शुक्रवार, 19 जुलाई 2024

'बुंदेलखंड' को निवेश का नया गंतव्य बनाया

'बुंदेलखंड' को निवेश का नया गंतव्य बनाया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। कभी पिछड़े क्षेत्र के रूप में पहचान रखने वाले बुंदेलखंड को योगी सरकार ने निवेश का नया गंतव्य बना दिया है। फरवरी माह में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के चौथे संस्करण (जीबीसी 4.0) में पीएम मोदी ने बुंदेलखंड के लिए करीब 69 हजार करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। शुभारंभ के 5 माह के अंदर बुंदेलखंड में करीब 8 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो चुका है, जिससे हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। शुरू हो चुकी परियोजनाओं की यह राशि जीबीसी 4.0 में बुंदेलखंड के लिए निर्धारित परियोजना राशि की 11 प्रतिशत है और शेष परियोजनाओं के भी जल्द से जल्द शुरू होने की संभावना है। 

बड़े पैमाने पर सृजित होंगे रोजगार 

प्रदेश में निवेश प्रक्रियाओं की निगरानी के साथ ही निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अब तक कुल 1,14,345 करोड़ रुपए की 3984 परियाजनाओं का कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो चुका है। इनमें बुंदेलखंड में 7894 करोड़ रुपए की 156 परियोजनाएं शामिल हैं। यह राशि जीबीसी 4.0 में निर्धारित परियोजना राशि का 11 प्रतिशत है। जीबीसी 4.0 के दौरान बुंदेलखंड की 693 परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था, जिनकी कुल निवेश राशि 68,933 करोड़ रुपए थी। यह जीबीसी 4.0 में कुल 10 लाख करोड़ की परियोजनाओं का 7 प्रतिशत था। परियोजनाओं की शुरुआत से बुंदेलखंड में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। साथ ही, बुंदेलखंड में लोगों को रोजगार के लिए प्रदेश के अन्य क्षेत्रों या दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना होगा। 

झांसी में सर्वाधिक निवेश उतरा धरातल पर  

बुंदेलखंड के जिलों की बात करें तो झांसी में सर्वाधिक 6,237 करोड़ की 62 परियोजनाओं ने इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। इससे यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। जीबीसी 4.0 के दौरान झांसी में 27,533 करोड़ की 246 परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ था। इस लिहाज से अभी यहां 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाएं शुरू होनी शेष हैं, जो जल्द ही पूरी होंगी। इसी तरह, हमीरपुर में 963 करोड़ की 14 परियोजनाएं, ललितपुर में 246 करोड़ की 23 परियोजनाएं, महोबा में 195 करोड़ की 24 परियोजनाएं, बांदा में 58 करोड़ की 15 परियोजनाएं, जालौन में 46 करोड़ की 11 परियोजनाएं और चित्रकूट में 22 करोड़ की 7 परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। जीबीसी 4.0 में हमीरपुर में 2,187 करोड़, ललितपुर में 15,735 करोड़, महोबा में 1,682 करोड़, बांदा में 1060 करोड़, जालौन में 13,577 और चित्रकूट में 7,157 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था। 

बुंदेलखंड में दिग्गज कंपनियां कर रहीं निवेश 

चित्रकूट में टस्को लि. 4700 करोड़, सहस्त्रभुज फूड प्रोडक्ट्स प्रा. लि. 500 करोड़, वरुण बेवरेजेस लि. 496 करोड़, श्री सीमेंट्र प्रा. लि. 202 करोड़ का निवेश कर रहा है। वहीं, हमीरपुर में राजेंद्र सिंह शर्मा 660 करोड़, हिंदुस्तान यूनिलिवर लि. 230 करोड़, यूजीआर साइलस हमीरपुर प्रा. लि. 54 करोड़ का निवेश कर रहा है। जालौन में बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लि. 6000 करोड़, संचय न्यू एज डेवलपर्स प्रा. लि. 1000 करोड़, रोमिंग सोल्स टेक्नोलॉजी प्रा. लि. 900 करोड़ तो पालीवाल फूड्स प्रा. लि. 55 करोड़ के निवेश के लिए जीबीसी 4.0 में शामिल रहा है। झांसी में टस्को लि. 3430 करोड़, आरवीएनएल लि. 2840 करोड़, फोर्थ पार्टनर एनर्जी प्रा. लि.1200 करोड़ और सन सोर्स एनर्जी 600 करोड़ इन्वेस्ट कर रहा है। इसी तरह, ललितपुर में टस्को लि.3450 करोड़, यूजीआर साइलस 48 करोड़, वी एंड एस एंटरप्राइजेस 30 करोड़ का निवेश धरातल पर उतार रहा है। महोबा में टस्को लि. 1008 करोड़, आईबी वोओजीटी सोलर फोर प्रा. लि. 80 करोड़, देसी भोग 50 करोड़ और जीआरएस होटल प्रा. लि. 50 करोड़ से परियोजना पर काम कर रहा है। वहीं, बांदा में अवादा इंडसोलर प्रा. लि. 350 करोड़ रुपए के निवेश को तैयार है।

अंतरराज्यीय किडनी रैकेट का भंडाफोड़, 8 अरेस्ट

अंतरराज्यीय किडनी रैकेट का भंडाफोड़, 8 अरेस्ट 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उसने एक अंतरराज्यीय किडनी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आरोपी जाली दस्तावेजों के आधार पर पांच राज्यों के कई अस्पतालों में प्रतिरोपण करवाते थे।’’ उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम ने एक सप्ताह के अभियान के बाद उन्हें गिरफ्तार किया है।
पिछले दिनों भंडाफोड़ किए गए बांग्लादेश के रैकेट के मामले में पहले राजस्थान पुलिस ने अहम खुलासा किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच में जुट गई थी और फिर पुलिस को पता लगा कि दिल्ली के एक बड़े अस्पताल की महिला डॉक्टर नोएडा के एक अस्पताल में 15 से 16 ट्रांसप्लांट को अंजाम दे चुकी है।

बैठक: वृक्षारोपण कराए जाने के निर्देश दिए

बैठक: वृक्षारोपण कराए जाने के निर्देश दिए 

कौशाम्बी। मण्डलायुक्त, प्रयागराज विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में शुक्रवार को उदयन सभागार में 20 जुलाई को होने वाले वृक्षारोपण महाभियान की तैयारियों के संबंध में जिला वृक्षारोपण समिति की बैठक आयोजित की गईं बैठक में मण्डलायुक्त ने सभी विभागों को प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष वृक्षारोपण कराए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन विभागों द्वारा अभी तक लक्ष्य के सापेक्ष पौधों का उठान नहीं किया गया है। वे ससमय पौधों के उठान का कार्य पूर्ण करा लें। 
उन्होंने कहा कि जनपद में पिछली बार वृक्षारोपण अभियान के तहत जो पौधे लगाये गये थे, उसमें से कितने प्रतिशत पौधे तैयार/सुरक्षित हैं, की भी जानकारी प्राप्त की बैठक में मण्डलायुक्त को अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि वन विभाग को 952500 पौधा रोपण का लक्ष्य प्राप्त हुआ हैं, जिसमें से पौधारोपण के लिए 98 स्थानों को चिन्हित कर लिया गया हैं। शेष अन्य विभागों को 1773765 पौधा रोपण का लक्ष्य दिया गया है, जिनके द्वारा पौधारोपण के लिए 5167 स्थानों को चिन्हित कर लिया गया हैं। वृक्षारोपण के लिए 14 पौधशालाओं में कुल 47 प्रजातियों के 4169572 पौध तैयार किये गये हैं।
मण्डलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गौशालाओं के लिए चारागाह की जो भी जमीन उपलब्ध करायी गईं हैं, उसमें हरा चारा अवश्य बोया जाय बैठक में जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 रवि किशोर त्रिवेदी, अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार गोंड, प्रभागीय वनाधिकारी आरएस यादव एवं सभी उप जिलाधिकारीगण सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें मण्डलायुक्त द्वारा बेनीराम कटरा स्थित बौद्ध बिहार नर्सरी का निरीक्षण भी किया गया।
गणेश साहू

उर्वरक का प्रयोग, कैंसर ट्रेन की जरूरत पड़ी

उर्वरक का प्रयोग, कैंसर ट्रेन की जरूरत पड़ी 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उर्वरक के अत्यधिक प्रयोग के कारण यहां 'कैंसर ट्रेन' की जरूरत पड़ गई है।
प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “ हरित क्रांति ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया, लेकिन यह कहानी का केवल एक हिस्सा है। उर्वरक का अत्यधिक प्रयोग धीमे जहर की तरह काम कर रहा है, जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। यह समस्या केवल इंसानों तक ही सीमित नहीं है, पशु-पक्षी भी इसके दुष्प्रभावों से पीड़ित हैं।”
इस दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्य अतिथि थे। अपने संबोधन के दौरान योगी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हरित क्रांति से पहले भी देश के कई क्षेत्रों ने प्राकृतिक तरीकों से उच्च कृषि उत्पादन हासिल किया था। उन्होंने बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही यूपी में प्राकृतिक खेती के लिए एक कृषि विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इस बात पर प्रकाश डाला कि हरित क्रांति ने खाद्यान्न उत्पादन को काफी बढ़ावा दिया है, लेकिन यह कहानी का केवल एक हिस्सा ही बताती है।
उन्होंने कहा, “ हमें 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान भारत में प्राकृतिक खेती से उत्पादन दरों पर भी विचार करना चाहिए, जब पृथ्वी अपनी प्राकृतिक अवस्था में थी और खाद्यान्न उत्पादन अभी भी अधिक था।”
मुख्यमंत्री ने पिछले 100-150 वर्षों की आधुनिक कृषि पद्धतियों और पहले के समय के कृषि विज्ञान के बीच भारी अंतर को इंगित किया।
उन्होंने कहा “ हमें ऐतिहासिक तरीकों पर फिर से विचार करने की जरूरत है। हालांकि हरित क्रांति के बाद उर्वरकों ने अस्थायी रूप से उत्पादन बढ़ाया, लेकिन आज वे हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले धीमे जहर के रूप में कार्य कर रहे हैं। उर्वरकों के हानिकारक प्रभाव मनुष्यों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि पशु-पक्षियों पर भी इसका असर पड़ रहा है।” उन्होंने अमरोहा में निराश्रित गौशाला में 12 से 14 गायों की अचानक मौत की घटना साझा की।
उन्होंने कहा, “ जांच में पता चला है कि उनके चारे में बड़े पैमाने पर उर्वरक मिलाया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई। अगर गायें अत्यधिक उर्वरक बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं, तो मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करें। कुछ साल पहले, ऐसे मामले कम होते थे। आज, लगभग हर गांव में किडनी की समस्या, हृदय की समस्या और कैंसर से पीड़ित व्यक्ति हैं। यह हमारे खान-पान की आदतों में बदलाव के कारण है, जिससे नई बीमारियां पैदा हो रही हैं। इससे निपटने के लिए पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती का एक नया तरीका पेश किया है।”
बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए योगी ने कहा, “ यूपी में इसकी काफी संभावनाएं हैं। हमारे पास देश की 12 प्रतिशत भूमि, देश की 17 प्रतिशत आबादी और देश के 20 प्रतिशत खाद्यान्न का उत्पादन है। पर्याप्त जल संसाधनों के साथ, हमें अपने खुशहाली सूचकांक को बेहतर बनाने के लिए गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
प्रदेश सरकार द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “ हमारे पास वर्तमान में चार कृषि विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से पांचवां विकास के चरण में है। इसके अतिरिक्त, 89 कृषि विज्ञान केंद्र और दो केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय हैं। प्रदेश में नौ जलवायु क्षेत्र हैं, और प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कृषि विज्ञान केंद्रों का विकास आगे बढ़ रहा है। यह पहल प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाने को बढ़ावा देगी।”
उन्होंने कहा“ यूपी में कृषि विज्ञान केंद्रों में काफी बदलाव आया है। 2017 से पहले, ये केंद्र जंगलों से घिरे हुए थे। आज, वे किसानों, पशुपालकों और कृषि के समर्थन में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। यूपी में 1 लाख एकड़ में प्राकृतिक खेती की जा रही है, जिसके विशेष रूप से बुंदेलखंड में आशाजनक परिणाम मिले हैं।”
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलाख, लद्दाख के कार्यकारी पार्षद (कृषि) स्टैनजिन चोसफेल, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. देवेश चतुर्वेदी, केन्द्र सरकार की कृषि एवं किसान कल्याण संयुक्त सचिव डॉ. योगिता, विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, विशेषज्ञ एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

23 जुलाई को पहला बजट पेश करेंगी 'वित्तमंत्री'

23 जुलाई को पहला बजट पेश करेंगी 'वित्तमंत्री' 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र अगले हफ्ते से शुरू हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई, 2024 को एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट पेश करेंगी। आम जनता की नज़रें इस बजट पर टिकी हुई हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि निर्मला सीतारमण इस बजट में आम आदमी के लिए क्या लाएंगी? क्या महंगाई पर काबू पाने के लिए कोई विशेष उपाय किए जाएंगे? क्या नौकरी के अवसरों में इज़ाफ़ा होगा? क्या छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी? क्या किसानों के लिए नए योजनाएं लाई जाएंगी?
यह बजट देश की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेगा, इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण है कि वित्त मंत्री इस बजट में क्या खास करती हैं। बजट के माध्यम से सरकार अपनी नीतियों और योजनाओं का ऐलान करती है, जिसका प्रभाव देश के हर नागरिक पर पड़ता है। इस बजट में सरकार अपनी आर्थिक नीतियों का रोडमैप पेश करेगी और देश के विकास के लिए नई दिशा निर्देशित करेगी।
मानसून सत्र के दौरान आपदा प्रबंधन कानून में संशोधन सहित छह नए विधेयक पेश किए जाएंगे। वित्त विधेयक के अलावा, सरकार ने 1934 के विमान अधिनियम को बदलने के लिए भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को भी सूचीबद्ध किया है।
सत्र के दौरान सूचीबद्ध अन्य विधेयकों में फाइनेंस बिल, डिजास्टर मैनेजमेंट, बॉयलर्स बिल, भारतीय वायुयान विधेयक, कॉफी प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल और रबर प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल शामिल हैं। सत्र में डिमांड फॉर ग्रांट्स पर चर्चा और मतदान होगा। इसके अलावा एप्रोप्रिएशन बिल पारित होगा। जम्मू कश्मीर के बजट पर भी चर्चा होगी और बजट पास होगा।

हत्या के 4 आरोपियों को 10 वर्ष का कारावास

हत्या के 4 आरोपियों को 10 वर्ष का कारावास 

संदीप मिश्र 
जौनपुर। उत्तर-प्रदेश में जौनपुर के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय मोहम्मद शारिक सिद्दीकी की अदालत ने बक्सा थाना क्षेत्र में 12 वर्ष पूर्व मकान के विवाद को लेकर ईंट, पत्थर व लाठी, डंडा से मार कर गैर-इरादतन हत्या करने के चार आरोपियों को दाेष सिद्ध होने के बाद शुक्रवार को 10 वर्ष के कारावास व 10,500 रूपये जुर्माने से दंडित किया। 
अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा राम यज्ञ मिश्र निवासी ग्राम लंभुआ थाना सुल्तानपुर ने बक्सा थाने में मुकदमा पंजीकृत करवाया कि 07 अगस्त 2012 को 10:00 बजे दिन में उसकी ससुराल ग्राम पुराहेमू थाना बक्सा में उसकी सास आरती व साला दिनेश के पट्टीदार मनोज कुमार, शैलेंद्र कुमार, सुनील कुमार पुत्रगण रामबरन व शरद चंद्र पुत्र केदार मकान का प्लास्टर व नापदान का निर्माण कर रहे थे। मकान का विभाजन नहीं हुआ था इसलिए सास आरती व साला दिनेश ने मना किया, जिस पर आक्रोशित आरोपियों ने ईंट, पत्थर, डंडा, फरसा से हमला करके दोनों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना को वादी रामयज्ञ, अवनीश व विकास ने देखा था। दोनों घायलों को सदर अस्पताल में ले जाने पर उसी दिन डॉक्टर ने आरती देवी को मृत घोषित कर दिया और दिनेश को भरती कर लिया। पुलिस ने विवेचना करके आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट में सुनवाई जारी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लाल बहादुर पाल के द्वारा परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात अदालत ने गैर इरादतन हत्यारोपी तीन सगे भाई मनोज, शैलेंद्र व सुनील तथा एक अन्य शरद चंद को 10-10 वर्ष के करावास व 10 हजार 500 रूपए जुर्माने से दंडित किया।

चिली: 7.3 तीव्रता का भूकंप, झटकें महसूस किए

चिली: 7.3 तीव्रता का भूकंप, झटकें महसूस किए 

अखिलेश पांडेय 
सैंटियागो। धरती के नीचे हुई हलचल के बाद जब लोगों को तेजी के साथ भूकंप के झटके लगने लगे और घर के सामान के आपस में भिडने से आवाजें आने लगी तो दहशत में आए लोग घरों से निकलकर बाहर आ गए। 7.3 तीव्रता वाले इस भूकंप से फिलहाल, किसी जान माल की नुकसान की खबर नहीं मिली है। शुक्रवार को चिली के एंटोफगास्टा में आएं भूकंप से लोगों के दिल बुरी तरह से दहल उठे हैं। यूरोपीय मेडिटरेनियन सीस्मोलॉजिकल केंद्र के मुताबिक चिली में आए इस भूकंप का केंद्र जमीन के 128 किलोमीटर नीचे था। जिसके चलते तेजी के साथ धरती हिलने लगी और लोग दहशत में आकर अपने मकानों से निकलकर खुले मैदान में आगे रिक्टर स्केल पर आ जाए। भूकंप की तीव्रता 7.3 मापी गई है। फिलहाल 7.3 तीव्रता के भूकंप से अभी तक किसी तरह के जान और माल के नुकसान की खबर नहीं है। 21 दिन में दूसरी बार आए भूकंप से पहले 29 जून को धरती बुरी तरह से हिल गई थी, 29 जून को आए भूकंप की तीव्रता 5.02 मापी गई थी।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-273, (वर्ष-11)

पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, जुलाई 20, 2024

3. शक-1945, आषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:39, सूर्यास्त: 06:58।

5. न्‍यूनतम तापमान- 35 डी.सै., अधिकतम- 39 डी.सै.। गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय  (डिजीटल सस्‍ंकरण)। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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