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सोमवार, 19 सितंबर 2022

जन्म के 9 वर्ष बाद बच्ची का नाम रखा 'महाती'

जन्म के 9 वर्ष बाद बच्ची का नाम रखा 'महाती'

इकबाल अंसारी 

हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने 9-वर्ष की एक बच्ची का नाम ‘माहाती’ रखा है। बच्ची का जन्म 2013 में हुआ था और तेलंगाना आंदोलन से जुड़े उसके माता-पिता आंदोलन के नेता केसीआर से उसका नाम रखवाना चाहते थे इसलिए उन्होंने बच्ची का कोई आधिकारिक नाम नहीं रखा था। टीआरएस एमएलसी मधुसूदनाचारी ने तीनों को मुख्यमंत्री से मिलवाया।तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से बच्ची और उसके परिजनों की मुलाकात रविवार को हुई। बच्ची के माता-पिता सुरेश और अनिथा ने केसीआर की अगुआई में चलाए गए तेलंगाना राज्य आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। 2013 में जब उनकी बेटी का जन्म हुआ तो उनकी इच्छा थी कि बच्ची का नाम केसीआर द्वारा रखा जाए। उनकी यह इच्छा 9 साल तक पूरी नहीं हुई। इस दौरान लड़की बिना नाम के रही।

तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधान परिषद सदस्य और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मधुसूधन चारी को हाल ही में इस बात की जानकारी मिली। वह बच्ची और उसके परिजनों को तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के आधिकारिक निवास स्थान प्रगति भवन लेकर आए। केसीआर को जब इस संबंध में जानकारी मिली तो उन्होंने बच्ची और उसके परिजनों से मुलाकात की और बच्ची का नाम महती रखा। मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने दंपति और उनकी बेटी को उपहार भी सौंपे। सीएम ने महती की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की।

सीएम केसीआर द्वारा नामकरण किए जाने के बाद बच्ची और उनके परिजन काफी खुश दिखे। बच्ची के पिता सुरेश ने कहा कि हमारा सपना आज साकार हुआ है। मुख्यमंत्री ने महती की शिक्षा के लिए मदद की बात की है। हमलोग इसके लिए उनके आभारी हैं

गुरुवार, 21 जुलाई 2022

तेलंगाना में चावल खरीद अभियान को बहाल किया जाएं

तेलंगाना में चावल खरीद अभियान को बहाल किया जाएं 

इकबाल अंसारी 

हैदराबाद। केंद्र ने निर्णय किया है कि केंद्रीय हिस्से (एफसीआई और डीसीपी के अंतर्गत राज्य द्वारा) के मद्देनजर तेलंगाना में चावल खरीद अभियान को बहाल कर दिया जाएं। उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वाणिज्य और उद्योग तथा कपड़ा मंत्री पियूष गोयल ने यहां मीडिया कर्मियों को सम्बोधित करते हुये यह बात कही। गोयल ने तेलंगाना सरकार की आलोचना करते हुये कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा लगातार ध्यानाकर्षित करने के बावजूद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अप्रैल और मई माह का राशन निर्धनजनों को वितरित नहीं किया है। पीयूष गोयल ने गरीबों और किसानों के लिये केंद्र की चिंता और प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई के जरिये, केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी गरीब का हक न मारा जाये और उन्‍हें उसके पूरे अधिकार मिलें। गोयल ने कहा, “तेलंगाना सरकार ने अप्रैल और मई, 2022 के मद्देनजर डीसीपी स्टॉक से पर्याप्त मात्रा (1.90 लाख मीट्रिक टन) में अनाज उठाया है, लेकिन उसे वितरित नहीं किया है। इस तरह केंद्रीय योजना के लाभार्थियों को लाभों से वंचित कर दिया गया है।”

एक केंद्रीय दल ने मौके पर जाकर धान के भंडारण की जांच की थी। गोयल ने दल द्वारा दी गई सूचना को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2022 को चूक-कर्ता चक्की मालिकों की सूची तैयार की गई थी। सूची में वे चक्की मालिक शामिल थे, जिनके यहां धान की कमी थी। इसके विषय में तेलंगाना राज्य सरकार को भी सूचित कर दिया गया था, ताकि वह फौरी कार्रवाई करे, क्योंकि 40 मिलों में 4,53,896 बोरे कम पाये गये थे। इसके बाद 21 मई, 2022 को दूसरे सर्वेक्षण के बारे में भी राज्य सरकार को बताया गया, जिसके अनुसारः 63 मिलों में कुल 1,37,872 बोरे कम पाये गये, यानी केएमएस 2020-21 (रबी) के हवाले से 12 मिलों, केएमएस 2021-22 (खरीफ) के हवाले से 51 मिलों और 593 मिलों, यानी केएमएस 2020-21 (रबी) की 101 मिलें तथा केएमएस 2021-22 (खरीफ) के हवाले से 492 मिलों में गड़बड़ी थी। धान के भंडारण आंकने योग्य न था, जिसके कारण धान के स्टॉक की मौके पर पुष्टि न हो सकी।

उल्लेखनीय है कि तेलंगाना सरकार के नागरिक आपूर्ति आयुक्त और कार्यवाहक सचिव ने चार अक्टूबर, 2021 को अपने पत्र द्वारा आश्वस्त किया था कि “केएमएस-2020-21 के दौरान धान/चावल की भौतिक पुष्टि के समय आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिये, राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि स्टॉक को हमेशा मूल्यांकन करने की स्थिति में रखा जाये और साथ ही उसका पूरा हिसाब-किताब भी रखा जाये। इसके विषय में मानक संचालन प्रक्रिया का भी पालन किया जायेगा।” बहरहाल, जिन मिलों में कमी पाई गई है, उन मिल मालिकों के खिलाफ राज्य सरकार ने अब तक कोई सख्त कार्यवाई नहीं की है। गोयल ने बताया कि 20 प्रतिशत तक के एथेनॉल मिश्रण के लिये तेलंगाना को 36 करोड़ लीटर अतिरिक्त वार्षिक क्षमता की जरूरत है। लेकिन, राज्य सरकार ने इसका प्रसंस्करण नहीं किया। उन्होंने कहा कि एथेनॉल के प्रसंस्करण से किसानों को मदद मिल सकती थी, युवाओं के लिये रोजगार पैदा हो सकते थे और निवेश को भी लाया जा सकता था। इससे पेट्रोलियम के आयात को कम करने में भी मदद मिल सकती थी और इस तरह विदेशी मुद्रा की बचत हो सकती थी। गोयल ने तेलंगाना सरकार से आग्रह किया कि वह गरीबों के प्रति किये गये वायदे को पूरा करे, ताकि लाभार्थियों तक उनका हक पहुंच सके।

तेलंगाना राज्य ने खरीद के सम्बंध में विकेंद्रीकृत प्रणाली को अपनाया है, जिसमें राज्य सरकार, केंद्र सरकार की ओर से धान की खरीद करती है। राज्य अपनी एजेंसियों के जरिये किसानों से धान खरीदता है। धान की कुटाई के बाद जो चावल निकलता है, राज्य उसे एनएफएसए/ओडब्लूएस के तहत अपनी खपत के लिये रख लेता है। चावल का केवल बेशी स्टॉक ही केंद्रीय हिस्से के तौर पर भारतीय खाद्य निगम को सौंपा जाता है। केंद्रीय योजनाओं के लिये खरीद और वितरण में लगने वाला सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करती है। प्रक्रियानुसार, धान के स्टॉक की भौतिक पुष्टि राज्य सरकार और एफसीआई का संयुक्त दल करता है। वह राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणा के आलोक में धान और चावल की उपलब्धि की जांच करता है। भौतिक पुष्टिकरण के दौरान विभिन्न मिलों में धान के स्टॉक में कमी पाई गई। लिहाजा, राज्य सरकार से निवेदन किया गया कि उन चूक-कर्ता मिल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाये, जिनके यहां पुष्टि करते समय धान की कमी पकड़ी गई। बहरहाल, जून माह तक राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। तेलंगाना सरकार के नागरिक आपूर्ति विभाग ने अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-छठवें चरण के तहत वितरण के लिये भूसी वाला चावल उठाया था। इस योजना के तहत केंद्र सरकार मुफ्त अनाज प्रदान करती है, ताकि कोविड-19 महामारी की मार झेलने वाले लोगों की कठिनाईयां कम हो सकें; हालांकि जून माह की शुरूआत तक लाभार्थियों को यह अनाज वितरित नहीं किया गया था। इसके अलावा, राज्य सरकार ने एथेनॉल बनाने के लिये राज्य में डिस्टलरियां स्थापित करने के लिये दिये गये आवेदनों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की है।

उपरोक्त मुद्दों पर राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण यह तय किया गया कि केंद्रीय हिस्से में चावल की आपूर्ति बंद कर दी जाएं। यह निर्णय तेलंगाना में सात जून से प्रभावी हो गया है। यह तब तक लागू रहेगा, जब तक राज्य सरकार कोई ठोस कार्रवाई शुरू नहीं कर देती।तेलंगाना सरकार ने अब सूचित किया है कि उसने चूक-कर्ता चावल मिल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है और इसे हर चूक-कर्ता के खिलाफ चलाया जायेगा। इसके अलावा, तेलंगाना के मुख्य सचिव ने सूचित किया है कि पीएमजीकेएवाई छठवें चरण योजना के तहत भूसी वाले चावल का वितरण शुरू कर दिया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि एनएफएसए के साथ पूरी आबंटित मात्रा वितरित कर दी जायेगी। राज्य सरकार ने एथेनॉल बनाने के लिये डिस्टिलरियों की स्थापना सम्बंधी आवेदनों पर जल्द कार्रवाई शुरू करने के निर्देश जारी कर दिये हैं। राज्य सरकार द्वारा दिये गये आश्वासन और तदुपरान्त की जाने वाली कार्रवाई के मद्देनजर तथा किसानों और पिसाई उद्योग के हितों को सुरक्षित करने के लिये केंद्र सरकार ने केंद्रीय हिस्से में चावल की आपूर्ति बहाल कर दी है। केंद्र सरकार हमेशा किसानों के हितों की रक्षा के लिये समर्पित है और उनके कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार को सलाह दी गई है कि वह उपरोक्त मुद्दों पर सच्ची भावना से अपने आश्वासनों को पूरा करे। क्योंकि, ये विषय किसानों तथा मिलों के हित में है।

शनिवार, 19 जून 2021

महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है भारतीय 'वायुसेना'

हैदराबाद। भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने शनिवार को कहा कि तेजी से बदल रही सुरक्षा चुनौतियों और पड़ोस एवं अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के मद्देनजर भारतीय वायुसेना (आईएएफ) प्रौद्योगिकियों को तेजी से शामिल करके परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है।भदौरिया ने यहां वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए कहा कि वायुसेना परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है। 
हमारे अभियानों के हर पहलू में प्रौद्योगिकियों और लड़ाकू शक्ति का जितनी तेजी से समावेश अब हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से हमारे पड़ोस और अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के अलावा हमारे सामने मौजूद अभूतपूर्व और तेजी से बदल रहीं सुरक्षा चुनौतियों के कारण है। भदौरिया ने कहा कि पिछले कुछ दशकों ने हर संघर्ष में जीत हासिल करने में वायु शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका स्पष्ट रूप से स्थापित की है और इसी के मद्देनजनर भारतीय वायुसेना की क्षमता में जारी वृद्धि काफी महत्व रखती है। उन्होंने आगे कहा कि इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड पर चर्चा चल रही है। क्षमता बढ़ाने के लिहाज से राफेल और एलसीए के बाद हमने दो-तीन बड़े कदम उठाए हैं।
उसमें एएमसीए का सबसे बड़ा है। पांचवीं पीढ़ी का एयरक्राफ्ट जो देश में बनेगा उसका निर्णय ले लिया गया है। इससे पहले, वायुसेना प्रमुख ने परेड की समीक्षा की। उन्होंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ राष्ट्रीय लड़ाई में वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका का भी जिक्र किया।

शनिवार, 12 दिसंबर 2020

फैक्ट्री में लगीं भीषण आग, 8 लोग झुलसे

हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थित दवा फैक्ट्री में शनिवार को भीषण आग लग गई। फैक्ट्री में लगी इस भीषण आग में 8 लोगों के झुलसने की आशंका जताई जा रही है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, विंध्या ऑर्गेनिक्स की यह दवा यूनिट सांगारेड्डी जिले के बोल्लारम औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। शनिवार दोपहर में अचानक यहां पर आग लग गई।

नवरात्रि का सातवां दिन मां 'कालरात्रि' को समर्पित 

नवरात्रि का सातवां दिन मां 'कालरात्रि' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  चैत्र मास में पड़ने वाली नवरात्रि के सातवें दिन दे...