वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज में सारा फोकस कृषि, मछली पालन और डेयरी पर रखा। सरकार ने कुल 1,63,343 करोड़ रुपए की 11 घोषणाएं की हैं।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज में सारा फोकस कृषि, मछली पालन और डेयरी पर रखा। आज सरकार ने कुल 1,63,343 करोड़ रुपए की 11 घोषणाएं की हैं। यह घोषणाएं इस प्रकार हैं।
1 लाख करोड़ रुपए का फंड बनाया जाएगा, फार्मर प्रोड्यूस ऑर्गनाइजेशन, कोऑपरेटिव,एग्रीगेटर को ये फंड इन्फ्राट्रक्चर सुधारने के लिए दिया जाएगा। इससे किसान के लिए भंडारण में आसानी होगी ,पोस्ट हार्वेस्ट वैल्यू चैन बनेगी, किसान की आय बढ़ेगी। छोटे आकार के फूड इंटरप्राइजेज के लिए 10,000 करोड़ रुपए फंड की व्यवस्था, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हर्बल प्रोडक्ट न्यूट्रिशन प्रोडक्ट के लिए, 2 लाख छोटे आकार के फूड इंटरप्राइजेज को इससे फायदा होगा। अपना प्रोडक्ट एक्सपोर्ट अच्छे से कर पाएंगे ये इंटरप्राइज। इसमें कैटेगरी और महिलाओं पर विशेष फोकस रहेगा। केसर, बांस, मिर्ची, मखाना जैसे फसलों के क्लस्टर में शामिल इसमें,छोटे आकार के फूड इंटरप्राइजेज को इस स्कीम से बहुत फायदा होगा।
मत्स्य संपदा योजना के तहत 55 लाख लोगों को रोज़गार, 1 लाख करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट बढ़ेगा। इसमें मछली पालन में लगे किसानों, मछुआरों को फायदा होगा। इसके लिए 20,000 करोड रुपए फंड की व्यवस्था की गई है।नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत 13,343 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, देश में 53 करोड़ एनिमल है। इनकी हंड्रेड परसेंट वैक्सीनेशन होंगी। अब तक डेढ़ करोड़ गाय और भैंसों का वैक्सीनेशन हो चुकी है। सरकार का मकसद फुट एंड माउथ डिजीज को खत्म करना है। इससे डेयरी प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ेगी और किसानों का प्रोडक्ट अच्छा बिकेगे।
करोड रुपए पशुपालन के तहत डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए दिए जाएंगे. निजी भागीदारी करने वालों को भी इससे फायदा होगा। डेयरी इंडस्ट्रियल प्लांट्स को इससे बढ़ावा देंगे, पशुओं के अच्छे चारे का इंतजाम इसके जरिए होगा। हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, 2.25 लाख हेक्टेयर में इस समय हर्बल खेती हो रही है। अगले 2 साल में 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल खेती होगी। इससे किसानों की इनकम इससे 5000 करोड़ रुपए बढ़ेगी. मेडिसिनल प्लांट बोर्ड गंगा नदी के आजू-बाजू में हर्बल खेती को बढ़ावा देगा। हर्बल खेती के उत्पादों के लिए रीजनल मंडी तैयार की जाएंगी। मधुमक्खियों को बचाने के विशेष अभियान के जाएगा इसके लिए 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की , इससे 2लाख किसानों को फायदा होगा जो मधुमक्खी पालन में लगे हैं।मधुमक्खी जो वैक्स बनाती हैं वह इंपोर्ट किया जाता है, वह पैदा किया जाएगा यहीं पर। ग्रामीण महिलाओं को इससे जॉब मिलेगा. उपभोक्ताओं को बेहतर शहद मिल पाएगा।
500 करोड़ रुपए की योजना में टमाटर, प्याज और आलू के अलावा दूसरी सब्जियों को भी फायदा होगा। किसानों को ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज के लिए 50- 50% सब्सिडी मिलेगी। योजना के तहत अब तक केवल टमाटर, प्याज, आलू को ही इस योजना में शामिल किया गया था,अब यह योजना सारी फल और सब्जियों के लिए जाल लागू होगी यानि योजना नाम होगा इसका।
एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में बदलाव किया जा रहा है, ताकि किसानों को सही कीमत मिल सके। अनाज, तेल ,तेल बीज दाल प्याज आलू इनको डेरेगुलेटेड किया जाएगा। यानि इनमें स्टॉक लिमिट साधारण स्थिति में नहीं लगाई जाएगी और एसेंशियल कमोडिटी एक्ट केवल विशेष परिस्थितियों में लगाया जाएगा। स्टॉक लिमिट बहुत ही विशेष परिस्थिति में लगाई जाएंगी यह प्राकृतिक आपदाओं के समय होगा।
एग्रीकल्चर मार्केटिंग नियमों में बदलाव किए जाएंगे ताकि किसान अपनी फसल को किसी भी राज्य में बेच सकें।किसानों के पास अब यह चॉइस रहेगी कि वह अपना उत्पाद किसे बेचे, जरूरी नहीं कि वह निर्धारित लाइसेंसी को ही भेजेगा अब। इसके लिए केंद्र सरकार कानून में बदलाव करेगी।
किसान को अपनी फसल को बोने के पहले ही यह पता होगा कि जब फसल आएगी तो यह कितने दाम पर बिक सकेगी, वह अपना दाम पहले ही फिक्स कर ले, इसलिए हम कानूनों में बदलाव करेंगे। इसमें प्रोसेसर एग्रीगेटर लाज रिटेलर और एक्सपोर्टर्स की सहायता भी ली जाएगी। इस फ्रेमवर्क से किसान को एक अश्योर्ड रिटर्न मिलेगा उसकी फसल का कल और परसों भी सरकार घोषणाएं करेगी।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhuy_vFAF-m4URGNx_DJoGQfG-ASGEibKj2SX2mOTzpxtsRrGJzk_7rnTSVS1SbCWiBMALzi5f4vWr9iXT-ybQf1muSshpby6R7WwaAhadFTtkQeZiE-riFg_ccGzF9xyeRKszvqdBW2p0/)