नई दिल्ली ! सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवादित ढांचा गिराने की साजिश के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को 19 जुलाई तक यह बताने के लिए कहा है कि केस की सुनवाई कर रहे जज के सेवानिवृत्त होने पर क्या नियम और कानून हैं। दरअसल, इस केस की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज एसके यादव को 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होना है। इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए छह महीने का और समय मांगा है।इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह बेहद जरूरी है कि सीबीआई जज एसके यादव मामले की सुनवाई पूरी करके फैसला सुनाएं। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से यह भी पूछा है कि वह 19 जुलाई तक बताए कि किसी केस की सुनवाई कर रहे जज के सेवानिवृत्त होने पर क्या नियम और कानून हैं। साथ ही यह भी पूछा कि राज्य सरकार बताए कि जज एसके यादव के कार्यकाल को कैसे बढ़ाया जा सकता है। साथ ही इसको लेकर कानूनी प्रावधान क्या हैं।
बता दें कि इस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता एलके आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी आरोपी है। इस मामले में ट्रायल 19 अप्रैल को खत्म होने वाला था। वहीं रामजन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल के चेयरमैन जस्टिस इब्राहिम कलीफुल्ला से गुरूवार तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। ज्ञात हो कि कोर्ट ने बातचीत से समाधान की संभावना तलाशने के लिए पूर्व जज एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल का गठन किया है। शीर्ष अदालत अब 25 जुलाई से मामले की रोजाना सुनवाई पर विचार करेगी।