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बुधवार, 31 मई 2023

1 लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी: सरकार 

1 लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी: सरकार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को सहकारी क्षेत्र में खाद्यान्न भंडारण क्षमता 700 लाख टन बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक में किए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, कि देश में अनाज भंडारण क्षमता फिलहाल 1,450 लाख टन है।

उन्होंने कहा, कि अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी। यह क्षमता सहकारी क्षेत्र में बढ़ेगी। ठाकुर ने प्रस्तावित योजना को सहकारी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम बताया। इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में 2,000 टन क्षमता के गोदाम बनाये जाएंगे। उन्होंने कहा, कि इस कदम का उद्देश्य भंडारण सुविधाओं की कमी से अनाज को होने वाले नुकसान से बचाना, किसानों को संकट के समय अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने से रोकना, आयात पर निर्भरता कम करना तथा गांवों में रोजगार के अवसर सृजित करना है।

मंत्री ने कहा कि अधिक भंडारण क्षमता से किसानों के लिए परिवहन लागत कम होगी और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है। लेकिन, मौजूदा क्षमता के तहत गोदामों में कुल उपज का 47 प्रतिशत तक ही रखा जा सकता है।

पहलवानों को इंसाफ दिलाने के लिए वार्ता: टिकैत 

पहलवानों को इंसाफ दिलाने के लिए वार्ता: टिकैत 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत पहलवानों से मिलने मौके पर पहुंचे। उन्होंने काफी देर तक पहलवानों को समझाया। उन्होंने पहलवानों को आश्वासन दिया, कि वह पहलवानों को इंसाफ दिलाने के लिए वार्ता करेंगे। नरेश टिकैत की बात मानने के बाद पहलवान करीब पौने दो घंटे के बाद वापस दिल्ली लौट गए।

बता दें कि मंगलवार को बजरंग पुनिया ने मेडल गंगा में प्रवाहित करने की जानकारी अपने ट्वीटर एकाउंट पर दी थी। उन्होंने लिखा ’28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है ?

बजरंग पुनिया ने लिखा, पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। जबकि, उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहे हैं। टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली अपनी घटनाओं को कबूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दे रहा है। यहां तक, कि पाक्सो एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है। महिला पहलवान अंदर से ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है ! हमें वे पल याद आ रहे हैं, जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे।

अब लग रहा है कि क्यों जीते थे ? क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे ? हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे। कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं। तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना खत्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है। अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना ?

पवित्र मां गंगा की गोद में प्रवाहित करेंगे मेडल

लिखा कि मन में यह सवाल आया कि किसे लौटाएं ये मेडल। हमारी राष्ट्रपति को, जो खुद एक महिला हैं। मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ दो किलोमीटर दूर बैठीं सिर्फ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं। हमारे प्रधानमंत्री को, जो हमें अपने घर की बेटियां बताते थे। मन नहीं माना, क्योंकि उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध नहीं ली, बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को बुलाया। वह तेज सफेदी वाले चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहा था. उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी, मानो कह रही हो कि मैं ही तंत्र हूं।

इस चमकदार तंत्र में हमारी जगह कहां हैं। भारत में बेटियों की जगह कहां हैं। क्या हम केवल नारे बनकर या सत्ता में आने भर का एजेंडा बनकर रह गई हैं। ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए। क्योंकि, इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर केवल अपना प्रचार करता है। यह तेज सफेदी वाला तंत्र और फिर हमारा शोषण करता है। हम उस शोषण के खिलाफ बोलें, तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है।

इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं। क्योंकि, वह गंगा मा हैं। जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है !

रिपोर्ट: एक दशक से कम समय में बदला 'भारत'

रिपोर्ट: एक दशक से कम समय में बदला 'भारत'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बदल गया है और आज विश्व व्यवस्था में एक स्थान हासिल करने की ओर है। अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा है कि आज भारत एशिया और वैश्विक वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है।

रिपोर्ट कहती है कि भारत को लेकर संदेह, विशेषरूप से विदेशी निवेशकों के मामले में, 2014 के बाद से हुए उल्लेखनीय बदलावों को नजरअंदाज करने जैसा है। रिपोर्ट में इन आलोचनाओं को खारिज किया गया है कि दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने और पिछले 25 साल के दौरान सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले शेयर बाजार के बावजूद भारत अपनी क्षमता के अनुरूप नतीजे नहीं दे सका है।

रिपोर्ट कहती है कि भारत एक दशक से कम समय में बदल गया है। यह भारत 2013 से अलग है। 10 साल के छोटे से अरसे में भारत ने दुनिया की व्यवस्था में स्थान बना लिया है। प्रधानमंत्री मोदी के पद संभालने के बाद 2014 से हुए 10 बड़े बदलावों का जिक्र करते हुए ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि भारत में कॉरपोरेट कर की दर को अन्य देशों के बराबर किया गया है।

इसके अलावा बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके साथ ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह लगातार बढ़ रहा है। साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत में डिजिटल लेनदेन बढ़ रहा है, जो अर्थव्यवस्था के संगठित होने का संकेत है। 

सोमवार, 29 मई 2023

सिब्बल ने टिप्पणी को लेकर 'पीएम' पर कटाक्ष किया 

सिब्बल ने टिप्पणी को लेकर 'पीएम' पर कटाक्ष किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी को लेकर सोमवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ईंटों और गोलों से नहीं बल्कि 1.4 अरब लोगों की सोच व आकांक्षाओं के साथ स्वतंत्रता का विचार नए भारत का निर्माण कर सकता है।

मोदी ने रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन को देश की विकास यात्रा में एक अमर क्षण बताते हुए दावा किया था कि यह एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत की सुबह को चिह्नित करेगा जिससे अन्य देशों में विकास को प्रेरणा मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन में कहा था कि नया संसद भवन नए भारत की ऊंचाइयां हासिल करने की दिशा में काम करने की आकांक्षाओं तथा संकल्प को दर्शाता है।

सिब्बल ने उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, ईंटों और गोलों से नहीं, बल्कि 1.4 अरब लोगों की सोच व आकांक्षाओं के साथ स्वतंत्रता का विचार मेरे नए भारत का निर्माण कर सकता है... जहां नए विचार पनपते हों और हर तरह के रंग बिखरते हों... न कि जो भगवा, खंडित और असहिष्णु हो।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पहली और दूसरी सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी। समाजवादी पार्टी के समर्थन से सिब्बल राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य निर्वाचित हुए थे। उन्होंने हाल में इंसाफ नामक एक मंच शुरू किया है। उनके मुताबिक, इस मंच का उद्देश्य अन्याय से लड़ना है।  

पूर्व पीएम की 36वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित  

पूर्व पीएम की 36वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित  

राणा ओबरॉय 

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 36वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। खट्टर ने ट्वीट कर कहा, गरीबों, असहायों व श्रमिकों के हितों की रक्षा करने के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले, प्रखर नेता, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि।

उनका आदर्श जीवन हमें सदा कृषकों के साथ-साथ देश के ग्रामीण क्षेत्र की उन्नति हेतु प्रेरित करता रहेगा। गौरतलब है कि चौधरी चरण सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश में 23 दिसम्बर 1902 को हुआ था। वह देश के पांचवें प्रधानमंत्री बने। वह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने महात्मा गांधी के 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान हिंडन नदी पर नमक बनाने में भाग लिया और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। उनका 29 मई 1987 को निधन हो गया।

द्रमुक का 'भाजपा' से गठबंधन की संभावना नहीं

द्रमुक का 'भाजपा' से गठबंधन की संभावना नहीं

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। स्टालिन ने सिंगापुर की सरकारी यात्रा के दौरान एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में भाजपा के साथ किसी तरह के गठबंधन से साफ इंकार किया है।

साक्षात्कार के अंश हाल में राज्य सरकार ने जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि अतीत के अप्रिय दिनों में दिवंगत द्रमुक नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणानिधि के नेतृत्व में पार्टी का भाजपा के साथ गठबंधन था , तब श्री अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा के बीच काफी कुछ मतभेद थे। उन्होंने जोर दिया कि अब द्रमुक और भाजपा के बीच गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा , “हम चिंतित नहीं हैं। हम उनकी कमजोरी पर राजनीति नहीं करते हैं।

हम अपने सिद्धांतों और अपने समर्थकों पर निर्भर हैं और रहेंगे।जहां तक सरकार का संबंध है, तमिलों और तमिलनाडु के कल्याण सर्वोपरि हैं। हम तमिल की अनिवार्यता (सीखना) और तमिलों के लिए रोजगार में प्राथमिकता जैसे उपायों को क्रियान्वित कर रहे हैँ।” एक प्रश्न के उत्तर में स्टालिन ने कहा कि खेल विकास मंत्री एवं उनके पुत्र उदयनिधि स्टालिन की कार्यप्रणाली से वह गौरवान्वित हैं।

9 वर्षों में लोगों को 'महंगाई' का सामना करना पड़ा

9 वर्षों में लोगों को 'महंगाई' का सामना करना पड़ा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ वर्षों में लोगों को जानलेवा महंगाई का सामना करना पड़ा और उनकी कमाई को भी ‘लूट लिया गया।’ प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई, 2014 को पहली बार पद की शपथ ली थी। यह बतौर प्रधानमंत्री उनका दूसरा कार्यकाल है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘9 वर्षों में जानलेवा महंगाई, भाजपा ने लूटी जनता की कमाई ! हर ज़रूरी चीज़ पर जीएसटी की मार, बिगड़ा बजट, जीना दुश्वार ! अहंकारी दावे किए कि ‘महंगाई तो दिखती नहीं’ या “ये महंगी चीज़ हम खाते ही नहीं’।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अच्छे दिनों से “अमृतकाल” की यात्रा, महंगाई से जनलूट की बढ़ती गई मात्रा !’’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अगले कुछ दिनों और हफ़्तों में हर तरफ़ पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी की तथाकथित "श्रेष्ठ उपलब्धियों" को प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा। ख़ुद प्रधानमंत्री मोदी, उनके मंत्री, बीजेपी के अन्य नेता और उनके लिए ढोल पीटने वाले इस काम में लगे रहेंगे।

लेकिन ग़रीबी के कगार पर खड़े लोग, जिन्हें अपनी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने में भी तरह-तरह की मुश्किलें आ रही हैं, वे एक ही बात पूछेंगे - क्या हमारा जीवन बेहतर हुआ है, या क्या हमारी आजीविका में सकारात्मक बदलाव आया है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका स्पष्ट जवाब है - नहीं।’’

रमेश ने कहा, ‘‘ वर्ष 2014 से वास्तविक मज़दूरी में वृद्धि- कृषि मज़दूरों के लिए 0.8 प्रतिशत, गैर-कृषि मज़दूरों के लिए 0.2 प्रतिशत, निर्माण मज़दूरों के लिए 0.02 प्रतिशत। इसी बीच 2014 से बुनियादी जरूरत की वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि- एलपीजी में 169 प्रतिशत, पेट्रोल में 57 प्रतिशत, डीजल में 78 प्रतिशत, सरसों के तेल में 58 प्रतिशत, आटे में 56 प्रतिशत और दूध में 51 प्रतिशत।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘सच्चाई यह है कि एक विशेष व्यक्ति को छोड़कर, लगभग हर किसी की आय स्थिर हो गई है। 2014 से गौतम अडाणी की संपत्ति में 1,225 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ।’’ 

रविवार, 28 मई 2023

उद्घाटन: पीएम ने देश को नई 'संसद' समर्पित की

उद्घाटन: पीएम ने देश को नई 'संसद' समर्पित की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आजादी के बाद रविवार (28 मई) को देश को नई 'संसद भवन' तोहफा मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि-विधान से पूजन आदि के बाद देश को रविवार को नई संसद समर्पित की है। वहीं, हवन-पूजन के कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया और उसे स्पीकर के आसन के पास स्थापित कर दिया। पीएम मोदी ने संसद के उद्घाटन समारोह पर आयोजित कार्यक्रम के दूसरे चरण के दौरान में स्मारक डाक टिकट और 75 रुपये का सिक्का भी जारी किया है। इस सिक्के का वजन  34.65-35.35 ग्राम है। इस सिक्के को पश्चिम बंगाल के कोलकाता की टकसाल में ढाला गया है।

ये हैं खासियतें...

जानकारी दे दें कि इस सिक्के के दोनों तरफ अशोक स्तंभ, जिस पर भारत और इंडिया लिखा हुआ है। वहीं, इसके नीचे रुपये के चिह्न के साथ 75 लिखा है। सिक्के के दूसरी तरफ संसद की तस्वीर है और उसके नीचे 2023 लिखा है। ये सिक्का कोलकाता के टकसाल में ढाला गया है। सिक्के का डायमीटर 44 मिमी है। इसका वजन 34.65-35.35 ग्राम है। जानकारी के लिए बता दें कि ये सिक्का 50% सिल्वर, 40% कॉपर, 5% निकल और 5% जिंक से बना है। सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ है, जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। बाईं ओर देवनागरी में भारत और दाईं ओर अंग्रेजी में इंडिया लिखा है। जानकारी के मुताबिक, नए सिक्के में रुपए का साइन है और लायन कैपिटल के नीचे 75 रुपये लिखा है। साथ ही सिक्के की दूसरी साइड पर संसद परिसर की तस्वीर बनी हुई है और तस्वीर के ऊपर देवनागरी में संसद संकुल और नीचे अंग्रेजी में पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स लिखा हुआ है।

पहली बार किया संबोधन...

वहीं, पीएम मोदी ने इस मौके पर नई संसद भवन में पहली बार अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा, ‘देश की विकास यात्रा में कुछ पल अमर हो जाते हैं। आज 28 मई 2023 का ये दिन भी ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है और आज सुबह ही संसद भवन परिसर में सर्व पंथ प्रार्थना हुई है। पीएम ने आगे कहा कि मैं देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई देता हूं। यह सिर्फ भवन नहीं है, यह 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की परछाई है और ये हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।’

राष्ट्र की प्रगति और एकता का साक्षी बनेगा 'भवन'

राष्ट्र की प्रगति और एकता का साक्षी बनेगा 'भवन'

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, कि नया संसद भवन राष्ट्र की प्रगति और एकता का साक्षी बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें नए संसद भवन के गरिमामय लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य मिला है।

आधिकारिक जानकारी में आज यहां बताया गया कि चौहान ने कहा कि देशवासी जहाँ लोकतंत्र के इस नवीन भव्य मंदिर में नये भारत का उज्ज्वल और स्वर्णिम भविष्य देख रहे हैं, वहीं कुछ लोगों की आँखों में बंधी पट्टी उन्हें सच्चाई नहीं देखने दे रही है। ऐसे लोगों से बस यही कहना है- जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नया संसद भवन, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण के साथ देश की एकता, अखण्डता और प्रगति का साक्षी बनेगा। इस श्रेष्ठ और अभूतपूर्व रचना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी अभिनंदन के पात्र हैं।  चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी ने जब 'नए भारत का नया संसद भवन' राष्ट्र को समर्पित किया औऱ राजधर्म, न्याय, निष्पक्षता, संप्रभुता, अक्षुण्णता एवं सामर्थ्य को साष्टांग दंडवत प्रमाण किया, तब वह क्षण ऐतिहासिक था।

यह पल देश के लोकतांत्रिक इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। आज पूरे देश का मन उत्साह और गौरव से भरा हुआ है। प्रधानमंत्री  मोदी ने नवनिर्मित संसद भवन का लोकार्पण कर नवनिर्माण के संकल्पों की ओर अग्रसर भारत को नई गति दी है। उन्होंने कहा कि यह स्वर्णिम पल इतिहास में दर्ज हो गया, जब वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन में ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित किया।

प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ कार्रवाई की निंदा 

प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ कार्रवाई की निंदा 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले ने रविवार को दिल्ली में प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की। उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में ले लिया।

देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।

सुले ने ट्वीट किया, ‘‘क्या केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके (पहलवानों) साथ मारपीट करने की अनुमति दी थी ? केंद्र सरकार को स्पष्ट जवाब देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन खिलाड़ियों ने खेलों के माध्यम से हमारे देश का मान बढ़ाया है, वे न्याय के लिए इस तरह की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं।

जिन विजेताओं का सभी ने अभिनंदन किया, अब न्याय की मांग करने के कारण वे अचानक खलनायक बन गए हैं।’’ इस बीच, राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने इस मुद्दे पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की आलोचना की। उन्होंने सवाल किया, ‘‘स्मृति ईरानी, ये हमारी महिला पहलवान हैं, आप देखें कि उनके साथ कैसा दुर्व्यवहार किया जा रहा है। आप भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं, क्या आपका कर्तव्य नहीं है कि आप उनकी रक्षा करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें। हम आपको केवल राहुल गांधी से जुड़े मुद्दों पर ही बोलते हुए क्यों पाते हैं।’’

पुलिस ने सैकड़ों किसानों को बॉर्डर पर रोका

पुलिस ने सैकड़ों किसानों को बॉर्डर पर रोका

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों को रविवार को दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया। क्योंकि, वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। नए संसद भवन के पास पहलवानों की ओर से आहूत प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।

जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को नए संसद भवन के पास प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गयी है। ये पहलवान महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।

इस बीच, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया। शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था।

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले राकेश टिकैत ने भारी सुरक्षा वाले गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद कहा, अन्य सभी किसानों को पुलिस द्वारा रोक दिया गया है। अभी हम यहीं बैठेंगे और तय करेंगे कि आगे क्या करना है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करने वाले किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच तीखी बहस हुई।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर अब गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि आनंद विहार और आसपास के अन्य इलाकों में जाने वाले मार्गों पर जाम लग गया और यातायात में आवश्यक बदलाव किया गया है। प्रदर्शनकारी पहलवानों द्वारा 'महिला सम्मान महापंचायत' के आह्वान के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेड और पुलिस चौकियों के साथ सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दिन कोई गड़बड़ी न हो। हर मार्ग पर, खासकर नयी दिल्ली क्षेत्र की ओर जाने वाले मार्गों पर भारी पुलिस बल तैनात था।

इस बीच, दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी, रणनीतिक स्थानों और इसके सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापक और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है और यह सुनिश्चित करेगी कि कानून व्यवस्था बनी रहे। पाठक ने कहा, नए संसद भवन के उद्घाटन में गड़बड़ी पैदा करने के किसी भी प्रयास से बहुत ही विनम्रता और दृढ़ता से निपटा जाएगा।

मैं हमारे सम्मानित एथलीटों से अनुरोध करता हूं कि आज ऐसा कुछ भी न करें।  दीपेंद्र पाठक ने यह भी कहा कि पुलिस इतने महत्वपूर्ण दिन पर किसी को भी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होने देगी और किसी भी स्थिति से पेशेवर तरीके से निपटेगी। पुलिस द्वारा वाहनों की जांच के साथ ही दिल्ली की सभी सीमाओं पर प्रवेश बिंदुओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

राहुल को मिला पासपोर्ट, आज रवाना होंगे अमेरिका

राहुल को मिला पासपोर्ट, आज रवाना होंगे अमेरिका

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक स्थानीय अदालत द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी किए जाने के दो दिन बाद रविवार को नया सामान्य पासपोर्ट मिल गया और अब वह सोमवार को अमेरिका रवाना होंगे।

सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि पासपोर्ट कार्यालय ने भरोसा दिलाया था कि रविवार को पासपोर्ट मिल जाएगा और उन्हें दोपहर के समय पासपोर्ट मिल गया। दिल्ली की एक अदालत ने राहुल गांधी को 10 वर्ष के बजाय तीन वर्ष के लिए सामान्य पासपोर्ट जारी किए जाने के वास्ते गत शुक्रवार को अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किया था।

राहुल गांधी सोमवार शाम अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के लिए रवाना होने वाले हैं। उनके अमेरिका के कुछ अन्य शहरों में भी कार्यक्रम हैं। आगामी चार जून को वह न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करेंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके पश्चात राहुल ने राजनयिक यात्रा दस्तावेज लौटा दिए थे। 

संसद के नए भवन की तुलना ताबूत से की: राजद

संसद के नए भवन की तुलना ताबूत से की: राजद

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार में सत्तारुढ़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने संसद के नए भवन की तुलना ताबूत से की है, जिसकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इतनी शर्मनाक हरकत राजद और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ही कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जब संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन कर रहे थे तब राजद ने संसद के नये भवन की तस्वीर के साथ ताबूत की तस्वीर पोस्ट कर पूछा "यह क्या है ?"

राजद के इस तरह के ट्वीट की चौतरफा आलोचना हो रही है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राजद ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ओर नये संसद भवन का चित्र और दूसरी ओर मृतक को रखने वाले बक्सा यानी ताबूत का चित्र डाला है। पहला चित्र भारत का भविष्य है और दूसरा चित्र राजद का भविष्य दर्शाता है।

मोदी ने कहा, कि भारत के गौरव दिवस पर इतनी शर्मनाक हरकत राजद और जदयू ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि नए संसद भवन की जरूरत नहीं थी तो उन्हें बताना चाहिए कि पटना में ब्रिटिश कालीन म्यूजियम के रहते हुए एक हजार करोड़ रुपए खर्च कर नया म्यूजियम क्यों बनाया गया। इसी तरह श्री कृष्ण मेमोरियल भवन के रहते हुए बापू सभागार बनवाने की क्या आवश्यकता थी लेकिन सभी को नरेंद्र मोदी से द्वेष और घृणा है इसलिए वह उनके हर कार्यों की आलोचना करते हैं।

भाजपा सांसद ने कहा कि भले ही आज विपक्ष के राजनीतिक दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है लेकिन कल जब संसद की बैठक होगी तब तो सभी को वहीं बैठना होगा। उन्होंने कहा कि यदि उनमें हिम्मत है तो वह ऐलान करें कि वह इस नए संसद भवन में कदम भी नहीं रखेंगे। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजद का कोई अपना स्टैंड नहीं है।

भाजपा के साथ वर्षों रहकर राज करने वाले श्री नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया है। उन्होंने कहा कि राजद के लोग ताबूत के बदले कोई और मिसाल दे सकते थे। लेकिन, वह हर चीज में कोई एंगल दे देते हैं।

जयंती: सावरकर को पुष्पांजलि अर्पित की

जयंती: सावरकर को पुष्पांजलि अर्पित की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने वी. डी. सावरकर को उनकी जयंती पर पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय कक्ष में सावरकर की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। सावरकर को श्रद्धांजलि देने के लिए कई केंद्रीय मंत्री और सांसद भी प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय कक्ष पहुंचे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया,  अपने विचारों से असंख्य भारतीयों के हृदय में देशभक्ति का दीप प्रज्वलित करने वाले उत्कृष्ट राष्ट्रभक्त वीर सावरकर की जयंती पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन।

वीर सावरकर की देशभक्ति, त्याग व समर्पण वंदनीय है और युगों-युगों तक देशवासियों को प्रेरणा देने का काम करता रहेगा। सावरकर का जन्म 1883 में महाराष्ट्र में हुआ था। उन्हें हिंदुत्व विचारधाराओं वाले दल और संगठन एक नायक मानते हैं। 

शनिवार, 27 मई 2023

आज नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे 'पीएम'

आज नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे 'पीएम'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस नए संसद भवन का रविवार को उद्घाटन करेंगे। हालांकि, विपक्ष के 20 दलों का कहना है, कि राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए। शुक्रवार को, मोदी ने कहा था कि नया संसद भवन प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित करेगा। उन्होंने नए परिसर का वीडियो भी साझा किया था। नये संसद भवन में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की कालीन, त्रिपुरा के बांस से बने फर्श और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी भारत की संस्कृतिक विविधता को दर्शाती है।

तमिलनाडु से संबंध रखने वाले और चांदी से निर्मित एवं सोने की परत वाले ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा। अगस्त 1947 में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया यह रस्मी राजदंड इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू दीर्घा में रखा गया था। उद्घाटन समारोह का 20 विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार किए जाने के बीच, राजदंड को लेकर भी राजनीतिक विवाद छिड़ गया है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को दावा किया कि इस बारे में कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, जिससे यह साबित होता हो कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘सेंगोल’ को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किए जाने का प्रतीक बताया हो। ‘सेंगोल’ पर कांग्रेस के रुख को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस को अपने व्यवहार पर अच्छी तरह से विचार करने की आवश्यकता है।उन्होंने पार्टी के इस दावे की निंदा की कि 1947 में ‘सेंगोल’ को ब्रिटेन द्वारा भारत को सत्ता सौंपे जाने का प्रतीक होने का कोई उदाहरण नहीं है। नये संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर, सरकार 75 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी करेगी। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक कार्य विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, “नये संसद भवन के उद्घाटन के उपलक्ष्य में 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया जाएगा।

सिक्के का वजन 35 ग्राम है और यह चार धातुओं से बना हुआ है।” सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का शेर अंकित है, जिसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। इसके बाईं ओर देवनागरी में ‘भारत’ और दाईं ओर अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखा होने के साथ ही रुपये का प्रतीक चिन्ह भी अंकित है। वहीं, सिक्के के दूसरी तरफ नए संसद भवन की तस्वीर है। इसके ऊपर देवनागरी में ‘संसद संकुल’ और नीचे अंग्रेजी में ‘पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स’ लिखा है। नीचे 2023 भी लिखा हुआ है। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नये संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थल मौजूद होगा। त्रिभुजाकार वाले चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है। भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। इसमें वीआईपी (अति विशिष्ट व्यक्तियों), सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं। नये संसद भवन के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है। इसमें प्रयुक्त सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई है, जबकि लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और हुमायूं के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से लाया गया था। हरा पत्थर उदयपुर से, तो अजमेर के पास लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक तरह से लोकतंत्र के मंदिर के निर्माण के लिए पूरा देश एक साथ आया है। इस प्रकार यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की सच्ची भावना को दर्शाता है।’’ लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ‘फाल्स सीलिंग’ के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगाई गई है, जबकि नये भवन के लिए फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था। इमारत पर लगी पत्थर की ‘जाली’ राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंगवाई गई थी। अशोक चिह्न के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से लाई गई थी, जबकि संसद भवन के बाहरी हिस्सों में लगी सामग्री को मध्य प्रदेश के इंदौर से मंगाया गया था।

पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों द्वारा किया गया था। वहीं, पत्थरों को कोटपूतली, राजस्थान से लाया गया था। नए संसद भवन में निर्माण गतिविधियों के लिए ठोस मिश्रण बनाने के वास्ते हरियाणा के चरखी दादरी में निर्मित रेत या ‘एम-रेत’ का इस्तेमाल किया गया। ‘एम रेत’ एक प्रकार की कृत्रिम रेत है, जिसे बड़े सख्त पत्थरों या ग्रेनाइट को बारीक कणों में तोड़कर बनाया जाता है और जो नदी की रेत से अलग होती है। निर्माण में इस्तेमाल की गई ‘फ्लाई ऐश’ की ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई थीं, जबकि पीतल के काम के लिए सामग्री और ‘पहले से तैयार सांचे’ गुजरात के अहमदाबाद से लाए गए थे। नये संसद भवन में, दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) की संयुक्त बैठक में 1,280 सदस्य शामिल हो सकेंगे। संसद का मौजूदा भवन 96 साल पुराना है, जिसका निर्माण कार्य 1927 में पूरा हुआ था। तत्कालीन वाइसरॉय लॉर्ड इरविन ने 18 जनवरी 1927 को इसका उद्घाटन किया था। अभिलेखीय दस्तावेजों और पुरानी दुर्लभ तस्वीरों के मुताबिक, इस भव्य इमारत के उद्घाटन के लिए 18 जनवरी 1927 को एक भव्य आयोजन किया गया था। उस समय इसे ‘काउंसिल हाउस’ के रूप में जाना जाता था।

भाजपा, 9 वर्षों में सपने दिखाने के अलावा कुछ नहीं

भाजपा, 9 वर्षों में सपने दिखाने के अलावा कुछ नहीं

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने केंद्र सरकार पर एक भी वादा ठीक से पूरा नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा, कि प्रचार के सहारे चल रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नौ वर्षों के राज में जनता को कोरे सपने दिखाने के अलावा कुछ नहीं किया है।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं महासचिव राजीव रंजन ने केंद्र सरकार के नौ वर्षों को हर मानक पर फेल बताया और भाजपा पर एक भी वादा ठीक से पूरा नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रचार के सहारे चल रही भाजपा ने नौ वर्षों के राज में जनता को कोरे सपने दिखाने के अलावा कुछ नहीं किया है। लगातार दो कार्यकाल के बाद भी यह ऐसा एक वादा नहीं बता सकते जिसे इन्होंने ठीक से पूरा किया।

इनका पूरा समय योजनाओं का रिबन काटने और उसके फोटोग्राफ प्रचारित करवाने में लगा रह गया है। श्री रंजन ने भाजपा से सवाल पूछते हुए कहा कि आज एक तरफ भाजपा के बयानवीर नौ वर्षों की झूठी उपलब्धियां गिना रहे हैं वहीं दूसरी तरफ जनता ठगी हुई महसूस कर रही है। अपनी पीठ खुद थपथपा रहे भाजपाइयों को यह बताना चाहिए कि उन्होंने कितने किसानों की आमदनी दुगनी की है।

उन्हें बताना चाहिए कि कौशल विकास मंत्रालय पर सैकड़ों करोड़ रुपए बहाने के बावजूद भारत में कुशल कामगारों की संख्या दो फीसदी क्यों है। जदयू महासचिव ने कहा कि भाजपा ने पेट्रोल डीजल के दाम घटाने का वादा किया था, लेकिन उसे और मंहगा कर 100 रुपए के पार पहुंचा दिया। उन्हें बताना चाहिए कि कच्चे तेल के दामों के कमी के बाद भी उन्होंने पेट्रोल डीजल के दाम क्यों नहीं घटाए।

रंजन ने पूछा कि भाजपा को बताना चाहिए कि उन्होंने विदेशों से कितना काला धन देश में वापस लाया। वह बताएं कि उनके शासन में सिर्फ अदानी-अंबानी की संपत्तियों का ही विकास क्यों हुआ। वह बताएं कि दो करोड़ सालाना रोजगार के वादे के मुताबिक कितने रोजगार दिए गये। मध्यवर्ग की आमदनी क्यों नहीं बढ़ी।

उज्ज्वला योजना फेल क्यों हो रही है ? वह बताएं कि नमामि गंगे में अरबों रुपए खर्च करने के बाद भी गंगा जी अभी तक साफ़ क्यों नहीं हुई। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में मोदी सरकार के नौ साल नाकामी, जनता के साथ धोखेबाजी और जुमलेबाजी के नौ साल हैं।

इन वर्षों में सरकार ने सिर्फ प्रवर्तन निदेशालय (ईईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के जरिये विपक्ष को दबाने, सांप्रदायिक उन्माद फैलाने और जनता को भरमाने का काम किया है। मोदी सरकार के इन नौ सालों में विकास सिर्फ भाजपा के पूंजीपति मित्रों का हुआ है वहीं जनता की हालत और दयनीय हो गई है।

पहलवान बेटियों को न्याय देने की मांग: सिसोदिया 

पहलवान बेटियों को न्याय देने की मांग: सिसोदिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। शराब घोटाला मामलें में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं देश का गौरव बढ़ाने वाली पहलवान बेटियों को न्याय देने की मांग की है। सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री इस प्रकरण से ऐसे अपना मुंह मोड़े हुए हैं, जैसे यह बेटियां पाकिस्तान से आई हुई हैं।

विदेशी धरती पर मेडल जीत कर भारत का नाम रौशन करने वाली इन बेटियों को प्रधानमंत्री अपने परिवार का सदस्य बताते नहीं थक रहे थे, लेकिन अब चुप हैं। हर बात पर ‘‘मन की बात’’ बताने वाले प्रधानमंत्री क्या सिर्फ इसलिए चुप हैं, क्योंकि आरोपी उनकी पार्टी का एक बाहुबली सांसद है? उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, “ प्रधानमंत्री, आपने तो कहा था कि बेटियां देश की गौरव होती है।

फिर इन बेटियों ने तो सच में देश का गौरव बढ़ाया है। इन प्रतिभाशाली बेटियों की वजह से विदेशी धरती पर हमारा तिरंगा सबसे ऊपर लहराया है। इनकी वजह से विदेशी सरजमीं पर हमारा राष्ट्रगान गुंजायमान हुआ है। जो बेटी पदक जीतने पर, भारत का गौरव बढ़ाते हुए इतनी भावुक हुई कि उसकी आंखों से आंसू निकल आए, वह आज जब जंतर-मंतर पर न्याय के लिए आंसू बहा रही है, तो एक भारतीय होने के नाते मेरा खून खौल उठता है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री कहा, “ हम आपके राजनीतिक विरोधी हैं, आपने हमारे काम रोकने के लिए आठ साल तक संविधान का गला घोंटा। अपनी सारी एजेंसियों को समझाकर मुझे झूठे आरोपों में जेल भेजा। आप अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल भेजिए, फांसी लगवा दीजिए, यह आपकी राजनीति का तरीका और स्तर हो सकता है। लेकिन, भारत का गौरव बढ़ाने वाली इन बेटियों को न्याय दीजिए, नहीं तो कोई भी प्रतिभाशाली बेटी फिर इस देश में किसी शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ आवाज़ उठाने का साहस नहीं कर सकेगी।”

पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने सिसोदिया के लिखे पत्र को ट्वीटर पर साझा कर कहा, ‘‘जेल से मनीष सिसोदिया लिखते हैं। प्रधानमंत्री, आप अपने विरोधियों को जेल भेजिए, फांसी पर लटका दीजिए। लेकिन भारत का गौरव बढ़ाने वाली बेटियों को न्याय दीजिए, वरना इस देश की कोई भी बेटी अपनी आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं करेगी।” 

शुक्रवार, 26 मई 2023

20 विपक्षी दलों के फैसले को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया 

20 विपक्षी दलों के फैसले को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/राजपिपला। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के 20 विपक्षी दलों के फैसले को शुक्रवार को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि राजनीति करने की एक सीमा होनी चाहिए। गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर आए जयशंकर नर्मदा जिले के राजपिपला कस्बे में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन का जश्न पूरे देश को एक उत्सव के रूप में मनाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई, रविवार को नये संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। विपक्षी दलों का तर्क है कि संसद के नये भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए क्योंकि वह न केवल गणराज्य की प्रमुख हैं, बल्कि संसद की भी प्रमुख हैं क्योंकि वह उसे आहूत करती हैं, सत्रावसान करती हैं और उसे संबोधित करती हैं।

जयशंकर ने कहा, मेरा मानना है कि नए संसद भवन के उद्घाटन को लोकतंत्र के त्योहार के रूप में लिया जाना चाहिए और इसका जश्न उसी भावना से मनाया जाना चाहिए। इसे विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए। अगर यह विवाद का विषय बन जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, कुछ लोग (विवाद पैदा करने की) कोशिश कर रहे हैं।

लेकिन, मेरा मानना है कि राजनीति में लिप्त होने की एक सीमा होनी चाहिए। कम से कम ऐसे अवसरों पर पूरे देश को एक साथ आना चाहिए और इस त्योहार को मनाना चाहिए।" अपने गुजरात दौरे में, जयशंकर का नर्मदा जिले के उन चार गांव जाने का कार्यक्रम है, जिन्हें उन्होंने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है।

देश के साथ विश्वासघात किया, माफी मांगनी चाहिए

देश के साथ विश्वासघात किया, माफी मांगनी चाहिए

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर शुक्रवार को महंगाई, बेरोजगारी एवं कुछ अन्य विषयों पर उससे नौ सवाल पूछें और कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने वादों को पूरा नहीं करके देश के साथ जो विश्वासघात किया है, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। मुख्य विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जो वादे किये थे, वह काल्पनिक थे और कोई वादा पूरा नहीं हुआ। कांग्रेस ने 'नौ साल, नौ सवाल' शीर्षक से एक पुस्तिका भी जारी की और कहा कि 26 मई को प्रधानमंत्री मोदी को 'माफी दिवस' के रूप मनाना चाहिए।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, "नौ साल बाद आज कांग्रेस नौ सवाल पूछ रही है। राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान ये सवाल पूछे थे, लेकिन प्रधानमंत्री और सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।'' उन्होंने सवाल किया, "प्रधानमंत्री जी, ऐसा क्यों है कि महंगाई और बेरोजगारी आसमान छू रही हैं? आर्थिक विषमता क्यों बढ़ रही है। ऐसा क्यों है कि किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं हुई, किसानों के साथ किये गए वादे पूरे क्यों नहीं हुए, एमएसपी की कानूनी गारंटी क्यों नहीं दी गई।

" रमेश ने यह भी पूछा, "अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए, एसबीआई और एलआईसी में जमा लोगों की खून -पसीने की कमाई का क्यों इस समूह में निवेश किया गया, अडाणी समूह की फर्जी कंपनियों में जमा 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं?" उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री जी, आपने चीन को लाल आंख दिखाने की बात करने के बावजूद चीन को क्लीन चिट क्यों दी।

चुनावी फायदे के लिए, राजनीतिक फायदे के लिए डर का माहौल क्यों पैदा किया जा रहा है?" रमेश ने कहा, "ऐसा क्यों है कि आप महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर चुप रहते हैं, जाति आधारित जनगणना पर चुप्पी क्यों है?" कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, "ऐसा क्यों है कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है और विपक्ष शासित सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है।

क्या ऐसा नहीं है कि कुप्रबंधन से 40 लाख लोगों की मौत हुई और प्रभावित परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दिया गया?" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इन सवालों पर चुप्पी तोड़नी चाहिए। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ''आज का दिन प्रधानमंत्री को माफी दिवस के तौर पर मनाना चाहिए। सभी देशवासियों से प्रधानमंत्री को माफी मांगना चाहिए क्योंकि भारत के लोगों के साथ विश्वासघात हुआ है।" खेड़ा ने कहा, "उन्होंने जो बातें कीं और वादे किये, वह सभी काल्पनिक थे।

शिवसेना के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है 

शिवसेना के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है 

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने के संकेत देते हुए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के एक सांसद ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

मुंबई से लोकसभा सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा कि चूंकि, शिवसेना एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है, इसलिए उसके सांसदों का काम “उसी के मुताबिक” होना चाहिए। शिंदे समूह के वरिष्ठ नेता ने कहा, “हम राजग का हिस्सा हैं... इसलिए हमारा काम उसी हिसाब से होना चाहिए और (राजग) घटक दलों को (उपयुक्त) दर्जा मिलना चाहिए।

हमें लगता है कि हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।” महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ हाथ मिलाने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना 2019 में राजग से बाहर हो गई थी। पिछले साल शिवसेना में फूट के बाद शिंदे ने भाजपा से हाथ मिला लिया था और मुख्यमंत्री बने थे।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिन में कीर्तिकर ने यह भी कहा कि 2019 में शिवसेना और भाजपा द्वारा लागू किया गया सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं बदला जाएगा। दूसरी ओर, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

किसान गोष्ठी का निरीक्षण कर, जायजा लिया

किसान गोष्ठी का निरीक्षण कर, जायजा लिया ग्राम पंचायत बलकरनपुर एवं सकाढ़ा में आयोजित किसान गोष्ठी का सीडीओ ने किया निरीक्षण ...