सोमवार, 7 अक्तूबर 2019

संकल्पमयी संसार की विशेषता

गतांक से...
 आज मैं भगवान मनु जी के विचारों में जाना चाहता हूं। भगवान मनु ने जिस समय इन पद्धतियों का निर्माण किया तो उन्होंने बड़े विशुद्ध रूप से इसका विश्लेषण किया और यह कहा कि पुरोहितानाम भवितम ब्रह्मा: विष्णु देव:।। भगवान मनु ने यह कहा कि पुरोहित जो परमपिता परमात्मा के नामों से वर्णित किया जाता है और वह जो पराविद्या को देने वाला है। वही तो पुरोहित है ।जो पराविद्या को अपने में धारण करने वाला है। जब भगवान उन्होंने इस राष्ट्र की पद्धतियों का निर्माण किया और उन्होंने राष्ट्रीयता में इस मानवीय समाज को परिणत करना चाहा तो भगवान मनु ने कालेश्वर ऋषि के यहां यह कहा। हे प्रभु, मैं क्या करूं, पुरोहिताम्‌ भूत ब्रव्‍हे,  कि राष्ट्र का जब निर्माण होता है तो पुरोहित की आवश्यकता होती है। ऋषि-मुनियों ने कहा कि वास्तव में पुरोहितों की आवश्यकता है। पुरोहित की आवश्यकता तो जब भी रहती है। जब कोई वस्तु हमारे समीप नहीं होती है एक केवल पुरोहित होता है और पुरोहित हमें विद्या को देने वाला है। ब्रह्मचारी और हमें मानो यदि उसने कर्तव्य के रूप में ही हमें परिणत कर दिया तो हमारा सौभाग्य होगा। मुझे कुछ ऐसा स्‍मरण आ रहा है कि भगवान मनु ने यह कहा कि हमें पुरोहित की आवश्यकता रहती है। देखो वहां पुरोहिताम भवितम, वह पुरोहित बना करके अपने राष्ट्र को उन्नत बनाना चाहते हैं। राजा के राष्ट्र में वास्तव में पुरोहित होने चाहिए और पुरोहित उन्हें कहा जाता है जो परा विद्या को देने वाले हैं। पवित्र पराविधा हमें परिणत करा देते हैं। तो वह पुरोहित कहलाते हैं। मेरे प्यारे, देखो हमारे यहां दो प्रकार की विद्या  प्राय: परंपरागतो से वर्णन किया गया है। एक विद्या भौतिकवाद में हमें परिणत कर देती है और दूसरी विधा कहलाती है जो आध्यात्मिक विज्ञान में हमें परिणत कर देती है। भौतिक विज्ञान की कल्पना करते हुए ब्राह्मणहे: व्रर्तम देवात्मम्‌ ब्रहम:, कि भगवान यह पुरोहित का राष्ट्र में अपना क्या महत्व माना गया है । तो महात्मा कालेश्वर ने कहा कि हे भगवान, हे मनु, संसार में पुरोहित होता है जो भी कुछ होता है वह पराविद्या के देने वाला है। जैसे यज्ञिक यज्ञ करता है अपनी यज्ञशाला में तो यज्ञशाला में एक पुरोहित भी होता है और मैं पुरोहित इसलिए होता है। जो पराविद्या के देने वाला है और पराविधा प्रदान करता है। मानव वही पुरोहित कहा जाता है हमारे यहां परमपिता परमात्मा को पुरोहितों के नाम से व्रणित किया है। क्योंकि वह वास्तव में पराविधा देने वाला है। भगवान से कालेश्वर ऋषि कहते हैं कि हे राजन, पुरोहित किसे कहते हैं। उन्होंने कहा पुरोहित परमपिता परमात्मा को कहा जाता है जो परमपिता परमात्मा सर्वत्र विद्यमान है। वह पुरोहित कहलाते हैं वह पुरोहिताम भवितम्‌ ब्रहम:,जब ऋषि ने इस प्रकार कहा तो उन्हें यह प्रश्न किया गया कि महाराजा पुरोहित कौन है? उन्होंने कहा देने पुरोहित पराविधा देने वाला है।
 हमारे यहां वैदिक साहित्य में तीन प्रकार की विधा का वर्णन होता है। एक वह जो वर्णन ब्रह्मा कृतम देवा:, देखो वह अवर्णनीय आभा में नहीं रहने वाले हैं। उन्होंने कहा पुरोहित उन्हें कहा जाता है जो पराविद्या को धारण करने वाले ज्ञान और विज्ञान में रत रहते हैं। वह पुरोहित कहलाते हैं भगवान मनु ने कहा कि राजा के राष्ट्र में एक पुरोहित होना चाहिए। जो परा विद्या को समय-समय पर प्रदान करता है। पुरोहिताम भवितम ब्रह्म:, मेरे प्यारे पुरोहित वह कहलाता है जो भगवान मनु ने वर्णन किया है। भगवान मनु ने यह कहा है कि पुरोहित उसे कहा जाता है। जो परा विद्या के देने वाला है परा विद्या में परिणत करा देता है। वही देखो परा विद्या है जो उसे अधिकार प्राप्त हो जाता है तो विचार आता है कि पुरोहित कौन है जो प्रत्येक ग्रह में पुरोहित रहने चाहिए। परंतु पुरोहितम भवितम, बेटा पुत्र का नाम भी पुरोहित कहलाता है। जहां पुरोहितों की चर्चा आती है वहां परमपिता परमात्मा को पुरोहित कहते हैं। मेरे प्‍यारे,देखो पुरोहित पराविद्या को प्रदान करता है जो मानव को विवेक की उपलब्धि करा देता है। वही तो मानो पुरोहित कहलाता है। जो सर्वत्र राष्‍ट्र का स्वामित्व अथवा निर्माण करने वाला है। और उसे निर्माण में परिणित करते हुए अपने महानता को जन्म देता है। जो हमारे यहां पुरोहितों को इस प्रकार की विवेचना आती रहती है। हमारे यहां पुरोहित भी होने चाहिए जिससे राष्ट्र बनता है और जन समाज बनता है। प्रत्येक ग्रह में माता के आंगन में पुत्र-पुत्री विधमान होती है। पुरोहित अपने अधिकार का उपयोग करना चाहता है और वह उपयोग को अपने में पान कर रहा है। देखो वही उपयोगाम भुवरणस्‍तये,वही तो अपने में धारण कर रहा है वह पुरोहित कहलाता है। जो ग्रह को बनाता है जो ग्रह में महानता को जन्म देता है।


लोकतांत्रिक स्वतंत्रता ?

टीएमसी की सांसद नुसरत जहां की दुर्गा पूजा पर ऐतराज क्यों?
कोलकाता में तो सर्वधर्म दुर्गा पांडाल भी बना है। 

हिन्दू उद्योगपति से विवाह करने वाली फिल्म अभिनेत्री और टीएमसी की सांसद नुसरत जहां की धार्मिक गतिविधियों को लेकर अब देवबंद के कुछ उलेमाओं ने ऐतराज जताया है। 7 अक्टूबर को आए बयानों में उलेमाओं की ओर से कहा गया कि नुसरत जहां इस्लाम धर्म के विरुद्ध आचरण कर रही हैं। यदि नुसरत जहां इस्लाम धर्म के विरुद्ध काम कर रही हैं तो उन्हें अपना नाम बदल लेना चाहिए। जिस काम के लिए इस्लाम धर्म इजाजत नहीं देता उसे नुसरत जहां को नहीं करना चाहिए। नुसरत अपने इस कृत्य से इस्लाम को बदनाम कर रही हैं। इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी की भी पूजा नहीं की जा सकती। इस्लाम के अनुरूप आचरण करने वाला ही मुसलमान हो सकता है। उलेमाओं का यह बयान नवरात्र में नुसरत जहां द्वारा कोलकाता में अपने पति के साथ नृत्य करने और ढोल बजाने को लेकर आया है। नुसरत जहां हिन्दू संस्कृति के अनुरूप मांग में सिंदूर भरकर गले में मंगलसूत्र भी पहनती हैं। बंगाली संस्कृति के अनुरूप ही नवरात्र में नुसरत जहां ने दुर्गा पूजा भी की। अब नुसरत की इस धार्मिक प्रवृत्ति पर ही उलेमाओं को ऐतराज है। यह बात अलग है कि कोलकाता में ऐसे दुर्गा पांडाल भी बने हैं, जिसमें सर्वधर्म के चिन्ह अंकित किए गए हैं। एक पांडाल के निकट ही नमाज भी अदा की जा रही है। इस पांडाल में दुर्गा प्रतिमा के सामने सभी धार्मिक गतिविधियां हो रही हैं। सभी धर्मों के लोग इस पांडाल में अपने अपने धर्म के अनुरूप काम कर रहे है। हलांाकि अब इसको लेकर राजनीति गरमा गई है। जहां तक टीएमसी की सांसद नुसरत जहां की धार्मिक गतिविधियों के विरोध का सवाल है तो नुसरत जहां पूर्व में भी ऐसी धार्मिक गतिविधियां करती रही हैं। उन्होंने पहले भी कहा है कि उन्हें किसी के ऐतराज का डर नहीं है क्योंकि वे एक अच्छे इंसान के तौर पर काम कर रही हैं। उलेमाओं के ताजा ऐतराज पर भी नुसरत ने कहा कि मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूँ। 
एस.पी.मित्तल


गाजियाबाद मंडल अध्यक्ष के लिए 13 अक्टूबर

13 अक्टूबर को होगा मंडल अध्यक्ष हेतु नामांकन ।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। भाजपा जिला कार्यकारणी के मंडल चुनावों को लेकर भाजपा जिला कार्यालय पर समीक्षा बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष बसंत त्यागी ने की। मुख्य अतिथि जिला चुनाव अधिकारी पूर्व मंत्री आदरणीय हरद्वार दुबे एवं जिला सह चुनाव अधिकारी क्षेत्रीय  कोषाध्यक्ष बिजेंद्र अग्रवाल मौजूद रहे । जिला चुनाव अधिकारी हरद्वार दुबे ने बताया की चुनाव जिले की लोनी विधानसभा, मोदीनगर विधानसभा एवं धौलाना विधानसभा के डासना, जलालाबाद मंडल का चुनाव  13 अक्टूबर  को 11.00 बजे से 02.00 बजे तक आवेदनकर्ता आवेदन करेगे एवं नामांकन वापस लेने का फार्म साथ ही भरा जाएगा। एवं 02 बजे से 03 बजे तक नाम वापसी लिए जायगे । उसके बाद सभी 11 मंडलो के आवेदन प्रदेश भेज दिए जायगे। जिसकी घोषणा क्षेत्र व  प्रदेश द्वारा होगी। साथ ही जिलाध्यक्ष बसंत त्यागी जी ने बताया की मण्डल चुनाव के लिए प्रदेश द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं जो कार्यकर्ता मंडल अध्यक्ष बनना चाहता है उसे दो बार पार्टी का सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है एवं कोटेदार पट्टेदार व ठेकेदार किसी को भी अध्यक्ष पद के योग्य नहीं माना जाएगा उन्होंने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मंशा है कि अध्यक्ष की उम्र न्यूनतम 40 वर्ष होनी चाहिए । जिला सह चुनाव अधिकारी ने बताया की मंडल अध्यक्ष आवेदन हेतु दो बूथ अध्यक्ष प्रस्तावक होंगे। जो भी सक्रिय सदस्य कार्यकर्ता  मंडल अध्यक्ष के लिए आवेदन करेगा सभी का आवेदन स्वीकार किया जएगा। बैठक में मुख्य रूप से जिला चुनाव सहयोगी जिला महामंत्री दिनेश सिंघल , जिला महामंत्री अनूप बैसला, अमित चौधरी ,मंडल अध्यक्ष रूपेंद्र चौधरी प्रशांत कुमार, अशोक त्यागी, सुदेश भारद्वाज, नवीन जायसवाल, सुभाष तोमर, अरुण त्यागी, महामंत्री संजय चौधरी मंडल चुनाव अधिकारी हर्ष चतुर्वेदी,सुनील शर्मा, चंदगीराम यादव, शिप्रा रस्तोगी जिला सह चुनाव अधिकारी सतपाल शर्मा जी, डॉक्टर कुमुदी चौधरी,आशीष चौधरी, सुनील चौधरी,अनुज त्यागी,राघवेन्द्र बैसला,जितेन्द्र चितोड़ा आदि मौजूद रहे।


सर्वोच्च- न्यायालय (विवेचना)

सुप्रीम कोर्ट ने मुम्बई के आरे क्षेत्र में पेड़ काटने पर रोक लगाई। 
इसे कहते हैं सांप निकलने के बाद जमीन पीटना।
सरकार बड़ी या कोर्ट। शिवसेना का विरोध भी दिखावा। 

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मुम्बई के बहुचर्चित आरे क्षेत्र में पेड़ काटने पर रोक लगा दी है। यानि अब महाराष्ट्र की सरकार पुलिस के दम पर आरे क्षेत्र में एक भी पेड़ नहीं काट सकेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वे पर्यावरणविद खुश हो सकते हैं जो पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रहे थे। लेकिन महाराष्ट्र सरकार के सूत्रों की माने तो अब आरे क्षेत्र में पेड़ काटने की जरुरत ही नहीं है, क्योंकि जिस 33 हेक्टयेर भूमि पर मेट्रो का स्टेशन और लाइन के लिए खम्बे खड़े होने हैं, वहां के पेड़ 6 अक्टूबर की रात तक काटे जा चुके हैं। चूंकि कोर्ट ने मेट्रो के निर्माण कार्य पर कोई रोक नहीं लगाई है, इसलिए कटे हुए पेड़ों को हटा कर मेट्रो का स्टेशन बनाने आदि के कार्य जारी रहेंगे। असल में सरकार को भी पता था कि मुम्बई हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी, इसलिए हाईकोर्ट का फैसला आते ही पेड़ कटाई का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया। 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने जो रोक लगाई है, उसका असर सरकार की जिद पर नहीं पड़ेगा। पर्यावरणविद् कुछ भी तर्क दें, लेकिन सरकार का कहना है कि मुम्बई की बढ़ती आबादी के लिए मेट्रो का विस्तार करना जरूरी है। जहां तक पेड़ों को काटने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान का सवाल है तो एक पेड़ की एवज में पांच से दस पेड़ लगाएं जाएंगे। यानि आरे क्षेत्र के पेड़ों की संख्या बढ़ेगी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला वैसा ही है जैसा सांप निकलने जाने के बाद कोई व्यक्ति लकड़ी से जमीन को पीटता है। 
शिवसेना का विरोध सिर्फ दिखावा :
आरे क्षेत्र से पेड़ न कटे इसको लेकर शिवसेना ने भी विरोधी तेवर दिखाए। शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने तो यहां तक कहा कि हमारी सरकार बनने पर पेड़ काटने के आदेश देने वाले अधिकारियों को पीओके में तैनात किया जाएगा। सवाल उठता है कि महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडऩवीस के नेतृत्व में चलने वाली भाजपा सरकार आखिर किसके समर्थन में चल रही है? चूंकि शिवसेना ने समर्थन दे रखा है इसलिए महाराष्ट्र में शिवसेना की ही सरकार है। सब जानते हैं कि मुम्बई महानगर में भाजपा से ज्यादा शिवसेना का प्रभाव है, इसलिए 21 अक्टूबर में शिवसेना के उम्मीदवार ज्यादा है। चुनाव में कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़े, इसलिए शिवसेना ने दिखाने के लिए पेड़ काटने का विरोध किया। यदि शिव सैनिक हकीकत में विरोध करते तो सरकार एक भी पेड़ नहीं काट सकती थी। 
एस.पी.मित्तल


नाथ जी ने कन्याओं के पैर धोकर,पूजा की

राम नवमीं पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप कन्याओं के पैर धोकर पूजा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी करते हैं नवरात्र में उपवास। 

गोरखपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ योगी ने गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर परिसर में कन्याओं के पैर धोकर पूजा की। 7 अक्टूबर को नवरात्र के समापन के मौके पर योगी आदित्यनाथ ने भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप कन्याओं का पूजन किया। योगी आदित्यनाथ भले ही देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हों, लेकिन उन्होंने अपने धर्म के अनुरूप व्यवहार कर सबको सीख दी है। नवरात्र की नवमीं को सिद्धिदात्री मां का स्वरूप माना जाता है। इसलिए सनातन संस्कृति में कन्या पूजन की परंपरा हैं। जब समाज में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं होती हैं, जब हमारी सनातन संस्कृति कन्याओं को देवी का अवतार मानने की सीख देती है। दुनिया में हमारी संस्कृति ही है जो समाज की अनेक बुराइयों से बचाने की सीख देती है। सीएम आदित्य नाथ ने कन्या पूजन कर सराहनीय कार्य किया है। महिलाएं चाहे किसी भी धर्म की हों, लेकिन उनका सम्मान होना चाहिए। कोई भी धर्म महिलाओं खासकर बच्चियों को परेशन करने की सीख नहीं देता है। सिद्धिदात्री देवी मां तो मंशा, समृद्धि, धन, बल आदि देने वाली दुर्गा माता है। राक्षस प्रवृत्ति वाले लोगों का नाश भी मां दुर्गा द्वारा ही किया जाता है। सनातन संस्कृति में नवरात्र का खास महत्व है, इसलिए घर घर में कन्या पूजन के कार्यक्रम होते हैं। करोड़ों श्रद्धालु नवरात्र के दिनों में उपवास कर मां दुर्गा की साधना करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी नवरात्र में 9 दिनों तक उपवास रखते हैं और मां दुर्गा पूजा अर्चना करते हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक नवरात्र के बाद नरेन्द्र मोदी हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभाएं करेंगे। यहां यह उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के जन्म भूमि विवाद को लेकर बहस अंतिम चरण में हैं। सीजेआई रंजन गोगोई के अनुसार 17 अक्टूबर तक सभी पक्ष अपनी बहस पूरी कर लेंगे। चूंकि जस्टिस गोगोई 17 नवम्बर को रिटायर हो रहे हैं, इसलिए वे 17 नवम्बर से पहले पहले रामजन्म भूमि विवाद पर फैसला दे देंगे। जस्टिस गोगोई पहले ही कह चुके हैं कि फैसला लिखने में कम से कम एक माह का समय लगेगा। 
एस.पी.मित्तल


अगवा कर, नाबालिग से किया दुष्कर्म

बच्ची की अगवा कर दुष्कर्म
बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के गिधौरी थाना के ग्राम नवापारा में एक 11 साल की बच्ची को अगवा किया फिर उसके साथ दुष्कर्म कर बेहोशी की हालत में फेंक कर आरोपी फरार हो गए थे। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मासूम को घर से अपहरण कर ले जाया गया था। आरोपियों ने चलते ट्रक में मासूम के साथ बलात्कार किया था। पुलिस इस मामले में लगातार ट्रक ड्राइवरों से पूछताछ में जुटी है। पुलिस को मिले अहम सुराग के तहत दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है जिनसे पूछताछ जारी है।बलौदाबाजार एसडीओपी राजेश जोशी ने बताया कि पुलिस अलग-अलग दिशाओं में जांच कर रही है। आसपास के सीसीटीवी भी खंगाला जा रहा है। बहुत जल्द ही असल आरोपी पुलिस गिरफ्त में होगें।


स्विसबैंक ने सौंपी खाता धारकों की लिस्ट

नई दिल्ली। विदेशी धरती से काले धन की जानकारी मिलने के मामले में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। स्विट्जरलैंड की सरकार ने भारत सरकार को बैंक खातों से जुड़ी पहली जानकारी सौंप दी है। स्विट्जरलैंड की ओर से स्विस बैंक में खुले भारतीय खातों की जानकारी सरकार को सौंपी है। भारत कुछ चुनिंदा देशों में से एक है जिन्हें ये जानकारी मिल रही है। स्विट्जरलैंड के टैक्स विभाग के अनुसार, इसके बाद भारत सरकार को अगली जानकारी 2020 को सौंपी जाएगी। जानकारी के अनुसार, स्विट्जरलैंड में दुनिया के 75 देशों के करीब 31 लाख खाते हैं जो रडार पर हैं इनमें भारत के कई खाते भी शामिल हैं।


स्विट्जरलैंड की सरकार से जानकारी मिलने के सरकार के सूत्रों का कहना है कि जो जानकारी मिली है उसमें सभी खाते गैरकानूनी नहीं हैं। सरकारी एजेंसियां अब इस मामले में जांच शुरू करेंगी, जिसमें खाताधारकों के नाम, उनके खाते की जानकारी को बटोरा जाएगा और कानून के हिसाब से एक्शन लिया जाएगा।


जम्मू-कश्मीर के हालात सामान्य:जावडेकर

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि कश्मीर में स्थिति सामान्य है और वहां लोग खुशी-खुशी रह रहे हैं क्योंकि अब उनके पास भी देश के अन्य नागरिकों के बराबर सम्मान है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कश्मीर में हालात सामान्य है और वहां के लोग अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने पर खुश हैं क्योंकि उन्हें अब देश के बाकी नागरिकों के बराबर लाभ और अधिकार प्राप्त होंगे। पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया पर कोई प्रतिबंध नहीं है और घाटी में सभी समाचार पत्रों को बिना किसी कठिनाई के प्रकाशित किया जा रहा है। मंत्री ने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि भाजपा हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की वापसी का इस्तेमाल कर रही थी। उन्होंने कहा कि केवल वे लोग इस ऐतिहासिक कदम के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्हें लगता था कि इसे हटाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 ने लोगों की भावना के साथ जुड़ गया है। देश भर में लोग इसका स्वागत कर रहे हैं। तो आप क्या कर सकते हैं, समाज के सभी वर्गों ने इसका स्वागत किया है। धारा 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद कश्मीर में स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्थिति अच्छी है और यह सामान्य है। घाटी के लोग सरकार के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, वे इस कदम का स्वागत कर रहे है।


अल्पसंख्यक मंत्रालय देगा,3 लाख छात्रवृत्ति

नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने मौजूदा वित्त वर्ष में तीन लाख स्कूली बच्चियों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य रखा है। यह संख्या पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले डेढ़ गुनी है। पिछले वित्तवर्ष में अल्पसंख्यक समुदायों की करीब दो लाख बच्चियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई थी। मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन(एमएईएफ) ने स्कूली लड़कियों के लिए चलाई जाने वाली अपनी बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के कुल बजट में बढ़ोतरी की है। हाल ही में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में हुई एमएईएफ की जनरल बॉडी की बैठक में इस छात्रवृत्ति योजना के प्रचार-प्रसार को तेज करने पर सहमति बनी। एमएईएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने को बताया कि बेगम हजरत महल योजना के तहत इस बार हमने तीन लाख बच्चियों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि अभी भी इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। हम इस बार कोशिश कर रहे हैं कि जागरूकता फैलाने के अलग अलग माध्यमों से आक्रामक प्रचार अभियान चलाया जाए। वित्त वर्ष 2018-19 में इस योजना के तहत करीब दो लाख लड़कियों को छात्रवृत्ति दी गई थी। इसके लिए 100 करोड़ करोड़ रुपये से अधिक का बजट निर्धारित था।


सनसनीखेज पत्रकारिता से बचे: नायडू

कटक। उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज मीडिया से सनसनीखेज प्रवृत्ति को दूर करने और बिना समाचार तथा विचारों को मिलाए तथ्‍यों को प्रस्‍तुत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मीडिया को ईमानदार और सच्चा बना रहना चाहिए और बहुत संयम और जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए। ओडिशा के कटक में एक प्रमुख ओडिया दैनिक समाचार पत्र 'द समाजा' के शताब्दी समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया न केवल स्वस्थ लोकतंत्र का हिस्सा है, बल्कि एक अनिवार्य शर्त भी है। उन्होंने कहा कि मीडिया को लोकतांत्रिक प्रणाली का चौथा स्तंभ माना जाता है- एक ऐसा स्तंभ जो लोकतंत्र का समर्थन, पालन और पोषण करता है और आवश्यक होने पर सुधार करने में मदद करता है।


श्री नायडू ने कहा कि मीडिया को लोगों को सूचित, शिक्षित और प्रबुद्ध करना चाहिए।  उन्होंने कहा कि जनता की राय बनाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मीडिया को नागरिकों को सशक्त बनाना चाहिए और शासन प्रणाली में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की शुरुआत करने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया को नागरिकों की आवाज आगे बढ़ानी चाहिए और उनके विचारों को कानूनविदों तक पहुंचानी चाहिए।श्री नायडू ने मीडिया से लोकतांत्रिक प्रणाली में खामियों को उजागर करने का आग्रह किया, जिससे सरकार को प्रणाली को अधिक जवाबदेह, उत्तरदायी और नागरिक-अनुकूल बनाने में मदद मिले। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया के बिना लोकतंत्र पहिए के बिना एक वाहन के समान है। श्री नायडू ने पत्रकारिता को एक मिशन के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि टीआरपी, सर्कुलेशन की संख्‍या और बॉटम लाइन, हालांकि महत्वपूर्ण हैं पर इससे मीडिया का मार्ग नहीं तय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया को अपनी सभी गतिविधियों के केंद्र में आम आदमी के कल्याण और राष्ट्र की प्रगति को स्थान देना चाहिए।


उपराष्ट्रपति ने मीडिया को स्थापित पूर्वाग्रहों से छुटकारा पाने और युवाओं, महिलाओं, किसानों और उद्यमियों की उम्मीदों को आवाज देने को कहा। उन्‍होंने कहा कि मीडिया को समाज के नैतिक कम्पास और विवेक के रूप में कार्य करना चाहिए और सभी सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए आक्रामक अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह इसे बेजुबानों की आवाज बननी चाहिए और असहाय की सहायता करनी चाहिए।इस बात को रेखांकित करते हुए कि मीडिया में यथास्थिति में बदलाव के लिए एक माध्‍यम बनने की क्षमता है, उन्होंने सकारात्मक बदलावों को प्रेरित करने के लिए अधिक सकारात्मक कहानियों और सर्वोत्तम प्रथाओं की रिपोर्टिंग और उन्‍हें रेखांकित करने को कहा। उन्होंने मीडिया से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भाषाओं की रक्षा, संरक्षण और संवर्द्धन में हाथ बंटाने के लिए कहा।श्री नायडू ने स्वच्छ भारत आंदोलन को सफल बनाने में भारतीय मीडिया द्वारा निभाई गई उल्‍लेखनीय भूमिका का उल्लेख करते हुए मीडिया से कहा कि वह हमारे समय की गरीबी से लेकर बीमारी और जलवायु परिवर्तन जैसी ज्वलंत समस्याओं को हल करने में रचनात्मक भूमिका निभाएं।


उन्होंने उम्मीद जताई कि क्षेत्रीय भाषाओं और ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक स्‍थानीय समाचार पत्र भारत में अस्तित्‍व में आएंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय मीडिया वास्तव में विवेकपूर्ण, त्वरित और सत्य रिपोर्टिंग के माध्यम से भारत के ग्रामीण परिदृश्य को बदल सकता है।


उपराष्ट्रपति ने समाज के संस्थापक उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वे एक महान शिक्षक, पुनर्जागरण के कवि, अनुभवी पत्रकार, निस्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी विचारधारा तथा नैतिक मूल्य के महान समर्थक थे। उपराष्ट्रपति ने डॉ. सुभाष चंद्र मिश्रा द्वारा गोपबंधु दास पर लिखित एक पुस्तक का भी विमोचन किया।  इस अवसर पर ओडिशा के माननीय राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, ओडिशा के मुख्‍यमंत्री श्री नवीन पटनायक, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्‍पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, सांसद डॉ. अच्‍युत सामंत और अन्य गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे।


चुनाव-प्रचार में अशोक तंवर, हुड्‍डा को चुनौती

कांग्रेस से इस्तीफे के बाद प्रचार में उतरे अशोक तंवर, हुड्डा को चुनौती


रोहतक। कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद हरियाणा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने अब पार्टी के खिलाफ बागी रुख अख्तियार कर लिया है। तंवर ने कहा है कि वो कांग्रेस का नाश करने वालों के खिलाफ पूरे प्रदेश में प्रचार करेंगे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को निशाने पर लिया।


रविवार को कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर रोहतक पहुंचे और यहां पर्यटक केंद्र में उन्होंने केक काटकर जुल्म दिवस मनाया। अशोक तंवर ने यहां कहा कि कांग्रेस का नाश करने वालों के खिलाफ वह पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार करेंगे और अभी उनका किसी भी पार्टी में जाने का मन नहीं है। उन्होंने पूर्व सीएम हुड्डा पर तंज कसा और कहा कि हरियाणा में पुत्र मोह में पार्टी का सत्यानाश हुआ है।


तंवर ने कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए दिन रात काम किया था, लेकिन उनका पांच साल का संघर्ष नहीं दिखा, बल्कि 14 दिन की चौधर देखी गई है। उन्होंने कहा कि वह गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा जाकर देखेंगे कि हाल कैसा है जनाब का और किलोई में कांग्रेस का नाश करने वालों के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगे। बता दें कि गढ़ी-सांपला सीट से भूपिंदर सिंह हुड्डा चुनाव लड़ रहे हैं।


कांग्रेस को नहीं बचाया जा सकता:ओवैसी

कांग्रेस को अब 'कैल्शियम का इंजेक्शन' देकर भी नहीं बचाया जा सकता- असदुद्दीन ओवैसी


नई दिल्‍ली। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सफाया हो चुका है और अब उसे 'कैल्शियम का इंजेक्शन' देकर भी नहीं बचाया जा सकता है। ओवैसी ने दावा किया कि कांग्रेस नेतृत्व महाराष्ट्र और हरियाणा के महत्वपूर्ण चुनावों को नजरअंदाज कर रहा है। 


इससे पहले कांग्रेस पर हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा था कि ''कल तक कांग्रेस के नेता उन्हें बीजेपी की ए टीम और बी टीम कहा करते थे। आज वही कांग्रेस के नेता कांग्रेस छोड़-छोड़ के बीजेपी को ज्वाइन कर रहे हैं। महाराष्ट्र में मुस्लिमों को आरक्षण देने का समर्थन करते हुए ओवैसी ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर बराबर आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी पिछड़े तबकों की आवाज है और उनकी पार्टी ने मुसलमानों समेत हिंदू धर्म की तमाम छोटी जाति के उम्मीदवारों को भी अलग-अलग विधानसभा सीटों से अपना उम्मीदवार बनाया है।


शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के चुनाव लड़ने पर ओवैसी ने कहा कि शायद अब रिमोट कंट्रोल काम नहीं कर रहा है यही कारण है कि उन्हें चुनाव लड़ना पड़ रहा है। ऐसा पहली बार है जब ठाकरे परिवार से कोई व्यक्ति चुनाव में उतर रहा है। एआईएमआईएम नेता 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जनसभा को संबोधित कर रहे थे।


शिक्षकों ने की सकारात्मकता की प्रशंसा

बलिया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ का प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी सम्मेलन प्रेक्षाग्रह, कृषि निदेशालय, लखनऊ में सम्पन्न हुआ। जिसमें जनपद बलिया के जिला पदाधिकारी भी शामिल हुए, रविवार को अपने जनपद पहुँचे संगठन के जिलाध्यक्ष मुकेश उपाध्याय ने बातचीत में कहा कि सम्मेलन में ये बताया गया कि मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं को निस्तारित कराने में जिला पदाधिकारियों को तत्परता से कार्य करने की जरूरत है। किसी प्रकार की दिक्कत आये हो तो तुरन्त प्रदेश पदाधिकारियों को सूचित किया जाए। लखनऊ सम्मेलन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष जुबेर अहमद ने जिला पदाधिकारियों से संगठन को मजबूती देने के लिए सदस्यता अभियान अक्टूबर में पूरा करने का निर्देश दिया। जिलाध्यक्ष मुकेश उपाध्याय ने  कहा कि सम्मेलन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि परियोजना निदेशालय द्वारा उच्च योग्यताधारी व कम्प्यूटर की डिग्री रखने वाले मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के योग्यतानुसार कार्य लेने के लिए आदेश जारी हो गया है। 9 सितम्बर को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा की अध्यक्षता में एक आधिकारिक बैठक उच्चाधिकारियों तथा संगठन के पदाधिकारियों एवम राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एवं महामंत्री जी के साथ संपन्न हुई थी।बैठक के बाद सभी उच्च योग्यताधारियों को नियुक्ति के समय बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा हुई गलतियों को स्वीकार करते हुए उनके उच्चीकरण हेतु प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है ।इसके लिए प्रदेश के समस्त जनपदों से मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सूचना मांगी गई है जिसकी कार्यवृति भी शासन द्वारा जारी हो चुकी है । शीघ्र ही प्रस्ताव शासन से मंजूरी के लिए जाएगा ।बेसिक शिक्षा में मृतक आश्रित नियुक्ति के लिए प्रयोग किये जाने वाले त्रुटिपूर्ण 4 सितम्बर 2000 के आदेश को एक माह में पुनः निरीक्षण के लिए कहा गया है।। इसके बाद मृतक आश्रितों को उच्च योग्यता का लाभ मिलेगा। प्रदेश महामंत्री विनोद कुमार एवं प्रदेश सचिव पंकज बाजपेई ने कहा कि अब बीएड टीईटी वाले शिक्षक बन सकते है । तो वही नियुक्त मृतक आश्रित बीएड टीईटी योग्यताधारी कर्मचारियों को यदि शासन से मंजूरी मिल जाती है तो वो भी जल्द ही शिक्षक बन सकेंगे। प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री हर्षित अरोरा ने बताया कि कार्यवृति के अनुसार बनने वाले प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिल जाती है तो इंटर व कम्प्यूटर की डिग्री रखने वाले पद रिक्त न होने के बावजूद भी अधिसंख्य संख्या में परिचारक के जगह पर लिपिक बनेंगे । वही नियुक्त ऐसे योग्यताधारी को उच्चीकृत किया जाएगा। सम्मेलन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एस पी तिवारी एवम महामंत्री आर के निगम भी शामिल हुए। जानकारी के बाद पूरे प्रदेश के मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में हर्ष का माहौल है। सम्मेलन में राज्य सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा मृतक आश्रित उच्च योग्यताधारी शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक पहल की प्रशंसा भी की गई।जिलाध्यक्ष मुकेश उपाध्याय ने बताया कि जनपद के सभी मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारी, प्रदेश पदाधिकारियों को हमेशा हर प्रकार के सहयोग के लिए संकल्प लिया है।


हरीश रावत की तबीयत बिगड़ी,मैक्स में भर्ती

देहरादून। उत्‍तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत गर्दन और कमर में दर्द की शिकायत के बाद मैक्‍स अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी सभी जांच रिपोर्ट डॉक्टरों ने सामान्य बताई हैं। जानकारी के अनुसार, पूर्व सीएम हरीश रावत को आज सुबह घर में चक्‍कर आया। इस दौरान उन्‍होंने गर्दन और कमर में दर्द की शिकायत की। इस पर उन्‍हें मैक्‍स अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। मैक्स अस्पताल के यूनिट हेड डॉ संदिप तंवर ने बताया कि डाक्टरों की टीम ने उनका डायग्नोस किया। उनकी सारी रिपोर्ट ठीक है। उन्‍होंने सीने में दर्द की बात से भी इन्‍कार किया है।


उधर, हरीश रावत के पीआरओ जसबीर रावत के मुताबिक, उनकी सभी जांच रिपोर्ट डॉक्टरों ने सामान्य बताई हैं। गर्दन के दर्द के कारण आज सुबह चक्कर महसूस होने पर मैक्स हॉस्पिटल लाया गया। बता दें कि मुख्‍यमंत्री के काल के दौरान गर्दन में चोट आई थी, जिसका लंबा उपचार चला था।


स्थानीय पुलिस ने किया भंडारे का आयोजन

पुलिस द्वारा किया गया विशाल भंडारे का आयोजन



गाजियाबाद। नवरात्रे की नवमी को थाना ट्रोनिका सिटी क्षेत्र की पुस्ता चौकी पर पुलिस स्टाप द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जहाँ पूजा पाठ व कन्या पूजन के साथ प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से एसपी ग्रामीण नीरज जादौन ,सीओ लोनी राजकुमार पांडेय ,ट्रोनिका सिटी थाना प्रभारी सुभाष सिंह ,पुस्ता चौकी प्रभारी राममेहर सिंह मलिक ,एसआई रविन्द्र कुमार ,हैड कांस्टेबल राम चन्द्र सिंह ,हैड कांस्टेबल बिजेंद्र सिंह ,हैड कांस्टेबल विक्रम जादौन ,का राघवेंद्र सिंह ,का हरिओम ,का सुनील कुमार ,का आशुतोष कुमार ,का विकास कुमार ,का सुशील कुमार ,का सचिन कुमार, सहित पुलिस स्टाप ने हिस्सा लिया।


महाराष्ट्र सरकार के लिए मुसीबत बने पेड़

करीब 2500 से अधिक पेड़ों का काटा जाना राज्य सरकार के लिए मुसीबत बना है, लेकिन इस मसले पर बॉम्बे हाईकोर्ट, NGT की ओर से ग्रीन सिग्नल पहले ही मिल चुका था.


मुंबई। आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर बवाल, लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग, बॉम्बे हाईकोर्ट-NGT से मिल चुकी है मंजूरी।


महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार के सामने नया मुद्दा खड़ा हो गया है। मुंबई की आरे कालोनी में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों को काटा जा रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर जोरदार विरोध हो रहा है। करीब 2500 से अधिक पेड़ों का काटा जाना राज्य सरकार के लिए मुसीबत बन गया है, हालांकि ये भी सच है कि इस मसले पर बॉम्बे हाईकोर्ट, NGT की ओर से ग्रीन सिग्नल पहले ही मिल चुका था।


बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली थी इजाजत


मुंबई में मेट्रो प्रोजेक्ट-3 के लिए इन पेड़ों को काटा जा रहा था, लेकिन कई प्रदर्शनकारी, सेलेब्रिटी इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। आरे के इन पेड़ों को मुंबई का फेफड़ा कहा जाता है, कटाई के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं. जिसमें इन्हें जंगल घोषित किए जाने की अपील की, ताकि पेड़ ना काटे जा सकें। हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इन्हें जंगल नहीं माना और तुरंत पेड़ों की कटाई का काम शुरू हो गया।


NGT ने भी दी थी मंजूरी!


बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका से पहले ही पर्यावरण संरक्षण संगठन वनशक्ति और आरे बचाओ ग्रुप के बैनर तले इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सामने उठाया गया, जिसके बाद NGT की पुणे बेंच ने दिसंबर 2016 में निर्माण न कराने का आदेश दिया था।
चुनावी मुद्दा ना बन जाए आरे!


महाराष्ट्र में इस बार चुनाव हैं और इस बीच इस विवाद ने राष्ट्रीय राजनीति में भी जगह बना ली है। भाजपा के साथ गठबंधन में होने के बावजूद शिवसेना ने आरे में पेड़ कटाई का विरोध किया है और ऐसा करने वालों पर एक्शन लेने की बात की है। आदित्य ठाकरे लगातार सोशल मीडिया पर मोर्चा खोले हुए है, ऐसे में आने वाले दिनों में ये मसला चुनावी दंगल का रूप ले सकता है।


क्या है पूरा मामला?


दरअसल, मुंबई के आरे में मेट्रो कार शेड बनना है। इसके लिए आरे के जंगलों के करीब 2,700 पेड़ काटे जाने है जिसका विरोध हो रहा है। मेट्रो के लिए पेड़ों की कटाई का मुंबई की सड़कों पर उतरकर लोग विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस मामले में 'सेव आरे' प्रोटेस्ट चल रहा है, सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाए जा रहे हैं।


भाजपा नेता सहित पांच की जान ली

जलगांव (महाराष्ट्र)। घर के बाहर बैठे भाजपा नेता व उनके परिवार के चार सदस्यों को गोलियों और चाकू से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद भुसावल शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। घटना के दौरान हुई हाथापाई में दो हमलावर भी घायल हुए हैं  उन समेत पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है।


जलगांव जिले के भुसावल शहर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नगर सेवक रविंद्र खरात के परिवार पर अज्ञात व्यक्तियों ने गोलीबारी की और चाकू से हमला भी किया।  इस हमले के बाद कुल 5 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना के बाद पूरे  भुसावल शहर  में दहशत का माहौल है तथा स्थिति तनावपूर्ण है। लोग पुलिस की कार्यकुशलता पर नाराजगी जता रहे हैं। लोगों का कहना है कि शहर में गुंडागर्दी फिर से दिख रही है। 


घटना रविवार रात करीब 9 बजे की बताई जा रही है। रविंद्र खरात भुसावल शहर स्थित समता नगर परिसर में अपने घर के बाहर बैठे थे तभी दो आरोपियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी।हमले में वे बुरी तरह से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई। बताया जाता है कि गोलीबारी की आवाज सुनकर उनके भाई सुनील बाबू राव खरात बाहर आए। हमलावरों ने उन पर भी गोली चला दी। सुनील खरात जान बचाने के लिए बगल वाले घर में घुस गए, वहां पर भी हमलावर उनका पीछा करते हुए पहुंच गए। 


हमलावरों ने चाकू से सुनील खरात पर बुरी तरह से हमला किया और उनका गला काट दिया। उनकी वहीं पर मौत हो गई। हमलावर यहीं नहीं रूके उन्होंने बाद में रविंद्र खरात के दोनों बेटों रोहित और प्रेम सागर के साथ उनके एक दोस्त पर भी चाकू से हमला बोल दिया। इस दौरान हमलावरों ने रविंद्र खरात के दोनों बेटों सहित दोस्त को भी बुरी तरह से घायल कर दिया। हमला करने के बाद बदमाश फरार हो गए। इसमें दो व्यक्तियों की तत्काल घटनास्थल पर ही मौत हो गई। तीनों को हमले के तत्काल बाद जलगांव सिविल अस्पताल में एडमिट कराने ले जाया गया, लेकिन उनकी रास्ते में ही मौत हो गई। 


इस घटना में मृतक रविंद्र की पत्नी भी घायल हुई है। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना के आधे घंटे के बाद जलगांव के पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस अधीक्षक पंजाबराव उगले ने कहा कि इस घटना के बाद भुसावल शहर में माहौल तनावपूर्ण है। 


घटना के समय हाथापाई भी हुई थी, उसमें ये दो आरोपी भी जख्मी हुए थे। पुलिस इस घटना की तहकीकात कर रही है।  भुसावल शहर के समता नगर में पुलिस बंदोबस्त बढ़ा दी गई है। इस लोमहर्षक घटना के की खबर फैलते ही भुसावल शहर के साथ पूरे जिले में बहुत खलबली मची है। शुरुआती जानकारी के बाद पुलिस सूत्रों ने इस घटना के पीछे आपसी रंजिश को माना है। हालांकि अभी विस्तृत जांच की जा रही है।


कोयले से लदी मालगाड़ी में लगी आग

कोयले से लदी मालगाड़ी में लगी आग से मचा हड़कंप


मनोज सिंह ठाकुर 


रायपुर। राजधानी रायपुर से लगे डब्ल्यूआरएस कालोनी के निकट रेलवे ट्रेक में खड़ी एक मालगाड़ी में आग लगने की सूचना मिल रही है। बताया जाता है कि मालगाड़ी पूरी तरह से कोयले से लदी है, इसीलिए आग तेजी से फैल रही है। मालगाड़ी डब्ल्यूआरएस कालोनी से लगे टे्रक में खड़ी है, इसलिए आग फैलने से यहां एक तरह से अफरातफरी मच गई। तत्काल इसकी सूचना रेलवे प्रशासन को दी गई।


चूंकि डब्ल्यूआरएस कालोनी के ठीक पहले डीआरएम कार्यालय है, लिहाजा सूचना मिलते ही यहां बड़ी संख्या में रेलवे के अफसर भी पहुंच गए। इस दौरान दमकल विभाग को भी इसकी सूचना दे दी गई थी। बताया जाता है कि रेलवे यातायात तथा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस टे्रक के ऊपर से गुजर रही ओएचई में विद्युत सप्लाई रोक दी गई है। मौके पर पहुंचे दमकल कर्मचारियों को भी समझ नहीं आ रहा था कि आग पर काबू कैसे पाया जाए। रेलवे अफसरों के निर्देश पर पहले उन बोगियों में आग को बुझाया गया, जिसमें आग ज्यादा भड़क रही थी। इसके बाद बोगियों को अलग करने का जतन शुरू किया गया।


शीर्ष नेताओं से शेख हसीना की मुलाकात

नई दिल्ली। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसकी अगुवाई कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने की। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा सहित कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल रहे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी गर्मजोशी के साथ शेख हसीना से मिलीं।
इससे पहले शनिवार को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, जहां तीन परियोजनाओं के उद्घाटन सहित करीब सात द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। इस दौरान एलपीजी निर्यात समेत तीन परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया गया। इनमें से एक परियोजना बांग्लादेश से एलपीजी के आयात से संबंधित है। इस आयातित एलपीजी का भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में वितरण किया जाएगा। शेख हसीना के भारत के दौरे के दौरान ही असम में एनआरसी का भी मुद्दा उठा। बांग्लादेश ने शनिवार को कहा कि वैसे तो भारत का कहना है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी देश का आंतरिक मामला है लेकिन असम में उससे जुड़े घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। बांग्लादेश के विदेश सचिव शहिदुल हक ने बताया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने एनआरसी की पूरी प्रक्रिया समझायी।


बालाकोट एयरस्ट्राइक में सम्मिलित 9को सम्मान

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की 51 स्क्वाड्रन को सम्मानित किया। 27 फ रवरी को पाकिस्तानी एफ -16 को खदेडऩे के लिए 51 स्क्वाड्रन को यूनिट प्रशस्ति पत्र दिया गया। कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन सतीश पवार ने यह सम्मान लिया।
इसके अलावा बालाकोट एयरस्ट्राइक को अंजाम देने वाले 9 स्क्वाड्रन को भी सम्मानित किया गया। इस स्क्वाड्रन के ही मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने श्ऑपरेशन बंदरश् को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। 9 स्क्वाड्रन को भी यूनिट प्रशस्ति पत्र दिया गया। बालाकोट एयरस्ट्राइक और पाकिस्तान के हवाई हमलों को नाकाम करने वाली स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल की 601 सिग्नल यूनिट को भी यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।


अभिनंदन ने 27 फरवरी को मिग-21 से उड़ान भरते हुए नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तानी एफ-16 विमान को मार गिराया था। इस दौरान उनका विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और वह इजेक्ट करने के बाद पीओके में लैंड हुए थे। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने अभिनंदन को हिरासत में ले लिया था। मेडिकल टेस्ट के बाद उन्हें दोबारा विमान उड़ाने की इजाजत मिल गई थी। गौरतलब है कि बीते महीने ही उन्होंने लड़ाकू विमान उड़ाया था। इंडियन एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ ने विंग कमांडर अभिनंदन के साथ लड़ाकू विमान मिग-21 में उड़ान भरी थी।


अनियंत्रित कार खाई में गिरी, 4 की मौत

शिमला। हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के भरमौर क्षेत्र में ढकोग-तुन्दाह सड़क पर आज वाहन के गहरी खाई में गिरने से इसमें सवार चार लोगों की मौत हो गई।
चम्बा पुलिस के अनुसार हादसा तरेल्ला के निकट हुआ जब एक वाहन अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे लगभग 600 फुट गहरी खाई में गिर गया जिससे इसमें सवार चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वाहन तुन्दा से ठकोग की तरफ आ रहा था। मृतकों की शिनाख्त राजेंद्र कुमार(30), रमेश कुमार(34), संजीव कुमार(30) और सुरिंदर कुमार(34) के रूप में की गई है। गम्भीर रूप से घायल वाहन चालक बिटू (27) को जिला अस्पताल चम्बा में भर्ती कराया गया है।
राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हादसे में चार लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने घायल चालक के शीघ्र स्वास्थ होने की भी कामना की है।


एटीएम में नहीं मिलेगा 2000 का नोट

नई दिल्‍ली। आठ नवंबर 2016 नोटबन्दी का ऐलान और 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण (नोटबंदी) लेकिन बैंक नहीं थे पूरी तरह तैयार। ऐलान के बाद सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों ने अपने-अपने एटीएम अपग्रेड किए थे, नए नोटों के रंग और आकार को देखते हुए बड़े नोट के कैसेट को बदला गया था उधर सरकार ने नये जारी 100, 200, 500,  रुपये के नोटों का रंग और आकार भी बदल दिया । सभी बैंकों को उस वक्त अपने एटीएम को अपग्रेड करना पडा था। 
अब फिर से बैंकों द्वारा अपने एटीएम को अपग्रेड किया जा रहा है । दो हजार रुपये के नोट बैकों द्वारा लेन देन में कम किये जा रहे हैं। कुछ बैंक एटीएम में ही यह नोट ग्राहकों को मिल रहे हैं जो आने वाले दिनों में शायद नहीं मिलेंगे। क्योंकि बड़े नोट के स्थान पर छोटे नोट को ज्यादा महत्व देने की योजना पर बैंकों ने काम शुरू किया है और एटीएम से 2000 के नोटों की कैसेट को हटाया जा रहा है। उन्नाव की बात करें तो बैंक अधिकारियों के अनुसार एसबीआई के आवास विकास, सिविल लाइंस और शुक्लागंज एटीएम में सिर्फ 2000 रुपये के नोट की कैसेट है बाकी एटीएम से 2000 के नोटों की कैसेट हटा दी गई है। एसबीआई के मुख्य शाखा प्रबंधक सुनील कुमार के अनुसार जिले में 24 एटीएम में से 21 एटीएम से 2000 रुपये की कैसेट निकाली जा चुकी है। तीन एटीएम भी जल्द अपडेट होंगे। उधर,  पीएनबी चेस्ट ब्रांच और इलाहाबाद बैंक के अधिकारियों ने बताया कि छोटे नोट को ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस तरह बड़े नोट धीरे-धीरे बैंक के साथ एटीएम में भी कम होंगे। इसकी शुरुआत 2000 रुपये के नोट से हो चुकी है। आरबीआई से मिले संकेत के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने एटीएम से बड़े नोट की कैसेट हटाना शुरू किया है। जिले में 24 में 21 एटीएम से कैसेट निकाली जा चुकी हैं। अब  500 रुपये के नोटों की कैसेट का नम्बर है। फिर सिर्फ 100 व 200 रुपये के नोट ही एटीएम में रह जाएंगे और इसके साथ ही 'डेबिट-क्रेडिट' कार्ड व्यवस्था को बढ़ाया जाएगा।
एटीएम या ऑनलाइन होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए 'योनो एप' से एटीएम जुड़ रहे हैं । इसके तहत बिना डेबिट और क्रेडिट कार्ड के ओटीपी के जरिये खाते से रुपये का लेन—देन किया जा सकता है। 
ज्ञात रहे कि आरबीआई द्वारा 2000 के नोटों की छपाई बंद किए जाने के बाद अब बैंकों के द्वारा ने इस तरह से एटीएम में परिवर्तन किया जा रहा है एटीएम से 2000 के नोट नहीं निकल पाऐगे अगर किसी ग्राहक को 2000 रुपये का नोट चाहिए होगा, तो उसे वह बैंक शाखाओं में से ले सकेगा। 
बन्द नहीं होगें 2000 के नोट रहेंगे चलन में। 
2000 रुपये के नोट को एटीएम से हटाने पर यह अफवाह फैल सकती है तो ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दे ऐसी अफवाह ना तो फैलाए और ना फैलने दे , कि बैंक आने वाले दिनों में इसका प्रचलन भी बंद कर देगा, ऐसा कुछ भी नहीं है। एक निजी बैंक से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरबीआई ने बैंकों से एटीएम में 2000 रुपये का कैसेट हटाने पर चरणबद्ध तरीके से काम करने के लिए कहा है। बैंकों से कहा गया है कि वो एटीएम में ज्यादा से ज्यादा 500, 200 और 100 रुपये के नोट रखें, जिससे लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो क्योंकि एटीएम में 2000 रुपये का नोट निकलने पर कई ग्राहकों को परेशानी होती है । ऐसा इसलिए क्योंकि इस नोट का छुट्टा मिलने में बड़ी दिक्कत होती है। हालांकि बड़े भुगतान करने के लिए 2000 रुपये का नोट काफी काम आता है।


 


साड़ी ज्यादा ही फैशन ट्रेंड्स

साड़ी हमेशा से इंडियन वॉरड्रोब का हिस्सा रही है। महिलाएं सबसे पुराने वक्त से साड़ी पहनती आई हैं। माना जाता है करीब 5000 साल पहले इसकी खोज हुई। भारत की महिलाओं का यह सबसे पसंदीदा परिधान है। और अगर हम साड़ी पहनने की बात करें तो इसे पहनने के 50 तरीके हैं। 
बीते कुछ सालों में साड़ी कुछ ज्यादा ही फैशन ट्रेंड्स में है। नई स्टाइल्स, बॉलिवुड का असर और फैशनशोज में भी इसे जगह मिली है।


साड़ी पहनने में काफी कंफर्टेबल है और इससे पहनना भी काफी आसान है, इसे देखते हुए महिलाएं इसमें तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट्स कर रही हैं। अगर आप वर्किंग वुमन है जिसे फॉर्मल तरीके से साड़ी पहननी है, तो आपके लिए यहां हैं कुछ बेहतरीन स्टाइल्स। गर्मी हो या सर्दी आप हर सीजन में साड़ी पहन सकती हैं। साड़ी पहनने का सबसे अच्छा तरीका है इसे बेल्ट के साथ पहनें। ऐसा करने से आपका पल्लू पूरे दिन एक ही जगह पर रहेगा।


जिन लोगों को प्लीट्स बनाने में दिक्कत आती है वे स्टिच्ड साड़ी पहन सकते हैं। इस तरह से आपको साड़ी की फिक्र की जरूरत नहीं पड़ेगी। साड़ी को और फॉर्मल लुक देने के लिए आप इस पर रेग्युलर ब्लैजर पहन सकते हैं। इसके साथ कॉन्ट्रास्टिंग शेड चुनें। आप पल्लू ब्लैजर के ऊपर या अंदर पहन सकते हैं, आपको जैसा भी पसंद हो।


डिप्रेशन बढ़ाती है गर्भ निरोधक गोलियां

एक नई स्टडी में सामने आया है कि गर्भनिरोधक गोली लेने वाली किशोरियों में अवसाद से जुड़े लक्षणों का खतरा अधिक रहता है। बता दें कि जब से 1962 में ब्रिटेन में यह गोली उपलब्ध हुई है, तब से शोधकर्ता ओरल बर्थ कंट्रोल और मूड के बीच संबंध समझने की कोशिश कर रहे हैं। 
यह स्टडी ब्रिघम और महिला अस्पताल, यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिंगन और लीडेन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर द्वारा की गई। इससे पहले इन संस्थानों द्वारा ब्रेस्ट कैंसर, ब्लड क्लॉट्स, वेट गेन को लेकर शोध हो चुके हैं।
जेएएमए मनोरोग मैग्जीन में पब्लिश स्टडी के अनुसार, शोधकर्ताओं ने स्टडी में 16 से 25 साल के बीच की उम्र लड़कियों का शामिल किया। इसके बाद शोधकर्ताओं का कहना था कि गर्भनिरोधक गोली लेने वाली किशोरियों में अन्य की तुलना में अधिक अवसाद से जुड़े लक्षणों का पता चला।
शोध में यह भी पता चला कि 16 साल की लड़कियों में अवसाद के लक्षण अधिक पाए गए। अवसाद के लक्षणों को लेकर किए गए सर्वे में अधिक रोने, सोने, खाने, आत्महत्या करने, उदासी आदि की समस्या सामने आई।


अजय के अपोजिट दिखेगी दीपिका

मुबंई। कुछ समय पहले खबर आई थी कि लव रंजन की अगली फिल्म में रणबीर कपूर और अजय देवगन साथ नजर आनेवाले हैं। कहा जा रहा था कि फिल्म में दीपिका पादुकोण भी नजर आएंगी और अजय देवदन रणबीर के पापा के किरदार में दिखेंगे। हालांकि , कुछ समय बाद यह भी सुनने को मिला कि दीपिका ने इस फिल्म से इनकार कर दिया है, लेकिन अब कुछ खबरें सुनने को मिल रही हैं, जो वाकई इंट्रेस्टिंग है।
कहा जा रहा था कि मीटू में लव रंजन का नाम सामने आने के दीपिका ने इस फिल्म को ना कर दिया है। हालांकि फैन्स दीपिका और रणबीर को साथ देखने के लिए बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, वहीं लेटेस्ट रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि फिल्म में दीपिका होंगी तो जरूर लेकिन वह रणबीर की लव-लाइफ नहीं बल्कि अजय देवगन की प्रेमिका के रूप में दिखेंगी।
वर्कफ्रंट की बात करें तो फिलहाल दीपिका अपनी अगली फिल्म छपाक में व्यस्त हैं जो एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल पर बनी है। इसके अलावा वह अपने पति रणवीर सिंह के साथ उनकी अगली फिल्म 83 में ऑनस्क्रीन वाइफ का किरदार भी निभाती दिखेंगी, जिसमें उनका किरदार कपिल देव की पत्नी रूमी देव का है। रणबीर की बात करें तो आलिया भट्ट के साथ फिल्म ब्रह्मास्त्र में नजर आनेवाले हैं। अजय देवगन की भी कई फिल्में पाइपलाइन में हैं, जिनमें तानाजी: द अनसंग वॉरियर, सूर्यवंशी, भुज: द प्राइड, मैदान जैसी फिल्में शामिल हैं।


कैट और विक्की एक-दूसरे को डेट ?

मुबंई। विकी कौशल ने फिल्म संजू के साथ ही तेजी से फेम पाई है। इस वजह से उनकी प्रफेशनल के साथ ही पर्सनल लाइफ भी सुर्खियों में बनी रहती है। विकी ने कुछ समय पहले माना था कि वह हरलीन सेठी के साथ रिलेशनशिप में हैं लेकिन इस बात के सामने आने के कुछ दिनों बाद ही दोनों के ब्रेकअप की खबर आ गई थी। उस समय से ही ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आईं कि विकी की कटरीना कैफ से बढ़ती नजदीकी रिश्ते के टूटने की वजह बनी। अभी भी कई रिपोर्ट्स आती हैं जिसमें इन दोनों स्टार्स के सीक्रेट रिलेशन में होने की बात कही जाती है। 
कैट और विकी के एक-दूसरे को डेट करने के दावों के पीछे कितनी सच्चाई है, उसका सच शायद अब सामने आ गया है। ऐक्टर के एक क्लोज फ्रेंड ने बताया कि, कटरीना और विकी पूरी तरह से सिंगल हैं और एक-दूसरे को डेट नहीं कर रहे हैं। दोनों जब मिलते हैं तो कभी-कभी फ्लर्ट जरूर करते हैं लेकिन इनके बीच कुछ भी सीरियस नहीं है। कटरीना और विकी के रिश्ते में होने का दावा करने वाली रिपोर्ट्स सही नहीं हैं।


वैसे बता दें कि ऐसी भी खबरें हैं कि विकी कौशल और कटरीना कैफ एक साथ फिल्म प्रॉजेक्ट में काम करते दिखाई दे सकते हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि अभी तक किसी ने नहीं की है। वहीं इन दोनों के वर्क फ्रंट की बात करें तो विकी फिलहाल फिल्म सरदार उधम सिंह की शूटिंग कर रहे हैं। इसके साथ उनके पास तीन और मूवी प्रॉजेक्ट्स हैं। वहीं कटरीना कैफ जल्द ही एक बार फिर अक्षय कुमार के साथ फिल्म सूर्यवंशी में जोड़ी जमाती दिखाई देने वाली हैं।


पटाखा फैक्ट्री में धमाका, पांच लोग घायल

जाजपुर। ओडिसा के जाजपुर जिले में पटाखों की एक अवैध इकाई में विस्फोट हो जाने से दो महिलाओं समेत कम से कम पांच लोग घायल हो गये। पुलिस ने रविवार को बताया कि बिंझारपुर थाना क्षेत्र के बछाला गांव में शनिवार देर रात जब कारीगर पटाखे बना रहे थे, तब यह घटना घटी। विस्फोट के बाद कंक्रीट की छत का एक हिस्सा उड़ गया। पुलिस के अनुसार ग्रामीणों ने घायलों को घर से निकाला और जाजपुर के जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया।


पुलिस के मुताबिक बाद में तीन की हालत बिगड़ने पर उन्हें कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया। बिंझारपुर थाने के प्रभारी इंसपेक्टर शिव चरण बेहरा ने कहा, '' विस्फोट में पांच लोग घायल हो गये। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।'' उन्होंने कहा कि इस घटना की सटीक वजह का पता जांच के बाद ही पता चल पाएगी।


ऑनलाइन खरीददारी पर हैकरो की नजर

त्योहारों के मौसम में ऑनलाइन सेल में सतर्कता से खरीदारी करें। कहीं ऐसा न हो कि आपका बैंक खाता ही खाली हो जाए। ऑनलाइन लेनदेन पर साइबर हैकरों की नजर है जो उपभोक्ताओं के क्रेडिट और डेबिट कार्ड का डाटा चुराकर बैंक खाता खाली कर देते हैं। आपकी एक छोटी लापरवाही भारी पड़ सकती है।


अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत में हैकिंग के मामले सबसे ज्यादा बढ़ रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी सिमेंटिक की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में हर माह 4,800 वेबसाइट पर साइबर अपराधियों ने डाटा चुराने के लिए हमला किया। सिमेंटिक का कहना है कि उसने 37 लाख हमलों को नाकाम किया। इसमें 33 फीसदी हमले नवंबर-दिसंबर में हुए।


त्योहारों पर नजर : अक्तूबर-नवंबर त्योहारों का समय होता है। लोग नए साल की छुट्टियों के लिए यात्रा टिकट और होटल की बुकिंग भी कराते हैं। इस दौरान कंपनियां आकर्षक पेशकश करती हैं। इसलिए हैकर त्योहारों के मौसम में ज्यादा हमले करते हैं।


बड़ी साइटों पर भी खतरा : फॉर्म जैकिंग तकनीक से बड़ी ई कामर्स वेबसाइटों से कार्ड के सीवीवी नंबर चुराए जा रहे हैं।


ऐसे करते हैं हमला


– नामी वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगी
– क्रेडिट-कार्ड का डाटा साझा करते ही खाता खाली कर देते हैं
– ई-कॉमर्स साइट पर भुगतान के दौरान कार्ड का डाटा चुराते हैं,फार्म जैकिंग तकनीक से सीवीवी नंबर चुरा लेते हैं


छोटी कंपनियां शिकार


साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि हैकर छोटी ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट को ज्यादा शिकार बनाते हैं। ये कंपनियां उपभोक्ताओं का डाटा सहेज कर रखती हैं, जबकि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ताओं के कार्ड की जानकारी नहीं सहेजतीं।


ऐसे करें बचाव


– देखें कि यूआरएल में सिक्योर मोड (https) में है या नहीं
– एंटीवायरस सॉफ्टवेयर वाले मोबाइल से ही खरीदारी करें
– खरीदारी में सार्वजनिक वाईफाई के इस्तेमाल से बचें
– साइट की स्पेलिंग जांच करें
– कैश ऑन डिलिवरी चुनें


थोड़े प्रयास से कार्य पूर्ण होंगे:मकर

राशिफल


मेष-व्ययवृद्धि पर नियंत्रण नहीं रहेगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। आशा व निराशा के बीच तनाव व चिंता रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी तथा भावनाओं में बहकर कोई निर्णय न लें। आय होगी। कारोबारी लाभ बना रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।


मंत्र : ॐ नम: शिवाय या ॐ शिवाय नम:।


वृष-रुका हुआ पैसा तथा पैसा वसूली में सफलता मिलेगी। मनोरंजक यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। व्यापार-व्यवसाय में लाभ वृद्धि होगी। घर-बाहर सभी तरफ से सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। आलस्य हावी रह सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। लाभ होगा।


मंत्र : ॐ मातंगी नम: या सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।


मिथुन-तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत हो सकती है। किसी तीर्थ यात्रा का आयोजन हो सकता है। आर्थिक उन्नति हेतु विचार-विमर्श लाभकारी रहेगा। सामाजिक सेवा व दान-पुण्य के कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। मित्रों तथा परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।


मंत्र : ॐ शिव शक्त्यै नम: मंत्र जाप करें।


कर्क-किसी धर्मस्थल की यात्रा-दर्शन आदि के सुयोग बनेंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। राजकीय व्यक्ति से परिचय बढ़ सकता है। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।


मंत्र : ॐ आनंदांनायकायै नम: मंत्र जाप करें।


सिंह-सेहत के बारे में लापरवाही भारी पड़ सकती है। काम करते समय किसी भी तरह की जल्दबाजी व लापरवाही न करें। वाहनादि के प्रयोग में सावधानी रखें। कुसंगति से बचें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो तथा दूसरे के कार्य में हस्तक्षेप न करें। व्यापार ठीक चलेगा!


मंत्र : ॐ दीप लक्ष्म्यै नम: मंत्र जाप करें।


कन्या-घर-बाहर सब तरफ हर कार्य में सहयोग प्राप्त होगा। किसी बड़ी समस्या का समाधान होगा। विवाह के इच्छुक व्यक्तियों को वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह व प्रसन्नता बने रहें!


मंत्र : ॐ सर्वमंत्रमयी नम: मंत्र जाप करें।


तुला-किसी संपत्ति का सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। किसी कार्य की बाधा दूर होकर लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। घर-बाहर वातावरण अनुकूल बनेगा। मित्रों व संबंधियों के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।


मंत्र : ॐ अंबे नम: मंत्र जाप करें।


वृश्चिक-किसी मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। रचनात्मक तथा बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। वरिष्ठ व्यक्तियों की शुभ सलाह प्राप्त होगी। रुके कार्यों में गति आएगी। धनार्जन होगा।


मंत्र : ॐ ब्रह्मांड नायिकायै नम: मंत्र जाप करें।


धनु-बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। मेहनत अधिक और लाभ कम होगा। कार्यों की सफलता में शंका रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धनहानि की आशंका है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय सामान्य रहेगा। प्रियजनों के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है।


मंत्र : ॐ विद्या लक्ष्म्यै नम: मंत्र जाप करें।


मकर-थोड़े प्रयास से कार्य पूर्ण होंगे। मित्रों व रिश्तेदारों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी बड़े कार्य को करने की योजना बनेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। परमार्थ करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। घर-बाहर प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी।


मंत्र : ॐ आद्य नायकायै नम: मंत्र जाप करें।


कुंभ-मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। अच्‍छी खबरें मिलेंगी। आय बनी रहेगी। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। किसी मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। विवेक का प्रयोग समस्या से मुक्ति दिलाएगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।


मंत्र : ॐ शांभवी नम


मीन-अप्रत्याशित लाभ के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य की अनुकूलता रहेगी। किसी बड़े काम के लंबित प्रयास अब सफल रहेंगे। अपेक्षित कार्य पूर्ण होने से उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। आलस्य न करें।


मंत्र : ॐ कात्यायनी नम: मंत्र जाप करें।


महत्वपूर्ण फल आलूबुखारा

अलूचा या आलू बुखारा (अंग्रेजी नाम : प्लम ; वानस्पतिक नाम : प्रूनस डोमेस्टिका) एक पर्णपाती वृक्ष है। इसके फल को भी अलूचा या प्लम कहते हैं। फल, लीची के बराबर या कुछ बड़ा होता है और छिलका नरम तथा साधरणत: गाढ़े बैंगनी रंग का होता है। गूदा पीला और खटमिट्ठे स्वाद का होता है। भारत में इसकी खेती बहुत कम होती है; परंतु अमरीका आदि देशों में यह महत्वपूर्ण फल है। आलूबुखारा (प्रूनस बुखारेंसिस) भी एक प्रकार का अलूचा है, जिसकी खेती बहुधा अफगानिस्तान में होती है। अलूचा का उत्पत्तिस्थान दक्षिण-पूर्व यूरोप अथवा पश्चिमी एशिया में काकेशिया तथा कैस्पियन सागरीय प्रांत है। इसकी एक जाति प्रूनस सैल्सिना की उत्पत्ति चीन से हुई है। इसका जैम बनता है।


आलू बुख़ारा एक गुठलीदार फल है। आलू बुख़ारे लाल, काले, पीले और कभी-कभी हरे रंग के होते हैं। आलू बुख़ारों का ज़ायका मीठा या खट्टा होता है और अक्सर इनका पतला छिलका अधिक खट्टा होता है। इनका गूदा रसदार होता है और इन्हें या तो सीधा खाया जा सकता है या इनके मुरब्बे बनाए जा सकते हैं। इनके रस पर खमीर उठने पर आलू बुख़ारे की शराब भी बनाई जाती है। सुखाए गए आलू बुख़ारों को बहुत जगहों पर खाया जाता है और उनमें ऑक्सीकरण रोधी (ऐन्टीआक्सडन्ट) पदार्थ होते हैं जो कुछ रोगों से शरीर को सुरक्षित रखने में मददगार हो सकते हैं। आलू बुख़ारों की कई क़िस्मों में कब्ज़ का इलाज करने वाले (यानि जुलाब के) पदार्थ भी होते हैं।


यह खटमिट्ठा फल भारत के पहाड़ी प्रदेशों में होता है। अलूचा के सफल उत्पादन के लिए ठंडी जलवायु आवश्यक है। देखा गया है कि उत्तरी भारत की पर्वतीय जलवायु में इसकी उपज अच्छी हो सकती है। मटियार, दोमट मिट्टी अत्यंत उपयुक्त है, परंतु इस मिट्टी का जलोत्सारण (ड्रेनेज) उच्च कोटि का होना चाहिए। इसकी सिंचाई आड़ू की भांति करनी चाहिए।


अलूचा का वर्गीकरण फल पकने के समयानुसार होता है :


(१) शीघ्र पकनेवाला, जैसे अलूचा लाल, अलूचा पीला, अलूचा काला तथा अलूचा ड्वार्फ;
(२) मध्यम समय में पकनेवाला, जैसे अलूचा लाल बड़ा, अलूचा जर्द तथा आलूबुखारा;
(३) विलंब से पकनेवाला, जैसे अलूचा ऐल्फा, अलूचा लेट, अलूचा एक्सेल्सियर तथा केल्सीज जापान।
अलूचा का प्रसारण आँख बाँधकर (बडिंग द्वारा) किया जाता है। आड़ू या अलूचा के मूल वृंत पर आंख बांधी जाती है। दिसंबर या जनवरी में १५-१५ फुट की दूरी पर इसके पौधे लगाए जाते हैं। आरंभ के कुछ वर्षों तक इसकी काट-छांट विशेष सावधानी से करनी पड़ती है। फरवरी के आरंभ में फूल लगते हैं। शीघ्र पकनेवाली किस्मों के फल मई में मिलने लगते हैं। अधिकांश फल जून-जुलाई में मिलते हैं। लगभग एक मन फल प्रति वृक्ष पैदा होता है।


समुदाय का विकसित जंतु घोंघा

उदरपाद (गैस्ट्रोपोडा) मोलस्का समुदाय में सबसे अधिक विकसित जंतु हैं। इनके शरीर सममित नहीं होते। प्रावार (मैंटल) दो टुकड़ों में विभाजित नहीं रहता, इसलिए खोल भी दो पार्श्वीय कपाटिकाओं का नहीं वरन् एक ही असममित कपाटिका का बना हुआ रहता है। यह कपाटिका साधारणत: सर्पिल आकृति में कुंडलीकृत होती है। इसके भीतर स्थित जंतु के शरीर का पृष्ठीय भाग भी, जिसमें आंतरंग (विसरा) का अधिकांश भाग रहता है और जिसे आंतरंग कुब्ब कहते हैं, सर्पिल आकृति में कुडलीकृत रहता है। शरीर ऊपर से नीची दिशा में चपटा रहता है। प्रावारीय गुहा में दो गलफड़ स्थित रहते हैं। बहुतों में केवल एक ही गलफड़ होता है। अधिकांश में एक शिर भी होता है जिसमें आकर्षणांग स्थित रहते हैं। शिर के पीछे अच्छी प्रकार से उन्नत एक औदरिक पैर रहता है। पैर का औदरिक तल चपटा, चौड़ा और बहुत फैला रहता है। वक्त्रगुहा में एक विशेष अवयव रहता है जिसको दंतवाही (ओडोंटोफ़ोर) कहते हैं। यह नन्हें नन्हें दाँतों के सदृश अवयव का आधार होता है। वृक्क केवल एक होता है। चेतासंहति में छह जोड़ी चेतागुच्छ पाए जाते हैं। उदरपाद एकलिंगों या उभयलिंगी हो सकते हैं। कृमिवर्धन में रूपांतरण का दृश्य भी देखने में आता है।


उदरपाद अधिकतर पानी में रहते हैं। इनकी आदिम जातियाँ समुद्रों में रहती हैं। ये समुद्र के पृष्ठ पर रेंगती हैं, कुछ कीचड़ या बालू में घर बनाती हैं या चट्टानों में छेद करती हैं। कुछ ऐसे भी उदरपाद हैं जो समुद्र के पृष्ठ पर उलटे रहकर तैरते हैं; विशेषकर टेरोपॉड और हेटेरोपॉड, जिनके पैर मछली के पक्षों (फ़िन्स) के समान होते हैं, खुले समुद्र के पृष्ठ पर तैरते देखे जाते हैं।


उदरपाद समुद्र में १८,०० फुट की गहराई तक पाए जाते हैं। बहुतेरे उदरपाद मीठे जल में भी रहते हैं। पलमोनेट नामक उदरपाद स्थल और ऊँचे ऊँचे पहाड़ों पर भी पाए जाते हैं। निम्न केंब्रियन युग के बहुतेरे जीवाश्मभूत उदरपादों का भी पता चला है।


घोंघा (स्नेल), मंथर (स्लग), पैरैला, एपलीशिया तथा ट्राइटन उदरपादों के मुख्य उदाहरण हैं। घोंघा और मंथर मनुष्य के भोजन के लिए उपयुक्त होते हैं। कुछ जंतु उद्यानों में पौधों को हानि पहुँचाते हैं। अनेक उदरपादों के खोलों से अलंकार, यंत्र तथा बरतन बनते हैं। कौड़ियों का पहले मुद्रा या सिक्के के रूप में प्रयोग होता था। शंख, जो मंदिरों में बजाया जाता है, एक विशेष उदरपाद की खोल है।


कनेर की जानलेवा सुंदरता

कनेर पीली का दूध शरीर की जलन को नष्ट करने वाला और विषैला होता है। इसकी छाल कड़वी भेदन व बुखार नाशक होती है। छाल की क्रिया बहुत ही तेज होती है, इसलिए इसे कम मात्रा में सेवन करते है। नहीं तो पानी जैसे पतले दस्त होने लगते हैं। कनेर का मुख्य विषैला परिणाम हृदय की मांसपेशियों पर होता है। इसे अधिकतर औषधि के लिये उपयोग में लाया जाता है।


विषाक्त:-कनेर का बीज विषाक्त होता है। एक बीज का सेवन भी जान लेने के लिये काफी है। कनेर का जहर डाइगाक्सीन ड्रग की तरह है। डाइगाक्सीन दिल की धड़कन की रफ्तार कम करता है। कनेर का एक बीज डाइगाक्सीन के सौ टैबलेट के बराबर होता है। पहले तो यह दिल की धड़कन को धीमा करता है और आखिरकार एकदम रोक दोता है। क्या यह सच है। अभी इसका कोई पक्का प्रमाण नही मिला है। कृपया इसका पक्का प्रमाण दे अगर आपके आस पास कनेर के बीजों से कुछ हुआ है तो कृपया जरूर बताएं


अभिमान रूपी बुराई का अंत

लंकाकाण्ड वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस का एक भाग (काण्ड या सोपान) है।


जाम्बवन्त के आदेश से नल-नील दोनों भाइयों ने वानर सेना की सहायता से समुद्र पर पुल बांध दिया। श्री राम ने श्री रामेश्वर की स्थापना करके भगवान शंकर की पूजा की और सेना सहित समुद्र के पार उतर गये। समुद्र के पार जाकर राम ने डेरा डाला। पुल बंध जाने और राम के समुद्र के पार उतर जाने के समाचार से रावण मन में अत्यंत व्याकुल हुआ। मन्दोदरी के राम से बैर न लेने के लिये समझाने पर भी रावण का अहंकार नहीं गया। इधर राम अपनी वानरसेना के साथ सुबेल पर्वत पर निवास करने लगे। अंगद राम के दूत बन कर लंका में रावण के पास गये और उसे राम के शरण में आने का संदेश दिया किन्तु रावण ने नहीं माना।


शांति के सारे प्रयास असफल हो जाने पर युद्ध आरम्भ हो गया। लक्ष्मण और मेघनाद के मध्य घोर युद्ध हुआ। शक्तिबाण के वार से लक्ष्मण मूर्छित हो गये। उनके उपचार के लिये हनुमान सुषेण वैद्य को ले आये और संजीवनी लाने के लिये चले गये। गुप्तचर से समाचार मिलने पर रावण ने हनुमान के कार्य में बाधा के लिये कालनेमि को भेजा जिसका हनुमान ने वध कर दिया। औषधि की पहचान न होने के कारण हनुमान पूरे पर्वत को ही उठा कर वापस चले। मार्ग में हनुमान को राक्षस होने के सन्देह में भरत ने बाण मार कर मूर्छित कर दिया परन्तु यथार्थ जानने पर अपने बाण पर बिठा कर वापस लंका भेज दिया। इधर औषधि आने में विलम्ब देख कर राम प्रलाप करने लगे। सही समय पर हनुमान औषधि लेकर आ गये और सुषेण के उपचार से लक्ष्मण स्वस्थ हो गये।


रावण ने युद्ध के लिये कुम्भकर्ण को जगाया। कुम्भकर्ण ने भी राम के शरण में जाने की असफल मन्त्रणा दी। युद्ध में कुम्भकर्ण ने राम के हाथों परमगति प्राप्त की। लक्ष्मण ने मेघनाद से युद्ध करके उसका वध कर दिया। राम और रावण के मध्य अनेकों घोर युद्ध हुये और अन्त में रावण राम के हाथों मारा गया। विभीषण को लंका का राज्य सौंप कर राम सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पकविमान पर चढ़ कर अयोध्या के लिये प्रस्थान किया।


श्रीराम का जीवनकाल,पराक्रम

श्रीराम का जीवनकाल एवं पराक्रम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है। रामायण में सीता के खोज में श्रीलंका जाने के लिए 25 किलोमीटर पत्थर के सेतु का निर्माण करने का उल्लेख प्राप्त होता है, जिसको रामसेतु कहते हैं, वह आज भी स्थित है, जिसकी कार्बन डेंटिंग में पांच हजार वर्ष पूर्व का अनुमान लगा गया है।


राम ( रामचंद्र )
निवासस्थान-अयोध्या, वैकुण्ठलोक (परमधाम)
अस्त्र-धनुष (कोदंड)
जीवनसाथी-सीता
माता-पिता-दशरथ (पिता),कौशल्या (माता)
एक माँ की संताने-भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न
बच्चे-कुश, लव
मान्यता अनुसार गोस्वामी तुलसीदास ने भी उनके जीवन पर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य रामचरितमानस की रचना की है। इन दोनों के अतिरिक्त अन्य भारतीय भाषाओं में भी रामायण की रचनाएं हुई हैं, जो काफी प्रसिद्ध भी हैं। खास तौर पर उत्तर भारत में राम अत्यंत पूज्यनीय हैं और आदर्श पुरुष हैं। इन्हें पुरुषोत्तम शब्द से भी अलंकृत किया जाता है। मर्यादा-पुरुषोत्तम राम, अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र थे। राम की पत्नी का नाम सीता था इनके तीन भाई थे- लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। हनुमान, राम के, सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं। राम ने लंका के राजा रावण (जिसने अधर्म का पथ अपना लिया था) का वध किया। राम की प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है। राम ने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता, यहाँ तक कि पत्नी का भी साथ छोड़ा। इनका परिवार आदर्श भारतीय परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। राम रघुकुल में जन्मे थे, जिसकी परम्परा प्रान जाहुँ बरु बचनु न जाई[1] की थी। राम के पिता दशरथ ने उनकी सौतेली माता कैकेयी को उनकी किन्हीं दो इच्छाओं को पूरा करने का वचन (वर) दिया था। कैकेयी ने दासी मन्थरा के बहकावे में आकर इन वरों के रूप में राजा दशरथ से अपने पुत्र भरत के लिए अयोध्या का राजसिंहासन और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास माँगा। पिता के वचन की रक्षा के लिए राम ने खुशी से चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार किया। पत्नी सीता ने आदर्श पत्नी का उदाहरण देते हुए पति के साथ वन जाना उचित समझा। भाई लक्ष्मण ने भी राम के साथ चौदह वर्ष वन में बिताए। भरत ने न्याय के लिए माता का आदेश ठुकराया और बड़े भाई राम के पास वन जाकर उनकी चरणपादुका (खड़ाऊँ) ले आए। फिर इसे ही राज गद्दी पर रख कर राजकाज किया। जब राम वनवासी थे तभी उनकी पत्नी सीता को रावण हरण (चुरा) कर ले गया। जंगल में राम को हनुमान जैसा मित्र और भक्त मिला जिसने राम के सारे कार्य पूरे कराये। राम ने हनुमान,सुग्रीव आदि वानर जाति के महापुरुषो की मदद से सीता को ढूँढ़ा। समुद्र में पुल बना कर लंका पहुँचे तथा रावण के साथ युद्ध किया। उसे मार कर सीता को वापस लाये। राम के अयोध्या लौटने पर भरत ने राज्य उनको ही सौंप दिया। राम न्यायप्रिय थे। उन्होंने बहुत अच्छा शासन किया इसलिए लोग आज भी अच्छे शासन को रामराज्य की उपमा देते हैं। इनके दो पुत्रों कुश व लव ने इनके राज्यों को सँभाला। वैदिक धर्म के कई त्योहार, जैसे दशहरा, राम नवमी और दीपावली, राम की वन-कथा से जुड़े हुए हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 08, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-65 (साल-01)
2. मंगलवार, 08 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,शुक्‍लपक्ष,तिथि-विजयदशमी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:16,सूर्यास्त 06:05
5. न्‍यूनतम तापमान -22 डी.सै.,अधिकतम-32+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, आद्रता बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


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एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को कड़ी फटकार लग...