सोमवार, 27 अप्रैल 2020

कालाबाजारी में यूपी गवर्नमेंट नंबर-1

आकांक्षा उपाध्याय


लखनऊ/अयोध्या। "जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का" की तर्ज पर हल्का पुलिस के संरक्षण में दारू विक्रेताओं ने शराब की जमकर कालाबाजारी किया। सही मायने में उत्तर प्रदेश की सरकार कालाबाजारी में नंबर वन पर है। पूरे प्रदेश में कालाबाजारी के झंडे गाड़ दिए गए हैं। जिसके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्य दिशा निश्चित नहीं है।100 रूपये की शराब 300 से 500 रूपये में बेंचकर अनुज्ञापी मालामाल हो गये। कालाबाजारी की जानकारी जनता के बींच से उठकर आलाधिकारियों तक पहुंची तो प्रशासन की टीम ने शराब की दूकानों पर जब छापेमारी शुरू की तो चौकाने वाले नतीजे सामने आये। कहीं स्टाक रजिस्टर में दर्ज बोतलों से कम माला मिला तो कहीं पूरी दूकान ही बोतलों से खाली मिली। यही नहीं कई दूकानदार तो भाग खडे हुए।
नगर मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि जनता के बींच से यह जानकारी आयी थी की चोरी छिपे लॉकडाउन के दौरान अंग्रेजी शराब के अनुज्ञापियों द्वारा चोरी छिपे शराब की बोतलें पियक्कड़ों को उपलब्ध करायी जा रही हैं। जानकारी को संज्ञान में लेते हुए शनिवार की रात से दूकानों पर छापेमारी शुरू की गयी पहला छापा रिकाबगंज अल्काटावर के सामने स्थित अंग्रेजी शराब की दूकान पर डाला गया। स्टाक रजिस्टर से जब मिलान किया गया तो पता चला कि लगभग 28 बोतलें नदारद हैं उन्होंने बताया कि सीओ सिटी अरविन्द चौरसिया की मौजूदगी में हुई छापेमारी के बाद दूकान को सीज कर दिया गया। रविवार को छुट्टी के बावजूद सुबह से ही छापेमारी शुरू कर दी गयी। गंन्दा नाला सुभाष नगर स्थित अंग्रेजी शराब की दूकान जब अनुज्ञापी द्वारा खुलवायी गयी तो वहां एक भी बोतल शराब है ही नहीं। शराब की बोतलें कहां गयीं इसकी जानकारी में अनुज्ञापी छापामार दल को नहीं दे पाया। नाका स्थित बियर की दूकान पर जब छापा डाला गया तो पता चला कि स्टाक में दर्ज माल से कम शराब व बियर की बोतले हैं। अनियमित्ता पाये जाने के बाद दूकान को सीज कर दिया गया। इसी भांति गुदड़ी बाजार मोड़ पर स्थित शराब की दूकान के अनुज्ञापी को जब अधिकारियों ने बुलवाया तो उसने बताया कि दूकान की चाभी नहीं मिल रही है। छापामार दल जिसमें आबकारी इंस्पेक्टर नीरजा सिंह भी शामिल थीं उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। नगर मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि रविवार की रात में भी अंग्रेजी शराब की दूकानों पर छापे मारे जायेंगे। नतीजों की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जायेगी उनके निर्देश के बाद ही दोषी अनुज्ञापियों के विरूद्ध सम्बन्धित थानों में मुकदमा दर्ज कराया जायेगा। पुलिस, आबकारी व प्रशासन की संयुक्त टीम की छापेमारी से शराब विक्रेताओं के होश उड़ गये हैं और लॉकडाउन के दौरान मालामाल होने का सपना पाले लोगों के सिर पर कानून की तलवार लटकती दिखायी पड़ने लगी है जिससे उनकी नींद हराम हो गयी है।


 


दुनिया के अनुभव ने काफी कुछ सिखाया

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से एक बार फिर से मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन को लेकर चर्चा की। इसस दौरान हिमाचल और मेघालय को छोड़कर सभी राज्यों ने लॉकडाउन को खत्म करने की सलाह दी। संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के दौरान उनकी मुख्यमंत्रियों के साथ यह तीसरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है। बैठक में तीन मुद्दों पर चर्चा हुई है। एक, राज्यों में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास। दूसरे 20 अप्रैल से गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त छूटों के क्रियान्वयन पर राज्यों का फीडबैक और तीसरे, तीन मई के बाद की क्या रणनीति हो।


देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं।  बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। कोरोना वायरस पर जारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। वहीं, इस चर्चा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। हालांकि इस दौरान राज्यों की तरफ से भी अपने मुद्दे रखे गए। इनमें आर्थिक पैकेज की मांग प्रमुख हैं। चर्चा के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से लॉकडाउन को तीन मई के आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।कोरोना वायरस को लेकर जारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन शामिल नहीं हुए हैं। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से  कहा कि केरल ने अपने सुझाव लिखित में दिए हैं। उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि पर्यटन और तीर्थयात्री लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुए हैं। पीएम के हस्तक्षेप से हम जल्द ही अपने उद्योग और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर पाएंगे। सभी एहतियाती उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, व्यापार और व्यापार गतिविधियां चरण-वार तरीके से शुरू होनी चाहिए। हमें धीरे-धीरे स्थिति को सामान्य करने के लिए लोगों के जीवन को आसान बनाना होगा। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने इस बारे में बात की कि लॉकडाउन के बाद केंद्र के निर्देशों का किस तरह पालन होगा। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने राज्य के स्वास्थ्य संबंधी योद्धाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और अन्य चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने पर उद्योग शुरू करने की इच्छा व्यक्त की और कोविद -19 से लड़ने के लिए भारत सरकार से वित्तीय सहायता मांगी।ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि वह लॉकडाउन जारी रखने के पक्ष में हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आर्थिक गतिविधियों को इजाजत दी जाए। पटनायक ने कहा, “मैं केंद्र सरकार से विनती करता हूं कि हम अर्थव्यवस्था के उपायों को शुरू करें क्योंकि हम बीमारी पर लगाम लगाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शाम जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना रोगियों की संख्या बढ़कर 26917 हो गई है। इस बीच 5914 लोगों को अस्पताल से छुटी दी जा चुकी है। सरकार का दावा है कि कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने के प्रतिशत में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है तथा यह बढ़कर 21.90 फीसदी तक पहुंच गया है। बाकी 20177 लोगों का देश के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उधर, कैबिनेट सचिव ने भी राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात की। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में ज्यादा मामले हैं, वे लॉकडाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं तथा चिकित्सा सेवाओं को मजबूत बनाएं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ के जरिये देश को संबोधित किया और कोरोना को लेकर अति-आत्मविश्वास से बचने को कहा। कोरोना वायरस कहर के बीच रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई देश की जनता लड़ रही है। उन्होंने कहा कि भले ही कारोबार हो, कार्यालय की संस्कृति हो, शिक्षा हो या चिकित्सा क्षेत्र हो, हर कोई कोरोना वायरस महामारी के बाद की दुनिया में बदलावों के अनुरूप ढल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ सीखा रहा है, इसलिए हमें  अति-आत्मविश्वास नहीं पालना चाहिए, क्योंकि कोरोना से सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।


886 लोगों की मौतें, संक्रमित 28380

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और एनसीडीसी ने संयुक्त संवाददाता में कोरोना वायरस को लेकर कई तथ्य सामने रखे। गृह मंत्रालय ने बताया कि छह अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईएमटीसी) के गठन के अलावा आज चार और आईएमटीसी का गठन किया गया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि मरीजों का रिकवरी रेट 20.57 फीसदी है। प्रेस कांफ्रेंस में कोविड एंपावर्ड ग्रुप अधिकारी भी मौजूद थे।


स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कल से आज तक 491 लोग ठीक हुए हैं, ठीक होने वालों की कुल संख्या 4748 हुई। पिछले 24 घंटे में 1684 नए मामले सामने आए हैं। अबतक संक्रमितों की कुल संख्या 28380 है। 4748 लोग अभी तक सही हुए हैं, हमारा रिकवरी रेट 20.57 फीसदी है। पिछले 28 दिन से 15 जिलों में कोई नया केस सामने नहीं आया है। अभीतक 80 जिलों में पिछले 14 दिन से नया मामला सामने नहीं आया है। कोरोना से अबतक 886 लोगों की मौत हुई है। कोई भी शिकायत मिलने पर हमारी रैपिड एक्शन टीम तुरंत हरकत में आ जाती है। ये हाउस टू हाउस सर्च करती है, और इसका डाटा रिकॉर्ड किया जाता है। मरीजों का उपचार होने तक उसकी निगरानी चलती रहती है, 28 दिनों तक निगाह रखी जाती है। गृह मंत्रालय ने कहा कि कुछ आर्थिक गतिविधियों की अनुमित इस आधार पर दी गई है कि लॉकडाउन नियमों, सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन हो।   कुछ ऐसी व्याख्या की जा रही थी कि किसी फैक्टरी में कोविड मरीज पाए जाने पर सीईओ को सजा हो सकती है, या फैक्टरी को तीन महीने के लिए सील किया जा सकता है, इसलिए गृह मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। छह अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीमों के गठन के अलावा गृह मंत्रालय ने आज चार और आईएमटीसी का गठन किया है। इन टीमों को एडिशनल सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी देख रहे हैं। मुंबई की टीम ने कहा है कि सर्विलांस की और जरूरत है। इंदौर टीम ने 171 कंटेनमेंट जोन के बारे में बताया है। हेल्थ प्रोटोकॉल का मजबूती से पालन किया जाए।


विश्व में उम्मीद की नई आशा जगी

अकाशुं उपाध्याय


न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन (बंद) में यूरोपीय देशों द्वारा चरणबद्ध एवं व्यस्थित तरीके से ढील दिए जाने की कोशिशों के तहत स्पेन ने छह सप्ताह के बंद के बाद पहली बार बच्चों को बाहर जाकर खेलने की अनुमति दी। इस बीच, अमेरिकी गवर्नर अपने-अपने राज्यों में अपने-अपने तरीके से बंद में ढील देने के लिए कदम उठा रहे हैं।
     
चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण का केंद्र रहे वुहान के अस्पतालों में कोविड-19 का अब कोई मरीज नहीं है। वुहान में इस संक्रमण से करीब 3,900 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के बाद सोमवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में काम पर लौट आए हैं। अमेरिका में संक्रमण के बुरी तरह प्रभावित न्यूयॉर्क और मिशिगन के गर्वनरों ने कम से कम मई के मध्य तक बंद लागू रखने का फैसला किया है। जॉर्जिया, ओकलाहोमा और अलास्का ने कुछ कारोबार फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। अमेरिका स्थित 'जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी' के अनुसार संक्रमण से दुनिया भर में दो लाख लोगों की मौत हो चुकी है और 29 लाख लोग संक्रमित हुए हैं। हालांकि माना जा रहा है कि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक है। इटली, ब्रिटेन, स्पेन और फ्रांस में बीस-बीस हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा करीब 55,000 है। इटली में मौत की संख्या में कमी आने के बीच प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंते ने सामान्य स्थिति पर लौटने के लिए एक समय-सारिणी तैयार की है जिसके तहत फैक्ट्रियों, निर्माण कार्यों और थोक आपूर्ति कारोबारों को संक्रमण को काबू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की शर्त पर काम पुन: आरंभ करने की अनुमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि चार मई से पार्क खोल दिए जाएंगे, अंतिम संस्कार की अनुमति दी जाएगी, एथलीट प्रशिक्षण आरंभ कर सकेंगे और एक ही क्षेत्र में रहने वाले अपने संबंधियों से मिल सकेंगे। यदि सब सही रहा, तो 18 मई को स्टोर और संग्रहालय खोल दिए जाएंगे और एक जून से कैफे एवं सलून खोले जाएंगे। लेकिन उन्होंने लोगों को इस दौरान मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की हिदायत दी। दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस संक्रमण के केवल 10 नए मामले सामने आए हैं। यह लगातार 26वां दिन हैं जब नए मामलों की संख्या 100 से नीचे है। देश में इस वायरस से कुल 10,738 लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से 243 की मौत हो गई है। दक्षिण कोरिया ने वृहद स्तर पर जांच करके और मरीजों को पृथक-वास में रख कर इस संक्रमण को काबू किया है। देश में आर्थिक गतिविधियों या अन्य गतिविधियों पर बंद लागू नहीं किया गया था लेकिन स्कूलों को बंद कर दिया गया था जिन्हें खोले जाने पर विचार किया जा रहा है।


सभी से लॉक डाउन पालन की अपील

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को किस तरह आया बढ़ाया जाए। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अहम बैठक हुई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली इस बैठक में गृह मंत्री अमित ने शाह ने सभी मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने की अपील की है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि सरकार ने सावधानीपूर्वक ट्रेड और इंडस्ट्री को कुछ छूट दी है। पीएम मोदी के ‘जान भी जहान भी’ के मार्गदर्शन पर सब आगे बढे।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये लड़ाई लंबी है धैर्य के साथ लड़नी पड़ेगी।


कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया गया है। देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने बैठक में कहा, ‘ये हमारा चौथा संवाद है। बीच-बीच में सभी मुख्यमंत्रियों से मेरी व्यक्तिगत बात होती रहती है। हमारे सामूहिक प्रयासों का कुछ हद तक असर दिख रहा है। लॉकडाऊन का प्रभाव पड़ा है और हमें उसका फायदा मिल रहा है।


बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शिरकत कर रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के दौरान तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री मास्क लगाए नजर आए तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने हरे रंग के बॉर्डर वाले सफेद गमछे से मुंह को ढंका हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण देश में युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने जोर दिया कि लोगों को सावधान रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा था, ‘मैं आपसे अति आत्मविश्वासी नहीं होने का आग्रह करता हूं।आपको अपने अति-उत्साह में ये नहीं सोचना चाहिए कि यदि कोरोना वायरस अभी तक आपके शहर, गांव, सड़क या कार्यालय तक नहीं पहुंचा है, तो यह अब नहीं पहुंचेगा. कभी भी ऐसी गलती न करें। दुनिया का अनुभव हमें इस संबंध में बहुत कुछ बताता है।


सेवानिवृत्ति में नहीं किया कोई बदलाव

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु को कम करने की कोई योजना नहीं है। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मीडिया के एक हिस्से में आई उन रिपोर्टों का खंडन किया कि कर्मचारियों को जल्द सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार के कर्मचारी वर्तमान में 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर उन रिपोर्टों को गलत बताया कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 50 वर्ष तक कम करने के लिए एक प्रस्ताव दिया है।


मंत्री ने कहा कि सेवानिवृत्ति की आयु को कम करने के किसी प्रस्ताव पर और सरकार के किसी स्तर पर चर्चा नहीं की गई है। सिंह ने कहा, कुछ प्रेरित तत्व हैं, जो पिछले कुछ दिनों में मीडिया के एक वर्ग में इस तरह की गलत जानकारी फैला रहे हैं। वे ऐसी खबरों के लिए सरकारी सूत्रों या कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को जिम्मेदार ठहराते हैं। इससे जुड़े पक्षों के मन में उत्पन्न भ्रम दूर करने के लिए हर बार एक त्वरित खंडन करने की मांग की जाती है। सिंह ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस समय देश कोरोना वायरस संकट से गुजर रहा है, कुछ तत्व और निहित स्वार्थी लोग मीडिया की कहानी गढ़कर सरकार के अच्छे कामों का महत्व कम करने की कोशिश करते हैं। इसके विपरीत कोरोना वायरस की चुनौती की शुरुआत से ही सरकार और कार्मिक विभाग ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए त्वरित निर्णय लिया है।


उड़ी एलओसी पर गोलाबारी जारी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सोमवार को भारतीय और पाकिस्तानी सेना के बीच भारी गोलीबारी और गोलाबारी शुरू हो गई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि हाजीपीर इलाके में दोनों पक्षों के बीच बड़े पैमाने पर गोलीबारी हुई। 
पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी और गोलाबारी शुरू कर दी, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल कर करारा जवाब दिया। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया कि क्या पाकिस्तान की गोलाबारी का मकसद घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ कराना था। आखिरी रिपोर्ट आने तक, क्षेत्र में अभी भी छिटपुट गोलाबारी का दौर चल रहा था।


उन्नाव की महिला पत्रकार हुई संक्रमित

महिला पत्रकार कोरोना वायरस से संक्रमित
उन्‍नाव। जिला के गंगाघाट थानाक्षेत्र में शुक्लागंज की आनंद नगर मोहल्ला निवासी एक महिला पत्रकार के कोरोना वायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद उन्हें पृथक-वास में रखा गया है। संक्रामक रोग प्रभारी डा. आर एस मिश्रा ने सोमवार को बताया कि रविवार देर रात कानपुर से सूचना मिली कि जनपद के शुक्लागंज नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाली एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। इसके बाद कानपुर से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम महिला पत्रकार को लेकर कानपुर चली गयी जबकि उनके परिवार के तीन अन्‍य सदस्‍यों को उन्‍नाव जिला अस्‍पताल में आइसोलेट किया गया है। तीनों का सैम्‍पल लेकर जांच के लिए भेजा जायेगा।


मिश्रा ने बताया कि महिला पत्रकार का सैम्‍पल कानपुर में लिया गया था। इसलिए कानपुर में ही उन्‍हें पृथक-वास में रखा गया है। जिले में कोरोना संक्रमित यह दूसरा मरीज है। इससे पहले एक मरीज उन्‍नाव शहर कोतवाली अंतर्गत किला क्षेत्र में मिला था। सूचना के साथ ही उन्‍नाव जिला प्रशासन हरकत में आ गया और घर के आसपास के एक किलोमीटर इलाके को सील कर दिया।


मिश्रा ने बताया कि नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिलकर पूरे एरिया को सैनिटाइज करने का कार्य शुरू कराया है। दो दिन पहले अचानक तेज बुखार से पीडित हुए सीएमओ के रसोइया के बारे में मिश्रा ने बताया कि उसकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है । सीएमओ उन्नाव ने खुद को क्वारेंटाइन किया हुआ है । रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही रिपोर्ट प्राप्‍त होगी, आगे की कार्रवाई की जायेगी।


प्रवासियों को वापस लेने की अपील

महाराष्ट्र ने 6 राज्यों से की अपने 3.5 लाख प्रवासियों को वापस ले जाने की अपील, कहा- राज्यों की सीमा तक हम छोड़ेंगे


मुंबई। लॉकडाउन के दौरान नांदेड़ में ऐतिहासिक गुरुद्वारा हुजूर साहिब में फंसे 100 सिख श्रद्धालुओं के पहले जत्थे के पंजाब हरियाणा और नई दिल्ली वापस पहुंचने के बाद महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजय मेहता ने अन्य राज्यों के प्रमुखों से अपने प्रदेश के लोगों को वापस ले जाने की अपील की है। महाराष्ट्र में फिलहाल उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 3.5 लाख प्रवासी फंसे हुए हैं। मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार दूसरे राज्यों के लोगों को उनके राज्यों के बॉर्डर तक छोड़ने के लिए तैयार है।


शनिवार को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने कश्मीरी कामगारों और उत्तर प्रदेश के लोगों को अपने राज्यों में वापस भेजा है। पंजाब, हरियाण और दिल्ली के कुल 3800 श्रद्धालु लॉकडाउन घोषित होने से एक दिन पहले 23 मार्च को नांदेड़ आए हुए थे और फिर वहीं फंस गए।


3300 किमी का फासला तय करेंगी बसें


पहला जत्था शुक्रवार को रवाना किए जाने के बाद पंजाब सरकार ने शनिवार को 80 और बसें भेजीं जिसके आज पहुंचने की संभावना है। ये बसें बाकी श्रद्धालुओं को वापस लेकर आएंगी। ये बसें 3,300 किमी दूरी का फासला तय कर लौटेंगी जिसमें तीन ड्राइवर, एक कंडक्टर और एक पुलिसकर्मी मौजूद होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक मेहता ने अन्य राज्यों के अपने समकक्षों से कहा कि अगर वह राजी हो जाते हैं तो महाराष्ट्र सरकार प्रवासियों को अपने राज्य से उनके राज्यों की सीमा तक छोड़ेगी। वैसे ही जहां महाराष्ट्र के कामगार फंसे हैं उन्हें भी अन्य सरकारें राज्य की सीमा तक छोड़ें। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अजय मेहता ने ये मुद्दा केंद्रीय कैबिनेट सचिव की बैठक में उठाया।


केंद्र के सामने उठाया गया है मुद्दा
रिपोर्ट के मुताबिक सीएम उद्धव ठाकरे ने यह मुद्दा केंद्र सरकार और राज्य का दौरा करने पहुंची केंद्रीय टीम के सामने भी उठाया है, लेकिन दोनों ही तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है। बता दें 15 अप्रैल को करीब 1500 प्रवासी कामगार मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे। मजदूरों को ये जानकारी मिली थी कि इस दिन उनके लिए लंबी दूरी वाली ट्रेन शुरू कर दी जाएंगी। गौरतलब है कि तख्त श्री हजूर साहिब सिख धर्म का एक पवित्र स्थान माना जाता है। देश भर में लॉकडाउन बढ़ने के बाद फंसे हुए श्रद्धालु पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के संपर्क में थे जिन्होंने सीएम ठाकरे से बातचीत की।


पंजाब के सीएम ने ली थी इजाज़त
ठाकरे ने सिंह ने कहा कि उन्हें श्रद्धालुओं को भेजने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी। इसके बाद पंजाब के सीएम ने ये मुद्दा गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखा जिन्होंने इसे विशेष मामला मानते हुए श्रद्धालुओं को ले जाने की अनुमति दी। पंजाब और महाराष्ट्र के बीच प्रमुख सचिव स्तर की वार्ता होने के बाद इसे मंजूरी मिल गई और नादेड़ के कलेक्टर को सिखों को यात्रा पास देने के निर्देश दिए गए।


अधिकारी ने कहा कि हमने श्रद्धालुओं को बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए। बसों में 52 यात्रियों की क्षमता के बावजूद सिर्फ 35 यात्रियों को भेजा गया. बाकी श्रद्धालुओं को भेजने के लिए 100 बसों की जरूरत होगी। श्रद्धालुओं के शुक्रवार को बस में चढ़ने से पहले उनकी मेडिकल जांच की गई। टेस्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। अधिकारी ने बताया कि वापस पहुंच के लिए बाद ये सभी लोग 14 दिन के क्वारंटाइन में रहेंगे।


14 मार्च के बाद मौतों में भारी कमी

रोम। इटली में कोरोना वायरस के चलते होने वाली मौतों का 14 मार्च के बाद सबसे कम आंकड़ा दर्ज किया गया है।नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने एक दिन में 260 मौतों का आंकड़ा दर्ज किया है। बता दें, अमरीका के बाद इटली में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। इटली में 26,644 लोगों की मौत हुई है। इटली में लगातार तीसरे दिन मौतों के आंकड़ों में गिरावट आई है। शनिवार को इटली में 415 मौतें हुई थीं।


वहीं इटली जहां लॉकडाउन से निकलने की तैयारी कर रहा है, वहीं यह स्पष्ट है कि लोम्बार्डी में कुछ गड़बड़ियां हुईं, जो कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र रहा। इटली यूरोप में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है और अमेरिका के बाद सबसे अधिक इसी देश में 26 हजार लोगों की इस घातक वायरस से मौत हुई है। इटली में सबसे पहले यह मामला 21 फरवरी को सामने आया और उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात पर जोर दे रहा था कि वायरस पर ‘नियंत्रण किया जा सकता है। हालांकि इस बात के भी साक्ष्य हैं कि जनसांख्यिकी और स्वास्थ्य सेवाओं में कमियों के साथ ही राजनीतिक एवं व्यावसायिक हितों के कारण लोम्बार्डी की एक करोड़ आबादी प्रभावित हुई और सबसे ज्यादा दुखद स्थिति नर्सिंग होम में देखी गई।


स्पेन में मृतकों की संख्या में कमी

 मेड्रिड। कोरोना वायरस महामारी से स्पेन में रोज मरने वालों की संख्या में कमी आई है और रविवार (26 अप्रैल) को यह संख्या 288 रही जो 20 मार्च के बाद से सबसे कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। देश में पिछले छह हफ्तों में पहली बार लॉकडाउन में ढील देते हुए बच्चों को बाहर निकलने की अनुमति दी गई।


स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि रोज मरने वालों की संख्या में कमी आयी है और यह शनिवार (25 अप्रैल) के 378 के आंकड़े से घटकर रविवार को 288 दर्ज किया गया। मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस की चपेट में आने से देश में अबतक 23 हजार 190 लोगों की मौत हो चुकी है जो दुनिया में अमेरिका और इटली के बाद सर्वाधिक है। स्पेन की सरकार द्वारा बच्चों को घर से बाहर निकलने देने की सख्त मनाही के आदेशों को हटाए जाने के कारण करीब छह हफ्ते बाद सड़कें बच्चों के खेलने-कूदने से गुलजार दिखीं। करीब 44 दिनों तक बच्चों के घरों में रहने के बाद स्पेन की सरकार ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों को रविवार सुबह पहली बार घर से बाहर आने की इजाजत दी। वे अब अपने माता-पिता में से किसी एक के साथ घर के एक किलोमीटर तक के दायरे में एक घंटे तक सैर कर सकेंगे। फेस मास्क लगाकर घूम रहे तीन साल की उम्र के जुड़वां लड़कों की मां सुसाना ने कहा, “यह शानदार है। मैं विश्वास नहीं कर सकती छह हफ्ते हो गए। मेरे लड़के बहुत सक्रिय हैं। आज जब उन्होंने घर का मुख्य दरवाजा खुला देखा और मैंने उन्हें उनकी साइकिल दी तो वे बेहद रोमांचित नजर आए।” बच्चे अपने साथ अपना एक खिलौना रख सकते हैं लेकिन उन्हें दूसरे बच्चों के साथ खेलने की इजाजत नहीं होगी और उन्हें कम से कम एक मीटर की दूरी बरकरार रखनी होगी। पार्क भी बंद रखे गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि माता-पिता और बच्चे बाहर घूमकर आने के बाद साबुन से अच्छी तरह अपने हाथ धोएं।


मस्जिदः 2 दर्जन से अधिक लोगों की भीड़

ढाका। कोरोना के कहर के बीच दक्षिणी बांग्लादेश की एक स्थानीय मस्जिद में दो दर्जन से अधिक लोगों को नमाज के लिए एकत्रित करने वाले एक मौलवी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। रमजान के महीने में उन्होंने तकरीबन दो दर्जन लोगों का नमाज के दौरान नेतृत्व किया था।


बीडीन्यूज24 के अनुसार, मगुरा जिले के अदादंगा गांव की एक मस्जिद में मौलवी ने नमाज के लिए लोगों को इकट्ठा किया था। मौलाना के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन वहां आने वाले अन्य 20-25 लोगों की सूची तैयार कर रहा है। वहीं, अगर किसी में भी कोरोना के लक्षण पाए गए तो उनका कोरोना का टेस्ट किया जाएगा। शालिकहा उप-जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तनवीर रहमान ने बताया कि मस्जिद से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित मौलवी के बाघरपारा पशिचिमा गांव को लॉकडाउन कर दिया गया है। बांग्लादेश में अभी तक 5,416 कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा रविवार तक 145 लोगों की मौत हो चुकी हैैं।    
बांग्लादेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए छह अप्रैल से ही मस्जिदों में एकत्रित होकर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। वहीं, इससे संबंधित मंत्रालय ने भी नोटिस जारी करके लोगों से घरों में रहकर नमाज पढ़ने की अपील की है।नोटिस में कहा गया है कि शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदों में ज्यादा से ज्यादा दस लोग ही एकत्रित हो सकते हैं। वहीं, कोरोना वायरस की वजह से पांच मई तक के लिए लॉकडाउन को बढ़ाया गया है।


इंडोनेशियाः चमगादड़ों की बिक्री जारी

जकार्ता। कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। करीब 4 अरब लोग अपने घरों में कैद हैं और लाखों लोग मारे गए हैं। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस का स्रोत चमगादड़ों का माना जा रहा है और वहां पर इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इस बीच इंडोनेशिया में चमगादड़ों की बिक्री धड़ल्‍ले से जारी है। आलम यह है कि चमगादड़ बेचने वाली दुकानों पर 'सोल्‍ड आउट' के बोर्ड लगे हैं।


जिंदा जानवरों की खरीद-फरोख्‍त के लिए पूरी दुनिया में कुख्‍यात उत्‍तरी इंडोनेशिया के टोमोहोन एक्‍सट्रीम मार्केट में कोरोना महामारी के बाद भी जिंदा जानवरों की बिक्री जारी है। इस मार्केट में काफी नमी रहती है जिससे कभी भी यहां से कोई महामारी फैल सकती है। इस बीच वैज्ञानिकों का कहना है कि इसी तरह के वातावरण वाली वुहान मार्केट से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला। हर दिन करीब 50 से 60 चमगादड़ बिक रहे। पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्‍था पेटा के सदस्‍यों ने अप्रैल महीने में टोमोहोन मार्केट का दौरा किया। ये लोग थाईलैंड के बैंकाक में स्थित एक मार्केट में भी गए थे। उन्‍होंने पाया कि इन बाजारों में फर्श खून से सनी हुई है। दुकानदार सूअर को काटकर उसे अपने खुले हाथों से लोगों को बेच रहे हैं। दुकानों के काउंटर पर सांप, कुत्‍ते, मेंढक और सूअर के मांस रखे हुए हैं।


मजदूरों की आवाजाही पर दिया आदेश

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की आवाजाही का मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच चुका है। सोमवार को न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। जिसमें केंद्र सरकार को मामले की जांच करने और दो राज्यों के बीच मजदूरों की आवाजाही के मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया।


सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा कि इस जानकारी को कैसे सत्यापित किया जाएगा कि प्रवासी मजदूरों की आवाजाही बंद नहीं हुई है। इसपर याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वे लोगों को उनके मूल गांव वापस भेजेंगे। हालांकि गृह मंत्रालय की तरफ से किसी भी तरह की आवाजाही की इजाजत नहीं है। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि गृह मंत्रालय ने मजदूरों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि पिछले दिनों मंत्रालय ने मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया था। जिसमें मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति नहीं है। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा था कि लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए मजदूरों को कुछ शर्तों के साथ राज्य के अंदर उनके काम के स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि तीन मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की इजाजत नहीं होगी।


अमेरिका में घटकर मौत का आंकड़ा 1330

वाशिंगटन। अमेरिका में आज कोविड 19 से 1330 मौतें दर्ज की गईं। ये आंकड़ा जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी टैली द्वारा जारी किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका दूसरे देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उन्हें यह समझा रहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान से हुई है। उन्होंने कहा कि वायरस कहां से आया यह समझाने की जिम्मेदारी चीन की है। उन्होंने बेन शापिरो शो में शुक्रवार को कहा कि चीन को दिसंबर 2019 से वायरस के बारे में पता था। उन्होंने कहा, 'हमें अमेरिका में हुई मौतों और यहां जिस तरह के आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, उसके लिए जिम्मेदार पक्षों की जवाबदेही तय करनी होगी।'


देश में कोरोना संक्रमण फैलने की औसत दर भले ही लॉकडाउन के बाद कम हुई लेकिन तीन राज्यों में बढ़ते प्रकोप ने चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में हालात चिंताजनक हैं। देशभर में कुल 826 मौतों में से दो तिहाई से ज्यादा (555 मामले) सिर्फ इन तीन राज्यों से हैं। इस लिहाज से दिल्ली चौथे और उत्तर प्रदेश छठे पायदान पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में एक दिन में 811 नए मरीज मिले। पिछले 6 दिन में 71 लोगों की मौत हुई है यानी औसतन हर दो घंटे में एक मरीज दम तोड़ रहा है।


महीनों बाद चीन के बंद स्कूल खुले

बीजिंग। कई महीनों के बंद के बाद चीन की राजधानी पेइचिंग के स्कूल सोमवार को खुले। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने स्कूलों में वापसी की और वापसी को लेकर वे काफी खुश थे। इसकी वजह यह थी कि उन्हें कई दिनों बाद अपने दोस्तों से मिलने का मौका मिल रहा था। यूनिफॉर्म में आए इन बच्चों के कंधों पर बैग था। वहीं, इन बच्चों की जिंदगी में जो नई चीज आ गई है वह है मास्क। सभी बच्चों के फेस पर मास्क लगा हुआ था।


अनोखे यूनिफॉर्म के साथ लौटे बच्चेः हैंगजाउ में पहली कक्षा के बच्चे भी स्कूल लौट आए हैं। इस बार उनका अनुभव बिल्कुल अलग है क्योंकि उनका यूनिफॉर्म बदल गया है। दरअसल, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए उन्हें मास्क के साथ ही स्पेशल हेड गियर पहनाया गया है।


चीन ने सूचना के आरोपों को नकारा

बीजिंग। चीन के विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें चीन पर संक्रमण को लेकर गलत सूचना देने का आरोप है। इसके पूर्व अमेरिका की राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कोरोना के वैश्विक प्रसार के लिए चीन को उत्‍तरदायी माना है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने कोरोना की जानकारी को दुनिया के सामने साझा नहीं किया।


उसने सारी जानकारी छिपा कर रखी। उधर, चीन ने कहा कि उसने कोरोना को लेकर कोई दुष्‍प्रचार नहीं किया। चीन ने कहा है उसके पास इसके पोख्‍ता सबूत है। यूरोपीय संघ की विदेश नीति शाखा की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन एवं रूस कोरोना प्रसार के लिए जिम्‍मेदार हैं। चीन यूरोपीय संघ की एक रिपोर्ट को रेकना चाहता था, लेकिन बाद में यह रिपोर्ट जारी कर दी गई। बीजिंग ने यूरोपीय संघ पर इस रिपोर्ट को रोकने के लिए दबाव डाला था। बीजिंग ने कहा कि इस रिपोर्ट से दोनों के संबंधों में कटुता उत्‍पन्‍न होगी।


नियमों में बदलाव से भड़क गया चीन

FDI नियमों में बदलाव से भड़क गया है चीन


चीनी मीडिया दे रही फार्मा निर्यात रोकने की धमकी


दवाओं के लिए बेस माल जैसा होता है एपीआई भारत में करीब 85 फीसदी API चीन से आता है


बीजिंग। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच चीन की कई देशों से तल्खी बढ़ रही है। अब इस सूची में भारत भी शामिल हो गया है। भारत द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों में बदलाव से भड़के चीन की सरकारी मीडिया में यह माहौल बनाया जाने लगा है कि चीन हमारे देश में अपने फार्मा निर्यात को रोक सकता है। चीन से हमारे देश में फार्मा की बात करें तो सबसे ज्यादा दवाएं बनाने के लिए जरूरी एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (API) आता है। क्या हम अपने देश में एपीआई बनाकर चीन की अकड़ खत्म नहीं कर सकते? क्या हैं आखिर समस्याएं, आइए जानते हैं...


क्या होता है एपीआईः सबसे पहले यह जान लें कि एपीआई क्या होता है। इसका मतलब होता है एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट। वि​श्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तैयार फार्मा उत्पाद यानी फॉर्मुलेशन के लिए इस्तेमाल होने वाले किसी भी पदार्थ को एपीआई कहते हैं। गौरतलब है कि एपीआई ही किसी दवा के बनाने का आधार होता है, जैसे क्रोसीन दवा के लिए एपीआई पैरासीटामॉल होता है। तो आपने यदि पैरासीटामॉल का एपीआई मंगा लिया, तो उसके आधार पर किसी भी नाम से तैयार दवाएं बनाकर उसे निर्यात कर सकते हैं। तैयार दवाएं बनाने की फैक्ट्री में ज्यादा निवेश करने की जरूरत नहीं होती है और इसे लगाना आसान होता है।


ब्रिटेन पीएम ने संभाल लिया कामकाज

लंदन। कोरोना से जंग जीतने के बाद एक हफ्ते पहले अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने सोमवार को अपने ऑफिस में फिर से कामकाज संभाल लिया। यूके की मीडिया के अनुसार, कोरोना से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए जॉनसन को 12 अप्रैल को डिस्चार्ज किया गया था। इसके बाद वह सोमवार को अपने ऑफिस 10, डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे और प्रधानमंत्री का कामकाज संभाला।


बोरिस की गैरमौजूदगी में ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब उनकी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बीते हफ्ते ही ब्रिटेन के एक अखबार ने दावा किया था कि बोरिस जल्दी ही काम पर लौट सकते हैं। हालांकि इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा था कि फिलहाल जॉनसन के ऑफिस आने की तारीख तय नहीं है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ‘मैंने जॉनसन से बात की है। वह खुश हैं और निश्चित तौर पर उनके स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। लेकिन वह काम पर कब लौटेंगे, यह उनका और डॉक्टरों का मामला है।’ जॉनसन (55) को कोरोना वायरस की महामारी से ठीक होने के बाद 12 अप्रैल को सेंट थॉमस अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। अस्पताल से निकलने के बाद जॉनसन दो हफ्ते के लिए क्वारंटीन में चले गए थे। क्वारंटीन का वक्त पूरा होने के बाद जॉनसन ने अपने हेल्थ अडवाइजर्स से अस्पताल जाने को लेकर फीडबैक भी लिया था, जिसके बाद वह सोमवार को फिर से पीएम पद का कामकाज संभालने पहुंचे।


नाबालिक को नहीं मिलेगा 'मृत्युदंड'

रियाद। सऊदी अरब के किंग सलमान ने किया नाबालिक को मौत की सजा नहीं देने का आदेश जारी किया। देश के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। किंग ने 10 साल की कैद काट चुके लोगों के मामलों की समीक्षा करने और उनकी आगे की सजा माफ करने का भी आदेश दिया है। पिछले दो दिन में यहां की दो कठोर सजा खत्म की गई है। शनिवार को यहां कोड़े मारने की सजा पर रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के सजा के तरीके पर टिप्पणी करने के बाद यह फैसला किया गया था। अब यहां कोड़े मारने की सजा को जेल या जुर्माने में बदला गया है।


ऐसा माना जा रहा है कि किंग सलमान के बेटे और क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की वजह से इस्लामिक कानून के तहत कठोर सजा के प्रावधान बदले गए हैं। इस्लामिक कानून कट्टरपंथी वहाबी मान्यताओं पर आधारित है। दुनिया के कई देशों में इसका पालन होता है। किंग सलमान के आदेश के बाद देश में कम से कम छह लोगों की मौत की सजा खत्म हो जाएगी। ये सभी अल्पसंख्यक शिया समुदाय के हैं। सभी की उम्र 18 साल से कम है। हालांकि नाबालिगों से जुड़े आतंकी गतिविधियों वाले मामलों पर अलग से सुनवाई का आदेश जारी किया गया है। यहां पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का मामला दर्ज होता है। ऐसे मामलों में देश की कानून व्यवस्था बिगाड़ने और राजा के आदेश का उल्लंघन का आरोप लगाया जाता है। क्राउन प्रिंस सलमान ने सऊदी अरब में कई उदारवादी नीतियां अपनाई हैं। उन्होंने 2018 में देश में महिलाओं को कार चलाने की अनुमति दी थी। इसे सऊदी का एतिहासिक क्षण बताया गया था। उनकी कई कोशिशों को सराहा गया है, लेकिन मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी है। वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद उन पर गंभीर आरोप लगे हैं। 2019 में तुर्की के सऊदी दूतावास में खशोगी की हत्या कर दी गई थी।


'घरों में लोग, सड़क पर सांप'

सुनील यादव


अयोध्या में मचा हंगामा पुलिस ने उठाया बड़ा कदम


अयोध्या। कोरोनावायरस को लेकर लॉक डाउन से जनमानस ही नहीं बल्कि जमीनों पर रेंगने वाले जानवर भी अपना पेट भरने के लिए अब सड़कों पर दिखाई देने लगे हैं ऐसी एक घटना राम नगरी अयोध्या में दिखी जब लॉक डाउन के दौरान जरूरी सामानों को लेने के लिए खुले राशन की दुकान पर जा रहे लोगों को अपना जान बचाकर भागना पड़ा और देखते ही देखते बड़ी संस्था में लोग एकत्रित हो गए।
दरअसल अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के बाबू बाजार स्थित आज दोपहर लॉक डाउन के दौरान खुले राशन की दुकान पर जा रहे कुछ लोग अचानक सड़क पर विषैले नाग को देख जोर से चिल्लाते हुए भाग खड़े हुए जिसके बाद वहां पर बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई भीड़ को देखते हुए सांप राशन की दुकान में घुस गया और राशन दुकानदार भी अपनी दुकान को छोड़कर वहां से भाग खड़ा हुआ वही कोरोनावायरस को देखते हुए भीड़ की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को वहां से अपने घरों के लिए जाने की अपील की उसके बाद काफी मशक्कत के बाद अयोध्या पुलिस ने सपेरे के माध्यम से उस सांप को पकड़ लिया सपेरे द्वारा पूछे जाने पर सांप की स्थिति बहुत ही गंभीर बताया कहां किया घोड़ा पछाड़ सांप है जो कि बहुत ही विषैला होता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक सांप पिछले कई दिनों से दिखाई देता रहा है लेकिन पकड़ने की स्थिति में वह अक्सर नालो इत्यादि में छुप कर भाग जाता था लेकिन आज सांप भीड़ को देखते हुए दुकान में घुस गया जिसके कारण पकड़ा जा सका है यह सांप 5 फुट लंबा है जिसके कारण आसपास के क्षेत्र में काफी दिनों से भय का वातावरण था।


गरीबी के दलदल का दायरा

लाखों भारतीय गरीबी के दलदल में फंस सकते हैं
नई दिल्ली। आरबीआई के पूर्व गवर्नर दुव्वूरी सुब्बाराव ने रविवार को कहा कि लॉकडाउन यदि लंबे समय तक रहा, तो इससे लाखों भारतीय गरीबी के दलदल में फंस सकते हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि कोविड-19 संकट समाप्त होते ही अर्थव्यवस्था में वी शेप की रिकवरी आ सकती है और भारतीय अर्थव्यवस्था में अन्य देशों के मुकाबले अधिक तेजी के साथ रिकवरी होगी। सुब्बाराव ने यह बात एक वेबीनार में कही, जिसमें आरबीआई की पूर्व डिप्टी गवर्नर उषा थोराट ने भी हिस्सा लिया। वेबीनार का विषय था- इतिहास बार-बार दोहराता है, लेकिन अलग तरीके से- कोरोना के बाद की दुनिया के लिए सबक। वेबीनार का आयोजन मंथन फाउंडेशन ने किया था। 


भारत के बेहतर प्रदर्शन की संभावना से नहीं हों संतुष्ट
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा कि विश्लेषकों का मानना है कि इस साल भारत की जीडीपी घट जाएगी या इसकी विकास दर में गिरावट आएगी। लेकिन इस संकट से पहले ही हमारी विकास दर घट चुकी है। अब यह पूरी तरह से रुक गई है। पिछले साल विकास दर 5 फीसदी रही थी। इस साल यदि यह शून्य फीसदी रहती है, तो विकास दर में पूरे 5 फीसदी की गिरावट आएगी। यह सच है कि इस संकट के दौरान भारत का प्रदर्शन अधिकतर देशों से बेहतर होगा। लेकिन इससे हमें संतुष्ट नहीं हो जाना चाहिए। क्योंकि हम एक गरीब देश हैं और यदि लॉकडाउन जल्दी समाप्त नहीं किया गया, तो पूरी संभावना है कि लाखों लोग गरीबी के दलदल में फंस जाएंगे।


सुब्बाराव ने कहा कि विश्लेषकों के मुताबिक भारत में वी शेप में तेजी आएगी, जो कि अधिकतर देशों से बेहतर होगा। और हम वी शेप रिकवरी की उम्मीद क्यों करते हैं? क्योंकि चक्रवाती तूफान और भूकंप के विपरीत मौजूदा संकट में कोई संपत्ति बर्बाद नहीं हुई है। फैक्ट्र्रियां अपनी जगह खड़ी हैं। दुकान अपनी जगह बनी हुई हैं। लॉकडाउन समाप्त होते ही लोग काम करने के लिए तैयार हैं। इसलिए यह उम्मीद है कि रिकवरी वी शेप में आएगी। और जहां तक वी शेप रिकवरी की संभावना है, तो भारत की स्थिति अन्य देशों से बेहतर है।


उन्होंने कहा कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद कई अन्य देशों के मुकाबले भारत में अधिक तेजी के साथ रिकवरी हुई थी। इस साल भारत की विकास दर 1.9 फीसदी रहने के अंतरराष्ट्र्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमान के बारे में उन्होंने कहा कि यह अनुमान पुराना पड़ चुका है। कई विश्लेषक मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार घटने वाला है। उषा थोराट ने का कि मौजूदा स्थिति में सिस्टम में नकदी बढ़ाने से बहुत फायदा मिलने की उम्मीद नहीं है। बैंक और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) ज्यादा कर्ज दे सकें, इसके लिए उन्हें क्रेडिट गारंटी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि संकट के समय राज्यों को ज्यादा सहयोग चाहिए और सब्सिडी में सुधार किए जाने की जरूरत है।


गाजियाबादः संक्रमित क्षेत्रों में स्क्रीनिंग

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कोरोना-19 टीम जिला अस्पताल गाजियाबाद से एनटीईपी  व आरबीएसके की टीमों द्वारा विभिन्न सेक्टरों में वसुंधरा  गाजियाबाद क्षेत्र मे कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के घर के आसपास के घरों पर टीमों के सदस्यों द्वारा कोरोना वायरस के प्रति स्क्रीनिंग की गई। साथ ही कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के घर के बाहर कोविड -19 का स्टीकर भी लाया गया जिसमें टीम द्वारा घर-घर जाकर प्रत्येक सदस्यों का हालचाल व बाहर से आने वाले सदस्यों के बारे में भी जानकारी एकत्रित की। इसके साथ-साथ मलेरिया टीम द्वारा क्षेत्र में सैनिटाइजर का छिड़काव कराया गया। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एनटीईपी (टीबी) विभाग के श्री महेश कौशिक, नीरज कुमार शर्मा, रविंद्र कुमार भोजपुर, रविंद्र कुमार द्वितीय, सीपी गोड, राकेश कुमार बम्हेटा,पवन कुमार, कपिल कुमार, राजेंद्र सिंह, राजेश कुमार शर्मा, रविंद्र चौधरी, गौतम सिंह, प्रणेश कुमार दुबे जी एवं आरबीएसके की टीम की तरफ से डॉक्टर नवनीत कौशिक ,डॉक्टर आशुतोष सिंह,डॉ सुशांन्त, डॉक्टर चेतन वर्मा, वरुण शर्मा, स्वास्थ केंद्र लोनी से हैल्थ सुपरवाइजर श्री राधे कृष्ण शर्मा और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम सदस्यों के साथ सभी ने अपना योगदान दिया।


 


बिहार के 56 संक्रमित हुए स्वस्थ

अजयदीप चौहान


पटना। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से आज पूरी दुनिया लड़ रही है। भारत में भी कोरोना का आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ रहा है। बिहार में भी इस सप्ताह काफी तेज रफ़्तार से कोरोना का डाटा बढ़ा है। इसी कड़ी में इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है पटना से जहां कोरोना के 11 मरीजों के ठीक होने की पुष्टि हुई है। इन मरीजों के ठीक होने के साथ ही यह आंकड़ा बिहार में 56 हो गया है।


11 नए मरीज हुए ठीक
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के मुताबिक के मुताबिक अब तक बिहार में कुल 251 मरीज सामने आये हैं। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एक बड़ी जानकारी साझा करते हुए इस बात कि सूचना दी कि सूबे में 11 और मरीज ठीक हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि बिहार में स्वस्थ हुए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या 56 हो गई है।


बिहार में 193 केस एक्टिव
इन दिनों बिहार में लगातार पॉजिटिव मामले सामने आने के बीच यह एक बड़ी राहत की खबर है। एक सप्तास की बात की जाए तो 7 दिनों में कुल 165 पॉजिटिव मरीज सामने आये हैं। जिसके कारण बिहार के 21 जिले कोरोना संक्रमित हो गए हैं। बिहार में दो लोगों की मौत और 56 लोगों के ठीक होने के बाद फिलहाल 193 केस एक्टिव हैं। किस जिले के कितने मरीज ठीक हुए हैं। बिहार सरकार की ओर से अभी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया गया है।


शनिवार को मिले 28 नए पॉजिटिव केस
इससे पहले बिहार में शनिवार रात तक कोरोना के 28 नए मरीजों की पहचान हुई थी। शनिवार को मिले 28 नए पॉजिटिव केसों में 7 पटना, 6 कैमूर, 5 बक्‍सर, 3 मुगेर, 2 रोहतास व आरा, सारण, वैशाली, अरवल और गया के एक-एक मरीज शामिल थे। कोरोना से 22 जिले अबतक प्रभावित हो चुके हैं। बिहार में 45 मरीज स्‍वस्‍थ हो अस्‍पताल से घर लौट चुके हैं. जबकि दो लोगों की मौत हो गई है। जो मुंगेर और वैशाली जिले के रहने वाले थे।


स्वस्थ होने पर नवादा के डीएम ने सर्टिफिकेट देकर किया सम्मानित


पीएम मोदी बोले- कोरोना को हराना एकमात्र लक्ष्य
उधर, देश में जानलेवा कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा है कि आज पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई लड़ रहा है। सबका एक ही लक्ष्य है कि कोरोना को हराना है। उन्होंने कहा कि भारत जैसा विशाल देश जो विकास के लिए प्रयत्नशील है, आज वह गरीबों के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से इस लड़ाई को लड़ रहा है। कोई अपनी पूरी पेंशन, पुरस्कार राशि को पीएम केयर्स में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियां दान दे रहा है, कोई मास्क बना रहा है,कहीं मजदूर भाई-बहन क्वारंटीन में स्कूल की रंगाई-पुताई कर रहे हैं। लोगों की मद कर रहे कोरोना वॉरियर्स
पीएम मोदी ने आगे कहा कि डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों। इतना ही नहीं हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफ़ी बदलाव हुआ है। हमारे पुलिसकर्मी ग़रीबों, ज़रुरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं और दवा पंहुचा रहे हैं।


जांच में मिली हॉस्पिटल में बडी कमियां

शिव हॉस्पिटल की जांच में मिली कई बड़ी खामियां,


प्राइवेट अस्पताल पर एडिशनल सीoएमoओ एवं एसoडीoएम का छापा
    
मानक विहीन अस्पताल में नोटिस चस्पा कर 24 घंटे के अंदर मांगा जवाब


रोहित गोस्वामी


लखीमपुर। तहसील गोला गोकर्णनाथ लखीमपुर रोड स्थित शिव हॉस्पिटल की जांच में मिली कई बड़ी खामियां। जांच टीम में एडिशनल सीएमओ डॉ अश्वनी, एसडीएम गोला अखिलेश यादव ,गोला सीoएचoसी प्रभारी डॉ गणेश ने सामूहिक रूप से की जांच । एडिशनल सीएमओ डॉ अश्विनी ने बताया कि जांच के दौरान जिन कमियों को पाया गया उनको अगले दिन 11:00 बजे तक पूरा करके सीoएमoओ ऑफिस में स्पष्टीकरण दें। वहीं एसडीएम अखिलेश यादव ने बताया कि अस्पताल मानक के हिसाब से नहीं चल रहा था अस्पताल में सर्जरी हुई थी लेकिन सर्जरी करने वाला कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। मेडिकल वेस्टेज के लिए डिस्पोजल की कोई व्यवस्था नहीं पाई गई। मौके पर कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं था। सभी अस्पताल से भाग गए थे। सारे दस्तावेज सील कर दिए गए हैं। और नोटिस चस्पा कर दी गई है। 24 घंटे का समय दिया गया है अपना जवाब दें। अगर नहीं देते हैं तो उसके हिसाब से कार्यवाही की जाएगी।


सांस्कृतिक धरोहर 'भगवा ध्वज'

भारत की सनातन संस्कृति की धरोहर का सांस्कृतिक दूत है परम पवित्र भगवा ध्वज


कल झारखंड में कुछ हिन्दू व्यवसायी द्वारा अपने दुकान प्रतिष्ठान पे पर परम पवित्र भगवा ध्वज फहराने पे उन्हें रोका गया और उसी संदर्भ में उनके खिलाफ तहरीर भी लिखी गयी। जिसको लेकर हमने एक पोस्ट  डाली थी ,पोस्ट पर कुछ अतिविशिष्ट ज्ञानियों द्वारा ये मत दिया गया कि परम पवित्र भगवा ध्वज केवल देवालयों आवासों पर ही फहराया जा सकता है।


संस्कृति की समग्रता, राष्ट्रीय एकता जिसमें समाहित है,,आदि काल से वैदिक संस्कृति, सनातन संस्कृति, हिंदू संस्कृति, आर्य संस्कृति, भारतीय संस्कृति एक दूसरे के पर्याय हैं जिसमें समस्त मांगलिक कार्यों के प्रारंभ करते समय उत्सवों में, पर्वों में, घरों- मंदिरों- देवालयों- वृक्षों, रथों- वाहनों ,व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर भगवा ध्वज या केसरिया पताकाएं फहराई जाती रही हैं। यह ध्वजा परम पुरुषार्थ को प्राप्त कराती है एवं सभी प्रकार से रक्षा करती है।
हमारे धर्म हमारे कर्म क्षेत्र से जुड़े है ,फिर ऐसा मत क्यो??
कोई बताएगा कि क्या परम पवित्र भगवा ध्वज क्या देवालयों पर ही फहराया जा सकता है ??
किस वैदिक परिपाटी के अंतर्गत ये ,परिभाषित होता है ??


भारत में वैदिक काल से आज तक यज्ञ एवं ध्वज का महत्व है| भारत में, जिसे जम्बूद्वीप भी कहा जाता है, यज्ञमय यज्ञ पुरुष भगवान विष्णु का सदा यज्ञों द्वारा वंदन किया जाता है| यज्ञ भगवान विष्णु का ही स्वरूप है, यज्ञों यग्योमयी विष्णु यज्ञ की अग्नि शिखाएं उसी की आभानुसार भगवा रुप भगवा ध्वज बन,,अग्नि स्वर्ण को तपा कर शुद्ध सोना बना देती है,, शुद्धता त्याग, समर्पण, बलिदान, शक्ति और भक्ति का संदेश देती है| उसकी स्वर्णमयी हिरण्यमयी चमकती सी आमा का रंग ही तो भगवा ध्वज में दिखता है,,


हिंदू संस्कृति में सूर्य की उपासना प्रभात वेला में की जाती है| सूर्योदय के समय उपस्थित सूर्य की लालिमा भगवा ध्वज में समाहित है,,उसकी सर्वमयी रश्मियां अंधःकार को नष्ट करती हुई जग में प्रकाश फैलाती है,,अज्ञानता का, अविद्या का नाश करती है और प्रकृति में ऊर्जा का संचार करती है। प्रत्येक प्राणी अपने कार्य में जुट जाता है,, बड़े- बड़े संत महात्मा, ऋषिमुनि, त्यागी तपस्वी इससे ऊर्जा प्राप्त करते हैं| सैनिक लड़ाई के मैदान में जाते हैं तो केसरिया पगड़ी धारण करते हैं,, केसरिया बाना उन्हें जोश और उत्सर्ग करने की प्रेरणा देता है, उनके रथों में, हाथों में भगवा पताकाएं फहराती हैं। भगवे ध्वज में सूर्य का तेज समाया हुआ है। यह भगवा रंग त्याग, शौर्य, आध्यात्मिकता का प्रतीक है। भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा सारथ्य किये गये अर्जुन के रथ पर भगवा ध्वज ही विराजमान था। भगवा रंग भारतीय संस्कृति का प्रतीक है| उसके बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती है| वेद, उपनिषद, पुराण श्रुति इसका यशोगान करते हैं| संतगण इसकी ओंकार, निराकार या साकार की तरह पूजा अर्चना करते हैं। चाहे गृह प्रवेश हो, पाणिग्रहण संस्कार हो या अन्य कोई हिंदू रीति-रिवाज, पूजा पर्व, उत्सव हो ,व्यावसायिक प्रतिष्ठान हो ,घर के शिखर पर प्रतिष्ठान के शिखर पर  ध्वजा फहराई जाती है और भगवान विष्णु से प्रार्थना की जाती है कि प्रभु हम सब का मंगल करें।


भगवान गरुड़ द्वारा रक्षित एवं सेवित ध्वजा हमारा मंगल करें,, हमारे ऊपर आने वाली विघ्न-बाधाएं दूर करें,,हमारे मंदिर, मकान,  व्यावसायिक प्रतिष्ठान महल, भवन, आवासीय परिसर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त करें, नष्ट करें,,शिखर पर फहराने से समस्त विघ्न-बाधाएं, अनिष्टकारी शक्तियां, अलाय-बलाय व पाप नष्ट हो जाता है| गरुड़ ध्वजा हमारे लिए सुख समृद्धि, शक्ति और दैवीय कृपा सहित कल्याणकारी हो।
संदीप गुप्ता


कोरोना संक्रमित 31 पत्रकार हुए ठीक

मुंबई के कोरोना संक्रमित 31 पत्रकार स्वास्थ होकर घर लौटे, लोगों ने ताली बजाकर किया स्वागत
मुंबई। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हाल ही में 50 से अधिक पत्रकारों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उनमें से आज 31 मीडियाकर्मी स्वस्थ होकर अपने-अपने घर वापस लौट चुके हैं। इनका दूसरा कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अस्पताल ने इन्हें छुट्टी दे दी है। साथ ही इन्हें 14 दिनों तक घर पर ही क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है। यह जानकारी आज बीएमसी ने दी है।


मुंबई के प्रतीक्षा नगर के प्रेस एनक्लेव के हाउसिंग सोसाइटी के सदस्यों ने ताली बजाकर पत्रकारों का स्वागत किया। यहां रहने वाले दो पत्रकार भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे ।
 मुंबई में कम से कम 53 मीडियाकर्मी ऐसे थे, जिनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। बीएमसी ने बताया था कि कोविड-19 की जांच के लिए 16 और 17 अप्रैल को आजाद मैदान में विशेष शिविर लगाया गया था और इस दौरान 171 मीडियाकर्मियों के लार के नमूने लिए गए थे। इनमें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के पत्रकार, फोटोग्राफर और कैमरामैन शामिल थे।
कुल 171 नमूनों में से 53 कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इनमें से अधिकतर में कोई लक्षण नहीं थे। सभी संक्रमितों को क्वारंटाइन में रखा गया था।


 


नोएडा देहात में नए 3 संक्रमित मिले

नोएडा में कोरोना के तीन नए पॉजिटिव केस में एक मूक-बधिर बच्ची भी, मरीजों की संख्या हुई 117 


 विजय भाटी


गौतम बुध नगर। उत्तर प्रदश में गौतम बुद्ध नगर में जनपद रविवार तीन और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई जिसके साथ ही इस जनपद कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या 117 हो गई है। जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि रविवार को 92 लोगों की जांच रिपोर्ट आई हैं, जिससे 89 लोगों में संक्रमण नहीं होने और तीन के संक्रमित होने की बात सामने आयी। उन्होंने बताया कि जनपद में अब कुल लोग 117 कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं जिनमें से 71 मरीज ठीक होकर अब तक घर जा चुके हैं एवं 44 मरीजों का उपचार यहां के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।


कोरोना पॉजिटिव मरीजों की आई कुल 92 रिपोर्टों में 3 पॉजिटिव पाए गए हैं। पॉजिटिव पाए गए लोगों में दो बच्चियां शामिल हैं। इनमें एक एच्छर गांव की रहने वाली 9 साल की मूक बधिर बच्ची में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, बच्ची गलगोटिया हॉस्टल में बने क्वारंटाइन सेंटर में थी। पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे शारदा अस्पताल भेजा गया है, मूक बधिर बच्ची में कोरोना संक्रमण का जिले में यह पहला मामला बताया जा रहा है। बच्ची के ताऊ व ताई भी कोरोना संक्रमित हैं. उनका इलाज पहले से ही शारदा अस्पताल में चल रहा है. बताया जाता है कि वो जमात के संपर्क में आने से संक्रमित हुए थे। 


सूचना अधिकारी ने बताया कि तीन नये मरीजों में एक 9 वर्षीय बच्ची एच्छर गांव ग्रेटर नॉएडा की है, 32 वर्षीय व्यक्ति ग्रेटर नोएडा के तिलपता गांव का है, तथा 10 वर्षीय बच्ची सेक्टर 8 नोएडा से है। उन्होंने बताया कि अन्य जनपदों से आए दो मरीज भी कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिनकी सूचना उनके गृह जनपद को दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि रविवार को नोएडा के विभिन्न अस्पतालों से ठीक होकर कोविड-19 के 12 मरीज घर पहुंचे. उनमें 8 मरीज ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में 21671 लोगों की विदेश यात्रा की पृष्ठभूमि है, सूचना अधिकारी ने बताया कि 3,053 लोगों का अब तक करोना संक्रमण के टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया है। उन्होंने बताया कि जनपद में अब कोरोना संक्रमण से सक्रिय मरीज 44 हैं।


सूचना अधिकारी ने बताया कि 570 संदिग्ध मरीज अभी विभिन्न जगहों पर पृथक वास में हैं।उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए जनपद में 400 पृथक बिस्तर तैयार हैं।उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली से नोएडा में प्रवेश पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।जिला प्रशासन द्वारा जारी पास के आधार पर ही डॉक्टर, मीडिया कर्मी, व कोविड-19 के उपचार से जुड़े स्वास्थ्य कर्मी तथा आवश्यक वस्तुओं और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग दिल्ली से नोएडा आ पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो भी व्यक्ति दिल्ली से नोएडा में आ रहा है, उसका थर्मल स्केनर मशीन की सहायता से तापमान देखा जा रहा है, तथा चेकिंग प्वाइंट पर खड़े डॉक्टर उसकी जांच कर रहे हैं, जांच में ठीक पाए जाने के बाद ही दिल्ली से नोएडा में प्रवेश दिया जा रहा है।


 


जरूरतमंदों को राहत सामग्री वितरित

श्रीबालाजी सेवा समिति द्वारा जरूरतमंदों को दी गई खाद्य सामग्री
लॉक डाउन के बाद प्रतिदिन दी जा रही खाद्य सामग्री व हरी सब्जी


सुनील पुरी
बिंदकी फतेहपुर। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉक डाउन की स्थिति चल रही है ऐसी अवस्था में तमाम लोगों के पास खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई इस समस्या को लेकर श्री बालाजी सेवा समिति द्वारा लगातार लोगों को खाद्य सामग्री व हरी सब्जी देने का काम किया जा रहा है।
 सोमवार को नगर के मोहल्ला छिपहटी सहित कई इलाकों में श्री बालाजी सेवा समिति के मोना ओमर द्वारा तमाम जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री दी गई जिसने भी खाद्य सामग्री पाई उसको कुछ राहत समझ में आई। इसके अलावा उन्होंने नगर के विभिन्न इलाकों में भी खाद्य सामग्री और हरी सब्जी पहुंचाने का काम किया इस मौके पर श्री बालाजी सेवा समिति के अन्य सदस्य अश्विनी कुमार भी मौजूद रहे इस मौके पर श्री बालाजी सेवा समिति के मोना ओमर ने बताया कि जबसे लॉक डाउन उनकी स्थिति चल रही है वे लगातार लोगों को खाद्य सामग्री हरी सब्जी देने का काम कर रहे हैं ताकि लोगों को भोजन मिल सके उन्होंने कहा कि यह क्रम उनका लगातार जारी रहेगा जब तक लाख डाउन की स्थिति बनी रहेगी।


कोरोना फाइटर्स को श्रद्धांजलि अर्पित

सुनील पुरी


फतेहपुर। थाना किशनपुर अर्तगत दौराने ड्यूटी जमुना नदी में डुबने से कोराना फाइटर्स उ0नि0 श्री रामजीत व का0 शशिकांत कुमार की मृत्यु हो गयी थी। जिसके पार्थिव शरीर को रिर्जव पुलिस लाइन फतेहपुर में केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति व खागा विधायिका श्रीमती कृष्णा पासवान सहित पुलिस महकमें के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पुष्प गुच्छ अर्पित कर दिवंगत आत्म की शान्ति के लिए प्रार्थना की गयी। सेरमोनियल गार्द द्वारा शोक सलामी दी गयी । श्रीमान पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज, परिक्षेत्र प्रयागराज श्री कवीन्द्र प्रताप सिंह द्वारा गहरा दुख व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवगंत आत्माओं को शान्ति प्रदान करने व शोकाकुल परिवार को असीम पीड़ा सहन करने की शक्ति प्रदान करे । श्रीमान पुलिस अधीक्षक फतेहपुर व अन्य अधिकारियों द्वारा पार्थिव शरीर को कंधा देकर परिवारिजनोंको सुपुर्द कर उनके गन्तव्य को रवाना किया।


वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया

कॉलेज का वार्षिकोत्सव हवन पूजन करके मनाया गया
कोरोनावायरस से बचाव के लिए लॉक डाउन का किया गया पालन
सुनील पुरी


फतेहपुर। कोरोनावायरस से बचाव के लिए लॉक डाउन का पालन करते हुए इंटर कॉलेज का वार्षिकोत्सव धूमधाम से नहीं बल्कि सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए हवन पूजन करके मनाया गया और कोरोना वायरस बीमारी से देश और समाज को जल्द दिलाने की प्रार्थना भी की गई।
क्षेत्र के दरवेशाबाद गांव के पास स्थित स्वामी विज्ञानानंद इंटर कॉलेज का वार्षिकोत्सव धूमधाम से नहीं बल्कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए हवन पूजन करके मनाया गया इस मौके पर मौजूद संत सोम आनंद महाराज ने ईश्वर से कोरोनावायरस जैसी महामारी को देश और समाज से जल्द मुक्त करने की प्रार्थना भी की उन्होंने कहा कि हवन पूजन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके चलते वायु को शुद्ध किया जा सकता है वातावरण अच्छा हो सकता है और कोरोनावायरस जैसी बीमारी को जल्द समाप्त किया जा सकता है इस मौके पर कालेज के प्रबंधक राजेंद्र कुमार गुप्ता उनकी धर्मपत्नी मीना गुप्ता के अलावा रूपा मौर्या आदि मौजूद रहे।


आंधी-बरसात से फसल हुई बर्बाद

तेज आंधी व झमाझम बारिश से किसानों की फसलें हुई बर्बाद मची तबाही 


संवादाता सुनील पुरी 


फतेहपुर। कोरोनावायरस के चलते किसानों की हालत वैसे ही खराब चल रही है और आज दैवीय आपदा के कारण किसानों की हालत बुरी तरह बेकार हो गई है प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सायं 6:15 बजे के बाद तेज आंधी आने के कारण आम की फसलें करीब 50% बेकार हो गई है आंधी के बाद तेज बारिश होने के कारण किसानों की फसलें खराब हो गई जो गेहूं खेत पर कटा हुआ मड़ाई के लिए पड़ा है एवं जो फसलें कटने के लिए खेत पर खड़ी है दोनों बारिश के कारण गेहूं की फसलें जिसे पैदावार में कमी हो  होने की आशंका है क्योंकि तेज बारिश के कारण गेहूं की फसल कटी पड़ी हुई खेतों में बुरी तरीके से लथपथ गई है जिससे काफी मात्रा में गेहूं की फसलें बर्बाद हो गई है अभी 24 घंटे नहीं बीता था अमौली क्षेत्र में भी काफी मात्रा में बारिश एवं ओले गिरने से किसान बुरी तरीके से बर्बाद हो गया है इस दैवी आपदा के कारण किसान भूखों मरने की कगार पर आ खड़ा हुआ है किसानों के साथ साथ आम लोग भी दैवी आपदा की मार झेलने पर मजबूर नजर आ रहा है ।


वायरसः मौतों के आंकड़ों में गिरावट

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से जूझ रही दुनिया के लिए रविवार अच्छी खबर लेकर आया। करीब एक महीने के बाद संक्रमण से सबसे बुरी तरह प्रभावित लगभग हर देश में इससे हो रही मौतों में कमी दर्ज की गयी है। कोरोना से हो रहीं मौतों का आंकड़ा रविवार को 5000 से नीचे रहा और दुनिया भर में 3751 मौतें दर्ज की गयीं। इसके बाद अब कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर 2,06,915 हो गया है। संक्रमण के मामलों में भी बीते 3 दिन के मुकाबले कमी आई और करीब 74,000 नए केस सामने आए जिसके बाद कुल मामले बढ़कर अब 29,93,000 से भी ज्यादा हो गए हैं। अमेरिका (US), यूरोप (Europe), एशिया (Asia) और अफ्रीका (Africa) सभी जगह नए मामलों और मौतों में कमी दर्ज की गयी है।


US में लॉकडाउन का उल्लंघन कर हजारों लोग पहुंचे बीच पर

गर्मी बढ़ने के साथ ही हजारों लोग घरों में रहने के आदेशों का उल्लंघन करते हुए दक्षिणी कैलिफोर्निया के समुद्र तटों और नदियों के किनारे उमड़ पड़े। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि घर में ही रहने के आदेश का उल्लंघन करने से कोरोना वायरस फिर से अपना प्रकोप दिखा सकता है। ऑरेंज काउंटी के न्यूपोर्ट समुद्र तट पर हजारों लोग जमा हो गए। स्थानीय निवासियों के मुताबिक सामान्य तौर पर इतनी भीड़ नहीं होती है। वहीं तटरक्षक लोगों को हिदायत दे रहे थे कि अगर वे छह या इससे ज्यादा के समूह में हैं तो एक-दूसरे से दूर-दूर रहें। पड़ोस के हंटिंगटन तट पर भी बड़ी संख्या में लोग जुटे। पार्किंग स्थल बंद होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग यहां पुहंच गए।


जॉर्जिया यूनिवर्सिटी ने खोजी औषधि

राजेंद्र कुमार 
सिरसा/जॉर्जिया। हरियाणा में सिरसा के कस्बा ऐलनाबाद के सब्जी विक्रेता राजकुमार ग्रोवर के पुत्र डा. मुकेश ग्रोवर ने वह कर दिखाया जिससे केवल ऐलनाबाद का नहीं बल्कि पूरे सिरसा, हरियाणा व पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। डा. मुकेश ग्रोवर ने संयुक्त राज्य अमेरिका के जॉर्जिया राज्य विश्वविद्यालय में कोविड -19 के लिए एक आशाजनक उपचार को खोज निकाला है। 
     कोविड-19 के पहले अमेरिकी मामलों के सामने आने के बाद फरवरी में जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट डा. मुकेश ग्रोवर ने एक शोध शुरु किया था जिसका परिणाम अब जाकर सामने आया है। अपने उच्च-स्तरीय जैव सुरक्षा लैब के परीक्षणों में डा. मुकेश ग्रोवर और उनके सहयोगियों ने औरानाफिन दवा से कोविड-19 के सफल ईलाज का दावा किया है। औरानाफिन दवा के साथ इलाज किए जाने के 48 घंटे बाद ही  संक्रमित कोशिकाओं में कोरोना वायरस की मात्रा 95 प्रतिशत कम हो गई। आपको बता दें कि औरानाफिन एक प्रकार का यौगिक है जिसमें सोना होता है और 1985 से यह जोड़ रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा औरानाफिन दवा को पहले से ही अनुमोदित किया गया है। डा. मुकेश ग्रोवर ने बताया कि हम कोविड-19 के उपचार के लिए दवाओं की तलाश कर रहे थे। लेकिन अब जाकर कुछ हल मिला है। उन्होंने अपने शोध को वायरोलॉजी पत्रिका में जारी किया है। इसे अभी तक अन्य वैज्ञानिकों द्वारा वीटो नहीं किया गया है। चिकित्सक तुरंत कोविड-19 के इलाज के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। इसे केवल एक चिकित्सक की देखरेख में लिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे अभी भी कोविड-19 के इलाज की अन्य संभावनाओं की तलाश कर रहे है। उन्हें यकीन है कि और भी कई दवाएं प्रभावी हो सकती हैं। हमें बस उनका परीक्षण करना है। आपको बता दें कि डा. मुकेश ग्रोवर शहर के वार्ड 8 निवासी राजकुमार ग्रोवर व सरोज ग्रोवर के सुपुत्र हैं। इन्होंने पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई शहर के नवज्योति स्कूल से की है। जबकि दसवीं कक्षा सर छोटूराम जाट हाई स्कूल से, बारहवीं कक्षा राजकीय नेशनल कॉलज सिरसा से तथा वेटरनरी सर्जन की पढ़ाई नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मऊ (मध्यप्रदेश) से की थी। वे 2008 में अमेरिका चले गए जहां उन्होने हवाई विश्वविद्यालय से 2012 में अपनी पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की। अपने कार्य के लिए उन्हें अमेरिका में कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। वे अमेरिका की कई प्रसिद्ध संस्थाओं में भी अपनी सेवाएं दे चुके है। वे अब जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्ष 2012 में उनकी शादी कोमल से हुई। उनके 4 वर्षीय पुत्री सान्या भी है। उनके बड़े भाई नरेश ग्रोवर गांव कोटली में जेबीटी अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। डा. मुकेश ग्रोवर की इस उपलब्धि पर शहरवासियों ने भी खुशी व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई प्रेषित की है।


इस मौसम में तरबूज के अनेक फायदे

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है और इस समय भरपूर पानी पीने के साथ साथ ऐसे फलों का सेवन करना भी जरूरी होता है जो शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सकें. तरबूज ऐसे फलों का एक बड़ा उदाहरण है. ऊपर से थोड़ा सख्त नजर आने वाला तरबूज अंदर से पानी से भरा होता है. तरबूज खाने से शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचता है. यह न केवल हेल्दी होता है बल्कि शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है. इसके अलावा इसमें अधिक मात्रा में विटामिन ए भी मौजूद होता है जो आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है. आइए आपको बताते हैं गर्मियों में तरबूज खाने के फायदों के बारे में.
तरबूज खाने के गजब फायदे


तरबूज में लाइकोपिन नामक तत्व पाया जाता है जो त्वचा की चमक को बरकरार रखता है. तरबूज खाने से स्किन का ग्लो बना रहता है और स्किन इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है.
हार्ट संबंधी बीमारियों को रोकने में भी तरबूज एक रामबाण उपाय है. ये दिल संबंधी बीमारियों को दूर रखता है. दरअसल ये कोलस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करता है जिससे इन बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
तरबूज में विटामिन ए की मात्रा बहुत अधिक होती है जिससे आंखों की रोशनी सही बनी रहती है. इसके अलावा तरबूज खाने से इम्यून सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग होता है और वायरल बीमारियों से दूर रहा जा सकता है.
तरबूज खाने से दिमाग शांत रहता है और गुस्सा कम आता है. असल में तरबूज की तासीर ठंडी होती है इसलिए ये दिमाग को शांत रखता है. इसके अलावा यह स्ट्रेस व तनाव को भी बॉडी से दूर रखता है.
तरबूज के बीज भी कम उपयोगी नहीं होते हैं. बीजों को पीसकर चेहरे पर लगाने से स्किन पर ग्लो नजर आता है. साथ ही इसका लेप सिरदर्द में भी आराम पहुंचाता है.
तरबूज के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा शरीर में खून की कमी होने पर इसका जूस फायदेमंद साबित होता है.
तरबूज को चेहरे पर रगडऩे से ग्लो तो आता ही हे साथ ही ब्लैकहेड्स भी हट जाते हैं. वहीं झुर्रियों की समस्या भी कम होती है.


ओजोन परत के छेद पर लेयर बना

इस महीने यानी अप्रैल की शुरुआत में भी वैज्ञानिकों को उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थ पोल के ऊपर स्थित ओजोन लेयर में एक 10 लाख वर्ग किमी का छेद दिखा था। यह इतिहास का सबसे बड़ा छेद था। लॉकडाउन की वजह से कम हुए प्रदूषण की वजह से ये छेद भर गया।
धरती के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के ऊपर ओजोन लेयर है। इससे पहले भी लॉकडाउन ने दक्षिणी ध्रुव के ओजोन लेयर के छेद को कम किया था। अप्रैल महीने की शुरुआत में उत्तरी ध्रुव के ओजोन लेयर पर एक बड़ा छेद देखा गया था। वैज्ञानिकों का दावा था कि यह अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा छेद है। यह 10 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला था


उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थ पोल यानी धरती का आर्कटिक वाला क्षेत्र. इस क्षेत्र के ऊपर एक ताकतवर पोलर वर्टेक्स बना हुआ था. जो अब खत्म होने के कगार पर है। नॉर्थ पोल के ऊपर बहुत ऊंचाई पर स्थित स्ट्रेटोस्फेयर पर बन रहे बादलों की वजह से ओजोन लेयर पतली हो रही थी।ओजोन लेयर के छेद को कम करने के पीछे मुख्यतः तीन सबसे बड़े कारण थे बादल,क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स और हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन्स. इन तीनों की मात्रा स्ट्रेटोस्फेयर में बढ़ गई थी। इनकी वजह से स्ट्रेटोस्फेयर में जब सूरज की अल्ट्रवायलेट किरणें टकराती हैं तो उनसे क्लोरीन और ब्रोमीन के एटम निकल रहे थे। यही एटम ओजोन लेयर को पतला कर रहे थे। जिसके उसका छेद बड़ा होता जा रहा था। इसमें प्रदूषण औऱ इजाफा करता लेकिन लॉकडाउन में वो हुआ नहीं नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसी स्थिति आमतौर पर दक्षिणी ध्रुव यानी साउथ पोल यानी अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन लेयर में देखने को मिलता है। लेकिन इस बार उत्तरी ध्रुव के ऊपर ओजोन लेयर में ऐसा देखने को मिल रहा है।


आपको बता दें कि स्ट्रेटोस्फेयर की परत धरती के ऊपर 10 से लेकर 50 किलोमीटर तक होती है। इसी के बीच में रहती है ओजोन लेयर जो धरती पर मौजूद जीवन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है।


अजबः 123 जिलों में नहीं है वेंटिलेटर

नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ पूरा देश जंग में जुटा है वहीं देश के कई जिलों में न तो वेंटिलेटर है और न ही ICU बेड। इनमें से कई जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज भी पाए गए हैं, ऐसे में सवाल यह उठता है कि हम कोरोना के खिलाफ जंग में कहां हैं ? यह खुलासा रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा सभी राज्यों के स्वास्थ सचिवों से की गई वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान हुई। इसमें UP, MP, बिहार और असम जैसे राज्य हैं जहां कोरोना का संक्रमण ज्यादा है।


सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या 27892 हो गयी है वहीं कोरोना संक्रमण से मारने वालों की संख्या 872 है, हालांकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी 6185 है। सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में पाए गए हैं जबकि दूसरे नंबर पर गुजरात है जहां कोरोना मरीजों की संख्या 3 हजार से पार कर गई है। वहीं तीसरे नंबर पर दिल्ली है। लेकिन कोरोना से मौतों के मामले में महाराष्ट्र के बाद गुजरात और उसके बाद मध्यप्रदेश का नंबर आता है। इंडियन एक्सप्रेस ने इन आंकड़ों के बारे में बताया है कि कुछ राज्यों में स्वास्थ्य सुविधा किस स्तर पर है।


इसी भयावह स्थिति पर चर्चा के लिए रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के स्वास्थ सचिव से चर्चा की उसमें यह खुलासा हुआ है कि देश के 143 जिले में ICU बीएड भी नहीं है वहीं 123 जिलों में कोई वेंटिलेटर नहीं है। इनमें से 67 जिले में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। अकेले UP में ऐसे 35 जिले हैं जिनमें 20 जिलों में कोरोना का मामला सामने आ चुका है। दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है जहां


इसके अलावा देश के 123 जिलों में जीरो वेंटीलेटर बेड हैं। इनमें से 39 जिलों में संक्रमण के मामले देखे गए हैं। जिन जिलों में वेंटिलेटर नहीं है ऐसे यूपी में 35 जिले हैं और इनमें से 20 जिलों में कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे जिलों की संख्या बिहार में 28 और असम में 17 है। जिनमें क्रमश: 10 और 3 जिलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। वहीं UP के 39 जिलों में कोई वेंटिलेटर नहीं है। दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है जहां 31 जिलों में ICU बेड नहीं है जबकि इनमें से 11 जिलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। बिहार तीसरे नंबर पर आता है जहां 29 जिलों में ICU बीएड नहीं हैं लेकिन इनमें से 11 जिलों में कोरोना का मामला सामने आ चुका है।


पीएम की मुख्यमंत्रियों से विशेष चर्चा

नई दिल्ली। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक महीने और लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम नवीन पटनायक ने लॉकडाउन को पूरे महीने तक जारी रखने की मांग की है। हालांकि, इस पर पीएम मोदी ने हर राज्य से लॉकडाउन को लेकर प्लान बनाने को कहा है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को लेकर सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की गुजारिश की, जिसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक शामिल हैं। इसके अलावा कई मुख्यमंत्रियों ने चरणवार तरीके से लॉकडाउन हटाने को कहा। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नबा दास ने कहा कि हमने मांग की है कि लॉकडाउन जारी रहना चाहिए अन्यथा हम ओडिशा में इन चीजों का सामना नहीं कर सकते। लॉकडाउन को एक महीने और रहने दीजिए, फिर, हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने टेस्टिंग, ट्रीटमेंट के हालात की जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की, जिन्होंने समय पर लॉकडाउन लगाया। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की स्थिति बताई। ये भी कहा कि यमुनोत्री और गंगोत्री कपाट खोले गए हैं।
उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रोग नियंत्रण की जानकारी दी और पूरे महीने (मई) तक लॉकडाउन की मियाद को बढ़ाने की मांग की। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य की कोरोना अपडेट और किसान मंडियों के व्यवस्थाओं की जानकारी दी। किसी एक ऐप का भी जिक्र किया, जिससे बीस तरह की सेवाएं दी जा रही हैं।
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा और दूसरे राज्यों से छात्रों को बुलाने पर एक नीति की मांग की। नीतिश ने कहा कि जब डिजास्टर कानून में साफ है कि अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय आवाजाही न हो तो भी कुछ राज्य छात्रों को बुला चुके हैं, जबकि हम केंद्र के निर्देश का पालन कर रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन खोलने को लेकर चर्चा की और कहा कि इसपर एक नीति तैयार करनी होगी, जिसपर राज्य सरकार को विस्तार से काम करना होगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में कहा कि राज्य सरकार अपनी नीति तैयार करें और किस तरह लॉकडाउन को खोला जाए. इसमें रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में राज्य अपने इलाकों में लॉकडाउन को खोला जा सकता है। जिन राज्यों में अधिक केस है, वहां लॉकडाउन जारी रहेगा, जिन राज्यों में केस कम है वहां जिलेवार राहत दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर टेंशन न लें, हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जिलों को जोन के हिसाब से बांटा है, अभी करीब 170 से अधिक जिले रेड जोन में शामिल हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट की वजह से देश में 3 मई तक का लॉकडाउन लागू है। इस बीच आगे की रणनीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। इसमें कई राज्यों की ओर से लॉकडाउन को आगे बढ़ाने और फेज़ वाइज़ लॉकडाउन हटाने का प्रस्ताव रखा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच ये बैठक करीब तीन घंटे तक चली। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि राज्य सरकारों ने अच्छा काम किया है, लॉकडाउन की वजह से हमें लाभ मिला है। इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे हुए बच्चों का मुद्दा उठाया। नीतीश कुमार ने मांग करते हुए कहा कि बच्चों को लाने के लिए एक नीति बननी चाहिए, कई राज्य लगातार बच्चों को वापस बुला रहे हैं।


गौरतलब है कि बैठक से पहले भी कई राज्य सरकारें इस बात को कह चुकी हैं कि एक दम से लॉकडाउन को हटाना खतरनाक साबित हो सकता है, ऐसे में केंद्र सरकार को लॉकडाउन को लेकर अलग-अलग नीति बनानी चाहिए।


नेता प्रतिपक्ष ने पीएम की तारीफ की

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी हमेशा से मोदी सरकार के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर नकारात्मक टिप्पणी ही करते रहते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने में मोदी सरकार की तारीफ कर सबको भौचक्का कर दिया है।


अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मोदी सरकार के उठाए कदमों की तारीफ करते हुए कहा कि भारत एक ऐसी जगह हैं, जहां 130 करोड़ की आबादी बसती है। बावजूद इसके भारत सरकार ने इस खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए महान कदम उठाए हैं। यही हम इसी तरह के कदम उठाते रहे तो भारत अनेक देशों को पीछे छोड़ विश्व का नेता बन जाएगा। अधीर रंजन चौधरी का बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस के तमाम नेता केंद्र सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनरों के महंगाई राहत को बंद किए जाने के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।


13 मुख्यमंत्रियों ने कहा बड़े लॉक डाउन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग में आज मेघालय समेत 13 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन-2 को और आगे बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री के साथ वीडियोकांफें्रसिंग में आज दिल्ली के सीएम अरबिंद केजरीवाल भी शामिल हुए। वहीं केरल के मुख्यमंत्री ने लिखित में सुझाव दिए। उनकी जगह केरल के चीफ सिकरेट्री वीसी में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोरोना संकट पर देशभर के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, इस बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन शामिल नहीं हुए हैं। चर्चा के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से लॉकडाउन को तीन मई के आगे बढ़ाने का सुझाव दिया। कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ यह तीसरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है। बैठक में तीन मुद्दों पर चर्चा हो रही है। एक, राज्यों में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास। दूसरे 20 अप्रैल से गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त छूटों के क्रियान्वयन पर राज्यों का फीडबैक और तीसरे, तीन मई के बाद की क्या रणनीति हो। हालांकि, इस दौरान राज्यों की तरफ से भी अपने मुद्दे रखे जा सकते हैं। इनमें आर्थिक पैकेज की मांग प्रमुख हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल भी कान्फ्रेंस में शामिल हुए। साथ में स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव, गृह मंत्री  ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया इस अवसर पर उपस्थित थीं।


कुलगाम में 4 आतंकियों को मार गिराया

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों ने 4 आतंकवादियों को मार गिराया। पिछले कई दिनों से लगातार आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के गश्ती दल पर हमला बोल दिया था। इसके बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 4 आतंकवादी मार गिराया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर जिले के काजीगुंड इलाके में भारतीय सेना के जवान गश्त पर निकले थे। इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के गश्ती दल पर गोलियां चला दीं। इसके बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई की और 4 आतंकवादियों को मार गिराया। ऑपरेशन में सेना के एक मेजर के घायल होने की खबर है।


इंडियन आर्मी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, प्रदेश पुलिस के संयुक्त अभियान में आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की गई। इससे पहले कुलगाम जिले में रविवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में भी दो आतंकवादी मारे गए थे। दक्षिण कश्मीर के देवसर क्षेत्र में रविवार की शाम को सुरक्षा बलों के गश्ती दल पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की थी। इसके बाद सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लोअर मुंडा इलाके में कुछ आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया।


राजस्थान: 36 नए 2221 हुए संक्रमित

नई दिल्ली। दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से लगातार जूझ रही है। चीन से फैले कोरोना वायरस ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में हाहाकार मचा दिया है। भारत में भी कोरोना का कहर लगातार बढ़ते जा रहा है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 27 हजार के पार पहुंच गई है। वहीं राजस्थान में सोमवार को 36 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 2221 हो गई है। राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी है।  राजस्थान में कोरोना से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है। रविवार को एक ही दिन में 6 लोगों की मौत हुई। इनमें 2 मृतक जयपुर, सीकर, भरतपुर व जोधपुर के 1-1 एवं आगरा के मूल निवासी एक व्यक्ति की मौत जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई। महिला की जोधपुर में मौत हुई। प्रदेश में रविवार को 69 नए केस सामने आए। इस तरह प्रदेश में अब तक 2221 संक्रमित मामले सामने आए हैं।


आयकर के 50 अफसरों पर केंद्रीय जांच

रोनक डे


नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर IRS अधिकारियों द्वारा दिया गया सुझाव उन पर भारी पड़ गया है। केंद्र सरकार को उनका सुझाव रास नहीं आया। रविवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टेमेंट के उन 50 आईआरएस अफसरों के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है, जिन्होंने कोरोना से जुड़े राहत उपायों के लिए राजस्व जुटाने की एक अवांछित रिपोर्ट तैयार की है। साथ ही इस रिपोर्ट को बिना अनुमति के सार्वजनिक भी कर दिया।


बोर्ड ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए कुछ आईआरएस अधिकारियों के सुझावों के बारे में सोशल मीडिया पर रिपोर्ट प्रसारित हो रही है। ये स्पष्ट किया जाता है कि सीबीडीटी ने आईआरएस एसोसिएशन या इन अधिकारियों से इस तरह की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कभी नहीं कहा। इन अधिकारियों की ओर से उनके व्यक्तिगत विचारों और सुझावों को सार्वजनिक करने से पहले कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी, जो कि मौजूदा आचरण नियमों का उल्लंघन है।


इस मामले में आवश्यक पूछताछ शुरू की जा रही है। ये रिपोर्ट किसी भी तरीके से सीबीडीटी और वित्त मंत्रालय के आधिकारिक विचारों को नहीं दर्शाती है। बता दें कि CBDT प्रत्यक्ष टैक्स नीतियों के लिए सर्वोच्च नीति बनाने वाली संस्था है। वहीं, आईआरएस एसोसिएशन ने ट्वीट करके कहा, ’50 युवा आईआरएस अधिकारियों द्वारा नीतिगत उपायों का सुझाव देने वाले (फोर्स) दस्तावेज को सीबीडीटी को विचारा के लिए भेजा गया। ये संपूर्ण आईआरएस या आयकर विभाग के आधिकारिक विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।


अमीरों से 50 फीसदी टैक्स लेने का दिया गया था सुझाव


बता दें कि देश के 50 आईआरएस अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव भेजकर बताया था कि देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को कैसे पुनर्जीवित किया जा सकता है। इसमें अमीर लोगों से कोविड टैक्स के नाम पर 40 फीसद तक टैक्स लेने का सुझाव दिया गया था।


आईआरएस अधिकारियों की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे गए सुझाव में कहा गया था कि जो लोग एक साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाते हैं, उनकी टैक्स रेट 40 फीसद तक बढ़ाई जा सकती है। कुछ अन्य सुझाव भी दिए गए हैं, जिनमें संपदा कर (वेल्थ टैक्स) दोबारा शुरू करना, 10 लाख रुपये से ज्यादा कर योग्य कमाई पर 4 फीसद तक कोविड-19 अधिभार (एक बार में लिया जा सकने वाला अधिभार), गरीबों के खाते में एक महीने में 5 हजार रुपये तक डायरेक्ट कैश ट्रांसफर और हेल्थकेयर सेक्टर में कॉरपोरेट व बिजनेस के लिए 3 साल के टैक्स हॉलिडे का ऐलान शामिल था।


प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुआ संक्रमित

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोनावायरस का पहला मरीज जिसे प्लाज्मा थैरेपी दी गई थी, वह अब बिल्कुल ठीक हो चुका है और रविवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 49 वर्षीय यह व्यक्ति 4 अप्रैल को कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया था। सात दिन पहले तक वह साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर था। इस व्यक्ति की मध्यम लक्षणों और रेस्पिरेटरी समस्याओं की हिस्ट्री थी।


4 अप्रैल को उन्हें मैंक्स अस्पताल की ईस्ट विंग में भर्ती कराया गया था, जो कि कोविड-19 मरीजों के लिए ही है। कुछ दिन बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी और उन्हें एक्सटर्नल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। उनमें टाइप- I रेस्पिरेटरी फेल्यूर के साथ निमोनिया विकसित हुआ, जिसके बाद उन्हें 8 अप्रैल को वेंटिलेटर पर रखा गया। जब मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं दिखा, तो उनके परिवार से अस्पताल से प्लाज्मा थैरेपी करने का आग्रह किया।


परिवार ने ही प्लाज्मा थैरेपी के लिए डोनर को ढूंढा.।डोनर ने अपने प्लाज्मा डोनेट करने से तीन हफ्ते पहले ही कोरोनावायरस से मुक्ति पाई थी। गंभीर रूप से बीमार 49 वर्षीय मरीज को 14 अप्रैल की रात को मानक उपचार प्रोटोकॉल के लिए एक साइड-लाइन के रूप में इलाज के लिए ताजा प्लाज्मा दिया गया था। डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोनावायरस से ठीक हुआ एक सिंगल डोनर दो लोगों की जान बचा सकता है, अगर वह 400ml प्लाज्मा डोनेट करे। 200ml प्लाज्मा एक मरीज के लिए काफी होता है।


प्लाज्मा देने के बाद मरीज में सुधार देखने को मिला और फिर उन्हें वेंटिलेटर से 18 अप्रैल को हटा दिया गया। 24 घंटे के अंदर उनमें इतना सुधार था कि उन्हें ओरल फीड कराया जाने लगा। 24 घंटे में दो बार कोरोनावायरस टेस्ट नेगेटिव आने के बाद 20 अप्रैल को उन्हें राउंड द क्लॉक मॉनिटरिंग के साथ रूम में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद अब वो पूरी तरह से ठीक हैं और उन्हें रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार उन्हें दो हफ्ते के होम क्वारंटीन पर रहना होगा।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 28, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-261 (साल-01)
2. सोमवार, अप्रैल 28, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- पंचमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:54।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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