रविवार, 8 मई 2022
आई लव माई मदर 'कविता'
चक्रवात: तेज हवाएं व बारिश होने की आशंका
चक्रवात: तेज हवाएं व बारिश होने की आशंका
मिनाक्षी लोढी/अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली/कोलकाता। बंगाल की खाड़ी में आया तूफान रविवार को तीव्र होकर चक्रवात में बदल गया। जिसकी रफ्तार 75 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक है तथा इसके और तेज होने की आशंका है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। हालांकि, चक्रवात के तटीय क्षेत्र से टकराए बिना अगले हफ्ते तक कमजोर पड़ने की संभावना है। मौसम कार्यालय ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर मंगलवार से तेज हवाएं चलने और बारिश होने की आशंका है। मौसम कार्यालय के मुताबिक, चक्रवाती तूफान का नाम ‘असानी’ रखा गया है, जो ‘क्रोध’ के लिए इस्तेमाल सिंहली भाषा का शब्द है। यह तूफान अंडमान द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर से 380 किलोमीटर पश्चिम में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में केंद्रित है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार सुबह 8.30 बजे जारी बुलेटिन में कहा, ‘‘अगले 24 घंटों के दौरान तूफान के उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ने और पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक गंभीर चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होकर और तेज होने की आशंका है।’’ आईएमडी द्वारा चक्रवात के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात के 10 मई की शाम तक उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ने और उत्तरी आंध्र प्रदेश व ओडिशा के तटों से बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य एवं उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र तक पहुंचने के आसार हैं। इसके बाद, इसके उत्तर-उत्तर-पूर्व की तरफ मुड़ने और ओडिशा तट से दूर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र की ओर बढ़ने की प्रबल संभावना है।
आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात के सोमवार को बंगाल की खाड़ी में 60 समुद्री मील (111 किलोमीटर प्रति घंटा) की गति से आगे बढ़ने की उम्मीद है। उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों की ओर बढ़ने के साथ भीषण चक्रवाती तूफान के मंगलवार से धीरे-धीरे कमजोर होने का अनुमान है। आईएमडी ने कहा कि ओडिशा के तटीय जिलों और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता सहित राज्य के दक्षिणी हिस्से में मंगलवार से हल्की से मध्यम बारिश होने की आशंका है। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 10 मई से अगली सूचना तक समुद्र में और पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा के तटों पर नहीं जाएं। मौसम विभाग के अनुसार, ओडिशा तट के पास समुद्र की स्थिति नौ मई को खराब और 10 मई को अत्यधिक खराब हो जाएगी। समुद्र में हवा की गति 10 मई को बढ़कर 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा होने का अनुमान है।
'आईआईएम' नागपुर के स्थायी परिसर का उद्घाटन
'आईआईएम' नागपुर के स्थायी परिसर का उद्घाटन
कविता गर्ग
नागपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में यूनिकॉर्न और स्टार्ट-अप का प्रवेश देश के लिए बड़े बदलाव वाला साबित हो सकता है। कोविंद ने रविवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नागपुर के स्थायी परिसर का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। आईआईएम नागपुर की स्थापना 2015 में की गयी थी। राष्ट्रपति ने कहा कि एक शिक्षण संस्थान केवल सीखने का ही स्थान नहीं होता बल्कि यह हम सभी की भीतरी और छिपी हुई प्रतिभाओं को और संवारने का काम करते है। उन्होंने कहा, शिक्षण संस्थान वह जगह है। जो हम में से प्रत्येक में आंतरिक और कभी-कभी छिपी हुई प्रतिभा को भी निखारने का काम करते हैं। पाठ्यक्रम हमें अपने भीतर आत्मनिरीक्षण करने, महत्वाकांक्षा रखने और अपने सपनों को पूरा करने का अवसर देता है। राष्ट्रपति ने कहा, हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां नवाचार और उद्यमिता की सराहना की जाती है और उसे प्रोत्साहित किया जाता है। विभिन्न यूनिकॉर्न या स्टार्ट-अप की कहानियों ने नया इतिहास रचा है। इसने नए रास्ते खोले हैंं। क्योंकि व्यावसायिक उद्यमों के अंतर्गत कई नए क्षेत्र आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्रियों के वितरण से लेकर कई अन्य चीजें पहुंचाने और ले जाने तक, ऐसी सभी सेवाएं स्टार्ट-अप और ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म द्वारा प्रदान की जाती हैं। कोविंद ने कहा, “शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र भी इन नए उद्यमों का हिस्सा बन गए हैं। इस तरह के प्रयास हमारे देश के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। यह हमारे देश के लोगों के लिए नौकरी प्रदाता और राजस्व अर्जित करने का जरिया बन सकते हैं। कोविंद ने यह भी कहा कि नवाचार और उद्यमिता दोनों में न केवल प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों के जीवन को बेहतर और आसान बनाने की क्षमता है, बल्कि यह कई लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए उनसे कहा कि वे एक दूसरे से जुड़ी हुई दुनिया में रहते हैं और जल्द ही पेशेवरों के रूप में दुनिया की सैर करने वाले बनेंगे। राष्ट्रपति ने छात्रों से अपील करते हुए कहा, हालांकि, इस प्रयास में हमारे देश की मूल भावना और नैतिकता को कभी मत भूलना। आप दुनिया भर में भारतीय संस्कृति और ज्ञान के दूत होंगे और आपका प्रदर्शन पूरे देश के लिए मानक साबित होगा।
उन्होंने आईआईएम नागपुर के उद्यमिता विकास संस्था की सराहना भी की जिसने सफलतापूर्वक महिला उद्यमियों को स्नातक करने में सक्षम बनाया है और उनमें से छह ने अपने उद्यम भी शुरू किए हैं। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति पद, उम्मीदवार का ऐलान करेगी भाजपा
राष्ट्रपति पद, उम्मीदवार का ऐलान करेगी भाजपा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी जल्द ही राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ओबीसी या किसी महिला को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बना सकती है। ओबीसी और महिलाओं का देश की आबादी में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व है। हालांकि, अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति या दक्षिण भारत के उम्मीदवार जैसी कई थ्योरी राजनीतिक हलकों में हैं। पार्टी सभी संभावनाओं को टटोलने और 2024 संसदीय चुनाव को नजर में रखकर ही उम्मीदवार के नाम को घोषित करेगी। जाति आधारित जनगणना की मांग के बीच, राजनीतिक पार्टियां जानती हैं कि ओबीसी देश की कुल आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक है, जबकि महिलाएं भारत की आबादी का लगभग आधा हिस्सा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि महिलाएं बीजेपी का नया वोटबैंक हैं। पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि सभी सामाजिक समीकरणों के बीच, एससी समुदाय से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की संभावना नहीं है क्योंकि वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसी समुदाय से संबंध रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘इस बार एससी समुदाय के किसी नेता को मौका दिए जाने की संभावना बहुत कम है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए इस समय ओबीसी और महिलाओं को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक सभी राज्यों में ओबीसी एक बड़ी ताकत है। हाल के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में, कुछ ओबीसी नेताओं के पार्टी से बाहर होने के बावजूद, भाजपा को समुदाय से भारी समर्थन मिला। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि बीजेपी की सहयोगी जेडीयू सहित लगभग सभी पार्टियों ने ओबीसी समुदाय का विश्वास जीतने के लिए जाति आधारित जनगणना की मांग की है और उनमें से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को नामित करके पार्टी को अगले लोक सभा चुनाव और आगामी राज्य चुनावों में फायदा होगा। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘महिला और ओबीसी दोनों स्वतंत्र रूप से देश में मतदाताओं का सबसे बड़ा हिस्सा हैं पार्टी या तो व्यक्तिगत रूप से या एक साथ ओबीसी महिला उम्मीदवार को पद के लिए नामांकित करके उन्हें लुभाएगी वर्तमान में, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके, तमिलनाडु की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का नाम भी संभावितों में है। वहीं झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम भी भाजपा के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए सामने आ रहा है।
मंत्रालय का दावा, पर्याप्त मात्रा में कोयले की सप्लाई
मंत्रालय का दावा, पर्याप्त मात्रा में कोयले की सप्लाई
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने दावा किया है कि देश के सभी पावर प्लांट को जरूरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में कोयले की सप्लाई की जा रही है। सरकार कोयले का उत्पादन बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है। बंद या छोड़ी गई कोयला खदानों में निकालने योग्य कोयला भंडार लगभग 38 करोड़ टन है। इन खदानों से कोयला आसानी से निकाला जा सकता है। ऐसे में इसकी भी कोशिशें जारी हैं। कोयला मंत्रालय का कहना है कि सरकार का लक्ष्य कोयले के आयात को कम करना और देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। समय के हिसाब से कोयले की जरूरत बढ़ रही है। मंत्रालय ने कहा कि कोयले के जल्द आयात की सलाह दी गई थी, ताकि अतिरिक्त कोयला मई 2022 के महीने से ही बिजली संयंत्रों तक पहुंच जाए। तमिलनाडु और महाराष्ट्र ने कोयला आयात के आदेश दे दिए हैं। कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। कोयला ब्लॉक की नीलामी के लिए राजस्व हिस्सेदारी में 50 फीसद की छूट का प्रस्ताव है। समीक्षा बैठक में आवंटित कोयले की ढुलाई की प्रगति की भी समीक्षा की गई। मंत्रालय ने कहा कि आवंटित कोयले का उठान कुछ राज्यों में संतोषजनक नहीं है। उनसे कहा जा रहा है कि वह इस बारे में अपने प्रदर्शन में सुधार करें।
दुनिया की सबसे बड़ी कोयला कनन कंपनी कोल इंडिया मिलिटेड अपनी 20 बंद पड़ी भूमिगत कोयला खदानों को फिर से शुरू करेगी। कोल इंडिया इन खदानों को फिर से शुरू करने और राजस्व शेयरिंग मॉडल पर उत्पादन के लिए प्राइवेट सेक्टर से पेशकश करेगी। कंपनी ने शुक्रवार को निवेशकों के साथ मुंबई में एक बैठक भी की थी। बैठक में इस पेशकश के बारे में निजी क्षेत्र को बताया गया। इस कार्यक्रम में निवेशकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि कोयला मंत्रालय का लक्ष्य थर्मल कोयले के आयात को कम करना और देश को इस क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाना है। जोशी ने सत्र में मौजूद निवेशकों से कहा, ’अभी कुछ समय पहले लोग कहा करते थे कि कोयले की आवश्यकता कम होने वाली है, लेकिन वर्तमान में हम कोयले की आवश्यकताओं में वृद्धि देख रहे हैं।’
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बंद पड़ी कोयला खदानों में निकालने योग्य भंडार लगभग 38 करोड़ टन है। इसमें से 3-4 करोड़ टन कोयला आसानी से निकाला जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि खनन गतिविधियों को जारी रखने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हुए टीपीपी को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।वहीं, केंद्रीय कोयला, खनन और रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारत के पास दुनिया में कोयले का पांचवां सबसे बड़ा भंडार है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य घरेलू कोयला उत्पादन को वित्त वर्ष 2023-24 तक 1.2 अरब मीट्रिक टन तक बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि ईंधन के रूप में ऊर्जा मिश्रण में कोयले का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने आगे कहा कि यह पहल नवीनतम खनन प्रौद्योगिकी, मजबूत प्रणालियों और प्रक्रियाओं की तैनाती का मार्ग प्रशस्त करेगी।
कई विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को परखा
कई विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को परखा
नीरज जैन
झांसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दो दिवसीय झांसी दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कई को फटकार लगाई, कुछ पर कार्रवाई की तो कुछ को नसीहत भी दी। इसके अलावा उन्होंने कई विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को परखा। साथ ही उन्होंने वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक दुर्ग में जाकर लाइट एंड साउंड शो का अवलोकन भी किया। दुर्ग की आगन्तुक पुस्तिका में उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा-अतीत को विस्मृत कर वर्तमान का नवनिर्माण नहीं हो सकता है।
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के सॉरी और पराक्रम को लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से देखकर अभिभूत हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगंतुक पुस्तिका में लिखा की भारत की आजादी का प्रथम स्वतंत्र समय समर अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। इस स्वतंत्र समर में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम बड़े सम्मान के साथ भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।
बच्चें व राजनेताओं ने अपनी-अपनी मां को याद किया
बच्चें व राजनेताओं ने अपनी-अपनी मां को याद किया
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस के अवसर पर रविवार को नन्हें-मुन्ने बच्चों ने पेंटिंग के जरिये तो, राजनेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी-अपनी मां को याद किया है। जिनकी मां धरती पर मौजूद हैं। उनके बच्चों ने उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया है। वहीं, जिनकी मां स्वर्गवासी हो गई हैं, उन बच्चों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए याद किया है। मातृ दिवस के दिन लखनऊ के रहने वाले स्कूली बच्चों में अभय सिंह, अवंतिका सिंह, सानवी शर्मा, रिद्विमा पाण्डेय और विवान बिष्ट ने पेंटिग के जरिये अपनी माँ को खास होने का अहसास दिलाया है। इसके अलावा नौजवानों, युवतियों समेत सभी ने अपनी माँ के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हुए मातृ दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी है। जिन लोगों की माँ अब इस धरती पर नहीं है। उन लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया है।
सोशल मीडिया के फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम पर हजारों लोगों को अपनी माँ के साथ फोटो शेयर कर मातृदिवस की बधाई दी है। इतना ही नहीं इस अवसर पर माँ से जुड़े अनेक वो पल को सोशल मीडिया में साझा किया हैं जो उन्होंने अपनी मां के साथ बिताया है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने अधिकारिक ट्वीट हैंडल पर माँ की फोटो को साझा करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि माँ पृथ्वी है, जगत है, धुरी है, माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है’। ईश्वर हर जगह नहीं पहुंच सकता इसीलिए उसने माँ को बनाया है। आज मातृ दिवस के उपलक्ष्य पर सभी माताओं को नमन व चरणों में कोटि कोटि वंदन करता हूं।
इसके अलावा उप्र के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना,आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल,औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल नंदी, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मातृदिवस पर बधाई बधाई एवं शुभकामनाएं दी। हर वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को ‘मदर्स डे’ यानी मातृ दिवस मनाया जाता है। यह परंपरा लगभग 110 साल से चल रही है। इस दिन की शुरुआत अमेरिकी महिला एना जार्विस ने की थी। एना अपनी माँ से बहुत प्रेम करती थी और उन्हें ही अपना आदर्श मानती थी। जब एना की माँ की निधन हुआ तो उन्होंने कभी शादी न करने का फैसला करते हुए अपनी माँ के नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने इसकी तारीख इस तरह चुनी कि वह उनकी मां की पुण्यतिथि 09 मई के आसपास ही पड़े। और खास बात यह भी है कि इस भी ‘मदर्स डे’ 09 मई को ही पड़ा है। माँ का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। चाहे इंसान हो या जीव-जंतू इस धरती पर लाने वाली सिर्फ माँ ही है। माँ को सम्मान देने के लिए मई माह के दूसरे रविवार के दिन पूरी दुनिया में मातृदिवस (मदर्स डे) मनाया जाता है। इस दिन लोग अपनी माँ को यह एहसास दिलाते हैं कि दुनिया में अगर उन्हें कोई लाया है तो वो सिर्फ उनकी माँ ही है।
कई उन्नत हथियारों का परीक्षण करने की तैयारी: भारत
कई उन्नत हथियारों का परीक्षण करने की तैयारी: भारत
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत स्वदेशी रूप से विकसित कई उन्नत हथियारों का परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, विकिरण रोधी मिसाइल से लेकर स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियारों में लंबी दूरी तक मार करने वाले गाइडेड बम शामिल हैं। इसी माह कम से कम तीन हथियारों के परीक्षण होने हैं। जिसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल के अलावा नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल भी हैं। चीन के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद से भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश में ही विकसित मिसाइलों के ताबड़तोड़ परीक्षण किये हैं। इसके बावजूद अभी भी डीआरडीओ के खजाने में कई ऐसे मिसाइल सिस्टम हैं जिनके सारे परीक्षण पूरे नहीं हुए हैं। आने वाले समय में इनके आखिरी परीक्षण करके इन्हें सशस्त्र बलों को उपयोग के लिए सौंपा जाना है। ”आत्मनिर्भर भारत” और ”मेक इन इंडिया” अभियान को पूरा करने के साथ ही यह स्वदेशी मिसाइलें चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच भारत को भी रक्षा तकनीक में लगातार कामयाबी दिला रही हैं।
भारत स्वदेशी रूप से विकसित कई उन्नत हथियारों का परीक्षण इसी माह करने की तैयारी कर रहा है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, विकिरण रोधी मिसाइल से लेकर स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार और लंबी दूरी के ग्लाइड बम शामिल हैं। डीआरडीओ ने इस माह दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली 100-किमी. रेंज की एस्ट्रा-1 और 160 किमी. रेंज की एस्ट्रा-2 मिसाइल के परीक्षण की योजना बनाई है। इसके अलावा 150 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज के साथ नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल (एनजीएआरएम) रुद्रम-1 का परीक्षण भी इस महीने के लिए निर्धारित है। 100-किमी. रेंज की एस्ट्रा-1 मिसाइल के उपयोगकर्ता परीक्षण पूरे होने के बाद रक्षा पीएसयू भारत डायनेमिक्स उत्पादन कर रहा है। डीआरडीओ के सूत्रों के मुताबिक एस्ट्रा-2 मिसाइल को अपने कैरिज और हैंडलिंग ट्रायल के साथ-साथ ”डमी ड्रॉप्स” को पूरा करने के बाद फाइटर जेट सुखोई-30एमकेआई से पहली बार ”लाइव लॉन्च” किया जायेगा। यह पहला मौका होगा जब सुखोई जेट से रूसी हथियार के बजाय स्वदेशी मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा। भारतीय वायु सेना ने पहले ही 250 एस्ट्रा-1 मिसाइलों का प्रारंभिक आदेश दिया है। यह मिसाइल मैक 4.5 पर ध्वनि की गति से चार गुना अधिक तेज उड़ान भरती है। तेजस और मिग-29 लड़ाकू विमानों के साथ भी एस्ट्रा-1 के एकीकरण पर कार्य चल रहा है। रुद्रम मिसाइलों को लंबी स्टैंड-ऑफ रेंज से दुश्मन की हवाई सुरक्षा नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है ताकि वायु सेना के स्ट्राइकर विमान बिना किसी बाधा के अपने मिशन को अंजाम दे सकें।
सूत्रों ने कहा कि डीआरडीओ इस साल के अंत तक अपनी सीमा को 350 किलोमीटर तक बढ़ाने के लिए ठोस ईंधन आधारित डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) प्रणोदन पर आधारित एस्ट्रा-3 मिसाइल का पहला परीक्षण करने की भी योजना बना रहा है। मिसाइलों की एस्ट्रा श्रृंखला दिन और रात में फायर करने में सक्षम है। इसे लंबी दूरी पर अत्यधिक चुस्त सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों का पता लगाने, ट्रैक करने और नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो महंगे रूसी, फ्रेंच और इज़राइली मिसाइलों की जगह लेगी। डीआरडीओ 350 किमी. रेंज की रुद्रम-2 और 550 किमी. रेंज की रुद्रम-3 हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल भी विकसित कर रहा है, जिसमें आईएनएस-जीपीएस नेविगेशन भी है। रुद्रम-2 का ट्रायल भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है।इसके अलावा स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियारों के परीक्षण किये जाने हैं, जो सटीक गाइडेड बम हैं। इन्हें दुश्मन के रनवे, बंकर, एयरक्राफ्ट हैंगर और राडार को 100 किमी. की दूरी तक नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। 125 किलोग्राम के यह बम उपग्रह नेविगेशन या इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इमेजिंग इन्फ्रा-रेड सीकर (ईओआईआईआर) के दो विन्यासों पर आधारित हैं, जो सुखोई या जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों में रैक पर रखे जाते हैं। एक सुखोई जेट ऐसे 32 बम ले जा सकता है। इसके अलावा 80 किलोमीटर तक मार करने वाले 1000 किलो भारी क्षमता वाले गाइडेड बम भी विकसित किए जा रहे हैं।
'हर घर नल से जल' योजना, ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन
'हर घर नल से जल' योजना, ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन
नीरज जैन
झांसी। अपने झांसी दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीताम्बरा पीठ के दर्शन करने के बाद चिरगांव विकासखंड स्थित गुलारा में निर्माणाधीन जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल योजना के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन किया। उन्होंने गौशाला में गायों का पूजन कर उन्हें चारा भी खिलाया। झांसी के दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज दूसरे दिन सुबह से ही अपने काफिले के साथ सीमा से सटे मप्र के दतिया स्थित मां पीताम्बरा पीठ के दर्शन के साथ उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत की। वहां उन्होंने तंत्र साधना की विशिष्ट देवी मां धूमावती के भी दर्शन किए। आम तौर पर मां धूमावती के दर्शन केवल शनिवार को ही होते हैं। उन्होंने मां धूमावती को प्रसाद भी चढ़ाया। उनके साथ मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत तमाम जनप्रतिनिध भी उपस्थित रहे।
उसके बाद मुख्यमंत्री ने वहां से सीधा चिरगांव के समीप स्थित गुलारा में जल जीवन मिशन के अंतर्गत गुलारा ग्राम समूह पेयजल परियोजना के निर्माणाधीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। मौक़े पर ज़िलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने उन्हें परियोजना के सम्बंध में अब तक हुए कार्यों की आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने वहां उपस्थित कर्मचारियों से भी बात की। और प्लांट के निर्माण की गुणवत्ता की भी जानकारी ली।इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ग्राम पंचायत गुलारा, विकास खण्ड चिरगांव में स्थित गौशाला का निरीक्षण किया गया। उन्होंने गौशाला में गायों का पूजन करते हुए उन्हें घास खिलाई। वहां उपस्थित लोगों व जिलाधिकारी को उन्होंने गायों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। कुछ कमजोर बछड़ों को देख उन्होंने कहा कि इन्हें दूध नहीं पिलाते क्या? उन्होंने गौ के गोबर से गैस प्लांट लगाने, गौ आधारित खेती करने के भी टिप्स दिए। निरीक्षण के बाद वहां मुख्यमंत्री द्वारा अपने हाथों से पौधारोपण भी किया गया। इस दौरान उनके साथ जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री भानु प्रताप सिंह, सांसद अनुराग शर्मा, विधायक राजीव परीछा, विधायक डॉ रश्मि आर्या व तमाम जिले के आला अधिकारी उपस्थित रहे।
एक ही परिवार के 5 लोग, तालाब में डूबे
पुलिस के अनुसार तालाब में एक ही परिवार के 5 लोग कपड़े धोने के लिए पास के एक तालाब पर गए थे। पैर फिसलने के चलते यहां एक बच्चा तालाब में गिर गया और उसे निकालने के प्रयास में बाकी लोग तालाब में उतर गए और एक दूसरे को बचाने के चक्कर में सभी डूब गए। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दमकल कर्मियों की मदद से देर रात सभी शव निकाले गए। ये दुखद घटना मुंबई से सटे डोंबिवली के संदप गांव की है।
इस पूरी घटना के संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पानी की किल्लत के चलते परिवार के लोग तालाब में कपड़े धोने गए थे। महिलाएं कपड़े धो रही थीं, तभी उनके साथ मौजूद एक बच्चा तालाब में गिर गया, जिसके बाद उसे बचाने के लिए एक-एक कर पानी में कूद पड़े। इसके बाद पांचों लोग डूब गए. मृतकों की पहचान मीरा गायकवाड़ (55), उनकी बहू अपेक्षा (30) और पोते मयूरेश (15), मोक्ष (13) और नीलेश (15) के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि एक महिला और उसकी बहू तालाब के पास कपड़े धो रहे थे वहीं पास बैठा एक बच्चा अचानक फिसल कर तालाब में चला गया गया और वह डूबने लगा। वहां मौजूद परिवार के अन्य चार सदस्यों ने बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन वे सभी डूब गए और सभी की मौत हो गई, हालांकि घटना को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर घटना की जांच कर रही है।
इंटरनेशनल बॉर्डर पर दिखा ड्रोन, फायरिंग
बीएसएफ की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक जवानों ने ड्रोन पर आठ राउंड फायरिंग की, जिसके बाद वह तुरंत वापस लौट गया। बताया जा रहा है कि ड्रोन जम्मू के अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास देखा गया। बीएसएफ के सतर्क जवानों ने ड्रोन पर फायरिंग की। जल्द ही ड्रोन गायब हो गया। ड्रोन के संचालकों ने इसे वापस पाकिस्तान की ओर खींच लिया। इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी को और बढ़ा दी गई। बीएसएफ का तलाशी अभियान पूरा हो गया है। कोई भी संदिग्ध चीज नहीं मिली है।
भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को संरक्षण, व्यवस्था की
बंगाली एक्ट्रेस जहां ने लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की
जो उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही है। अपने लुक को कम्पलीट करने के लिए नुसरत ने कानों में बड़े ईयरिंग्स और खुले बाल रखे हुए है। साथ ही नो मोकअप में नजर आ रही हैं। इन तस्वीरों को देखने के बाद फैंस उनकी तारीफों के पुल बांधते नहीं थक रहे हैं।
सीएम ने सियासी विरोधियों पर बोला हमला
एलियंस से संपर्क के लिए नया प्लान बनाया
10 मई को मेरठ आने का कार्यक्रम: सीएम
रिलीज से पहले ही फिल्म ने रचा इतिहास
यूपी: 2 बार मिलने वाला गेहूं 4 माह तक नहीं
हवा के झोंके से उड़ी, एक्ट्रेस रुबीना की ड्रेस
मुजफ्फरनगर पहुंचे राज्यपाल, स्वागत किया
शहीद हुए 11 सैनिकों के प्रति संवेदना व्यक्त
गुरुकुल में बच्चों के साथ मनाया 'मदर्स डे'
एग्जीक्यूटिव पदों के लिए आवेदन आमंत्रित
गूगल ने डूडल से 'मदर्स डे' को बेहद खास बनाया
60 फुट नीचे गिरी बस, 4 की मौत, 25 जख्मी
60 फुट नीचे गिरी बस, 4 की मौत, 25 जख्मी
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र के माणगांव के पास घोणसे घाट में एक बस उलट-पलट कर 60 फुट नीचे गिर गई। इस भीषण बस दुर्घटना में 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 2 लोगों की इलाज के दौरान मौंत की खबर है। यह दुर्घटना माणगांव के म्हसला के पास मोड़दार सड़क में यह हादसा हुआ। बस में कुल कितने यात्री सवार थे इसकी ठीक तरह से जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। अब तक मिली जानकारियों के मुताबिक 4 लोगों की मौत और 25 लोग जख्मी हुए हैं। ये सभी यात्री मुंबई से सटे ठाणे के रहने वाले थे। जख्मी हुए सभी यात्रियों को म्हसला ग्रामीण अस्पताल और माणगांव उप जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है।
दुर्घटना की वजह अब तक साफ नहीं हो पाई है। पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है। घटना के बारे में विस्तार से पूछताछ की जा रही है। यह प्राइवेट बस ठाणे से श्रीवर्धन की ओर जा रही थी। तभी रायगढ़ जिले के म्हसला तालुके में घोणसे घाट के पास यह बस उलट कर नीचे गिर गई। बस करीब 60 फुट नीचे जा गिरी है। दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद के लिए घटनास्थल पर प्रशासन ने सारे इंतजाम लगा दिए हैं। जिले की संरक्षक मंत्री अदिति तटकरे ने भी मरने वालों के परिजनों और जख्मी लोगों से मुलाकात की।
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ब्रह्म मुहूर्त में खोलें गए 'बद्रीनाथ' मंदिर के कपाट
ब्रह्म मुहूर्त में खोलें गए 'बद्रीनाथ' मंदिर के कपाट
पंकज कपूर
देहरादून। ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट रविवार को ब्रह्म मुहूर्त में 6:15 बजे खोल दिए गए। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु बद्री विशाल के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। बद्रीनाथ धाम को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है। अगले छह महीने तक श्रद्धालु मंदिर में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। आज सुबह बद्रीनाथ मंदिर के कपाट जैसे ही खुलेे, जय बद्रीनाथ के जयघोष से मंदिर गुंजायमान हो उठे। मंत्रोच्चारण से चारों तरफ का वातावरण भक्तिमय है। इससे पहले पांडुकेश्वर से तेल कलश यात्रा के साथ भगवान बद्री विशाल के प्रतिनिधि उद्धवजी और देवताओं के खजांची कुबेरजी की डोली बद्रीनाथ धाम पहुंची थी।
जोशीमठ में पूजा-अर्चना के बाद श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के खजांची भूपेंद्र रावत के नेतृत्व में भगवान बदरी विशाल का खजाना शुक्रवार देर शाम बद्रीनाथ धाम पहुंचा था। परंपरा के अनुसार खजाने के साथ भगवान नारायण के वाहन गरुडजी की मूर्ति भी खजाने के साथ बद्रीनाथ पहुंची। आठ मई को मंदिर के कपाट खुलने से पहले भगवान के खजाने की पूजा-अर्चना की गई और फिर आज ब्रह्म मुहूर्त में बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए।
गौरतलब है कि तीन मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरूआत हो गई थी। 6 मई शुक्रवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए थे। इस बार बेतहाशा भीड़ को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चार धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों की दैनिक सीमा तय की है. बद्रीनाथ में प्रतिदिन 15,000, केदारनाथ में 12,000, गंगोत्री में 7,000 और यमुनोत्री में 4,000 तीर्थयात्रियों की अनुमति दी गई है। यह व्यवस्था 45 दिनों के लिए की गई है। कोरोना महामारी शुरू होने के करीब दो साल बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों के बीच भारी उत्साह देखा जा रहा है। भारी संख्या में लोग केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में पहुंच रहे हैं।
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