अतुल त्यागी
लॉक डाउन में नाबालिगों के हाथ में दिया जा रहा गाड़ियों का स्टेरिंग
हापुड़। जनपद हापुड़ में जहां एक तरफ लोग कोरोना वायरस के कारण अपने घरों में कैद हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग लाँकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं। यह लोग अपने बच्चों के हाथ में गाड़ियों का स्टेरिंग दे रहे हैं। आए दिन सड़कों पर एक्सीडेंट देखने को मिलते हैं। यही कारण है कि नाबालिक लड़के बच्चे गाड़ी लेकर सड़क पर निकल पड़ते हैं जिनको ना तो गाड़ी चलाने के नियम पता है और ना ही कहां गाड़ी रोकनी है या कहां गाड़ी को इंडिकेट करना है। इनको सिर्फ एक्स लेटर देकर गाड़ी को भगाना है। यही नाबालिक अनेकों बार मौत के कगार पर किसी को पहुंचा देते हैं या खुद पहुंच जाते हैं जहां सरकार बार-बार आम जनता से अपील कर रही है कि घरों में रहो और लाँकडाउन का पालन करो वही कुछ मां बाप अपने बच्चों को लेकर सड़क पर गाड़ी चलाना सिखा रहे हैं क्या यह गाड़ी सिखाने का सही समय है क्या सड़क पर गाड़ी चलाना दूसरे की जान की परवाह किए बिना सिर्फ अपने शोक पूरा करना यही उन अभिभावकों की ड्यूटी है उनका कोई ज्ञान नहीं कि वह ड्राइविंग स्कूल में जाएं और अपने बच्चों को सही जानकारी ड्राइविंग स्कूल से दिलवाए आम दिनों के मुकाबले आजकल अत्याधिक संख्या में देखने को मिल रहा है की कोई ना कोई अपने परिवार में गाड़ी चलाना सिखा रहा है यदि सड़क पर एक बार आप निकल जाओ तो आपको स्वयं ही यह आभास हो जाएगा कि यह गाड़ी सिखाने वाले अपने बच्चों को हाईवे या नगर की मुख्य सड़कों पर ही ड्राइविंग सिखा रहे हैं यह ड्राइविंग सिखानि किसी की जान के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकता है और ना तो ड्राइविंग वाला सोचता हैं और ना ही बच्चे आरटीओ विभाग पूरी तरह इस तरब कोई ध्यान ही नहीं दे रहा आरटीओ विभाग जगह-जगह इस तरह की जांच करें की बच्चे ड्राइविंग सीख रहा है या उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस है या नही पुलिस प्रशाशन को भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।
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