मंगलवार, 29 सितंबर 2020

'पीएम मोदी' ने बताया एक कड़वा सच

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत उत्तराखंड में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छह बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम ने किसान कानून पर जारी विरोध पर भी प्रतिक्रिया दी। किसान बिल पर पीएम ने कहा कि देश के किसानों, श्रमिकों और देश के स्वास्थ्य से जुड़े बड़े सुधार किए गए हैं। इन सुधारों से देश का श्रमिक सशक्त होगा, देश का नौजवान सशक्त होगा, देश की महिलाएं सशक्त होंगी, देश का किसान सशक्त होगा, लेकिन आज देश देख रहा है कि कैसे कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि ‘आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं। ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं।’               


कृषि उपकरण जलाकर किसानों का अपमान

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। किसान बिल के विरोध में इंडिया गेट के सामने ट्रैक्टर जलाने वालों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम कर खबर ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रैक्टर जैसे उपकरणों का जिनकी किसान पूजा करते हैं उसे जला कर विपक्ष ने किसानों का अपमान किया है। जो मशीन, ट्रैक्टर जलाते हैं वो किसान किसी हाल में नहीं हो सकते। काले धन के रास्ते बंद हो जाने के कारण विपक्ष इस मामले को हवा दे रहा है।पंजाब यूथ कांग्रेस ने हाल ही में इंडिया गेट के सामने ट्रैक्टर जला कर विरोध प्रदर्शन किया है। यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो सरकार में नहीं हैं। सड़क पर प्रदर्शन कर ही वो अपना विरोध जाहिर कर सकते हैं। नमामि गंगे के तहत उत्तराखंड में 6 मेगा परियोजनाओं के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान बिलों का विरोध करने वाले विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष किसानों को भरमा रहा है। मिनिमम सपोर्ट प्राइस खत्म नहीं हुआ मगर विपक्ष ने हल्ला मचाना शुरू किया कि इसे खत्म का जा रहा है। असलियत है कि इन बिलों को किसानों को मंडियों की जगह खेत से ही उपनी उपज बेचने का रास्ता खुल गया है। अब खेत से मंडियों तक के बिचौलिया खत्म हो गए हैं। पीएम ने कहा कि पिछले संसद सत्र में किसान, मजदूर और स्वास्थ्य संबंधी कई कानून पास हुए। इनसे मजदूर, युवा, महिला, किसानों को फायदा होगा। मगर विपक्ष केवल विरोध के लिए विरोध कर रहा है। विपक्ष किसानों को भरमा रहा है। कुछ लोगों को किसानों को खेत से ही माल बेचने का अवसर देने अच्छा नहीं लग रहा है। इसी विपक्ष ने सर्जिकल स्ट्राइक के भी सबूत सरकार से मांगे थे।इंडिया गेट के सामने ट्रैक्टर जलाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर पांच लोगों को हिरासत में लिया है।               


हमले को लेकर सुप्रीमकोर्ट में होगी सुनवाई

झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ।


रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस हमले में कांग्रेस के कई नेताओं समेत 29 लोग मारे गए थे। न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह की पीठ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्यायिक आयोग ने छह महत्पूर्ण गवाहों की गवाही दर्ज करने के अनुरोध को खारिज करते हुए जांच बंद कर दी थी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी अपील में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मांग की है। कि  इस मामले में अतिरिक्त गवाहों से पूछताछ करने का विशेष न्यायिक आयोग को निर्देश दिया जाए।
उल्लेखनीय है। कि कि 25 मई,2013 को नक्सलियों ने बस्तर जिले के दरभा इलाके में झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला हुआ था। इसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल शामिल थे। जिस पर आज  सुनवाई होगी।             


यूकेः कई योजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड को बड़ी सौगात देते हुए हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनी की रेती और बद्रीनाथ में नमामि गंगे से जुड़ी कई परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरिद्वार के जगजीतपुर में 68 एमएलडी, सराय में 18 और 27 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ ही चंडी घाट में गंगा संग्रहालय और रिवर फ्रंट का भी लोकार्पण किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की। इस अवसर पर राज्य के पर्यटन तथा सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज और विधायक सुरेश राठौर ने उत्तराखंड को दी गई इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया।           


24 घंटे में आएं 70 हजार नए मामले

देश में 26 दिन बाद हजार से कम मौत, 24 घंटे में आए 70 हजार नए संक्रमण के मामले।


नई दिल्ली। दुनिया में सबसे तेजी से कोरोना संक्रमण भारत में ही फैल रहा है, लेकिन शायद अब पहले जितना घातक नहीं रहा। क्योंकि नए संक्रमण से ज्यादा ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। देश में पिछले 24 घंटों में 70,589 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए। जबकि 84,877 मरीज कोरोना से ठीक हो गए। हालांकि 776 मरीजों की जान भी चली गई। इससे पहले पिछले 26 दिनों से लगातार हर दिन एक हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत हो रही थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 61 लाख 45 हजार हो गई है।इनमें से 96,318 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या घटकर 9 लाख 47 हजार हो गई और 51 लाख 1 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या करीब पांच गुना अधिक है।
आईसीएमआर के मुताबिक, 28 सितंबर तक कोरोना वायरस के कुल 7 करोड़ 31 लाख सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 11 लाख सैंपल की टेस्टिंग कल की गई।
मृत्यु दर में गिरावट।
राहत की बात है कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.57% हो गई। इसके अलावा एक्टिव केस जिनका इलाज चल है उनकी दर भी घटकर 16% हो गई है। इसके साथ ही रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर 83% पर है। भारत में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है।
देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र लगातार कोरोना की सबसे बुरी मार झेलने वाला राज्य बना हुआ है। यहां अब तक 13 लाख मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं। इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत का नंबर है।             


पुलिस कस्टडी से एक बदमाश हुआ फरार

अतुल त्यागी
मेडिकल को ले जाते वक्त पुलिस कस्टडी से हुआ आसिफ नाम का बदमाश फरार


हापुड़। पुलिस कस्टडी पर कई सवाल आई हापुड़ पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने अवैध असला फैक्ट्री में गिरफ्तार बदमाश आशिफ हुआ फरार। मेडिकल को ले जाते वक्त, गिर सकती है कुछ पुलिसकर्मियों पर भी गाज इस मामले को देखते हुए। आखिर क्यों हुआ ऐसा, जो हापुड़ पुलिस की कस्टडी से हुआ बदमाश फरार, उठते हैं हापुड़ पुलिस पर कई सवाल। पुलिस कस्टडी है या जादू की पुड़िया।         


अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़

अतुल त्यागी, प्रवीण कुमार


अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, 35 अवैध तमंचे के बरामद


हापुड़। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में पुलिस ने अवैध हथियार बनाने वाले 2 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार लिया है, साथ ही पकड़े गए बदमाशों के कब्जे से अवैध हथियारों का जखीरा भी बरामद किया है। सिंभावली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक अवैध रूप से हथियार बनाने  की फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए 35 अवैध तमंचे 315 बोर, 2 तमंचे 12 बोर और 3 अधबने तमंचे व 40 कारतूस और 4 खोखा कारतूस के साथ शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद भी बरामद किए है। आपको बता दें जनपद हापुड़ की सिम्भावली थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए अवैध शस्त्र बनाने के कारखाने पर छापा मारते हुए बड़ी कार्रवाई की हे 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है,  वही 35 अवैध तमंचे 315 बोर ,2 तमंचे 12 बोर और 3 अधबने तमंचे व 40 कारतूस और 4 खोखा कारतूस के साथ शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद भी बरामद किए है, पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने प्रेस वार्ता कर  बताया गिरफ्तार आरोपी लॉकडाउन के समय मे नोकरी जाने के बाद में हापुड़ में शस्त्र बनाने का काम करते थे, परंतु पुलिस की भनक लगने के चलते इन लोगों का भांडाफोड़ कर दिया है और यह लोग 2 से 10 हज़ार तक तमंचे की बिक्री करते हैं और इनके तार काफी दूर-दूर तक फैले हैं, इनके और सहयोगी के नामो के लिए पुलिस पूछताछ कर रही है, जिन्हें अति शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा, फिलहाल पुलिस गिरफ्तार अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास खंगालने में जुट गई है।


कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने के आदेश

लखनऊ। शासन द्वारा टेस्ट की संख्या बढ़ाने के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मरने वालों का भी कोरोना टेस्ट कर दे रहे हैं। मथुरा के बाद अब ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सामने आया है। यहाँ 5 वर्ष पहले मृत महिला की जाँच कर दी। साथ ही बताया जा रहा है कि परिवार के 6 लोगों की भी इस दौरान जाँच करा दी गई। जानकारी के मुताबिक पटेल नगर निवासी रवि ने कोरोना के लक्षण आने के बाद निजी पैथॉलजी में अपनी जांच करवाई जिसकी रिपोर्ट 17 सितंबर को पॉजिटिव पाई गई।


जिसके अगले दिन बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंच गई और उनके परिवार के सभी 6 लोगों के सैंपल ले लिए। इनमें उनके पड़ोसियों के भी नाम शामिल हैं। लेकिन पोर्टल पर रवि के परिवार में 13 लोगों के नाम दिख रहे हैं। इनमें उनके पड़ोसियों के भी नाम शामिल हैं। पड़ोसियों का दावा है कि उनके सैंपल लिए ही नहीं गए।इतना ही नहीं पोर्टल पर कामिनी सिंह की भी एंट्री है। उनकी उम्र 60 साल लिखी है और एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव है। जबकि उनका निधन पांच साल पहले ही हो चुका है।             


नाले में मिले बच्चे की कहानी ने चौंकाया

नैनीताल। नाले में रोते मिले शिशु की मां के बाद अब पिता का भी पता चल गया है। मां नाबालिग निकली थी और अब पिता भी उस नाबालिग का जीजा निकला है। यह खुलासा बच्चे के डीएनए से मिलान की रिपोर्ट आने के बाद हुआ है। पुलिस ने नाबालिग के जीजा को गिरफ्तार कर लिया है। घटना फरवरी की है। नगर के स्टाफ हाउस सात नंबर क्षेत्र में एक नाले में सुबह के वक्त एक शिशु रोता हुआ राहगीरों ने देखा था। राहगीरों ने नवजात को बीडी पांडे जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी रेफर कर दिया। हल्द्वानी में उपचार से बच्चा ठीक हो गया। इधर, जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस को निर्देशित किया था कि बच्चे की मां का पता लगाने वाले को इनाम दिया जाएगा। उसके बाद पुलिस ने 7 फरवरी को प्रकरण में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। और जांच शुरू कर दी गई। जांच के दौरान ही पुलिस एक नाबालिग के करीब पहुंच गई, नाबालिग ने बच्चा उसी का है, यह बात स्वीकार कर ली। नाबालिग को पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष वेश किया और 164 के बयान दर्ज कराए। हालांकि उस वक्त नाबालिग ने अपने चचेरे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगा दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। साथ ही किशोर का डीएनए सेम्पल जांच के लिए भेजा गया। लेकिन आरोपित किशोर ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के बाद किशोर के लिए गए डीएनए सैम्पल की रिपोर्ट आ गई। जिसमें बच्चे से वह मेल नहीं खाई। पुलिस को लगा कि नाबालिग झूठ बोल रगी है और उसने गुमराह कर दिया। बाद में उसके रिलेशन के आधार पर फिर से चार लोगों का डीएनए भेजा । अब उसकी भी रिपोर्ट आ गई। जिसमें नाबालिग के जीजा से बच्चे का डीएनए मेल खा गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने स्टाफ हाउस सात नंबर निवासी धनीराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 201, 307, 315, 376 और 3/4 पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया है।           


फैसला आने से पहले ही यूपी में हाई अलर्ट

लखनऊ। 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले का कल (बुधवार) को फैसला आने से पहले अयोध्या समेत समूचे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सीबीआई के विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव 32 आरोपियाें के समक्ष सुबह दस बजे फैसला सुनायेंगे हालांकि कई आरोपी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे लेकिन इनमें से कुछ निजी तौर पर अदालत में मौजूद होंगे।करीब 28 साल के लंबे अंतराल के बाद आने वाले ऐतिहासिक फैसले की संवेदनशीलता के मद्देनजर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं। नेपाल सीमा समेत सभी जिलों में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट में रहने के निर्देश दिये गये हैं। इस मौके पर राम की नगरी अयोध्या में सुरक्षा बलों की पैनी नजर रहेगी जहां फैसले के समय कुछ आरोपी मौजूद होंगे। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा कि सीबीआई अदालत के फैसले के मद्देनजर सभी जिलों में सुरक्षा बलों को मुस्तैद रहने को कहा गया है। अयोध्या में सुरक्षा के खास इंतजाम किये गये हैं। आरोपियों के वकीलों के अनुसार पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी की उम्र का लिहाज करते हुये अदालत में निजी तौर पर उपस्थित रहने से छूट दी गयी है। वे वीडियाे कांफ्रेसिंग के जरिये अपनी मौजूदगी अदालत में दर्ज करायेंगे। इस दौरान उनके आवास के बाहर पुलिस तैनात रहेगी और अगर जरूरत पड़ी तो उन्हे घर में नजरबंद किया जा सकता है। इसी प्रकार कोरोना संक्रमण से ग्रसित मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अलावा कोरोना से उबरने के बावजूद लगातार आक्सीजन पर चल रहे महंत नृत्य गोपाल दास अदालत में उपस्थित नहीं होंगे। मामले के आरोपी सतीश प्रधान समेत कुछ अन्य आरोपियों को भी बीमारी के कारण अदालत में मौजूद रहने से छूट प्रदान की गयी है। वकीलों ने बताया कि फैसला विस्तृत होगा क्योंकि सभी 32 आरोपियों पर आईपीसी की अलग अलग धाराओं के तहत मामले दर्ज हुये है। इसलिये अगर वह दोषी पाये जाते हैं तो सजा भी अलग अलग होगी।         


संघर्ष से भरपूर रहा है तेवतिया का कैरियर

आईपीएल 2020- 6 गेंदों में 5 छक्के मारने वाले राहुल तेवतिया का संघर्ष भरा रहा है कैरियर,जाने कौन है राहुल


तेवतिया। आईपीएल 2020 में शुरुआती मैच में ही क्रिकेट के जिस चमकते हुए सितारे का नाम सामने आया है। वह है राहुल तेवतिया राजस्थान रॉयल्स के ऑल राउंडर राहुल तेवतिया ने संडे को जिस तरह किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की उससे भी ज्यादा चर्चा सोशल मीडिया में आईपीएल फैंस की 18वें ओवर में छह गेंदों में 5 छक्के लगाने की है। इससे पहले राहुल तेवतिया को बहुत कम लोग जानते थे लेकिन एक मैच में राहुल तेवतिया को आईपीएल में इस साल का चमकता सितारा बना दिया हालांकि अभी पूरा आईपीएल बाकी है।
आईपीएल2020- आरआर के इस खिलाड़ी ने एक ओवर में 5 छक्के लगाकर केएक्सआईपी के मुंह ने छीन लिया मैच, बनाया यह रिकॉर्ड।
दरअसल राहुल तेवतिया शुरुआत के दौर से ही संघर्षशील रहे हैं क्योंकि हरियाणा के राहुल तेवतिया बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन रहे और क्रिकेट में अपना कैरियर बनाते हुए उन्हें हर टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा क्योंकि वहां उनके प्रतिद्वंदी यूज़वेंद्र चहल, अमित मिश्रा मौजूद थे। 2019 तक अपनी खास पहचान न बना पाने वाले राहुल तेवतिया का 2020 आईपीएल का शुरुआती मैच ही काफी रोमांच भरा रहा किंग्स इलेवन पंजाब के मुंह से जीत छीन कर लाने वाले राहुल तेवतिया ने न सिर्फ एक ओवर में 5 छक्के लगाए बल्कि बेहतरीन अर्धशतकीय पारी भी खेली। लोगों की नजरों में आने के बाद अब राहुल तेवतिया के लिए चुनौतियां और बढ़ गई हैं कि वह खुद को आगे कैसे बेहतर साबित करेंगे।                


हाथरस की बेटी हार गई जिंदगी की जंग

हाथरस के बेटी हार गई जिंदगी की जंग, एम्स में तोड़ा दम।


लखनऊ। पिछले 15 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हाथरस गैंगरेप पीड़िता आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। चार हैवानों ने 19 साल की महिला से गैंगरेप करने के बाद उनकी जीभ काट दी थी। इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता को पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दिल्‍ली स्थित सफदरजंग अस्‍पताल रेफर कर दिया गया था।
मंगलवार सुबह गैंगरेप पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इससे पहले आरोपियों ने महिला की गला घोट कर हत्‍या करने की भी कोशिश की थी। इस दौरान पीड़िता ने खुद को बचाने की जीतोड़ कोशिश की थी। इस पर आरोपियों ने उनकी जीभ तक काट दी थी। इस घटना में वह बुरी तरह जख्‍मी हो गई थीं। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्‍हें अलीगढ़ से दिल्‍ली लाया गया। एम्‍स में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन डॉक्‍टर गैंगरेप पीड़िता को बचा नहीं सके।
दिल्‍ली एम्‍स रेफर किए जाने से पहले जेएनएमसी के सुपरिंटेंडेंट डॉक्‍टर हैरिस मंजूर खान ने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई बताया था कि गैंगरेप पीड़िता वेंटिलेटर पर है। अस्‍पताल के प्रवक्‍ता ने बताया था कि विक्टिम के दोनों पैर लकवाग्रस्‍त हो गए थे। इसके अलावा उनका एक हाथ भी आंशिक तौर पर पारालाइज्‍ड हो गया था। पीड़िता की गंभीर हालत को देखते हुए परिजनों ने बेहतर इलाज के लिए दिल्‍ली में दिखाने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी, जिसके बाद गैंगरेप विक्टिम को एम्‍स रेफर कर दिया गया था जहां उनकी मौत हो गई।
बता दें कि हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव में अपनी मां के साथ खेत पर चारा लेने के लिए गई युवती के साथ गांव के ही दबंगों ने पहले तो दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। उसके बाद उसे जान से मारने की कोशिश की, लेकिन युवती के चीखने-चिल्लाने से मौके पर ग्रामीणों को आता देख दबंग वहां से फरार हो गए। इसके बाद पीड़ित युवती के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल युवती को अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
इससे पहले हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर  ने बताया था कि 14 सितंबर को हुये इस सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चारों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि गांव में दबंग लोगों ने उन्नाव जैसी जघन्य घटना को दोहराने की बात करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी।                 


ट्रेनिंग देने के लिए मजबूर पूर्व 'हॉकी स्टार'

भोपाल: पूर्व हॉकी स्टार मीर रंजन नेगी फुटपाथ पर ट्रेनिंग देने के लिए मजबूर, सरकार से मांगा एक मैदान।


भोपाल। बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘चक दे इंडिया’ किसे याद नहीं होगी। ये फिल्म एक हॉकी कोच के जज्बे और उसके समर्पण की दास्तान थी। उस फिल्म के रियल लाइफ हीरो और पूर्व भारतीय हॉकी कोच मीर रंजन नेगी अब एक नए मोर्चे पर जूझ रहे हैं। वो इंदौर में हॉकी की नई पौध को मैदान दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सपना है कि हॉकी में देश को गोल्ड मेडल मिले और सुविधाओं का आलम ये है कि हॉकी की नई पौध को तैयार करने के लिए मैदान नहीं, बल्कि फुटपाथ मिला है।जिनकी जिंदगी पर बनी फिल्म चक दे इंडिया देश की सबसे सुपरहिट स्पोर्ट्स फिल्म साबित हुई। जिसमें मीर रंजन नेगी का किरदार बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार शाहरुख खान ने निभाया था।
इंदौर नगर निगम ने खेल का मैदान ही छीन लिया।
इस तरह सख्त और सीमेंटेड सतह पर हॉकी की नई नस्ल तैयार करना मीर रंजन नेगी की चॉइस नहीं, मजबूरी है। मजबूरी इसलिए क्योंकि इंदौर नगर निगम प्रशासन ने इनका खेल का मैदान ही छीन लिया। इस पर मीर रंजन नेगी ने कहा, ”हम स्टेडियम नहीं चाहते,एक मैदान चाहते हैं।जिसमें तारबाड़ हो बस। हॉकी ने मुझे बहुत कुछ दिया। मैं विश्वास दिलाता हूं मैं यहां से अंतर्राष्टरीय खिलाड़ी दूंगा.”
मीर रंजन नेगी दो साल पहले मुंबई छोड़कर सिर्फ इसलिए आए थे ताकि वो अपनी कर्मभूमि इंदौर में हॉकी की नई नस्ल तैयार कर सकें। ऐसा वो कर भी रहे हैं लेकिन बिना मैदान के, जबकि फुटपाथ पर हॉकी की ट्रेनिंग के खतरे भी हैं। स्टेडियम जब मिलेगा, तब मिलेगा। मीर रंजन नेगी के सामने ये एक नया चैलेंज है, उनके ऊपर सीमेंट कंकरीट वाली सतह पर चैम्पियन तैयार करने का जिम्मा है।             


गुस्से में तोड़ा विवादित ढाचा, आएगा फैसला

अयोध्या में विवादित ढांचा साजिशन गिराया गया या कारसेवकों के गुस्से में तोड़ा गया? कल आएगा फैसला।


अयोध्या। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में लखनऊ की सीबीआई अदालत कल फैसला सुनाने वाली है। इस मामले में बीजेपी के कई दिग्गज नेता आरोपी हैं। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय और साध्वी ऋतम्भरा। ये वो बड़े चेहरे हैं जिनपर कल अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस मामले में फैसला आने वाला है।
ये फैसला ऐसे समय में आने जा रहा है जब सुप्रीम कोर्ट से राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला आ चुका है और राम मंदिर निर्माण का काम भी शुरू हो चुका है। सीबीआई अदालत तय करेगी कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा साजिशन गिराया गया था या कारसेवकों के गुस्से में ढांचा तोड़ा गया।
इस मामले में कुल 49 आरोपी थे जिनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाकी बचे 32 मुख्य आरोपियों पर फैसला आएगा। कोर्ट ने सभी आरोपियों को फैसले के दिन व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है। हालांकि कोरोना की वजह से उम्रदराज और बीमार आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट मिलने की संभावना है।
क्या है पूरा मामला।
साल 1992 में 6 दिसंबर के दिन रामजन्मभूमि परिसर में कारसेवा की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी गई थी।कहा गया कि रामभक्त अयोध्या में सरयू का जल और एक मुट्ठी मिट्टी राम चबूतरे पर चढ़ाएंगे। तत्कालीन बीजेपी सरकार ने कोर्ट में हलफनामा देकर दावा किया था कि कार सेवक सिर्फ कारसेवा करके लौट जाएंगे। लेकिन लाखों की संख्या में इकट्ठा रामभक्तों ने विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया। ढांचा गिराए जाने के बाद तत्कालीन कल्याण सिंह की सरकार ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया। बाद में सरकार ने ढांचा गिराए जाने के मामले में जांच का आदेश दिया।
इस मामले की पहले सीआईडी ने जांच शुरू की लेकिन बाद में ये पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले पर कोर्ट के फैसले से पहले उमा भारती ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वो जेल जाने को तैयार हैं लेकिन इस मामले में जमानत नहीं लेंगी।                 


कोरोनाः बस्ती में 13 नए संक्रमित मिलें

27 ने कोरोना से जीती जंग,13 नए मिले पॉजिटिव।


बस्ती। सोमवार को एक तरफ 27 संक्रमितों ने कोरोना से जंग जीतकर घर पहुंचे तो दूसरी तरफ बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर से जारी की गई 1830 की जांच रिपोर्ट में 1817 निगेटिव जबकि 13 नए पॉजिटिव पाए गए। इसी के साथ जिले में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3483 हो गई है। अब तक 3066 स्वस्थ हो चुके हैं।
कोरोना से मरने वालों की संख्या 70 है। सीएमओ डा. एके गुप्ता ने बताया कि मुसहा के बेलसड़, कंपनीबाग, बस्ती सदर, नकटीदेई बुजुर्ग, देवखर दुबौलिया, खटरुआ केशवपुर, कैनपुरा, हवेलीखास, पिकौरा भट्ट नंदनगर में तीन लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। पिकौरा काजी व उसका वाल्टरगंज में एक-एक संक्रमित पाए गए हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या 347 हो गई है। सीएमओ ने बताया कि जो मरीज मिले हैं, उन्हें मेडिकल कालेज बस्ती, मुंडेरवा व परशुरामपुर तथा रुधौली में बने कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है। कुछ मरीजों की सहमति पर होम आइसोलेट में रखा गया है। बताया कि 1031 लोगों की रिपोर्ट प्रतीक्षारत है। अब तक एक लाख 13 हजार 938 सैंपल लिए जा चुके हैं। अब तक एक लाख नौ हजार 424 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सोमवार को शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की जांच एंटीजन टेस्ट किट से टीम द्वारा की गई।             


देवर ने भाभियों पर लगाया शोषण का आरोप

देवर ने भाभियों पर लगाया यौन शोषण का आरोप, कहा- भाई के काम पर जाने के बाद अश्लील वीडियों दिखाकर दी जाती है धमकी, कोर्ट पहुंचा मामला।


अलीगढ़। देवर और भाभी का रिश्ता दुनिया के खुबसूरत रिश्तों में से एक है । यह रिश्ता कहीं मां- बच्चों का रुप ले लेता है तो कहीं भाई और बहन का। लेकिन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक अलग ही मामला सामने आया है। जहां देवर ने अपनी भाभियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। युवक ने अपनी दोनों भाभियों पर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने आरोपी भाभियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
आरोप है कि उसकी दोनों भाभियों ने उसके साथ जबरदस्ती की है। अश्लील वीडियो दिखाकर और मारपीट के बाद उसको संबंध बनाने के लिए मजबूर किया है। पीड़ित युवक ने एसएसपी से शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही पुलिस द्वारा सुनवाई न होने पर कोर्ट की शरण भी ली है। वहीं न्यायालय ने पुलिस को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
पीड़ित युवक ने कहा है कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। उसके दोनों भाइयों की शादी पास ही के क्षेत्र में हुई है। उसके दोनों भाई चाट की ठेला लगाने का काम करते हैं। दोनों भाई काम पर चले जाते हैं तो दोनों भाभी युवक के साथ गैर वाजिब हरकतें करती हैं। मारपीट के साथ ही बदनाम करने की भी धमकी देती है , और उस पर संबंध बनाने के लिए दबाव डालती हैं।
लगातार उत्पीड़न से परेशान होकर उसने एक बार आत्महत्या करने का भी प्रयास किया। लेकिन आरोपी भाभियां उसे घर पर ले आईं। अपने साथ हो रहे उत्पीड़न के विषय में अगर वह किसी को बताता है तो लोग उसका ही मजाक उड़ाते हैं। पूरे मामले को लेकर पीड़ित युवक ने अब अदालत से गुहार लगाई है, जिसके बाद अदालत ने स्थानीय पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।              


कलयुगी बेटे ने पिता की हत्या की

कलयुगी बेटे ने की पिता की निर्मम हत्या,कारण अज्ञात, आरोपी बेटा फरार तलाश में जुटी पुलिस।


धमतरी / छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के मगरलोड थाना क्षेत्र के अमलिडिहि गांव में एक पुत्र ने अपने ही पिता पर कुदाली से सिर और कान में ताबड़तोड़ वार कर दिया | इसमें पिता गंभीर रूप से लहूलुहान होकर घायल हो गया | जिसे 108 की मदद से इलाज के लिए शासकीय अस्पताल मगरलोड ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। हालांकि अभी मौत का स्पष्ट नहीं हो सका | सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच कर रही है | वही घटना के बाद से आरोपी बेटा फरार हो गया है | जिसकी खोजबीन में पुलिस जुटी है |
मगरलोड पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह 7.30 बजे ग्राम अमलीडीह निवासी चंदू राम निषाद पिता केजू राम निषाद उम्र 50 वर्ष अपने घर के आंगन में बैठा था ।उसकी पत्नी व बेटी सब्जी सुधार रही थी। उसका बड़ा पुत्र रोशन निषाद उम्र 23 वर्ष आया और अचानक अपने पिता चंदू राम के सिर व कान पर कुदाली से वार कर फरार हो गया। उसकी पत्नी व बेटी की चीख पुकार रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुँचे । चंदू राम लहूलुहान घायल अवस्था में पड़ा था । जिसे संजीवनी 108 वाहन से ईलाज के लिए शासकीय अस्पताल मगरलोड लाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस हत्या का मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है। अभी तक आरोपी पुत्र पुलिस के गिरफ्त से बाहर है ।              


कर्ज में डूबे कर्मचारी ने की आत्महत्या

कर्ज में डूबे श्रीराम पिस्टन के कर्मचारी ने की आत्महत्या, परिजनों का कहना है हुई हत्या।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में सिहानी गेट कोतवाली क्षेत्र के मेरठ रोड पर स्थित प्रसिद्ध कंपनी श्रीराम पिस्टन में कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों का कंपनी अधिकारियों से लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। उधर साथी की मौत के बाद कर्मचारियों ने कंपनी में हंगामा खड़ा कर दिया। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन कर हंगामा कर रहे कर्मचारियों को शांत कराया।
पुलिस का कहना है कि कर्ज में डूबने की वजह से कर्मचारी ने मौत को गले लगाया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं पत्नी ने हत्या का आरोप लगाया है। मूलरूप से जिला जौनपुर के ग्राम बागबड का रहने वाला 40 वर्षीय गिरीश पुत्र इंद्रजीत यहां घूकना में पत्नी और बच्चों के साथ किराए पर रहता था। वह श्रीराम पिस्टन के पिन प्लांट में कर्मचारी था।
बताया गया है कि मंगलवार को गिरीश की सुबह 6 बजे से ड्यूटी थी। इसी दौरान गिरीश ने कंपनी में पंखे से लटककर फांसी लगा ली। कर्मचारियों ने गिरीश का शव पंखे से लटका हुआ देखा तो उनमें अफरा-तफरी मच गई और उन्होंने इसकी जानकारी कंपनी अधिकारियों को देते हुए साथी की मौत पर हंगामा खड़ा कर दिया।
बताया गया है कि कर्मचारियों का प्रतिवर्ष होने वाला एग्रीमेंट नहीं हुआ था। जिसे कराने को लेकर कर्मचारियों और कंपनी अधिकारियों में ठनी हुई थी। यही कारण रहा कि गिरीश ने आत्महत्या कर ली, हालांकि कंपनी अधिकारियों ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि कर्मचारियों और उनके बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं था। उधर कंपनी में कर्मचारी द्वारा आत्महत्या किए जाने एवं हंगामे की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की। कोतवाल कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि छानबीन में पता चला है कि गिरीश पर काफी लोन था। जिसकी वजह से वह दुखी था। यही कारण रहा कि उसने आत्महत्या कर ली। उधर गिरीश की मौत के बाद उसके परिजनों में कोहराम मचा है।             


सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाला अरेस्ट

सीएम योगी की पोस्ट से छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर डालने वाला गिरफ्तार।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में सिहानी गेट थाना क्षेत्र के हिंडन विहार में यूपी के मुख्यमंत्री की फोटो के साथ छेड़छाड़ करके उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले आरोपी को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
सीएम योगी की फोटो के साथ छेड़छाड़ करने के बाद आरोपी ने उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। जिसके बाद सिहानी गेट थाने पर हिंदू युवा वाहिनी की शिकायत पर इस मुकदमे को दर्ज किया गया। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने वहां से भागने की कोशिश की लेकिन आरोपी नाकामयाब रहा।
अभद्र टिप्पणी करने वालों पर लगातार शिकंजा।
बता दें कि इससे पहले भी गणमान्य लोगों की फोटो में सॉफ्टवेयर के माध्यम से छेड़छाड़ करके उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का मामला सामने आया था। इस मामले में कवि नगर में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन ऐसे आरोपियों पर पुलिस की नजर पूरी तरह से है।


सितारों को ड्रग सप्लाई करती थी रिया 'चक्रवर्ती'

फिल्मी सितारों को ड्रग सप्लाई करती थी रिया चक्रवर्ती, एनसीबी ने कोर्ट में किया खुलासा।


लखनऊ। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बॉम्बे हाई कोर्ट में रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती की जमानत का विरोध करते सोमवार को कहा है कि ये ड्रग सिंडिकेट के एक्टिव मेंबर हैं। एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि रिया ने ड्रग तस्करी को फाइनेंस किया। वॉट्सऐप चैट, मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क से निकाले गए रिकॉर्ड बताते हैं कि रिया चक्रवर्ती ना केवल लगातार इसका सौदा करती थीं, बल्कि इस अवैध कारोबार को फाइनेंस भी करती थीं।
एनसीबी ने एफिडेविट में यह भी कहा है कि यह जानते हुए भी कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग ले रहे हैं, रिया ने इसमें उनका साथ दिया और छिपाया। एनसीबी ने कहा, ”यदि पूरे परिदृश्य को देखें तो मौजूदा आवदेक (रिया) ने यह जानते हुए कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स ले रहे हैं, उन्होंने इसे प्रश्रय दिया। मौजूदा आवेदक ने उपने घर में ड्रग्स को स्टोर किया और सुशांत सिंह राजपूत को भी देती थी।”
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि रिया हाई सोसायटी पर्सनैलिटीज के लिए ड्रग डिलीवरी से जुड़ी हुई थीं। एनसीबी ने कहा, ”वह हाई सोसायटी पर्सनैलिटीज से जुड़े ड्रग सिंडिकेट की एक्टिव मेंबर हैं। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि वह ड्रग्स तस्करी में शामिल थीं। रिया चक्रवर्ती ड्रग डिलीवरी करतीं थीं और क्रेडिड कार्ड, कैश और पेमेंट गेटवे के जरिए पेमेंट करती थीं।” 
आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत केस में उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को ड्रग्स केस में एनसीबी ने गिरफ्तार किया था। अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पिछले काफी दिनों से मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं। मुंबई की विशेष अदालत ने उन्हें 6 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है।  सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में मृत मिले थे।               


निजीकरण के खिलाफ निकाला जुलूस

प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ विद्युतकर्मियों ने निकाला मशाल जुलूस।


अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में मशाल जुलूस निकाल कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले किया गया।  बिजलीकर्मियों का मशाल जुलूस मुख्य अभियंता कार्यालय से शुरू होकर कविनगर रामलीला मैदान में समाप्त हुआ। प्रदर्शन के दौरान बिजली कर्मियों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बिजली कर्मियों का कहना था कि सरकार की मंशा पूर्वांचल विद्युत वितरण लिमिटेड का निजीकरण करना है। बिजली कर्मचारी सरकार की इस मंशा को कभी भी पूरा नहीं होने देंगे। कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा निजीकरण किया जा रहा है। निजीकरण उपभोक्ताओं के हित में नहीं है, इससे बिजली उपभोक्ताओं को काफी नुकसान होगा। इससे डिप्लोमा और इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के भविष्य भी अंधकार में चला जाएगा।
बिजली कर्मियों का कहना था कि सरकार अगर उनकी मांगे नहीं मानती है, तो इसके खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन होगा। केंद्रीय नेतृत्व ने 5 अक्टूबर से विद्युत सप्लाई पूरी तरह से बंद करने की तैयारी कर ली है। बिजली विभाग से संबंधित तमाम अधिकारी और कर्मचारियों के परिवार वाले भी इस लड़ाई में उनके साथ सड़कों पर उतरेंगे।             


पॉलिसी धारकों को मिलेंगे नए अधिकार

1 अक्तूबर से बदल रहे हैं स्वास्थ्य बीमा से संबन्धित नियम, पॉलिसी धारकों को मिलेंगे नए अधिकार।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। 1 अक्टूबर के बाद पॉलिसी धारक को नए अधिकार मिलने वाले है। अगर आपने लगातार 8 साल तक अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम भरा है तो कंपनी किसी भी कमी के आधार पर क्लेम रिजेक्ट नहीं कर पाएगी। हेल्थ कवर में ज्यादा से ज्यादा बीमारियों के लिए इलाज का क्लेम मिलेगा। हालांकि, इसका असर प्रीमियम की दरों में इजाफे के तौर पर भी दिख सकता है।
पहली बार मिलेंगे ये अधिकार-
एक से ज्यादा कंपनी की पॉलिसी होने पर ग्राहक के पास क्लेम चुनने का अधिकार होगा। एक पॉलिसी की सीमा के बाद बाकी का क्लेम दूसरी कंपनी से मुमकिन हो सकेगा। डिडक्शन हुए क्लेम को भी दूसरी कंपनी से लेने का अधिकार होगा।  30 दिन में क्लेम स्वीकार या रिजेक्ट जरूरी है। एक कंपनी के प्रोडक्ट में माइग्रेशन तो पुराना वेटिंग पीरियड जुड़ेगा। टेलीमेडिसिन का खर्च भी क्लेम का हिस्सा होगा।
टेलीमेडिसिन को बढ़ावा
इलाज के पहले और बाद टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल पॉलिसी में शामिल होगा। ओपीडी कवरेज वाली पॉलिसी में टेलीमेडिसिन का पूरा खर्च मिलेगा। डॉक्टर मरीजों को टेलीमेडिसिन के इस्तेमाल की सलाह दे सकेंगे। इसके लिए उन्हें बीमा कंपनियों को मंजूरी नहीं लेनी, सालाना सीमा का नियम लागू होगा।
कवरेज का दायरा बढ़ा।
बीमारियों के कवरेज का दायरा बढ़ेगा। सभी कंपनियों में कवर के बाहर वाली स्थाई बीमारियां समान होंगी। कवर के बाहर वाली स्थाई बीमारियों की संख्या घटकर 17 रह जाएगी। अभी किसी पॉलिसी में एक्सक्लूजन 10 हैं तो 17 होने पर प्रीमियम घटेगा। मानसिक, जेनेटिक बीमारी, न्यूरो संबंधी विकार जैसी गंभीर बीमारियों का कवर मिलेगा। न्यूरो डिसऑर्डर, ऑरल केमोथेरेपी, रोबोटिक सर्ज़री, स्टेम सेल थेरेपी का भी कवर शामिल।
प्री एग्जीस्टिंग बीमारियों की शर्ते बदलीं।
पहले से बीमारी वाली शर्तों को लेकर नियम बदलें- पॉलिसी जारी होने के तीन महीने के भीतर लक्षण पर प्री-एग्जिस्टिंग बीमारी माना जाएगा। 8 साल तक प्रीमियम के बाद क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा। 8 साल पूरे होने के बाद पॉलिसी को लेकर कोई पुनर्विचार लागू नहीं होगा। 8 साल तक रीन्युअल तो गलत जानकारी का बहाना नहीं चलेगा।
इंप्लांट और डायग्नोस्टिक का पूरा क्लेम मिलेगा।
फार्मेसी, इंप्लांट और डायग्नोस्टिक से जुड़ा पूरा खर्च क्लेम में मिलेगा। एसोसिएट मेडिकल खर्च बढ़ने से क्लेम राशि में कटौती होती है। तय सीमा से ज्यादा रुम पैकेज में एसोसिएट मेडिकल खर्च पर क्लेम कटौती होती है। क्लेम में आईसीयू के भी अनुपात में कटौती नहीं होगी।             


तस्करों के गिरोह का भंडाफोड़, दिलाई मुक्ति

मानव तस्करों के गिरोह का भंडाफोड़, 19 नाबालिग बच्चों को दिलाई मुक्ति।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। दिल्ली महिला आयोग की टीम ने गाज़ियाबाद पुलिस की मदद से मानव तस्करों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 19 बच्चों को तस्करों के जाल से मुक्त कराया। इस मामले में तीन महिलाओं समेत पांच तस्करों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस का कहना है कि नाबालिग और अन्य लोगों को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है, जिसके बाद उन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया जाएगा।
सीओ प्रथम अभय कुमार मिश्र ने बताया दिल्ली महिला आयोग की टीम ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी कि कुछ लोग नेपाल से मानव तस्करी कर नाबालिगों को दिल्ली ला रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम अलर्ट हो गई और विजय नगर बाईपास पर बस को रुकवा लिया। बस से 19 नाबालिगों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। इस बस में 19 नाबालिगों समेत 42 लोग मिले। इसके अलावा नाबालिगों की तस्करी करके ला रहे तीन महिलाओं समेत पांच तस्करों को हिरासत में लिया गया है। घटना की जानकारी लगते ही अधिकारियों ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पदाधिकारी विजयनगर थाने पहुंच गए।
लड़कियों की तस्करी की सूचना पर गाड़ी से पीछा कर रही थी टीम पुलिस के मुताबिक, आयोग की टीम को सूचना मिली थी कि नाबालिग लड़कियों को तस्करी कर दिल्ली ले जाया जा रहा है। उसके बाद महिला आयोग की टीम गढ़मुक्तेश्वर पहुंच गई। रास्ते में संदिग्ध बस दिखाई देने पर टीम ने उसका पीछा शुरू कर दिया। विजयनगर थाना क्षेत्र में विजयनगर बाईपास पहुंचने पर टीम ने बस रुकवा ली और पुलिस को सूचना दे दी।
अमर उजाला की खबर के अनुसार बस में 42 मजदूरों के अलावा तीन महिलाएं और दो पुरुष भी थे। बताया गया कि बस में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं थीं। अधिकांश बच्चों के मुंह पर मास्क भी नहीं थे। मानव तस्करी के साथ-साथ पुलिस को कोविड-19 अधिनियम के तहत भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि तस्करों द्वारा नाबालिगों को मोमोज व अन्य फास्ट फूड सेंटर पर मजदूरी के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था। पुलिस नाबालिग बच्चों के परिजनों से भी संपर्क साधने की कोशिश कर रही है। पुलिस का मानना है कि परिजनों से पूछताछ के बाद मानव तस्करी का मामला पूरी तरह पुष्ट हो सकेगा। इसके लिए नेपाली दूतावास के अधिकारियों की मदद भी ली जाएगी।
श्रम विभाग ने कार्रवाई से किया इनकार।
नाबालिगों को मजदूरी के लिए दिल्ली ले जाने का मामला पता लगने के बाद पुलिस ने श्रम विभाग से संपर्क किया लेकिन उन्होंने रात के वक्त कार्रवाई से इंकार कर दिया। उन्होंने दलील दी कि किसी प्रतिष्ठान पर दिन के वक्त मजदूरी करते पकड़े जाने पर श्रम विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को कार्रवाई के निर्देश दिए।
नाबालिगों का होगा मेडिकल परीक्षण और कोरोना टेस्ट।
पुलिस का कहना है कि रेस्क्यू कराए गए सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा, साथ ही नाबालिगों का मेडिकल परीक्षण भी होगा। सीओ प्रथम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि बस से 19 नाबालिगों को रेस्क्यू कराया गया है। तहरीर प्राप्त होने पर सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जंगल के रास्ते तस्करी कर लाए गए नाबालिग।
सूत्रों के मुताबिक, नेपाली एनजीओ ने दिल्ली महिला आयोग की टीम को सूचना दी थी, जिसके बाद नेपाल बॉर्डर पर सख्ती कर दी गई थी। लेकिन दो दिन की रेकी के बाद भी बॉर्डर से कोई नहीं निकला। बाद में पता चला कि नाबालिगों को जंगल के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश कराया गया है। अलग-अलग स्थानों से नाबालिगों को इकट्ठा कर उन्हें बस के जरिये दिल्ली भिजवाया जा रहा था।             


सस्ता हुआ डीजल, पेट्रोल का भाव स्थिर

लगातार चौथे दिन सस्‍ता हुआ डीजल, पेट्रोल का भाव स्थिर।


नई दिल्‍ली। अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में कच्‍चे तेल की कीमत में जारी सुस्‍ती का असर घरेलू बाजार में देखने को मिल रहा है। तेल विपणन कंपनियों ने लगातार चौथे दिन डीजल की कीमत में 8 पैसे प्रति लीटर की कटौती की है। हालांकि पेट्रोल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 
इंडियन ऑयन की वेबसाइट के मुताबिक दिल्‍ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में डीजल की कीमत घटकर क्रमश। 70.63 रुपये, 77.04 रुपये, 76.10 रुपये और 74.15 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं, पेट्रोल की कीमत पूर्ववत क्रमश। 81.06 रुपये, 87.74 रुपये, 84.14 रुपये, और 82.59 रुपये प्रति लीटर है। 
इसी तरह देश के अन्‍य प्रमुख शहरों में डीजल की कीमत घटकर क्रमश। नोएडा में 71.14 रुपये, रांची में 74.75 रुपये, लखनऊ में 71.05 रुपये और पटना में 76.24 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं, पेट्रोल की कीमत पूर्ववत क्रमश। नोएडा में 81.58 रुपये, रांची में 80.73 रुपये, लखनऊ में 81.48 रुपये और पटना में 83.73 रुपये प्रति लीटर के भाव पर उपलब्‍ध है।                   


बिल को लेकर प्रसपा ने किया प्रदर्शन

केन्द्र सरकार की किसान विरोधी बिल को लेकर प्रसपा ने किया प्रदर्शन एवं दिया ज्ञापन।


रायबरेली। पूरे देश में कोरोना जैसी महामारी के दुष्प्रभाव का शिकार और लॉकडाउन के कारण लोगों का कारोबार चौपट हो गया है। लाक डाउन के चलते देश की अवस्था चरमरा गई है। जिसको लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया ने आज मा0 राज्यपाल को संबोधित एक विज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है। जिसमें उन्होंने कहा है। कि सरकारी विभागों का निजीकरण तत्काल प्रभाव से रोका जाए कृषि क्षेत्र में लाए गए अध्यादेशो को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए, श्रम विभाग से संबंधित अधिनियम में संशोधन को वापस लिया जाए। किसानों की दयनीय स्थिति को देखते हुए कर्ज माफी कर्ज माफ एवं नलकूपों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाए तथा बिजली की बढ़ी दरों को वापस लिया जाए । इन नेताओं ने कहा कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में सस्ती दरों पर खाद उपलब्ध कराते हुए प्रत्येक किसान को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लेकर उन्हें फ्री इलाज की व्यवस्था की जाए। सरकारी क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगारो को बढ़ावा देते हुए नए पदों का सृजन किया जाए। लॉक डाउन की अवधि में कारोबार की दुर्दशा को देखते हुए व्यापारियों को बिजली का बिल का कारोबारी कर्ज एवं टैक्स में छूट प्रदान की जाए । संपूर्ण जनपद में व्यापारियों को 24 घंटे कारोबार की अनुमति और माहौल प्रदान किया जाए । जिलाध्यक्ष आफताब अहमद उर्फ रज्जु खान एडवोकेट ने कहा कि शहर में अक्सर देखा गया है। कि पुलिस बाजारों दुकानों के आसपास मोटरसाइकिलों की चेकिंग लगाकर कारोबार का माहौल भंग करती है। इस व्यवस्था को बंद किया जाए। शिक्षित बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलने तक बेरोजगारी भत्ता दिया जाए । प्राइवेट विद्यालयों में लॉकडाउन अवधि में अभिभावकों की फीस वसूली की जांच कराकर विद्यालय प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की जाए। प्रत्येक नागरिक को स्नातक स्तर तक मुफ्त शिक्षा का अधिकार प्रदान किया जाए आदि मांगों को लेकर पार्टी ने आज जोरदार प्रदर्शन किया।                 


7 किलों गांजा पकड़ा, 2 आरोपी गिरफ्तार

पुलिस की बड़ी कार्रवाई।पिकअप से 2 क्विंटल 70 किलो गांजा पकड़ा 2 आरोपी गिरफ्तार।


जितेंद्र सिन्हा


राजिम। राजिम पुलिस को आज बड़ी कामयाबी मिली है। पिकअप में लाखों का गांजा लेकर जाते हुए दो आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। जब्त गांजा की कीमत 30 लाख रुपए बताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि राजिम के पंडित श्यामाचरण शुक्ल चौक को चेकिंग पॉइंट बनाया गया है। जहां चौबीसों घंटे पुलिस द्वारा गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। आज सुबह 8:30 बजे कार्यवाहक थाना प्रभारी सब-इंस्पेक्टर रामेश्वरी बघेल और एएसआई छबिल दांडेकर चेक पॉइंट पर तैनात थे। और रोज की तरह प्रत्येक गाड़ियों की चेकिंग कर रहे थे।
इसी दौरान रायपुर की ओर जा रही पिकअप क्रमांक सीजी 04 एनसी 9816 को रोक कर तलाशी ली गई गाड़ी में कार्टून के भीतर छोटे-छोटे पैकेट में छिपाकर गांजा रखा गया था। पुलिस ने कुल 2 क्विंटल 70 किलो गांजा जब्त किया। जब्त गांजा की कीमत लगभग 30 लाख रूपए आंकी गई है।
मौके पर कार्रवाई कर गाड़ी, गांजा और आरोपी कृष्णा यादव और बलराम निषाद को पकड़कर थाना ले जाया गया है। जहां आगे की कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ओडिशा से गांजा लेकर रायपुर जा रहे थे. ऐसे में सवाल उठता है। कि आरोपी लगभग 200 किमी का रास्ता तय करते हुए गांजा लेकर राजिम तक आ गए और रास्ते में गरियाबंद की किसी भी पुलिस ने उन्हें नहीं पकड़ सका। ऐसे में रास्ते में आने वाले पुलिस थानों और चेकिंग पॉइंट में तैनात पुलिसकर्मियों की क्षमता पर संदेह उठ रहे हैं।               


बेटे की करतूत पर माता-पिता ने लगाई फांसी

बेटे की करतूत पर माता-पिता ने लगाई फांसी, किसी को नही दिखा पा रहे थे। 


जोधपुर। बेटा एक शादीशुदा महिला को लेकर भागा तो उसके माता-पिता ने बदनामी के डर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दरअसल दिल को झकझोर देने वाली यह घटना जोधपुर जिले के देव नगर थाना क्षेत्र की है। जहां एक परिवार के पति-पत्नी अपने बेटे की करतूत से इस कदर दुखी हुए कि उन्होंने फांसी का फंदा लगाकर रविवार के दिन आत्महत्या कर ली।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब उन्होंने घर का दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई जवाब नहीं आया। जिसको लेकर उनको कुछ अनहोनि की शंका हुई। कुछ लोगों ने खिड़की से देखा तो मृतक विष्णु दत्त और उनकी पत्नी मंजू देवी फांसी के फंदे पर लटके हुए थे। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई और मौके पुलिस को सूचित कर बुला लिया गया। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
पुलिस के मुताबिक मृतक विष्णु दत्त और उसकी पत्नी मंजू देवी पिछले काफी समय से मानसिक तनाव में चल रहे थे। क्योंकि कुछ दिन पहले उनका बेटा एक शादीदुशा महिला को लेकर भाग गया था। वह काफी समय से किसी को अपना चेहरा तक नहीं दिखा रहे थे। अंदर ही अंदर वह घुट रहे थे।               


इंटरनेशनल इंडिया ने भारत में रोका कामकाज

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने भारत में रोका कामकाज, सरकार पर लगाया बड़ा आरोप।


नई दिल्ली। एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर आज से भारत में अपना कामकाज रोक दिया है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया ने सरकार पर पीछे पड़ जाने का आरोप लगाया है। संस्था का कहना है कि सरकार ने एक कार्रवाई के तहत उसके अकाउंट बैंक फ्रीज कर दिए थे, जिस वजह से संस्था का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया और अधिकतर स्टाफ को निकालना भी पड़ा।
एमनेस्टी ने प्रेस रिलीज में कहा, ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया 10 सितंबर को जानकारी मिली कि भारत सरकार की ओर से संस्था के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं। संस्था का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया। अपने स्टाफ को निकालने के लिए हमे मजबूर होना पड़ा.’
संस्था का कहना है कि सरकार की कार्रवाई करने की वजह संस्था द्वारा दिल्ली दंगों में दिल्ली पुलिस और भारत सरकार की भूमिका की जवाबदेही तय करने की मांग और जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाना है।
बता दें, पिछले कुछ महीनों से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनिमय के धोखाधड़ी के एक मामले में जांच कर रही है। ईडी ने बेंगलुरू स्थिति ऑफिस की तलाशी भी ली है। विदेश मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी दस्तावेजों की तलाश भी की। ईडी विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के धन से संबंधित एनजीओ के खातों की केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहले से चल रही जांच के संदर्भ में फेमा के संभावित और कथित उल्लंघन की पड़ताल कर रही है।               


पर्यटकों के लिए रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म

उत्तराखंड में पर्यटकों के लिए कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म।


पंकज कपूर


देहरादून। उत्तराखंड राज्य में बाहरी प्रदेशों से आनेवाले पर्यटकों के लिए अब कई नियमों में बदलाव किये गए है। अब उत्तराखंड चारधाम यात्रा हेतु बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए कोरोना रिपोर्ट की अनिवार्यता को शासन ने खत्म कर दिया है। अब पर्यटकों को कोविड-19 की नेगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट दिखने की नहीं होगी।


अब उत्तराखंड राज्य के बाहर के निवासी बिना कोरोना रिपोर्ट के देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट पर चार धाम यात्रा हेतु ई-पास हेतु पहचान पत्र (आईडी) एवं निवास प्रमाण के आधार पर पंजीकरण कर सकते तथा बेरोकटोक यात्रा पर आ सकते हैं। इस दौरान कोरोना बचाव के मानकों का पालन करने की सलाह दी गयी है। तीर्थयात्रियों को मंदिरों में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी, सोशियल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जायेगा, मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा तथा सेनिटाईजर का यथासंभव प्रयोग होगा। सोमवार देर शाम उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा इस संबंध में मानक प्रचालन विधि (एसओपी) जारी की गयी तथा आदेश जारी किये गये हैं।
आयुक्त गढ़वाल/उत्तराखंड।चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने आदेश जारी करते हुए बताया, कि अब उत्तराखंड से बाहर के प्रदेशों से चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों हेतु कोरोना की आरटी पीसीआर, 72 घंटे पहले जांच की नेगेटिव रिपोर्ट तथा क्वारंटीन अवधि के मानक की अनिवार्यता अब समाप्त हो गयी है। तीर्थ यात्री देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in/ पर बिना कोरोना रिपोर्ट के ई-पास बना सकते है।
कोरोना के लक्षण पाये जाने पर संबंधित जिला प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग द्वारा आरटीपीसीआर/रेपिड एंटीजन/ट्रुरेंटा/सीबीएएनएएटी कोरोना टेस्ट लिया जा सकेगा साथ ही परिजनों एवं संपर्क में रहे लोगों का कोरोना टेस्ट लिया जायेगा ताकि बचाव के उपायों को प्रभावी ढ़ग से लागू किया जा सके।
हेली सेवा से चारधाम यात्रा पर आनेवाले तीर्थयात्रियों के कोरोना जांच की जिम्मेदारी संबंधित हेलीकंपनियों की होगी हेली पेड पर थर्मल स्क्रीनिंग आदि की पूर्ण व्यवस्था करनी अनिवार्य होगी। बताया कि उपरोक्त दिशा-निर्देश उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा जारी मानक प्रचालन विधि (एसओपी) के अतिरिक्त होंगे। तथा चार धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या पूर्ववत रहेगी श्री बदरीनाथ हेतु 1200, श्री केदारनाथ हेतु 800, श्री गंगोत्री हेतु 600 तथा श्री यमुनोत्री हेतु 450 यात्री प्रतिदिन दर्शन की अनुमति रहेगी।             


पकड़ा गया शिवसेना-कांग्रेस का विरोध

कृषि कानूनः पकड़ा गया शिवसेना-कांग्रेस का विरोध, महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार ने अगस्त में लागू किया था।


उमय सिंह साहू


मुंबई। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार के नए कृषि कानून का खुलकर विरोध कर रहे हैं। इस बीच खुलासा हुआ है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने अगस्त में ही इसपर अध्यादेश जारी कर दिया था। महाराष्ट्र सरकार में शामिल कांग्रेस और एनसीपी ने बिल का खुलकर विरोध किया है। वहीं, शिवसेना की भूमिका चिट भी मेरा पट भी मेरा रही है।
बता दें कि 10 अगस्त 2020 को राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा लाए गए किसान बिल के तीनों अध्यादेशों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए थे। पिछले महीने तक महाराष्ट्र उन शुरूआती राज्यो में था, जो इस अध्यादेश को तत्काल और सख्ती से लागू करना चाहते थे। दो पेज पेज के इस ऑर्डिनेंस को 10 अगस्त 2020 के दिन मार्केटिंग के स्टेट डायरेक्टर सतीश सोनी ने सभी बाजार समिति को सख्ती से लागू करने को कहा था।
कृषि विधेयकों पर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की अलग-अलग भूमिका देखने को मिली हैं। हालांकि बोलने के नाम पर तीनों ने इस बिल का विरोध किया है।
शिवसेना भी हमारे साथ- कांग्रेस
दो दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता बाला साहेब थोराट ने कहा था कि महाराष्ट्र में इन कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा। थोराटा ने कहा, “संसद द्वारा पारित बिल किसान विरोधी है। इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं।महाविकास अघाड़ी भी इसका विरोध करेगी और महाराष्ट्र में इसे लागू नहीं होने देगी। शिवसेना भी हमारे साथ है। हम एक साथ बैठेंगे और एक रणनीति बनाएंगे.”
इस खुलासे के बाद सवाल खड़ा होता है कि अगर कांग्रेस और एनसीपी इस कानून की विरोधी है तो राज्य में पहले ही अध्यादेश  कैसे जारी कर दिया गया, वो भी तब जब इन कृषि विधेयकों पर कोई विचार ही नहीं किया गया था।
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन जारी।
बता दें कि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई नेताओं ने ऐलान किया कि वे इन कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।पंजाब में किसानों का ‘रेल रोको’ आंदोलन जारी है।किसानों ने प्रदर्शनों को दो अक्टूबर तक जारी रखने की घोषणा की है। किसान-मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शनकारी 24 सितंबर से जालंधर, अमृतसर, मुकेरियां और फिरोजपुर में रेल पटरियों पर बैठे हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, गुजरात, गोवा, ओडिशा और तमिलनाडु में कांग्रेस और विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया।               


अनलॉकः पांचवें चरण को लेकर अटकलें तेज

नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के इरादे से मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। लॉकडाउन के कारण ठप हो चुकी आर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक की घोषणा की थी। 30 सितंबर यानी कल अनलॉक के चौथे चरण के खत्म होते ही देश इसके पांचवें चरण में प्रवेश कर जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आज किसी भी वक्त इसके लिए गाइडलाइन्स जारी की जा सकती है। एक सितंबर को शुरू हुए अनलॉक 4 में केंद्र सरकार ने पहली बार मेट्रो सेवाओं को फिर से शुरू करने जैसी विभिन्न महत्वपूर्ण छूट दी थी। इसके साथ ही कक्षा 9-12 के लिए स्कूलों का आंशिक रूप से फिर से खोला गया। अब, एक अक्टूबर से शुरू होने वाले अनलॉक के पांचवें चरण के को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। पिछले सप्ताह सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ माइक्रो कंटेंटमेंट’ जोन का सुझाव दिया। त्योहारी सीज़न की वजह से उम्मीदें हैं कि केंद्र अनलॉक के लिए और गतिविधियां खोल देगा।                 


झीरम घाटी हमले की न्यायिक जांच के आदेश

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग द्बारा अतिरिक्त गवाहों से पूछताछ से इंकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका मंगलवार को खारिज कर दिया। इस हमले में राज्य के कांग्रेस नेताओं समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हो सकता है कि राज्य सरकार ने आयोग का कार्यकाल बढ़ाया हो लेकिन पैनल ने कार्यवाही बंद कर दी है। पीठ ने कहा, ”आप चाहते हैं कि अतिरिक्त गवाहों से पूछताछ की जाए, लेकिन आयोग सहमत नहीं है। हो सकता है कि आपने आयोग का कार्यकाल बढ़ाया हो लेकिन आयोग ने इसकी कार्यवाही बंद कर दी है। इस पीठ में न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और एम आर शाह भी शामिल थे।                 


लॉकडाउन खत्म, सब्जी के दाम सस्ते

रायपुर। शहर अनलॉक होते ही आज शहर के मुख्य बाजार शास्त्री बाजार, पुरानी बस्ती, आमापारा, रावण भाठा सहित पाश कालोनियों स्थित सब्जी बाजारों में लाकडाउन अवधि की तुलना में चोरी छिपे बिक रही महंगी सब्जियों के मुकाबले आज सब्जियों की कीमतों में गिरावट देखी गई। वहीं 21 सितंबर को लॉकडाउन लगने की सूचना के साथ ही आलू प्याज एवं अन्य हरी सब्जियों के दामों में आसमान में चढ़ी कीमतों के चलते लोगों को महंगी सब्जी का उपयोग करने पर मजबूर होना पड़ा। वहीं आज शहर के बाजारों में आलू एवं प्याज 35 से 40 रुपये किलो बिकी। टमाटर 40-60 रुपये किलो एवं अन्य सब्जियों के दाम भी 40 से 60 रुपये किलो की दर पर बिके। सब्जियों के दामों में बाहर से आवक बढऩे के साथ ही कीमतों में गिरावट आने की संभावना व्यक्त की गई है। वहीं मुनगा की दर में गिरावट नहीं आने के कारण आज बाजार में मुनगा 80 रुपये किलो बिका। कुंदरू 30-40, भटा 40, लौकी 30-40, बरबटी 40, करेला 60, गोभी 60, पत्ता गोभी 30-40, लालभाजी 50, चौलाई भाजी 50, शिमला 50 रुपये आदि रहा।               


काली मिर्च की खेती एवं प्रमुख प्रजातियां

 काली मिर्च(पाईपर) एक बहुवर्षीय आरोही बेल है। इसके फल को मसाला तथा औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। भारत विश्व में काली मिर्च का प्रमुख उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक देशों में से एक है।


भारत में काली मिर्च की खेती मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडू राज्यों में होती है। भारत में इसका उत्पादन औसतन 55-60 हजार टन है।



जलवायु:- काली मिर्च को खेती के लिए पर्याप्त वर्षा तथा आर्द्रता की आव्यशकता होती है। अतः इसकी खेती पश्चिम घाट के उपपर्वतीय क्षेत्र में अधिक होती है। यहाँ की गरम और आर्द्र जलवायु इसकी खेती के लिए बहुत अच्छी है। इसकी फसल 10 डिग्री से 40 डिग्री तापमान को सहन कर सकती है। पौधों की वृद्धि के लिए 125-200 से.मी. वार्षिक वर्षा आदर्श है।


मिट्टी:- काली मिर्च की खेती अनेक प्रकार की मिट्टी में सफलतापूर्वक की जा सकती है। लेकिन लाल लैटराइट मिट्टी इसकी खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त तथा आदर्श है जिसका पी.एच.मान 5.5 से 6.5 के बीच हो।


कुछ प्रमुख प्रजातियाँ:- पन्न्युर-1, पन्न्युर-3 और पन्न्युर-8, पन्न्युर आई आई एस आर-गिरिमुंडा तथा आई आई एस आर–मलबार एक्सल, अनुसंधान संस्थान (केरल) द्वारा विकसित दो संकर प्रजातियाँ हैं।


प्रवर्द्धन:- काली मिर्च के पौधों को विकसित करने की तीन प्रमुख विधियां हैं। लम्बे इंटर नोड युक्त तना से, भुस्तरीय प्ररोह से तथा फल युक्त पार्श्व शाखाओं से।


रोपण:- काली मिर्च के पौधों को अनेक तकनीक के माध्यम से उगाया जा सकता है।

परम्परागत विधि:- उच्च उपज वाले स्वस्थ पौधों का चयन करें। उसके प्ररोह के निचले भाग को मिट्टी में दबाकर रखतें हैं तथा जड़ निकलने तक छोड़ देते हैं। फरवरी-मार्च के महीने में इसकी 2-3 नोडों को काटकर अलग करके प्रत्येक को नर्सरी वेड़ों या पोटिंग मिश्रण युक्त पोलीथीन बैगों में रोपण करते हैं। रोपित पौधों को छाया में रखा जाता है तथा नियमित सिंचाई करना आवश्यक है।


काली मिर्च में लगने वाले रोगप्रबंधन तथा रोपण।


पौधशाला में हानि पहुँचाने वाले रोग


फाइटोफथोरा रोग – पौधशाला में इस रोग को पौधे के पत्तों, तना तथा जड़ों में देखा जा सकता है।इसमें पत्तों पर काले रंग की चित्ती के निशान पड़ जाते है।


प्रबंधन – रोकथाम के लिए बोर्डियों मिश्रण (1%) का छिड़काव करें।


एन्थ्राकनोज रोग – यह रोग एक कवक के द्वारा होता है। इस संक्रमण में पत्तों पर भूरे-पीले तथा काले–भूरे रंग की अनियमित चित्तियाँ पड़ जाती हैं प्रबंधन – नियंत्रण के लिए 1% बोर्डियों मिश्रण या कारबेन्डाजिम (0.1%) का छिड़काव करें।


पर्ण चित्ती रोग – यह राइजोक्टोनिया सोलानी नामक कवक के द्वारा होता है।


मूल म्लानी रोग – यह रोग स्केलेरोटियम रोलफसी नामक कवक के द्वारा होता है।


रोपण:- मानसून के शुरू होने के साथ हीं सहायक वृक्ष के सहारे उत्तर दिशा में 50 से.मी. गहरे गढ्डे खोद लेते हैं। गड्ढों से गड्ढों की दूरी 30 से.मी. होनी चाहिए, इन गड्ढों में मृदा तथा खाद को 5 कि.ग्राम प्रति गढ्डे की दर से भरना चाहिए।


रोपण के समय नीम केक, ट्राईकोडरमा हरजियानमतथा 150 रोक फासफेट प्रति गढ्डा की दर से डालना चाहिए। वर्षा प्रारंभ होते ही 2-3 काली मिर्च के पौधे को गढ्डे में अलग-अलग स्थान पर रोप दें।


खाद और उर्वरक:- पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए खाद और उर्वरक की पर्याप्त मात्रा डालना चाहिए। जैविक खाद 10 कि. ग्राम प्रति पौधा तथा नीम केक को 1 कि. ग्राम प्रति पौधा की दर से मई माह में डालना चाहिए।


अधिक अम्लीय मिट्टी रहने पर एक वर्ष के अंतराल पर 500 ग्राम प्रति पौधा की दर से चुना अथवा डोलोमाइटका उपयोग अप्रैल–मई महीने में कर सकते हैं।           


सोने-चांदी की किमतों में आया बडा बदलाव

नई दिल्ली। सोना और चांदी के भाव में तेजी देखने को मिली। देश भर के सर्राफा बाजारों में आज 24 कैरेट सोना 648 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा होकर 50,405 रुपये पर खुला। वहीं चांदी के रेट में आज 1,439 रुपये की तेजी आई और दाम 59,510 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया।


सब्जियों के बाद महंगी हुई सब दालें

नई दिल्ली। कोरोना के इस संकट में आम आदमी की मुश्किलें रोजाना बढ़ती जा रही हैं। एक ओर बीते दो महीने से सब्जियों की कीमतों में तेजी का दौर जारी है, वहीं, अब दालों की कीमतें भी बढ़ने लगी हैं। दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में दालों की कीमत 15 से 20 रुपये तक बढ़ चुकी है। पिछले साल इस अवधि में चना दाल की कीमत 70-80 रुपये प्रति किलो थी लेकिन इस बार यह 100 रुपये के पार पहुंच चुकी है। अरहर दाल 115 रुपये प्रति किलो में बिक रही है। कारोबारियों की मांग है कि सरकारी एजेंसी नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (नेफेड) को सप्लाई बढ़ाने के लिए अपना स्टॉक रिलीज करना चाहिए। सप्लाई में गिरावट आई है, जबकि, डिमांड लगातार बढ़ रही है, इसलिए कारोबारियों ने 2020-21 के लिए आयात कोटा जारी करने की मांग की है। हालांकि, सरकार का मानना है कि आपूर्ति की स्थिति ठीकठाक है और अगले तीन महीने में खरीफ सीजन की फसल बाजार में आनी शुरू हो जाएगी। इस साल बंपर पैदावार का अनुमान है।             


बिहार के नवोदित कलाकार की संदिग्ध मौत

मुंबई। इस वक्त की बड़ी खबर मुजफ्फरपुर से आ रही है, जहां बिहार के एक नवोदित कलाकार की मुंबई में संदेहास्पद मौत हो गई है। मृतक कलाकार का नाम अक्षत उत्कर्ष है जो मुंबई में फिल्म इंडस्ट्री में कार्यरत थे। जानकारी के मुताबिक, अक्षत बॉलीवुड के नवोदित कलाकार थे। वह मूल रूप से मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर के रहने वाले थे। मृतक के परिजनों ने अक्षत उत्कर्ष की संदेहास्पद मौत के बाद हत्या का आरोप लगाया है। मृतक के मामा रंजीत सिंह ने बयान देते हुए कहा कि रविवार की रात 9 बजे अक्षत की पिता से बात हुई थी, लेकिन इसके बाद देर रात उसकी मौत की खबर मिली। इसके साथ ही अक्षत के मामा ने मुंबई पुलिस पर भी सहयोग न करने का आरोप लगाया है। अक्षत मूल रूप से मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर के रहने वाले थे और विजयंत चौधरी उर्फ राजू चौधरी के पुत्र थे। उनका शव मुंबई से कुछ देर पहले ही पटना एयरपोर्ट पर पहुंचा है। अक्षत के परिजनों का आरोप है कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में किसी तरह का सहयोग नहीं किया है। साथ ही किसी भी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। मालूम हो कि इससे पहले भी मुंबई में ही बिहार के रहने वाले बॉलीवुड के स्टार एक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत की भी संदेहास्पद मौत हो चुकी है और उनकी मौत की गुत्थी भी अभी तक सुलझ नहीं सकी है।             


सरकार ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा

नई दिल्ली। किसानों को अब सोलर पंप के लिए सस्ती दरों पर कर्ज मिल सकेगा। इसको लेकर सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने सोलर पंप के लिए एग्री इंफ्रा फंड का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। मौजूदा समय में सरकार के पास 1 लाख करोड़ रुपये का एग्री इंफ्रा फंड है। एग्री इंफ्रा फंड से किसानों को सस्ता कर्ज मिलेगा। साल 2022 तक 17.50 लाखसोलर पंप लगाने का लक्ष्य है। आपको बता दें कि हाल में रिजर्व बैंक ने भी छोटे किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए सोलर पंप के कर्ज़ से जुड़े नियमों में बदलाव किाय है। रिज़र्व बैंक के नए नियमों के तहत किसानों को सोलर प्लांट्स लगाने और कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट्स के लिए आसानी से लोन मिल सकेगा।


4 लोगों ने हैवानियत के बाद काटीं जीभ

नई दिल्‍ली। जिंदगी की जंग लड़ रही उत्तर प्रदेश के हाथरस की गैंगरेप पीड़िता ने आखिरकार जिंदगी को अलविदा कह दिया। गैंगरेप पीड़िता ने मंगलवार सुबह 3 बजे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इससे पहले आरोपियों ने दलित युवती की गला घोंट कर हत्‍या करने की भी कोशिश की थी। इस दौरान पीड़िता ने खुद को बचाने की जीतोड़ कोशिश की थी। जिस पर आरोपियों ने युवती की जीभ तक काट दी थी। बता दें कि बीते 14 सितंबर को थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव में अपनी मां के साथ खेत पर चारा लेने के लिए गई 19 साल की युवती से गांव के ही चार हैवानों ने पहले तो गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। उसके बाद उसे जान से मारने की कोशिश की। युवती के चीखने चिल्लाने से मौके पर ग्रामीणों को आता देख दबंग वहां से फरार हो गए।               


2 मंजिला मकान में आग, जलकर राख

शिमला। जिला शिमला के चिड़गांव में दो मंजिला मकान में आग लग गई। आगजनी में सारा मकान जलकर राख हो गया। बताया जा रहा है इस अग्‍निकांड में दस से 12 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। इस अग्‍निकांड में अजीत पुत्र आगर सेन निवासी अम्‍बोई का मकान आग की भेंट चढ़ गया। अग्‍निकांड में अजीत के तीन कमरे और रसोई घर जलकर राख हो गई है। घर से आग की लपटें उठती देख पड़ोसी जमा हो गए। स्‍थानीय पुलिस (Local police) सहित ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन मकान को राख होने से नहीं बचाया जा सका। अजीत का दो मंजिला मकान तो आग की भेंट चढ़ गया, लेकिन लोगों ने आसपास के घरों को इसकी चपेट में आने से बचा लिया। गनीमत ये रही कि हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है।                 


मछली पकड़ने के दौरान मछुआरे की मौत

केनगर। प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत बिठनोली पश्चिम पंचायत के  बारह बम्मा लीबरी धार में मछली मारने के दौरान 55 वर्षीय बिल्लू सिंह की डूबने से मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मृत मछवारा परोरा पंचायत के वार्ड नं0-06 का निवासी था। जो सुबह करीब 6 बजे नदी में जाल लगा रहा था कि तेज प्रवाह होने के कारण मछुवारा पानी मे डूब गया। सूचना मिलने पर केनगर बीडीओ सत्येन्द्र सिंह एवं पुलिस प्रशाषन जुट कर शव को गौताखोर द्वारा निकाला गया। घटना की सूचना मिलते ही मृतक के गांव परोरा में मातम पसर गया।             


सुशांत को दिया ड्रग्स लेने का बढ़ावा

नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग एंगल की छानबीन कर रही एजेंसी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने कोर्ट में कहा कि अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती  सिंडिकेट की एक्टिव मेंबर थीं, जिसमें हाई सोसायटी के कई जाने-माने लोग और ड्रग सप्लायर्स शामिल रहे हैं। एनसीबी ने कहा है कि ड्रग का सेवन करने के मामले में रिया चक्रवर्ती दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को बढ़ावा देने की आरोपी हैं। एजेंसी ने बताया, “सम्पूर्ण परिदृश्य को देखते हुए यह सामने आता है कि रिया चक्रवर्ती इस बात से अवगत थीं कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग का सेवन करते थे और इस दौरान न केवल उन्हें ऐसा करने का बढ़ावा दिया गया बल्कि उनसे पूरी बात भी छिपाई गई।” यह सुशांत की मौत में रिया की भूमिका के बारे में अब तक का सबसे सनसनीखेज खुलासा है। एनसीबी ने एक बार फिर से रिया चक्रवर्ती की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि उनके खिलाफ ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वह ड्रग ट्रैफिकिंग में शामिल रही हैं। एनसीबी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एक आपराधिक साजिश के तहत रिया ने ड्रग्स के लेन-देन के लिए अन्य अभियुक्तों का समर्थन किया, उन्हें ऐसा करने के लिए बढ़ावा दिया और पैसे से भी उनकी मदद कीं।


एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में रिया ने बयान दिया है कि उन्होंने सैमुएल मिरांडा और दीपेश सावंत को उन ड्रग्स के पैसे चुकाए हैं, जिन्हें बाद में सुशांत को सेवन के लिए दिया गया। एनसीबी ने कहा कि यह साफ है कि जिन ड्रग्स के लिए पैसे चुकाए गए थे, वे निजी उपयोग के लिए नहीं थे बल्कि ऐसा किसी और को इनकी आपूर्ति कराए जाने के लिए किया गया और यह एनडीपीएस 1985 की धारा 27ए के तहत आता है।एनसीबी ने एक हलफनामे में कहा है कि जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है और अगर इस वक्त रिया को जमानत मिल जाती है, तो इससे छानबीन बाधित होगी। एनसीबी ने कहा कि रिया मादक पदार्थो की तस्करी में शामिल रही है, यह साबित करने के लिए कई सबूत हैं। वह ड्रग पहुंचाने के काम में न सिर्फ मदद देती थीं बल्कि क्रेडिट कार्ड, नकद और ऐसे ही कई माध्यमों से इनका भुगतान भी करती थीं।एजेंसी ने आगे कहा कि रिया ने अपने घर पर ड्रग्स को रखने  और सुशांत को सेवन करने की भी अनुमति दीं। एनसीबी ने कहा कि यह मामला अब एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टांसेस एक्ट) के तहत भी आता है और इसलिए इस पर अब इनका भी अधिकार है।             


जनता से कट चुकी हैं कांग्रेसः जावड़ेकर

नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किसानों से जुड़े नये कानूनों के विरोध पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला बोलते हुये कहा कि वह जनता से कट चुकी है और अपने ही वादों को भूल गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के कृषि कानूनों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर जावड़ेकर ने कहा “उनके विरोध का मैं ज्यादा जिक्र नहीं करूंगा। कांग्रेस अब हताश-निराश पार्टी है। वह जनता से कट चुकी है, अपने ही वादों को भूल गई है और उसके ही प्रधानमंत्री (डॉ. मनमोहन सिंह) क्या कह रहे थे भूल गई है।”


केंद्रीय मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस पर “दलालों के साथ खड़े होने” का आरोप लगाते हुये कहा कि नये कानून लागू हो गये हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पहले से घोषित है। एमएसपी की दरों पर ताबड़तोड़ खरीद भी शुरू हो गई है। किसान अपना धान बेच रहे हैं। जावड़ेकर ने विश्वास जताया कि हर साल मंडी में जाकर अपनी फसल बेचते रहे पंजाब-हरियाणा के सभी किसान फसल बेचेंगे और उनकी खरीद होगी। उन्होंने कहा “कभी-कभी शब्दों से अधिक काम बोलता है। मुझे लगता है कि यही काम ज्यादा प्रभावी है।”             


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)











 सितंबर 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-47 (साल-02)
2. बुधवार, सितंबर 30, 2020
3. शक-1944, अश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-त्रयोदशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 60:04, सूर्यास्त 06:25।


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


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