शनिवार, 15 जून 2024

अगले 4-5 दिनों तक तेज 'हीटवेव' की संभावना

अगले 4-5 दिनों तक तेज 'हीटवेव' की संभावना 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। इस समय देश में सभी देशवासियों का गर्मी से हाल बेहाल है और अभी लोगों को इस भीषण गर्मी से चार से पांच दिनों तक राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे है। आईएमडी ने बताया कि अगले 4-5 दिनों के दौरान उत्तर भारत के कई हिस्सों में तेज हीटवेव की संभावना जताई गई है। वहीं पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बारिश को लेकर भी चेतावनी जारी की गई है।

इन राज्यों में गर्मी से नहीं मिलेगी राहत

मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों और उत्तराखंड, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पंजाब और झारखंड के कुछ हिस्सों में 15 जून, 2024 को तेज हीटवेव की स्थिति होने की संभावना है। आईएमडी के अनुसार उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली और पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में पिछले कई दिनों से हीटवेव की स्थिति बनी हुई है। वहीं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों पर 17 जून को हीटवेव की भविष्यवाणी की गई है।
पूर्वोत्तर राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू संभाग और ओडिशा में 17 जून को हीटवेव की स्थिति रहने की संभावना है। हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पंजाब और पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 18 जून, 2024 को हीटवेव की संभावना जताई गई है।

इन राज्यों मेें हो सकती है बारिश

आईएमडी के अनुासर कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में 16-18 जून के दौरान गरज, बिजली और तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। वहीं गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड में 16 जून तक तेज गर्मी होने के आसार हैं। असम और मेघालय में 16 जून 2024 तक भारी बारिश (64।5-115।5 मिलीमीटर) होने की संभावना है।
उप-हिमालय पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 15 जून 2024 को भारी बारिश (64।5-115।5 मिलीमीटर) होने की संभावना है। अरुणाचल प्रदेश में 15 जून से 18 जून के बीच भारी बारिश (64।5-115।5 मिलीमीटर) होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, बिहार, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने के भी अनुमान हैं।

'पीएम' मोदी ने आउटरीच सत्र को संबोधित किया

'पीएम' मोदी ने आउटरीच सत्र को संबोधित किया

अखिलेश पांडेय 
रोम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर आउटरीच सत्र को संबोधित किया। उन्होंने समूह को इसकी 50वीं वर्षगांठ की बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़े लोकतांत्रिक अभ्यास में फिर से चुने जाने के बाद शिखर सम्मेलन में भाग लेना उनके लिए बहुत संतोष की बात है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को सफल बनाने के लिए इसे मानव-केंद्रित दृष्टिकोण से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इस संदर्भ में, उन्होंने सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में भारत की सफलता को साझा किया।
"सभी के लिए एआई" पर आधारित भारत के एआई मिशन की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस तकनीक का उद्देश्य सभी की प्रगति और कल्याण को बढ़ावा देना होना चाहिए। उन्होंने रेखांकित किया कि इस व्यापक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, भारत एआई के लिए वैश्विक भागीदारी के संस्थापक सदस्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है। दूसरी ट्रेन की चपेट में आए प्रधानमंत्री ने भारत के ऊर्जा संक्रमण मार्ग पर विस्तार से बताया और कहा कि इसका दृष्टिकोण उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता पर आधारित है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है। 
भारत के मिशन लाइफ [पर्यावरण के लिए जीवनशैली] का जिक्र करते हुए उन्होंने वैश्विक समुदाय से विश्व पर्यावरण दिवस पर उनके द्वारा शुरू किए गए वृक्षारोपण अभियान - "प्लांट4मदर" [एक पेड़ मां के नाम] में शामिल होने और इसे व्यक्तिगत स्पर्श और वैश्विक जिम्मेदारी के साथ एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने वैश्विक दक्षिण, विशेष रूप से अफ्रीका की चिंताओं को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने याद दिलाया कि यह भारत के लिए सम्मान की बात है कि एयू को उसकी अध्यक्षता में जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में स्वीकार किया गया।

सीएम धामी ने 'सिंचाई हेड' का लोकार्पण किया

सीएम धामी ने 'सिंचाई हेड' का लोकार्पण किया

पंकज कपूर 
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डोईवाला के कालू वाला में सोंग नदी पर बने सिंचाई हेड का लोकार्पण किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 3 करोड़ 80 लाख की लागत से बने सिंचाई हेड के बनने से सैकड़ो बीघा जमीन सिंचित होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज हमें जल के संरक्षण व संवर्धन की आवश्यकता है। सीएम ने जलवायु परिवर्तन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिस प्रकार से प्रचंड गर्मी देखने को मिल रही है और हमारे पुराने जल स्रोत सुख रहे हैं। वह आने वाले समय के लिए गंभीर संकेत हैं।

अधिक से अधिक वृक्ष लगाए: CM

सीएम धामी ने कहा कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर और पानी के संरक्षण और संवर्धन से हम प्रकृति को बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कालू सिद्ध मंदिर में पूजा अर्चना कर पौधारोपण भी किया। इस दौरान उनके साथ वन मंत्री सुबोध उनियाल और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज समेत डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला भी मौजूद रहे।

जी-7 समिट में पहुंचे मोदी, पीएम ने वेलकम किया

जी-7 समिट में पहुंचे मोदी, पीएम ने वेलकम किया 

सुनील श्रीवास्तव 
रोम। इटली के अपुलिया में G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। समिट में पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने वेलकम किया। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक वीडियो मैसेज में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के ब्रिंडिसि एयरपोर्ट पहुंचे। अपनी इटली की यात्रा के दौरान पीएम मोदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका-भूमध्यसागरीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी करेंगी। इसमें पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे। इस दौरान पोप, पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
G7 समिट में पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि स्थिर और समृद्ध वैश्विक व्यवस्था के लिए भारत और फ्रांस के बीच मजबूत और भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं ने 'मेक इन इंडिया' पर ज्यादा ध्यान देने के साथ ही रणनीतिक रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति जताई।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने संबोधन में G-20 की अध्यक्षता को लेकर AI और DPI पर प्रधानमंत्री मोदी की पहल की प्रशंसा की।
G7 नेताओं की गुरुवार (13 जून) को मीटिंग हुई। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल शामिल हुए। इस दौरान उद्घाटन भाषण में वर्ल्ड लीडर्स ने कहा कि वैश्विक दक्षिण को एक स्ट्रॉन्ग मैसेज भेजने के लिए साउथ इटली को G7 समिट के लिए चुना गया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति संग क्या-क्या हुई बात ? 

मेलोनी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ये कोई संयोग नहीं है कि हम अपुलिया में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। हमने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि अपुलिया दक्षिणी इटली का एक क्षेत्र है और हम जो संदेश देना चाहते हैं। वह यह है कि इतालवी अध्यक्षता के तहत हम वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ अपनी बातचीत को मजबूत करना चाहते हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की गुरुवार को G7 समिट में पहुंचे।

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