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मंगलवार, 28 फ़रवरी 2023

बालों को स्वस्थ रखने में मदद करता है 'तिल का तेल'

बालों को स्वस्थ रखने में मदद करता है 'तिल का तेल'

सरस्वती उपाध्याय 

तिल के तेल में कई प्रकार के पॉलिफेनॉल्स, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ई होते हैं। ये तीनों ही चीजें आपके बालों की ग्रोथ बढ़ाने के साथ इन्हें अंदर से हेल्दी रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा ये दोमुंहे बालों से छुटकारा दिलाने के साथ आपके बालों के टैक्सचर को बेहतर बनाता है। इस तरह ये आपको बालों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। 

बालों के लिए तिल के तेल का इस्तेमाल आप कई प्रकार से कर सकते हैं। पर अगर आप इसे घर में बना कर इस्तेमाल करें तो ये आपके लिए ज्यादा फायदेमंद होगा। जी हां, इसके लिए पहले तो तिल लें और इसे सरसों के तेल में पका लें। अब इस तेल को छान लें और इसे अपने बालों में लगाएं और मसाज करें।

बालों के लिए तिल के तेल के फायदे...

बालों के लिए तिल के तेल कई प्रकार से फायदेमंद है। ये ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मददगार है जो कि स्कैल्प इंफेक्शन और बालों की कई समस्याओं को कम कर सकता है। साथ ही इस तेल को लगाने से बालों में डैंड्रफ की समस्या नहीं होती है। डैमेज बालों के लिए तिल का तेल कई प्रकार से फायदेमंद माना जाता है। ये बालों के टैक्सचर को बेहतर बनाता है और दोमुंहे बालों को कम कर सकता है। इसके अलावा ये बालों की ग्रोथ बढ़ाने के साथ इसके टैक्सचर को सही करता है। 

काले बालों के लिए तिल का तेल कई प्रकार से फायदेमंद है। ये बालों की जड़ों को एक्टिवेट करता है और इसे अंदर पोषण देता है। इसके अलावा ये सफेद बालों को काला करने में मदद करता है तो, रेगुलर इस तेल को अपने बालों में लगाएं।

रविवार, 20 नवंबर 2022

एड़ी फटने का कारण, जानिए उपचार 

एड़ी फटने का कारण, जानिए उपचार 

सरस्वती उपाध्याय 

सर्दी के मौसम में हमें कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। उन्हीं में से एक ऐड़ी का फटना भी है। चाहें जितना भी ख्याल रख लें, एड़ियों को खूबसूरत बनाना मुश्किल हो जाता है। कड़ाके की ठंड का असर हमारी एड़ियों पर पड़ता है। कई बार हमारी एड़ी इतनी खराब हो जाती है की खून तक निकलने लगता है। आज हम आपको एड़ी फटने का कारण और उसके उपचार बताएंगे।

सर्दियों में एड़ी फटने का सबसे बड़ा कारण है सुर्ख-सर्द हवाएं। जो हमारी स्किन को एक दम ड्राई कर देती हैं। साथ ही ठंड के कारण हम लोग पानी पीना कम कर देते हैं, जिससे शरीर में नमी कम हो जाती है और हमारी स्किन रूखी होने लगती है। कई लोग अपनी स्किन की नमी को बरकरार रखने के लिए क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करते हैं, पर कुछ लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, जिससे हमारी स्किन खराब होने लगती है। गर्म पानी से नहाना भी स्किन ड्राई होने का एक कारण होता है।

ये भी हैं कारण
-हार्श साबुन से पैर धोना।
-एड़ियों को ज्यादा रब करना।
-डायबिटीज से भी फट जाती हैं एड़ी।
-Vitamin-E की कमी से भी फटती है एड़ी।

कैसे रख सकते हैं एड़ियां मुलायम
-एड़ी को नर्म रखने के लिए उसमें अच्छी क्रीम लगाएं. कोशिश करें की रात में क्रीम लगाकर।
-पुमिक स्टोन(एड़ी साफ करने का पत्थर) से एड़ियों को साफ करना चाहिए।
-ठंड में पैरों को बचाने के लिए मोजे पहन के रखना चाहिए।
-डाइट में हरी सब्जियां शामिल करे।
-खूब सारा पानी पिएं।

एड़ी को मुलायम बनाने के लिए कुछ टिप्स

  • पपीते के पल्प में थोड़ा लेमन जूस मिलाकर 20 मिनट के लिए एड़ी पर लगाएं। फिर एक तौलिए से पोंछ लें।
  • एक बाल्टी में गर्म पानी लें, उसमें एक कप शहद डाल लें। उसमें 20 मिनट के लिए पैरों को डूबा लें। इसके बाद एड़ी को स्क्रब करें।
  • एड़ियों को 15 मिनट तक जैतून के तेल से मसाज करें। इसके बाद मोजे पहन लें. एक घंटे तक ऐसा करने के बाद पैरों को गुनगुने पानी से धो लें।
  • पैरों को 20 मिनट गुनगुने पानी में डूबो लें। इसके बाद एक चम्मच वैसलीन और तीन चम्मच लेमन जूस मिलाकर एड़ियों पर लगा लें. इसके बाद मोजे पहन कर सो जाएं।

गुरुवार, 17 नवंबर 2022

डार्क सर्कल्स को दूर करने में मदद, जानिए उपाय

डार्क सर्कल्स को दूर करने में मदद, जानिए उपाय

सरस्वती उपाध्याय 

दूध और गुलाब जल डार्क सर्कल्स को दूर करने में काफी मदद करता है। इसके लिए गुलाब जल और दूध को बराबर मात्रा लेकर कॉटन की मदद से डार्क सर्कल्स पर लगाकर 20 मिनट तक के लिए छोड़ दें। उसके बाद कॉटन पैड हटा लें और फिर फेस को पानी से धो लें।

यूं तो लोग डार्क सर्कल्स छिपाने के लिए कई नुस्खे अपनाते हैं। कंसीलर से लेकर मेकअप तक, भले ही ये चीजें आपकी आंखों के नीचे काले घेरे को छिपाने में मदद करे, लेकिन यह इसका परमानेंट इलाज नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि आप कुछ ऐसे उपायों को अपनाएं जो इन काले घेरों की हमेशा-हमेशा के लिए छुट्टी कर दें और फिर कभी इन्हें आपको छिपाने की जरूरत ही ना पड़े। ऐसे में आइए जानते हैं उन घरेलू उपायों के बारे में जिन्हें अपनाने के बाद ये आपके काले घेरों की हमेशा के लिए छुट्टी कर दें। 

डार्क सर्कल्स होने के प्रमुख कारण

पर्याप्त नींद ना लेना।

गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या

देर रात तक स्क्रीन देखना

थकान, तनाव

आंखों में सूखापन या आंखों की एलर्जी

डिहाइड्रेशन

शरीर में पानी की कमी

धूप और प्रदूषण में ज्यादा देर रहना आदि।


डार्क सर्कल कम करने के घरेलू उपाय 

दूध और गुलाब जल 

दूध और गुलाब जल डार्क सर्कल्स को दूर करने में काफी मदद करता है। इसके लिए गुलाब जल और दूध को बराबर मात्रा लेकर कॉटन की मदद से डार्क सर्कल्स पर लगाकर 20 मिनट तक के लिए छोड़ दें। उसके बाद कॉटन पैड हटा लें और फिर फेस को पानी से धो लें।

आलू का रस

डार्क सर्कल्स हटाने के लिए आलू का रस भी आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए पहले आलू को कद्दूकस कर लें। उसके बाद उसका रस लेकर रुई की मदद आंखों के आसपास लगाएं और फिर इसे कुछ देर लगा रहने दें। इसके बाद आंख को साफ पानी से धो लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से आपको बहुत फायदा मिलेगा।

टमाटर 

टमाटर सेहत के साथ-साथ स्किन के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। ऐसे में आंखों के नीचे काले घेरे को हटाने के लिए सबसे पहले  2 चम्मच टमाटर के रस में कुछ बूंदे नींबू के रस को मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को 10 मिनट के लिए आंखों के नीचे लगाएं। उसके बाद साफ पानी से धो लें। ऐसा करने से डार्क सर्कल की समस्या दूर होगी।

खीरा 

इसके लिए पहले खीरे को स्लाइस में काट लें। उसके बाद इसे 10 मिनट तक के लिए अपने आंखों पर रखें। इससे डार्क सर्कल्स की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। 

शहद, दूध और नींबू

आंखों के नीचे काले घेरे को हटाने के लिए शहद, दूध और नींबू बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए एक चम्मच दूध में आधा चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर आंखों के आसपास मसाज करें। ऐसा करने से डार्क सर्कल्स दूर हो सकते हैं।

रविवार, 30 अक्तूबर 2022

मोच की समस्या से परेशान, अपनाएं घरेलू उपाय 

मोच की समस्या से परेशान, अपनाएं घरेलू उपाय 

सरस्वती उपाध्याय 

मोच की समस्या से हर लोग कभी न कभी परेशान रहे होंगे। मोच आने पर व्यक्ति की अत्यधिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। हड्डियों में किसी तरह के क्षतिग्रस्त होने से मोच की समस्या उत्पन्न होती है, क्योंकि हड्डियों में उत्तक एक दूसरे से जुड़े होते हैं। चलते-चलते अचानक मुड़ जाने से दौड़ते वक्त पैर ट्विस्ट हो जाने या फिर गिरने की वजह से पैर में मोच आ जाती है। दरअसल हड्डियों में किसी भी तरह का डैमेज होने से मोच की समस्या होती है। ऐसे में इसे भी घरेलू उपचार के जरिए ठीक किया जा सकता है।

मोच का घरेलू उपचार

बर्फ से सिकाई- मोच लगने के तुरंत बाद उस जगह पर बर्फ की सिकाई करने से सूजन नहीं आती है। इसके अलावा बर्फ की सिकाई करने से दर्द भी दूर हो जाती है। ऐसे में मोच आने पर हर एक से दो घंटे में बर्फ से सिकाई करनी चाहिए। हालांकि सीधे ही बर्फ से सिकाई नहीं करनी चाहिए। बर्फ को हमेशा किसी कपड़े में लपेटकर सिकाई करनी चाहिए।

लौंग का तेल- मोच की समस्या आने पर लौंग का तेल भी काफी असरदार है। लौंग के तेल में एनेस्थेटिक गुण मौजूद होते हैं। जो स्वेलिंग और दर्द को कम करता है। इस तेल को दो चम्मच लेकर मोच वाले जगह पर अच्छे से मालिश करें। मसल्स के पेन में भी काफी आराम मिलेगा। दिन भर में तीन से चार बार लौंग के तेल से मालिश करें। काफी हद तक राहत मिलेगा।

हल्दी का दूध- हल्दी का दूध कोई भी दर्द को खींचने में काफी मददगार होता है। माेच की समस्या आने पर हल्दी का दूध जरूर पिएं। यह पेनकिलर जैसा काम करता है। हल्दी एक नहीं कई गुणोंं से भरपूर है। यह एंटीसेप्टिक के रूप में काम करती है। इसे इस्तेमाल करने के लिए पानी में दो चम्मच हल्दी डालकर उसका पेस्ट बना लें। अब इस हल्दी के पेस्ट को मोच वाली जगह पर लगाएं और दो घंटे के लिए छोड़ दें। फिर गुनगुने पानी से साफ कर लें। इसके साथ ही एक ग्लास गर्म दूध में आधा चम्मच फिटकरी मिलाकर पीने से भी दर्द में काफी आराम मिलता है।

सेंधा नमक- सेंधा नमक सूजन विरोधी होती है और मांसपेशियों के दर्द एवं ऐंठन को कम करने में मदद करता है। इसमें प्राकृतिक तौर पर मैग्नीशियम होता है जो हड्डियों के दर्द को दूर कर सकता है। यह नमक द्रव पदार्थ को बाहर निकाल देता है और सूजन से आराम दिलाता है। गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर प्रभावित जगह पर सिकाई करने से काफी आराम मिलता है।

अरंडी का तेल- अरंडी के तेल में बहुत से औषधीय गुण होते हैं, जो हड्डियों के दर्द को कम करने में कारगर होता है। गठिया रोग के लोगों के लिए अरंडी के तेल से मालिश करने से सूजन एवं ऐंठन कम होती है। इसके अलावा मोच को ठीक करने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग फायदेमंद होता है।

फिल्मी सितारों की तरह आकर्षक होगी स्किन, जानिए

फिल्मी सितारों की तरह आकर्षक होगी स्किन, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

जब भी हम आईने के सामने खड़े होते हैं तो एक बात जरूर मन में आती है कि काश हमारी स्किन भी फिल्मी सितारों की तरह आकर्षक होती! इस बात को कोई भी नकार नहीं सकता कि चमकदार और ग्लोइंग स्किन हर इंसान चाहता है। फिर चाहे वो लड़का हो या लड़की। क्योंकि स्किन अच्छी हो तो इंसान को किसी तरह के बनावटी मेकअप की जरूरत नहीं होती। बिना केमिकल वाले प्रोडक्ट के भी वह भीड़ में अकेला नजर आता है।इसलिए, आज हम आपके लिए कुछ ऐसा ही लेकर आए हैं।

सेब का सिरका करेगा सपना साकार
जैसा कि हम जानते हैं कि सेब हमारी सेहत के लिए बहुत लाभकारी है। पुराने लोगों का कहना है कि अगर आप एक सेब रोज खाते हैं तो आपको कभी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। यह बात सच है, लेकिन सेब ही नहीं सेब का सिरका भी हमारी सेहत के साथ हमारी स्किन के लिए काफी लाभकारी होता है। इसे एप्पल साइडर विनेगर भी कहा जाता है। यह स्किन के लिए बेदाग और जवां बनाए रखने में काफी सहयोगी है।

विटामिन और प्रोटीन से भरपूर
सेब के सिरके की खास बात यह भी है कि इसे आप लंबे समय तक स्टोर करके रख सकते हैं। ये जल्दी से खराब नहीं होता है। सेब के सिरके में कई तरह के विटामिन, एंजाइम, प्रोटीन और लाभकारी तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें एसिटिक एसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है।

इन आसान तरीकों से पाएं चेहरे पर निखार
सेब के सिरके को आप अपने स्किन केयर रुटीन में भी शामिल कर सकते हैं। इसके इस्तेमाल से मुहासों की समस्या भी दूर होती है। साथ ही इससे आपकी स्किन खूबसूरत और ब्राइट भी होती है। इतना ही नहीं इस सिरके में त्वचा में हुए इन्फेक्शन को भी दूर करने का काम करता है।

सेब के सिरके का इस्तेमाल करते वक्त रखें इन बातों का ध्यान

  • हर चीज़ को यूज़ करने से पहले उसके नियमों के बारे में पढ़ लेना चाहिए। सेब के सिरके को कभी भी सीधा चेहरे पर नहीं लगाना चाहिए। इसे यूज़ करने से पहले सिरके को पानी के साथ मिलाकर करें। उसके बाद इसे चेहरे पर इसे लगाएं।
  • सेब का सिरका चेहरे पर लगाने से पहले अपनी स्किन को अच्छे से क्लीन कर लें। अगर आपने अपने चेहरे पर किसी भी तरह का कुछ लगाया हुआ है तो उसे हटाना बेहद ज़रूरी है। चेहरे को अच्छे से साफ करने के बाद ही सिरके को चेहरे पर लगाएं।
  • किसी भी चीज़ को चेहरे पर लगाने से पहले अपनी स्किन के बारे में सही जानकारी रखें। आपको पता होना चाहिए कि आपकी स्किन किस तरह की है और किन चीज़ों से इफेक्ट होती है।
  • सेब के सिरके का इस्तेमाल करते वक्त अपनी आंखों के आसपास के हिस्से पर इसे न लगाएं। कई दफा ऐसा करने से आंखों के नीचे खुजली और जलन होने लगती है। इसलिए ध्यान रहे आंखों के आसपास वाले हिस्से के अलावा इसे पूरे चेहरे पर लगाएं।

शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2022

'प्रदूषण' से आंखों को दीर्घकालिक क्षति का खतरा

'प्रदूषण' से आंखों को दीर्घकालिक क्षति का खतरा

सरस्वती उपाध्याय 

दिवाली रोशनी का त्योहार है, जिसे पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। देवी लक्ष्मी की पूजा, रोशनी, रंगोली, पटाखे और घर की साज-सज्जा इस त्योहार के आनंद का अभिन्न अंग हैं। लेकिन, ध्यान रहे इस उमंग के उत्सव में जरा-सी भी लापरवाही आपके लिए मुश्किलों को बढ़ाने वाली हो सकती है। त्योहारों के दौरान खान-पान, दिनचर्या और इसे मनाने के तरीकों को लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है। उत्साह के बीच हमेशा ध्यान रखें, स्वास्थ्य आपकी पहली प्राथमिकता है, इससे किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए। दीपावली के इस त्योहार में मधुमेह के साथ, वजन और आंखों की सेहत को लेकर हमेशा सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पटाखे जलाते समय अक्सर लोगों में आंखों की परेशानियां देखी जाती रही हैं। पटाखों को लेकर की गई जरा सी भी लापरवाही न सिर्फ आंखों में चोट का कारण बन सकती है, साथ ही पटाखों से निकलने वाले प्रदूषण के कारण भी आंखों को दीर्घकालिक क्षति का खतरा रहता है। विशेषकर बच्चों में इस तरह के जोखिम अधिक देखे जाते रहे हैं। आइए जानते हैं कि दीपावली के उत्सव में आंखों को स्वस्थ रखने और इससे संबंधित किसी भी प्रकार के जोखिम को कम करने के लिए किन बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है ?

नेत्र रोग विशेषज्ञ कहते हैं, दीपावली में पटाखों को लेकर बरती गई लापरवाही के कारण हाथ और उंगली के बाद प्रभावित होने वाला दूसरा सबसे आम अंग हैं- आंखे। पटाखों के धुंआ के कारण आंखों में जलन-चुभन के साथ लालिमा होने का खतरा होता है। इसके अलावा पटाखों से लगने वाली चोट आंखों में घाव, रक्त के थक्के बनने या पुतली को भी नुकसान पहुंचा सकती है। 

बोतल में जलाए जाने वाले रॉकेट लोगों के चेहरों पर उड़कर लग जाते हैं। जिसके कारण आंखों में चोट के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं। पटाखों के नजदीक से फटने से आंखों की रोशनी भी खराब हो सकती है। इस तरह की समस्याओं से बचे रहने के लिए आइए जानते हैं क्या करें और क्या नहीं ?

पटाखे जलाते समय सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।
बच्चों द्वारा आतिशबाजी के समय बड़े लोगों को निगरानी रखनी चाहिए। पटाखे हमेशा शरीर से दूर रखकर ही जलाएं।
आतिशबाजी वाले क्षेत्र से सभी ज्वलनशील चीजों को हटा ले।
आतिशबाजी जलाने के लिए लंबी डंडी का प्रयोग करें। जिससे इससे होने वाले धमाके से हाथों या आंखों पर कोई असर न हो।
आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आतिशबाजी करते समय सुरक्षात्मक चश्मे पहनें।
अनार जैसे पटाखों से आंखों और चेहरों पर चोट के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं इसे हमेशा दूर से ही जलाएं।
आंख में खुजली, जलन होने या चोट लगने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
आंखों को सुरक्षित रखने और किसी भी तरह की समस्या से बचे रहने के लिए इन सावधानियों को अनदेखा न करें।
छोटे बच्चों को कभी भी आतिशबाजी न करने दें।
पटाखों को जलाकर फेंके नहीं इससे चोट का खतरा हो सकता है।
पटाखों को छूने के बाद उसी हाथ से आंखों को न छुएं, इसे रसायनों के आंखों में जाने का खतरा रहता है।
अगर कोई केमिकल आंखों में चला गया हो तो तुरंत आंखों और पलकों को पानी से धो लें।
आंखों में जलन या खुजली हो रही हो तो रगड़ें नहीं, तुरंत हाथों को साफ करके साफ पानी से आंखों को धोएं।

सोमवार, 3 अक्तूबर 2022

सेहत: बालों के लिए बहुत फायदेमंद है 'करी पत्ता'

सेहत: बालों के लिए बहुत फायदेमंद है 'करी पत्ता'

सरस्वती उपाध्याय 

आज के दौर में कई लोग सफेद बालों की समस्या से परेशान हैं। इसके लिए तरह-तरह के तेल और कई चीजों का इस्तेमाल भी करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है, आपके किचिन में मौजूद एक ऐसी चीज जो आपकी सब्जी का टेस्ट बढ़ाती है। वो आपके बालों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। आप सभी ने करी पत्ते को तो देखा ही होगा। करी पत्ता एक ऐसा मसाला है, जो आपकी सब्जी को टेस्टी और सुगंधित बनाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि करी पत्ता न केवल सब्जी को टेस्टी बनाने में काम आता है, बल्कि आपके बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

दरअसल, करी पत्ता में प्रचुर मात्रा एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके साथ ही करी पत्ता विटामिन बी से भी भरपूर होते हैं, जो बालों के रोम छिद्रों में मेलेनिन उत्पादन का काम करता है। इससे बाल काले होते हैं और सफेद बालों की समस्या दूर होती है। आज हम आपको करी पत्ते से बालों और मिलने वाले फायदे और करी पत्ता हेयर मास्क बनाने की विधि बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं।

बालों को करी पत्ते के फायदे...

बता दें करी पत्ता बालों को सफेद होने से भी बचाता है। दरअसल, करी पत्ता मेलेनिन उत्पादन का काम करता है। मेलेनिन की कमी से ही बाल सफेद होते हैं। ऐसे में करी पत्ता से बने हेयर मास्क को बालों पर लगाने से बालों के सफेद होने की समस्या दूर होती है। इसके साथ ही बाल मुलायम और स्वस्थ भी बनते हैं।

करी पत्ता हेयर मास्क बनाने का तरीका...

सबसे पहले गैस पर एक पैन में, दो बड़े चम्मच नारियल तेल गरम करें। अब इसमें 10-12 करी पत्ते डालें और 3-4 मिनट तक पकाएं। फिर गैस बंद कर दें। अब 20 मिनट तक इसे ठंडा होने के लिए अलग रख दें और लीजिए तैयार है, आपका करी पत्ता हेयर मास्क।

करी पत्ता हेयर मास्क लगाने का तरीका...

सबसे पहले बालों पर करी पत्ता मास्क लगाने के लिए इसे दोनों हाथों से पूरे बालों पर लगाएं। पहले इस मास्क से बालों की जड़ों की मसाज करें और और फिर पूरे बालों पर अच्छे से लगाएं। करीब एक घंटे बाद अब बालों को अच्छे से धो लें। आप देखेंगे कि आपके बाल बहुत मुलायम और चमकदार बन गए हैं। बता दें आप करी पत्ता और दही का भी हेयर मास्क बना सकते हैं। इस मास्क से डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद मिलती है। इसके लिए एक बाउल दही में 3-4 करी पत्ते तब तक मिलाएं, जब तक कि ये एक पेस्ट न बन जाए। फिर बालों पर अच्छे से लगाएं। इससे आपके बालों को बहुत फायदा मिलेगा।

शुक्रवार, 30 सितंबर 2022

पीनट बटर को अपने आहार में शामिल करें: सेहत 

पीनट बटर को अपने आहार में शामिल करें: सेहत 

सरस्वती उपाध्याय 

सूखे मेवों का सेवन आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है। हालांकि, काजू, बादाम, पिस्ता आदि सूखे मेवों की कीमत अधिक होने के कारण हर कोई इन्हें नहीं खरीद पाता है। ऐसे में जो लोग महंगे नट्स का सेवन नहीं कर पाते हैं, वे लोग पीनट बटर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

जी हां, मूंगफली से तैयार किया जाने वाला पीनट बटर भी आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। इसमें पोटेशियम, जिंक, सेलेनियम, मैग्नीशियम, विटामिन ए और आयरन सहित कई विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं। आप एक चम्मच पीनट बटर का सेवन सुबह नाश्ते में ब्राउन ब्रेड पर लगाकर या फिर रात को सोने से पहले दूध के साथ कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इस समय पर पीनट बटर खाने से होने वाले फायदों के बारे में…

1. आंखों के लिए लाभकारी...

आजकल बड़े-बुजुर्गों के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चों को भी आंखों से संबंधित समस्याएं होने लगी हैं। जिससे कम उम्र में ही बच्चों के चश्मा लग जाता है। इसका एक सामान्य कारण पोषण में कमी और फोन, लैपटॉप आदि गैजेट्स का का अधिक इस्तेमाल करना है। इसका आंखों की रोशनी पर काफी असर पड़ता है। और धीरे-धीरे आंखें खराब होने लगती हैं। ऐसे में विटामिन-ए युक्त पीनट बटर का सेवन बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि विटामिन-ए आपकी आंखों को स्वस्थ में सहायक माना गया है।

2. बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाने में...

शरीर में एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से हृदय संबंधी रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाने में रोजाना एक चम्मच पीनट बटर का सेवन सहायक हो सकता है। क्योंकि इसमें मोनो अनसैचुरेटेड फैट मौजूद होता है। साथ ही वजन कम करने में सहायक पीनट बटर का सेवन हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में भी किया जा सकता है।

3. दुरुस्त पाचन के लिए...

आपका पाचन बेहतर होगा, तो बहुत सी बीमारियां आपके निकट भी नहीं आएंगी। आपके पेट को ठीक रखने में फाइबर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए फाइबर युक्त पीनट बटर को रोजाना अपने आहार में शामिल करने से पाचन तंत्र को मजबूती मिल सकती है।

4. ब्लड शुगर कंट्रोल करता है...

रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने के लिए भी रोजाना एक चम्मच पीनट बटर का सेवन करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। क्योंकि पीनट बटर में भरपूर मैग्नीशियम पाया जाता है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में सहायक होता है।

शनिवार, 7 मई 2022

अंडे को चेहरे पर लगाने के फायदे, जानिए

अंडे को चेहरे पर लगाने के फायदे, जानिए  

सरस्वती उपाध्याय 
खूबसूरत चेहरा भला किसे नहीं चाहिए। सभी चाहते हैं कि उसका चेहरा खिलता रहे‌। लेकिन बदलती लाइफस्टाइल और प्रदूषण के चलते फेस पर कई कई प्रकार की परेशानी देखने को मिलती है। कई लोगों के चेहरे पर दाग-धब्बे भी हो जाते हैं।
खूबसूरत चेहरा भला किसे नहीं चाहिए। सभी चाहते हैं कि उसका चेहरा खिलता रहे,लेकिन बदलती लाइफस्टाइल और प्रदूषण के चलते फेस पर कई कई प्रकार की परेशानी देखने को मिलती है। कई लोगों के चेहरे पर दाग-धब्बे भी हो जाते हैं। ऐसे में उनके चेहरे को फिर से बेदाग बनाने के लिए ज्यादातर लोग कई प्रकार के उपाय अपनाते हैं।
इतना ही नहीं फेस पर चमक लाने के लिए ज्यादातर लोग कई प्रकार के ट्रिक ट्राई करते हैं। तो क्या आप जानते हैं कि अंडे से भी आपके फेस पर चमक आ सकती है। आप सोच रहे होंगे कि भला अंडे से फेस पर चमक कैसे आ सकती है। तो आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप अंडे का प्रयोग फेस के लिए कर सकते हैं।

अंडे को फेस पर कैसे लगाएं...
सबसे पहले आप अंडे को एक कटोरी में तोड़ लें। इसके बाद इसे अच्छे से चम्मच से मिला लें। थोड़ी देर कटोरी में रखने के बाद इसे आप अपने फेस पर अप्लाई करे। थोड़ी देर फेस पर रखने के बाद आप इसे पानी से धो लें। ऐसा करके आप खुद महसूस करेंगे कि आपका फेस चमक रहा है। हालांकि, इसे फेस पर लगाने के बाद स्मेल जरूर आ सकती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आप अंडे का येलो वाला पार्ट हटा सकते हैं।

अंडे को चेहरे पर लगाने के फायदे...
जैसे ही आप अंडे को फेस पर लगाएं, इससे आपकी स्किन टाइट हो जाएगी।
चेहरे पर ग्लो लाने के साथ-साथ दाग-धब्बे, ब्लैकहैड्स भी दूर हो जाएंगे।
झुर्रियों को दूर करने में भी अंडे का फेस पेक काफी फायदेमंद है।

रविवार, 1 मई 2022

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल में रखें

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल में रखें  

सरस्वती उपाध्याय  
हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से आज कई लोग परेशान रहते हैं। यह एक कॉमन समस्या बनती जा रही है। उच्च रक्तचाप के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। कुछ लोगों में अधिक स्ट्रेस, एंग्जायटी के कारण हाइपरटेंशन की समस्या होती है, तो कुछ में काम का प्रेशर, डेडलाइन, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, खानपान खराब होना, कम सोना आदि आदतों के कारण ब्लड प्रेशर हाई रहने लगता है। यदि इसे समय पर सामान्य बनाए रखने के उपाय ना किए जाएं तो आपको कई तरह की गंभीर समस्या हो सकती हैं। कुछ लोग ब्लड प्रेशर कम करने के लिए दवाओं का सेवन करने लगते हैं, जो सही नहीं है। यदि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, हेल्दी चीजों का सेवन करें, एक्टिव जीवन जिएं, तो रक्तचाप को हाई होने से बचाए रख सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि कई ऐसे मौसमी फल हैं ? जिन्हें खाने से आप अपना हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रख सकते हैं।

कीवी हार्ट के लिए है हेल्दी...
ओन्लीमाईहेल्थ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कीवी खाने से आप हाइपरटेंशन की समस्या को कंट्रोल में रख सकते हैं। कीवी एक बेहद ही स्वास्थ्यवर्धक फल है, जो डाइजेशन से लेकर इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। इसे खाने से स्किन भी हेल्दी रहती है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। कीवी में एंटीऑक्सीडेंट्स होता है, जो ब्लड प्रेशर को मैंनेज करता है। आप प्रतिदिन दो से तीन कीवी का सेवन करके हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, हार्ट अटैक जैसी समस्याओं से खुद का बचाव करते हुए दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।

तरबूज खाएं, हाइपरटेंशन से बचें...
गर्मी में तबसे ज्यादा कोई फल लोग खाना पसंद करते हैं, तो तरबूज। इस फल में पानी सबसे अधिक होता है, जो शरीर को तरोताजा, कूल और हाइड्रेटेड रखता है। यह फल ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखता है। ब्लड प्रेशर का इलाज सही समय पर ना कराया जाए, तो यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इससे हार्ट डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है। आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर, हेल्दी डाइट का सेवन करके हाई ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं। तरबूज में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जो रक्तचाप को मैनेज करता है, साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-सी भी होता है।

आम फ्रूट्स...
गर्मी के मौसम में भला आम ना खाएं, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। आम तो उन्हें भी खाना चाहिए, जिन्हें हाइपरटेंशन की शिकायत रहती है। आम में पोटैशियम भरपूर होता है, जो उच्च रक्तचाप को मैनेज करने के लिए एक आदर्श फल है। आप मैंगो शेक, स्मूदी, फ्रूट चार्ट या फिर आम को काटकर भी खा सकते हैं।

केला फ्रूट्स...
पोटैशियम हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। केला एक ऐसा फल है, जिसमें पोटैशियम प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। एक बेहद ही सस्ता फल, जिसे कोई भी खरीद कर खा सकता है। हर दिन एक से दो केला खाएं और अपने उच्च रक्तचाप को नॉर्मल बनाए रखें।


सेहत के लिए कारगर हैं 'आम की गुठली'

सेहत के लिए कारगर हैं 'आम की गुठली'    

आम एक ऐसा फल है, जिसका नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी, ‘आम के आम और गुठलियों के भी दाम’, मतलब आम का भी मजा लो और गुठलियों की भी कीमत वसूल हो जाए। खैर, ये कहावत कई मायनों में सही साबित हो रही है, क्योंकि आम ही नहीं बल्कि उसकी गुठली भी आपको कई स्वास्थ्य लाभ देती है। जी हां, अगर आप आम खाकर गुठली फेंकने की गलती कर रहे हैं, तो आपको ऐसा करने से बचाना चाहिए। आम की तरह इसकी गुठली में भी कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिनमें कोलेस्ट्रॉल, डायरिया और हार्ट से जुड़ी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। चलिए जानते हैं, सेहत को दुरुस्त रखने के लिए आम की गुठली कितनी कारगर है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए।

लूज मोशन में करेगी काम...
दस्त (लूज मोशन) जैसी समस्याओं से बचने के लिए आम की गुठली या गुठली का चूर्ण लेने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आम की गुठली को अच्छी तरह से सुखा लें और उसे पीसकर दरदरा पाउडर बना लें। आप इस चूर्ण को एक गिलास पानी में मिलकार इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप एक बार में 1 ग्राम से ज्यादा गिरी पाउडर का सेवन ना करें।

कंट्रोल में रहेगा कोलेस्ट्रॉल...
कहा जाता है कि आम की गुठली ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देती है और इस तरह से ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करती है। आम की गुठली के पाउडर का सेवन खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है और ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करता है।
आम की गुठली हार्ट से जुड़ी बीमारियों के रिस्क को कम करने में भी मदद करती है। ये आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखती है। इसका पाउडर खाने से हेल्थ को कई फायदे होते हैं। आप अपने आप को हेल्दी रखने के लिए कम से कम 1 ग्राम आम की गुठली के पाउडर का सेवन कर सकते हैं।
जो लोग एसिडिटी की समस्या से अक्सर परेशान रहते हैं उनके लिए आम की गुठली का पाउडर इसका उपाय है। आम की गुठली फिनोल औऱ फेनोलिक यौगिकों से भरी है, जो पाचन में सहायता करती है। एंटीऑक्सीडेंट की उपस्थिति के कारण पाउडर का सेवन शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलाने में भी मदद करता है।

स्कर्वी के इलाज में कारगर...
विटामिन सी से भरपूर आम की गिरी का पाउडर स्कर्वी रोगियों के लिए एक जादुई उपाय की तरह काम करता है। आपको बस इतना करना है कि एक भाग आम की गिरी के पाउडर में दो भाग गुड़ और चूना मिलाकर उसका सेवन करें। आप आमतौर पर विटामिन सी की अपनी दैनिक खुराक को पूरा करने के लिए इसका सेवन भी कर सकते हैं।

श्रीराम 'निर्भयपुत्र'


बुधवार, 27 अप्रैल 2022

हरे धनिया की पत्तियां कई बीमारी से दिलाती है छुटकारा

हरे धनिया की पत्तियां कई बीमारी से दिलाती है छुटकारा

सरस्वती उपाध्याय  

हरी धनिया के पानी में पोटैश‍ियम, कैल्‍श्यिम, विटामिन सी और मैग्‍नीजियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके पानी से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। हालाँकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए वरना कई तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं। हरी धन‍िया के पत्तियों का इस्तेमाल आमतौर पर चटनी बनाने या खाने की गार्निशिंग के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि हरी धनिया न सिर्फ खाने का स्‍वाद बढ़ाता है बल्‍कि हरी धनिया के पानी का सेवन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। धन‍िया के पानी में पोटैश‍ियम, कैल्‍श्यिम, विटामिन सी और मैग्‍नीजियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके पानी से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। हालाँकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए वरना कई तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं। आज के इस लेख में हम आपको हरी धनिया का पानी बनाने का तरीका और इससे होने वाले फायदे और नुकसान बताएंगे।

हरी धनिया का पानी बनाने के लिए हरी धनिया के पत्तों को एक गिलास पानी में डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह पानी से धनिया के पत्तों को छान लें और इस पानी में नींबू की कुछ बूंदें मिलाकर इसका सेवन करें। हरा धनिया का पानी पेट संबंधी कई समस्याओं में फायदेमंद माना जाता है। इसके साथ ही यह पाचनशक्ति को मजबूत करता है। हरी धनिया का पानी पीने से पेट दर्द, बदहजमी, जलन और गैस में आराम मिलता है।  

हरी धनिया का पानी वेट लॉस के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। हरी धनिया के पानी में एक ऐसा तत्व पाया जाता है जो मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करता है। इससे शरीर में जमा फैट कम करने में मदद मिलती है, जिससे मोटापा कम होता है। हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए हरी धनिया के पानी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल, धनिया में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में कॉलेस्ट्रोल को कंट्रोल में रखते है। हाई कॉलेस्ट्रोल की समस्या में रोज़ाना हरी धनिया के पानी का सेवन करने से फायदा होता है। 

डायबिटीज के मरीजों के लिए धनिए के पानी का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से हरी धनिया के पानी का सेवन करना चाहिए। अनियमित पीरियड या पीरियड्स के दौरान होने वाले तेज दर्द में भी हरी धनिया का पानी पीना बहुत असरदार घरेलू नुस्खा है। हरी धनिया के पानी के सेवन से  शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव ज़्यादा होता है जिससे अनियमित पीरियड्स और पीरियड्स के दौरान तेज दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है।

वैसे तो धनिया का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन बहुत ज़्यादा धनिया के सेवन से पित्त पर दबाव पड़ता है जिससे लिवर की परेशानी पैदा हो सकती है। जरूरत से ज़्यादा धनिया के सेवन से आपको चक्कर आना, सूजन, रैशेज या सांस लेने में समस्या होना जैसी कई परेशानियां हो सकती है। धनिया का बहुत ज्यादा सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक होता है। जरूरत से ज़्यादा धनिया के सेवन से शरीर की ग्रंथिया प्रभावित हो जाती है। गर्भवती महिलाओं और शिशु को दूध पिलाने वाली महिलाओं को बहुत ज़्यादा धनिया का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और शिशु को भी नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है।

शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

शरीर को ताकतवर बनाने में बेहद कारगर हैं 'कंटोला'

शरीर को ताकतवर बनाने में बेहद कारगर हैं 'कंटोला'  

सरस्वती उपाध्याय            
आयुर्वेद में कंटोला को औषधि माना जाता है। इसके सेवन से कई बीमारियों में लाभ होता है और शरीर को ताकतवर बनाने में बेहद कारगर हैं। इसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, विटानिंस, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटैशियम, सोडियम, कॉपर और जिंक समेत सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। आप इसे सब्जी या अचार के तौर पर खा सकते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी और बदलती जीवनशैली में स्वस्थ रहने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसी सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके सेवन से आपके शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिल सकते हैं। इस सब्जी का नाम है कंटोला। इसे काकरोल, ककोड़ा, मीठा करेला और पपोरा आदि नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इस सब्जी को औषधि माना जाता है। इसके सेवन से कई बीमारियों में लाभ होता है और शरीर ताकतवर बनता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, विटानिंस, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटैशियम, सोडियम, कॉपर और जिंक समेत सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। आप इसे सब्जी या अचार के तौर पर खा सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको कंटोला खाने के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

पेट की बीमारियों से छुटकारा...

कंटोला खाने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इससे गैस कब्ज और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में भी मदद करते हैं।

वेट लॉस में मददगार...

कंटोला में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और आयरन होता है‌।उस केस में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। कंटोला की सब्जी खाने से वजन घटाने में मदद मिलती है।

ब्लड प्रेशर नियंत्रित करे...

बीपी के मरीजों के लिए भी कंटोला का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसमें मेमोरडीसन और फाइबर की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। जिससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

कैंसर से बचाव...

कंटोला के सेवन से कैंसर से बचाव होता है। इसमें ल्यूटेन जैसे कैंसर रोधी तत्व पाए जाते हैं। जो कैंसर से बचाव करने में मदद करते हैं।

आँखों के लिए फायदेमंद...

कंटोला का सेवन करने से आंखों को भी लाभ होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-ए पाया जाता है। जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके अलावा, कंटोला को खाने से आंखों में जलन, धुंधलापन और खुजली की समस्या से भी निजात मिलता है।

त्वचा के लिए लाभकारी...

कंटोला का सेवन हमारी त्वचा के लिए भी लाभकारी है। इसमें बीटा कैरोटीन और ल्यूटेन जैसे तत्व मौजूद होते हैं को बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

सेहत के लिए बेहद उपयोगी हैं कच्चा 'पपीता'

सेहत के लिए बेहद उपयोगी हैं कच्चा 'पपीता'   

सरस्वती उपाध्याय            
कहा जाता है कि पका हुआ पपीता सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, वहीं कच्चे पपीता भी काफी उपयोगी है। लोग अक्सर कच्चे पपीता छोड़कर पका हुआ पपीता ही खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कच्चा पपीता भी पेट के रोगों को ठीक करता है। इसके अलावा जोड़ों की समस्याओं में भी कच्चा पपीते का यूज किया जाता है। वजन कम करने में भी आप कच्चे पपीते का उपयोग कर सकते हैं।
बता दें कि कच्चे पपीते में पपैन नाम का पदार्थ होता है, जो आपकी बॉडी के लिए अच्छा होता है। कच्चा पपीता अगर सही मात्रा में खाएं, तो ये पाचन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। तो चलिए जानते हैं कि इसके अलावा कच्चे पपीते के क्या फायदे हैं ?
सुबह के समय फलों का सेवन काफी अच्छा होता है। इसलिए पपीते का सेवन भी सुबह के समय करने से ज्यादा लाभ मिलता है। पपीता आपके पेट के लिए एक उपयोगी फल है। कोशिश करें कि खाली पेट आप कच्चे पपीते का सेवन करें। कई लोग कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर भी सेवन करते हैं।
कच्चे पपीते में मौजूद विटामिन और अन्य पोषक तत्व आपकी त्वचा को हेल्दी बनाते हैं। इसके सेवन से शरीर की किसी भी घाव या जख्म को भरने की क्षमता बढ़ जाती है। तो ऐसे लोग जिन्हें कच्चा पपीता नहीं पसंद, वह इसको अपनी पसंद बना सकते हैं।

गुरुवार, 7 अप्रैल 2022

गर्मी के मौसम में नुकसानदायक हैं 'गुड़ का सेवन'

गर्मी के मौसम में नुकसानदायक हैं 'गुड़ का सेवन'   

सरस्वती उपाध्याय         
गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। इस बढ़ती गर्मी में अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। हेल्दी बॉडी के लिए गर्मी के अनुसार दिनचर्या में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने का सुझाव दिया जाता है। यानी पिछले मौसम में जो फूड्स आपके लिए जरूरी थी, अब उन्हें छोड़ देने का समय आ गया है। आयुर्वेद के अनुसार कुछ खास आहार का सेवन केवल उससे संबंधित मौसम में ही करना चाहिए। जैसे गुड़, अमूमन सर्दी में गुड़ के सेवन की सलाह दी जाती है। लेकिन, वही गुड़ जब आप गर्मी में खातें हैं, तो आपको कुछ स्वास्थ्स समस्याएं हो सकती हैं। 
आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में, जो गर्मी में गुड़ के सेवन से आपको हो सकते हैं। 
हर मौसम में हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। यह हमारी इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। इस मौसम में भी अपनी डाइट में उन सुपरफूड्स (supper food) को शामिल करें, जो आपके शरीर को इस मौसम के लिए तैयार कर सके। 
 यह गर्म मौसम है और आयुर्वेद के अनुसार इस समय खीरा, ककड़ी और कई अन्य तरह के फलों का सेवन किया जाता है। ठीक उसी तरह कुछ ऐसे फ़ूडस भी हैं, जिनसे गर्मियों के मौसम में परहेज रखना बहुत जरूरी है। उनमे से एक है, गुड़ (jaggery)। गर्मी के मौसम में कम से कम गुड़ का सेवन करने की सलाह दी जाती है। गुड की तासीर गर्म होती हैै, इसीलिए गर्मियों में गुड़ का सेवन आपकी शरीर में गर्मी को बढ़ा देता है, जिसके कारण आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

गर्मियों में फायदेमंद है हाई प्रोटीन डाइट...

गुड़ के स्वास्थ्य लाभ के बारे में तो आप सभी को पता होगा, परंतु इससे होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में शायद ही कोई जानता हो। गुड़ आपकी सेहत के लिए हेल्दी होता है, परंतु इसका अत्यधिक सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं गर्मी में इसके सेवन से कई तरह के स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। 

जानिए आपको क्यों नहीं करना चाहिए गर्मियों में गुड़ का सेवन...

आयुर्वेद के अनुसार हर आहार के लिए एक निश्चित मौसम होता है। इसमें गुड़ की तासीर के अनुसार उसे सर्दी में खाने की सलाह दी गई है। गर्मियों के मौसम  में बिना विशेषज्ञ परामर्श के गुड़ का सेवन करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। इस गर्म मौसम में संतुलित शरीर के लिए ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की जरुरत है। जबकि गुड़ की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसके सेवन से आपके शरीर की गर्मी बढ़ जाती है। जिसके कारण आपको नाक से खून आना, अपच, गैस, जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
गुड़ के अधिक सेवन से बॉडी में ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। सभी गुड़ पूरी तरह शुद्ध नहीं होते। इनमें सुक्रोज की मात्रा पाई जाती है। सुक्रोज शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड को बनने से रोकता है, जिसकी वजह से सूजन और जलन जैसी समस्या हो सकती है। 
इसीलिए गर्मी में गठिया पीड़ितों को गुड़ से परहेज रखना जरूरी है। वहीं गुड़ (jaggery) में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। ऐसे में मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों को इसके सेवन से दूर रहने की सलाह है। खासकर तुरंत के बने ताजे गुड़ को खाने से कब्ज, अपच और गैस जैसी परेशानिया हो सकती हैं। 

गर्मियों में गुड़ के सेवन से सेहत को हो सकते हैं ये नुकसान...

पब मेड द्वारा किये गए एक अध्ययन में देखा गया कि गुड़ चीनी से ज्यादा फायदेमंद होता है। गुड में बनाए गए पदार्थ चीनी में बनाए गए पदार्थों की तुलना में शरीर के लिए अधिक फायदेमंद होते हैं। परंतु गर्मियों में गुड़ का सेवन चीनी के सेवन से ज्यादा हानिकारक हो सकता है। गुड उन पदार्थों में से एक है। जिनकी तासीर बहुत गर्म होती है। ऐसे में इस गर्म मौसम में गुड़ के सेवन से जितना हो सके उतना परहेज रखने की जरूरत है। पोषक तत्वों से भरपूर यह गुड़ सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। परंतु हर चीज के सेवन का एक सही समय और मौसम होता है। इस समय गुड़ का सेवन आपकी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। जानते है गुड़ से होने वाली कुछ स्वास्थ्य समस्यायों के बारे में।
पब मेड की रिसर्च में देखा गया कि कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी से भरपूर गुड़ का अधिक सेवन आपको मोटापे की समस्या से ग्रसित कर सकता है। आपका बढ़ता वजन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण हो सकता है। इसीलिए सीमित मात्रा में गुड़ का सेवन करें। जो लोग मोटापे की समस्या से परेशान है, उन्हें गुड से पूरी तरह परहेज रखने की जरूरत है। 
गुड़ का अधिक सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। किये गए अध्ययन के अनुसार गुड का ग्लाइसेमिक लेवल शरीर में ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है। इसीलिए इसके अधिक सेवन से डायबिटीज की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।
असल में गुड़ (jaggery) में सुक्रोज की मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में बनने वाले ओमेगा 3 फैटी एसिड की गति धीमी कर देता है। जिसकी वजह से जलन और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसीलिए गठिया मरीजों (arthritis) को गुड़ के सेवन से पूरी तरह परहेज रखने की जरूरत है। क्योंकि यह उनकी समस्या को और ज्यादा बढ़ा सकता है।
अधिक मात्रा में गुड़ के सेवन से पेट संबंधी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार तुरंत के बने ताजे गुड़ को खाने से कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याएं परेशान कर सकती। हमेशा गुड़ शुद्ध तरीके से नहीं बनाया जाता, कई बार इसकी अशुद्धियां हमारे पेट के इंफेक्शन का कारण बन जाती है।
गुड के अधिक सेवन से कई तरह के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। कई बार गुड़ का सेवन एलर्जीक रिएक्शन का कारण बन सकता है। सर्दी खासी, उल्टी, चक्कर, सिर दर्द और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती है।

नाक से खून आने की समस्या...

आयुर्वेद के अनुसार गुड़ की तासीर काफी गर्म होती है। इसीलिए गर्मी में गुड़ के अधिक सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। जिसकी वजह से नाक से खून आने लगता है। ऐसे में कम से कम और जरूरत पड़ने पर ही गुड़ का सेवन करने की कोशिश करें। 
हालांकि आप शरबत के रूप में सीमित मात्रा में गुड़ का सेवन कर सकती हैं। पानी के साथ मिक्स होने पर इसकी गर्म तासीर बदल सकती है।

मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए बेहतर है 'अनार'

इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए बेहतर है 'अनार'     

सरस्वती उपाध्याय                          

कोरोना वायरस के दौरान आमतौर पर लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होने की बात सामने आई है जिसके लिए लोग फल, हरी सब्जियां या फिर काढ़ा इत्यादि का सहारा लेकर इम्यूनिटी बूस्ट कर रहे हैं। अभी तक दुनियाभर में कोरोना बीमारी का इलाज नहीं मिल पाया है, इसलिए इसकी बचाव ही सुरक्षा है। डॉक्टर्स इम्यूनिटी बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं। इम्यूनिटी को बढाने के लिए लोग कई प्रकार के आयुर्वेदिक या घरेलू नुस्खे अपनाते हैं, लेकिन कई एक्सपर्ट का मानना है कि इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए अनार सबसे बेहतर माना गया है। अनार को सेहत का खजाना बताया गया है। इसमें कई प्रकार के गुण छिपे हुए हैं। इसके अलावा अनार काफी स्वादिष्ट फल होता है। आइए आपको अनार के बड़े फायदों के बारे में बताते हैं।

अनार के फायदें...

अनार, पेट की पाचन शक्ति को बढ़ाता है।

पेट में कब्ज और दस्त जैसी दिक्कत होने पर रोजाना एक अनार का सेवन कर सकते हैं, जिससे राहत मिलेगी।

अनार में प्रोटीन, विटामिन सी, फाइबर, विटामिन के, फोलेट और पौटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिससे आपके शरीर की मांसपेशियां मजबूत होंगी।

अनार शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होता है।

अनार में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं। जो शरीर में मोटापा बढ़ने और डायबिटीज की समस्या से निजात दिलाते हैं।

अनार से ब्लड प्रेशर की समस्या खत्म हो जाती है।

कहा जाता है कि अगर दो हफ्ते तक रोजाना एक-एक अनार खाया जाए तो शरीर में ब्लड प्रेशर मेंटेन रहता है।

सोमवार, 4 अप्रैल 2022

शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी, जानिए

शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी, जानिए    

सरस्वती उपाध्याय          
चैत्र नवरात्रि के 9 दिन भक्तजन माता को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं और अपनी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए श्रद्धा पूर्वक व्रत भी रखते हैं। व्रत के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है। अक्सर लोग व्रत रखने के दौरान कम मात्रा में पानी का सेवन करते हैं, जिसके कारण शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। ऐसे में कुछ ड्रिंक्स के सेवन से शरीर को हाइड्रेट रखा जा सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपनी इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि नवरात्रों में व्रत के दौरान किन ड्रिंक्स का सेवन कर सकते हैं।
नींबू से बने ड्रिंक के सेवन से शरीर को हाइड्रेट रखा जा सकता है। ऐसे में आप एक गिलास पानी में नींबू को अच्छे से निचोड़ें और अगर आप चाहें तो इसमें आधा चम्मच सेंधा नमक भी मिला सकते हैं, अब बने मिश्रण का सेवन करें। ऐसा करने से शरीर हाइड्रेट रह सकता है।
नारियल पानी के सेवन से शरीर को हाइड्रेट रखा जा सकता है। ऐसे में आप सुबह और शाम दोनों टाइम नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं इससे शरीर की कमजोरी भी दूर हो सकती है।
तरबूज के सेवन से भी शरीर को हाइड्रेट रखा जा सकता है। ऐसे में आप दो टाइम तरबूद के जूस का सेवन कर सकते हैं। इसके अंदर विटामिन, बीटा कैरोटीन और लाइकोपीन भी पाया जाता है जो पानी की कमी को दूर करने में आपके काम आ सकता है।
खीरे के पानी के सेवन से भी शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। ऐसे में आप दो टाइम खीरे के पानी के सेवन करें इसके अंदर पाई जाने वाली एंटी इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज शरीर को व्रत के दौरान कमजोरी से दूर रखने में मदद करेंगी।

बुधवार, 30 मार्च 2022

चिल-चिलाती धूप में गन्ने का रस, अमृत से कम नहीं

चिल-चिलाती धूप में गन्ने का रस, अमृत से कम नहीं    

सरस्वती उपाध्याय             
गर्मियों का मौसम आते ही ठंडे पेय पदार्थ पीने का मन करता है। जिसमे सबसे ज्यादा पसंद किया जाता हैं, गन्ने का रस। गर्मियों की शुरुआत होते ही जगह-जगह गन्ने के जूस की दुकान और ठेले देखने को मिल जाते हैं। चिल-चिलाती धूप में गन्ने का रस, किसी अमृत से कम नहीं है। गर्मियों के दिनों में यह सस्ता और बेहद गुणकारी साबित होता हैं। कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, विटामिन ए, बी1, बी2, बी3, बी5, बी6 और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर गन्ने का रस शरीर को कई तरह के फायदे पहुंचाता हैं। जिसके बारे में आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं तो आइये जानते है...
गन्ने का जूस लिवर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। ये लिवर को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता है। गन्ने के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर के विषैले तत्वों को बाहर निकालकर उसे इंफेक्शन से बचाते हैं। पीलिया के रोग में गन्ने के जूस को काफी फायदेमंद माना जाता है।
पाचन तंत्र होता है मजबूत...
 पाचन शक्ति मजबूत हो जाती है। जिससे खाना पचने में आसानी होती है। गन्ने का जूस मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाता है जिससे आपका वजन आसानी से कम हो जाता है। गन्ने का रस शरीर के लिए फायदेमंद होता है। बाजार में मिलने वाली अन्य ड्रिंक की तुलना में ये बेहतर होता है।
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन गन्ने के रस में ऐसे कई तत्व होते हैं जो शरीर का कैंसर से बचाव करते हैं। प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर से लडऩे में गन्ने के रस को काफी कारगर माना जाता है।
गन्ने का जूस दिल से जुड़ी बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद होता है। गन्ने का जूस शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करके दिल की कोशिकाओं में फैट को जमने से रोकता है। जिससे दिल की बीमारियों के होने का चांस कम हो जाता है।
तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि अगर गन्ने का रस रोज पीया जाए तो वो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या से बचाव करता है। इसमें मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और पोटैशियम जैसे तत्व हड्डियों को...
जैसा कि गर्मी, धूप और उमस से गर्मियों के सीजन में हर किसी को दिक्कत होती है। मौसम की मार पडऩे से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा हो सकती है। वहीं, गर्मी से बहुत अधिक सुस्ती और थकान महसूस हो सकती है। इन सभी परेशानियों को कम करता है गन्ने का जूस। ईख या गन्ने का रस पीने से शरीर को इंस्टैंट एनर्जी मिलती है और आप तरोताजा महसूस करते हैं।
महिलाओं को अक्सर जल्दी जल्दी यूरिन इंफेक्शन हो जाता है। ऐसे में अगर वे नियमित तौर पर गन्ने का जूस पीएं तो उन्हें काफी फायदा मिल सकता है। गन्ने का रस शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और यूटीआई इंफेक्शन का रिस्क घटाता है।
एक शोध के मुताबिक, अतिरिक्त शुगर और नमक के बिना तैयार किए गए गन्ने के जूस का सेवन शुगर के मरीज भी कर सकते हैं। गन्ने का जूस पीने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। गन्ने के जूस में नेचुरल शुगर मौजूद होती है। इसके अलावा इसमें ग्लाइसेमिक एसिड मौजूद होता है।
स्किन को ग्लोइंग बनाता है...
अगर आपकी स्किन डल हो गई है या समय से पहले झुर्रियों की परेशानी हो रही है तो आपको नियमित तौर पर गन्ने का रस पीना चाहिए। ये एंटी एजिंग साइन्स हटाता है, स्किन को चमकदार बनाता है और मुंहासों जैसी समस्याओं को दूर करता है।

शनिवार, 26 मार्च 2022

ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी

ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी    

सरस्वती उपाध्याय              
लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों, फूड हैबिट्स और जेनेटिक वजहों से डायबिटीज की बीमारी हो सकती है। मधुमेह के मरीजों के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी होता है। शुगर लेवल हाई या बहुत कम हो जाने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टर की सलाह पर आप डायबिटीज के लिए दवाइयां लेते हैं और ये जरूरी भी है, लेकिन इसके साथ कुछ नैचुरल तरीके भी हैं, जिससे आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं।
डायबिटीज के मरीज चबाएं, इस फूल की पत्तियां
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए आप सदाबहार के फूल और पत्तियों का सेवन कर सकते हैं। ये तरीका आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मददगार होगा। सदाबहार का पौधा आपको आसानी से हर जगह मिल जाएगा‌‌। आयुर्वेद के अनुसार, इसके फूल और पत्तियां डायबिटीज को कंट्रोल करने, मलेरिया, गले में खराश और ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों के इलाज में कारगर होती हैं।
सदाबहार के फूल कैसे पहुंचाते हैं फायदा ?
सदाबहार के फूल और पत्तियों में एल्कलॉइड नाम का तत्व होता है, जो पैंक्रियाज की बीटा सेल्स को सही मात्रा से इंसुलिन बनाने के लिए प्रेरित करता है। इंसुलिन से ही ब्लड में शुगर की मात्रा कंट्रोल होती है।
सदाबहार के फूल खाने का तरीका...
दिन में तीन बार 10-10 सदाबहार की पत्तियां चबाकर खाएं तो इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। सदाबहार की पत्तियों को सीधे भी खा सकते हैं और इसका जूस बनाकर पी सकते हैं। खीरा, करेला, टमाटर जैसी चीजों के साथ सदाबहार के फूल और पत्तियों का जूस बनाकर पीएं। दूसरा तरीका है कि सदाबहार के फूल को पानी में उबाल लें इसे छानकर चाय की तरह पीएं। इससे भी फायदा मिलेगा।

बुधवार, 23 मार्च 2022

फिट-एनर्जेटिक बनाने में कारगर हैं सौंफ का पानी

फिट-एनर्जेटिक बनाने में कारगर हैं सौंफ का पानी    

सरस्वती उपाध्याय      
फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर गर्मी के सीजन में ये एक चीज शरीर को ठंडा करने के साथ ही कई सारी बीमारियों से भी बचाती है। ये कोई और नहीं, बल्कि सौंफ का पानी है। सौंफ में भरपूर फाइबर मिलता है, जो वजन घटाने में भी मदद करता है। आप भी वेट लॉस करना चाहते हैं तो हर दिन सुबह सौंफ का पानी जरूर पीएं।
सौंफ का पानी को डाइट में शामिल करने से वजन भी कम होता है। शरीर को फिट और एनर्जेटिक बनाने के लिए सौंफ का पानी काफी कारगर है। आइए सौंफ के पानी के ऐसे ही जबरदस्त फायदों के बारे में जानते हैं, साथ ही ये भी जान लें कि इसे बनाने का तरीका क्या है।
सौंफ का पानी डिटॉक्सिफायर के रूप पर काम करता है। सौंफ का पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं। खाना खाने के बाद सौंफ का पीएं तो खाना आसानी से पच जाता है। सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ ही जिंक, सेलेनियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों के होने के कारण सौंफ हमारे शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है।
सौंफ के पानी से होते है ये फायदे...
सौंफ का पानी पीने से इन्सुलिन का लेवल कंट्रोल में रहता है। सुबह-सुबह सौंफ का पानी पीने से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
फाइबर से भरपूर होने की वजह से सौंफ का पानी वजन घटाने में काफी मदद करता है।
सौंफ का पानी पीने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और बैड कोलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल करता है।
सौंफ का पानी पीने से डाइजेशन भी बेहतर होता है।
सौंफ का पानी पीने से दिल से जुड़ी बीमारियां दूर हो जाती हैं।
सौंफ पेट को ठंडा रखता है, इससे एसिडिटी और कब्ज की समस्या से निजात मिलती है।
सौंफ का पानी पीने नियमित पीते हैं तो आँखों की रौशनी तेज होती है।
ऐसे बनाएं सौंफ का पानी...
करीब एक बड़ा चम्मच सौंफ लें।
एक गिलास पानी में उसे रात भर भिगो कर रखें।
सुबह भिगोए हुए सौंफ को हाथों से अच्छे से मसल लें और छान कर इसका पानी पी जाएं।
या आप सौंफ के पानी को उबाल कर भी इसे पी सकते हैं।
सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। 

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