मंगलवार, 11 जुलाई 2023

घोटाला मामले में एक और पटवारी गिरफ्तार

घोटाला मामले में एक और पटवारी गिरफ्तार

अमित शर्मा 

चंडीगढ़। पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने अमरूद पेड़ मुआवज़ा घोटाला मामले में मंगलवार को एक और सेवानिवृत्त पटवारी सुरिंदरपाल को गिरफ्तार कर लिया, जो भूमि अधिग्रहण कलेक्टर (एलएसी), ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमएडीए) के कार्यालय में तैनात था। अमरूद पेड़ मुआवज़ा घोटाला इस घोटाले में यह 19वीं गिरफ्तारी है, जिसमें एसएएस नगर (मोहाली) जिले के गांव बाकरपुर में गमाडा द्वारा अधिग्रहित जमीन के बदले में गलत तरीके से करोड़ों रुपये के मुआवजे का दावा किया गया था। शोकाकुल परिवार उल्लेखनीय है कि उक्त आरोपी के सहयोगी पटवारी सुरिंदरपाल सिंह को भी सोमवार को श्री मुक्तसर साहिब से गिरफ्तार किया गया था।

वीबी के प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी सुरिंदरपाल ने गलत जानकारी दी थी, जिसके कारण आरोपी लाभार्थियों को अनुचित मुआवजा मिला। आरोपी पटवारी ने मूल्यांकन रिपोर्ट में राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार कुछ भूमि मालिकों के नाम और शेयरों में अंतर पर भी कोई आपत्ति नहीं जताई थी, जिसे बागवानी विभाग ने मुआवजे के आगे वितरण के लिए एलएसी को भेजा था। बल्कि पटवारी ने रिपोर्ट दी कि उद्यानिकी विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मुआवजा राशि स्वीकृत की जा सकती है। इस नोट के आधार पर, नायब-तहसीलदार ने मामले को तत्कालीन एलएसी को भेज दिया, जिसने उसके बाद भुगतान जारी किया।

प्रवक्ता ने बताया कि सुरिंदरपाल निवासी एमआईजी फ्लैट्स, सेक्टर-70, मोहाली को करोड़ों रुपये के अमरूद पौधे मुआवजा घोटाले में आरोपी के रूप में नामित करने के बाद आज गिरफ्तार कर लिया गया है।

अधिकारियों एवं नागरिकों के साथ बैठक की

अधिकारियों एवं नागरिकों के साथ बैठक की

मदन कुमार केसरवानी 

कौशाम्बी। जिलाधिकारी सुजीत कुमार एवं पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा उदयन सभागार में श्रावण मास में कांवड़ यात्रा एवं आगामी त्यौहार मोहर्रम को शान्तिपूर्ण एवं सकुशल सम्पन्न कराएं जाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों एवं जनपद के सम्भ्रान्त नागरिकों के साथ बैठक की गई। 

बैठक में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने सभी उप जिलाधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों एवं थाना प्रभारियों से श्रावण मास में कांवड़ यात्रा एवं मोहर्रम त्यौहार को शान्तिपूर्ण व सकुशल सम्पन्न कराये जाने के लिए अब तक की गई कार्यवाही यथा-पीस कमेटी की बैठक। ताजिया मार्गों का निरीक्षण एवं पाबन्द की कार्यवाही आदि की जानकारी प्राप्त की गई। उन्होने सम्भ्रान्त नागरिकों से समस्याओ सुझावों को प्राप्त करते हुए कहा कि श्रावण मास में कॉवड़ यात्रा एवं मोहर्रम त्यौहार को आपसी सौहार्द एवं भाईचारा के साथ मनाया जाएं। सम्भ्रान्त नागरिकों ने कहा कि त्यौहार को शान्तिपूर्ण एवं आपसी सौहार्द के साथ मनाया जायेंगा तथा कोई भी अप्रिय घटना नहीं होने दी जायेंगी।

जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को कावड़ यात्रा मार्गों एवं ताजिया मार्गों का निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दियें। उन्होंने कहा कि सम्वेदनशील क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखी जाय, ताकि कोई अप्रिय घटना न होने पाये तथा आवश्यकतानुसार निरोधात्मक पाबन्द की कार्यवाही सुनिश्चित कर लिया जाएं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति शान्ति एवं कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास करता है तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए, उन्होंने सभी ई.ओ. को अपने-अपने नगर क्षेत्र में ताजिया मार्गों का निरीक्षण कर मार्गो को ठीक कराने एवं साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने क निर्देश दिए। उन्होंने डीपीआरओ से कहा कि जिन-जिन ग्राम पंचायतों में ताजिया रखी जाती है, उन सभी ग्राम पंचायतों में एवं सभी शिवालयों में विशेष अभियान चलाकर साफ-सफाई सुनिश्चित करायी जाय। उन्होंने अधिशासी अभियंता विद्युत को ताजिया मार्गो पर ढीले विद्युत तारों को ठीक कराने के निर्देश दिए, ताकि कोई अप्रिय घटना होने पाएं। इसके साथ ही उन्होंने जे0ई0 की ड्यूटी लगाकर सूची उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि जे.ई. आमजन की फोन अवश्य उठाएं।

उन्होंने उप मुख्य चिकित्साधिकारी को सभी सी0एच0सी0 वार चिकित्सको की ड्यूटी लगाकर सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सहायक अभियंता, जल निगम से कहा कि ठेकेदारों को निर्देशित किया जाय कि पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कों को ठीक करा दिया जाएं, अन्यथा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित सम्भ्रान्त नागरिकों से कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दिया जाएं। सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, शान्ति एवं कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास करने वालो के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई समस्या आती है तो पुलिस अधीक्षक या उन्हें तत्काल अवगत कराया जाएं। उन्होंने कहा कि ताजिया सुरक्षा समिति बना लिया जाएं।

पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित सम्भ्रान्त नागरिकों से कहा कि त्यौहार आपसी सौहार्द के साथ मनाया जाय तथा किसी भी प्रकार की समस्या हो तो उन्हें तत्काल अवगत करायें। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दिया जाएं। सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जा रहीं है। कोई भी गैर परम्परागत गतिविधि न किया जाएं। उन्हांने सभी उप जिलाधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों एवं थाना प्रभारियां से कहा कि ताजिया मार्गों का निरीक्षण कर पूर्व से ही सभी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कर लिया जाएं।

उन्होंने कहा कि कॉवड़ियां एवं ताजियादारों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पडे़गा, पुलिस हर वक्त मुस्तैदी से उनके साथ खड़ी रहेंगी। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) डॉ विश्राम, अपर पुलिस अधीक्षक  समर बहादुर, सभी उप जिलाधिकारीगण एवं सभी क्षेत्राधिकारीगण सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण एवं सम्भ्रान्त नागरिक उपस्थित रहे।

वेंडर्स का आर्थिक नुकसान, ज्ञापन सौंपा 

वेंडर्स का आर्थिक नुकसान, ज्ञापन सौंपा 


वेंडर्स के रोजगार पर हमले के खिलाफ पथ विक्रेता कर्मकार यूनियन सीटू ने दिया ज्ञापन- गंगेश्वर दत्त शर्मा

विजय भाटी 

गौतमबुद्ध नगर। डेरीन गांव ईकोटेक थर्ड ग्रेटर नोएडा के सप्ताहिक बाजार के पथ विक्रेताओं को नियम विरुद्ध गैर कानूनी तरीके से कार्य करने से रोकने की शिकायत को लेकर पथ विक्रेता कर्मकार यूनियन "सीटू" के महामंत्री गंगेश्वर दत्त शर्मा व कोषाध्यक्ष राम स्वारथ के नेतृत्व में वेंडर्स का प्रतिनिधिमंडल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीओ श्री हिमांशु वर्मा से मिला और उन्हें मुख्य कार्यपालक अधिकारी को संबोधित ज्ञापन दिया।

 ज्ञापन में कहा गया है कि चौगानपुर डेरीन गांव ईकोटेक थर्ड ग्रेटर नोएडा पर लगने वाले सप्ताहिक बाजार के वेंडर्स को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के कर्मचारियों ने 09 जुलाई 2023 को शाम को अचानक बाजार में पहुंचकर वेंडर्स की लगी हुई दुकानों को जबरन बंद करा गया, जिसके चलते वेंडर्स का आर्थिक नुकसान हो गया।

 वेंडर्स को रोजगार करने से रोकना पथ विक्रेता अधिनियम का खुला उल्लंघन है। पत्र में कहा गया है कि कई बार लिखित आवेदन देने के बाद भी वेंडर्स का सत्यापन कर उन्हें वेंडिंग जोन बनाकर जगह नहीं दी गई है तो फिर वेंडर्स को कार्य करने से क्यों रोका जा रहा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि जब तक वेंडर्स को व्यवस्थित करने की कार्रवाई पूर्ण नहीं हो जाती है, तब तक उन्हें मौजूदा स्थान पर दुकान लगाने दी जाए।

पथ विक्रेता कर्मकार यूनियन के महामंत्री व सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा है कि अगर नियम कानूनों का उल्लंघन कर पथ विक्रेताओं को परेशान किया जाएगा तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर यूनियन बड़ा प्रदर्शन करने को मजबूर होगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की होगी।

टीएमसी ने 12,518 सीट पर जीत दर्ज की

टीएमसी ने 12,518 सीट पर जीत दर्ज की

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 63,229 ग्राम पंचायतों में से 12,518 सीट पर जीत दर्ज कर ली है, जबकि अन्य 3,620 पंचायतों में उसके उम्मीदवार आगे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अधिकारियों ने मंगलवार को अपराह्न तीन बजकर 30 मिनट तक की गई गणना के आधार पर यह जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2,781 सीट पर जीत दर्ज की है और 915 पर उसके उम्मीदवार आगे हैं। वाम मोर्चा ने 959 सीट जीती हैं जिनमें से अकेले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 910 सीट पर जीत दर्ज की है। माकपा इस समय 550 सीट पर आगे है, जबकि कांग्रेस ने 625 सीट पर जीत दर्ज की है तथा 276 अन्य पर आगे है। 

अधिकारियों के मुताबिक नवगठित इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) सहित अन्य पार्टियों ने 219 सीट पर जीत दर्ज की है और 70 पर बढ़त बनाए हुए हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस के बागियों सहित निर्दलीय 718 सीट पर जीते हैं और 216 पर बढ़त बनाए हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि करीब 74,000 सीट पर हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वोटों की गिनती कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार सुबह आठ बजे शांतिपूर्ण ढंग से जारी है।

इनमें ग्राम पंचायत सीट के अलावा 9,730 पंचायत समिति की सीट और 928 जिला परिषद सीट शामिल हैं। राज्य के 22 जिलों में करीब 339 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। राज्य में करीब 74,000 सीट पर पंचायत चुनाव हुए थे। सबसे अधिक 28 मतगणना केंद्र दक्षिण 24 परगना जिले में है, जबकि सबसे कम चार मतगणना केंद्र कालिम्पोंग में हैं। 

राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सुबह आठ बजे शुरू हुई मतगणना के अगले दो दिन जारी रहने की उम्मीद है। मतों की गिनती और नतीजे आने में वक्त लगेगा।’’ दार्जीलिंग में कुल 598 सीट हैं, जबकि कालिम्पोंग में कुल 281 सीट हैं। इनमें 21 पर भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) बढ़त बनाए हुए है, जबकि भाजपा एक पर और निर्दलीय चार पर बढ़त बनाए हुए हैं। 

सभी मतगणना केंद्रों पर राज्य पुलिस तथा केंद्रीय बलों के सशस्त्र कर्मी तैनात हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मतगणना केंद्रों के बाहर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू की गई है। 22 जिलों में कुल 767 ‘स्ट्रांगरूम’ स्थापित किए गए हैं। विभिन्न मतगणना स्थल पर प्रत्याशियों के समर्थक बड़ी संख्या में जमा हुए हैं। कई जिलों में तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने नाचकर, एक दूसरे को गले लगाकर और हरा गुलाल लगाकर जीत का जश्न मनाया। पंचायत चुनाव के शुरुआती रुझानों के साथ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। 

भाजपा ने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी पर ‘‘ मतों की लूट करने और मतगणना केंद्र में विरोधियों के मतगणना एजेंट को प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया।’’ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडे भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के मतगणना एजेंट को मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने से रोककर जनमत की चोरी करने का प्रयास कर रहे हैं। मतगणना एजेंटों को केंद्रों में जाने से रोका जा रहा है और बमबाजी कर उन्हें धमकाया जा रहा है।’’ 

भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘हार की आशंका की वजह से वे आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जनता द्वारा खारिज किए जाने के बाद शर्मनाक हार का आभास होने पर भाजपा अपनी संगठनात्मक अक्षमता छिपाने की आखिरी कोशिश कर रही है।’’ 

पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी। मतदान के दौरान मत पेटियां लूटी गयीं, मतपत्रों में आग लगायी गयी और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वियों पर बम भी फेंके गए। 

शनिवार को हुए चुनाव में 80.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि सोमवार को राज्य के जिन 696 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ, वहां शाम पांच बजे तक 69.85 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। 

हिंसा और मतपेटियों से छेड़छाड़ की खबरें आने के बाद इन मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान कराने का फैसला किया गया था। राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीट के लिए शनिवार को हुए मतदान में 5.67 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र थे। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का इतिहास रहा है। 

राज्य में 2003 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान 76 लोगों की मौत हो गयी थी जिनमें से करीब 40 लोगों की मौत मतदान वाले दिन हुई थी। बहरहाल, इस बार विपक्षी दलों ने 90 प्रतिशत से अधिक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। 

2018 के पंचायत चुनाव में तृणमूल ने 34 प्रतिशत सीट पर निर्विरोध चुनाव जीता था। उस समय तृणमूल ने 90 प्रतिशत सीट पर जीत दर्ज की थी।

डीएम व शिक्षा विभाग के आदेश का उल्लंघन

डीएम व शिक्षा विभाग के आदेश का उल्लंघन


शिक्षा विभाग और जिला अधिकारी गाजियाबाद के अवकाश सम्बंधित आदेश को प्राईवेट स्कूलों ने बनाया रद्दी का टुकड़ा

इकबाल अंसारी 

गाजियाबाद। लोनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत  जनपद गाजियाबाद जिलाधिकारी के आदेशों का खुला उल्लंघन हो रहा है, जिसके अंतर्गत गाजियाबाद जिलाधिकारी के आदेश पर शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक संस्थान 10 जुलाई 2023 से 15 जुलाई 2023 तक बंद करने के आदेश दिये गये थे। 

जबकि लोनी विधानसभा के अंतर्गत चल रहे  प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा विभाग और जिलाधिकारी का आदेश ना मानते हुए अपने स्कूल खोल कर रखें है।

आखिर सवाल तो यह बनता है कि जिला अधिकारी गाजियाबाद के आदेश और शिक्षा विभाग के आदेश को यह प्राइवेट स्कूल वाले और उनका प्रबंधन क्यों नहीं मानता है।क्या शिक्षा विभाग का प्राइवेट स्कूलों पर कंट्रोल खत्म हो गया है या जिलाधिकारी गाजियाबाद के आदेशों को प्राइवेट स्कूल रद्दी की टोकरी में मान रहे हैं ?

 इस विषय पर शिक्षा विभाग और जनपद गाजियाबाद जिलाधिकारी को तुरंत एक्शन लेते हुए दोबारा आदेश जारी करनी चाहिए। ऐसी आपदा में भी प्राइवेट स्कूल सरकार का साथ नहीं दे रहे हैं और प्रशासन का साथ नहीं दे रहे हैं।

यह सोचने वाली बात है, इस विषय पर गहन चिंतन जरूर होना चाहिए।

संपर्क मार्गों पर जलभराव, आवागमन प्रभावित

संपर्क मार्गों पर जलभराव, आवागमन प्रभावित

संदीप मिश्र 

बिजनौर। बिजनौर के नजीबाबाद और जलालाबाद में संपर्क मार्गों पर जलभराव हो गया है। गांव मुबारकपुर के संपर्क मार्ग पर जलभराव होने से लोगों का आवागमन प्रभावित रहा। आक्रोशित ग्रामीणों ने जलभराव में प्रदर्शन किया और समस्या से निजात दिलाने की मांग की।

क्षेत्र में लगातार बारिश होने से नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों के संपर्क मार्गों पर जलभराव हैं। जल निकासी की सही व्यवस्था न होने पर बदहाल मार्गों के जलभराव में राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं।

रोजाना जलभराव से परेशान ग्रामीणों ने मार्ग पर जलभराव के बीच बैठकर धरना-प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि मुबारकपुर के संपर्क मार्ग पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। जल निकासी का नाला भी मलबे से अटा है। 

जिस कारण बदहाल मार्ग पर जलभराव होने से कई ग्रामीण चोटिल हो चुके हैं। ग्राम प्रधान समेत प्रशासन से कई बार मार्ग को दुरुस्त कराने और जल निकासी की व्यवस्था कराने की मांग की, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। मार्ग पर जलभराव होने से ग्रामीणों और विद्यार्थियों का आवागमन प्रभावित रहता है।

युवक ने सीने में गोली मारकर, खुदकुशी की

युवक ने सीने में गोली मारकर, खुदकुशी की

मोनू खान 

बांदा। बांदा जिले के नरैनी में पत्नी से विवाद के चलते मुकदमे से परेशान युवक ने सीने में तमंचे से गोली मारकर खुदकुशी कर ली।

दिनदहाड़े की घटना से पड़ोसी हतप्रभ रह गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल कामुआयना कर तमंचा बरामद कर लिया है। डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम ने भी जांच की। घटना का कारण पत्नी से विवाद व मुकदमा बाजी बताया जा रहा है।

कोतवाली क्षेत्र के मुकेरा गांव निवासी शाहिद (33) दो साल से किराए का मकान लेकर शंकर बाजार, पुकारी गांव में रहता था। मंगलवार को सुबह 11 बजे करीब घर में कुर्सी में बैठकर सीने में तमंचे से खुद को गोली मार ली। घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर उसका बड़ा भाई रमजान रहता है। गोली की आवाज सुनाई देने पर रमजान समेत पड़ोसी उसके घर की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने घटनास्थल पर लहूलुहान मृत पड़े शाहिद को देखकर पुलिस को सूचना दी।

मौके पर करतल चौकी इंचार्ज रामरक्षा सिंह, कोतवाल अरविंद सिंह गौर पहुंचे। कुछ ही देर बाद सीओ नितिन कुमार, अपर एसपी लक्ष्मी निवास मिश्र भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड से घटना की जांच कराई। बड़े भाई रमजान ने बताया कि मृतका का उसकी पत्नी से छह साल से मुकदमा चल रहा है। समझौता भी हो गया था। लेकिन उसकी पत्नी मायके से नहीं आ रही थी। इसी तनाव के चलते उसने यह आत्मघाती कदम उठाया है।

प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला है। घटना स्थल से 315 बोर का तमंचा बरामद किया गया है। बड़े भाई रमजान की सूचना पर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।- अरविंद सिंह गौर कोतवाल, नरैनी कोतवाली।

पत्नी से विवाद का मामला सामने आया है। मुकदमे से परेशान होकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया है। फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड से भी जांच कराई गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

क्षेत्र की सभी नदियों में बाढ़, घरों में घुसा पानी

क्षेत्र की सभी नदियों में बाढ़, घरों में घुसा पानी

भानु प्रताप उपाध्याय 

सहारनपुर। शिवालिक पहाड़ियों में सोमवार की रात फिर भारी बारिश हुई, जिसके बाद मंगलवार की सुबह क्षेत्र की सभी बरसाती नदियों में बाढ़ आ गई। दबकौरा और कलसिया गांवों की आबादी में बाढ़ का पानी घुस गया। मकानों में कई-कई फीट पानी भर गया। 

इससे घरों का सामान पानी में बह कर चला गया। साढ़ौली कदीम व बाबैल बुजुर्ग में जलभराव होने से तीन से चार फीट पानी लोगों के घरों में भरा हुआ है। बाबैल बुजुर्ग में तो दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर पानी नदी की तरह बह रहा था, जिसके चलते हाईवे पर कई घंटे छोटे वाहनों का आवागमन बंद रहा। साढ़ौली कदीम में मदद के लिए ग्रामीण रातभर पुलिस प्रशासन को फोन करते रहे। पुलिसकर्मियों को ट्रैक्टर पर बैठकर ग्रामीणों की मदद के लिए पहुंचना पड़ा।

प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ठहरने और खाने की व्यवस्था की है।

 पुलिस ने बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया। बाढ़ के तेज बहाव पानी से भूमि कटाव होने से फसलें बर्बाद हो गई। नदियों की बाढ़ का पानी खेत खलियानों से होते हुए आबादी की तरफ पहुंच रहा है।

नदियों की बाढ़ के चलते पिछले चार दिन से पानी में मैदानी क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते तहसील बेहट क्षेत्र के 20 से अधिक ऐसे गांव हैं, जो नदियों से घिरे हैं। इन गांवों का तहसील और जनपद मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। अब्दुल्लापुर, और दयालपुर के संपर्क मार्ग व पुलियां बाढ़ और बारिश के तेज बहाव पानी के कटाव से दो ध्वस्त हो गए है। 

बुबका-कोठड़ी सड़क मार्ग में भी कटाव शुरू हो गया है। सुंदरपुर में भी पुल के नीचे कटाव होने से एप्रोच सड़क टूटने शुरू हो गई है।

अधिक बारिश और बरसाती नदियों की बाढ़ के तेज बहाव पानी ने क्षेत्र की बिजली आपूर्ति को ध्वस्त कर दिया है। कटाव के चलते जगह-जगह विद्युत पोल गिरने से लाइनें ध्वस्त हो गई है। बेहट देहात बिजली घर से जुड़े 45 गांवों में पिछले 3 दिन से बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है। संसारपुर विद्युत उपकेंद्र में बरसात और नदी का पानी घुसने से मशीनें पानी में डूब गई है। इससे जुड़े करीब 28 गांवों में बिजली आपूर्ति बंद है।

खुर्रमपुर, रायेपुर, मिर्जापुर आदि विद्युत उपकेंद्र कि अधिकतर लाइनें बरसाती नदियों से होकर निकाली गई।

 नदियों में बाढ़ के चलते विद्युत पोल गिरने से इन केंद्रों से जुड़े गांव की आपूर्ति भी ठप पड़ी हुई है। करीब 100 से अधिक गांव ऐसे हैं, जिनमें बिजली आपूर्ति की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बारिश और नदियों में बाढ़ के चलते आपूर्ति सुचारू करने में विद्युत विभाग को परेशानी हो रही है।

वेस्ट यूपी के विख्यात धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल सिद्धपीठ शाकुंभरी देवी का भी नदी में भयंकर बाढ़ के चलते बाहरी दुनिया से संपर्क कटा हुआ है। माता के मंदिर प्रवेश द्वार की सीढ़ियों तक नदी का पानी बह रहा है।

 माता के मंदिर के प्रवेश और निकास द्वार पर लगने वाले बाजार की दुकानों के बीच से होकर पानी बह रहा है।

शंकराचार्य आश्रम और धर्मशालाओं के भवन की दीवारों से सटकर नदी का बहाव है। प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से श्रद्धालुओं के सिद्धपीठ में दर्शनों के लिए जाने पर रोक लगा रखी है। बेहट में शाकंभरी तिराहे और सिद्धपीठ में बाबा भूरादेव मंदिर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते को ब्लॉक किया है।

हिमाचल की पहाड़ियों में रुक रुककर भारी बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर घट बढ़ रहा है। मंगलवार की दोपहर 12 बजे हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में 359760 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यमुना नदी का यह इस साल का सर्वाधिक जलस्तर है।

बिहारीगढ़ में दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे पर शिवालिक की पहाड़ियों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते सोमवार की सुबह मां काली मंदिर के निकट पेड़ गिरने व कई जगह मलबा सड़क पर आने के कारण हाईवे दो घंटे बाधित रहा। सूचना के बाद थाना पुलिस व एनएचआई के कर्मचारियों ने जेसीबी मशीन से पेड़ व मलबर हटाकर आवागमन सुचारू कराया। सोमवार की सुबह मूसलाधार बारिश के चलते शिवालिक की पहाड़ियों में पेड़ गिरने व मलबा आने से हाईवे बंद हो गया। देखते ही देखते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

थाना बिहारीगढ़ पुलिस ने कस्बे में बुग्गावाला चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों को रोक लिया। इस दौरान हरिद्वार जाने वाले कांवड़ियों को बुग्गावाला सिड़कुल के रास्ते निकाल दिया। बाद में थाना पुलिस वह एनएचआई के कर्मचारियों ने जेसीबी मशीन से सड़क से मलबा व पेड़ को हटाकर आवागमन सुचारू कराया। इस दौरान यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

जलभराव की 'वार्षिक परंपरा' का सामना किया

जलभराव की 'वार्षिक परंपरा' का सामना किया

इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली। दिल्ली में गत सप्ताहांत भारी बारिश के कारण जलभराव होने के बाद उपराज्यपाल और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कहा कि नालों की उचित तरीके से सफाई नहीं किए जाने के कारण शहर को जलभराव की ‘‘वार्षिक परंपरा’’ का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 

दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि वह ‘आप’ सरकार पर दोष मढ़ रहे हैं, जबकि उन्होंने (उपराज्यपाल ने) पहले दावा किया था कि नालों से गाद निकाली गयी है और यमुना को साफ कर दिया गया है।

यमुना बाजार इलाके में यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने की स्थिति का जायजा लेते हुए सक्सेना ने कहा कि अप्रत्याशित रूप से हो रही बारिश से निपटने के लिए पहले ही तैयारी कर ली जानी चाहिए थी। सक्सेना ने कहा, ‘‘दिल्ली के लोग जलभराव से परेशान हैं, जो एक वार्षिक परंपरा बन गयी है। नालों की उचित तरीके से सफाई और जल संचयन नहीं किया जा रहा है। वर्षों से ऐसा नहीं किया गया है, जिसके कारण हर बार जलभराव हो रहा है।’’

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘यमुना और नजफगढ़ नाले से गाद नियमित रूप से निकाली जानी चाहिए, ताकि उनकी पानी के संग्रहण की क्षमता बढ़ सके। ऐसा नहीं किया गया, इसलिए दिल्ली जलमग्न है।’’ 

उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि दिल्ली की आबादी 2014 के बाद से 50 लाख तक बढ़ गयी है, लेकिन उसके अनुरूप सीवर लाइन और पानी की निकासी के लिए योजना नहीं बनायी गयी, जिसकी वजह से बारिश के बाद शहर में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास करूंगा कि इस पर ध्यान दिया जाए, ताकि लोग हर साल उनके सामने आने वाली इन समस्याओं से मुक्त हो सकें।’’ सक्सेना ने पिछले सप्ताह जलभराव के कारण बंद की गई प्रगति मैदान टनल, मिंटो ब्रिज और जखीरा अंडरपास का भी निरीक्षण किया और संबंधित एजेंसियों को खामियों को दूर करने का निर्देश दिया।

राजनिवास के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रगति मैदान में पानी के वापस बहने की समस्या थी, जबकि मिंटो ब्रिज अंडरपास में एक सीवर लाइन टूटी हुई पाई गई।

 इसी तरह की समस्या जखीरा अंडरपास में भी थी और उपराज्यपाल ने अधिकारियों को इसे तुरंत ठीक करने का निर्देश दिया।’’ मंत्री भारद्वाज ने सिलसिलेवार ट्वीट कर उपराज्यपाल (एलजी) की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे वक्त में ‘‘ओछी राजनीति’’ नहीं करनी चाहिए, जब लोग राहत की उम्मीद कर रहे हैं।

उन्होंने पूछा, ‘‘क्या एलजी साहब ने यह दावा नहीं किया कि उन्होंने सभी नालों से गाद निकलवाई और यमुना साफ करायी? क्या वह अपने कई दौरों पर मीडिया को साथ नहीं ले गए थे? अब क्या हुआ? अब वह बेशर्मी से दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं?’’ भारद्वाज दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अध्यक्ष भी हैं, जो यमुना नदी की सफाई के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘‘एलजी साहब ने पिछले एक साल से डीजेबी को निधि नहीं दी है।

वित्तीय समस्याएं खड़ी करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। एलजी और केंद्र सरकार लगातार दिल्ली सरकार के काम में रोड़े अटका रहे हैं। उन्होंने माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों को भी मानने से इनकार कर दिया है। कृपया दिल्ली सरकार को काम करने दीजिए और अपनी ओछी राजनीति बंद कीजिए।’’

एक अन्य ट्वीट में भारद्वाज ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल दिल्ली की निर्वाचित सरकार के कामकाज में ‘‘हस्तक्षेप’’ करते रहते हैं और इसके बजाय उन्हें कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो उनका मुख्य काम है। बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में भारद्वाज ने दावा किया, ‘‘एलजी ने गलती से अपने ही दावों का पर्दाफाश कर दिया और साबित कर दिया कि वह दिल्ली के नालों को साफ करने का झूठा श्रेय ले रहे थे।’

उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले छह महीनों में उपराज्यपाल ने नजफगढ़ नाला, शाहदरा नाला और यमुना की सफाई का श्रेय लिया...!

अब वह इन नालों से गाद न निकालने का हवाला देकर जलभराव के लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।’’ भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के ‘‘पसंदीदा अधिकारियों’’ ने दिल्ली सरकार के काम में रोड़े अटकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

बाबा गोगा की 13वीं भव्य शोभायात्रा निकाली

बाबा गोगा की 13वीं भव्य शोभायात्रा निकाली

बाबा जाहरवीर गोगा महाराज की शोभायात्रा का विधायक मुक्ता संजीव राजा ने किया शुभारंभ

प्रदीप पंडित

अलीगढ़। महानगर के पला रोड़ पर स्थित बाबा जाहरवीर सेवा संस्था द्वारा मंगलवार को बाबा जाहरवीर गोगा की 13वीं भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रभु का गंगाजल केसर दूध दही से अभिषेक कराया गया औऱ प्रभु गोगा जी को पोशाक पहनाकर बाबा का श्रंगार मन्दिर के महंत ने पूरी विधि विधान से कराया औऱ बाबा का छड़ी पूजन हुआ। इस दौरान कार्यक्रम में भव्य फूल बगंला सजाया गया, जो कि आकर्षण का केंद्र बना रहा।

इसके बाद बाबा की शोभायात्रा में माँ काली व वीर बजरंगी ओर गोगा जी महाराज के पांच स्वरूप देखने को मिले।

इस शोभायात्रा का शुभारंभ शहर विधायक मुक्ता संजीव राजा ने किया। वहीं, शोभायात्रा का पला रोड़ आदर्श नगर ज्ञान गेस्ट हाउस होते हुए मंदिर पर समापन किया गया उसके उपरांत भंडारा हुआ और शाम पांच बजे भजन संध्या का आयोजन भी किया गया। इसके बाद रात को महाआरती की गई।इस पूरे कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक धीरज वार्ष्णेय व युवा अध्यक्ष भास्कर गुप्ता ने सभी का आभार प्रकट किया।

इस कार्यक्रम में हेमन्त गुप्ता,रौनक वार्ष्णेय,रिंकू लाला, मनोज गुप्ता,सचिन अग्रवाल,अमित गुप्ता,हरीश वार्ष्णेय,धीरज वार्ष्णेय, शीशपाल,अप्पू शर्मा,अमित गुप्ता किताब,तनुराग वार्ष्णेय,कन्हैया लाल गुप्ता,सौरभ मेडिसन,कान्हा वार्ष्णेय, लकी बालाजी,नितिन घी औऱ सचिन कुमार आदि भक्तगण उपस्थित रहे।

'लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल' में नजर आएंगे सैकत

'लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल' में नजर आएंगे सैकत

अखिलेश पांडेय 

पलामू। स्विट्जरलैंड में 12 अगस्त तक आयोजित होने वाले लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में पलामू के रंगमंच के कलाकार सैकत नजर आएंगे। साथ ही पलामू के सुदूरवर्ती क्षेत्र के युवक-युवती भी अभिनय करते नजर आएंगे। बता दें की फिल्म फेस्टिवल में जिस फिल्म का चयन हुआ है, वो पलामू में शूट की गयी है। 

अधिकांश पीटीआर क्षेत्र में इस फिल्म की शूटिंग हुई है। फिल्म का नाम व्हिस्पर ऑफ़ फायर एंड वाटर है। यह फिल्म हिंदी और बांग्ला में है। 

यह फिल्म लुद्धक चटर्जी के निर्देशन में बनी है। जो कि उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म है।

वर्षा: राज्य सरकारों ने अभियान तेज किए

वर्षा: राज्य सरकारों ने अभियान तेज किए

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उत्तर भारत के रेगिस्तान वाले राजस्थान से लेकर पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश तक लगातार हो रही बारिश मंगलवार को भी जारी रही, जिसके कारण सात और लोगों की मौत हो गयी, जबकि सैकड़ों लोग अभी भी इन क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। प्रभावित राज्यों की सरकारों ने पिछले तीन दिन की लगातार बारिश के कारण हुई भारी तबाही के मद्देनजर प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान तेज कर दिए हैं।

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हुई जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। हिमाचल प्रदेश अत्यधिक वर्षा से सबसे अधिक प्रभावित है, और यहां कम से कम 300 लोग फंसे हुए हैं। मौसम विभाग ने शिमला, सिरमौर और किन्नौर जिलों में मध्यम से भीषण बाढ़ की आशंका की चेतावनी जारी की है। उत्तर-पश्चिमी भारत में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है।

जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई है। भारी बारिश के परिणामस्वरूप इन इलाकों में नदियां, छोटी नदियां और नाले उफान पर आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और आवश्यक सेवाएं बाधित हो गईं।

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि एहतियातन पुराने रेलवे पुल को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली की यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘यमुना नदी में पानी के खतरनाक स्तर के कारण पुराने रेलवे पुल, पुस्ता रोड गांधी नगर को अगले आदेश तक सार्वजनिक/यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे तदनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं।’’ यातायात पुलिस ने यात्रियों से बंगला साहिब गुरुद्वारा और रकाबगंज गुरुद्वारे में गुरुपर्व समारोह के मद्देनजर बाबा खड़क सिंह मार्ग, पंडित पंत मार्ग आदि से निकलने से बचने को भी कहा। दिल्ली में यमुना का पानी अनुमान से पहले सोमवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, हरियाणा द्वारा यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार शाम पांच बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बढ़कर 205.4 मीटर हो गया था और मंगलवार सुबह छह बजे तक यह 206.38 मीटर पर पहुंच गया। इसके मंगलवार शाम तक 206.75 मीटर तक पहुंचने की आशंका है।

उत्तराखंड में सोमवार रात उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी पुल के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में तीन वाहन दब गए, जिसके कारण मध्य प्रदेश के चार तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। एक अधिकारी के मुताबिक चार में से तीन लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं और चौथे व्यक्ति को मलबे से निकालने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि घायल हुए सात लोगों में से दो की हालत गंभीर है।

उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमावर्ती इलाके में बरसाती नदी जुम्मागाड़ में अचानक आई बाढ़ में उस पर बना पुल सोमवार रात को बह गया जिससे भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गयी तथा एक दर्जन से अधिक सीमांत गांवों का संपर्क टूट गया। यह पुल जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ-नीति राजमार्ग पर स्थित जुम्मा गांव के पास था।

हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में चंद्रताल झील क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए भेजे गए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को खराब मौसम के कारण वापस लौटना पड़ा। राज्य में 14,100 फुट की ऊंचाई पर स्थित चंद्रताल झील क्षेत्र में फंसे करीब 300 पर्यटकों को निकालने के लिए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को बुलाया गया और अधिकारियों के मुताबिक उन्हें मंगलवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

काजा से एक बचाव दल कुंजुम दर्रा पहुंच गया है तथा वह झील से महज आठ किलोमीटर दूर है। राज्य के प्रधान सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। शर्मा ने कहा, ‘‘उनमें से दो को अत्यधिक ऊंचाई होने के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है तथा उन्हें हवाई मार्ग से निकाला जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि वहां फंसे सभी लोगों को मंगलवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सोमवार को पर्वतीय राज्य में विभिन्न स्थानों से करीब 100 लोगों को बचाया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, लाहौल के चंद्रताल और पागल नाला तथा मंडी के विभिन्न हिस्सों में अब भी करीब 800 लोग फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि लोसर तथा काजा की तरफ से सड़क मरम्मत के लिए दो दलों को भेजा गया है।

दल में प्रशासन, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सदस्य, पुलिसकर्मी तथा स्थानीय ग्रामीण शामिल हैं। शर्मा ने बताया कि 24 जून को मानसून आने के बाद से राज्य में 780 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और सड़कों, पुलों तथा जल आपूर्ति व्यवस्था को हुए नुकसान के कारण यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।

सोमवार शाम से बारिश रुक गई है और बचाव कार्य और सड़क बहाली के काम में तेजी आ गई है। इस बीच, पंजाब और हरियाणा में तीन दिनों की लगातार बारिश के बाद मंगलवार को मौसम साफ हो गया। बारिश के कारण दोनों राज्य के कई हिस्सों में भारी तबाही हुई है। अधिकारियों ने कहा कि रूपनगर, पटियाला, मोहाली, अंबाला और पंचकूला सहित दोनों राज्यों के प्रभावित जिलों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।

पंजाब के होशियारपुर में नौ और 10 जुलाई की रात को भारी बारिश के कारण मिट्टी के घर की छत गिरने से 75 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। सुल्तानपुर लोधी में 24 वर्षीय एक व्यक्ति के शाहकोट के पास सतलुज नदी के बाढ़ के पानी में डूबने की आशंका है। हरियाणा के अंबाला शहर में घग्गर नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद एक आवासीय विद्यालय की कुल 730 छात्राओं को सोमवार की रात उनके छात्रावास परिसर में बाढ़ का पानी घुसने के बाद कुरुक्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया।

अधिकारियों ने कहा कि चूंकि, राज्य के हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, इसलिए निकटवर्ती निचले इलाकों के लोगों को नदी के किनारे से दूर रहने के लिए कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह नौ बजे बैराज से करीब 3.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बताया जा रहा है कि इस साल बैराज से छोड़े गए पानी की यह सबसे अधिक मात्रा है। यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों के कई गांवों और यमुना नदी से सटे गांवों को अलर्ट पर रखा गया है।

पंजाब और हरियाणा के कुछ सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है, लेकिन अधिकारी उन्हें बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। हरियाणा में जलभराव के कारण अंबाला-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख राजमार्गों को अस्थायी रूप से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में आधी रात के आसपास लगातार बारिश के कारण एक मंजिला मकान ढह जाने से 42 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी और बेटा घायल हो गए। राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई, जहां सोमवार रात को प्रतापगढ़ जिले में 35 वर्षीय एक व्यक्ति उफनती कर्मवाछनी नदी में डूब गया।

काठमांडू जा रहा हेलीकॉप्टर लापता, क्रैश हुआ 

काठमांडू जा रहा हेलीकॉप्टर लापता, क्रैश हुआ 

सुनील श्रीवास्तव 

काठमांडू। नेपाल के सोलुखुम्बु से मंगलवार को काठमांडू जा रहा मनांग एयर का हेलीकॉप्टर लापता होने के बाद क्रैश हो गया है। हालांकि अभी तक इसके बारे में अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुका है।बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर सोलुखुम्बु जिले के लिखुपिके ग्रामीण नगर पालिका के लमजुरा में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।हेलीकॉप्टर जिरी और फाप्लू के बीच स्थित है।

वहीं, इससे पहले सूचना अधिकारी ज्ञानेंद्र भुल ने बताया कि  “हेलिकॉप्टर सोलुखुम्बु से काठमांडू जा रहा था और सुबह करीब 10 बजे नियंत्रण टावर से उसका संपर्क टूट गया।” कॉल साइन 9NMV वाला हेलीकॉप्टर सुबह 10:12 बजे (स्थानीय समय) पर रडार से उतर गया। लापता हेलिकॉप्टर पर 5 विदेशी नागरिक सवार थे।

नदियों में स्नान करना पुण्य कर्म, जानिए विधि 

नदियों में स्नान करना पुण्य कर्म, जानिए विधि 


पुण्य अवसरों पर नदियों में इस तरह से करें स्नान 

राजेंद्र गुप्ता

अक्सर लोग अमावस्या या पूर्णिमा पर या किसी विशेष दिन जब स्नान करने जाते हैं, तो बस दो या तीन चार डुबकी लगा कर आ जाते हैं। लेकिन, ऐसा तो आप किसी भी नदी में कर सकते हैं। यह स्नान तो साधारण ही हुआ। नदी के पास रहने वाले लोग ऐसा स्नान रोज ही करते हैं। तब क्या है तीर्थ, माघ, अमावस्या, पूर्णिमा और कुंभ में स्नान करने के नियम जिससे स्नान का पूर्ण लाभ मिले?

प्रात: काल स्नान का महत्व : तीर्थ में प्रात: काल स्नान करने का महत्व है। प्रात: काल स्नान करने से दुष्ट विचार और आत्मा पास नहीं आते। रूप, तेज, बल पवित्रता, आयु, आरोग्य, निर्लोभता, दुःस्वप्न का नाश, तप और मेधा यह दस गुण प्रातः स्नान करने वाले को प्राप्त होते हैं। अतएव लक्ष्मी, पुष्टी व आरोग्य की वृद्धि चाहने वाले मनुष्य को सदेव स्नान करना चाहिए।

नदी स्नान की विधि : उषा की लाली से पहले ही स्नान करना उत्तम माना गया है। इससे प्रजापत्य का फल प्राप्त होता है। नदी से दूर तट पर ही देह पर हाथ मलमलकर नहा ले, तब नदी में गोता लगाएं। शास्त्रों में इसे मलापकर्षण स्नान कहा गया है। यह अमंत्रक होता है। यह स्नान स्वास्थ और शुचिता दोनों के लिए आवश्यक है। देह में मल रह जाने से शुचिता में कमी आ जाती है और रोम छिद्रों के न खुलने से स्वास्थ में भी अवरोध होता है। इसलिए मोटे कपड़े से प्रत्येक अंग को रगड़-रगड़ कर स्नान करना चाहिए।

शिखा धारण कर रखी है तो : निवीत होकर बेसन आदी से यज्ञोपवीत भी स्वच्छ कर लें। इसके बाद शिखा बांधकर दोनों हाथों में पवित्री पहनकर आचमन आदी से शुद्ध होकर दाहिने हाथ में जल लेकर शास्त्रानुसार संकल्प करें। संकल्प के पश्चात मंत्र पड़कर शरीर पर मिट्टी लगाएं। इसके पश्चात गंगाजी की उन उक्तियों को बोलें। इसके पश्चात नाभी पर्यंत जल मे जाकर, जल की ऊपरी सतह हटाकर, कान औए नाक बंद कर प्रवाह की और या सूर्य की और मुख करके स्नान करें। तीन, पांच ,सात या बारह डुबकियां लगाए। डुबकी लगाने से पहले शिखा खोल लें।

हमारे शरीर में 9 छिद्र होते हैं उन छिद्रों को साफ-सुधरा बनाने रखने से जहां मन पवित्र रहता है वहीं शरीर पूर्णत: शुद्ध बना रहकर निरोगी रहता है। मलपूर्ण शरीर शुद्ध तीर्थ में स्नान करने से शुद्ध होता है। इस प्रकार दृष्टफल-शरीर की स्वच्छता, अदृष्टफल-पापनाश तथा पुण्य की प्राप्ति, यह दोनों प्रकार के फल मिलते हैं। अशक्तजनों को असमर्थ होने पर सिर के नीचे ही स्नान करना चाहिए अथवा गीले कपड़े से शरीर को पोछना भी एक प्रकार का स्नान है।

स्नान में निषिद्ध कार्य : नदी के जल में वस्त्र नहीं निचोड़ना चाहिए। जल में मल-मूत्र त्यागना और थूकना नदी का पाप माना गया है। शोचकाल वस्त्र पहनकर तीर्थ में स्नान करना निषिद्ध है। तेल लगाकर तथा देह को मलमलकर नदी में नहाना मना है।

स्नान के बाद क्या करें : हिन्दू धर्म अनुसार स्नान और ध्यान का बहुत महत्व है। स्नान के पश्चात ध्यान, पूजा या जप आदि कार्य सम्पन्न किए जाते हैं।

बच्चियों से अश्लील हरकतें, एसडीएम गिरफ्तार 

बच्चियों से अश्लील हरकतें, एसडीएम गिरफ्तार 

मनोज सिंह ठाकुर 

झाबुआ। डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, झाबुआ में अनुसूचित जनजाति के छात्रावास में आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम ने वहां मौजूद बच्चियों से बेहद अश्लील हरकतें की। छात्राओं ने इसकी शिकायत छात्रावास अधीक्षक से की। वहीं, अधीक्षक के आवेदन पर पुलिस ने एसडीएम सुनील कुमार झा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है। 

इंदौर कमिश्नर पवन कुमार शर्मा ने एसडीएम सुनील कुमार झा को सस्पेंड कर दिया है। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी एसडीएम को गिरफ्तार भी कर लिया है।

अध्यात्म: सावन में 'महामृत्युंजय' मंत्र का करें जाप

अध्यात्म: सावन में 'महामृत्युंजय' मंत्र का करें जाप


अयोध्या। सावन का पवित्र माह चल रहा है। सावन का यह माह भगवान शंकर को समर्पित होता है। सावन में भगवान शिव की आराधना करने से समस्त मनोकामना की भी पूर्ति होती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, सावन के महीने में अगर सच्चे मन से भगवान शंकर को प्रसन्न करना है, तो प्रत्येक दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए। रुद्राभिषेक करना चाहिए। ऐसी मान्यता है, जो भी भक्त सच्चे मन और सच्ची श्रद्धा से सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करते है। उनके मंत्रों का जप करता है, तो भगवान शंकर जल्दी प्रसन्न होते हैं। आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे महामृत्युंजय मंत्र के बारे में, तो चलिए जानते हैं।

अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं, कि सावन का पवित्र महीना चल रहा है। ऐसे में देवाधिदेव महादेव की प्रसन्नता के लिए लोग नाना प्रकार के उपाय कर रहे हैं। इसी उपाय के बीच भगवान शंकर का अमोघ मंत्र महामृत्युंजय मंत्र एक ऐसी संजीवनी मंत्र है, जो समस्त कामनाओं की सिद्धि करने वाला है। दीर्घायु जीवन की प्राप्ति सौभाग्य की प्राप्ति कालसर्प दोष से मुक्ति जो भी भक्त इस मंत्र की अभिलाषा के साथ जब करता है। भगवान भोलेनाथ उसकी सारी मुरादें पूरी करते हैं।

देवा दी देव महादेव को महामृत्युंजय मंत्र काफी प्रिय माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जप करने से भगवान शंकर जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाएं को पूरा करते हैं। इतना ही नहीं, महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु से भी बचा जा सकता है।

महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए आसन पर बैठकर जब करना चाहिए। पूरब दिशा की तरफ मुंह करके मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र का जप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का अवश्य प्रयोग करना चाहिए। मंत्र का जप करने वाले दिन में मांस और प्याज लहसुन का सेवन करना वर्जित होता है. इतना ही नहीं स्वच्छ और भक्ति भाव के साथ भगवान शंकर के मंत्र का जप करना चाहिए।

अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं और आप इससे निजात पा रहे हैं, तो अपने घर में महामृत्युंजय मंत्र का जप करें ऐसा करने से सभी परेशानियां दूर होंगी।

अगर आपको भैया डर सता रहा है और आप भविष्य में होने वाली बातों को लेकर परेशान हैं, तो आप महामृत्युंजय का जप कर सकते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र का जप करके आप आर्थिक तंगी और कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं, और अगर आप पैसों की तंगी से परेशान है, तो प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-269, (वर्ष-06) पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बुधवार, जुलाई 12, 2023

3. शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:18, सूर्यास्त: 07:11। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 18 डी.सै., अधिकतम- 30+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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