सोमवार, 2 सितंबर 2019

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने दी गणेश चतुर्थी की बधाई

नई दिल्ली।गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने इस पर्व को लेकर देशवासियों को बधाई दी है। अपने बधाई संदेश में राष्ट्रपति ने कामना की है कि सभी लोगों को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त हो। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी देशवासियों को पावन पर्व गणेश चतुर्थी की ढेर सारी शुभकामनाएं। बप्पा के दर्शन के लिए मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में सुबह से ही भक्तो का तांता लगा हुआ है। सिद्धिविनायक मंदिर को 100 तरह के फूलों से सजाया गया है। लोगों में जश्न का माहौल है। लोग अपने-अपने घरों में भी गणपति की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं।


बधाई संदेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ”गणपति बप्पा मौर्या! गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि भगवान गणेश के आशीर्वाद से सभी को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त हो। उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने बधाई संदेश में कहा, ”विनायक चतुर्थी के पावन अवसर पर देशवासियों के जीवन में शुभता, समृद्धि,स्वास्थ्य और संतोष की कामना करता हूं। लोकमान्य तिलक ने इस पर्व को राष्ट्रीयता और सामाजिक एकता के सांस्कृतिक पर्व के रूप में स्थापित किया था। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।


विनायक चतुर्थी के पावन अवसर पर देशवासियों के जीवन में शुभता, समृद्धि,स्वास्थ्य और संतोष की कामना करता हूं। लोकमान्य तिलक ने इस पर्व को राष्ट्रीयता और सामाजिक एकता के सांस्कृतिक पर्व के रूप में स्थापित किया था। उस आदर्श के प्रति सत्यनिष्ठ रहें।मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर देश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, ”सभी देशवासियों को पावन पर्व गणेश चतुर्थी की ढेर सारी शुभकामनाएं, गणपति बाप्पा मोरया। गणेश चतुर्थी के मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दी। अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा, ”गणेश चतुर्थी के पावन पर्व की शुभकामनाएं भगवान गणेश सभी का मंगल करें और सबों के घरों में सुख शांति लाए यही श्री चरणों में प्रार्थना है। इस मौके पर बप्पा के दर्शन के लिए मंदिरों में भीड़ उमड़ रही है, लोग अपने हाथों में फूल-मालाएं और आरती की थाल लेकर मंदिर की ओर दर्शन के लिए जा रहे हैं। इस मौके पर मुंबई की छटा देखते बन रही है।


भागवत ने की मदनी से सामान्‍य मुलाकात

नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने जमीयत उलेमा ए हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी से मुलाकात की और दोनों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में हिंदू और मुस्लिमों के बीच एकता को मजबूती प्रदान करने और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाएं जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। यह बैठक शुक्रवार को यहां संघ के यहां स्थित कार्यालय केशव कुंज में हुई और इसका आयोजन भाजपा के पूर्व महासचिव (संगठन) रामलाल ने किया था जो वापस आरएसएस में चले गए हैं।


मदनी ने कहा, ''बैठक 90 मिनट से अधिक समय तक चली और इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। भागवत इस बैठक के लिए हवाई मार्ग से नागपुर से यहां आये थे। यह बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।'' उन्होंने कहा कि संघ और जमीयत संभवत: देश में सबसे बड़े गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन हैं और वे देश के हित में काम करना चाहते हैं जो उन्हें बातचीत की एक मेज पर ले आया। मदनी ने कहा, ''हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच एकता को मजबूती प्रदान करना, भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीटकर मार डालने और राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (एनआरसी) पर चर्चा हुई।'' दोनों नेताओं के बीच यह बैठक असम में एनआरसी की अंतिम सूची सार्वजनिक किये जाने से एक दिन पहले हुई।
मदनी ने बैठक में यह भी कहा कि जमीयत वीडी सावरकर और एमएस गोलवलकर के विचारों से सहमत नहीं है। सम्पर्क किये जाने पर संघ के प्रचार विभाग के पदाधिकारी राजीव तुली ने बैठक की पुष्टि की और कहा कि संघ प्रमुख होने के नाते भागवत समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद करते हैं। तुली ने कहा, ''ऐसी ही एक बैठक के तहत भागवत शुक्रवार को मदनी से मिले। संघ देश में एकता और शांति के लिए काम करता है और जो भी इस प्रयास में शामिल होना चाहता है उसका स्वागत है।'' संघ के सूत्रों के अनुसार बैठक इस वर्ष के शुरू में होनी थी लेकिन इसे लोकसभा चुनाव के बाद के लिए टाल दिया गया ताकि बैठक का कोई राजनीतिक अर्थ न निकाला जाए।


पायलट की जद मे नही अध्यक्ष का पद

तो क्या अब अशोक गहलोत को कमजोर मुख्यमंत्री साबित करने की साजिश हो रही है? डिप्टी सीएम सचिन पायलट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद छीनने से जुड़ा है मामला। 
जयपुर। राजस्थान के प्रमुख समाचार पत्र भास्कर और पत्रिका में अलग अलग स्टोरी प्रकाशित हुई। दोनों स्टोरी से प्रतीत होता है कि अशोक गहलोत को कमजोर मुख्यमंत्री साबित करने की राजनीतिक साजिश हो रही है। भास्कर की स्टोरी में बताया है कि गत आठ माह में सरकार ने 85 बड़े फैसले किए, लेकिन मात्र 29 फैसले ही केबिनेट की बैठक में हुए। यानि 56 फैसले मंत्रिमंडल की बैठक के बगैर ही सर्कूलेशन पद्धति से हुए। सर्कूलेशन पद्धति में मुख्यमंत्री और एक अन्य मंत्री की मंजूरी के बाद ही मंत्रिमंडल की मंजूरी मान ली जाती है। कोई भी सरकार सर्कूलेशन पद्धति को तब अपनाती है, जब मंत्रिमंडल की बैठक संभव नहीं हो। यानि आपात स्थिति में राजस्थान में तो इन दिनों कोई आपात स्थिति नहीं है तो फिर सरकार के अधिकांश फैसले सर्र्कूलेशन पद्धति से क्यों मंजूर हो रहे हैं? क्या अशोक गहलोत अपने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने में भी समर्थ नहीं है? दूसरी खबर पत्रिका की है। इस खबर में बताया गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी मंत्रियों को अपने प्रचार वाले जिलों में दौरान करने के निर्देश दिए थे। लेकिन 23 में से 16 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के आदेश  की परवाह नहीं की। यानि 16 मंत्री अपने प्रचार वाले जिलों में नहीं गए। इस खबर से भी प्रतीत होता है कि गहलोत की अपने मंत्रियों पर पकड़ नहीं है। राजनीति में सब जानते हैं कि ऐसी खबरें कब और किस उद्देश्य से प्लांट की जाती है। 30 अगस्त को राजस्थान के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही सचिन पायलट से प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष पद छीनने की खबरें चल रही थी। खुद पांडे ने भी माना कि प्रदेशाध्यक्ष के पद को लेकर श्रीमती गांधी से बात हुई है। पायलट सरकार में डिप्टी सीएम भी हैं, ऐसे एक व्यक्ति एक पद की मांग उठाई गई। अब जब सचिन पायलट पर एक व्यक्ति एक पद का नियम लागू किया जाएगा तो मीडिया में अशोक गहलोत कमजोर मुख्यमंत्री साबित करने वाली खबरें तो आएंगी ही। पायलट के समर्थक तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर लगाए बैठे हैं। यह तो अच्छी बात है कि पायलट ने गहलोत की सरकार में डिप्टी सीएम बनना स्वीकार कर लिया, नहीं तो राजस्थान में गहलोत का तीसरी बार सीएम बनना संभव नहीं था। सब जानते हैं कि सचिन पायलट के दखल की वजह से ही सरकार के फैसले सर्कूलेशन पद्धति से करवाए जा रहे हैं। यदि प्रस्तावों पर विचार हो तो केबिनेट की बैठक में विवाद हो सकता है। विवाद को टालने के लिए ही सीएम गहलोत सर्कूलेशन का सहारा ले रहे हैं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी मंत्री यदि जिलों का दौरा नहीं कर रहे हैं तो इसका जवाब पायलट ही दे सकते हैं। गहलोत और पायलट सार्वजनिक मंचों से भले ही एकता दिखाएं, लेकिन दोनों के बीच मन मुटाव अब जगजाहिर है। खींचतान के चलते ही राजनीति नियुक्तियां भी नहीं हो रही है। 
एस.पी.मित्तल


कानून का दोगलापन (संपादकीय)

तो क्या आम आदमी को भी सुप्रीम कोर्ट से चिंदबरम की तरह राहत मिलेगी?


कानून का दोगलापन।
करोड़ों के घोटाले का आरोप है पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम पर। 

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बड़ी राहत देते हुए तिहाड़ जेल ले जाने पर पांच सितम्बर तक के लिए रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिल्ली की सीबीआई कोर्ट का निर्णय से पहले दिया है। संभवत: देश के न्यायिक इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब इस तरह सुप्रीम कोर्ट का रुख सामने आया है। आमतौर पर किसी आरोपी की रिमांड अवधि खत्म होने तथा निचली अदालत से जमानत न मिलने पर आरोपी को जेल भेज दिया जाता है। बाद में हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से जमानत लेने की कार्यवाही की जाती है। लेकिन 2 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की सीबीआई अदालत से अंतरित जमानत न मिलने पर भी चिदंबरम को पांच सितम्बर तक जेल नहीं भेजा जाए। यानि अब चिदंबरम सीबीआई की हिरासत में ही रहेंगे। सुनवाई से पहले चिदंबरम के वकीलों ने भी सुप्रीम कोर्ट में आग्रह किया था कि चिदंबरम के राजनीतिक महत्व को देखते हुए जेल भेजने पर रोक लगाई जाए। चिदंबरम को सीबीआई ने 22 अगस्त को गिरफ्तार किया था।  दिल्ली की सीबीआई अदालत दो बार चिदंबरम के रिमांड की अवधि बढ़ा चुकी है। 2 सितम्बर को रिमांड की अवधि समाप्त हो रही थी। ऐसे में चिदंबरम को दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेजे जाने की संभावना थी, लेकिन सीबीआई कोर्ट अपना निर्णय देती इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जेल भेजने पर अंतरिम रोक लगा दी। अब पांच सितम्बर को पता चलेगा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी रोक को आगे बढ़ाता है, या फिर चिदंबरम को तिहाड़ जेल जाना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने दो सितम्बर को जो निर्णय दिया, उससे सवाल उठता है कि क्या ऐसी राहत आम आदमी को भी मिल सकती है? आमतौर पर आम आदमी को तो रिमांड की अवधि समाप्त होने पर जेल जाना ही पड़ता है। मालूम हो कि चिदंबरम ने यूपीए सरकार में केन्द्रीय वित्त मंत्री रहते हुए आईएनएक्स मीडिया और अन्य संस्थानों के पक्ष में विदेशी निवेश को लेकर जो निर्णय दिए उसकी एवज में लाभ प्राप्त करने वाली कंपनियों ने चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनियों में करोड़ों रुपया जमा करवाया है। सीबीआई अब इसी घोटाले की जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ईडी की कार्यवाही पर भी रोक लग गई है। अब ईडी के अधिकारी भी चिदंबरम को पांच सितम्बर तक गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं। 
एस.पी.मित्तल


जाधव से अकेले में मिले भारतीय कमिश्नर

कुलभूषण जाधव से भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर आहलूवालिया ने अकेले में मुलाकात की। पाकिस्तान के मंसूबों को समझना होगा। 

इस्लामाबाद। भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव आहलूवालिया ने पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से अकेले में मुलाकात की। भारत का आरोप है कि नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को ईरान से जबरन पकड़ा गया। 2017 में गिरफ्तारी के 2 सितम्बर को पहला मौका रहा, जब जाधव को अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत कांसुलर एक्सेस की सुविधा दी है। जाधव को आतंकी गतिविधियों में लिप्त मानते हुए पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा दे रखी है। हालांकि भारत की पहल पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में फांसी की सजा पर रोक लगा दी। अब न्यायालय के आदेशों के अनुरूप ही जाधव को कांसुलर एक्सेस की सुविधा दी गई है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद जो पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमले की धमकी दे रहा था, वह अचानक जाधव के मुद्दे पर इतना नरम क्यों पड़ गया है, इसे भारत को समझना होगा। गत वर्ष तो पाकिस्तान ने जाधव की मां और पत्नी को भी अकेले में नहीं मिलने दिया था। चूंकि जाधव पाक सेना के कब्जे में है, इसलिए जाधव से कुछ भी बयान दिलवाया जा सकता है। पाकिस्तान ने कभी भारत के प्रति सकारात्मक रुख नहीं अपनाया है। हमेशा भारत को नुकसान करने वाले कार्य ही किए हैं। एक ओर जब पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को लगातार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठा रहा है जब जाधव को कांसुलर एक्सेस देना मायने रखता है। भारत को पाकिस्तान के इन मंसूबों को समझना होगा। यह माना कि कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को दुनियाभर में कोई समर्थन नहीं मिल रहा हैं। यहां तक एक भी मुस्लिम देश पाकिस्तान के साथ नहीं है, लेकिन फिर पाकिस्तान की बदली हुई नियत को समझना होगा। हमारी सफलता तभी है, जब जाधव सकुशल भारत लौटे। इसके लिए अभी पाकिस्तान में न्यायिक प्रक्रिया का भी सामना करना होगा। प्रधानमंत्री इमरान खान में इतना दम नहीं है कि वह अपनी सेना से जाधव को छीन कर भारत को सौंप दें। वैसे ही इन दिनों पाकिस्तान में इमरान खान को बहुत कमजोर प्रधानमंत्री माना जा रहा है। पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। लड़कियों को जबरन उठाकर ले जाने, धर्म परिवर्तन करवाने आदि की घटनाएं बढ़ रही हैं। 
एस.पी.मित्तल


दूतावास के सामने,इमरान का पुतला फूंका

नई दिल्ली। पाकिस्तान में एक सिख लड़की के जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद से सोमवार को राजधानी दिल्ली में सिखों का गुस्सा सड़क पर दिखा। नाराज सिख समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान दूतावास के सामने प्रदर्शन कर घेराव किया। इस दौरान सिख समुदाय के लोग पाकिस्तान दूतावास को एक ज्ञापन देने जा रहे थे तभी दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया और सिख समुदाय ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की और इमरान खान का पुतला जलाया। बता दें की पाकिस्तान के ननकाना साहिब में एक सिख लड़की को जबरन अगवा कर जबरन इस्लाम कबूल कराया गया, जिसके बाद ही इमरान सरकार सिख समुदाय के निशाने पर है। पाकिस्तान स्थित सिख समुदाय भी लगातार इस मामले को लेकर आक्रामक है। लगातार विरोध के बाद पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है।


एसटीएफ ने आतंकी को किया गिरफ्तार

कोलकाता। आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक संदिग्ध आतंकी को कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जेएमबी के मेंबर को कोलकाता से पकड़ा गया है। मिली जानकारी के मुताबिक कोलकाता एसटीएफ की एक टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर गजनबी ब्रिज के निकट कनाल ईस्ट रोड से 22 वर्षीय संदिग्ध आतंकी मोहम्मद अब्दुल कासिम उर्फ कासिम (Kashem) को धर दबोचा। कोलकाता एसटीएफ इस पूरे मामलें की जांच कर रही है। एक अधिकारी ने बताया कि बर्दवान जिले के दुरमुट गांव में रहने वाले कासिम के कब्जे से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। पूछताछ में उसने माना कि वह जेएमबी से जुड़ा हुआ है। फिलहाल उससे आतंकी संगठन के लिए काम कर रहे और भी मेंबर्स की जानकारी हासिल की जा रही है।
हाल ही में जेएमबी के एक प्रमुख सदस्य एजाज अहमद को कोलकाता एसटीएफ ने बिहार के गया जिले से गिरफ्तार किया था। अहमद गया में 2018 में हुए बम धमाके का आरोपी हैं और लंबे समय से फरार चल रहा था। गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने इस साल मई में जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया।


अमेरिका मोदी को सम्मानित करेगा:स्‍वच्‍छता

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और पुरस्कार मिला है। बिल मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करने के लिए पीएम मोदी को पुरस्कार से नवाजा जाएगा। अमेरिका यात्रा के दौरान उनको यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस बार बिल मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करने के लिए पीएम मोदी को पुरस्कार से नवाजा जाएगा। पीएम मोदी को अमेरिका यात्रा के दौरान यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। जितेंद्र सिंह ने लिखा कि एक और पुरस्कार, हर भारतीय के लिए गर्व का एक और क्षण, क्योंकि पीएम मोदी की मेहनती और अभिनव पहल की वजह से दुनिया भर से तारीफ मिलती है।


मोदी चाय की दुकान बनेगी टूरिस्ट हब

अहमदाबाद। गुजरात के वडनगर में चाय की जिस दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बचपन में चाय बेचते थे, उसे पर्यटन स्थल के तौर विकसित करने का काम शुरू हो गया है। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृत मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इसके मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए दुकान को शीशे से कवर करने के निर्देश दिए हैं। 


बता दें कि इस दुकान को पर्यटन केंद्र बनाने का फैसला 2017 में ही ले लिया गया था। वडनगर रेलवे स्टेशन के एक प्लैटफॉर्म पर चाय की यह दुकान है। गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित मोदी के जन्मस्थान वडनगर को दुनिया के नक्शे पर लाने की व्यापक परियोजना के तहत चाय की इस दुकान को पर्यटन केंद्र में तब्दील करने की योजना है। 


रैलियों में पीएम मोदी ने किया था जिक्र


इससे पहले 2017 में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने रविवार को शहर का दौरा किया था। 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी रैलियों में अपने बचपन के दिनों में वडनगर रेलवे स्टेशन पर अपने पिता के साथ चाय बेचने का जिक्र किया था।अहमदाबाद मंडल के मंडलीय रेल प्रबंधक (डीआरएम) दिनेश कुमार ने भी पहले कहा था कि वडनगर और मेहसाणा जिले में उससे लगे इलाकों के विकास की पूरी परियोजना 100 करोड़ रुपये से अधिक की होगी।


ऐश्वर्या की खूबसूरती अब भी बरकरार

मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन भले ही 45 साल की हो चुकी हैं लेकिन उनकी खूबसूरती आज भी पहले की तरह ही बरकरार है। जब भी उनकी कोई नई तस्वीर सामने आती है सोशल मीडिया पर खूब वायरल होती है और उसे फैन्स का खूब प्यार मिलता है। अब हाल ही में ऐश्वर्या राय बच्चन ने एक मैगजीन के लिए फोटोशूट कराया है इसमें वो बहुत ही ब्यूटीफुल लुक में नजर आ रही हैं। 
दरअसल ऐश्वर्या राय ने मशहूर सेलिब्रिटी डिजाइनर डूओ फाल्गुनी एंड शेन पीकॉक की मैगजीन द पीकॉक के लिए फोटोशूट कराया है। हाल ही में इस शूट की कुछ नई फोटोज सामने आई हैं जिसमें ऐश्वर्या लाइट पिंक कलर के लहंगे में बहुत ही रॉयल दिख रही हैं। उन्होंने हैवी पिंक लहंगे के साथ मैंचिंग ब्लाउज और शीर दुपट्टा लिया हुआ है। इसे ऐश्वर्या ने न्यूड मेकअप और सटल लिपस्टिक से पूरा किया है। इस दौरान उन्होंने अपने बालों को स्ट्रेट करके स्लीक लुक में खुला रखा है।


हिरासत बढ़ी,जेल नहीं जाएंगे चिदंबरम

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तिहाड़ जेल न भेजे जाने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट कोर्ट ने चिदंबरम को अतंरिम जमानत के लिए संबंधित कोर्ट जाने कहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि अगर ट्रायल कोर्ट उनकी जमानत याचिका खारिज करता है तो चिदंबमर की सीबीआई कस्टडी गुरुवार तक बढ़ा दी जाएगी।


चिदंबरम के पक्ष को रखते हुए उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनकी उम्र 74 वर्ष है। उनके मुव्वकिल को घर में नजरबंद किया जा सकता है। यह बेहतर होगा कि किसी के खिलाफ पूर्वाग्रह से कार्रवाई न की जाए। बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर आरोप है कि वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने रिश्वत लेकर आईएनएक्स मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपये लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। सीबीआई का कहना है कि पी चिदंबरम जांच प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सीबीआई के सवालों को वो सवालों के जरिए जवाब देते हैं। जांच एजेंसी के पास उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और ऐसा लगता है कि जानबूछ कर वो सवालों का जवाब देने से कतरा रहे हैं। सीबीआई का कहना है कि उनके पास तमाम ऐसी जानकारियां जिससे पता चलता है कि चिदंबरम ने अपनी ताकत का इस्तेमाल किया था।


लैंडर्स को छोड़नी पड़ेगी बड़ी रकम

देविना सेनगुप्ता


मुंबई। रिलायंस कॉम्युनिकेशंस और इसकी दो यूनिट के स्पेक्ट्रम और टावर्स सहित ऐसेट्स से 9,000-10,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इससे कंपनी के फाइनैंशल लेंडर्स (बैंकों) को अपनी बकाया रकम का बड़ा हिस्सा छोड़ना पड़ सकता है। बैंकों ने 49,000 करोड़ रुपये का कुल क्लेम किया है। 


इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, 'शुरुआती वैल्यूएशन से पता चलता है कि अगर इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग अगले कुछ महीनों में पूरी हो जाती है तो ऐसेट्स से 9,000-10,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। टेलिकॉम कंपनी के ऐसेट्स, विशेषतौर पर स्पेक्ट्रम की वैल्यू समय के साथ घट जाती है। बिक्री की सफलता के लिए सभी अप्रूवल होने चाहिए।' 


आरकॉम और इसकी दो यूनिट्स के ऐसेट्स में देश के 22 में से 14 टेलिकॉम सर्कल में 850 MHz बैंड में स्पेक्ट्रम, लगभग 43,000 टेलिकॉम टावर शामिल हैं। इनमें रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, ATC टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर, एसेट केयर ऐंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज जैसी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। 


53 फाइनैंशल लेंडर्स ने लगभग 57,382 करोड़ रुपये का क्लेम किया था। इसमें से आरकॉम की रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल डेलॉयट ने 49,000 करोड़ रुपये से कुछ अधिक की पुष्टि की है। आरकॉम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के करीब 4,800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा के लगभग 2,500 करोड़ रुपये, सिंडिकेट बैंक के 1,225 करोड़ रुपये, पंजाब नैशनल बैंक के लगभग 1,127 करोड़ रुपये बकाया हैं। कंपनी के विदेशी लेंडर्स में चाइना डिवेलपमेंट बैंक की सबसे अधिक 9,900 करोड़ रुपये की रकम फंसी है। 


एक अन्य सूत्र ने कहा कि रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अक्टूबर के मध्य तक इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग समाप्त करने की कोशिश में हैं। इस बारे में ईटी की ओर से भेजे गए प्रश्नों का डेलॉयट ने उत्तर नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि दिलचस्पी दिखाने वाली कंपनियों ने ऐसेट्स का ड्यू डिलिजेंस शुरू कर दिया है। हालांकि, आरकॉम के सबसे कीमती एसेट स्पेक्ट्रम के कारण मुश्किलें हो सकती हैं। आरकॉम और टेलिकॉम डिपार्टमेंट के बीच स्पेक्ट्रम के मालिकाना हक को लेकर नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में मामला चल रहा है। 


सरकार चाहती है कि आरकॉम स्पेक्ट्रम वापस करेगी। सरकार का कहना है कि स्पेक्ट्रम एक राष्ट्रीय संपत्ति है और कंपनी के बकाया रकम न चुकाने के कारण वह इसे रखने की हकदार नहीं है। हालांकि, आरकॉम की दलील है कि स्पेक्ट्रम नीलामी में खरीदा गया है और अभी इसी वैधता की अवधि जारी है और इस वजह से उसके पास ऐसे बेचकर फाइनैंशल लेंडर्स की रकम चुकाने का अधिकार है। आरकॉम का स्पेक्ट्रम जुलाई 2021 तक वैध है। इसकी बिक्री में और देरी से वैल्यू घट जाएगी। 


इससे पहले आरकॉम ने रिलायंस जियो को अपने वायरलेस ऐसेट्स बेचने की कोशिश की थी, लेकिन टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने इस डील के लिए अनुमति नहीं दी थी। बैंकों के अलावा टावर कंपनियों, इक्विपमेंट वेंडर्स जैसे ऑपरेशनल क्रेडिटर्स की भी आरकॉम पर रकम बकाया है।


स्वर्ण पदक विजेता ने अपना रिकॉर्ड तोड़ा

बर्लिन। पिछले साल जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के जिनसन जॉनसन ने रविवार रात बर्लिन में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने आईएसटीएएफ बर्लिन प्रतियोगिता में 1500 मीटर में रजत पदक जीता। अमेरिका के जोशुआ थॉम्पसन स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। जॉनसन ने रजत पदक जीतने के साथ ही 1500 मीटर में अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ा।
जॉनसन ने इस प्रदर्शन के साथ ही दोहा में 28 सितंबर से 6 अक्टूबर तक होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया। विश्व चैंपियनशिप का क्वालिफाइंग समय 3 मिनट 36.00 सेकंड था।
ओलंपिक स्टेडियम में हुई इस प्रतियोगिता में जॉनसन ने 3 मिनट 35.24 सेकंड के साथ 1500 मीटर की रेस पूरी की। यह उनका सर्वश्रेष्ठ समय भी है। इससे पहले इस साल जून में उन्होंने नीदरलैंड के निमेगेन में 3 मिनट 37.62 सेकंड के साथ यह रेस पूरी की थी। 800 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी जॉनसन (एक मिटन 45.65 सेकंड) के नाम है।
पदक जीतने के बाद जॉनसन ने कहा, 'मुझे नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद थी, लेकिन मैंने रजत पदक जीतने की उम्मीद नहीं की थी। मैं आगे की ट्रेनिंग के लिए अब अमेरिका के कोलोराडो जाऊंगा। इसके बाद दोहा में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लूंगा। मैं अपने इस प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। हालांकि, मेरा लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक 2020 में अच्छा प्रदर्शन करना है।'


लालू की दोनों किडनी डैमेज, गंभीर

दिल्ली। कभी देश की राजनीति को अपने इशारे से चलाने वाले लालू यादव आज बेहद लाचार हाल में जिंदगी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।


चारा घोटाले में 14 साल कैद की सजा पाने के बाद रांची स्थित रिम्स अस्पताल में लालू का इलाज किया जा रहा है। डाक्टरों का कहना है कि लालू की तबीयत हर रोज खराब होती जा रही है। उनकी दोनों किडनी संक्रमित हो गई हैं और सिर्फ बेहद मामूली सा हिस्सा काम कर रहा है। उसके साथ ही लालू को ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के बढ़ने की वजह से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


दंपत्ति ने एक ही रस्सी से लगाई फांसी

कोरिया। जिले के लोटाबहरा गांव में पति-पत्नी की लाश एक ही रस्सी में लटकी मिली। बताया जा रहा है कि मृत दंपती के चार छोटे बच्चे हैं, जो उनकी मौत के बाद बेसहारा हो गए। मामला खड़गवां थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम लोटाबहरा की है। प्रथम दृष्टया आशंका जताई जा रही है कि दिकेश्वर ने अपनी पत्नी धर्मकुंवर ने एक ही रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार पति पत्नी धार्मिक प्रवित्ति के थे। दोनों का पूजा पाठ में समय व्यतीत होता था। पति का लगाव धर्म की ओर ज्यादा था। दोनों के चार बच्चे थे। थाना प्रभारी आनंद सोनी ने बताया कि 'घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा कर लाश को पोस्टमार्डम के लिये भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद खुलासा हो पायेगा।


9 सितंबर को मनेगी शहादत की रात

नई दिल्ली। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 1441 का पहला माह मोहर्रम का पवित्र महीना रविवार से शुरू हो गाया है।इस लिहाज से आगामी 09 सितंबर को देश भर में शहादत की रात मनाई जाएगी। एक सितंबर से इमामबाड़ों, जमातखानों, दरगाहों में जलसे और मजलिसें शुरू की जाएगी, जबकि 10 सितंबर को ताजियों का जुलूस निकाला जाएगा। इनमें इस्लामी परचम, ताजिए, सवारियां, अखाड़े, अलम मुबारक आदि शामिल होंगे।


ममता की छत, मातृ स्नेह

जानवरों की संवेदनशीलता भरी कहानी
बारिश से बचाने के लिए छत बन गई मां

मां तो मां होती है। अपने बच्चों की तकलीफ भला वो कैसे सहन कर सकती है ।यह संवेदना मानव जाति तक ही सीमित नही है। जानवर भी अपने बच्चों की सुरक्षा में अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार रहते है।


राष्‍ट्रीय बांधवगढ़ पार्क उमरिया में मां की ममता और संवेदना का एक सुखद नजारा देखने मे आया। अचानक तेज बारिश के दौरान एक दिन नेशनल पार्क के ताला गेट के पास स्थित हाथी कैंप में यह सुखद नजारा देखने को मिला जब बारिश बचाने के लिए हाथिनी मां ने अपने एक साल से भी कम उम्र के बच्चे को अपनी आगोश में छिपा लिया। उसने बच्चे को अपने विशाल शरीर के नीचे कुछ इस तरह से छिपाया कि वह उसके सिर पर छत की तरह हो गई। अपने बच्चे के प्रति हाथिनी के इस प्रेम भाव को जिसने भी देखा उसका ह्दय भाव विभोर हो गया।


'कैप्टन गोगो' के सामने नारकोटिक्स फैल

युवा वर्ग की नसों में दौड़ता हारमोंस उसे प्रयोगवादी बना देता है । वह हर क्षेत्र में नए-नए प्रयोग करना क्रांतिकारी समझने लगता है। नशा भी इसी का एक हिस्सा है। अधिकांश युवा प्रयोग के तौर पर नशे को ट्राई करते हैं और देखते ही देखते उसकी गिरफ्त में अपनी जिंदगी तबाह कर लेते हैं । इन दिनों दबे छुपे एक नशा तेजी से युवा वर्ग को अपनी आगोश में ले रहा है और वह है कैप्टन गोगो। वैसे तो कैप्टन गोगो खुद में एक नशा नहीं है लेकिन यह नशे का बड़ा जरिया जरूर बन चुका है।


कैप्टन गोगो का नाम शायद आपने पहली बार सुना होगा लेकिन युवा वर्ग के लिए यह जाना पहचाना नाम है। किसी जमाने में सुट्टा लगाने के लिए चिलम का प्रयोग किया जाता था। समझ लीजिए यह चिलम का नया स्वरूप है। जिस तरह डिस्पोजल ग्लास और प्लेट आ गए हैं उसी तरह का यह भी एक आइटम है, जिस तरह डिस्पोजल सिरिंज का प्रयोग एक बार किया जाता है उसी तरह कागज के इस चिलम का प्रयोग भी एक ही बार करते हैं। आज का युवा कैप्टन गोगा का इस्तेमाल भांग, चरस ,गांजा, अफीम को इसमें भरकर पीने में कर रहे हैं। किशोर वर्ग इस कैप्टन गोगो का सबसे बड़ा खरीदार है।


चोरी-छिपे पान दुकानों में इसे ग्राहकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। कई ब्रांड के बारीक पेपर इसके लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। दरअसल कैप्टन गोगो एक बहुत ही बारीक़ पारदर्शी कागज है, जिसका पैक बाजार में 10 से 15 रुपये में उपलब्ध है । पीले रंग की पैकिंग में बारीक कागजों की संख्या 2 या इससे अधिक होती है। जिसमें मोटे कागज की स्ट्रिप भी होती है। बारीक कागज को रोल करके भांग चरस स्मैक आदि नशीली पदार्थ को सिगरेट जैसा रूप देकर इसे सरेआम पिया जाता है । अगर आप कैप्टन गोगो से परिचित नहीं है तो आपको लगेगा कि सामने वाला सिगरेट पी रहा है, लेकिन उसका नशा सिगरेट से कहीं गुना अधिक खतरनाक होगा। मोटे कागज की स्ट्रिप को रोल बनाकर फिल्टर बनाया जाता है ।


बारीक और मोटे कागज दोनों के सिर पर लगी गोंद ईसे आसानी से चिपका देती है। बेहद आसानी से इन दिनों उपलब्ध कैप्टन गोगो का इस्तेमाल स्थानीय युवा धड़ल्ले से कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि कैप्टन गोगो के इस्तेमाल में युवतियां भी पीछे नहीं है। खासकर कॉलेज गोइंग स्टूडेंट इसका धड़ल्ले से प्रयोग कर रही है। हुक्का बार कल्चर को इसकी जननी कह सकते हैं। नशे के नाम पर नई पीढ़ी धीरे-धीरे कैप्टन गोगो की गिरफ्त में फंसती जा रही है। नशेड़ीयों के लिए कैप्टन गोगो का नाम आज जाना पहचाना नाम है ।एक जमाने में जिस तरह लोग हैंड मेड सिगरेट बनाकर पिया करते थे, कुछ उसी तरह का प्रयोग नई पीढ़ी चरस गांजा , स्मैक जैसे नशे के लिए कर रहे हैं ।10 से 15 रु में मिलने वाले कैप्टन गोगो के कागज के चिलम का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है, जो चिंता का विषय है।


खतरनाक नशे के आदी पहले सिगरेट से तंबाकू निकालकर उसकी जगह नशीले पदार्थ मिलाकर पिया करते थे। लेकिन अब कैप्टन गोगो के आ जाने से उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ती। कैप्टन गोगो खाली सिगरेट का विकल्प बन चुका है । छत्तीसगढ़ में भी यह नशा तेजी से पांव पसार रहा है । इस कारोबार में अच्छा-खासा मुनाफा होने की वजह से अधिकांश पान दुकान वाले इसे बेच रहे हैं। महज दो से ढाई रुपए में मिलने वाले कागज को आराम से 10 से 15 रु और कभी-कभी तो इससे भी अधिक में बेचा जाता है । नई शक्ल और आकर्षण की वजह से नई पीढ़ी इसकी लत में फंसती जा रही है । परेशानी की बात तो यह है कि कि यह सिर्फ एक कागज होता है। इसलिए इन पर कोई कानूनी कार्यवाही भी नहीं की जा सकती। असली बुराई तो उन नशीले पदार्थों में है जिन्हें कैप्टन गोगो में भरकर पिया जाता है और इन दिनों बिलासपुर और मुंगेली में भी यह नशीली सामग्रियां आसानी से मिल रही है। क्षेत्र में अधिकांश गांजे की आपूर्ति उड़ीसा से होती है तो वही मुंगेली क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर गांजे की खेती की जाती है और छोटी छोटी पुडियो की शक्ल में इन्हें बेचा जाता है। कारोबार छोटा होने की वजह से पुलिस भी इस पर खास ध्यान नहीं देती और यही कोताही नई पीढ़ी को नशे के गर्त में धकेल रही है। सरेआम कॉलेज परिसर में नशाखोरी हो रही है और बिना किसी शोर-शराबे के इसकी बिक्री जारी है। अधिकांश कॉलेज के शिक्षकों और प्रबंधकों को इसकी जानकारी तक नहीं है। केवल नई पीढ़ी इससे वाकिफ है। इसमें सफेद या भूरे या किसी और रंग का एक महीन कागज होता है । जिसके अंदरूनी सिरे पर गोंद की परत लगी रहती है । इस हिस्से को लेमिनेशन कर देते हैं ,साथ में मोटे कागज का टुकड़ा भी दिया जाता है। पतले कागज को रोल कर नीचे मोटा कागज जोड़ दिया जाता है। इसमें पहले से मौजूद गोंद की वजह से दोनों हिस्से आपस में चिपक जाते हैं। नीचे वाला मोटा कागज फिल्टर और धुआं खींचने की चुल्ली की तरह काम करता है जबकि ऊपर का हिस्सा खाली सिगरेट की तरह। कैप्टन गोगो की बिक्री कॉलेज, कोचिंग सेंटर, डिस्को थिक और थीम पार्टियों वाले क्षेत्रों में की जा रही है। इसका अच्छा खासा बाजार खड़ा हो चुका है। घर वाले भी जब इसे देखते हैं तो आम तौर पर पहचान नहीं पाते। मुश्किल यह है कि अब लड़कियां भी यह नशा करने लगी है । चूँकि नारकोटिक्स विभाग नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्यवाही करता है इसलिए सिर्फ कागज बेचे जाने पर उसके भी हाथ बंध जाते हैं । ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी अहम हो जाती है । उन्हें अपने बच्चों पर खास निगाह रखनी होगी । अगर बच्चा गुमसुम है और अधिक बातें नहीं करता तो फिर माता-पिता को अलर्ट होने की जरूरत है। अगर बच्चे के पास इसी तरह का कागज नजर आए तो भी सावधान होना पड़ेगा। खतरे को दूर भगाने के लिए उसकी आहट ही काफी है। जिसे समझ कर अभिभावकों को संघर्ष करना होगा। वही नई पीढ़ी को भी समझना होगा कि क्षणिक आनंद के लिए किया जा रहा नशा, जीवन में अभिशाप बन सकता है। याद रखिए, कैप्टन गोगो नाम जितना मजेदार है उसके नतीजे उतने ही खतरनाक है।


आज मिलेगी स्विस खाताधारको की सूची

नई दिल्ली। पिछले पाँच सालों में मोदी सरकार ने ब्‍लैकमनी पर नकेल कसने के लिये नोटबंदी और बेनामी प्रॉपर्टी से जुड़े कई अहम फैसले लिये हैं। अब सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्‍लैकमनी को लेकर जो खबर आई है वो थोड़ी राहत देने वाली है। स्विस बैंकों में किन भारतीयों के बैंक खाते हैं इस बात से आज पर्दा उठने वाला है। स्विट्जरलैंड में बैंक खाते रखने वाले भारतीय नागरिकों की जानकारी आज से टैक्स अधिकारियों के पास उपलब्ध हो जायेगी। इस कदम को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, 'काले धन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है और स्विस बैंकों के गोपनीयता का युग आखिरकार अब खत्म हो जायेगा। ' सीबीडीटी आयकर विभाग के लिये नीति बनाता है वहीं सीबीडीटी ने बताया कि भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों के साल 2018 में बंद किये खातों की जानकारी भी मिलेगी।
सीबीडीटी का कहना है कि सूचना आदान-प्रदान की यह व्यवस्था शुरू होने के ठीक पहले भारत आये स्विट्जरलैंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व सचिव एबी पांडेय, बोर्ड के चेयरमैन पीसी मोदी और बोर्ड के सदस्य (विधायी) अखिलेश रंजन के साथ बैठक की। 29-30 अगस्त के बीच आये इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्त मामलों के राज्य सचिवालय में कर विभाग में उप प्रमुख निकोलस मारियो ने की।


कितना है काला धन?


इस साल लोकसभा में जून महीने में वित्त पर स्टैंडिंग कमिटी की एक रिपोर्ट पेश की गयी थी। इसके मुताबिक साल 1980 से साल 2010 के बीच 30 साल के दौरान भारतीयों के जरिये लगभग 246.48 अरब डॉलर यानी 17,25,300 करोड़ रुपये से लेकर 490 अरब डॉलर यानी 34,30,000 करोड़ रुपये के बीच काला धन देश के बाहर भेजा गया।


छोटी उम्र से मिट्टी गढ़कर देता है 'आकार'

5 वर्ष की उम्र से अभिषेक अपने हाथों से मिट्टी को गढ़कर देवताओं की प्रतिमा को दे रहा स्वरूप


कोरबा-पाली। कला एक ऐसा ज्ञान है जो किसी उम्र की मोहताज नही होती।ना ही इसमें कोई बंधन सीमा होता है।बस उसे सीखने का लगन मन में होना चाहिए।जिस 5 वर्ष की आयु में बच्चे उछलकूद में व्यक्त रहते है।उसी बालपन में अभिषेक अपने हाथों से मिटटी को गढ़ना प्रारंभ किया।और तब से आज तक उसी मिट्टी से विभिन्न देवताओं की प्रतिमा गढ़ उसे रूप प्रदान करते आ रहा है। 


पाली नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक-03 का निवासी अभिषेक प्रजापति महज 5 वर्ष की उम्र से ही विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमा को गढ़कर उन्हें आकार देता आ रहा है।10 वी तक की पढ़ाई कर स्कूल छोड़ चुके 22 वर्षीय अभिषेक के साथ उसकी माँ व एक छोटा भाई है।भाई के पढ़ाई लिखाई के साथ सभी के पेट पालने की जिम्मेदारी भी अभिषेक के कंधों पर ही है।आज गणेश चतुर्थी है।और आज से 10 दिन तक हर गली मोहल्लों में गणपति बप्पा की धूम रहेगी।हर भक्तों के पास विघ्नहर्ता की प्रतिमा पहुँच सके इसके लिए अभिषेक ने छोटे बड़े सहित विभिन्न मुद्राओं में गणेश जी की प्रतिमा तैयार किया है।अपने घर पर एक गणेश प्रतिमा को आकृति दे रहे अभिषेक को देखकर सहसा मेरा वाहन पर ब्रेक लग गया और जिज्ञासावश उसके पास जाकर उसके हुनर के बारे पर जब जानने का प्रयास किया तब अभिषेक ने बताया कि उसके नाना स्वर्गीय पुनाराम प्रजापति मूर्ति बनाने का काम किया करते थे।जिसे देखकर मुझमे भी मूर्ति बनाने की ललक बढ़ी और 5 वर्ष की उम्र से नाना के साथ मिलकर मूर्ति बनाने का काम प्रारंभ किया।साथ ही पढ़ाई भी जारी रखा।लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण 10 वी के बाद स्कूल जाना बंद हो गया और पढ़ाई छूट गई।इस प्रकार आज लगभग 15 वर्ष से गणेश,दुर्गा,विश्वकर्मा सहित अन्य देवी-देवताओं की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी प्रतिमा तैयार कर बेचने का काम करता हूँ।साथ ही अन्य भी काम करके घर का खर्च चला रहा हूँ।कहने को तो आज के परिवेश में 20 से 22 वर्ष की उम्र में अधिकतर युवावर्ग काम करने की शुरुआत करते है।लेकिन अभिषेक द्वारा इसी उम्र में घर चलाने का पहिया अपने हाथों थामकर रखना प्रेरणादायी है।अभिषेक द्वारा बनाए गए मूर्तियों को लोग काफी पसंद करते है।जिसके कारण इसके हाथों की बनाई गई मूर्तियों की मांग भी ज्यादा रहती है।गणेशोत्सव समाप्त होने पश्चात विश्वकर्मा जयंती जिसके बाद नवरात्रि का पर्व प्रारंभ होने को है।ऐसे में अभिषेक गणेश के बाद अब विश्वकर्मा और दुर्गा प्रतिमा बनाने में जुट जाएगा।


रिपोर्टर- कमल महंत


राहुल के रवैए की कड़ी आलोचना:भाजपा

दिल्ली। गृहमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह ने कश्मीर के मामले पर राहुल के रवैय्ये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। राहुल गांधी के बयानों का इस्तेमाल देश के खिलाफ पाकिस्तान कर रहा है।अमित शाह ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी जितने देश विरोधी बयान देते हैं उनकी पाकिस्तान में तारीफ होती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बयानों के मायने निकालकर देश के खिलाफ प्रयोग किया जाता है। यह देश की संप्रभुता के लिए उचित नहीं है। कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए कि उनका नेता ऐसी हरकत कर रहा है। शाह ने कहा कि धारा 370 हटने से कश्मीर घाटी में तरक्की के रास्ते खुलेंगे और घाटी का विकास होगा लेकिन कांग्रेस नेताओं को ये नहीं पसंद आ रहा है।


वेस्टइंडीज के लिए'कमबैक'आसान नहीं

भारत और वेस्टइंडीज के टेस्ट सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला जारी है, जहां तीन दिन का खेल खत्म हो चुका है और आज चौथे दिन का खेल होगा, जहां टीम इंडिया आज ही मैच को जीतना चाहेगी, तो वहीं कैरेबियाई टीम किसी भी कीमत पर मैच में कमबैक करना चाहेंगे जो इतना आसान होगा नहीं।टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के सामने जीत के लिए 468 रन का बड़ा टारगेट सेट किया है। टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में 416 रन बनाए थे जिसके जवाब में वेस्टइंडीज की पहली पारी 117 रन पर सिमट गई, यहां टीम इंडिया  ने फिर से दूसरी पारी में बल्लेबाजी की और 168 रन 4 विकेट पर पारी घोषित कर दिया। और इस तरह से दूसरी पारी में 168 रन और पहली पारी में मिली 299 रन की बड़ी बढ़त के साथ टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के सामने जीत के लिए 468 रन का बड़ा टारगेट सेट किया है, जिसके जवाब में दूसरी पारी में वेस्टइंडीज की टीम ने दो विकेट खोकर 45 रन बना लिए हैं।


दूसरी पारी में इंडियन बल्लेबाज


दूसरी पारी में टीम इंडिया के बल्लेबाजों में लोकेश राहुल और मयंक अग्रवाल पारी की शुरुआत करने उतरे जहां मयंक अग्रवाल 4 रन और लोकेश राहुल 6 रन बनाकर आउट हो गए, इसके बाद चेतेश्वर पुजारा ने  27 रन बनाए, विराट कोहली का खाता भी नहीं खुला, लेकिन फिर अजिंक्या रहाणे और हनुमा विहारी ने पारी को संभाला और अर्धशतक लगाकर नाबाद रहे, हनुमा विहारी ने जहां नाबाद 53 रन बनाए तो वहीं अजिंक्या रहाणे 64 रन बनाकर नाबाद रहे।


पहली पारी में टीम इंडिया


इससे पहले पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा 6 विकेट निकाले,  एक विकेट ईशांत शर्मा, 2 विकेट मोहम्मद शमी और 1 विकेट रविंन्द्र जडेजा ने हासिल किया।वहीं बल्लेबाजों की बात करें तो पहली पारी में टीम इंडिया के बल्लेबाजों में हनुमा विहारी ने शानदार 111 रन की शतकीय पारी खेली, विराट कोहली ने 76 रन बनाए, ईशांत शर्मा ने 57 रन बनाए और मयंक अग्रवाल ने भी 55 रन बनाए थे।


1990 में सचिन ने किया था ऐसा कारनामा

भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो मैच की टेस्ट सीरीज जारी है। जहां तीन दिन का खेल खत्म हो चुका है और आज चौथे दिन का खेल खेला जाएगा।


मौजूदा वेस्टइंडीज दौरा और दो मैच की टेस्ट सीरीज टीम इंडिया के इस युवा खिलाड़ी के लिए शानदार रहा, क्योंकि 25 साल के युवा खिलाड़ी हनुमान विहारी इस सीरीज में शानदार फॉर्म में रहे और अभी टॉप स्कोरर भी बन चुके हैं।अपने इसी शानदार फॉर्म की बदौलत हनुमा विहारी ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो कभी सचिन तेंदुलकर ने किया था। दरअसल हनुमान विहारी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चल रहे सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 111 रन बनाकर शानदार शतकीय पारी खेली, और फिर दूसरी पारी में नाबाद 53 रन बनाए। और ये सब किया नंबर-6 पर बल्लेबाजी करते हुए।कुछ ऐसा ही कारनामा साल 1990 में मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर ने किया था, जब उन्होंने नंबर-6 पर ही बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में शतक लगाया था और फिर दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया।


जाधव को आज मिलेगी राजनयिक पहुँच

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि ''अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) के फैसले के अनुरूप'' आज कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई जायेगी। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को राजनयिक पहुंच दिये जाने की शर्तों पर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के कारण लगभग छह महीने पहले भारतीय अधिकारियों की जाधव के साथ मुलाकात पर सहमति नहीं बन पाई थी। जाधव (49) को ''जासूसी और आतंकवाद'' के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट किया, ''भारतीय जासूस कमांडर कुलभूषण जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच सोमवार (दो सितम्बर, 2019) को उपलब्ध कराई जायेगी।'' उन्होंने कहा, ''कमांडर जाधव जासूसी, आतंकवाद और विध्वंस के लिए पाकिस्तान की हिरासत में रहेगा।'
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत द्वारा हटाये जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच ताजा विवाद के बीच पाकिस्तान की यह पेशकश सामने आई है। पाकिस्तान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने का प्रयास कर रहा है लेकिन भारत का कहना है कि यह उसका आतंरिक मामला है। इससे पूर्व फैसल ने बृहस्पतिवार को एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि पाकिस्तान और भारत जाधव को ''राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने के मुद्दे'' पर संपर्क में है। उसी दिन भारत ने कहा था कि पाकिस्तान से जाधव को ''तत्काल, प्रभावी और निर्बाध'' राजनयिक पहुंच मिलनी चाहिए और वह राजनयिक माध्यमों से पड़ोसी देश के संपर्क में है।पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक अगस्त को कहा था कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जायेगी।


हालांकि, जाधव को राजनयिक पहुंच की शर्तो को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के बीच दो अगस्त की अपराह्र तीन बजे प्रस्तावित यह बैठक नहीं हो सकी थी।आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से फिर से विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था।पाकिस्तान द्वारा कथित तौर पर रखी गई शर्तों में से एक शर्त यह थी कि राजनयिक पहुंच के तहत जब जाधव को भारतीय अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी जायेगी तो उस समय एक पाकिस्तानी अधिकारी वहां उपस्थित रहेगा।भारत ने इस शर्त पर असहमति जताते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की थी कि राजनयिक पहुंच ''निर्बाध'' होनी चाहिए और यह आईसीजे के फैसले के अनुरूप होनी चाहिए।पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उन पर ईरान से यहां आने के आरोप लगे थे। हालांकि, भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में थे।


मंदी को स्वीकार करें वित्त मंत्री:प्रियंका

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ''मंदी'' की बात नहीं स्वीकारने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में ''राजनीति'' से ऊपर उठने और भारत की जनता से सच बोलने की जरूरत हैं। प्रियंका की यह टिप्पणी वित्तमंत्री द्वारा यह कहे जाने के बाद कि सरकार जरूरत के मुताबिक क्षेत्रवार समस्याओं को सुलझाने के कदम उठा रही है, के बाद आई है। दरअसल सीतारमण से पत्रकारों ने पूछा था कि क्या अर्थव्यवस्था में नरमी आ रही है।


सीतारमण ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का कोई भी क्षेत्र अपनी समस्याओं के साथ हमारे पास आता है तो हम उन्हें सुनते हैं और उसके हिसाब से कदम उठाते हैं। वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट किया कि क्या सरकार स्वीकार करती है कि मंदी है या नहीं? वित्त मंत्री को हमारी अर्थव्यवस्था के बारे में राजनीति से ऊपर उठने और भारत के लोगों से सच बोलने की जरूरत है। कांग्रेस महासचिव ने पूछा कि वे इस बात को स्वीकार करने के लिए भी तैयार नहीं है तो कैसे वे इस बड़ी समस्या को हल करेंगे जो उन्होंने खुद पैदा की है।


'जिंदा है कसाब' उत्तर प्रदेश प्रशासन

कानपुर। मुंबई हमले 26/11 के दोषी अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई। लेकिन उत्तर प्रदेश के ओरैया जिले के प्रशासन के रिकॉर्ड पर यदि यकीन करें तो दुर्दांत आतंकवादी कसाब अभी जिंदा है और उसके नाम से निवास प्रमाण-पत्र जारी होने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और कसाब को निवास प्रमाण-पत्र जारी करने वाले लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि कसाब को महाराष्ट्र के यरवदा जेल में छह साल पहले फांसी दी जा चुकी है।


मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले के अधिकारियों ने प्रारंभिक स्तर की जांच करने के बाद कसाब को जारी निवास प्रमाण-पत्र रद्द करने के साथ ही संबंधित लेखपाल को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मामले की जांच कर रहे एसडीएम बिधूना प्रवेंद्र कुमार ने टीओआई को बताया कि अजमल कसाब के नाम से एक निवास प्रमाण-पत्र जारी किया गया था। उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऑनलाइन आवेदन किया था।रिपोर्ट के मुताबिक निवास प्रमाण पत्र में कसाब का जन्म स्थान बिधूना बताया गया है और माता-पिता के नाम के तौर पर मुमताज बेगम एवं मोहम्मद आमिर के नाम दर्ज हैं। निवास प्रमाण-पत्र पर पंजीयन संख्या 181620020060722 दर्ज है।


एसडीएम ने बताया कि इस अनियमितता के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा, 'जांच में अनियमितता मिलने पर हमने तहसील कार्यालय में तथ्यों की जांच की। हमने पाया कि उसमें दिया गया पता फर्जी है। हमारे अनुरोध पर राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) ने उसका निवास प्रमाण-पत्र रद्द कर दिया है।' अधिकारी ने बताया कि जिस लेखपाल के सत्यापन रिपोर्ट पर निवास प्रमाण-पत्र जारी किया गया था, हमने उस संबंधित लेखपाल को निलंबित कर दिया है।गौरतलब है कि पाकिस्तान से समुद्र मार्ग से मुंबई में दाखिल हुए 10 आतंकवादियों ने आर्थिक राजधानी पर कहर बरपाया था। आतंकवादियों के इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। सुरक्षाबलों की कार्रवाई में सभी आतंकवादी मारे गए जबकि अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया। कसाब पर मुकदमा चलाए जाने के बाद उसे 21 नवंबर 2012 को फांसी की सजा दी गई।


अड़चनें खत्म,स्थिति अनुकूल रहेगी:कर्क

राशिफल


मेष-एकाएक स्वास्थ्‍य खराब हो सकता है, लापरवाही न करें। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। व्यर्थ दौड़धूप होगी। विवाद से स्वाभिमान को चोट पहूंच सकती है। काम में मन नहीं लगेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न लें।


वृष-प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। लाभ देगा। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि में जल्दबाजी न करें। लाभ होगा।


मिथुन-फिजूलखर्ची ज्यादा होगी। शत्रु भय रहेगा। शारीरिक कष्ट से बाधा उत्पन्न होगी। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नए काम करने का मन बनेगा। दूर यात्रा की योजना बनेगी। व्यापार से लाभ होगा। नौकरी में चैन रहेगा। जोखिम न लें।


कर्क-कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि अपमान हो। व्यापार-व्यवसाय अनुकूल रहेगा। निवेश सोच-समझकर करें। नौकरी में चैन रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा।


सिंह-नौकरी में अधिकार मिल सकते हैं। सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। स्वास्थ्‍य संबंधी चिंता बनी रहेगी। आशंका व कुशंका रहेगी। कार्य में बाधा संभव है। उत्साह बना रहेगा।


कन्या-विवेक का प्रयोग करें। समस्याएं कम होंगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।


तुला-नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। धनहानि हो सकती है। सावधानी आवश्यक है। थकान महसूस होगी।


वृश्चिक-स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों से कहासुनी हो सकती है। भागदौड़ होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। लाभ के लिए प्रयास करें।


धनु-घर के छोटे सदस्यों संबंधी चिंता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी न करें।


मकर-वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। किसी जानकार व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।


कुंभ-अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ने के योग हैं। कोई बड़ी समस्या का अंत हो सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। लेन-देन में सावधानी रखें।


मीन-कोई बड़ा खर्च एकाएक सामने आएगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। कुसंगति से बचें। किसी व्यक्ति के काम की जवाबदारी न लें। स्वयं के काम पर ध्यान दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। विवाद को बढ़ावा न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा। कार्यकुशलता कम होगी।


मनोदशा की आकृति-चिंता

चिन्ता "एक भविष्य उन्मुख मनोदशा है, जिसमें एक व्यक्ति आगामी नकारात्मक घटनाओं का सामना करने का प्रयास करने के लिये इच्छुक या तैयार होता है”जो कि यह सुझाव देता है कि भविष्य बनाम उपस्थित खतरों के बीच एक अंतर है जो भय और चिन्ता को विभाजित करता है। चिंता को तनाव की एक सामान्य प्रतिक्रिया माना जाता है। यह किसी व्यक्ति कि किसी मुश्किल स्थिति, काम पर या स्कूल में किसी को इससे निपटने के लिए उत्साहित करने पर, से निपटने में मदद कर सकती है। अधिक चिंता करने पर, व्यक्ति दुष्चिन्ता विकार का शिकार हो सकता है।


चिंता के शारीरिक प्रभाव में दिल का पल्पिटेशन, मांसपेशियों में कमजोरी, तनाव, थकान, मिचली, सीने में दर्द, सांस की कमी, पेट में दर्द या सिर दर्द शामिल हो सकते हैं जब शरीर खतरों से निपटने के लिए होता है: तब रक्तचाप और दिल की गति की दर बढ़ जाती है, पसीना बढ़ जाता है, प्रमुख मांसपेशी समूहों के लिए रक्त का बहाव बढ़ जाता है और प्रतिरक्षा और पाचन तंत्र प्रणालीयां में रुकावट आ जाती है (लड़ो या भागो का प्रतिक्रिया)। पीली त्वचा, पसीना, कांप और पपीलअरी फैलाव चिंता के बाहरी लक्षणाँ में शामिल हो सकते हैं। कोई, जिसे चिंता है इसे भय या आतंक का भाव के रूप में अनुभव कर सकता है। हालांकि हर व्यक्ति जिसे चिंता आतंक के दौरे अनुभव नहीं करता, ये एक आम लक्षण है। आतंक के दौरे आम तौर पर बिना चेतावनी के आते हैं और यद्यपि आम तौर पर डर तर्कहीन है, परंतु खतरे की धारणा बहुत वास्तविक है। एक व्यक्ति जो आतंक के दौरे का अनुभव कर रहा हो, अक्सर ऐसा मह्सूस करता है जैसे वह मरने या गुज़रनेवाला,गुज़रनेवाली है।


चिंता केवल भौतिक प्रभाव ही नहीं रखती बल्कि इसमें कई भावनात्मक प्रभाव भी शामिल हैं करती है। इसमें “आशंका या भय की भावनाओं, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, तनाव या उछाल की भावना, निकृष्ट्तम का अनुमान, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, खतरे या घटना के संकेतों (और घटित होने) को देखना (और इंतजार करना) शामिल हैं और महसूस करना जैसे कि तुम्हारा मस्तिष्क शून्य हो गया हो”और साथ ही साथ ”दुस्वप्न, बुरे सपने, उत्तेजना के बारे में दुराग्रह, मस्तिष्क की भावनाओं इन एक फन्दा, देजा-वू और भावना की सब कुछ डरावना लग रहा है।


चिंता के संज्ञानात्मक प्रभाव में, आशंकित खतरों के विचार, जैसे मृत्यु का डर भी शामिल हो सकता है। "तुम डर सकते हो कि सीने में दर्द 'चिंता के शारीरिक लक्षण हैं' घातक दिल का दौरा है या सिर में शूटिंग दर्द 'चिंता का एक और शारीरिक लक्षण' ट्यूमर या धमनीविस्फार का परिणाम हैं। आप गहन भय का भाव अनुभव करते हैं जब आप मरने की सोंचते हैं या आप इस के विषय में सामान्य से अक्सर अधिक सोंचते हैं या इसे अपने मस्तिष्क से बाहर नहीं कर सकते हैं।


कर्तव्यवाद:यम नचिकेता वार्ता

कर्तव्यवाद
 मुनिवरो, पूर्व की भांति आपके समक्ष कुछ मनोहर वेद मंत्रों का गुणगान गाते चले जा रहे हैं। तुम्हें यह भी प्रतीत हो गया होगा कि आज हमने पूर्व से जिन वेद मंत्रों का पठन-पाठन किया है । हमारे यहां परंपरागत ही उस मनोहर वेदवाणी का प्रसार होता रहता है। जिस पवित्र वेद वाणी में मेरे देव परमपिता परमात्मा की महिमा का गुणगान गाया जाता है। क्योंकि वह परमपिता परमात्मा महान विज्ञान में रत रहने वाला है। जितना भी यह जगत मानवीय दृष्टिपात आ रहा है। उस सर्वत्र ब्राह्मण की आभा में वह परमपिता परमात्मा निहित हो रहे हैं। उसी में जिसके ऊपर मानव परंपरागत उसमे ही अनुसंधानकर्ता आ रहा है। विचार-विनिमय करता रहा है कि हम परमपिता परमात्मा के समीप जाना चाहते हैं। प्रत्येक मानव इसी विडंबना में नाना प्रकार की आभा में भ्रमण करता रहता है और कहीं न कहीं अपनी आभा में नियुक्त होता रहता है कि मैं उस परमपिता परमात्मा की आभा हूं। जिस प्रकार में घूमे विद्युत वास करती है  दृष्टिपात होने के बाद उसी में ओझल हो जाती है। उसी प्रकार उसमें अपने को ले जाओ उसमे ओझल हो जाओ। इसी प्रकार प्रत्येक मानव प्रकृति के आवेश में और प्रकृति के गर्भ में ओझल हो जाता है। परमपिता परमात्मा की आभा हम जानना चाहते है। परंतु जब संसार के नाना प्रकार के रूपों में रत होता है तो परमपिता परमात्मा के समीप में जाकर के वह प्रकृति के गर्भ में ही रमण करने लगता है। हमारा वेद मंत्र यह कहता है। हे मानव, यदि तू परमपिता परमात्मा को जानना चाहता है और उसके समीप जाना चाहता है। तुझे नाना प्रकार के इस प्रकृति के आवेशों को त्यागना होगा। प्रकृति को वह मानव त्‍याग आता है। जान लेता है यह इसकी जडवत प्रवृत्ति है। उस प्रवृत्ति को जो नहीं जान पाता है। वह प्रकृति को नहीं जान सकता। प्रकृति के आवावेशो को नहीं जान सकता। इसलिए हमारे ऋषि मुनि परंपरागत उसे ही इसके ऊपर विचार विनिमय करते रहें। विचारते रहे हैं कि हम प्रकृति के उन आवेशों को त्यागना चाहते हैं। जिन आवेशों में मानव अपने को जडवत बना लेता है। ज्ञान और चेतना के स्थान में वह जडवत बन जाता है। जडवत को त्यागना है और चेतना को अपनाना है। जो चेतना लाने का प्रयास करता है। और जडवत को त्याग देता है ।वहीं मानव संसार में महान बनता है। इसलिए हमारे आचार्यों ने अनुसंधानवेताओं ने राष्ट्रवेताओं ने अपने राष्ट्र को त्‍याग करके भयंकर वनों में अपनी चेतना में सदैव तत्पर रहें, रत रहे हैं। मुझे आज  कुछ वाक्य स्‍मरण आ रहे हैं जिन वाक्यों को मैंने पुरातन काल में तुम्हारे सम्मुख प्रकट किया है। एक समय बेटा महॠषि साक्लय मुनि परमपिता परमात्मा के हृदय मन हो रहे थे। अन्वेषण करते हुए महर्षि साक्‍लय मुनि के समीप एक वाक्य आया कि मैं तपस्वी कैसे बनूंगा। भयंकर वनों में यह विचार कर रहे थे और मन को कह रहे थे। हेमन तपस्वी कैसे बनेगा? नाना प्रकार की प्रवृत्ति वाला जो मन है। उसको अपने में धारण करने के लिए मैं ऋषि साक्‍लय मुनि महाराज के मन मे एक निष्ठा बनी और तपस्या करने लगे। हमारे यहां तप के नाना प्रकार के प्रयायवाची माने गए हैं। परंतु वेद कुछ और कहता है। वेद का मंत्र कहता है। तप:तपश्‍चयम्‌ ब्रह्मावाचोः तप किसे कहते हैं प्रत्येक मानव तप की विवेचना जानना चाहता है। 'तपस्या ब्रह्मा' कहलाता है। जिसके द्वारा मानव इंद्रियों का शुद्धिकरण होता है। प्रत्येक मानव परंपरागत नाना प्रकार के अनुष्ठान करता रहता है। अनुष्ठानों में केवल वायु का सेवन करने लगता है। नाना प्रकार की वनस्पतियों को पान करता है और अपान बना रहता है। नाना प्रकार के रूपों में एक ही मंत्र में मन को पवित्र बनाना है। क्योंकि मन को पवित्र बनाने के लिए मानव कहीं वायु का सेवन करता है। कहीं सत्यवादी बना रहता है और मुनिवर कहीं मन के शोधन के लिए अलग वारी बन जाता है। नौदा में भक्त बन जाता है कहीं पित्र भक्ति करने लगता है। कहीं आचार्य अनुष्ठान में लग जाता है। नाना प्रकार के भाव में रत हो जाता है। परंतु मंतव्य सब का एक ही है कि मेरा मन पवित्र हो जाए। मेरे पुत्रों, मन को पवित्र बनाने के लिए ऋषि-मुनियों ने एक मार्ग बड़ा सा एकत्रित किया हैं । उन्होंने अपने वाक्यों में वेद के कुछ मंत्रों को लाने का प्रयास किया। वाक्य इस प्रकार आए हैं।अन्‍न ब्रह्म वाचप्रहे वक्तव्य लोका: वेद का वाक्य कहता है कि अन्‍न ब्रह्म के समीप ले जाता है। वेद का मंत्र कहता है अन ब्रह्म के समीप ले जाता है तो बेटा याद कैसा वेद का शब्द है इसके ऊपर जब अन्वेषण करते हैं ऋषि मुनि तो बेटा विचार आया कि मना: वाचो व्रतम ब्रह्मा वाचा: वेद का वाक्य कहता है कि उनके पवित्र होने पर मन में पवित्रता आती है। इसलिए 'अन्न ब्रह्मा' कहा गया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
september 03, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-31 (साल-01)
2. मंगलवार,03सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष गणेश चतुर्थी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:53,सूर्यास्त 6:54
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.935030275


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