रविवार, 12 मई 2024
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शनिवार, 13 जनवरी 2024
15 को मनाया जाएगा 'मकर संक्रांति' का पर्व
मंगलवार, 2 जनवरी 2024
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सोमवार, 13 नवंबर 2023
आज गोवर्धन पूजन करने का विधान, जानिए
सोमवार, 23 अक्तूबर 2023
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रविवार, 22 अक्तूबर 2023
माता सिद्धिदात्री को समर्पित 'नवरात्रि' का नौवां दिन
शनिवार, 21 अक्तूबर 2023
माता महागौरी को समर्पित 'नवरात्रि' का आठवां दिन
शुक्रवार, 20 अक्तूबर 2023
माता कालरात्रि को समर्पित 'नवरात्रि' का सातवां दिन
गुरुवार, 19 अक्तूबर 2023
माता कात्यायनी को समर्पित 'नवरात्रि' का छठा दिन
बुधवार, 18 अक्तूबर 2023
स्कंदमाता को समर्पित 'नवरात्रि' का पांचवां दिन
मंगलवार, 17 अक्तूबर 2023
माता कुष्मांडा को समर्पित 'नवरात्रि' का चौथा दिन
सोमवार, 16 अक्तूबर 2023
माता चंद्रघंटा को समर्पित 'नवरात्रि' का तीसरा दिन
शनिवार, 23 सितंबर 2023
15 अक्तूबर से शुरू होगी शारदीय 'नवरात्रि'
शनिवार, 26 अगस्त 2023
परिणीति व राघव ने महाकाल के दर्शन किए
शनिवार, 19 अगस्त 2023
नागपंचमी: सोमवार को होगी नाग देवता की पूजा
शुक्रवार, 11 अगस्त 2023
'प्रदोष व्रत' करने से खुलेंगे तरक्की के नए रास्ते
'प्रदोष व्रत' करने से खुलेंगे तरक्की के नए रास्ते
सरस्वती उपाध्याय
अयोध्या। सावन का पवित्र महीना चल रहा है और सावन के पवित्र महीने में जहां एक तरफ शिव भक्त भगवान शिव की पूजा आराधना कर रहे हैं तो वहीं इसी सावन के माह में कई पर्व और त्योहार भी ऐसे पड़ते हैं, जो अपने आप में महत्वपूर्ण होते हैं। अधिक मास होने की वजह से इस साल का सावन पूरे 2 महीने का है। इसमें दो की जगह चार प्रदोष व्रत भी पड़ेंगे। सावन माह में प्रदोष व्रत का बड़ा अधिक महत्व माना जाता है। भगवान शंकर को प्रदोष का व्रत समर्पित होता है।
अधिक मास में सावन का अंतिम प्रदोष का व्रत 13 अगस्त को है। ज्योतिष के मुताबिक 13 अगस्त को दिन रविवार पड़ रहा है, जिसकी वजह से यह रवि प्रदोष व्रत होगा। प्रदोष व्रत में विधि-विधान पूर्वक अगर ज्यादा पूजा आराधना करते हैं तो उनको विशेष तरह के लाभ भी मिलते हैं। इतना ही नहीं इस दिन ज्योतिष के बताए गए कुछ उपाय करने से कैरियर में तरक्की के नए रास्ते भी खुलते हैं, तो चलिए जानते हैं। आखिर कैसे करें प्रदोष व्रत के दिन उपाय ?
अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाएगा जो 13 अगस्त को है। जिस का शुभ मुहूर्त सुबह 8:19 से शुरू होकर 14 अगस्त सुबह 10:25 पर समाप्त होगा। प्रदोष व्रत में सिद्धि योग का निर्माण भी हो रहा है। अगर आप अपने करियर में तरक्की पाना चाहते हैं तो प्रदोष व्रत के दिन कुछ उपाय मंत्र करने से आपके जीवन में तरक्की ही तरक्की मिलेगी।
अगर आप अपने कैरियर में सफलता और तरक्की पाना चाहते हैं तो प्रदोष व्रत के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा आराधना करें। शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें, इसके साथ आप मुट्ठी में गेहूं भगवान शंकर के शिवलिंग पर अर्पित कर दें। ऐसा अगर आप करते हैं तो आपके जीवन में तथा कैरियर में बड़ी तरक्की और समानता मिल सकती है।
अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, जिसकी वजह से आपकी तरक्की में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही है तो आप प्रदोष व्रत के दिन अष्टांग ध्यान करने के बाद एक लोटे में जल लेकर भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। इसके अलावा जल में लाल चंदन लाल फूल गुड़ डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। अगर आप ऐसा करते हैं तो कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होगी और आपको करियर में तरक्की मिलेगी।
अगर आप व्यापार कर रहे हैं और आपके व्यापार में लगातार धन संबंधित परेशानियां हो रही है तो आपको प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर 21 बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही बेलपत्र पर चंदन से ओम नमः शिवाय जरूर लिखना चाहिए फिर एक-एक बेलपत्र भगवान शंकर के शिवलिंग पर अर्पित करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो धन संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाएंगे।
सोमवार, 7 अगस्त 2023
कर्म का फल 'अध्यात्म'
शनिवार, 5 अगस्त 2023
तीज व्रत, सुहागिन एवं कन्याएं भी रख सकती हैं
मंगलवार, 25 जुलाई 2023
शुक्ल-पक्ष की पंचमी तिथि को मनेगी 'नाग पंचमी'
शुक्ल-पक्ष की पंचमी तिथि को मनेगी 'नाग पंचमी'
सरस्वती उपाध्याय
नाग पंचमी का त्योहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार नाग पंचमी 21 अगस्त 2023 को है। नाग पंचमी के अवसर पर नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने पर कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। पौराणिक काल से ही सांपों को देवताओं की तरह पूजा जाता है। मान्यता है, नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही राहु-केतु के बुरे प्रभाव एवं कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है। वहीं शास्त्रों में कुछ ऐसी बातों का भी जिक्र किया है, जिन्हें गलती से भी नाग पंचमी के दिन नहीं करना चाहिए, वरना पुण्य की पाप लग सकता है और कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कौन से वे कार्य हैं, जिन्हें नाग पंचमी के दिन नहीं करना चाहिए…!
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। ऐसे में इस दिन सांपों को कोई कष्ट न पहुंचाएं। इस दिन उनकी पूजा करें और उनकी रक्षा करने का संकल्प लें।
नाग पंचमी के दिन जीवित सांप को दूध न पिलाएं, क्योंकि सांप के लिए दूध जहर के समान हो सकता है। साथ ही इस दिन गलती से भी जीवित नाग की पूजा करने और उसे कष्ट देने से पाप लगता है। इस दिन नाग देवता की मूर्ति या फोटो की पूजा करें और उनकी प्रतिमा का दूध से अभिषेक करें।
धार्मिक शास्त्रों में कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन तवा और लोहे की कढ़ाई में भोजन नहीं पकाना चाहिए। ऐसा करने से नाग देवता को कष्ट होता है। साथ ही इस दिन किसी भी नुकीली और धारदार वस्तुओं जैसे सुई, चाकू, का इस्तेमाल अशुभ माना जाता है।
नाग पंचमी के दिन भूमि की खुदाई भी नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मिट्टी या जमीन में सांपों के बिल या बांबी के टूटने का डर रहता है।
नाग पंचमी के दिन तांबे के लोटे से शिवलिंग या नाग देव को दूध अर्पित नहीं करना चाहिए। जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे और दूध के लिए पीतल के लोटे का इस्तेमाल करें।
गुरुवार, 20 जुलाई 2023
मलमास: पूजा-पाठ, जप-तप, दान का महत्व
मलमास: पूजा-पाठ, जप-तप, दान का महत्व
सरस्वती उपाध्याय
अधिकमास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। इसे पुरुषोत्तम मास या मलमास भी कहते हैं। मान्यता है कि अधिकमास में सभी देवी-देवता देवलोक से आकर पृथ्वीलोक पर वास करते है। वहीं इस साल अधिकमास सावन महीने में लगा है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। अधिकमास की शुरुआत मंगलवार 18 जुलाई 2023 से हो गई है और इसका समापन बुधवार 16 अगस्त 2023 को होगा। अधिकमास में भले ही शुभ-मांगलिक कार्यों को वर्जित माना गया है। लेकिन इस दौरान पूजा-पाठ, जप-तप और दान का खास महत्व होता है।
ज्योतिष के अनुसार, अधिकमास में अगर आप अपनी राशि के अनुसार दान करेंगे तो इससे ग्रह-दोषों से भी मुक्ति मिलेगी। जानते हैं राशि के अनुसार, अधिकमास में किन चीजों का करें दान।
मेष राशि : मालपुआ, घी, चांदी, लाल वस्त्र, केला, अनार, तांबा, मूंगा और गेंहू का दान मेष राशि वाले कर सकते हैं।
वृषभ राशि : आप अधिकमास पर सफेद वस्त्र, चांदी, सोना, मालपुआ, मावा, शकर, चावल, केला, मोती आदि दान करें।
मिथुन राशि : मिथुन राशि वालों को पन्ना, मूंग दाल, तेल, कांसा, केला, सिंदूर और साड़ी का दान करना शुभ रहेगा।
कर्क राशि : अधिकमास पर कर्क राशि वाले लोग मोती, चांदी, मटका, तेल, सफेद वस्त्र, गाय, मालपुआ, मावा, दूध, चावल आदि दान में कर सकते हैं।
सिंह राशि : सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं। अधिकमास पर लाल वस्त्र, तांबा, पीतल, सोना, चांदी, गेंहू, मसूर दाल, माणिक्य रत्न, धार्मिक पुस्तकें और अनार का दान देना बहुत शुभ रहेगा।
कन्या राशि : अधिकमास में भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए हरी मूंग दाल, सोना, केले का दान करें। इसके साथ ही आप गौशाला में घास का दान करें या गाय को हरी घास खिलाएं।
तुला राशि : तुला राशि वाले लोग सफेद वस्त्र, मालपुआ, मावा, चीनी या मिश्री, चावल और केले का दान कर सकते हैं।
वृश्चिक राशि : वृश्चिक राशि वाले लोगों को लाल वस्त्र, मौसमी फल, अनार, तांबा, मूंगा और गेंहू का दान करना उत्तम रहेगा।
धनु राशि : धनु राशि वाले लोगों को अधिकमास में पीले कपड़े, चने की दाल, लकड़ी का सामान, घी, तिल, अनाज और दूध आदि का दान करना चाहिए।
मकर राशि : मकर राशि वाले तेल, दवाइयां, नीले कपड़े, औजार, लोहा, मौसमी फल का आदि का दान कर सकते हैं।
कुंभ राशि : कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं। ऐसे में आप तेल, दवाइयां, नीले कपड़े, औजार, लोहा, मौसमी फल का आदि का दान कर सकते हैं।
मीन राशि : मीन राशि वाले लोग पीले वस्त्र, चने की दाल, घी, दूध और दूध से बनी मिठाईयां दान कर सकते हैं।
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