुधवार, 7 सितंबर 2022

8 सितंबर को मनाया जाएगा 'विश्व साक्षरता दिवस'

8 सितंबर को मनाया जाएगा 'विश्व साक्षरता दिवस' 

सरस्वती उपाध्याय 

हर साल 8 सितंबर को दुनियाभर में 'विश्व साक्षरता दिवस' मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत साल 1966 में हुई थी, जब यूनेस्को ने शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और दुनियाभर के लोगों का इस तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल आठ सितंबर को 'विश्व साक्षरता दिवस' मनाने का फैसला किया था। चूंकि इस बार दुनियाभर में कोरोना महामारी फैली है, इसलिए इस बार साक्षरता दिवस की थीम 'साक्षरता शिक्षण और कोविड -19: संकट और उसके बाद' पर रखी गई है। आइए जानते हैं, इस दिवस के बारे में खास बातें, जैसे कि इसे क्यों मनाया जाता है, इसका महत्व क्या है और इससे समाज में क्या बदलाव आया है। 

कब आया अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का विचार ? 

इसे मनाने की घोषणा भले ही 26 अक्तूबर 1966 को हुई हो, लेकिन सबसे पहले इसका विचार ईरान के तेहरान में शिक्षा से जुड़े मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान आया था। यह सम्मेलन साल 1965 में हुआ था, जिसमें निरक्षरता को खत्म करने के लिए दुनियाभर में एक जागरूकता अभियान चलाने पर चर्चा की गई थी। 

क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस ? 

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है। इस दिवस के माध्यम से दुनियाभर में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है, ताकि वो अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकें। 

साक्षरता के मामले में भारत कहां ? 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों पर आधारित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साक्षरता दर 77.7 फीसदी है। अगर देश के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो वहां साक्षरता दर 73.5 फीसदी है जबकि शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 87.7 फीसदी है। साक्षरता के मामले में देश का शीर्ष राज्य केरल है, जहां 96.2 फीसदी लोग साक्षर हैं। वहीं आंध्र प्रदेश इस मामले में सबसे निचले पायदान पर है। वहां की साक्षरता दर महज 66.4 फीसदी ही है। 

पहले के मुकाबले भारत में काफी बढ़ी है साक्षरता दर...

अगर हम आजादी से वर्तमान साक्षरता दर का आंकलन करें तो स्थिति थोड़ी बेहतर नजर आती है। आजादी के बाद से देश में साक्षरता दर में 57 फीसदी की वृद्धि हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश शासन के दौरान देश में सिर्फ 12 फीसदी लोग ही साक्षर थे।

बागपत: योजना के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन 

बागपत: योजना के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन 


छात्राओं को सैनेट्री पैड किए वितरित

बाम गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यक्रम हुआ आयोजित

गोपीचंद/भानु प्रताप उपाध्याय 

बागपत। सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वाधान में बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के अंतर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालय बाम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे छात्राओं को सेनेटरी पैड वितरण कर उनके इस्तेमाल करने के तरीके भी छात्राओं को बताएं। सारथी वेलफेयर फाउंडेशन की चेयरपर्सन वंदना गुप्ता ने छात्राओं को हेल्पलाइन नंबर 1070 ,1090, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 181 ,यूपी 112 आदि के विषय में जानकारी दी। इस दौरान स्कूल की प्रधानाचार्य पूनम देवी,इंदु हजेला, सुजाता मलिक  व छात्राएं मोजूद रही।

अभिनेत्री ने मैगजीन हैलो के लिए फोटोशूट किया 

अभिनेत्री ने मैगजीन हैलो के लिए फोटोशूट किया 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री कियारा आडवाणी ने फेमस मैगजीन हैलो के लिए फोटोशूट किया है। कियारा ने हैलो मैगजीन का फोटोशूट करवाया है, जिसका एक वीडियो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। इस वीडियो में कियारा ने अलग-अलग आउटफिट को कैरी किया है। वह इन सभी ऑउटफिट में स्टनिंग लग रही हैं।

कियारा ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में ‘हैलो’ लिखा है। कियारा के इन लुक्स की फैंस खूब तारीफ कर रहे हैं। कियारा इन दिनों कार्तिक आर्यन के साथ फिल्म ‘सत्य प्रेम की कथा’ में काम कर रही हैं।

सीट बेल्ट व एयरबैग्स से जुड़े नियमों में बदलाव, तैयारी

सीट बेल्ट व एयरबैग्स से जुड़े नियमों में बदलाव, तैयारी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में मौंत के बाद सरकार कार सेफ्टी नियमों को लेकर सख्त हो गई है। सरकार अब सीट बेल्ट और एयरबैग्स से जुड़े नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार कार निर्माता कंपनियों के लिए रियर सीट बेल्ट अलार्म सिस्टम को अनिवार्य करने की योजना बना रही है। वर्तमान में, सभी वाहन विनिर्माताओं के लिए सिर्फ आगे की सीट पर बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट ‘रिमाइंडर’ देना अनिवार्य है।

केंद्रीय मोटर वाहन नियम के नियम 138(3) के तहत पिछली सीट पर सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, ज्यादातर लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि यह नियम अनिवार्य है। यातायात पुलिसकर्मी भी पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के सीट बेल्ट लगाने पर जुर्माना नहीं लगाते हैं।

केंद्र सरकार वाहन कंपनियों के लिए अक्टूबर से आठ सीट वाले वाहनों में कम से कम छ: ‘एयरबैग’ को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। नितिन गडकरी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से उठाया जा रहा है। इससे पहले इसी साल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा था कि वाहन यात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन का फैसला किया गया है, ताकि वाहनों में सुरक्षा को बढ़ाया जा सके।

छात्रवृत्ति समारोह में शामिल हुए, जयशंकर-हसीना

छात्रवृत्ति समारोह में शामिल हुए, जयशंकर-हसीना

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/ढाका। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पुरस्कार वितरण बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान छात्रवृत्ति समारोह में बुधवार को शामिल हुए। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि भारत-बांग्लादेश के बीच के सांख्यिकी साझेदारी पिछले दशक में और आगे बढ़ी है। 50 साल की मज़बूत संबंधों में दोनों देशों ने बहुत से क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाया है। हमने समुद्री और सीमा से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा को आगे बढ़ाया है। भारत और बांग्लादेश संयुक्त तौर पर बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान पर बायोपिक बना रहे हैं, जिसपर काम जारी है। हम इसके जल्द रिलीज होने की उम्मीद कर रहे हैं।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि हमारे लिए भी बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व है। बांग्लादेश की तरह भारत में भी उन्हें याद किया जाता है। PM ने कहा कि बंगबंधु हमारे भी राष्ट्रीय नायक हैं। उनके सम्मान में दोनों देश उन पर एक बायोपिक बना रहे हैं जो पूरी होने वाली है। बता दें कि इंडिया के सबसे काबिल और दिग्गज फिल्ममेकर्स में गिने जाने वाले श्याम बेनेगल की नई फिल्म आ रही है। इसका नाम है- Mujib: The Making of a Nation ये बांग्लादेशी लीडर शेख मुजीबुर्रहमान की बायोपिक है।


शेख मुजीबुर्रहमान के बारे में जानिए...
शेख मुजीबुर्रहमान का बांग्लादेश की आज़ादी में उनका बड़ा हाथ था। उन्हें ‘बंगबंधु’ के नाम से भी जाना जाता था, जिसका मतलब होता है बंगाल का दोस्त। बायोपिक को इंडिया की नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और बांग्लादेश फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने मिलकर बनाया है।

शेख मुजीबुर्रहमान ने अवामी लीग पार्टी की स्थापना की थी। ये बांग्ला लोगों की पार्टी थी। इसी पार्टी ने ईस्ट पाकिस्तान को अलग देश बनाने के लिए आंदोलन शुरू किया था। 1970 में पाकिस्तान के पहले डेमोक्रेटिक इलेक्शन में उनकी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की। मेजॉरिटी हासिल करने के बावजूद उन्हें पाकिस्तान में सरकार नहीं बनाने दी गई। इस चीज़ से नाराज़ आबादी के एक बड़े हिस्से ने असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया। देशभर में प्रोटेस्ट होने लगे। 7 मार्च, 1971 को ढाका के रामना रेस कोर्स में मुजीब ने 10 लाख लोगों के सामने एक भाषण दिया।

इस स्पीच में उन्होंने बांग्लादेश की आज़ादी की घोषणा कर दी। ईस्ट पाकिस्तान में हो रहे प्रोटेस्ट के जवाब में पाकिस्तानी आर्मी ने ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया। इस ऑपरेशन के पहले फेज़ में मुजीब को गिरफ्तार कर पश्चिमी पाकिस्तान की किसी गुमनाम जगह पर कैद कर दिया गया। देश में कत्ल-ए-आम मच गया. मुजीब की गैर-मौजूदगी में लाखों लोगों ने गुरिल्ला आर्मी मुक्ति बाहिनी जॉइन कर ली। उन्होंने भारतीय सेना की मदद से पाकिस्तानी आर्मी को हरा दिया और ऐसे एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ। बांग्लादेश की आज़ादी के बाद पाकिस्तान पर इंटरनेशनल प्रेशर काफी बढ़ गया। इसकी वजह से उन्हें मुजीब को छोड़ना पड़ा। 1972 में मुजीब बांग्लादेश लौटे और देश के पहले प्रधानमंत्री बने। 15 अगस्त, 1975 को बांग्लादेशी आर्मी के कुछ अफसरों ने तख्तापलट की कोशिश की. इस प्रोसेस में 15 अगस्त की सुबह शेख मुजीबुर्रहमान समेत उनकी फैमिली के कई सदस्यों की हत्या कर दी गई। पिलहाल उनकी बेटी शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं।


पहले इस बायोपिक का नाम बंगबंधु था...
श्याम बेनेगल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पहले इस फिल्म का नाम बंगबंधु था, क्योंकि पब्लिक उन्हें उसी नाम से जानती थी। मगर फिर उन्होंने शेख हसीना से बात की. शेख हसीना ने उन्हें बताया कि बंगबंधु नाम काफी ज्यादा इस्तेमाल हो चुका है, इसलिए उन्हें इस फिल्म का नाम मुजीब रखना चाहिए। फिल्म का नाम बदलने के पीछे की एक वजह ये भी थी कि शेख मुजीबुर्रहमान को उनके आखिरी 6 सालों में बंगबंधु नाम से जाना गया। जबकि ये फिल्म उनकी पूरी लाइफ को कवर करती है। मुजीब- द मेकिंग ऑफ अ नेशन श्याम बेनेगल के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि की तरह है। उन्होंने 87 साल की उम्र में कोविड-19 पैंडेमिक के दौरान फिल्म को पूरा किया। फिल्म की शूटिंग खत्म हो चुकी है। फिलहाल पोस्ट-प्रोडक्शन का काम चल रहा है।

मुजीब- द मेकिंग ऑफ अ नेशन को इंडिया और बांग्लादेश की अलग-अलग लोकेशंस पर शूट किया गया है। फिल्म की कास्टिंग का प्रोसेस भी जटिल था, क्योंकि बांग्लादेशी लोगों की भाषा, पश्चिम बंगाल में बोली जाने वाली बांग्ला से थोड़ी अलग होती है, इसलिए श्याम बेनेगल इस फिल्म में बांग्लादेशी एक्टर्स को ही कास्ट करना चाहते थे। इस फिल्म में मुजीब का टाइटल कैरेक्टर प्ले किया है अरिफिन शुवु ने। उन्हें फिल्म ढाका अटैक के लिए बांग्लादेश नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिल चुका है। उनके साथ डूब- नो बेड ऑप रोजेज फेम एक्ट्रेस नुशरत इमरोज़ तिशा, फज़लुर रहमान बाबू, चंचल चौधरी और नुसरत फारिया जैसे एक्टर्स ने भी इस फिल्म में काम किया है।

ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं काटने का ऐलान: सीएम 

ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं काटने का ऐलान: सीएम 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सूखे से प्रभावित जनपदों के किसानों को बड़ी राहत देते हुए ट्यूबवेलों के बिलों की वसूली को स्थगित करने के साथ बिलों का भुगतान नहीं होने की स्थिति में ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं काटने का ऐलान किया है। सरकार की ओर से सूखा प्रभावित इलाकों के किसानों को दलहन एवं तिलहन के अलावा सब्जी के बीज भी दिए जाएंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सूखे की स्थिति के सर्वेक्षण के लिए आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी 75 जिलों में टीमें गठित कर सूखे से प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करते हुए उसकी रिपोर्ट तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को सर्वेक्षण की रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के लिए 7 दिनों का समय दिया है। सभी जनपदों के कलेक्टरों को 1 सप्ताह के भीतर सूखे से प्रभावित क्षेत्रों का मौका मुआयना करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश देते हुए कहा है कि इस मामले में लापरवाही बरतने और देरी होने पर जिलाधिकारी की जवाबदेही होगी। उत्तर प्रदेश के 62 जनपदों में औसत से कम बारिश हुई है। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को निर्देश देते हुए कहा है कि सूखे से प्रभावित जनपदों में लगान स्थगित रहेंगे। सूखा प्रभावित इलाकों में ट्यूबवेल के बिलों की वसूली भी स्थगित रहेगी। इसके अलावा जिन किसानों ने बिलों का भुगतान नहीं किया है, उनकी ट्यूबवेल के कनेक्शन वितरित नहीं किए जाएंगे।

पटाखों पर रोक की अवधि को 1 जनवरी तक बढ़ाया

पटाखों पर रोक की अवधि को 1 जनवरी तक बढ़ाया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दीपावली पर 5 दिवसीय श्रंखला के आने का बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे लोगों को दिवाली पा होने वाले धूम-धड़ाके से वंचित रहते हुए निराशा के माहौल रहना पड़ेगा। दिल्ली सरकार की ओर से पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाई गई रोक की अवधि को वर्ष 2023 की 1 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। पर्यावरण मंत्री ने ट्वीट करते हुए आज इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि इस मर्तबा पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी रोक लगा दी गई है। भारतीय संस्कृति में प्रत्येक धर्म के अंतर्गत पर्वो को अत्यधिक महत्व दिया गया है, जिसके चलते सभी धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहारों को हर्ष और उल्लास के साथ रीति रिवाज के मनाते हैं। हिंदू समुदाय के लोगों को वर्ष भर दीपावली की पांच दिवसीय श्रृंखला का इंतजार रहता है। लगातार पांच दिनों तक चलने वाली पर्वो की इस श्रृंखला में लगातार पूजा-अर्चना और खुशी मनाने का सिलसिला चलता रहता है।

लेकिन दीपावली पर आतिशबाजी छुड़ाते हुए खुशी मनाने के लिये पांच दिवसीय श्रृंखला के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे। राजधानी दिल्ली के लोगों को इस बार फिर से आतिशबाजी से वंचित रहना पड़ेगा। क्योंकि दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाई गई रोक की अवधि को वर्ष 2023 की 1 जनवरी तक बढ़ा दिया है।  दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि इस बार पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी सरकार द्वारा रोक लगा दी गई है। पर्यावरण मंत्री ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाई लोग को लेकर कहा है कि प्रदूषण के खतरे की वजह से इस प्रतिबंध को जारी रखने का फैसला किया गया है। उन्होंने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाई गई रोक को लोगों की जिंदगी बचाने की कोशिश बताया है। पर्यावरण मंत्री ने कहा है कि लागू किए गए प्रतिबंध को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा और इसके लिए दिल्ली पुलिस का सहयोग लिया जाएगा। इस बार ऑफलाइन के साथ पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।

सोने-चांदी की कीमतें जारी, गिरावट दर्ज की 

सोने-चांदी की कीमतें जारी, गिरावट दर्ज की 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। बुधवार को भारतीय सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतें जारी कर दी गई हैं। आज सोना और चांदी सस्ता हो गया है। 999 शुद्धता (24 कैरेट) वाला दस ग्राम सोना आज 339 रुपये सस्ता होकर 50422 रुपये में मिल रहा है, जबकि पिछले दिन यह 50761 रुपये पर बंद हुआ था। वहीं, एक किलो चांदी के दाम में आज 880 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले दिन 53696 रुपये पर बंद हुई, चांदी आज 52816 रुपये की हो गई है।

बता दे कि सोने-चांदी की कीमतें दिन में दो बार जारी की जाती हैं। एक बार सुबह तथा दूसरी बार शाम को। 995 शुद्धता वाला सोना आज 50220 रुपये का हो गया है, जबकि 916 प्योरिटी वाले सोने के दाम कम होकर 46187 रुपये प्रति दस ग्राम पहुंच गए हैं। वहीं, 750 शुद्धता का सोना आज 37817 रुपये में बिक रहा है। 585 प्योरिटी वाले सोने की कीमतें आज 29497 रुपये प्रति दस ग्राम हो गई हैं। इसके अतिरिक्त 999 शुद्धता की चांदी की बात करें तो यह आज 52816 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। सोने-चांदी के दामों में प्रतिदिन परिवर्तन आता है। आज 999 प्योरिटी वाला दस ग्राम सोना 339 रुपये सस्ता हुआ है, जबकि 995 शुद्धता का सोना 338 रुपये सस्ता हो गया है। इसके अतिरिक्त 916 शुद्धता वाला सोना 310 और 750 प्योरिटी वाला सोना 254 रुपये सस्ता हुआ है। 585 प्योरिटी वाले सोने की कीमतों की बात करें तो आज इसमें 198 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। उधर, 999 प्योरिटी वाली चांदी आज 880 रुपये सस्ती हुई है।

सीबीआई जांच की मांग पर सीएम धामी का बयान

सीबीआई जांच की मांग पर सीएम धामी का बयान 

पंकज कपूर 

देहरादून। उत्तराखंड में विभिन्न भर्तियों में धांधली को लेकर कांग्रेस की ओर से की जा रही सीबीआई जांच की मांग पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी अपना दोहरा चरित्र दिखा रही है। एक तरफ देश में जहां कांग्रेस सीबीआई पर सवाल उठा रही थी और उसके दफ्तरों पर प्रदर्शन कर रही थी, वहीं उत्तराखंड में वही कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग कर रही है।


उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में गया है। हम ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं। प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में जो भी लोग शामिल हैं, उन पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

पीएम की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक 

पीएम की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने के लिए भारतीय रेलवे की भूमि को लंबे समय तक लीज पर देने की नीति को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि 5 साल में 300 कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। बताते चलें कि पहले रेलवे की जमीन को पट्टे पर देने की अवधि पांच साल थी। निवेशकों को इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए पर्याप्त समय देने के लिए अब इसे बढ़ाकर 35 साल कर दिया गया है। पीएम गति शक्ति रेलवे, नागरिक उड्डयन, शिपिंग और सड़क परिवहन सहित 16 मंत्रालयों को एकीकृत योजना और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के लिए एक साथ लाने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है।

योजना अक्टूबर 2021 में शुरू की गई थी। नीति के लाभ को बताते हुए सरकार ने कहा कि इस कदम से माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने और उद्योग की लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने में मदद मिलेगी। सरकार ने यह भी कहा कि संशोधित भूमि नीति से रेलवे को अधिक राजस्व मिलेगा और 1.2 लाख नौकरियां पैदा होंगी। यह नीति अगले 90 दिनों में लागू की जाएगी। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कैबिनेट ने PM-SHRI स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) की स्थापना के लिए एक नई योजना शुरू करने को भी मंजूरी दी है। इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर की थी। इस पहल के तहत 14500 से अधिक स्कूलों को अपग्रेड और विकसित किया जाएगा।

राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी प्रतिबंधों की निंदा की

राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी प्रतिबंधों की निंदा की 

सुनील श्रीवास्तव 

माॅस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस के युद्ध के कारण लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों की बुधवार को निंदा करते हुए इसे 'पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा करने वाला बुखार' करार दिया। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार श्री पुतिन ने व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कहा कि रूस पश्चिम देशों की आर्थिक “आक्रामकता” का सामना कर रहा है। ” उन्होंने चेताया कि कि इन प्रतिबंधों के कारण यूरोपीय लोगों के जीवन स्तर का बलिदान किया जा रहा है। जबकि गरीब देश भोजन तक को वंचित हो रहे हैं।

श्री पुतिन ने अपने संबोधन में कहा,“ पश्चिम अपने व्यवहार को दूसरे देशों पर थोपने की कोशिश कर रहा है। कई कंपनियां रूस छोड़ने के की दौड़ शामिल हो गयी थी लेकिन “अब हम देख रहे हैं कि यूरोप में उत्पादन और नौकरियां कैसे एक के बाद एक बंद हो रही हैं।” रूस ने 24 फरवरी को अपना आक्रमण शुरू किया और यूक्रेनी क्षेत्र के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर लिया था इसके छह महीने बाद उसे कीव और उत्तर के आसपास के क्षेत्रों से उसे पीछे धकेल दिया गया है और अब वह दक्षिण और पूर्व में यूक्रेनी जवाबी हमले का सामना कर रहा है।

पश्चिमी देशों ने युद्ध का जवाब बड़ी संख्या में रूसी व्यक्तियों, व्यवसायों और राज्य द्वारा संचालित उद्यमों पर प्रतिबंध लगाकर दिया। यूरोपीय संघ ने रूसी गैस और तेल पर अपनी निर्भरता में कटौती करने की मांग की है और मॉस्को ने जर्मनी के लिए अपनी प्रमुख नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन को तकनीकी मुद्दों का हवाला देकर बंद कर दिया है। इससे ऊर्जा की कीमतें बढ़ गई हैं और संकट का जवाब देने के लिए यूरोपीय संघ के मंत्री शुक्रवार को मिलेंगे। रूसी नेता ने रूसी गैस की कीमतों पर नियंत्रण लगाने के प्रस्ताव को बेवकूफी बताकर निंदा की।

मुद्दे पर सुनवाई के लिए 27 को तारीख निर्धारित करेंगे

मुद्दे पर सुनवाई के लिए 27 को तारीख निर्धारित करेंगे

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केन्द्र और दिल्ली सरकार की शक्तियों के दायरे जैसे विवादपूर्ण मुद्दे पर सुनवाई के लिए 27 सितंबर को तारीख निर्धारित करेगा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि यह ‘‘हरित पीठ’’ होगी और इस कार्यवाही में कागजों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि अनुमान है कि वह केन्द्र और दिल्ली सरकार की विधायी तथा कार्यकारी शक्तियों के दायरे से जुड़े मामले पर सुनवाई अक्टूबर मध्य से शुरू कर देगी। 

पीठ ने यह बात तब कही जब अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश यू. यू. ललित की अगुवाई में एक संविधान पीठ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को दाखिले तथा नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने के केन्द्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर 13 सितंबर से सुनवाई शुरू करेगी। पीठ को यह भी सूचित किया गया कि दिल्ली-केन्द्र विवाद मामले की पैरवी करने वाले कई वरिष्ठ अधिवक्ता ईडब्ल्यूएस मामले में भी जिरह करेंगे और इसलिए उन्हें सहूलियत मिलनी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि वह मामले को 27 सितंबर को सूचीबद्ध करेगी और ईडब्ल्यूएस मामले की सुनवाई के चरण को देखते हुए निर्देश देंगे कि इस पर आगे की कार्यवाही कैसे की जाए । न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इसमें कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और उन्होंने रजिस्ट्री को सभी संबंधित सामग्री जिसमें किताब, केस लॉ और लिखित अभ्यावेदन शामिल हैं, को स्कैन करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि 22 अगस्त को शीर्ष अदालत ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र तथा दिल्ली सरकार की विधायी एवं कार्यकारी शक्तियों के दायरे से संबंधित कानूनी मुद्दों पर सुनवाई करने के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया है। शीर्ष न्यायालय ने छह मई को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण का मुद्दा पांच-सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा था।

अदालत ने तब कहा था, ‘‘संविधान के प्रावधानों और संविधान के अनुच्छेद 239एए (जो दिल्ली की शक्तियों से संबंधित है) के अधीन और संविधान पीठ के फैसले (2018 के) पर विचार करते हुए, ऐसा प्रतीत होता है कि इस पीठ के समक्ष एक लंबित मुद्दे को छोड़कर सभी मुद्दों का पूर्ण रूप से निपटारा किया गया है। इसलिए हमें नहीं लगता कि जिन मुद्दों का निपटारा हो चुका है, उन पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।’’ 14 फरवरी 2019 को दो न्यायमूर्तियों वाली पीठ ने भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को विभाजित फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने के लिए तीन-सदस्यीय पीठ के गठन की सिफारिश की थी।

पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करेंगे, अकरम

पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करेंगे, अकरम 

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर वसीम अकरम पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करने जा रहे हैं। वसीम अकरम फिल्म मनी बैक गारेंटीड से पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने जा रहे हैं। इस फिल्म में उनके साथ फवाद खान मुख्य भूमिका में होंगे।

फिल्म का निर्देशन फैसल कुरैशी कर रहे हैं। वसीम अकरम इससे पहले कई पाकिस्तानी शोज को होस्ट कर चुके हैं, लेकिन वह एक्टिंग में पहली बार हाथ आजमाने जा रहे हैं। 09 सितंबर को मनी बैक गारेंटीड का टीजर रिलीज किया जाएगा। फिल्म 21 अप्रैल 2023 में पाकिस्तानी सिनेमाघरों में दस्तक देगी।

राज्यसभा सांसद ने कानूनी नोटिस को फाड़कर फेंका

राज्यसभा सांसद ने कानूनी नोटिस को फाड़कर फेंका

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी बनाम उपराज्यपाल के बीच लड़ाई हर रोज बढ़ता ही जा रहा है। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आप नेताओं को भेजे कानूनी नोटिस को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने फाड़कर फेंक दिया। कुछ ऐसा ही 2013 में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के दागी नेताओं को चुनाव लड़ने वाले अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया था। राहुल की इस प्रतिक्रिया पर काफी बवाल मचा था। अब संजय की इस हरकत पर भी बवाल मचना तय माना जा रहा है। उपराज्यपाल ने आप नेताओं पर उनके खिलाफ झूठ बोलने और अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर मानहानि नोटिस भेजा था और 48 घंटे के अंदर आप नेताओं से जवाब मांगा था।

संजय सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में एलजी के नोटिस को फाड़कर फेंक दिया। संजय सिंह ने कहा कि किसी चोर, भ्रष्ट आदमी के नोटिस भेजने से मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं ऐसी नोटिस को फाड़कर फेंक रहा हूं। ऐसी नोटिस को 10 बार फाड़कर मैं फेंकता हूं। तुम अगर सोचते हो कि तुम लूट करोगे, भष्ट्रचार करोगे और तुम्हारे भ्रष्टाचारों को इन नोटिसों के नीचे दबा लोगे ये संभव नहीं है। भारत का संविधान मुझे सच बोलने का अधिकार देता है। मैं देश के सर्वोच्च सदन का सदस्य हूं।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ आरंभ करने से पहले श्रद्धांजलि दी 

‘भारत जोड़ो यात्रा’ आरंभ करने से पहले श्रद्धांजलि दी 

विमलेश यादव 

श्रीपेरंबदूर। कांग्रेस की कन्याकुमारी से श्रीनगर की पांच माह से अधिक समय तक चलने वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ आरंभ करने से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार सुबह यहां अपने पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर जाकर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने यात्रा की शुरुआत से ठीक पहले पूर्व प्रधानमंत्री के शहीद स्थल पर आयोजित प्रार्थना सभा के बाद राजीव गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद श्री गांधी शाम को भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले कन्याकुमारी के विवेकानंद स्मारक के बाद महान संत तिरुवल्लुवर स्मारक स्थल, कामराज स्मारक और गांधी मंडपम में जाएंगे और फिर भारत यात्रा की शुरुआत करेंगे।

गांधी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के पैदल यात्री के रूप में कन्याकुमारी से अन्य पैदल यात्रियों श्रीनगर जाएंगे। यात्रा करीब पांच माह से अधिक समय तक चलेगी जिसमें 100 यात्री कन्याकुमारी से, 100 यात्री संबंधित राज्य से तथा तथा 100 यात्री अन्य उन राज्यों से शामिल होंगे जो भारत यात्रा के मार्ग में नही पड़ते है।

महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बिना लौट जाने पर विवाद

महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बिना लौट जाने पर विवाद 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। फिल्म कलाकार रणवीर कपूर और आलिया भट्ट के मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बिना लौट जाने पर उठे विवाद के बीच गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि प्रशासन ने सभी के लिए दर्शनों के बंदोबस्त किए थे, दोनों कलाकारों ने विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए खुद ही दर्शन नहीं किए। डॉ मिश्रा ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि किसी पर भी दर्शन के लिए काेई रोक नहीं थी। दोनों कलाकारों के साथियों ने मंदिर में दर्शन किए। प्रशासन ने सभी के लिए पूरी व्यवस्था की थी। प्रशासन ने दोनों से दर्शन का भी आग्रह किया, लेकिन प्रदर्शन को देखते हुए दोनों खुद ही महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए नहीं गए। इसके साथ ही गृह मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए ये भी कहा कि लोगों की भावनाओं को आहत करने वाले शब्दों का प्रयोग कलाकारों को नहीं करना चाहिए।  गृहमंत्री फिल्म ब्रह्मास्त्र के रिलीज होने के पहले ये दोनों फिल्म कलाकार कल श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आए थे। इसी बीच कई हिंदूवादी संगठनों को दोनों के यहां आने के बारे में खबर मिल गई, जिसके बाद संगठनों ने दोनों के विरोध में प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। इन परिस्थितियों में इन दोनों कलाकारों ने मंदिर के दर्शन नहीं किए। हालांकि फिल्म के निर्देशक अयान मुखर्जी श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और विधिविधान से पूजा की। बताया जा रहा है कि कई संगठन रणवीर कपूर के गौमांस पर दिए कथित बयान को लेकर उनका विरोध कर रहे थे।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-334, (वर्ष-05)

2. बृहस्पतिवार, सितंबर 8, 2022

3. शक-1944, भाद्रपद, शुक्ल-पक्ष, तिथि-त्रयोदशी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 05:51, सूर्यास्त: 06:56। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 28 डी.सै., अधिकतम-36+ डी.सै.। उत्तरभारत में बरसात की संभावना। 

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

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