मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

मान लेते, हालात इतने नहीं बिगड़ते

जिनेवा/नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि अगर दुनिया भर के देशों ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ को लेकर जनवरी में ही उसकी सलाह मानी होती तो इस समय स्थिति इतनी खराब नहीं होती।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने सोमवार को कोविड-19 पर नियमित प्रेस वार्ता में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि संगठन ने 30 जनवरी को ही वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी थी, जब चीन से बाहर कोरोना वायरस के सिर्फ 82 मामले थे और एक भी मौत नहीं हुई थी। जिन देशों ने उस समय डब्ल्यूएचओ की सलाह मानी, वे आज बेहतर स्थिति में हैं।


उन्होंने कहा, “हम सर्वश्रेष्ठ विज्ञान और साक्ष्यों के आधार पर सलाह देते हैं। कोविड-19 को लेकर हमने 30 जनवरी को सर्वोच्च स्तर के वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की थी। उस समय दुनिया को डब्ल्यूएचओ की बात ध्यान से सुननी चाहिए थी, क्योंकि सर्वोच्च स्तर का स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया था। आप स्वयं देख सकते हैं कि जिन देशों ने हमारी सलाह मानी आज उनकी स्थिति कहीं बेहतर है। यह सच्चाई है।”


937 लोगों की मौत, 29,975 संक्रमित

937 लोगों की मौत, 29 975 संक्रमित 


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली विश्व में कोरोना वायरस कोविड-19 का कहर लगातार जारी है। अधिकृत आंकड़ों के अनुसार विश्व में अभी तक कुल 2,12,996 मौतें हो चुकी है। विश्व में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 30,89,948 पहुंच गई है। जिन में इजाफा निरंतर जारी है। वहीं भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में अब तक कुल 937 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 29, 975 से अधिक लोग संक्रमित हैं।


वही, राहत की बात यह है कि 7000 से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। देश में वायरस का दुष्प्रभाव सबसे अधिक महाराष्ट्र में पड़ रहा है। महाराष्ट्र में 8590 से अधिक संक्रमित हो चुके है। अकेले मुंबई में 3756 से अधिक संक्रमित है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सीआरपीएफ के 40 जवान संक्रमित हो गए हैं। जिसके चलते दिल्ली में एक नए हॉट स्पॉट बनाने के साथ हॉट स्पॉट की संख्या 100 हो गई हैं। गुजरात में 181 लोगों की मौत से हड़कंप मचा है। संक्रमितो में इजाफा होकर 3734 मामले प्रकाश में आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार 80 जिले में सात दिन से कोई मामला नहीं आया है। 


अंतरराज्यीय परिवहन में सुधार करें

नई दिल्ली। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यों को अंतरराज्यीय परिवहन तेज करने को कहा है, ताकि जरूरी सामानों की आपूर्ति तेज गति से हो पाए। राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ मंगलवार को एक बैठक में गडकरी ने कहा कि अपने-अपने राज्यों में ट्रकों और लॉरियो की आवाजाही को सुधारें, राज्यों की सीमा पर ब्लॉकेज को तुरंत क्लियर करे, और ट्रकों और लॉरियों की आवाजाही को सुनिश्चित करें। 
गडकरी ने राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि देश मे आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही के लिए और कोरोना संकट से पार पाने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है। उन्होंने राज्यों से यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएं, क्योंकि अबतक 25 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि अगर भारत को पॉ ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था बनाना है तो सड़क निर्माण पर जोर देना होगा, क्योंकि सड़क निर्माण ही विकास की धुरी है। गडकरी ने राज्यों से अपील की कि कल कारखानों तक श्रमिकों को ले जाने की व्यवस्था की जाए, लेकिन उसमें मेडिकल प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाए। उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में उनका मंत्रालय एक हेल्पलाइन जल्द ही जारी करेगा, जिससे इस तरह की समस्याओं का निदान हो सके।”


उन्होंने कहा, “मोदी सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़क निर्माण पर विशेष जोर दे रही है। हमारा लक्ष्य मौजूदा सड़क निर्माण की गति को अगले दो वर्षो में दोगुना या तीन गुना करने का है।” गडकरी ने राज्यों से कहा कि बेहतर पर्यावरण के लिए सार्वजनिक परिवहन को एलएनजी , सीएनजी और ई-व्हिकल में तब्दील करें। उन्होंने इस दौरान राज्यों से अपील की कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एप आधारित दोपहिया वाहन सेवा शुरू की जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्र शहरों के साथ तेजी से जुड़ जाएं। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, इस बैठक में सभी राज्यों के परिवहन मंत्रियों के अलावा सड़क परिवहन राज्य मंत्री वी. के. सिंह, और मिजोरम, हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया।


 


रक्षा क्षेत्र के कार्य प्रारंभ की योजना

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और आयुध कारखानों से कोरोना महामारी के कारण लागू पूर्णबंदी समाप्त होने के बाद संचालन और अन्य गतिविधियों को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए जरूरी योजना बनाने को कहा है। राजनाथ सिंह ने आज इन उपक्रमों और कारखानों के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेन्स से बैठक की और कोरोना महामारी से लड़ने की रणनीति के साथ साथ उनकी संचालन योजनाओं की समीक्षा की।


रक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्णबंदी के कारण रक्षा उपक्रमों की गतिविधियां और संचालन प्रभावित हुआ है और इस महामारी से उबरने के बाद इन गतिविधियों को शुरू करने की योजना बनायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोशिश होनी चाहिए कि पूर्णबंदी के कारण जितने समय की बर्बादी हुई है, उत्पादन बढ़ाकर उसकी भरपायी की जाये। पूर्णबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा उपक्रम और आयुध कारखाने निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनियों के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।


 


चीन विशेष अस्पताल को बंद करेगा

बीजिंग। देश चीन राजधानी बीजिंग में अधिकारी कोरोना वायरस कोविड-19 के विशेष अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों के स्वस्थ होने के बाद इसे बंद करने की तैयारी में अधिकारी जुट गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को बताया था, कि चीन ने छह नए कोरोना वायरस संक्रमण और 40 नए बिना लक्षण के (एसिम्पटोमेटिक) मामले सामने आए हैं।


अस्पताल को बंद करने का यह कदम तब उठाया गया है जब चीन में कोरोना वायरस के केंद्र वुहान ने हाल में 16 अस्थाई अस्पतालो को बंद कर दिया और अपने अंतिम मरीज को रविवार को छुट्टी दे दी।


अमेरिका में 70 हजार लोगों की मौत!

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में इस वायरस से 70,000 लोगों की मौत संभव है। उन्होंने कहा कि वास्तव में ये आंकड़ा इससे थोड़ा ज्यादा हो सकता है। वे नवंबर में होने जा रहा चुनावों में खुद को पुन: चुने जाने के कारणों पर भाषण दे रहे थे। ट्रंप ने इससे पहले इस माह कोरोना से 60,000 लोगों के मारे जाने की बात कही थी। ट्रंप से व्हाइट हाउस में एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि 6 सप्ताह में वियतनाम के युद्ध जितनी तादाद लोगों की मौत के बाद उन्हें पुन: राष्ट्रपति चुना जाना कैसे सही है। बता दें कि वियतनाम के युद्ध में 58,000 लोगों की मौत हुई थी। जॉन हॉपकिंस युनिवर्सिटी के अनुसार अमेरिका में कोरोना से अब तक 56,000 लोगों की मौत हुई है। 


ट्रंप ने कहा कि  अगर आप देखें कि मूल अनुमान क्या थे - 2.2 मिलियन - हम शायद 60,000-70,000 तक जा रहे हैं। यह बहुत बेहतर है। और मुझे लगता है कि हमने बहुत अच्छे निर्णय लिए हैं। सीमाओं को बंद करना या प्रतिबंधित करना बड़ा फैसला था। ट्रम्प ने कहा "मुझे लगता है कि हमने बहुत अच्छा काम किया है। मैं यह कहूंगा। चीन के खिलाफ गंभीर जांच कर रहा अमेरिकाः राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के संबंध में चीन के खिलाफ 'बेहद गंभीरता से जांच कर रहा है। ट्रंप ने इस कथन से संकेत दिया है कि अमेरिकी प्रशासन बीजिंग से जर्मनी द्वारा मुआवजे के रूप में मांगे गए 140 अरब डॉलर से कहीं बड़े मुआवजे के बारे में सोच रहे हैं।


24 मई तक खत्म हो सकेगा वायरस

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। लॉकडाउन को हुए भी एक महीने से ज्यादा हो गए। अब सबके जेहन में यह सवाल उठ रहा है कि देश में यह महामारी आखिर कब खत्म होगी। कब इस खतरनाक वायरस का प्रकोप दुनिया से खत्म होगा? सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी ऐंड डिजाइन (SUTD) ने गणितीय मॉडल के जरिए बताया है कि अलग-अलग देशों में कोविड-19 महामारी कब खत्म होगी।


'24 मई तक भारत में 97% खत्म हो जाएगा कोरोना'
सबसे पहले बात भारत की करते हैं। अगर SUTD की भविष्यवाणी सच साबित हुई तो यह भारत के लिए बहुत ही बड़ी राहत की खबर होगी। स्टडी के मुताबिक भारत में 24 मई तक कोरोना वायरस 97 प्रतिशत तक खत्म हो जाएगा। 20 जून तक यह 99 प्रतिशत खत्म हो जाएगा। इसे पूरी तरह खत्म होने में 31 जुलाई तक का वक्त लगेगा।


पृथ्वी के पास से गुजरेगा 'एक क्षुद्रग्रह'

नई दिल्ली। बुधवार यानि कल 29 अप्रैल को लेकर नासा ने डेढ़ महीने पहले सूचना दी थी कि इस दिन एक क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड ) पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है। इस दौरान पृथ्वी से क्षुद्रग्रह 3.9 मिलियन माइल/6.2 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर गुजरेगा। 29 अप्रैल में सिर्फ एक दिन बाकी हैं, जिसने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है।


बताया जा रहा है कि इसका साइज हिमालय पर्वत से भी बड़ा है। नासा के मुताबिक क्योंकि ये एस्टेरॉयड 3.9 मिलियन ( करीब 62.90 लाख किलोमीटर) की दूरी पर होगा…इसलिए इसका असर पृथ्वी पर नहीं पड़ेगा। लेकिन चिंता की बात यह है कि अगर इस एस्टेरॉयड के दिशा में जरा सा भी परिवर्तन हुआ तो यह खतरा बहुत बड़ा हो जाएगा।जानें क्यों इस एस्टेरॉयड को लेकर वैज्ञानिक परेशान हैं?
62.90 लाख किलोमीटर की दूरी अंतरिक्ष विज्ञान में बहुत ज्यादा नहीं मानी जाती है। इस, एस्टेरॉयड की स्पीड 31,319 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यानी करीब 8.72 किलोमीटर प्रति सेंकड। इतनी गति से यह अगर धरती के किसी हिस्से में टकराएगा तो बड़ी सुनामी ला सकता है। वैज्ञानिकों के लिए यही सहसे बड़ी परेशानी की बात है। नासा ने एस्टेरॉयड को सबसे पहले 1998 में देखा था। इसका व्यास करीब 4 किलोमीटर का है। यह एस्टेरॉयड 29 अप्रैल की दोपहर 3.26 बजे करीब धरती के पास से गुजरेगा। नासा ने इसे लाइव देखने के लिए अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट भी किया है। इसके साथ ही नासा यह भी बताया है कि कोई भी जो इसके बारे में जानकारी चाहता है वह उनके ट्विटर पर उनसे सवाल कर सकता है। क्षुद्रग्रह 1998 OR2(नाम) 29 अप्रैल को सुबह 10 बजे से पहले पृथ्वी के पास से 3.9 मिलियन मील की दूरी से गुजरेगा।


परदेशी-छात्रों को घर भेजेगी सरकार

लखनऊ। लॉकडाउन में बाहर फंसे यूपी के लोगों को मदद पहुंचाने में योगी सरकार तेजी से काम कर रही है। प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के काम में जुटी सरकार अब प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राएं जो अपने घर जाना चाहते हैं उनकी मदद करेगी। यह जानकारी सोमवार को प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने दी। उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 300 रोडवेज बसों में प्रयागराज में फंसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 9000 छात्रों को उनके घर भेजने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं। इसमें यूपी में ही रहने वाले छात्र शामिल हैं। अगर अन्य राज्य के छात्र हैं और उनका राज्य ले जाना चाहता है तो उसे अनुमति दी जाएगी।


अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि पहले चरण में सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर और चित्रकूट के बच्चे अपने शहर जाएंगे। दूसरे चरण में बचे जिलों के बच्चे जाएंगे। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि एक मई से खाद्यान्न का पुनः वितरण होगा। मुख्यमंत्री के आदेश पर  L1,L2,L3 कोविड अस्पतालों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। पीपीई किट, मास्क आदि जिलों में पहुँचाने के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जनपदों में 15 से 20000 क्षमता वाले क़वारन्टीन सेंटर बनाये जाएंगे। 328 बसों से दूसरे प्रदेश में रह रहे  उत्तरप्रदेश के 9992 मजदूर वापस लाए गए हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की सीएम ने समीक्षा की है।मुख्यमंत्री ने आगरा,लखनऊ, कानपुर,गाजियाबाद की समीक्षा की।  मेडिकल इंफेक्शन बढ़ने न दिया जाए इसकी व्यवस्था की जा रही है। हॉटस्पॉट में होम डिलेवरी की सुरक्षा मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि  हमारे प्रदेश में मृत्यु दर और कोरोना वृद्धि दर काफी कम है। डिग्री कॉलेजों से बेसिक शिक्षा तक टीचरों को कोरोना वैरियर बनाया जाएंगे, इन्हें ट्रेनिंग कराई जाएगी।


मेथेनॉल पीने से 728 लोगों की मौत

तेहरान। कोरोना वायरस की मार से बेहाल ईरान में इस महामारी से बचने के लिए अंधविश्‍वास में आकर नीट अल्‍कोहल पीने से मौतों का सिलसिला खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटना में जहरीले मेथेनॉल को पीने से 728 लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि 200 लोगों की अस्‍पताल के बाहर मौत हो गई। इससे पहले भी इसी महीने जहरीली शराब पीने से ईरान में 600 लोगों की मौत हो गई थी।


ईरानी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय में सलाहकार हुसैन हसनैन ने कहा कि इन लोगों ने कोरोना वायरस से बचने के लिए अंधविश्‍वास में आकर यह मेथेनॉल पी लिया। ईरान पिछले साल से अल्‍कोहल पीने की घटनाएं 10 गुना बढ़ गई हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 20 फरवरी से 7 अप्रैल के बीच ईरान में 728 लोगों की मौत हो गई। पिछले साल केवल 66 लोग अल्‍कोहल पीने से मारे गए थे। हसनैन ने कहा कि ईरान में जहरीली शराब पीने से 90 लोगों की आंखें खराब हो गई हैं। उन्‍होंने कहा कि आंखें खराब होने वालों का अंतिम आंकड़ा बहुत ज्‍यादा हो सकता है। पूरे पश्चिम एशिया में ईरान में कोरोना वायरस से सबसे ज्‍यादा लोग प्रभावित हैं। देश में अब 91 हजार लोग कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए हैं और 5806 लोग मारे गए हैं।


प्रशासन ने लॉकडाउन का निरीक्षण किया

डीएम व एसपी ने लॉक डाउन का किया निरीक्षण


नगर के कई इलाके में पैदल घूमे


सुनील पुरी


फतेहपुर। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने अन्य अधिकारियों व पुलिस बल के साथ पैदल घूम कर लॉक डाउन का निरीक्षण किया। बेवजह घरों से घूम रहे लोगों को फटकार लगाई डीएम एसपी के साथ भारी पुलिस बल देख नगर में थोड़ी ही देर में सन्नाटा छा गया। सोमवार की दोपहर को अचानक जिला अधिकारी संजीव कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा नगर के मुगल रोड पहुंचे जहां से पैदल ही खजुहा चौराहे पहुंचे। जिले के 2 बड़े अधिकारियों को भारी पुलिस बल के साथ देख थोड़ी ही देर में सन्नाटा छा गया। बेवजह घूम रहे तमाम लोग इधर-उधर निकल गए कुछ लोग मौके पर मिले जिनको डीएम और एसपी ने जमकर फटकार लगाई और उनके नाम भी नोट किए गए लॉक डाउन के उल्लंघन की कार्यवाही की बात भी कही गई। इसके बाद डीएम एसपी मेन बाजार होते हुए मुगलाई मोहल्ले की गली में घुस गए यहां पर भी कई युवक बेवजह घूमते मिले जिनके पुलिस ने नाम नोट किए और जमकर फटकार लगाई गई कठेरिया दुकानदारों को भी डांटा गया वही जब दोनों अधिकारी एसडीएम प्रहलाद सिंह तहसीलदार विकास पांडे कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नंदलाल सिंह सहित भारी पुलिस बल के साथ फाटक बाजार पहुंचे तो थोड़ी ही देर में चारों ओर सन्नाटा छा गया दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर इधर-उधर खिसक लिए ग्राहक भी अपनी साइकिल मोटरसाइकिल छोड़कर निकल गए जिलाधिकारी ने किराना करी का जायजा लिया और मौके पर मिले लोगों को फटकार भी लगाई वहीं दोनों अधिकारी गांधी चौराहे तक पहुंचे और लॉक डाउन की स्थिति का निरीक्षण किया।


जिला अधिकारी संजीव कुमार सिंह तथा पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार नगर के निकट फरीदपुर मोड़ स्थित चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल में क्वॉरेंटाइन हेतु बने अस्थाई आश्रय स्थल का भी निरीक्षण किया मौके पर मौजूद अधिकारियों कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए उन्होंने क्वॉरेंटाइन हेतु मौजूद कुछ लोगों से पूछताछ भी की खाने पीने की व्यवस्था के लिए भी बात की जहां पर को क्वॉरेंटाइन सेंटर मौजूद लोगों ने व्यवस्था को ठीक बताया इस मौके पर अन्य अधिकारियों के साथ चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक संजय श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर के सबसे व्यस्ततम गली किराना गली में नगर पालिका परिषद के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया किराना गली में किराना की दुकानों में अधिक भीड़ लग रही थी लगातार अधिकारियों के पास शिकायत पहुंच गई थी जिसके चलते डीएम ने निरीक्षण किया और निर्देश दिया कि दुकानों के सामने जो भी पेंच व ताकत लगे हैं। उनको हटा दिया जाए और इस बात का ध्यान रखा जाए कि सामाजिक दूरी का उल्लंघन कतई ना होने पाए जिससे कोरोनावायरस से बचत हो सके इसी के चलते नगर पालिका परिषद के सफाई स्पेक्टर राजेंद्र सिंह नगर पालिका परिषद के प्रधान लिपिक मनोज शुक्ला नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों के साथ पहुंचे और दुकानों के सामने का अतिक्रमण हटाया।


डीएम-एसपी का अमर शहीदों को नमन

डीएम व एसपी ने 52 अमर शहीदों को किया नमन


18 अप्रैल 1858 को अमर शहीद जोधा सिंह अटैया


सहित 52 क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने इमली के पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटकाया था


पुलिस अधीक्षक सहित अधिकारियों ने भी अर्पित किए श्रद्धा सुमन


फतेहपुर। देश की आजादी के लिए अपनी जान निछावर करने वाले अमर शहीद जोधा सिंह अटेया समेत 52 क्रांतिकारियों को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित कई अधिकारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर कोरोनावायरस से बचाव के लिए लाक डाउन और सामाजिक दूरी का पालन करें आज के दिन शहीदों की याद में यही सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी
नगर से खजुहा रोड स्थित बावन इमली शहीद स्मारक में जिला अधिकारी संजीव कुमार सिंह तथा पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा पहुंचे दोनों अधिकारियों ने अमर शहीद जोधा सिंह अटईया सहित 52 अमर शहीदों श्रद्धा सुमन अर्पित किया बताते चलें कि 28 अप्रैल सन 1858 में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर नाराज अंग्रेजों ने अमर शहीद जोधा सिंह अटैया सहित 52 क्रांतिकारियों को बावन इमली शहीद स्मारक में लगे इमली के पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटका दिया था। इस मौके पर उप जिलाधिकारी पहलाद सिंह तथा नायब तहसीलदार विकास पांडे ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के चलते जिस प्रकार विश्व के साथ हमारा देश भी संकट में है तो निश्चित रूप से कोरोनावायरस से बचाव के लिए लाख डाउन का पालन करना और सामाजिक दूरी बनाए रखना ही अमर शहीदों को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि आज के दिन होगी। इस मौके पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नंदलाल सिंह सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा।


क्षेत्र में होने लगी पैरों के संक्रमण की चर्चा

अतुल त्यागी


हापुड़। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के एक मोहल्ले में उस समय सनसनी फैल गई। जब अचानक दो से तीन युवक पैरों से चलने में अपाहिज हो गए और क्षेत्र में पैरों से कोरोना संक्रमण फैलने की चर्चा होने लगी।
आपको बता दें कि जनपद हापुड़ के थाना देहात क्षेत्र के मोहल्ला वैशाली कॉलोनी की गली नंबर चार में। उत्तराखंड निवासी 17 लोग फरवरी माह से अमरोहा से आकर यहां किराए पर रह रहे है। आज अचानक क्षेत्र में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब क्षेत्र के लोगों को अचानक दो से तीन लोगों के एक साथ पैरों के कमजोर होने से अपाहिज होने की बात सामने आई। कोरोना संक्रमण महामारी के चलते क्षेत्र में पैरों के रास्ते कोरोना संक्रमण का खतरा देख लोगों में भय का वातावरण व्याप्त हो गया सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम व उप जिलाधिकारी सदर के साथ मौके पर पहुंच गई तथा जांच में जुट गई। हमारे जिला प्रभारी मुकेश सैनी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर दिनेश खत्री से जब इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि पैरों में इंफेक्शन होने के चलते दो से तीन लोगों के पैर कमजोर होने की बात सामने आई है कोरोना संक्रमण जैसी कोई भी बात सामने नहीं आई है फिलहाल इनको दवाई उपलब्ध कराते हुए उपचार की व्यवस्था की जा रही है।


प्याज होती हैं ज्यादा 'फायदेमंद'

खाने में प्याज का इस्तेमाल तो लगभग हर घर में होता है। सब्जी. दाल, परांठे यहां तक कि लोग सलाद के रूप में प्याज को कच्चा खाना पसंद करते हैं। लेकिन इससे जुड़े फायदे के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। प्याज के फायदेमंद तत्व को लेना चाहते हैं तो इसे सलाद के रूप में कच्चा खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। खासतौर पर गर्मियों के मौसम में कच्चा प्याज बहुत फायदेमंद होता है। प्याज में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तत्व गर्मियों से शरीर को लड़ने की ताकत देता है। कच्चा प्याज लू लगने से शरीर को बचाता है। इसके साथ ही प्याज खाने के बहुत सारे फायदे हैं। 


ब्लड प्रेशर को करता है नियंत्रितः प्याज खाने से शरीर का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। प्याज में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तत्व इनफ्लेमेशन से लड़ने में मदद करता है। वहीं कॉलेस्ट्राल के लेवल को कम करने के साथ ही प्याज ट्राईग्लेसराइड को घटाता है। जिसकी वजह से दिल की बीमारियों से राहत मिलती है। एंटी फ्लेमेटरी गुण ब्लड प्रेशर से बचाता है और शरीर में खून का थक्का नहीं जमने देता है। इम्यूनिटी सिस्टम को सही करनाः प्याज में विटामिन सी की मात्रा भी पर्याप्त होती है जो पकाने से खत्म हो जाती है। इसलिए कच्चे प्याज को खाने से विटामिन सी सीधे शरीर को मिलता है। जिससे इम्यूनिटी का स्तर बढ़ता है। प्याज के आश्चर्यजनक गुणों के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। प्याज में मौजूद क्वारेक्टीन नाम का पदार्थ कैंसर रोकने में मदद करता है। खासतौर पर पेट और कोलोरेक्टल के कैंसर से।


10 लाख किसानों पर मौसम का कहर

लॉकडाउन में 10 लाख किसानों पर मौसम का कहर


बारिश-ओलावृष्टि से गेहूं, सेब समेत अन्य फसलों को नुकसान


 सरकार ने सभी जिलों से नुकसान का आकलन कर मांगी रिपोर्ट


रिपोर्ट- चन्दन सिंह बिष्ट


हल्द्वानी। कोरोना महामारी के चलते चालू लॉकडाउन में प्रदेश के लगभग 10 लाख किसानों पर मौसम भी कहर बरपा रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश और ओलावृष्टि से कृषि व बागवानी फसलें तबाह हो रही हैं। फरवरी व मार्च महीने में हुई बारिश व ओलावृष्टि से भी इन फसलों को छह करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। जबकि पर्वतीय जिलों में सेब, नाशपाती, खुमानी, आड़ू फसल तुड़ाई की कगार पर खड़ी है। फरवरी व मार्च माह में हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद होने से करीब 6 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था।


इसके बाद से प्रदेश में लागू लॉकडाउन के कारण किसानों की आर्थिक हालत खासी खराब हो गई है। अब फसल पककर तैयार है, तो फसलों की कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे थे। ऐसे में एक बार फिर से मौसम भी इन फसलों पर कहर बन कर टूट पड़ा है। दो दिन से हो रही बारिश से प्रदेश में कृषि व बागवानी की फसलों को खासा नुकसान हुआ है। सोमवार को कृषि निदेशक गौरी शंकर और अपर निदेशक उद्यान रतन कुमार ने सभी जिलों को पत्र जारी करके नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट मांगी है।


सूरजपुरः पहला वायरस पॉज़िटिव केस

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले का पहला कोरोना पॉज़िटिव केस सामने आया है। मरीज की कोरोना की जांच के लिए सेम्पल रायपुर एम्स भेज गया था जिसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। अब एक्टिव केस में तीन के बजाय चार हो गए है बात देकि आज सुबह ही दो मरीजो को स्वस्थ होने पर छुट्टी दी गयी है।


बताया जा रहा है कि मरीज सूरजपुर का रहनेवाला है और उसकी उम्र 58 वर्ष है। चौथे मरीज मिलने की पुष्टि आज मेकाहारा प्रबंधन ने की है।


विधायक पर लगाए आरोप, कसी लगाम

विधायक पर लगाए आरोप, कसी लगाम
अकाशुं उपाध्याय 
गाजियाबाद। लोनी तहसील में जनता के निवाले पर दिन-दहाड़े, लूट-खसोट की गई है। जिसका प्रमाण क्षेत्र के राशन कार्ड धारक स्वयं हैं। हजारों कुंतल अनाज लूट लिया गया। जिसमें अधिकारी और नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। संपूर्ण भारत में लॉक डाउन लागू है। जिसे 3 मई तक लागू किया गया है। इस लॉक डाउन में इतनी बड़ी लूट ? यह बात जनता को भी समझने की सख्त जरूरत है। लॉक डाउन में नेताओं की काली कमाई के सारे रास्ते बंद हो जाने पर, जनता के निवाले पर सुनियोजित ढंग से सेंधमारी की गई है। स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर की इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिसमें उप जिलाअधिकारी को इस सुनियोजित संरचना का संवाहक बनाया गया। आप स्वयं महसूस कर सकते हैं कि उच्च शिक्षा प्राप्त अधिकारी जाहिलो की भांति बिना नाद-जनेऊ के संकेत मिलने भर पर, कार्य को पूर्ण करते नजर आते हैं। सही और गलत के अन्वेषण की किसी ने कोई आवश्यकता ही नहीं समझी है। इस संपूर्ण प्रकरण पर पूर्व चेयरमैन मनोज धामा के द्वारा उंगली उठाते ही प्रकरण से संबंधित सब लोग अपने बचाव का मार्ग खोजने में लगे हैै। वर्तमान चेयरमैन के द्वारा सुभे के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर की जड़ों से मिट्टी हटाने का काम किया है। यदि इस पत्र पर कोई संतोषजनक कार्रवाई भी नहीं होती है, तो भी विधायक की छाती पर कई मन बोझ तो रहेगा ही। हमेशा यह पश्चताप रह-रहकर, आत्मग्लानि का बोध कराता रहेगा।


इस रोमांचक राजनीति के खेल में पूर्व चेयरमैन मनोज धामा ने पलटवार में यह बाजी 'चौकस' मारी है। प्रतिद्वंदी को चारों खाने चित कर दिया है। सारा खेल पट्ट कर दिया है।
नाजुक नौकरशाही हर हाल में 'ढाई चाल' ही चलती है। उसका कार्य नेतृत्व के पीछे झाड़ू लेकर चलना है। जो बचता है उसे समेट लिया जाता है। बाकी कोई नातेदारी तो है नहीं। ना कोई ऐसा संकल्प लिया है और ना कोई प्रण किया है।
क्षेत्र के राजनीतिक विक्षोभ से स्थानीय विधायक पर ठोस आरोप लगे हैं और लगाम की पकड़ भी मजबूत लग रही है। बहराहाल, जो भी परिणाम हो, यह राजनीतिक खेल परवान चढ रहा है और काफी रोमांचकारी भी हो गया है।


क्वॉरेंटाइन केंद्रों का निरीक्षण किया

विजय भाटी


गौतमबुध नगर। शासन द्वारा जनपद गौतमबुद्ध नगर के लिए नामित नोडल अधिकारी नरेन्द्र भूषण मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा तथा आलोक सिंह पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर द्वारा संयुक्त रूप से गत दिवस देर सायं सेक्टर 39 स्थित जिला अस्पताल की नयी बिल्डिंग मे स्थित क्वारंटाइन सेंटर व गलगोटिया काॅलेज स्थित क्वारंटाइन सेंटर का औचक निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा उक्त सेंटरों की साफ सफाई, खानपान, सुरक्षा आदि की व्यवस्था की गहन पड़ताल की गई तथा क्वारंटाइन किये गये लोगों से बात कर उनकी समस्याओं आदि के बारे मे जानकारी प्राप्त की गई। उन्होने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये। उन्होने ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों को एसओपी के अनुसार सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित करने को कहा। उन्होने क्वारंटीन सेन्टर में पर्याप्त सुरक्षा उपकरण, वाइजर, पीपीई किट, सेनेटाइजर व मास्क आदि को उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। उन्होने संस्थानों से वार्ता कर क्वारंटाइन सेन्टरों पर सीसीटीवी कैमरो की व्यवस्था भी कराने को कहा।
इसके अतिरिक्त नोडल अधिकारी द्वय द्वारा हाॅटस्पॅाट ग्राम सलारपुर का भी निरीक्षण किया गया तथा लोगों से बातकर उनकी समस्याओं आदि के सम्बन्ध के जानकारी प्राप्त की गई व ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों से हाॅटस्पाॅट क्षेत्र मे आवश्यक सेवाओ यथा दूध, फल, सब्जी, दवाई, राशन आदि की निर्बाध आपूर्ति तथा नियमित रूप से साफ-सफाई आदि के संबंध में की गई व्यवस्थाओं की जानकारी कर आवश्यक निर्देश दिये गये। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जरूरी वस्तुओं के लिए उन्हें कोई दिक्कत नही होने दी जाएगी तथा लोगों से अपील की कि घरों के अंदर ही रहें तथा लॉक डाउन का सख्ती से पालन करें।


घोटाले बाजों के कर्ज माफ, कारण बताएं

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि जब पूरा देश कोरोना संकट से एकजुट होकर जूझ रहा है तो मोदी सरकार ने बैंकों के 50 घोटालेबाज कर्जदारों का 68 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का ऋण माफ करने का बेतुका और औचित्यहीन कदम उठाया है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि भगोड़ों को किस आधार पर यह छूट दी गयी है।


कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिजर्व बैंक ने 24 अप्रैल को सूचना के अधिकार-आरटीआई के तहत पहली बार बताया है कि सरकार ने बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले जिन 50 बड़े कर्जदारों और भगोड़ों का कर्ज माफ किया है उनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और जतिन मेहता जैसे बड़े घोटालेबाज शामिल हैं।


सुरजेवाला ने कहा कि जब देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है ऐसे में सरकार का इन घोटालेबाजों का 68 हजार 607 करोड रुपए का कर्ज माफ करना आम जनता के प्रति उसकी दुर्भावना को जताता है। उन्होंने कहा कि यह काम सरकार के मुखिया की सहमति के बिना संभव नहीं है इसलिए प्रधानमंत्री को देश की जनता को बताना चाहिए कि सरकार ने यह कर्ज क्यों और किस आघार पर माफ किया है। प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि उसके पास कोरोना से लड़ने के लिए पैसे की कमी है इसलिए उसने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते तथा राहत भत्ते में बढ़ोतरी नहीं करने का निर्णय लिया है और दूसरी तरफ उन लोगों कर्ज माफ किया जा रहा है जिन्होंने देश के बैंकों को चूना लगाया है और पैसा लौटाए बिना भाग गये हैं। सरकार को इसका औचित्य जरूर बताना चाहिए।


 


1 साल तक भर्तियों पर लगाई रोक

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप व लॉक डाउन के बीच हरियाणा सरकार की तरफ से नई सूचना जारी की गई है। हरियाणा सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य में एक साल तक कोई नई भर्ती नहीं होगी और न ही कर्मचारियों को एलटीसी ही मिलेगा। मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि कोरोना संकट के कारण सरकार खर्चों में कटौती कर रही है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार अगले कुछ दिनों में राज्य में परिवहन सेवा शुरू करने के भी संकेत दिए हैं।
कोरोना महामारी से उपजे वित्तीय संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सोमवार को ऐलान किया कि, राज्‍य सरकार ने कोरोना के कारण पैदा हालात के कारण एक साल तक नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं होगी।


कर्मचारी चयन आयोग व हरियाणा लोक सेवा आयोग के जरिए पहले से चली आ रही भर्तियों को ही पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही राज्‍य कर्मच‍रियों को एलटीसी की सुविधा भी अभी बंद करने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि, कर्मचारियों को एलटीसी भी नहीं मिलेगा और डीए व इसके एरियर पर भी रोक लगा दी गई है। सरकारी कर्मचारियों को यात्रा करने पर मिलने वाला भत्ता भी आगामी आदेशों तक नहीं मिलेगा। केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए जुलाई 2021 तक रोके जाने की तर्ज पर ही हरियाणा सरकार भी आगे बढ़ेगी। उन्‍होंने कहा कर्मचारियों के महंगाई भत्‍ते पर रोक बस एक साल के लिए लगाया गया है। मनोहरलाल ने कहा कि राज्‍य सरकार कोरोना से निपटने के लिए पूरा प्रयास कर रही है और सभी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।


माफ किया 68607 करोड का कर्ज

मुंबई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन भले ही संसद में जवाब नहीं दे पाए, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स का नाम सार्वजनिक कर दिया है, जिनके 68,607 करोड़ रुपए के कर्ज को बैंकों ने तकनीकी तौर पर माफ भी कर दिया है। देश के 50 शीर्ष विलफुल डिफाल्टर्स (जानबूझ कर कर्ज न चुकाने वाला) की जानकारी हासिल करने का काम आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने किया है, जिन्होंने आरबीआई से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी।


आरबीआई ने जानकारी तो दे दी है, लेकिन अपना पल्ला यह कह कर झाड़ लिया है कि यह बैंकों से 30 सितंबर 2019 को CRILC को मिली जानकारी के आधार पर है। वहीं आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए विदेशी कर्जदारों की जानकारी देने से मना कर दिया है। गोखले ने आरटीआई के तहत यह जानकारी पिछले बजट सत्र में कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी द्वारा संसद में 16 फरवरी, 2020 को पूछे गए इस तारांकित प्रश्न का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा जवाब देने से इंकार कर करने के बाद मांगी थी।
अब बात 50 शीर्ष विलफुल डिफाल्टर्स की, इसमें मेहुल चौकसे की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड 5,492 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ पहले स्थान पर है, दूसरे स्थान पर 4,314 करोड़ रुपए की देनदारी के साथ आरईआई एग्रो लिमिटेड है, जिसके निदेशक संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला हैं। इसके बाद भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता की विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी का नाम है, जिसने 4076 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है, वहीं कानपुर स्थित रोटमैक ग्लोबल 2,850 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है। इसके अलावा सूची कुदोस केमी 2,326 करोड़ रुपए, रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड 2,212 करोड़ रुपए शामिल हैं।



नीति आयोग का दफ्तर सील, 1 संक्रमित

नई दिल्ली। एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद नीति आयोग के दफ्तर को सील कर दिया गया है. यह दूसरा सरकारी कार्यालय है, जिसे कोरोना संक्रमित की वजह से सील किया गया है, इसके पहले नई दिल्ली स्थित नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सील किया जा चुका है। कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद कार्यालय को सील किए जाने के बाद एक वरिष्ठ नीति आयोग के अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाउडलाइन के प्रोटोकाल के हिसाब से पूरी प्रक्रिया की जा रही है। भवन को सील करने के बाद सेनिटाइजेशन का काम जारी है।


मंगलवार सुबह 9 बजे कार्यालयीन कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आने के बाद उसे सेल्फ क्वारेंटाइन में जाने के लिए कहा गया है, वहीं भवन को पूरे मापदंडों को पूरा करने के लिए आगामी दो-तीन दिनों के लिए सील कर दिया गया है। नीति आयोग के पहले 22 अप्रैल को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक कर्मचारी को कोरोना पॉजिटिव आने पर जोरबाग स्थित कार्यालय को सील कर दिया गया था। सेनिटाइजेशन की कार्रवाई पूरी होने के बाद सोमवार को कार्यालय में कामकाज फिर से शुरू हुआ है।


पीएम का गणित 'संपादकीय'

पीएम का गणित   'संपादकीय' 
देश के सभी नागरिकों के पैरों में कोरोनावायरस कोविड-19 की बेड़िया पड़ी है। घर से बाहर जाना दुश्वारियां भरा तो है ही, साथ ही प्राणघातक भी हो सकता है।
मित्रों, आज मैं भी आपसे अपने मन की बात कहे बिना नहीं रहूंगा। देश के प्रधानमंत्री के द्वारा देश के नागरिकों के साथ यह व्यवहार किया गया है। बल्कि यूं कहिए कि देश की नागरिकता गणित सेे ही बाहर कर दिया है। नागरिकों को सुख-सुविधा, महत्वपूर्ण अधिकारो से वंचित रखने के बाद उन्हें देश की निर्धारित आबादी से ही गायब कर दिया जाए। यह तो पूरी तरह अनुचित है।


हालांकि यह सच भी है और इसका प्रमाण स्वयं बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अपने संबोधन में दिया जाता रहा है। देश की (सवा सौ करोड़ आबादी) 125 करोड़ लोगों के जीवन को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया है। बाकी कई करोड़ लोगों का दायित्व किसका है ? उनका संकल्प कौन लेगा ? बाकी कई करोड़ की आबादी का संकल्प मैं लेता हूं। शेष भारतीय नागरिक असहनीय पीड़ा का दंश झेलते रहेंगे। उनके छोटे-छोटे दूध मुंहे बच्चों का फर्ज है कि वे कुपोषण को अपना सौभाग्य मानते रहे और उनका यह फर्ज बना रहेगा। देश में कुपोषण की उपलब्धि का उन्मुक्त स्थान यथावत बनाए रखेंगे। महाजन के छोटे से कर्ज़ का ताउम्र ब्याज देते रहेंगे और अपनी जरूरतों में अंतर करने की समझ, लाचारी के बोझ तले दबाते रहेंगे। देश की गरिमा और प्रधानमंत्री को इतना समर्पण करना कर्तव्यनिष्ठा हीं तो है। बेरोजगारी से त्रस्त इतनी बड़ी जनसंख्या आज भीख मांगने की भी स्थिति में नहीं है। महामारी में प्रशासन का चाबुक गरीब की नंगी चमड़ी पर तो खूब चल रहा है। लेकिन उसके किसी जख्म पर मरहम लगाने वाला कोई नहीं है। 'राम' का नाम इस संसार का आधार है। उसमें स्वयं संक्षिप्त और विस्तृत बना रहने की अपार क्षमता है। यदि उसी 'राम' के नाम को सिद्धांत बनाया गया है तो उसी 'राम' के पथगमन का अनुसरण होना चाहिए। नरकीय यातनाएं झेलने वाले मनुष्यों के अनुकूल कुछ भी नहीं है। बल्कि प्रतिकूल संभावनाएं अर्जित करने का कार्य किया जा रहा है। हो सकता है, सरकार और सरकार के नुमाइंदों को यह सच अधिक तीखा लगें। लेकिन देश के बाकी कई करोड़ लोगों का यही सच है। जो देश के प्रधानमंत्री की गिनती में पहले से ही नहीं है। 



राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


कानपुर मदरसे में 40 छात्र संक्रमित

 3 मदरसे हॉटस्पॉट एरिया में स्थित हैं


छात्रों की उम्र 10 से 20 साल के बीच


कानपुर। उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कानपुर के तीन अलग-अलग मदरसों में करीब 47 बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इन बच्चों की उम्र 10 से 20 साल के बीच है। कानपुर में हिदायतुल्लाह मदरसा, जाजमऊ के अशरफाबाद मदरसा और कुलीबाजार मदरसा हॉटस्पॉट एरिया में स्थित है।
शहर के मछरिया इलाके के हिदायतुल्लाह मदरसा में सबसे पहले जमातियों के संपर्क में आने से छात्र कोरोना संक्रमित हुए थे। 14 अप्रैल को मदरसे में पढ़ने वाले 8 छात्र की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वहीं, अशरफाबाद मदरसे से 6 छात्र 20 अप्रैल को पॉजिटिव पाए गए। प्रशासन की बड़ी परेशानी तब खड़ी हुई, जब कुलीबाजार स्थित मदरसे में 32 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए। ये सभी छात्र बिहार के रहने वाले हैं। एसपी सिटी राजकुमार अग्रवाल ने कहा कानपुर के तीन मदरसों से करीब 47 छात्र पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, सीएमओ डॉकटर अशोक शुक्ला ने 90 मदरसों की जांच का दावा करते हुए कहा इनमें 40 कोरोना संक्रमित हैं।
कोविड अस्पतालों को बढ़ाने का निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना वायरस से निपटने की दिशा में तमाम मोर्चों पर लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड अस्पतालों को बढ़ाने का निर्देश दिया है। वहीं, प्रदेश के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि राज्य में लगभग 10 से 15 लाख लोगों की क्षमता के क्वारनटीन केंद्र बनाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 1 मई से दोबारा राशन वितरण शुरू होगा।


दंगों की आरोपी की प्रेगनेंसी पर बवाल

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हुए सीएए विरोधी दंगों में कट्टरपंथी समूह पीएफआई का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने जामिया के 2 छात्रों को इस संबंध में गिरफ्तार किया। एक नाम मीरान हैदर और दूसरा प्रेग्नेंट सफूरा जरगर (Safoora Zargar)। दोनों पर उत्तरपूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप है। जिसके कारण इनके खिलाफ़ गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालाँकि, हैदर की गिरफ्तारी को लेकर अप्रैल माह के शुरूआत में खूब सवाल उठाए गए थे। लेकिन संगीन आरोपों के कारण ये आवाज हल्की पड़ गई। इसके बाद सफूरा की गिरफ्तारी पर कट्टरपंथियों ने आवाज बुलंद की और दिल्ली पुलिस का क्रूर चेहरा दर्शाने के लिए उसकी प्रेग्नेंसी को लेकर बवाल खड़ा कर दिया।


 किसी भी महिला से संबंधित ऐसी खबर सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाना आम बात है। लेकिन दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाने से पहले, केंद्र सरकार को कोसने से पहले ये भी जानने की आवश्यकता है कि आरोपित महिला पर कैसे  हैं और मात्र प्रेगनेंसी का हवाला देकर उसपर लगे आरोपों को खारिज नहीं किया जा सकता और न ही इस बात से मुँह फेरा जा सकता है कि मीडिया गिरोह कैसे इस पूरे मामले को अलग कोण दे रहा है।
विचार करिए! आज जब आरोपित महिला के ऊपर लगे आरोप इतने संगीन है उस समय उसके लिए रिपोर्ट में ‘छात्र’ और ‘स्कॉलर’ शब्द का प्रयोग हो रहा है। व उसके प्रोफेसर उसे उसके अपराधों से निजात दिलाने के लिए उसके अकादमिक रिकॉर्ड का हवाला दे रहे हैं। उस समय सोचने वाली बात है कि सफूरा के लिए जो उसकी प्रेगनेंसी के नाम पर ट्रेंड चलाया जा रहा है उसमें उसके 3 महीने से प्रेग्नेंट होने की बात हैं, जबकि दिल्ली में हुई हिंसा 2 महीने पुरानी घटना है।
आज अगर वाकई ही इस एंगल से किसी के अपराध पर होने वाली कार्रवाई पर इतना फर्क पड़ता है, तो क्या जरूरत थी प्रेगनेंसी के दौरान सड़कों पर आने की, आंदोलनों में अपनी सक्रियता दिखाने की? अगर आज इस आधार पर सफूरा के लिए दया माँगी जाती है, उनकी जाँच को रोका जाता है, तो कल को क्या हर अपराधी महिला या अपराध करने के इल्जाम में गिरफ्तार हुई महिला प्रेगनेंसी के नाम पर अपने लिए छूट नहीं माँगेगी?
ज्ञात रहे कि दिल्ली में हुई हिंदू विरोधी हिंसा में मीरान हैदर के साथ सफूरा जरगर को साजिश करने के आरोप में आरोपित बनाया गया है। जिसमें उस समय 50 से ज्यादा निर्दोष लोगों की लाशें गिरी थीं ।


ड्यूटी में लगे स्टाफ को मिले पीपीई किट

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कोरोना ड्यूटी में लगे हर तरह के स्टाफ को पीपीई किट देने की मांग उठाई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट के माध्यम से लिखा कि ” कोरोना ड्यूटी में लगे उन हर तरह के स्टाफ को तत्काल पीपीई किट दिए जाएं, जिनका लोगों से ज्यादा संपर्क होता है। जैसे सभी स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, आपूर्ति सेवा में लगे ड्राइवर और राशन डीलर, इनकी नियमित जांच होनी चाहिए।” इससे पहले अखिलेश ने कहा था कि “कोरोना संक्रमण झेल रहे प्रदेश के किसानों पर बे-मौसम बरसात, आंधी और ओलावृष्टि की भी प्रातिक मार आ पड़ी है। उसका जीवन घोर संकट में पड़ गया है। आजीविका के सभी रास्ते बंद होते दिख रहे हैं। जिलों के अधिकारी भी किसानों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाये हुए हैं। गेहूं और आम की फसल की हुई बर्बादी का सरकार के पास कोई ब्यौरा नहीं है।”


समाजवादी पार्टी की मांग है कि आकाशीय बिजली गिरने, दीवार और मकान गिरने से हुई मौतों पर प्रत्येक मृतक आश्रितों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाये। साथ ही फसलों के हुए नुकसान की भरपाई के तौर पर पर्याप्त मुआवजा भी दिया जाए।


अकुंशः यूपी में 15 दिन में 100 हत्या

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में एक पखवाड़े में 100 लोगों की हत्या पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इन घटनाओं की गहन जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव ने कहा कि पिछले तीन दिन में राज्य में दो महात्माओं सहित पांच लोगों की हत्या हुई है। ये सारी घटनाएं गंभीर चिंता का विषय है और इनकी निष्पक्षता से जांच करना आवश्यक है। उन्होंने ट्वीट किया “अप्रैल के पहले 15 दिन में ही उत्तर प्रदेश में सौ लोगों की हत्या हो गई। तीन दिन पहले एटा में पचौरी परिवार के पांच लोगों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए। कोई नहीं जानता उनके साथ क्या हुआ।”


उन्होंने कहा “आज बुलंदशहर में एक मंदिर में सो रहे दो साधुओं को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। ऐसे जघन्य अपराधों की गहराई से जाँच होनी चाहिए और इस समय किसी को भी इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। निष्पक्ष जाँच करके पूरा सच प्रदेश के समक्ष लाना चाहिए। यह सरकार की ज़िम्मेदारी है।”


 


नमाज रोकने पर पथराव, 27 घायल

औरंगाबाद । महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मस्जिद में नमाज पढ़ने को रोकने गई पुलिस पर लोगों ने पथराव कर दिया गया। जिले के ग्रामीण इलाके में सोमवार रात 8 बजे हुई इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामले में पुलिस ने अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस पर पथराव करने वाली भीड़ में महिलाएं भी शामिल थीं।


बताया जा रहा है कि संभाजी मार्ग पर स्थित एक मस्जिद में करीब 100 लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे। पुलिस ने पहले उन्हें रोका और लॉकडाउन का हवाला देकर अपने-अपने घर लौट जाने की अपील की। इस दौरान कुछ लोग भड़क गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इस हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पथराव की खबर पाकर मौके पर मौके पर भारी संख्या में फोर्स पहुंच गई और लोगों को हटाया। साथ ही घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में पुलिस अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।


सावधानी से खरीदे 'टेस्टिंग उपकरण'

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र सरकार से जांच से जुड़ी टेस्टिंग उपकरणों को मंगाने में सावधानी बरतने की मांग करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से लड़ाई किसी भी प्रकार से कमजोर नही पड़नी चाहिए। मायावती ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को कोरोना जांच से जुड़ी टेस्टिंग उपकरणों को मंगाने में सावधानी बरतनी चाहिए ताकि कोरोना महामारी से लड़ाई में किसी प्रकार कमजोर न पड़े।उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स की तैयारियों में विदेशो से मंगाये सामाने में भ्रष्टाचार उजागर हुआ था। गरीब दलतों के कल्याण का पैसा डाइवर्ट करके अनुचित तौर पर खर्च कर दिया था। बसपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा“ जैसा कि विदित है कि केन्द्र में कांग्रेस के राज में हुये दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स की तैयारी में खासकर विदेशों से मंगाये गये सामान में भयंकर भ्रष्टाचार हुआ था साथ ही गरीब दलितों के कल्याण हेतु स्पेशल कम्पोनेट प्लान का भी पैसा डाइवर्ट करके इसी पर अनुचित तौर पर खच्र कर दिया गया था।”


उन्होंने कहा “अतः केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार को भी उससे सबक सीखकर कोरोना बीमारी की विशेषकर जाँच से जुड़ी टेस्टिंग उपकरणों आदि को विदेशों से मंगाते समय जरूर पूरी-पूरी सावधानी बरतनी चाहिये ताकि कोरोना प्रकोप से लड़ाई किसी भी प्रकार कमजोर न पड़े। बी.एस.पी. की यह माँग व अपील भी है।”


 


आईटी के कर्मचारी करें वर्क फ्रॉम होम

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए सरकारी और गैर-सरकारी संगठन के कर्मचारी अपने-अपने घरों से काम कर रहे हैं। खासकर आईटी सेक्टर के ज्यादातर कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) कर रहे हैं। इसको लेकर अब नई एचआर पॉलिसी बनाई जा सकती है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम का कान्सेप्ट एक बड़े वर्ग के कर्मचारियों के लिए आगे बढ़ने वाला है।


हालांकि, वर्क फ्रॉम होम की वजह से संचार व्यवस्था में काफी बदलाव देखा जाएगा। इतना ही नहीं कर्मचारी और मैनेटमेंट के बीच संबंध भी पहले जैसे नहीं रहेंगे और काम करने के समय में भी बदलाव हो सकता है। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए एक नई एचआर पॉलिसी बनाए जाने की जरूरत हो सकती है। 


घरों से किया जा सकता है काम


कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया था। जिसकी वजह से सरकारी और गैर-सरकारी संगठन के कर्मचारियों को दफ्तर की बजाय घरों से काम करना पड़ रहा है। ऐसे में घरों से काम न कर पाने की धारणा भी टूट गई और कर्मचारियों ने भी बेहतर प्रदर्शन करके दिखाया। एक तरफ तो कर्मचारियों की दफ्तर जाने की आदत छूट गई। जबकि दूसरी तरफ घर से काम करने की आदत भी बन गई। ऐसे में आने वाले समय में घरों से काम करने के लिए एक नई पॉलिसी की आवश्यकता होगी। क्योंकि अभी तक कोई भी ऐसी पॉलिसी नहीं है जो घरों से काम करने के नियम कायदे बताती हो। 


10 लाख कर्मचारी करेंगे WFH 


आईटी उद्योग की जानी मानी शख्सियत सेनापति गोपालकृष्णन ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के खत्म होने के बाद स्थिति सामान्य होने पर भी 10 लाख से अधिक आईटी कर्मचारियों के घर से ही काम करने की संभवना है। उन्होंने कहा कि अब मुझे बताया गया है कि कई बड़े (आईटी) संगठनों में 90 से 95 प्रतिशत लोग घर से काम कर रहे हैं। और वह बदलाव बेहद सहज रूप से और बहुत तेजी से किया गया। मुझे लगता है कि ये अब कारोबार का लगातार चलते वाला हिस्सा बन जाएगा। 


विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी कम्पनियां वर्क फ्रॉम होम को ज्यादा बढ़ावा देंगी। ताकि आने वाले समय में वे किराये की लागत में काफी बचत कर सकें। इतना ही नहीं राष्ट्रीय आपदा अधिनियम लागू होने के बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे प्रगतिशील संगठनों ने अपने कार्यालय-आधारित कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का प्लेटफॉर्म देने का निर्णय लिया है। ऐसे में जल्द ही नई पॉलिसी सामने आ सकती है जो पुरानी पॉलिसी से बेहद अलग होगी।


अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव टालने से मना

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में तीन नवंबर को होने वाले रष्ट्रपति चुनाव को कोरोना वायरस संकट के कारण टाले जाने की किसी भी संभावना से इनकार किया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने चुनाव की तारीख टालने के बारे में कभी नहीं सोचा। मैं ऐसा क्यों करुंगा? तीन नवंबर अच्छी तारीख है।’’राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से ट्रंप के संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन ने पिछले सप्ताह कहा था कि ट्रंप तारीख बदलने पर विचार कर रहे हैं।


बाइडेन ने ऑनलादन चंदा इकट्ठा करने वाले एक कार्यक्रम में कहा था,‘‘मेरी बात याद रखना, मेरा मानना है कि वह किसी भी तरह चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे, कोई ठोस कारण लाएंगे कि चुनाव क्यों नहीं कराया जा सकता।’’ट्रंप ने इस पर कहा,‘‘नहीं, मैं उस चुनाव का इंतजार कर रहा हूं और यह दुष्प्रचार वह नहीं बल्कि और लोग कर रहे हैं जो कुछ लिखने का काम करते हैं। मैं देखता हूं कि आप हर बार जो बात करते हैंवो जो बाइडेन का नाम ले कर करते हैं।’’ ट्रंप ने कहा,‘‘उन्होंने वो बयान नहीं दिए, किसी और ने दिए हैं और उनका नाम लगा दिया है। उन्हें बता दूं कि मैं ऐसा बिलकुल भी नहीं सोच रहा हूं।


 


3 मई के बाद भी बंद रहेंगे संस्थान

नई दिल्ली/लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन पार्ट-2 की अवधि 3 मई को समाप्त होने जा रही है। ऐसे में सभी को ये जानने की जिज्ञासा है कि लॉकडाउन पार्ट-3 होगा या 3 मई को लॉक डाउन खुल जाएगा। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सरकार 3 मई के बाद लॉकडाउन में भारी रियायत दे सकती है। लेकिन 3 मई तक लागू लॉकडाउन के बाद भी शिक्षण संस्थान, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल और सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) के पहले की तरह ही बंद रहने की पूरी संभावना है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। इस बात का संकेत सोमवार को पीएम मोदी (PM Modi) की राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की गयी बैठक में भी सुनने को मिला है।


निजी वाहनों को अनुमति लेकिन रेल और हवाई सेवा पर प्रतिबंध
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार ग्रीन जोन (Green zone) के जिलों में सीमित संख्या में निजी वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी जा सकती है। जिसमें भी लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्याना रखना होगा। लेकिन रेलगाड़ियों और हवाई सेवाओं की बहाली की हाल फिलहाल कोई संभावना नहीं है।


3 को होगा लॉकडाउन पर अंतिम फैंसला
कोरोना वायरस की महमारी (Pandemic) के खिलाफ जारी लॉकडाउन आगे बढाया जाएगा अथवा नही इस रणनीति पर सोमवार को हुई बैठक के बाद कोई फैंसला फिलहाल नही लिया गया है। हालांकि ज्यादातर राज्यों ने लाॅकडाउन को बढाने की ही सिफारिश की है. लेकिन इस पर अंतिम फैंसला 3 मई को ही लिया जाएगा।


राजस्थान में नहीं रुक रहा संक्रमण

जयपुर/नई दिल्ली। देश में 3 मई तक लॉक डाउन होने बावजूद कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नहीं ले रहा है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 29 हजार के पार पहुंच गई है। राजस्थान में भी (कोविड-19) का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में मंगलवार को 66 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 2328 हो गई है।राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आज यानि मंगलवार को राज्य में 66 नए मामले सामने आए हैं। जोधपुर में 13, अजमेर में 11, जयपुर में 17 और कोटा में 19 मामलों की पुष्टि हो गई है। राज्य में मरीजों की संख्या 2328 हो गई है। इनमें से 51 लोगों की मौत भी हो गई है।


यूपी में साधुओं की हत्या, मचा बवाल

लखनऊ। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की हत्या पर मचा बवाल ठंडा भी नहीं हुआ था कि यूपी के बुलंदशहर जिले में दो साधुओं की हत्या से बवाल मच गया है।
बुलंदशहर के अनूपशहर इलाके में दो साधुओं की हत्या कर दी गई। ये साधु मंदिर परिसर में सो रहे थे जब धारदार हथियार से हमलाकर इनकी हत्या कर दी गई। घटना की खबर लगते ही लोगों में आक्रोश फैल गया और शक के आधार पर लोगों ने एक व्यक्ति को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना अनूपशहर कोतवाली के पगौना गांव की है। दोनों साधु स्थानीय शिव मंदिर  की देखरेख का काम करते थे। लोगों को सुबह मंदिर में साधुओं के खून से लथपथ शव पड़े मिले। इसे देखकर कोहराम मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण मंदिर पर पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। घटना की जानकारी होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने तुरंत कड़ी कार्रवाई करने के आदेश एसपी को दिये। जिसके बाद जिले के सभी आला अफसर मौके पर पहुंच गए और दोषियों को पकड़ने के लिए पुलिस जुट गई है।


एक साथ नहीं खुलेगा 'लॉक डाउन'

नई दिल्ली। सोमवार को देश के सभी राज्यों के मु्ख्यमंत्रियों से संवाद के बाद अब केंद्र सरकार लॉकडाउन की अगली कार्ययोजना पर काम शुरू कर चुकी है। सरकार की ओर से मुख्यमंत्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर प्लान बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा दिल्ली में केंद्र सरकार से लेकर जम्मू-कश्मीर से केरल तक राज्य सरकारें भी लॉकडाउन पर पूरा ऐक्शन प्लान बनाने में जुटी हुई हैं। शुरुआती चर्चाओं में जो चीजें निष्कर्ष के रूप में सामने आ रही हैं, उनमें मूल बात यही है कि केंद्र सरकार 3 मई के बाद भी लॉकडाउन की कई पाबंदियों को बरकरार रख सकती है।


इस लॉकडाउन का स्वरूप कंप्लीट लॉकडाउन से अलग हो सकता है और सरकार उन इलाकों को थोड़ी छू़ट दे सकती है, जो कि कोरोना से मुक्त होकर ग्रीन जोन बन गए हैं। दूसरी ओर कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे बड़े शहर अब भी पाबंदियों में ही रखे जा सकते हैं।


रियायतों के साथ जारी रहेगा लॉकडाउन?
सोमवार को पीएम से चर्चा के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जिन्होंने पूर्ण लॉकडाउन के बजाय कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन लागू करने पर जोर दिया है। पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी यह माना है कि पूरी तरह से लॉकडाउन हटाने का फैसला सही नहीं होगा।


‘रेड जोन को ग्रीन जोन बनाने की दिशा में काम करें राज्य’
वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यों से रेड जोन हुए हिस्सों में और अधिक ध्यान देकर इन्हें ऑरेन्ज जोन और ग्रीन जोन बनाने की दिशा में काम करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों बातचीत के दौरान यह स्वीकार किया है कि लॉकडाउन के कारण देश के कई हिस्सों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। हालांकि पीएम ने इस बात की ओर भी संकेत किए कि कई विशेषज्ञों ने इस बात को माना है कि कोरोना का असर आने वाले कुछ महीनों में और भी अधिक हो सकता है। पीएम ने राज्यों से विमर्श के बाद अब केंद्र को लॉकडाउन पर फैसला लेने की सभी स्थितियों पर मंथन करने के लिए कहा है।


सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कई नियम रहेंगे बरकरार
माना जा रहा है कि 3 मई के बाद सरकार उन इलाकों में थोड़ी रियायत दे सकती है जो कि कोरोना के हॉटस्पॉट नहीं हैं। इसके अलावा ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और शहरी क्षेत्रों के बाजारों पर से आंशिक रूप से प्रतिबंध भी हटाया जा सकता है। इसके लेकर गृहमंत्रालय खुद एक विस्तृत गाइडलाइन जारी करने की तैयारी कर रहा है। इस बात की पूरी संभावना है कि अगर सरकार बाजार खोलने के आदेश देती भी है तो यहां सोशल डिस्टेंसिंग और अलग-अलग समय के निर्धारण पर दुकानों के खुलने के नियम लागू किए जाएंगे। इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे बड़े महानगरों में हर रोज आ रहे केसों को देखते हुए यहां कोई विशेष रियायत नहीं दी जाएगी।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-262 (साल-01)
2. बुधवार, अप्रैल 29, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- षष्ठी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:54।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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