'कोविशील्ड' वैक्सीन की प्रभावकारिता, चिंता
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने 1 संस्करण के विरुद्ध कोविशील्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों को कोविशील्ड की दोनों खुराकें मिली हैं और वे पहले कभी संक्रमित नहीं हुए हैं, उनकी ओमिक्रॉन बीए.1 वैरिएंट के खिलाफ बेअसर करने की शक्ति उन लोगों की तुलना में बहुत कम देखी गई, जो संक्रमण से उबर चुके हैं और दोनों खुराक ले ली है।
Omicron BA.1 वैरिएंट के मुकाबले कोविशील्ड कम प्रभावी।
ओमिक्रॉन के खिलाफ कोविशील्ड की क्षमता चिंता पैदा करती है।
कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron BA.1) अभी भी पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है। इस बीच, वैज्ञानिकों ने ओमाइक्रोन के बीए.1 संस्करण के खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों को कोविशील्ड की दोनों खुराकें मिली हैं और वे पहले कभी संक्रमित नहीं हुए हैं, उनकी न्यूट्रलाइज़िंग पावर ओमिक्रॉन BA.1 वैरिएंट के मुकाबले बहुत कम देखी गई है। ऐसे लोग जो संक्रमण से उबर चुके थे और उन्होंने कोविशील्ड की दोनों खुराकें लीं, उनमें जोखिम अधिक देखा गया।
ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (ICMR-NIV) द्वारा किया गया अध्ययन जल्द से जल्द बूस्टर खुराक लेने की आवश्यकता की ओर इशारा करता है। इस शोध के लिए कोविशील्ड की दूसरी खुराक के 180 दिन बाद 24 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के सीरम सैंपल लिए गए। इसके साथ ही उन 17 लोगों के भी सैंपल लिए गए जिन्हें कोरोना नहीं हुआ था और उन्होंने कोविशील्ड की दोनों डोज ले ली थीं। इन लोगों में कोविशील्ड की दोनों खुराक लेने के बाद भी ओमाइक्रोन संक्रमण पाया गया।
तीसरे समूह में वे लोग शामिल थे जो कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद SARS-CoV-2 के संपर्क में आए थे। इस समूह के लोगों के सीरम नमूने संक्रमण के संपर्क में आने के 14-30 दिन बाद एकत्र किए गए थे। इनमें से केवल 21 मामलों में पूरा जीनोम प्राप्त किया जा सका।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सभी नमूनों ने Omicron की तुलना में B.1, बीटा और डेल्टा वेरिएंट को अधिक प्रभावी ढंग से बेअसर कर दिया। हालांकि, सीरम नमूने में ओमाइक्रोन के खिलाफ एंटीबॉडी का न्यूनतम औसत 0.11 पाया गया। जबकि अन्य मामलों में इसका औसत 11.28 और 26.25 रहा।
एक वैज्ञानिक के अनुसार, डेल्टा या अन्य प्रकारों की तुलना में सबसे अधिक उत्परिवर्तन वाले ओमाइक्रोन टीकाकरण वाले लोगों में प्रतिरक्षा को विकसित करने में अधिक कुशल हैं। इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने ओमाइक्रोन वैरिएंट के बारे में एक अध्ययन के बाद कहा था कि कोविड वैक्सीन की डबल डोज का एंटीबॉडी स्तर छह महीने के बाद कम होने लगता है।
इस अध्ययन के लिए लोगों को तीन समूहों में बांटा गया था। पहले समूह में उत्तर प्रदेश के 18 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्होंने कोविशील्ड की पहली खुराक और कोवैसीन की दूसरी खुराक ली। जबकि दूसरे और तीसरे समूह में 40 ऐसे लोगों को रखा गया था जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सीन दोनों की खुराक ली थी।
यह बताया गया कि कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन की दूसरी खुराक देने से डेल्टा या अन्य ‘चिंता के वेरिएंट’ के खिलाफ अच्छी प्रतिक्रिया मिली। हालांकि, कोरोना के ओमाइक्रोन वेरिएंट के खिलाफ सभी समूहों में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी स्तर में कमी देखी गई।