शनिवार, 16 मई 2020

तेज बढ़ते 'संक्रमण' के लिए सुझाव

नई दिल्ली। भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर लगाम लगाने के लिए विशेषज्ञों ने एक सुझाव दिया है। अमेरिका स्थित येल स्कूल ऑफ मेडिसिन सहित विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत जब तक कोरोना का टीका विकसित नहीं हो जाता तब तक रेड लाइट एरिया को बंद करके संक्रमण के 72 फीसद मामलों को रोक सकता है। यही नहीं शोधकर्ताओं का यह भी दावा है कि भारत ऐसा कदम उठाकर महामारी के चरम में पहुंचने में 17 दिन की और देरी कर सकता है।


वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि इस अध्ययन के नतीजों को भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझा भी किया गया है। इसमें वैज्ञानिकों ने सरकारों से अनुशंसा की है कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद भी रेड लाइट इलाकों को बंद रखा जाए। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस पहलकदमी से 45 दिनों में कोरोना संक्रमण के 72 फीसद मामलों में कमी आएगी। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद रेड लाइट इलाके को बंद रखा जाता है तो शुरुआती 60 दिनों में कोरोना से होने वाली मौतों में 63 फीसद तक की कमी लाई जा सकती है।


वैज्ञानिकों ने इस अध्‍ययन में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन यानी एनएसीओ का भी हवाला दिया है जिसके मुताबिक, भारत में करीब 6,37,500 यौन कर्मी हैं और करीब पांच लाख ग्राहक हर रोज रेड लाइट इलाकों का रुख करते हैं। शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि लॉकडाउन के बाद ये इलाके बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि पांच भारतीय शहरों के रेड लाइट एरिया इस समय रेड जोन में शामिल हैं।


चीन से ₹5 लाख करोड़ लाएगा भारत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना प्रकोप से त्रस्त, आर्थिक नजरिए से ध्वस्त और अंतर्मन से जले-भुने भारतवासियों के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है कि, चीन से 5 लाख करोड़ रुपए लाएगे। वह बदलते वक्त के लिहाज से एक दूरदर्शितापूर्ण कदम है। साथ ही, जितनी चतुराई से उन्होंने लोकल को वोकल बनकर ग्लोबल बनाने का आह्वान किया है,वह बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की लगभग तीन दशकीय परिलक्षित मानसिकता पर एक मजबूत चोट है। लगे हाथ पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने संजोते हुए समाज के सभी संघर्षशील वर्गों को संतुष्ट करने की जो भागीरथ कोशिश की है, उसके गहरे आर्थिक और सियासी निहितार्थों की अनदेखी भी नहीं की जा सकती है।


लावा इंटरनेशनल कंपनी ने फैसला लिया

नई दिल्ली। मोबाइल उपकरण बनाने वाली घरेलू कंपनी लावा इंटरनेशनल ने कहा कि वह चीन से अपना कारोबार समेट कर भारत ला रही है। भारत में हाल में किए गए नीतिगत बदलावों के बाद कंपनी ने यह कदम उठाने का फैसला किया है।


कंपनी ने अपने मोबाइल फोन विकास और विनिर्माण परिचालन को बढ़ाने के लिये अगले पांच साल के दौरान 800 करोड़ रुपये निवेश की योजना बनाई है। लावा इंटरनेशनल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हरी ओम राय ने कहा, उत्पाद डिजाइन के क्षेत्र में चीन में हमारे कम से कम 600 से 650 कर्मचारी है। हमने अब डिजाइनिंग का काम भारत में स्थानांतरित कर दिया है।भारत में हमारी बिक्री जरूरत को स्थानीय कारखाने से पूरा किया जा रहा है। भारत में लॉकडाउन अवधि के दौरान लावा ने अपनी निर्यात मांग को चीन से पूरा किया।


राय ने कहा, मेरा सपना है कि चीन को मोबाइल उपकरण निर्यात किये जायें। भारतीय कंपनियों मोबाइल चार्जर पहले ही चीन को निर्यात कर रही हैं। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना से हमारी स्थिति में सुधार आयेगा। इसलिये अब पूरा कारोबार भारत से ही किया जायेगा।


गुजारिशः मंदिर-तीर्थ स्थलों को खोल दें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच शनिवार को अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की है कि वे देश के सभी मंदिर और तीर्थ स्थलों को फिर से खोल दें। महासभा ने इसके अलावा कोरोनावायरस को असुर करार देते हुए दावा किया है कि उसे केवल और केवल दैवीय शक्तियां ही मार सकती हैं।


इसी बीच, ने प्रवासी मजदूरों पर एक सेंट्रल ऑनलाइन रेपॉजिट्ररी तैयार किया है, जिसका नाम है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, इसकी मदद से राज्यों के बाहर आसानी से आवागन संभव हो सकेगा। मंत्रालय ने इस बाबत राज्यों से कहा है कि वे बेहतर सहयोग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और आवाजाही की निगरानी के लिए एनएमआईएस डैशबोर्ड पर डेटा अपलोड करे।


इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि वे कोरोनावायरस से लड़ाई के बीच अपने दोस्त भारत को वेंटिलेटर पहुंचाएंगे। ट्रंप ने  कहा था कि महामारी के इस मुश्किल दौर में हम प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं। इस पर अब पीएम ने राष्ट्रपति ट्रंप को शुक्रिया कहा। मोदी ने कहा, “इस महामारी से हम मिलकर लड़ रहे हैं। ऐसे समय में सभी देशों को साथ काम करने और दुनिया को स्वस्थ और कोरोना से स्वतंत्र बनाने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करनी होंगी। भारत-अमेरिका की दोस्ती को और ज्यादा मजबूती मिले।”


वित्तमंत्रीः 163343 करोड़ की 11 घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज में सारा फोकस कृषि, मछली पालन और डेयरी पर रखा। सरकार ने कुल 1,63,343 करोड़ रुपए की 11 घोषणाएं की हैं।


नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज में सारा फोकस कृषि, मछली पालन और डेयरी पर रखा। आज सरकार ने कुल 1,63,343 करोड़ रुपए की 11 घोषणाएं की हैं। यह घोषणाएं इस प्रकार हैं।


1 लाख करोड़ रुपए का फंड बनाया जाएगा, फार्मर प्रोड्यूस ऑर्गनाइजेशन, कोऑपरेटिव,एग्रीगेटर को ये फंड इन्फ्राट्रक्चर सुधारने के लिए दिया जाएगा। इससे किसान के लिए भंडारण में आसानी होगी ,पोस्ट हार्वेस्ट वैल्यू चैन बनेगी, किसान की आय बढ़ेगी। छोटे आकार के फूड इंटरप्राइजेज के लिए 10,000 करोड़ रुपए फंड की व्यवस्था, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट हर्बल प्रोडक्ट न्यूट्रिशन प्रोडक्ट के लिए, 2 लाख छोटे आकार के फूड इंटरप्राइजेज को इससे फायदा होगा। अपना प्रोडक्ट एक्सपोर्ट अच्छे से कर पाएंगे ये इंटरप्राइज। इसमें कैटेगरी और महिलाओं पर विशेष फोकस रहेगा। केसर, बांस, मिर्ची, मखाना जैसे फसलों के क्लस्टर में शामिल इसमें,छोटे आकार के फूड इंटरप्राइजेज को इस स्कीम से बहुत फायदा होगा।


मत्स्य संपदा योजना के तहत 55 लाख लोगों को रोज़गार, 1 लाख करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट बढ़ेगा। इसमें मछली पालन में लगे किसानों, मछुआरों को फायदा होगा। इसके लिए 20,000 करोड रुपए फंड की व्यवस्था की गई है।नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत 13,343 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, देश में 53 करोड़ एनिमल है। इनकी हंड्रेड परसेंट वैक्सीनेशन होंगी। अब तक डेढ़ करोड़ गाय और भैंसों का वैक्सीनेशन हो चुकी है। सरकार का मकसद फुट एंड माउथ डिजीज को खत्म करना है। इससे डेयरी प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ेगी और किसानों का प्रोडक्ट अच्छा बिकेगे।


करोड रुपए पशुपालन के तहत डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए दिए जाएंगे. निजी भागीदारी करने वालों को भी इससे फायदा होगा। डेयरी इंडस्ट्रियल प्लांट्स को इससे बढ़ावा देंगे, पशुओं के अच्छे चारे का इंतजाम इसके जरिए होगा। हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, 2.25 लाख हेक्टेयर में इस समय हर्बल खेती हो रही है। अगले 2 साल में 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल खेती होगी। इससे किसानों की इनकम इससे 5000 करोड़ रुपए बढ़ेगी. मेडिसिनल प्लांट बोर्ड गंगा नदी के आजू-बाजू में हर्बल खेती को बढ़ावा देगा। हर्बल खेती के उत्पादों के लिए रीजनल मंडी तैयार की जाएंगी। मधुमक्खियों को बचाने के विशेष अभियान के जाएगा इसके लिए 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की , इससे 2लाख किसानों को फायदा होगा जो मधुमक्खी पालन में लगे हैं।मधुमक्खी जो वैक्स बनाती हैं वह इंपोर्ट किया जाता है, वह पैदा किया जाएगा यहीं पर। ग्रामीण महिलाओं को इससे जॉब मिलेगा. उपभोक्ताओं को बेहतर शहद मिल पाएगा।


500 करोड़ रुपए की योजना में टमाटर, प्याज और आलू के अलावा दूसरी सब्जियों को भी फायदा होगा। किसानों को ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज के लिए 50- 50% सब्सिडी मिलेगी। योजना के तहत अब तक केवल टमाटर, प्याज, आलू को ही इस योजना में शामिल किया गया था,अब यह योजना सारी फल और सब्जियों के लिए जाल लागू होगी यानि योजना नाम होगा इसका।


एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में बदलाव किया जा रहा है, ताकि किसानों को सही कीमत मिल सके। अनाज, तेल ,तेल बीज दाल प्याज आलू इनको डेरेगुलेटेड किया जाएगा। यानि इनमें स्टॉक लिमिट साधारण स्थिति में नहीं लगाई जाएगी और एसेंशियल कमोडिटी एक्ट केवल विशेष परिस्थितियों में लगाया जाएगा। स्टॉक लिमिट बहुत ही विशेष परिस्थिति में लगाई जाएंगी यह प्राकृतिक आपदाओं के समय होगा।


एग्रीकल्चर मार्केटिंग नियमों में बदलाव किए जाएंगे ताकि किसान अपनी फसल को किसी भी राज्य में बेच सकें।किसानों के पास अब यह चॉइस रहेगी कि वह अपना उत्पाद किसे बेचे, जरूरी नहीं कि वह निर्धारित लाइसेंसी को ही भेजेगा अब। इसके लिए केंद्र सरकार कानून में बदलाव करेगी।


किसान को अपनी फसल को बोने के पहले ही यह पता होगा कि जब फसल आएगी तो यह कितने दाम पर बिक सकेगी, वह अपना दाम पहले ही फिक्स कर ले, इसलिए हम कानूनों में बदलाव करेंगे। इसमें प्रोसेसर एग्रीगेटर लाज रिटेलर और एक्सपोर्टर्स की सहायता भी ली जाएगी। इस फ्रेमवर्क से किसान को एक अश्योर्ड रिटर्न मिलेगा उसकी फसल का कल और परसों भी सरकार घोषणाएं करेगी।


स्वास्थ्य-कर्मियों के लिए दिशा-निर्देश जारी

नई दिल्‍ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे हेल्‍थ केयर वर्कर्स यानि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे अस्‍पतालों और अन्‍य हॉस्पिटलों दोनों के लिए जारी किए गए हैं। मंत्रालय ने अस्पतालों को सलाह दी है कि वे अपने यहां के अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समितियों (एचआईसीसी) को सक्रिय करें। इन समितियों पर अस्‍पतालों में संक्रमण बचाव एवं नियंत्रण (आईपीसी) तथा कर्मचारियों के सामान्य प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होगी।


स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि हर अस्‍पताल एक नोडल ऑफिसर (संक्रमण नियंत्रण अधिकारी) नियुक्त करे। यह नोडल ऑफिसर स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने से जुड़ी सभी चीजों/बातों का ख्याल रखेगा। नोडल अधिकारी सुनिश्चित करेगा कि अस्पतालों में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तय दिशा-निर्देश के आधार पर अपने जोन के खतरे के अनुरूप पीपीई का उपयोग करें।


 


साथ ही दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी हेल्‍थकेयर वर्कर्स की प्रतिदिन थर्मल स्‍क्रीनिंग होनी चाहिए। एल्‍कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर, मास्‍क, गलव्‍स और अन्‍य सामान स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को उपलब्‍ध कराए जाएं। इसके साथ ही जो स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी पीपीई किट और अन्‍य दिशा-निर्देशों का पालन न करे, उसके बारे में तुरंत सूचित किया जाए।


गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। अब ये बढ़कर चीन से भी अधिक हो गई है। हालांकि, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों के प्रतिशत में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इधर, लॉकडाउन में भी काफी छूट दी गई हैं। जरूरी सामान के साथ शराब की दुकाने भी ज्‍यादातर राज्‍यों में खुल गई है। ऐसे में अस्‍पतालों को आम लोगों के साथ-साथ हेल्‍थकेयर वर्कर्स को भी सुरक्षित रखने की जरूरत है।


सीएम केजरीवाल ने पीएम को लिखा पत्र

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम ने पीएम को लिखा पत्रः दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने (पीएम मोदी को लिखे पत्र में) लिखा है-कंटेनमेंट जोन में कोई छूट नहीं होनी चाहिए, लेकिन अन्य हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां शुरू होनी चाहिए। इससे कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं, लेकिन हमने इससे निपटने के लिए व्यवस्था की है। 


देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। संक्रमण के आंकड़े जहांं 82 हजार के करीब पहुंच गए हैं, वहीं इस घातक संक्रमण से अब तक 2600 से ज्‍यादा लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। 


 


गांव की गलियां-स्कूल को किया सैनिटाइज

कोरोना संक्रमण बीमारी से बचने के लिए प्रधान ने गांव की गलियों और स्कूल में कराया सैनिटाइजर


सुनील पुरी


फतेहपुर। कोरोना संक्रमण महामारी को लेकर ग्राम प्रधान ने गांव में नाली खरंजा तथा प्राथमिक विद्यालय की सैनिटाइजर करा कर बीमारी से बचने के लिए दवा का छिड़काव कराया।


खजुहा विकासखंड क्षेत्र के छीछा गांव के प्रधान प्रेम नारायण सिंह के नेतृत्व में गांव की नाली खरंजा और स्कूल में दवा का छिड़काव कराया गया ग्रामीणों में खुशी की लहर छा गई प्रधान ने बताया कि यह कोरोना संक्रामक बीमारी से गांव के लोगों को दूर करने के लिए हमारा दायित्व बनता है कि हम पूरे अपनी ग्राम पंचायत में दवा का छिड़काव करा कर अपने को और अपने ग्राम पंचायत के लोगों को इस महामारी से दूर करने के लिए दवा का छिड़काव कराया है। और लोगों से अपील की है। आप लोग घर में रहें सुरक्षित रहें घर पर रहकर साबुन से हाथ धोय गर्म पानी का प्रयोग करें जिससे किसी भी बीमारी से दूर रहें इसके बाद  ग्रामीणों ने मिलकर  दवा का छिड़काव कर रहे सफाई कर्मी को माला फूल से उसको सम्मान किया मौके पर राय बहादुर यादव मुक्कू सिंह अजीत सिंह व सोनू सिंह मौजूद रहे।


नए राशन कार्ड धारकों को नहीं मिला 'राशन'

प्रयागराज। राजरूपपुर-कालिंदीपुरम क्षेत्र के काशीराम स्थित राशन कोटेदार की दुकान पर एक कोटेदार द्वारा लोगों को  नए राशन कार्ड धारकों को राशन नहीं दिया जा रहा है। लोग 1 महीने से बार बार वापस आकर चले जाते हैं जबकि सरकार का कहना है कि नए राशन कार्ड धारकों को फ्री राशन दिया जाए लिस्ट में नाम हो या ना हो सरकार का यह कहना है। लेकिन अफसोस यह है कि कोटेदार अशोक  कुमार ने मुझसे संगीता शर्मा विधान केसरी अखबार ब्यूरो चीफ प्रयागराज कोटेदार ने बात करने पर इतनी बदतमीजी से बात किया और बोलता है कि आप क्या हो मुझे इस से कोई मतलब नहीं है। मैं राशन आपको नहीं दूंगा जो करना है कर लीजिए सरकार ने झूठे वादे जनता से कर रही है 2 महीने के  लॉक डाउन के दौरान किसी भी नए कार्ड धारकों को  कोई राशन नहीं दिया गया है। जबकि लोगों का कहना है कम देने* यानी कि चोरी करने का मामला सामने आया। इसी बात को लेकर कोटेदार से मेरी झड़प भी हुई यहां तक कि धूप में खड़े परेशान होकर मैं ने पुलिस प्रशासन थाना धूमनगंज मैं फोन किया तो जवाब यह मिला कि एसडीएम सिटी से बात करिए किसी ने नहीं सुनी।


कोटेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही  होनी चाहिए
इस मौके पर दर्जनों कार्ड धारक समेत मौजूद रहे।


बृजेश केसरवानी


प्रवासियों की सड़क किनारे लंबी लाइन

प्रवासियों की सड़क किनारे लगी रही लंबी लाइन


सबसे अधिक महाराष्ट्र के मुंबई शहर से आने वालों की संख्या


सुनील पुरी


फतेहपुर। कोरोनावायरस संक्रमण के चलते लॉक डाउन की स्थिति चल रही है। जिसके कारण लगातार दूसरे प्रांतों में रहने वाले प्रवासी वापस अपने घरों को लौट रहे हैं। शनिवार को भी भारी संख्या में प्रवासी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में थर्मल स्क्रीनिंग करा कर स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए प्रवासी आए हुए थे।


शनिवार कि सुबह से ही प्रवासियों की सामुदायिक स्वास्थ्य पहन परिसर में भारी भीड़ लग गई। करीब 9:00 बजे तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर के अंदर से लेकर गेट के बाहर तक और नेहरू इंटर कॉलेज गली के सामने तक भारी भीड़ लग गई इनमें से अधिकांश प्रवासी महाराष्ट्र के मुंबई शहर से आए हुए थे। इसके अलावा गुजरात प्रांत के सूरत से भी भारी संख्या में प्रवासी आए हुए थे प्रवासियों ने बताया कि उन लोगों को कोई ठीक साधन नहीं मिला जिसके कारण रास्ते में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के साधनों से किसी प्रकार यहां पहुंचे हैं उन्होंने बताया कि बीच-बीच में कई कई किलोमीटर तक दिल चिल्लाती धूप में पैदल ही चले जिसके बाद यहां पहुंचे हैं। इनमें से लगभग सभी प्रवासी बिंदकी के आसपास के गांव के रहने वाले हैं। सभी प्रवासियों ने थर्मल स्क्रीनिंग करा कर अपना स्वास्थ परीक्षण कराया जिनको चिकित्सकों ने 21 दिन तक आइसोलेशन में रहने के लिए गांव घरों को भेज दिया।


नाबालिगों के हाथ में गाड़ियों का स्टेरिंग

अतुल त्यागी


लॉक डाउन में नाबालिगों के हाथ में दिया जा रहा गाड़ियों का स्टेरिंग


हापुड़। जनपद हापुड़ में जहां एक तरफ लोग कोरोना वायरस के कारण अपने घरों में कैद हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग लाँकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं। यह लोग अपने बच्चों के हाथ में गाड़ियों का स्टेरिंग दे रहे हैं। आए दिन सड़कों पर एक्सीडेंट देखने को मिलते हैं। यही कारण है कि नाबालिक लड़के बच्चे गाड़ी लेकर सड़क पर निकल पड़ते हैं जिनको ना तो गाड़ी चलाने के नियम पता है और ना ही कहां गाड़ी रोकनी है या कहां गाड़ी को इंडिकेट करना है। इनको सिर्फ एक्स लेटर देकर गाड़ी को भगाना है। यही नाबालिक अनेकों बार मौत के कगार पर किसी को पहुंचा देते हैं या खुद पहुंच जाते हैं जहां सरकार बार-बार आम जनता से अपील कर रही है कि घरों में रहो और लाँकडाउन का पालन करो वही कुछ मां बाप अपने बच्चों को लेकर सड़क पर गाड़ी चलाना सिखा रहे हैं क्या यह गाड़ी सिखाने का सही समय है क्या सड़क पर गाड़ी चलाना दूसरे की जान की परवाह किए बिना सिर्फ अपने शोक पूरा करना यही उन अभिभावकों की ड्यूटी है उनका कोई ज्ञान नहीं कि वह ड्राइविंग स्कूल में जाएं और अपने बच्चों को सही जानकारी ड्राइविंग स्कूल से दिलवाए आम दिनों के मुकाबले आजकल अत्याधिक संख्या में देखने को मिल रहा है की कोई ना कोई अपने परिवार में गाड़ी चलाना सिखा रहा है यदि सड़क पर एक बार आप निकल जाओ तो आपको स्वयं ही यह आभास हो जाएगा कि यह गाड़ी सिखाने वाले अपने बच्चों को हाईवे या नगर की मुख्य सड़कों पर ही ड्राइविंग सिखा रहे हैं यह ड्राइविंग सिखानि किसी की जान के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकता है और ना तो ड्राइविंग वाला सोचता हैं और ना ही बच्चे आरटीओ विभाग पूरी तरह इस तरब कोई ध्यान ही नहीं दे रहा आरटीओ विभाग जगह-जगह इस तरह की जांच करें की बच्चे ड्राइविंग सीख रहा है या उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस है या नही पुलिस प्रशाशन को भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।


मलाक राज में बना संचालित किचन

संस्था किरण द्वारा मलाक राज में संचालित किचन


 प्रयागराज। वार्ड नंबर 9 मलाक राज के युवा वर्ग के समाजसेवी एवं संस्था किरण के महामंत्री धर्मेंद्र कुमार रावत जी के सहयोग से 55 दिनों से लगातार रसोइया संचालित हो रही है। जिसमें जिला पंचायत महासभा के महामंत्री श्री मोतीलाल हेला जी के साथ समाज के लोगों ने भी योगदान दिया।


संस्था किरण के महामंत्री श्री धर्मेंद्र कुमार रावत जी अहम भूमिका निभाते हुए बखूबी अंजाम दिया है उनके साथ संस्था किरण के संस्थापक एवं अध्यक्ष माननीय राम किशोर  जी का भी सहयोग उनको प्राप्त हो रहा है।
 संस्थापक एवं अध्यक्ष ने बताया मलाक राज के युवाओं का आर्थिक एवं शारीरिक सहयोग भी है उन लोगों को को धन्यवाद करता हूं।


इस बेहतरीन कार्य के लिए महामंत्री धर्मेंद्र रावत जी के अलावा उसमें जिन लोगों ने सहयोग दिया हैं। उनमें मुख्य रूप से सचिन कुमार एडवोकेट मनोज कुमार आरपीएफ जीत राज हेला सुरेंद्रनाथ भारतीय नरेंद्र कुमार रतन अनुरागी विक्की रावत पप्पू मोनू अरुण कुमार सोनू अरविंद कुमार आदि उन युवाओं के योगदान के कारण ही इतने दिनों तक भोजन वितरण संभव हुआ हो सका है। इस कार्य के लिए मलाक राज के सभी युवा साथियों का पुनः धन्यवाद अर्पित करता हूं।


रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी


राष्ट्रपति-पीएम ने हादसें पर जताया दुख

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में हुए भीषण सड़क हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया है। पीएम ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि सरकार राहत कार्य में तत्परता से जुटी है।


पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ''उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना बेहद ही दुखद है। सरकार राहत कार्य में तत्परता से जुटी है. इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।


गौरतलब है कि औरैया जिले में शनिवार सुबह ट्रक और डीसीएम मेटाडोर की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी जबकि 35 अन्य मजदूर घायल हो गये। इनमें से 14 गंभीर रूप से घायल मजदूरों को सैफेई इटावा के पीजीआई में भर्ती कराया गया है। इन दोनों वाहनों में ज्यादातर मजदूर पश्चिम बंगाल और झारखंड के थे। औरैया घटना में 24 में से 16 लोगों की पहचान हुई है। इसमें झारखंड के बोकारो के 7 लोग, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के 4 लोग, बिहार के गया के 2 और यूपी के कुशीनगर, झांसी और भदोही के 1-1 लोग शामिल हैं। अन्य की पहचान की जा रही है।


औरैया हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुआवजे का एलान कर दिया है। मृतकों के परिवार को 2 लाख, घायलों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. कानपुर और औरैया की सीमा के दो थानाध्यक्षों को भी निलंबित कर दिया गया है।


घातकः हजारों लोगों का छिन गया रोजगार

राणा ओबराय
कोरोना से ज्यादा घातक साबित हुई हरियाणा टूरिज़म कॉर्पोरेशन,सेंकडो लोगो का छीन लिया रोजगार!



चण्डीगढ़। हरियाणा सरकार ने कोरोना महामारी के चलते एलान किया था किसी भी कर्मचारी की इस महामारी के चलते तनख्वाह नहीं कटेगी और न ही उसका रोजगार छीन आ जाएगा। यह घोषणा स्वयं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करते हुए कहा था प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी नौकरी किसी के काम पर भी इस महामारी का कोई असर नहीं पड़ेगा। परंतु इसके विपरीत हरियाणा टूरिज्म कारपोरेशन ने कल्पना व चावला करनाल करनाल ने कोरोना महामारी के चलते अपने सैकड़ों कर्मचारियों को पद मुक्त कर दिया है। इसका मतलब मुख्यमंत्री की घोषणा का उनके ऊपर कोई असर नहीं हुआ है। टूरिज्म के एक कर्मचारी ने फोन पर बताया वह टूरिज्म में काफी वर्षों से कार्य कर रहे हैं और वह कोरोना संकट के समय भी अपने संस्थान पर जाकर पूरी लगन के साथ साफ-सफाई की व चौकीदारी आदि करते रहे। परंतु अब सरकार ने बिना किसी सूचना के हमें नौकरी से हटा कर हमें कही का न छोड़ा है। हमारी हालत प्रवासी मजदूरों से भी ज्यादा बदतर हो चुकी है। अब हम अपने छोटे-छोटे बच्चों का पेट कैसे भरेंगे,कहां से राशन पानी लाएंगे। इस मार्मिक अपील के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि हम बेरोजगार हुए लोगों को वापिस रोजगार प्रदान करें। ताकि आपका किया हुआ वादा और घोषणा सभी सच साबित हो। यदि इसी तरह से हरियाणा सरकार ठेके पर लगे कर्मचारियों को हटाती रहेगी तो इससे हरियाणा सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग जाएंगे।


46 का किया तबादला, 3 लाइन हाजिर

46 निरीक्षक उपनिरीक्षक पुलिस कर्मियों के क्षेत्र बदले, 3 लाइन हाज़िर


राकेश पाण्डेय


वाराणसी। जनपद में क़ानून और जनपदीय स्थापना बोर्ड के अनुमोदन के बाद देर रात एसएसपी वाराणसी ने तबादला एक्सप्रेस चलाई है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने 5 निरीक्षकों और 15 उपनिरीक्षकों के कार्य क्षेत्रों में बदलवा किये हैं।वहीं 3 उपनिरीक्षकों को लाइन हाज़िर किया है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने देर रात जहां अखरी पुलिस चौकी पर तैनात चौकी प्रभारी सहित सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर कर दिया। वहीं 23 अन्य पुलिसकर्मियों के भी कार्य क्षेत्र बदला है। इस क्रम में चौकी प्रभारी चिरईगांव थाना चौबेपुर उपनिरीक्षक आनंद कुमार, चौकी प्रभारी दालमंडी थाना चौक उपनिरीक्षक नागेंद्र उपाध्याय और उपनिरीक्षक चंद्रकेश शर्मा चौकी प्रभारी काशीपुरा थाना चौक को लाइन हाज़िर कर दिया है।


लंबे समय से तैनात दागी भी तबादला एक्स्प्रेस पर सवार


एसएसपी कार्यालय के अनुसार निरीक्षक राहुल शुक्ला को पुलिस लाइन से इन्वेस्टिगेशन विंग क्राइम ब्रांच, अनूप कुमार शुक्ला को पुलिस लाइन से निरीक्षक अपराध थाना सिगरा, निरीक्षक इंद्रभूषण यादव को पुलिस लाइन से निरीक्षक अपराध रोहनिया, निरीक्षक वैभव सिंह को पुलिस लाइन से निरीक्षक अपराध थाना चेतगंज और निरीक्षक मोहित लाल को निरीक्षक अपराध थाना रोहनिया से निरीक्षक अपराध थाना लंका के पद पर स्थानांतरित किया है।


ओझा जी देखेगे लंका राजू राय को चितईपुर का दारोमदार


इसके अलावा उपनिरीक्षक धनञ्जय सिंह को पुलिस लाइन से चौकी प्रभारी हरहुआ थाना बड़ागांव, उपनिरीक्षक अनुराग कुमार मिश्रा को चौकी प्रभारी हरहुआ थाना बड़ागांव से थाना चोलापुर, उपनिरीक्षक राजू कुमार राय को पुलिस लाइन से चौकी प्रभारी चितईपुर थाना लंका, उपनिरीक्षक प्रेम नारायण ओझा को चौकी प्रभारी चितईपुर से थाना लंका, उपनिरीक्षक संग्राम सिंह को थाना सिगरा से चौकी प्रभारी कठिरांव थाना फूलपुर के पद पर स्थानांतरित किया है।


सौरभ को दालमंडी प्रकाश को मडुआडीह का प्रभार


उपंरिक्षक रवि प्रकाश यादव को थाना बड़ागांव से चौकी प्रभारी चिरईगांव थाना चौबेपुर, उपनिरीक्षक सौरभ पांडेय को थाना चौक से चौकी प्रभारी दालमंडी थाना चौक, उपनिरीक्षक स्वतंत्र सिंह को ठान दशाश्वमेध से चौकी प्रभारी काशीपुरा थाना चौक, उपनिरीक्षक रवि कुमार यादव को थाना लंका से चौकी परभाई खोजवा थाना भेलूपुर, उपनिरीक्षक राम प्रवेश यादव को चौकी प्रभारी कस्बा थाना मंडुआडीह से थाना कैंट, उपनिरीक्षक प्रकाश सिंह चौहान को थाना चौबेपुर से चौकी प्रभारी कस्बा मंडुआडीह के पद पर नियुक्त किया है। इसके अलावा उपनिरीक्षक अजीत कुमार को चौकी प्रभारी फुलवरिया थाना कैंट से थाना सिगरा, उपनिरीक्षक अजय पाल को थाना कैंट से चौकी प्रभारी फुलवरिया एवं उपनिरीक्षक चंद्रदीप कुमार को चौकी काशीराम आवास से चौकी प्रभारी चांदमारी थाना शिवपुर पर नवीन तैनाती दी गयी है।


गृह निर्मित जहाज आत्मबल का प्रतीक

देश में ही निर्मित जहाज आत्मनिर्भरता का प्रतीक: राजनाथ


आकांक्षा उपाध्याय


नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गोवा में भारतीय तटरक्षक बल के पोत (आईसीजीएस)'सचेत' और दो अवरोधक नौकाओं (आईबी) सी-450 और सी-451 का जलावतरण किया।'आईसीजीएस सचेत' पांच अपतटीय गश्ती पोतों (ओपीवी) की श्रृंखला में पहला है और इसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा देश में ही डिजाइन एवं निर्मित किया गया है तथा इसे अत्याधुनिक नौवहन एवं संचार उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। 


उन्होंने डिजिटल माध्यम से जलावतरण की इस पहल के लिए आईसीजी और जीएसएल की सराहना करते हुए कहा, ''इन पोतों का जलावतरण भारत की तटीय क्षमता निर्माण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके अलावा, कोविड-19 जैसी चुनौतियों के बावजूद यह देश की सुरक्षा एवं हिफाजत के लिए हमारी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। 'हमारे समुद्री रक्षक', आईसीजी और भारतीय जहाज निर्माण उद्योग की बढ़ती ताकत देश के लिए गर्व की बात है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन 'सागर' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'महासागर न केवल हमारे देश, बल्कि वैश्विक समृद्धि की भी जीवन रेखा हैं। उन्होंने कहा, 'सुरक्षित, संरक्षित और स्वच्छ समुद्र हमारे राष्ट्र निर्माण के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करते हैं। भारत एक उभरती समुद्री ताकत है, और हमारी समृद्धि भी काफी हद तक समुद्र पर निर्भर है। एक जिम्मेदार समुद्री ताकत होने के नाते महासागर सरकार की प्राथमिकता हैं।
समुद्र तट की रक्षा में आईसीजी की भूमिका की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'दुनिया में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक के रूप में इसने स्वयं को एक विश्वसनीय बल के रूप में स्थापित किया है। यह न केवल हमारे समुद्र तट और तटीय समुदाय की रक्षा करता है, बल्कि आर्थिक गतिविधियों एवं विशिष्ट आर्थिक जोन (ईईजेड) में समुद्री पर्यावरण की भी रक्षा करता है।
रक्षा मंत्री ने यह माना कि समुद्र राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा प्रायोजित किसी भी प्रकार के खतरों का एक माध्यम बन सकता है, इसलिए सभी हितधारकों के बीच एक सहयोगात्मक और सहकारी दृष्टिकोण विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आज से बेड़े में शामिल किए जा रहे तटरक्षक पोत उनकी ताकत को बढ़ाएंगे और समुद्री आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री कानून लागू करने, तस्करी और खतरे में पड़े समुद्री यात्रियों की खोज एवं बचाव से संबंधित चुनौतियों का सामना करने में काफी मददगार साबित होंगे। 
राजनाथ सिंह ने गोवा शिपयार्ड और एलएंडटी शिपयार्ड, हजीरा के प्रयासों की प्रशंसा की जिन्होंने वर्तमान परिस्थितियों में भी जहाजों का निर्माण और रखरखाव जारी रखा है। उन्होंने कहा, ''यह प्रोफेशनल नजरिए को भी दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय शिपयार्ड ' मेक इन इंडिया' के विजन और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, जिसका आह्वान हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री ने किया है।
भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक कृष्णस्वामी नटराजन ने कहा कि जलावतरण कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया है कि कोविड-19 से उत्पन्न बाधाओं के बावजूद आईसीजी निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि पोतों के आईसीजी  बेड़े में शामिल नए पोत आईसीजी  को समुद्र में सदैव सतर्क रहने में मदद करेंगे और इसके साथ ही कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई में भी अहम योगदान देंगे। 
105 मीटर लंबे पोत 'सचेत' का वजन लगभग 2,350 टन है और यह 9,100 किलोवाट के दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित होता है जिन्हें 6,000 नॉटिकल मील की सहनशक्ति के साथ 26 समुद्री मील (नॉट) की अधिकतम गति से चलने लायक डिजाइन किया गया है। इसके साथ ही नवीनतम उपकरण एवं प्रणालियां इसे एक कमांड प्लेटफॉर्म की भूमिका निभाने और आईसीजी के चार्टर को पूरा करने के लिए संबंधित कार्यों को पूरा करने की क्षमता प्रदान करती हैं। यह पोत तेजी से बोर्डिंग और तलाश एवं बचाव अभियानों के लिए दोहरे इंजन वाले एक हेलिकॉप्टर, उच्च गति वाली चार नौकाओं और हवा से भरी जाने वाली एक नौका को ले जाने में सक्षम है। यह समुद्र में तेल फैलने के कारण होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए सीमित प्रदूषण रोधी उपकरण ले जाने में भी सक्षम है। 
सचेत का अर्थ सतर्कता है, जो राष्ट्र के समुद्री हित की 'पूर्ति और संरक्षण के लिए सदैव सतर्क रहने' की आईसीजी की इच्छा और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 'आईसीजीएस सचेत' की कमान उप महानिरीक्षक राजेश मित्तल द्वारा संभाली जा रही है और 11 अधिकारी एवं 110 कर्मी यहां तैनात हैं। भारतीय समुद्री इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के सख्त प्रोटोकॉल का पालन करते हुए एक पोत का जलावतरण डिजिटल माध्यम से किया गया है।  
आईबी  'सी-450' और 'सी-451' लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड हजीरा द्वारा द्वारा देश में ही डिजाइन एवं निर्मित की गई हैं और ये नवीनतम नौवहन तथा संचार उपकरणों से लैस हैं। 30 मीटर लंबी दो नौकाएं 45 समुद्री मील (नॉट) से भी अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम हैं। इन्हें उच्च गति से अवरोधन, तट के निकट गश्ती एवं कम तीव्रता के समुद्री अभियानों के लिए तैयार किया गया है। आईबी की त्वरित जवाबी कार्रवाई क्षमता किसी भी उभरती समुद्री परिस्थिति से निपटने और उसे विफल करने की दृष्टि से इसे एक आदर्श प्लेटफॉर्म बनाती है। इन नौकाओं की कमान सहायक कमांडेंट गौरव कुमार गोला और सहायक कमांडेंट अकिन जुत्शी संभाल रहे हैं। 
तटरक्षक बल स्वदेशी परिसंपत्तियों को शामिल करने में अग्रणी रहा है जिसने इसे पूरे वर्ष परिचालन की दृष्टि से उपलब्ध रहने में सक्षम बनाया है। आईबी में स्वदेशी सामग्री के उपयोग को अधिकतम करने के निरंतर प्रयासों की बदौलत इसमें लगभग 70 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है। इस प्रकार यह भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को आवश्यक प्रोत्साहन दे रहा है। 
तटरक्षक बल के बेड़े में शामिल होने पर इन पोतों को राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए विशेष रूप से विशिष्ट आर्थिक जोन (ईईजेड) की निगरानी, तटीय सुरक्षा और उन अन्य कार्यों को पूरा करने में लगाया जाएगा, जिनका उल्लेख तट के कार्य चार्टर में किया गया है। इन पोतों के जलावतरण के साथ ही आईसीजी के पास अब 150 पोत एवं नौकाएं और 62 विमान हो गए हैं जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसके अलावा, 40 पोत विभिन्न भारतीय शिपयार्डों में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं और 16 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, बेंगलुरू में किया जा रहा है, जो निरंतर उत्पन्न होने वाली समुद्री चुनौतियों से निपटने में आईसीजी की निगरानी क्षमताओं को और भी अधिक मजबूती प्रदान करेंगे।  
आईसीजी को समुद्र में लगभग 400 लोगों की जान बचाने, सिविल अधिकारियों को दी गई सहायता के हिस्से के रूप में 4,500 लोगों की जिंदगी बचाने और अकेले वर्ष 2019 में 32 चिकित्सा निकासी कार्यों को पूरा करने का श्रेय है। आईसीजी की उत्कृष्ट दक्षता केवल भारतीय जल सीमा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि द्विपक्षीय सहयोग समझौतों के प्रावधानों के अनुसार मित्र तटीय देशों के साथ सहयोग करने के परिणामस्वरूप हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में दवाओं की सफल जब्ती संभव हो पाई। आईसीजी एवं अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच वास्तविक समय पर सूचनाओं को साझा करने, समुचित समन्वय और गहरी समझ से ही इन कार्यों में सफलता मिली है। भारतीय ईईजेड पर पैनी नजर रखने के परिणामस्वरूप 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की निषिद्ध वस्तुओं की जब्ती सुनिश्चित करने के साथ-साथ इसी अवधि के दौरान भारतीय जल सीमा में अवैध रूप से मछली पकडऩे के कारण 119 उपद्रवियों के साथ मछली पकडऩे वाली 30 विदेशी नौकाओं (जहाज) को पकडऩा संभव हुआ है।  
रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार, सचिव (रक्षा वित्त) श्रीमती गार्गी कौल और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली में मौजूद थे, जबकि रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक और गोवा शिपयार्ड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक भारत भूषण नागपाल (सेवानिवृत्त) इस अवसर पर गोवा में उपस्थित थे। 


वायरस के साथ उत्तर-भारत में भीषण गर्मी

कोरोना के साथ उत्तर भारत में पड़ेगी भीषण गर्मी, हीट स्ट्रोक के आसार


राकेश पाण्डेय


नई दिल्ली। वर्ष-2020 में अब तक देश के उत्तरी राज्यों में लू का प्रकोप नहीं दिखा है। ऐसा इसीलिए होता रहा है कि जब भी तापमान बढ़ना शुरू हुआ तब कई राज्यों में मौसम बदला और बेमौसमी बरसात ने तापमान को फिर से नीचे लाकर पटक दिया। मार्च, अप्रैल औसत से ठंडे बीत गए और अब मई के पहले पखवाड़े में भी उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के भागों में तापमान औसत से नीचे बना हुआ है।


एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभों के चलते उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में प्री-मॉनसून वर्षा मई के पहले पखवाड़े तक जारी है। सामान्य से अधिक प्री-मॉनसून वर्षा के चलते ही मध्य भारत और उत्तर भारत में 1 मार्च से 15 मई के बीच सामान्य से ज़्यादा वर्षा हुई है। रिकॉर्ड के अनुसार उत्तर भारत में 38% अधिक जबकि मध्य भारत में 152% अधिक वर्षा हुई है।


लेकिन अब उत्तर भारत में एक वीक का लंबा ड्राइ स्पैल होने जा रहा है क्योंकि इस दौरान कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आता दिखाई नहीं दे रहा है। प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां इस दौरान उत्तर भारत में नहीं होंगी। एक तरफ पश्चिमी विक्षोभ नहीं आएंगे तो दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी से हवा के साथ जो नमी आ रही थी उसका संपर्क भी टूट जाएगा क्योंकि बंगाल की खाड़ी पर बन रहा चक्रवात ‘अंफन’ पूरी एनर्जी और हवा को अपनी तरफ खींच लेगा।
 
पंजाब से लगायत महाराष्ट्र तक रहेगे ऐसे हालात


उत्तर भारत में अब शुष्क और बेहद गर्म हवाएँ चलनी शुरू होंगी। यह शुष्क हवाएँ पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र तक को प्रभावित करेंगी जो लू जैसी लगेंगी। इन भागों में कई जगहों पर तापमान 45 डिग्री तक पहुँच सकता है। तापमान में वृद्धि के कारण मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई हिस्सों में लू का प्रकोप शुरू हो जाने के आसार है.।


चूरू,कोटा,खरगौन और जलगाँव में तापमान 44 डिग्री तक पहुँचा


यानि उत्तर-पश्चिम भारत में साफ आसमान के बीच चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों का अब आपको करना होगा सामना। अब वो गर्मी पड़ेगी जो हीट स्ट्रोक का कारण बन सकती है। इस समय कोविड महामारी के कारण लोगों को घर से कम से कम निकलने की अपील की जा रही है। अब हम आपसे कहेंगे की लू का प्रकोप देखते हुए भी घर में ही रहें।


क्वॉरेंटाइन सेंट्रो का डीएम ने किया निरीक्षण

क्वॉरंटीन व्यक्तियों ने बताया, रखा जा रहा है विधिवत ध्यान


कोरोना संक्रमण से संरक्षण के उपायों के पालन की दी सलाह


अनूपपुर। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने शुक्रवार को कोतमा में अन्य जिलो राज्यों से आए हुए व्यक्तियों को क्वॉरंटीन करने के लिए कोतमा में बनाए गए केंद्रों उत्कृष्ट विद्यालय कोतमा छात्रावास, जनजातीय कन्या छात्रावास कोतमा एवं अंग्रेज़ी बालक छात्रावास कोतमा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आपने छात्रावास अधीक्षकों से क्वॉरंटीन केंद्रों के सैनिटाईजेशन एवं भोजन व्यवस्था के सम्बंध में पूँछतांछ की। जिस पर अधीक्षक द्वारा बताया गया कि छात्रावासों को नियमित रूप से सैनिटाईज़ किया जा रहा है एवं रिकार्ड भी संधारित किया गया है। आगंतुकों की जानकारी अनुसार कलेक्टर महोदय द्वारा बताए गए मेन्यू के आधार पर भोजन व्यवस्था की जा रही है।


कलेक्टर श्री ठाकुर ने निवासरत श्रमिकों से हाल लिया एवं भोजन व्यवस्था तथा साफ़ सफ़ाई के बारे में जानकारी ली। जिस पर क्वॉरंटीन केंद्र में वर्तमान में निवासरत व्यक्तियों ने जानकारी दी कि उन्हें आज नाश्ते में पकोड़े मिले हैं एवं भोजन में दाल, चावल एवं रोटी, सब्ज़ी प्रदान की गयी है। सभी ने कहा उनका यहाँ पर विधिवत रूप से ध्यान रखा जा रहा है तथा वे भी दिए गए समस्त निर्देशों का पालन कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उक्त केंद्रों में वर्तमान में 28 व्यक्ति क्वॉरंटीन किए गए हैं। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने सम्बंधित अधीक्षकों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की सराहना की तथा उत्साहवर्धन करते हुए निर्देश दिए कि आने वाले समय में अधिक नागरिकों का आगमन संभावित इस हेतु आवश्यक तैयारियाँ कर लें, ताकि आगंतुकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।


कलेक्टर ने क्वॉरंटीन किए हुए सभी व्यक्तियों को कोरोना संक्रमण से संरक्षण हेतु बताए गए समस्त उपायों का अनिवार्य रूप से पालन करने की सलाह दी। आपने कहा स्वास्थ्य जाँच के आधार पर उन्हें घर जाने की, जब भी अनुमति दी जाय उसके बाद घर पर भी सभी कम से कम 14 दिनो तक होम क्वॉरंटीन के निर्देशों का पूरी तत्परता से पालन कर कोरोना से लड़ाई में शासन, प्रशासन को सहयोग प्रदान करें। आपने कहा निर्देशो का पालन स्वयं की, समाज की एवं पूरे परिवेश की सुरक्षा हेतु अत्यंत आवश्यक है। इस दौरान एसडीएम कोतमा अमन मिश्रा, तहसीलदार कोतमा मनीष शुक्ला सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।


रिपोटः कैलाश कुमार अहिरवार 


बिहार-झारखंड सीमा पर बढ़ाई सतर्कता

जमुई। बिहार-झारखंड सीमा पर इन दिनों आने जाने वाले लोगों की संख्या बहुत बढ़ गयी है। लोग अपने अपने घर की ओर प्रस्थान कर रहे हैं लेकिन नियम और कानून का सख्ती से पालन हो, इसलिए प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील कुमार चांद, पुलिस अध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी रेफरल अस्पताल के प्रभारी रमेश प्रसाद तमाम आला अधिकारी बॉर्डर पर मौजूद रहे और पूरे नियम कानून से लोगों का स्वास्थ्य जांच कर आने जाने का आदेश दे रहे थे साथ ही आवश्यकतानुसार लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर भी भेजा जा रहा है। शुक्रवार को एक ही परिवार के पांच लोगों को प्रशासन ने संत जोसेफ स्कूल के क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया।


 रिपोर्टः टेकनारायण कुमार यादव I


एक्सप्रेस-वे पर जारी मौतों का सिलसिला

भानू सिंह चन्देल


लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर नही थम रहा है मौतों का शिलशिला


उन्नाव। आगरा-एक्सप्रेस वे पर लॉक डाउन के समय मौत का सफर कहीं पर रुक नहीं रहा है। आए दिन नए-नए घटनाए  और नए-नए हादसे हो रहे हैं। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आज एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। जिसमें पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। घटना जनपद के बांगरमऊ क्षेत्र की है। बांंगरमऊ कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुँचकर दोनो के शवों को कब्जे में लिया । मृतक दाम्पत्य बिहार के  दरभंगा जिला जाने के लिए दिल्ली से अपने ऑटो से निकला था। बांगरमऊ कोतवाली के बहलोल पुर के पास हुआ हादसा । मृतक आगरा एक्सप्रेसवे पर अपने ऑटो मे तेल डाल रहा था तभी तेज़रफ़्तार पिकअप ने कुचला। मृतक अशोक चौधरी S / O रमेश चौधरी उम्र 35 वर्ष निवासी दरभंगा ( बिहार )। श्रीमती छोटी पत्नी अशोक चौधरी उम्र करीब 33 वर्ष दोनो को पति पत्नी की हुवी मौत। गाड़ी नम्बर U P 32 6966 पिकअप का चालक मौके पर
 गाड़ी छोड़कर हुआ फरार l


मृतक-2752, संक्रमित संख्या-85940

नई दिल्ली। कोरोना का कहर देश में लगातार जारी है। हर रोज मरीजों की बढ़ती संख्या परेशान करने वाली हैं। लॉकडाउन 3.0 जारी रहने के बाद भी महाराष्ट्र, गुजरात और राजधानी दिल्ली में जानलेवा वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।


सरकारी आंकड़े के अनुसार, कोरोना पीड़ितों की संख्या 85,940 है। अबतक 30,153 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। 2,752 लोगों ने कोरोना से जान गंवाई है। पिछले 24 घंटे में 3,970 नए केस सामने आए हैं और 103 लोगों की मौत हुई है।


मेरठ में संक्रमित संख्या-312 पहुंची

मेरठ। मेरठ में कोरोना का संक्रमण भयावह होता जा रहा है। शुक्रवार को 26 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें एक वरिष्ठ फिजिशियन भी हैं। इसके साथ मेरठ में संक्रमितों की संख्या 312 पहुंच गई। इसमें से 95 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 17 की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इससे स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस और प्रशासन में भी खलबली मची हुई है। 
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जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. विश्वास चौधरी ने बताया कि नए संक्रमितों में छह लोग टेलीफोन एक्सचेंज के सामने तेजगढ़ी की गली नंबर-2 की संक्रमित बुजुर्ग महिला के परिवार के हैं। तारापुरी की रहने वाली गर्भवती महिला में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। एक वरिष्ठ फिजिशियन भी संक्रमित पाए गए हैं। डीएन इंटर कॉलेज के पास दिल्ली रोड पर उनकी क्लीनिक है। 


वहीं, अस्थाई जेल के दो बंदियों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। तारापुरी, कबाड़ी बाजार, फूल मंडी, लिसाड़ी गेट, शास्त्रीनगर बी ब्लॉक और प्रेमपुरी में भी एक-एक संक्रमित पाए गए। इसके अलावा नवीन मंडी से जुड़ी चेन से भी चार नए लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।


मनोज तिवारी


प्रवासियों के लिए सेवा केंद्रः डीसीसीए

मनोज सोनी


प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक सेवा केन्द्र चलाएगा डीसीसीए


जूते, चप्पल, कपड़ों को दान करने की मुहिम में शामिल होने की अपील


छतरपुर। कोरोना लॉकडाउन में अपने घरों तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे प्रवासी मजदूरों को राहत देने के लिए डिस्ट्रिक्ट छतरपुर क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा  आम जनता के सहयोग से हाइवे पर प्वाइंट चिन्हित कर बनाए जाने वाले इन श्रमिक सेवा केन्द्रों में घर जा रहे मजदूरों को चप्पल, जूते, कपड़े मिल सकेंगे साथ ही उन्हें ठण्डे पानी एवं बच्चों को खाने की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके साथ ही ऐसे चलित श्रमिक सेवा केन्द्र भी बनाये जाएंगे जो विभिन्न हाइवे पर पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को आवश्यक सामग्री भेंट करेंगें।


डीसीसीए के अध्यक्ष विनय चौरसिया एवं सचिव राजीव बिल्थरे ने बताया कि प्रवासी मजदूर इन दिनों बेहद संकट भरा जीवन जी रहे हैं। विभिन्न वाहनों अथवा पैदल ही सैकड़ों किमी की यात्रा के लिए मजबूर इन मजदूरों के पास जूते, चप्पल, कपड़े और खाने-पीने की चीजों का अभाव हो गया है। ऐसे मजदूरों के लिए आम जनता के सहयोग से छतरपुर जिले के हाइवे पर श्रमिक सेवा केन्द्र चलाने की योजना है। रविवार को छतरपुर-झांसी हाइवे पर पेप्टेक टाउन कॉलोनी के सामने पहला श्रमिक सेवा केन्द्र प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने शहर के लोगों से अपील की है कि वे मजदूरों की सेवा के लिए अपने घरों में रखे नए, पुराने कपड़े, जूते, चप्पल, पानी के पाउच, बोतल, खाने की डिब्बा बंद चीजें दान करें ताकि हम सभी इस मुहिम को और बेहतर बना सकें। उन्होंने मोबाइल क्रमांक 9977217550 पर संपर्क कर दान करने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि डीसीसीए एक जिला स्तरीय क्रिकेट संस्था है जिसमें क्रिकेट खिलाडिय़ों एवं क्रिकेट के प्रशंसकों का एक बड़ा समूह है जो अपने स्तर पर भी दान के माध्यम से इन सेवा केन्द्रों को शुरू करने पर काम कर रहा है।


कर्ज़ की नहीं, मदद की जरूरतः राहुल

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करे और लोगों के खातों में सीधे पैसे डाले क्योंकि इस वक्त उन्हें कर्ज की नहीं, बल्कि सीधी आर्थिक मदद की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लॉकडाउन को समझदारी व सावधानी के साथ खोलने की जरूरत है। बुजुर्गों व गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है | 


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार की मदद को किसानों, व्यापारियों और प्रवासी मजदूरों के लिए नाकाफी बताया है |  उन्होंने कहा  जो पैकेज होना चाहिए था वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था। इसको लेकर मेरी निराशा है।  उन्होंने कहा कि सरकार की मदद कर्ज का पैकेट नहीं होना चाहिए | किसान, प्रवासी मजदूरों की जेब में सीधा पैसा जाना चाहिए |  राहुल गांधी ने कहा, ‘सड़क पर चलने वाले प्रवासी मजदूरों को कर्ज नहीं पैसे की जरूरत है | बच्चा जब रोता है तो मां उसे लोन नहीं देती, उसे चुप कराने का उपाय निकालती है, उसे ट्रीट देती है | उन्होंने कहा कि सरकार को साहूकार नहीं, मां की तरह व्यवहार करना होगा |’ उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के लिए सरकार, विपक्ष और मीडिया सभी को मिलकर काम करना चाहिए | प्रभावित सभी लोगों के बैंक अकाउंट में सरकार को सीधे पैसे भेजना चाहिए |  


राहुल गांधी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत कहा, लॉकडाउन को हमें धीरे-धीरे समझदारी से उठाना होगा | क्योंकि यह हमारे सभी समस्याओं का समाधान नहीं है | हमें बुजुर्गों, बच्चों सभी का ख्याल रखते हुए धीरे-धीरे लॉकडाउन उठाने के बारे में सोचना होगा | जिससे कि किसी को कोई खतरा ना हो | प्रवासियों को लेकर उन्होंने कहा कि प्रवासियों की समस्या काफी चुनौतीपूर्ण है। सड़कों पर चलने वाले लोगों की हम सभी को मदद करनी है। भाजपा सरकार में है और उसके पास सबसे ज्यादा हथियार हैं। हमें किसी पर अंगुली नहीं उठानी है। हमें मिलकर इस समस्या का समाधान करना है। ये विपक्ष की भी जिम्मेदारी है।


निचे बैठ कर मंत्री ने दिए कोरोना टिप्स

ऐसे ही अच्छे लगते हैं जन प्रतिनिधि


लोगो को पैदल जाते देख तेलंगाना की आदिवासी महिला बाल कल्याण मंत्री सत्यवती राठौर जमीन पर बैठ कर कोरोना से बचाव के दिये टिप्स।


अमरावती। तेलंगाना नीचे जो महिला सड़क पर बैठी दिखाई दे रही हैं ये वी आई पी हैं जी हां ये तेलंगाना की आदिवासी,महिला और बाल कल्याण मंत्री मा. सत्यवती राठौर जी हैं,जब मंत्री जी ने लॉक डाउन के बावजूद तेलंगाना महाराष्ट्र बॉर्डर पर कुछ लोगों को पैदल सपरिवार जाते देखा तो गाड़ी रुकवाकर उतर पड़ीं,वहीं सड़क पर बैठकर उनको कॅरोना वायरस के खतरे के बारे में अवगत कराया,और भोजन आदि का प्रबंध कर सभी को सैनीटाइज कराया, मेडिकल चेक अप करवाया,साथ ही अधिकारियों को मौके पर बुलाकर प्रति परिवार 10 हज़ार रुपये और अनाज दिलवाकर गंतव्य तक छोड़ने के निर्देश दिए। जन प्रतिनिधि ऐसे ही अच्छे लगते हैं।गरीबों का दर्द समझने वाले इसी जन्म में देवताओं की श्रेणी में पहुंच जाते हैं।
 अजय कुमार अग्रवाल


वाराणसी में 2 नए केस, संक्रमित- 92

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कोरोना वायरस के दो नये मामले सामने आये हैं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी जिले में शुक्रवार को बीएचयू प्रयोगशाला से 66 नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें दो मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने बताया कि जनपद में आज कुल 175 नमूने लिए गए। उन्होंने बताया कि थाना भेलूपुर अंतर्गत शिवाला अस्सी नया हॉटस्पॉट क्षेत्र बनेगा। इस नए क्षेत्र को मिलाकर जनपद में हॉटस्पॉट की संख्या 34 हो गई है। उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 92 हो गई है जिसमें 55 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभी 35 मरीजों का इलाज चल रहा है।


मृतकों को 2 लाख, घायलों को 50 हजार

सीएम योगी ने घटना का लिया संज्ञान


लखनऊ/ औरैया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया में घटित हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को संज्ञान में लिया है। उन्होंने इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। योगी सरकार ने हादसे में मृतक के परिवार को 2 लाख और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे देने का ऐलान किया है।


इस बात की जानकारी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने दी। मुख्यमंत्री योगी ने पीड़ितों को हर संभव राहत प्रदान करने के साथ-साथ सभी घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मंडलायुक्त कानपुर और आईजी कानपुर को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य अपनी देखरेख में संपन्न कराने, दुर्घटना के कारणों की जांचकर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।


क्वारैंटाइन के उलंघन पर दर्ज होगा केस

उदयपुर में क्वारैंटाइन के बार-बार उल्लंघन पर दर्ज होगा केस


उदयपुर। उदयपुर में प्रभारी अधिकारी और जिला परिषद सीईओकमर चौधरी ने सभी एसडीओ को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि बार-बार क्वारैंटाइन का उल्लंघन करने वालों सेक्षेत्र में संक्रमण फैलने की आशंका है। ऐसे लोगोंके खिलाफ आईपीसीकी धारा 188 और 270 के तहत केस दर्ज किया जाए। इसमें 2 साल तक की सजा का प्रावधान है।


कोटा में रिकवर हुए 26 मरीजों को क्वारैंटाइन सेंटर भेजाः नए अस्पताल से 26 मरीजों को डिस्चार्ज करके आलनिया स्थित क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया गया। यहां से वे क्वारैंटाइन का समयबिताकर घर भेज दिए जाएंगे। जिले से कुल डिस्चार्ज किए गए मरीजों की संख्या 198 हो गईहै। इनमें से 182 मरीज कोटा के और16 अन्य जिलों के हैं। वहीं, जेके लोन अस्पताल में भर्ती5 नवजातों केरिपीट टेस्ट भी निगेटिव आए हैं। इनमें से 4 को डिस्चार्ज कर दिया गया है।


बेंगलुरुसे प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेनउदयपुर पहुंची। एक कोच में आमने-सामने की सीट पर सास-बहू बैठी थीं। बहू ने मास्क के ऊपर से घूंघट भी ओढ़ा हुआ था। हालांकि, सास से इस सफर के बारे में बात हुई तो उन्होंने कहा कि अब घूंघट नहीं, मास्क ज्यादा जरूरी है।


उद्यमियों-श्रमिकों को नहीं किया 'आइसोलेट'

उद्यमियों व श्रमिकों को आइसोलेट नहीं किया जाए


मनोज सिंह ठाकुर


जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केवल उन्हीं लोगों को आइसोलेट करें जिनमें सर्दी, खांसी या जुकाम (आईएलआई) के लक्षण पाए जाएं। समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सीमावर्ती जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों जैसे भिवाड़ी, नीमराणा आदि में प्रतिदिन व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आने वाले दूसरे राज्यों के उद्यमियों व श्रमिकों को भी आइसोलेट नहीं किया जाए।उन्होंने कहा कि करीब दो माह से चल रहे लॉकडाउन की पीड़ा झेल रहे प्रवासियों एवं श्रमिकों को संबल देने के लिए पृथक शिविरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना उनकी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने मास्क लगाने को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है। यह अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना को लेकर अब जागरूकता आने लगी है। इससे ही हम लॉकडाउन में और अधिक छूट देने तथा जीवन रक्षा के लिए तैयार हो सकेंगे।


मुंबई से आया युवक पॉजिटिव, भर्ती

उमरिया। मुंबई से आया युवक कोरोना पॉजिटिव निकला: जिले में मुंबई से आए एक युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद उसे जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया है।


बैतूल: जिले के शाहपुर ब्लॉक के तारा गांव के निवासी 2 प्रवासियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।


सागर: छतरपुर और सागर जिले की सीमा पर बक्सवाहा में मजदूरों से भरा एक ट्रक पलट गया, इसमें 5 की मौत हो गई और 14 घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए बंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। ये सभी मजदूर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जा रहे थे।


इंदौरः एक ही बिल्डिंग में 31 पॉजिटिव

इंदौर: एक बिल्डिंग में 31 पॉजिटिव मिले


इंदौर। मल्हारगंज थाने के ठीक पास महंत कॉम्प्लेक्स में 23 पॉजिटिव मिले। पहले इसी इमारत में 10 संक्रमित मिले थे। यहां कुल 340 लोग रहते हैं। उधर,न्यू पलासिया इलाके में40 सदस्यों वाले एक जैन परिवार में एक व्यक्ति की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के बिजासन नगर में 7 लोग औरकुम्हारखाड़ी में भी 5 मरीज मिले हैं।


भोपाल-विदिशा हाईवे पर मुंबई की लोकल टैक्सी भी नजर आ रही हैं। लोग इनसे यूपी-बिहार जा रहे हैं। आमतौर पर इन टैक्सियों को मुंबई से बाहर चलाने की इजाजत नहीं है।


ट्रक दुर्घटना में 24 की मौत, 22 घायल

औरैया। लॉकडाउन के बीच वापस घर लौट रहे कुछ मजदूर शनिवार सुबह औरैया में दुर्घटना का शिकार हो गए। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक ट्रक दूसरे ट्रक से टकरा गया। इस दुर्घटना में 24 मजदूरों की मौत हो गई है। मृतक इसी ट्रक में सवार थे। इस घटना के बाद घायलों को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया गया है। ये सभी राजस्थान से आ रहे थे और बिहार-झारखंड जा रहे थे।


मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अमले के भी होश फाख्ता हो गए हैं। आनन-फानन पुलिस टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। ओरैया की सीएमओ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि इस हादसे में 24 लोगों की मौत हुई है। 22 घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है और 15 गंभीर रूप से घायलों को सेफैई पीजीआई रेफर किया गया है। ये लोग राजस्थान से बिहार और झारखंड जा रहे थे।


लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एसपी

रामपुर। पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने कुछ दिनों पूर्व लॉकडाउन का जायजा लिया था। उन्होंने रामपुर से बिलासपुर तक दौरा करा था और उन्हें दौरे के दौरान तमाम स्थानों पर पुलिस कर्मी लापरवाही बरतते मिले थे। पुलिस अधीक्षक के दौरे के दौरान पुलिस कर्मी आराम से कुर्सियों पर बैठे मोबाइल में गेम खेलते मिले थे। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने समस्त थाना प्रभारियों को लॉक डाउन का पालन कराने में लापरवाही करने पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी थी। पुलिस अधीक्षक की उक्त चेतावनी का असर अब रामपुर में देखा जा सकता है। आज शनिवार को भी इसका असर देखने को मिला। आज देखा गया कि लॉक डाउन के बीच दिन निकलते ही पुलिस चौराहों पर सक्रिय हो गई है। पुलिस वाहन चेकिंग के साथ ही लोगों के फोन भी चेक कर रही है, जिससे लोगों में खलबली मची है।


कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में कहर बरपा रहा है। रामपुर में भी अभी तक 31 कोरोना पॉजिटिव रोगी मिल चुके हैं। कोरोना संक्रमितों के मिलने का सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। सैकड़ों जांचें ऐसी है जिनकी अभी रिपोर्ट का इंतजार है।  सरकार कोरोना से बचाने के लिए आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कराने पर जोर दे रही हैं, लेकिन कुछ ही लोगों ने इसे डाउनलोड किया है,अधिकतर लोग ऐप को डाउनलोड करने से कतरा रहे। पुलिस ने भी अब सख्ती शुरू कर दी है। पुलिस बिना मास्क लगाए व बेवजह सड़को पर घूम रहे लोगो से पूछताछ कर रही है व सख्त रूख अपना रही है। रामपुर की सड़को पर सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस वाहन चेकिंग के साथ ही आरोग्य सेतु डाउनलोड करने पर भी जोर दे रही है। लोगों के फोन चेक किए जा रहे हैं और जिन्होंने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड नहीं किया है पुलिस सड़क पर ही हाथो हाथ ऐप डाउनलोड करा रही है जिसके बाद ही उन्हें जाने दिया जा रहा है। इससे लोगो में खलबली मची है।


सतीश कुमार


लोक डाउनः मीट की दुकानों पर छापेमारी

संभल। जिला संभल की चंदौसी पुलिस ने ईद से पहले मीट की दुकानों पर छापा मारी की। बिना लाइसेंस के चल रही मीट की दुकान की आशंका पर एक दुकान पर छापा मारा गया। जांच करने पर अनुमति पायी गयी। पुलिस ने लॉक डाउन का उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई कर मीट दुकानदार को छोड़ दिया।


पुलिस को जानकारी मिली थी कि चंदौसी के जारई गेट तिराहे पर एक मीट की दुकान में चोरी छिपे मीट की बिक्री की जा रही है। सूचना मिलने पर कोतवाल धर्मपाल सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। सीओ अशोक कुमार भी मौके पर पहुंचे। दुकान का शटर ज्यों का त्यों गिरा मिला। ताले खुले थे। पुलिस ने शटर उठा कर देखा तो दुकान में कुंतलों मीट मौजूद था। एक युवक भी दुकान में मिला। युवक को बाहर निकाल कर पूछताछ की और मीट बिक्री की अनुमति दिखाने को कहा तो वह मौके पर अनुमति नहीं दिखा सका। पुलिस मीट व्यापारी को कोतवाली ले गई। जहां पूछताछ में मीट व्यापारी ने पुलिस को बताया कि उसने बरेली और संभल से मीट लाने और चन्दौसी में बेचने की परमीशन ली है। परमीशन दिखाने पर पुलिस ने लॉक डाउन का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई कर छोड़ दिया।


चन्दौसी सीओ अशोक कुमार का कहना है कि बिना लाइसेंस मीट बेचने की सूचना पर पुलिस ने एक मीट की दुकान पर छापा मारा गया था, उक्त दूकानदार पर मीट लाने और बेचने की परमीशन थी, जिससे मीट व्यापारी के खिलाफ लॉक डाउन के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई की गई है।


देवेंद्र कुमार


सचः सोशल डिस्टेंसिंग का दावा खोखला

नवीन सब्जी मंडी में ध्वस्त हुई सोशल डिस्टेंसिंग


मंडी सचिव द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का दावा खोखला


अम्बेडकर नगर। जनपद के ऑरेंज जोन मेंं जाने के पश्चात भी नवीन सब्जी मंडी के जिम्मेदार अधिकारी नहीं करवा पा रहे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन। आखिर किस प्रकार कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकेगा ।मंडी प्रशासन इसको लेकर तनिक भी चिंतित नहीं है। लॉकडाउन के दौरान बाजार एवं मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा। जनपद मुख्यालय के सिझौली नवीन सब्जी मंडी में अधिक भीड़ होने के कारण लोग एक दूसरे से बचाव नहीं कर पाते। भीड़ के कारण कई बार तो मंडी से गुजरना मुश्किल रहता है। नवीन सब्जी मंडी में हालात बेहद खराब   दिखे। वाहनों को तो ले जाने की इजाजत नहीं है, लेकिन खरीदारों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि वहां से गुजरना मुश्किल हो गया। लोग एक दूसरे से सटे बिना नहीं रह पाए। समाचार कवरेज के दौरान मंडी के अंदर ना तो मंडी प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी दिखाई पड़े और ना ही पुलिस प्रशासन। मंडी सचिव द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का दावा खोखला दिखाई पड़ा।


 नवीन सब्जी मंडी प्रशासन द्वारा इस प्रकार लापरवाही चलती रही तो संक्रमण का खतरा बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।


सुप्रीम कोर्ट में गर्मी की छुट्टियां रद्द की

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गर्मी की छुट्टियां रद्द की


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गर्मी की छुट्टी रद्द कर दी है और 19 जून तक काम जारी रखने का फैसला किया है। इसकी घोषणा शुक्रवार को की गई। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने एक पूर्ण अदालत की बैठक (फुल कोर्ट मीटिंग) की, जहां गर्मियों की छुट्टी के दौरान काम जारी रखने के लिए आम सहमति बनी।


रजिस्ट्रार, प्रशासन द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, "सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियों को लेकर 14 अक्टूबर 2019 की अधिसूचना के आंशिक संशोधन के तौर पर यह सूचित किया जाता है कि 18 मई से 19 जून (दोनों दिन शामिल) तक सुप्रीम कोर्ट के कैलेंडर 2020 की गर्मियों की छुट्टियों को पुनर्निर्धारित किया गया है।


कार्य की अवधि भी घोषित की गई है।"


सूत्रों के अनुसार, शीर्ष अदालत ने यह भी फैसला किया है कि वह सभी प्रकार के लंबित और नए मामलों को उठाएगी, जिसमें अवकाश अवधि के दौरान तत्काल मामले भी शामिल होंगे। इन मामलों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश, अन्य न्यायाधीशों के परामर्श से कोरोनावायरस के प्रकोप से जुड़ी स्थिति पर निगरानी जारी जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि वह गर्मी की छुट्टी का लाभ नहीं लेने के फैसले की समीक्षा कर सकते हैं।सुप्रीम कोर्ट में 24 मार्च से कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है, जहां केवल अत्यंत जरूरी मामलों को ही प्राथमिकता दी जा रही है।


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एडवोकेट राव प्रताप सिंह सुवाणा


लाउडस्पीकर इस्लाम का हिस्सा नहींः एचसी

लाउडस्पीकर से अजान को धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं कहा जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट


प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अजान इस्लाम का एक आवश्यक एवं अभिन्न हिस्सा हो सकता है, लेकिन लाउडस्पीकर या ध्वनि बढ़ाने वाले किसी अन्य उपकरण के जरिए अजान बोलने को इस धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं कहा जा सकता है।


अदालत ने कहा कि इसलिए किसी भी परिस्थिति में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती है।*
हालांकि न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने कहा कि मस्जिद की मीनारों से मुअज्जिन 'एंप्लीफायर' वाले उपकरण के बिना अजान बोल सकते हैं और प्रशासन को कोविड-19 महामारी रोकने के दिशानिर्देश के बहाने इसमें किसी तरह का अवरोध उत्पन्न नहीं करने का निर्देश दिया जाता है। अदालत ने कहा कि प्रशासन इसमें तब तक अवरोध पैदा नहीं कर सकता जब तक कि ऐसे दिशानिर्देशों का उल्लंघन न किया जाए। इन व्यवस्थाओं के साथ अदालत ने गाजीपुर से सांसद अफजल अंसारी द्वारा दायर जनहित याचिका का अंततः निस्तारण कर दिया। अंसारी ने अदालत से गुहार लगाई थी कि गाजीपुर के लोगों के धर्म के मौलिक अधिकार की सुरक्षा की जाए और राज्य सरकार को यह निर्देश दिया जाए कि वह गाजीपुर की मस्जिदों से एक मुअज्जिन को अजान बोलने की अनुमति दे।


पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी फर्रुखाबाद और अन्य जिलों के मुस्लिमों के संबंध में इसी तरह की राहत के लिए इस अदालत का दरवाजा खटखटाया था। खुर्शीद ने भी यही दलील दी थी कि अजान, इस्लाम का एक अनिवार्य हिस्सा है।


प्रताप सिंह


बिहार में 46 नए मामले, टोटल 1079

पटना समेत बिहार के 8 जिलों में मिले 46 कोरोना पॉजिटिव
  
पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण के मामलों से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार में कोरोना के 46 नए पॉजिटिव केस पाए गए हैं। इन नए आंकड़ों के सामने आने के बाद बिहार में कोरोना का आंकड़ा बढ़कर 1079 हो गया है। मरीजों की आंकड़ा के बारे में सुबह में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बता दिया था, लेकिन मरीजों के बारे में डिटेल्स नहीं दे पाए थे। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मरीजों की पूरी लिस्ट जारी है। एक संख्या भी कम बताया गया है।
लिस्ट के अनुसार जमुई जिले में 7 मरीज मिले हैं। सभी चितोचक झाझा के रहने वाले हैं। समस्तीपुर में कोरोना का 1 मरीज मिला है। शेखपुरा में 8 मरीज मिले हैं। पटना में कोरोना के 5 मरीज मिले हैंं जिसमें 4 बीएमपी 14 के जवान है। वही बख्तियारपुर में एक नया मरीज मिला है। औरंगाबाद जिले में 2 और मुंगेर में एक मरीज मिला है। बांका के 17 मरीज मिले है। कटिहार में 3 मरीज मिले हैं।


मनीष कुमार


 


2 अजन्मे सहित 3 ने अभाव में दम तोड़ा

तड़पते हुए गर्भवती व दो अजन्मों ने दम तोड़ा
गरौठा विधायक के हस्तक्षेप पर बनी जांच कमेटी, कार्रवाई की मांग


झांसी। प्रदेश सरकार भले ही लाक डाउन के चलते किसी भी तरह की बीमारी से ग्रस्त को इलाज सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया जाता रहे पर हकीकत इसके विपरीत है। कोरोना के डर से झांसी महानगर में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं। महानगर में निजी अस्पताल खुल नहीं रहे, सरकारी अस्पताल मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर रहे हैं।गर्भवती, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर व अन्य बीमारियों के शिकार मरीजों को भी समय से उपचार नहीं मिल रहा। बुंदेलखंड के प्रमुख एम एल वी मेडिकल कॉलेज में बीमार इलाज के लिए तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं, किंतु चिकित्सकों द्वारा अन्य रोगों से ग्रस्त मरीजों को भी कोरोना संक्रमित होने के संदेह के डर से इलाज नहीं कर अपने हाल पर छोड़ दिया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर मरीजों को पहले कोविड वार्ड भेजा रहा है, किंतु वहां इलाज के लिए तड़पते रहते हैं, इस हालत के चलते शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में चार मरीजों का जिंदगी ने साथ छोड़ दिया। इसमें एक ऐसी गर्भवती भी थी जिसके गर्भ में आठ माह के जुड़वां बच्चे थे। इस प्रकरण में गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत के हस्तक्षेप के बाद जांच समिति का गठन कर दिया गया है। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन महिला की मौत से पल्ला झाड़ लिया है।


दरसल, थाना समथर के कडूरा गांव निवासी अजीत सिंह राजपूत की पत्नी दीपिका (26) आठ महीने की गर्भवती थी। बृहस्पतिवार को दीपिका प्रसव वेदना से तड़पने लगी। हालत बिगड़ी तो उसे झांसी के एक निजी अस्पताल लाया गया, किंतु वहां डॉक्टर नहीं होने के कारण स्टाफ ने उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया। इसके बाद परिजन गर्भवती को लेकर रात लगभग 11 बजे मेडिकल कॉलेज पहुंच गए, किंतु डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती नहीं किया। इलाज नहीं मिलने से दीपिका की तबीयत बिगड़ती चली गई और उसे पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। बार-बार कहने पर दीपिका को एक इंजेक्शन लगा दिया और स्टाफ ने परिजनों से कहा कि सुबह आठ बजे डॉक्टर आएंगी वो देखकर ही भर्ती करेंगी। शुक्रवार की सुबह सात बजे दीपिका ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। इससे परिवार में कोहराम मच गया। मामले की सूचना मिलने पर गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने तत्परता दिखाते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन व जिलाधिकारी से फोन पर सम्पर्क कर चिकित्सकों द्वारा इलाज में भर्ती गई लापरवाही पर रोष व्यक्त करते हुए कार्रवाई करने के लिए कहा। इसके बाद मामले की जांच के लिए कॉलेज प्रशासन ने तीन सदस्यीय समिति का गठन तो कर दिया, किंतु सफाई देने में समय नहीं लगाया। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि डॉक्टर पीपीई किट पहनकर लगातार डिलीवरी करा रही थीं। जैसे ही एक डॉक्टर डिलीवरी के बाद फ्री हुईं तो उन्होंने मरीज को बुलाया तब तक गर्भवती और उसके परिजन चिकित्सालय में नहीं थे।


विधायक के कड़े रुख को देखते हुए बेकफुट पर आए प्रशासन ने गर्भवती के शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया।पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे गरौठा विधायक से परिजनों इलाज न करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विधायक ने उन्हें कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है। इस मामले में मृतका के पति अजीत ने नवाबाद थाने में तहरीर देते हुए बताया कि उसकी पत्नी के पेट में दो बच्चे थे। ऐसे में तीनों की मौत नहीं बल्कि हत्या की गई है। इसके सीधे जिम्मेदार कॉलेज प्रशासन, डॉक्टर और स्टाफ है। विधायक ने भी इस मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को ही एक और बीमार ने इलाज नहीं मिलने पर दम तोड़ दिया जब कि उसका पुत्र चिकित्सकों को पुकारता रहा, किंतु किसी ने उसकी गुहार नहीं सुनी और पुत्र के सामने पिता की सांसें थम गई।


महाराष्ट्र में 21 हजार से ज्यादा मामले

मुंबई। महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस (COVID-19) के 1576 नए मामले सामने आए और 46 लोगों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार राज्य में 21 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई। 6500 से ज्यादा लोग ठीक हो गए हैं। मंबई में 17 हजार से अधिक मामलों की पुष्टि हो गई है। भारत में अभी तक 81,970 मामले सामने आ गए हैं। इनमें 51,401 एक्टिव केस है। 27,919 लोग ठीक हो गए हैं और 2649 लोगों की मौत हो गई।


योग जागृति से संक्रमण पर रोक

समाजसेवी इन दिनों लोगों को कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव हेतु योग के जरिए कर रहे हैं जागरूक


 नीरज(मोनू)पाल कि रिपोर्ट


जहानाबाद/फतेहपुर।  जनपद के अंतर्गत जहानाबाद क्षेत्र में कस्बा जहानाबाद स्थित मेडिकल स्टोर संचालक समाजसेवी कर्मयोगी *ओम प्रकाश पाल* अपने साथियों के साथ विश्व में चल रही करोना वायरस संक्रमण की महामारी के बीच लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें योग्य के प्रति प्रेरित करते हुए नजर आ रहे हैं। डॉ ओम प्रकाश पाल ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कोरोनावायरस संक्रमण से दूर रहने के लिए सभी को योग के प्रति स्वाबलंबी होना चाहिए जिसके चलते लोग महफूज रह सके उन्होंने कहा योग से असाध्य रोगों को भी नष्ट किया जाता है,विश्व की प्राचीन मान्यता को विज्ञान ने माना है साधारण से लगाकर असाध्य रोग भी योग के माध्यम से खत्म किए जा सकते हैं।उन्होंने कहा आज डायबिटीज जैसी बीमारी आम हो गई है जिसे योग के रास्ते खत्म की जा सकती है उन्होंने कहा कोरोना वायरस संक्रमण को दूर रखने हेतु सामजिक दूरी के साथ-साथ सभी को योग से जोड़कर संक्रमण से लड़ने की क्षमता योग प्रदान करता है। इस मौके में दिवाकर अवस्थी उर्फ ललन अवस्थी, राम सजीवन कुशवाहा, कन्हैयालाल बाजपेयी ,कमल दीक्षित आदि लोग आम जनमानस को जागरूक करने के लिए लोगों को योग के प्रति प्रेरित कर रहे हैं।


पीएम की संवेदना, योगी ने संज्ञान लिया

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के औरैया में भीषण सड़क दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। दरअसल शनिवार को औरैया जिले में एक ट्रक और डीसीएम की टक्कर हो गई। इस हादसे में 23 मजदूरों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 15 मजदूर बुरी तरह घायल हो गए है। इस घटना पर पीएम मोदी ने ट्वीट करके लिखा कि उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना बेहद ही दुखद है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'सरकार राहत कार्य में तत्परता से जुटी है। इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।


यूपी सीएम योगी ने लिया संज्ञान :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया में हुए हादसे का संज्ञान लेते हुए जान गंवाने वाले मजदूरों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने कमिश्नर और आईजी कानपुर को घटनास्थल का दौरा कर दुर्घटना के कारणों की तत्काल रिपोर्ट देने को कहा है।
मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख की घोषणा :
इसके अलावा घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक परिवार को 2-2 लाख रुपए एवं घायलों को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।


राजस्थान में संक्रमितो में हुआ इजाफा

नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान में जानलेवा कोरोना वायरस का कहर जारी है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है। प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 4 हजार से अधिक हो गई है। राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में आज यानी शनिवार सुबह नौ बजे तक कोरोना पॉजिटिव के 91 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 4838 हो गई है। इसमें से 1941 सक्रिय हैं और 125 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। आज भी वहां 55 नए केस मिले हैं। इसके बाद जिले में कोरोना मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 1440 हो गई है। 


स्वास्थय विभाग के अनुसार शनिवार को भीलवाड़ा में एक, डूंगरपुर में 21, जयपुर में 55, झुनझुनु में एक, उदयपुर में 9 और सिरोही में दो, कोटा और अजमेर में एक-एक नए केस मिले हैं। जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 63 हो गया है जबकि जोधपुर में 17 और कोटा में 10 रोगियों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में रोगी किसी न किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के साथ साथ 61 वे लोग भी हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है। राज्यभर में 22 मार्च से लॉकडाउन है और अनेक थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।


अगले आदेश तक एनपीआर पर रोक

कोरोना की वजह से यूपी में NPR पर रोक
राज्य ने जिलाधिकारियों को काम रोकने को कहा
कोरोना की जद में उत्तर प्रदेश के सभी जिले
लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से उत्तरप्रदेश सरकार ने एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। राज्य के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने शुक्रवार को एनपीआर पर रोक का आदेश जारी किया है।


यूपी में एनपीआर पर रोकः सरकारी आदेश के मुताबिक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2021 के पहले चरण के लिए चल रहे काम को रोक दिया गया है। इस बाबत सभी जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को आदेश की कॉपी भेज दी गई है। आदेश के मुताबिक अग्रिम आदेश तक उत्तर प्रदेश में एनपीआर की प्रक्रिया से जुड़े सभी काम स्थगित रहेंगे । नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में राजनीतिक जंग की एक बड़ी वजह बनी हुई है। विपक्ष समेत कई मुस्लिम संगठन एनपीआर का लगातार विरोध कर रहे हैं।


क्या है एनपीआरः सरकार के मुताबिक एनपीआर का उद्देश्य देश के सभी निवासियों के व्यक्तिगत ब्योरे हासिल करना है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में देश के सभी ‘सामान्य निवासियों’ का विवरण शामिल किया जाएगा, चाहे वे नागरिक हों या गैर नागरिक। इस रजिस्टर में व्यक्ति का नाम, परिवार के मुखिया से उसका संबंध, सामान्य निवास का वर्तमान पता, वर्तमान पते पर रहने की अवधि, स्थायी निवास जैसी जानकारी इक्टठा की जाएगी।


कोरोना की जद में यूपी के सभी जिले


बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को हापुड़ में 10, मेरठ में नौ, प्रयागराज में 7 नए मरीज मिले हैं, जिसके बाद यूपी में संक्रमितों की संख्या 4057 हो गई है। प्रदेश के सभी 75 जिले अब कोरोना की जद में आ चुके हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में 159 नए मरीज सामने आए हैं।


भारत में संक्रमण ने चीन को पछाड़ा

नई दिल्ली। देश भर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। भारत ने पिछले 24 घंटों में कोरोना के संक्रमण के मामले में चीन को पछाड़ दिया है। भारत में अब तक कोरोना के 85 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके अलावा कुल 2700 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय(Ministry of Health & Family Welfare) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों में 3970 मामले सामने आए हैं। इस दौरान कुल 103 लोगों की मौत हो चुकी है।


स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में शनिवार(16 मई) सुबह 8 बजे तक कुल 85,940 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 53,035 मरीजों का फिलहाल अस्पतालों में इलाज चल रहा है, वहीं 30,153 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं देश में 2752 मरीजों की कोरोना से अब तक मौत हो चुकी है।


महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित


देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के अब तक कुल 29,100 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य में कोरोना से अब तक 6524 मरीज ठीक हो चुके हैं, वहीं 1068 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर है। यहां अब तक कुल 10,108 मामले सामने आ चुके हैं। 2599 मरीज ठीक हो चुके हैं, वहीं राज्य में 71 मरीजों की मौत हो चुकी है।


यूपी सड़क दुर्घटना में 24 लोगों की मौत

औरैया। घटना शनिवार तड़के 3.30 तीन बजे की है। 24 मजदूरों की मौत घटनास्थल पर हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए। घटना के वक्त अंधेरा था, इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में काफी दिक्कत आई। प्रशासन के साथ आसपास के लोगों ने मदद की और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।


नींद में था ट्रक ड्राइवर, डीसीएम में मारी टक्करघटनास्थल पर ही हुई 24 की मौत, कई लोग जख्मी
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में प्रवासी मजदूरों से भरी डीसीएम में ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे 24 मजदूरों की मौत हो गई. इस घटना में 15 लोग घायल हैं। घायलों को जिला अस्पताल व सैफ़ई पीजीआई भेजा गया है। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घायलों को रेस्क्यू कराया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।


शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, मजदूरों को लेकर आ रही डीसीएम में ट्रक ने टक्कर मार दी जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 लोग लोग घायल हैं। सभी घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। डीसीएम सड़क पर खड़ी थी तभी ट्रक ने उसमें टक्कर मार दी। औरेया की एसपी सुनीति सिंह और कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद है। पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी है। जो लोग गंभीर रूप से घायल हैं उनको कानपुर के हैलट अस्पताल में रेफर किया गया है। घटना को देखते हुए मृतकों की संख्या में इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है।


घटना शनिवार तड़के 3.30 तीन बजे की है. 24 मजदूरों की मौत घटनास्थल पर हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए। घटना के वक्त अंधेरा था, इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में काफी दिक्कत आई। प्रशासन के साथ आसपास के लोगों ने मदद की और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने सभी घायलों को फौरन उचित इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कानपुर के कमिश्नर और आईजी को निर्देश दिया के वे घटनास्थल का दौरा करें और जल्द से जल्द घटना के कारणों की रिपोर्ट दें। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।


हाल के दिनों में घटनाएं बढ़ीं


हाल के दिनों में पैदल घर के लिए निकले मजदूरों के साथ कई घटनाएं हुई हैं। दो दिन पहले यूपी के मुजफ्फरनगर और मध्य प्रदेश के गुना में ऐसी ही घटनाएं हुईं जिसमें कई मजदूर मौत के शिकार हुए और कई घायल हुए। शुक्रवार को एक घटना महोबा में सामने आई। महोबा जिले के झांसी-मिर्जापुर हाइवे पर शुक्रवार को गुजरात से झारखंड जा रहा मजदूरों से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर हाइवे किनारे पलट गया। इस दुर्घटना में ट्रक पर सवार झारखंड के सभी 67 मजदूर बाल-बाल बच गए। तीन मजदूरों को मामूली चोटें आईं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।


इससे पहले मुजफ्फरनगर में बुधवार देर रात 6 मजदूरों की मौत हो गई थी। मजदूरों को कुचलने वाले रोडवेज बस के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। मेडिकल रिपोर्ट में पता चला है कि ड्राइवर नशे में था। फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि बुधवार रात करीब 22.30 बजे रोहना टोल की तरफ आ रही रोडवेज बस आ रही थी। बस का ड्राइवर नशे में था और बस को तेजी व लापरवाही से चला रहा था। उसने पैदल घर जा रहे मजदूरों को रौंद दिया। इस हादसे में 6 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 4 मजदूर घायल हो गए हैं. दो की हालत गंभीर है। ऐसा ही एक हादसा आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में हुआ। यहां पर 30 मजदूरों को ले जा रहा एक ट्रैक्टर हाई टेंशन पोल की चपेट में आ गया। इस हादसे में 9 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि कई घायल बताए हैं। घायलों को इलाज के लिए पास के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 17, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-280 (साल-01)
2. रविवार, मई 17, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- दसवीं, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:50,सूर्यास्त 07:05।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


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