लोनी में मनाईं गईं मुलायम सिंह की पुण्य तिथि
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। लोनी विधानसभा मे पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश एवं पूर्व अध्यक्ष समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि एवं सभा का आयोजन किया। सभा की अध्यक्षता दिनेश नागर ने की, संचालन सिराज सैफी ने किया।
मुख्य अतिथि पूर्व विधायक हाजी जाकिर अली रहे सभा को संबोधित करते हुए हाजी जाकिर अली ने कहा, मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की, उन्होंने लगातार तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत सरकार में केंद्रीय रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वह छह दशकों से अधिक समय तक भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति थे, और गरीबों और पीड़ितों के हितों की वकालत करने वाले एक ज़मीनी नेता के रूप में उनका व्यापक रूप से सम्मान किया जाता था। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा उन्हें नेताजी (हिंदी में सम्मानित नेता) और धरतीपुत्र (धरती माता का tपुत्र) के नाम से भी जाना जाता था।
सभा को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष दिनेश नागर ने कहा मुलायम सिंह यादव लोहिया के लेखन से प्रभावित थे और उन्होंने उनके नेतृत्व में विभिन्न समाजवादी आंदोलनों में भाग लिया।
वह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (एसएसपी) में शामिल हो गए, जिसकी स्थापना 1955 में लोहिया और अन्य लोगों ने की थी। वह 1967 में लोहिया के एक अन्य प्रमुख अनुयायी चरण सिंह के समर्थन से एसएसपी उम्मीदवार के रूप में जसवन्त नगर (मैनपुरी) से विधायक बने। बाद में वह कई अन्य पार्टियों में भी रहे,जो लोहिया की विचारधारा पर आधारित थीं, जैसे भारतीय लोक दल, जनता पार्टी, भारतीय क्रांति दल और जनता दल। सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन्होंने 1992 में अपनी पार्टी, समाजवादी पार्टी बनाई सभा को संबोधित करते हुए निवर्तमान यूथ के जिला अध्यक्ष अनीस अली ने कहा मुलायम सिंह यादव ने लोहिया के नारे "संसोपा ने बांधी गांठ, पिछड़े पावें सौ में साठ" (एसएसपी ने यह संकल्प लिया है, ओबीसी को 60% हिस्सा मिलना चाहिए) का पालन किया और वंचित जातियों और अल्पसंख्यकों के हितों की वकालत की। 1990 में वीपी सिंह की सरकार द्वारा मंडल आयोग की रिपोर्ट स्वीकार किए जाने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश में ओबीसी के लिए 27% आरक्षण लागू किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों और किसानों को भी प्रोत्साहन दिया, जिससे राज्य भारत में चीनी के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बना। उन्होंने भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया और केंद्रीय रक्षा मंत्री के रूप में भारत के परमाणु परीक्षणों का समर्थन किया। उन्होंने सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दिया संचालन कर रहे लोनी विधानसभा के महासचिव सिराज सैफी सैफी ने कहा मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश में इटावा के पास एक गांव सैफई में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा इटावा और आगरा से पूरी की। सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन्होंने 1992 में अपनी पार्टी, समाजवादी पार्टी बनाई। मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
बाद में उन्होंने 1993 में दलितों व वंचित जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन करके वे फिर से मुख्यमंत्री बने। हालाँकि,1995 में यह गठबंधन भी टूट गया, जब बसपा नेता मायावती ने मुलायम सिंह यादव की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। 2003 में मुलायम सिंह यादव तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। वह 2007 तक सत्ता में रहे।
उनकी मृत्यु पर पार्टी लाइनों के राजनीतिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया, जिन्होंने उनके उल्लेखनीय व्यक्तित्व और भारतीय राजनीति में उनके योगदान को व उनके कार्यों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। भारत सरकार ने उन्हें 2023 में मरणोपरांत भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके लिए तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की सभा में सभी ने शपथ ली। जो सपना नेताजी ने देखा है, उसमें सभी लोग समाजवादी कार्यकर्ता तन मन धन से मजबूत होकर पार्टी को मजबूत करेंगे। वह नेताजी का सपना पूरा करेंगे। जिसमें मुख्य रूप से मोमिन मलिक,नीरज पंडित,रमेश यादव,शाहिद सहसवानी,योगराज नौशाद सैफी,भतीजा जुनैद खान, बंसल,सौरभ वाल्मीकि,सोनू नागर सैयद कासिम अली,नरेश त्यागी वकील मलिक,कामू सभासद,आसिफ सलमानी,समाजवादी महिला सभा विधानसभा अध्यक्ष संजीदा सैफी सोना खान,बुशरा खान,नीरज तोमर यासमीन,सायरा दर्जनों लोग उपस्थित रहे।