शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

'मन की बात' का 67 वांं संस्करण

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने पिछले दिनों मांगे थे सुझाव और विचार प्रधानमंत्री बनने के बाद ओवरऑल 67वां संस्करण 'मन की बात'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 'मन की बात' के जरिए लोगों को संबोधित करेंगे। मोदी के पिछले साल दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका यह 14वां 'मन की बात' कार्यक्रम होगा।ओवरऑल यह 67वां 'मन की बात' कार्यक्रम है। पीएम मोदी इस कार्यक्रम के जरिए लोगों के साथ संवाद करते हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके इस कार्यक्रम में चर्चा के लिए लोगों से अपने विचार मांगे थे। कोरोना संकट की वजह से लगे लॉकडाउन और अनलॉक के दौर में प्रधानमंत्री का यह पांचवां 'मन की बात' कार्यक्रम है और वह रविवार सुबह 11 बजे लोगों को संबोधित करेंगे।


सुझाव साझा करेंः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को ट्वीट कर कहा था, "मैं इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि आप लोग सामूहिक प्रयास से आने वाले सकारात्मक बदलाव की कहानियों से परिचित होंगे। आप निश्चित रूप से ऐसी कहानियों को जानते होंगे, जहां सकारात्मक पहल ने लोगों की जिंदगी बदल दी है। आप ऐसी कहानियों और प्रयासों को इस महीने 26 जुलाई को प्रसारित होने वाले 'मन की बात' कार्यक्रम के लिए कृपया शेयर करें।


पीएम मोदी ने अपने विचारों को उन तक पहुंचाने के लिए जनता को माध्यम भी बतलाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'मन की बात' कार्यक्रम के लिए अपने विचार साझा करने के कई तरीके हैं। आप 1800-11-7800 पर कॉल करके अपना संदेश साझा कर सकते हैं या फिर आप अपने विचार को नमो ऐप पर मौजूद प्लेटफॉर्म पर डाल सकते हैं। या चाहे तो MyGov पर लिख सकते हैं।             


शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


अध्यादेश को राष्ट्रपति ने किया अस्वीकार

नई दिल्ली। कानून को बदल सकते हैं या नया कानून बना सकते हैं, लेकिन इसे राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता होती है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान, इन तीन राज्यों ने श्रम कानूनों को निलंबित करने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा था। बीएमएस के जोनल सचिव पवन कुमार ने कहा, 'उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश ने अपने राज्यों में अधिकांश श्रम कानूनों को निलंबित करने के लिए अध्यादेश के रूप में प्रस्ताव लाया था। भारत के राष्ट्रपति ने उन प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया है। हम केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना करते हैं।' श्रम मंत्रालय ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की। इस बीच, बीएमएस ने गुरुवार को अपना 66वां स्थापना दिवस मनाया। कुमार ने यह भी कहा कि बीएमएस 24 जुलाई से 30 जुलाई तक अपने सरकार जगाओ सप्ताह की योजना के साथ आगे बढ़ेगा।               


श्रीराम 'निर्भयपुत्र'


अमेरिका पर पीछा करने का लगाया आरोप

तेहरान। ईरान ने आरोप लगाया है कि उसके एक यात्री विमान का अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-15 ने पीछा किया। किसी टकराव से बचने में विमान की अचानक ऊंचाई बदलने से कई यात्री जख्मी हो गए हैं। यह घटना गुरुवार को उस समय हुई, जब ईरानी निजी विमानन कंपनी महान एयर का विमान तेहरान से बेरुत जा रहा था। विमान में 150 से ज्यादा लोग सवार थे। अमेरिकी सेंट्रल कमान ने कहा कि सीरिया में अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य अड्डों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत ऐसा किया गया। जंगी जेट एफ-15 ईरानी यात्री विमान से एक हजार मीटर की सुरक्षित दूरी पर था। ईरानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, लड़ाकू जेट ने ईरानी विमान को परेशान किया। हालांकि यात्री विमान लेबनान की राजधानी बेरुत में सुरक्षित उतर गया। इधर, ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस घटना पर स्विटजरलैंड के दूतावास के जरिये आपत्ति दर्ज कराई जाएगी। ईरान में यह दूतावास अमेरिकी हितों का प्रतिनिधित्व करता है। मंत्रालय ने कहा कि अगर इस विमान को वापसी में कोई दिक्कत हुई तो उसके लिए अमेरिका जिम्मेदार होगा।            


सेटेलाइट से हथियार की लॉन्चिंग की गई

लंदन/ वाशिंगटन डीसी/ मास्को। ब्रिटेन और अमरीका ने आरोप लगाया है कि रूस ने अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट से हथियार जैसी कोई चीज़ लॉन्च की है। ब्रिटेन के अंतरिक्ष निदेशालय के प्रमुख ने एक बयान जारी कर कहा, "रूस ने हथियार जैसी कोई चीज़ को लॉन्च कर जिस तरह से अपने एक सैटेलाइट को टेस्ट किया है उसको लेकर हमलोग चिंतित हैं।


बयान में कहा गया है कि 'इस तरह की कार्रवाई अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए ख़तरा है। रूस के इस सैटेलाइट के बारे में अमरीका ने पहले भी चिंता जताई थी। ब्रिटेन के अंतरिक्ष निदेशालय के प्रमुख एयरवाइस मार्शल हार्वे स्मिथ ने बयान जारी कर कहा, "इस तरह की हरकत अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए ख़तरा पैदा करती है और इससे अंतरिक्ष में मलवा जमा होने का भी ख़तरा रहता है जो कि सैटेलाइट और पूरे अंतरिक्ष सिस्टम को नुक़सान पहुँचा सकता है जिस पर सारी दुनिया निर्भर करती है।"             


भारत सरकार ने नियमों में किया बदलाव

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत सरकार ने अपने व्यापार नियमों में गुरुवार को एक अहम बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक़ सरकारी ख़रीद में भारत में बोली लगाने वाली कंपनियाँ तभी इसके लिए सक्षम हो पाएँगी, जब वो डिपार्टमेंट फ़ॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (डीपीआईआईटी) की रजिस्ट्रेशन कमेटी में रजिस्टर्ड हों। इसके अलावा इन्हें भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा मंज़ूरी लेना आवश्यक होगा। केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वो भी अपनी सभी सरकारी ख़रीद में इस नियम को लागू करें। इस नियम के तहत वित्त मंत्रालय ने कुछ छूट भी दी है।कोविड-19 महामारी के कारण कोविड से जुड़े सामान की ख़रीद को लेकर 31 दिसंबर तक छूट दी गई है। ये बदलाव भारत सरकार ने जनरल फ़ाइनेंशियल नियम, 2017 में  किए गए हैं। ये उन देशों पर लागू होगा, जो देश भारत के साथ सीमा साझा करते हैं और सरकारी ख़रीद में हिस्सा लेते हैं। जानकारों की माने तो इस बदलाव में चीन की बात कहीं नहीं कही गई है, लेकिन इस फ़ैसले का सबसे ज़्यादा असर भारत के पड़ोसी देश चीन के साथ व्यापार पर पड़ेगा।           


बाढ़ संबंधित क्षेत्र का निरीक्षण किया

एनडीआरएफ की टीम ने फूलपुर तहसील के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा


बृजेश केसरवानी

प्रयागराज। जिलाधिकारी प्रयागराज के निर्देशन में एनडीआरएफ की टीम ने फूलपुर तहसील के बाढ़ संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। टीम कमांडर जगदीश राणा और उनकी टीम ने फूलपुर तहसील के प्रभारी श्री रमेश चंद्र पांडेय, तहसीलदार की अगुवाई में क्षेत्रों का निरीक्षण किया।आर आई राम मनोहर भी मौके पर मौजूद रहे। गंगा जी के बाढ़ के पानी से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में गांव बदरा,सलोनी, और हेटापट्टी के इलाकों में जल भराव हो जाता है। जिससे निपटने के लिए प्रशासन ने कोरोना महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पुनर्वास केंद्रों की भी व्यवस्था की गई है।

उपजा ने जिलाधिकारियों को सौंपा ज्ञापन

पत्रकार सुरक्षा कानून बनाये यूपी सरकार-रतन दीक्षित
पत्रकारों की हत्या और उत्पीड़न के खिलाफ उपजा ने जिलाधिकारियों को सौंपा ज्ञापन


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष एवं एनयूजे आई के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रतन कुमार दीक्षित के निर्देश पर उपजा की प्रयागराज , रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अम्बेडकरनगर, फिरोजाबाद, गाजीपुर, महोबा, जालौन, आगरा, हमीरपुर, अमेठी सहित एक दर्जन से अधिक इकाइयों ने अपने-अपने जनपदों के माध्यम से पत्रकारों के दमन, उत्पीड़न, हमलों और हत्याओं के खिलाफ जिलाधिकारियों को के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों की सुरक्षा पर चिन्ता जतायी और प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सार्थक कानूनी प्राविधानों सहित पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है।
उपजा के प्रान्तीय अध्यक्ष रतन दीक्षित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित ज्ञापन देकर पुनः मांग की है कि प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा हेतु प्रदेश के समस्त प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून के प्राविधान आगामी विधानसभा सत्र में निर्माण करने का निर्णय लें।
वहीं दूसरी आज पूर्व घोषणा के अनुरूप नई दिल्ली में  इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबंद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी और मध्यप्रदेश में निवाड़ी में पत्रकार सुनील तिवारी की हत्या के खिलाफ प्रेस क्लब से प्रधानमंत्री कार्यालय तक मार्च निकाला। संघटनों की तरफ से पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल और मीडिया कमीशन के गठन के साथ ही पत्रकारों का उत्पीड़न, जबरन छंटनी, वेतन में कटौती और छोटे और मध्यम अखबारों की समस्याओं को दूर करने की मांग की गयी।
एनयूजे आई के अध्यक्ष रास बिहारी की अगुवाई में प्रेस निकाले से शुरू हुए मार्च को पुलिस ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पहले की रोक लिया। विरोध मार्च को एनयूजे अध्यक्ष रास बिहारी, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल महासचिव के पी मलिक,कोषाध्यक्ष नरेश गुप्ता, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा, एनयूजे की पूर्व कोषाध्यक्ष सीमा किरण ने संबोधित किया।इस अवसर पर अशोक किंकर, रणवीर सिंह, सुजान सिंह, सुभाष चंद्र, सुभाष बारोलिया, बंसी लाल, मनमोहन, ओमप्रकाश सहित दर्जनों पत्रकार शामिल थे।
प्रदर्शन के दौरान संघटनन के नेताओं ने कहा कि विक्रम जोशी और तिवारी की हत्या पुलिस में सुरक्षा मांगने के बावजूद की गई। मध्यप्रदेश के पत्रकार तिवारी ने दो महीने पहले अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी। इससे पहले कानपुर में बालू माफिया का पर्दाफाश करने पर पत्रकार शुभम  त्रिपाठी की हत्या कर दी गई थी।
एनयूजे अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि पत्रकारों पर बढ़ते हमले, फर्जी मुकदमे और फर्जी पत्रकारों की बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून और राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर बनाने की आवश्यकता है। प्रेस काउंसिल की ताकत बढ़ाने और इलैक्ट्रानिक मीडिया को दायरे में लाने के लिए मीडिया काउंसिल बनाने की आवश्यकता है। डीजेए अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा कि पत्रकारों पर हमले रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार तुरंत प्रभावी कदम उठाएं। डीजेए महासचिव के पी मलिक ने कहा कि पत्रकारों की हत्या से कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति सामने आई है। एनयूजे की वरिष्ठ नेता सीमा किरण ने कहा कि कई स्थानों पर कवरेज के दौरान भी महिला पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतें बढ़ रही है। सरकार को इस ओर देने की जरूरत है।            


पुष्प अर्पित कर श्राद्धंजली अर्पित की 

महापौर ने लाल जी टंडन की अस्थि कलश को पुष्प अर्पित कर श्राद्धंजली अर्पित की 
रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। शुक्रवार को महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी  ने प्रयागराज के संगम तट पर राज्यपाल मध्य प्रदेश, पूर्व मंत्री , जनसंघ व भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता , राजधानी लखनऊ की शान, कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्त्रोत, मार्गदर्शक स्वर्गीय लालजी टंडन जी के अस्थि कलश विसर्जन में पुष्प अर्पित कर नमन किया । पुण्य मृतात्मा की शांति हेतु  महादेव से कामना की इस अवसर  प० केशरी नाथ त्रिपाठी पूर्व राज्यपाल बंगाल, डॉ० नरेंद्र सिंह गौर पूर्व मंत्री उ.प्र, गणेश केसरवानी महानगर अध्यक्ष भाजपा, केशरी देवी पटेल सांसद फूलपुर, ई० हर्षवर्धन वाजपेयी विधायक, संजय गुप्ता विधायक, अजय भारतीय विधायक, नीलम करवरिया विधायिका, हरिओम मिश्रा जिलाध्यक्ष प्रतापगढ़, मुरारी लाल अग्रवाल पूर्व उपमहापौर, शशि वार्ष्णेय पूर्व अध्यक्ष, राजेन्द्र मिश्र पूर्व अध्यक्ष, अनिल केसरवानी झल्लर महानगर उपाध्यक्ष, देवेश सिंह व रमेश पासी महानगर महामंत्री, देवेन्द्र नाथ मिश्रा, विजय द्विवेदी, आशुतोष पालीवाल समस्त कार्यकर्तागण आदि लोग उपस्थित रहे।               


डीएम एवं टीम की बाढ को लेकर चर्चा

जिलाधिकारी प्रयागराज की एनडीआरएफ की टीम के साथ बाढ़ को लेकर चर्चा
रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। आगामी बाढ़ के खतरों को देखते हुए प्रशासन द्वारा 11 एनडीआरएफ वाराणसी की एक टीम को जिले में बाढ़ बचाव के कार्यों के लिए तैनात किया गया है। पिछले बाढ़ के प्रभाव को देखते हुए प्रशासन बहुत सतर्क है। इसी के चलते इस बार भी बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है। जिलाधिकारी श्री भानु चंद्र गोस्वामी की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय में एनडीआरएफ की टीम के अधिकारी श्री एसएस साजवान असिस्टेंट कमांडेंट, टीम कमांडर जगदीश राणा निरीक्षक व उनकी टीम के साथ प्रयागराज क्षेत्र में बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों और राहत बचाव कार्य करने की योजना के ऊपर चर्चा की गई।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देश दिया गया कि एनडीआरएफ की टीम प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों का दौरा करें। क्योंकि प्रयागराज में बाढ़ आने पर पानी तटीय क्षेत्रों से होते हुए प्रयागराज के शहरी इलाकों में घुस जाता है जिनमें बघाड़ा,छोटा बघाड़ा, सलोरी, नागवासुकी, पत्रकार कालोनी, नया पुरवा, बेली,दारागंज, राजापुर, गंगानगर इत्यादि इलाके बहुत प्रभावित होते हैं और ग्रामीण  इलाकों में कई क्षेत्र प्रभावित होते हैं। इन्हीं इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य करने में बहुत कठिनाई होती है इसी के चलते प्रशासन और आपदा बचाव के लिए एजेंसियों का आपस में तालमेल होना जरूरी है ताकि सभी अपने संसाधनों और क्षमताओं को आंक लें और आने वाली बाढ़ जैसी आपदा के लिए लोगों को जागरूक करें और खुद को तैयार करें।
*बाढ बचाव के लिए एनडीआरएफ चलाएगी जन जागरूकता अभियान*
कोरोना महामारी के इस माहौल में टीम बाढ़ से बचने के तरीकों के बारे में बताएगी और लोगों के बीच में जाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए जन जागरूकता अभियान भी चलाएगी। जिसमें लोगों को कोरोना महामारी से बचने के उपाय और साथ ही बाढ़ के समय घर के उपलब्ध संसाधनों में आपातकालीन किट बनाने के तरीके भी सिखाएगी। टीम अभी तक द्रौपदी घाट, राजापुर ,गंगा नगर , घाट एवं  संगम क्षेत्र इलाकों का दौरा कर चुकी है और ऋषिकेश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में स्थानीय लोगों के लिए जन जागरूकता का कार्यक्रम भी चलाया है । इसी प्रकार करोना की चुनौती को देखते हुए बाढ़ संबंधी बचाव के तरीकों को जन जागरूकता अभियान के माध्यम से टीम लोगों को जागरूक करेगी।             


जनपद में सक्रिय संक्रमितो की संख्या बढ़ी

भानु प्रताप उपाध्याय 


शामली में कोरोना एक्सप्रेस की ओर बढ़त


शामली। जनपद में 12 केस आए शामली से कैराना से कोरोना मरीजो में जुलाई में काफी बढ़ोतरी हुई है। कोरोना एक्सप्रेस हो गया है। शामली जनपद के लगभग अब तो सभी कस्बो गावो देहात शामली  नगर में हर गलियों से कोरोना मरीजो की बढ़त जुलाई में काफी हुई है।अगर हम तुलना करें पिछले माह से इस माह जुलाई में 112 नए पोजेटिव मरीजो की बढ़ोतरी बड़ी बात है। तमाम प्रचार प्रसार के बावजूद साथ मे 2 दिन का सप्ताह में लॉक डाउन खोखला साबित नजर आ रहा है। इतने मरीज मिलने बड़ी बात है। संकेत ये भी है कि अब कोरोना शामली नगर में ज्यादा पाव फैला चुका है। कल 23 जुलाई को पंजाबी कॉलोनी में इकट्ठे 10 मरीज मिलना शामलीं के लिए एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है आखिर कब रुकेंगे ये केस कोरोना पोजेटिव।स्वास्थ्य विभाग शामलीं ने क्या सोचा है कि शामली में युद्धस्तर पर घर घर जांच कराई जाए।सही बात ये भी है। कोरोना के आकड़े काफी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग कम दिखा रहा है।ताकि सरकार का कोई बड़ा सवाल विभाग से न हो ।अगर शामलीं में कोरोना एक्सप्रेस चलता रहा तो गाड़ी कोरोना की स्पीड पकड़ेगी इसको अविलब रोकने के लिए शामलीं में डॉक्टर्स की टीम बुलाकर स्टाफ तैयार कर घर घर की जांच की जाए।ये पहल करनी होगी। तब कुछ हो पायेगा।               


असहाय गोवंशो की खाने की सेवा की गई

दुर्लभ असहाय गौमाताओ को भोजन सेवा
भानु प्रताप उपाध्याय


शामली। पशु पक्षी जीव जंतु गौ सेवा समिति द्वारा नगर में स्थित गौ शाला में 55 वा गौमाताओं को भोजन सेवा की गई। मूक जानवरो की भोजन की व्यवस्था समिति गत 6 अप्रैल से निरन्तर कर रही है। समिति भोजन सेवा में वानरों,कुत्तो,असहाय जानवरो को भोजन सेवा कर रही है। चीटियों के भोजन हेतु जमीन में आटा मीठा भरकर जमीन में गोले को दबाया जाता है। अभी तक समिति नगर के अलग अलग स्थानों पर पेड़ के नीचे गोले जमीन में गोले दबाने का कार्य कर रही है। पक्षियो हेतु दाना डालना भी भोजन योजना में जारी है। आज की सेवा के सेवादार अर्पित मित्तल ,सोनू सैनी, अध्य्क्ष सतीश गोयल ,महामंत्री समिति नन्द किशोर मित्तल ,ऋषभ संगल मौजूद रहे।             


सरकार के फेल होने पर कांग्रेस का हवन

भानु प्रताप उपाध्याय 


शामली। जनपद को जिला कांग्रेस कमेटी शामली के शहर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व मे जिला कांग्रेस कैंप कायाॅलय पर उत्तर प्रदेश सरकार पुरी तरह फैल हो गई है। इसके विरोध में आज हवन कराकर श्राद्ध के लिए आहुति दी गई।
उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र और कानून व्यवस्था की मृत्यु को गयी है। चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है। लोग जब अपने घरों से निकलते हैं तो उनकी और उनके परिजनों की चिंता होती है कि शाम तक पता नहीं क्या होगा? सुरक्षित घर वापस पहुंच पाएंगे कि नहीं। प्रदेश में जंगलराज है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लोकतंत्र और कानून व्यवस्था की हत्या कर दी है। लोकतंत्र और कानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है 
उत्तर प्रदेश सरकार एक काम तो कर रही हैं बदले की भावना लेने का काम कर रही है। हर रोज बेहगुना लोगो की हत्या हो रही है अपराध दिन पर दिन बढ रहा है। एक तो काम कर रही हैं  उत्तर प्रदेश सरकार उटख पटक का मजदूर व किसान भूखे मरने के कगार पर हे उत्तर प्रदेश सरकार ने इनके लिए कुछ नही कर रही है।
बिजली बिलों व अन्य खचॅ पर लठ मारने का काम कर रही है। दीपक सैनी, जिला कांग्रेस, अध्यक्ष शामली, अनुज गोतम, श्यामलाल शमाॅ, सुल्तान सिह, प्रवीण तरार, सत्यप्रकाश, राणा जावेदखान, रीटाराजकिरण सभासद, बिरपाल कुडान, धमेन्द काम्बोज, धीरज उपाध्याय, राहुल शमाॅ, विष्णु शमाॅ, लोकेश कटारिया, सीमा जाटव, शमशीर खान, प्रदीप कश्यप प्रिंस हारूण अन्सारी आदि कांग्रेस जन शामिल हुए। 


धर्म-सम्मान के कारण शासन ने दी छूट

ईद उल अज़हा व रक्षा बन्धन पर सभी धर्मों का सम्मान करते हुए शासन से छूट देने की मांग


बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। जनपद धार्मिक व सामाजिक संगठन उम्मुल बनीन सोसाईटी, शिया सुन्नी इत्तेहाद कमेटी व मातमी अन्जूमनों व दस्तों की संयुक्त बैठक बख्शी बाज़ार में अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के महासचिव मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन के आवास पर उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै०मो०अस्करी की अध्यक्षता में हुई।


जिसमें इद उल अज़हा (बक़रीद) १व २ अगस्त को शनिवार व रविवार को लगने वाले साप्ताहिक लॉकडाउन को दृष्टिगत रखते हुए शासन व प्रशासन से  मुसलिमों के अहम पर्व में जानवरों की खरीद फरोख्त व क़ुरबानी के लिए क़साईयों को घर घर पहोँचने मे दिक़्क़त को देखते हुए कुछ छूट देने की मांग की गई। अस्करी ने ज़िला प्रशासन से उक्त समबन्ध में विचार करते हुए उचित फैसला लेकर दिशार्निदेश जारी करने का आहृवान किया।शिया सुन्नी इत्तेहाद कमेटी के किताब अली व काशान सिद्दीक़ी ने ईद उल अज़हा व भाई बहन का पर्व रक्षा बन्धन पर आम लोगों को बेवजहा पुलिस की रोक टोक पर अंकुश लगाने की मांग की ताकि दोनो धर्मों के एक साथ पड़ने वाले पर्व पर अशांति का वातावरण न बने।संगठन के ज़िम्मेदार लोगों ने आमजन से अपील जारी करते हुए कहा की इद उल अज़हा पर बारगाहे इलाही में दी जाने वाली जानवरों की क़ुरबानी के मांस को खुले में लेकर न जाएँ।दूसरे धर्मों का सम्मान करते हुए सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से सार्वजनिक रुप से फेसबुक या वाट्सऐप पर अपलोड कत्तई न करें।जानवरों के अवशेष को खुले या गली मोहल्लों में न फेंके।क़ुरबानी के वक़्त जानवरों की ज़िबहा पर पढ़ी जाने वाली आयतों का एहतेराम करते हुए जानवरों के अवशेष को गड्ढ़ा खोद कर उसे दफ्न करें। वहीं बैठक में ज़िला प्रशासन,नगर निगम बिजली विभाग,जलसंस्थान से इद उल अज़हा और रक्षा बन्धन को देखते हुए पर्व के तीनों दिन नियमित रुप से साफ सफाई,दवा व चूने का छिड़काव,चौबिस घन्टे बिजली व पेय जल की आपूर्ति चालू रखने की मांग भी की गई। बैठक में मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन,सै०मो०अस्करी,शाहिद प्रधान,किताब अली,काशान सिद्दीक़ी,मशहद अली खाँ,मुन्तज़िर रिज़वी,अली रिज़वी,शादाब ज़मन,सामिन अब्बास,शबीह अब्बास जाफरी,सामिन खान,ग़ुफरान खान,सूफी हसन,ज़ामिन हसन,ज़ीशान खान,शाहिद खाँ,रमीज़ अहसन आदि मौजूद रहे।             


टल जाएंगे चुनाव, तैनात होंगे प्रशासक

टल जाएंगे पंचायत चुनाव तैनात होंगे प्रशासक 
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। कोरोना महामारी के चलते तैयारी नहीं हो पाने के कारण पंचायत चुनाव समय से नहीं हो पाएंगे पंचायती संस्थाओं के कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनमें प्रशासक तैनात कर दिए जाएंगे। ग्राम पंचायत में सहायक विकास अधिकारी पंचायत क्षेत्र पंचायत में उप जिला अधिकारी और जिला पंचायत में जिला अधिकारी को प्रशासक बनाने की तैयारी है। पंचायत चुनाव वर्ष 2021 में होने की संभावना बताई जा रही है।
प्रदेश में 58758 ग्राम पंचायत 821 क्षेत्र पंचायत और 75 जिला पंचायत है इसके चुनाव इसी साल के आखिरी तक होने थे चुनाव की तैयारी में कम से कम 6 महीने लगते हैं। वर्ष 2015 में इस चुनाव  के लिए फरवरी-मार्च से ही तैयारी प्रारंभ हो गई थी ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र वार्ड  निर्धारण की समय सारणी 16 मार्च को जारी कर दी गई थी इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में 4 संसदीय कमेटी बनाई गई थी 4 अप्रैल को इसका संशोधित कार्यक्रम जारी हुआ राज निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायतों की वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का कार्यक्रम 18 मई से प्रारंभ कर दिया था 11 अगस्त से पंचायती संस्थाओं के आरक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई थी लेकिन कोविड-19 के चलते इस बार मार्च से चुनाव की तैयारी शुरू नहीं हो पाई।           


कोरोना के कहर से प्रयागराज थर्राया

प्रयागराज में बरसा कोरोना कहर 
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। कोरोना संक्रमण ने जिले में और प्रसार लिए हैं बृहस्पतिवार को रिकॉर्ड 110 मरीज पॉजिटिव पाए गए 2 मरीजों की मौत भी हुई मरने वालों में से हिम्मत गंज की एक बुजुर्ग महिला 71 वर्ष भी थी जिसकी रिपोर्ट उनकी मौत के बाद मिली है। वह रेलवे अस्पताल में भर्ती थी वही संक्रमण को मात देकर ठीक हो गए 53 मरीजों को कोविड अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया। 30 मरीजों को घर पर आइसोलेट करने के लिए  चिन्हित किया गया सीएमओ मेजर डॉक्टर जी एस वाजपेई के मुताबिक जिले में 1069 संभावित संक्रमित के  स्वाब नमूने लिए गए 981 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। कुल 110 लोगों की रिपोर्ट पार्टी भाई सभी को आइसोलेट करने की व्यवस्था की जा रही है जिसमें से 30 मरीजों को उनके घरों पर ही आइसोलेट करने  के आवेदन पर चिन्हित किया गया है। रेलवे हॉस्पिटल के  नान कोविड वार्ड में भर्ती बुजुर्ग महिला की मौत के बाद अब वहां भर्ती अन्य मरीजों की जांच भी कराई जाएगी एसआरएन में कुरौना वार्ड के  नोडल डॉ सुजीत वर्मा के मुताबिक बस पति वार की सुबह फाफामऊ निवासी एक बुजुर्ग 69 वर्षीय की मौत हो गई उन्हें 21 जुलाई को कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था।             


जिला सत्र न्यायालय 4 अगस्त तक बंद

प्रयागराज जिला न्यायालय 4 अगस्त तक बंद
 बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। जनपद में कोरोनावायरस कोविड-19 केे कारण संक्रमण बहुत तेजी से बढ़़ रहा हैै। जिसे ध्यान में रखते हुए जनपद में कई क्षेत्रोंं को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। जिससे आवागमन और स्थानीय गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लग गई है। हो सकता है कहीं ना कहीं संक्रमण के नियंत्रण में यह लाभदायक हो, इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी के द्वारा यह आवश्यक कार्रवाई की गई है। कंटेनमेंट जोन में आने के कारण जिला न्यायालय को 4 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है। यह आदेश जिला जज  विनोद कुमार तृतीय ने जिलाधिकारी की रिपोर्ट को देखते हुए दिया है। इस दौरान गिरफ्तार व्यक्तियों के रिमांड एवं जमानत कार्य रिमांड मजिस्ट्रेट एवं संबंधित अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा अवकाश के दिनों की तरह ही संपादित किए जाएंगे ।             


गाजियाबाद महिला थाने पर लगा आरोप

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जनपद के सिहनी गेट थाना क्षेत्र के जटवाड़ा में रहने वाली रीतिका ने जिले के महिला थाने पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। रीतिका का कहना है कि ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट करने के बाद उसका दुधमुंहा बच्चा छीन कर घर से निकाल दिया।  शिकायत लेकर अब वह महिला थाने पहुंची तो उसे वहाँ भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। मजबूरी में रीतिका आज अपनी शिकायत लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंची।रीतिका के परिजनों के अनुसार जटवाड़ा गाजियाबाद निवासी रितिका का विवाह 24.4.2018 को हिंदू रीति-रिवाज के साथ परतापुर मेरठ के रहने वाले आदेश के साथ हुआ था। शादी में मायका पक्ष ने अपनी हैसियत से बढ़कर दान-दहेज दिया गया था। रीतिका का आरोप है कि उसके ससुराल पक्ष के लोग दहेज से संतुष्ट नहीं थे और अकसर मारपीट करते और दहेज की मांग करते थे। रीतिका ने इसी साल 20.6.2020 को एक पुत्र को जन्म दिया। पुत्र के जन्म होने से ससुराल पक्ष के लोग और लालची हो गए और छूछक के नाम पर 10 लाख रुपए की मांग करने लगे। पीड़िता का कहना है कि 22 जुलाई को सुबह 5 बजे के करीब ससुराल वालों के सभी सदस्यों ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया और उसके साथ मारपीट करते हुए उसके कपड़े तक फाड़ दिये। इसके बाद ससुराल पक्ष के लोगों ने उसका दुधमुंहा बच्चा छीनकर उसको घर से बाहर निकाल दिया। परेशान रीतिका अपने घर पहुंची और आपबीती बताई। इसके बाद पीड़िता के परिजन महिला थाने पहुंचे लेकिन वहां उनकी सुनवाई नहीं हो सकी। पीड़िता ने आज शुक्रवार को उक्त मामले की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद से की है तथा उनसे गुहार लगाई है कि मेरे दुधमुंहे बच्चे को वापिस दिलाया जाए।              


एसएसपी ने कोतवाल को किया निलंबित


अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। जनपद की पुलिस लाइन गंगा नदी से कम नहीं है। रिश्वतख़ोरी या किसी अन्य कारण से निलंबन झेल रहे पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर यहीं भेजा जाता है।एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पत्रकार विक्रम जोशी हत्याकांड मामले में विजय नगर थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बता दें कि विक्रम जोशी ने अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ की शिकायत विजय नगर थाने में ही की थी।  थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज द्वारा मनचलों के खिलाफ समय पर कार्यवाही न करने के कारण उनके हौसले बुलंद हुए और उन्होंने घेर कर विक्रम जोशी की हत्या कर दी।  हत्या के समय विक्रम जोशी अपनी दो छोटी बेटियों के साथ घर जा रहे थे।





एसएसपी कलानिधि नैथानी ने इस मामले की जांच को भी विजय नगर चौकी से हटा कर कोतवाली थाने को सौंप दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने शिकायत प्रकोष्ठ प्रभारी देवेंद्र बिष्ट को विजयनगर थाना प्रभारी बनाया है और हाल ही में दूसरे जिले से गाज़ियाबाद में नियुक्ति पर आए इंस्पेक्टर कृष्ण गोपाल शर्मा को थानाध्यक्ष सिहानी गेट बनाया गया है।  सिहानी गेट में तैनात दिलीप बिष्ट को पुलिस लाइंस भेजा गया है। आपको बता दें कि दिलीप बिष्ट के डेढ़ माह के कार्यकाल में कई कई घटनाएँ घटीं जिनमें अपहरण, लूटपाट से लेकर झपटमारी की कई घटनाएँ शामिल हैं। पुलिस चौकी के पास एक ही रात में हुई चोरी की कई घटनाओं के बाद शास्त्री नगर चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया है।  इसी प्रकार चिरौड़ी और मोरटा चौकी प्रभारियों को अपराध नियंत्रण न कर पाने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया है।           




59 सपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। भाजपा कोरोना काल में बड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष छविनाथ को कोरोना महामारी से कोई लेना-देना नहीं है।कोरोना संक्रमण से जूझ रहे प्रतापगढ़ में इन दिनों 3 दिन का लॉकडाउन चल रहा है। जिला प्रशासन की ओर से क्षेत्रवासियों से घर में रहने की अपील की जा रही है। इस बीच, समाजवादी पार्टी क्षेत्र में अपनी जड़ों को मजबूत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। सपा जिला अध्यक्ष छवि नाथ यादव की अगुवाई में बुधवार को आसपुर देवसरा इलाके में साइकिल रैली निकाली गई। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए सपाई कार्यकर्ताओं ने आधा दर्जन गांवों में भ्रमण किया। सपा जिला अध्यक्ष के मुताबिक, यह अभियान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर चलाया गया। पुलिस ने सपा की साइकिल रैली को रोकने का प्रयास किया तो पुलिसकर्मियों से सपा नेता और कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की करते हुए रैली को आगे बढ़ाते रहे। बाद में एसपी के निर्देश पर आसपुर देवसरा एसओ ने मास्क न लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने और धारा 144 के उल्लंघन करने के आरोप में सपा जिला अध्यक्ष समेत 59 सपा नेताओं पर केस दर्ज किए। पुलिस ने 29 नामजद और 30 अज्ञात के विरुद्ध आसपुर देवसरा में मुकदमा दर्ज किया है।





साइकिल रैली में कौन-कौन सपा नेता हुए थे शामिल?बुधवार को सपा की नीतियों को गांव-गांव और घर-घर पहुंचाने और शासन के नीतियों का विरोध करने के लिए आसपुर देवसरा से होते हुए दलपत शाह गांव के रास्ते भाटी कुटी गांव पहुंचे थे। इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष छवि नाथ यादव, आसपुर देवसरा प्रमुख पति सभापति यादव, विजय यादव, अनीश खान, पप्पू यादव, रामबचन यादव, उमाशंकर यादव समेत सैकड़ों सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने साइकिल रैली निकाल कर सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी का गुणगान किया।


कोरोना काल में जिलाध्यक्ष के विरुद्ध कई मुकदमेंः कोरोना काल में सरकार के साथ-साथ विपक्ष भी कोरोना वायरस से जंग में सहयोग करने की बात करता है। भाजपा कोरोना काल में बड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष छविनाथ को कोरोना महामारी से कोई लेना-देना नहीं है। यही कारण है कि लॉकडाउन और जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी वह राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। अभी तक कोरोना काल में सपा जिलाध्यक्ष के ऊपर चार मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। ये सभी मामले आसपुर देवसरा नगर कोतवाली और पट्टी में दर्ज किए गए हैं। कोरोना काल में धुंई गांव में हुए ब्राह्मण और पटेल के बीच बवाल और मारपीट की घटना में न्याय के नाम पर जातिगत हवा देने पहुंचे सपा जिला अध्यक्ष समेत कई सपा नेताओं पर उस समय मामले दर्ज किए गए थे।             




10 विभागों की नए सिरे से मिलेगी सेवा

हरिओम उपाध्याय


लखनऊ। निवेश आकर्षित करने, रोजगार सृजित करने और कारोबार करने में आसानी से सुधार लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी 75 जिलों में 46 जिला स्तरीय व्यापक सुधारों को लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन सुधारों के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में 10 नए विभागों की 46 सेवाओं को 31 अक्टूबर 2020 तक राज्य के सिंगल विण्डो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ में एकीकृत किया जाना है। ये सेवाएँ ऑनलाइन- आवेदन, शुल्क जमा करने और अंतिम स्वीकृतियां डाउनलोड करने की सुविधा से युक्त होंगी।


नए विभागों की सूची में कृषि, चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, गृह, प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, सहकारी समितियां, भूजल, भूतत्व एवं खनिकर्म, परिवहन तथा खाद्य एवं रसद आदि शामिल हैं। एकीकरण के बाद उर्वरक, कीटनाशक और कीटनाशक के विनिर्माण, बिक्री, भण्डारण, क्लीनिकलअधिष्ठानों का पंजीकरण तथा जल दोहन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) आदि जैसी सेवाएं निवेश मित्र के माध्यम से ऑनलाइन प्रदान की जाएंगी। वर्तमान में 20 विभागों की 146 सेवाएं निवेश मित्र के माध्यम से प्रदान की जा रही हैं। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा, “मुख्यमंत्री  ने टेक्नोलॉजी के उपयोग से बिज़नेस-टू-गवर्नमेंट (B2G) की इंटरैक्टिव प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने पर जोर दिया है। हमारी सरकार विभिन्न आईटी संचालित मॉड्यूलों का विकास करके ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बेहतर करने में सफल रही है, निवेश मित्र ऐसी ही सफल प्रणालियों में से एक है।“ ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के इण्डेक्स में उत्तर प्रदेश पिछले 4 वर्षों से लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, वर्ष 2017-18 में राज्य को ‘अचीवर’ राज्य का दर्जा प्रदान किया गया है। उल्लेखनीय है कि अब व्यवसाय में सहजता में राज्यों की रैंकिंग उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया के आधार पर की जाएगी। इस संबंध में निवेश मित्र पोर्टल के ‘यूजर फीडबैक’ मॉड्यूल को कुल 62,286 निवेशक-प्रतिक्रियाएं मिली हैं, जिनमें से लगभग 73 प्रतिशत् उपयोगकर्ता, यानी 45,005 फीडबैक ‘संतुष्ट’ श्रेणी के तहत प्राप्त हुए हैं और कई प्रतिष्ठित निवेशकों ने उत्तर प्रदेश के सिंगल विण्डो रिफॉर्म ‘निवेश मित्र’ के बारे में उत्साहजनक अनुभव साझा किए हैं ।


उत्तर प्रदेश में उद्यमी व औद्योगिक समुदाय की सकारात्मक सोच तथा एक सराहनीय उपलब्धि के द्योतक के रूप में फरवरी 2018 से 20 जुलाई, 2020 तक निवेश मित्र पर उद्यमियों के कुल 2,05,310 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1,63,130 एनओसी या लाइसेंस 79 प्रतिशत की अभूतपूर्व अनुमोदन दर से सफलतापूर्वक ऑनलाइन प्रदान किए गए हैं।अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी), आलोक टंडन ने कहा कि निवेश मित्र का लगातार अच्छा प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि यह पोर्टल अब उद्योग जगत की मांगों और सरकारी मशीनरी से अपेक्षाओं के बीच के अंतर को पाटने का कुशल हिस्सा बन गया है। 01 अप्रैल, 2020 से 20 जुलाई, 2020 तक कोविड-19 महामारी की अवधि में भी 82 प्रतिशत् की अभूतपूर्व अनुमोदन दर के साथ ‘निवेश मित्र पोर्टल’ के माध्यम से 28,248 स्वीकृतियां प्रदान की गईं। इस अवधि के दौरान अपने उद्यम स्थापित व संचालित करने हेतु विभिन्न विभागों की स्वीकृतियां प्राप्त करने के लिए उद्यमियों द्वारा कुल 34,361 आवेदन किए गए। अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, आलोक कुमार ने कहा, ”कोविड महामारी के बावजूद 82 प्रतिशत लाइसेंस स्वीकृति दर अनुकूल व्यावसायिक वातावरण बनाने के लिए ऑनलाइन सेवा प्रणाली की दक्षता और उपयोगिता को दर्शाती है।“ उल्लेखनीय है कि फरवरी 2018 में आयोजित उ. प्र. इन्वेस्टर्स समिट में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा निवेश मित्र सिंगल विण्डो पोर्टल के उन्नत संस्करण का शुभारम्भ किया गया था। तब निवेश मित्र के माध्यम से 20 विभागों की 69 सेवाएं प्रदान की जा रही थीं, जबकि अब 20 विभिन्न विभागों की 146 सेवाएं इस पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जा रही हैं। कोविद -19 लॉकडाउन अवधि के दौरान भी 20 अप्रैल, 2020 को भूमि सुधार से संबंधित 21 सेवाओं को निवेश मित्र पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया था। निवेश मित्र के शिकायत निवारण तंत्र के अन्तर्गत अब तक उद्यमियों से 15,618 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 15,290 को 98 प्रतिशत की समाधान दर से सफलतापूर्वक हल किया गया है।            


सड़क हादसे में एक किसान की मौत

सड़क हादसे में किसान की मौत
चाकवन चौराहे पर सब्जी बेचकर परिवार का जीविकोपार्जन चलाते है।


कोखराज। कौशाम्बी गांव की छोटी बाजार में सड़क पर सब्जी बेचकर परिवार का जीवकोपार्जन चलाने वाले एक गरीब किसान की सड़क हादसे में मौत हो गई है। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है घटना कोखराज थाना क्षेत्र के मलाक भायल के पास की है।


घटनाक्रम के मुताबिक सैनी कोतवाली क्षेत्र के केसरिया गांव निवासी सूर्य प्रकाश गुप्ता उम्र लगभग 20 वर्ष पुत्र रामजी गुप्ता कोखराज थाना क्षेत्र के चाकवन चौराहे पर सब्जी बेचकर परिवार का जीविकोपार्जन चलाते हैं गुरुवार को वह बाइक में सब्जी लेकर चाकवन बाजार जा रहे थे जैसे ही सूर्य प्रकाश कोखराज थाना क्षेत्र के मलाक भायल के पास पहुंचे कि तेज गति ट्रक ने उनके बाइक में टक्कर मार दिया जिससे मौके पर सूर्य प्रकाश की मौत हो गई है।


सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है हादसे की जानकारी मिलते ही मृतक के रिश्तेदार परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।


अजीत कुमार             


दोहरे हत्याकांड से दहला जनपद कौशाम्बी

दोहरे हत्याकांड से दहला कौशाम्बी


दो सेल्स मैन की हत्त्या थाना कोखराज से100 मीटर की दूरी पर घटना को दिया अंजाम दोनो शराब की दुकान के सेल्स मैन थे।


कौशाम्बी। कोखराज थाने से चंद कदम की दूरी पर आधी रात को शराब दुकान के दो सेल्समैन की हत्या कर दी गई है। दोहरे हत्याकांड से इलाके में सनसनी फैल गई है सुबह सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटनाक्रम के मुताबिक की कोखराज थाने से लगभग सौ मीटर की दूरी पर दो शराब के सेल्स मैन के दुकान के बाहर खाना खा पीकर बीती रात सो रहे थे तभी रात में एक सेल्स मैन को तकिया से मुह दबाकर मौत के घाट उतार दिया वही दूसरे को सिर में सरिया मारकर लहू लुहान कर मौत के घाट उतार दिया दोनो को क्यो मारा गया यह अभी नही ज्ञात हो सका पहला सेल्स मैन शिव प्रताप तिवारी निवासी हब्बू नगर थाना कड़ा का निवासी है वही दूसरा राजेन्द्र जैसवाल पुत्र मेवालाल निवासी निहालपुर थाना सैनी का रहने वाला है।


कोखराज भरवारी मार्ग पर एक देशी व दूसरी अंग्रेजी शराब की दुकान है दोनो दुकानों के ही सेल्समैन रात में खाना खा कर दुकान के बाहर बरामदे में सोए थे रात में दोहरी हत्या हो गयी घटना स्थल से थाना की दुरी लगभग सौ मीटर ही होगी सुबह होने पर पुलिस को जानकारी होने पर मौके पर पहुची पुलिस ने शव को कबजे में लेते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा हत्या का कारण अभी तक अज्ञात है।


रिपोर्ट-राजू सक्सेना 


गाज़ीपुर एसपी संक्रमित, हुए क्वॉरेंटाइन

राकेश कुमार की रिपोर्ट 
गाजीपुर। एक बार फिर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। गुरुवार की शाम तक 24 नए संक्रमित मामले सामने आए हैं। जिनमें पुलिस लाइन और शहर के कुछ मोहल्लों के लोग भी पॉज़िटिव पाए गए हैं। आज की आंकड़ों में ट्रूनेट के जरिए हुई जांच में पुलिस कप्तान ओम प्रकाश सिंह गाजीपुर का भी नाम संक्रमितों में शामिल है। 24 नए मामले आने के बाद अब जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 677 पहुँच चुकी है।

पुलिस कप्तान के साथ जिलाधिकारी व कई अन्य अधिकारी भी एक साथ ही रहते है.सूत्रों की माने तो एसपी का पूरा स्टाप तथा अन्य आधा दर्जन से अधिक अफसर एस पी की सूचना आने के बाद क्वांन्टाइन हो गये है।जिला मुख्यालय समेत 100 से अधिक मुहल्ले व गाँव के इलाके हाटस्पाट बने हुए है।

मरीजो की संख्या तेजी से बढ रही है बावजूद इसके आम लोग हो महिलाये हो युवतिया या अनय लोग कही भी अनलाक के नियमो का ध्यान नही दे रहे है। पुलिस भी कारवाई के बजाय अपनी सुरक्षा को लेकर असहज नजर आ रही है।             

यूपी गवर्नमेंट ने 'जिला पंचायत' चुनाव टालेंं

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला अग्रिम आदेशों तक टाले गए जिला पंचायत के चुनाव
कार्यभार संभालेंगे प्रशासक जिला पंचायत के प्रशासक होंगे जिलाधिकारी


लखनऊ/ललितपुर। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा ऐलान जिसमें सरकार ने ऐलान किया है कि इस साल होने वाली जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत और गांव पंचायत के चुनाव टाले जाने का निर्देश जारी किया है जिसके चलते उन्होंने बताया है कि कोरोना महामारी के चलते तैयारियां नहीं होने की वजह से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय से नहीं हो पाएंगे पंचायती संस्थाओं का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनमें प्रशासक तैनात कर दिए जाएंगे ग्राम पंचायत में सहायक विकास अधिकारी पंचायत क्षेत्र पंचायत में उप जिला अधिकारी और जिला पंचायत में जिला अधिकारी को प्रशासक बनाने की तैयारी चल रही है और उक्त चुनाव 2020 में होने की संभावना जताई जा रही थी जिसको अब आगे बढ़ा दिया गया है। जिसमें एक साथ हो सकते हैं त्रिस्तरीय चुनाव ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत की पूरे उत्तर प्रदेश में 58 758 ग्राम पंचायतें 821 क्षेत्र पंचायतों और 75 जिला पंचायतों के चुनाव इसी साल के आखिर तक होने थी जो आगे बढ़ा दिए गए हैं अग्रिम आदेशों तक चुनाव नहीं होंगे।


 बृजेश तिवारी/संजय नायक 


भोपाल में आज से 10 दिवसीय लॉक डाउन

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में कोरोना वायरस के मामलों में बढोतरी के मद्देनजर राज्य सरकार ने भोपाल में आज की रात से 10 दिन का लॉकडाउन लागू करने का फैसला लिया है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को बताया, ‘‘हमने तय किया है कि 24 जुलाई की रात आठ बजे से पूरा भोपाल 10 दिन के लिए लॉकडाउन रहेगा।’


उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा, ‘‘भोपाल में 10 दिन के लॉकडाउन के दौरान सिर्फ दवा, दूध, सब्जी और सरकारी राशन की दुकानें ही खुली रहेंगी। इसलिए भोपाल के सभी लोगों से आग्रह है कि वे ज़रूरी सामानों का इंतजाम दो दिन में कर लें।’ उन्होंने कहा कि भोपाल में आने-जाने वालों के लिए पहले के लॉकडाउन की तरह ही ई-पास पर ही अनुमति मिल सकेगी।


बता दें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 जुलाई से 3 अगस्त तक 10 दिनों तक लॉकडाउन जारी रहेगा। इससे पहले शहर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने कुछ इलाकों में तीन दिन के लिए लॉकडाउन लगाया था। भोपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5 हजार तक पहुंच गई है। वहीं मध्य प्रदेश में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में अभीतक कुल 24,842 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। वर्तमान में राज्य में 7,236 केस एक्टिव हैं। वहीं कोरोना संक्रमण से अब तक 770 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही 16,836 लोग इलाज के बाद ठीक हो कर गर जा चुके हैं।


रात के खाने में इनका परहेज करें

रात को चैन की नींद कौन नहीं सोना चाहता…हम सभी को गहरी नींद चाहिए होती है ताकि हमारी सुबह एकदम ताजगी से भरी हो। ऐसा बिल्कुल संभव भी है। बस इसके लिए हमें इतनी-सी बात ध्यान रखनी होगी कि कुछ खास फूड्स का सेवन रात के समय ना करें… नहीं तो ये फूड्स हमारी नींद को जो उड़ा देते हैं कि फिर पूरी रात सोने को तरस जाते हैं और अगला दिन तो सच में खराब हो जाता है। पूरी तरह आलस और थकान से भरा हुआ। आइए, जानते हैं कि अच्छी नींद के लिए रात के समय किन फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए…


यम-यम आइसक्रीम


हर उम्र के लोगों को आइसक्रीम खाने का शौक होता है। खासतौर पर डिनर के बाद डेजर्ट के रूप में आइसक्रीम
खाना बहुत अधिक पसंद किया जाता है। जो कि रात को नींद खराब करने का सबसे आसान तरीका है। बस बात इतनी है कि जो लोग इस कारण रात को सो नहीं पाते हैं, उन्हें पता ही नहीं होता कि उनकी टेस्टी आइसक्रीम ने उनकी नींद उड़ा दी है।



प्रोटीन से भरपूर चिकन


चिकन खाना आपको कितना भी पसंद क्यों ना हो लेकिन अगर रात के समय आपने इसकी हेवी डोज ले ली तो चैन से सो नहीं पाएंगे। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चिकन में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। प्रोटीन शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है। यानी आप यदि रात के समय चिकन का सेवन करेंगे तो उसे खाने के बाद शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ने लगता है। इस कारण रात को ठीक से नींद नहीं आ पाती है। जबकि कुछ लोगों को पेट में भारीपन या सोते समय सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं। इसलिए रात के समय नहीं बल्कि दोपहर में इसे खा लेना बेहतर होता है।



चॉकलेट उड़ा देती है रात की नींद


आप चाहे वाइट चॉकलेट खाएं या डार्क चॉकलेट रात के समय ये दोनों ही आपकी नींद उड़ा देने के लिए काफी होती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वाइट चॉकलेट में कैफीन होता है और डार्क चॉकलेट में टायरोसाइन नाम का अमीनो एसिड होता है। कैफीन सीधे तौर पर हमारी नींद को प्रभावित करता है और टायरोसाइन, हैपी हॉर्मोन डोपामाइन का सीक्रेशन ब्रेन में बढ़ा देता है, इससे आप खुद को ऐक्टिव फील करते हैं और सो नहीं पाते हैं। साथ ही चॉकलेट जिस कोको पाउडर से तैयार की जाती है, वह ब्लड सर्कुलेश बढ़ाने और हार्ट बीट बढ़ाने का काम करता है। इस कारण आप खुद को ऐक्टिव फील करते हैं और सो नहीं पाते हैं।



सुपर स्पाइसी फूड


मसालेदार यानी स्पाइसी और तला हुआ यानी डीपफ्राइड फूड खाने में टेस्टी तो होता है। लेकिन स्वाद में यह जितना टेस्टी होता है, सेहत के लिए उतना ही हानिकारक होता है। क्योंकि यह हमारे पाचनतंत्र को नुकसान पहुंचाता है। इस खाने को बनाने में उपयोग किया गया अतिरिक्त तेल, जो इस फूड द्वारा सोख लिया जाता है, वह हमारे शरीर में जाकर नर्व्स को ब्लॉक करने का काम करता है। इस तरह का खाना खाने से फैट बढ़ता है। साथ ही अगर रात के समय ऐसा खाना खाया जाए तो पेट में एसिड बनने, अपच, गैस और खट्टी डकार की समस्या हो जाती है। इससे नींद पूरी तरह डिस्टर्ब हो जाती है।



मिल्क प्रॉडक्ट्स


यह बात जानकर आप हैरान हो सकते हैं और आपके मन में यह बात जरूर आएगी कि रात के समय तो दूध पीकर सोने से अच्छी नींद आती है, फिर ये मिल्क प्रॉडक्ट्स खाने को क्यों मना कर रहे हैं! दरअसल दूध पीना और दूध से बने अन्य फूड्स जैसे, दही, पनीर, चीज आदि खाने में अंतर होता है। दूध भी बेड पर जाने के बाद या जाने से तुरंत पहले नहीं पीना चाहिए। इससे रात को गैस की समस्या हो सकती है।

-वहीं, रात को चीज, पनीर और दही खाना शरीर को नुकसान पहुंचाता है। चीज और पनीर का जहां ठीक प्रकार से पाचन नहीं हो पाता है और इस कारण नींद मे विघ्न होता है, वहीं दही खाने से रात को शरीर में दर्द की समस्या हो जाती है। जिससे नींद टूट जाती है और अगले दिन आलस रहता है।




चाय और कॉफी-चाय और कॉफी दोनों में ही कैफीन होता है। हम सभी जानते हैं कि कैफीन शरीर को इंस्टंट एनर्जी देने का काम करता है। यानी जब भी आपको थकान, उदासी या उनिंदापन अनुभव हो रहा हो, उस समय चाय या कॉफी आपके मूड को बेहतर बना सकती है। लेकिन रात के समय यदि आप इनका सेवन करेंगे तो नींद पूरी तरह डिसटर्ब हो जाएगी। इसलिए रात के समय इनके सेवन से आपको बचना चाहिए।



चीन में ईसाइयों पर अत्याचार बढा़

बीजिंग। एक तरफ दुनिया कोरोना संकट के जूझ रही हैं वहींं चीन की सरकार उइगर मुसलमानों को परेशान करने के बाद अब ईसाइयों (Christians) पर अत्याचार करने पर उतारू हो गई है। चीन के कई राज्यों और शहरों में सैकड़ों ईसाई धार्मिक चिन्ह हटाए गए हैं। क्रॉस निकाल दिए गए और मूर्तियां तोड़ दी गईं। प्रभु यीशु के तस्वीर हटवाकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग और माओत्से-तुंग की तस्वीरें लगाने का आदेश दिया गया है। इसका जो विरोध करता है, उसके साथ मारपीट होती है। चीन की सरकार ने अपने नए आदेश में कहा है कि ईसाई यानी क्रिश्चियन समुदाय के लोग अपने घरों में प्रभु यीशु (ईसा मसीह) तस्वीरें और चर्चों से क्रॉस और मूर्तियां हटवा दें।


इनकी जगह चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीरें (Photos) लगाई जाएं। पिछले एक महीने में चीन की सरकार ने पांच राज्यों अंशुई, जियांग्सु, हेबई, झेजियांग और अनहुई के चर्चों से सैकड़ो धार्मिक चिन्ह को तुड़वा दिया है। जिस जगह विरोध हुआ, वहां धार्मिक चिन्ह तो तोड़े ही गए साथ ही विरोध करने वालों के साथ मारपीट भी की गई। हुआईनैन शहर के शिवान चर्च से धार्मिक चिन्ह हटाने के लिए करीब 100 कर्मचारियों की टीम क्रेन लेकर पहुंची थी। लोगों ने इसका विरोध किया। इस पर अधिकारियों ने वहां मौजूद लोगों के साथ मारपीट की।


ईसाइयों के संगठन चाइना एड ने चर्चों पर कार्रवाई की तस्वीरें जारी की हैं। उधर, चीन के अधिकारियों का कहना है कि इमारतों के जरिए किसी धर्म की पहचान नहीं होनी चाहिए। सरकार ने देश में समानता स्थापित करने के लिए धार्मिक चिन्ह (Religious insignia) के आदेश दिए हैं। इससे पहले सरकार ने धार्मिक किताबों के इस्तेमाल और उनके अनुवाद पर रोक लगा दी थी। सरकार की सख्त चेतावनी दी है कि कम्युनिस्ट पार्टी के 8.5 करोड़ कार्यकर्ता किसी धर्म का पालन नहीं करेंगे। चीन में करीब 40 करोड़ बौद्ध-ताओ, 6.7 करोड़ ईसाई और डेढ़ करोड़ मुस्लिम हैं। इन्हें धार्मिक स्थलों के बाहर ही प्रार्थना करने की अनुमति है। सरकार यहां आने वाले श्रद्धालुओं से टैक्स लेती है। शिनजियांग प्रांत में जेल सरीरी कई इमारतें हैं जहां हजारों उइगर मुसलमानों को कैद कर रखा है। चीन की सरकार ने इस्लाम को कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे पर चलाने के लिए पांच साल की योजना बना चुकी है।            


2021 से पहले वैक्सीन मिलना मुश्किल

वॉशिंगटन। एक ओर जहां, कम से कम तीन कोरोना वायरस वैक्सीनों के इंसानों पर शुरुआती ट्रायल के नतीजे सकारात्मक मिले हैं, वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी कई महीनों तक आम लोगों को वैक्सीन नहीं मिल सकेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन को 2021 से पहले इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। अभी आखिरी चरण के ट्रायल में बड़ी संख्या में लोगों पर टेस्ट किए जाने के बाद ही पता चल सकेगा कि ये वैक्सीनें वाकई में कितनी असरदार हैं।





'अगले साल मिल सकती है'




WHO के हेल्थ इर्जेंसी प्रोग्राम के हेड डॉ. माइक रायन का कहना है, 'हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं। असल तौर पर देखा जाए तो अगले साल के पहले हिस्से में लोगों को वैक्सीन मिलना शुरू हो सकता है।' रायन ने कहा कि वैक्सीन गरीब या अमीर नहीं, सबकी लिए होती हैं। यह जरूरी है कि कैसे इन्हें लोगों को दिया जाता है। रायन ने एक ऑनलाइन लाइव सेशन के दौरान यह बताया है।
'अभी देखना बाकी है असर'
वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एपिडिमियॉलजी में असोसिएट प्रफेसर ऑब्री गोर्डन का कहना है कि पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के नतीजे उम्मीद जगाने वाले हैं। हमें इन पर विश्वास करना चाहिए और यह भी याद रखना चाहिए कि इनसे अभी यह साबित नहीं हुआ है कि वैक्सीन असरदार है। उन्होंने बताया है कि शुरुआती चरणों के ट्रायल सुरक्षा देखने और यह पता करने के लिए होते हैं कि वैक्सीन से इम्यून रिस्पॉन्स पैदा हो रहा है या नहीं।
इन वैक्सीनों पर नजर
वैक्सीन की रेस में फिलहाल ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका की Moderna Inc और चीन की CanSino की वैक्सीनें इंसानों पर ट्रायल के शुरुआती चरण पार कर चुकी हैं। ऑक्सफर्ड की वैक्सीन को इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है क्योंकि यह ज्यादा असरदार पाई गई है। इसे दिए जाने पर ट्रायल में ऐंटीबॉडी और T-cell पाए गए। भारत में Serum Institute of India इसका उत्पादन करेगा जिसने इसके लिए AstraZeneca के साथ डील की है।           


युवक ने किया खूनी ताण्डव, 5 की हत्या

मिथलेश बर्मन


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से एक बड़ी खबर निकल कर आ रही है। यहां एक युवक ने अपने घर में खूनी तांडव मचाया है। उसने अपने परिवार के सभी लोगों की हत्या कर दी। जिसमें उसके मां-बाप दो भाई और एक बहन शामिल है। इसके बाद वह खुद भी आत्महत्या के लिए गाड़ी के नीचे कूद किया। जहां उसकी मौत हो गई। पूरा मामला बिलासपुर जिले के सीपत क्षेत्र के मटियारी गांव मे देर रात की है।“बताया जा रहा है कि खाना खाने के बाद परिवार के सभी लोग सो रहे थे तभी रोशन ने सबसे पहले अपने पिता रूपदास सूर्यवंशी (45 वर्ष) को कुल्हाड़ी से मारकर मौत के घाट उतारा, उसके बाद युवक ने अपनी मां संतोषी बाई (40 वर्ष) पर कुल्हाड़ी से वार कर उसकी जान ले ली। सनकी युवक ने अपनी मासूम बहन कामिनी (14 वर्ष) को भी नहीं छोड़ा उसे भी निर्दयता से कुल्हाड़ी से मारकर मौत के घाट उतार दिया, 03 हत्या करने के बाद भी उसका मन नहीं भरा तो उसने अपने मासूम भाई ऋषि सूर्यवंशी (उम्र 15 वर्ष) और रोहित सूर्यवंशी (20 वर्ष) को भी कुल्हाड़ी से प्राणघातक वारकर जान ले ली। सुबह घर से 5 लाशों को बरामद किया है। जिसमें उसके माता-पिता दो भाई और एक बहन की लाश हैं। आरोपी ने भी सब की हत्या करने के बाद भी खुद भी खुदकुशी कर ली। उसने ऐसा क्यों किया। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है। आरोपी के इस कदम से पूरा गांव सकते में है।             


दबंगों ने यूपी पुलिस से असलाह छीना

दीपक जायसवाल


जौनपुर। जनपद में अपराधियों एवं दबंगो के हौसले इतने बुलंद हो गये है कि पुलिस से उसका असलहा तक छीन ले रहे है जी हां बीती शाम को थाना मछलीशहर मेें नगर के अन्दर एक विधवा की तहरीर पर पूछताछ करने गई कस्बा इंचार्ज सरिता यादव की विपक्षियों ने पिस्टल छीन ली और सरकारी गाड़ी को भी पंक्‍चर करने का प्रयास किया। बाद में कस्बा इंचार्ज की तहरीर पर पुलिस ने एक महिला सहित चार लोगों पर मुकदमा दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार गया लेकिन एक अभियुक्त मौका देख थाने से फरार हो गया। मछली शहर कस्बा स्थित सादिगंज मोहल्ला निवासी लखपत्ति पत्नी स्वर्गीय राजनारायण ने कोतवाली में तहरीर देकर अपने भतीजे द्वारा मारपीट और उनके मकान पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। तहरीर के आधार पर कस्बा इंचार्ज मौके पर पहुंच विधवा महिला और विपक्षियों से मामले को लेकर पूछताछ कर रही थी कि विपक्षी नंदलाल कस्बा इंचार्ज द्वारा कही गई किसी बात को लेकर उत्तेजित हो गया। मौके पर मौजूद लोगोंं के अनुसार आरोपितों ने कस्बा इंचार्ज की पिस्टल छीन ली। उनकी वर्दी पर लगा स्टार व होलोग्राम फाड़ दिया। इसी बीच एक आरोपित ने सरकारी जीप की हवा निकालते हुए उसे पंक्‍चर करने का प्रयास किया। चंदन जिसके बाद मौके पर मौजूद अन्य लोगों व हमराहियों की मदद से आरोपितों से उन्होंने किसी तरह अपनी पिस्टल बरामद की। इसके बाद कोतवाली से पहुंची पुलिस फोर्स ने बलप्रयोग कर किसी तरह से लोगोंं को काबू में उन्हें गिरफ्तार कर कोतवाली लेकर आयी। इसी बीच भीड़ व अंधेरे का फायदा उठाकर एक आरोपित फरार हो गया। कोतवाली पहुँची कस्बा इंचार्ज की तहरीर पर पुलिस ने देर रात नंदलाल, अवधेश, पुष्पा देवी, रवि और पिंटू के खिलाफ तामाम धाराओं में मुकदमा दर्ज कर महिला सहित तीन आरोपित को जेल भेज दिया। जबकि इसी बीच अंधेरे का फायदा उठाकर मुख्य आरोपित नंदलाल मौके से फरार हो गया। मामले के बाबत प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार पांडेय ने पूछताछ के दौरान महिला इंस्पेक्टर से बदसलूकी, वर्दी फाड़ने, पिस्टल छिनने व पुलिस कार्य मे बाधा पहुंचाने की बात कहते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की जानकारी दी गयी है।            


तोते ने दो परिवारों के बीच कराई जंग

सीतामऊ। तहसील के ग्राम छोटी पतलासी में पिंजरे से फरार हुए तोते ने दो परिवारों में जंग करा दी। एक तोते को लेकर भिड़े दो परिवारों का मामला थाने तक पहुंच गया। जहां थानेदार ने तोते को भी पेश करने का हुक्म सुनाया। बाद में तोता उड़कर अपने असली मालिक के पास चला गया। तब जाकर विवाद का पटाक्षेप हुआ।

जिले की सीतामऊ तहसील के ग्राम छोटी पतलासी में तोते से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा कि मामला मारपीट और थाने तक पहुंच गया। पुलिस के बीच-बचाव के बाद मामले में सुलह हो पाई। दरअसल दो दिन पहले छोटी पतलासी गांव के चेतन का पालतू तोता पिंजरे से फरार हो गया और गांव में राजाराम के घर जाकर बैठ गया। तोते के फरार होते ही चेतन ने उसकी तलाश शुरू की तो पता चला कि तोता गांव के ही राजाराम के घर में हैं। फिर क्या था चेतन अपने साथियों के साथ तोता वापस लेने पहुंचा जहा राजाराम ने देने से इंकार कर दिया। मामला तू तू मैं मैं से शुरू होकर हाथापाई तक आ पहुचा। एक तोते के पीछे दोनों परिवार आमने -सामने हो गए।

राजाराम का कहना था कि तोता उड़कर हमारी छत पर आया था तो हमने रख लिया है। लेकिन तोता किसका है इसका सबूत किसी के पास नहीं था सो गांव के बड़े बुजुर्ग भी दोनों परिवारों के बीच सुलह नहीं करा पाए। तोते की नादानी से शुरू हुआ विवाद थाने पहुंच गया। जहां थानेदार साहब ने तोते को थाने में हाजिर होने का फरमान सुनाया। इसके बाद तोते को थाने में अपनी आमद देना पड़ी। तोते ने अपने पुराने मालिक चेतन को पहचान लिया और उड़कर उसके पास पहुंच गया। अब चेतन को भले ही अपना तोता मिल गया है लेकिन तोते की नादानी ने दो परिवारों के साथ पुलिस का भी सुख चैन छीन लिया। तोते की वजह से आमने सामने हुए दोनों परिवार दिन भर थाने में डेरा डाले रहे। पुलिस ने भी दोनों पक्षों को दिनभर समझाने का प्रयास किया। आखिरकार शाम होने तक दोनों पक्षों में राजीनामा हुआ।

इनका कहना है

दो-तीन दिन पहले मेरा तोता गुम हो गया था । मैंने इसकी शिकायत थाने में की थी। आज मुझे मेरा तोता वापस मिल गया है।- चेतन, तोते का मालिक एक मिट्ठू के खातिर पूरा विवाद हुआ है। मिट्ठू हमारे घर के यहां उड़कर आया था मेरे बेटे ने उसे पकड़कर घर मे रख लिया। उसके बाद जिनका मिट्ठू था वो आए और हमे धमकाया। दूसरे दिन उन्होंने हमें मारने का प्लान बनाया मुझे लगता है और भी कोई राज था तो हम थाने चले आए।- राजाराम, छोटी पतलासी हमारी कोई गलती नहीं है। तोता उड़ कर हमारे घर आ गया था। तो बेटे ने उसे खिलाने के लिए पकड़ कर रख लिया। एक दिन तोता हमारे घर रहा। फिर वो लोग आए और जबरन तोते को ले गए। हमे धमकाया भी।- छमुबाई

इनका कहना है

छोटी पतलासी गांव में राजाराम है उनका अपने भाई से विवाद चल रहा है । इसी बीच गांव के एक बालक चेतन का तोता उड़ गया।और राजाराम के यहां जाकर बैठ गया। जिस बालक का तोता था उसे खबर लगी कि तोता राजाराम के यहां है। तो वह तोता लेने पहुंचा। अब दोनों पक्ष तोते पर अपना अपना हक जमा रहे थे। इसी बात को लेकर दोनों परिवारों में विवाद हो गया। मामला थाने आने पर दोनों पक्षो को समझाइश दी गई है कि आपस में गांव का मामला है मिल बैठ कर सुलझा ले। तोते को भी थाने बुलाया था। तो वह उड़कर अपने असली मालिक चेतन के पास चला गया।

अमित सोनी           

कारोबारी से धन के लिए पत्नी का एग्रीमेंट

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर के पॉश इलाके अनूप नगर में संभ्रांत कारोबारी ने पहले पत्नी को मायके से रुपये लाने को मजबूर किया। उसकी जरूरत पूरी नहीं हुई तो पड़ोस में रहने वाले एक अन्य संभ्रांत कारोबारी के पास भेजा। पति ने स्टाम्प पर अनुबंध किया और सहमति दी कि उसकी पत्नी पड़ोसी कारोबारी से संबंध बनाएगी।

विवाहेत्तर संबंधों के दौरान महिला गर्भवती हो गई और उसने बेटी को जन्म दिया। इस पर महिला के पति ने फिर लिखा-पढ़ी की और पड़ोसी से 11 लाख रुपये लिए। बाद में लेनदेन को लेकर विवाद होने लगा तो पत्नी ने पति व स्वजन के खिलाफ थाने में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज करवा दी। मामले की जांच शुरू होते ही पति द्वारा करवाए अनैतिक कार्य की पोल खुल गई।

अनूप नगर निवासी एक उद्योगपति ने जुलाई 2005 में अपने बेटे का राजस्थान की युवती से विवाह किया था। शादी के दो साल बाद ही पति ने पत्नी से रुपयों की मांग शुरू कर दी। रुपये लेने के बहाने पत्नी को पड़ोसी कारोबारी के पास भेजना शुरू किया। रुपयों का लेनदेन करते-करते कुछ समय बाद महिला और पड़ोसी के शारीरिक संबंध बन गए और महिला ने बेटी को जन्म दिया। पति ने पड़ोसी से रुपये वसूलने का षड्यंत्र रचा और फंसाने की धमकी दी। दो साल पहले दोनों ने 1000 रुपये के स्टाम्प (शपथ पत्र) पर करार किया जिसमें पड़ोसी से जन्मी बच्ची को अपनाने और पालने-पोसने के बदले 11 लाख रुपये की लिखा-पढ़ी हुई। पति ने यह भी कहा कि पत्नी पड़ोसी से सिर्फ तीन घंटे मिलेगी।

घर आने के बाद न तो उसका जिक्र करेगी, न व्‍हाट्सएप और फोन पर चर्चा होगी। इस वाकये के बाद भी पति का रुपये मांगना बंद नहीं हुआ और पत्नी के बैंक खातों व एफडी के सारे रुपये निकाल लिए। पत्नी ने आठ दिन पहले एमआइजी थाने में सास, ससुर, देवर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करवा दिया।

पति ने दिया पत्नी और पड़ोसी के संबंध का अनुबंध

कारोबारी के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज हुआ तो उसने एमआइजी थाने की उपनिरीक्षक सीमा शर्मा के समक्ष एक अनुबंध पेश किया। उसने बताया कि पत्नी का चरित्र ठीक नहीं है। उसके पड़ोसी से शारीरिक संबंध थे। बेटी भी उसी से पैदा हुई है।

इस अनुबंध में लिखा था कि पड़ोसी ने खुफिया कैमरे लगाकर अश्लील वीडियो बनाया और दुष्कर्म किया। बच्ची के भविष्य के मद्देनजर केस नहीं करवा रहे हैं। इसके बदले बच्ची के पालन-पोषण के लिए 11 लाख रुपये की एफडी करवा रहे हैं। इस अनुबंध के सामने आते ही पत्नी ने सारा सच सामने रख दिया। उसने ऐसे दस्तावेज पेश किए जिससे यह बात सामने आई कि उसके पति ने बच्ची की हत्या की धमकी देकर झूठा अनुबंध करवाया था। पड़ोसी ने दुष्कर्म नहीं बल्कि रजामंदी से संबंध बनाए थे। इसके बदले पति ने 11 लाख रुपये भी लिए हैं। महिला ने पड़ोसी के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करवाने से भी इन्कार कर दिया।

महिला ने रिपोर्ट लिखाई कि आरोपितों ने शादी में माता-पिता से 8 तोला सोना और 5 लाख रुपये नकद लिए थे। रिश्तेदारों ने टीवी, फ्रिज, कूलर,बर्तन, टेबल, पलंग भी दिए थे, लेकिन अब मुझसे 20 लाख नकद व कार की मांग कर रहे हैं। पति शराब पीकर घर आता और मारपीट करता है। वह पड़ोसियों के पास रुपये लेने भेजता है और अनैतिक कार्य करने का दबाव बनाता है।

इनका कहना हैः मामला बहुत जटिल है। दहेज प्रताड़ना के आरोपित पति व उसकी पत्नी ने अनुबंध पेश किए हैं जिसमें रुपये लेकर अवैध संबंधों को स्वीकारने का करार हुआ है। जांच के आदेश दिए हैं।

सीबीआई कोर्ट में आडवाणी का बयान दर्ज

लखनऊ। अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठतम नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई की अदालत के सामने पेश हुए।


च्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार विशेष अदालत को इस मामले का 31 अगस्त तक निस्तारण करना है। भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने इस मामले में गुरुवार को अपना बयान दर्ज कराया था। अदालत ने मुरली मनोहर जोशी से बड़ी संख्या में इस मामले पर सवाल किये। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त पहले ही हो चुका है। अयोध्या में राममंदिर का भूमिपूजन पांच अगस्त को प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा। इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और भाजपा नेता एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी हाल ही में अपने बयान दर्ज कराये हैं। इस मामले में 32 आरोपियों के बयान दर्ज होने हैं। इसके बाद आरोपियों को अपनी सफाई और साक्ष्य पेश करने का अवसर दिया जाएगा। गौरतलब है कि अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को कारसेवकों की भीड़ ने विवादित ढांचे को गिरा दिया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लालकृष्ण आडवाणी के सीबीआई के समक्ष बयान दर्ज कराने से पहले बुधवार को मुलाकात की थी। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद भूपेंद्र यादव भी साथ थे। दोनों नेताओं के बीच दिल्ली में करीब आधे घंटे की मुलाकात हुई। सूत्रों के अनुसार इस दौरान पेशी से पहले हुई मुलाकात में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर चर्चा हुई। यह भी माना जा रहा है कि मुलाकात में अयोध्या में राममंदिर आंदोलन के अगुआ रहे आडवाणी के पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने पर भी विचार विमर्श हुआ है। सभी 32 आरोपियों के बयान सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज किये जा रहे हैं।           

जन प्रतिक्रिया पर हमारी जिम्मेदारी नहीं

रायपुर/ जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से किसी दबाव में नहीं आकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर जनता राजभवन को घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। एक होटल में ठहरे विधायकों के साथ राजभवन की ओर कूच करने के लिये निकले सीएम गहलोत ने पत्रकारों को बताया कि सत्र बुलाने के लिये मैंने राज्यपाल को कल ही पत्र सौंप दिया था और उनसे फोन पर भी बात हुई, लेकिन इस मामले में काेई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि हम सभी विधायक राजभवन जाकर राज्यपाल से सत्र बुलाने की सामुहिक प्रार्थना करेंगे।


मुख्यमंत्री गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य में गंदी राजनीति करने और निचले स्तर पर जाकर सीबीआई और ईडी के माध्यम से दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने पुराना वाकया सुनाते हुए कहा कि दिवंगत भैरोसिंह शेखावत के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में सरकार गिराने के दो बार प्रयास किये गये थे, लेकिन तब मैंने प्रदेशाध्यक्ष होते हुए इस मामले में नहीं पड़ने का फैसला लिया और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहराव एवं राज्यपाल बलिराम भगत को भी इस तरह के मामले में हमारे शामिल नहीं होने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारे पास पुख्ता बहुमत है। हमारे कुछ साथियों को हरियाणा के एक रिजॉर्ट में बंधक बनाया गया है। जहां उनमें कई बीमार और परेशान हैं। वे विधायक खुद को मुक्त कराने के लिये हमें फोन भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र बुलाया गया तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। बहस होगी तथा सारी बातें सामने आ जायेंगी। सीएम गहलाेत ने कहा कि हम पूरी तरह एकजुट हैं और हमें कोई चिंता नहीं है। जबकि बहुमत साबित करने वाले को हमेशा चिंता रहती है। हम बहुमत को लेकर परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भी हमेशा यह कहता रहा है कि विधानसभा में बहुमत साबित किया जाये। न्यायिक क्षेत्र में भी ऐसी चर्चायें होने लगी थी कि विधानसभा सत्र बुलाया जाये, जिसके लिये हम तैयार हैं। मुख्यमंत्री गहलाेत ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि राज्यपाल किसी दबाव के तहत फैसला नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल से सामुहिक रूप से मिलेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि वह किसी के दबाव में नहीं आयें। वह संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने संविधान की शपथ ली है। उन्हें अपनी अंतरात्मा के आधार पर निर्णय करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं और राज्य की जनता राजभवन को घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।           


यूपी की जेलें होगी अधिक सुविधा से लैस

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों को अत्याधुनिक रूप में विकसित किया जाएगा। जेलों में सुरक्षा व्यवस्था के साथ संचार की आधुनिक प्राणाली का उपयोग किए जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उप्र के आजमगढ़, लखनऊ , गौतमबुद्घनगर, बरेली, चित्रकूट के कारागारों को उच्च सुरक्षा कारागार के रूप में विकसित किया जाएगा। इन कारागारों में नॉन लिनियर जंक्शन डिटेक्टर, ड्यूल स्कैनर बैगेज, फुल ह्यूमन बॉडी स्कैनर, मुलाकात घर हेतु कॉन्टेक्ट-लेस ग्लास, ड्रोन कैमरा, बॉडी वॉर्न कैमरे, नाइट विजन बाइनाकुलर, उच्च क्षमता के हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर, कंसरटीना फेन्सिंग, हैवी ड्यूटी स्टेब्लाइजर सिस्टम, जिला कारागार लखनऊ में सीसीटीवी कैमरे आदि की व्यवस्थाएं आवश्यकतानुसार सुनिश्चित की जाएं।” उन्होंने कहा, “कारागारों में सुरक्षा व्यवस्था का सु²ढ़ीकरण करते हुए तलाशी एवं संचार व्यवस्था को आधुनिक प्रणालियों के माध्यम से किया जाए। उन्होंने कारागारों में आधुनिक उपकरणों व मशीनों की स्थापना के निर्देश दिए।” योगी ने कहा, “कारागारों की पाकशालाओं में सफाई एवं स्वच्छता सुनिश्चित करने एवं स्वच्छ पर्यावरण हेतु पाकशालाओं का आधुनिकीकरण किया जाए। ई-प्रिजन कार्ययोजना के सु²ढ़ीकरण हेतु मैनपावर तथा कम्प्यूटर हार्डवेयर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कारागारों में हेवी ड्यूटी वॉशिंग मशीन की व्यवस्था के सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।” कारागारों में हर हाल में कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोका जाए। बंदियों व कारागार स्टाफ की कोविड-19 सम्बन्धी चेकिंग सुनिश्चित की जाए। संक्रमण पाये जाने पर शीघ्र कार्यवाही की जाए।” अपर मुख्य सचिव गृह, कारागार प्रशासन एवं सुधार अवनीश कुमार अवस्थी ने “मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि कारागारों में उपकरणों-मशीनों के क्रय हेतु कार्यवाही प्राथमिकता से की जा रही है। इस सम्बन्ध में प्रस्ताव शीघ्र ही प्रस्तुत किया जाएगा। चरणबद्घ रूप से प्रदेश के सभी कारागारों एवं जनपद न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इकाइयों की स्थापना करायी गयी है।             


गैंगस्टर विकास दुबे का 1 और साथी अरेस्ट

कानपुर। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के एक और सहयोगी शिवम दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। विकास दुबे ने 3 जुलाई को बिकरू गांव में घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।


एसपी सिंहसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने कहा कि 24 वर्षीय शिवम दुबे इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के अनुसार हमले के दिन वहां था। इसके अलावा पहले से से गिरफ्तार हो चुके गिरोह के अन्य सदस्यों ने भी इस बारे में बयान दिए हैं। शिवम को गुरुवार रात कानपुर नगर के चौबेपुर पुलिस स्टेशन के पास गादी साबुन कारखाने से गिरफ्तार किया गया। शिवम हरदोई में अपने मामा के घर में छिपा हुआ था। पुलिस द्वारा उसे ट्रैक करने पर उसने जगह बदल ली थी। बाद में एक मुखबिर से उसके कानपुर में होने की खबर मिली। एसटीएफ के अनुसार, 3 जुलाई को पुलिस पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की गई डबल बैरल बंदूक पहले ही पुलिस जब्त कर चुकी है। शिवम दुबे से पहले एसटीएफ दया शंकर अग्निहोत्री, श्यामू बाजपेयी, जहान यादव और शशिकांत को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं विकास दुबे और उसके पांच सहयोगी प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, बुआन दुबे, प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे 3 जुलाई से 10 जुलाई के बीच अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए हैं।             

अवैध कारोबार पर पुलिस का शिकंजा

थाना प्रभारी सिखेड़ा वीरेन्द्र कसाना व उनकी टीम ने बेहतरीन कार्यशैली का नमूना पेश करते हुए दो गुड वर्को को दिया अंजाम


तस्लीम बेनकाब


मुज़फ्फरनगर। एसएसपी अभिषेक यादव के कुशल मार्ग निर्देशन में व पुलिस अधीक्षक नगर सतपाल आंतिल के नेतृत्व में थाना प्रभारी सिखेड़ा वीरेन्द्र कसाना ने बेहतरीन कार्यशैली का नमूना दिखाते हुए आज भी दो गुड वर्को को अंजाम दिया। कि एसएसपी अभिषेक यादव के द्वारा अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया हुआ है जिसपर सभी थाना प्रभारियों को आदेशित किया हुआ है की कोई भी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध कारोबार ना करें तथा ऐसे अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।आज इसी क्रम में थानाप्रभारी सिखेड़ा वीरेंद्र कसाना व उनकी टीम ने किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में एक आरोपी को बंदूक सहित गिरफ्तार किया तो वही दूसरी गुड वर्क को अंजाम देते हुए एक मुदमे मे चले आ रहें आरोपी को सिखेड़ा चौराहे से किया गिरफ्तार। सिखेड़ा थानाप्रभारी वीरेंद्र कसाना को मुखबिर खास की  सूचना मिली की गय्यूर पुत्र हनीफ निवासी बिहारी मंसुरपुर रोड मास्टर समीम के बाग में अवैध देशी बन्दूक लिये घूम रहा और कोई भी घटना को अंजाम दे सकता है तो सिखेड़ा थानाप्रभारी ने एक टीम गठित कर मुखबिर खास की बताई जगह पर पहुच कर आरोपी की घेराबंदी कर पकड़ लिया, सिखेड़ा पुलिस पूछताछ की तो आरोपी ने अपना नाम गय्यूर पुत्र शमीम निवासी बिहारी बताया इसके पास से एक देशी बन्दूक एक जिन्दा कारतूस एक खोखा भी पुलिस ने बरमाद किया हैं,सिखेड़ा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर भेजा जेल तो वही दूसरी सफ़लता में सिखेड़ा पुलिस ने संबंधित अभियुक्त जयपाल पुत्र बलदेव निवासी बहेड़ा अस्सा थाना सिखेडा को सिखेड़ा चौराहे से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।             


740 लोगों की मौत, 49,310 संक्रमित

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण के बढ़ते मामलों की रफ्तार रोजाना बढ़ती ही जा रही है। भारत में बीते 24 घंटे के भीतर सबसे अधिक 49 हजार से ज्यादा मामले आए हैं। यह आंकड़ा अब तक का सर्वाधिक है। 24 जुलाई की सुबह तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस संक्रमण के 49,310 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही अब देश में कुल दर्ज मरीज़ों की संख्या 12.87 लाख के पार हो गई है। इतना ही नहीं, पिछले 24 घंटों में 740 लोगों की मौतें भी हुई हैं। इसी के साथ अब तक हुई कुल मौतों का आंकड़ा 30 हजार के पार पहुंच गया है। अभी तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 30,601 हो गया है।


देश मे कोरोना के अब तक कुल 12,87,945 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं। जबकि ठीक होने वालों की संख्या 8,17,209 तक पहुंच गई है। रिकवरी रेट की बात करें तो अब मामले 63.45% तक रिकवर हो रहे हैं। जबकि पॉजिटिविटी रेट 13.97% है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार 22 जुलाई तक टेस्ट किए गए कोरोनावायरस (COVID-19) सैंपलों की कुल संख्या 1,54,28,170 है, जिसमें 3,52,801  सैंपलों का टेस्ट बीते 24 घंटे में किया गया।


फिलहाल पूरे देश में पांच राज्य ऐसे हैं जहां पर मामले सर्वाधिक आ रहे हैं, जिनमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और यूपी है। महाराष्ट्र में 9,895, आंध्र प्रदेश में 7,998, तमिलनाडु में 6,472, कर्नाटक में 5,030 और उत्तर प्रदेश में 2,516 हैं। वहीं, कोरोनावायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या की बात करें तो महाराष्ट्र में 298, कर्नाटक में 97, तमिलनाडु में 88, आंध्र प्रदेश में 61 और पश्चिम बंगाल में 34 है।


19 सितंबर से आईपीएल की शुरुआत

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 13वें सीजन को लेकर आधिकारिक ऐलान हो गया है। आइपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि कर दी है कि आइपीएल 2020 कब और कहां खेला जाएगा। आइपीएल के चेयरमैन की मानें तो पूरा टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में खेला जाएगा। बृजेश पटेल ने ये भी बताया है कि आइपीएल की शुरुआत 19 सितंबर से होगी, जबकि फाइनल मुकाबला 8 नवंबर को खेला जाएगा। आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने न्यूज एजेंसी पीटीआइ को बताया है कि इंडियन प्रीमियर लीग 2020 की शुरुआत 19 सितंबर से होगी, जबकि फाइनल मुकाबला 8 नवंबर को खेला जाएगा। बीसीसीआइ ने आइपीएल के 13वें सीजन के आयोजन के लिए यूएई की तीन जगहों को फाइनल किया है, जिनमें दुबई, अबुधाबी और शारजाह हैं। इन्हीं तीन जगहों पर आईपीएल के सभी मुकाबले खेले जाएंगे, क्योंकि भारत में कोरोना वायरस महामारी काबू में नहीं है।


बता दें कि आइपीएल 2020 का आगाज 29 मार्च से होना था, लेकिन उससे पहले भारत में कोरोना वायरस के मामले सामने आ गए थे। ऐसे में बीसीसीआइ ने लीग को पहले 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित किया था, लेकिन 16 अप्रैल को बीसीसीआइ ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था। हालांकि, एक समय ऐसा लग रहा था कि आइपीएल का आयोजन इस साल नहीं हो पाएगा, क्योंकि बीसीसीआइ के पास कोई विंडो नहीं बची थी, लेकिन दो बड़े टूर्नामेंट स्थगित होने से आइपीएल को विंडो मिल गई।


दरअसल, पहले एशिया कप और फिर आइसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2020 के स्थगित होने के बाद बीसीसीआइ को दुनिया की सबसे महंगी टी20 लीग के आयोजन के लिए सितंबर-नवंबर की विंडो मिल गई, क्योंकि पहले सितंबर में एशिया कप होना था और फिर अक्टूबर-नवंबर में टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन होना था, लेकिन इस साल के लिए ये टूर्नामेंट कैंसिल हो गए हैं।              


भव्यता को ध्यान में रखकर होगा सौंदर्यकरण

मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन सौन्दर्यकरण कुम्भ की भव्यता को ध्यान में रखते हुए ही किया जाएगा


रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कुम्भ मेला 2021 को लेकर अखाड़ा परिषद और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की बुधवार को देहरादून में हुई बैठक के बाद हरिद्वार पहुचे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने पत्रकारों से वार्ता की और बैठक में लिए गए विभिन्न निर्णयों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री के साथ कुंभ मेले को लेकर हुई अखाड़ा परिषद की इस अहम बैठक में कई मुद्दों पर संतो के साथ चर्चा की गई और कुम्भ मेले के कार्यो को लेकर निर्णय भी लिया गया।


अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बैठक के दौरान चर्चा कर तय किया गया कि, कुम्भ मेला 2021 अपने तय समय पर होगा। सरकार द्वारा अखाड़ो में होने वाले स्थाई कार्यो की पहली किश्त सरकार द्वारा जारी की जाएगी। कुम्भ मेला 2021 के दौरान बैरागी कैम्प में बैरागियों की तीन अणियों को दी जानी वाली जमीन पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। मां मनसा देवी की पहाड़ी का ट्रीटमेंट किया जाएगा। ताकि आने वाले कुम्भ मेले में किसी प्रकार की समस्या सामने ना आए। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में हरिद्वार के सौन्दर्यकरण को लेकर भी चर्चा की गयी। जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि, हरिद्वार का सौन्दर्यकरण कुम्भ की भव्यता को ध्यान में रखते हुए ही किया जाएगा। इसके लिए भी सरकार द्वारा कार्य किए जा रहें है।


मुख्यमंत्री के साथ कुंभ से पहले अखाड़ा परिषद की इस अहम बैठक में कुम्भ मेले के कई मुद्दों पर चर्चा की गई। जहां अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कुंभ मेला 2021 में तय समय पर होने की बात कही तो वही मुख्यमंत्री द्वारा भी कुंभ मेले को लेकर संतो को कई आश्वासन दिए गए है। अब देखना होगा कि, आगामी 2021 कुंभ मेले का कितना सफल आयोजन राज्य सरकार द्वारा कराया जाता है।            


पायलट पक्ष की याचिका को सही माना

जयपुर। राजस्थान के सियासी घमासान पर हाई कोर्ट का फैसला आ गया है। हाई कोर्ट ने सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की याचिका को सही माना। साथ ही स्पीकर द्वारा जारी नोटिस पर स्टे लगा दिया है। यानी स्पीकर द्वारा जारी नोटिस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। अब पक्ष चाहें तो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। हालांकि हाई कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य घोषित करने या नहीं करने वाले बिंदू पर कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। अब माना जा रहा है कि पूरे मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।


इससे पहले हाई कोर्ट ने सचिन पायलट गुट के पृथ्वीराज मीणा की वह याचिका स्वीकार कर ली है, जिसमें उन्होंने पूरे मामले में केंद्र सरकार को भी पार्टी बनाने की मांग की थी। वहीं इससे पहले दायर याचिका में राजस्थान विधानसभी स्पीकर सीपी जोशी के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें बागी विधायकों को नोटिस जारी किया गया है। ये सभी विधायक पिछले दिनों कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उपस्थित नहीं हुए थे। अशोक गहलोत सरकार का आरोप है कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक भाजपा के साथ मिलकर सरकार को गिराने की साजिश रच रहे हैं।


हाई कोर्ट के फैसले से पहले अशोक गहलोत का बड़ा दावा: राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इशारों पर राजस्थान में जनता की चुनी सरकार को गिराने की कोशिश हो रहा है, लेकिन हमारे पास बहुमत है। हम जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाएंगे और बहुमत साबित करेंगे। कहा जा रहा है कि यदि हाई कोर्ट का फैसला सचिन पायलट गुट के समर्थन में आता है तो गहलोत के लिए मुश्किल बन सकती है। भाजपा का दावा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। सुप्रीम कोर्ट से मिला था झटका: इससे पहले राजस्थान स्पीकर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। इस तरह स्पीकर और कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से तो झटका लगा है।              


सार्वजनिक सूचना

सर्वजनिक सूचना
सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है। मैं संजय पुत्र स्वः राज सिंह, निवासी ए-91 गली नंबर 3, संगम विहार, लोनी गाजियाबाद, के द्वारा आज दिनांक 23 जुलाई 2020 को अपनी पुत्री सोनिया से सभी प्रकार के संबंध विच्छेद करता हूं। मेरी चल-अचल सभी प्रकार की संपत्तियों से सोनिया का आज के बाद किसी प्रकार कोई संबंध नहीं है। आज के बाद सोनी के द्वारा किसी भी कृत्य की जिम्मेदार स्वयं सोनिया रहेगी। मेरा सोनिया से सभी प्रकार संबंध खत्म माना जाए।                     


प्रशासक सुमेधा पर कार्रवाई की मांग

राणा ओबराय
हरियाणा महिला आयोग की सोनाली-सुल्तान प्रकरण मामले में मार्केटिंग बोर्ड की प्रशासक सुमेधा कटारिया व अन्य अधिकारियों पर कार्यवाही की सिफारिश
हिसार। हरियाणा राज्य महिला आयोग की उच्च स्तरीय कमेटी ने सोनाली-सुल्तान प्रकरण में जांच रिपोर्ट सीएम व कृषि मंत्री को भेज दी है। इसमें कृषि मार्केटिंग बोर्ड की प्रशासक सुमेधा कटारिया के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की सिफारिश की गई है। 45 दिन में जांच रिपोर्ट तैयार की गई है। आयोग की चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने रिपोर्ट में दावा किया है कि सुमेधा कटारिया ने हिसार मार्केट कमेटी के सचिव सुल्तान सिंह के खिलाफ विभागीय एक्शन नहीं लिया। उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित करने या फिर चार्ज लेने के लिए कहा गया था, लेकिन अधिकारी ने आयोग की बातों को गंभीरता से नहीं लिया। आयोग ने हिसार डीसी पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया है। हिसार डीसी से सचिव संबंधित सत्यापित दस्तावेज मांगे थे, पर उपलब्ध नहीं कराए गए। आयोग ने कहा कि सचिव के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत भी एफआईआर होनी चाहिए।
गिरफ्तार व सस्पेंड भी किए जाएं सचिव सुल्तान
रिपोर्ट के अनुसार,सचिव सुल्तान सिंह ने आयोग के सामने पक्ष रखा था। उन्होंने जो दस्तावेज पेश किए, उनमें छेड़छाड़ मिली। कहीं ओवरराइटिंग तो कहीं कटिंग थी। गलत दस्तावेज पेश कर गुमराह करने का प्रयास किया गया। इसलिए सेवा नियमावली के अनुसार सचिव को निलंबित करना चाहिए। 5 जून को सोनाली फौगाट की शिकायत पर सुल्तान सिंह पर केस दर्ज हुआ था। उस मामले में तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए।


पत्रकारों पर दर्ज मामले की घोर निंदा

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज मीडिया ग्रुप भी वरिष्ठ पत्रकार जगजीत सिंह दर्दी के ऊपर हुए दर्ज मामले की करता है घोर निंदा!
चण्डीगढ़। पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार जगजीत सिंह दर्द के ऊपर पंजाब सरकार द्वारा किए गए मुकदमे की राष्ट्रीय खोज ग्रुप घोर निंदा करता है। राष्ट्रीय खोज ग्रुप के सभी सदस्यों ने वरिष्ठ पत्रकार जगजीत सिंह दर्दी के ऊपर हुए दर्ज मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा सरकार पत्रकारों की आवाज को दबाने के लिए कोई ना कोई षड्यंत्र रचती रहती है। चण्डीगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार एवं हरियाणा साहित्य अकेडमी हरियाणा सरकार के पूर्व वाईस चेयरमैन राणा ओबराय ने कहा यदि पंजाब सरकार ने दुर्भावना से मुकदमा दर्ज किया है तो इसे तुरंत वापस लेना चाहिए। राणा ओबराय ने कहा पत्रकार समाज का आईना होते हैं। यदि पत्रकारों की आवाज को दबाया जाएगा तो पत्रकार आम आदमी की आवाज को उठाने में असमर्थ हो जाएंगे। इसलिए पंजाब सरकार को चाहिए सही कार्यवाही करके जगजीत दर्दी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करें!


अधिवक्ताः राखी खरीदने का रुपया नहीं

आईटीआई महिला मेहमान प्रवक्ताओं ने सीएम को भेजा पत्र 5 माह का वेतन अप्राप्त राखी खरीदने के लिए पैसे नहीं "



रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुत से आईटीआई के मेहमान प्रवक्ताओं का मार्च से लेकर जुलाई तक का वेतन उनके प्राचार्यो द्वारा रोका गया है। ऐसे में वहां कार्य कर रहे महिला मेहमान प्रवक्ताओं को राखी जैसे पावन पर्व पर अपने भाइयों के लिए राखी और मिठाई खरीदने के लिए आथिर्क समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अपनी इन्हीं आथिर्क समस्याओं को ध्यान आकर्षित कराने के लिए महिला मेहमान प्रवक्ताओं ने सीएम को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि हम सब बहनों को वेतन नहीं मिलने के कारण हम सब अपने भाइयों और साथ ही साथ आपके लिए भी राखी खरीदने में असमर्थ है। परन्तु भूपेश भैय्या आप अपने भाई होने का फर्ज निभाते हुए हम सब बहनो को उपहार स्वरूप हमारे 5 माह का लंबित वेतन दिलवाये, ताकि हम सब बहने आपके लिए और अपने भाइयों के लिए राखी और मिठाई खरीद सके। इस संबंध में कांकेर सासंद माननीय श्री मोहन मंडावी द्वारा संचालनालय रोजगार एवं विभाग को पत्र भी लिखा गया था। जिसके जवाब में श्री मोती राम खुटे अवर सचिव द्वारा कहा गया कि संचालनालय का कार्य मेहमान प्रवक्ताओं के लिए बजट जारी करने का होता है और सभी संस्थाओं को वेतन के लिए बजट दे दिया गया है। अब रही मेहमान प्रवक्ताओं के वेतन की तो मेहमान प्रवक्ताओं की नियुक्ति और वेतन देने का अधिकार संस्था प्रमुख और नोडल अधिकारी का होता है, इस संबंध में संचालनालय की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं रहती। उपरोक्त बातों से यह स्पष्ट हो जाता है कि मेहमान प्रवक्ताओं का वेतन संस्था प्रमुखों और नोडल अधिकारीयों द्वारा रोका जा रहा है। अंत में महिला मेहमान प्रवक्ताओं ने कहा कि सीएम माननीय श्री भूपेश भैय्या से हम सब बहनों को पूरा विश्वास और उम्मीद है कि वो इस संबंध में जल्द ही उचित कदम उठायेंगे ताकि हम सब बहनो को हमारा पूरा वेतन मिल सके।             


25 जुलाई को करें कालसर्प दोष निवारण

नागपंचमी 25 जुलाई पर करें कालसर्प दोष का निवारण
-मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्,
विश्व में भारत ही एकमात्र देश है जहां पृथ्वी, समुद्र, नदियों, वृक्षों,  ग्रहों, देवताओं आदि की पूजा तो होती ही है। परंतु आदिकाल से पशु पक्षियों के संरक्षण, पर्यावरण एवं प्राकतिक संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से उनकी पूजा भी की जाती है। इसके लिए लगभग हर पशु पक्षी को किसी न किसी देवी या देवता से जोड़ा गया है ताकि देवों के साथ साथ उनकी भी रक्षा होती रहे। 
गाय को तो पूज्यनीय माना ही गया है, परंतु भगवान कृष्ण का इससे अटूट संबंध भी जोड़ा गया है। 
बैल-शिवजी का वाहन, शेर-दुर्गाजी का वाहन, मोर- कार्तीकेय , चूहा-गणेशजी, सर्प-शिवजी के गले में एवं विष्णुजी की शैय़्या के रुप में रहता है। हंस-देवी सरस्वती का, उल्लू-देवी लक्ष्मी का वाहन भैंसा-यमराज का।
इसी श्रृंखला में नाग पंचमी पर नागों की पूजा का पारंपरिक विधान है।
नाग पंचमी का पर्व 25 जुलाई को मनाया जाएगा। हर साल यह पर्व सावन माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन सांपों (नाग देवताओं) को पूजने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माना जाता है कि इस दिन नागदेव की पूजा करने से कुंडली के राहु और केतु से संबंधित दोष दूर होते हैं। सांप के भय एवं सर्पदंश से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी के दिन कालसर्प योग की पूजा भी करवाई जाती है। इस दिन महिलाएं सर्प को भाई मानकर उसकी पूजा करती हैं और भाई से अपने परिजनों की रक्षा का आशीर्वाद मांगती हैं।
नाग पंचमी का मुहूर्त
पंचमी तिथि प्रारंभ- 14:33 (24 जुलाई 2020)
पंचमी तिथि समाप्ति- 12:01 (25 जुलाई 2020)  
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त- 05:38:42 बजे से 08:22:11 बजे तक
अवधि - 2 घंटे 43 मिनट
नाग पंचमी - महत्व
1.  हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सर्पों को पौराणिक काल से ही देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग पूजन का अत्यधिक महत्व है।
2.  ऐसी भी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने वाले व्यक्ति को सांप के डसने का भय नहीं होता।
3.  ऐसा माना जाता है कि इस दिन सर्पों को दूध से स्नान और पूजन कर दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है।
4.  यह पर्व सपेरों के लिए भी विशेष महत्व का होता है। इस दिन उन्हें सर्पों के निमित्त दूध और पैसे दिए जाते हैं।
5.  इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परम्परा है। मान्यता है कि इससे वह घर नाग-कृपा से सुरक्षित रहता है।
नाग पंचमी का त्यौहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। पौराणिक काल से ही नागों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग पूजन का बहुत महत्व माना गया है। मान्यता है कि इस दिन सर्पों को दूध से स्नान और पूजन कर दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है।
गुप्त धन की रक्षा
शास्त्रों में ऐसा माना जाता है कि नाग देव गुप्त धन की रक्षा करते हैं। इस कारण यह माना जाता है कि नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन में धन-समृद्धि का भी आगमन होता है। इस दिन व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो उसे इस दोष से बचने के लिए नाग पंचमी का व्रत करना चाहिए। 
नाग पंचमी से जुडी कुछ कथाएं व मान्यताएँ
1.  हिन्दू पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के पुत्र ऋषि कश्यप की चार पत्नियाँ थी। मान्यता यह है कि उनकी पहली पत्नी से देवता, दूसरी पत्नी से गरुड़ और चौथी पत्नी से दैत्य उत्पन्न हुए, परन्तु उनकी जो तीसरी पत्नी कद्रू थी, जिनका ताल्लुक नाग वंश से था, उन्होंने नागों को उत्पन्न किया।
2.  पुराणों के मतानुसार सर्पों के दो प्रकार बताए गए हैं— दिव्य और भौम। दिव्य सर्प वासुकि और तक्षक आदि हैं। इन्हें पृथ्वी का बोझ उठाने वाला और प्रज्ज्वलित अग्नि के समान तेजस्वी बताया गया है। वे अगर कुपित हो जाएँ तो फुफकार और दृष्टिमात्र से सम्पूर्ण जगत को दग्ध कर सकते हैं। इनके डसने की भी कोई दवा नहीं बताई गई है। परन्तु जो भूमि पर उत्पन्न होने वाले सर्प हैं, जिनकी दाढ़ों में विष होता है तथा जो मनुष्य को काटते हैं उनकी संख्या अस्सी बताई गई है।
3.  अनन्त, वासुकि, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापदम, शंखपाल और कुलिक— इन आठ नागों को सभी नागों में श्रेष्ठ बताया गया है। इन नागों में से दो नाग ब्राह्मण, दो क्षत्रिय, दो वैश्य और दो शूद्र हैं। अनन्त और कुलिक— ब्राह्मण, वासुकि और शंखपाल— क्षत्रिय, तक्षक और महापदम— वैश्य, व पदम और कर्कोटक को शुद्र बताया गया है।
4.  पौराणिक कथानुसार जन्मजेय जो अर्जुन के पौत्र और परीक्षित के पुत्र थे, उन्होंने सर्पों से बदला लेने व नाग वंश के विनाश हेतु एक नाग यज्ञ किया क्योंकि उनके पिता राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नामक सर्प के काटने से हुई थी। नागों की रक्षा के लिए इस यज्ञ को ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने रोका था। जिस दिन इस यज्ञ को रोका गया उस दिन श्रावण मास की शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि थी और तक्षक नाग व उसका शेष बचा वंश विनाश से बच गया। मान्यता है कि यहीं से नाग पंचमी पर्व मनाने की परंपरा प्रचलित हुई।
नाग पंचमी की पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है और इस दिन. अगर किसी को नागों के दर्शन होते हैं तो उसे बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस नाग पंचमी की पूजा को करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है और सर्पदंश का डर भी दूर होता है। आइए जानते हैं नाग पंचमी की पूजा विधि।
- नाग पंचमी के दिन अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों की पूजा की जाती है।
- चतुर्थी के दिन एक बार भोजन कर पंचमी के दिन उपवास करके शाम को भोजन करना चाहिए।
- पूजा करने के लिए नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति बनाकर इसे लकड़ी की चौकी के ऊपर स्थापित करें।
- हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़कर नाग देवता की पूजा करें।
- कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर सर्प देवता को अर्पित करें।
- पूजन करने के बाद सर्प देवता की आरती उतारी जाती है।
- अंत में नाग पंचमी की कथा अवश्य सुनें।
कालसर्प दोष क्या है व कुंडली में कैसे बनता है कालसर्प दोष?
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु  और केतू ग्रहों के बीच अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है। क्योकि कुंडली के एक घर में राहु  और दूसरे घर में केतु के बैठे होने से अन्य सभी ग्रहों से आ रहे फल रूक जाते हैं। इन दोनों ग्रहों के बीच में सभी ग्रह फँस जाते हैं और यह जातक के लिए एक समस्या बन जाती है। इस दोष के कारण फिर काम में बाधा, नौकरी में रूकावट, शादी में देरी और धन संबंधित परेशानियाँ, उत्पन्न होने लगती हैं।
काल सर्प योग उपाय-
विशेषज्ञों काल सर्प योग के असभ्य प्रभाव को कम करने के उपाय बताएं है। उनमें से कुछ नीचे बताये गये है-
ओम नमः शिवाय का जप करने या रोजाना कम से कम 108 बार महामृत्युजंय जप को करने से इस योग के खराब प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
नाग देवता की पूजा करना या नाग पंचमी को व्रत करना प्रभावी रहता है।
धातु से बनी हुई नाग और नागिन की जोड़ी नदी या एक मंदिर में चढ़ाना भी अच्छा परिणाम दिखाता है।
इस योग के साथ हर व्यक्ति दिए गए प्रभावों और लक्षणों से ग्रस्त नहीं होता है। यह सब जन्म के समय किसी व्यक्ति की कुंडली पर निर्भर करता है। ऐसे अन्य उपाय भी हैं जो आप किसी विशेषज्ञ या पुजारी से जान सकते है। इस दोष का जल्दी से जल्दी उपाय करने का सुझाव दिया जाता है।
नागपंचमी के दिन किए जाने वाले कुछ प्रयोग निम्नलिखित हैं जिनके करने से कालसर्प दोष शिथिल होता है-
1. नाग-नागिन का जोड़ा चांदी का बनवाकर पूजन कर जल में बहाएं।
2. नारियल पर ऐसा ही जोड़ा बनाकर मौली से लपेटकर जल में बहाएं।
3. सपेरे से नाग या जोड़ा पैसे देकर जंगल में स्वतंत्र करें।
4. किसी ऐसे शिव मंदिर में, जहां शिवजी पर नाग नहीं हों, वहां प्रतिष्ठा करवाकर नाग चढ़ाएं।
5. चंदन की लकड़ी के बने 7 मौली प्रत्येक बुधवार या शनिवार शिव मंदिर में चढ़ाएं।
6. शिवजी को चंदन तथा चंदन का इत्र चढ़ाएं तथा नित्य स्वयं लगाएं।
7. नागपंचमी को शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत तथा पुताई करवाएं।
8. निम्न मंत्रों के जप-हवन करें या करवाएं।
(अ) 'नागेन्द्र हाराय ॐ नम: शिवाय'
(ब) 'ॐ नागदेवतायै नम:' या नागपंचमी मंत्र 'ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्।'
(9) शिवजी को विजया, अर्क पुष्प, धतूर पुष्प, फल चढ़ाएं तथा दूध से रुद्राभिषेक करवाएं।
(10) अपने वजन के बराबर कोयले पानी में बहाएं।            


छात्रों के भविष्य के साथ सरकार का खिलवाड़

दिल्ली विश्वविद्यालय में एडहॉक अध्यापकों की व्यवस्था जिंदा रखकर लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है सरकार ;डॉ. अनिल कुमार मीणा


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में लगभग 5000 एडहॉक अध्यापक पढ़ाते हैं लेकिन उनकी लेकिन प्रत्येक 4 महीने बाद जॉइनिंग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन असंवेदनशील रवैया अपनाता रहता है | मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार ने स्थाई नियुक्ति तक किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करने का आदेश जारी किया था| लेकिन प्रशासन बार बार शैक्षणिक कैलेंडर बदलना, परीक्षा तिथियों को आगे बढ़ाना, ऑन लाईन परीक्षा लेने पर अड़े रहने की जिद्द तदर्थ शिक्षकों के लिए कोरोना संकट के समय तनाव को बढ़ाने, उनके लिए रोजी रोटी का संकट के साथ साथ उनके रोजगार पर भी गम्भीर प्रभाव डाल रहा है। एडहॉक अध्यापकों ने प्रशासन की शोषण करने की मानसिकता के खिलाफ अनेक आंदोलन किए लेकिन सफलता नहीं मिली |


 एडहॉक अध्यापकों के आंदोलन की असफलता के कारण  


वह नियमित नहीं है हर 4 महीने बाद विभागाध्यक्ष एवं कॉलेज के प्राचार्य के रहमों करम पर जिंदा रहना पड़ता है| उन्हीं के बनाए हुए विधान एवं नियमों के अनुसार उनको चलना पड़ता है| जब कॉलेज के प्रशासन की मानसिक शोषण की पराकाष्ठा चरमोत्कर्ष सीमा पर पहुंच जाता है तब तदर्थ अध्यापक पर बेदखल होने की तलवार लटकने लग जाती है, उस असहाय वक्त पर वह आंदोलन  भागीदार बनने के लिए मजबूर हो जाता है| और जैसे ही उनके निजी फायदे पूरे हो जाते हैं वह अपने आप को आंदोलन से दूर कर देता है | कुछ एडहॉक अध्यापक कॉलेज प्रशासन की नजरों में अच्छा  बने रहने एवं भविष्य में नियमित होने का सहयोग लेने के लिए आंदोलन से दूरी बनाकर रखते हैं समय-समय पर जिसका दुष्परिणाम यही होता है कि वह भी खतरों की तलवारों से नहीं बच पाता | दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा समय-समय पर स्क्रीनिंग लिस्ट आउट करने का खेल खेला जाता है |जिसके कारण तदर्थ अध्यापक सब कुछ भूल कर साक्षात्कार में अपना नाम डलवाने, अपने को नियमित करवाने के जुगाड़ में लग जाता है और वह पूरी तरह से आंदोलन से दूरियां बना देता है| विश्वविद्यालय में अध्यापकों के हितों की रक्षा के लिए कई संगठन बने हुए हैं जो समय समय पर अध्यापकों के मुद्दों को लेकर लड़ाई लड़ते हैं| जब जब आंदोलन बुलंदियों पर होता है तब तक संगठनों के हित आपस में टकराने से संगठन के लोग अपने आप को धीरे आंदोलन से दूर कर लेते हैं जिसका नुकसान एडहॉक अध्यापकों को उठाना पड़ता है|


असफलता का कारण यह भी माना जाता है कि आंदोलन के लिए जो रोड मैप तदर्थ अध्यापक तैयार करते हैं उसे टूटा नजरअंदाज करके अपने बनाए हुए रोड मैप के अनुसार चलता है| जब जब आंदोलन सरकार को दिखाने के लिए अपने चरम पर होता है उसी वक्त डूटा अपने महत्वकांक्षी मुद्दों के साथ प्रशासन से समझौता कर लेता है | दूरगामी परिणाम यह होता है कि ना डूटा की मांग पूरी हो पाती है और ना ही एडहॉक अध्यापकों की समस्याओं का समाधान होता है |  जिसका दुष्परिणाम सबको खाली बेबस हाथों से लौटना पड़ता है फिर से उस आंदोलन को ऊंचाइयों पर पहुंचाना और सभी का विश्वास जीत पाना एक चुनौती बन जाता है | जब-जब अध्यापकों को नियमित करने की मांग ऊंचाइयों पर होती है तब तब प्रशासन रोस्टर के मुद्दे पर उलझा कर रख देता है| यह भ्रम फैलाने का प्रयास किया जाता है  सामान्य वर्ग की सीट आरक्षित वर्ग में बदल गई है और आरक्षित वर्ग की सीट सामान्य वर्ग में बदल गई है| ऐसे माहौल में एडहॉक अध्यापक नियमित होने की लड़ाई को छोड़कर तदर्थ अध्यापक बने रहने की लड़ाई लड़ने लग जाता है|


आखिर सरकार एडहॉक अध्यापकों को नियमित नहीं करने के पीछे मंशा क्या है:-सरकार को ऐसा लगता है कि शिक्षण संस्थानों को चलाने के लिए नियमित अध्यापकों को पर जितना खर्च किया जाता है शायद उससे बहुत कम मात्रा में एडहॉक अध्यापकों पर खर्च करके संस्थाएं आराम से चलाई जा सकती है। 


एडहॉक शिक्षकों को अतिरिक्त सेवायें में नहीं देनी पड़ती |


सरकार के कदम निजीकरण  की तरफ बढ़ने के कारण भी उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को सरकारी नौकरियों से वंचित रखना चाहती है। सरकार तदर्थ अध्यापकों के मुद्दों पर उलझा कर दिल्ली विश्वविद्यालय में लंबे समय से कार्यरत नियमित अध्यापकों की पदोन्नति करने से बचना चाहती है| अर्थात कम खर्चे पर विश्वविद्यालय चलाना चाहती है | सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए धीरे-धीरे सरकारी संस्थाओं को कमजोर करने का काम कर रही है|  केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी निजीकरण के द्वार खुल जाए | 


एडहॉक अध्यापकों को नियमित करना क्यों जरूरी है:-


 दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रत्येक वर्ष 300 अध्यापक सेवानिवृत्त होते हैं | पिछले 13 सालों  का हिसाब लगाएं 3900 रिक्त पद सृजित होते हैं| 2009 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ओबीसी वर्ग के विस्तार के लिए विश्वविद्यालय में 2000 नए पद सृजित किए थे| दूसरे किश्त के तहत 2010 से थे, उन्हें पिछले साल 2019 में यूजीसी ने भरने के लिए निर्देश जारी किए थे उसे अभी तक नहीं भर पाए | इस साल 300 सीटें मिलेंगी सेवानिवृत्ति के कारण बनाया गया, विश्वविद्यालय ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) विस्तार योजना के तहत लगभग 2000 पदों की उम्मीद है।इस तरह से कुल रिक्त सर्जित पद 10200 बनते हैं जिनको सरकार ने पिछले 13 सालों में 1400 नियुक्तियां करने का साहस जुटा पाई है| फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में 8800 पद खाली हैं जिनको भरने एवं फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के पास 3500 से अधिक सहायक अध्यापकों की विलंबित पदोन्नति के मामलों को पूरा करने के लिए लगभग 10-15 साल लगेंगे | 


दिल्ली विश्वविद्यालय में लंबे समय से पढ़ाने वाले  अध्यापकों को कई बार  उस मंजर को भी सामना करना पड़ा जिन छात्रों को उन्होंने अध्यापन करवाया एडहॉक के साक्षात्कार के समय उनको भी साथ-साथ इंटरव्यू का सामना करना पड़ा | कई कॉलेजों में ऐसी परिस्थितियां भी आई जिनको पढ़ाया वहीं पढ़ाने वाले तदर्थ अध्यापक का साक्षात्कार ले रहा था| तदर्थ अध्यापक प्रशासन की व्यवस्था के कारण अपने आप को नियमित नहीं पाता है और उसको अंदर ही अंदर अपनी योग्यता पर अनेक प्रश्न चिन्ह खड़ा होते हुए पाता है | विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की दिशानिर्देशों को पूरा करने वाले, लंबे समय से पढ़ा रहे एडहॉक अध्यापक रहते हुए कई अध्यापक सेवानिवृत्त हो गए| कई अध्यापक मानसिक उत्पीड़न के कारण आत्महत्या के शिकार हो गए| यह भी माना जाता है मझधार में लटके हुए अध्यापक एवं मानसिक उत्पीड़नता के कारण जितना अच्छा कर सकते थे उतना अच्छा नहीं कर पा रहे हैं|


 दिल्ली विश्वविद्यालय में तदर्थ अध्यापकों की दुर्दशा को देखते हुए मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार ने 5 दिसंबर को नियमित होने तक बने रहने का कानून पास किया|  दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने अमानवीयता का परिचय देते हुए कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी में भी तदर्थ अध्यापकों की सैलरी पर रोक लगा दी | इस परिस्थिति में वह अपने जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी नहीं कर पा रहा है| प्रशासन समय-समय पर परेशान करने के लिए अनेक हथकंडे अपनाता रहता है | इसलिए  विश्वविद्यालय में शिक्षा के माहौल को बनाए रखने के लिए प्रशासनिक राजनीति से बचाने के लिए एडहॉक अध्यापकों का नियमित  करना जरूरी है|                    


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