गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021

विकास भवन स्थित हॉल में संपन्न हुआ प्रशिक्षण

विकास भवन स्थित हॉल में संपन्न हुआ प्रशिक्षण

कौशाम्बी। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण हेतु ग्राम पंचायत के निर्वाचित वार्ड सदस्यों का दो दिवसीय अनावासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का पहले दिन का प्रशिक्षण 21 अक्टूबर को विकास भवन स्थित सरस हॉल में संपन्न हुआ है। कार्यक्रम की शुरुआत उपनिदेशक पंचायत प्रयागराज मंडल जयदीप त्रिपाठी ने किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण के संबंध में ग्राम पंचायत सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है। 22 अक्टूबर को दूसरे दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी जनपद मुख्यालय मंझनपुर के विकास भवन स्थित सरस हॉल में आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्राम सदस्यों को विकास से संबंधित कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम में सहायक डीपीआरओ सीबी सिंह एडीओ पंचायत कमला कांत मिश्र पंचायत सचिव विश्व बंधु मोहम्मद नसर दिनेश पाल जितेंद्र त्रिपाठी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
विजय कुमार 

कोरोना की वैक्सीन लगाने में प्रथम स्थान प्राप्त किया
अश्वनी उपाध्याय      
गाजियाबाद। जनपद के सभी सेंटरों पर आयोजित प्रथम डोज टीकाकरण महाभियान में सेक्टर-1 वैशाली वार्ड- 72 स्थित प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पहले स्थान पर रहा। इस वैक्सीनेशन सेंटर को भाजपा पार्षद मनोज गोयल ने गोद लिया है। इस सेंटर प्रबंधक की डॉ. रितु वर्मा और उनकी टीम की मेहनत के बदौलत जिला गाजियाबाद में कोरोना की वैक्सीन लगाने में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि पर आज क्षेत्र के लोगों ने क्षेत्रीय पार्षद मनोज गोयल के नेतृत्व में गुरूवार को डॉ ऋतु वर्मा और उनकी पूरी टीम को फुलों का गुलदस्तां भेंटकर सम्मन्नित किया।

इस सेंटर पर कैंप 4 मार्च से बिना रुके लगाकर वैक्सीन लगाने का कार्य किया गया। कोरोना संक्रमण की दुसरी लहर में लोगों की रक्षा के लिए वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरूआत की गई थी। वैक्सीनेशन महाअभियान में अपनी भागदारी निभाते हुए भाजपा पार्षद मनोज गोयल ने भी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र को गोद लिया और टीकाकरण के लिए लगातार वैक्सीनेशन शुरू कराया। इस सेंटर में 1 लाख 20 हजार लोगों को कोरोनारोधी टीका लगाया गया।

सेंटर इंचार्ज डॉ. ऋतु वर्मा का कहना है कि यह कार्य पार्षद के अथक प्रयास से संभव हो पाया है। वह प्रतिदिन व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहते थे और वैक्सीन की डोज लेने के लिए आ रहे लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करते हुए टीकाकरण तेजी में तेजी के लिए लगातार संपर्क में रहे। उनकी सतर्कता के चलते ही क्षेत्र का एक भी सदस्य वैक्सीन से अछूता नहीं है। पार्षद मनोज गोयल ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी भयावह थी। जिसे आज भी सोचकर रूह कांप उठती है। क्षेत्र के लोगों ने जो विश्वास दिखाकर टीकाकरण अभियान में अपना योगदान दिया है। वह बहुत ही सराहनीय है।

इस मौके पर भाजपा नेता अवधेश कटिहार, डॉक्टर एसएन शर्मा, मंडल मंत्री शुभम सिंह, श्याम सुंदर सिंह, केएल शर्मा, भूपेंद्र यशपाल जग्गी, दुष्यंत गौतम, पूजा मेहरा, ममता त्रिपाठी, नीतू जैन, पवित्रा, रश्मि, मोहित, गौरी, शिखा चौधरी आदि क्षेत्र के सम्मानित व्यक्ति उपस्थित रहे।


 शिविर में महिला आयोग ने जनसुनवाई की
बृजेश केसरवानी      
प्रयागराज। सदस्या, उ.प्र. राज्य महिला आयोग सुश्री ऊषा रानी के द्वारा गुरूवार को सर्किट हाऊस में मिशन शक्ति फेज-3 के अन्तर्गत महिलाओं से सम्बंधित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं विषयक जागरूकता शिविर एवं महिला जनसुनवाई की गयी। जनसुनाई में सदस्या ने पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को सुना। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई महिला अगर शिकायत लेकर थाने में जाती है, तो पूरी गम्भीरता/संवेदना के साथ महिलाओं की शिकायतों को सुनते हुए आवश्यक कार्यवाही करते हुए शिकायतकर्ता को संतुष्ट किया जाये। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही न बरती जाये। उन्होंने कहा कि महिला जन सुनवाई में आने वाले शिकायती प्रकरणों के निस्तारण की मानिटरिंग सुनवाई के बाद नियमित रूप से आयोग के स्तर पर की जाती है। इसलिए प्रकरणों को बेवजह लम्बित करने तथा पीड़ित महिलाओ को न्याय दिलाने में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाये। 
सदस्य,, उ.प्र. राज्य महिला आयोग के समक्ष जनसुनवाई में घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न से सम्बंधित शिकायतों सहित अन्य शिकायतें सुनवाई के लिए आयी। उन्होंने कहा कि महिला आयोग का गठन पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए ही हुआ है। यदि किसी महिला को न्याय मिलने में कोई परेशानी आ रही है तो वे अपनी समस्या को लेकर महिला जनसुनवाई में जरूर आये। जनसुनवाई में पीड़ित महिलाओं की पूरी सहायता की जायेगी। महिला जनसुनवाई में कुल 20 प्रकरण सुनवाई के लिए आये, जिनमें से 5 प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। जनसुनवाई में सूर्या मित्रा निवासी संगम विहार हवेलिया, झूंसी के द्वारा अपने बेटे के द्वारा प्रताड़ित किये जाने की शिकायत की गयी, जिसपर सदस्य ने सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा है। सरोज गोस्वामी निवासी एडीए कालोनी नैनी के द्वारा बटवारें की शिकायत, सुप्रिया वर्मा निवासी जयंतीपुर सुलेमसराय के द्वारा पति के खिलाफ शिकायत, जया देवी निवासी गांधी नगर सिरसा द्वारा पति के द्वारा प्रताड़ित करने एवं पूनम देवी निवासी शिवकुटी के द्वारा उनके घर में जबदस्ती कब्जा किये जाने की शिकायत सदस्या से की गयी। सदस्या ने सभी शिकायती प्रार्थना पत्रों पर गुणवत्ता के साथ त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिया है। साथ ही जनसुनवाई में वृद्धापेंशन, आवास तथा अन्य योजनाओं से सम्बंधित प्रार्थना पत्र दिए गए, जिसपर सदस्य ने आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा है। इस अवसर पर इन्द्रभान तिवारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज कुमार मिश्र सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
जनसुनवाई के उपरांत सदस्या के द्वारा राजकीय बाल गृह शिशु खुल्दाबाद, राजकीय बाल गृह बालिका खुल्दाबाद, राजकीय महिला शरणालय, राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर का निरीक्षण किया गया तथा सम्बंधित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

लोगों को भ्रमित करने में लगीं भाजपा: अखिलेश
हरिओम उपाध्याय      
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आपदा में भी अवसर और उत्सव-उत्साह का आयोजन करना अच्छा लगता है। अखिलेश यादव ने गुरूवार को कहा कि कोई जिए-मरे, चाहे जैसी आपदा आए भाजपा हमेशा उत्सव मनाने में ही मगन रहती है। वह अपनी आदत से मजबूर है। किसानों की हालत भाजपा राज में बदहाल होती गई है। उसकी आवाज गाड़ियों से कुचली जा रही है। किसानों से भाजपा सरकार ने जो वादे किए वे सभी झूठे साबित हुए हैं। फिर भी भाजपा बड़े-बड़े विज्ञापन छपाकर लोगों को भ्रमित करने में लगी है। जीत के टीके का भी कई बार उत्सव मनाया जा चुका है। हर बार रिकार्ड टीकाकरण का दावा होता है।

उन्होने कहा कि कोरोना काल में लोगों को भयानक त्रासदी से गुजरना पड़ा। मौतों का सिलसिला नहीं थमने से लाशें भी टोकन पर जलने लगी थी। अस्पतालों में दवा, इलाज के अभाव में मरीज तड़पते रहे। आक्सीजन के लिए मारामारी मची रही। बड़ी संख्या में श्रमिकों का पलायन हुआ। नौजवानों की नौकरियां छूट गईं। इसके लिए दुःख जताने के बजाय भाजपा नेतृत्व घंटा, थाली बजाकर खुशियां मनाने में लगा रहा। कोरोना में मौतों का उत्सव मनाकर भाजपा ने जनता के जख्मों पर क्या खूब मलहम लगाया। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के अब चंद दिन ही बचे है। पूरी अवधि में एक यूनिट विद्युत का उत्पादन नहीं किया फिर भी झूठे दावे का उत्सव मनाने में कोई शर्म नहीं। शिलान्यास का शिलान्यास और उद्घाटन का उद्घाटन करते हुए भी भाजपा का उत्सव जारी है। समाजवादी सरकार के कामों पर भाजपा अपनी पट्टिका लगाती रही है और पूरे कार्यकाल का उत्सव मनाती रही।

उन्होने कहा कि कुशीनगर एयरपोर्ट समाजवादी सरकार की योजना थी पर भाजपा खुद श्रेय लेते हुए उत्सव मनाने में लग गई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भी समाजवादी सरकार की देन है उसका उत्सव भी भाजपा को मनाने में दिक्कत नहीं। सच तो यह है कि भाजपा को झूठ और फरेब की राजनीति ही आती है। अपने पूरे कार्यकाल में उसने जनहित में कुछ किया नहीं। उसके कार्यकाल में लोगों की परेशानियां बढ़ी हैं, जनता महंगाई, भ्रष्टाचार से त्रस्त हुई है। उसका भी उत्सव मनाने में भाजपा को परहेज नहीं होगा।

शिक्षा: आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालन  

दुष्यंत टीकम        

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रदेश के बच्चों को इंग्लिश माध्यम में शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोला गया है। इन स्कूलों में नए शिक्षकों की भर्ती भी की जा रही है। लेकिन कुछ स्कूलों में अभी भी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में सीएम भूपेश बघेल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि सरकार की ओर से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए शिक्षक सहित 6 हजार 826 पदों पर भर्ती का निर्देश जारी किया गया है। इनमें से आधे से अधिक पदों पर भर्ती हो चुकी है, लेकिन अभी भी कुछ स्कूलों में शिक्षकों का आभाव है। इसी के मद्देनजर सीएम भूपेश बघेल ने जल्द ही शिक्षकों की भर्ती करने का निर्देश दिया है।

यौन संबंध दोषी ठहराते हुए एचसी ने टिप्पणी की

कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी महिला लड़की का यौन संबंध बनाने का आदी होना किसी व्यक्ति को बलात्कार के मामले में दोषमुक्त करने का कारण नहीं हो सकता, वह भी खासतौर पर एक पिता को, जिससे अपनी बेटी की रक्षा करने और आश्रय देने की उम्मीद की जाती है। अदालत ने बार-बार अपनी बेटी का बलात्कार करने और उसके गर्भवती हो जाने को लेकर एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए यह टिप्पणी की।

उच्च न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया कि जब एक पिता अपनी बेटी का बलात्कार करता है, तब यह एक रक्षक के भक्षक बनने से भी बदतर हो जाता है। न्यायमूर्ति आर नारायण पिशारदी ने यह टिप्पणी पीड़िता के पिता के यह दावा करने के बाद की कि उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है क्योंकि उसकी बेटी ने स्वीकार किया है कि उसका किसी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध था। उच्च न्यायालय ने उसकी बेगुनाही के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के परिणामस्वरूप मई 2013 में जन्में बच्चे की डीएनए जांच से यह खुलासा होता है कि पीड़िता के पिता बच्चे के जैविक पिता हैं।

जांच अधिकारी ने कोतवाली आकर आवेदन दिया

कॉपीराइट एक्ट में कार्रवाई, ब्रांडेड नकली सामान
दुष्यंत टीकम      
बिलासपुर। इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के जांच अधिकारी मयंक शर्मा थाना सिटी कोतवाली आकर लिखित आवेदन दिया, कि कृष्णा ट्रेडर्स वृंदावन परिसर तेलीपारा तथा आर. एस ट्रेडर्स वृंदावन परिसर तेलीपारा के संचालक के द्वारा अपने दुकान में फास्ट्रेक एवं टाइटन कंपनी के घड़ी एवं चश्मा के असली उत्पाद के नाम पर नकली सामान की बिक्री की जा रही है, कि शिकायत एवं सूचना पर कोतवाली पुलिस द्वारा तस्दीक हेतु वृंदावन परिसर जाकर उक्त बताएं। दुकान पर कृष्णा ट्रेडर्स के संचालक संदीप बजाज पिता श्री मोहनलाल बजाज उम्र 40 साल निवासी सिंधी कॉलोनी के दुकान से ईआइपीआर के जांच अधिकारी मयंक शर्मा द्वारा फास्टट्रैक तथा टाइटन कंम्पनी के नकली उत्पादों को चिन्हित करने पर 270 नग हुबहू असली जैसा दिखने वाला फास्ट्रेक कंपनी का नकली हाथ घड़ी कीमती लगभग ₹17550 एवं 21 नग टाइटन कंपनी के चश्मे जैसे दिखने वाला चश्मा कीमती ₹945 मिला। जिसे बरामद कर उक्त नकली उत्पादों को रखने एवं बिक्री करने के संबंध में अनुज्ञा पत्र पेश करने का नोटिस दिया गया। जो कोई अनुज्ञा पत्र नहीं होना बताया। जिसे मौके पर धारा इन 51,63 कॉपीराइट एक्ट के अंतर्गत मुताबिक जप्त किया गया तथा आर.एस ट्रेडर्स दुकान में पहुंचा जहां पर मनोज नेवदानी पिता धनराज नेवदानी उम्र 36 साल निवासी अर्चना विहार रोड नेहरू नगर मिला जो अपने आपको आर.एस ट्रेडर्स दुकान का संचालक बताया जिन्हें सूचना से अवगत कराया गया।उसके बाद जांच अधिकारी मयंक शर्मा द्वारा आर. एस ट्रेडर्स दुकान से फास्ट्रेक कंपनी के जैसा दिखने वाला कुल 142 नकली हाथ घड़ी कीमती लगभग 9230 रुपए को जप्त कर थाना लाया गया। धारा 51,63 कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्यवाही की गई।

'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का कोई इरादा नहीं

'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का इरादा नहीं  

काबुल/ वाशिंगटन डीसी। तालिबान के कब्ज़े के बाद से आर्थिक संकट में घिरे अफ़ग़ानिस्तान की आर्थिक चुनौतियां आने वाले दिनों में और भी गंभीर हो सकती है। अमेरिका ने एक बार फिर साफ़ कर दिया है कि उसका तालिबान के 'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का कोई इरादा नहीं है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने चेतावनी दी है कि अगर अफ़ग़ानिस्तान को तुरंत सहायता नहीं मिली तो स्थिति 'बेहद गंभीर' हो सकती है और अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक संकट का असर पाकिस्तान, ताजिकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से लेकर तुर्की और यूरोप तक की मुश्किल बढ़ा सकता है।

अफ़ग़ानिस्तान को काफी बड़ी मात्रा में विदेशी सहायता मिलती थी। ब्रिटेन की सरकार का अनुमान है कि ओईसीडी (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट) देशों ने साल 2001 से 2019 के बीच अफ़ग़ानिस्तान को 65 अरब अमेरिकी डॉलर का दान किया था। कारोबारी रास्ते से इसमें से एक बड़ी रकम ईरान, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान तक पहुंची थी। अब इन देशों तक कारोबारी फ़ायदा तो नहीं ही पहुंच रहा है, आशंका ये है कि अफ़ग़ानिस्तान के बदहाल होने से इनकी परेशानी खासी बढ़ सकती है।

निकोलस बर्न्स ने बाइडन की बात को दोहराया

बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी। चीन में अमेरिकी राजदूत पद के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के नामित उम्मीदवार निकोल बर्न्स ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका अपने हितों को देखते हुए साथ आ जाएं तो इससे चीनी चुनौतियों को "बहुत फ़र्क़ पड़ेगा। ये बातें उन्होंने तब कहीं जब उनसे चीन का सामना करने की कोशिश कर रहे देशों के साथ आने से जुड़े अवसरों और चुनौतियों के बारे में एक सवाल पूछा गया।

अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, निकोलस बर्न्स से बाइडन की उस बात को दोहराया। जिसमें उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों के बीच समझौते पर आधारित साझेदारी पर ज़ोर दिया था। बर्न्स ने कहा, "चीन की तुलना में हमारे पास जो पक्ष मज़बूत है वो यह है कि हमारे पास सहयोगी हैं। हमारे पास ऐसे सहयोगी देश हैं जिन्हें हम पर पूरा विश्वास है। जबकि चीन के पास असल में ऐसे सहयोगी नहीं है।


एस्टर सव की आधिकारिक बुकिंग शुरु: एमजी

लंदन। ब्रिटिश स्पोर्ट्स कार निर्माता कंपनी एमजी ने एमजी एस्टर, एस्टर सव की आधिकारिक बुकिंग शुरु की। अपने सेगमेंट की सबसे पावरफुल एमजी की इस मॉडल को आप 25,000 रुपये की शुरुआती राशि के साथ बुक करा सकते हैं। डिलीवरी नवंबर 2021 में शुरू होगी। इस मॉडल की शुरुआती कीमत 9.78 लाख रुपये और अधिकतम कीमत 16.78 लाख रुपये रखी गई है। वहीँ मैनुअल वेटिएंट की कीमत 9 .78 लाख रूपये और अधिकतम कीमत 13.98 लाख रुपये के बीच है। इसके आलावा ऑटोमैटिक वेरिएंट की कीमत 12.68 लाख रुपये से 16.78 लाख रुपये के बीच है।

नई MG Astor SUV में 27 स्टैंडर्ड फिटमेंट सहित 49 सुरक्षा फीचर्स हैं। इस लिस्ट में 6 एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (EBD) के साथ एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), हिल होल्ड कंट्रोल, हिल डिसेंट कंट्रोल, ट्रैक्शन कंट्रोल, 360-डिग्री अराउंड-व्यू कैमरा, ISOFIX माउंट शामिल हैं।

टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, इमरजेंसी स्टॉप सिग्नल, ऑल-डिस्क ब्रेक, कॉर्नरिंग असिस्ट के साथ फ्रंट फॉग लैंप, रीड फॉग लैंप, और भी बहुत कुछ इस कॉम्पैक्ट एसयूवी में देखा जा सकता है। ADAS (उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली) को रेंज-टॉपिंग सुपर (O) या सेवी ट्रिम्स के लिए आरक्षित किया गया है। MG Astor पांच एक्सटीरियर कलर ऑप्शन के साथ आती हैं, जिनमें ऑरोरा सिल्वर, कैंडी व्हाइट, स्पाईड ऑरेंज, ग्लेज़ रेड और स्टाररी ब्लैक शामिल हैं। तीन इंटर्नल कलर थीम हैं – डुअल-टोन आइकॉनिक आइवरी, डुअल-टोन संगरिया रेड और टक्सिडो ब्लैक। मामूली कॉस्मेटिक और इंटर्नल परिवर्तनों के साथ, एस्टोर अपने इलेक्ट्रिक एमजी जेडएस ईवी से अलग दिखता है। मॉडल लाइनअप पांच ट्रिम्स में आता है, स्टाइल, सुपर, स्मार्ट, शार्प और सेवी – और इसमें तीन इंजन-गियरबॉक्स मिलता है। 1.5L पेट्रोल मैनुअल, 1.5L पेट्रोल CVT और 1.3L टर्बो पेट्रोल ऑटोमैटिक में उपलब्ध है। नैचुरली एस्पिरेटेड 1.5L पेट्रोल यूनिट 110bhp और 144Nm की टॉप पावर बनाती है, जबकि 1.3L टर्बो पेट्रोल मोटर 140bhp और 220Nm ऑफर करती है।

मानव शरीर में सुअर की किडनी की सफल सर्जरी

मानव शरीर में सफल सुअर की किडनी की सर्जरी   अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टरों को इसमें कामयाबी भी मिली है। बताया गया है कि मानव शरीर में सुअर की किडनी अच्छे से काम कर रही है। फिलहाल इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट आनी बाकी है। दरअसल, यह मामला अमेरिका के न्यूयॉर्क का है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क सिटी में स्थित एनवाईयू लैंगन हेल्थ सेंटर में डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ने सर्जरी अंजाम दिया है। इस सर्जरी को बेहद चरणबद्ध तरीके से किया गया है और इसकी तैयारी भी काफी ठोस तरीके से की गई थी। किडनी ट्रांसप्लांट से पहले सुअर के जीन को बदल दिया गया था, ताकि मानव शरीर उसके अंग को तत्काल खारिज न कर पाएं। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रांसप्लांट की यह प्रक्रिया एक ब्रेन डेड हो चुके पेशेंट पर की गई।

पेशेंट की किडनी ने काम करना बंद कर दिया था लेकिन उसे लाइफ सपोर्ट से हटाने से पहले डॉक्टरों ने उनके परिवारों से इस टेस्ट की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने यह प्रयोग किया। तीन दिन तक सुअर की किडनी ब्रेन डेड मरीज की रक्त वाहिकाओं से जुड़ा हुआ था। किडनी को शरीर के बाहर ही रखा गया था।

'डिलीवरथैंक्स' का दूसरा संस्करण लॉन्च, घोषणा 

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। अमेज़न इंडिया ने अपने डिजिटल अभियान 'डिलीवरथैंक्स' का दूसरा संस्करण आज लॉन्च करने की घोषणा की। यह अभियान ग्राहकों को अमेज़न की फ्रंटलाईन टीम्स के लिए खुशी व सराहना का संदेश साझा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

कंपनी ने यहां जारी बयान में कहा कि ये टीमें ग्राहकों के 'खुशियों के डिब्बे' की सुरक्षित व समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं। इस अभियान का उद्देश्य अमेज़न के ऑपरेशंस नेटवर्क में हजारों एसोसिएट्स के प्रयासों को सम्मानित करना है, जो त्योहारों के लिए ग्राहकों द्वारा की गई खरीद को हर बार उनके घरों पर सुरक्षित व समयबद्ध तरीके से पहुंचाते हैं। 'डिलीवरथैंक्स' का दूसरा संस्करण ग्राहकों को रचनात्मक बनने और डिलीवरी एसोसिएट्स के लिए अपने दरवाजे पर 'थैंकयू' नोट या पोस्टर लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि डिलीवरी के लिए ग्राहकों के घर पर पहुंचने पर इन डिलीवरी एसोसिएट्स को खुशी मिले। ग्राहक थैंक यू नोट या पोस्टर अपने सोशल मीडिया चैनलों पर पोस्ट करके भी 'थैंक्स डिलीवर' कर सकते हैं।

उसने कहा कि इस यूज़र जनरेटेड अभियान के साथ, अमेज़न का उद्देश्य अपने फुलफिलमेंट एवं डिलीवरी नेटवर्क में काम करने वाले सभी डिलीवरी एसोसिएट्स, पिकर्स, पैकर्स, सॉर्टर एवं अन्य एसोसिएट्स के प्रति ग्राहकों को अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल कर अपनी खुशी व सराहना साझा करने में समर्थ बनाना है, क्योंकि ये लोग त्योहारों पर उनकी शॉपिंग को संभव बना रहे हैं।


खेल: ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त, लय बनी रहीं
अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने अपने दूसरे वार्मअप मैच में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से धमाकेदार अंदाज में हरा दिया है। भारत के बल्लेबाजों ने मैच को अपने कब्जे में रखा और अंत तक लय नहीं खोई। दूसरे वार्मअप मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने अपनी खोई हुई फॉर्म वापिस पा ली।
जिससे पाकिस्तान के खिलाफ धमाका होने की उम्मीद है। भारत ने दुनिया को महानतम बल्लेबाज दिए हैं। यहां हम बात करेंगे तीन ऐसे खिलाड़ियों की जो पाकिस्तान के खिलाफ अपने प्रदर्शन से कमाल करेंगे।
सबसे खतरनाक ओपनर।
इस समय इंटरनेशनल क्रिकेट में रोहित शर्मा से ज्यादा खतरनाक बल्लेबाज दुनिया में कोई नहीं है। रोहित वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं। उनके छक्के लगाने की कला से हर गेंदबाज अच्छी तरफ से वाकिफ है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वार्मअप मैच में रोहित शर्मा ने 41 गेंद पर 60 रनों की पारी खेली, जिसमें 3 आतिशी छक्के शामिल थे. वे इस पारी से फॉर्म में आ गए हैं। पिछली बार जब वनडे वर्ल्ड कप में रोहित ने पाकिस्तान के खिलाफ 140 रनों की पारी खेली थी। विराट कोहली इस भारतीय विस्फोटक ओपनर से पाकिस्तान के खिलाफ तूफानी पारी की उम्मीद करेंगे।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पहले ही साफ किया हुआ है कि रोहित शर्मा के साथ केएल राहुल ओपनिंग करने उतरेंगे, लेकिन ईशान किशन ने अपने धमाकेदार प्रदर्शन से कोहली को एक और ओपनर दे दिया है।किशन भारतीय टीम में किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते हैं। किशन ने पहले वार्मअप मैच में 70 रनों की पारी खेली जबकि आईपीएल 2021 में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने 32 गेंद में 82 रनों की तूफानी पारी खेली। किशन अपनी लय में होने पर किसी भी गेंदबाज की बखिया उधेड़ सकते हैं।
आज के दौर में ये भारतीय ऑलराउंडर सबसे खतरनाक नजर आता है। भारतीय कप्तान के लिए वे थ्रीडी प्रदर्शन करते हैं गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फिल्डिंग में उन्हें महाराथ हासिल है यूएई और ओमान की पिचें स्पिनर की मददगार होती हैं जडेजा अपनी स्पिन गेंद से बल्लेबाजों को नचाते नजर आएंगे और बल्लेबाजी में तो वे एक ओवर में 37 रन तक बना देते हैं। आईपीएल 2021 में उन्होंने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है। कोहली चाहेंगे कि वे पाकिस्तान के खिलाफ भी ऐसा प्रदर्शन करना जारी रखें।
पाकिस्तान के खिलाफ पहला मुकाबला।
टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप के अपने पहले मुकाबले में सबसे बड़े दुश्मन पाकिस्तान का सामना करने वाली है।ये मैच 24 अक्टूबर को खेला जाएगा। भारतीय टीम आजतक वर्ल्ड कप में कभी भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई मैच नहीं हारी है और आगामी मुकाबले में भी वो अपनी इस बढ़त को बरकरार रखना चाहेगी।

श्रम कानूनः हकीकत में कुछ, सच्चाई कुछ और 
हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली। हमारे देश में कहने के लिए तो मज़दूरों के लिए दर्जनों केन्द्रीय और कई राज्य श्रम क़ानून काग़ज़ों पर मौजूद हैं। पर तमाम कारख़ानों-खेतों खलिहानों में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक अपनी जीवन स्थितियों से जानते और समझते हैं कि इन क़ानूनों की वास्तविकता क्या है और हक़ीक़त में ये कितना लागू होते हैं। देश के असंगठित-अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत मज़दूर आबादी तो वैसे भी इन तमाम क़ानूनों के दायरे में बिरले ही आती है। वहीं औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठित कामगारों-कर्मचारियों के तबक़े को भी इस क़ानूनी संरक्षण के दायरे से बाहर करने की क़वायदें तेज़ हो रही हैं। बावजूद इसके इन श्रम क़ानूनों के वास्तविक चरित्र की चर्चा कम ही होती है।
फ़िलहाल श्रम क़ानूनों का मसला इसलिए भी सुर्ख़ियों में बना हुआ है क्योंकि मोदी सरकार द्वारा मज़दूरों को प्राप्त श्रम क़ानून रूपी नाममात्र की इस राजकीय सुरक्षा और संरक्षण पर भी हमला बोला जा रहा है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि आज की फ़ासीवादी मोदी सरकार व अन्य राज्य सरकारें जिस मज़दूर वर्ग-विरोधी मुहिम को आगे बढ़ा रही हैं उसकी शुरुआत बहुत पहले ही कांग्रेस के समय से हो चुकी थी। विशेष तौर पर 1991 में नव उदारवादी नीतियों की औपचारिक शुरुआत के साथ ही पूँजीवादी राज्यसत्ता और तमाम सरकारों की श्रम सम्बन्धी नीतियों में एक निरन्तरता दिखलाई पड़ती है जिसने पूँजीपति वर्ग के “धन्धे और कारोबार में आसानी” के नाम पर श्रम के अनौपचारिकीकरण, ठेकाकरण, कैज़ुअलकरण आदि की प्रकिया को बड़े पैमाने पर संवेग प्रदान किया है।
साथ ही, जिस स्वरूप में ये श्रम क़ानून अपने मूल रूप में भी मौजूद थे, उस रूप में भी ये किसी भी पैमाने से मज़दूरों के असली हक़ों-अधिकारों की नुमाइन्दगी नहीं करते थे। हालाँकि इस तथ्य को केन्द्रीय ट्रेड यूनियनें और मज़दूर वर्ग से ग़द्दारी कर चुकी संशोधनवादी यूनियनें कभी नहीं उठाती हैं मानो कि अपने मूल रूप में ये क़ानून बहुत आमूलगामी या कल्याणकारी रहे हों। परन्तु इसका मतलब यह क़तई नहीं है कि आज सरकारों द्वारा श्रम क़ानूनों पर हो रहे हमलों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए।
वास्तव में श्रम क़ानूनों के पूरे इतिहास और विकास क्रम को देखने पर पूँजीवादी राज्य का असली स्वरूप व चरित्र ही उद्घाटित होता है। पूँजीवादी व्यवस्था के अन्तर्गत ऊपर से ऐसा दिखता है कि राज्य पूँजी और श्रम के बीच के सम्बन्धों के बीच तालमेल या सन्तुलन स्थापित कर रहा है। लेकिन वस्तुतः पूँजीवादी राज्य, पूँजीपति वर्ग से अपनी सापेक्षिक स्वायत्तता के बावजूद, अन्तिम तौर पर समूचे पूँजीपति वर्ग के क्रियाकलापों के प्रबन्धन का ही काम करता है, पूँजीवादी उत्पादन सम्बन्धों को रेखांकित और पुनरुत्पादित करता है और पूँजीपति वर्ग के दीर्घकालिक सामूहिक वर्ग हितों का प्रतिनिधित्व करता है। भारत में मौजूद क़ानून व न्यायिक व्यवस्था को देखने पर आम तौर पर और तमाम श्रम क़ानूनों के विश्लेषण में विशिष्ट तौर पर यही बात बार-बार सत्यापित भी होती है।
भारत में श्रम व फ़ैक्टरी विधि निर्माण की प्रक्रिया की शुरुआत औपनिवेशिक ब्रिटिश सत्ता द्वारा उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध व बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में की गयी थी। भारत की उत्तर-औपनिवेशिक पूँजीवादी राज्यसत्ता ने मामूली बदलावों के साथ ही इन्हीं क़ानूनों को बरक़रार रखा क्योंकि ये भारतीय पूँजीपति वर्ग की आवश्यकताओं के भी अनुकूल था। यानी तमाम श्रम व फ़ैक्टरी अधिनियम जैसे कि कारख़ाना अधिनियम व इसके विभिन्न संशोधन, मज़दूरी संदाय अधिनियम 1936 (Payment of Wages Act, 1936), कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923), ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926), व्यवसाय विवाद अधिनियम 1929), जो आगे चलकर
औद्योगिक 1947) बना, आदि का उद्भव औपनिवेशिक काल में देखा जा सकता है। फ़िलहाल इस लेख में हम श्रम विधि निर्माण में ट्रेड यूनियन सम्बन्धी अधिनियमों और क़ानूनी प्रावधानों पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगे।
ट्रेड यूनियन अधिनियम, 1926 का मूलभूत उद्देश्य “उत्तरदायित्वपूर्ण यूनियनवाद” को बढ़ावा देना था, वहीं व्यवसाय विवाद अधिनियम का मक़सद विवाद के पक्षों (ज़ाहिरा तौर पर मुख्यतः मज़दूर यूनियनों) को समझौते और मध्यस्थता के लिए बाध्य करना था। जैसा कि हमने ऊपर भी इंगित किया यही व्यवसाय विवाद अधिनियम आगे चलकर औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के रूप में सामने आता है। स्वातंत्र्योत्तर भारत में भारतीय राज्यसत्ता को ये तमाम क़ानून विरासत में प्राप्त हुए। स्पष्टतः इन आधे-अधूरे लूले-लँगड़े श्रम क़ानूनों के निर्माण में भी मुख्य तौर पर जुझारू मज़दूर संगठनों व संघर्षों की भूमिका अग्रणी थी और राज्यसत्त्ता द्वारा ये ख़ैरात में नहीं दिये गये थे। ग़ौरतलब है कि उस दौर में इन मज़दूर संघर्षों का चरित्र राजनीतिक था और राष्ट्रीय आन्दोलन के भीतर भी मज़दूर आन्दोलन की उपस्थिति और दख़ल था। इसके अलावा, वैश्विक परिस्थितियाँ भी एक भूमिका अदा कर रही थीं जिसमें 1917 की रूस की अक्टूबर बोल्शेविक क्रान्ति और उसके आलोक में कई देशों में कम्युनिस्ट पार्टियों के गठन की भूमिका उल्लेखनीय है।
हालाँकि श्रम क़ानूनों को बनाने के पीछे एक अन्य पहलू भी काम कर रहा था। वह था इन क़ानूनों के ज़रिए औद्योगिक विवादों में, यानी श्रम और पूँजी के अन्तरविरोध में पूँजीवादी राज्य की हस्तक्षेपकारी भूमिका को रेखांकित और परिभाषित करना और साथ ही मज़दूर संघर्षों को इन क़ानूनों के द्वारा विनियमित करना और मज़दूर आन्दोलन के पूरे विमर्श को ही वैधता और क़ानून के दायरे में संकुचित करना।
आज़ादी के बाद त्वरित आर्थिक विकास और “औद्योगिक शान्ति” को बनाये रखने के लिए पूँजीपति नियोक्ताओं और यूनियनों (यानी पूँजी और श्रम) के बीच राज्य की मध्यस्थता को श्रम व फ़ैक्टरी संहिताओं के ज़रिए स्थापित किया गया मानो पूँजीवादी राज्य इन संघर्षरत वर्गों से इतर और उनके ऊपर बैठा हुआ कोई निष्पक्ष या तटस्थ निकाय हो। इसके तहत औद्योगिक विवादों के निपटारे के लिए श्रम और पूँजी के बीच राज्य एजेंसियों की मध्यस्थता को अनिवार्य शर्त बना दिया गया। यानी औद्योगिक विवादों में कहने के लिए एक “त्रिपक्षीय” व्यवस्था लागू की गयी।
 सोने-चांदी की कीमत में उछाल, बढत का असर 
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। डॉलर इंडेक्स का रुख में नरमी से अंतरराष्ट्रीय बुलियन मार्केट में सोने-चांदी की उछाल जारी है। इसका असर घरेलू दामों पर भी दिख रहा है। गुरुवार यानी 21 अक्टूबर, 2021 को भी सोने में बढ़त दर्ज हुई है। आज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना सुबह 55 रुपये की बढ़त लेकर 47,554 रुपये प्रति 10 ग्राम पर दर्ज हुआ। वहीं, सिल्वर फ्यूचर में 118 रुपये के आसपास तेजी आई और यह मेटल 65,725 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर देखा गया।
सोना पिछले सत्र में 47,499 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, चांदी 65,607 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट पर बंद हुई थी। ग्लोबल बाजारों में भी तेजी देखी जा रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में देखें तो Goldprice.org के मुताबिक, तो भारतीय समयानुसार सुबह 9.35 पर सोने में 0.26 फीसदी की तेजी दर्ज हो रही थी और यह 1786.50 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर था। वहीं चांदी 0.48 फीसदी की तेजी के साथ 24.41 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गई थी।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स असोसिएशन लिमिटेड के अनुसार आज सोने-चांदी की कीमत (जीएसटी के बगैर)
अगर प्रमुख शहरों में गोल्ड की कीमतों पर नजर डालें तो दिल्ली में 22 कैरेट के सोने की कीमत 46,610 और 24 कैरेट सोने की कीमत 50,850 चल रही है। मुंबई में 22 कैरेट सोना 46,480 और 24 कैरेट सोना 47,480 पर चल रहा है। कोलकाता में 22 कैरेट सोना 46,900 रुपए है, वहीं 24 कैरेट सोना 49,600 रुपए है। चेन्नई में 22 कैरेट सोने की कीमत 44,840 और 24 कैरेट 48,920 रुपए पर है। ये कीमतें प्रति 10 ग्राम सोने पर हैं।
अगर चांदी की बात करें तो वेबसाइट के मुताबिक, प्रति किलोग्राम चांदी की कीमत 65,900 रुपए प्रति किलो है। दिल्ली में चांदी 65,900 रुपए प्रति किलो बिक रही है। मुंबई और कोलकाता में भी चांदी की कीमत यही है। चेन्नई में चांदी की कीमत 70,200 रुपए प्रति किलो है।

विरोध अधिकार, मार्ग नहीं रोक सकतेः एससी  

हरिओम उपाध्याय  

नई दिल्ली। लगातार किसानों के विरोध-प्रदर्शन और उसके कारण सड़क जाम जैसी स्थितियों के उत्पन्न होने पर बड़ा बयान दिया है। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने का अधिकार है। लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति एस एस कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि कानूनी रूप से चुनौती लंबित है फिर भी न्यायालय विरोध के अधिकार के खिलाफ नहीं है लेकिन अंततः कोई समाधान निकालना होगा।

पीठ ने कहा कि किसानों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते। आप जिस तरीके से चाहें विरोध कर सकते हैं लेकिन सड़कों को इस तरह अवरुद्ध नहीं कर सकते। लोगों को सड़कों पर जाने का अधिकार है लेकिन वे इसे अवरुद्ध नहीं कर सकते।शीर्ष अदालत ने किसान यूनियनों से इस मुद्दे पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को सात दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। न्यायालय नोएडा की निवासी मोनिका अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें कहा गया है कि किसान आंदोलन के कारण सड़क अवरुद्ध होने से आवाजाही में मुश्किल हो रही है।

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता हैं 'नीम'

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता हैं नीम

भारत के लगभग हर हिस्से में नीम का पौधा आसानी से उपलब्ध है। इस पौधे सभी भागों को स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में नीम की पत्तियों, छाल और बीज से होने वाले तमाम तरह के फायदों का जिक्र मिलता है। विशेषज्ञों की मानें तो नीम की पत्तियां और फलियां स्वाद में भले ही कड़वी होती हैं लेकिन इनका सेवन करने वाले लोगों को कई प्रकार की गंभीर रोगों से सुरक्षित माना जा सकता है। इसके अलावा नीम के अर्क का सेवन करने से अस्थमा, कब्ज, खांसी, मधुमेह, गैस्ट्रिक अल्सर, अपच और मूत्र पथ के संक्रमण जैसी कई बीमारियों से सुरक्षा मिल सकती है। 

आयुर्वेद में नीम के पेड़ की छाल, फूल और फल का भी औषधीय रूप से उपयोग और लाभ बताया गया है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक नीम की पत्तियों का सेवन करके डायबिटीज और त्वचा की गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में नीम से होने वाले ऐसे ही कुछ अद्भुत स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं। 

हेल्थ के लिए कितना फायदेमंद है अनार, जानिए

क्या आप जानते हैं अनार आपके हेल्थ के लिए कितना फायदेमंद है। अनार में विटामिन ए, सी, ई, फोलिक एसिड और एंटीऑक्‍सीडेंट पाये जाते हैं। साथ इसमें प्रचुर मात्रा में लाभदायक प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और खनिज पाए जाते हैं। आइये देखे क्या क्या है अनार के स्वास्थ्य फायदें
अनार में है कौन कौन से गुण।
अनार में आपके बॉडी में ब्लड इंक्रीज करने की शक्ती होती है । इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ए ,सी, ई पाया जाता है। अनार में एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो आपके शरीर को हर बीमारी से लड़ने की ताकत देती है।
पेट की प्रोब्लम को भी सॉल्व करें।
अनार के रस में बैक्टीरिया को मारने की शक्ति होती है। इसलिए अनार का रस पीने से पेट के रोग पेट के रोग, अपच, गैस, कब्ज व अन्य कई तकलीफों से तुरन्त आराम मिलता है।
अनार वजन को भी काम करता है।
अनार खाने से आपके वजन पर भी असर पड़ता है। और नियमित रूप से इसका सेवन करने से आपका वजन भी कम होता है।इसमें फैट नहीं होता परन्तु फाइबर, विटामिन-सी, पोटेशियम, मिनरल फास्फोरस तथा मैग्नीशियम बहुत अधिक मात्रा में मिलता है। तो ये किसी भी प्रकार से आपके शरीर में वजन नही बढता।
आपकी याददाश्त को तेज करता है।
अनार आपके याददाश्त को तेज करता है।
और इसे खाने से आपके अंदर एनर्जी लेवल भी इंक्रीज होता है।
अनार के जूस में न्युरो-प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते है। ब्रेन की सेहत के लिए बेहतरीन होता है। इसके लगातार सेवन करने से ब्रेन हैमरेज जैसी घातक समस्याएं होने की संभावनांए कम हो जाती है।
दांतों को मजबूत बनाएं।
अनार खाने से दांतो की समस्या से भी निजात पाया जा सकता है। साथ ही अनार को मंजन के तौर पर भी किया जा सकता है। इसके लिए अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीस लेते हैं। इसे मंजन की तरह दिन में 2 या 3 बार दांतों में मलने से दांतों से खून आना बंद होकर दांत मजबूत हो जाते हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-2 (साल-05)
2. शुक्रवार, अक्टूबर 22, 2021
3. शक-1984,अश्विन, कृष्ण-पक्ष, तिथि- दूज, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:30, सूर्यास्त 05:48।
5. न्‍यूनतम तापमान -17 डी.सै., अधिकतम-29+ डी.सै.। 
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक शिवाशुं व राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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