बीजिंग/ लंदन। हांगकांग को लेकर चीन और ब्रिटेन में तकरार बढ़ गई है। लंदन ने चीन नियंत्रित इस क्षेत्र के लोगों को नागरिकता देने का रास्ता खोलने के लिए ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज (बीएनओ) पासपोर्ट का प्रस्ताव दिया तो बीजिंग ने कहा कि वह इस पासपोर्ट को मान्यता नहीं देगा। हांगकांग में चीन की दमनकारी नीतियों का ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देश विरोध कर रहे हैं। चीन ने लोकतंत्र समर्थकों पर अंकुश पाने के लिए हांगकांग में गत वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा कानून थोप दिया था। ब्रिटेन के कदम से भड़के चीन ने कहा कि वह बीएनओ पासपोर्ट को वैध दस्तावेज के तौर पर मान्यता नहीं देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा, ‘ब्रिटेन बड़ी संख्या में हांगकांग के लोगों को दूसरी श्रेणी की ब्रिटिश नागरिकता देने का प्रयास कर रहा है। यह चीन की संप्रभुता और आंतरिक मामलों में गंभीर दखल है। यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी नियमों का भी घोर उल्लंघन है।’ इससे पहले ब्रिटिश सरकार ने एलान किया कि बीएनओ पासपोर्ट के लिए 31 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस पासपोर्ट के लिए हांगकांग के करीब 54 लाख नागरिक पात्र होंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बीएनओ पासपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि हम अपने देश में हांगकांग के नागरिकों के रहने, काम करने और अपना घर बनाने के लिए एक नया रास्ता खोल रहे हैं।’ उल्लेखनीय है कि हांगकांग में वर्ष 2019 में चीन विरोधी आंदोलन भड़का था। लोकतंत्र समर्थक छात्रों, शिक्षकों और लोगों ने सड़कों पर लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया था। चीन ने इस तरह के कृत्यों को रोकने के लिए हांगकांग में पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। इस कदम की दुनियाभर में आलोचना हुई और यह चिंता जताई गई कि इसकी आड़ में चीन इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। वह हांगकांग की स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों को बनाए रखने के अपने वादे को तोड़ रहा है।बीएनओ पासपोर्ट के आधार पर हांगकांग के नागरिक ब्रिटेन में पांच साल तक रहने और काम करने के हकदार होंगे। इसके बाद वे नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। वर्ष 1997 में ब्रिटेन ने चीन को इस शर्त के साथ हांगकांग सौंपा था कि वह इसकी स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों को बनाए रखेगा।
शनिवार, 30 जनवरी 2021
संधि के तहत खुद को बाध्य नहीं मानता पाकिस्तान
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने कहा कि वह परमाणु हथियारों के निषेध संबंधी संधि के तहत खुद को बाध्य नहीं मानता है। पिछले परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध की संधि लागू हुई थी। कई प्रमुख परमाणु शक्तियों ने इसे समर्थन नहीं दिया। इसके बाद उसका यह बयान सामने आया है। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने कहा कि यह संधि किसी भी तरीके से प्रथागत अंतरराष्ट्रीय कानून के विकास में योगदान नहीं देता है। पाकिस्तानी न्यूज चैनल डॉन के अनुसार नौ परमाणु संपन्न देश हैं। जिनमें रूस और अमेरिका के पास अधिकांश परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तानी प्रवक्ता ने तर्क दिया कि जुलाई 2017 में आपनाई गई इस संधि पर संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण वार्ता मंचों के बाहर बातचीत की गई। परमाणु-सशस्त्र देशों में से किसी ने भी संधि की वार्ताओं में हिस्सा नहीं लिया, जो सभी हितधारकों के वैध हितों के खिलाफ है। जाहिद चौधरी ने आगे दावा किया कि कई गैर-परमाणु सशस्त्र देशों ने भी संधि में शामिल होने से परहेज किया है। उन्होंने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण पर किसी भी पहल के लिए हर देश के महत्वपूर्ण सुरक्षा विचारों को ध्यान में रखा जाना महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले हुआ यह समझौता दुनिया से परमाणु हथियारों को पूरी तरह खत्म करने लक्ष्य को लेकर है। इसका उद्देश्य हिरोशिमा और नागासाकी पर हमले जैसी घटना को फिर से नहीं होने देना है। करीब दल साल के प्रयास के बाद अब परमाणु हथियार उन्मूलन समझौता अंतरराष्ट्रीय कानून बना है। यह समझौता जुलाई 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा से स्वीकृति पा चुका है।कई देश इस समझौते में शामिल हैं और वे खुद परमाणु बम विकसित न करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। वो यह भी मानते गैं कि मौजूदा वैश्विक स्थिति में लक्ष्य पाना बहुत मुश्किल है। 120 से ज्यादा दोशों ने इस पर सहमति जताई है। इनमें नौ देश शामिल नहीं, जो परमाणु हथियार संपन्न माने जाते है। ये देश अमेरिका, चीन, फ्रांस, भारत, रूस, ब्रिटेन, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल हैं। नाटो भी इसमें शामिल नहीं है।
कौशाम्बी: पार्टी ने चलाया महिला जागरूकता अभियान
गाजियाबादः दामाद ने कर्मचारी को गोलियों से भूना
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। शुक्रवार रात तीन बदमाशों ने लोनी में कोतवाली क्षेत्र के कोतवालपुर गांव में रिटायर्ड दिल्ली डेवलपमेंट एथारिटी (डीडीए) कर्मी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। परिवार वालों ने दामाद और उसके दो साथियों के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस शव पोस्टमार्टम को भेज कर मामले की जांच में जुटी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवालपुर गांव में श्योराज सिंह परिवार के साथ रहते थे। उनके परिवार में पत्नी रामपाली, दो बेटे और दो बेटियां हैं। नौ वर्ष पूर्व उन्होंने दोनों बेटियों का विवाह किया था। तीन वर्ष से छोटी बेटी का अपने पति से विवाद चल रहा था। दो दिन पूर्व श्योराज बेटी को लेकर घर आ गए थे। शुक्रवार रात करीब तीन बजे उनके दरवाजे पर दस्तक हुई। जैसे ही श्योराज सिंह ने दरवाजा खोला, बाहर खड़े तीन बदमाशों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। चार गोलियां उनके शरीर में अलग-अलग जगह जा धंसी, जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। स्वजनों ने दामाद और उसके दो साथियों के खिलाफ पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं पूरे परिवार में कोहराम मच हुआ है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश की जा रही है। जल्द आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
यूपी गेट पर हर घंटे आ रहे हैं किसानों के जत्थे
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में अड़े किसान अब इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 66वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। दिल्ली में गणंतत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद जहां सभी बॉर्डरों पर किसानों की संख्या घट गई थी। लेकिन अब यह संख्या एक बार फिर से बढ़ने लगी है। 26 जनवरी के बाद ऐसा लग रहा था कि अब आंदोलन लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन गुरुवार शाम गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के वीडियो टीवी चैनलों पर चलने के बाद माहौल तेजी से बदल गया और किसानों का फिर से धरना स्थलों पर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। गाजियाबाद प्रशासन द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली-पानी काटे जाने और टेंट हटाए जाने के बाद अब फिर से टेंट लगने शुरू हो गए हैं। हालांकि, इसके मंगलवार की घटना के मद्देनजर सभी जगहों पर भारी संख्या पर पुलिस बल भी तैनात कर दिए गए हैं। राकेश टिकैत का कहना है कि हम धरना स्थल (यूपी गेट) खाली नहीं करेंगे, हम पहले अपने मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेंगे। सरकार जो भी करे हम गाजीपुर बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे। जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते और एमएसपी पर नया कानून नहीं बन जाता हम यहां से नहीं जाएंगे।
विश्वजीत को एचसीएस का नियुक्ति पत्र देने के आदेश
खेल कोटे में उनकी मेरिट से नीचे के उम्मीदवार को भी नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया, जबकि उन्हें बिना कोई कारण बताए नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। हाईकोर्ट ने याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद हरियाणा लोक सेवा आयोग से एचसीएस एग्जीक्यूटिव के खेल कोटे से भर्ती का रिकॉर्ड तलब किया था। तीनो फेडरेशन के रिकॉर्ड ठीक पाया गया। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने याचिका को मंजूर करते हुए नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं।
किसान-जवान को सरकार ने किया आमने-सामने
अवैध देशी शराब के साथ 1 अभियुक्त गिरफ्तार
मंत्री ने 9 दिवसीय किसान मेले का किया शुभारम्भ
प्रयागराज: निकाह की तस्वीरें मीडिया पर वायरल हुई
साल में 2 बार होगी यूपी बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा
प्रयागराज: पंडित केसरीनाथ पीजीआई से डिस्चार्ज
त्रिलोचन सरदार को जन्मतिथि की शुभकामनाएं दीं
2.55 लाख बच्चों को दी जाएगी पोलियो की दवा
आखिर कब जागेगा हापुड़ शिक्षा विभाग, उठें सवाल
जांच-निरीक्षण: पुलिस का सडकों पर पैदल गश्त
सुरक्षा माह के तहत ट्रक संचालकों को दिलाई शपथ
सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी
एसएसपी प्रीति ने सब इंस्पेक्टरों के किए तबादले
नैनीताल। जनपद की नवनियुक्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शनी ने कार्यभार संभालने के बाद पहली बार जिले के इंस्पेक्टर और दरोगा के तबादले किए हैं।एसएसपी ने 4 निरीक्षक और चार उपनिरीक्षक बदले हैं।जिनमें उप निरीक्षक विमल कुमार मिश्रा को थानाध्यक्ष काठगोदाम बनाया गया है और थानाध्यक्ष काठगोदाम के पद पर कार्यरत भगवान सिंह महर को चौकी प्रभारी पीरुमदारा बनाया गया है। इसके अलावा इंस्पेक्टर मनोज रतूड़ी को एसओजी प्रभारी बनाया गया है। साथ ही महिला इंस्पेक्टर ललिता पांडे को प्रभारी महिला एवं बाल हेल्पलाइन हल्द्वानी बनाया गया है।
पढ़िए पूरी सूची...
1-निरीक्षक श्री मनोज रतूड़ी पुलिस लाइन से प्रभारी एसओजी...
2- निरीक्षक श्री राजेन्द्र सिंह डांगी पुलिस लाइन प्रभारी से होमीसाइड सैल/विवेचना सैल हल्द्वानी...
3- महिला निरीक्षक ललीता पांडे पुलिस लाइन से प्रभारी महिला एवं बाल हैल्प लाइन हल्द्वानी/प्रभारी एएचटीसी
4- निरीक्षक श्री प्रीतम सिंह पुलिस लाइन से प्रभारी डीसीआरबी/वि0 जांच प्रकोष्ठ/सम्मन सैल...
5- उप निरीक्षक श्री विमल कुमार मिश्रा एसएसआई भवाली से थानाध्यक्ष काठगोदाम...
6- उ0नि0 श्री रमेश सिंह बोहरा पुलिस लाइन से एसएसआई भवाली...
7- उ0नि0 श्री प्रकाश पोखरियाल पुलिस लाइन से एसओजी...
8- उ0नि निरीक्षक श्री भगवान सिंह महर थानाध्यक्ष काठगोदाम से चौकी प्रभारी पीरूमदारा...
नाले में दिखा विशालकाय मगरमच्छ, मचा हड़कंप
पोलियो टीकाकरण अभियान 31 जनवरी से शुरू
जैश ने दूतावास के सामने हुए हमले की जिम्मेदारी लीं
अमेरिका: उपद्रवियों ने तोड़ी महात्मा गांधी की प्रतिमा
कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया ने फैसला लिया
मुरादाबाद: कंटेनर में भिड़ंत में 10 की मौत, 25 घायल
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के कुंदरकी क्षेत्र के आगरा स्टेट हाइवे पर शनिवार को घने कोहरे के बीच कैंटर और बस के बीच भिड़ंत हो गई। जिससे कम से कम दस यात्रियों की मौत हो गई जबकि 25 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि तड़के लगभग आठ बजे मुरादाबाद-आगरा हाईवे स्थित बिलारी सर्किल में हुसैनपुर पुलिया नानपुर के पास यह हादसा उस समय हुआ जब मुरादाबाद की ओर से यात्रियों से भरी एक प्राईवेट बस को ओवरटेक करने के प्रयास में कैंटर टकरा गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस की चालक साईड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
स्पोर्ट्स पर फिल्म में काम करेंगे एक्ट्रेस आमिर
मुंबई। बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट अभिनेता आमिर खान स्पोर्ट्स पर आधारित फिल्म में काम करते नजर आ सकते हैं। आमिर खान इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म लाला सिंह चड्डा में व्यस्त हैं। चर्चा है कि निर्देशक आरएस प्रसन्ना, आमिर खान से एक फिल्म पर बात कर रहे हैं, जो स्पोर्ट्स बैकग्राउंड पर आधरित होगी। आमिर इस फिल्म के लिये दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यह फिल्म स्पोर्ट्स की पृष्ठभूमि पर आधारित होगी, जिसमें ह्यूमर भी काफी होगा। हालांकि यह पूरी तरह से स्पोटर्स पर आधारित फिल्म नहीं होगी लेकिन इसकी पृष्ठभूमि उसी पर आधारित होगा। इस फिल्म का स्क्रीनप्ले एक स्पैनिश फिल्म से लिया गया है। आमिर इस फिल्म को लेकर ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग के बाद ही अंतिम फैसला लेंगे। यदि आमिर यह फिल्म साइन कर लेते हैं तो उन्हें स्पोर्ट्स की बैकग्राउंड की फिल्म में देखना काफी दिलचस्प होगा।
पंजाब: अमरिंदर ने सरकार को आगाह किया
कृषि कानूनों के खिलाफ हड़ताल करेंगे किसान
पीएम-राष्ट्रपति ने राष्ट्रपिता गांधी को दी श्रद्दांजलि
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनका स्मरण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। उनकी पुण्यतिथि को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है।राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अमर-बलिदान के दिन कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उनकी पुण्य स्मृति को मैं नमन करता हूं। शांति, अहिंसा, सादगी, साधनों की पवित्रता और विनम्रता के उनके आदर्शों का हमें पालन करना चाहिए। आइए हम उनके द्वारा दिखाए गए सत्य और प्रेम के मार्ग पर चलने का संकल्प लें।’’ मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘महान बापू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि। उनके आदर्श लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। शहीद दिवस पर हम उन सभी महान महिलाओं और पुरुषों के बलिदान को याद करते हैं, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता और प्रत्येक भारतीय की कुशलता के लिए खुद को समर्पित कर दिया।’’,उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने यहां जारी एक संदेश में कहा कि महात्मा गांधी ने समाज के दुर्बल वर्गों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए। उनके सिद्धांत और जीवन आज भी अखिल विश्व के कल्याण का मार्ग दीप्त करते हैं। उन्हें याद करते हुए, उनका अनुसरण करने का भी संकल्प लेना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा , “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उनकी पावन स्मृति में सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।” दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘सत्य, अहिंसा, धैर्य, साहस और सत्याग्रह। बड़ी से बड़ी शक्तियों को अप्रभावी करने वाले गांधी जी के ये सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जिनसे अधिकारों की कोई भी लड़ाई जीती जा सकती है। पूज्य बापू जी के स्मृति दिवस पर उन्हें कोटि कोटि नमन।’’
मुसलमान नारों को दरकिनार कर, भीड़ को बढ़ाएं
मोहम्मद जाहिद
नई दिल्ली। एक होती है बुद्धी और दूसरी होती है "जड़बुद्धी"। जो लोग कह रहे हैं कि किसान आंदोलन में मुसलमानों के शामिल होने से आंदोलन कमज़ोर हो जाएगा। वह पिछले अनुभवों के आधार पर कुछ हद तक तो सही हैं पर ऐसे लोग "जड़बुद्धी" वाले लोग हैं। ऐसे लोग इतिहास के कब्र को सीने में दबाए सोचते रहते हैं। जबकि आज का दौर बदलती परिस्थीति के अनुसार तौर तरीके और रणनीति बदलने की है। जड़बुद्धी अर्थात "बुद्धी का स्थिर होना" अर्थात कोई नयी क्रिएटिवटी ना कर पाने वाला।
मुसलमानों को किसान आंदोलन में बिल्कुल शामिल होना चाहिए, पर वह मंच और जज़बाती तकरीरों और "नारे तकबीर" जैसे इस्लामिक नारों से दूर रहकर सिर्फ़ भीड़ की संख्या बढ़ाएँ। वह किसान आंदोलन के "चेहरे" नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ "सिर" बनें , भीड़ बनें , और किसान आंदोलन को मज़बूती दें। इससे दो फायदे होंगे , एक तो किसान आंदोलन मज़बूत होगा और बढ़ती भीड़ सरकार की चूलें हिलाएँगी और दूसरा मुसलमानों को राजनैतिक आदोलन करने का ढंग भी आएगा।
दरअसल मुसलमान एक जज़बाती कौम है , उसने दाढ़ी टोपी वाले 25-100 लोगों को अपने साथ देखा तो वह अपने आंदोलन का मकसद भूल कर "नारे तकबीर अल्लाह ओ अकबर" का नारा लगाने लगती है। धार्मिक आयोजन में तो यह सब ठीक है पर सरकार से लड़ाई लड़ने के लिए हो रहे किसी राजनैतिक आंदोलन में ऐसे नारे आंदोलन की विफलता का प्रमुख कारक है क्युँकि आपके राजनैतिक आंदोलन में ऐसे नारों के साथ कोई गैरमज़हब का आपका ही साथी आपके साथ खड़ा नहीं होगा। मौजूदा सरकारें भी ऐसे लगे नारों को उछालकर "तालिबान" ब्ला ब्ला का आरोप लगाकर पूरी मुहिम फुस्स कर देगी। और दूसरी कौमें ऐसे नारे सुनकर आपके विरुद्ध हो जाएँगी। जैसे आप हो जाते हैं।
दरअसल इस देश का मुसलमान अपने हक के लिए लड़ाई लड़ने के तौर तरीके आज़ादी के 70 साल बाद भी सीख और समझ नहीं पाया है तो उसके कारण है। उसने सभाओं को केवल धार्मिक जलसों या मुशायरों में ही देखा या सुना है , यह जलसे या तो तबलीगी जलसे रहे हैं या मस्जिद के मिंबर पर से मौलाना की तकरीरें।इसीलिए वह अपने समाज के लोगों की भीड़ देखते ही उसी रंग और जोश में आ जाता है "नारे तकबीर" लगाने लगता है। यह गलत है।
राजनैतिक आंदोलन धार्मिक नारों या उसके कलेवर से दूर रहना चाहिए , ऐसे आंदोलन की सफलता में सबका सहयोग चाहिए होता है , "जैसा देश वैसा भेष" की तर्ज पर ही राजनैतिक आंदोलन चलना चाहिए और सबसे जरूरी है मंच पर बोलने के तौर तरीके सीखना। इसीलिए कहा , एक विद्यार्थी के रूप में सिर्फ गिनती बढ़ाने के लिए मुसलमानों को किसान आंदोलन में शामिल होना चाहिए।
नरेश-राकेश टिकैत को अपनी गलती का एहसास हो गया है , उनका साथ दीजिए और उनसे कुछ सीखिए कि कैसे 12 घंटे पहले की एक काल पर कई लाख लोग "महापंचायत" में आ जाते हैं। किसान आंदोलन में शामिल होईए और पुराना समीकरण बहाल कीजिए , यही आज की रणनीति है यही आज की ज़रूरत है। जाईए और आंदोलन का ढंग सीखिए और मुजफ्फरनगर दंगों के कारण हुए राजनैतिक और सामाजिक विभाजन को खत्म कर दीजिए।
यूपी: गलत सूचना देना सीडीपीओ को पड़ा भारी
गोण्डा। डीएम मार्कण्डेय शाही ने जिला पोषण समिति की बैठक में गलत सूचना देने वाले सीडीपीओ मनकापुर सुशील कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही तहसील तरबगंज में आने वाले ब्लाकों तरबगंज, नवाबगंज, वजीरगंज तथा बेलसर के सीडीपीओ को चेतावनी जारी करने, तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण वाटिकाएं न बनाने पर सभी सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 से निमार्णाधीन आंगनबाड़ी केन्द्रों का कार्य पूरा कराने पर कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के एक्सईएन तथा एई का वेतन रोकने के साथ ही विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए है। यह कार्यवाही डीएम श्री शाही ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला पोषण समिति की बैठक में की है। जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि ब्लाक कन्वर्जन्स की बैठकें सम्बन्धित तहसील के एसडीएम की अध्यक्षता में ब्लाक मुख्यालय पर ही सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी ब्लाकों के बीडीओ व सीडीपीओ निर्मित हो चुके आंगनबाड़ी केन्द्रों का संयुक्त निरीक्षण कर आगामी 07 फरवरी तक हैण्डओवर की कार्यवाही सुनिश्चित कराएं अन्यथा उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। वहीं कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के एक्सईएन व एई का वेतन रोकने के साथ ही उनके खिलाफ कार्यवााही के आदेश दिए हैं।
पेट्रोल पंप पर गैस टैंकर में आग, 3 लोगों की मौत
नरेश राघानी
अजमेर। राजस्थान के अजमेर में पेट्रोल पंप पर गैस टैंकर में आग मामले में आज सुबह दो और लोगों की मौत हो जाने से इसमें मरने वालों की संख्या तीन पहुंच गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गई। पेट्रोल पंप पर शुक्रवार शाम गैस टैंकर में आग लग जाने से दस लोग झुलस गये, उनमें तबीजी निवासी शब्बीर की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी जबकि सुबह पेट्रोल पंप संचालक सुरेन्द्र दुआ का पुत्र जतन दुआ तथा अन्य मोहम्मद तावीस ने भी दम तोड़ दिया। हादसे में झुलसे लोगों का जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में इलाज चल रहा हैं उनमें चार लोगों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि गत 29 जनवरी को अजमेर के आदर्श नगर थाना क्षेत्र के खालसा पेट्रोल पंप पर एलपीजी गैस शिफ्ट करने के दौरान यह हादसा हुआ। जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने पूरे मामले की जांच के निर्देश अतिरिक्त कलेक्टर (शहर) गजेन्द्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में दिए हैं।
निरीक्षण: जिलाधिकारी को 103 गैरहाजिर मिलें
गोण्डा। सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति व साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए डीएम मार्कण्डेय शाही द्वारा लगातार औचक निरीक्षण कराए जा रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को डीएम ने अधिकारियों की टीम लगाकर सरकारी 59 दफ्तरों का औचक निरीक्षण कराया जिसमें 103 कर्मचारी गैर हाज़िर मिले। डीएम ने अनुपस्थित सभी कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए दो दिन के अन्दर संतोषजनक जवाब न देने पर विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए हैं। बताते चलें कि जिलाधिकारी द्वारा सरकारी कार्यालयों में साफ-सफाई सुनिश्चित कराने तथा कार्यालयों में समय से अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए लगातार कार्यवाहियां की जा रही हैं। शुक्रवार को डीएम ने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए जिसमें 59 विभागों के 103 कर्मचारी गैर हाज़िर मिले तथा कई दफ्तरों में साफ-सफाई तथा अभिलेखों का रखरखाव ठीक नहीं मिला।
1000 सफाई कर्मियों को गर्म वस्त्र वितरण किए
विश्व में मृतकों की संख्या 22 लाख के पार हुई
वाशिंगटन डीसी। दुनियाभर में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या 22 लाख के पार पहुंच गयी है, जबकि 10.20 लाख से ज्यादा लोग अब तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक विश्व के 192 देशों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 10 करोड़ 20 लाख सात हजार 448 हो गई है तथा 22 लाख 04 हजार 494 मरीजों की मौत हो चुकी है। कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में संक्रमितों की संख्या 2.59 करोड़ के पार हो गयी है, जबकि करीब 4.36 लाख मरीजों की मौत हुई है। भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ सात लाख 33 हजार से अधिक हो गयी है। इस महामारी को मात देने वालों की संख्या एक करोड़ चार लाख नौ हजार से ज्यादा हो गयी है और मृतकों का आंकड़ा 1,54,147 तक पहुंच गया है। ब्राजील में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या 91.18 लाख से ज्यादा हो गयी और इस महामारी से करीब 2.22 लाख से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है।
आजमगढ़: भिड़ीं पोर्टल पत्रकार समेत 2 की मौत
बंद नाक को खोलने के लिए आजमाएं घरेलू उपाय
कई बार आपने भी अनुभव किया होगा कि जुकाम नहीं होता है, पहली चीज जो नाक बंद करती है। इससे सांस लेने में भी कठिनाई होती है। जिसके लिए मुंह से सांस लेना जरूरी है। और बंद नाक को खोलने की कोशिश में नाक साफ करने पर कुछ नहीं निकलता। बहुत से लोगों की यह गलती नाक में बलगम जमने का कारण बनती है। और नाक बंद हो जाती है। लेकिन अक्सर फ्लू, वायरल संक्रमण या एलर्जी राइनाइटिस साइनस में मौजूद रक्त वाहिकाओं में सूजन की ओर जाता है। और इसी वजह से नाक बंद हो जाती है।
बंद नाक खोलने का उपाय...
1. भाप लें: अपने आसपास की हवा में नमी बढ़ाने के लिए भाप एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। भाप लेना नाक से जमा हुए बलगम को आसानी से बाहर निकालने में भी मदद करता है। आप चाहें तो स्टीमर की मदद से भाप ले सकते हैं। या एक बड़े बर्तन में पानी गर्म करें और अपने चेहरे को बर्तन की तरफ झुकाएँ और अपने सिर को एक तौलिये से ढँक लें, ऐसा करने से गर्म भाप नाक को खोलने में मदद करने के लिए नासिका द्वारा शरीर में प्रवेश करती है। 2. गर्म पानी से स्नान: यदि आपको भाप लेने में कठिनाई होती है, तो आप गर्म स्नान कर सकते हैं। ऐसा करने से बंद नाक को खोलने में मदद मिलेगी। गर्म पानी से नहाने के दौरान निकलने वाली भाप नाक में सूजन की समस्या को कम करती है और इससे नाक से सांस लेने में आसानी होती है। 3. गर्म चाय या सूप आपकी नाक बंद होने पर अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसीलिए गर्म चाय या सूप का सेवन करना चाहिए। इस गर्म पेय को पीने से नाक में भाप बनती है जिससे बलगम पतला होता है और आसानी से बाहर निकलता है। और नाक खुल जाती है। 4. एक गर्म पट्टी लागू करें: यदि आप बंद नाक को खोलना चाहते हैं तो आप सिर पर गर्म पट्टी का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करने से नाक को खोलने में मदद मिलेगी। इसके लिए, गर्म पानी में एक पट्टी या तौलिया रखें, इसे कम करें और फिर इसे नाक और सिर पर लगाएं। इस की गर्मी नाक में सूजन की समस्या से छुटकारा दिलाती है।
रायपुर: 3 अवैध गोदामों पर पुलिस ने मारा छापा
कुणाल राठी
रायपुर। राजधानी रायपुर के खमतराई थाना क्षेत्र अंतर्गत भनपुरी इलाके में स्थित 3 गोदामो पर पुलिस ने दबिश देकर ब्रांडेड कंपनियों के नकली आयल बरामद किए है। आपको बता दे कि आरोपियों द्वारा कंपनियों के नाम की स्पेलिंग में चेंज कर नकली आयल बेचा जा रहा था। जानकारी के मुताबिक दिल्ली मुंबई से आये कैस्ट्रोल आयल कंपनी के अधिकारियों ने SSP रायपुर से मुलाकात इस पूरे मामले की शिकायत की थी। पुलिस ने करोड़ो रूपये कीमत का नकली आयल बरामद किया है। पुलिस के मौके पर पहुँचते ही सभी आरोपी फरार हो गए।
आयोग ने लांन्च किया 'डिजिटल वोटर आईडी कार्ड'
नई दिल्ली। 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने डिजिटल वोटर आईडी कार्ड की सुविधा शुरू की। इसे इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड (e-EPIC) कहा जाता है। यह डिजिटल वोटर आईडी कार्ड पीडीएफ प्रारूप में उपलब्ध होगा। ई-ईपीआईसी केवल ई-आधार की तरह है। इसे सिर्फ प्रिंट किया जा सकता है। इसको एडिट नहीं किया जा सकता है। ग़ौरतलब है कि 31 जनवरी तक यह सुविधा केवल उन्हीं को मिलेगी जिन्होंने पिछले साल नवंबर और दिसंबर में वोटर आईडी कार्ड के लिए आवेदन किया हो। एक फरवरी से, डिजिटल वोटर आईडी कार्ड सभी के लिए उपलब्ध होगा। इसके अलावा, जिन लोगों के वोटर आईडी कार्ड खो गए हैं वे मुफ्त में डुप्लिकेट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। वर्तमान में, इसके लिए 25 रुपए का शुल्क लिया जाता है। 25 जनवरी, 1950 को गठित चुनाव आयोग की स्थापना दिवस के अवसर पर डिजिटील वोटर आईडी कार्ड की शुरुआत की गई है। डिजिटल वोटर आईडी कार्ड डाउनलोड करने के 7 आसान तरीके: 1. voterportal.eci.gov.in पर जाएं। संबंधित विवरण दर्ज करके एक अकाउंट बनाएं।2. अकाउंट बनाने के बाद लॉग इन करें। “ई-ईपीआईसी डाउनलोड करें” के मेन्यू पर जाएं। 3. अपना ईपीआईसी नंबर या रेफरेंस नंबर दर्ज करें। आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। 4. इसके बाद अब “ईपीआईसी डाउनलोड करें” पर क्लिक करें। यदि कार्ड पर उल्लिखित मोबाइल नंबर अलग है तो आपको कार्ड डाउनलोड करने के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) प्रक्रिया को पूरा करना होगा। 5. केवाईसी के जरिए नंबर अपडेट करने के बाद आप डिजिटल वोटर आईडी कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। 6. यदि आपने अपना ई-ईपीआईसी नंबर खो दिया है, तो आप इसके लिए voterportal.eci.gov.in पर चेक कर सकते हैं।7. डिजिटल वोटर आईडी कार्ड को वोटर मोबाइल ऐप से भी जनरेट किया जा सकता है, जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
दिल्ली: 31 जनवरी तक मुफ्त मिलेगा गैस-सिलेंडर
नई दिल्ली। 8 नवम्बर 2016 की नोटबंदी के बाद से भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन्स बहुत अधिक तेजी से बढ़ा है। यही कारण है, कि कंपनियां भी अब ग्राहकों को लुभाने के लिए तरह-तरह के ऑफर्स देने लगी है। अब तो गांव, देहात की गलियों में खोमचे-ठेले वाले भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स करने लगे हैं। मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया योजना में अपना योगदान देने के लिए मोबाइल वॉलेट प्लेटफॉर्म पेटीएम ने भी बड़ा कदम उठाया है।दरअसल पेटीएम ने इस महीने के अंत (31 जनवरी) तक एलपीजी सिलेंडर ऑफर चलाया है। जिसके तहत भुगतान करने पर कैश बैक दिया जा रहा है। चलिए इस बारे में आपको विस्तार से बताते हैं। गौरलतब है कि पेटीएम द्वारा गैस सिलेंडर बुक कराने पर ऑफर के तहत पूरा पैस वापस किया जा रहा है। हालांकि इस ऑफर का फायदा सिर्फ उन्हें ही दिया जाएगा, जो पहली बार गैस सिलेंडर ऐप के माध्यम से बुक कर रहे हैं। इसके साथ ही सिर्फ उन्हीं कंपनियों पर यह ऑफर मिलेगा।जिसमें आपका रजिस्ट्रेशन उसी नंबर से है, जिस नंबर से पेटीएम है। इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए आप पेटीएम ऐप गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं, पेमेंट के ऑपश्न में गैस बुकिंग का विकल्प होगा। जहां जाकर आपको भुगतान करना है। भुगतान करते ही पेटीएम की तरफ से आपको स्क्रैच कूपन दिया जाएगा।यह स्क्रैच कूपन बुकिंग के 24 घंटों के अंदर-अंदर ही आपके पास आ जाएगा और आपको इसे 7 दिनों के अंदर ही उपयोग करना होगा। कूपन को स्क्रैच करते ही आपके अकाउंट में भुगतान की कीमत वापस कैशबैक के रूप में आ जाएगी।
कोहली सीरीज में तोड़ सकते हैं धोनी के रिकॉर्ड
नई दिल्ली/ लंदन। भारत और ऑस्ट्रेलिया सीरीज में टीम इंडिया ने शानदार जीत दर्ज की थी। अब फिर भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज होने वाली है। इस सीरीज का फैन्स बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। विराट कोहली के फैन्स को एक खास वजह से भी इस सीरीज का इंतजार होगा। क्योंकी इस सीरीज में विराट कोहली टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का एक बड़ा रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। दरअसल, होम ग्राउंड सीरीज पर किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा टेस्ट सीरीज जीतने के मामले में विराट और धोनी बराबर हैं। दोनों ने ही अपनी कप्तानी में भारत को अब तक 6-6 टेस्ट सीरीज में जीत दिलाया है। अगर इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया टेस्ट सीरीज जीतती है, तो विराट किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा होम ग्राउंड पर सबसे ज्यादा टेस्ट सीरीज जीतने वाले एकलौते कप्तान बन जाएंगे।
खाप पंचायतों का फैसला, आंदोलन का समर्थन
राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। लगातार चल रहा किसान आंदोलन अब जान आंदोलन में तब्दील हो चुका है। एक तरफ सरकार तो दूसरी तरफ किसान दोनों ही अपनी जिद पर अड़े है। कहना गलत नहीं होगा कि किसान और सरकार दोनों में टकराव का माहौल बना हुआ है। बतादें कि दिल्ली में हुए हंगामे को लेकर सरकार सख्त रूख अपना रही है तो वहीं दूसरी तरफ किसान भी अब बड़े हुजूम के आठ बॉर्डरों पर पहुंचने लगे है। और इस आंदोलन को न्य रूप दे रहे है।बताना लाजमी है कि किसानों का धरने को आज 65 दिन हो गए है वही 26 जनवरी की ट्रेक्टर पैरेड की घटना के बाद सरकार सख्त एक्शन के मूड में किसी भी तरह से किसानों के धरने को उठाना चाहती है। वहीं कल गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के नेतृत्व में चल रहे धरने पर पेरामिल्ट्री फोर्स के साथ यूपी पुलिस लुकआउट नोटिस जारी कर उनकी गिरफ्तारी करने को लेकर पहुंची तो किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान धरने की ज़बरदस्ती उठाने पर सुसाइड करने और सरकार की साजिश बताते हुए निकले आसुंओ ने रिएक्शन करना शुरू कर दिया। उनके सर्मथन में रात में हरियाणा में गांव गांव में मीटिंग में मीटिंग पंचायते हो रही है।
बतादें कि कल सभी खापें अपने स्तर पर मीटिंग कर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरणो पर कूच करेगी। 26 जनवरी को जो हुआ उसकी निंदा करता हूँ। लेकिन जो किसान आंदोलन का साजिश करने का काम सरकार ने किया वह सब के सामने आ चुका है। मैं खुद बीजेपी में 20 साल रहा हूँ इनका कोई सौदा नही है। जो किसानों के ऊपर हमले हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। तो वहीं दूसरी तरफ हरदीप अहलावत रोहतक 84 खाप प्रधान ने बताया कि आज की हरियाणा भर की सभी खापों के प्रधानों की बैठक हुई है इस बैठक में किसान आंदोलन धरने को लेकर हुई है हमारा समर्थन पहले भी रहा और आगे भी रहेगा। सर्व सहमति से फैसला लिया गया है कल सभी हरियाणा के गांवों से किसान अपने ट्रेक्टर ट्रॉलियों में उससे भी ज्यादा संख्या में धरने स्थलों पर जाएंगे। सरकार ने 26 जनवरी को घटना करवाई वह सरकार की साजिश थी। दादरी के निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान ने बताया कि हमारी आज की मीटिंग हरियाणा के तमाम खाप प्रधानों के साथ थी। जो सरकार ने किसान को कमजोर,लोकतंत्र का बदनाम करने की साजिश की है। आज रोहतक के जाट भवन में सर्व खाप की बैठक हुई इस बैठक में हरियाणा की डेढ़ दर्जन भर खापों के प्रधानों ने हिस्सा लिया।
इस सर्व खाप बैठक में सरकार द्वारा किसान आंदोलन को तोड़ने की साजिश करार देते हुए कल हरियाणा के सभी गांवों से किसानों को भारी संख्या में अपने ट्रेक्टरों के साथ किसानों के धरणो पर जाने का आहवान किया है। साथ मे 26 जनवरी की ट्रेक्टर पैरेड के नाम पर जो लाल किले पर घटना हुई उसकी निंदा भी की। खापों की यह बैठक रोहतक84 खाप प्रधान हरदीप अहलावत की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में दादरी के निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप के प्रधान सहित कई खापों के प्रधान मौजूद रहे। वह सबके सामने है। हमारी खापों का किसान आंदोलन को तन मन धन से समर्थन है। खाप प्रधानों ने फैसला लिया कि इससे ज्यादा संख्या में अब पहुंच कर अपना समर्थन करे। हमारी किसान नेता राकेश टिकैत व चढूनी से बात हुई है हमने आश्वासन दिया है कि खापें उनके साथ है।
टिकरी बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा, हाई अलर्ट
बताना लाजमी है कि एक बार फिर से किसानों का हुजूम बॉर्डरों की तरफ बढ़ने लगा है। बता दें कि दिल्ली-हरियाणा को जोडऩे वाले सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान व स्थानीय ग्रामीण आमने-सामने आ गए। बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने बहादुरगढ़ के साथ लगते टिकरी बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट जारी किया है। अर्द्धसैनिक बलों की 15 टुकडय़िां यहां सुरक्षा की दृष्टि से तैनात की गई। टिकरी बॉर्डर और झाड़ोदा बॉर्डर पर बैरीकैडिंग की संख्या बढ़ाई गई है। 3 कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर टिकरी बॉर्डर पर डटे किसानों का आज 67 वां दिन रहा। टिकरी बॉर्डर पर दिनभर सभा का आयोजन होता रहा। किसानों के 15 किलोमीटर पड़ाव में भी अलग-अलग जगह बैठकों का दौर चला।
उधर, झाड़ोदा बॉर्डर पर सुरक्षा की दृष्टि से मिट्टी से भरे ट्रकों को खड़ा किया गया। साथ में यहां सुरक्षा पहरा कड़ा किया गया। शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने बैरीकैडिंग इस तरीके से की है कि कोई अकेला व्यक्ति भी यहां से न निकल पाए। पुलिस ने सबसे पहले लोहे के बैरीकैड पर कटीली तारें भी लगाई हैं। इसके बाद 2-3-ट्रकों को मिट्टी से भरकर खड़ा किया गया है। इससे आगे 200 मीटर पर फिर लोहे के बैरीकैड और फिर दिल्ली में झाड़ोदा गांव के नजदीक से निकल रही ड्रेन पर भी बैरीकैडिंग की गई है। भारी संख्या में पुलिस कर्मियों और अर्द्ध सैनिक बलों को लगाया गया है। कच्चे रास्तों पर भी बैरीकैडिंग कर दी गई है। फिलहाल टिकरी और झाड़ोदा बॉर्डर से लोगों की आवाजाही बिल्कुल बंद कर दी गई है।
निगम की गाड़ी से बुजुर्गों को कूड़े के ढेर में छोड़ा
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें नगर निगम कर्मियों द्वारा कमजोर बुजुर्गों को एक गाड़ी में भरकर इंदौर-देवास हाईवे पर छोड़ने का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया। वीडियो में निगम के कुछ कर्मचारी एक बुजुर्ग कमजोर महिला और एक पुरुष बुजुर्ग को गाड़ी से उतारते और फिर बैठाते हुए दिख रहे हैं। गाड़ी में कुछ और बुजुर्ग व उनका सामान नजर आ रहा है। वीडियो शिप्रा के आसपास का बताया जा रहा है। लेकिन यह साफ नहीं हुआ है कि यह किस दिन का वाकया है। मौके पर मौजूद किसी भी व्यक्ति ने यह वीडियो शूट करते हुए बताया कि निगमकर्मी बुजुर्गों को सड़क किनारे फेंकने आए हैं और बुजुर्गों को इंदौर नगर निगम का गाड़ी में भरकर लाया गया है।
जब गांव वाले वीडियो बनाने लगे और कर्मियों को फटकारा तो कर्मी उन्हें फिर गाड़ी में बैठाने लगे। ग्रामीणों ने कर्मियों से कहा कि कम से कम बुजुर्गों को इस तरह नहीं फेंकना चाहिए। नगर निगम के कर्मचारियों की संख्या तीन थी, जो यह अमानवीय काम कर रहे थे। जिस गाड़ी से बुजुर्गों को हाईवे पर बेसहारा कर छोड़ने लाया गया था, उसका नंबर एमपीएफ 7622 था और यह निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते की गाड़ी है।अधिकारियों से पता करने पर यह कहा गया कि इस मामले की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि इसी महीने स्वच्छता सर्वेक्षण होना है और इसके चलते लगातार पांचवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने के लिए इंदौर नगर निगम कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
आंदोलनरत पंजाब के एक और किसान की मौत
मृतक की पहचान करीब 55 वर्षीय जगशेर सिंह के रूप में हुई है। जगशेर पंजाब के बरनाला जिले का रहने वाला था। पिछले काफी समय से आंदोलन में शामिल था। बीच-बीच में गांव में चला जाता था। इस दफा 23 जनवरी को आया था। फिलहाल बालोर चौक के नजदीक ठहरा हुआ था। रात को खाना खाकर सोया था। सुबह बेसुध मिला। किसान उसे अस्पताल में ले गए तो चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। हृदयाघात आशंका जताई जा रही है।
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