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सोमवार, 11 अक्तूबर 2021

नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है। देवी हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं और शुभ फल प्रदान करती हैं। देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां कालरात्रि अभय वरदान के साथ ही ग्रह बाधाओं को दूर करती हैं और आकस्मिक संकटों से भी मुक्ति मिलती है। मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है।
काले रंग के कारण उनको कालरात्रि कहा गया है। मां के बाल लंबे और बिखरे हुए हैं। मां के गले में माला है जो बिजली की तरह चमकते रहती है। चार भुजाओं वाली मां कालरात्रि दोनों बाएं हाथों में क्रमश: कटार और लोहे का कांटा धारण करती हैं। वहीं दो बाएं हाथ क्रमश: अभय मुद्रा और वरद मुद्रा में होते हैं। गले में एक सफेद माला धारण करती हैं। मां दुर्गा ने असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए अपने तेज से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया था।
नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि के रूप में पूजा जाता है। इस दिन मां को गुड़ या गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
काले रंग का वस्त्र धारण करके या किसी को नुकसान पंहुचाने के उद्देश्य से पूजा ना करें। मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र धारण करें। देवी कालरात्रि पूजा ब्रह्ममुहूर्त में ही की जाती है। वहीं तंत्र साधना के लिए तांत्रिक मां की पूजा आधी रात में करते हैं इसलिए सूर्योदय से पहले ही उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। पूजा करने के लिए सबसे पहले आप एक चौकी पर मां कालरात्रि का चित्र या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद मां को कुमकुम, लाल पुष्प, रोली आदि चढ़ाएं। माला के रूप में मां को नींबुओं की माला पहनाएं और उनके आगे तेल का दीपक जलाकर उनका पूजन करें। देवी को लाल फूल अर्पित करें। मां के मंत्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें। मां की कथा सुनें और धूप व दीप से आरती उतारने के बाद उन्हें प्रसाद का भोग लगाएं। अब मां से जाने अनजाने में हुई भूल के लिए माफी मांगें। मां कालरात्रि दुष्टों का नाश करके अपने भक्तों को सारी परेशानियों व समस्याओं से मुक्ति दिलाती है। इनके गले में नरमुंडों की माला होती है। नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से भूत प्रेत, राक्षस, अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि सभी नष्ट हो जाते हैं।

बुधवार, 6 अक्तूबर 2021

नवदुर्गा: 7 अक्टूबर से आरंभ होगी शारदीय नवरात्रि

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि 7 अक्‍टूबर गुरुवार से आरंभ हो रहे हैं। इस बार मां दुर्गा डोली में सवार होकर धरती पर आ रही हैं। शास्‍त्रों के अनुसार मां का डोली में आगमन शुभ नहीं माना गया है। वहीं हाथी पर विदाई को शुभ माना गया है। हाथी पर मां की विदाई होने से अच्‍छी बारिश होती है और धन-धान्‍य बढ़ता है। देश में शान्ति का वातावरण रहता है। शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2021 को समाप्त होगी।

नवरात्रि में घट स्थापना या कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना का शुभ समय सुबह 06 बजकर 17 मिनट से सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक ही है। स्थापना और पूजा के लिए मां दुर्गा की फोटो, आरती की किताब, दीपक, फूल, पान, सुपारी, लाल झंडा, इलायची, बताशा, मिसरी, कपूर, उपले, फल, मिठाई, कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सिंदूर, केसर, कपूर, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, सुगंधित तेल, चौकी, आम के पत्ते, नारियल, दूर्वा, आसन, पंचमेवा, कमल गट्टा, लौंग, हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, दीपबत्ती, नैवेद्य, शहद, शक्कर, जायफल, लाल रंग की चुनरी, लाल चूड़ियां, कलश, साफ चावल, कुमकुम, मौली, माचिस और माता रानी के सोलह श्रृंगार के सामान की जरूरत पड़ेगी।

रविवार, 3 अक्तूबर 2021

अश्विन: 7 अक्टूबर से शुरू होंगी शारदीय नवरात्रि

अश्विन महीने के शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि शुरू होती हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू होंगी। मां की कृपा पाने के लिए यह समय बहुत अहम होता है। इस दौरान किए गए उपाय तो बहुत फल देते ही हैं लेकिन नवरात्रि शुरू होने से पहले किए गए कुछ काम भी व्‍यक्ति को धनवान बनाते हैं। लिहाजा 7 अक्‍टूबर से पहले यह काम जरूर कर लें। ऐसा करने से नवरात्रि में की गई पूजा-अर्चना और व्रत का भी पूरा फल मिलता है।
नवरात्रि शुरू होने से पहले पूरे घर की अच्‍छी तरह साफ-सफाई कर लें। मां लक्ष्‍मी की तरह मां दुर्गा भी उन्‍हीं घरों में वास करती हैं जहां साफ-सफाई रहती है। ऐसे में मां की कृपा पाने के लिए 7 अक्टूबर से पहले यह काम जरूर कर लें।
नवरात्रि शुरू होने से पहले घर की साफ-सफाई करें और फिर घर के मुख्‍य द्वार पर स्‍वास्तिक बना लें। स्‍वास्तिक का निशान बहुत शुभ होता है जो घर में सुख-समृद्धि लाता है।
घर में नवरात्रि पर्व के लिए घट स्थापना कर रहे हैं तो नवरात्रि शुरू होने से एक दिन पहले ही उस जगह की सफाई कर लें और वहां गंगा जल छिड़ककर उस जगह को शुद्ध कर लें।
किचन की अच्‍छी तरह साफ-सफाई कर लें. यदि नॉनवेजिटेरियन हैं तो फ्रिज को भी अच्‍छी तरह साफ कर लें और 9 दिन तक घर में ना तो नॉनवेज रखें और ना ही उसका सेवन करें।

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...