सोमवार, 27 अप्रैल 2020

प्रवासियों को वापस लेने की अपील

महाराष्ट्र ने 6 राज्यों से की अपने 3.5 लाख प्रवासियों को वापस ले जाने की अपील, कहा- राज्यों की सीमा तक हम छोड़ेंगे


मुंबई। लॉकडाउन के दौरान नांदेड़ में ऐतिहासिक गुरुद्वारा हुजूर साहिब में फंसे 100 सिख श्रद्धालुओं के पहले जत्थे के पंजाब हरियाणा और नई दिल्ली वापस पहुंचने के बाद महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजय मेहता ने अन्य राज्यों के प्रमुखों से अपने प्रदेश के लोगों को वापस ले जाने की अपील की है। महाराष्ट्र में फिलहाल उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 3.5 लाख प्रवासी फंसे हुए हैं। मेहता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार दूसरे राज्यों के लोगों को उनके राज्यों के बॉर्डर तक छोड़ने के लिए तैयार है।


शनिवार को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने कश्मीरी कामगारों और उत्तर प्रदेश के लोगों को अपने राज्यों में वापस भेजा है। पंजाब, हरियाण और दिल्ली के कुल 3800 श्रद्धालु लॉकडाउन घोषित होने से एक दिन पहले 23 मार्च को नांदेड़ आए हुए थे और फिर वहीं फंस गए।


3300 किमी का फासला तय करेंगी बसें


पहला जत्था शुक्रवार को रवाना किए जाने के बाद पंजाब सरकार ने शनिवार को 80 और बसें भेजीं जिसके आज पहुंचने की संभावना है। ये बसें बाकी श्रद्धालुओं को वापस लेकर आएंगी। ये बसें 3,300 किमी दूरी का फासला तय कर लौटेंगी जिसमें तीन ड्राइवर, एक कंडक्टर और एक पुलिसकर्मी मौजूद होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक मेहता ने अन्य राज्यों के अपने समकक्षों से कहा कि अगर वह राजी हो जाते हैं तो महाराष्ट्र सरकार प्रवासियों को अपने राज्य से उनके राज्यों की सीमा तक छोड़ेगी। वैसे ही जहां महाराष्ट्र के कामगार फंसे हैं उन्हें भी अन्य सरकारें राज्य की सीमा तक छोड़ें। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अजय मेहता ने ये मुद्दा केंद्रीय कैबिनेट सचिव की बैठक में उठाया।


केंद्र के सामने उठाया गया है मुद्दा
रिपोर्ट के मुताबिक सीएम उद्धव ठाकरे ने यह मुद्दा केंद्र सरकार और राज्य का दौरा करने पहुंची केंद्रीय टीम के सामने भी उठाया है, लेकिन दोनों ही तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है। बता दें 15 अप्रैल को करीब 1500 प्रवासी कामगार मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे। मजदूरों को ये जानकारी मिली थी कि इस दिन उनके लिए लंबी दूरी वाली ट्रेन शुरू कर दी जाएंगी। गौरतलब है कि तख्त श्री हजूर साहिब सिख धर्म का एक पवित्र स्थान माना जाता है। देश भर में लॉकडाउन बढ़ने के बाद फंसे हुए श्रद्धालु पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के संपर्क में थे जिन्होंने सीएम ठाकरे से बातचीत की।


पंजाब के सीएम ने ली थी इजाज़त
ठाकरे ने सिंह ने कहा कि उन्हें श्रद्धालुओं को भेजने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी। इसके बाद पंजाब के सीएम ने ये मुद्दा गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखा जिन्होंने इसे विशेष मामला मानते हुए श्रद्धालुओं को ले जाने की अनुमति दी। पंजाब और महाराष्ट्र के बीच प्रमुख सचिव स्तर की वार्ता होने के बाद इसे मंजूरी मिल गई और नादेड़ के कलेक्टर को सिखों को यात्रा पास देने के निर्देश दिए गए।


अधिकारी ने कहा कि हमने श्रद्धालुओं को बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए। बसों में 52 यात्रियों की क्षमता के बावजूद सिर्फ 35 यात्रियों को भेजा गया. बाकी श्रद्धालुओं को भेजने के लिए 100 बसों की जरूरत होगी। श्रद्धालुओं के शुक्रवार को बस में चढ़ने से पहले उनकी मेडिकल जांच की गई। टेस्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। अधिकारी ने बताया कि वापस पहुंच के लिए बाद ये सभी लोग 14 दिन के क्वारंटाइन में रहेंगे।


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