बुधवार, 29 अप्रैल 2020

प्रेगनेंसी में लाभदायक भ्रामरी प्राणायाम

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है. मॉर्निंग सिकनेस, ब्लड प्रेशर का कम होना, कभी ब्लड प्रेशर का ज्यादा होना, खून की कमी, रात को नींद न आना, चक्कर जैसी समस्याएं प्रेग्नेंसी में बहुत ही आम मानी जाती है. इन समस्याओं के अलावा प्रेग्नेंसी में महिलाएं स्ट्रेस का शिकार हो जाती हैं. गर्भ में पलने वाले बच्चे को हेल्दी रखने के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है प्रेग्नेंट मां को हेल्दी रखना.
बढ़ सकता है गर्भपात का खतरा
एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा तनाव लेने वाली महिलाओं को गर्भपात का खतरा हो सकता है. डॉक्टर्स का भी मानना है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए. मां द्वारा लिया जाने वाला स्ट्रेस बच्चे पर गहरा असर डाल सकता है. प्रेग्नेंसी में तनाव को कम करने के लिए महिलाएं हेल्दी फूड, हेल्दी ड्रिंक्स और कई चीजों का सहारा लेती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में महिलाएं भ्रामरी प्राणायाम करें तो भी शरीर को स्ट्रेस फ्री रखा जा सकता है. आइए जानते हैं उस प्राणायाम के बारे में…
कब करें भ्रामरी प्राणायाम
के मुताबिक, प्रेग्नेंट महिलाएं यह प्राणायाम सुबह और शाम दोनों ही वक्त कर सकती हैं. प्राणायाम को करते वक्त ध्यान रहे कि आसपास का वातावरण शांत हो.
कैसे करें भ्रामरी प्राणायाम


भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं. इसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को मोड़कर कानों तक ले जाएं और अंगूठे के सहारे से कानों को बंद कर लें.


कानों को बंद करने के बाद हाथों की तर्जनी उंगली और मध्यमा, कनिष्का उंगली को आंखों के ऊपर ऐसे रखें जिससे पूरा चेहरा कवर हो जाए. इसके बाद मुंह को बंद करके नाक से हल्की-हल्की सांस को अंदर और बाहर छोड़े.


15 सेकेंड तक ये आसान करने के बाद वापस से नॉर्मल स्थिति में आ जाएं. इस प्राणयाम को 10 से 20 बार दोहराएं. आप चाहे तो शुरुआत में इसे 5 से 10 भी कर सकती हैं.
योग के जानकरों से लीजिए सलाह
प्रेग्नेंसी में प्राणायाम को करने से पहले योग के जानकर या फिर योग गुरू से सलाह अवश्य लें. अगर, आपको किसी तरह की कोई शारीरिक समस्या है या फिर हाथ पैर पूरी तरह से खींच नहीं रहे हैं तो इस प्राणायाम को करने से बचें.


तबलीगी जमात के नोट 'विशेष'

तबलीगी जमात के "नोट" और ईद की खरीददारी


मैं बुरखे में मुँह छिपाकर किसी को बिना बताये घर के पास वाले बाज़ार से ईद के लिये एक सूट लेने के इरादे से निकली ही थी तो घर से थोड़ी दूर एक बुर्खा नशीन खातून मेरे पास आकर मुझे सलाम करके धीरे से बोली बहन दो दिन से घर में किसी ने खाना नही खाया मेरे शोहर मिनी बस ड्रायवर हैं अभी काम बंद है हम लोग तो अच्छे से खाते पीते थे, खर्च करते थे, ये लाक डाऊन हुआ तो कुछ दिन तो जैसे तैसे गुज़र गये पर अब कुछ भी नही बचा और मांगने में बेहद शर्म आती है, करें तो क्या करें(इतना कह कर वो रोने लगी)मैने महसूस किया की वो अपनी बात कहने में बेहद झिझक और शरमा रही थी और जब वो रोई तो उसके रोने में बेइंतेहा शर्म थी,वो तो उसका दर्द रो दिया और वो रोक न सकी,खैर मैने उसे जल्दी से पर्स में से निकालकर 50 रु दिये और  चल दी बाज़ार अपना ईद का जोड़ा लेने।
  बाज़ार में दुकानदार अपने पड़ोसी दुकानदार से बातों में मशगूल था मैने दुकान के लड़के से ईद के लिये एक अच्छा सा सूट निकालने को कहा, लड़का सूट निकाल रहा था तभी मेरे कानों में दुकानदार की आवाज़ पड़ी तो मेरा सारा शोक, शरम से मर गया मेरा ज़मीर मुझ पर लानत मलामत करने लगा। वो दुकानदार अपने पड़ोसी दुकानदार से कह रहा था।
*भाई साहब भारत में तो कोरोना फैलता ही नही वो तो ये तबलीगी जमात ने फैला दिया,मैने खुद देखा है टी.वी.पर खूब दिखाया हर चेनल ने*
यह सुनकर मेरे दिल,दिमाग़ में बहुत से तूफान उठने लगे, मैं उस दुकानदार से कई सवाल करना चाहती थी, लेकिन कर न सकी?
एक खूबसूरत सूट मुझे पसंद आया था लड़के ने 2200 रु बताए लेकिन उसने खुद ही 2000रु कर दिये और बोला आप तो हमेशा के ग्राहक हो आप के लिये रेट अलग ही रहते हैं।
मैने उसके सेठ यानी दुकानदार से पूछा भाई यह 2000रु. बोल रहा है इसके आप सही लगा दो, बहन जी आपसे कभी ज्यादा ले सकते हैं क्या, रेट बिल्कुल सही लगाया लड़के ने 2000रु.।
*मैने बोला ठीक है मेरे पास जो नोट हैं वो तबलीगी जमात वाले नोट हैं, चलेंगे ना आपको कोई एतराज़ तो नही?*
क्या बहन जी नोट तो नोट हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट,भारत सरकार के नोट?
नही भाई मेरे नोट तबलीगी जमात के ही हैं क्योंकी मेरे शोहर तबलीगी हैं, जमात में गये थे दिल्ली में मर्क़ज़ में ही थे जब लाक डाऊन हुआ तब?
तो ये नोट तबलीगी जमात के ही हुए न? भाई मुझे अभी अभी यह एहसास हुआ की यह नोट मुझे आपको नही देना चाहिये क्योंकि यह नोट तो तबलीगी नोट हैं।
सॉरी भाई माफ करना मैं बाद में फिर कभी आऊंगी, इतना कहकर मैं वहाँ से चल दी, अब मेरी आँखें पूरे रास्ते उस खातून को ढूंढ रहीं थी जिसने मुझसे मदद मांगी थी लेकिन वो कहीं नही दिखी।
मैं बेजान सी अपने घर में दाखिल हुई तो देखा मेरे बच्चे उस खातून को खाना खिला रहे हैं।मुझे देखते ही बच्चे बोले अम्मा यह अब्बा के पहचान वालो की एहलिया हैं, अब्बा इनके लिये खाने पीने का समान लेने गये हैं।
ओह....मैनें रब का शुक्र अदा किया-ऐ अल्लाह तूने मेरी सुन ली, नही तो मैं जिंदगी भर खुद को माफ न कर पाती।
इतने में मेरे शोहर आ गये उन्होने सामान की थैली उस खातून को दी और मुझसे मुखातिब होते हुए बोले यह जावेद की एहलिया हैं वही जावेद जो एक साल पहले मेरे साथ जमात में गये थे।
वो खातून दुआएं देती हुई चली गई तो मैने अपने शोहर से पूछा आप सामान कितने का लाये?
2000रु का, क्यों तुम क्यों पूछ रही हो।
मैने उन्हे 2000रु देते हुए कहा इतना ही सामान और ले आइएगा किसी और जावेद के काम आएगा।
मेरे शोहर बोले जब "जावेद"इतना परेशान हाल है तो उसका क्लीनर "शहाब" किस हाल में होगा वो भी हमारा जमात का साथी था।इतना कहकर वो "शहाब" को फोन लगाने लगे और मैं चल दी शुकराने की नमाज़ पढ़ने।


कोरोना योद्धाओं पर हमला, गैर जमानती

लखनऊ। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से कोरोना वारियर्स पर हमले की लगातार आ रही ख़बरों के बीच सूबे की योगी सरकार ने एक्शन लेते हुए एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 में (Epidemic Act 1867) बदलाव किया है। अब यूपी में भी डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों पर हमला गैर जमानती अपराध होगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की तरह ही यूपी सरकार ने भी कोरोना वारियर्स की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं।


एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 में बदलाव के बाद अब इसे यूपी महामारी कोविड-19 (प्रथम संशोधन) विनियमावली 2020 कहा जाएगा। प्रदेश सरकार के अनुसार एक्ट में शामिल विनियम 15 में संशोधन किया गया है। अब डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों पर हमला करने वालों को 7 से 5 साल की कैद व 50 हजार से दो लाख तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। साथ ही गिरफ़्तारी के बाद 6 महीने तक जमानत भी नहीं होगी।


प्रमुख सचिव स्वास्थ्य मोहन प्रसाद ने बताया कि अब इसे यूपी महामारी कोविड-19 (प्रथम संशोधन) विनियमावली 2020 कहा जाएगा। इस विनियमावली को 30 जून तक या अग्रिम आदेश तक लागू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस विनियमावली की किसी भी उपबंध का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था, संगठन आईपीसी (अधिनियम संख्या-45 1860) की धरा 188 के अधीन दंडनीय अपराध माना जायेगा। सक्षम प्राधिकारी ऐसे व्यक्ति संस्था व संगठन को दण्डित कर सकता है।


केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है बदलाव


केंद्र सरकार पहले ही यह बदलाव कर चुकी है। इसके लिए 123 साल पुराने महामारी कानून में बड़ा बदलाव कर हिंसा के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बारे में कहा है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रही हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई जिस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद उसे कानून में बदल दिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के लिए भारी सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा। आरोपियों को तीन महीने से लेकर 5 साल की सजा, 50 हजार से लेकर 3 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।


विधि-विधान से खुले केदारनाथ के पट

नई दिल्ली। कोरोना संकट और देश में लॉक डॉउन के बीच बुधवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल गए। हालांकि लॉकडाउन के चलते मंदिर में फिलहाल श्रद्धालुओं की एंट्री पर बैन है। बता दें कि मंदिर में 15 से 16 पंडितों के बीच ही विधि-विधान से पूजा करके पट खोले गए।


 ऐसा पहली बार हुआ होगा जब मंदिर कपाट खुलने के दौरान यहां भक्तों की लाइन नहीं थी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के चार में से तीन धामों के कपाट खुल गये है। श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को खुल चुके है जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे।


पेट के संक्रमण से इरफान का निधन

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान का निधन बुधवार को हो गया। अभिनेता इरफान खान को मंगलवार को पेट के संक्रमण के बाद शहर के एक अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनके प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया था कि 53 वर्षीय अभिनेता को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


बॉलीवुड के टैलेंटेड अभिनाताओं में शामिल इरफान खान के यूं अचानक चले जाने से उनके फैंस और बॉलीवुड सेलेब्स सदमे में हैं। दो साल पहले मार्च 2018 में इरफान को न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी का पता चला था। विदेश में इस बीमारी का इलाज कराकर इरफान खान ठीक हो गए थे। बता देकि  2018 में इरफान खान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था। लंदन में उनका इलाज चल रहा था। इसके बाद उनकी तबीयत में सुधार होने के बाद वह भारत वापस आ गए थे। बीते दिनों उनकी मां का निधन हो गया था। लॉकडाउन के चलते वह उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे।


जुलाई तक घर से काम करें आईटी क्षेत्र

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रियों से कहा कि निवेश को बढ़ावा देने वाली पहलों के जरिए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में भारत के सामने अपार संभावनाएं हैं और राज्यों को इसका फायदा उठाना चाहिए।


कोरोना वायरस महामारी की पृष्ठभूमि में प्रसाद ने राज्यों के आईटी मंत्रियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत के दौरान यह बात कही। इस बातचीत के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि घर से काम करने की सुविधा के लिए कनेक्टिविटी के नियमों में ढील दी गई है। ये छूट 30 अप्रैल को खत्म होने वाली थी, जिसे अब 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। प्रसाद ने कहा कि राज्यों ने आरोग्य सेतु एप की अत्यधिक सराहना की और उन्होंने भरोसा दिया कि फीचर फोन के लिए इसी तरह के समाधान का विकास होगा और उसे जल्द लॉन्च किया जाएगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार फेक न्यूज की निगरानी कर रहा है और उनसे सख्ती से निपटा जा रहा है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 30, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-263 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 30, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:54।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., तेज हवाएं चलने की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...