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शुक्रवार, 26 जुलाई 2024

पानीपत-मेरठ रेल लाइन बिछवाने की मांग की

पानीपत-मेरठ रेल लाइन बिछवाने की मांग की 

भानु प्रताप उपाध्याय 
शामली। कैराना से सपा सांसद इकरा हसन ने संसद में पानीपत वाया कैराना होते हुए मेरठ तक जाने वाले रेल लाइन का मुद्दा उठाते हुए आम जनता के हित में पानीपत-मेरठ रेल लाइन बिछवाने की मांग की है। उन्होंने शामली से वैष्णो देवी तक सीधी ट्रेन चलाने की भी मांग की। सपा सांसद इकरा हसन को सदन में अपने संसदीय क्षेत्र कैराना के लिए आवाज उठाने का मौका मिला। सांसद ने आमजन से जुड़ी रेल की समस्याओं को सदन में सरकार के समक्ष रखा।
संसद में बोलते हुए कहा कि पानीपत वाया कैराना मेरठ रेल मार्ग क्षेत्र की जनता की बहुत पुरानी मांग है। मांग को पूरा होने से लाखों यात्रियों को फायदा होगा। इसके अलावा उन्होंने उच्च न्यायालय इलाहाबाद व वैष्णो देवी तक शामली से सीधी रेल सेवा आरंभ करने का अनुरोध किया।
दिल्ली शामली सहारनपुर रेल मार्ग पर ननौता व रामपुर में रेल फाटकों के ऊपर अधूरे रेल पुलों को शीघ्र पूरा करने के लिए और जनता को राहत देने के लिए रेल मंत्री का ध्यान आकर्षण कराया।

गुरुवार, 25 जुलाई 2024

नीट यूजी को खत्म कर, पुरानी व्यवस्था बहाल करें

नीट यूजी को खत्म कर, पुरानी व्यवस्था बहाल करें 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इस समय विवादों के बीच आ चुकी नीट यूजी परीक्षा को लेकर दिए गए एक बड़े बयान में कहा है, कि नीट यूजी को खत्म करके पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जाना मेडिकल के अभ्यर्थियों के हित में है। बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार एवं तमिलनाडु सरकार के सुर में सुर मिलाते हुए बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा नीट समाप्त की बाबत उठाई गई डिमांड में कहा है कि नीट को खत्म करते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए। सोशल मीडिया के मुख्य प्लेटफार्म एक्स पर किए गए ट्वीट में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने लिखा है कि नीट स्नातक मेडिकल परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर यह मामला सड़क से लेकर संसद और उच्चतम न्यायालय तक गरमाया रहा है। सर्वोच्च अदालत तक जब पहुंचे इस मामले का अब नतीजा चाहे कुछ भी रहा हो। लेकिन लाखों परीक्षार्थियों एवं उनके परिवार वालों को इस तमाम विवाद से जो पीड़ा हुई है उन्हें इसका दुख हमेशा ही सताता रहेगा। 
उल्लेखनीय है कि नीट यूजी परीक्षा के मामले का सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते दिन यानी बुधवार को ही निस्तारण किया गया है‌। हालांकि, अदालत को नीट यूजी परीक्षा में पेपर लीक होने के सबूत मिले हैं, लेकिन इसका असर व्यापक नहीं होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी की परीक्षा दोबारा से करने से इनकार कर दिया है।

बुधवार, 24 जुलाई 2024

'भाजपा' ने दस साल में महंगाई, बेरोजगारी बढ़ाई

'भाजपा' ने दस साल में महंगाई, बेरोजगारी बढ़ाई

संदीप मिश्र 
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने दस साल में महंगाई, बेरोजगारी बढ़ाई है। जनता का शोषण किया है। यह बजट नहीं, चपत है। इस बजट ने लोगों को चपत लगा दिया। उन्होने कहा कि बजट से उत्तर प्रदेश की जनता निराश है। डबल इंजन की सरकार से उत्तर प्रदेश की आस पूरी नहीं हुई। उत्तर प्रदेश में नौजवानों के पास नौकरी का संकट है। यह सरकार युवाओं को सम्मान जनक रोजगार नहीं दे सकती है। भाजपा की सरकार में उत्तर प्रदेश पीछे छूट गया। जो उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री बनाता है, उसके साथ भेदभाव हुआ। 
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को जानकारी है कि कैंसर की बीमारी बढ़ रही है। लेकिन, भाजपा सरकार समाजवादी सरकार के दौरान लखनऊ में बनाए गए कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए बजट नहीं दे रही। सरकार कैंसर इंस्टीट्यूट नहीं चला पा रही है। भाजपा सरकार हर मोर्चे पर फेल है। किसान की आय दोगुनी करने का कोई रोडमैप नहीं है। किसानों की फसलों में एमएसपी का कानूनी अधिकार नहीं मिला। मंडियों के लिए कोई बजट नहीं दिया गया। भाजपा सरकार ने किसानों, नौजवानों को धोखा दिया। उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं चौपट है। 
उन्होने कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार आपस में टकरा रही है। ऐसा लगता है, उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने दिल्ली सरकार से बजट में कुछ मांगा ही नहीं। केन्द्र की सरकार ने उत्तर प्रदेश को बजट में कुछ विशेष देना तो छोड़िए उत्तर प्रदेश का नाम तक नहीं लिया। समाजवादी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जहां तक बनाया था, आज भी वहीं तक रह गया। अगर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को गाजीपुर बलिया से बक्सर तक जोड़ दिया जाता, तो देश में भागलपुर से दिल्ली तक पूरा एक्सप्रेस-वे मार्ग मिल जाता लेकिन सरकार ने उसके लिए बजट नहीं दिया। कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के नाम के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुये अखिलेश यादव ने कहा, कि यह सौैहाद्र की जीत है। भाजपा नफरत फैलाती है। जनता नफरत के खिलाफ एकजुट है। भाजपा अब नफरत फैलाने में सफल नहीं होगी। भाजपा का कम्युनल मुद्दा खत्म हो गया है। सम्प्रदायिकता का दीया आखिरी समय में फड-फड़ा रहा है।

सीएम धामी ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की

सीएम धामी ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की 

पंकज कपूर 
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संसद में प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोशल साइट एक्स पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के विकास को प्राथमिकता में रखते हुए चतुर्दिक समृद्धि और विकसित भारत का सशक्त पथ सुनिश्चित करने वाला बजट पेश किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के सम्रग विकास को सुनिश्चित करने वाला यह सर्वस्पर्शी बजट युवाओं, अन्नदाता किसानों, मातृशक्ति, विद्यार्थियों के साथ ही सभी वर्गों के हितों की पूर्ति करने के साथ ही प्रधानमंत्री के विजन विकसित भारत @2047 को सार्थकता प्रदान करने में अत्यंत सहायक होगा। धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व में आने वाले 5 वर्ष राष्ट्र के विकास को नई गति देंगे। विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए यह स्वर्णिम क्षण हैं और इन्हीं के माध्यम से सभी भारतीयों की आकांक्षाओं को पूर्णता मिलेंगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह बजट राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए सोपान गढ़ेगा।

मंगलवार, 23 जुलाई 2024

'सीएम' योगी ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी

'सीएम' योगी ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को प्रस्तुत सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुखी आम बजट 2024-25, 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी संकल्पों को सिद्ध करने वाला है।
आम बजट 2024-25 ‘विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज है। इसमें अंत्योदय की पावन भावना, विकास की असीम संभावना और नवोन्मेष की नव-दृष्टि है। उन्होंने कहा इस बजट में गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान समेत समाज के सभी तबकों के समग्र विकास का संकल्प, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दृष्टि और वंचित को वंचना से मुक्त कराने का रोडमैप है। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए प्रत्यक्ष कर प्रणाली के संबंध में नए प्राविधानों की घोषणा स्वागत योग्य है। मुख्यमंत्री ने कहा ‘नए भारत’ को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और विश्व का ग्रोथ इंजन बनाने का मार्ग प्रशस्त करते इस लोक-कल्याणकारी बजट के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार एवं मा. केंद्रीय वित्त मंत्री का हार्दिक अभिनंदन !

जनता के लिए नाउम्मीदी का पुलिंदा है 'बजट'

जनता के लिए नाउम्मीदी का पुलिंदा है 'बजट' 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बजट आम जनता के लिए नाउम्मीदी का पुलिंदा है, जिसने लोगों को निराश किया है। उन्होने कहा कि इस सरकार ने दस साल में बेरोजगारी बढ़ायी है। नौजवान पक्की नौकरी चाहता है। यह सरकार आधी अधूरी नौकरी का सपना दिखा रही है। भाजपा सरकार के ग्यारहवें बजट में बेरोजगारी, महंगाई, किसान, महिला, युवा का मुद्दा नौ दो ग्यारह हो गया है। किसान की आय दोगुनी करने के लिए कोई योजना नही। मंडियों के लिए बजट में कुछ नहीं है। खाने-पीने की चीजों से लेकर सब चीजों की महंगाई आसमान पर है। सरकार महंगाई नहीं कम करना चाहती है। बजट में गरीबों और महिलाओं के विकास के लिए कोई योजना नहीं है। मंडी और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाए बिना किसानों को लाभ नहीं मिल सकता है। उन्होने कहा ‘‘ये बजट भी नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा है। शुक्र है कि इंसान इन हालातों में भी जिंदा है।‘‘ अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्रीय बजट में बिहार और आन्ध्र प्रदेश को विशेष पैकेज दिया गया है। सरकार बचानी है तो अच्छी बात है कि बिहार, आन्ध्र प्रदेश को कुछ विशेष योजनाओं से जोड़ा गया। लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा प्रदेश, जो प्रधानमंत्री देता है, क्या वहां के किसान के लिए कुछ बड़े फैसले हुए? भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक बार फिर धोखा दिया है। उन्होने केंद्र सरकार से सवाल किया कि जनता ने जब तीसरी बार चुनकर भेजा है तो बजट के माध्यम से पक्की नौकरी के लिए क्या इंतजाम है। क्या हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स के लिए आपके पास कोई एमएसपी देने का इंतजाम है ?

वित्तमंत्री ने मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश किया

वित्तमंत्री ने मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश किया 

इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश कर चुकी हैं। इस दौरान सरकार ने वेतन भोगियों, पेंशन भोगियों, किसान, महिलाओं, युवा, छात्रों समेत कई वर्गों के लिए बड़े ऐलान किए। सरकार ने इनकम टैक्स के न्यू रिजीम में भी रेट में मामूली बदलाव किए हैं। खास बात है कि यह उनकी तरफ से पेश किया जाने वाला 7वां बजट था। इससे पहले चुनावी साल होने के चलते 1 फरवरी को पेश हुए अंतरिम बजट में खास नीतिगत बदलाव नहीं देखे गए थे। साथ ही मध्यमवर्गीय के लिए खास घोषणाएं सरकार के अंतरिम बजट में शामिल नहीं थीं। हालांकि, अब संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पूर्ण बजट में सरकार टैक्स पेयर्स और महिलाओं के लिए बड़े ऐलान कर सकती है।

खास बात है कि बीती दो सरकारों से परे इस बार NDA यानी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस में जनता दल यूनाइटेड और तेलुगू देशम पार्टी की भी भागीदारी है।  क्योंकि, भारतीय जनता पार्टी हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने में असफल रही थी। ऐसे में कहा जा रहा है कि वित्त मंत्री को दोनों बड़े दलों की मांगों को भी बजट सत्र के दौरान ध्यान में रखना होगा।

हालांकि, जानकारों का मानना है कि मंगलवार को पेश होने वाले बजट में भारत की आर्थिक नीति में बड़े बदलावों के आसार कम हैं।

6 से ज्यादा अधिकारियों से जवाब तलब किया

6 से ज्यादा अधिकारियों से जवाब तलब किया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न आपदाओं में हुई जनहानि एवं क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले छ: से ज्यादा अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
इसमें पांच जिलों के एडीएम एफआर को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है, जबकि तीन एसडीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है। बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ को निलंबित कर दिया। सीएम योगी ने सभी लापरवाह अधिकारियों को दो दिनों में अपना स्पष्टीकरण शासन को सौंपने के निर्देश दिये हैं। अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो सीएम योगी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि आपदा से हुई जनहानि का मुआवजा 24 घंटे के अंदर प्रदान किया जाएं।
इन लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश भर में आपदा से हुई जनहानि का सर्वे पूरा कर 24 घंटे में मुआवजा दिया जा रहा है। वहीं, इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में विभिन्न आपदाओं के दौरान हुई जनहानि और क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इनमें बांदा, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर और मुजफ्फरनगर के एडीएम एफआर क्रमशः संतोष सिंह, उमेश चंद्र निगम, उमा शंकर, एस सुधाकरन और गजेंद्र कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि सौंपी गई है।
इसके साथ ही लापरवाही पर सिद्धार्थनगर की सदर तहसील के एसडीएम ललित कुमार मिश्रा, हाथरस की शादाबाद तहसील के एसडीएम संजय कुमार सिंह और अलीगढ़ की अतरौली तहसील के एसडीएम अनिल कुमार कटियार से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। वहीं बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ अश्विनी कुमार को निलंबित कर दिया है। सभी को दो दिनों के अंदर अपना जवाब शासन को सौंपना होगा।

'बजट' को उम्मीदों पर पानी फेरने वाला बताया

'बजट' को उम्मीदों पर पानी फेरने वाला बताया 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर एवं धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व अपेक्षित बहुतजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु अच्छे दिन की उम्मीदों पर पानी फेरने वाला बताया है। 
मंगलवार को केंद्र में तीसरी बार सत्ता संभालने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आम बजट को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने देश के आम आदमी की उम्मीद पर पानी फेरने वाला बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर की गई पोस्ट में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि संसद में आज पेश किया गया केंद्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर एवं धन्नासेठों को लाभ पहुंचाने वाला है। 
देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं मेहनतकशों, वंचितों एवं उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु अच्छे दिन की उम्मीद पर पानी फेरने और मायूस करने वाला बजट है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा है कि देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन और देश के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबके के लोगों के उत्थान एवं उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति एवं नीति का अभाव रहा है। बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुशी एवं खुशहाल हो पाएगा।

शुक्रवार, 19 जुलाई 2024

'बुंदेलखंड' को निवेश का नया गंतव्य बनाया

'बुंदेलखंड' को निवेश का नया गंतव्य बनाया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। कभी पिछड़े क्षेत्र के रूप में पहचान रखने वाले बुंदेलखंड को योगी सरकार ने निवेश का नया गंतव्य बना दिया है। फरवरी माह में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के चौथे संस्करण (जीबीसी 4.0) में पीएम मोदी ने बुंदेलखंड के लिए करीब 69 हजार करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। शुभारंभ के 5 माह के अंदर बुंदेलखंड में करीब 8 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो चुका है, जिससे हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। शुरू हो चुकी परियोजनाओं की यह राशि जीबीसी 4.0 में बुंदेलखंड के लिए निर्धारित परियोजना राशि की 11 प्रतिशत है और शेष परियोजनाओं के भी जल्द से जल्द शुरू होने की संभावना है। 

बड़े पैमाने पर सृजित होंगे रोजगार 

प्रदेश में निवेश प्रक्रियाओं की निगरानी के साथ ही निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अब तक कुल 1,14,345 करोड़ रुपए की 3984 परियाजनाओं का कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो चुका है। इनमें बुंदेलखंड में 7894 करोड़ रुपए की 156 परियोजनाएं शामिल हैं। यह राशि जीबीसी 4.0 में निर्धारित परियोजना राशि का 11 प्रतिशत है। जीबीसी 4.0 के दौरान बुंदेलखंड की 693 परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था, जिनकी कुल निवेश राशि 68,933 करोड़ रुपए थी। यह जीबीसी 4.0 में कुल 10 लाख करोड़ की परियोजनाओं का 7 प्रतिशत था। परियोजनाओं की शुरुआत से बुंदेलखंड में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। साथ ही, बुंदेलखंड में लोगों को रोजगार के लिए प्रदेश के अन्य क्षेत्रों या दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना होगा। 

झांसी में सर्वाधिक निवेश उतरा धरातल पर  

बुंदेलखंड के जिलों की बात करें तो झांसी में सर्वाधिक 6,237 करोड़ की 62 परियोजनाओं ने इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। इससे यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। जीबीसी 4.0 के दौरान झांसी में 27,533 करोड़ की 246 परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ था। इस लिहाज से अभी यहां 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाएं शुरू होनी शेष हैं, जो जल्द ही पूरी होंगी। इसी तरह, हमीरपुर में 963 करोड़ की 14 परियोजनाएं, ललितपुर में 246 करोड़ की 23 परियोजनाएं, महोबा में 195 करोड़ की 24 परियोजनाएं, बांदा में 58 करोड़ की 15 परियोजनाएं, जालौन में 46 करोड़ की 11 परियोजनाएं और चित्रकूट में 22 करोड़ की 7 परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। जीबीसी 4.0 में हमीरपुर में 2,187 करोड़, ललितपुर में 15,735 करोड़, महोबा में 1,682 करोड़, बांदा में 1060 करोड़, जालौन में 13,577 और चित्रकूट में 7,157 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था। 

बुंदेलखंड में दिग्गज कंपनियां कर रहीं निवेश 

चित्रकूट में टस्को लि. 4700 करोड़, सहस्त्रभुज फूड प्रोडक्ट्स प्रा. लि. 500 करोड़, वरुण बेवरेजेस लि. 496 करोड़, श्री सीमेंट्र प्रा. लि. 202 करोड़ का निवेश कर रहा है। वहीं, हमीरपुर में राजेंद्र सिंह शर्मा 660 करोड़, हिंदुस्तान यूनिलिवर लि. 230 करोड़, यूजीआर साइलस हमीरपुर प्रा. लि. 54 करोड़ का निवेश कर रहा है। जालौन में बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लि. 6000 करोड़, संचय न्यू एज डेवलपर्स प्रा. लि. 1000 करोड़, रोमिंग सोल्स टेक्नोलॉजी प्रा. लि. 900 करोड़ तो पालीवाल फूड्स प्रा. लि. 55 करोड़ के निवेश के लिए जीबीसी 4.0 में शामिल रहा है। झांसी में टस्को लि. 3430 करोड़, आरवीएनएल लि. 2840 करोड़, फोर्थ पार्टनर एनर्जी प्रा. लि.1200 करोड़ और सन सोर्स एनर्जी 600 करोड़ इन्वेस्ट कर रहा है। इसी तरह, ललितपुर में टस्को लि.3450 करोड़, यूजीआर साइलस 48 करोड़, वी एंड एस एंटरप्राइजेस 30 करोड़ का निवेश धरातल पर उतार रहा है। महोबा में टस्को लि. 1008 करोड़, आईबी वोओजीटी सोलर फोर प्रा. लि. 80 करोड़, देसी भोग 50 करोड़ और जीआरएस होटल प्रा. लि. 50 करोड़ से परियोजना पर काम कर रहा है। वहीं, बांदा में अवादा इंडसोलर प्रा. लि. 350 करोड़ रुपए के निवेश को तैयार है।

उर्वरक का प्रयोग, कैंसर ट्रेन की जरूरत पड़ी

उर्वरक का प्रयोग, कैंसर ट्रेन की जरूरत पड़ी 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उर्वरक के अत्यधिक प्रयोग के कारण यहां 'कैंसर ट्रेन' की जरूरत पड़ गई है।
प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “ हरित क्रांति ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया, लेकिन यह कहानी का केवल एक हिस्सा है। उर्वरक का अत्यधिक प्रयोग धीमे जहर की तरह काम कर रहा है, जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। यह समस्या केवल इंसानों तक ही सीमित नहीं है, पशु-पक्षी भी इसके दुष्प्रभावों से पीड़ित हैं।”
इस दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्य अतिथि थे। अपने संबोधन के दौरान योगी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हरित क्रांति से पहले भी देश के कई क्षेत्रों ने प्राकृतिक तरीकों से उच्च कृषि उत्पादन हासिल किया था। उन्होंने बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही यूपी में प्राकृतिक खेती के लिए एक कृषि विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इस बात पर प्रकाश डाला कि हरित क्रांति ने खाद्यान्न उत्पादन को काफी बढ़ावा दिया है, लेकिन यह कहानी का केवल एक हिस्सा ही बताती है।
उन्होंने कहा, “ हमें 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान भारत में प्राकृतिक खेती से उत्पादन दरों पर भी विचार करना चाहिए, जब पृथ्वी अपनी प्राकृतिक अवस्था में थी और खाद्यान्न उत्पादन अभी भी अधिक था।”
मुख्यमंत्री ने पिछले 100-150 वर्षों की आधुनिक कृषि पद्धतियों और पहले के समय के कृषि विज्ञान के बीच भारी अंतर को इंगित किया।
उन्होंने कहा “ हमें ऐतिहासिक तरीकों पर फिर से विचार करने की जरूरत है। हालांकि हरित क्रांति के बाद उर्वरकों ने अस्थायी रूप से उत्पादन बढ़ाया, लेकिन आज वे हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले धीमे जहर के रूप में कार्य कर रहे हैं। उर्वरकों के हानिकारक प्रभाव मनुष्यों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि पशु-पक्षियों पर भी इसका असर पड़ रहा है।” उन्होंने अमरोहा में निराश्रित गौशाला में 12 से 14 गायों की अचानक मौत की घटना साझा की।
उन्होंने कहा, “ जांच में पता चला है कि उनके चारे में बड़े पैमाने पर उर्वरक मिलाया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई। अगर गायें अत्यधिक उर्वरक बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं, तो मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करें। कुछ साल पहले, ऐसे मामले कम होते थे। आज, लगभग हर गांव में किडनी की समस्या, हृदय की समस्या और कैंसर से पीड़ित व्यक्ति हैं। यह हमारे खान-पान की आदतों में बदलाव के कारण है, जिससे नई बीमारियां पैदा हो रही हैं। इससे निपटने के लिए पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती का एक नया तरीका पेश किया है।”
बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए योगी ने कहा, “ यूपी में इसकी काफी संभावनाएं हैं। हमारे पास देश की 12 प्रतिशत भूमि, देश की 17 प्रतिशत आबादी और देश के 20 प्रतिशत खाद्यान्न का उत्पादन है। पर्याप्त जल संसाधनों के साथ, हमें अपने खुशहाली सूचकांक को बेहतर बनाने के लिए गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
प्रदेश सरकार द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “ हमारे पास वर्तमान में चार कृषि विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से पांचवां विकास के चरण में है। इसके अतिरिक्त, 89 कृषि विज्ञान केंद्र और दो केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय हैं। प्रदेश में नौ जलवायु क्षेत्र हैं, और प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कृषि विज्ञान केंद्रों का विकास आगे बढ़ रहा है। यह पहल प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाने को बढ़ावा देगी।”
उन्होंने कहा“ यूपी में कृषि विज्ञान केंद्रों में काफी बदलाव आया है। 2017 से पहले, ये केंद्र जंगलों से घिरे हुए थे। आज, वे किसानों, पशुपालकों और कृषि के समर्थन में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। यूपी में 1 लाख एकड़ में प्राकृतिक खेती की जा रही है, जिसके विशेष रूप से बुंदेलखंड में आशाजनक परिणाम मिले हैं।”
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलाख, लद्दाख के कार्यकारी पार्षद (कृषि) स्टैनजिन चोसफेल, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. देवेश चतुर्वेदी, केन्द्र सरकार की कृषि एवं किसान कल्याण संयुक्त सचिव डॉ. योगिता, विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, विशेषज्ञ एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

23 जुलाई को पहला बजट पेश करेंगी 'वित्तमंत्री'

23 जुलाई को पहला बजट पेश करेंगी 'वित्तमंत्री' 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र अगले हफ्ते से शुरू हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई, 2024 को एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट पेश करेंगी। आम जनता की नज़रें इस बजट पर टिकी हुई हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि निर्मला सीतारमण इस बजट में आम आदमी के लिए क्या लाएंगी? क्या महंगाई पर काबू पाने के लिए कोई विशेष उपाय किए जाएंगे? क्या नौकरी के अवसरों में इज़ाफ़ा होगा? क्या छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी? क्या किसानों के लिए नए योजनाएं लाई जाएंगी?
यह बजट देश की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेगा, इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण है कि वित्त मंत्री इस बजट में क्या खास करती हैं। बजट के माध्यम से सरकार अपनी नीतियों और योजनाओं का ऐलान करती है, जिसका प्रभाव देश के हर नागरिक पर पड़ता है। इस बजट में सरकार अपनी आर्थिक नीतियों का रोडमैप पेश करेगी और देश के विकास के लिए नई दिशा निर्देशित करेगी।
मानसून सत्र के दौरान आपदा प्रबंधन कानून में संशोधन सहित छह नए विधेयक पेश किए जाएंगे। वित्त विधेयक के अलावा, सरकार ने 1934 के विमान अधिनियम को बदलने के लिए भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को भी सूचीबद्ध किया है।
सत्र के दौरान सूचीबद्ध अन्य विधेयकों में फाइनेंस बिल, डिजास्टर मैनेजमेंट, बॉयलर्स बिल, भारतीय वायुयान विधेयक, कॉफी प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल और रबर प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल शामिल हैं। सत्र में डिमांड फॉर ग्रांट्स पर चर्चा और मतदान होगा। इसके अलावा एप्रोप्रिएशन बिल पारित होगा। जम्मू कश्मीर के बजट पर भी चर्चा होगी और बजट पास होगा।

गुरुवार, 18 जुलाई 2024

सद्भाव को नुकसान, बहाने ढूंढ़ती रहती है सरकार

सद्भाव को नुकसान, बहाने ढूंढ़ती रहती है सरकार 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। कांवड़ यात्रा के दौरान मुजफ्फरनगर पुलिस के फरमान पर विपक्षी दलों ने प्रहार करते हुए कहा है कि सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने के बहाने ढूढती रहती है। दरअसल, मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा शुरु होने से पहले रुट पर पड़ने वाले ठेले ढाबे वालों को अपना नाम लिखने का सुझाव दिया है। पुलिस की एडवाइजरी में बताया गया कि यात्रा के रूट पर पड़ने वाली दुकानों, ढाबों और ठेलों पर विक्रेता का नाम लिखना जरूरी होगा। इस मामले में एतराज जताने के बाद में पुलिस ने एक और निर्देश जारी कर बताया कि होटल, ढाबों के मालिक अपनी ‘इच्छा’ से अपना नाम और रेट कार्ड दुकान के बाहर लगा सकते हैं। पुलिस का कहना है कि कई बार रेट और धर्म को लेकर कांवड़ियों में लड़ाई हुई है। जिसे देखते हुए ये फैसला लिया गया था। उधर, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पुलिस के इस कृत्य को सरकार के इशारे पर की गई कार्रवाई करार दिया है। 
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का वह कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है। भाजपा का उद्देश्य समाज को बांटना और परस्पर सौहार्द को क्षति पहुंचाना होता है। भाजपा की इन्हीं विभाजनकारी नीतियों के चलते प्रदेश का सामाजिक वातावरण प्रदूषित हो रहा है। उन्होने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने नया फरमान जारी किया है कि ठेले-ढाबे सहित सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें। इसके पीछे सरकार की मंशा अल्पसंख्यक वर्ग को समाज से अलग बांटने और उन्हें शक के दायरे में लाने की है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट किया “ पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले।”  मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ़ से कांवड़ियों के गुज़रने वाले रास्ते पर हर खाने-पीने की दुकान या ठेले वाले को अपना नाम का बोर्ड लगाने के आदेश की हम मज़म्मत करते हैं। इसलिए मज़म्मत करते हैं। क्योंकि, ये संविधान के धारा 17 के खिलाफ है।

सरकार ने असम रिपीलिंग बिल को मंजूरी दी

सरकार ने असम रिपीलिंग बिल को मंजूरी दी

इकबाल अंसारी 
दिसपुर। असम सरकार राज्य में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करेगी। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। इन दोनों कानूनों को निरस्त करने के लिए गुरुवार को कैबिनेट में असम रिपीलिंग बिल यानी असम निरसन अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। सीएम सरमा ने ऐलान किया है कि अब इस निरसन विधेयक को विधानसभा में रखा जाएगा। 
विवाह और तलाक के पंजीकरण में समानता लाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को असम निरसन विधेयक को मंजूरी दे दी है। सीएम हिमंत ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि इस बिल का उद्देश्य असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 और असम  मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण नियम, 1935 को निरस्त करना है। असम कैबिनेट की ओर से मंजूर असम रिपीलिंग अधिनियम को अब विचार के लिए असम विधानसभा के अगले मानसत्र सत्र में रखा जाएगा। कैबिनेट ने यह भी फैसला किया है कि असम में मुस्लिम विवाहों के पंजीकरण के लिए एक उपयुक्त कानून लाया जाए, जिस पर विधानसभा के अगले सत्र तक विचार किया जाएगा। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखी पोस्ट में कहा है कि हमने बाल विवाह के अतिरिक्त सुरक्षा उपाय कर अपनी बेटियों और बहनों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सीएम ने आगे लिखा है कि कैबिनेट की बैठक में हमने असम रिपीलिंग बिल 2024 के माध्यम से असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम 1935 को निरस्त करने का निर्णय लिया है।

बुधवार, 17 जुलाई 2024

सरकारी स्कूलों में 'डिजिटल अटेंडेंस' स्थगित की

सरकारी स्कूलों में 'डिजिटल अटेंडेंस' स्थगित की

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिक्षकों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। फिलहाल, दो महीने के लिए सरकारी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस स्थगित कर दी गई है। इस नये नियम को सरकार ने दो माह के लिए होल्ड पर रख द‍िया है।
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर श‍िक्षक संघ ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मुलाकात की। इस पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा है कि एक कमेटी बनाकर समस्या का निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिक्षा में ट्रांसफॉर्मेशन होना चाहिए। फिलहाल दो माह के लिए इसे होल्ड पर कर दिया गया है। गौरतलब है कि ऑनलाइन अटेंडेंस के सरकारी फरमान के विरुद्ध प्रदेश भर के सरकारी टीचर लामबंद हो गए हैं। शिक्षकों को जब उनके धरने प्रदर्शन के बावजूद सरकार से कोई राहत नहीं मिली, तो सामूहिक रूप से उन्होंने संकुल पद से त्यागपत्र देने का फैसला किया। बता दें कि रामपुर जिले के 375 शिक्षकों ने इस पद से त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी। जिसमें शिक्षक बिना किसी मानदेय या खर्च की विद्यालयों के पत्र और सूचनाओं पहुंचने तक सरकारी काम करते रहे हैं।

क्वालिटी टैब को शिक्षकों ने बताया समस्या

डिजिटल अटेंडेस का विरोध करते हुए यूपी के शिक्षकों ने कई कारण दिए हैं। शिक्षक संतोष कुमार ने आजतक से बातचीत के दौरान कि प्रशासन ऑनलाइन अटेंडेंस पर जोर दे रहा है। लेकिन उसे लागू करने में जो संसधान इस्तेमाल किए जा रहे हैं, वे ही सही नहीं हैं। उन्होंने बताया कि डिजिटल अटेंडेंस के लिए जो टैब स्कूलों को दिया गया है, वह एकदम लो क्वालिटी का है। कभी काम करता है, कभी नहीं। कई बार सर्वर डाउन दिखाता है। 
समय को बताया मुख्य कारण
बिजनौर जिले के विकास क्षेत्र अलहैपुर धामपुर में प्राथमिक विद्यालय चांदनवाला के शिक्षक संतोष कुमार (स.अ.) ने आजतक.इन से कहा कि एक शिक्षक की हाजिरी तीन बार मांगी गई है, एक सुबह के समय, एक शिक्षण कार्य के बीच और एक स्कूल से निकलने से पहले। प्रशासन का मानना है कि ऑनलाइन हाजिरी होने से शिक्षक विद्यालय से नदारत नहीं रह पाएगा। वह चाहे कितनी भी कोशिश कर ले विद्यालय नहीं छोड़ पाएगा। ऐसे में अगर किसी शिक्षक की तबियत बिगड़ती है या उसके किसी परिचित के साथ कोई ट्रेजडी हो जाती है तो उसका क्या होगा ? क्योंकि ऐसे स्थिति में शिक्षकों के लिए कोई प्रावधान नहीं है ना कोई हाफ डे ना कोई EL. शिक्षक को सालभर में मात्र 14 CL मिलती हैं।

काली पट्टी बांधकर शिक्षकों ने जताया विरोध

बता दें कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को 11 जुलाई से अनिवार्य रूप से डिजिटल अटेंडेंस दर्ज कराने का आदेश दिया था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोला। शिक्षकों के कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों ने सरकार के आदेश को अव्यवहारिक बताया है। यूपी के कई जिलों में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कई संगठनों से जुड़े शिक्षकों ने जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। इसके बाद बाराबंकी-उन्नाव में डिजिटल अटेंडेंस न लगाने पर शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश दिया गया। अब इस नए नियम को होल्ड पर रखा गया है।

शंभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच का ऐलान किया

शंभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच का ऐलान किया 

राणा ओबरॉय 
चंडीगढ़। हरियाणा एवं पंजाब के बीच स्थित शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान करते हुए कहा है कि शंभू बॉर्डर के खुलते ही वह राजधानी दिल्ली के लिए कूच करेंगे। उधर हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद भी शंभू बॉर्डर खोलने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को हरियाणा एवं पंजाब के बीच स्थित शंभू बॉर्डर पर पिछले काफी समय से डटे किसानों की ओर से दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। चंडीगढ़ में हुई किसान संगठनों की बैठक के बाद किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा है कि किसानों को शंभू बॉर्डर खुलने का इंतजार है। बॉर्डर के खुलते ही धरने पर बैठे किसान राजधानी दिल्ली के लिए कूच कर जाएंगे। 
उन्होंने कहा है कि हमें केवल दिल्ली जाने के लिए सामान इकट्ठा करने में समय लगेगा, उसके बाद बॉर्डर खुलते ही हम दिल्ली की तरफ रवाना हो जाएंगे। किसान संगठनों की बैठक में किसान शुभकरण की मौत के मामले को लेकर गठित की गई स्पेशल टास्क फोर्स को खारिज करते हुए कहा है कि हरियाणा सरकार के अधिकारियों द्वारा की जा रही जांच से इंसाफ की उम्मीद नहीं लगती है। उधर शंभू बॉर्डर पर लगी 8 लेयर बेरिकेडिंग नहीं हटाने के मामले को लेकर हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई है। हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे के लिए सुप्रीम कोर्ट गई हरियाणा सरकार अब अदालत के फैसले का इंतजार कर रही है।

सोमवार, 15 जुलाई 2024

सीएम ने 'मुख्यमंत्री नाश्ता योजना' शुरू की

सीएम ने 'मुख्यमंत्री नाश्ता योजना' शुरू की

इकबाल अंसारी 
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को पड़ोसी तिरुवल्लूर जिले के कीझाचेरी में कक्षा एक से पांच तक के छात्रों के लिए सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की अग्रणी और प्रमुख मुख्यमंत्री नाश्ता योजना शुरू की। यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री के. कामराज की 122वीं जयंती के अवसर पर शुरू की गई। स्टालिन ने इस अवसर पर कामराज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मंत्रियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और जिला अधिकारियों की उपस्थिति में जिले के एक स्कूल में इस अग्रणी योजना के तीसरे चरण का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से छात्रों को नाश्ता परोसा एवं उन्हें खाना खिलाया। इस साल फरवरी में वित्त मंत्री थंगम थेन्नारासु द्वारा राज्य विधानसभा में पेश किए गए बजट में इसकी घोषणा की गयी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस योजना से 3,995 सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों के कुल 2,23,536 छात्र लाभान्वित होंगे। योजना का पहला चरण 2022 में और दूसरा चरण 2023 में शुरू किया गया था। स्टालिन ने आज इस योजना का विस्तार सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों तक कर दिया जिससे तीसरे चरण में 2,23,536 छात्र लाभान्वित हुए। इस योजना के तहत कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को सभी कार्य दिवसों में नाश्ता दिया जाएगा, जिसमें इडली, उप्पुमा, किचड़ी, पोंगल के साथ चटनी और सांभर शामिल होंगे। इस योजना का उद्देश्य पोषण में सुधार, नामांकन और उपस्थिति में वृद्धि के साथ-साथ विद्यार्थियों में सीखने की क्षमता में सुधार करना है। गौरतलब है कि थेन्नारासु ने 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा था कि 'किसी विचार से अधिक शक्तिशाली कुछ भी नहीं है, जिसका समय आ गया है।' मध्याह्न भोजन योजना और पौष्टिक भोजन कार्यक्रम जैसी प्रमुख योजनाओं को राज्य में प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में इस पहल के लिए 600 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा।

रविवार, 14 जुलाई 2024

प्लेटफॉर्म X पर पीएम के 100 मिलियन फोलोअर्स

प्लेटफॉर्म X पर पीएम के 100 मिलियन फोलोअर्स 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक नया रिकॉर्ड बना है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पीएम मोदी के 100 मिलियन, यानी 10 करोड़ फॉलोअर्स हो गए हैं।
देश के विभिन्न भारतीय राजनेताओं के सोशल मीडिया फ़ॉलोइंग की तुलना करें, तो सोशल मीडिया फ़ॉलोअर्स के मामलें में प्रधानमंत्री मोदी काफ़ी आगे हैं।

राहुल 26.4 मिलियन, केजरीवाल के 27.5 मिलियन फॉलोअर्स

विपक्ष के नेता राहुल गांधी के एक्स पर 26.4 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 27.5 मिलियन, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव के 19.9 मिलियन और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के 7.4 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 6.3 मिलियन, तेजस्वी यादव के 5.2 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं। जबकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार के 2.9 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं।

सीएम केजरीवाल का कोमा में जाने का खतरा

सीएम केजरीवाल का कोमा में जाने का खतरा 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का लगातार वजन घटने की वजह से उनके कोमा में जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा है कि शराब घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का लगातार वजन घट रहा है। गिरफ्तारी के बाद से लेकर अभी तक केजरीवाल के भजन में 8 किलो 500 ग्राम की कमी आ गई है। उन्होंने कहा है कि यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, क्योंकि 21 मार्च को हुई गिरफ्तारी के समय अरविंद केजरीवाल का वजन 70 किलो था, जो अब घटकर 61 किलो 500 ग्राम रह गया है। उन्होंने कहा है कि जेल में रहने के दौरान नींद में पांच बार मुख्यमंत्री का शुगर लेवल गिरकर 50 तक आ पहुंचा है। जबकि, डाक्टरों के मुताबिक, सोते समय अचानक शुगर लेवल गिरने से व्यक्ति के कोमा में जाने की आशंका बनी रहती है।

शनिवार, 13 जुलाई 2024

डग्गामार चलेंगे, अफसर को भी नहीं बक्शा जाएगा

डग्गामार चलेंगे, अफसर को भी नहीं बक्शा जाएगा

संदीप मिश्र 
लखनऊ। डग्गामार वाहनों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सख्त तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि अगर डग्गामार चलेंगे, तो बड़े अफसर को भी नहीं बक्शा जाएगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को डग्गा मार वाहनों को लेकर चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने डग्गा मार वाहनों के खिलाफ पूरे 1 महीने चेकिंग अभियान चलाने का आदेश परिवहन विभाग के अफसर को देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की सड़कों पर डग्गा मार बसें चलती नहीं मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर डग्गा मार वाहन या बिना परमिट की बसें उत्तर प्रदेश की सड़कों पर दौड़ती दिखाई दी तो बड़े अफसर को भी नहीं बक्शा जाएगा। मुख्यमंत्री ने अपना सख्त रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि बिना परमिट वाले वाहन सड़क पर दिखने नहीं चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने स्कूल बसों का परमिट, फिटनेस और इंश्योरेंस तथा ड्राइवर की जांच का भी आदेश दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रूप को रुख को देखते हुए परिवहन विभाग ने डग्गा मार वाहनों, बिना परमिट की बसों की चेकिंग शुरू कर दी है।

पीएम नेतन्याहू की सरकार को बर्बर करार दिया

पीएम नेतन्याहू की सरकार को बर्बर करार दिया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार को कांग्रेस...