मंगलवार, 11 जून 2024
आज मनाया जाएगा 'विश्व बाल श्रम निषेध' दिवस
शनिवार, 23 दिसंबर 2023
अंत: धरती पर सांस लेना मुश्किल हो जाएगा
गुरुवार, 23 नवंबर 2023
आयुर्वेद: गुनगुने पानी से नहाना फायदेमंद बताया
गुरुवार, 26 अक्तूबर 2023
रात को क्यों रोते हैं कुत्ते, जानिए कारण
सोमवार, 16 अक्तूबर 2023
उड़ते पक्षी का शिकार करता नजर आया मगरमच्छ
शनिवार, 14 अक्तूबर 2023
मच्छर से बने बर्गर को खाते हैं लोग, वायरल
बुधवार, 20 सितंबर 2023
किन-किन चीजों से हड्डियों को नुकसान होता है
रविवार, 17 सितंबर 2023
डैंड्रफ की समस्या से निजात पाने हेतु अपनाएं टिप्स
शनिवार, 16 सितंबर 2023
क्या आपने देखे है काले दानों वाले भुट्टे ?
शुक्रवार, 15 सितंबर 2023
क्या आपने देखी है हंसती हुई मछलियां ? वायरल
शनिवार, 9 सितंबर 2023
चाय में गिर जाएं मक्खी, बिल्कुल ना पिएं
बुधवार, 2 अगस्त 2023
शरीर के खास अंगों को दोबारा पैदा करता है ये 'जीव'
शरीर के खास अंगों को दोबारा पैदा करता है ये 'जीव'
सरस्वती उपाध्याय
क्या कभी आपने ऐसे जीव के बारे में सुना है, जो अपने शरीर के सारे अंगों को बदल सकता है, वह भी खुद से बिना किसी सर्जन की मदद से। ये है एक्सोलोल, एक्सोलोल जो मेक्सिकन सैलामैंडर है। बताया जाता है ये वहां की दो झीलों में पाया जाता है।
इस जीव की प्रजाति प्रदूषण के कारण विलुप्ति की कागार पर है। इस विचित्र जीव की खासियत है कि ये दिमाग, रीढ़ की हड्डी, दिल और हाथ-पैर फिर से पैदा कर लेता है। इस जीव को पहली बार साल 1964 में देखा गया था। वैज्ञानिकों के अनुसार एक्सोलोल में अपने दिमाग के कुछ हिस्सों को दोबारा पैदा कर सकता है, तथा विकसित कर सकता है। दरअसल यह अपने दिमाग को अलग-अलग स्टेज में विकसित करता है। धीरे-धीरे वैज्ञानिकों ने इसके दिमाग के टेलेनसिफेलॉन के एक बड़े हिस्से को निकाल दिया। इसके 12 हफ्तों के बाद उन्होंने देखा कि एक्सोलोल ने अपने दिमाग को हर हफ्ते धीरे-धीरे करके विकसित कर लिया।
बुधवार, 26 जुलाई 2023
'आई फ्लू' के खतरे से बचाव, जानिए उपाय
'आई फ्लू' के खतरे से बचाव, जानिए उपाय
सरस्वती उपाध्याय
इन दिनों मानसून का सीजन चल रहा है। ऐसे में इन दिनों में आंखों के फ्लू की संभावना काफी बढ़ जाती है। बता दें मानसून के दौरान हवा में नमी और ह्यूमिडिटी बैक्टीरिया और वायरस के विकास और प्रसार को आसान बना देते हैं, जो आगे चलकर कंजंक्टिवाइटिस की वजह बन सकते हैं। वैसे तो ये बेहद खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन इसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिससे व्यक्ति का दैनिक जीवन का काफी प्रभावित होता है।
वहीं इसके अलावा, ज्यादा बारिश से वातावरण में गंदगी, प्रदूषक तत्व और एलर्जी जमा हो सकते हैं, जिससे आई फ्लू का खतरा और ज्यादा बढ़ सकता है। अगर आप भी किसी भी तरह के आई इन्फेक्शन के लक्षण को महसूस कर रहे हैं, तो फौरन डॉक्टर से बात करें और दवा के साथ-साथ, नीचे दिए गए कुछ परहेजों का पालन कर इससे बच सकते हैं।
मानसून सीजन में आई फ्लू से बचने के लिए करें ये काम
हाइजीन का रखें ध्यान
बता दें संक्रमण फैलने से बचने के लिए हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। गंदे हाथों से अपनी आंखों को छूने से बचें। इसके अलावा रोजाना और ठीक से नहाएं तो भी इसमें काफी मदद मिलेगी।
आंखों को रगड़ने से बचें
इस मौसम में आंखें रगड़ने से स्थिति खराब हो सकती है और संक्रमण फैल सकता है। इसके बजाय, किसी आंखों को पोंछने के लिए एक साफ टिश्यू या रूमाल का इस्तेमाल करें।
करें गर्म सेकाई
आंखों में किसी तरह की असुविधा को कम करने के लिए दिन में कई बार कुछ मिनटों के लिए आंखों पर साफ कपड़े से गर्म सेक लगाएं।
आई मेकअप से बचें
अगर आई इन्फेक्शन का अनुभव कर रहे हैं, तो इस दौरान मेकअप का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे स्थिति खराब हो सकती है। अगर आपको मेकअप का इस्तेमाल करना ही है, तो अपने ब्रश और प्रोडक्ट्स को नियमित रूप से साफ करें।
साफ बिस्तर और तौलिया रखें
बता दें बैक्टीरिया की चपेट में आने से बचने के लिए बिस्तर और तौलिये को बार-बार बदलें। इसके अलावा कीटाणुओं को मारने के लिए उन्हें गर्म पानी और डिटर्जेंट से धोएं।
पर्सनल सामान को शेयर करने से बचें
आप अपने पर्सनल सामान को शेयर करने से बचें। तौलिये, रूमाल या ऐसी कोई भी निजी चीज जो आपकी आंखों के संपर्क में आती हो, उसे न बांटें। इससे संक्रमण फैलने की संभावना कम हो जाती है।
प्रिस्क्रिप्शन आई ड्रॉप्स का करें इस्तेमाल
अगर कंजंक्टिवाइटिस ने गंभीर रूप ले लिया है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक या एंटीवायरल आई ड्रॉप लिख सकते हैं। इसलिए प्रिस्क्रिप्शन के मुताबिक इसका पालन करें।
स्विमिंग से करें परहेज
मानसून सीजन में स्विमिंग पूल से दूर रहें क्योंकि उनमें बैक्टीरिया और अन्य माइक्रोऑर्गानिज्म पनप सकते हैं, जो कंजंक्टिवाइटिस की स्थिति को और खराब कर सकते हैं।
डॉक्टर से लें सलाह
अगर कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण और खराब हो रहे हैं या घरेलू उपचार के बावजूद राहत नहीं मिल रही है, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करे।
सोमवार, 17 जुलाई 2023
शरीर में पानी की कमी, डिहाइड्रेशन की समस्या
शरीर में पानी की कमी, डिहाइड्रेशन की समस्या
सरस्वती उपाध्याय
शरीर के स्वस्थ कामकाज के लिए शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। पानी की कामी से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। ध्यान रहे कि अभी गर्मियों का मौसम खत्म नहीं हुआ है इसलिए किसी भी तरह पानी कम न करें। हाइड्रेटेड रहने के लिए सिर्फ पानी पीना ही काफी नहीं है। इसके लिए आपको अपनी डेली की डाइट पर ध्यान रखना जरूरी है।
बहुत से ऐसे लोग हैं, जो जाने अनजाने में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जो शरीर में पानी की मात्रा कम करते हैं। ध्यान रहे कि शरीर में पानी की कमी से आपको प्यास ज्यादा लगना, गहरा पीला, तेज गंध वाला पेशाब आना, सामान्य से कम बार पेशाब आना, चक्कर आना या सिर घूमना, थकान महसूस होना, मुंह, होंठ और जीभ का सूखना और आंखों का धंसना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। फैट टू स्लिम की डायरेक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा आपको बता रही हैं कि रोजाना खाए जाने वाले कौन-कौन से खाद्य पदार्थ शरीर में पानी को सूखा सकते हैं।
बहुत से लोगों को कॉफी पीना पसंद है। इसमें मौजूद कैफीन को खोई हुई ऊर्जा को वापस पाने के लिए जाना जाता है लेकिन यह डिहाइड्रेशन की वजह भी बन सकती है। कैफीन को अधिक मात्रा में लेने से यह मूत्रवर्धक के रूप में काम करती है जिससे आपके शरीर में पानी की मात्रा में असंतुलन पैदा हो सकता है।
ग्रीन टी को एक हेल्दी ड्रिंक माना जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड की अधिक मात्रा होती है। लेकिन यह आपको डिहाइड्रेशन भी कर सकती है। कॉफी की तरह ग्रीन टी में भी कुछ मात्रा में कैफीन होता है, जो एक नैचुरली पेशाब बढ़ाने का काम करता है। इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे आप थका हुआ और सुस्त महसूस कर सकते हैं।
चुकंदर में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो आपके शरीर से तरल पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करने के लिए जाना जाता है। इसलिए, यदि आप विशेष रूप से गर्मियों के दौरान चुकंदर का अधिक सेवन करते हैं, तो यह आपके शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
वजन कम करने और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए हाई प्रोटीन फूड्स का खूब सेवन किया जाता है। बेशक प्रोटीन के सेवन से कई फायदे होते हैं लेकिन यह डिहाइड्रेशन की वजह भी बन सकता है। मूल रूप से प्रोटीन शरीर में नाइट्रोजन का निर्माण करता है जो चयापचय के लिए अतिरिक्त पानी का उपयोग करता है। इससे अक्सर शरीर में द्रव असंतुलन हो जाता है।
सोडा और पैकेज्ड जूस में चीनी की अधिक मात्रा अधिक होती है, जिससे शरीर पर हाइपरनेट्रेमिया प्रभाव पड़ता है। इसका मतलब है, चीनी कोशिकाओं और ऊतकों से पानी खींचती है, जिससे शरीर में तरल पदार्थ का स्तर कम हो जाता है।
शुक्रवार, 7 जुलाई 2023
कम पानी पीने से उत्पन्न होती हैं कई बीमारी
कम पानी पीने से उत्पन्न होती हैं कई बीमारी
सरस्वती उपाध्याय
कहते हैं जल है तो जीवन है, लेकिन जल होने के बाद भी अगर हम अपने शरीर के हिसाब से कम पानी पिएं तो इसे हम समझदारी नहीं कह सकते। क्योंकि शरीर के हिसाब से कम पानी पीने से कई तरह की बीमारियों को दावत दे सकते हैं। पानी की कमी से डिहाड्रेशन, हाथ पैर में जलन, कब्ज की समस्या, पेट में दिक्कत समेत कई बीमारियां हो सकती हैं।
कई लोग ऐसे भी होते हैं जो कम पानी पीते हैं, लेकिन उन्हें ये ज्ञात नहीं होता कि अपने सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसलिए डॉक्टर भी ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं। कई लोग तो ऐसे भी होते हैं, जब तक तेज प्यास लगे तब भी पानी पीते ही नहीं। इसीलिए आज हम आपको ज्यादा पानी पीने के कुछ आसान से टिप्स बताएंगे।
रोजाना गोल सेट करें
अगर आपको प्यास कम लगती है तो रोजाना पानी पीने के लिए गोल सेट करे लें। सुबह ही आप ये गोल निश्चित कर लें कि आज आपको इतना पानी पीना है। इसके बाद समय-समय पर पीते हुए उस टारगेट को पूरा कर लें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
रिमाइंडर सेट कर लें
कम पानी पीते हैं तो आप मोबाइल में अलार्म लगाकर रिमाइंडर सेट कर सकते हैं। आप पानी पीने के लिए आधे घंटे या एक निश्चित समय का रिमाइंडर सेट कर लें। इस निश्चित अवधि में ही पानी पिएं।
खाना खाने के पहले पानी पिएं
कुछ लोग खाने खाने के तुरंत बाद पानी पीते हैं, ऐसा आप न करें। दिन में ज्यादा पानी पीने के लिए आप रोजाना खाना खाने के पहले पानी पिएं। खाने के बीच में पानी पीने से बचें। रोजाना खाना खाने के पहले पानी पीने से शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है।
शुक्रवार, 23 जून 2023
लाइफस्टाइल में बदलाव, सुंदर दिख सकते हैं
लाइफस्टाइल में बदलाव, सुंदर दिख सकते हैं
सरस्वती उपाध्याय
आज के समय में हर कोई व्यक्ति अच्छा दिखना चाहता है, वह चाहता है कि कहीं भी जाए तो अपनी पहचान छोड़कर आए। लोग उसकी तरफ आकर्षित हों। लोग सुंदर दिखने के लिए बहुत से प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। सुंदर दिखने के लिए कई रुपए खर्च भी कर देते हैं। लेकिन हम आपको बता दें की अगर अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा-सा भी बदलाव किया जाए तो आप सुंदर दिख सकते हैं।
आकर्षक और सुंदर दिखने के लिए क्या करें?
अगर आप सुंदर दिखना चाहते हैं तो सबस पहले भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे पानी स्किन को हाइड्रेट रखता है। साथ ही स्किन की कई समस्याओं को दूर करने में भी आपके बेहद मददगार होता है।
व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में फिजिकल एक्टिविटीज को भी जोड़ना चाहिए। फिजिकल एक्टिविटिज को जोड़ने से ब्लड सर्कलेशन बेहतर हो सकता है।
गर्मियों में आप जब भी चिलचिलाती धूप के संपर्क में आते हैं तो उस दौरान आप खुद को कवर करें, जिससे टैनिंग से बचा जा सके या सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। व्यक्ति को धूम्रपान, शराब और अन्य प्रकार का नशा करने से भी बचना चाहिए। इसका दुष्परिणाम व्यक्ति की त्वचा पर पड़ सकता है।
बुधवार, 21 जून 2023
₹2,70000 प्रति किलो का ‘मियाजाकी’ आम
₹2,70000 प्रति किलो का ‘मियाजाकी’ आम
दुष्यंत टीकम
रायपुर। राजधानी रायपुर में पहली बार मैंगो फेस्टिवल मनाया गया। जोरा स्थित पंजाब केसरी भवन में आयोजित इस एग्जीबिशन में 200 किस्म के आम रखे गए हैं। प्रदर्शनी में 2 लाख 70 हजार प्रति किलो का ‘मियाजाकी’ आम सबसे ज्यादा खास है।
दुनिया के सबसे मंहगे आम को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। जापानी प्रजाति के आम के इस किस्म की कीमत प्रतिकिलो दो लाख 70 हजार रूपए है। जापान की मियाजकी आम की खासियत यह है कि एक ही आम में दो तरह के स्वाद मिलता है। गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में लगाए गए आमों की प्रदर्शनी का आयोजन 17 से 19 जून तक पंजाब केसरी भवन में उद्यान विभाग और प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।
बनावट में किसी दूसरे आम की ही तरह दिखने वाला मियाजाकी जापानी प्रजाती का है। इसका रंग और बनावट थोड़ी अलग है। जिसे देखने और उसकी तस्वीर लेने की होड़ लगी हुई है। अगर एक किलो में 3 आम भी चढ़ते हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक आम की कीमत लगभग 90 हजार रुपए होगी। विश्रामपुर इलाके के कमलपुर बाग में कोल इंडिया के रिटायर्ड जनरल मैनेजर राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने ये आम अपने बाग में लगाया है और प्रदर्शनी के लिए 639 ग्राम का एक आम यहां लेकर पहुंचे थे जिसकी कीमत 1 लाख 82 हजार रू. है।
“मियाजाकी” की जाने क्या है खासियत
ये आम जापान में उगाया जाता है और यहां के शहर ‘मियाजाकी’ के नाम पर ही इसका नाम रखा गया है। राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उनके पास इस प्रजाती के दो पेड़ हैं और पहला फल वे रायपुर लेकर आए हैं। इस आम की खासियत यह है कि फल का जो हिस्सा सूर्य की रोशनी की ओर होता है, उसका स्वाद अलग और जिस हिस्से पर रोशनी नहीं पड़ती उसका स्वाद कुछ अलग होता है।
उन्होंने बताया कि कॉर्पोरेट कल्चर में बड़े व्यवसायी और उद्योगपति एक दूसरे को ये महंगा आम गिफ्ट करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 2 लाख 70 हजार रूपए प्रति किलो है। गुप्ता अपने साथ कैलिफोर्निया यूएसए, थाईलैंड, फिलीपींस, चाइना, और बांग्लादेशी प्रजाती के भी आम यहां प्रदर्शनी में लेकर पहुंचे हैं। पूरे विश्व में आमों की 1500 से 1600 प्रजातियां पाई जाती है, जिनमें 50 प्रतिशत भारत में ही मिलता है।
उद्यानीकी विभाग करा रहा है आयोजन
तीन दिवसीय इस मैंगो फेस्टिवल का आयोजन प्रकृति की ओर सोसाइटी और उद्यानीकी विभाग कर रहा है। आयोजन समिति के सचिव मोहन वर्ल्यानी ने बताया कि यहां छत्तीसगढ़ की विभिन्न किस्मों के आम और अहमदाबाद, लखनऊ, महाराष्ट्र, हैदराबाद, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों से से लगभग 200 वैरायटी के आमों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
प्रदर्शनी दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक लगाई गई है। साथ ही आम लोगों के लिए लखनऊ से आए आम और आम के पौधे दोनों बेचने के लिए उपलब्ध रहें। इस आयोजन में आमों से बने स्वादिष्ट व्यंजन ,बच्चों के लिए स्पेशल फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता और युवाओं के लिए सिंगिंग कॉम्पिटिशन का भी आयोजन किया गया।
सोमवार, 12 जून 2023
डार्क लिप्स को पिंक बनाएं, जानिए टिप्स
डार्क लिप्स को पिंक बनाएं, जानिए टिप्स
सरस्वती उपाध्याय
हर कोई सुंदर दिखने के लिए क्या कुछ नहीं करता। कोई घरेलू नुस्खे अपनाता है, तो कोई पार्लर जाने का शौक रखता है या कह सकते तरह-तहर की क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। चेहरे को सुंदर बनाने के लिए ज्यादातर लोग होंठ का भी खास ख्याल रखते हैं। काले होंठ हो जाने पर टेंशन ले लेते हैं। आज हम आपके लिए काले होंठों को कैसे गुलाबी बनाए, जिससे लोग देखते ही रह जाएं, तो इसी के लिए आज टिप्स बताने जा रहे हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसी टिप्स देने वाले हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने डार्क लिप्स को पिंक बना सकते हैं।
ऐसे बनाएं डार्क होंठों को पिंक...ये घरेलू नुस्खे
सिगरेट, चाय और कॉफी के सेवन से अक्सर होंठों का रंग काला पड़ने लगता है। होंठों के कालेपन को दूर करने का घरेलू उपाय हम आपको बताने वाले हैं।
चेहरे की सुंदरता बढ़ाने में होंठों का अहम रोल होता है लेकिन कुछ लोग अपने होंठों के कालेपन से परेशान रहते हैं और इन्हें पिंक यानी गुलाबी बनाने के उपाय खोजते रहते हैं। कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिन्हें अपनाकर होंठों का गुलाबीपन वापस लाया जा सकता है। होंठों के काले यानी डार्क होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सिगरेट का पीना से लेकर खराब लाइफस्टाइल और पानी की कमी तक शामिल है। यहां हम आपको कुछ ऐसी टिप्स देने वाले हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने डार्क लिप्स को पिंक बना सकते हैं।
होठों का कालापन ऐसे करें दूर...
चीनी का स्क्रब...
चीनी में शहद मिलाकर एक पेस्ट बनाएं और इस पेस्ट से अपने होंठों की हल्के हाथों से 2 मिनट तक मसाज करें। इसके बाद इसे पानी से धो लें। चीनी के इस स्क्रब से होंठों के ऊपर जमीं मृत कोशिकाएं हट जाएंगी, जिसके बाद आपके होंठ गुलाबी दिखने लगेंगे। इस स्क्रब को आप हफ्ते में 2 बार करें।
नींबू के रस का करें इस्तेमाल...
होंठों की रंगत निखारने के लिए नींबू के रस का इस्तेमाल करना सही रहता है। होंठों पर नींबू का रस प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट का काम करता है और कालेपन को दूर करता है। नींबू के रस को शहद के साथ मिलाकर होंठों पर 20 मिनट के लिए लगाएं। ऐसा हफ्ते में 3 से 4 बार करें आपके होंठ पिंक दिखने लगेंगे।
होंठ पर लगाएं खीरे का जूस...
होंठों को प्राकृतिक गुलाबी बनाने के लिए खीरे के रस को बेसन में शहद के साथ मिलाकर लगाएं। इस पेस्ट को 20 मिनट तक होंठों पर लगा रहने दें और फिर मसाज करते हुए साफ कर लें।
शनिवार, 27 मई 2023
अंगूर से किशमिश बनाने का तरीका, जानिए
अंगूर से किशमिश बनाने का तरीका, जानिए
सरस्वती उपाध्याय
ड्राई फ्रूट्स हम सभी की सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं, ये तो हम सभी जानते हैं। वहीं, ड्राई फ्रूट्स हमारी डिश का स्वाद भी बढ़ाते हैं। इन ड्राई फ्रूट्स में से एक है किशमिश जो हमारे शरीर में आयरन की कमी को पूरा करती है। वहीं इसे हम मीठी डिश में डालकर स्वाद भी बढ़ा सकते हैं। इससे आपकी डिश का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।
बता दें, कि किशमिश को अगर बाजार से खरीदें तो ये काफी महंगी मिलती है। लेकिन, अगर आप इसे घर पर बनाएंगे, तो आपका काफी पैसे बच जाएंगे। आज हम आपको घर पर ही आसान तरीके से किशमिश बनाने के बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं, इसे बनाने का तरीका।
घर पर किशमिश बनाने के लिए जरूरी सामान...
एक किलो अंगूर।
स्टीमर।
किशमिश बनाने की विधि...
बता दें, कि अगर आप घर पर किशमिश बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले एक किलो अंगूर लेकर इसे अच्छे से धो लें। इसके बाद इसकी डंडी निकाल कर अलग कर दें। नहीं तो इसका टेस्ट खराब हो सकता है। अगर आपके पास इडली स्टीमर है तब तो काफी अच्छा वरना सादा भिगोने को स्टीमर की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। अब स्टीमर में उसके साइज के हिसाब से पानी भर दें। अब स्टीमर की ट्रे में अंगूरों को भर कर गैस पर चढ़ा दें। करीब 20 मिनट बाद गैस बंद करके स्टीमर को खोलने पर आपको अंगूरों का रंग पीला दिखने लगेगा। रंग बदलने के बाद इसे निकाल कर सूती चादर पर डालकर ऐसी जगह फैला दें, जहां धूप आती हो। दो-तीन दिनों तक इसे ऐसे ही सूखने दें।
निर्धारित समय के बाद आप देखेंगे कि अंगूर सिकुड़ने लगेंगे। बता दें, कि सुखाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि ये अलग-अलग रहे। वरना इसके स्वाद पर असर पड़ सकता है। वहीं तीसरे दिन आप इसे पंखे के नीचे सुखाने के लिए रखें। लो जी बस अब आपकी किशमिश तैयार है, इसे एक एयर टाइट डिब्बे में रखकर आप करीब साल भर तक इसे यूज कर सकते हैं।
शुक्रवार, 26 मई 2023
हल्दी के फायदें, अधिक अध्ययन की जरूरत
हल्दी के फायदें, अधिक अध्ययन की जरूरत
सरस्वती उपाध्याय
इन्सान 4,000 से अधिक वर्षों से हल्दी का इस्तेमाल कर रहा है। खाने से लेकर सौंदर्य प्रसाधन तक में हल्दी का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है। पारंपरिक आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी गठिया से लेकर एसिडिटी तक, तमाम विकारों के इलाज के लिए हल्दी का बढ़-चढ़कर सहारा लिया जाता है।
हल्दी के चिकित्सकीय गुणों को लेकर कई लेख और सोशल मीडिया पोस्ट हैं, जिनमें इस भारतीय मसाले के दिमाग दुरुस्त रखने के साथ ही दर्द और सूजन में कमी लाने में मददगार होने का दावा किया गया है। हालांकि, इनमें से कई दावों की वैज्ञानिक पुष्टि की जा चुकी है, लेकिन संबंधित अध्ययन मुख्यत: कोशिकाओं और जानवरों पर किए गए हैं, जिससे मानव सेहत पर हल्दी के सकारात्मक प्रभाव पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाए हैं।
हल्दी में 100 से ज्यादा यौगिक पाए जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी इसके अधिकतर फायदे कर्क्युमिनॉयड से जुड़े हुए हैं, जिनमें मुख्य रूप से कर्क्युमिन शामिल है। कर्क्युमिनॉयड ऐसे फेनोलिक यौगिक होते हैं, जो पौधों द्वारा उन्हें विशिष्ट रंग देने के वास्ते वर्णक के रूप में या फिर जानवरों को उन्हें खाने से हतोत्साहित करने के लिए पैदा किए जाते हैं। विभिन्न अध्ययनों में कर्क्युमिनॉयड में एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव होने की बात सामने आई है।
एंटी-ऑक्सीडेंट कोशिकाओं को फ्री रैडिकल से होने वाले नुकसान से बचाने या उनका दुष्प्रभाव कम करने में कारगर माने जाते हैं। विभिन्न अध्ययनों में सामने आया है कि फ्री रैडिकल मानव शरीर में सूजन से लेकर हृदयरोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बन सकते हैं।
दर्द पर असर: मानव शरीर पर हल्दी के सकारात्मक प्रभावों की पुष्टि करने वाले अध्ययनों की कमी के बावजूद इस भारतीय मसाले को प्रमुख दर्द निवारक एवं सूजन रोधी तत्व के रूप में प्रचारित किया जाता है, जो जोड़ों के दर्द से लेकर गठिया तक के इलाज में प्रभावी है।
मनुष्यों पर किए गए विभिन्न परीक्षणों के विश्लेषण के मुताबिक, कुछ मामलों में हल्दी के सप्लीमेंट दर्द पर ‘प्लेसिबो’ से कुछ खास प्रभावी नहीं साबित होते, जबकि कई मामलों में इनका असर दर्द एवं सूजन रोधी दवाओं जितना होता है।
मालूम हो कि किसी अध्ययन में दवा का असर आंकने के लिए एक नियंत्रित समूह को दवा बताकर दिए जाने वाले गैर-हानिकारक एवं निष्क्रिय पदार्थ को ‘प्लेसिबो’ कहते हैं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर परीक्षण बेहद छोटे समूह पर किए गए थे। यही नहीं, उनमें प्रतिभागियों को दी जाने वाली हल्दी की खुराक भी अलग-अलग थी।ऐसे में यह स्पष्ट रूप से कह पाना मुश्किल है कि हल्दी दर्द के एहसास में कमी लाने में असरदार है।
कैंसर रोधी गुण: एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव के कारण हल्दी में कैंसर रोधी गुण होने का भी दावा किया गया है। एक अध्ययन में ‘कर्क्युमिन’ को डीएनए में होने वाले उन बदलावों को पलटने में कारगर पाया गया है, जो स्तन कैंसर का कारण बनते हैं।
लेकिन, यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि ‘कर्क्युमिन’ कैंसर के खतरे में कमी लाता है या फिर इसके इलाज में सहायक साबित होता है। कुछ अध्ययनों में दावा किया गया है कि सिर या गले के कैंसर से जूझ रहे मरीज अगर हल्दी मिले पानी से गरारा करें, तो उन्हें रेडियोथेरेपी से होने वाले साइइइफेक्ट कम झेलने पड़ते हैं।
हल्दी एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार ‘फैमिलियर एडिनोमेटस पॉलीपोसिस’ के शिकार मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। एक क्लीनिकल परीक्षण में सामने आया था कि रोजाना एक चम्मच (120 मिलीग्राम) ‘कर्क्युमिन’ का सेवन करने से ‘फैमिलियर एडिनोमेटस पॉलीपोसिस’ से पीड़ित लोगों में कैंसर को जन्म देने वाले ‘पॉलिप’ (शरीर के आंतरिक अंगों की रक्षा करने वाली श्लेष्मल झिल्ली की सतह पर बनने वाली सूक्ष्म गांठें) का विकास काफी धीमा बढ़ जाता है।
क्या हल्दी वाकई असरदार है: हल्दी हमारे शरीर में काम करे, इसके लिए ‘कर्क्युमिन’ का आंत से निकलकर खून में घुलना बेहद जरूरी है। हालांकि, ‘कर्क्युमिन’ एक बड़ा यौगिक है, जो पानी में ज्यादा घुलनशील नहीं है। इसके चलते, यह खून में आसानी से नहीं घुल पाता। कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि हल्दी आंत में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करके शरीर को लाभ पहुंचाती है, जिसके चलते इसका खून में घुलना जरूरी नहीं है।
लेकिन, यह बात इन्सानों के संबंध में भी लागू होती है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए और अध्ययन किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा, यह पता लगाने की भी चुनौती है कि सेहत पर हल्दी के फायदे देखने के लिए कितनी मात्रा में इसका सेवन जरूरी है।
ज्यादातर अध्ययनों में सिर्फ ‘कर्क्युमिन’ के फायदे आंके गए हैं, जो हल्दी पाउडर का महज तीन फीसदी हिस्सा होता है। चूहों पर किए गए अध्ययनों में ‘कर्क्युमिन’ सिर्फ एक ग्राम से अधिक मात्रा में दिए जाने की सूरत में ही सेहत के लिए फायदेमंद मिला है। ऐसे में इन्सानों के संबंध में यह मात्रा कुछ किलोग्राम के आसपास बैठेगी। किसी व्यक्ति के लिए दिनभर में इतनी मात्रा में हल्दी का सेवन करना लगभग नामुमकिन है।
सीएम ने सैकड़ों फरियादियों की समस्याएं सुनीं
सीएम ने सैकड़ों फरियादियों की समस्याएं सुनीं संदीप मिश्र गोरखपुर। जनता दर्शन में पहुंचे सैकड़ों लोगों की फरियाद सुनते हुए मुख्यमंत्री योगी...
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महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
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चौकी में रिश्वतखोरी का नंगा नाच, अदम्य साहस धर्मवीर उपाध्याय गाजियाबाद। गाजियाबाद की तहसील लोनी का एक अद्भुत प्रकरण संज्ञान में आया है। हो ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...