मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

नींबू के बाद अब मिर्ची के भाव हुए चरचरे

नींबू के बाद अब मिर्ची के भाव हुए चरचरे
अंकुर कुमार
नई दिल्ली। देश में सब्जियों की कीमत लगातार बढ़ती देखी जा सकती है। जहां देश में नींबू की कीमत आग लगा रही है, वहीं अब लोगों को मिर्ची ने भी लोगों की जेब पर असर डालना शुरू कर दिया है। जैसे कि आप सब लोग जानते हैं, मिर्च रसोई घर में इस्तेमाल होने वाला एक जरूरी मसाला है।
इसका उपयोग सभी घरों में किया जाता है। ऐसे में मिर्ची की कीमत बढ़ने से देश के नागरिकों पर इसका असर हो रहा है।
आपको बता दें कि अभी वर्तमान समय में नींबू की कीमत लगभग 200 से 300 रुपए किलो बिक रहे हैं और अब वहीं बाजार में मिर्ची 60 से 80 रुपए किलो के बिक रही है। देश के कई शहरों में मिर्ची की कीमत करीब 100 रूपए प्रति किलो पहुंच गई है। मंडी में पहले मिर्ची की कीमत 20 से 40 रुपए किलो थी और अब एक दम से यह कीमत दुगनी हो गई है।
किस कारण से बढ़ी मिर्ची की कीमत
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2002 में मिर्च का उत्पादन 10,69,000 बढ़कर वर्तमान समय में अब 20,92,000 टन तक हो गया है, लेकिन फिर भी इसका मंडी में कोई असर नहीं देखने को मिल रहा है। किसानों की मानें, तो मिर्ची की कीमत बढ़ने का एक मुख्य कारण थ्रिप्स अटैक भी है।
बताया जा रहा है कि इस अटैक के कारण इस साल करीब 9 लाख एकड़ तक मिर्ची की खेती नष्ट हो गई है। उनका यह भी कहना है कि इस बार बेमौसम बारिश होने के कारण भी मिर्ची की फसल (chilli crop) में भारी कमी आई है और साथ ही बढ़ती परिवहन लागत के कारण भी मिर्ची की कीमत बढ़ी है।
इन राज्यों में मिर्ची की खेती की जाती।
किसानों के लिए मिर्ची की खेती बेहद मुनाफे की खेती है। यह भारत की प्रमुख मसाला फसलों में से एक है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में मिर्च की खेती 792000 हेक्टेयर पर की जाती है।
इसकी खेती भारत के आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा राजस्थान राज्य में अधिक की जाती है।

ध्वज लहराने के रिकॉर्ड में नाम दर्ज: बिहार

ध्वज लहराने के रिकॉर्ड में नाम दर्ज: बिहार

अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। भारत के बिहार ने एक साथ सबसे अधिक संख्या में राष्ट्रीय ध्वज लहराने के मामले में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर लिया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 23 अप्रैल को बिहार के भोजपुर के जगदीशपुर स्थित दुलौर मैदान में वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव कार्यक्रम में 78 हज़ार 220 तिरंगे एक साथ लहराकर भारत ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया।
बिहार के जगदीशपुर के तत्कालीन राजा वीर कुंवर सिंह, जिन्हें 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में शुमार किया जाता है, उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत गृह मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था।संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों के सामने बनाए गए इस रिकॉर्ड के लिए कार्यक्रम में उपस्थित लोगों की भौतिक पहचान के लिए बैंड पहनाए गए थे और पूरे कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई थी। पिछला विश्व रिकॉर्ड 2004 का था, जब लाहौर में एक समारोह में लगभग 56,000 पाकिस्तानी झंडे लहराए गए थे।
बाबू वीर कुंवर सिंह 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे थे, जिन्होंने लगभग 80 वर्ष की उम्र में भी विदेशी हुकूमत का डटकर मुकाबला किया। वह जगदीशपुर के परमार राजपूतों के उज्जयिनी वंश से ताल्लुक रखते थे।
उन्होंने 80 साल की उम्र में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की कमान के तहत सैनिकों के खिलाफ सशस्त्र जवानों के एक चयनित बैंड का नेतृत्व किया था। वह बिहार में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के मुख्य नायक थे। उन्हें वीर कुंवर सिंह के नाम से जाना जाता है।

स्मार्टफोन, मार्केट पर दबदबा बनाने की कोशिश

स्मार्टफोन, मार्केट पर दबदबा बनाने की कोशिश

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। नोकिया लगातार बजट स्मार्टफोन मार्केट पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। आज कंपनी नई G-series स्मार्टफोन को भारत में लॉन्च करने वाली है। कंपनी अपना नया स्मार्टफोन Nokia G21 आज यानी 26 अप्रैल को लॉन्च करेगी। इस स्मार्टफोन को Nokia G20 के अगले वर्जन के तौर पर लॉन्च किया जा रहा है। इसे भारत में पिछले साल जुलाई में लॉन्च किया गया था। Nokia G21 को दूसरे मार्केट में पहले ही लॉन्च किया जा चुका है।
उसी स्पेसिफिकेशन्स के साथ भारत में भी इसे लॉन्च किया जाएगा। Nokia G21 में HD+ IPS LCD स्क्रीन दी गई है और इसका साइज 6.5-इंच का है। इसमें वॉटरड्रॉप नॉच फ्रंट कैमरा के टॉप सेंटर पर दिया गया है। इसके रियर में रेक्टेंगुलर कैमरा मॉड्यूल दिया गया है। ये ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप के साथ आता है। इसका प्राइमरी कैमरा 50-मेगापिक्सल का है। इसके साथ 2-मेगापिक्सल का मैक्रो-कैमरा और 2-मेगापिक्सल का डेप्थ सेंसर दिया गया है।
HMD Global ने पिछले मॉडल में मौजूद 5-मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड कैमरा को इससे हटा दिया है। इस फोन में सेल्फी के लिए 8-मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। इसमें 5050 mAh की बैटरी 18W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ दी गई है। लेकिन, यूरोप में बॉक्स के साथ 10W का चार्जर दिया गया है।  इस वजह से ये साफ नहीं है भारत में इसमें 18W चार्जिंग ब्रिक दिया जाएगा या नहीं। Nokia G21 में Unisoc T606 प्रोसेसर दिया गया है।
इसका इंटरनेशन मॉडल 4GB और 6GB रैम ऑप्शन के साथ आता है। इसमें Mali G57 GPU दिया गया है। इसमें 128GB की इंटरनल मेमोरी दी गई है जिसे माइक्रो-एसडी कार्ड की मदद से बढ़ाया जा सकता है।
माना जा रहा है कि Nokia G21 के साथ कंपनी Nokia G11 को भी आज लॉन्च कर सकती है। इसको लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। Nokia G21 की कीमत यूरोप में 170 यूरो से शुरू होती है। इसे Nordic Blue और Dusk दो कलर ऑप्शन में उपलब्ध करवाया गया है। भारत में ये फोन इन कलर के साथ 13,000 रुपये के रेंज में लॉन्च हो सकता है।

संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2022 का नोटिस जारी

संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2022 का नोटिस जारी 

अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने तीसरे स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2022 का नोटिस जारी किया है। इसके जरिए ग्रेजुएट्स के लिए बंपर भर्ती निकली है। बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने तीसरे स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2022 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिस के अनुसार इसके जरिए 2187 पदों पर भर्ती होगी। नोटिस के अनुसार तीसरे स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2022 के लिए आवेदन प्रक्रिया 14 अप्रैल से जारी है। आवेदन की आखिरी तारीख 15 मई 2022 है।
वैकेंसी डिटेल...
सचिवालय सहायक- 1360 पद
प्लानिंग असिस्टेंट-125
मलेरिया इंस्पेक्टर- 74
डाटा एंट्री ऑपरेटर ग्रेड सी- 2 पद
ऑडिटर-626 पद
कुल-2187
आवश्यक शैक्षिक योग्यता
उम्मीदवारों को किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट होना चाहिए।
आयु सीमा
पुरुष-21 से 37 वर्ष
सामान्य महिला- 21 से 40 वर्ष
ओबीसी/बीसी-21 से 40 वर्ष
एससी/एसटी- 21 से 40 वर्ष

मुंबई-पुणे व सूरत के कई ठिकानों पर छापेमारी

मुंबई-पुणे व सूरत के कई ठिकानों पर छापेमारी 

कविता गर्ग  
मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले एबीजी शिपयार्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने फिर से छापेमारी की है। जानकारी के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार को मुंबई, पुणे और सूरत के कई ठिकानों पर छापेमारी की। कथित रूप से यह घोटाला 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है।
एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड की शुरुआत साल 1985 में हुई थी। गुजरात के दाहेज और सूरत में एबीजी समूह की यह शिपयार्ड कंपनी पानी के जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है। अब तक यह कंपनी 165 जहाज बना चुकी है। इस कंपनी ने 1991 तक तगड़ा मुनाफा कमाते हुए देश-विदेश से बड़े ऑर्डर हासिल किए।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में कंपनी को 55 करोड़ डॉलर से ज्यादा का भारी नुकसान हुआ और इसके बाद एबीजी शिपयार्ड की हालत पतली होती गई। अपनी वित्तीय हालत का हवाला देते हुए कंपनी ने बैंकों से कर्ज लिया और इस सबसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया।
स्टेट बैंक की शिकायत के मुताबिक, कंपनी ने बैंक से 2,925 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक से 7,089 करोड़ , आईडीबीआई बैंक से 3,634 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1,614 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 1,244 करोड़ , इंडियन ओवरसीज बैंक से 1,228 करोड़ का कर्ज लिया। इस तरह से कंपनी ने कुल 28 बैंकों से कर्ज लिया।
एसबीआई ने अपनी शिकायत में बताया कि, इन पैसों का इस्तेमाल उन मदों में नहीं हुआ जिनके लिए बैंक ने इन्हें जारी किया था बल्कि दूसरे मदों में इसे लगाया गया।
एसबीआई ने इस मामले में पहली शिकायत 8 नवंबर 2019 को की थी। डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच-पड़ताल करने के बाद, सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को मामले में प्राथमिकी दर्ज की। एसबीआई ने यह भी बताया कि आखिर क्यों बैंकों के संघ की तरफ से उसने की मामले में केस दर्ज करवाया। आईडीबीआई बैंक कंसोर्शियम में पहले और दूसरे अग्रणी ऋणदाता थे। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एसबीआई सबसे बड़ा ऋणदाता था। इसलिए यह तय हुआ कि सीबीआई के पास शिकायत दर्ज एसबीआई कराएगा।
2013 में एनपीए हो गया था लोन
एसबीआई ने बताया है कि उसे 2013 में ही पता चल गया था कि कंपनी का लोन एनपीए हो गया है। इसके बाद एसबीआई की ओर से लोन रिकवरी के लिए कई कोशिश की गईं, लेकिन सफलता नहीं मिली।
सीबीआई ने की थी छापेमारी
सात फरवरी को मामले में पहली प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने 12 फरवरी को 13 स्थानों पर छापेमारी की, जिसके बाद देश का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया।
सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड कंपनी के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल और आठ अन्य लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। केंद्रीय एजेंसी ने ऋषि कमलेश अग्रवाल के अलावा एबीजी शिपयार्ड के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों- अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मामला दर्ज किया।
स्टेट बैंक के अनुसार, यह घोटाला यूपीए सरकार के समय का है। दरअसल, जब 2013 में एबीजी शिपयार्ड के लोन को एनपीए घोषित किया गया था, तब यूपीए सरकार थी। साल 2005 से साल 2012 के बीच यह घोटाला हुआ। साल 2017 में एनसीएलएटी में मामला गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों पर आरोप है कि बैंक फ्रॉड के जरिए प्राप्त किए गए पैसे को विदेश में भेजकर अरबों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी गईं। 18 जनवरी 2019 को अर्नस्ट एंड यंग एलपी द्वारा दाखिल अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक की फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट की जांच में सामने आया है कि कंपनी ने गैरकानूनी गतिविधियों के जरिए बैंक से कर्ज में हेरफेर किया और रकम ठिकाने लगा दी।

'आंदोलनों पर प्रतिबंध' कड़ी शर्तें, निंदा की

'आंदोलनों पर प्रतिबंध' कड़ी शर्तें, निंदा की

दुष्यंत टीकम
रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने जन आंदोलनों के आयोजन पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा थोपी गई कड़ी शर्तों को आंदोलनों पर प्रतिबंध के समान बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है और इस अलोकतांत्रिक आदेश को वापस लेने की मांग की है। माकपा ने सवाल किया है कि अब जन आंदोलन क्या सरकार और प्रशासन की कृपा से चलेंगे ?
माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ आदिवासी समुदाय में तथा चुनावी वादों को पूरा न करने के कारण कर्मचारियों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बीच जो जन असंतोष पैदा हो रहा है। उसे कुचलने के लिए ही जन आंदोलनों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। प्रदेश का लोकतांत्रिक जन मानस ऐसे दमनात्मक आदेशों को स्वीकार नहीं करेगा। इस सरकार को यह जवाब देना चाहिए कि क्यों उसके राज में जनता के विभिन्न तबकों को लंबे-लंबे आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और उनकी मांगों पर लोकतांत्रिक ढंग से कोई सुनवाई क्यों नहीं हो रही है।
माकपा नेता ने कहा कि कांग्रेस का यह तर्क कि भाजपा शासित राज्यों में भी ऐसे प्रतिबंध थोपे गए हैं, यह दिखाता है कि दोनों पार्टियों का जन आंदोलनों के प्रति एक समान नजरिया है और सत्ता में आने के बाद दोनों पार्टियां जन आंदोलनों के प्रति दमनात्मक रवैया ही अपनाती है। बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों के आंदोलन तथा नया रायपुर में किसान आंदोलन के पंडाल को उखाड़कर फेंकने से यह स्पष्ट हो गया है। माकपा ने राज्य के सभी जनतांत्रिक तबकों से इस अलोकतांत्रिक आदेश का विरोध करने की अपील की है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-200, (वर्ष-05)
2. बुधवार, अप्रैल 27, 2022
3. शक-1984, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-द्वादशी, विक्रमी सवंत-2078‌। 
4. सूर्योदय प्रातः 07:04, सूर्यास्त: 06:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-43+ डी सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
http://www.universalexpress.page/
www.universalexpress.in
email:universalexpress.editor@gmail.com
संपर्क सूत्र :- +919350302745 
           (सर्वाधिकार सुरक्षित)

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...