बीजिंग। चीन के घातक कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 3,831 लोगों की मौत हो गई है। इनमें चीन में सबसे ज्यादा 3,120, इसके बाद इटली में 366 और ईरान में 194 मौत हुई हैं। मौत के इस वायरस की चपेट में अब तक 110,090 लोग आ चुके हैं। भारत में कोरोना वायरस के अब 40 मामले सामने आये हैं।
कोरोना का कहर बढ़ने से लोग इससे बचने के उपाय सर्च कर रहे हैं। अधिकतर लोग यह जानना चाहते हैं कि कोरोना वायरस से बचने के क्या उपाय हैं, कोरोना से कैसे बचा जा सकता है, कोरोना से बचने का आसान तरीके क्या हैं?
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के लिए अभी तक कोई स्थायी इलाज और दवा नहीं बनी है। इससे सुरक्षा ही बचाव है। हालांकि कुछ आयुर्वेदिक एक्सपर्ट मानते हैं कि इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करके काफी हद तक आप अपने शरीर को इस वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए ताकतवर जरूर बना सकते हैं।
च्यवनप्राश
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश खाने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह वायरस के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए एक इंटरव्यू में जीवा आयुर्वेद के निदेशक प्रताप चौहान ने बताया कि किसी भी प्रकार की बीमारी से लड़ने के लिए इम्युनिटी सिस्टम का मजबूत होना जरूरी है। कोरोना वायरस मुख्य रूप से फेफड़ों और श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है।
आंवला, गिलोय, नीम, कुटकी, तुलसी
उन्होंने कहा कि रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश खाने इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनता है। यह फेफड़ों और श्वसन प्रणाली के कामकाज को बढ़ाने में भी सहायक है। आंवला, गिलोय, नीम, कुटकी, तुलसी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां भी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने और इन्फेक्शन से बचाने में सहायक हैं।
अदरक, पुदीने, दालचीनी की चाय
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में, अच्छा और मजबूत पाचन रोगों से लड़ने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके लिए रोजाना ताजा अदरक का एक टुकड़ा खाएं या अदरक की चाय पिएं। पुदीने की चाय, दालचीनी की चाय और सौंफ की चाय भी बेहतर ऑप्शन हैं।
शिलाजीत और अश्वगंधा
उपकर्मा आयुर्वेद के संस्थापक और प्रबंध निदेशक विशाल कौशिक के अनुसार, कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच शिलाजीत और अश्वगंधा जैसी औषधीय जड़ी बूटियों की मांग में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कौशिक ने कहा कि शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के नियमित सेवन से मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है।
तिल का तेल
चौहान ने यह भी सुझाव दिया कि नाक में तिल के तेल की दो-तीन बूंद डालने और इसे सूँघने से न केवल नाक के मार्ग और गले को चिकनाई मिलेगी, बल्कि यह भीतर के बलगम झिल्ली को भी मजबूत कर सकता है। कोरोना वायरस के लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस की कमी, गले में खराश, सिरदर्द, छींक आना और किडने फेलियर आदि शामिल हैं, अगर आपको ये लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको यह टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलावा अगर आप हाल ही में आपने ऐसे देश की यात्रा की है, जहां संक्रमण फैला हुआ है तो आपको किसी भी कीमत पर इसकी जांच करानी चाहिए।