सोमवार, 30 मार्च 2020

सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना

माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन 'सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है। इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है। रौद्री और धुमोरना देवी कालात्री के अन्य कम प्रसिद्ध नामों में हैं।


यह ध्यान रखना जरूरी है कि नाम, काली और कालरात्रि का उपयोग एक दूसरे के परिपूरक है, हालांकि इन दो देवीओं को कुछ लोगों द्वारा अलग-अलग सत्ताओं के रूप में माना गया है। डेविड किन्स्ले के मुताबिक, काली का उल्लेख हिंदू धर्म में लगभग ६०० ईसा के आसपास एक अलग देवी के रूप में किया गया है। कालानुक्रमिक रूप से, कालरात्रि महाभारत में वर्णित, ३०० ईसा पूर्व - ३०० ईसा के बीच वर्णित है जो कि वर्त्तमान काली का ही वर्णन है। माना जाता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, जो उनके आगमन से पलायन करते हैं | सिल्प प्रकाश में संदर्भित एक प्राचीन तांत्रिक पाठ, सौधिकागम, देवी कालरात्रि का वर्णन रात्रि के नियंत्रा रूप में किया गया है। सहस्रार चक्र में स्थित साधक का मन पूर्णतः माँ कालरात्रि के स्वरूप में अवस्थित रहता है। उनके साक्षात्कार से मिलने वाले पुण्य (सिद्धियों और निधियों विशेष रूप से ज्ञान, शक्ति और धन) का वह भागी हो जाता है। उसके समस्त पापों-विघ्नों का नाश हो जाता है और अक्षय पुण्य-लोकों की प्राप्ति होती है।


श्लोक संपादित करें
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता | लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी || वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा | वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि ||


वर्णन,महिमाः माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम 'शुभंकारी' भी है। अतः इनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है।


माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं। इनके उपासकों को अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि कभी नहीं होते। इनकी कृपा से वह सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है।


माँ कालरात्रि के स्वरूप-विग्रह को अपने हृदय में अवस्थित करके मनुष्य को एकनिष्ठ भाव से उपासना करनी चाहिए। यम, नियम, संयम का उसे पूर्ण पालन करना चाहिए। मन, वचन, काया की पवित्रता रखनी चाहिए। वे शुभंकारी देवी हैं। उनकी उपासना से होने वाले शुभों की गणना नहीं की जा सकती। हमें निरंतर उनका स्मरण, ध्यान और पूजा करना चाहिए। 


सैकड़ों परिवारों को राशन वितरित

इकबाल अंसारी 
गाजियाबाद/लोनी। संपूर्ण देश में लॉक डाउन के कारण प्रतिदिन की आवश्यक आपूर्ति संकट के दौर से गुजर रही है। पूरी तरह बंद के कारण खाद सामग्रियों की प्रतिपूर्ति पर खासा प्रभाव पड़ा है। जिसके कारण गरीब, मजदूर और बेसहारों को खाने-पीने की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में बेटा नहर स्थित गुरु गोरखनाथ जी के मंदिर पर सिद्ध पीठ गुरु गोरखनाथ मठ के संरक्षक चंद्रपाल भगत जी के द्वारा सैकड़ों लोगों को पका हुआ भोजन वितरित किया गया। जिससे भूखे लोगों की भीड़ जमा हो गई। प्रतिपूर्ति प्रभावित होते देख चंद्रपाल भगत जी के द्वारा आटा, तेल और आलू आदि सामग्री की व्यवस्था कराई। सैकड़ों परिवारों को राशन वितरण कर राहत प्रदान की। इस प्रकार की कार्य विधि से एक तरफ जरूरतमंद लोगों की आवश्यक पूर्ति भी हुई है। ताकि कुछ समय उन्हें राहत मिल सके साथ-साथ अन्य सामाजिक संगठनों को यह प्रेरणा भी है कि ऐसी संकट की घड़ी में सभी एक दूसरे की खाने-पीने की जरूरी सामानों का ध्यान रखें। इस अवसर पर उनके सहयोगी रविंद्र मावी, सौरव मावी, वेदप्रकाश, रामदास, रविंदर आदि के द्वारा व्यवस्था बनाई गई।


दिल्ली निजामुद्दीन में 300 संदिग्ध मिले

नई दिल्ली। कोरोना को लेकर इस वक़्त की एक बड़ी ख़बर सामने आई है। ख़बर के मुताबिक निजामुद्दीन इलाके में एक साथ 300 लोगों में कोविद-19 के लक्षण मिले हैं। एक साथ कोरोना के 300 संदिग्ध लोग मिलने के बाद से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा हा जाँच के लिए डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुँच गई है। वहीं डॉक्टरों की टीम के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की टीम भी मौजूद है।


जानकारी के मुताबिक निजामुद्दीन इलाके में जिन लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं वे सभी एक धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आएं थे। फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं सामने नहीं आ पाई है।आपको बता दें कि भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में ही 92 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में कुल मरीजों की संख्या 1199 पहुँच चुकी है। जबकि दुनिया में मरीजों की संख्या 7 लाख से पार हो चुकी है।


हमारे लोगों का ध्यान रखेंगेः योगी

लखनऊ/नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आश्वासन देते हुए पत्र लिखा कि उनकी सरकार यूपी में रहने वाले दिल्ली के सभी निवासियों की देखभाल करेगी। उनके पत्र में यह भी लिखा है कि उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दिल्ली में रहने वाले यूपी के निवासियों की स्वास्थ्य, सुरक्षा और अन्य आवश्यकताओं की देखभाल की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित मरीजों की संख्या 1071 हो गई है। वहीं, इनमें से 99 लोग ठीक हो गए हैं। अभी तक 29 मरीजों की मौत हो गई है।


गरीबों की मदद ही सच्ची श्रद्धांजलि

प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर असहाय-बेघर लोगों में लंच पैकेट और साबुन बांटकर दी गयी सिद्धत के साथ लोकप्रिय  समाजसेवी राजनेता  डॉ. अशोक श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि


गोरखपुर। वर्तमान में कोरोना के कहर से प्रभावित समूचे विश्व में मची अफरा तफरी के इस नाजुक घड़ी में हमें अपने प्रेरणास्रोत रहे प्रसिद्ध लोकप्रिय समाजसेवी,राजनेता युवा हृदय सम्राट डा अशोक कुमार श्रीवास्तव की स्मृति  बरबस आ रही है , जो शायद ऐसा ऐसे समय में अपने सामाजिक दायित्व ओ के निर्वहन में बढ़-चढ़कर, भागीदारी निभाने के पीछे नहीं रहते ,यह शायद उनके भाग्य में यह नहीं था .यह हमारे लिए  वेदना जन य है ,कि आज उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर उनसे जुड़ी स्मृतियां को शब्द देने का हम साहस जुटाना पड़ रहा है।
युक्त संबोधन परम पूज्य श्री दुर्गा प्रसाद बाबू जी ने दिए ।
ई प्रदीप कुमार श्रीवास्तव व डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विभिन्न  परिस्थितियों के बावजूद डॉ अशोक ने समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए आयोजित होने वाले ,सामाजिक कार्यक्रमों,राजनैतिक सम्मेलनों गोष्ठियों में अपनी भागीदारी से सभी को साधने की कोशिश भी की थी कि यह जाति पाति धर्म वर्ग के भेदभाव से मुक्त विचारधारा के व्यक्ति थे हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्मों के लोगों में खासी लोकप्रिय रहे कुल मिलाकर डॉ अशोक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने एक मुसाफिर की तरह नहीं जीवन के हर पल को अपने परिवेश में घटने वाली घटनाओं में बैठकर चहल कदमी कर महसूस किया समाज व राष्ट्र के उत्थान के लिए मानव मन विशेषकर युवाओं की मनोदशा और उनकी आकांक्षाओं आवश्यकता एवं अस्कताओ को जानने की पूरी कोशिश की थी, आजीवन सामाजिक समरसता के लिए संघर्षरत रहे और हर संवर्ग के बीच अपनी गहरी पैठ बनाकर विषम परिस्थितियों में भी एक सामंजस्यूर्ण  समाधान निकालने की कोशिश की ।
 इसी क्रम में ई. रंजीत कुमार व ई. संजीत कुमार मांगिरिश वेलफेयर ट्रस्ट के मुखिया ने कहा कि आज उन्हीं  शख्सियत की प्रथम पुण्यतिथि पर हम सभी का परम कर्तव्य है कि  वर्तमान दौर में चल रहे कोरोना के प्रकोप से प्रभावित हो रहे आमजन विशेषकर निर्धन व बेसहारा लोगों को हर संभव मदद करे , संभवतः यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पूर्वांचल के जाने-माने समाजसेवी  राजनीतिज्ञ रहे डॉ. अशोक श्रीवास्तव को उनकी पहली पुण्यतिथि पर अलग अंदाज में श्रद्धांजलि दी गई। डॉ अशोक जी
द्वारा गठित विभिन्न समाज सेवी संगठन (एस पी पी डी,स्कूल, राष्ट्रीय सेवा परिषद, सिटीजन फोरम फॉर सोशल एक्शन, पूर्वांचल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान आदि)इस मौके पर असहाय-बेघर लोगों में भोजन के पैकेट और साबुन की टिकिया बाटे। ऐसा करके इन लोगों को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने की कोशिश की ।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं राज नेता स्वर्गीय डॉ. अशोक श्रीवास्तव के अनुज मंजीत कुमार उनके पुत्र ई. अनुभव कुमार ने कहा कि यह प्रयास डॉक्टर अशोक श्रीवास्तव के आदर्शों को आगे बढ़ाने का है। महामारी के इस वक्त में वह हमारे बीच होते तो निश्चित ही समाज के अंतिम व्यक्ति की मदद का मार्ग प्रशस्त करते। इसी सोच के साथ हमने उन्हें उनके अंदाज में ही नमन करने का निर्णय लिया है। हमारी सारी संस्थाओ के लोग शहर में बेघर और असहाय लोगों तक पहुंच रहे है। उन्हें न सिर्फ भोजन के पैकेट देंगे बल्कि कोरोना वायरस को लेकर जागरूक भी करेंगे। वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए साबुन की टिकिया का भी वितरण किया जाएगा। पुण्यतिथि से शुरू हुआ यह प्रयास महामारी के अंत तक जारी रहेगा। संस्था के लोग विभिन्न तरीकों से लोगों को जागरूक करने के साथ उनकी मदद को तत्पर है और रहेंगे साथ ही साथ
सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखकर करेंगे,
मनजीत श्रीवास्तव के मुताबिक, कोरोना के प्रकोप के चलते कहीं भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन नहीं किया गया ,हर जगह अस हयो की से की गई, घर पर परिवार के लोग उनके प्रतिमा पे पुष्पांजलि अर्पित किए। इसी तरह विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी भी अपने घर पर ही डॉ अशोक श्रीवास्तव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किए। इसके बाद असहाय  लोगों की सेवा का सिलसिला शुरू होगा।
तत पश्चात अपने देश के साथ-साथ पूरे विश्व पर कोरोना वायरस के महामारी के संकट से उबारने के लिए मां अकलेश सदन के मुखिया पूज्य श्री दुर्गा प्रसाद के साथ पूरा परिवार विश्व कल्याण के लिए  माता जगत जननी का भजन कीर्तन करते ,साथ में इंजीनियर प्रदीप कुमार सचिव सीएसटी ई एन ई रेलवे, प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव विभागाध्यक्ष शिक्षाशास्त्र  सेडिका,  रेलवे एक्टिविस्ट ई. रंजीतकुमार, मांगीरीश इन्फ्रा  के प्रमुख इं.संजीत कुमार ,मंजीत कुमार,डॉ किरन,अर्चना, डॉ विभा, निवेदिता,  स्मिता,  मनीषा, श्रीमती भावना, इं. अनुभव, ई. प्रखर, प्रीथीका, सौम्या, अंशिका मांगीरीश,मानिक व अन्य उपस्थित रहे ।


ई. अनुभव कुमार


संस्था ने जरूरतमंदों को दी खाद सामग्री

प्राईम रोज़ शिक्षा संस्था ने ज़रुरतमन्दों को बाँटी खाद्ध सामाग्री


प्रयागराज। कोरोना वॉयरस के कारण घरों में क़ैद लोगों को राशन के खत्म होने पर शासन प्रशासन स्तर पर जहाँ पके हुए खाने के पैकेट ज़रुरतमन्दों तक पहुँचाए जा रहे हैं वहीं तमाम सामाजिक संगठनों की ओर से भी आँटा दाल चावल बिस्किट व फलों के पैकेट बाँटने में  इस वक़्त तमाम संस्थाएँ बढ़ चढ़ कर भाग ले कर गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल को सार्थक बनाने का प्रयास कर रही हैं।सामाजिक व धार्मिक संस्था उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै०मो०अस्करी ने ज़रुरतमन्दों को राहत पैकेट बाँटने वाली संस्थाओं के प्रति आभार जताते हुए बताया की प्राईम रोज़ शिक्षा संस्था ने कोरोना वॉयरस और लॉक डाऊन के कारण राशन पानी की समस्या से जूझ रहे ग़रीब,बेसहारा,रिक्शा चालक,झोपड़ी में रहने वालों,भीख मांग कर गुज़र बसर करने वालों,ठेला और खुमचा लगा कर जिविकोपार्जन करने वालों को प्रत्येक मोहल्लों में पहुँच कर आँटा,दाल,चावल,फल, सब्ज़ी,बिस्किट आदि खाद्ध सामाग्री का वित्रण किया।सिटी मजिस्ट्रेट ,सीओ प्रथम व सिओ द्वतिय के संरक्षण में प्राईम रोज़ शिक्षा संस्था के फरहान आलम,अकबर खान अपनी गाड़ी में तमाम तरहा की राहत सामाग्री भर कर एक एक मोहल्लों में जा रहे हैं और सभी ज़रुरतमन्दों की हर सम्भव मदद करने में शासन प्रशासन की मौजूदगी में प्रतिदिन राहत पैकेट बाँट रहे हैं।संस्था द्वारा करैली,करैला बाग़,अटाला,रसूलपुर,दरियाबाद,दायरा शाह अजमल,बख्शी बाज़ार,अकबरपुर आदि मोहल्लों मे ग़रीब परिवार को राहत पैकेट का वित्रण किया गया।अस्करी ने बताया की इस वक़्त जहाँ लोग अपने अपने घरों में क़ैद वाली ज़िन्दगी काट रहे हैं ।वही रोज़गार ठप होने से तमाम ऐसे लोग हैं जो प्रतिदिन छोटा मोटा काम कर अपने परिवार का पेट भरने को रोटी का जुगाड़ करते थे वह सभी इस वक़्त तमाम तरीक़े की परेशानी से घिरे हैं।ऐसे लोगों की मदद करना ही सब से बड़ा पुन्य है।इस वक़्त सब से बड़ी समस्या ग़रीबों और असहाय परिवार के लिए दो जून की रोटी का है ।शासन प्रशासन मुस्तैदी से डटा है वही स्वयंमसेवी संस्थाएँ भी लगातार सहयोग कर रही हैं।अभी भी कुछ ऐसे लोग भी हैं जो समाज के मध्यम परिवार से ताल्लूक़ रखते हैं और संकोच और इज़्ज़त को बचाए रखने के लिए किसी के आगे हाँथ नहीं फैला सकते लेकिन उनहे भी राशन पानी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।ऐसे लोगों तक खामोशी से राहत पहुँचाने की ज़रुरत है।


बृजेश केसरवानी


मेरठ में संक्रमितो की संख्या बढ़कर 13

मेरठ। मेरठ से इस वक्त की बड़ी खबर है। शहर में कोरोना वायरस के आठ नए मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। अब कोरोना वायरस के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। शहर में आज 50 संदिग्ध मरीजों में से 11 लोगों की जांच रिपोर्ट आ गई। इनमें आठ नए मरीज मिले हैं। वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर में कोरोना वायरस का प्रकोप और भी बढ़ सकता है। वहीं पाॅजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ने की भी आशंका है। अधिकारियों का कहना है कि खुर्जा के रहने वाले शख्स के महाराष्ट्र से आकर मेरठ में रहने के दौरान ये वायरस फैला है। सभी पाॅजिटिव मरीजों को अलग वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन के अनुसार आठ लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद जिन जिन इलाकों के ये मरीज हैं। उन्हें सील करने किया जाएगा। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि अभी 35 संदिग्ध लोगों की रिपोर्ट कल आएगी। वहीं शास्त्रीनगर के तीन किलोमीटर के इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है।


पैदल पलायन में सपा कर रही मदद

नोएडा। दिल्ली से कोरोना के खौफ में पलायन कर रहे मजदूरों और गरीबों की मदद के लिए समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पश्चिमी यूपी में जगह जगह मदद कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रांतीय नेता और अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के यूपी अध्यक्ष दिनेश गुर्जर भी रविवार को मजदूरों और बेबस लोगों की मदद के लिए सड़क पर रहे।


सपा के बड़े नेताओं में शुमार दिनेश गुर्जर अपनी टीम के साथ ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे, दादरी, परी चौक, सिकन्दराबाद बाईपास पेरिफेल एक्सप्रेस पर पहुंचे और लोगों को खाद्य सामग्री और किराये के रूपये दिए। दिनेश गुर्जर ने सैंकड़ों लोगों की मदद की और उनका दर्द सूना। दिनेश गुर्जर ने कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर सभी जिलों में सपाई मजबूर लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा से निपटने के लिए सभी एकजुट हैं। इस अवसर पर साजिद कुरैशी, विकास शर्मा, अमित शर्मा, अरुण कुमार, लखन सिंह, परमिंदर मावी, भरत कुमार आदि मौजूद रहे।


प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेंगे

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार सभी प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेगी और मूलभूत जरूरतें जैसे खाना पानी उपलब्ध कराएगी। वेबकास्ट के जरिये उन्होंने बताया कि ‘‘ शिव भोजन’’ योजना के तहत एक अप्रैल से 10 रुपये के बजाय पांच रुपये में खाना मिलेगा। ठाकरे ने बताया कि पूरे राज्य में पहले ही 163 केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं जहां पर प्रवासी मजदूरों को खाना और पानी मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य उनकी रक्षा करेगा और खाना मुहैया कराएगा लेकिन उन्हें अपने स्थानों को छोड़कर नहीं जाना चाहिए। मैं समझ सकता हूं कि वे चिंतित हैं लेकिन उन्हें नहीं जाना चाहिए। उन्हें संक्रमण के खतरे को बढ़ाने से बचना चाहिए।’


उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंदी लागू की गई है जिसकी वजह से कई मजदूरों के पास काम नहीं है और वे अपने पैतृक स्थानों को लौट रहे हैं। कई लोग पैदल अपने घरों की ओर जा रहे हैं जबकि कुछ राज्य से बाहर निकलने के लिए सामान के ट्रकों और ट्रैम्पों का सहारा ले रहे हैं लेकिन पुलिस जांच के दौरान पकड़े जा रहे हैं। इस बीच स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को बताया कि 12 नये मामलों के साथमहाराष्ट्र में कोरेाना वायरस संक्रमितों की संख्या 193 हो गई है।


अर्थी को मुसलमानों ने कंधा दिया

से इंकार कर दिया तो बेख़ौफ़ पडोसी मुसलमानो से सामने आकर न सिर्फ अर्थी को कन्धा देकर शमशान पहुँचाया बल्कि अंतिम संस्कार भी किया


बुलंदशहर। वायरल हुए वीडियो ने हिंदुस्तान में मोहब्बत की नई मिसाल पेश की है | कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल देखने को मिली है। यहां मुस्लिमों ने ऐसी मिसाल पेश की है जिसकी चर्चा पूरे क्षेेत्र में हो रही है। दरअसल यहां एक हिन्दू परिवार में वृद्ध का निधन हो गया। लॉकडाउन के चलते अर्थी को कंधा देने के लिए उनके परिवार का कोई नहीं था। जैसे ही यह बात आसपास क मुस्लिमों को पता चली वे पहुंच गए। उन लोगों ने अर्थी को ना केवल कंधा दिया बल्कि शम्शान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार भी कराया।


खबर के अनुसार बुलंदशहर के मोहल्ला आनंद विहार साठा निवासी रविशंकर का बीमारी के चलते शनिवार को निधन हो गया। मृतक के परिजनों ने रिश्तेदारों को सूचना दी, ताकि सभी लोग आ सके और मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सके। लॉकडाउन के चलते कोई भी आने में समर्थ नहीं हो सका। जब इसकी जानकारी आसपास रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों को मिली तो वह एकत्र हो गए। मुस्लिम समाज के लोगों ने राम नाम सत्य भी कहा। मुस्लिम समाज के बाबू खां, जाहिद अली प्रधान, मोहम्मद इकराम आदि लोगों ने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया, बल्कि शव को कालीनदी श्मशान घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार भी कराया। यह पूरा मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने मुस्लिम समाज के लोगों की सराहना की और इसे हिंदू मुस्लिम एकता के लिए एक सराहनीय कदम बताया।


कर्नाटक में इंदिरा कैंटीनो पर भी खतरा

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि कैंटीन में लोगों की विशाल भीड के कारण राज्य में संचालित इंदिरा कैंटीनों को बंद करना पड़ेगा।
सरकार का यह फैसला दो दिनों के बाद आया है जिसमे पहले कहा गया था कि कोरोनाइन के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन के मद्देनजर दैनिक मजदूरी करने वालों को कैंटीन में मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
येदियुरप्पा ने कहा, हमने पहले ही दो महीने का राशन और पेंशन देने की घोषणा की है। यह देखते हुए कि इसे कितनी भीड़ मिलती है, इंदिरा कैंटीन को खुला रखना असंभव है। गरीब और बेसहारा लोगों के लिए क्या किया जा सकता है, इस बारे में हम ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) के साथ चर्चा करेंगे।
सोमवार को, सीएम ने कहा था कि कैंटीन में गरीब लोगों को पूरे दिन मुफ्त भोजन परोसा जाएगा।
वर्तमान में, सब्सिडी वाले ‘इंदिरा कैंटीन’ ने 5 रुपये में नाश्ता और 10 रुपये की लागत से दोपहर और रात का भोजन परोसा जाता है।


नौएडा डीएम को 'योगी' की फटकार

अश्वनी उपाध्याय


ग़ाज़ियाबाद/नौएडा। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा जनपद गौतम गौतम बुध नगर में डीएम की लापरवाही पर बैठक की। समीक्षा बैठक में डीएम, सीएम योगी आदित्यनाथ को संतुष्ट नहीं कर पाए। योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी बीएन सिंह को कड़ी फटकार लगाते हुए, सफाई नए देने को कहा। सीएम योगी ने कहा यदि आप कर्तव्यनिष्ठा से अपने कार्य को करते तो जनपद में वायरस के मामले दिन-प्रतिदिन नही बढ़ते। आपकी लापरवाही की वजह से पूरे प्रदेश की जनता भय के साए में जी रही है। आप स्वयं निर्णय नहीं कर सकते हैं, बकवास करते हैं।


जिसके तुरंत बाद डीएम ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर 3 माह का अवकाश मांगा है। साथ में जनपद गौतम बुध नगर में कार्य न करने को भी लिखा है। योगी आदित्यनाथ की इस सख्त और जरूरी कार्रवाई के चलते कई अधिकारियों के ऊपर गाज गिरना बाकी है। आपकी जानकारी के लिए आपको बता देना चाहते हैं।


मंगलवार यानी कि आज सीएम योगी आदित्यनाथ जनपद ग़ाज़ियाबाद का निरीक्षण करेंगे। सबसे पहले सुबह 10 बजे संतोष मेडिकल कॉलेज ग़ाज़ियाबाद जाएंगे। 10:20 बजे कम्युनिटी किचन, कविनगर का निरीक्षण करेंगे। 10:35 कलेक्ट्रेट में COVID19 कंट्रोल रूम का करेंगे निरीक्षण।


जमीयत उलेमा ने राशन वितरण किया

इकबाल अंसारी 
गाजियाबाद/लोनी। लॉक डाउन में उत्पन्न हुई समस्याओं से सभी वर्ग अपने-अपने सामर्थ के अनुसार संघर्षरत है। सबसे बड़ा संकट वायरस का संक्रमण फैलने से रोकना और भूख अथवा अभावग्रस्त लोगों की सहायता करना है। इसके लिए सभी जिम्मेदार नागरिक अनेक प्रकार से संभव सहयोग कर रहे हैं। इसी के तहत लोनी नगर के सदर हाजी अब्दुल अजीज कुरैशी जमीयत उलेमा एवं महासचिव मौलाना फैजुद्दीन आरिफ के सहयोग से सैकड़ों जरूरतमंद लोगों को जरूरी सामान वितरित किया।


सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति सतर्क नहीं

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ


हापुड़। पुलिस विभिन्न स्थानों वह गली मोहल्लों में लोगों की सुरक्षा हेतु कोरोना संक्रमित वायरस से लोगों को बचाव के लिए अपनी ड्यूटी निर्वाह कर रही है और लोगों से आग्रह कर रही है कि बेवजह अपने घर से बाहर ना निकले। उसके बावजूद भी पब्लिक कोरोना संक्रमित घातक बीमारी को समझ नहीं पा रही है। कुछ लोग दवाई का बहाना, तो कुछ लोग बैंक से पैसे निकालने का बहाना बनाकर सड़कों पर देखे जा रहे हैं। और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के बहार देखने को मिला। वहां लोग बैंक से पैसा निकालने के लिए बिना दूरी बनाए हुए खड़े दिखाई दिए जबकि सरकार ने इस महामारी से बचने के लिए भारत को लॉक डाउन किया हुआ है। उसी कड़ी में मेरठ किराए पर यातायात पुलिस वसिविल पुलिस ने लॉक डाउन उल्लंघन करने पर पुलिस ने 10 बाइक सीज की  तथा कई के चालान भी काटे गए मेरा जनपद हापुड़ की जनता से अनुरोध है कि यदि कोई जरूरी काम नहीं है तो  घर से  बाहर  बिल्कुल ना निकले क्योंकि  हापुड़ के पड़ोसी  जनपदों मैं कोरोना संक्रमित वायरस तेजी से फैल रहा है। ईश्वर की कृपा से व हापुड़ पुलिस की कड़ी मेहनत करने से अभी हमारे हापुड़ में कोई भी  व्यक्ति कोरोना संक्रमित से पॉजिटिव नहीं मिला है।जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद में 510 लोगों की जांच  कराई जा चुकी है जो कि सभी नेगेटिव पाए गए हैं।


हर जिले में 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड

रायपुर। कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार सभी जिलों में 100 बिस्तर वाले आईसोलेशन वार्ड स्थापित किए जा रहे हैं। यह आईसोलेशन वार्ड जिला चिकित्सालय परिसर में उपयुक्त स्थान पर बनेंगे, जहां सिर्फ कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के इलाज की व्यवस्था होगी।


सभी जिला कलेक्टरों को इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने आज यहां राज्य स्तरीय कमाण्ड कंट्रोल सेन्टर में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में दी। बैठक में सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक श्री भुवनेश यादव, स्वास्थ्य संचालक श्री नीरज बंसोड,़ संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डाॅ. प्रियंका शुक्ला, डीएमई डाॅ. आदिले सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में सचिव श्रीमती सिंह ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति के साथ ही उनके परिजनों एवं सम्पर्क में आए लोगों के स्वास्थ्य के बारे में सर्विलेंस टीम के प्रभारी अधिकारियों से जानकारी ली। सचिव श्रीमती सिंह ने राज्य के जिला चिकित्सालयों में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सामग्री एवं वीटीएम किट की उपलब्धता के बारे में भी पूछताछ की। श्रीमती सिंह ने सर्विलेंस टीम के प्रभारी अधिकारी को होम कोरेन्टाइन में रखे गए लोगों की स्थिति पर भी निरंतर निगरानी रखने के निर्देश दिए।


डॉक्टर की अनुशंसा पर मिलेगी शराब

तिरुवंतपुरम। केरल में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आये हैं। यहां संक्रमण से तो एक ही मौत हुई, जबकि लॉकडाउन के चलते शराब नहीं मिलने पर कई लोगों ने जान दे दी। इसके बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि डॉक्टर्स की पर्ची के साथ लोग शराब खरीद सकते हैं।


शराब की इस जानलेवा लत को छुड़वाने के लिए राज्य सरकार ने राज्य में नशा मुक्ति केंद्र भी बनवाए हैं और लोगों से इन केंद्रों में अपना इलाज करवाने की अपील भी की थी। केरल मेंटल हेल्थ सर्वे, 2018 के अनुसार, लगभग 50 हजार पुरुष शराब से संबंधित समस्याओं से पीड़ित हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली (UDF) और BJP की बार-बार दलीलों के बावजूद, विजयन सरकार  ने बुधवार को मोदी के 21 दिन की लॉकडाउन की घोषणा के एक दिन बाद तक राज्य के पेय पदार्थ निगम की सभी दुकानों को खुली रखने का फैसला किया था। विजयन ने कहा कि सभी दुकानों के अचानक बंद होने से अन्य सामाजिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। हालांकि दूसरा बड़ा कारण यह है कि राजस्व का नुकसान हो रहा था। केरल के 14 जिलों में कुल 301 खुदरा शराब की दुकानें हैं, जिनमें से 265 केरल राज्य पेय निगम के अधीन हैं। एक मौत दिल का दौरा पड़ने से, एक मौत शेविंग लोशन का सेवन करने से और 7 मामले आत्महत्या के हैं। गौरतलब है कि दक्षिणी राज्य केरल में कोरोना संक्रमण के लगभग 200 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक इससे एक मौत भी हो चुकी है। लॉकडाउन में केरल में भी सभी होटल, बार और शराब की दुकानें बंद हो चुकी हैं जिससे वहां एक अलग ही ट्रेजडी देखने को मिल रही है। शराब न मिल पाने की वजह से आत्महत्या के मामलों में एक मामला त्रिसूर जिले के कोडंगलूर के 32 वर्षीय सुनील का है, जिसने नदी में कूदकर जान दे दी। पुलिस जांच में पता चला है कि शराब न मिल पाने की वजह से सुनील काफी परेशान हो गया था और वह देर रात घर से निकला और नदी में कूद गया। उसका शव त्रिसूर जिले के इरिनजलाकुडा से निकाला गया। दूसरा मामला 34 वर्षीय नौशाद का है जिसने शेविंग लोशन पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। वहीं कोल्लम के मुरलीधरन आचार्य की शराब न मिलने से हार्ट अटैक से मौत हो गयी। 46 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक इमारत से कूदकर जान देने की कोशिश की जिसका कोट्टायम के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक मामला 38 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर सनोज का भी है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के चलते शराब न मिल पाने से ही पेड़ से लटककर जान दे दी।


मास्क-सैनिटाइजर की कालाबाजारी रोके

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सभी जिलों के कलेक्टरों को हैंड सेनेटाइजर, मास्क सहित जरूरी चीजों की कालाबाजारी पर रोक लगाने और बाज़ार में आसानी से उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं। रायपुर की लॉ स्टूडेंट ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर हैंड सैनिटाइजर व फेस मास्क की उपलब्धता को लेकर हाईकोर्ट को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मामले को पी आई एल के रूप में स्वीकार किया था।


मामले पर सुनवाई करते हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और सभी जिलों के कलेक्टरों को हैंड सेनेटाइजर, मास्क सहित ज़रूरी चीज़ो की कालाबाजारी पर रोक लगाने और बाज़ार में आसानी से उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं। दरअसल, रायपुर की लॉ स्टूडेंट ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर हैंड सैनिटाइजर व फेस मास्क की उपलब्धता को लेकर हाईकोर्ट को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मामले को पीआईएल के रूप में स्वीकार किया था। सोमवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार सहित जिलों के कलेक्टरों से इस मामले में गंभीरता बरतने और जरूरी सामानों को आसानी से उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। इसके साथ कोर्ट ने कहा है कि जो बच्चे बाल सुधार ग्रहों में बंद हैं, उनका जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सुरक्षा का खास खयाल रखा जाए। उन्हें मास्क व हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने जिन मामलों की सुनवाई पर अंतरिम स्थगन का आदेश 14 अप्रैल तक जारी किया था, उनकी अवधि 15 मई तक बढ़ा दी है। पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच द्वारा कि गई। पूरे मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई।


300 बसों से 15 हजार आए उत्तर-प्रदेश

नई दिल्ली। लॉकडाउन के ऐलान के बाद से ही दिल्ली में काम करने वाले लोग अपने राज्यों की ओर जाने लगे थे। लेकिन, शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पैदल आ रहे लोगों को उनके गांवों और शहरों तक पहुंचाने की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद दिल्ली से हजारों लोग शनिवार शाम अपने घरों से निकलने लगे। लोगों को लगा कि वे बसों से घरों तक आसानी से पहुंच जाएंगे। नतीजा यह हुआ कि आनंद विहार अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर शनिवार रात 15 से 20 हजार लोग इकट्ठा हो गए थे। लोगों को तो परेशानी हो ही रही थी, पर इतनी भीड़ देखकर प्रशासन के भी हाथ-पैर फूल गए।


लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शनिवार रात से ही लोगों को डीटीसी की बसों से उत्तर प्रदेश बॉर्डर से लगने वाले लाल कुंआ इलाके के पास छोड़ना शुरू किया। इसके लिए लगभग 600 बसें लगाई गईं। केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट बस संचालकों से भी बात कर करीब 300 बसें हायर की हैं। ये बसें सुबह 6 बजे से गोरखपुर, आगरा, एटा, इलाहाबाद, लखनऊ जैसे शहरों में मुसाफिरों को पहुंचाने में लग गईं।


रविवार को भी सुबह से ही दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लोग आनंद विहार अंतरराज्यीय बस टर्मिनल आने लगे। दिल्ली पुलिस बैरिकेड लगाकर इन लोगों को यहां आने से रोक रही है। इन्हें अपने वर्तमान ठिकानों पर लौटने के लिए कहा जा रहा है। कुछ लोग लौट भी रहे हैं, लेकिन अभी भी करीब 500 के आसपास लोग यहां खड़े हैं। दिल्ली पुलिस, प्रशासन के साथ ही एनडीआरएफ, दिल्ली नागरिक सुरक्षा की टीम यहां मौजूद है। ये तमाम लोग यहां व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।बस टर्मिनल पर इकट्ठा हो रहे लोगों को पुलिस जवान लगातार समझाइश दे रहे हैं। लोगों को समझाया जा रहा है कि ‘आप लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सभी के लिए उचित व्यवस्था की गई है।’ इन्हें मास्क लगाने और एक-दूसरे से दूर-दूर खड़े रहने के लिए भी लगातार कहा जा रहा है। एनडीआरएफ की टीमें यहां लोगों के हैंड सेनिटाइज करने के काम में भी लगातार जुटी हुई हैं।


कच्चा तेल पहुंचा 20 डॉलर प्रति बैरल

नई दिल्ली। कोरोनावायरस से लॉकडाउन के हालात ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। इस महामारी के रोज फैलने की खबरों के बीच अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें 20 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई हैं। पिछले 18 वर्षों में अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें इतनी नीचे आई हैं। दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार 14 दिन से कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि राज्य में चलने वाले ईंधन खुदरा विक्रेता रोजाना सुबह 6 बजे कीमतों की समीक्षा करते हैं, लेकिन लगभग 14 दिनों से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस महीने ईंधन की दरें 2 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा सस्ती हो गई हैं।


तेल खुदरा विक्रेताओं IOC, HPCL और BPCL ने ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि के दौरान देश में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक है।उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगातार सोशल डिस्टेंसिंग के दिशानिर्देशों पर जोर दे रहे हैं। इससे नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले कई तेल उत्पादक इस बिजनेस से बाहर हो सकते हैं। भारत अमेरिका से एलएनजी और कच्चा तेल का आयात करता है। भारतीय कंपनियों ने अमेरिकी शेल गैस संपत्ति में 4 अरब डॉलर का निवेश किया है।


कच्चे तेल की कीमतें नीचे आने के बीच वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) सोमवार को 20.51 डॉलर प्रति बैरल के हाल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट 26.86 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, यह जुलाई 2008 के 147 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर से नीचे था। गोल्डमैन सैच्स का अनुमान है कि कच्चा तेल 20 डॉलर प्रति बैरल के निशान को छू सकता है।हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत जैसे प्रमुख उपभोक्ताओं को लाभ है, लेकिन भारतीय रिफाइनर्स ने भी अपने उत्पादन को धीमा कर दिया है और पश्चिम एशियाई उत्पादकों से कच्चे तेल की खरीद पर ज्यादा फोकस करने की घोषणा की है। क्योंकि भारत में लॉकडाउन की वजह से परिवहन ईंधन की मांग लगातार कम हो रही है। COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत ने तीन सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा की है जिससे कि देश में घरेलू रसोई गैस की मांग में वृद्धि हो गई है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल खरीदार और चौथा सबसे बड़ा LNG आयातक है।


महाराष्ट्र में 8 की मौत, हालात बिगड़े

नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस के चलते हालात बिगड़ते जा रहे हैं। रविवार को पांच और मौतें हो गईं। मुंबई में 40 साल की महिला की जान चली गई। वह हाईपरटेंशन की मरीज भी थी। इसके अलावा राज्य के बुलढाणा में भी 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत संक्रमण के चलते हुई थी। इन्हें पहले निमोनिया की शिकायत बताई गई थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रविवार को आई रिपोर्ट में पता चला कि वे कोरोना से संक्रमित थे।


रविवार को अहमदाबाद में 45 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। यह पहले से डायबिटीज से पीड़ित था। गुजरात में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 5 पर पहुंच गया है। जम्मू-कश्मीर में भी संक्रमण से 62 साल के व्यक्ति की जान चली गई। वह तंगमार्ग का रहने वाला था। डॉक्टर के मुताबिक उसे लीवर से जुड़ी बीमारी थी। इसके साथ राज्य में मरने वालों की तादाद 2 हो गई है। वहीं, पंजाब में रविवार को कोरोनावायरस से दूसरी मौत हुई। अमृतसर में 62 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ दिया।


महाराष्ट्र में 8 लोगों की जान गई


महाराष्ट्र में कोरोना से अब तक 8 लोगों की जान गई। राज्य में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के चलते मौतें हुईं। शनिवार को यहां संक्रमण से 4 मौतें हुई थीं। शनिवार को केरल के कोच्चि में 69 साल के बुजुर्ग की मौत हुई। यह राज्य में संक्रमण से मौत का पहला मामला है। तेलंगाना में भी इसी दिन संक्रमण के चलते पहली मौत हुई थी।10 हजार नए वेंटिलेटर खरीदने का फैसला गुरुवार को देश के अलग-अलग राज्यों में 7 संक्रमितों की जान गई थी। इनमें से दो सिर्फ राजस्थान के भीलवाड़ा में थीं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया था- ‘‘वेंटिलेटर की कमी दूर करने के लिए 10 हजार नए वेंटिलेटर खरीदने का फैसला लिया गया है। साथ ही सरकारी उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से 30 हजार वेंटिलेटर तैयार करने को कहा गया है।


पेट्रोल की बिक्री में 90 फीसदी गिरावट

नई दिल्ली। लाॅकडाउन का सबसे बुरा असर पेट्रोल पंपाें पर पड़ रहा है। इनकी बिक्री 90% तक घट गई है। दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमत गिरना और मांग में कमी को सरकार के लिए राहत की बात माना जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर लॉकडाउन जून तक चला तो सरकार का तेल अायात बिल 25 से 30% तक कम हाे सकता है। यानी करीब दो लाख करोड़ रुपए बचेंगे।


ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) के अध्यक्ष अजय बंसल और सचिव गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि देश में सरकारी कंपनियों के 68 हजार, निजी कंपनियों के 10 हजार पेट्रोल पंप हैं। अाम दिनों में राेजाना औसतन 32.5 करोड़ लीटर डीजल, 10 करोड़ लीटर पेट्रोल बिकता है। अब लॉकडाउन से बिक्री 10% ही बची है। ऑइल एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने बताया कि देश में कुल खपत का 86% तेल आयात होता है। लाॅकडाउन जब खत्म होगा तो डिमांड 4 से 6 हफ्ते में 10% बढ़ जाएगी। वहीं, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि अभी मांग घटने के साथ क्रूड ऑइल के दाम घटकर 27 डॉलर प्रति बैरल पर हैं। देश में 2018-19 में आॅइल इंपोर्ट 112 अरब डॉलर (7.83 लाख करोड़ रु.) था। अगर लॉकडाउन जून तक चले तो इससे इंपोर्ट बिल 25-30% घट सकता है। यानी करीब 2 लाख करोड़ रुपए की बचत हो सकती है। नुकसान: बिक्री गिरने से रोजाना 750 करोड़ रु. का राजस्व गंवा रहे। क्रूड ऑइल के इंपोर्ट बिल में बड़ा फायदा होने के साथ ही सरकार को िबक्री 90% घटने से एक्साइज ड्यूटी का नुकसान भी हो रहा है। केंद्र डीजल पर प्रतिलीटर 18.83 रुपए और पेट्रोल पर 22.98 रुपए एक्साइज ड्यूटी लेता है। इस हिसाब से डीजल पर उसे रोजाना करीब 550 करोड़ रुपए और पेट्रोल पर करीब 206 करोड़ रुपए का नुकसान रहा है। जबकि राज्य सरकारों को भी वैट के रूप में मिलने वाले राजस्व का नुकसान अलग से हो रहा है। आईओसी का भराेसा- डीजल-पेट्रोल रसोई गैस का देश में पर्याप्त स्टाॅक है।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑइल (आईओसी) ने कहा है कि देश में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि हमारे पास पेट्रोल-डीजल और एलपीजी का इतना स्टॉक उपलब्ध है कि पूरे अप्रैल प्रत्येक ग्राहक को आपूर्ति के बाद भी खत्म नहीं होगा। हमारे सभी एलपीजी बॉटलिंग प्लांट क्षमता से ज्यादा काम कर रहे हैं।


अंबाला से सोनीपत पहुंचा छोटा बच्चा

सोनीपत। कोरोना कोविड-19 के दौरान किए गए। लॉकडाउन के दौरान कुछ प्रवासी श्रमिक अपने घरों के लिए निकल लिए। इसी दौरान एक दस वर्षीय बच्चा अपने परिजनों से बिछड़ गया।


इस बच्चे को सोनीपत में जिला बाल कल्याण सोसायटी द्वारा रेस्क्यू किया गया और खाना खिलाकर इसके परिजनों की तलाश की गई। एक बच्चा गोलू अंबाला से अपने परिजनों की तलाश में पैदल निकल लिया। सोनीपत में प्रशासनिक अधिकारियों को यह बच्चा लावारिश हालत में मिला। चाईल्ड हैल्पलाईन की सूचना के बाद इस बच्चे को रात को रैन बसेरे में रखा गया और खाना खिलाया गया। इसके बाद इसके परिजनों की तलाश कर टीकरी बार्डर इस बच्चे को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया।


विधिवत जांच और क्वॉरेंटाइन के साथ

कोरोना वायरस पर जिला प्रशासन का प्रेसनोट


अयोध्या। अभी तक जनपद में कोरोना वायरस का एक भी केस पॉजिटिव नहीं पाया गया है। जिला प्रशासन का यह पूरा प्रयास होगा आगे भी यह रिकॉर्ड कायम रहे। जिला प्रशासन ,पुलिस प्रशासन के लोग सतर्क दृष्टि बनाए हुए हैं। जनपद में अन्य राज्यों से कार्य करने वाले प्रदेश के निवासी आ रहे हैं, उन सभी की विधिवत जांच कराने के साथ उन्हें क्वॉरटाइन किया जा रहा है।


उक्त जानकारी देते  हुए जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि जनपद में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की सूची बनाई जा रही है तथा उनकी सतत निगरानी  भी की जा रही है। किसी को घबराने और परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि जनपद वासियों का विगत 1 सप्ताह से मिले सहयोग का परिणाम है ,कि अभी तक जनपद में संक्रमण का कोई भी केस सामने नहीं आया है। जिला प्रशासन को जनपद वासियों  पर पूरा भरोसा है ,वे इसी तरह आगे भी सहयोग प्रदान करेंगे । जिला मजिस्ट्रेट ने आगे बताया कि संपूर्ण जनपद कि 95 से 98% जिला प्रशासन का पूरा सहयोग कर रही है ।हर क्षेत्र में कतिपय लोग लॉक डाउन के नियम को तोड़ रहे हैं ,ऐसे में नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी को सख्त कदम उठाने के निर्देश दे दिए गए हैं। जिसमें  अनाधिकृत रूप से दुकान खोलने, सड़क के किनारे पटरी पर सब्जी एवं फलों की दुकान लगाने के साथ अनावश्यक रूप से पैदल एवं वाहनों से बाहर निकलने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। लॉकडाउन के दौरान उन्हीं को छूट रहेगी जिनके लिए अलग से आदेश जारी किए गए हैं  जिला मजिस्ट्रेट ने आगे बताया कि जिला प्रशासन तहसील प्रशासन तथा पुलिस के लोग हर क्षेत्र में खाद्यान्न दूध दवा पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैंहर स्थल हर सामग्री की होम डिलेबरी हो रही है। लॉक डाउन के नियम को तोड़ने वालों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी ।प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज की जा सकती है



 जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि कोरोना वायरस से हर स्तर पर हर व्यक्ति ,शासन, व प्रशासन ,हर कोई जंग लड़ रहा है ।शासन एवम  जिला प्रशासन नागरिक सुविधाओं सहित रोजमर्रा की वस्तुएं दूध दवा रसद को घर -घर पहुंचाने का कार्य सफलतापूर्वक कर रही है। इस बीच शासन द्वारा  गरीब तबकों श्रमिक व मजदूरों, दिहाड़ी कामगारों को तात्कालिक सहायता प्रदान करने के दृष्टिकोण से धनराशि उनके खाते में सीधे जमा कराई जा रही है, साथ ही  संक्रमित  एवं  संदेहास्पद मरीजों  का निशुल्क  इलाज की व्यवस्था के साथ  उनके रहने  एवं  स्वास्थ्यवर्धक  भोजन  पानी की  व्यवस्था  भी कराई जा रही है ।ऐसे बहुत से लोग हैं जो स्वेच्छा से कोरोना वायरस की इस लड़ाई में अपना तन मन व धन से सहयोग प्रदान कर सामाजिक कर्तव्यों को निभाना चाहते हैं ।उक्त बाते जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने प्रेस/ मीडिया के मध्य करते हुए ऐसे सभी सामाजिक लोगों से अपील की है कि वे अपनी सहायता राशि मुख्यमंत्री पीड़ित सहायता कोष में जमा करा सकते हैं। उक्त कोष का खाता सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा सीबीआई कैंट रोड लखनऊमें है जिसका खाता संख्या              1378820696 IFSC कोड़ CBIN0281571 ब्रांच कोड   281571 है। लोग उक्त खाते में स्वेच्छा से दी जाने वाली राशि जमा करा सकते हैं। जिला मजिस्ट्रेट  श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि जनपद में प्रचलित राशन कार्ड धारकों में से पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों में सम्मिलित मनरेगा जॉब कार्ड धारक, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक ,दिहाड़ी मजदूर जो नगर निकाय विभाग में पंजीकृत हो, को एक माह का निशुल्क राशन उपलब्ध कराए जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है ।जिला मजिस्ट्रेट ने आगे बताया कि उपरोक्त के अतिरिक्त ऐसे दिहाड़ी मजदूर जिनके पास राशन कार्ड नहीं है ,का पात्रता के अनुसार उनका राशन कार्ड बनाया जाना है ।और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्राप्त खाद्यान्न उक्त माह  में उपलब्ध होने की स्थिति में नए राशन कार्ड धारकों को अनुमन्य खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि इस संबंध में सभी उप जिलाधिकारियों को पूर्व में 25 मार्च को ही आवश्यक   समस्त कार्रवाई समय से पूर्ण करने हेतु आदेश  जारी कर दिए गयेहै। साथ ही प्रत्येक उचित दुकान पर खाद्यान्न वितरण हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त करने वह संबंधित  विभागों से इन लाभार्थियों की सूची उचित दर विक्रेतावार प्राप्त कर उचित दर दुकानों को शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए है। खाद्यान्न वितरण के रिकॉर्ड हेतु चार प्रारूप उचित दर के दुकानदारों को भेज दिया गया है।जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारीको व्यक्तिगत रूप से रुचि लेकर नोडल अधिकारियों का सघन पर्यवेक्षण करते हुए त्रुटि रहित खाद्यान्न वितरण कराना सुनिश्चित करेंगे तथा वितरण की सत्यापित सूची संकलित कर जिला पूर्ति अधिकारी श्री सोमनाथ यादव के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे। जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित   महामारी कोविड  19  के  परिपेक्षय में असंगठित क्षेत्रों के मजदूर व श्रमिकों को तात्कालिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने हेतु स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फंड  से 3 करोड रुपए का शासन द्वारा जनपद आयोध्या को आवंटित किया गया है। जिसमें से  एक करोड़ 8लाख  रुपए की धनराशि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों एवं श्रमिकों को ₹1000  प्रति व्यक्ति की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु नगर आयुक्त नगर निगम अयोध्या को आवंटित कर दी गई है। जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुज कुमार झा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान खाद्य पदार्थों की उचित मूल्य पर बिक्री करने हेतु खाद्यान्न फलों एवं सब्जियों कुल 36 पदार्थों के मूल्य जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित कर दिया गया है। ताकि कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने बताया कि फुटकर में गेहूं 22 से ₹24 आटा ₹27  से 29 दाल अरहर 90 से ₹100 छिलका देसी अरहर दाल  ₹80 चना दाल 65 से ₹70 चना खड़ा 62 से ₹65 मूंग दाल 105 से ₹110 मसूर दाल 63 से ₹ 66 चावल का मन 25 से ₹28 चीनी ₹38 सरसों तेल 105 से ₹112 रिफाइंड आयल फार्च्यून ₹105 नेचर फ्रेश ₹100 डालडा ₹90 नमक सेंधा 38 से ₹40 मटर दाल 65 से ₹70  प्रति किलो निर्धारित किया गया है ।जबकि नमक ,पराग दूध पैकेट, माचिस व एलपीजी गैस एमआरपी या कंपनी द्वारा निर्धारित मूल्य पर बिक्री की जाएगी। फल एवं सब्जियों में आलू  26 से ₹28 प्याज 28 से ₹30 लहसुन 80 से 85 टमाटर 25 से ₹28 ,हरा मिर्च 40 से ₹45 ,गोभी 20 से ₹22 बैगन 20 से ₹22 लोकी  23 से ₹25 कद्दू 20 से 22 रुपये करेला 30 से ₹32 अदरक 55 से ₹60 नींबू 45 से ₹50 नारंगी 40 से ₹42 प्रति किलो, केला ₹50 प्रति दर्जन अनार  65 से ₹70 पपीता 43 से ₹50 सेब 100 से 110 अंगूर 75 से ₹80 प्रति किलो निर्धारित किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि  यदि कोई विक्रेता या दुकानदार अधिक दर पर बिक्री करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट,व भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाएगी।


नमाज पढ़ने गए 8 लोग गिरफ्तार

मस्जिद में एक साथ नमाज पढ़ने गए 8 लोग गिरफ्तार
               
अयोध्या। अयोध्या जिले में लॉक डाउन नियम तोड़ने वाले लोगों पर पटरंगा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। 
मना करने के बावजूद नमाज के लिए मस्जिद पर भीड़ लगाने वाले आठ लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।


पुलिस का कहना है कि मना करने के बावजूद मखदूमपुर गांव के कुछ लोग समूह बनाकर मस्जिद के बाहर इकट्ठा थे।पटरंगा थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह पुलिस बल के साथ लाकडाउन के पालन के लिए गश्त पर निकले थे। इसी दौरान मखदूमपुर के समीप एक मस्जिद से दर्जन भर लोग समूह बनाकर निकल रहे थे। पुलिस टीम को देखकर यह लोग मौके से भागे लेकिन इतने में पुलिस ने आठ लोगों को पकड़ लिया। एसओ संतोष कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आठों व्यक्ति के विरुद्ध धारा-3 महामारी अधिनियम 1897 व धारा-51 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत धारा 269, 271 व 188 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है।


लॉक डाउनः घूमने पर 14 दिन एकांतवास

नैनीताल। केंद्र सरकार के आदेशों एवं प्रदेश के मुख्य सचिव के निर्देशों के क्रम में डीएम सविन बंसल ने आदेश दिये है कि कोई भी व्यक्ति जनपद की सीमा से बाहर नही जायेगा। जो व्यक्ति जहां पर है वही रुका रहेगा। इसके साथ ही डीएम ने यह भी कहा है कि यदि कोई व्यक्ति इस दौरान अनाधिकृत रूप से जिले की सीमा मे प्रवेश करते तथा घूमते हुये पाया गया तो ऐसे लोगों को 14 दिन के कोरेन्टाइन यानी एकांतवास में रखा जायेगा। साथ ही ऐसे लोगों के विरुद्व भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा।


डीएम बंसल ने आदेश दिये है कि किसी उद्योग, दुकान व वाणिज्यिक संस्थान में कार्य करने वाले समस्त कार्मिको के वेतन का भुगतान नियत तिथि को बगैर किसी कटौती के उनके कार्य स्थल पर ही किया जायेगा। किराये पर रहने वाले श्रमिकांे, मजदूरों व छात्रों से मकान मालिकों के द्वारा एक माह तक किराये की मांग नहीं की जायेगी और ना ही उन्हें आवास, कमरा खाली करने हेतु बाध्य किया जायेगा। इस दौरान फंसे श्रमिकों को उसी स्थान पर रहने, खाने आदि की समस्त व्यवस्था संबंधित उद्योग स्वामी, संस्थान कम्पनी अथवा ठेकेदार को अनिवार्य रूप से करनी होगी। डीएम ने आदेश में कहा है कि इन आदेशों का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 एवं महामारी अधिनियम 1897 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। श्रमिक किसी भी प्रकार की समस्या होने पर हेल्प लाइन नंबर-1077 और 112 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है जिस पर तत्काल प्रशासन व पुलिस द्वारा कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। निर्देश दिये कि लॉकडाउन मे किसी भी प्रकार की शिथिलता ना बरती जाए। उन्हांेने सभी को ड्यूटी अवधि में सामाजिक दूरी का स्वयं पालन करते हुये अनुपालन कराने के निर्देश भी दिये हैं।


कांग्रेस ने 'नियंत्रण कक्ष' किया स्थापित

नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस को लेकर मानवीय मदद के लिए राज्य संगठनों के साथ समन्वय के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। के.सी. वेणुगोपापल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, “कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड-2019 से संबंधित सभी मामलों पर समन्वय के मकसद से एआईसीसी में ‘केंद्रीय नियंत्रण कक्ष’ की स्थापना को मंजूरी दी है, जिसमें सांसद राजीव साटव, पूर्व विधायक देवेंद्र यादव और एआईसीसी के सचिव मनीष चतरथ शामिल हैं।”


पार्टी ने कहा कि राज्य समितियां वायरस के प्रसार पर जमीनी स्थिति के आधार पर केंद्रीय नियंत्रण कक्ष को दैनिक रूप से अपडेट करेंगी, साथ ही राज्य सरकारों की चिकित्सा तैयारियों के साथ-साथ पार्टी और राज्य एजेंसियों द्वारा राहत कार्य के बारे में भी अपडेट करेंगी। विज्ञप्ति में कहा गया, “नियंत्रण कक्ष, एआईसीसी के महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल के मार्गदर्शन और निगरानी के तहत कार्य करेगा।” एआईसीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नियंत्रण कक्ष की स्थापना का सुझाव दिल्ली में राज्य के नेताओं ने राज्यों के साथ प्रयासों के समन्वय के लिए शनिवार को दिया था, और इस बात पर भी जोर दिया और सुझाव दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष को पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता के साथ नियमित आधार पर बातचीत करने की आवश्यकता है।


वायरस से खतरनाक, ये अफरा-तफरी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है। इस बीच कोरोना से युद्ध स्तर की लड़ाई लड़ रही केंद्र और राज्य सरकारों के लिए मजदूरों के पलायन का मामला मुसीबत बन गया है। मुजदूरों के पलायन के मामले पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों का पलायन रोकना ही होगा।


दिल्ली से पलायन कर रहे मजदूरों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि कोरोना के वायरस से ज्यादा खतरा लोगों में भय और अफरातफरी के माहौल का है। कोर्ट ने कहा कि हम इस याचिका को विरोधात्मक नहीं मान रहे। लेकिन इस याचिका का इस तरह से प्रचार नहीं होना चाहिए कि कोर्ट पलायन को अनुमति देने के लिए कोई तरीका निकालेगा। पलायन को रोकना ही होगा। इसपर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।बता देंकि याचिका में पलायन कर रहे मजदूरों को भोजन और मेडिकल सुविधा मुहैया करवाए जाने की मांग की गई है। साथ ही सबको तुरंत सरकारी इमारतों में आश्रय देने की मांग भी याचिका में की गई है।


यूपी सरकार ने दिए ग्राम प्रधानो को निर्देश

यूपी सरकार ने दिए ग्राम प्रधानो को सख्त निर्देश अनुपालन न होने पर होगी कार्यवाही


कोरोना के बचाव के लिये निभानी होगी महत्वपूर्ण भूमिका।


प्रयागराज। 1-ग्राम सभा मे आने वाले ग्राम के बाहर कार्य करने वालो पर रक्खें नजर, बाहर से घर वापस आने वालो की सूची बनाकर प्रशासन को कराये अवगत। 2-गाँव से कोई बाहर अपनी रिस्तेदारी में नही जायेगा और न ही कोई अपने रिस्तेदार को बुलायेगा। 3-कोई भी व्यक्ति सामूहिक रूप से नही बैठेगा, एक दूसरे के घर, दरवाजे पर नही जायेगा। सिर्फ अपने परिवार के साथ रहेगा। 4-गाँव मे किसी भी प्रकार बच्चों का खेल जैसे क्रिकेट, लकड़ी,तास,गुल्ली डंडा या जिसमे दो लोग से अधिक हो पूर्णतः प्रतिबंधित है। 5-कही पर भी दो लोग से अधिक व्यक्ति न खड़े हो। बच्चों को, और खुद व्यक्ति अधिक समय तक अपने घर रहें, बच्चों को बाहर न टहलने दे। 6-अनावश्यक रूप से अधिक बाहर न निकले,और न ही बेवजह शहर की ऒर जाये। 7-एक दूसरे के गाँव मे कोई व्यक्ति न जाये और न अपने गाँव मे आने दे। 8-किसी भी फेरी वाले को अपने गाँव मे न आने दे। 9-सभी प्रकार के भीड़ वाले कार्यक्रम सामाजिक, धार्मिक,सांस्कृतिक, माँगलिक कार्यक्रम प्रतिबंधित है,अतः शादी,तिलक,मुंडन,भगवत कथा आदि जैसे कार्यक्रम स्थगित रहेगें।10- लोगो को हाथो की सफाई व मुँह को ढक कर रहने के प्रति जागरूक करते रहना है। 11-कोरोना एक महामारी है , जो की छुआ छूत से बढ़ती जाती है, गाँवो मे बाहर से आ रहे लोगो से इस बीमारी को गाँवो मे फैलने का खतरा अधिक बढ़ गया है, जो की बाद मे रोक पाना संभव  नही है। अतः सावधान रहें। सभी प्रधानो से अनुरोध है की अपने गाँव के लोगो पर नजर रक्खें, और जनता को जागरूक करें। बचाव मात्र ही उपाय है,वरना भयावत स्थति उत्पन्न हो सकती है। ग्राम वासियो द्वारा सहयोग न करने या किसी भी प्रकार की दिक्कत के लिये  स्थानीय उपजिलाधिकारी को तत्काल सूचित करें।


बृजेश केसरवानी


ऋचा सिंह समेत 4 के खिलाफ मुकदमा

लाकडाऊन: अफवाह फैलाने के आरोप में ऋचा सिंह समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज


बृजेश केसरवानी 


प्रयागराज। थाना कर्नलगंज पुलिस ने रविवार को अफवाह फैलाने के आरोप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इनके खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन और आईटी एक्ट की धारा लगी है। आरोप है कि इनके मैसेज के कारण बस अड्डे पर लोगों का जमावड़ा लग गया था।
पुलिस ने बताया कि ऋचा सिंह, नेहा, अखिलेश और अदनान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर आरोप है कि शनिवार को फेसबुक और दूसरी सोशल साइट पर लिखा था कि रविवार सुबह 6 बजे आजमगढ़ और अन्य जिलों में जाने के लिए बस मिलेगी। इसके बाद छात्र और अन्य लोग सिविल लाइन बस अड्डे पर पहुंचने लगे। लॉकडाउन से शहर में फंसे ये लोग अपने घर पहुंचना चाहते थे। शनिवार देर रात जब मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो मीडिया सेल के माध्यम से इसका खंडन किया गया, लेकिन रविवार सुबह लोग बस अड्डे पर जुट गए। लॉकडाउन में बाहर निकलने से बचने की बजाय लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस अधिकारियों के आदेश पर कर्नलगंज पुलिस ने इन चारों के खिलाफ़ करवाई की। बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने फेसबुक पर लिखा था, उन्होंने सॉरी बोलने के बाद उसे डिलीट भी कर दिया।


मंडलायुक्त-आईजी ने किया मंडल भ्रमण

मण्डलायुक्त ने पुलिस महानिरीक्षक के साथ जनपद कौशाम्बी का किया भ्रमण


मण्डलायुक्त एवं आईजी ने कोरोना संक्रमण से बचाव, रोकथाम व तैयारियों की समीक्षा की आमजन तक आवश्यक वस्तुओं की सुगमता से उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय-मण्डलायुक्त


’लॉकडाउन का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये-मण्डलायुक्त लोगों को जागरूक के ने के साथ उनकी मदद भी करें पुलिस-आईजी


प्रयागराज। मण्डलायुक्त आर0 रमेश कुमार एवं आईजी  के0पी0सिंह ने शनिवार को जनपद कौशाम्बी भ्रमण कार्यक्रम के दौरान कलेक्ट्रेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में बैठक करते हुए “कोरोना वायरस” के संक्रमण से बचाव, रोकथाम व आमजन मानस तक आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराये जानें के संबंध में की जा रही कार्रवाइयों एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मण्डलायुक्त ने कहा कि लॉकडाउन का पूरी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये, कोई भी व्यक्ति बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन बहुत ही आवश्यक है। मण्डलायुक्त ने कहा कि लॉकडाउन के समय तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रत्येक घर तक हो इसकी समुचित व्यवस्था हमारा दायित्व है। उन्होने कहा कि किसी भी दशा में वस्तुओं की कालाबाजारी न हो एवं निर्धारित मूल्य से ज्यादा मूल्य पर वस्तुओं की बिक्री न होने पाये इसका निरन्तर अनुश्रवण किया जाता रहे। कालाबाजारी करने वालों एवं निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर सामानों की बिक्री करने वाले लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। मण्डलायुक्त ने सभी उप जिलाधकारियों तथा सेक्टर मजिस्ट्रेटों को निरन्तर भ्रमणशील रहकर आवश्यक व्यवस्थाओं का अनुश्रवण करते रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कन्ट्रोल रूम पर ड्यूटी कर रहे प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी निरन्तर उपस्थित रहें तथा लोगों के द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी या शिकायत दिये जाने पर तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने लाग बुक में की गई कार्रवाई का अंकन करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों पर कड़ी निगाह रखी जाये तथा आने वाले लोगो की सूचना पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां पहुंचकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करें। उन्होने कहा कि ऐसे लोगों को इस बात के लिए प्रेरित भी किया जाये कि वे अपने घर में भी 14 दिन तक अलग रहें। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सभी लोग मिलकर पूरी सतर्कता एवं जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्यों का निर्वहन करें। लोगों को निरन्तर प्रेरित किया जाये कि वे घर से बाहर न निकलें, बचाव ही इसका सबसे सही उपचार है। मण्डलायुक्त ने जिला पंचायत राज अधिकारी तथा अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायतों को ग्रामीण क्षेत्रों, कस्बों एवं मोहल्लों में साफ-सफाई की निरन्तर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने एवं कीटनाशक दवाओं का छिड़काव एवं फॉगिंग की कार्रवाई भी नियमित रूप से कराये जाने के लिए कहा है। मण्डलायुक्त ने पंजीकृत श्रमिकों के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए सरकार द्वारा दी जा रही 1000 हजार रूपये की धनराशि तत्काल उनके खाते में प्रेषित कराये जाने का निर्देश दिया है साथ ही साथ उन्होनें अन्य श्रमिकों के लिए भी सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं से लाभावन्वित कराये जाने का निर्देश दिया है। आई0जी0  के0पी0 सिंह ने कहा कि लॉकडाउन का पूर्ण रूप से अनुपालन सुनिश्चित हो एवं पुलिस सहयोगात्मक रूप में लोगों की यथासम्भव मदद करें साथ ही साथ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कराने में सहयोग प्रदान करें। उन्होनें कहा कि कोरोना वायरस के बारे में निरन्तर जन जागरूकता अभियान चलता रहें। उन्होंने कहा कि गाडियों पर लाउडस्पीकर की व्यवस्था रहे, जिसके द्वारा कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जानकारी दी जाती रहे।


इस अवसर पर जिलाधिकारी  मनीष कुमार वर्मा ने मण्डलायुक्त एवं आईजी महोदय को आश्वस्त करते हुए कहा कि दिये गये दिशा निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा, लॉकडाउन का पूरी प्रतिबद्धता के साथ अनुपालन सुनिश्चित कराया जा रहा है तथा मुहल्लों एवं कस्बों में आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति निरन्तर की जा रही है। उन्होंने बताया कि कन्ट्रोल रूम पर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी निरन्तर क्रियाशील रहकर अपने दायित्यों का अच्छे ढंग से निर्वहन कर रहे तथा लोगों की समस्याओं का शीघ्रता से निस्तारण किया जा रहा है। उन्होने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस अवसर पर अपर आयुक्त प्रथम  भगवान शरण, मुख्य विकास अधिकारी  इन्द्रसेन सिंह, अपर जिलाधिकारी  मनोज, अतिरिक्त उपजिलाधिकारी कन्ट्रोल/रूम प्रभारी  विनय कुमार तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे। मण्डलायुक्त तथा आईजी ने जिला चिकित्सालय पहुॅचकर की गई तैयारियों की जानकारी ली तथा आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने हेतु दिशा निर्देश भी दिये।


सेंसेक्सः2.85 लाख करोड़ रुपये हवा

मुंबई। कोरोना वायरस का गहरा असर इंसानों के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी पड़ रहा है। बीएसई सेंसेक्स 1375 अंकों की गिरावट के साथ 28,440 अंकों पर पहुंचने से शेयर धारकों के 2.85 लाख करोड़ रुपए हवा हो गए। इसी तरह निफ्टी50 भी सोमवार की मार नहीं झेल पाया और 379.15 अंकों की गिरावट के साथ 8281.10 अंक तक पहुंच गया। कोरोना वायरस की वजह से न केवल भारत बल्कि वैश्विक बाजार में मंदी से लक्षण नजर आने लगा है, जिसका सीधा असर दुनिया के तमाम शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है। जापान के निक्कई, चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हेनसेंग में 0.9-1.6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।


यूरोपीय शेयर बाजार में नीचे पर रहा। फ्रांस के सीएसी, जर्मनी का डैक्स और ब्रिटेन का एफटीएसई 0.4 से 1 पाइंट नीचे पर रहे। केवल आस्ट्रेलिया के बाजार में तेजी देखने को मिली, जहां आस्ट्रेलियन एएसएक्स 200 सरकार की नौकरियों को सुरक्षित रखने के लिए की गई 80 बिलियन डालर की घोषणा के बाद 7 प्रतिशत ऊपर पर बंद हुआ।


दवाई के अलावा नहीं खुलेगी अन्य दुकान

कलेक्टर ने अगले 30-31 मार्च के लिए लागू किया संपूर्ण लॉकडाउन
इंदौर में अगले 2 दिन सिवाय मेडिकल शॉप के कोई दुकान नहीं खुलेगी
इंदौर। लगातार सामने आ रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर ने अगले 2 दिनों (30-31 मार्च) के लिए संपूर्ण लॉकडाउन जिले में लागू कर दिया है। इस दौरान सिवाय मेडिकल शॉप के कोई दुकान नहीं खुलेगी। दो दिन किराना, डेयरी, सब्जी सबकी सप्लाई बंद रहेगी। मध्यप्रदेश में अब तक कुल 39 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा केस इंदौर से सामने आए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने ये कड़ा कदम उठाया है।


दिल्ली में लॉकडाउन का पालन न कराने पर 4 अफसरों पर गिरी गाज, 2 सस्पेंड


वहीं, जरूरी चीजों की सप्लाई बंद करने के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गलत बताया है। कमलनाथ ने कहा कि दूध की सप्लाई बंद करने का फैसला बेहद आपत्तिजनक है। जनहित में इस फैसले को तत्काल बदला जाए।


कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘शिवराज जी, प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो, इसमें किसी को गुरेज नहीं है। लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वो बेहद ही आपत्तिजनक है। दूध-दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आते हैं।’ शिवराज जी,प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख़्ती से पालन हो,इसमें किसी को गुरेज़ नहीं है लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वो बेहद ही आपत्तिजनक है।


दूध-दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आती है


आगे उन्होंने कहा, ‘देशभर में आवश्यक वस्तुओं पर कोई रोक नहीं है. इस निर्णय से उन बच्चों, बुजुर्गों, मरीजों का क्या होगा जो दूध पर ही आश्रित हैं ? उन पशु पालकों के बारे में भी सोचें, जो पूर्व से ही दोहरी मार झेल रहे हैं. जनहित में इस निर्णय को तत्काल बदला जाए’


लोनीः कागजों में कुछ, धरातल पर कुछ

गाजियाबाद। देश में कोरोना के चलते घोषित हुए लाॅक डाउन के बाद कुछ दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों एवं उनके परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत पैदा हो गई है। क्योंकि लाॅक डाउन के बाद सब कुछ बंद है अब यह गरीब मजदूर जो रोज मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। इनके घरो में कई दिनों से चुल्हा नहीं चला है वही सरकार द्वारा ऐसे माहौल में लोगो के भोजन एवं राशन की व्यवस्था कराई जा रही है। अब प्रशासन लोगों को उनके भोजन एवं राशन की व्यवस्था अपने स्तर से कर रहा है। चाहे वह कागजों में ही क्यों ना हो अब हम आपको बताते है गाजियाबाद के लोनी प्रशासन द्वारा की जा रही उन गरीब मजदूर परिवारो के भोजन व्यवस्था के बारे में जोकि आकडों में कुछ दिखाई दे रही हैं और धरातल पर कुछ ओर। लोनी प्रशासन द्वारा एक लिस्ट जारी की गई थी जिसमे कुछ मोबाइल नंबर दिए गए थे और यह मोबाइल नंबर इसलिए दिए गए थे। जिस किसी को भोजन एवं राशन की आवश्यकता है वो इन नंबर पर संपर्क कर सकें और यह लिस्ट *लोनी तहसील* परिसर के गेट पर चस्पा कर दी गई लिस्ट जारी होने के बाद लोगों ने जरूरत के हिसाब से उन नंबर पर संपर्क करना शुरू कर दिया लेकिन प्रशासन द्वारा जारी किए गए फोन नंबर पर कॉल करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि यह फोन या तो लगते नहीं है अगर कोई काॅल लग भी जाती है तो संबंधित लोग फोन उठा नहीं रहे हैं अगर किसी ने फोन उठा लिया तो वह फोन करने वाले से उसका नाम पता पूछने के बाद यह बोलकर फोन काट देता है कि आपके पास सहायता पहुँच जायेगी लेकिन वह परिवार प्रशासन की व्यवस्था का इंतजार करते करते अपने लिए कुछ और ही व्यवस्था कर रहे हैं। अब बात करते हैं लोनी एसडीएम द्वारा जारी किए गए आकडों की एसडीएम लोनी द्वारा जारी आकडों की अगर बात करे तो आकडों के मुताबिक लोनी प्रशासन ने लोनी के 1944 परिवारो के 8548 सदस्यों को भोजन एवं खाने का सामान वितरण किया गया है। लेकिन अगर लोनी प्रशासन द्वारा 1944 परिवारो के लिए भोजन एवं राशन की व्यवस्था कराई जा रही है तो लोनी की पुलिस क्यो लगातार गरीब परिवारो के बीच खाने का सामान वितरण कर रही है। क्यो वह गरीब परिवार क्षेत्र के पत्रकारों से संपर्क कर रहे हैं क्यो यह गरीब परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे हैं क्यो यह परिवार वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। पुलिस द्वारा लगातार ऐसे गरीब परिवारो के लिए भोजन एवं राशन की व्यवस्था कराई जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अपने स्तर से इन गरीब परिवारो के लिए भोजन वितरण कर रहें हैं अब लोनी प्रशासन को उनके द्वारा गरीब परिवारो को दी गई राहत सामग्री लेने वाले लोगों की लिस्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए। अगर *लोनी प्रशासन* द्वारा इतने परिवारो को भोजन एवं राशन दिया गया है तो यह भूखे लोग कौन है जो लगातार फोन कर रहे हैं वीडियो वायरल कर रहे हैं।


 यशपाल कसाना


'कफन चोरों' को व्यवस्था की बागडोर

कफन चोरो के हाथ बागडोर
अकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस प्रकार से जन सुरक्षा को लेकर चिंतित है और महामारी नियंत्रण के सभी विकल्पों पर दिन रात-काम कर रहे है। कहीं गरीबी को कम करने पर तो कार्य नहीं किया जा रहा है। क्योंकि इस प्रकार की परिस्थिति में गरीब का जीवित रहना बहुत कठिन है। इसके विपरीत दूसरी तरफ प्रशासन जनता पर कहर बरसा रहा है। कुछ दोगले नेता और धूर्त अधिकारी अपनी काली करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा लगता है सरकार और प्रशासन योजनाबद्ध ढंग से गरीबी हटाने का कार्य कर रहे हैं। भूख से पीड़ित, निरीह लोग तहसील के दरवाजे पर इस उम्मीद के साथ खड़े हैं कि उन्हें कुछ खाने-पीने का सामान अथवा भोजन मिलेगा। बल्कि अशिक्षित और अनिभिज्ञ लोग प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र 'सामाजिक दूरी' से भी अनजान है। 
गाजियाबाद स्थित लोनी क्षेत्र का कड़वा सच आज भी अपने मुकाम पर कायम है। आपातकालीन स्थिति में भी तहसीलदार प्रकाश सिंह अपने भ्रष्टाचार पर पूर्ववत केंद्रित है। पूर्व में तहसीलदार ने दोनों हाथों से रिश्वत बटोर कर, सील की गई क्षेत्र की अवैध औद्योगिक इकाइयां संचालित कराई थी। लेकिन हद तो तब हो गई है जब लाखों रुपए का खाना तहसीलदार अकेले ही खा रहा है। लोनी में प्रतिदिन 5000 लोगों को भोजन प्रदान करने का काला सच जानकर आप हैरान हो जाएंगे। क्षेत्र में 500 लोगों को भी भोजन मुवैया नहीं कराया जा रहा है। जबकि 5000 लोगों को प्रतिदिन भोजन एवं भोजन सामग्री प्रदान करने का दावा किया जा रहा है। इस काली करतूत में कई लोगों की साझेदारी होने की संभावना से मना नहीं किया जा सकता है। हालांकि भ्रष्ट अधिकारी तंत्र तहसीलदार की क्या पूछं उखाड़ेगा? उसके आकाओं का उसको भरपूर समर्थन है। जबकि ऐसे अधिकारीयो को चौराहे पर काला मुंह करके और जूतों का हार पहना कर, जुलूस निकालना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।
आखिरकार सरकार को इतना आडंबर करने की जरूरत क्या है? लूट-खसोट ही करनी है तो आराम से करो। कौन रोकने वाला है? मंत्री-संत्री सब भाजपा ही भाजपा है। यह सच है, "जिसका कोई नहीं होता, उसका तो खुदा होता है"। तहसील के दरवाजे से गरीब, मजदूर और मजलूम तीमारदार कितना उदास चेहरा लेकर लौटे! लेकिन स्थानीय नेताओं की आंखों पर चर्बी चढ़ी है। जिन्हें वास्तविकता दिखाने से भी नहीं दिख रही है। जबकि वास्तविकता यही है कि उनका जो भी वजूद है। वह इसी जनता से हैं। रसूखदार लोग अपने मतलब से ही किसी को पूछते हैं। किसी को वोट देना तो बहुत बड़ी बात है।


1.उपजिला अधिकारी खालिद अंजुम खान अधिक व्यवस्था के कारण फोन रिसीव नहीं कर पा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में चार बार संपर्क करनेे करने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो सका। तहसील कार्यालय को बाहर सेेेेे बंद कर, सभी का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। ताकि अंदर चल रहे खेल की किसी को भनक ना हो।


2. जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे से संपर्क करने पर यथा स्थिति से अवगत कराया गया। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था अथवा लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।



वंही मोदी की 'सामाजिक दूरी' का सच भी उजागर होता है। शुक्र है अभी तक यहां पर संक्रमण प्रभावी नहीं है। वरना लाशों के ढेर लग जाते और कफन चोर अधिकारियों की मौज हो जाती। वाह मोदी सरकार, वाह योगी सरकार।


अपना हित 'संपादकीय'

अपना हित    'संपादकीय'
 नीच, निकम्मे और  हराम खाऊ अधिकारियों की कार्यशैली भुखमरी को बढ़ाने के अलावा और कोई काम नहीं करेगी। क्योंकि चोर, चोरी छोड़ सकता है हेरा-फेरी नहीं। ऐसे लोगों को केवल अपना हित ही नजर आता है।
 प्रधानमंत्री के द्वारा 21 दिन का लॉक डाउनलोड करने के बाद ज्यादातर राज्य सरकार, प्रदेश की व्यवस्था को नियंत्रित करने का काम कर रही हैं। वायरस के संक्रमण को रोकने का कठोरता से पालन भी किया जा रहा है। जिसमें पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा ने पुलिस का गौरव बढ़ा दिया है। लेकिन प्रशासन राज्य सरकार और केंद्र सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र रचने का कार्य कर रहा है। निराश्रित, बेसहारा और मजबूर लोगों के साथ तहसील स्तर पर घिनौना मजाक किया जा रहा है। संकट की विषम परिस्थितियों में लूट मच गई है। अधिकारी-कर्मचारी अपनी जेब भरने पर लगे हैं। जबकि गरीबों का पेट खाली है। जरूरी सामानों की प्रतिपूर्ति के सभी दावे कुल मिलाकर बकवास है। यदि समय रहते गरीब मजदूर के हित को ध्यान में नहीं रखा गया तो महामारी ऐसा इतिहास बनाएगी। जो वर्तमान सरकार के माथे का कलंक बन जाएगा। 24-24 घंटे तक भोजन न मिलना। क्या अपराध है उस भूखे व्यक्ति का? यही कि वह भारत में निवास करता है।
 गैर सरकारी संस्थाएं इन मोर्चो पर अगर आगे नहीं बढ़ती तो देश की जनता के बड़े तबके को भुखमरी का सामना करना पड़ता। अगर सामाजिक ताना-बाना ही इससे लड़ेगा। तो लूट-खसोट का खेल खेलने वाले अधिकारियों पर जांच बैठाई जाए और भोजन वितरण की ढकोसला योजनाओं को तुरंत बंद कर देना चाहिए।
हमारी संस्कृति ने हमें सदा 'नर सेवा, नारायण सेवा' की सीख दी है। इसलिए हम किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार है। सरकार अधिकारियों पर मेहरबानी बंद करें और जनता हित में ध्यान लगाए। जय जयकार करने वाली जनता का हित।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


जीवन-मृत्यु का संघर्ष है कोरोना वायरस

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पलायन कर रहे लोगों से अपील की है कि वह ध्यान रखें कि जहां पर हैं ,वहीं पर रहें, क्योंकि कोई भी दिल्ली से या अन्य स्थान से सीधे अपने घर नहीं पहुंचेगा ,उसे 14 दिन सरकारी कैंप में ही रहना पड़ेगा। मौर्य ने कहा कि लोग अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न/न दें। उन्होंने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है, इस लड़ाई को हमें जीतना है। इसलिए हमें कठोर कदम उठाने हैं और धैर्य व संयम बनाये रखना बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है । यह ज्ञान ,विज्ञान, गरीब संपन्न, कमजोर ,ताकतवर, हर किसी को चुनौती दे रहा है। यह न/न तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न/न हीं यह कोई क्षेत्र देखता है और न/न ही कोई मौसम। इसलिए हम सबको सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर ही हर हाल में रहना है और जरूरी भी है की बीमारी व उसके प्रकोप से शुरुआत मे ही निपटना चाहिए, बाद में रोग असाध्य हो जाते है।मौर्य ने कहा है कि कोरोना वायरस के विरुद्ध महायुद्ध में लाक डाउन रूपी की लक्ष्मण रेखा को कतई नहीं लांघना है ,घर पर रहकर ही स्वयं व परिवार को सुरक्षित बचाना है। उन्होंने अपनी अपील में कहा है कि कोरोना से जंग जारी है, बचने और बचाने में ही समझदारी है। चन्द दिनों की कसौटी में खरा उतरना हम सबकी जिम्मेदारी है।कोरोना से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गये प्रबन्धों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा है कि इस संबंध में सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और अधिकारियों व कर्मचारियों की टीमें भी पूरी मुस्तैदी से लगी हुई है ।उन्होंने आम जनमानस से भीअपील की है कि वह सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग प्रदान करें । उन्होंने कहा कि खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। दूध वितरित किया जा रहा है। पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सी एम हेल्पलाइन से प्रधानों एवं पार्षदों से संपकर् किया जा रहा है । आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है । मुनाफाखोरी/जमाखोरी पर अंकुश लगाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं । दवाओं की आपूर्ति की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के द्दष्टिगत लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में कार्य करने वाले प्रदेश के निवासी मूल जिलो को जो पहुंच रहे हैं , महामारी फैलने से रोकने के लिए इन लोगों को जनसामान्य से अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं और इन व्यक्तियों को सीधे उनके घर ले जाने के बजाय धर्मशाला, हॉस्टलों आदि में क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था की जा रही है, वहीं पर उनके खानपान की भी व्यवस्था की जा रही है। विभिन्न राज्यों में प्रदेश के रह रहे लोगों के बारे में नोडल अधिकारी बनाए गए हैं और उन नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह लॉक- डाउन अवधि मे उन्हे वहां पर रहने के लिए तैयार करें तथा उस राज्य के प्रशासन से समन्वय कर उनके रहने ,खाने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायेगे।


पलायन को लेकर दिल्ली सरकार चिंतित

 विभिन्न राज्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य राज्यों से लगती सीमाओं को सील किए जाने का दावा किया है। ...


      नईदिल्ली। विभिन्न राज्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य राज्यों से लगती सीमाओं को सील किए जाने का दावा किया है। इस बीच दिल्ली सरकार का कहना है कि अभी भी हरियाणा और पंजाब से श्रमिकों का पैदल पलायन जारी है। दिल्ली सरकार पहले भी स्पष्ट कर चुकी है कि दिल्ली की सीमाओं पर एकत्र हुए हजारों श्रमिकों में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से पलायन करके आए लोग शामिल हैं।
       विभिन्न स्थानों से पैदल यात्रा करके अपने घर जाने की जुगत में लगे श्रमिकों के मुद्दे पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, पंजाब, हरियाणा से आज भी मजदूरों का पलायन जारी है। पूरे देश में खतरनाक हालात हैं। मनीष सिसोदिया ने इसका सबूत देते हुए बाकायदा एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें श्रमिकों का एक जत्था पंजाब के जीरकपुर से निकल कर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित अपने घर के लिए सड़कों पर पैदल ही निकल पड़ा है।
     दिल्ली सरकार व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस दौरान लोगों से अपने अपने घरों में बने रहने की अपील की। सिसोदिया ने कहा, दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका में भी कोरोना मरीजों को हॉस्पिटल में इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीजों की संख्या ही इतनी है। अगर देश को इन हालात से बचाना है तो एक ही तरीका है, लॉकडाउन का पालन कर घर में रहें। उन्होंने लोगों से कहा, बड़ी परेशानी को टालने के लिए छोटी-छोटी परेशानियां तो झेलनी पड़ेंगी।
     इससे पहले रविवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था, दिल्ली के बॉर्डर पर जो लोग हैं वो केवल दिल्ली से नहीं बल्कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान तक से आए लोग हैं। हालांकि, दिल्ली सरकार दिल्ली की सीमाओं पर एकत्र हुए सभी लोगों को भोजन और उनके ठहरने की व्यवस्था करवाने को लेकर गंभीर है। दिल्ली सरकार ने इसके लिए बॉर्डर के आस-पास ही कई कैंप लगाना भी शुरू कर दिया है।
     उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लॉकडाउन सफल हो सके इसके लिए इस वक्त दिल्ली में जो भी है उसे छत और खाना देने की जिम्मेदारी हमारी (दिल्ली सरकार की) है लेकिन इससे मिलकर लडऩा होगा।


हरियाणाः 33 में से 17 हुए ठीक

चण्डीगढ। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 29 मार्च सांय 7.30 बजे जारी रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में कोरोना से संक्रमित 5 और मरीजों के स्वस्थ होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई l रिपोर्ट के मुताबिक कुल कोरोना संक्रमित 33 लोगों में अब 17 लोग ठीक हो चुके हैं l स्वास्थ्य मंत्रालय कि 28 मार्च की रिपोर्ट में हरियाणा में कोरोना के मरीजों के ठीक होने की संख्या 12 बताई गई थी l इस से जाहिर है कि 5 अन्य मरीज स्वस्थ हुए l यह आंकड़ा हरियाणा में कोरोना की जंग में जुटे चिकित्स्कों समाज सेवी संस्थाओं ओर तमाम प्रशासनिक अमले,पुलिस प्रशासन व् सत्ता रूढ़ दल के लिए उत्साह वर्धक है l
हरियाणा की जनता को भी इसके लिए पूरा श्रेय दिया जाना चाहिए जिसने लॉक डाउन का पूरा सम्मान किया l सोशल मीडिया पर चली अफवाहों के बावजूद ज्यादात्तर जनता ने अपना पूरा समय घरों के भीतर ही बिताया l हरियाणा से प्रवासी मजदूरों के पलायन के समाचार भी सिमित ही रहे l एक दुक्का जगहों (दिल्ली एनसीआर) को अपवाद मान लिया जाये तो कोई ज्यादा खबरें मजदूरों के पलायन की नहीं आई l


क्या है भविष्य की परफेक्ट प्लानिंग

नई दिल्ली। आगे के लिए जब भी कोई प्लान बनाया जाता है तो उसमें गलतियां हो ही जाती हैं। यह गारंटी नहीं दी जा सकती कि कोई भी गलती ना हो और प्लान पूरी तरह से परफेक्ट हो । ऐसा ही अभी हमारे देश में हुआ है। इसलिए जो लोग शहरों से गांव जाना चाहते हैं खासतौर से छोटी-छोटी फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग अपने अपने घर जाना चाहते हैं। वह बहुत डरे हुए हैं शहरों में उनके लिए ना रहने को जगह है ना खाने को उनके पास कोई पैसा है। ऐसे में उनका यह सोचना कि अगर हम मरें तो क्यों ना अपने जन्म स्थान पर ही जाकर मरें, गांव में ही जाकर मरें। ऐसे में उनको उनके घर भेजना, सरकार की जिम्मेदारी हो जाती है। लेकिन इसके साथ भी एक और समस्या लगी हुई है कल को जब यह बीमारी दूर हो जाएगी और फिर हमारे देश में सब काम पहले की तरह होने लगेगा तब यह फैक्ट्रियां भी शुरू होंगी लेकिन उनमें काम करने के लिए मजदूर नहीं होंगे तब यह फैक्ट्रीयां कैसे चलेंगी। इसलिए यह एक बहुत बड़ी समस्या हो गई है हालांकि अभी भी उस बात को सोचकर आज उनके लिए कुछ निजाम किया जा सकता है और कुछ मजदूरों को रोका जा सकता है यदि हम आकर्षक प्रबंध करें जो कुछ लोगों को रोक ले तो  कुछ समस्या हल हो सकती है।  इन काम करने वाले मजदूरों का शहरों में रुकना बहुत जरूरी है । इस वक्त हम केवल यही सोच रहे हैं कि इनकी सबसे बड़ी जरूरत है इन्हें इनके गांव पहुंचाना।  इस वक्त हम यह नहीं सोच रहे हैं कि बाद में क्या होगा और क्या जरूरत पेश आएगी। अगर हम आज उनके शहरों में रुकने के लिए कुछ ऐसे आकर्षक प्रबंध करें जिन्हें देखकर वेअपने आप रुक ना चाहे तो समस्या का कुछ आंशिक हल हो सकता है यह बात बहुत विचारणीय है।


महामारी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाएं

नई दिल्ली। कोविड-19 कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में अग्रणी शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म लाईकी ने महान क्रिकेटर युवराज सिंह की ओर से समर्थित हैल्थ टेक ब्रांड हैल्थियंस के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत कोरोना की वैश्विक महामारी के खिलाफ जागरुकता बढ़ाई जाएगी, जिससे दुनिया के 185 देश प्रभावित हो चुके हैं। इस सहयोग के तहत हैल्थियंस से जुड़े अनेक डॉक्टर्स इस मामले में लाईकीयर्स को जानकारी देंगे। पांच दिनों की अवधि में भारत के अग्रणी डोरस्टेप हैल्थ टेस्ट प्रदाताओं में से एक, हैल्थियंस से जुड़े डॉक्टर्स एवं न्यूट्रिशनिस्ट लाईव सत्रों के माध्यम से लोगों को जानकारी प्रदान करेंगे। लाईकी की ऑफिशियल भारतीय टीम की ओर से आयोजित कराए जा रहे इन सत्रों के दौरान लाईकीयर्स की इस महामारी से जुड़ी शंकाओं का समाधान किया जाएगा। इस अभियान के तहत मेडिकल प्रोफेशनल्स इस महामारी के प्रति जागरुकता बढ़ाते हुए स्वास्थ्य के बारे में स्मार्ट एवं उपयोगी टिप्स देंगे।


यह सत्र 28 मार्च 2020 से शुरू हो गई और उसके बाद रविवार, सोमवार, मंगलवार एवं बुधवार को जारी रहेंगे। शाम 6 बजे से 7 बजे तक रोज एक घंटे का सत्र होगा। हैल्थियंस के को-फाउंडर दीपक साहनी, डॉक्टर प्रणव, डॉक्टर दीपक पाराशर एवं न्यूट्रिशनिस्ट सौम्या शताक्षी इस अभियान के दौरान लाईकीयर्स से बात करेंगे। यह पाँच दिवसीय इंटरैक्टिव सत्र लाखों लाईकी यूज़र्स को लाभान्वित करेगा, जिनके पास लॉकडाऊन की इस अवधि में जानकारी प्राप्त करने का इंटरनेट के अलावा दूसरा कोई साधन नहीं है। इस अभियान के बारे में अभिषेक दत्ता, हेड, लाईकी इंडिया ने कहा, ‘‘हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि हम इस संकट के समय लाईकीयर्स को उनकी जरूरत की सभी जानकारी प्रदान करेंगे। यह भी जरूरी है कि जानकारी का स्रोत विश्वसनीय एवं भरोसेमंद हो। इसलिए हमने युवराज सिंह की ओर से समर्थित हैल्थियंस के साथ साझेदारी की है, ताकि हम लाखों लोगों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर सकें और उन्हें घर पर रहते हुए सर्वाधिक जानकारी प्रदान कर सकें।“


स्पेन में मचाया तांडव, 838 की मौत

स्पेन। दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के कारण स्पेन देश को तबाही की कगार पर पहुंचा दिया है। स्पेन में कोरोना वायरस से अभी तक 6500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। स्पेन में कोरोना से 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 मौतें दर्ज की गई है। स्पेन ने रविवार को गत 24 घंटों में रिकॉर्ड 838 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत की पुष्टि की। इसके साथ ही देश में इस संक्रमण से मरने वालों की तादाद 6,528 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि स्पेन में अबतक 78,797 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस प्रकार देश में 24 घंटे के भीतर संक्रमितों की संख्या में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस से इटली के बाद स्पेन दूसरा देश है जहां पर सबसे अधिक मौतें हुई हैं।


योगी का अच्छे प्रशासक का उदाहरण

दिल्ली-लखनऊ। बगल में बच्चा… दूसरे छोटे बच्चे का हाथ पकड़े परिवारों का या पिट्ठू लटकाए युवकों के दिल्ली से पैदल ही अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े हजारों हजार लोगों को संभाल पाना आसान काम नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदनशील और कुशल प्रशासक के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने तमाम विरोधों और आलोचनाओं की परवाह न करते हुए पहले दिन तो आनंद विहार से ही बसों का संचालन किया। उस पर जब दिल्ली और बिहार की सरकारों ने राजनीति शुरू की तो उसमें न पड़ते हुए वे स्वयं ही व्यवस्थाओं के संचालन के लिए मोर्चे पर आ गए। रविवार को वे स्वयं लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस वे के मोहान रोड टोल सेंटर पर पहुंच गए। पैदल ही अपने घर जा रहे लोगों को रोका। उनसे एक निश्चित दूरी संवाद किया। इसके बाद जांच के उपरांत ही घरों तक भिजवाने का आश्वासन दिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर घोषणा की है कि बाहरी राज्यों से उत्तर प्रदेश में जो भी आ गए हैं, उन सभी की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाहरी राज्यों के कामगारों के लिए सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं, जिससे उन्हें पलायन की जरूरत न पड़े। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रविवार को भी बसों का संचालन जारी रहा। अब ये बसें आनंद विहार के बजाय गाजियाबाद के लालकुआं से मिल रही हैं। आनंद विहार से लालकुआं की दूरी 17 किलोमीटर है। लोग इस दूरी को पैदल नापने को मजबूर हैं। यह इसलिए किया गया है कि लोगों को पलायन से हतोत्साहित किया जा सके। मगर परिवार के परिवार और झुंड के झुंड जो घरों के लिए निकल पड़े हैं, वे रुकने को तैयार ही नहीं हैं। बस मिले तो ठीक। नहीं मिले तो ठीक। पैदल ही चलने और घर पहुंचने का संकल्प तो मन में है ही। रास्ते में अनेक स्थानों पर सेवाभावी लोग उनके खाने और पीने के पानी का इंतजाम कर रहे हैं। कहीं खाने के डिब्बे, बांटे जा रहे हैं तो कहीं केले, सेव या बिस्कुट के पैकेट।


14 से आगे नहीं बढ़ेगा 'लाक डाउन'

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन को लागू किया है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ सकती है। जिसपर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का कहना है कि 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि को बढ़ाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। उन्होंने इसे लेकर आ रही रिपोर्ट्स पर हैरानी जताई।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट कर बताया कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मीडिया में आ रही उन खबरों का खंडन किया है जिनमें दावा किया जा रहा है कि सरकार बंद को आगे बढ़ा सकती है। पीआईबी ने कहा, ‘मीडिया में आ रही खबरें और कुछ अफवाहों में दावा किया जा रहा है कि सरकार 21 दिन के बंद की अवधि खत्म होने के बाद इसे और बढ़ा सकती है। कैबिनेट सचिव ने इन खबरों से इनकार किया और कहा कि वे निराधार हैं।


सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों के भारी पलायन को देखते हुए लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने को कहा है। सरकार ने स्थानीय अधिकारियों द्वारा लॉकडाउन को लागू करने और लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रवासी मजदूरों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं होने देने के लिए कई नियम लागू किए हैं।


सरकार ने कोविड-19 प्रतिक्रिया गतिविधियों के नियोजन और कार्यान्वयन के लिए 11 सशक्त समूहों का गठन किया है। इन 11 टीमों में 80 वरिष्ठ सिविल सेवक शामिल होंगे। पिछले हफ्ते गौबा ने राज्य के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से 18 जनवरी से भारत आए 15 लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने के लिए कहा था।


क्या है भारत की स्थिति
देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 27 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल मरीजों की संख्या 1047 है। इसमें 95 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में भर्ती मरीजों की संख्या 924 है।


छत्तीसगढ़ में 62 हजार परिवारों को राशन

रायपुर। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों के तहत चल रहे लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 62 हजार 172 गरीबों और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क भोजन और निशुल्क राशन सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे इन परिवारों को बड़ी राहत मिली है।


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को इस कार्य को पूरी संवेदनशीलता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि  इस चुनौतीपूर्ण समय में कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। मुख्यमंत्री के आव्हान पर अनेक समाजसेवी संस्थाएं गरीबों और जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सामने आयी और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस कार्य मे सहयोग दे रही हैं।


पूरे प्रदेश में 62 हजार 172 लोगों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में संबंधित जिलों में जिला प्रशासन द्वारा 14 हजार 467 व्यक्तियों और 4015 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है, जबकि 28 हजार 227 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है। समाजसेवी संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में 18 हजार 638 व्यक्तियों और 18 हजार 097 परिवारों के लिए भोजन और निशुल्क राशन सामग्री का प्रबंध किया गया है। इनमें से राजधानी रायपुर में 9 हजार व्यक्तियों और 22 हजार परिवारों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। रायपुर में 9000 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है जबकि 4000 जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है । इसके अलावा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 18 हजार परिवारों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार सरगुजा जिले में 11हजार 550 जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। इनमें से 4900 लोगों के भोजन की व्यवस्था और 1500 लोगों को निशुल्क राशन तथा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 5150 लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। बस्तर जिले में इस योजना के माध्यम से 5963 जरूरतमंद व्यक्तियों को मदद की जा रही है। बस्तर जिले में 2180 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है और 1033 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री दी गई है जबकि स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बस्तर जिले में 2750 लोगों के भोजन की और राशन की व्यवस्था की गई है।


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राजनांदगांव जिले में 3565 लोगों को राशन और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा राजनांदगांव में 2831 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है और 734 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है। इसी प्रकार दुर्ग जिले में 2918, रायगढ़ जिले में 2882, कोरबा जिले में 2769, धमतरी जिले में 2380 लोगों के भोजन और निशुल्क राशन की व्यवस्था की गई है। गौरेला-पेंड्रा- मरवाही जिले में 2306 लोगों के लिए, बलौदा बाजार-भाटापारा जिले में 1885, सुकमा जिले में 1792 लोगों के लिए, जांजगीर-चांपा जिले में 1556 लोगों के लिए, जशपुर जिले में 1270, सूरजपुर जिले में 1180 लोगों के भोजन और निशुल्क राशन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा स्वयंसेवी संगठनों और समाजसेवियों तथा दानदाताओं की मदद से की गई है। बिलासपुर जिले में 1179, बीजापुर जिले में 1039, बालोद में 942, कांकेर में 886, महासमुंद में 854, बलरामपुर में 869, मुंगेली जिले में 841, कोंडागांव में 633, दंतेवाड़ा में 628, नारायणपुर में 437, बेमेतरा जिले में 205 और कोरिया जिले में 486 व्यक्तियों और 112 जरूरतमंद परिवारों  के निशुल्क राशन और भोजन की व्यवस्था से इन्हें राहत पहुंचाया गया है।


राहुल का मोदी को पत्र, संकट में साथ

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने इस घोर संकट के समय में उनके साथ रहने और कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं की ओर से आपको पूरा सहयोग प्रदान करने की बात कही है। भारत में कोरोना की महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम में हम अपना हर संभव सहयोग दे रहे हैं।


कोविड-19 वायरस को तेजी से बढ़ने से रोकने के लिए दुनिया तत्काल कठोर उपाय करने को मजबूर हुई है और भारत में भी इस समय तीन हफ्तों का लॉकडाऊन चल रहा है। मुझे आप से आग्रह करना चाहिए कि आप पूरे देश में हुए इस लॉकडाऊन के हमारे नागरिकों, हमारे समाज एवं हमारी अर्थव्यवस्था पर होने वाले विनाशकारी प्रभाव पर गंभीरता से चिंतन करें।


हमें यह समझना आवश्यक है कि भारत की परिस्थितियां विशिष्ट हैं। हमें पूर्ण लॉकडाऊन की कार्ययोजना पर काम कर रहे अन्य बड़े देशों के मुकाबले कुछ अलग उपाय करने की जरूरत है। भारत में उन गरीबों की संख्या, जिनका जीवन दैनिक मजदूरी पर निर्भर है, इतनी ज्यादा है, कि हम आर्थिक कार्यों पर पूरी तरह से एकतरफा लॉकडाऊन नहीं लगा सकते। पूरी तरह से आर्थिक शटडाऊन कोविड-19 वायरस की वजह से होने वाली मौतों की संख्या को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार द्वारा ज्यादा विस्तृत एवं केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जाए, जिसमें देश के नागरिकों के वास्तविक जीवन की सच्चाईयों पर पूरी तरह से गौर किया गया हो। हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों व कमजोरों को अन्य लोगों से पृथक करने एवं उन्हें वायरस से सुरक्षा देने पर होनी चाहिए। इसके साथ ही युवाओं को बुजुर्गों के नज़दीक व संपर्क में जाने से उन्हें होने वाले खतरों के बारे में साफ तौर से एवं पूर्ण रूप से जागरुक करना चाहिए।


भारत में लाखों बुजुर्ग गांवों में रहते हैं। पूर्ण लॉकडाऊन एवं आर्थिक गतिविधियों पर शटडाऊन के कारण लाखों युवा बेरोजगार होकर अपने-अपने गांव में पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे, जिससे उनके माता-पिता, दादा-दादी एवं बुजुर्गों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। इससे बड़ी संख्या में लोगों के जान गंवाने का खतरा है।


हमें सामाजिक सुरक्षा के जाल को तत्काल मजबूत करने एवं कामकाजी गरीबों को आश्रय व सहयोग देने के लिए हर उपलब्ध सार्वजनिक संसाधन का प्रभावशाली उपयोग करना पड़ेगा। सरकार द्वारा घोषित किया गया वित्तीय पैकेज पहला अच्छा प्रयास है। लेकिन इस पैकेज में घोषित सहायता को शीघ्रता से दिया जाना बहुत आवश्यक है। कृपया इसके क्रियान्वयन की तिथियों के साथ एक स्पष्ट रोडमैप की घोषणा करके उसे लागू कराएं। बड़ी जनसंख्या वाले स्थानों में उतने ही बड़े और समर्पित अस्पताल होने चाहिए, जिनमें हजारों बेड और वैंटिलेटर उपलब्ध हों। यह जरूरी है कि हम ये सुविधाएं और आवश्यक उपकरण उतना जल्दी स्थापित करें, जितना किसी भी मानवीय साधन द्वारा संभव है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि हम टेस्ट्स की संख्या बढ़ाएं, जिससे वायरस के फैलाव की सही व वास्तविक स्थिति का हमें पता चल सके, ताकि उस पर नियंत्रण किया जा सके।


सरकार द्वारा अचानक लॉकडाऊन घोषित किए जाने से अत्यधिक अफरा तफरी व भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। हजारों प्रवासी मजदूरों को अपना आवास छोड़ना पड़ा क्योंकि वो उसका किराया देने की स्थिति में नहीं थे। यह जरूरी है कि इस समय सरकार हस्तक्षेप करे और उन्हें किराया देने के लिए तत्काल राशि उपलब्ध कराए। फैक्ट्री, छोटे उद्योग एवं निर्माण स्थल बंद हो गए हैं, हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर पैदल जाने की कोशिश कर रहे हैं और विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर रुके हुए हैं। दैनिक मजदूरी के बिना पोषण एवं मौलिक सुविधाओं के अभाव में, वो नाजुक स्थिति में आ गए हैं। दूर स्थित अपने घरों में जाते हुए वे आश्रयस्थल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह आवश्यक है कि हम उन्हें आश्रय प्रदान करने में सहयोग करें और सीधे उनके बैंक खातों में पैसे पहुंचाएं, जिससे वो अगले कुछ महीनों के कठिन समय का सामना कर सकें।


यह भी आवश्यक है कि इस समय हम अपने मुख्य वित्तीय एवं सामरिक संस्थानों के चारों ओर एक रक्षात्मक कवच स्थापित करें, जिससे वो वायरस और कुछ हफ्तों के आर्थिक शटडाऊन के बाद होने वाले नुकसान का सामना कर सकें। पुर्ननिर्माण में हमारे असंगठित क्षेत्र एवं छोटे व मध्यम व्यवसाय और किसानों के विस्तृत नेटवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। इसलिए यह जरूरी है कि हम समय रहते सही कदम उठाते हुए उनसे बातचीत करें, उनका भरोसा बढ़ाएं और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इस मुश्किल चुनौती से लड़ने व जीतने के लिए हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर खड़े हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 31, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-232 (साल-01)
2. मंगलवार, मार्च 31, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि-सप्तमी, 2077


4.सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:40।
5. न्‍यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-27+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


शामली: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

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