मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022

अपने हितों को ध्यान में रखकर मतदान करें: टिकैत

अपने हितों को ध्यान में रखकर मतदान करें: टिकैत  

भानु प्रताप उपाध्याय           

सहारनपुर। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों से अपील की है कि वे अपने हितों को ध्यान में रखते हुये मतदान जरूर करें।प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि उनका संगठन उत्तर प्रदेश विधानसभा के महत्वपूर्ण चुनाव में खुद को राजनीतिक दलों से एक समान दूरी रखते हुए अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। हालांकि, 13 माह तक चले किसान आंदोलन के शीर्ष नेता प्रवक्ता राकेश टिकैत पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसानों के बीच पहुंच रहे हैं और उनसे अपील कर रहे हैं कि किसान सारे काम छोड़कर अवश्य ही मतदान करने जाए। 

मतदान वाले दिन कोई भी किसान घर और खेत पर न बैठें। उन्होंने कहा कि विधान सभा चुनाव लोकतंत्र का प्रमुख पर्व है। किसानों को अपने मत का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। किसान सोच समझकर किसान हितों को ध्यान में रखकर मतदान करें। किसानों को पता है कि उन्हें क्या करना है और कौन सी पार्टी उनके हितों के खिलाफ काम करती है और कौन सी पार्टी किसान हितों की पैरोकार है।

शिक्षकों ने मतदाता जागरूकता अभियान चलाया

शिक्षकों ने मतदाता जागरूकता अभियान चलाया  
सुनील पुरी      
फतेहपुर। राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज फतेहपुर-जसोदा के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने मंगलवार को मतदाता जागरूकता अभियान चलाया। उन्होंने डोर टू डोर जाकर लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं व समस्त स्टाफ के द्वारा ग्राम तेरारागी में मतदाता जागरूकता रैली निकाल कर लोगों को जागरूक किया। उन्होंने डोर टू डोर जाकर लोगों से 20 फरवरी को अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की। प्रधानाचार्य शिवमोहन सिंह कुशवाहा ने सभी मतदाताओं से निर्भीक होकर मतदान करने की अपील की। 
अभियान के दौरान शिक्षकों ने डोर टू डोर जाकर लोगों का कोरोना से बचाव करते हुए 20 फरवरी को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आह्वान किया। विद्यालय की अध्यापिका रचना वर्मा व छात्राओं द्वारा मनमोहक गीत प्रस्तुत किये गए। इस दौरान प्रधानाचार्य समेत समस्त स्टाफ व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

भाजपा प्रत्याशी को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया

भाजपा प्रत्याशी को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया   
अश्वनी उपाध्याय        
गाजियाबाद। मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को पंजाबी संगठन ने भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी डॉ. मंजु शिवाच को अपना पूर्ण समर्थन देने का वादा किया। इस अवसर पर पंजाबी संगठन के अध्यक्ष अजय ग्रोवर ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदीनगर में हमारी महिला इकाई, युवा इकाई, सनातन धर्म मंदिर, गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा गोविंदपुरी सहित सभी संगठनों ने भारतीय जनता पार्टी को जिताने का संकल्प लिया है। अजय ग्रोवर ने कहा की पंजाबी समाज हमेशा राष्ट्र एवं प्रदेश की भलाई के लिए जो अच्छा होता है। ग्रोवर ने कहा कि मोदीनगर में हमारी सभी इकाईयां वह महिला इकाई हो युवा इकाई हो या हमारे साथी सनातन धर्म मंदिर, गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा गोविंदपुरी, सभी संस्थाओं ने एकमत से निर्णय लिया है कि हम सब अपनी पूरी जान लगा कर भाजपा प्रत्याशी को जिताने का प्रयास करेंगे।
संगठन के प्रदेश संयोजक ललित अरोड़ा ने कहा कि मोदीनगर में इस बार हमारी बहन मंजू शिवाच ना सिर्फ रिकॉर्ड मतों से जीतेंगी। बल्कि वह अवश्य ही मंत्री भी बनेगी। पंजाबी संगठन मोदीनगर के महासचिव एवं पूर्व सभासद राजकुमार खुराना जिन्होंने मंगलवार को अपने सैकड़ों साथियों के साथ भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया। 
इस अवसर पर गोविंदपुरी एवं रुकमणी मार्केट के सभी व्यापारी भाइयों ने भी एकमत होकर बहन मंजू सिवाच को समर्थन देने का वायदा किया। सभा में बोलते हुए सांसद सत्य पाल सिंह ने कहा कि पंजाबी समाज हमेशा सेवा कार्य में अग्रणी रहा है और उन्होंने हमेशा भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया है। इस अवसर पर पंजाबी संगठन द्वारा डॉ. मंजू शिवाच को भेंट स्वरूप 2,51000 रुपए की सहयोग राशि भी प्रदान की गई।

लोनी विधानसभा में रंजीता का रोड शो, लैस गो

 लोनी विधानसभा में रंजीता का रोड शो, लैस गो
अश्वनी उपाध्याय       
गाजियाबाद। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन लोनी विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को निर्दलीय प्रत्याशी रंजीता धामा ने रोड शो किया। रंजिता धामा का रोड शो बेहटा हाजीपुर स्थित उनके कार्यालय से शुरू होकर लोनी बॉर्डर, जवाहर नगर, गुलाब वाटिका, विकास कुंज, इन्द्रापुरी, दो नंबर, बलराम नगर, लोनी तिराहे से होता हुआ खन्ना नगर, गढ़ी कटैया, पुश्ता रोड से लगे सभी वार्ड, मीरपुर, मंडोला, पचायरा, ट्रॉनिका सिटी समेत बाग रानप, बन्थला, टीला शहबाजपुर समेत दर्जनों वार्डों और गांवों में होता हुए। वापस उनके कार्यालय पर समाप्त हुआ। रोड शो में गाड़ियों के काफिले समेत दोपहिया वाहन, ट्रैक्टर और ऑटो आदि के माध्यम से रंजीता धामा के लाखों समर्थकों ने चुनावी समर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।

इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए रंजीता धामा ने विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि दुष्ट लोग आज आंखें खोलकर देख लें कि ये वो जनसमूह है जो लोनी में सत्य के साथ और असत्य के खिलाफ खड़ा है। चुनावी परिणाम इस बात पर मुहर लगा देंगे कि मनोज धामा लोनी के लोगों के दिलों में बसते हैं। जहां से तुम लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें निकाल नहीं सकते।रंजीता धामा ने कुछ लोगों पर उनके समर्थकों में शामिल महिलाओं से भी अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब हम अपना चुनाव-प्रचार करते हुए, दिल्ली सहारनपुर रोड स्थित बलराम नगर लालबाग मंडी रोड कट के पास पहुंचे तो कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा नाम ना बताते हुए, व्यक्ति विशेष के इशारे पर उनके समर्थकों से अभद्रता करने का आरोप लगाया। यही जनता उन्हें 'वोट की चोट' से सबक सिखाने का कार्य करेगी। सबसे खास बात अंत में उन्होंने कहा, कि हम अपने लक्ष्य के बेहद करीब है, फाइनली लेस गो।

भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो किया: रवि

भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो किया: रवि   

अश्वनी उपाध्याय      
गाजियाबाद। भोजपुरी फिल्मों के स्टार व भाजपा सांसद रवि किशन ने गाज़ियाबाद सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अतुल गर्ग के समर्थन में विजयनगर में रोड शो किया। रोड शो के दौरान, खुली जीप में सवार रवि किशन के साथ भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग पर जगह-जगह फूलों से वर्षा की गई।

इस दौरान रवि किशन ने कहा कि योगी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए समान रूप से कार्य किया है। किसी की जाति या चेहरा देखकर काम नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि नए भारत का नए उत्तर प्रदेश का निर्माण हो रहा है। आज योगी सरकार में बहन-बेटियां सुरक्षित हैं, माफिया-गुंडों पर सख्त कार्रवाई की गई है। आज उत्तर प्रदेश में अमन-शांति कायम है जबकि सपा सरकार में दंगे थमने का नाम नहीं ले रहे थे। रोड शो के जरिए त्रिपाठी मेडिकल स्टोर सेक्टर 9 विजय नगर चौक से प्रारम्भ होकर स्वदेशी चौक से होते हुए लीलावती स्कूल तक सांसद रवि किशन ने जन सम्पर्क किया। उन्होंने जगह-जगह वह गाना गाकर भी सुनाया जो सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है। जे कब्बो न रहल अब बा, यूपी में सब बा।

रोड शो में प्रमुख रूप से महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, सुशील गौतम, सुनील यादव, रनिता सिंह, दिवाकर सिंघल, देवी सिंह नगर, ललित कश्यप,आशु गुर्जर, राज पांडे, अमित चौधरी, पंकज शर्मा, अमरदीप, सोनू कुमार, दीपक शर्मा, सुशील कुमार मौर्या, पंकज मौर्या, चंपा माहौर, चंचल माहौर, जितेंद्र यादव, पवन कश्यप, जीतू, योगेश शर्मा, जोगिंदर जाटव, अनिल, खुशी, अनिता, रिचा भदोरिया, पूनम शर्मा, पूनम गुप्ता, प्रीति, जमुना, गरिमा, सोनी , सोनिका नेगी, रामू, जगदीश, हरीश, लेखराज माहौर, राजीव दिवाकर, सुनील शर्मा, तारा जोशी, रोहित पंडित, अनिल स्वामी, सुरेंद्र नागर, सुरेंद्र सेन, सूरज सेन, राहुल सिंह, अंकित शर्मा, पवन शर्मा, सुधीर शर्मा, मुन्ना लाल त्रिपाठी, संजू त्रिपाठी आदि सैकड़ो की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता एवं नगरवासी उपस्थित रहे।

भारत में टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का सीजन शुरू हुआ

भारत में टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का सीजन शुरू हुआ   

मोमीन मलिक      

नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद भारत में घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का सीजन शुरू होने जा रहा है।बीसीसीआई इस टूर्नामेंट को दो चरणों में आयोजित करेगा। सभी राज्यों ने इसके लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दीं हैं। अब विस्फोटक ओपनर बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। वह आईपीएल मेगा ऑक्शन से पहले एक टीम के कप्तान बन गए हैं और भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व उपकप्तान अजिंक्य रहाणे को उनकी कप्तानी में खेलना होगा।

पृथ्वी शॉ रणजी ट्रॉफी में मुंबई टीम के कप्तान बनाए गए हैं। रणजी ट्रॉफी में 41 बार के चैंपियन मुंबई को ग्रुप डी में सौराष्ट्र, गोवा और ओडिशा के साथ रखा गया है। टीम अपने लीग मुकाबले अहमदाबाद में खेलेगी। अध्यक्ष सलील अंकोला, गुलाम पारकर, सुनील मोरे, प्रसाद देसाई और आनंद यालविगी की मुंबई की सीनियर चयन समिति ने युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को 21 सदस्यीय टीम का कप्तान चुना है। मुंबई के चयनकर्ताओं ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे आलराउंडर अर्जुन तेंदुलकर को भी टीम में शामिल किया है। टीम की घोषणा मुंबई क्रिकेट संघ की वेबसाइट पर की गई।सीनियर विकेटकीपर बल्लेबाज आदित्य तारे और तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी को भी टीम में जगह मिली है।

10 करोड़ डॉलर के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी

10 करोड़ डॉलर के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी   
सुनील श्रीवास्तव         
वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। ताइवान को लेकर अमेरिकी और चीन के बीच तल्खी और बढ़ती ही जा रही है। चीन ने मंगलवार को ताइवान को हथियारों की आपूर्ति पर 10 करोड़ डॉलर के सौदे के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी दी है। चीन ने कहा कि बीजिंग अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्वशासी द्वीप द्वारा उपयोग की जाने वाली पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली को 'निरंतर' और 'सुधार करने के लिए ताइवान को उपकरणों और सेवाओं की संभावित यूएसडी 100 मिलियन की बिक्री को मंजूरी दी है।
बता दें कि चीन और ताइवान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। मानवाधिकार, कोरोना महामारी और व्यापार से संबंधित हालिया मुद्दों में चीन और अमेरिका के बीच संबंध भी खराब हुए हैं।
बयान में कहा गया कि यह प्रस्तावित बिक्री अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और एक विश्वसनीय रक्षात्मक क्षमता बनाए रखने के लिए प्राप्तकर्ता के निरंतर प्रयासों का समर्थन करके अमेरिकी राष्ट्रीय, आर्थिक और सुरक्षा हितों की सेवा करती है। प्रस्तावित बिक्री प्राप्तकर्ता की सुरक्षा में सुधार करने और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने में सहायता करेगी, सैन्य संतुलन और आर्थिक क्षेत्र में प्रगति तेज होगी। साथ ही बयान में कहा गया है कि इस उपकरण और समर्थन की प्रस्तावित बिक्री से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं आएगा।
इस बीच, ताइवान ने 10 करोड़ डालर की हथियारों की बिक्री को मंजूरी देने के अमेरिकी कदम का स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम ताइवान को 100 मिलियन अमरीकी डालर के हथियारों की बिक्री के लिए राज्य विभाग की मंजूरी का स्वागत करते हैं। यह निर्णय ताइवान संबंध अधिनियम और छह आश्वासन के प्रति अमेरिकी सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। यह हमारी रक्षात्मक क्षमताओं के रखरखाव के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति और स्थिरता का भी समर्थन करता है।

गांव-गांव जाकर सरकार की उपलब्धियों को बताएं

गांव-गांव जाकर सरकार की उपलब्धियों को बताएं 
पंकज कपूर     
बागेश्वर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है। सरयू गोमती के संगम बागनाथ की धरती कुली बेगार आंदोलन के जन्मभूमि को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि यह भूमि आजादी के आंदोलन की भूमि कहा जाता है। नुमाइशखेत मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि गांव-गांव जाकर सरकार की उपलब्धियों को बताएं। विधायकों को जिताकर कुर्सी पर बैठाने नहीं बल्कि आने वाले समय की विकास योजनाओं का खाका तैयार करने आए हैं। भाजपा के अलावा कोई अन्य पार्टी राष्ट्रीय पार्टी नहीं रह गई। भाजपा के अलावा अन्य पार्टियां परिवार की पार्टी बनकर कर रह गईं। श्री नड्डा ने कहा कि पीएम मोदी ने जनधन खाते खोलकर भारत के गरीबों को मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया। वर्ष 1971 में इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। लेकिन गरीबों के खाते नहीं खुल पाए। वर्ष 2014 तक केवल बैंकों में जहां पौने तीन करोड़ खाते थे, जो अब 40 करोड़ हो गये हैं। करोनाकाल में इन जनधन वाले खातों में पांच-पांच सौ रुपये डाले गए। उत्तराखंड के 26 लाख 83 हजार खातों में यह पैसा आया।
 वर्ष 1966 में राम मनोहर लोहिया ने भारत की महिलाओं के खुले में शौच को लेकर मुद्दा उठाया था पर उसपर कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 करोड़ शौचालय पूरे देश में बनाए हैं। जिसमें पांच लाख 22 हजार उत्तराखंड में बने हैं। उज्ज्वला योजना से भारत में दस करोड़ सिलेंडर महिलाओं को मिले हैं। जिसमें तीन लाख 65 हजार राज्य की लाभान्वित होने वाली महिलाएं भी शामिल हैं। 18 हजार गांवों को बिजली से जोड़कर 2.62 करोड़ परिवारों तक रोशनी पहुंचाई।
वन रैंक वन पेंशन भाजपा की सरकार ने लागू किया। समूह ग व घ में सैनिक परिवार के लिए रोजगार की व्यवस्था दी। देश की रक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने का काम भाजपा की सरकार ने किया। नड्डा ने कहा कि बुलेट प्रूफ जैकेट भारत के सैनिकों के पास नहीं थे। आज भारत बुलेटप्रूफ जैकेट विदेशों को भी निर्यात कर रहा है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग भगवान राम को काल्पनिक कहते थे उन्हें बीजेपी ने मंदिर जाना सिखा दिया।

31 जनवरी से जारी एसओपी को संशोधित किया

31 जनवरी से जारी एसओपी को संशोधित किया  
पंकज कपूर       
देहरादून। उत्तराखंड में राजनीतिक दल सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक चुनाव प्रचार कर सकेंगे। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोविड 19 के तहत 31 जनवरी से जारी एसओपी को संशोधित कर दिया है। आठ बजे के बार चुनाव प्रचार व अन्य राजनीतिक कार्यक्रम प्रतिबंधित रहेंगे। सोमवार को मुख्य सचिव ने नई कोविड गाइडलाइन्स जारी करते हुए राजनीतिक दलों के लिए नए मानक लागू किए। खुले स्थानों में मैदान की क्षमता के 50 प्रतिशत भीड़ जुटाने की सुविधा खत्म कर दी गई है।
अब से खुले मैदानों में मैदान की क्षमता का केवल 30 प्रतिशत भीड़ लाने की अनुमति होगी। भवनों के भीतर होने वाली बैठक-सभाओं के लिए 50 प्रतिशत का मानक यथावत लागू रहेगा। मुख्य सचिव के अनुसार सभा-रैली के दौरान कोविड 19 संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना होगा। 31 जनवरी की एसओपी के बाकी मानक अगले आदेशों तक यथावत लागू रहेंगे।

चुनाव: तेजी से लोगों के बीच पकड़ बना रहीं कैची

चुनाव: तेजी से लोगों के बीच पकड़ बना रहीं कैची   
पंकज कपूर     
देहरादून। किच्छा विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशी अजय तिवारी का चुनाव चिन्ह कैची तेजी के साथ लोगों के बीच अपनी पकड़ बना रहीं है। हालांकि कैंची की धार से किच्छा विधानसभा में कमल को काफी नुकसान हो रहा है। जिसका फायदा कांग्रेस को मिलता दिख रहा है, जो किच्छा चुनाव में समीकरण को बिगाड़ सकता है।
बता दें, किच्छा शहर में भाजपा से विधायक राजेश शुक्ला व कांग्रेस प्रत्याशी तिलक राज बेहड़ में सीधी टक्कर देखने को मिल रही थी, जिसके बाद भाजपा से बागी हुए निर्दलीय प्रत्याशी अजय तिवारी ने दावेदारी कर दी। 
जिससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं और कांग्रेस की राह आसान हो गई है। बता दें निर्दलीय प्रत्याशी अजय तिवारी काफी लंबे समय से समाजहित में कार्य कर रहे हैं और निरंतर जनसेवा में जुटे रहते हैं। जिसको लेकर उन्होंने भाजपा हाईकमान से टिकट की मांग की लेकिन संगठन ने उनपर भरोसा नहीं जताया। जिसके बाद वह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए हैं। अजय तिवारी के चुनाव लड़ने से भाजपा को काफी नुकसान मिल रहा है लेकिन इसका सीधा फायदा कांग्रेस को होता दिख रहा है। 
निर्दलीय प्रत्याशी अजय तिवारी की कैंची कमल को सीधा नुकसान दे रही है हालांकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को उन्हें मनाने भेजा था लेकिन अजय तिवारी घर पर नहीं मिले, जिससे उन्हें बैरंग वापिस लौटना पड़ा। मौजूदा स्थिति को देखते हुए अजय तिवारी का चुनाव चिन्ह कैंची कमल के लिए घातक साबित हो रहा है और कांग्रेस पूरे प्रकरण में माहौल बनाने में जुट गई है।

राष्ट्रीय महासचिव ने जिलाध्यक्ष को दिखाया तमाचा

राष्ट्रीय महासचिव ने जिलाध्यक्ष को दिखाया तमाचा    
संदीप मिश्र       
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान आगरा के बाह में समाजवादी पार्टी की रैली में अजीब वाकया देखने को मिला। सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के सामने हुई इस घटना को देखकर सभा में मौजूद लोग भी हैरान रह गए। दरअसल बाह विधानसभा क्षेत्र में हो रही रैली में सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद रामजी लाल सुमन अपना भाषण शुरू करने जा रहे थे, लेकिन इस दौरान पार्टी जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा और सपा प्रमुख अखिलेश यादव बात करने लगे।
इसके बाद रामजी लाल जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा के पास पहुंचे और चुप रहने की हिदायत दी। इसके बाद जैसे ही रामजी लाल सुमन ने माइक संभालकर कहा कि, ‘मैं अखिलेश को पूर्व मुख्यमंत्री नहीं मानता। मैं उन्हें भावी मुख्यमंत्री मानता हूं।’ वैसे ही जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा और अखिलेश यादव फिर बातचीत करने लगे।
यह देखकर सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन को गुस्‍सा आ गया और तेज रफ्तार से जिलाध्यक्ष वर्मा के पास पहुंचे और थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठा दिया। हालांकि अखिलेश यादव ने तेजी दिखाते हुए जिलाध्‍यक्ष को बचा लिया। इस दौरान जिलाध्यक्ष वर्मा सहम गए, लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव हंसते नजर आए। इसके बाद अखिलेश यादव ने हाथ जोड़कर सभा मौजूद लोगों से माफी मांगी और फिर मास्‍क हटाकर हंसते रहे। वहीं, रामजीलाल सुमन   का मंच पर सपा जिलाध्‍यक्ष को तमाचा दिखाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

10वीं-12वीं कक्षा के नतीजों को किया जाएगा जारी

10वीं-12वीं कक्षा के नतीजों को किया जाएगा जारी  
अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन द्वारा कक्षा 10वीं और ऑफ सेकंडरी एजुकेशन द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं टर्म-1 एग्जाम रिजल्ट डेट को लेकर नया अपडेट सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सीबीएसई द्वारा दो सप्ताह के अंदर 10वीं-12वीं कक्षा के नतीजों को जारी कर दिया जाएगा। यहां देख सकेंगे रिजल्ट 10वीं-12वीं टर्म-1 बोर्ड एग्जाम के नतीजों को सीबीएसई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा।
रिजल्ट का लिंक ओपन होते ही अभ्यर्थी कुछ जरूरी डिटेल्स दर्ज कर अपना स्कोर चेक कर सकेंगे। अभ्यर्थी पर जाकर भी अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं। बता दें, डिजिलॉकर के माध्यम से अभ्यर्थी 10वीं और 12वीं कक्षा की मार्कशीट, सर्टिफिकेट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट भी डाउनलोड कर सकते हैं।
सीबीएसई द्वारा 10वीं कक्षा के टर्म-1 एग्जाम 30 नवंबर से 11 दिसंबर 2021 और 12वीं कक्षा के टर्म-1 एग्जाम भी इसी दौरान आयोजित किए गए थे। सीबीएसई द्वारा कोरोना को देखते हुए इस बार दो टर्म में एग्जाम आयोजित करवाने का फैसला लिया गया। टर्म-1 के बाद अब टर्म-2 एग्जाम होने हैं। बताया जा रहा है कि टर्म-2 एग्जाम एमसीक्यू टाइप में आयोजित होगा। 2 घंटे की यह परीक्षा अप्रैल-मई में आयोजित की जा सकती है।

2021 में 5 लाख लोगों ने फेसबुक का दामन छोड़ा

2021 में 5 लाख लोगों ने फेसबुक का दामन छोड़ा  

अकांंशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। फेसबुक के दिन सही नहीं चल रहे हैं, ऐसा कहना गलत नहीं होगा। लगता है कि फेसबुक यूजर्स को मेटा नाम पसंद नहीं आया है। कंपनी की तरफ से एक तिमाही रिपोर्ट जारी की गई है। जिसके मुताबिक, 2021 में करीब 5 लाख लोगों ने फेसबुक का दामन छोड़ दिया है। कंपनी ने पिछली तिमाही के आधार पर चौथी तिमाही में आधा मिलियन ग्लोबल डेली यूजर्स को खो दिया है। कंपनी के लॉन्च से लेकर अब तक यह पहली बार है जब कंपनी के डेली एक्टिव यूजर्स में गिरावट देखी गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक,  व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम लिए यूजर ग्रोथ भी एकदम कम रही। जिसे ना के बराबर कहा जा सकता है। आंकड़ों पर गौर करें तो 17 वर्षों में पहली फेसबुक के यूजर्स में गिरावट देखने को मिली है। मेटा के तिमाही फाइनेंशियल रिजल्टमें बताया गया है कि कंपनी का परफॉर्मेंस एनालिस्ट उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है। जहां एक तिमाही पहले कंपनी के डेली एक्टिव ग्लोबल यूजर्स की संख्या 1.930 अरब थी वो अब अब 1.929 अरब रह गई है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को जो सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है डेली एक्टिव यूजर्स में वो नॉर्थ अमेरिका से है। 5 लाख यूजर्स में सबसे टॉप पर नॉर्थ अमेरिका रहा। बता दें कि विज्ञापन के जरिए यहां पर सबसे ज्यादा कमाई होती है।

मेटा के अनुसार, एप्पल ने प्राइवेसी पॉलिसी में जो बदलाव किए हैं। उसके चलते कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर ऐड के लिए यूजर्स को टारगेट नहीं कर पा रही है। कंपनी ने यह भी बताया है कि उसे इसके बाद सबसे ज्यादा नुकसान टिकटॉक और गूगल के यूट्यूब से भी हुआ है।दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 10.3 अरब डॉलर की कमाई की थी। इस दौरान कंपनी की बिक्री की बात करें तो यह एक साल पहले 28.1 अरब डॉलर से बढ़कर 33.67 अरब डॉलर हो गई थी। वहीं, प्रति शेयर हुई कमाई पर गौर किया जाए तो यह 3.88 डॉलर (साल भर पहले) से कम होकर 3.67 डॉलर पर आ गई है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 200 अरब डॉलर यानी करीब 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।

उत्तराखंड: 12 फरवरी को चुनावी रैली करेंगी प्रियंका

उत्तराखंड: 12 फरवरी को चुनावी रैली करेंगी प्रियंका  
पंकज कपूर    
देहरादून। उत्तराखंड में 10 फरवरी को सियासी घमासान होगा। एक तरफ जहां चुनाव प्रचार को धार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड आएंगे। वहीं, कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी तीसरी बार उत्तराखंड के दौरे पर पहुंचेंगे। प्रियंका गांधी भी 12 फरवरी को उत्तराखंड में चुनावी रैली करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दस फरवरी को अल्मोड़ा आ सकते हैं। पीएम के आगमन के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में एक बैठक की। भाजपा जिलाध्यक्ष रवि रौतेला ने बताया कि जिले में चुनाव प्रचार के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम तय किए गए हैं।
मंगलवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जागेश्वर क्षेत्र में जनसभा करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नौ फरवरी को सल्ट सीट में जनसभा करेंगे। दस फरवरी को अल्मोड़ा के सिमकनी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है। बैठक में प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट, केदार जोशी, गोविंद पिलख्वाल, ललित लटवाल, शिवेंद्र प्रधान, विनोद रावत, कृष्णा रावत, दर्शन रावत आदि थे। वहीं, कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 10 फरवरी को तीसरी बार उत्तराखंड का दौरा करेंगे। पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 12 फरवरी को उत्तराखंड पहुंचेंगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी 10 फरवरी को श्रीनगर और अल्मोड़ा में रैली को संबोधित करेंगे।
जबकि, प्रियंका गांधी वाड्रा 12 फरवरी को ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में रैली को संबोधित करेंगी। महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि दोनों नेताओं को कार्यक्रम लगभग तय है। हालांकि अभी एआईसीसी से कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि राहुल और प्रियंका गांधी के अलावा भी तमाम दूसरे नेता उत्तराखंड में प्रचार के लिए आ रहे हैं।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने में जमकर किया हंगामा

भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने में जमकर किया हंगामा 

पंकज कपूर          

हरिद्वार। हरिद्वार में भाजपा कार्यकर्ताओं ने देर रात कनखल थाने में पहुंचकर जमकर हंगामा किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी और उनके समर्थकों पर बैरागी कैंप क्षेत्र के निवासियों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया। 

हंगामा कर रहे लोगों का कहना है कि सतपाल ब्रह्मचारी और उनके समर्थक बैरागी कैंप क्षेत्र में वोट मांगने पहुंचे थे। इस बीच कुछ स्थानीय लोगों ने उनसे सवाल पूछे। जिसके बाद वहां कहा सुनी हो गई और फिर मारपीट की नौबत आ गई। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एक पक्ष की ओर से शिकायत मिली है। जिसके बाद मामले की जांच की जा रही है।

आस्ट्रेलिया में 'पृथ्वी' की सबसे पुरानी चट्टानें मिलीं

आस्ट्रेलिया में 'पृथ्वी' की सबसे पुरानी चट्टानें मिलीं 
अखिलेश पांडेय        
वाशिंगटन डीसी/ सिडनी। पश्चिमोत्तर ऑस्ट्रेलिया के पिलबारा में पृथ्वी की कुछ सबसे पुरानी चट्टानें मिली हैं। जो 3.6 अरब वर्ष से अधिक पुरानी हैं।
यह जानकारी अमेरिका के स्पेस एजेंसी राष्ट्रीय वैमानिकी और अन्तरिक्ष प्रबंधन (नासा) ने दी है। नासा के मुताबिक ये लौह-समृद्ध चट्टानें वायुमंडलीय ऑक्सीजन की उपस्थिति और यहां तक कि जीवन की शुरुआत से पहले बनी थीं। आगे यह भी पता चला कि इन चट्टानों पर 3.45 अरब साल पुराने जीवाश्म स्ट्रोमेटोलाइट्स, माइक्रोबियल साइनोबैक्टीरिया की कॉलोनियां थीं।
नासा ने बताया है कि यहां की प्राप्ति छवि एस्टर का एक सम्मिश्रण है, जो नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल), जापान के अर्थव्यवस्था व्यापार और उद्योग मंत्रालय, देशों के वैज्ञानिक तथा उद्योग संगठनों के बीच एक संयुक्त प्रयास के पाँच पृथ्वी-अवलोकन उपकरणों में से है।

भाजपा का यूके में मुख्यमंत्री बदलने का काम: कांग्रेस

भाजपा का यूके में मुख्यमंत्री बदलने का काम: कांग्रेस  
पंकज कपूर         
देहरादून। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि उत्तराखंड की तकदीर व तस्वीर बदलने का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने सिर्फ प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने का काम किया। उन्होंने प्रदेश व केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए तमाम तथ्य पेश करते हुए कहा कि जनता स्वयं भाजपा के काम का आंकलन कर सकती है।
यहां होटल शिखर के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में सुरजेवाला ने कहा कि पुण्य और पराक्रम की देवभूमि उत्तराखंड को 5 सालों में भाजपा ने महंगाई और बेरोजगारी के अंधे कुएं में धकेल दिया। उत्तराखंड के भविष्य पर ग्रहण लगाया व मेहनती बहादुर जनता की महंगाई से जेब काटी।
उन्होंने कहा कि बेरोज़गारी से उत्तराखंड के युवा बेज़ार हो चुके हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने हाल ही में चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उत्तराखंड की बेरोजगारी की भयावह तस्वीर सामने आई हैं। उत्तराखंड में साल 2021 में 20 से 29 वर्ष के आयु वर्ग में बेरोजगारी की दर 56.41 प्रतिशत है। 20 से 24 वर्ष के आयु वर्ग में बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा 81.76 प्रतिशत। 25 से 29 वर्ष में यह दर 24.39 प्रतिशत है। वहीं सबसे चौंकानेवाली बात है कि प्रदेश में 20 से 24 वर्ष के आयु वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी की दर 100 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि जो हाल मोदी ने देश का किया, वही उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने प्रदेश का किया है। उत्तराखंड में बेरोजगारी की यह बिसात नई नहीं। महामारी से पहले भी अक्टूबर से दिसंबर, 2019 में
उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर 19 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में केंद्रीय विभागों, केंद्रीय सरकारी उपक्रमों व सरकारी संस्थाओं में 30 लाख) खाली पड़े हैं। सुरेजेवाल ने कहा कि दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा कर सत्ता में भाजपा आई, लेकिन नरेंद्र मोदी सात साल में 14 करोड़ नौकरियां तो दी नहीं, उल्टा पिछले 2 साल में 12.20 करोड़ रोजगार जरूर चले गए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के 2021-22 के बजट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। राजपत्रित और अराजपत्रित पदों का विवरण देते हुए सरकार ने खुद बताया है कि प्रदेश भर में विभिन्न विभागों में करीब 57,000 पद खाली पड़े हैं, जो प्रदेश के कुल मंजूरशुदा पदों का 23 प्रतिशत हैं। 
शर्मनाक तो यह है कि खुद मुख्यमंत्री, पुष्कर सिंह धामी 30 सितम्बर को अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट कर जानकारी देते हैं कि राज्य में पिछले साढ़े चार साल में मात्र 15,000 अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन हुआ है। एक ओर सरकारी विभागों में 57 हजार पद खाली हैं, दूसरी ओर सरकार साढ़े चार साल में मात्र 15,000 रोजगार की शेखी बघारती है। जून 2021 में आयी “उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग” की रिपोर्ट ने बताया कि लगभग 3.5 लाख से अधिक प्रवासी सितम्बर 2020 तक अपने मूल स्थानों को लौटे, जिनमें अधिकतर पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा से थे। रोजगार न मिलने के कारण 29 प्रतिशत लोग रोजगार के लिये पुनः पलायन कर गए। 
सुरेजेवाला ने कहा कि हाल ही में मोदी सरकार की श्रम मंत्रालय की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि राष्ट्रीय करियर सेवा के तहत प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए उत्तराखंड को मिलने वाले रोजगार मेले का बजट खत्म ही कर दिया। मजदूरों से भी विश्वासघात हुआ है। उन्होंने कहा कि चुनाव के मौके पर उत्तराखंड की धोखेबाज भाजपा सरकार ने वादा किया कि मनरेगा में 150 दिन का रोजगार देंगे, पर सच्चाई यह है कि अब तक साल में 38 दिनों का ही रोजगार मिल रहा है।
सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा के रोजगार कार्यालय ने ही उत्तराखंड में भयंकर बेरोजगारी की पोल खोल दी है। उत्तराखंड के बेरोजगार कार्यालयों में आज की तारीख में 08 लाख बेरोजगारों ने अपना रजिस्ट्रेशन कर रखा है। शर्मनाक तरीके से इन एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से 2017-18 में मात्र 0.84 प्रतिशत लोगों को नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराए गए। 2018-19 में 0.68 प्रतिशत लोगों को और 2019-20 में मात्र 0.34 प्रतिशत लोगों को।
वहीं, भाजपा सरकार में महंगाई प्रचंड है। पेट्रोल, डीज़ल, दाल, तेल, नमक, सब्जी, सब लोगों की पहुँच के बाहर कर दिए गए हैं। आज अल्मोड़ा-हलद्वानी में घर का खाना बनाने की गैस रूपये 937 पार है, बाज़ार की खाना बनाने की गैस रूपये 2,077 पार है, पेट्रोल रूपये 94 पार, डीज़ल रूपये 87 पार, खाना बनाने का सरसों तेल रूपये 200 पार है। तुअर दाल रूपये 100 पार, मूंग दाल रूपये 125 पार और उड़द दाल रूपये 130 पार हो गई है। चाय अब रूपये 200 किलो तक महंगी हो गई है। प्रेस वार्ता में मिनाक्षी ओला, पीतांबर पांडे, प्रकाश चंद्र जोशी आदि तमाम वरिष्ठ कांग्रेसी नेतागण मौजूद थे।

सरकार को घेरने की योजना बना रहीं भाजपा: सत्र

सरकार को घेरने की योजना बना रहीं भाजपा: सत्र 
नरेश राघानी         
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के बुधवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। क्योंकि मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसानों, युवाओं और कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की योजना बना रही है। बजट सत्र की शुरुआत बुधवार सुबह 11 बजे राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। सदन के कामकाज पर फैसला करने के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा का यह सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है, जब राज्य की कांग्रेस सरकार राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 (रीट) के पेपर लीक प्रकरण को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के निशाने पर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट सत्र से ठीक पहले सोमवार को रीट लेवल-2 परीक्षा रद्द कर युवाओं को राहत दी है। इसके अलावा किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा भी भाजपा उठा सकती है।
कर्ज नहीं चुकाने वाले किसानों की जमीन कुर्की करने तथा इस संबंध में नोटिस जारी किए जाने के विरोध में दौसा जिले के कुछ किसानों ने हाल ही में जयपुर में प्रदर्शन किया था। हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जमीन की नीलामी प्रक्रिया को रोकने का निर्देश दिया था। विपक्षी दल भाजपा ने कहा कि किसानों, युवाओं से जुड़े कई मुद्दे हैं जहां सरकार उदासीन रही है और उन्हें विधानसभा में प्रमुखता से उठाया जाएगा। बजट सत्र से पहले कांग्रेस तथा उसके सहयोगी विधायकों का तीन दिवसीय शिविर यहां एक होटल में हुआ।
इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने विधायकों से संवाद किया। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक मंगलवार को विधानसभा परिसर में हुई। इसमें नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित अन्य विधायक शामिल हुए। पार्टी प्रवक्ता के अनुसार, भाजपा विधायक दल की बैठक में रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच सहित अन्य मुद्दों पर आर-पार की लड़ाई लड़ने की रणनीति पर चर्चा की गई।

कांग्रेस की संकल्पना में गैर संवैधानिक नेशन: पीएम

कांग्रेस की संकल्पना में गैर संवैधानिक नेशन: पीएम 
अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस का संघवाद पर बार-बार सवाल उठाये जाने को लेकर उस पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि उसे अपना नाम ‘इंडियन नेशनल कांग्रेस’ से बदल कर ‘फेडरेशन आफ कांग्रेस’ कर लेना चाहिए। पीएम मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर ग्यारह घंटे तक हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस को ‘नेशन’ पर आपत्ति है। यानि ‘नेशन’ उसकी संकल्पना में गैर संवैधानिक है।
उन्होंने कहा कि इंडियन नेशनल कांग्रेस को उसका नाम बदल कर ‘फेडरेशन आफ कांग्रेस’ कर लेना चाहिए। कांग्रेस के सदस्य जब इसका कड़ा विरोध कर सदन से जाने लगे तो प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सिर्फ सुनाना ही नहीं होता है सुनना भी होता है। सालों तक उपदेश देने की आदत के कारण कांग्रेस को बातें सुनने में मुश्किल हो रही है । उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने कहा था कि प्रशासनिक सुविधा के लिए राज्यों में बांटा जा सकता है लेकिन देश अभिन्न रुप से एक है।

किसी के जुनून या भावनाओं से नहीं चलेंगे: एचसी

किसी के जुनून या भावनाओं से नहीं चलेंगे: एचसी  
इकबाल अंसारी        
कर्नाटक। कर्नाटक के कॉलेज में हिजाब पहनने के मामले में मंगलवार को कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम कारणों और कानून के मुताबिक चलेंगे, किसी के जुनून या भावनाओं से नहीं। जो संविधान कहेगा, वो हम करेंगे। हमारे लिए संविधान ही भगवद्गीता है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा कि हम कारणों से चलेंगे, कानून से चलेंगे। किसी के जुनून या भावनाओं से नहीं है। जो संविधान कहेगा, वही करेंगे। संविधान ही हमारे लिए भगवद्गीता है। मैंने संविधान के मुताबिक चलने की शपथ ली है। भावनाओं को इतर रखिए। हम ये सब हर रोज होते नहीं देख सकते।
गौरतलब है कि कर्नाटक के उडुपी के एमजीएम कॉलेज में छात्र गुटों के बीच हिजाब पहनने को लेकर बवाल खड़ा हो गया था। हिजाब पहनकर जब छात्राएं कॉलेज पहुंचीं तो उन्हें क्लास में एंट्री नहीं दी गई। विवाद बड़ा होता देख कॉलेज को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया।
इस बीच,  कर्नाटक उच्च न्यायालय में मंगलवार को उडुपी स्थित पूर्व विश्वविद्यालय महाविद्यालय में हिजाब पहनने की अनुमति देने के लिए विद्यार्थियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई होने की उम्मीद है। इस बीच, कुंदापुर स्थित एक निजी महाविद्यालय की दो और छात्राओं ने भी याचिका दायर कर इसी तरह की अनुमति देने का अनुरोध किया है। 
भंडारकर कला एवं विज्ञान महाविद्यालय की दो छात्राओं ने याचिका में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य, मैंगलोर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और कुन्दापुर के विधायक हलदय श्रीनिवास को प्रतिवादी बनाया है। याचिका में छात्राओं ने आरोप लगाया कि महाविद्यालय ने विधायक के कहने पर ‘हिजाब’ के साथ परिसर में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है।
यह याचिका सुहा मौलाना और ऐशा अलीफा नामक छात्राओं ने दायर की है जो बीबीए पाठ्यक्रम में पंजीकृत हैं। लड़कियों ने याचिका में रेखांकित किया कि जब उन्होंने महाविद्यालय में प्रवेश लिया तब हिजाब को लेकर कोई विवाद नहीं था। उन्होंने दावा किया कि प्रधानाचार्य ने तीन फरवरी को अचानक हिजाब पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि सरकार ने कक्षा के भीतर हिजाब पहनने पर रोक लगाई है। याचिका में छात्राओं ने कहा कि जब उनके अभिभावक प्रधानाचार्य से मिले तो उन्होंने बताया कि विधायक के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है। विधायक महाविद्यालय विकास समिति के अध्यक्ष भी हैं।

'जीयूवीएनएल' के बीच समझौते पर संज्ञान लिया

'जीयूवीएनएल' के बीच समझौते पर संज्ञान लिया 
अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अडानी पावर (मुंद्र) लिमिटेड और गुजरात ऊर्जा विकास निगम (जीयूवीएनएल) के बीच हुए समझौते पर मंगलवार को संज्ञान लिया और निजी कंपनी की ओर से बिजली खरीद समझौता (पीपीए) रद्द करने को बरकरार रखने के 2019 के शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ राज्य के सार्वजनिक उपक्रम की क्यूरेटिव (उपचारात्मक) याचिका को बंद कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश एन.वी.रमण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को जीयूवीएनएल की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि तीन जनवरी को राज्य के सार्वजनिक उपक्रम और अडानी पावर (मुद्रा) लिमिटेड के बीच समझौते पर सहमति बन गई है। वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि समझौते के मद्देनजर क्यूरेटिव याचिका बंद की जा सकती है और उसके अनुरूप ही फैसले में बदलाव किया जा सकता है।
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल हैं। पीठ ने कहा कि वह यह दर्ज करते हुए मामले को बंद कर देगी कि दोनों पक्ष समझौते के तहत कार्य करेंगे। अडानी पावर के वकील ने भी वेणुगोपाल के अनुरोध का समर्थन किया और कहा कि समझौते के तहत कंपनी जीयूवीएनएल को दो हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति बहाल करेगी।
गौरतलब है कि 17 सितंबर 2021 को हुई अहम घटना में शीर्ष अदालत से कहा कि वह जीयूवीएनएल की ओर से दायर क्यूरेटिव याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करेगी जिसमें उद्योग के आकलन के मुताबिक अड़ानी समूह को करीब 1100 करोड़ रुपये का हर्जाना दिया जाना था। उच्चतम न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने जुलाई 2019 में फैसला दिया था कि अडानी पावर द्वारा वर्ष 2009 में जीयूवीएनएल को पीपीए को रद्द करने का नोटिस कानूनी रूप से वैध था।

खाद कारखाना में 95 प्रतिशत काम पूरा: मनसुख

खाद कारखाना में 95 प्रतिशत काम पूरा: मनसुख 

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि बरौनी खाद कारखाना में 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और इसके जून महीने तक उत्पादन शुरू कर देने की संभावना है। मांडविया ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि देश की खाद जरूरतों को देखते हुए आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत देश में ही पर्याप्त उत्पादन हो और इसके लिए बंद पड़े पांच खाद कारखानों के जीर्णोद्धार का फैसला किया गया था। उन्होंने कहा कि रामगुंडम और गोरखपुर खाद कारखानों में उत्पादन शुरू हो गया है और सिंदरी तथा बरौनी खाद कारखानों को चालू करने के लिए काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि 2016 मे बरौनी कारखाने के जीर्णोद्धार के लिए 8388 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और फरवरी 2017 में उसकी नींव रखी गयी थी। उन्होंने कहा कि बरौनी कारखाने को फिर से चालू करने के लिए तेजी से काम चल रहा है और 95 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण इस परियोजना में कुछ देरी हुयी और अब इसके जून महीने तक चालू हो जाने की संभावना है।

अज्ञात लोगों ने चिकित्सक को मारीं गोली, फरार

अज्ञात लोगों ने चिकित्सक को मारीं गोली, फरार  
अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। दिल्ली में आरटीआर अस्पताल के बाहर कुछ अज्ञात लोगों ने 26 वर्षीय एक चिकित्सक को कथित तौर पर गोली मार दी। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक इस हमले के शिकार चिकित्सक की पहचान द्वारका अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर हेमंत के रूप में हुई है और उनका इलाज चल रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार सोमवार की रात डॉक्टर हेमंत अस्पताल के बाहर खड़े थे तभी कुछ अज्ञात हमलावर एक कार में पहुंचे, उन्हें गोली मारी और मौके से फरार हो गए।
हालांकि, स्थानीय लोगों और अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने आरोपियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन घटना के तुरंत बाद वे वहां से भाग निकले। पुलिस ने कहा कि इस घटना के पीछे व्यक्तिगत रंजिश होने का संदेह जताया जा रहा है। पुलिस हमले के सही कारणों का पता लगाने के लिए मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है। पुलिस हमलावरों की पहचान करने के लिए अस्पताल के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है।
इस मामले में अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गयी है। 
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, आरटीआर अस्पताल, जेपी कलां के एक रेजिडेंट डॉक्टर पर गोली चलाने की घटना की सूचना मिली है। पीड़ित डॉक्टर का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है। हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और दोषियों को पकड़ने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है।

प्रतिकूल तरीके से काम, पत्रकार मान्यता खों देगें

प्रतिकूल तरीके से काम, पत्रकार मान्यता खों देगें   
अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने अपने नए दिशा-निर्देशों में कहा है कि देश की ”सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता” के साथ-साथ ”सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता” के लिए प्रतिकूल तरीके से काम करने वाले पत्रकार अपनी सरकारी मान्यता खो देंगे। ‘केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन दिशा-निर्देश-2022’ की सोमवार को घोषणा की गई।
इसके तहत ऑनलाइन समाचार मंचों के लिए काम कर रहे पत्रकारों की मान्यता के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने कहा कि समाचार एग्रीगेटर को मान्यता देने पर विचार नहीं किया जा रहा है। इस नीति में कहा गया है कि यदि कोई पत्रकार ‘देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अन्य देशों के साथ मित्रवत संबंधों, जन व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता के लिए प्रतिकूल काम करता है या अदालत की अवमानना करने, मानहानि या किसी अपराध के लिए उकसाने वाले तरीकों से काम करता है”, तो उसकी मान्यता वापस ले ली जाएगी या निलंबित कर दी जाएगी।
यदि किसी पत्रकार या उसके मीडिया संस्थान को फर्जी दस्तावेज या गलत सूचना देते पाया जाता है, तो भी उसकी मान्यता कम से कम दो वर्ष और अधिकतम पांच साल के लिए निलंबित कर दी जाएगी। इसके अलावा, मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों को सार्वजनिक / सोशल मीडिया प्रोफाइल, विजिटिंग कार्ड, पत्रों या किसी प्रपत्र या किसी भी प्रकाशित सामग्री पर ‘भारत सरकार से मान्यता प्राप्त’ शब्दों का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मंत्रालय प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के प्रधान महानिदेशक की अध्यक्षता में केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन समिति (सीएमएसी) का गठन कर रहा है और इसमें सरकार द्वारा नामित 25 सदस्य शामिल हैं। यह समिति अपनी पहली बैठक की तारीख से दो साल के लिए काम करेगी और पत्रकारों की मान्यता निलंबित करने की जिम्मेदारी संभालेगी। सीएमएसी द्वारा नामित पांच सदस्यों वाली सीएमएसी की एक उप-समिति मान्यता देने संबंधी मामलों पर निर्णय करेगी।
उप-समिति की अध्यक्षता भी पीआईबी के प्रधान महानिदेशक करेंगे। 
ऑनलाइन समाचार मंचों के लिए नई नीति के तहत, मान्यता के लिए आवेदन करने वाले डिजिटल समाचार प्रकाशकों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता), 2021 के नियम 18 के तहत सूचना और प्रसारण मंत्रालय को आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करनी होगी और नियमों का उल्लंघन नहीं करना होगा।
नीति के अनुसार, ऑनलाइन मंच एक साल से अधिक पुराना होना चाहिए और वेबसाइट का भारत में एक पंजीकृत कार्यालय होना चाहिए और दिल्ली या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उनके पत्रकार होने चाहिए। यदि आवेदक द्वारा मुहैया कराई गई सूचना गलत पाई जाती है, तो वह मान्यता के लिए आगामी तीन साल तक आवेदन नहीं कर सकेगा।

प्रवेश परीक्षा विरोधी विधेयक पारित: विधानसभा

प्रवेश परीक्षा विरोधी विधेयक पारित: विधानसभा 

इकबाल अंसारी         
चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) विरोधी विधेयक मंगलवार को फिर से पारित कर दिया। जिसे राज्य के राज्यपाल आर एन रवि ने कुछ दिन पहले लौटा दिया था। प्रस्ताव को पारित करते समय मेज थपथपाई गईं और अध्यक्ष एम अप्पावु ने घोषणा की कि विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधेयक पारित करने का प्रस्ताव पेश किया।
इससे पहले विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता नैनार नागेंद्रन के नेतृत्व में भाजपा ने इस कदम का विरोध करते हुए सदन से बर्हिगमन कर दिया। विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में उस समय हंगामा हुआ जब पूर्व सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के नेता सी विजयभास्कर ने कहा कि नीट की शुरुआत 2010 में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में हुई थी, तो कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया। 
विपक्ष के नेता के पलानीस्वामी ने कहा कि उनके पार्टी सहयोगी केवल सच्चाई बता रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह विधेयक की वापसी पर राज्यपाल रवि से प्राप्त संवाद का जिक्र करते हुए कहा कि उनके द्वारा जो कारण बताए गए, वे सही नहीं थे। स्टालिन ने कहा कि रवि ने नीट पर न्यायमूर्ति ए के राजन पैनल की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा कि वे ”अनुमान” पर आधारित थीं, लेकिन वे आंकड़ों और एक लाख से अधिक लोगों की राय पर आधारित थीं। उन्होंने योग्यता परीक्षा के खिलाफ अपनी सरकार के रुख को दोहराते हुए कहा कि, नीट एक शिक्षा प्रणाली नहीं है, बल्कि चिकित्सा उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने की एक प्रणाली है।

पीएम को विकास कार्य पर ध्यान देना चाहिए: सीएम

पीएम को विकास कार्य पर ध्यान देना चाहिए: सीएम  
नरेश राघानी      
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि देश में अघोषित ‘आपातकाल’ है और कोई नहीं जानता की देश किस दिशा में जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ’70 साल की कमियां सामने लाने के बजाय विकास कार्य पर ध्यान देना चाहिए।’
कांग्रेस को लेकर ‘आपातकाल लगाने वाले लोकतंत्र की बात कर रहे हैं’ की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा,”आज अघोषित आपातकाल है।(लालकृष्ण) आडवाणी ने खुद सरकार बनते ही संकेत दिया था। दबाव पड़ा आरएसएस का उन पर, उनको चुप होना पड़ा … देश जानता है।
‘गहलोत ने कहा, कि ‘ वह आपातकाल लगा, एक फैसला हुआ दुनिया को मालूम है। उसके बाद हमारी सरकार चली गई उसको गिनाने का क्या तुक है। सब जानते हैं कि आपातकाल लगा था, किन कारणों से लगा, क्यूं लगा था, क्या हुआ आपातकाल में … क्या खमियां क्या उपलब्धियां रही यह तो अनुसंधान का विषय हो सकता है।
‘ गहलोत के अनुसार, ‘ लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर यह बात कहें .. जैसे उन्होंने इंडिया गेट पर कहा कि हम 70 साल की कमियों को डंके की चोट पर सामने लाएंगे …. आप कमियां ही बताते रहेंगे या अपना खुद का इतिहास बनाएंगे। कमियों को एक्सपोज करते-करते समय निकल जाएगा, आपका … आप विकास की बात करें तो समझ में आता है।
कांग्रेस पर मजदूरों को भड़काने के प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य पर मुख्यमंत्री ने कहा,”देश में क्या हो रहा है, देश किस दिशा में जा रहा है किसी को नहीं मालूम… देश में हिंसा, अशांति, अविश्वास व तनाव का माहौल है… यह हमारे आरोप हैं राजग, भाजपा व आरएसएस पर और प्रधानमंत्री मोदी उलटा हमें कह रहे हैं हम लोगों को भड़का रहे हैं।

बम धमाकों के मामलें में 49 को दोषी करार दिया

बम धमाकों के मामलें में 49 को दोषी करार दिया 
इकबाल अंसारी      
अहमदाबाद। अहमदाबाद में वर्ष 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामलें में यहां की विशेष अदालत ने मंगलवार को 49 लोगों को दोषी करार दिया। इन धमाकों में कुल 56 लोगों की मौत हुई थी जबकि करीब 200 अन्य लोग घायल हुए थे। न्यायाधीश एआर पटेल ने गुजरात के सबसे बड़े शहर में हुए 21 सिलसिलेवार धमाकों में आरोपी 28 लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। 
अदालत ने कहा कि दोषियों की सजा की अवधि पर सुनवाई बुधवार को शुरू होगी। अदालत ने जिन लोगों को दोषी करार दिया है। उनमें सफदर नागोरी, जावेद अहमद और अतीकुर रहमान भी शामिल हैं। निचली अदालत ने धमाकों के करीब 13 साल बाद फैसला सुनाया है और मामले में 77 अभियुक्तों के खिलाफ सुनवाई पिछले साल सितंबर में पूरी कर ली थी।
विशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने बताया कि अदालत ने 49 अभियुक्तों को गैरकानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम की धारा-16, जो आतंकवाद से जुड़ा है और अन्य प्रावधानों, भारतीय दंड संहिता की धारा-302 (हत्या), धारा-120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी करार दिया है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने जोर दिया कि यह आतंकवादी गतिविधि है और अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान 547 अरोप पत्र दाखिल किए गए और 1,163 गवाहों को पेश किया गया।
उन्होंने कहा कि ‘अदालत ने 28 अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। फैसले को पढ़ने के बाद विस्तृत जानकारी मिलेगी जिसे उन्होंने अबतक नहीं देखा है।” पटेल ने बताया कि बरी किए गए अभियुक्तों में मोहम्म्द इरफान, नासिर अहमद और शकील अहमद शामिल हैं। मंगलवार को अदालत की कार्यवाही के दौरान अभियुक्तों को विभिन्न कारागारों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पेश किया गया।
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि सजा पर सुनवाई होने के दौरान भी अभियुक्त वीडियो कांफ्रेस के जरिये अदालत की कार्रवाई में शामिल होंगे। अहमदाबाद में हुए धमाकों के तार प्रतिबंधित संगठन हिजबुल मुजाहिदीन (आईएम)से जुड़े हुए थे और दिसंबर 2009 में कुल 78 लोगों के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई थी। बाद में एक आरोपी के सरकारी गवाह बन जाने के बाद कुल अभियुक्तों की संख्या 77 रह गई।
वरिष्ठ सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि चार आरोपियों की गिरफ्तारी बाद में हुई थी और उनके मामलों की सुनवाई अब भी पूरी होनी बाकी है। उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई 2008 में 70 मिनट के भीतर गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में कुल 21 धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी जबकि करीब 200 अन्य घायल हुए थे। पुलिस ने दावा किया था कि हिजबुल मुजाहिदीन और, प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के कट्टरपंथी धड़े से जुड़े लोग इन धमाकों में शामिल हैं।
पुलिस ने आरोप लगाया था कि हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने गोधरा की घटना के बाद 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों का बदला लेने के लिए इन धमाकों की योजना बनाई। इन दंगों में अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोगों की मौत हुई थी। अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार धमाकों के बाद पुलिस को सूरत के विभिन्न इलाकों में बम मिले थे जिसके बाद अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत द्वारा सभी 35 प्राथमिकियों को एक साथ मिलाने के बाद मामले की सुनवाई हुई।

एचसी ने जनहित याचिका पर जवाब दाखिल किया

एचसी ने जनहित याचिका पर जवाब दाखिल किया
कविता गर्ग    
मुंबई। मुंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी को उस जनहित याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया।जिसमें तीनों सत्तारूढ़ दलों द्वारा अक्तूबर 2021 में राज्य में आयोजित एक दिवसीय बंद को चुनौती दी गई है। अदालत ने यह भी कहा कि अगर तीनों दल अपना हलफनामा दाखिल नहीं करते हैं तो इसके ‘नतीजे सामने आएंगे।
जनहित याचिका (पीआईएल) मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त जूलियो रिबेरो सहित चार वरिष्ठ नागरिकों ने की है। इसमें उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के विरोध में 11 अक्टूबर 2021 को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के तीन घटकों द्वारा बुलाए गए एक दिवसीय बंद को चुनौती दी गई थी।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि तीनों दल चाहें तो तीन हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल कर सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, ‘अगर नहीं तो अदालत उनके जवाब के बगैर ही याचिका पर सुनवाई शुरू करेगी। अगर वे (राजनीतिक दल) अपना हलफनामा दाखिल नहीं करते हैं तो इसके परिणाम सामने आएंगे।’
याचिका के मुताबिक, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के खिलाफ और कृषि कानूनों पर अब खत्म हो चुके किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए तीन अक्टूबर को बुलाए गए बंद से सरकारी खजाने को 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2021 में राज्य सरकार और तीनों दलों को अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
मंगलवार को अतिरिक्त सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय और मांगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता आरडी सोनी ने अदालत को बताया कि अभी तक किसी भी प्रतिवादी राजनीतिक दल ने कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया है।
याचिका में उच्च न्यायालय से बंद को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने के साथ ही तीनों राजनीतिक दलों को प्रभावित नागरिकों को मुआवजा देने का निर्देश देने की मांग की गई है। अदालत ने मंगलवार को प्रतिवादियों को अपना हलफनामा दायर करने के लिए तीन हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई पांच सप्ताह के बाद निर्धारित कर दी।

शांतिश्री पंडित की नियुक्ति, कड़ी आलोचना की

शांतिश्री पंडित की नियुक्ति, कड़ी आलोचना की  

अकांशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति (वीसी) के रूप में शांतिश्री धूलिपुडी पंडित की नियुक्ति की मंगलवार को कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की ‘औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती हैं।

‘ विश्वविद्यालय की कुलपति का पदभार संभालने के बाद पंडित द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति को वरूण ने ट्विटर पर साझा किया और कहा कि यह ‘निरक्षरता’ का प्रदर्शन है। भाजपा सांसद ने कहा कि ‘जेएनयू की नयी वीसी की यह प्रेस विज्ञप्ति ‘निरक्षरता’ का प्रदर्शन है, जिसमें व्याकरण संबंधी अशुद्धियों की भरमार है। इस तरह की औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती हैं।


शिवसेना के 8 कार्यकर्ताओं ने 'आत्मसमर्पण' किया

शिवसेना के 8 कार्यकर्ताओं ने 'आत्मसमर्पण' किया   

कविता गर्ग    

मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया पर हुए कथित हमले के मामले में शिवसेना के आठ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पुणे पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि सोमैया ने दावा किया था कि शनिवार को पुणे नगर निगम कार्यालय के परिसर में ”शिवसेना के गुंडो” ने उनपर उस वक्त हमला कर दिया। 

जब वह विशाल कोविड-19 अस्पताल को संचालित करने के अनुबंधों में अनियमितता के आरोपों के सिलसिले में वहां गये थे।स्थानीय भाजपा नेताओं की शिकायत पर पुलिस ने 60 से 70 लोगों के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, दंगा करने, गलत तरीके से रोकने, नुकसान पहुंचाने, मानव जीवन को खतरे में डालने सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया है। पुलिस निरीक्षक (अपराध) अनिता मोरे ने बताया कि शिवसेना की पुणे शहर इकाई के अध्यक्ष संजय मोरे और सात अन्य ने मंगलवार को शिवाजीनगर पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया।

इस बीच, घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें सोमैया लोगों द्वारा घेरे हुए दिख रहे हैं और सुरक्षा कर्मियों द्वारा उन्हें कार में ले जाने से पहले वह पुणे नगर निगम परिसर में सीढ़ियों पर गिरते नजर आ रहे हैं। घटना के बाद सोमैया को शहर के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने कहा कि वह पीठ के बल गिरे थे और उनकी कलाई में भी चोट आई है।

रक्षामंत्री ने सीएम पुष्कर की जमकर तारीफ की

रक्षामंत्री ने सीएम पुष्कर की जमकर तारीफ की 


अकांशु उपाध्याय            

नई दिल्ली। देश में इन दिनों पुष्पा फ़िल्म के डायलॉग की काफी चर्चा है। क्या नेता क्या अभिनेता सभी की जुबान पर डायलॉग चढ़ता जा रहा हैं ? ऐसे में अब देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस फ़िल्म का डायलॉग बोला और सीएम पुष्कर सिंह धामी की जमकर तारीफ कर डाली।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि बुधवार को फिल्म पुष्पा का नाम काफी चर्चा में है और हमारे सीएम का नाम पुष्कर है, लेकिन यह क सुनकर कांग्रेस के लोग समझते हैं कि ये पुष्कर तो फ्लॉवर है, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अपना पुष्कर फ्लॉवर भी है और फायर भी। हमारा पुष्कर ना कभी झुकेगा, ना कभी रूकेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह। कुछ दिन पहले  सीएम के पुष्पा अवतार के विडिओ के भी  सोशल मीडिया में जमकर चढ़ते हुए। वहीं इससे पहले भी कई बार केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह सीएम पुष्कर सिंह धामी की जमकर तारीफ कर चुके हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-122, (वर्ष-05)
2. बुधवार, फरवरी 9, 2022
3. शक-1984, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-नवमीं, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 07:10, सूर्यास्त 05:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 12 डी.सै., अधिकतम-24+ डी सै.।  बर्फबारी व शीतलहर की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, (प्रधान संपादक) राधेश्याम व शिवांशु, (सहायक संपादक) श्रीराम व सरस्वती के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को कड़ी फटकार लग...