बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

मोदी की 112 संपत्तियो की नीलामी

मुंबई। पीएनबी बैंक घोटाले का फरार आरोपी नीरव मोदी की 112 संपत्तियों की नीलामी 27 फरवरी यानी कल से शुरू होगी। नीलामी से प्राप्त रकम से बैंकों के बकाए का भुगतान किया जाएगा। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी के फरार होने के बाद उसकी करोड़ों की संपत्ति को जब्त कर लिया था। नीलामी दो चरणों में की जाएगी, जिसमें नीरव मोदी की जब्त कीमती कलाकृतियां, कीमती घड़ियां, हैंडबैग और कारों को शामिल किया गया है।


पहले चरण की नीलामी सैफरनआर्ट नामक कंपनी की तरफ से गुरूवार को होगी, जबकि दूसरे चरण की नीलामी 3-4 मार्च को होगी। नीलामी ऑनलाइन और लाइव होगी। पहले चरण की नीलामी में लगभग 40 लॉट को शामिल किया गया है। जिसमें करोड़ो रुपए की 15 कलाकृतियां को शामिल किया गया है। वहीं अगले सप्ताह होने वाली नीलामी में एम एफ हुसैन और अमृता शेर गिल द्वारा बनायी गई पेंटिंग को शामिल किया गया है।


नीलामी में अमृता शेरगिल की 1935 में बनाई गई पेटिंग ब्वॉज विद लेमंस और बैटल ऑफ गंगा एंड यमुना शामिल हैं। जबकि एम एफ हुसैन की पेंटिग्स 1972 में बनाई गई थीं। साथ ही आधुनिक और लग्जरी कार रोल्स रॉयल घोस्ट की नीलामी होगी। इस कार की अनुमानित कीमत 75 से 95 लाख के बीच रखी गई है। जबकि पोर्श पनामेरा कार की कीमत 10 से 15 लाख के बीच लगाई गई है।


नीरव मोदी की जब्त की गई घड़ियों की कीमत लाखों में बताई जा रही है। जिसमें चैनल, पियागेट, सेलीन और लुई वुइटन की कलाई घड़ियां शामिल हैं। इसके साथ ही कई लग्जरी सामानों की नीलामी होगी। नीलामी में शामिल ब्रांडेड बिर्किन, केली और हर्मेस के हैंडबैग्स की कीमत 3-6 लाख के बीच आंकी गई है।


गैंगरेप से आहत ने खुद को जलाया

बैतूल। गैंगरेप से आहत होकर खुद को जिंदा जलाने वाली आठवीं की छात्रा की नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। छात्रा ने मंगलवार शाम 6 बजे घर में अग्निस्नान किया था। घटना में छात्रा 95 प्रतिशत जल गई है। बुधवार सुबह उसकी मौत हो गई। छात्रा ने अपने बयान में नामजद आरोपियों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था।


बताया जा रहा है कि कैटरिंग के काम के दाैरान छात्रा की संदीप, अजय और नितेश से दोस्ती हुई थी। करीब डेढ़ माह पहले तीनों युवकों ने बैतूल के एक ऑफिस में छात्रा के साथ गैंगरेप किया। छात्रा ने परिजन को इस घटना की जानकारी नहीं दी, लेकिन गैंगरेप से वह बहुत आहत थी। इसके बाद से आरोपी छात्रा को लगातार मानसिक प्रताड़ना दे रहे थे। सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने कोतवाली थाने में केस दर्ज कर 2 आरोपियों संदीप और नितेश को गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्य आरोपी अजय की तलाश जारी है।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

 


होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।


 


 


सार्वजनिक सूचना


सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि यूनिवर्सल एक्सप्रेस, हिंदी-दैनिक, समाचार-पत्र के सभी जिला प्रतिनिधि एवं जिला प्रभारी के पद को यथास्थित रखते हुए। सभी जनपदो के अंतर्गत सभी पदों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। दिनांक 13 मार्च 2020 के बाद नियुक्ति मान्य होगी।


आदेश अनुसार:-


प्रबंधक संपादक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


फरवरी 27, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-200 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, फरवरी 27, 2020
3. शक-1941,फाल्गुन - शुक्ल पक्ष, तिथि-चतुर्थी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:54,सूर्यास्त 06:10
5. न्‍यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-23+ डी.सै., हल्की बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


https://universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.:-935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


अजय को सेल्फी लेने की शिक्षा दी

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल ने इंस्टाग्राम पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इसमें वह सीढ़ियों पर बैठी नजर आ रही है। तस्वीर के लिए काजोल ने जो कैप्शन लिखा है उससे ऐसा लग रहा है कि शायद वह चाहती थी कि उनके पति भी उनके साथ इस तस्वीर में शामिल हो। काजोल ने लिखा कि बेबी चलो न एक सेल्फी लेते हैं..पति : जाओ वहां जाकर बैठो मैं तस्वीर लेता हूं..मैं : सेल्फी मतलब दोनों साथ में रहते हैं और इनमें से कोई एक तस्वीर खींचता है। उनका जवाब : इशारा करते हुए अंगुली और हंसने वाली ईमोजी। अजय देवगन ने भी इसी तस्वीर को साझा करते हुए इसके कैप्शन में लिखा कि यह मेरे तरीके की सेल्फी है, जिसमें मैं आमतौर पर कैमरे के पीछे रहता हूं।


हिंसा सोचा-समझा षड्यंत्र, इस्तीफा दे

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा सरकार और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। दरअसल दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बुधवार को बैठक हुई। इस बैठक में सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे। वहीं बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली हिंसा एक सोचा-समझा षडयंत्र है। सोनिया गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली हिंसा पर देरी से कार्रवाई करने को लेकर इस्तीफा मांगा है। सोनिया ने कहा कि दिल्ली पुलिस पिछले 72 घंटों से निष्क्रिय है, 20 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिसमें एक हेड कांस्टेबल भी शामिल है। सोनिया ने कहा, 'दिल्ली में हो रही हिंसा और जानमाल नुकसान के बाद स्थिति पर चर्चा के लिए बैठक हुई। यह एक सोचा-समझा षड्यंत्र है। भाजपा के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर नफरत और भय का माहौल पैदा किया।' सोनिया ने कहा कि मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार और खासकर गृह मंत्री जिम्मेदार हैं तथा उन्हें तत्काल इस्तीफा देने चाहिए। उन्होंने यह दावा भी किया कि दिल्ली सरकार भी अपनी भूमिका निभाने में विफल रही। कांग्रेस प्रमुख ने कहा ‘दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री भी शांति बनाए रखने में नाकाम रहे। सीडब्ल्यूसी का मानना है कि स्थिति गंभीर है और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।’ सोनिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रभावित इलाकों में जाना चाहिए और लोगों के साथ लगातार संवाद करना चाहिए। सोनिया गांधी ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया जाना चाहिए तथा मोहल्लों में शांति समितियों का गठन किया जाना चाहिए।


151 पीएचडी विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल

रायपुर। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यलय के 25वें दीक्षांत समारोह में आज 151 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि, 1 को डिलीट और  63 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशरीलाल वर्मा ने कहा कि इन सभी सम्मानित प्रतिभावान विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। इन्हें आज उपाधि और मेडल प्रदान होने से विश्वविद्यालय की गतिविधियां सही मायनों में सबके सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में आज छत्तीसगढ़ की प्रतिभा का सम्मान हुआ है।


पं. रविशंकर विवि के दीक्षांत समारोह में 151 को पीएचडी, 63 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल
एक तरह से विश्वविद्यालय में 151 पीएचडी का होना विश्वविद्यालय की बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके माध्यम से हम अपनी अन्य गतिविधियों को भी प्रदर्शित कर सकते हैं कि शिक्षा की गुणवत्ता में विश्वविद्यालय क्या कर रहा है। हमारा निरंतर यह प्रयास रहता कि लोगों को समय में डिग्री प्रदान करें, मेडल प्रदान करें ताकि बच्चों में कुछ उत्साह बना रहे। अन्य विद्यार्थी भी उन्हें देखकर अपना लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि आज का दीक्षांत समारोह कुलाधिपति राज्यपाल अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री भुपेश बघेल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, समारोह के मुख्य वक्ता अशोक वाजपेयी सहित जनप्रतिनिधियों, संकाय के अध्यक्षों, कार्य और विद्यार्थी परिषद के सदस्यों और शिक्षकों, विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की उपस्थिति में सफल हुआ।


एशिया इलेवन और वर्ल्ड 11 टीम घोषित

एशिया इलेवन और वर्ल्ड इलेवन की टीम घोषित, भारत से 4 खिलाड़ी, लेकिन पाकिस्तान से किसी खिलाड़ी को जगह नहीं मिली

दीनदयाल उपाध्याय


नई दिल्ली। एशिया इलेवन (Asia XI) और वर्ल्ड इलेवन  (World XI) के बीच बांग्लादेश में  टी20 के दो मैच होंगे। ये मैच 18 और 21 मार्च को होंगे। ये क्रिकेट मैच बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुररहमान की 100वीं जयंती पर आयोजित होंगे। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि विराट कोहली, मोहम्मद शमी, शिखर धवन और कुलदीप यादव के नाम बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को भेज दिए गए हैं। इनके अलावा ऋषभ पंत और लोकेश राहुल के नाम भी भेजे गए हैं। जिसमें विराट और लोकेश के खेलने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।


क्रिकेटबांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नजमुल का कहना है कि हमें भारत से चार नाम मिल गए हैं। उन्होंने कहा है कि लोकेश राहुल और विराट कोहली का मैच खेलना उनकी उपलब्धता पर निर्भर करेगा। वहीं एशिया एकादश की टीम में बांग्लादेश के चार खिलाड़ी शामिल हैं। इसमें पाकिस्तान के किसी खिलाड़ी को जगह नहीं मिली है। डु प्लेसिस के नेतृत्व में  वर्ल्ड इलेवन में क्रिस गेल और कीरोन पोलार्ड जैसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल हैं।


टीम इंडिया का शेड्यूल
टीम इंडिया अभी न्यूजीलैंड दौरे पर है. वहां दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही है. वहां से लौटने के बाद भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज होगी. इसकी शुरूआत 12 मार्च को धर्मशाला से होगी. दूसरा मैच लखनऊ में 15 मार्च और तीसरा कोलकाता में 18 मार्च को खेला जाएगा।


टीमों के संभावित खिलाड़ी इस प्रकार हैं-
एशिया एकादश: लोकेश राहुल, शिखर धवन, विराट कोहली, ऋषभ पंत, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, तिसारा परेरा, लसिथ मलिंगा, राशिद खान, मुजीब उर रहमान, मुस्तफिजुर रहमान, तमीम इकबाल, मुशफिकुर रहीम, लिटन दास और संदीप लामिचाने।


विश्व एकादश : एलेक्स हेल्स, क्रिस गेल, फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), निकोलस पूरन, ब्रेंडन टेलर, जानी बेयरस्टो, कीरोन पोलार्ड, आदिल राशिद, शेल्डन कोटरेल, लुंगी एनगिडी, एंड्रयू टाइ और मिशेल मैक्लेनाघन।


झारखंडः 2 सीटों पर मार्च में चुनाव

रांची। झारखण्ड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होगा। परिमल नाथवानी और प्रेम चंद गुप्ता के कार्यकाल पूरा होने से 2 सीट खाली होने वाली है। इन दो सीटों को लेकर अब आंकड़ों का खेल भी शुरू हो गया है। कांग्रेस ने दावा किया है कि आंकड़े गठबंधन के पक्ष में है और दोनों सीट पर जीत तय है।
झारखण्ड की दो सीटों समेत राज्यसभा की 55 सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना है। इसके लिए चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के जारी होते ही राजनीतिक दल भी जरूरी आंकड़ों का समीकरण बनाने में जुट गए हैं। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो एक सीट पक्ष और एक सीट विपक्ष के खाते में जा सकती है, लेकिन सूबे में राज्यसभा चुनाव का इतिहास भी रोचक रहा है और कई बार इस चुनाव ने राज्य की किरकिरी भी करवायी है। इस बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि आंकड़ों के खेल में जीत गठबंधन की ही होगी।
बात अगर आंकड़ों की करें तो जेएमएम के पास 29 विधायक, बन्धु तिर्की, प्रदीप यादव को मिला कांग्रेस के पास 18 और राजद के एक विधायक है। अभी के हालात में एक सीट जीतने के लिए 27 विधायकों के वोट की जरूरत है. जिसके बाद गठबन्धन के पास अपने 21 विधायक बचते हैं। इसको देखते हुए दूसरे सीट पर भी गठबन्धन का उम्मीदवार उतरना तय है। इसलिए कांग्रेस का उम्मीदवार दूसरी सीट पर होना भी तय है। कांग्रेस कह रही है कि आसानी से दूसरी सीट भी जीत जाएंगे।
बीते कई राज्यसभा चुनाव का परिणाम बता रहा है कि जो आंकड़ें दिखते हैं परिणाम उनके अनुरूप नहीं आते। यही सबसे बड़ी वजह है कि हर चुनाव का परिणाम चौकाने वाला होता है। ये भी कारण है कि कांग्रेस ये दावा करते नहीं थक रही कि दोनों सीट पर जीत तय है।


भ्रष्टाचार में दोषी पाये गये थे सीएम त्रिवेंद्र

सीएम त्रिवेन्द्र को त्रिपाठी जाँच आयोग ने पाया था भ्रष्टाचार का दोषी


मुख्यमन्त्री बनते ही त्रिवेन्द्र ने पलट दिया था एक्शन टेकन रिपोर्ट को अपने पक्ष में


पंकज कपूर


देहरादून। प्रदेश के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत ने वर्ष 2010 में कृषि मन्त्री रहते हुए ढैंचा बीज घोटाले को अन्जाम दिया गया था। ढैंचा बीज घोटाले की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की। मोर्चा रिव्यू दाखिल करेगा। मा उच्च न्यायालय ने भी राजनैतिक पृष्ठ भूमि के आधार पर खारिज की थी पूर्व में मोर्चा की पीआईएल। जिसको लेकर मा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी थी, जिसे मा उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। उक्त फैसले के खिलाफ मोर्चा द्वारा मा सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी योजित की गयी थी। जिसको मा सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहकर खारिज कर दिया कि, मामले में अत्याधिक विलम्ब किया गया है व पूर्व में पारित मा उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है।


बताते चलें कि, उक्त घोटाले की जाँच को लेकर पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2013 में एकल सदस्यीय एससी त्रिपाठी जाँच आयोग का गठन किया था। आयोग द्वारा उक्त मामले में त्रिवेन्द्र रावत को तीन बिन्दुओं पर दोषी पाया गया। जिसमें कृषि अधिकारियों का निलम्बन और फिर इस आदेश को पलटना, सचिव, कृषि द्वारा मामले की जांच विजीलेंस से कराये जाने के प्रस्ताव पर अस्वीकृति दर्शाना तथा बीज डिमांड प्रक्रिया सुनिश्चित किये बिना अनुमोदन करना। इस प्रकार आयोग ने इस मामले में उप्र कार्य नियमावली 1975 का उल्लंघन पाया तथा सीएम रावत के खिलाफ सिफारिश की है कि, रावत प्रीवेंसन आॅफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13(1) (डी) के अन्तर्गत आते हैं तथा सरकार उक्त तथ्यों का परीक्षण कर कार्यवाही करे।


आयोग की उक्त रिपोर्ट/सिफारिश को सदन के पटल पर रखा गया, जिसमें सदन ने एक्शन टेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिये। इस मामले में कोई कार्यवाही होती, इसी दौरान वर्ष 2017 में मुख्यमन्त्री बनते ही त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों पर दबाव डालकर स्वयं को क्लीन चिट दिलवा दी। मोर्चा द्वारा वर्ष 2018 में उक्त मामले को लेकर मा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी थी, जिस पर मा उच्च न्यायालय ने दिनांक- 18/09/2018 को यह कहकर याचिका खारिज कर दी कि, याची राजनैतिक व्यक्ति है, तथा पूर्व में गढ़वाल मण्डल विकास निगम का उपाध्यक्ष रहा है। सीएम त्रिवेन्द्र के भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा शीघ्र ही मा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ रिव्यू (समीक्षा याचिका) दाखिल करेगा तथा फिर से मा उच्च न्यायालय में एक अलग याचिका मोर्चा द्वारा दाखिल कर त्रिवेन्द्र के घोटाले को आमजन तक पहुंचाएगा।


आज देहरादून के एक स्थानीय होटल में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पूरा प्रकरण पत्रकारों के साथ साझा किया। उक्त वार्ता में मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी संग विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह, अनिल कुकरेती, भीम सिंह बिष्ट आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।


एलआईसी को बेचना चाहती है सरकार

अजेय कुमार


केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने दूसरे बजट भाषण में घोषणा की है कि सरकार एलआईसी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करेगी और इनीशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के जरिए इसमें अपने स्टेक का एक हिस्सा बेचेगी। इस प्रस्ताव को सही ठहराने के लिए उन्होंने तर्क दिया है कि ‘किसी कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने से उसमें अनुशासन आता है। इससे वित्तीय बाजार को कंपनी में दखल देने का अवसर मिलता है और इसका मूल्य उन्मुक्त होता है। इस क्रम में खुदरा निवेशक भी कंपनी में भागीदारी कर सकते हैं।’


इस घोषणा से भेड़चाल भारतीय मीडिया में एलआईसी को लेकर एक बहस छिड़ गई है। कुछ तथाकथित वित्तीय विश्लेषक यह दावा कर रहे हैं कि “सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) में सूचीबद्ध होने से पॉलिसीधारकों को बड़ा फायदा होगा। इससे लोग एलआईसी की कार्यप्रणाली पर नजर रख पाएंगे और उसकी कॉरपोरेट गवर्नेंस सुदृढ़ होगी।”


प्रबंधन में आगे: आइए देखें कि एलआईसी की वर्तमान आर्थिक स्थिति क्या है और कॉरपोरेट मीडिया उसे बदनाम करके किन स्वार्थी तत्वों का हित साध रहा है? जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में 1956 में एलआईसी ने मात्र 5 करोड़ रुपये की धनराशि से अपना कारोबार शुरू किया था। आज एलआईसी की विराट परिसंपत्ति का मूल्य 31 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। पिछले दो दशकों से कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने जीवन बीमा के क्षेत्र में प्रवेश किया और एलआईसी को टक्कर देने की कोशिश की।


इस जर्बदस्त प्रतियोगिता के बाद भी भारतीय बाजार में एलआईसी का हिस्सा 73 प्रतिशत से अधिक है। यही कारण है कि 2018-19 के लिए भारत सरकार को उसकी मात्र 100 करोड़ की हिस्सा-पूंजी के बदले एलआईसी ने 2611 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है। अगर स्थापना वर्ष से गिना जाए तो एलआईसी ने अब तक कुल 26,005 करोड़ रुपये का बड़ा लाभांश अदा किया है।


एलआईसी भारतीय बाजार में बहुत बड़ा निवेश करती है। कई अवसरों पर सरकार के निर्देश पर उसे स्टॉक मार्केट को गिरने से बचाने के लिए और जब-तब किसी सरकारी कंपनी, जैसे भारतीय रेलवे में निवेश करना पड़ता है। डूबते हुए बैंक आईडीबीआई को बचाने के लिए जुलाई 2018 में एलआईसी को उसके 51 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए कहा गया। यह 13,000 करोड़ रुपये का निवेश वैसे तो एलआईसी जैसी कंपनी के लिए कोई बड़ी बात नहीं थी, लेकिन यह फैसला एलआईसी के प्रबंधन या पॉलिसी धारकों का न होकर केवल सरकार में बैठे मंत्रियों का था।


आईडीबीआई के खराब प्रदर्शन के चलते एलआईसी को कई वर्षों तक अपने इस निवेश से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। इसी तरह के निवेश एलआईसी ने 29 सार्वजनिक और निजी बैंकों में कर रखे हैं। तात्पर्य यह कि अगर सरकार दखलंदाजी न करे तो एलआईसी की परफॉरमेंस कहीं बेहतर होगी।


फाइनेंस के वैश्वीकरण के युग में भी एलआईसी जैसा कॉरपोरेशन पूरी दुनिया में नहीं है। इसके कुल लाभ का मात्र 5 प्रतिशत सरकार को मिलता है, जबकि 95 प्रतिशत पॉलिसीधारकों को जाता है। इसीलिए एलआईसी को प्राय: म्युचुअल बेनेफिट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी भी कहा जाता है। चालू वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2019 से जनवरी 2020) में एलआईसी के प्रथम वर्षीय प्रीमियम में 43 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि निजी इंश्योरेंस कंपनियों में यह मात्र 20 प्रतिशत रही।


मजेदार बात यह कि इन्हीं पॉलिसीधारकों की दुहाई देकर एलआईसी के निजीकरण की तैयारी की जा रही है। एक ऐसी संस्था जो न केवल अपने पॉलिसीधारकों, बल्कि देश के विकास के लिए संसाधन जुटाने में सबसे आगे है, उसमें सरकारी इक्विटी का हिस्सा बेचने का अर्थ होगा सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को हलाल करना।


एलआईसी की मुख्य शक्ति उसका डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क है। आज इसके पास 12 लाख एजेंट और 5000 डिवेलपमेंट अफसर हैं, जो मार्केटिंग के बेहतर तौर-तरीके अपनाते हैं। उनकी कोशिशों से एलआईसी के पास आज 42 करोड़ पॉलिसी धारक हैं, जिनमें से 30 करोड़ ने व्यक्तिगत पॉलिसियां ले रखी हैं और बाकी ने ग्रुप इंश्योरेंस ली है। ऐसे में इन पॉलिसी धारकों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या सरकार पॉलिसी अवधि के बीच में कॉन्ट्रैक्ट की शर्तें बदल सकती है!


वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने फिलहाल यह कहकर इसका जवाब टाल दिया है कि आईपीओ अगले वित्त वर्ष के उत्तरार्ध में ही लाया जाएगा। वैसे यह एक अनैतिक कदम होगा कि मात्र 5 प्रतिशत कानूनी हिस्सेदारी से सरकार अपने एक कमाऊ कॉरपोरेशन को बेच डाले।


यह कॉरपोरेशन प्रति माह अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट अपने रेगुलेटर इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथारिटी (आईआरडीए) को देता है, जो बाद में संसद में पेश की जाती है।


जहां तक सामाजिक तथा बुनियादी ढ़ांचे के विकास के लिए फंड उपलब्ध कराने की बात है, तो यह पूछा जाना चाहिए कि कौन सी निजी कंपनी 3.5 लाख करोड़ से लेकर 4.5 लाख करोड़ रुपया प्रतिवर्ष सरप्लस पैदा करेगी, जितना एलआईसी करती है। बिना सुदृढ़ प्रबंधन के यह संभव नहीं।


गवर्नेंस के मामले में भी एलआईसी बेहतर ढंग से संचालित है। इसके ऑपरेटिंग खर्चों की तुलना अगर निजी बीमा कंपनियों से की जाए, तो पता चलता है कि एलआईसी की गवर्नेंस कहीं बेहतर है।


भविष्य के लिए: फिर क्या कारण है कि सुचालित, सुप्रबंधित और जन-जन में लोकप्रिय एलआईसी को निकट भविष्य में बेचने की तैयारी की जा रही है? दरअसल जीएसटी के कठिन क्रियान्वयन के चलते अप्रत्यक्ष कर की मात्रा में भारी कमी देखी जा रही है। सरकार का मानना है कि एलआईसी के आंशिक विनिवेश से उसे 70,000 करोड़ रुपये मिल जाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य उपक्रमों के विनिवेश से भी 2.10 लाख करोड़ रुपये उगाहने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य केंद्रीय बजट में रखा गया है।


अपनी रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचा चीकु

रायपुर। अक्सर आपने कुत्तों की वफादारी के किस्से तो सुने ही होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे कुत्ते के बारे में बताने जा रहे है जो वफादार होने के साथ ही समझदार भी है। दरअसल अमेरिका के टेक्सास में चीकु नाम का जर्मन शेफर्ड थाने पहुंच गया और खुद की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखवाई। एक पालतू जर्मन शेफर्ड मिक्स चीकु अपना घर नहीं ढूंढ पा रहा था। ऐसे में परेशान कुत्ता सीधे पुलिस थाने जा पहुंचा। जहां उसे देखकर पुलिसकर्मी भी हैरत में पड़ गए. पुलिस वालों ने कुत्ते की तस्वीर भी खींची और फेसबुक में अपलोड भी किया। जिससे वह अपने मालिक तक आसानी से पहुंच सके। तस्वीर में भी आप देख सकते हैं कि कुत्ता थाने में डेस्क पर अपने दोनों पैर आगे रखा हुआ है।


वहीं पुलिस ने उसके मालिक की तलाश भी शुरू कर दी और पुलिस ने एनिमल कंट्रोल वालों को इस बात की खबर की। एनिमल कंट्रोल वालों की जांच में ये पता लगा कि किसी व्यक्ति ने कुत्ते की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी। एक दिन के बाद कुत्ता अपने मालिक से मिला खुशी से ही उनकी तरफ दौड़ गया। इस तरह कुत्ता अपने मालिक के पास घर तक पहुंच गया।


कोरोना की चपेट में आए उप-स्वास्थ्य मंत्री

सुप्रिया पांडे


रायपुर। कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वायरस की चपेट में आने बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है। ईरान में अब तक 15 लोगों की मौते हो चुकी है, तो वही उप स्वास्थ्य मंत्री भी इसकी चपेट में आ गए है। जहां संक्रमित लोगों की संख्या 95 के पार हो चुकी है, तो वही उप स्वास्थ्य मंत्री इराज हरीची की कोरोना वायरस जांच पॉजिटिव पाई गई। ट्वीटर में कई लोग इराज हरीची के कोरोना वायरस को लेकर पुष्टी करते हुए भी नजर आ रहे है।


मंत्री को हमेशा से खांसी रहती थी और संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्हें पसीना आता हुआ भी दिखाई दिया। वे सोमवार को सरकारी प्रवक्ता अली रबी के साथ सम्मेलन में शामिल हुए थे। ईरान में मेडिकल सुविधाओं की कमी है वहां अच्छे अस्पताल और डॉक्टरों की कमी होने के साथ ही मास्क उपलब्ध नहीं है। जिसकी वजह से अस्पताल की नर्स भी कोरोना वायरस की वजह से संक्रमित पाई जा रही है। सुरक्षा के अभाव में मरीजों की पर्याप्त देखभाल भी नहीं हो पा रही है।


पंजाब में आ सकती है तूफानी बारिश

लुधियाना। लुधियाना समेत पंजाब भर में मौसम एक बार फिर से करवट ले सकता है। अगले 72 घंटों तक मौसम का मिजाज खुश्क बना रहने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों ने 28 और 29 फरवरी को 30 से 40 किलोमीटर की गति से धूल भरी आंधी व राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और कहीं पर ओलावृष्टि होने की चेतावनी दी है। वहीं अधिकतम तापमान 23 से 26 डिग्री सैल्सियस के बीच रहेगा, जबकि न्यूनतम पारा 10 से 16 डिग्री सैल्सियस के बीच रह सकता है। सुबह के समय हवा में नमी की मात्रा 75 से 94 फीसदी व शाम को 47 से 65 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं मंगलवार को स्थानीय नगर में अधिकतम तापमान 25.6 डिग्री सैल्सियस व न्यूनतम 12 डिग्री सैल्सियस रिकार्ड हुआ। सुबह के समय हवा में नमी की मात्रा 97 फीसदी व शाम को 50 फीसदी रही। पिछले दिनों के मुकाबले आज मौसम का मिजाज गर्म रहा। मौसम विशेषज्ञ ने आने वाले दिनों में मौसम के बदलते मिजाज को ध्यान में रखते हुए किसानों को यह सलाह दी है कि वह फसलों को जरूरत के मुताबिक ही पानी लगाएं। किसी जानकारी के बिना फसलों पर कीटनाशक दवाओं का स्प्रे न करे।


आधी रात में लगी अदालत, दिए आदेश

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश की राजधानी के कई इलाकों में हुई हिंसा पर सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की एक संस्था ने पुलिस सुरक्षा के लिए देर रात को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court)का दरवाजा खटखटाया। संस्था ने हिंसाग्रस्‍त उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद क्षेत्र में हिंसा में घायल लोगों को चिकित्सा सुविधा मांगीं थी।



न्यायाधीश के आवास पर मध्यरात्रि को अदालत लगी और मामले की सुनवाई की गई। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति एजे भंभानी ने मुस्तफाबाद में अल हिंद अस्पताल से घायलों को तत्काल बाहर निकालने का आदेश दिया। यहां कथित रूप से बंदूक की गोली से घायल हुए लोग मेडिकल मदद की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पीठ ने यह भी कहा कि घायलों को जीटीबी या अन्य नजदीकी अस्पतालों में ले जाया जाए, जिसमें उनके समुचित इलाज की सुविधा हो. दिल्ली सरकार के वकील संजय घोष और दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने अदालत को आश्वासन दिया कि घायलों को बेहतर चिकित्सा प्रदान करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। दिल्ली में हो रही हिंसा के बीच एक दुकान से करीब 80 लाख रुपये की बीयर और वाइन लूट ली गई। चांद बाग की एक शराब दुकान के मैनेजर राज कुमार ने कहा है कि उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को दो बार कॉल किया था। लेकिन पुलिस नहीं पहुंच सकी। उधर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी राजेश देव ने बताया कि पुलिस घायलों के हिंसा ग्रस्त इलाकों से निकाल कर असप्ताल पहुंचा रही है। आद दोपहर हाईकोर्ट तय करेगा कि क्या मामले में किसी और निर्देश की जरूरत है।


दो मासूम सहित कुएं में कूदी महिला

उदय सिंह


बलरामपुर। पति से विवाद के बाद पत्नी ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ कुँए में खुदकर खुदकुशी कर ली, घटना की जानकारी सुबह हुई जब पड़ोसियों ने कुँए में तीनों की लाश तैरते हुए देखी, जिन्होंने पुलिस और परिजनों को घटना की सूचना दी। मामला जिले के रघुनाथ नगर थाना क्षेत्र का है, जहाँ ग्राम पंडरी में बीती रात पति से विवाद के बाद महिला हेमलता जायसवाल ने अपने दो मासूमों प्रीतम जायसवाल 7 वर्ष और प्रियांशी जायसवाल 4 वर्ष के साथ कुँए में खुदकर जान दे दी। मौके पर पहुँची पुलिस और तहसीलदार ने शव को कुँए से बाहर निकलवाया और शवों को पीएम के लिए भेज दिया है। पड़ोसियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि महिला का पति जुआ खेलने का आदि था जिससे पति पत्नी में अक्सर विवाद होते रहता था, बीती रात भी दोनों के बीच विवाद की स्थिति बनी थी,


शायद इसी वजह से तंग आकर महिला ने इतनी बड़ी घटना को अंजाम देते हुए बच्चों सहित खुदकुशी कर ली, फ़िलहाल इस घटना से पूरे गाँव मे मातम पसरा हुआ है और पुलिस पति सहित अन्य लोगों से पूछताछ कर कारणों की पतासाजी कर रही है।


हिंसा में 20 की मौत, 200 घायल

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, 200 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। बुधवार सुबह चार और लोगों की मौत होने का सूचना सामने आई है, जिसके बाद मृतकों की संख्या 18 हो गई है। दरअसल, बीते दिन मंगलवार को उत्तरपूर्वी दिल्ली में नए सिरे से हिंसा भड़की थी, जिसमें जमकर पत्थरबाजी, आगजनी और गोलियां चलाई गईं।


समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, गुरु तेग बहादुर अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया है कि हिंसा में घायल चार और लोगों को मौत हो गई है। अब मौतों का आंकड़ा 20 पहुंच गया है।
बीते दिन राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में हिंसा फैली थी। इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगाई गई। दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी।


पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और भजनपुरा, खजूरी खास और अन्य स्थानों पर फ्लैग मार्च किए गए। इलाकों भारी सुरक्षाबलों की तैनाती है। मौजपुर, जाफराबाद, करावल नगर, चांदबाग में कर्फ्यू लागू है। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही कई अन्य इलाकों में धारा 144 लागू है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली पुलिस प्रमुख अमूल्य पटनायक और अन्य के साथ बैठक की। बैठक में यह तय हुआ कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को शांति बहाली के लिए हाथ मिलाना चाहिए और सभी क्षेत्रों में शांति कमेटियों को फिर से सक्रिय किया जाना चाहिए।


रामपुर सड़क हादसे में 5 की मौत, 3 गंभीर

संवाद सहयोगी की रिपोर्ट


रामपुर। उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले के शाहबाद क्षेत्र में बुधवार तड़के हुए भीषण सड़क हादसे में बुलेरो सवार पांच लोगों की मृत्यु हो गई जबकि तीन घायल हो गये। अपर पुलिस अधीक्षक विधा सागर शर्मा ने यहां यह जानकारी दी।


उन्होंने बताया कि शाहबाद-बिल्सी मार्ग पर बोलेरो और बस के बीच टक्कर में बोलेरो सवार पांच लोगों की मृत्यु हो गई और तीन घायल हो गये। घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि मृतकों की शिनाख्त कराई जा रही है।


बताया जा रहा है कि​​​​​​​ मरने वाले सभी लोग राणा शुगर मिल के कर्मचारी थे। वे गन्ने से लदे वाहनों की अवैध आवाजाही को रोकने के लिए पेट्रोलिंग कर रहे थे। हादसे में शुगर मिल के कर्मी मुकेश, हरबीर, शिवचरन, डिगमू, अमित और ओमवीर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि, इमरान, वीरेश और अंकुश घायल हो गए।


दिल्ली हिंसा में आईबी कर्मचारी की मौत

रवि चौहान


नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा में आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या हो गई। वह कल से लापता थे। अंकित शर्मा दिल्ली के खजूरी खास में रहते थे। अंकित शर्मा खुफिया विभाग (IB) में कार्यरत था और उसपर चांदबाग में हिंसा को लेकर जरूरी जानकारी इकट्ठा करने की जिम्‍मेदारी थी।


मिली जानकारी के अनुसार, अंकित शर्मा की हत्‍या करने के बाद उसके शव को एक नाले में फेंक दिया गया था, जिससे उनकी पहचान ना हो सके। लेकिन आज किसी ने उनक शव देखा तो पुलिस को इस बारे में जानकारी दी। पुलिस ने जब उनके शव से आईडी बरामद की तो पता चला कि वह आईबी के लिए काम करने वाले अंकित शर्मा है, जिनकी दो दिन पहले चांदबाग इलाके में ड्यूटी लगी थी। हालांकि पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है कि उनकी हत्‍या के पीछे कोई साजिश तो नहीं। क्‍या अंकित शर्मा को कुछ ऐसे राज पता चल गए थे, जिससे चांदबाग इलाके में हिंसा करने वालों पर आसानी से शिकंजा कसा जा सके।


कांग्रेसः गृहमंत्री-सीएम पर दागे सवाल

नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आज हुई। बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे। बैठक में हिंसा के दौरान मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।


बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा हालात चिंताजनक है। एक साजिश के तहत हालात बिगड़े। बीजेपी नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए. चुनाव के दौरान नफरत फैलाया। दिल्ली की स्थिति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं। गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।


सोनिया गांधी ने पूछा कि रविवार को गृह मंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? हिंसा वाली जगहों पर कितनी पुलिस फोर्स लगी? बिगड़ते हालात के बाद भी सेना की तैनाती क्यों नहीं की गई? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे थे?


आजम, पत्नी और बेटा जाएंगे जेल

रामपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिम और बेटे अब्दुल्लाह आजम खान को 2 मार्च तक के लिए जेल भेज दिया गया है। रामपुर के एडीजी 6 अदालत में आज आजम खान अपने परिवार के साथ पेश होने पहुंचे थे। पिछले काफी समय से कोर्ट के बुलाने पर भी आजम खान हाजिर नहीं हो रहे थे। गैर हाजिरी के चलते कई बार कोर्ट ने आजम खान, बेटे अब्दुल्लाह आजम और पत्नी तंजीम फातमा के खिलाफ जमानती और गैर जमानती वारंट जारी किया। अब तक सपा सांसद आजम खान पर 88 मुकदमे भी दर्ज है।


8 दिन बंद रहेंगे बैंक, निपटा ले काम

नई दिल्ली। आठ से 15 मार्च तक बैंक लगातार आठ दिन बंद रहेंगे। इसमें पांच सरकारी छुट्टी और तीन दिन की हड़ताल शामिल है। पांच सरकारी छुट्टियों वाले दिन ऑनलाइन बैंकिंग का सहारा भी नहीं रहेगा। यानी कि वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने में बैंकों ने आम लोगों से लेकर कारोबारियों तक को परेशानी देेने की तैयारी कर ली है।


दरअसल, हड़ताल के दिनों में बैंक अपना सर्वर भी ठप कर देते हैं। इसलिए ऑनलाइन बैंकिंग का विकल्प भी खत्म हो जाता है। बैंक अफसर बताते हैं कि शहर में औसत 300 करोड़ रुपये के चेक, ड्राफ्ट और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की प्रति दिन क्लीयरिंग होती है। बैंक बंद रहने से ये लेनदेन आगे नहीं बढ़ सकेंगे।
आठ दिन बैंकिंग न होने से करीब 2500 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित होगा। इसमें से करीब 2000 करोड़ की रकम कारोबारी लेनदेन की होगी। तीन दिन हड़ताल में यदि बैंकों ने सर्वर ठप नहीं किया तभी रिजर्व बैंक से ऑनलाइन लेनदेन को क्लीयरिंग हो सकेगी। हालांकि खाते के हिसाब से लेनदेन की सीमा निर्धारित रहेगी।


पीएनबी ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव अनिल कुमार मिश्रा का कहना है कि  हड़ताल को लेकर बैंक संगठनों का रुख स्पष्ट है। हालांकि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की जायज मांगों को देखते हुए वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने 29 फरवरी को भारतीय बैंक संघ के साथ वार्ता तय की है।
इसके बाद पांच मार्च को मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) ने भी मीटिंग बुलाई है। उम्मीद है कि इन दोनों बैठकों में कुछ सकारात्मक नतीजे आएंगे।  


इस तरह से बंद रहेंगे बैंक 


8 मार्च-  रविवार का अवकाश 
9 मार्च-  होली का अवकाश
10 मार्च- होली का अवकाश
11 मार्च- हड़ताल
12 मार्च- हड़ताल
13 मार्च- हड़ताल
14 मार्च- दूसरे शनिवार का अवकाश  
15 मार्च- रविवार का अवकाश


बूंदीः बारातियों से भरी बस, नदी में गिरी

बूंदी। राजस्थान के बूंदी जिसे से बड़ी खबर आ रही है। यहां बारातियों से भरी एक बस बुधवार की सुबह मेज नहीं में गिर गई। इस हादसे में अभी तक 18 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है। हालांकि अधिकारी रूप से अभी मौतों की पुष्टि नहीं हो सकी है। वहीं, हादसे की सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे गए और बचाव कार्य में जुट गए। बता दें कि यह दर्दनाक हादसा बूंदी के लाखेरी थाना क्षेत्र में हुआ है। जानकारी के मुताबिक, बारातियों से भरी बस लाखेरी से कोटा की तरफ जा रही थी। तभी बस अनियंत्रित हो गई और मेज नदी में जा गिरी। इससे वहां हाहाकार मच गया। चीख-पुकार सुनकर वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। हाथ-पैर मार रहे बारातियों को बचाने के लिए कुछ ग्रामीण नदी में कूद गए। वहीं, हादसे की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस व प्रशासन के लोग मौके पर पहुंच गए तथा राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया।


राष्ट्रहित के लिए जनगणना जरूरी

राजा कुमार की रिपोर्ट


मोतिहारी। शहर के राधाकृष्णन भवन में गुरुवार को जनगणना का शुभारंभ जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने दीप प्रज्वलित कर किया । जिसमे जिला के वरीय पदाधिकारियों को जनगणना का ट्रेनिंग दिया गया। डीएम ने इस मौके पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह जनगणना स्वतंत्रता के बाद का आठवां जनगणना है 10 साल पर पूरे राष्ट्र में जनगणना किया जाता है यह राष्ट्र के विकास के लिए जनगणना बहुत जरूरी माना जाता है।पूर्वी चंपारण जिला बहुत बड़ा क्षेत्रफल है. इसलिए दो फेज में जनगणना कराया जाएगा पहला फेज 26 फरवरी 2020 से तीन अनुमंडलों ढाका , पकड़ीदयाल,और रक्सौल में शुरू किया जाएगा वही अन्य अनुमंडलों की जनगणना पहले फेज के बाद शुरू किया जाएगा ।15 मई से पूरे जिले में मकानों की सूचीकरण और मकानों की गणना किया जाएगा। जनगणना के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला स्तरीय पदाधिकारी एडीएम शशि चौधरी को नियुक्त किया गया। प्रशिक्षण में जिलाधिकारी सहित जिले के अन्य पदाधिकारीगण मौजूद रहे।


जातिगत गणना पर सदन में हंगामा

आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट


लखनऊ। यूपी विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर जातिवार जनगणना कराने की मांग की जिसको लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। पक्ष और विपक्ष के बीच हो रहे हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही 35 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। फर्जी मुठभेड़ों का आरोप लगाकर सपा सदस्यों ने किया बहिर्गमन।
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने राज्य पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ की घटनाएं अंजाम देने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को सदन से बहिर्गमन किया। बसपा सदस्य श्याम सुंदर शर्मा ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से जानने की कोशिश की कि प्रदेश में एक जुलाई 2017 से 30 सितम्बर 2018 के बीच फर्जी मुठभेड़ और पुलिस द्वारा हत्या के कितने मामले दर्ज हुए।


संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इसके जवाब में कहा कि इस दौरान लखनऊ में केवल एक मामला दर्ज हुआ जिसमें सम्बन्धित पुलिसकर्मी को न सिर्फ गिरफ्तार किया गया बल्कि उसे बर्खास्त भी किया गया। शर्मा ने जब जवाब को गलत बताया तो खन्ना ने कहा कि उनसे फर्जी मुठभेड़ के बारे में पूछा गया था, उन्होंने उसी का जवाब दिया है। उन्होंने कहा च्च्हम किसी भी मुठभेड़ को फर्जी मानते ही नहीं है। प्रदेश में एक भी फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई है।


सदन में सपा और विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रदेश में पुलिस द्वारा अत्याचार और फर्जी मुठभेड़ की वारदात में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने ऐसी घटनाओं में मारे गये लोगों के परिजन को मुआवजा देने की मांग भी की। उसके बाद चौधरी तथा अन्य सपा सदस्य सदन से बाहर चले गये।


नीति का दमन, नियति का दिखावा

अनिल अनूप


दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में बीते दो माह से दिया जा रहा जो धरना लाखों लोगों की नाक में दम किए हुए है, उसके यदि खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं तो इसकी एक वजह न्यायपालिका का अति उदार रवैया भी है। यह घोर निराशाजनक है कि पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने धरना दे रहे लोगों को सड़क खाली करने के स्पष्ट निर्देश देने से इनकार किया, फिर मामला जब उच्चतम न्यायालय गया तो उसने धरना दे रहे लोगों को समझाने-बुझाने के लिए वार्ताकार नियुक्त कर दिए। ऐसा करके सड़क पर काबिज होकर की जा रही अराजकता को एक तरह से प्रोत्साहित ही किया गया।


क्या अब जहां भी लोग अपनी मांगों को लेकर सड़क या फिर रेल मार्ग पर कब्जा करके बैठ जाएंगे, वहां सुप्रीम कोर्ट अपने वार्ताकार भेजेगा? यदि नहीं तो फिर शाहीन बाग के मामले में नई नजीर क्यों? समझना कठिन है कि जब उच्चतम न्यायालय ने यह माना भी और कहा भी कि इस तरह रास्ता रोककर धरना देना अनुचित है, तब फिर उसने शाहीन बाग इलाके की नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली उस सड़क को खाली कराने के आदेश देने की जरूरत क्यों नहीं महसूस की, जिसका इस्तेमाल प्रतिदिन लाखों लोग करते हैं?


जो लोग अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और नागरिकता कानून में संशोधन के फैसलों का विरोध करने में लगे हुए हैं, वे यह समझें तो बेहतर कि कोई भी सरकार अपने निर्णय से इस तरह पीछे नहीं हटती. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जो लोग भी यह समझ रहे हैं कि धरना-प्रदर्शन, आंदोलन आदि से सरकार किसी भी तरह के दबाव में आ जाएगी, वे भूल ही कर रहे हैं. इसका प्रमाण यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने और अधिक अडिग इरादों का प्रदर्शन किया है. अनुच्छेद 370 हटाना भले ही एक मुश्किल कार्य रहा हो, लेकिन यह इसलिए आवश्यक हो गया था, क्योंकि एक तो यह अलगाव को जन्म दे रहा था और दूसरे कश्मीर के लोगों में भेदभाव कर रहा था. चूंकि अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता कानून में संशोधन करने के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और शीर्ष अदालत ने संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई शुरू भी कर दी है, इसलिए बेहतर यही होगा कि उसके फैसले का इंतजार किया जाए. यह आश्चर्यजनक है कि जो लोग खुद को संविधान और लोकतंत्र का हितैषी बता रहे हैं, वे इन दोनों मसलों पर संविधानसम्मत आचरण करने से भी इनकार कर रहे हैं. यह किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है कि वह संसद द्वारा पारित और अधिसूचित कानून को वापस ले ले.


लोगों को यह समझना चाहिए कि हर अधिकार की अपनी सीमाएं होती हैं. कोई अधिकार असीमित नहीं हो सकता.  विरोध, हड़ताल अथवा आंदोलन के अधिकार के नाम पर लोग सड़क अथवा रेल मार्ग बाधित नहीं कर सकते, लेकिन दुर्भाग्य से अपने देश में ऐसा ही अधिक होता है.  यह और कुछ नहीं, आम लोगों को बंधक बनाने वाला कृत्य है. कई बार तो ऐसे कृत्यों के कारण लाखों लोगों की दिनचर्या प्रभावित होती है. शाहीन बाग धरना भी यही कर रहा है. इससे खराब बात और कोई नहीं कि सड़क पर कब्जा करके दिए जा रहे जिस धरने के कारण बीते दो महीने से दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है, वह अभी भी समाप्त होता नहीं दिखता. सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग धरने को लेकर अपनी चिंता अवश्य जताई, लेकिन यह कोई नहीं जानता कि उसने उसे समाप्त करने की जरूरत क्यों नहीं महसूस की?


इससे दुखद-दयनीय और कुछ नहीं कि मुट्ठी भर लोग सड़क पर कब्जा करके लाखों नागरिकों के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं और फिर भी सुप्रीम कोर्ट तत्काल किसी फैसले पर पहुंचने के बजाय तारीख पर तारीख देना पंसद कर रहा है.


नि:संदेह ऐसा नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट इस तथ्य से परिचित न हो कि शाहीन बाग की सड़क बंद होने से हर दिन लाखों लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. क्या आधे-पौने की घंटे की दूरी तीन-चार घंटे में तय करने को मजबूर लाखों लोगों के समय और श्रम का कोई मूल्य नहीं? क्या ये लाखों लोग कमतर श्रेणी के नागरिक हैं, जो उनकी सुध लेने से इनकार किया जा रहा है और वह भी दो माह से अधिक समय से? आखिर जब सुप्रीम कोर्ट अनुचित तरीके से धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों के पास अपने वार्ताकार नहीं भेजता, तब फिर उसने शाहीन बाग में लाखों लोगों को तंग कर रहे प्रदर्शनकारियों के पास अपने वार्ताकार क्यों भेजे?


विरोध के नाम पर मनमानी का प्रदर्शन करने वाले धरने के प्रति नरमी दिखाना कानून के शासन के साथ-साथ शांतिप्रिय लोगों के अधिकारों की अनदेखी ही है. यह ठीक नहीं कि विरोध अथवा असहमति जताने के नाम पर मनमानी बढ़ती ही जा रही है. अब तो विरोध प्रदर्शनों के दौरान आगजनी, पत्थरबाजी और तोड़फोड़ आम है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के विभिन्न् हिस्सों में जिस तरह बड़े पैमाने पर आगजनी और तोड़फोड़ हुई, उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है.


इस तरह की हरकतों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए, लेकिन यह देखने में आ रहा है कि इस तरह के मामलों में कई बार अदालतें भी नरम रवैया अपना लेती हैं.  इससे कुल मिलाकर विरोध के बहाने अराजकता फैलाने वालों को ही बल मिलता है. इसमें संदेह है कि शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोग अपना अड़ियल रवैया आसानी से छोड़ेंगे. पहले वे नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने पर अड़े थे, फिर यह मांग करने लगे कि सरकार को उनसे बात करने धरना स्थल आना चाहिए. इसके बाद उन्होंने हजारों की संख्या में एकत्रित होकर गृहमंत्री से कथित तौर पर वार्ता करने की ठानी. आखिर यह कब समझा जाएगा कि यह धरना आम जनता के सब्र का इम्तिहान ले रहा है?


हैरत नहीं कि ये वार्ताकार नाकाम हैं. इस नाकामी की वजह यही है कि धरने पर बैठे लोग एक तो काल्पनिक भय से ग्रस्त हैं और दूसरे, वे तुक एवं तर्क की बात सुनने को तैयार नहीं. इतना ही नहीं, उन्होंने यह जिद भी पकड़ी है कि पहले उनकी मांग मानी जाए और नागरिकता संशोधन कानून रद्द किया जाए. क्या यह घोर अराजक व्यवहार नहीं?


शामली: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

शामली: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  शामली। प्रदेश सरकार के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम संपूर्ण समाधान दिवस का आय...