गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

686 लोगों की मौत, 21700 संक्रमित

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटो में कोरोना वायरस कोविड-19 के 1229 नए मामले सामने आए हैं और 34 लोगों की मौत हुई है। देशभर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या अब तक 21700 हो गई है। 16689 एक्टिव केस हैं, जिनमें 4325 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। देश में कोरोना से 686 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, राजस्थान में आज कोरोना वायरस (COVID-19) 49 नए मामलों की पुष्टि हो गई है। इसके साथ ही यहां मरीजों की संख्या 1937 हो गई है। इनमें 27 लोगों की मौत हो गई है। 407 मरीज ठीक हो गए हैं और 134 मरीज डिस्चार्ज हो गए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी है।


लंबे समय तक साथ चलेगा 'वायरस'

नई दिल्ली। दुनियाभर में जारी कोरोनावायरस के कहर के बीच WHO ने नई चेतावनी जारी की है। WHO ने चेताया है कि कोरोना वायरस हमारे साथ लंबे वक्त तक रहने वाला है। इससे पहले WHO ने आगाह किया था कि आने वाले समय में कोरोना वायरस के भयंकर रूप देखने को मिलेंगे. लेकिन WHO ने ये नई चेतावनी कोरोना वायरस के लगातार बदलते ट्रेंड को लेकर की है।


WHO के महानिदेशक ट्रेड्रोस ए गेब्रेयेसस ने वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, ‘कई देशों में महामारी अभी शुरुआती चरण में है और जहां से महामारी की शुरुआत हुई थी वहां दोबारा मामले दिखने लगे हैं। हमें बहुत आगे जाना है और यह सुनिश्चित करें कि कोई गलती न हो।


यह वायरस हमारे साथ लंबे समय तक रहेगा.’
WHO ने साफ साफ सभी देशों को ये चेतावनी दी कि ज़रा सी एक चूक या जल्दबाज़ी या लापरवाही भारी पड़ सकती है क्योंकि कोरोना वायरस ने वापस उस जगह पर भी सिर उठाना शुरू कर दिया है जहां से उसकी शुरुआत हुई थी और फिर उसके खात्मे का दावा भी किया गया था.


WHO का इशारा साफ तौर पर चीन के वुहान को लेकर था. वुहान में कोरोनावायरस के संक्रमण के नए मामलों में कमी आने के बाद लॉकडाउन हटा दिया गया था. लेकिन वुहान में फिर से कोरोना संक्रमण के नए मामले अलग रूप में आ रहे हैं. कई ऐसे मरीज़ों में फिर से कोरोना पॉज़िटिव की पुष्टि हुई जो की दो महीने पहले कोरोना से ठीक हो चुके थे. ऐसे में कोरोना के मामले में अब दुनिया में ट्रेंड बदलते दिख रहे हैं. लोगों में इसके लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं जो कि संक्रमण फैलने में बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.WHO ने ही इससे पहले चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस से दुनिया में इससे भी बुरा वक्त आने वाला है. WHO के निदेशक टेड्रोस ने कोरोनावायरस के संक्रमण की तुलना 1918 के स्पेनिश फ्लू से की थी जिसमें एक करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. टेड्रोस ने लॉकडाउन हटाने को लेकर दुनिया के देशों को एहतियात बरतने को कहा.दरअसल दुनिया के कई देश लॉकडाउन में ढील दे रहे हैं या फिर हटा रहे हैं. इस पर WHO ने चेताया था कि ये जल्दबाज़ी कहीं गंभीर नतीजे भुगतने की वजह न बन जाए. WHO ने दुनिया के तमाम देशों से लॉकडाउन हटाने में जल्दीबाजी न करने की अपील की थी. उसका कहना था कि सरकारों को सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन को धीरे धीरे हटाना होगा क्योंकि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अभी सतर्क रहने की जरूरत है। यूरोप के कई देश लॉकडाउन धीरे धीरे हटाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि कोरोना से जहां हज़ारों लोगों की मौत हर देश में हुई तो साथ ही लाखों करोड़ की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ा।दुनिया में अब तक कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से 26 लाख से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं जबकि 1 लाख 82 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।


अमेरिकाः 24 घंटे में 1738 की मौत

वाशिंगटन। अमेरिका में कोविड-19 से 1738 लोगों की मौत हुई, जो तुलना में काफी कम है। यह जानकारी जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने दी है। बता दें कि एक दिन पहले अमेरिका में कोरोना से मौत का आंकड़ा 2700 पार कर गया था। 


जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, कोरोना से लगातार हो रही मौतों से अमेरिका में अब तक इस खतरनाक महामारी से 46,583 लोग जान गंवा चुके हैं। कोरोना वायरस से दुनिया के किसी भी देश में मौत का यह सबसे अधिक आंकड़ा है। वहीं, वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के दुनियाभर में 2611182 मामले हो चुके हैं और इससे मरने वालों का आंकड़ा 181235 पहुंच गया है। अमेरिका में सर्वाधिक 834858 मामले हैं, जबकि स्पेन में 208389 मामले सामने आए हैं। फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन में इससे संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गयी है। अमेरिका में कोरोना वायरस से र्सर्वाधिक 46583 लोगों की मौत हुई है जबकि स्पेन, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन में कोरोना से मरने वालों की संख्या 10000 के पार पहुंच गयी है। 


55 देशो में सेनिटाइजर-वेंटिलेटर किल्लत

रैंड। कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में सेनिटाइजर, मास्क और मेडिकल उपकरणों की कमी सामने आई है। इनमें अफ्रीकी देशों के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, यहां सेनिटाइजर से लेकर वेंटिलेटर तक की किल्लत है। अफ्रीका महाद्वीप के कुल 55 देशों में से 10 देश ऐसे हैं, जहां वेंटिलेटर की सुविधा ही नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक41 अफ्रीकी देशों में करोड़ों की जनसंख्या के बीच केवल दो हजार वेंटिलेटर ही काम कर रहे हैं।


हालात यह हैं किएक करोड़ से ज्यादा आबादी वाले दक्षिण सूडान में पांच उपराष्ट्रपति हैं। लेकिनवेंटिलेटर यहां महज चार ही हैं। करीब 50 लाख की जनसंख्या वाले सेंट्रल अफ्रीकन रिप्बलिक में तीन और लाइबेरिया में केवल 6 वेंटिलेटर काम कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अफ्रीकी देशों मेंमास्क, साबुन, ऑक्सीजन जैसे मूल सुविधाओं की भी खासी कमी है। महाद्वीप में तेजी से फैल रही है महामारीः बाकी दुनिया की तरह अफ्रीका में भी टेस्टिंग का स्तर बेहद खराब है। कई देशों में अब महामारी तेजी से फैल रही है। शुक्रवार की रिपोर्ट के मुताबिकगिनी में हर छठवें दिन संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका में 2600 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना की चपेट में आए शुरुआती देशों में से एक पश्चिम अफ्रीकाके बुर्किनाफासो में दो करोड़ की अबादी पर महज 11 वेंटिलेटर हैं। तस्वीर बुर्किनो फासो की है। यहां विधानसभा गॉड चर्च में जाने से पहले सेनिटाइजर का इस्तेमाल करते लोग।
हाथ धोने तक की सुविधाओं का अकाल
2015 में आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिककेवल 15 सब सहारा अफ्रीकियों के पास साफ पानी और साबुन की सप्लाई थी। वहीं, 2017 में लाइबेरिया में 97 प्रतिशत घरों में साफ पानी और साबुन नहीं था। सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट में ग्लोबल हेल्थ पॉलिसीके डायरेक्टर कलीप्सो चल्किदोउ के मुताबिक यहां लोगों को सामान्य चीजों की जरूरत है। अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के लिए हेल्थ डिप्लोमेसी और क्म्युनिकेशन के प्रमुख बेंजामिन जुदालबाय के अनुसार, सारे अफ्रीकन देश यह जानना ही नहीं चाहते कि उनके पास कितने वेंटिलेटर हैं। कुछ के लिए यह जानकारी उनकी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की आलोचनाओं के साथ-साथ राजनीतिक परेशानियां भी बढ़ा सकती हैं। अफ्रीका सीडीसी हर देश में वेंटिलेटर्स और आईसीयू की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इस काम आसान नहीं है और बेहद खर्चीला है। वेंटिलेटर्स लाने की कोशिश कर रही सरकारःरिया के वित्त मंत्री ने 1 अप्रैल को ट्वीटरपर एलन मस्क से मदद मांगी। उन्होंने ट्वीट किया कि हमें मदद की जरूरत है और 100 वेंटिलेटर्स देने की अपील की। हालांकि बाद में यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया। चीनी उद्योगपति जैक मा ने अफ्रीकामहाद्वीप के देशों को500 वेंटिलेटर्स डोनेट करने की घोषणा की है। सूचना मंत्री इयूजीन नाग्बे के मुताबिक लाइबेरिया ने 20 वेंटिलेटर्स का ऑर्डर दिया है। लेकिन दुनियाभर में मांग ज्यादा होने के कारण परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा किदूसरे ताकतवर राष्ट्रों से बराबरी करना भी कठिन है। एक बार कॉन्ट्रेक्ट में आने के बाद वेंडर पलट जाता है और तय कीमतें बढ़ा देता है। हम हमारे पड़ोसियों और बड़े देशों के साथ मिलकर लड़ रहे हैं।


अरनव पर सांप्रदायिक विद्वेष का मामला

झाँसी। ज़िला कांग्रेस कमेटी झाँसी के जिलाध्यक्ष भगवानदास कोरी द्वारा कोतवाली मऊरानीपुर में पालघर महाराष्ट्र में हुई संतों की हत्या के पश्चात प्रमुख चैनल रिपब्लिक भारत के एंकर अरनव गोस्वामी द्वारा सांप्रदायिक विद्बेष से दिए गए कथन के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के संबंध में मऊरानीपुर में एफ आई आर दर्ज (FIR )कराते हुए जिला कांग्रेस कमेटी झाँसी जिलाध्यक्षअध्यक्ष भगवानदास कोरी एवं उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव जैन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नत्थू सिंह तोमर, छक्की लाल रतमेले द्वारा मऊरानीपुर कोतवाली में जाकर के एफ आई आर दर्ज करवाने में सम्मलित रहे।
ज्ञात कराते चले कि कोरोना वायरस सेसे समूचा देश ही नही अपितु सारा विश्व इस कोरोना महामारी से जूझ रहा हैं, बुंदेलखंड के किसान परिवारो के मज़दूरी करने वाले परिवार गुजरात से पलायन कर आज वे सभी झाँसी आ पहुचे तभी ज़िलाकांग्रेस कमेटी झा सी के ज़िलाध्यक्ष भगवानदास कोरी को जानकारी प्राप्त हुई ।
गुजरात से आये सभी मज़दूरों को भोजन आदि का प्रबंध करवा कर  उनके गन्तव्य तक पुहुचाने का दायित्व निभाया कुछ आर्थिक मदद भी की।


जरूरतमंदों को राशन सामग्री वितरित

भाजपा महानगर अध्यक्ष ने किया स्वच्छता के  प्रभारियों का अभिनंदन एवं जरूरतमंदों को राशन सामग्री का वितरण
प्रयागराज। भाजपा महानगर अध्यक्ष श्री गणेश केसरवानी जी ने नवयुवक स्वर्णकार संस्था के द्वारा आयोजित स्वर्णकार धर्मशाला दरियाबाद में स्वच्छता के प्रभारियों को अंगवस्त्रम पहनाकर एवं  पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया एवं श्री राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा आयोजित श्री राम मंदिर जॉनसनगंज में जरूरतमंदों को  राशन सामग्री का वितरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से स्वच्छता के प्रभारी अपनी जान हथेली पर रखकर समाज के लोगों की सेवा कर रहे हैं। प्रयागराज के स्वयंसेवी संगठन जरूरतमंदों को भोजन एवं राशन सामग्री का वितरण कर रहे हैं। वह अतुलनीय एवं वंदनीय है। भाजपा कार्यकर्ता उनके प्रति नमन करता है।
 अभिनंदन एवं भोजन वितरण करने वालों में मुख्य रूप से राजेश केसरवानी ,रामबाबू वर्मा , बसंत लाल आजाद ,किशोरीलाल, परमानंद वर्मा, विवेक त्रिपाठी ,बृजेश श्रीवास्तव ,पार्षद पूजा कक्कड़, रिचा वर्मा ,क्रांति जौहरी, अनूप वर्मा ,दिनेश सिंह ,कृष्ण भगवान, दीपक शर्मा ,गंगाराम ,नितिन नीरज टंडन , शिवम सोनी, संजय वर्मा,विनय, प्यारेलाल  जायसवाल, आदि ने अभिनंदन किया।
 रिपोर्ट बृजेश केसरवानी


दायरे में मनायें रमजानुल-मुबारकः काजी

लॉक डाउन के दायरे में मनायें रमज़ानुल-मुबारक – शहर काजी 


सुनील पुरी


फतेहपुर। रमज़ानुल-मुबारक की आमद और देश में लागू लाक डाउन के दृष्टिगत उलेमाओं ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि लाक डाउन का पूरी तरह से पालन करते हुए रामज़ान के रोज़े और तरावीह की नमाज़ अपने घरों में रहकर ही अदा की जाये। जिससे हम सभी कोरोना जैसी बीमारी से  लड़ाई में जीत सकें। 


25 या 26 अप्रैल से मुकद्दस रमजान का महीना प्रारम्‍भ हा रहा है, जिसमें मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा पूरे माह दिन में रोज़ा-व्रत रखा जाता है और रात में तरावीह की नमाज़ अदा की जाती है। रमज़ान का महीना मुस्लिम समाज के द्वारा बड़े उत्‍साह के साथ मनाया जाता है जिसके समाप्‍त होते ही ईद का त्‍योहार होता है। इस माह में मस्जिदों में नमाज़ी भारी संख्‍या में इकट्ठा होकर इबादत करते हैं और रात में बड़ी तादाद में तरावीह की नमाज पढ़ने वालों की संख्‍या रहती है। तमाम देशों के कोरोना जैसी बीमारी से दोचार होने और देश में लाक डाउन लागू रहने की वजह से सभी उलेमाओं की तरफ से मस्जिदों में न आकर अपने-अपने घरों में रहकर तरावीह और अन्‍य नमाज़ें अदा करने की बात कहीं है जिससे कोरोना जैसी बीमारी के संक्रमण फैलाव न हो सके। कहा कि कोरोना महामारी को लेकर इस बार तरावीह मस्जिद में नहीं बल्कि घरों में होगी। फतेहपुर शहर के काज़ी कारी फरीदउद्दीन क़ादरी और काज़ी अब्‍दुल्‍ला शहीदुल इस्‍लाम ने सर्व मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि हम सभी को सरकार द्वारा बताई गई गाइड लाइन्‍स के अनुसार अपने-अपने घरों में रहकर ही इबादत करना और ईश्‍वर से इस बीमारी के खत्‍म होने और मुल्‍क में खुशहाली और शान्ति के लिए दुआ करना है। शहर काजी बिन्‍दकी मौलाना रज़ा क़ादरी ने गुरूवार की शाम को रमज़ानुल-मुबारक का चांद घरों से ही देखने की अपील करते हुए कहा कि यदि 24 अप्रैल को चांद दिखाई दिया तो 25 अप्रैल को पहले रोज़े की शुरूआत होगी अन्‍यथा 26 अप्रैल को पहला रोज़ा होगा और 25 अप्रैल से तरावीह शुरू हो जायेगी।


क्वॉरेंटाइन के बाद, घर भेजें गए 25 लोग

14 दिन क्वॉरेंटाइन के बाद वापस घर भेजे गए 25 लोग


भेजने के पहले सभी का चिकित्सीय परीक्षण किया गया


सभी लोगों को खाद्य सामग्री भी दी गई।


महाराष्ट्र के अहमदनगर से आए थे यह सभी भेजे गए देवमई गांव


फतेहपुर। 14 दिन पहले महाराष्ट्र के अहमदनगर से आए 25 लोगों को क्वॉरेंटाइन हेतु स्कूल में बने अस्थाई आश्रय स्थल में रखा गया था। जिनको चिकित्सा परीक्षण के बाद खाद्य सामग्री के साथ सभी को बस द्वारा उनके गांव भेज दिया गया। 25 लोगों में से एक महिला भी मौजूद थी। कोरोना वायरस संक्रमण और लॉक डाउन के दौरान 14 दिन पहले मलवा थाना क्षेत्र के देवमई गांव के रहने वाले 25 लोग जिनमें एक महिला भी शामिल थी महाराष्ट्र के अहमदनगर से गांव पहुंचे थे। जहां पर ग्रामीणों ने अंदर आने का विरोध किया था जिसके चलते उन्हें गांव के बाहर एक ही स्कूल में कई घंटे तक रखा गया था सूचना मिलने पर एसडीएम प्रहलाद सिंह ने सभी को बस के द्वारा नगर के निकट फरीदपुर मोड़ स्थित चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल में बने कोरोनावायरस की सुरक्षा के लिए अस्थाई आश्रय स्थल में भर्ती कराया था। भर्ती कराने के पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई थी। जिसमें सभी का स्वास्थ्य सामान्य पाया गया था फिर भी इतिहास के तौर पर उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था 14 दिन पूरे होने के बाद एक बार फिर इनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ सभी को खाद्य सामग्री दी गई और बस के द्वारा उनके गांव मलवा थाना क्षेत्र के देवमयी गांव भेजा गया। इस मौके पर एसडीएम पहलाद सिंह ने कहा कि सभी लोगों को खाने पीने की सुविधा के साथ इन्हें 14 दिन रखा गया बीच-बीच में भी स्वास्थ्य परीक्षण होता रहा जाते समय एक बार फिर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिसमें सभी का स्वास्थ्य सामान पाया गया है जिसके चलते इन्हें खाद्य सामग्री के साथ बस द्वारा उनके गांव भेजा जा रहा है इस मौके पर तहसीलदार गणेश सिंह चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल के संचालक संजय श्रीवास्तव प्रफुल्ल तिवारी संगीता तिवारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।


परिवर्तित संस्कार 'संपादकीय'

परिवर्तित संस्कार   'संपादकीय'


नकल से वफा, असल से बेवफाई चाहता हूं।
ये बद-मिजाजी है मेरी, ये मैं क्या चाहता हूं।
 


विश्व के हालात चिंताजनक होने के साथ-साथ दिन-प्रतिदिन मार्मिक होते जा रहे हैं। विश्व के विकसित देशों में कोरोना वायरस कोविड-19 ने तबाही मचा रखी है। जिंदगी के साथ, मौत का यह खेल किसी के भी मन को विचलित कर सकता है। देश के हालात भी ठीक नहीं है। संक्रमण पर अनुमानित नियंत्रण नहीं है। जिस को नियंत्रित करने में कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। वायरस का आतंक इतनी आसानी से कम होने का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। विश्व के लगभग 200 देश महामारी का दंश झेल रहे हैं। कहीं चिकित्सा उपकरण, दवाइयां और चिकित्सक आदि का अभाव है तो कई गरीब देशों में खाद्यान्न की समस्या खड़ी हो गई है। भारतवर्ष के मूल निवासियों में संस्कारों का अभूतपूर्व सामजस्य रहा है। लेकिन संस्कारों का भौतिक आवरण भी परिवर्तित हो गया है। हमारी धारणा बनी रहती थी कि यदि हमारा पड़ोसी कष्ट में है तो हम स्वयं भी उसकी आभा में रत रहते थे। पड़ोसी के परिवार के भूखा रहने पर, हमें भी भूख नहीं लगती थी। लेकिन आज सामाजिक परिवेश में बड़ा परिवर्तन हो गया है। शासन और नीति परिवर्तन में बड़ा बदलाव आया है।
 देश की गरीब और जरूरतमंद जनता की दुश्वारी पर खेद करने वालों का अकाल पड़ गया है। गरीब-मजदूर की मैली-कुचैली थाली से निवाले बीन-बीन कर खाने वाले रसूखदार अधिकारियों और नेताओं की बाढ़ आ गई है। सबसे भ्रष्ट कहे जाने वाली पुलिस फोर्स और चिकित्सक कर्तव्य का निष्ठा से पालन कर रहे हैं। बाकियों ने तो अपने आप से किए हुए वायदे भी भुला दिए हैं। पता नहीं वायरस जीवित छोड़ेगा भी या नहीं ?
देश के प्रतिष्ठित चैनल और अखबार सच दिखाने और सच को प्रकाशित करने से कतरा रहे हैं। बड़े-बड़े खुलासे करने वाले पत्रकारों की वरिष्ठता को वायरस सूंघ गया है। जनता के इतने बड़े जरूरतमंद तबके का शोषण हो रहा है। भूख-प्यास से त्रस्त गरीब, लाचार जनता को इस देश का नागरिक होने की यह कीमत अदा करनी पड़ेगी ? यह सच में कल्पना से भी परे है। 
भविष्य के गर्भ में क्या पोषित हो रहा है? यह तो ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता है। लेकिन वर्तमान की कालिख इतिहास के कई पन्नों पर अपना प्रभाव स्थापित करेगी।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


थाईलैंडः 50 की मौत, 2839 संक्रमित

बैंकाक। थाईलैंड में कोरोना वायरस से गुरुवार को एक और मौत हो गई है। मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 78 वर्षीय महिला की मौत कोरोना के चलते हुई, लेकिन उन्हें पहले से स्वस्थ्य संबंधी दिक्कतें थी। इस मौत के साथ ही 13 नए और संक्रमित मामले यहां पर दर्ज किए गए हैं।


इसमें से पांच केस पिछले केस के चलते सामने आए हैं जबकि अन्य पांच लोगों को कोई भी लिंक नहीं है। वहीं तीन अन्य मामले साउथ आइसैंलड फुकेत से दर्ज किए गए हैं। इसके बाद कोविड-19 की समीक्षा करने प्रवक्ता ने बताया कि फुकेत से तीन नए केस आने के बाद अधिकारी वहां की जनता का परीक्षण कर रही है। जनवरी में थाललैंड में कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी। अब तक यहां पर कुल 2,839 मामले सामने आए हैं जबकि और 50 मौतें हुई हैं। इसमें से  2,430 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। बता दें कि इस वायर से पूरी दुनिया परेशान है। 200 से ज्यादा देश इस वायरस का सामना कर रहा है। वक्त 26 लाख से ज्यादा लोग इस वैश्विक तौर पर इस वायरस से संक्रमित हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख से ऊपर पहुंच चुका है।


अटलांटिका पर संक्रमितो की संख्या- 48

कोस्टर। जापान के नागासाकी प्रान्त में मरम्मत के लिए डॉक के पास खड़े इतालवी क्रूज में कोरोना वायरस संक्रमण के चौदह और मामलों की पुष्टि हुई है।


इसके बाद कोस्टा अटलांटिका पर कोरोनोवायरस संक्रमणों की संख्‍या 48 हो गई है, जिससे कि स्थानीय समुदाय के लोगों को लेकर चिंता बढ़ गई है। एक लाइव न्‍यूज कॉन्‍फ्रेंस में अधिकारी ने कहा कि इतालवी क्रूज जहाज 623 चालक दल के सदस्यों को ले जा रहा था और इसमें कोई यात्री नहीं है। इनमें से आधे रसोइये थे और दूसरे आधे कर्मचारी दल को खाना परोसने वाले थे।


प्रदूषण में भारी कमी की उम्मीद जगी

पेरिस। यूरोप महाद्वीप के लिए वर्ष 2019 इतिहास का काफी गर्म साल रहा और वर्ष 2020 शुरुआत से ही नॉवेल कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो गया है लेकिन इससे काफी हद तक पर्यावरण में सुधार देखा जा रहा है। कोविड-19 के कारण आर्थिक मंदी के कारण इस साल कॉर्बन से होने वाले प्रदूषण में भारी कमी की उम्मीद है। साथ ही यह भी आशंका और भय है कि इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए टीका मिल जाने के बाद उत्सर्जन में अचानक वृद्धि हो सकती है।


2000 के बाद 11 साल रहे गर्मः बीते वर्ष महाद्वीप के हर क्षेत्र में गर्म हवाएं चली और तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। उपग्रह के जरिए पृथ्वी के तापमान पर नजर रखने वाली यूरोपीय संघ की एक एजेंसी ने यह जानकारी दी। कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने कहा कि महाद्वीप के 12 सबसे गर्म वर्षो में 11 साल 2000 के बाद रहे हैं, क्योंकि ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जारी है।


फ्रांसः 1 करोड़ कर्मचारी बेरोजगार

फ्रांस में भी निजी क्षेत्र की कंपनियों के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं।


पेरिस। निजी क्षेत्र के प्रत्येक दो कर्मचारियों में से एक को नौकरी से हटा दिया गया है। हालांकि, बेरोजगार हुए इन कर्मचारियों को संकट के इस दौर में सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति का लाभ दिया जा रहा है। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी है। फ्रांस के श्रम मंत्री मुरिएल पेनिकॉड ने बीएफएम टेलीविजन से कहा, 'फ्रांस में आज की तारीख में एक करोड से अधिक कर्मचारियों को उनका वेतन सरकार की तरफ से दिया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि करीब 8 लाख 20 हजार नियोक्ताओं, या फिर यों कह सकते हैं कि प्रत्येक दस में से छह से अधिक ने सरकार के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आवेदन किया है।


फ्रांस-हॉलैंड में दोबारा खुलेंगे 'स्कूल'

पेरिस। कोरोना वायरस से बुरी तरह से जूझ रहे यूरोप में उम्मीद की किरण दिखी है। यूरोप के कुछ देश संक्रमण से उबरते दिख रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक फ्रांस और हॉलैंड अपने यहां के स्कूल को दोबारा खोलने जा रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह से हफ्तों तक बंद रहने के बाद अब फ्रांस और हॉलैंड के स्कूल खुलने जा रहे हैं।


द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस के प्राइमरी स्कूल 11 मई से खुलेंगे। हालांकि क्लास में छात्रों की संख्या को लेकर खास दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। एक क्लास में सिर्फ 15 बच्चे ही होंगे।


पोलैंड के सबसे बड़े उध्दान में आग

पोलैंड के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान के माध्यम से वाइल्डफायर पक रहे हैं।


वारसॉ। पोलैंड में लगभग 7,000 हेक्टेयर में बने बृजब्राज़ा नेशनल पार्क - लगभग 10% - वर्तमान में आग की लपटों के रूप में मौजूद हैं, क्योंकि सैकड़ों दमकल कर्मी नियंत्रण में हैं।


पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि आग किसानों द्वारा अवैध रूप से घास जलाने के कारण लगी। इस तथ्य के कारण स्थिति खराब हो गई है पोलैंड वर्तमान में दशकों में अपने सबसे खराब सूखे का सामना कर रहा है। "यह संभव नहीं है कि आग के लिए खुद को प्रज्वलित करना - यह गर्मी का मध्य नहीं है, कोई गर्मी या तूफान नहीं है," पार्क निदेशक आंद्रेज ग्राईगोरुक ने कहा। "मुझे नहीं पता कि इसे क्या कहा जाना चाहिए। मूर्खता? अतार्किकता?" छवि कॉपीराइटईपीएपोलैंड में आगः छवि कॉपीराइटरायटरपोलैंड में फायर फाइटर हमले की लपटें। टीवीएन ब्रॉडकास्टर ने कहा, "स्प्रिंग जीवन का एक अचानक विस्फोट है। नुकसान की गणना करना असंभव है। यह एक त्रासदी है, इसका वर्णन नहीं किया जा सकता है," पार्क के एक टूर गाइड जेनिना एग्निज़का ज़च ने टीवीएन ब्रॉडकास्टर को बताया। "हमें इस आग से महीनों तक जूझना पड़ सकता है।" बेलारूस के साथ सीमा के पास, बेज़ेब्रा नेशनल पार्क देश के उत्तर-पूर्व में स्थित है। निचले इलाके में, यह अपने पीट बोग्स और वेटलैंड्स के लिए जाना जाता है, जो समृद्ध पक्षी जीवन, बीवर और एल्क द्वारा बसा हुआ है।


खेलने के लिए क्वॉरेंटाइन को तैयार

क्रिकेट खेलने के लिए क्वारंटाइन के लिए तैयार हैं इंग्लैंड के खिलाड़ी, क्रिस वोक्स ने किया दावा


लंदन। इंग्लैंड के खिलाड़ी हफ्ते-दो हफ्ते नहीं, बल्कि एक महीने के लिए भी क्वारंटाइन होने के लिए तैयार हैं, बस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू होनी चाहिए। इंग्लिश ऑलराउंड क्रिस वोक्स ने कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए कहा है कि इंग्लैंड की टीम हर कसौटी पर खरी उतरने के लिए तैयार है, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट फिर से शुरू होनी चाहिए, क्योंकि कोविड 19 के प्रकोप की वजह से क्रिकेट समेत बाकी खेलों पर ब्रेक लगा हुआ है।


क्रिकेट बंद है और अधिकारी लोग योजना बना रहे हैं कि किस तरह खेलों को दोबारा से पटरी पर लाना चाहिए। वोक्स ने टेलीग्राफ से बात करते हुए कहा है, "क्रिकेट को शुरू करने के लिए अगर खिलाड़ियों को कुछ समय के लिए क्वारंटाइन में रखना पड़ता है, तो मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को ऐसा करने में खुशी होगी, लेकिन इस बात पर निर्भर है कि कितने समय के लिए रखा जाएगा।" वोक्स ने कहा है, "अगर वे कहते हैं कि यह तीन महीने के लिए होने जा रहा है, तो मुझे लगता है कि खिलाड़ी बहुत उत्सुक नहीं होंगे, लेकिन अगर यह तीन से चार सप्ताह के लिए किया जाता है तो फिर मुझे लगता है कि किसी को भी समस्या नहीं होनी चाहिए।" गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी की चपेट में अब तक दुनिया भर में 20 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं, जिनमें से डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जान भी जा चुकी है।


चीनः मदद की राशि बढ़ाने का ऐलान

बीजिंग। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के विवादों में चल रहे विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन डब्ल्यूएचओ को चंदा देने पर बैन लगाने के बाद अब चीन ने मदद की राशि बढ़ाने का ऐलान किया है। चीन ने कहा कि वह कोरोना वायरस के वैश्विक महासंकट से निपटने के लिए डब्‍ल्‍यूएचओ को 3 करोड़ डॉलर की अतिरिक्‍त राश‍ि दान करेगा। इससे पहले चीन ने डब्‍ल्‍यूएचओ को 2 करोड़ डॉलर दिया था।


चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता गेंग शुआंग ने कहा, 'चीन ने डब्‍ल्‍यूएचओ को 3 करोड़ डॉलर अतिरिक्‍त दान करने का फैसला किया है। यह राशि पहले दी गई 2 करोड़ डॉलर की राशि से अलग होगी। इसका मकसद कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक जंग में सहायता देना और विकासशील देशों के हेल्‍थ सिस्‍टम को मजबूत करना है।' उन्‍होंने कहा कि चीन का यह योगदान संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी पर चीन सरकार और हमारे लोगों के भरोसे को दर्शाता है। इससे पहले डब्‍ल्‍यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने कुछ अमेरिकी सांसदों की ओर से उनके इस्तीफे की मांग को नजरअंदाज करते हुए बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका उनकी एजेंसी के वित्त पोषण पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करेगा।


10 हफ्ते से कम लॉक डाउन तो खतरा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत में इस समय लॉकडाउन लागू है और लोग 3 मई का इंतजार कर रहे हैं कि देश में जारी लॉकडाउन खत्म हो। लेकिन दुनिया के अग्रणी मेडिकल जर्रनल लॉसेट के एडिटर इन चीफ रिचर्ड हॉर्टन का कहना है कि भारत को लॉकडाउन हटाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि कम से कम 10 हफ्ते के लि लॉकडाउन किया जाना चाहिए।
भारत में इस समय लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है जो 3 मई को खत्म होगा। लोगों को उम्मीद है कि 3 मई के बाद से लॉकडाउन से निजात मिल जाएगी। हालांकि इंडिया टुडे टीवी के साथ खास बातचीत में रिचर्ड हॉर्टन ने सुझाव दिया कि भारत को लॉकडाउन हटाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और उसे कम से कम 10 हफ्ते लॉकडाउन पर विचार करना चाहिए।


रिचर्ड हॉर्टन ने कहा कि किसी भी देश में यह महामारी हमेशा के लिए नहीं है। यह अपने आप ही खत्म हो जाएगी। हमारे देश में वायरस पर नियंत्रण के लिए सही दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि भारत में लॉकडाउन सफल होता है तो आप देखेंगे कि 10 हफ्ते में यह महामारी निश्चित तौर पर खत्म हो जाएगी। यदि इसके अंत में, वायरस बंद हो जाता है, तो चीजें फिर से सामान्य हो सकती हैं। रिचर्ड हॉर्टन ने कहा कि यह सही है कि हालात सामान्य नहीं हैं। हमें शारीरिक दूरी को बनाए रखना होगा। हमें मास्क पहनना होगा। साथ ही निजी तौर पर हाइजीन को लेकर बेहद सतर्क रहना पड़ सकता है।


भारत में लॉकडाउन जल्द ही समाप्त होने वाली तारीख पर प्रतिक्रिया देते उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि आपको आर्थिक गतिविधि फिर से शुरू करनी होगी, लेकिन कृपया इसके लिए जल्दबाजी न करें। यदि आप लॉकडाउन को जल्दबाजी में उठाते हैं और तो आपके पास बीमारी का दूसरा चरण होगा जो पहले चरण की तुलना में और खराब हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि हर कोई काम पर जाना चाहता है, लेकिन मैं आपसे अपील करता हूं कि आप जल्दबाजी न करें। रिचर्ज हार्डन ने कहा कि इस तरह के मामलों में आपको अपने लॉकडाउन के बेहद शुरुआती दौर में जाना होगा। आपने अपने लॉकडाउन में काफी समय और प्रयास खर्च किया है। इसे बर्बाद मत करिए। जितना संभव हो उतना इसे जारी रखें। कम से कम 10 हफ्ते तक चलाइए।


चीन का उदाहरण देते हुए रिचर्ड हॉर्टन ने बताया कि कैसे महज 10 हफ्ते के आक्रामक लॉकडाउन की बदौलत चीन के वुहान (जहां से कोरोनो वायरस की उत्पत्ति हुई) बीमारी के संचरण को रोक सका था। उन्होंने बताया कि वुहान ने लॉकडाउन को लेकर बेहद आक्रामक तरीके से व्यवहार किया और 23 जनवरी से लेकर अप्रैल के पहले हफ्ते तक वहां खुद को बंद कर लिया और वायरस के फैलने की संभावना को खत्म कर दिया। वे अब सामान्य होते जा रहे हैं। वास्तव में, सभी एपीडिमिओसॉजिकल मॉडल दिखाते हैं कि उन्हें ऐसा करने की जरुरत है क्योंकि वायरस का नेचर ही यही है। यह आबादी में तेजी से फैलता है यदि आप शारीरिक रूप से दूरी बनाए नहीं रखते हैं।


'लॉक डाउन' को धत्ता बता, मार्च किया

मास्को। रूस की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख गेनाडी ज़ुगानोव के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने कोरोनोवायरस लॉकडाउन को धता बताते हुए बुधवार को लेनिन की 150वीं जयंती मनाने के लिए उनकी कब्र तक मार्च किया।


करीब दर्जनों लोग लेनिन के मकबरे पर फूल बिछाने के लिए मॉस्को के रेड स्क्वायर से परेड करते हुए गए, यह एक वार्षिक परंपरा है जो 22 अप्रैल को लेनिन के जन्मदिन के अवसर पर मनाई जाती है। लेनिन रूसी क्रांति के नेता थे और 1917 से 1924 तक सोवियत संघ सरकार के प्रमुख रहे।अंग्रेजी अखबार रॉयटर्स के अनुसार, एक पुलिसकर्मी ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी को कार्यक्रम आयोजित करने की विशेष अनुमति मिली थी। मॉस्को पिछले तीन हफ्तों से लॉकडाउन में है और रूस के उन शहरों में से है जो बुरी तरह कोरोनोवायरस की चपेट में हैं। लोगों को केवल किराने का सामान और दवाइयां खरीदने, कुत्तों को टहलाने या कचरा निकालने के लिए बाहर जाने की अनुमति है। राष्ट्रवादी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख व्लादिमीर झिरिनोवस्की ने परेड में भाग लेने वालों की गिरफ्तारी का आह्वान किया।


'विश्व कप' का फैसला जुलाई में होगा

ऑकलैंड/ सिडनी। न्यूजीलैंड क्रिकेट के मुख्य कार्यकारी डेविड वाइट ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण टी20 विश्व कप स्थगित करने को लेकर कोई भी फैसला जुलाई से पहले नहीं लिया जाएगा।


कोरोना महामारी के कारण 18 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। वाइट ने पत्रकारों से एक कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘आपात योजना बनाई जा रही है और काफी बातचीत हो रही है लेकिन कोई फैसला नहीं होगा। कोई भी फैसला जुलाई में लिया जाएगा।’ आईसीसी मुख्य कार्यकारियों की समिति की बैठक में कोरोना संकट के आर्थिक प्रभावों और टी20 विश्व कप समेत आईसीसी के वैश्विक टूर्नमेंटों को लेकर आपात योजना पर चर्चा की जाएगी। फरवरी में न्यूजीलैंड में होने वाले महिला विश्व कप के बारे में पूछने पर वाइट ने कहा, ‘उसके स्थगन पर कोई बात नहीं की गई। महिला विश्व कप न्यूजीलैंड के लिए काफी अहम है। उसे स्थगित करने पर बातचीत अजेंडे में भी नहीं थी।


न्यूजीलैंडः मृतक संख्या-16, 3 नए केस

वेलिंगटन/ ऑकलैंड। न्यूजीलैंड में गुरुवार को कोरोना वायरस के सिर्फ तीन नए मामले सामने आए, जबकि दो और लोगों की मौत हो गई। देश में नए मामलों की संख्या लगातार कम हो रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,451 तक पहुंच गई है और मरनेवालों की संख्या 16 हो गई है। न्यूजीलैंड में पिछले एक महीने से सख्त लॉकडाउन लागू है।


हालांकि अधिकारियों ने अगले सप्ताह से इसमें थोड़ी छूट देने की योजना बनाई है। सरकार ने उन समाचार मीडिया कंपनियों की मदद करने के राहत उपायों की भी घोषणा की, जिनमें कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से विज्ञापन के स्तर पर गिरावट देखी गई है। सरकार ने प्रसारणकर्ताओं के लिए अस्थायी रूप से प्रसारण शुल्क में कटौती करने के साथ ही उनके लिए पांच करोड़ न्यूजीलैंड डॉलर की घोषणा की है।एपी कृष्ण नेत्रपाल, यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।


बांग्लादेशः 5 मई तक बढ़ा लॉक डाउन

ढाका। बांग्लादेश ने कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के देश में लॉकडाउन लगाया है। इस बीच स्थानीय मीडिया की ओर से जानकारी मिली है कि देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन को 5 मई तक बढ़ा दिया है।


करीब 16 करो़ड़ की आबादी वाले देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 3,772 हो गई है, जबकि अबतक 120 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें से 92 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।बांग्लादेश प्रशासन ने लोक प्रशासन मंत्रालय के राज्य मंत्री फरहाद हुसैन के हवाले से कहा है कि छुट्टियों को 26 अप्रैल से 5 मई तक बढ़ाया जाएगा। सरकार गुरुवार को इस संबंध में एक गजट जारी करेगी। हालांकि, मंत्री ने कहा कि 6 मई को देश के अल्पसंख्यक बौद्ध समुदाय के धार्मिक अनुष्ठानों या बौद्ध पूर्णिमा की छुट्टी के कारण एक सरकारी अवकाश भी है।


'क्रिकेटर' वूलवर्थस में नौकरी की तलाश

सिडनी। कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक दिक्कतों के चलते जून अंत तक नौकरी से हटाए जाने वाले अपने स्टाफ के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया मशहूर सुपरमार्केट और अपने प्रायोजकों में से एक वूलवर्थस में नौकरी तलाश रहा है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस समय संघीय सरकार की जॉबकीपर सपोर्ट योजना की पात्रता के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता। इसके मुख्य कार्यकारी केविन राबर्ट्स ने से कहा, ‘मैने वूलवर्थस के सीईओ ब्राड बेंदुची को लिखा है। उन्हें इस समय स्टाफ की जरूरत भी है। हमारी टीम दूसरे संगठनों से भी बात कर रही है जिन्हें स्टाफ की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि दर्शकों के बिना घरेलू अंतरराष्ट्रीय मैच कराने से उनके राजस्व को नुकसान पहुंचेगा।


बेहद रोमांचक मैच का जिक्र किया

नई दिल्ली/ सिडनी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले मैच अक्सर बेहद रोमांचक होते हैं। टेस्ट सीरीज में ये रोमांच कई बार कड़े मुकाबले और खिलाड़ियों के बीच गर्मा-गर्मी तक पहुंच जाता है। बीते कुछ सालों में ये स्थिति कई बार देखने को मिली है। ऐसे ही एक मैच का जिक्र पूर्व अंपायर इयान गोल्ड ने किया और उसे ‘युद्ध जैसी स्थिति’ बताया। गोल्ड ने ये बात 2014 के एडीलेड टेस्ट को लेकर कही।


अक्सर अपनी स्लेजिंग के जरिए विपक्षी टीम को अस्थिर करने की कोशिश करने वाली ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को हाल के सालों में भारतीय टीम से इस मामले में भी कड़ी टक्कर मिली है। भारतीय खिलाड़ी भी मैदान में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से जुबानी जंग में उलझने से बचते नहीं हैं।


इंडोनेशिया में 3, 383 केसों की पुष्टि

जकार्ता/ बैंकॉक। दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में रमजान की तैयारी शुरू होने के साथ ही राजधानी जकार्ता में सामाजिक पाबंदियों का विस्तार कर दिया गया है। जकार्ता के गवर्नर एनीज बस्वेदान ने बताया कि गुरुवार को खत्म होने वाली पाबंदियों को 22 मई तक बढ़ा दिया गया है। जकार्ता में बुधवार तक संक्रमण के 3,383 मामलों की पुष्टि हुई जिनमें से 301 लोगों की मौत हो चुकी है।


जकार्ता के गवर्नर बस्वेदान ने बुधवार देर रात एकः संवाददाता सम्मेलन में मुस्लिमों से कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए रमजान के दौरान मस्जिद से संबंधित गतिविधियों को स्थगित करने का अनुरोध किया। इस्लाम के पवित्र महीने रमजान की शुरुआत शुक्रवार को हो सकती है जो चांद के दिखाई देने पर निर्भर करेगा। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि सरकार ने दहशत को रोकने के लिए देश में कोरोना वायरस फैलने के बारे में जानकारी छिपाने का फैसला किया था। लेकिन सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियमों में देरी और कम संख्या में जांच होने से इस संक्रामक रोग के बड़े पैमाने पर फैलने का डर पैदा हो गया है।


स्पेनः वायरस संक्रमित जमाती फरार

मेड्रिड। स्पेन का रहने वाला 60 वर्षीय कोरोना संक्रमित जमाती एलएनजेपी अस्पताल से फरार हो गया। उसे निजामुद्दीन स्थित मरकज से निकालकर यहां भर्ती कराया गया था। आईपी एस्टेट थाने में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है।


थाने में दी शिकायत में मेडिसिन विभाग के डॉ. सत्यजीत ने बताया कि यह स्पेनिश नागरिक मार्च के अंतिम सप्ताह से एलएनजेपी अस्पताल के मेडिसिन वार्ड नंबर-31 में था। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद इसका इलाज जारी था। 17 अप्रैल की सुबह अचानक यह वार्ड से चुपचाप गायब हो गया। डॉक्टरों ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी। पता न चलने पर सूचना एलएनजेपी अस्पताल की पुलिस चौकी में दी गई। छानबीन के बाद उसके खिलाफ सरकारी आदेश के उल्लंघन, महामारी अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया।


गाजियाबाद में 4 और बढे, 50 संक्रमित

चार और संक्रमित मिलने से बढ़ी विभाग की चिंता


50 पर पहुंची पॉजिटिव की संख्या 14 हुए ठीक
मुकेश सिंघल 
ग़ाज़ियाबाद। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी पूरे विश्व में लगातार अपने पैर पसार रही है गाजियाबाद जनपद भी इससे अछूता नहीं है। बुधवार को एक बार फिर कोरोना संक्रमित ओके चार और नए मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व प्रशासन की टीमें लगातार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही हैं, जिससे कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनके गुप्ता ने बताया कि बुधवार को कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 50 पर पहुंच गई, जिनमें 14 मरीज ठीक हो कर घर जा चुके हैं जबकि 36 संक्रमित लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। ज्ञात हो कि मंगलवार को संक्रमित लोगों का आंकड़ा 46 था जिसमें 13 लोग ठीक होकर जा चुके थे, जबकि 33 लोगों का इलाज चल रहा था। लेकिन बुधवार को चार और नए मामले प्रकाश में आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं हालांकि पूर्व में भर्ती थे 33 लोगों में से एक मरीज ठीक होकर जा चुका है। जिसके चलते पूर्व के 32 मरीज व 4 मरीज बुधवार के जोड़ कर कुल 36 मरीज वर्तमान में भर्ती हैं।
3 दिन पूर्व एक ही दिन में कोरोना संक्रमित कई मरीज प्रकाश में आने से जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने जनपद में पहले से ज्यादा सख्ती बरतने शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस वह प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर को सील कर दिया था। बीते 2 दिन से दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर सील होने के चलते गाजियाबाद से दिल्ली तथा दिल्ली से गाजियाबाद कोई भी व्यक्ति मूवमेंट नहीं कर पा रहा। इस दौरान केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को ही आने-जाने की इजाजत मिली हुई है।


जरूरतमंदों को ₹15-15 हजार वितरित

सूरत। गुजरात में कोरोना-लॉकडाउन के बीच गरीबों-भिखारियों एवं अन्य वंचित तबके लिए कई सामाजिक संस्थाएं और संपन्न सेठ खाने-पीने की मदद दे रहे हैं। यहां सूरत में गोराट स्थित कॉजवे रोड क्षेत्र के कुछ नेकदिल लोगों ने मदद का अनूठा तरीका अपनाया। उन्होंने गरीबों-भिखारियों को 1-1 किलो आटा देने की घोषणा की। जरूरतमंद लोग उन पैकेट्स को लेकर रवाना हो गए। उसके बाद जैसे ही उन्होंने आटे के पैकेट खोले तो आटे के साथ ही 15 हजार रुपए निकले। यह देख वे दंग रह गए और खुशी का ठिकाना नहीं रहा।


सूरत के रांदेर में ट्रक से बांटे गए 500 से ज्यादा आटे के कट्टा


इस तरह की नेकदिली का एक वीडियो सामने आया है।
इसमें आप देख सकते हैं कि, कैसे आटे के साथ रुपए निकले। संवाददाता ने बताया कि, यह वाकया रांदेर क्षेत्र में देर रात का है, जब एक ट्रक इलाके से गुजरा। ट्रक में बैठे शख्स ने 1-1 किलो आटा देने की घोषणा करते हुए जरूरतमंदों को बुलाया गया। कुछ लोग आकर 1-1 किलो आटे का पैकेट ले गए। लेकिन इस पैकेट को खोलने पर उसमें से आटे के साथ 15 हजार रुपये देखकर वे दंग रह गए और ऐसी मदद करने वाले को दिल से दुआएं देने लगे।


लॉकडाउन: पैसे लेने नहीं जाना होगा बैंक या एटीएम, पोस्टमैन घर आकर देगा 10 हजार रु, जानिए कैसे
जरूरतमंद ये पैकेट लेकर खुश हुए, दुआ देने लगे
कई लोगों ने कहा कि, कोरोना के कारण हॉट स्पॉट्स घोषित किए जा चुके गोराट इलाके में 3 दिनों पहले भी एक ट्रक आया था। उस ट्रक में बैठा व्यक्ति 1-1 किलो आटा वाले पैकेट वितरित कर रहा था। सिर्फ एक किलो आटे के लिए कई लोगों ने तो उठने की कोशिश ही नहीं की, लेकिन सही मायनों में जरूरतमंद लोग आटे का पैकेट ले गए।


गुजरात : मदद का अनूठा तरीका, मजदूर ले गए 1-1 किलो आटा, हर पैकेट से निकले 15 हजार रुपये
जिन लोगों ने आटे के पैकेट नहीं लिए वो खुद को कोसने लगे
ट्रक कुछ-कुछ दूरी पर रुकती रहा और उससे तकरीबन 500 से ज्यादा आटे के पैकेट बांटे गए। इन पैकेट को खोलने पर आटे के साथ-साथ ही 15 हजार रुपये नकद निकलने पर इसे लेने नहीं गए लोग खुद को कोसने लगे। हालांकि यह ट्रक किसका था, या किसने भेजा इसका किसी को पता नहीं लगा। कुछ लोगों ने कहा कि, मजीद पठान नामक व्यक्ति ने लोगों की मदद के लिए यह अनूठा तरीका अपनाया।


1 वेंटिलेटर पर कई कोरोना मरीज, डॉक्टरों ने निकाला ऐसा तोड़ कि होने लगी वाहावाही
बंदा ऐसा कि खुद की पहचान भी नहीं बताई
इस मामले में खास बात यह भी है कि, अमूमन मदद करने वाला व्यक्ति अपनी प्रसिद्ध के लिए फोटो-वीडियो बनाता है, लेकिन ऐसी मदद देने वाले व्यक्ति ने जानबूझकर किसी को अपना नाम तक नहीं बताया। उसने 500 से भी ज्यादा लोगों को 15 हजार बांट दिए। उसकी इस दिलेरी की चर्चा पूरे राज्य में होने लगी है। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर वीडियो चल रहे हैं। लोग उसे दाद दे रहे हैं।


दिल्लीः 1 परिवार के 11 लोग संक्रमित

जामा मस्जिद इलाके में एक ही परिवार के 11 लोग कोरोना पॉजिटिव
कविता गर्ग


नई दिल्ली। दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में एक ही परिवार के 11 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ये जामा मस्जिद के गली चूड़ी वालान का मामला है। बताया जा रहा है कि परिवार का एक सदस्य विदेश से लौटा था। उसके बाद परिवार के सदस्यों में संक्रमण फैला। टेस्ट के बाद परिवार के 18 में से 11 सदस्य पॉजिटिव पाए गए हैं।


दरअसल, गली चूड़ी वालान में तीन भाइयों की ज्वाइंट फैमिली रहती है, जिसमें 18 सदस्य हैं। परिवार का एक सदस्य विदेश से लौटा था। उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया था और उसका इलाज मैक्स अस्पताल में चल रहा है। इसके बाद सबने प्राइवेट लैब में अपना कोरोना का टेस्ट कराया था, जिसके बाद 11 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमित मिले 11 लोगों में एक डेढ़ महीने का और एक 12 साल का बच्चा शामिल है। तीन की हालत गंभीर है, जिन्हें दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि जब परिवार के कुछ सदस्यों की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो वो खुद ही भर्ती होने के लिए अस्पताल पहुंचे। परिवार की शिकायत है कि इलाके के एसएचओ को जानकारी देने का बावजूद किसी ने उनकी मदद नहीं की। सीएमओ ने कहा कि 3 लोगों को एलएनजेपी में दाखिल कर लिया गया है, बाकी को क्वारनटीन किया गया है। डीएसओ को इनकी जिम्मेदारी दी गई है। बाकी मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजा जाएगा।


कर्मचारी महंगाई भत्ते पर लगी रोक

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) पर बड़ा फैसला लिया है। कोरोना संकट के चलते केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर रोक लगाई है। इससे सरकार को 14000 करोड़ रुपए बचेंगे। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और केंद्रीय सरकार के पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) की देय किस्त 1 जनवरी 2020 से नहीं दी जाएगी। एक जुलाई 2020 से और एक जनवरी 2021 डीए और डीआर की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं किया जाएगा।  केंद्रीय कैबिनेट ने मार्च महीने में  डीए में 4 प्रतिशत बढ़ाने की मंजू्री दी थी।


बढ़ोतरी के बाद यह 21 प्रतिशत तक पहुंच जाता। कोविड-19 लॉक डाउन की वजह से सरकार के टैक्स राजस्व में गिरावट आई है, जबकि कमजोर तबकों को आर्थिक मदद देने के कारण खर्चों में वृद्धि हुई है। इससे करीब 49.26 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 61.17 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे। बता दें कि सरकार ने पहले मंत्रियों, पीएम, राष्ट्रपति और संसद सदस्यों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती की थी। इसके अलावा, कोरोनो वायरस महामारी से लड़ने के लिए अधिक धनराशि प्रदान करने के लिए एमपीलैड्स योजना को भी दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।


यूपी के 10 जनपद हुए कोरोना मुक्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, हाथरस, बरेली, प्रयागराज, शाहजहांपुर, महाराजगंज, बाराबंकी, हरदोई और कौशांबी में बुधवार को कोरोना मुक्त घोषित कर दिए गए हैं। राज्य के प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन जिलों में कोरोना का अब एक भी सक्रिय केस नहीं है।


लॉकडाउन के सख्ती से पालन के निर्देश


उधर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि सीएम योगी ने टीम-11 की बैठक कर लॉकडाउन की समीक्षा की है। उन्होंने 10 से अधिक मरीज वाले जिलों में सख्ती लॉकडाउन के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सप्लाई चेन में लगे लोगो की भी जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही टेस्टिंग लैब की क्षमता और अधिक तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।


देश में संक्रमितों की संख्या 19984 पहुंची


उल्लेखनीय है कि देशभर में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 20 हजार के करीब पहुंच गई है। बुधवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक कोरोना के 19 हजार 984 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 3870 लोग ठीक हो चुके हैं। इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आकर अब तक 640 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में संक्रमण से मरने वाले लोगों में 11 राजस्थान में, 10 गुजरात में, 9 महाराष्ट्र में, 3 उत्तर प्रदेश में और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, मध्य प्रदेश एवं तमिलनाडु में दो-दो तथा कर्नाटक में एक मरीज की मौत हुई है।


यूपीः 42192 की जांच, 1449 संक्रमित

लखनऊ। यूपी में कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को 112 नए मरीज और मिलने के साथ अब तक प्रदेश में 1449 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 1584 संदिग्ध मरीजों को प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। वहीं दूसरी ओर प्रतापगढ़ को भी कोरोना मुक्त जिला घोषित किया गया।


राज्य सरकार अब तक 11 जिलों को कोरोना मुक्त होने का दावा कर चुकी है। ऐसे में अभी 42 जिलों में कोरोना पाजिटिव मरीज हैं। उधर 11 मरीज और स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से घर भेजे गए। अब तक कुल 173 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं अभी भी सर्वाधिक 324 मरीज आगरा में और दूसरे नंबर पर 182 मरीज लखनऊ में हैं। प्रदेश में अब तक 21 लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो चुकी है। संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को जो 112 नए मरीज मिले उनमें 26 सहारनपुर, 21 मुरादाबाद, 18 आगरा, लखनऊ में एक, गाजियाबाद में दो, नोएडा में एक, कानपुर में छह, वाराणसी में तीन, मेरठ में एक, बस्ती में एक, हापुड़ में एक, फिरोजाबाद में छह, रायबरेली में आठ, मथुरा में एक, मुजफ्फरनगर में सात, अमरोहा में पांच, सुल्तानपुर में एक और अलीगढ़ में तीन मरीज पाए गए।


इस तरह यूपी में कोरोना पाजिटिव मरीजों का आंकड़ा 1449 पहुंच गया है। आगरा व लखनऊ के बाद अधिक मरीज जिन जिलों में हैं उनमें नोएडा में 103, सहारनपुर में 98 और मुरादाबाद में 94 मरीज अब तक पाए जा चुके हैं। दूसरी ओर अब तक जो 11 जिले कोरोना मुक्त घोषित किए गए हैं उनमें प्रतापगढ़, पीलीभीत, हाथरस, प्रयागराज, महाराजगंज, बरेली, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, शाहजहांपुर, हरदोई और कौशांबी शामिल है।


40263 की रिपोर्ट आई निगेटिव, 480 की आना बाकी


यूपी में 42192 लोगों के नमूने जांच के लिए लैब में भेजे जा चुके हैं और इसमें से 40263 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं 480 मरीजों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।


इफ्तारी पर भीड़ इकट्ठा ना करेंः योगी

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने किया अपील का समर्थन


लखनऊ। लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रमजान के महीने में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के साथ ही सहरी व इफ्तार के समय कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने देने के कड़े निर्देश दिए हैं। योगी ने लोगों से शहरी व इफ्तार घर पर ही करने की अपील की है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मुख्यमंत्री की अपील का समर्थन किया है।


मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने रमजान के दौरान कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। डीजीपी ने भी लोगों से रमजान में घरों पर ही नमाज पढऩे और शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखने की अपील की है। कहा है कि कहीं भी भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी। डीजीपी ने सभी एडीजी जोन, आइजी व डीआइजी रेंज, एसएसपी व एसपी को रमजान के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं। कहा है कि इस दौरान सभी संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी कराई जाए। पुलिस अधिकारी धर्मगुरुओं से अपील कराएं कि लोग कहीं कोई जुलूस न निकालें। सामूहिक रूप से एक स्थान पर एकत्रित होकर कोई धार्मिक कार्यक्रम न करें और घरों पर ही नमाज पढ़ें।


डीजीपी ने कहा कि पुलिस के वाहनों पर लाउड स्पीकर लगाकर लॉकडाउन का पालन करने तथा शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी पुलिस अधिकारी अपने-अपने समकक्षीय मजिस्ट्रेट के साथ लगातार भ्रमण करें और लॉकडाउन का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित कराएं। कहीं किसी भी दशा में भीड़ इकट्ठा न होने पाए। डीजीपी ने सोशल मीडिया पर झूठी व भ्रामक सूचना प्रसारित करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसके अलावा थानावार तथा खुफिया सूचना के आधार पर सांप्रदायिक व शरारती तत्वों को चिह्नित कर उन पर कड़ी नजर रखी जाए। सभी संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता व पुलिस गश्त के निर्देश भी दिए गए हैं।


 


अमरनाथ यात्रा रद्द करने का फैसला निरस्त

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते अमरनाथ श्राइन बोर्ड पूरी तरह से असमजंस की स्थिति में हैं। बुधवार शाम में 2020 में होने वाली अमरनाथ यात्रा रद कर दी गई थी जिसके तुरंत बाद ही इस फैसले को वापस ले लिया गया। जम्मू कश्मीर सूचना निदेशालय ने प्रेस नोट को वापस ले लिया है, जिसमें अमरनाथ यात्रा 2020 को रद्द करने की जानकारी दी गई थी। अमरनाथ यात्रा को लेकर राजभवन में आज बुलाई गई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 38वीं बैठक में यात्रा के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद सभी सदस्यों ने आम राय बनाते हुए वार्षिक अमरनाथ यात्रा को कोरोना प्रकोप को देखते हुए रद करने का निर्णय लिया था। बैठक के बाद इस फैसले के अधिकारितक तौर पर घोषणा भी कर दी गई परंतु कुछ ही घंटों बाद यात्रा रद करने के फैसले को वापस लेते हुए सरकार ने इस संबंध में पहले जारी किए गए आदेश को रद करने का एलान कर दिया।


अनुच्छेद 370 हटने के बाद बीच में ही रोक दी गई थी यात्रा


मालूम हो कि 2000 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड बनाया गया था। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल इसके चेयरमैन होते हैं। इससे पहले पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के ठीक 3 दिन पहले सुरक्षा का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रा रोक दी थी। यात्रा रोके जाने तक साढ़े तीन लाख लोग पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके थे।


गौरतलब है कि तय कार्यक्रम के तहत इस यात्रा के लिए एक अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू होने थे। देशभर में कोरोना के चलते लॉकडाउन किया गया है। जम्मू में जिस यात्री निवास को अमरनाथ यात्रियों का बेस कैम्प बनाया जाता था, वह इन दिनों क्वारैंटाइन सेंटर बना हुआ है। जम्मू कश्मीर की सीमा को सील किया हुआ है और जरूरी सामान के अलावा किसी भी गाड़ी के आनेजाने की मनाही है।


दिल्ली में थूकने पर 84 चालान काटेंं

नई दिल्ली। कोरोना के प्रकोप के कारण तीनों नगर निगमों ने खुले में थूकने व शौच करने पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसा करने पर निगम द्वारा एक हजार रुपये का चालान काटा जा रहा है। इस कड़ी में बुधवार को तीनों नगर निगमों ने 84 चालान काटे। सबसे अधिक 75 चालान उत्तरी दिल्ली निगम द्वारा काटे गए। इसके अलावा पूर्वी दिल्ली में तीन व दक्षिणी दिल्ली में छह चालान काटे गए।
गौरतलब है कि निगम और प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर साफ-सफाई को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर रखा है। इसी क्रम में खुले में शौच करने वालों या थूकने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। इसीलिए दिल्ली में लगातार ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनका चालान किया जा रहा है जो सरकारी आदेश और चेतावनियों को नजरअंदाज कर रहे हैं।


स्पेशल सेल के 71 पुलिसकर्मी क्वारंटाइन
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हवलदार के कोरोना पीड़ित होने के बाद बड़ा कदम उठाया है। स्पेशल सेल के 71 पुलिस वालों को क्वारंटीन कर दिया गया है। इन्हें दो होटलों में रखा गया है। साथ ही सेल में कार्यरत 123 अफसरों व पुलिसकर्मियों का कोरोना टेस्ट कराया गया है। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट 72 घंटे बाद आने की बात कही जा रही है। इस बात की जांच कर की जा रही है कि कोरोना संक्रमित हवलदार कहां-कहां गया था और किन-किन लोगों के संपर्क में आया था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के लोधी कॉलोनी स्थित कार्यालय में तैनात हवलदार अरुण चौधरी की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट सोमवार को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि हवलदार अरुण सेल में तैनात 30 पुलिस कर्मियों के सीधे संपर्क में आया था। बाकी पुलिसकर्मी इन 30 पुलिस वालों के संपर्क में आए थे। पूरी जांच के बाद सेल में कार्यरत 71 पुलिसकर्मियों को क्वारंटीन किया गया।


एशिया का सबसे अमीर आदमी 'मुकेश'

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी फिर से एशिया के सबसे अमीर आदमी बन गए है। फेसबुक और रिलायंस जियो के बीच हुई करीब 44 हजार करोड़ की डील के बाद अंबानी एशिया के सबसे रईस शख्स बन गए हैं। दुनियाभर के अरबपतियों की लिस्ट में अब  मुकेश अंबानी 16वें स्थान पर हैं, जबकि इंडेक्स में जैक मा 20वें स्थान पर हैं। अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस अभी भी 14300 करोड़ डॉलर के साथ पहले नंबर पर हैं। बता दें कि फेसबुक के साथ 43,574 करोड़ रुपए की डील से मुकेश अंबानी एशिया के सबसे बड़े अमीर हो गए हैं। इस डील के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी की दौलत में बड़ा इजाफा हुआ है। उन्होंने जैकमा को इस मामले में पीछे कर दिया है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक अंबानी की नेटवर्थ में एक दिन में 469 करोड़ डॉलर या करीब 34 हजार करोड़ का इजाफा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार मुकेश अंबानी के पास कुल 4920 करोड़ डॉलर यानी 3.71 लाख करोड़ की दौलत थी, वहीं एक दिन में उनकी दौलत में 469 करोड़ डॉलर यानी करीब 22975 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ।
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वहीं, जैक मा के पास इस दौरान कुल 4600 करोड़ डॉलर यानी करीब 3.47 लाख करोड़ की दौलत थी। इस साल कोरोना वायरस के कारण मुकेश अंबानी की दौलत अबतक 937 करोड़ डॉलर यानी करीब 70744 करोड़ रुपए घट गई है। पिछले दिनों रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में कोरोना संकट के चलते जमकर गिरावट आई थी और शेयर 900 रुपए के नीचे चला गया। वहीं जैक मा की बात करें तो उनकी दौलत में इस साल सिर्फ 4455 करोड़ रुपए कह कमी आई है। बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने बुधवार सुबह रिलायंस जियो में बड़ा निवेश का ऐलान किया कि कंपनी जियो में 5.7 बिलियन डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। इस तरह फेसबुक रिलायंस जियो की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है।


अमेरिका पर हमला हुआ, सामना करें

वाशिंगटन डीसी। दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। अमेरिका जैसे महाशक्ति शाली देश भी इस महामारी के आगे बेबस दिखाई दे रहा है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को लेकर कहा है कि उनके देश पर हमला किया गया है। कोविड-19 के कारण देश में आए संकट से निपटने की कोशिश कर रहे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि देश पर हमला हुआ था। अमेरिका में कोराना वायरस से 47,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है ओर 8,52,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। ट्रम्प ने बुधवार को व्हाइट हाउस में दैनिक संवाददाता सम्मलेन में कहा, ‘‘ हम पर हमला हुआ। यह हमला था। यह कोई फ्लू नहीं था। कभी किसी ने ऐसा कुछ नहीं देखा, 1917 में ऐसा आखिरी बार हुआ था। राष्‍ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन वैश्विक महामारी से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए लोगों और उद्योगों की मदद के लिए सामने आया है। उन्होंने कहा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। क्या है? मुझे हमेशा हर चीज की चिंता रहती है। हमें इस समस्या से पार पाना ही होगा। उन्होंने कहा, ‘विश्व के इतिहास में हमारी अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी रही है। चीन से बेहतर, किसी भी अन्य देश से बेहतर।


उन्होंने कहा हमने पिछले तीन साल में इसे खड़ा किया और फिर अचानक एक दिन उन्होंने कहा कि तुम्हें इसे बंद करना होगा। अब, हम इसे दोबारा खोल रहे है और हम बेहद मजबूत होगें लेकिन दोबारा खोलने के लिए आपको उस पर कुछ धन लगाना होगा। उन्होंने कहा हमनें अपनी एयरलाइन्स बचा लीं। हमनें कई कम्पनियां बचा लीं, जो बड़ी कम्पनियां हैं और दो महीने पहले उनका बेहतरीन साल चल रहा था और फिर अचानक से बाजार से बाहर हो गईं। ट्रंप ने कहा कि देश में नए मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा हाल ही में सबसे प्रभावित इलाके बनकर उभरे स्थान अब स्थिर हैं। वे सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बॉस्टन इलाके में मामलों में गिरावट आई है। शिकागों में मामले स्थिर बने है। डेट्रायट में सबसे खराब समय निकल गया है। उन्होंने कहा यह दिखाता है कि वायरस से निपटने की अक्रामक रणनीति रंग ला रही है और कई राज्य धीरे-धीरे दोबारा खुलने की स्थिति में होंगें।


पोस्टमार्टम छोड़ भाग गये चिकित्सक

अलीगढ । 25 वर्षीय युवक की निजी अस्पताल में मौत के बाद बुधवार को शव का पोस्टमार्टम शुरू किया गया तो चिकित्सकों को उसमें कोरोना के लक्षण दिखायी दिये। कोरोना के खौफ से चिकित्सक व अन्य स्टाफ ने पोस्टमार्टम बीच में ही छोड़ दिया और वहां से भाग खड़े हुए। मामले की जानकारी पुलिस व स्वास्थ्य महकमें को दी गई। जिसके बाद शव का सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेजा गया। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा। शव को डीफ फ्रिजर में रखा गया है। मृतक में कोरोना की पुष्टि हुई तो उसको कोरोना नियम के अनुसार ही शव परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा।


पुलिस के अनुसार हाथरस के कस्बा सिकंदराराऊ के गांव गत्री शाहपुर निवासी किशनवीर (25) पुत्र तेजपाल फरीदाबाद की एक निजी कंपनी में नौकरी करता है। कुछ दिन पूर्व उसकी तबियत खराब हुई तो अलीगढ़ के गंगीरी स्थित गांव बढ़ारी में अपने ननिहाल आ गया। परिवार के लोगों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। भर्ती होने के बाद तबियत ज्यादा बिगड़ गई और 20 अप्रैल की रात्रि में उसने दम तोड़ दिया। युवक की मौत होने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा तो शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बुधवार को पोस्टमार्टम हाउस में युवक का पीएम करने के लिए चिकित्सकों की टीम पहुंची। पोस्टमार्टम शुरू कर दिया गया था। कुछ ही समय हुआ था कि चिकित्सकों ने देखा कि युवक की मौत कोरोना के लक्षण के चलते हुई है। ऐसे में चिकित्सकों ने अपना बचाव करते हुए पीएम बीच में ही छोड़ दिया और उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए वहां से भाग खड़े हुए। युवक की मौत फेफडे में अचानक उत्पन्न हुई समस्या के कारण होना बतायी जा रही है।


बिहार में 4 नए मरीज, आंकड़ा 147

अजयदीप चौहान


पटना।  इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है पटना से जहां 4 नए मामले की पुष्टि हुई है। मुंगेर से ये सभी मामले पॉजिटिव सामने आये हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 3 महिलाएं शामिल हैं। जिनकी उम्र 68,61 और 60 साल बताई जा रही है। एक पुरुष भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिनकी उम्र 30 साल बताई जा रही है।


बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक ये सभी मरीज मुंगेर जिले के सदर बाजार इलाके के रहने वाले हैं। जो जलमालपुर के मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। बिहार में एक हफ्ते के अंदर हालात काफी तेजी से बदले हैं। एक हफ्ते में 71 मरीज सामने आये थे। लेकिन आज का नया मामला सामने आने के बाद यह आंकड़ा 75 हो गया है। यानी कि बिहार में कुल 147 मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज सुबह जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक बिहार में 2 लोगों की मौत हुई है, जबकि 42 लोगों ने कोरोना को हराकर एक नई जिंदगी हासिल की है। 


पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के 32 नये मामले सामने आने के साथ ही राज्य में इस महामारी के सक्रिय मामले बढ़कर 300 हो गये। मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने आज यह जानकारी दी। दिल्ली में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 2248 हो गई है। पिछले चौबीस घंटों में 92 नए मामले सामने आए हैं। पिछले चौबीस घंटों में 113 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। अब तक कुल 724 लोग ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों में एक मौत हुई है, मौत का कुल आंकड़ा 48 है। केरल में 11 और मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के साथ ही आज प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ कर 437 हो गयी है। कोझीकोड़ मेडिकल कालेज के दो हाउस सर्जनों के संक्रमित होने की पुष्टि हुयी है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इसी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है।


सरकार की तैयारियों पर उठे सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार पीपीई किट की कमी और खराब गुणवत्ता का सवाल उठाया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने पीपीई किट की खराब क्वालिटी पर चिंता जाहिर की और साथ ही कहा कि देश में कोरोना टेस्टिंग अभी बहुत कम संख्या में हो रही है, यह काफी चिंता की बात है।


किसानों का मसला उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के कारण सबसे अधिक परेशान हैं। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चैन में आ रही दिक्कतों ने किसानों को बेहाल कर दिया है। उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले।


राहुल गाँधी ने कहा- तीन हफ्ते पहले हमारी मुलाकात के बाद से, महामारी ने अशांति बढ़ाई है – दोनों प्रसार और गति में। लॉकडाउन जारी है और हमारे समाज के सभी वर्गों को तीव्र कठिनाई और संकट का सामना करना पड़ रहा है – विशेष रूप से हमारे किसान और खेत मज़दूर, प्रवासी श्रमिक, निर्माण श्रमिक और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक। व्यापार, वाणिज्य और उद्योग एक आभासी पड़ाव पर आ गए हैं और करोड़ों जीविकाएँ नष्ट हो गई हैं। 3 मई के बाद की स्थिति को कैसे प्रबंधित किया जाएगा, इस बारे में केंद्र सरकार को स्पष्ट जानकारी नहीं है। उस तिथि के बाद वर्तमान प्रकृति का एक लॉकडाउन और भी विनाशकारी होगा। 23 मार्च को तालाबंदी शुरू होने के बाद से, मेरे पास, जैसा कि आप सभी जानते हैं, प्रधानमंत्री को कई बार लिखा गया है। मैंने अपने रचनात्मक सहयोग की पेशकश की और ग्रामीण और शहरी दोनों परिवारों की पीड़ा को कम करने के लिए कई सुझाव भी दिए। ये सुझाव हमारे मुख्यमंत्रियों सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर तैयार किए गए थे। दुर्भाग्य से, उन पर केवल आंशिक और बुरी तरह से कार्रवाई की गई है। केंद्र सरकार की ओर से आने वाली करुणा, बड़े दिल और अलौकिकता उसकी अनुपस्थिति से विशिष्ट है। हमारा ध्यान स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और आजीविका के मुद्दों से सफलतापूर्वक जुड़ने पर होना चाहिए।


हमने प्रधानमंत्री से बार-बार आग्रह किया है कि परीक्षण, ट्रेस और संगरोध कार्यक्रम का कोई विकल्प नहीं है। दुर्भाग्य से, परीक्षण अभी भी कम है और परीक्षण किट अभी भी कम आपूर्ति और खराब गुणवत्ता की हैं। पीपीई किट हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रदान की जा रही हैं लेकिन संख्या और गुणवत्ता खराब है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न का प्रवेश अभी तक लाभार्थियों तक नहीं पहुंचा है। 11 करोड़ लोग जिन्हें सब्सिडी वाले खाद्यान्न की जरूरत है, वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बाहर हैं। इस संकट की घड़ी में परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलोग्राम अनाज, 1 किलो दाल और आधा किलोग्राम चीनी हर महीने उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता होनी चाहिए। तालाबंदी के पहले चरण में 12 करोड़ नौकरियां चली गईं। बेरोजगारी और बढ़ने की संभावना है क्योंकि आर्थिक गतिविधि एक ठहराव पर बनी हुई है। इस संकट से निपटने के लिए प्रत्येक परिवार को कम से कम 7,500 रुपये प्रदान करना अनिवार्य है।


प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं। उन्हें सबसे कठिन मारा गया है। संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा का जाल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। किसानों को भी गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों और बाधित आपूर्ति श्रृंखलाओं के मुद्दों को बिना देरी के संबोधित करने की आवश्यकता है। आगामी 2 महीनों में शुरू होने वाली खरीफ फसलों के अगले दौर के लिए किसानों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। आज लगभग 11 करोड़ कर्मियों को नियुक्त करते हैं। वे जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा बनाते हैं। यदि उन्हें आर्थिक बर्बादी से बचाना है, तो यह जरूरी है कि उनके जीवित रहने के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाए। दोस्तों, राज्य और स्थानीय सरकारें COVID-19 के खिलाफ लड़ाई की अग्रिम पंक्ति हैं। हमारे राज्यों को वैध रूप से दिए गए फंड को वापस आयोजित किया गया है। मुझे यकीन है कि हमारे मुख्यमंत्री हमें उन कठिनाइयों के बारे में बताएंगे जो वे सामना कर रहे हैं।


मुझे भी आपके साथ कुछ ऐसा साझा करना चाहिए जो हममें से प्रत्येक भारतीय को चिंतित करे। जब हमें कोरोना वायरस से एकजुट रूप से निपटना चाहिए, तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और घृणा के वायरस को फैलाना जारी रखती है। हमारे सामाजिक समरसता के लिए गंभीर क्षति हो रही है। हमारी पार्टी, हमें उस क्षति की मरम्मत के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। कुछ सफलता की कहानियाँ हैं और हमें उनकी सराहना करनी चाहिए। सबसे अधिक हमें प्रत्येक व्यक्तिगत भारतीय को COVID-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए, जो पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की अनुपस्थिति के बावजूद होता है। डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्वच्छता कार्यकर्ता और अन्य सभी आवश्यक सेवा प्रदाता, एनजीओ और लाखों नागरिक पूरे भारत में सबसे अधिक जरूरतमंदों को राहत प्रदान करते हैं। उनका समर्पण और दृढ़ संकल्प वास्तव में हम सभी को प्रेरित करता है। मुझे न केवल कांग्रेस राज्य सरकारों बल्कि देशभर में हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों के अथक और अथक प्रयासों को भी स्वीकार करना चाहिए। मैं एक बार फिर सरकार के प्रति अपने रचनात्मक समर्थन को बढ़ाने के लिए हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराता हूं।


प्रधानों के बाद मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करने से पहले 24 अप्रैल यानी कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश के सभी सरपंचों से सीधा संवाद करेंगे। पीएम मोदी ने खुद इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मैं देशभर के सरपंचों के साथ संवाद करूंगा। मुझे इस बातचीत की प्रतीक्षा रहेगी। इस बारे में पंचायती राज मंत्रालय ने भी विज्ञप्ति जारी कर इस बात की जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ भी करेंगे। गौरतलब है कि 24 अप्रैल को हर वर्ष राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है।


दरअसल, ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पंचायती राज मंत्रालय की अनूठी पहल है। जिससे ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत की विकास योजना तैयार करने और उसे लागू करने के लिए प्लेटफार्म मिलेगा। मोदी कोरोना के प्रभाव और लॉकडाउन को लेकर भी देश के सरपंचों से रायशुमारी कर सकते हैं और उनसे फीडबैक ले सकते हैं। जिसका इस्तेमाल वो कोरोना से लड़ाई में करेंगे।


तेजी के साथ बंद हुआ शेयर बाजार

नई दिल्ली। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन यानी गुरुवार को फिर से शेयर बाजार सपाट स्तर पर खुला। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स की शुरुआत 59.12 अंक यानी 0.19 फीसदी की गिरावट के साथ 31320.43 के स्तर पर हुई। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 13.05 अंक यानी 0.14 फीसदी की बढ़त के साथ 9200.35 के स्तर पर खुला। घरेलू शेयर बाजार हरे निशान पर पहुंच गया। सेंसेक्स 200.97 अंक (0.64 फीसदी) बढ़कर 31580.52 के स्तर पर है। वहीं निफ्टी 76.30 अंक (0.83 फीसदी) की तेजी के बाद 9263.60 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।


दिग्गज शेयरों की बात करें तो आज वेदांता लिमिटेड, ओएनजीसी, जी लिमिटेड, ओएनजीसी, इंफ्राटेल, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील और सिप्ला हरे निशान पर खुले। वहीं श्री सीमेंट, एम एंड एम, बजाज फिन्सर्व, एसबीआई, रिलायंस, बजाज ऑटो, इंफ्राटेल, डॉक्टर रेड्डी और मारुति लाल निशान पर खुले। दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद बुधवार को फेसबुक-जियो डील से घरेलू शेयर बाजार हरे निशान पर बंद हुआ। सेंसेक्स 742.84 अंक यानी 2.42 फीसदी की बढ़त के साथ 31379.55 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 205.85 अंक यानी 2.29 फीसदी की तेजी के साथ 9187.30 के स्तर पर बंद हुआ था।


सीएम भूपेश ने गृह मंत्री से की चर्चा

रायपुर। लॉक डाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों और विद्यार्थियों की शीघ्र ही राज्य में वापसी होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दूरभाष पर चर्चा की और उन्हें श्रमिकों और विद्यार्थियों की समस्याओं से अवगत कराया। चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार से इस आशय का विधिवत प्रस्ताव मिलने पर त्वरित निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव आरपी मंडल ने केंद्रीय गृह सचिव को इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आशा है अन्य राज्यों में लॉक डाउन के कारण उपजी परिस्थितियों के कारण कठिनाई में रह रहे सभी छत्तीसगढ़ वसियों की शीघ्र सकुशल वापसी होगी।


जुर्माना एवं सजा, अध्यादेश पर मुहर

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थयकर्मियों, डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों पर हमला करने वालों को अब सात साल की जेल होगी। साथ ही 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। बता दें कि डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों पर हमले के खिलाफ मोदी सरकार को अध्यादेश लेकर आई वो अब लागू हो गया है। इस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को महामारी रोग (संशोधन) अधिनियम, 2020 को लागू करने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को सख्त सजा दी जा सकेगी।


यह अब गैर-जमानती अपराध बन गया है। महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने वाले इस अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को आई चोट और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है। इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है।


जमाती की सूचना पर 10000 का इनाम

नई दिल्ली। पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस के संकट में धंसते जा रहा है। इसी में देश के लिए दिल्ली में हुए तबलिगी जमात के मरकज़ ने आग में घी का काम किया। देश में कोरोना वायरस के पॉजीटिव में बड़ी संख्या इन जमातियों की ही है। वहीं इसके बाद भी जमाती जांच के लिए खुलकर सामने नहीं आ रहे है। यही कारण है कि अब पुलिस ने जमातियों का पता बताने वाले को 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। ये फैसला उत्तर प्रदेश के कानपुर की पुलिस ने लिया है।


बता दें कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कारोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नए मरीजों में भी जमातियों की संख्या काफी अधिक आ रही है। यही कारण है कि इस इनाम की घोषणा की है। कानपुर पुलिस ने अपील की है कि लोग इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 112, 100, संबंधित थाने या एसपी दफ्तर के अलावा कोरेना हेल्पलाइन नंबर पर भी जमातियों के बारे में जानकारी दी जा सकती है। इसके अलावा पुलिस अधिकारियों के सीयूजी मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप मैसेज के जरिये सूचना दी जा सकती है।


गुजरात में 7 गुना मरीजों में वृद्धि

नई दिल्ली। देश में अब धीरे-धीरे कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र को कहा जा रहा था, लेकिन महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य गुजरात की भी हालत तेजी से खराब होती जा रही है। पिछले एक हफ्ते में गुजरात में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। पिछले एक सप्ताह में राज्य में कोविड-19 पॉजिटिव मामले तीन गुना बढ़े हैं। 15 अप्रैल को राज्य में कोरोना पॉजिटिव 766 लोग थे जो 22 अप्रैल को बढ़कर 2407 हो गए। कोरोना की वजह से गुजरात में मरने वाले लोगों की संख्या भी करीब-करीब तीन गुना बढ़ी है। 15 अप्रैल तक राज्य में 36 लोगों की मौत हुई थी जो 22 अप्रैल को बढ़कर 103 हो गई। यानी एक सप्ताह के भीतर राज्य में कोरोना की वजह से 67 लोगों ने अपनी जान गंवाई।


इस समय कोरोना से मौत के मामले में गुजरात, महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र में कुल 270 लोगों की मौत हुई है, जो देश के किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र में अब तक कोरोना पॉजिटिव के 5649 मामले आए हैं। बुधवार को ही यहां 431 नए मामले आए। गुजरात में बुधवार को 229 नए मामले आए. इसके बाद राजस्थान में 153, उत्तर प्रदेश में 112, दिल्ली में 92, आंध्र प्रदेश में 56, मध्य प्रदेश में 35 और तमिलनाडु में 33 नए मामले सामने आए। बुधवार को पूरे देश में कोरोना के 1273 नए मामले सामने आए।


 


सितंबर तक वैक्सीन आने का दवा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस दुनियाभर में विकराल रूप धारण करता जा रहा है और इस पर नियंत्रण के लिए वैक्सीन पर हर किसी की नजर है। दुनिया में कई शहरों और लैब में वैक्सीन के लिए लगातार रिसर्च जारी है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ट्रायल शुरू होने जा रहा है। विश्व प्रसिद्ध वैक्ससीनोलॉजिस्ट और जेनर इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर एड्रियन हिल का दावा है कि अगले 5 महीने में वैक्सीन तैयार हो जाएगी।


खास बातचीत में प्रोफसर एड्रियन हिल ने कहा कि इस समय दुनियाभर में कई जगहों पर वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहा है और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में गुरुवार से ट्रायल शुरू होगा। उम्मीद है कि हमारा यह ट्रायल सुरक्षित रहेगा। हमारी कोशिश है कि इस वैक्सीन के जरिए लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए और उन्हें मुहैया कराया जाए। प्रोफेसर एड्रियन हिल ने दावा किया कि हमारी कोशिश है कि वैक्सीन का ट्रायल अगले कुछ महीने के अंदर पूरा कर लिया जाए। हमारा अगला लक्ष्य है कि अगले 5 महीनों में अगस्त-सितंबर तक यह वैक्सीन तैयार कर लिया जाए।


उन्होंने कहा कि वैक्सीन की खोज के बाद अगला सबसे बड़ा लक्ष्य होगा कि इसे काफी बड़ी संख्या में तैयार किया जाए जिससे बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षा प्रदान की जा सके।दावा किया जा रहा है कि सितंबर तक 1 मिलियन डोज तैयार कर लिए जाएंगे जबकि साल के अंत तक 100 मिलियन डोज तैयार कर लिया जाएगा। वैक्सीन ट्रायल को लेकर रिस्क की संभावना पर प्रोफेसर हिल ने कहा कि वैक्सीन के ट्रायल को लेकर कई तरह के रिस्क होते हैं। यह किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं होता है। हमें अच्छा इम्युन रिस्पॉन्स चाहिए होता है. हालांकि उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर रहा है। अभी तक जो ट्रायल किया गया वो उत्साहवर्धक रहा है। अब तक जानवरों पर ट्रायल किया गया।


ट्रायल पर 190 करोड़ खर्च होगा


ब्रिटेन इंसानों के ऊपर कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की गई वैक्सीन का ट्रायल शुरू करने जा रहा है। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है और इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने मंगलवार को 20 मिलियन पाउंड्स (189 करोड़ रुपये के करीब) खर्च करने की घोषणा की है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 3 चरणों में 510 वालंटियर्स पर यह ट्रायल किया जाएगा। ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस वैक्सीन तैयार करने के लिए हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार है। अगले फेज की तैयारी के लिए ब्रिटिश सरकार इंपीरियल कॉलेज लंदन को वैक्सीन पर रिसर्च करने के लिए 22.5 मिलियन पाउंड (210 करोड़ से ज्यादा) देगी।


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