शुक्रवार, 21 मई 2021
तैनाती: 26-27 को चक्रवाती तूफान 'यास' की दस्तक
सीएम योगी ने कोविड केयर सेंटर का किया निरीक्षण
आदर्श श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी। सीएम योगी शुक्रवार को कोरोना से निपटने को लेकर चल रहे अभियान की समीक्षा करने लखीमपुर खीरी पहुंचे। उन्होंने कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जीवन और जीविका को बचाना हमारा दायित्व है। प्रत्येक व्यक्ति को मिलकर यह युद्ध लड़ना होगा।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री बोले कि देश के सबसे बड़े प्रदेश के सामने बड़ी चुनौती थी। आशंका जताई जा रही थी कि 25 अप्रैल से 10 मई के बीच प्रतिदिन एक लाख पॉजिटिव केस आएंगे। 24 अप्रैल को सर्वाधिक 38 हजार 55 पॉजिटिव केस आये थे। जो अब घटकर 7713 केस हैं। पिछले 20 दिनों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख 4 हजार लोग कोरोना से मुक्त हुए हैं। अब तक एक करोड़ साठ लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। 18 साल और इससे ऊपर के आठ लाख से अधिक लोगों को भी वैक्सीन दी जा चुकी है।
गांवों के लिए एंबुलेंस देने के आदेश पर लगाईं रोक
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसमें एक महीने के भीतर यूपी के सभी गांवों के लिए 2-2 आईसीयू एंबुलेंस देने को कहा गया था। इस आदेश में सभी नर्सिंग होम में ऑक्सीजन बेड की सुविधा के लिए भी कहा था। आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने राज्य की मेडिकल व्यवस्था को ‘रामभरोसे’ कहा था।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि 1 महीने में 97,000 गांवों के लिए 2-2 एंबुलेंस देना समेत दूसरे आदेश भले ही अच्छे मकसद से दिए गए हों, पर अव्यवहारिक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को सलाह की तरह लेकर काम करने की कोशिश करें। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट से कहा कि ऐसा आदेश न दें जिनका पालन असंभव हो।
सीएम स्टालिन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, मांग की
मनोज सिंह ठाकुर
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में सभी दोषियों की रिहाई को लेकर सितंबर 2018 के राज्य सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने की भी अपील की है।
स्टालिन की ओर से कोविंद को लिखा गया पत्र द्रमुक संसदीय दल के नेता टी आर बालू ने दिल्ली में उन्हें सौंपा। पत्र में सभी सात दोषियों एस. नलिनी, मुरुगन, संथान, ए.जी. पेरारिवलन, जयकुमार, रॉबर्ट प्यास और पी. रविचंद्रन की सजा माफ करने और उनकी तत्काल रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
दिल्ली में संक्रमण के 3009 नए मामलें सामने आएं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली में 24 घंटे में शुक्रवार को कोविड-19 के 3009 नए मामले आए तथा 252 और लोगों की मौत हो गयी। वहीं संक्रमण दर घटकर 4.76 प्रतिशत हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। नए स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, मौत के नए मामलों से राष्ट्रीय राजधानी में मृतक संख्या 22,831 हो गयी है। दिल्ली में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के 4,000 से कम मामले आए हैं।
बृहस्पतिवार को संक्रमण दर 5.5 प्रतिशत थी। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन के कारण रोजाना के मामलों में कमी आ रही है। दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 3,846 मामले आए थे और 235 लोगों की मौत हुई थी।
आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका खारिज की
नरेश राघानी
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। याचिका में आसाराम ने हरिद्वार जाकर आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराने के लिए जमानत देने का अनुरोध किया था। अदालत ने जोधपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की चिकित्सा रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दुष्कर्म में मामले में कैद आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया। आसाराम को कोविड-19 होने के बाद एम्स जोधुपर में भर्ती किया गया है। न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति देवेंद्र कछवाहा की पीठ ने चिकित्सा रिपोर्ट देखने के बाद जिला और जेल प्राधिकार को निर्देश दिया कि वह आसाराम को योग्य चिकित्सा संस्थान में उचित इलाज सुनिश्चित करे। अदालत ने कहा कि आसाराम को जेल में लौटने पर पौष्टिक आहार और सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया जाए।
बागपत: समस्या के निस्तारण हेतु कार्य प्रारंभ किया
महिलाओं ने पेयजल की समस्या पर किया हंगामा
लॉकडाउन में शादी-विवाह की अनुमति प्रदान की
पुलिस से इंसाफ के इंतजार में व्यक्ति ने तोड़ा दम
संक्रमण के आंकड़ो से जिला प्रशासन की नींद उड़ी
गौतम बुद्ध नगर में 394 पॉज़िटिव रिपोर्ट्स मिली जबकि 461 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 6 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 4891 हो गई है।
मेरठ जिले में 427 नए मरीज मिले और 1317 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 9 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 6569 हो गई है।
हापुड़ जिले में 142 नए संक्रमित मिले और 211 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। हापुड़ में 2 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 1550 हो गई है।
आगरा जिले में 84 नए संक्रमित मिले और 166 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 9 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय मरीजों की संख्या 1063 हो गई है।
प्रदेश का हाल
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 7735 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 17,668 मरीज ठीक हुए हैं और 172 मौतें हुई हैं। अब तक 15,34,176 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां मरने वालों की संख्या 18,760 हो गई है। यूपी में 1,06,276 सक्रिय मामले हैं।
5 ने दी ब्लैक फंगस को मात, 21 का चल रहा इलाज
इंजेक्शन के लिए लगाते रहे दफ्तरों के चक्कर
डॉक्टरों की सलाह पर पुष्पेंद्र अपने पिता को राज नगर के एक ईएनटी अस्पताल में ले गई। यहाँ उन्हें इलाज के लिए कुछ एक ऐसा इंजेक्शन लाने के लिए कहा गया जो बाज़ार में उपलब्ध नहीं था। पुष्पेंद्र ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन के लिए उनका पूरा परिवार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगाता रहा मगर उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। सही समय पर इंजेक्शन न मिलने के कारण गुरुवार को राज राम की मौत हो गई।
5 मरीजों ने दी ब्लैक फंगस को मात और 21 का चल रहा है इलाज
गाज़ियाबाद के विख्यात ईएनटी स्पेशियलिस्ट डॉ. बी. पी त्यागी ने बताया कि उनके अस्पताल में इलाज करा रहे पांच मरीज ऑपरेशन के बाद घर पहुंच गए हैं। फिलहाल ब्लैक फंगस से पीड़ित 16 मरीजों का इलाज चल रहा है। तीन मरीज नेहरूनगर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल व एक मरीज कविनगर के एक अस्पताल में भर्ती है। डॉ. त्यागी का कहना है कि इस बीमारी में अगर समय से इलाज नहीं मिला तो 90 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है।महिलाओं की अपेक्षा में पुरुषों में अधिक परेशानी
डॉ. बीपी त्यागी ने बताया कि अब तक जितने मरीजों में म्यूकर माइकोसिस मिला है, सभी डायबिटिक हैं। संक्रमित मरीजों की उम्र भी 40 से 68 के बीच है। 21 मरीजों में सिर्फ तीन महिलाएं हैं। अब तक संक्रमित 99 फीसदी मरीजों में बाईं आंख और नाक संक्रमण की चपेट में आए हैं, जबकि एक महिला की दाईं आंख संक्रमित हुई है। एक सप्ताह में उपचार मिल जाए तो उसके बचने की उम्मीद 70 प्रतिशत होती है, लेकिन इलाज में विलंब हो जाए और संक्रमण दिमाग तक पहुंच जाए तो मौत हो जाती है।
इलाज पर आता है 20 लाख रुपए का खर्च
डॉ. त्यागी ने बताया कि संक्रमित मरीज को पांच एमजी प्रति किग्रा के अनुसार इंजेक्शन दिया जाता है। अर्थात, 50 किग्रा वाले मरीज को 50 एमजी की तीन खुराक एक दिन में दी जाती है। एक इंजेक्शन का एमआरपी छह हजार रुपये है। मरीज का एक दिन में सिर्फ तीस हजार रुपये का इंजेक्शन लगता है, जबकि अन्य दवाइयां और अस्पताल का खर्च जोड़कर लगभग एक लाख रुपये प्रतिदिन का होता है।
और क्या हैं इलाज के विकल्प
डॉ. बी पी त्यागी ने बताया कि नेफ्रोटॉक्सिन इंजेक्शन 1,750 रुपये का आता है। इस इंजेक्शन का सबसे अधिक साइड इफेक्ट किडनी पर होता है, इसलिए इसके प्रयोग से डाक्टर बचते हैं। एक और इंजेक्शन एनीडुला फंगिन 17 हजार रुपये का आता है। शुगर लेवेल हाई होने के कारण या अन्य कारणों से जिन मरीजों आपरेशन नहीं किया जा सकता है, ऐसे मरीजों में इस इंजेक्शन के प्रयोग से इंफेक्शन रोका जा सकता है।
इलाज का खर्च कम करने के प्रयास जारी
डॉ. त्यागी ने बताया कि मरीजों का खर्च बचाने के लिए वे कुछ दवाइयों को मिलाकर अलग से प्रयोग कर इलाज कर रहे हैं। इससे मरीजों का एक दिन का इंजेक्शन का खर्च 2,500 रुपये में हो जाता है। उन्होंने बताया कि जो मरीज पैसे खर्च नहीं कर सकते हैं, उनकी मदद के लिए कुछ संस्थाओं की सहायता ली जा रही है।
सरकारी मदद लेनी हो तो लगाने होंगे मेरठ के चक्कर
अगर मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि होती है तो उसे डाक्टर के पर्चे पर पहले गाज़ियाबाद के सीएमओ से संस्तुति कराने के बाद मेरठ जाकर अपर निदेशक स्वास्थ्य या मंडलायुक्त से इंजेक्शन लेने की अनुमति लेनी होगी। इसके बाद लाइपोसोमल इंजेक्शन 6,000 रुपये (ब्लैक में 16,000 रुपये) और इमल्सन 1,500 रुपये (ब्लैक में 3,000) में मिलेगा। एम्फोटेरेसीन-बी इंजेक्शन सिर्फ महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की अनुमति पर सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज को मिलेगी।
सरकारी अस्पताल में नहीं है एक भी मरीज
सीएमओ डॉ. एन के गुप्ता का कहना है कि अभी तक सरकारी स्तर पर ब्लैक फंगस से पीड़ित एक भी मरीज नहीं आया है। अगर कोई मरीज आता है, तो उसे रामा मेडिकल कॉलेज या संतोष अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। इलाज के लिए जरूरी इंजेक्शन की मांग शासन से की गई है। डॉ. गुप्ता को अभी तक ब्लैक फंगस के कारण किसी मरीज के मौत के बारे में जानकारी नहीं है।
2 अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या की, लोनी
गाजियाबाद: 26 दिन बाद जिले की कमान संभाली
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। कोरोना वायरस महामारी ने हर ओर कहर बरपाया हुआ है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खुद जिले के मुखिया यानी जिलाधिकारी कोरोना के शिकार हो गए थे। अब करीब 26 दिन बाद कोरोना को मात देने के बाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने दोबारा जिले की कमान संभाल ली है।
अजय शंकर पांडेय पिछले महीने 24 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। जिसके बाद उन्हें बुखार हुआ और सांस में लेने की तकलीफ हो रही थी। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें कौशांबी के यशोदा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल में अजय शंकर पांडे को आईसीयू रूम मुहैया कराया गया था लेकिन तबीयत थोड़ा ठीक होने पर जिलाधिकारी ने अपना आईसीयू बेड छोड़ दिया। जिलाधिकारी ने तत्काल आईसीयू बेड किसी और जरूरतमंद को देने के लिए कहा, स्वयं के लिए सिंगल रूम भी मना कर दिया और सेमी प्राइवेट रूम में एक अन्य कोविड पॉजिटिव मरीज के साथ कमरा साझा किया।जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे को इसी महीने की 6 मई 2021 को यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से कोविड नेगेटिव होने के साथ ही छुट्टी दे दी गई। ख़ास बात यह रही कि जिलाधिकारी पांडेय इस दौरान भी अपने फोन, वीडियो कॉलिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से बैठकें करते रहे. यूं तो जिलाधिकारी की गैरमौजूदगी में GDA के वीसी और आईएएस कृष्णा करुणेश चार्ज संभाल रहे थे लेकिन अस्पताल से भी अजय शंकर पांडे का काम जारी था।
आपको बता दें कि गाजियाबाद के जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ ही एडीएम प्रशासन संतोष कुमार वैश्य, जिला पूर्ति अधिकारी डॉ. सीमा, अपर नगर मजिस्ट्रेट खालिद अंजुम भी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। जिसके बाद ये अधिकारी घर पर उपचार ले रहे थे। जिले के इन अधिकारियों के अलावा जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. संगीता गोयल, डॉ. कृष्णा, डॉ. संगीता, डॉ. मुकेश, आरपी सिंह, डॉ. आरसी गुप्ता, डॉ. मदन लाल भी संक्रमित पाई गई थीं।
सीएचसी में बरसात का पानी भरने से सेवाएं ठप
अवैध वसूली करते दो एंबुलेंस चालक अरेस्ट किए
दोनों एंबुलेंस चालकों की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि यादव एंबुलेंस सर्विस का मालिक अशोक कुमार यादव और सांई एंबुलेंस सर्विस का मालिक हरिओम यादव भाई-भाई हैं। दोनों के पास 11 एंबुलेंस हैं, जिनका वे संचालन कर रहे हैं। लेकिन पकड़ी गई दोनों एंबुलेंस का पंजीकरण एंबुलेंस के रूप में नहीं करवाया गया हैं। आरोपितों के कार्यालय पर भी पुलिस ने दबिश दी लेकिन वहां पर अन्य एंबुलेंस और अशोक यादव नहीं मिला। अन्य नौ एंबुलेंस और अशोक यादव की तलाश की जा रही है।
पुण्यतिथि पर राजीव चौक का लोकार्पण किया
चिपको आंदोलन की प्रेरणा बने, बहुगुणा का निधन
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। जाने माने पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन से पहचान बनाने वाले सुंदरलाल बहुगुणा का शुक्रवार 21 मई को निधन हो गया है। उनकी कोरोना रिपोर्ट पिछले दिनों पॉजिटिव आई थी। हालांकि, गुरुवार शाम तक बहुगुणा की हालत स्थिर थी। उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 86% पर था। डायबिटीज के साथ वह कोविड निमोनिया से पीड़ित थे। 94 वर्षीय बहुगुणा को कोरोना होने पर गत आठ मई को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया, उनका उपचार कर रही चिकित्सकों की टीम ने इलेक्ट्रोलाइट्स व लीवर फंक्शन टेस्ट समेत ब्लड शुगर की जांच और निगरानी की सलाह दी है। उनके पुत्र राजीव नयन बहुगुणा, बहनोई डा.बीसी पाठक ने एम्स में भर्ती करवाया था।बता दें कि देहरादून स्थित शास्त्रीनगर स्थित अपने दामाद डॉ. बीसी पाठक के घर पर रह रहे सुंदरलाल बहुगुणा ने कुछ दिन पहले बुखार आया था। तो घर पर ही डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज शुरु हो गया था। लेकिन बुखार नहीं उतरने पर तीसरे दिन उन्हें एम्स ले जाने की सलाह दी गई। राजीव ने बताया कि अस्पताल में उनका आरटीपीसीआर टेस्ट व अन्य जांचे की गई थी।इधर उनके पुत्र राजीव नयन ने सोशल मीडिया पर पिता को एडमिट करने की पोस्ट डाली तो देखते ही देखते उनकी यह सूचना वायरल होने लगी थी। सोशल मीडिया पर सैकड़ों की संख्या में उनके प्रशंसकों ने पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा की सलामती की कामना भी की थी।
हिमालय के रक्षक सुंदरलाल बहुगुणा की सबसे बड़ी उपलब्धि चिपको आंदोलन थी। वह गांधी के पक्के अनुयायी थे और जीवन का एकमात्र लक्ष्य पर्यावरण की सुरक्षा था। उनका जन्म 9 जनवरी, 1927 को उत्तराखंड के टिहरी में हुआ था। सुंदरलाल ने 13 वर्ष की उम्र में राजनीतिक करियर शुरू किया था। 1956 में शादी होने के बाद राजनीतिक जीवन से उन्होंने संन्यास ले लिया।
उसके बाद उन्होंने गांव में रहने का फैसला किया और पहाड़ियों में एक आश्रम खोला। बाद में उन्होंने टिहरी के आसपास के इलाके में शराब के खिलाफ मोर्चा खोला। 1960 के दशक में उन्होंने अपना ध्यान वन और पेड़ की सुरक्षा पर केंद्रित किया। पर्यावरण सुरक्षा के लिए 1970 में शुरू हुआ आंदोलन पूरे भारत में फैलने लगा। चिपको आंदोलन उसी का एक हिस्सा था। गढ़वाल हिमालय में पेड़ों के काटने को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन बढ़ रहे थे। सुंदरलाल बहुगुणा ने गौरा देवी और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर जंगल बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरूआत की थी। 26 मार्च, 1974 को चमोली जिले की ग्रामीण महिलाएं उस समय पेड़ से चिपककर खड़ी हो गईं जब ठेकेदार के आदमी पेड़ काटने के लिए आए। यह विरोध प्रदर्शन तुरंत पूरे देश में फैल गया।
1980 की शुरुआत में बहुगुणा ने हिमालय की 5,000 किलोमीटर की यात्रा की। उन्होंने यात्रा के दौरान गांवों का दौरा किया और लोगों के बीच पर्यावरण सुरक्षा का संदेश फैलाया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भेंट की और इंदिरा गांधी से 15 सालों तक के लिए पेड़ों के काटने पर रोक लगाने का आग्रह किया। इसके बाद पेड़ों के काटने पर 15 साल के लिए रोक लगा दी गई। सुंदरलाल बहुगुणा ने टिहरी बांध निर्माण का भी बढ़-चढ़ कर विरोध किया और 84 दिन लंबा अनशन भी रखा था। एक बार उन्होंने विरोध स्वरूप अपना सिर भी मुंडवा लिया था। टिहरी बांध के निर्माण के आखिरी चरण तक उनका विरोध जारी रहा। उनका अपना घर भी टिहरी बांध के जलाशय में डूब गया। टिहरी राजशाही का भी उन्होंने कड़ा विरोध किया जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। वह हिमालय में होटलों के बनने और लग्जरी टूरिज्म के भी मुखर विरोधी थे। महात्मा गांधी के अनुयायी रहे बहुगुणा ने हिमालय और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कई बार पदयात्राएं कीं।
ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या-5,500 तक पहुंचीं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। हालांकि, कुछ मरीज जो कोरोना पर काबू पा चुके हैं। उनमें म्यूकोर्मिकोसिस पाया गया है। ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या 5,500 तक पहुंच गई है। यह बीमारी अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है।
इससे यह भी पता चलता है कि ब्लैक फंगस अब सीधे दिमाग पर हमला कर रहा है। गुजरात के सूरत में यह अपनी तरह का पहला मामला है। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था में चिंता बढ़ गई है। सूरत में एक 23 वर्षीय व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हुआ था। युवक ने समय पर इलाज कराकर कोरोना पर काबू पा लिया।
लेकिन फिर उन्हें ब्लैक फंगस म्यूकोर्मिकोसिस हो गया। अब तक ब्लैक फंगस फेफड़ों और आंखों को खतरे में डाल रहा था। लेकिन अब ब्लैक फंगस सीधे दिमाग तक पहुंच गया है। इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्होंने इस प्रकार फंगस को देखा। डॉक्टरों ने मरीजों से ज्यादा सतर्क रहने की अपील की है। क्योंकि ब्लैक फंगस सीधे दिमाग में पहुंच गया है। मरीजों का एमआरआई स्कैन होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दिमाग में ब्लैक फंगस के पहुंचने की जानकारी व्यक्ति को चक्कर आने या बेहोश होने के बाद ही समझ आती है। डॉक्टरों ने कहा कि ब्लैक फंगस सूरत के एक युवक के दिमाग में खून के जरिए पहुंचा होगा। विशेष रूप से इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के दिशानिर्देशों में भी चक्कर आना या सिर में सूजन का उल्लेख नहीं है।
वैज्ञानिकों ने उगाया दुनिया का सबसे महंगा मशरूम
श्रीराम मौर्य
गांधीनगर। गुजरात के वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे महंगा मशरूम उगा लिया है। कोर्डीकेप्स मिलिटर्स के इस मशरूम में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटिक, सूजन रोधी, कैंसर रोधी, मलेरिया रोधी, थकान रोधी, एचआईवी रोधी और एंटी वायरल गुण हैं। सेहत के लिए बेहद गुणकारी यह मशरूम शरीर में ट्यूमर के आकार को कम करने में मदद भी करता है। इस मशरूम की 1 किलो मात्रा की कीमत करीब 1.50 लाख रुपए है। कच्छ के गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डिजर्ट इकोलोजी के वैज्ञानिकों ने कोर्डीकेप्स मिलिटर्स को 90 दिनों के अंदर लैब के नियंत्रित वातारण में उगाया। उन्होंने 35 जार में इस मशरूम को उगाया है। पता चला है कि मशरूम की इस प्रजाति का इस्तेमाल चीन और तिब्बत की प्राकृतिक दवाइयों में लंबे समय से होता रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक संस्थान के डायरेक्टर वी.विजय कुमार ने बताया, ‘मशरूम की कोर्डीकेप्स मिलिटर्स प्रजाति को हिमालयीन सोना कहा जाता है। इसका सेवन करने से सेहत को कई लाभ होते हैं। साथ ही यह कई बीमारियों को रोकने में बहुत मददगार है।’ यह मशरूम शरीर में ट्यूमर को होने से रोकता है और यदि ट्यूमर हो जाए तो उसके आकार को कम करने में मदद करता है। शुरुआती अध्ययन में पता चला है कि इस मशरूम का अर्क महत्वपूर्ण नतीजे दे सकता है। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक कार्तिकेयन ने बताते हैं, ‘लोगों पर मेडिकल ट्रायल करने के लिए नियामक मंजूरी मांगी गई है। हम इस मशरूम का अतिरिक्त प्रभाव प्रोस्टेट कैंसर पर भी खोज रहे हैं। हालांकि, कोविड-19 महामारी के चलते इसमें देरी हो गई है।’ वैज्ञानिकों की योजना है कि वे भारतीय परिस्थिति में इस प्रजाति के कैंसर रोधी और एंटी वायरल गुणों की जांच करें। ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में इसे उपयोगी पाने के बाद संस्थान ने अब कारोबारियों को इसका प्रशिक्षण देने का फैसला किया है। ताकि इस मशरूम की खेती की जा सके। वैसे तो लैब में इस मशरूम की खेती के एक हफ्ते के प्रशिक्षण का शुल्क एक लाख रुपये है। लेकिन संस्थान सामान्य शुल्क पर प्रशिक्षण देगा। बता दें कि इस रिसर्च टीम में निरमा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिगना शाह और गाइड वैज्ञानिक जी जयंती भी शामिल थे।
भारत को 8 करोड़ वैक्सीन देगा, पहले भी मदद की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अमेरिका की तरफ से भारत को कोरोना टीके की आठ करोड़ डोज देने की खबर है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सरकार अमेरिका से संपर्क में है, लेकिन अभी तक भारत को मिलने वाली डोज़ की जानकारी नहीं है। भारत को आठ में से छह करोड़ वैक्सीन देने की मांग उठ चुकी है।
वायरस ने हमारे अपनों को छीना, श्रद्धांजलि अर्पित
ओली के 7 मंत्रियों को बर्खास्त करने का आदेश
साल में 'कोवाक्सिन' की 20 करोड़ खुराक बनायेगें
लालू की दूसरी बेटी रोहिणी राजनीति में सक्रिय हुई
अविनाश श्रीवास्तव
पटना। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती के बाद उनकी एक और पुत्री रोहिणी आचार्य बिहार की राजनीति में काफी सक्रियता दिखा रही हैं। हाल के दिनों में उन्होंने ट्विटर पर अपनी सक्रियता काफी बढ़ा दी है। ऐसे तो उनका यह अकाउंट वैसे तो नवंबर 2017 से है। लेकिन इस पर राजनीतिक सक्रियता पिछले कुछ महीनों से अधिक है। पहले पिता लालू प्रसाद की रिहाई के लिए ट्विटर पर रोजा रखने का ऐलान, फिर एक के बाद एक बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पर ताबड़तोड़ हमले। स्पष्ट है कि रोहिणी के इस ट्वटिर हैंडल से ज्यादातर टिप्पणियां पूरी तरह राजनीतिक होती हैं। 'सुशील मोदी को थूर देंगे', हाल में ही रोहिणी का ट्विटर पर दिए गए इस बयान ने काफी सुर्खियां बटोरीं।
मुठभेड़: सुरक्षाबलों ने 13 नक्सलियों को मार गिराया
सुनील चौबे
गढ़चिरौली। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 13 नक्सलियों को मार गिराया है। गढ़चिरौली डीआईजी संदीप पाटिल ने इसकी पुष्टि की है। 6 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
सोने के दामो में 4 दिनों में तीसरी बार गिरावट दर्ज
कविता गर्ग
नई दिल्ली। वैश्विक दरों में गिरावट के बीच आज भारत में सोने की कीमतों पर दबाव रहा। शुक्रवार को एमसीएक्स (MCX) पर सोने की कीमतों में चार दिनों में तीसरी गिरावट देखी गई है। इसी के साथ सोना वायदा 0.4% गिरकर ₹48358 प्रति 10 ग्राम पर आ गया. चांदी वायदा 0.8% गिरकर 71,748 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। विश्लेषकों का कहना है कि इस सप्ताह क्रिप्टोकरेंसी में अधिक उतार-चढ़ाव ने निचले स्तर पर सोने का समर्थन किया है। वहीं, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार होने से इंटरनेशनल स्पॉट प्राइस में कमी आई है जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी नजर आ रहा है।
जानिए अपने शहर में सोने के भाव
देश की राजधानी दिल्ली में आज 22 कैरेट सोने के दाम 350 रुपए बढ़कर 46,000 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा है। जबकि 24 कैरेट सोने के दाम 47,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर है। सोने की कीमतें टैक्स की वजह से अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग लेवल पर होती है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 22 कैरेट सोने के दाम 46,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोने के दाम 50,160 रुपये प्रति 10 ग्राम हैं। पुणे में 22 कैरेट सोने के भाव 46,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोने के दाम 47,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हैं। नागपुर में 22 कैरेट सोने के दाम 46,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोने के भाव 47,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हैं। चेन्नई में 22 कैरेट सोने के दाम 45,980 रुपये प्रति 10 ग्राम हैं और 24 कैरेट सोने के दाम 50,160 रुपये प्रति 10 ग्राम हैं। लखनऊ में 22 कैरेट सोने के दाम 46,930 रुपये प्रति 10 ग्राम हैं और 24 कैरेट सोने के दाम 50,830 रुपये प्रति 10 ग्राम हैं।
सोने में है निवेश का शानदार मौका
सोना निवेश के लिए एक सुरक्षित आइटम है. किसी भी संकट के समय निवेशक सोने की ओर ज्यादा तवज्जो देते हैं। निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने की तरफ जा रहे हैं, जो आने वाले महीनों में इसकी कीमतों में तेजी का कारण बनेगा। कोरोना वायरस सोने की कीमतों में तेजी का एक कारण हो सकता है। हाल ही में सामने एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले महीनों में कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। एक्सपर्ट का मानना है कि आने वाले समय में सोना 50 हजार पार करेगा इसलिए निवेश के लिहाज से यह उचित समय है।
क्रैश होने से पहले वीडियो बनाई, पायलट की मौत
सत्येंद्र पंवार
मेरठ/नई दिल्ली। पंजाब के मोगा में भारतीय वायु सेना का मिग-21 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। इस दुर्घटना में मेरठ के गंगानगर निवासी फायटर पायलट स्कॉर्डन लीडर अभिनव चौधरी की मौत हो गई। वह मूल रूप से बागपत के पुसार गांव के रहने वाले थे। परिवार लंबे समय से मेरठ में ही रह रहा था। उनकी मौत की खबर आते ही परिवार पर दुख का कहर टूट पड़ा। परिवार और अभिनव को जानने वाले घटना पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं। 25 दिसंबर 2019 को ही अभिनव की शादी धूमधाम से मेरठ में ही हुई थी। वायु सेना में स्कॉर्डन लीडर और किसान के पुत्र अभिनव लगन में 1 रुपये में लेकर सगाई संपन्न कर दहेज लोभियों को करारा तमाचा जड़ा था। युवा पायलट ने दहेज लेने से इनकार कर अपने जीवन की महत्वपूर्ण पारी डेढ़ साल पहले ही शुरू की थी। एक से बढ़कर एक रिश्ते ठुकरा कर अभिनव के परिवार ने पूरे समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया था। परिवार ने रस्म में लड़की पक्ष से भेंट किए गए नकद धनराशि भी ससम्मान वापस लौटा दी थी।
मूल रूप से बागपत के बड़ौत-बुढ़ना रोड स्थित पुसार गांव निवासी किसान सतेंद्र चौधरी सी-91 गंगासागर कॉलोनी में सपरिवार रहते हैं। उनका बेटा स्कॉर्डन लीडर अभिनव चौधरी वायु सेना में मिग-21 का फायटर पायलट थे। वह पठानकोट एयरबेस में तैनात थे। अभिनव का रिश्ता एक प्रधानाध्यापक की बेटी सोनिका उज्जवल से हुआ था। सोनिका उज्जवल ने फ्रांस में मास्टर ऑफ साइंस की पढ़ाई की थी। अभिनव के पिता सतेंद्र चौधरी ने शादी की रस्म के तहत केवल एक रुपया स्वीकार किया था। सतेंद्र का कहना था कि शादी में दहेज की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। दो परिवारों को जोड़ने के लिए दहेज का लेन-देन जरूरी नहीं है। दहेज प्रथा पर पूर्ण रूप से रोक लगनी चाहिए।
मूल रूप से बागपत के बड़ौत-बुढ़ना रोड स्थित पुसार गांव निवासी किसान सतेंद्र चौधरी सी-91 गंगासागर कॉलोनी में सपरिवार रहते हैं। उनका बेटा स्कॉर्डन लीडर अभिनव चौधरी वायु सेना में मिग-21 का फायटर पायलट थे। वह पठानकोट एयरबेस में तैनात थे। अभिनव का रिश्ता एक प्रधानाध्यापक की बेटी सोनिका उज्जवल से हुआ था। सोनिका उज्जवल ने फ्रांस में मास्टर ऑफ साइंस की पढ़ाई की थी। अभिनव के पिता सतेंद्र चौधरी ने शादी की रस्म के तहत केवल एक रुपया स्वीकार किया था। सतेंद्र का कहना था कि शादी में दहेज की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। दो परिवारों को जोड़ने के लिए दहेज का लेन-देन जरूरी नहीं है। दहेज प्रथा पर पूर्ण रूप से रोक लगनी चाहिए।
19 करोड़ 18 लाख 79 हजार 503 का टीकाकरण
महाराष्ट्र में सक्रिय मामले 18444 कम होकर 385785 हो गये हैं। इस दौरान राज्य में 47371 और मरीजों के ठीक हाेने के बाद कोरोनामुक्त होने वालों की तादाद बढ़कर 5026308 हो गयी है जबकि 984 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 85355 हो गया है। केरल में इस दौरान सक्रिय मामले 14006 घटकर 318220 रह गये तथा 44369 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोना को मात देने वालों की संख्या बढ़कर 1938887 हो गयी है जबकि 128 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 6852 हो गयी है।
महंगाई: पेट्रोल-डीजल के दामो में फिर लगी आग
ब्लैक फंगस संक्रमण को ‘महामारी’ घोषित किया
संदीप मिश्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोविड-19 महामारी से उबरे मरीजों को निशाना बना रहे ब्लैक फंगस संक्रमण को ‘महामारी’ घोषित किया जाये । कोविड 19 प्रबंधन हेतु गठित अधिकारियों की टीम की बैठक में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा ”कोविड-19 से उबरने वाले मरीजों में से कुछ में ब्लैक फंगस के संक्रमण की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप, प्रदेश सरकार सभी मरीजों के समुचित चिकित्सकीय उपचार की व्यवस्था कर रही है। केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में कोविड की तर्ज पर ब्लैक फंगस को भी अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए। इस संबंध में आदेश आज ही जारी कर उसे लागू दिया जाए।” सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने ब्लैक फंगस की दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
पूर्व पीएम राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी
आकांक्षा उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 30वीं पुण्यतिथि के अवसर पर शुक्रव्रार को उन्हें श्रद्धांजलि दी और देश के विकास में उनके योगदान को याद किया। राहुल गांधी ने ‘वीर भूमि’ जाकर अपने पिता की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।
उन्होंने ट्विटर पर अपने पिता की एक तस्वीर साझा करते हुए कहा, ”सत्य, करुणा, प्रगति।” वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने राजीव गांधी की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ”प्रेम से बड़ी कोई ताकत नहीं है, दया से बड़ा कोई साहस नहीं है, करुणा से बड़ी कोई शक्ति नहीं है और विनम्रता से बड़ा कोई गुरु नहीं है।” राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश राजीव गांधी को एक ऐसे नेता के तौर पर हमेशा याद करेगा जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी।
उन्होंने एक बयान में कहा, ”राजीव जी को हमेशा याद किया जाएगा क्योंकि वह औद्योगिकीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी की 21वीं सदी की तरफ भारत को ले गए। सब जानते हैं कि देश में दूरसंचार क्रांति की शुरुआत राजीव गांधी जी ने की।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राजीव गांधी को याद करते हुए ट्वीट किया, ”आज हम भारत के सबसे महान बेटों में से एक और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को उनके शहादत दिवस पर याद करते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। वह विचारों और ऊर्जा से ओत-प्रोत थे और भारत को एक बड़ी ताकत बनाने का उनका सपना था।”
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कई अन्य नेताओं ने भी राजीव गांधी को याद किया। राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस, कोरोना महामारी से निपटने के लिए मास्क पहनने और टीकाकरण के पंजीकरण को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है। उसकी प्रदेश इकाई और युवा कांग्रेस तथा कांग्रेस अन्य संगठन कोरोना प्रभावित परिवारों को भोजन सामग्री भी वितरित कर रहे हैं। गौरतलब है कि 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरूंबुदूर में एक विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हो गयी थी।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
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मायावती ने अपने उत्तराधिकारी का ऐलान किया
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