मंगलवार, 24 मार्च 2020

21 दिन लॉक डाउन: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के विकराल रूप को देखते हुवे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज रात 12 बजे से पुरे देश में 21 दिनों के लिए सम्पूर्ण लॉक डाउन की घोषणा कर दी है। महामारी से  बचने के लिए कुछ हफ्तों का लॉकडाउन आवश्यक है। देश के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित रखने का प्रयास  किया जा सकता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आप सब के सहयोग की अपेक्षा है। सामाजिक दूरी ही इस समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है। देश की बेहतर भविष्य के लिए लॉक डाउन का पूरी ईमानदारी से पालन करे। 


अन्य देशो में हालत बेकाबू- माननीय प्रधान मंत्री ने अन्य देशों की हालात को भी विस्तार से बताये एवं लोगो को घरों में रहने हेतु अपील किये। अन्य देशो में हेल्थ विभाग बहुत मजबूत होने के बावजूद घुटने टेकने पर मजबूर हो रहे है।अतः आप लोग 21 दिन तक घर पर ही रहे सम्पूर्ण लॉक डाउन का अच्छे से पालन करें।


 


आज प्रथम नवरात्र और लॉकडाउन

मृणालिनी शर्मा


नई दिल्ली। पूरा देश कोरोना से परेशान है, केंद्र और राज्य सरकार बचाव के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है। कहीं कर्फ्यू है तो कहीं  लॉक डाउन हैं। ऐसे में कल से मां दुर्गा के अराधना का पर्व नवरात्र शुरू हो रहा है। पूरे  देश में नवरात्र के मौके पर उपवास की पुरानी परंपरा है, लोग मां की अराधना में पानी और भोजन का त्याग करते हैं। लेकिन इस बार हालात अलग है….कोरोना के खौफ के बीच भक्त इस बार  नवरात्र कैसे मनायें ?…क्या इन हालातों में उपवास रखना सही है….डाक्टरों की राय हमने जानी…ताकि मां की अराधना के बीच आप अपने स्वास्थ्य का नुकसान तो नहीं कर रहे हैं।


प्रशासनिक ढील से नाराज हुए मोदी

नई दिल्ली। देश के जिस शहर में कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने वहां लॉकडाउन का ऐलान किया है। इसके बाद भी कई जगह देखने को मिल रहा है कि लोग घरों से निकल रहे हैं। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी व्यक्त की है। पीएम मोदी ने सोमवार को ट्वीट करके कहा है कि लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।


कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं। वहीं कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर ‘जनता कर्फ्यू’ को रविवार को अभूतपूर्व समर्थन मिला। लेकिन मोदी ने कहा कि ‘जनता कर्फ्यू’ एक लंबी लड़ाई की शुरुआत मात्र है।कोविड-19 संकट के दौरान भी दिन-रात काम करने वालों के प्रति आभार प्रकट करते हुए मोदी ने ट्विटर के जरिये संदेश दिया कि कर्फ्यू रविवार रात 9 बजे खत्म हो जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम उत्सव मनाना शुरू कर दें। लोग इसको सफलता ना मानें, यह एक लंबी लड़ाई की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि देशवासियों ने यह साबित कर दिया है कि हम ठान लें तो बड़ी से बड़ी चुनौती को एकजुट होकर हरा सकते हैं। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने माना कि जनता कर्फ्यू को जोरदार समर्थन मिला। यही वजह है कि उन्होंने ‘जनता कर्फ्यू’ में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने वालों के प्रति भी आभार जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जनता कर्फ्यू’ को लेकर हर कोई अपनी-अपनी तरह से योगदान देने में जुटा रहा। इससे पहले उन्होंने लोगों से अपील की थी कि-जनता कर्फ्यू में परिवार के साथ अच्छा समय बिताएं, टेलीविजन देखें और पौष्टिक भोजन करें। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोगों ने जनता कर्फ्यू का पालन किया। हर राज्य, शहर, कस्बे में पूरी तरह सन्नाटा छाया रहा और सड़कें सूनी दिखीं। प्रधानमंत्री मोदी की बातों का पालन करते हुए लोग सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक घरों से बाहर नहीं निकले। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे निर्देशों का जरूर पालन करें, जिन जिलों और राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा हुई है वहां घरों से बिल्कुल बाहर ना निकलें। इसके अलावा बाकी हिस्सों में भी जब तक बहुत जरूरी ना हो, तब तक घरों से बाहर ना निकलें। इससे पहले प्रधानमंत्री ने लोगों को रविवार की शाम 5 बजे पांच मिनट तक अपनी खिड़की, बालकनी से ताली, घंटी-थाली बजाने की याद दिलाई थी। प्रधानमंत्री ने देश की कई लोकप्रिय हस्तियों के योगदान की सराहना की। मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लोक गायिका मालिनी अवस्थी को टैग करके लिखा-जनता कर्फ्यू को लेकर लोक गायिका मालिनी अवस्थी जी अपने अंदाज में लोगों को प्रेरित कर रही हैं। मालिनी अवस्थी ने ट्वीट किया था कि-डरना नहीं, मुस्कराना है, मिलकर इसे अब हराना है। एक अन्य ट्वीट में मोदी ने लोक गायक प्रीतम भरतवाण जी के गीत का वीडियो जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने धुरंधर गीतकार प्रसून जोशी, अभिनेता आमिर खान और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को टैग करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गणमान्य लोग कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में रविवार को घर में रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मोहनदास पई के संदेश को टैग करते हुए ट्वीट किया- यह समय सामाजिक दूरी बनाने का है, डिजिटल भुगतान इस दिशा में आपको मदद करेगा। इससे पहले मोहनदास पई ने अपने ट्वीट में डिजिटल भुगतान पर जोर देते हुए कहा था कि-सुरक्षित रहें, सुरक्षित भुगतान करें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा संयम और संकल्प इस महामारी को परास्त करके रहेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया था कि- जनता कर्फ्यू शुरू हो रहा है, मेरी विनती है कि सभी नागरिक इस देशव्यापी अभियान का हिस्सा बनें और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाएं, हमारा संयम और संकल्प इस महामारी को परास्त करके रहेगा। इसके पहले गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाने के लिए लोगों से रविवार को जनता कर्फ्यू का हिस्सा बनने का अनुरोध किया था।


चीकू और खरसिया 'स्वाध्याय'

(वरिष्ठ पत्रकार श्री प्राण चड्डा जी की कलम से)


गरीब का चीकू और खरसिया
(अतीत के झरोखे से)
 जंगल मे तेंदू को पेड़ पर फला देख, मैं सन 1988 पर जा पहुंचा...आदमी का दिमाग भी क़ुदरत ने किसी टाइम मशीन सा जो बनाया है। ये वक्त था,खरसिया उपचुनाव का... और राजनीति के तब के चाणक्य वह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीअर्जुन सिंह जी के लिये इसे जीतना जरूरी था। मुकाबले में उनके सामने थे, जशपुर कुमार... दिलीप सिंह जूदेव, युवा तुर्क,और उनका साथ दे रहे थे, भाजपा के नेता लखीराम जी अग्रवाल, इस समय नवभारत के लिए मैं काम करता.. रूद्र अवस्थी, और मै इस चुनावी महासंग्राम को कवर करने के लिए,रोज सुबह बिलासपुर से खरसिया ट्रेन में जाते। तब रायगढ़ में अनुपम दास गुप्ता, और महाबीर बेरीवाल नवभारत का काम देखा करते थे।
युवा जोश और अनुभव की इस युगलबंदी को भेदने में अर्जुन सिंह जी के पसीने छूट गए, पर अंततः वो विजयी रहे। गजब तो ये हुआ कि सम्मान पूर्वक पराजय के बाद जूदेव का जुलूस निकाला गया और अर्जुन सिंह, बिलासपुर पहुंच गए। लखीरामजी तेंदूपत्ता व्यवसाय से जुड़े थे। अर्जुन सिंह जी ने बिलासपुर में  वरिष्ठ पत्रकार रामगोपाल श्रीवास्तव जी के एक सवाल के जवाब में पत्रकार वार्ता के दौरान, तेंदूपत्ता को निजी हाथ से लेकर सहकारिता के क्षेत्र में लाने का संकेत दे दिया।।
बस फिर तेंदूपत्ते का तूफान राजनीति में जो चला क़ि पूरा  प्रशासन  कथित तेंदूपत्ता लाबी को जंगल से बाहर करने में जुट गया।सरकारी जीपों पर लिखा होता, 'तेंदूपत्ता तत्काल"... तेंदूपत्ता तोड़ने वाले ग्रामीण मज़दूरों को मालिक बनाने का दावा किया गया। तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य को दिखने पत्रकारों कों जंगल तक ले जाया जाने लगा।।
ऐसे ही एक टूर में कलेक्टर के साथ पत्रकारों के दल में मैं भी साथ था, छपरवा डाकबंगले के गेट के पास तेंदू फला था। कुछ तेंदू गिरे थे, शशि कोन्हर के हाथ तेंदू देख कलेक्टर ने पूछा क्या है..?शायद वो नही जानते होंगे, पर दबंग पत्रकार शशि कोन्हेर ने उनके सवाल का जवाब कुछ इस तरह दिया, 'काश हम भी साहब होते और दूसरों से पूछते ये क्या फल है..? मेरे एक मित्र तेंदूपत्ता व्यवसाय से करोड़पति बन गए, पर तेन्दू के बड़े पेड़ पर लगे कच्चे फल को पहचान नहीं सके। उनका काम था, तेन्दू के छोटे पत्ते को संग्रहण करके बीड़ी पत्ते के व्यपारियों को बेचना।
    अब बात को वर्षो हो गए, शिवतराई में पेड़ में तेंदू फला दिखा, शशि जी का जवाब याद आ गया। 
तेंदू छत्तीसगढ़ के गरीब का चीकू है, उसे राह में बिकते दिखा, मात्र बीस रुपये किलो।। आज तेंदू पत्ते का तूफान खत्म हो गया, मजदूर हर साल तेंदू पत्ते का बोनस पाते गये, पर उनके हालात अब तक नहीं बदले। वो साल में एक बार बोनस जरूर पाते रहे  हैं,पर इसके बावजूद वो अभी भी मालिक नहीं,वरन मज़दूर ही बने हुए हैं।


यूपी में 27 तक लॉक डाउनः योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 25 मार्च से 27 मार्च तक पूरे राज्य को लॉकडाउन कर दिया है। कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए इसके दौरान उत्तर प्रदेश की सारी सीमाएं सील होंगी। सीएम ने राज्य के लोगों से लॉकडाउन का सहयोग करने को कहा है।


इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने राज्यो में एयर, मेट्रो सब बंद रखना का आदेश दिया है। सीएम ने दूसरे राज्यों और शहरों से बसों के आवागमन को भी बंद किया है। लाकडाउन के दौरान सभी जरूरी वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएगी। इसलिए ज्यादा सामानों की खरीदारी न करें। कालाबाजारी करने वालों पर एस्मा की कार्रवाई की जाएगीकिसी भी हाल में खाद्य एवं दवा सामग्री की कमी प्रदेश में नही आने दी जाएगी। सभी जरूरी सेवाएं सुचारू रखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर कर्फ्यू भी लगाया जा सकता है।इससे पहले जनता कर्फ्यू के दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 16 जिलों में 25 मार्च तक लॉकडाउन किया था।सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि घबराहट पैदा करने की आवश्यकता नहीं है। कृपया मास्क के अनावश्यक उपयोग से बचें, हर किसी को मास्क की आवश्यकता नहीं है। अनावश्यक मास्क का उपयोग करके, हम तनाव बढ़ा रहे हैं। कल कोरोना वायरस के रोगियों के लिए कुछ एंटी-मलेरिया दवाओं को निर्धारित किया गया था, लेकिन मुझे पता चला है कि अचानक यह दवा बाजार से गायब है। उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर हुई 34
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस बड़े शहरों तक सीमित न रहकर पीलीभीत, कैराना व जौनपुर जैसे छोटे शहरों में भी पहुंच रहा है। सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के चार नए मामले सामने आए जबकि मंगलवार कैराना में कोरोना का नया मामला सामने आया। इस तरह प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 34 हो गई है।


चीन में एक और नया वायरस 'हंता'

बीजिंग। कोरोना वायरस की मार से जूझ रहे चीन के युन्नान प्रांत में एक व्‍यक्ति की सोमवार को हंता वायरस से मौत हो गई। पीड़‍ित व्‍यक्ति काम करने के लिए बस से शाडोंग प्रांत लौट रहा था। उसे हंता वायरस से पॉजिटिव पाया गया था। बस में सवार 32 अन्‍य लोगों की भी जांच की गई है। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स के इस घटना की जानकारी देने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है।


बड़ी संख्‍या में लोग ट्वीट करके यह डर जता रहे हैं कि यह कहीं कोरोना वायरस की तरह से ही महामारी न बन जाए। लोग कह रहे हैं कि अगर चीन के लोग जानवरों को जिंदा खाना बंद नहीं करेंगे तो यह होता रहेगा। शिवम लिखते हैं, ‘चीनी लोग अब एक और महामारी की परियोजना पर काम कर रहे हैं। यह हंता वायरस चूहे खाने से होता है।’ 


जानें, क्‍या है हंता वायरसः विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस की तरह से हंता वायरस घातक नहीं है। कोरोना के व‍िपरीत यह हवा के रास्‍ते नहीं फैलता है। यह चूहे या गिलहरी के संपर्क में इंसान के आने से फैलता है। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, ‘चूहों के घर के अंदर और बाहर करने से हंता वायरस के संक्रमण का खतरा रहता है। यहां तक कि अगर कोई स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति भी है और वह हंता वायरस के संपर्क में आता है तो उसके संक्रमित होने का खतरा रहता है।’ 


टॉप 3 में ट्रेंड हुआ हंता वायरसः हालांकि हंता वायरस एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में नहीं जाता है लेकिन यदि कोई व्‍यक्ति चूहों के मल, पेशाब आदि को छूने के बाद अपनी आंख, नाक और मुंह को छूता है तो उसके हंता वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर इंसान को बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द, पेट में दर्द, उल्‍टी, डायरिया आदि हो जाता है। अगर इलाज में देरी होती है तो संक्रमित इंसान के फेफड़े में पानी भी भर जाता है, उसे सांस लेने में परेशानी होती है। 


हंता वायरस जानलेवा हैः सीडीसी के मुताबिक हंता वायरस जानलेवा है। इससे संक्रमित व्‍यक्तियों के मरने का आंकड़ा 38 प्रतिशत है। चीन में हंता वायरस का यह मामला ऐसे समय पर आया है जब पूरी दुनिया वुहान से निकले कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है। कोरोना वायरस से अब तक 16 हजार 500 लोगों की मौत हो गई है। यही नहीं अब तक दुनिया के 382,824 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना वायरस की व्‍यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह वायरस अब 196 देशों में फैल चुका है।


सरसराहटः महारानी तक पहुंचा वायरस

लदंन। बकिंघम पैलेस ने इन खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार किया है लेकिन कहा कि वह कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी परामर्श में बताए गए सभी ऐहतियाती कदम उठा रहा है। हालांकि रिपोर्ट में महारानी की तबीयत सही होने की बात कही गई है।


महारानी को एहतियात के तौर पर विंडसर कैसल में अनिश्चितकाल के लिए ले जाया गया है और उनके आगे के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। ब्रिटेन की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह पता नहीं है कि महल में स्टाफ महारानी के कितना करीब था, लेकिन महल में जिन-जिन सहयोगियों के संपर्क में वह आया है, उन सबको अलग-थलग (आइसोलेट) कर दिया गया है। समाचार पत्र द सन ने एक रिपोर्ट में लिखा है, महारानी के विंडसर पैलेस जाने से पहले उनके सहयोगी का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। महल में 500 लोगों का स्टाफ हैं इसलिए माना जा रहा है कि किसी न किसी स्टेज पर लोग जरूर प्रभावित हुए होंगे। अभी तक इस स्टाफ की पहचान जाहिर नहीं की गई है और माना जा रहा है कि वह इस वायरस से पिछले हफ्ते के शुरू में संक्रमित पाया गया था। बकिंघम पैलेस ने इन खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार किया है लेकिन कहा कि वह कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी परामर्श में बताए गए सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।


एक वर्ष के लिए टल सकता है आईपीएल

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईपीएल 2020 का होना मुश्किल नजर आ रहा है। हालांकि, इसको लेकर कई तरह के अपडेट आ रहे हैं। देश में तेजी से फैरही इस महामारी ने आईपीएल के 13वें सीजन पर ग्रहण लगा दिया है। इस खतरनाक वायरस की वजह से इसे पहले से ही 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है, जबकि इसकी शुरुआत 29 से ही होनी थी। उस बीच खबर ये भी आई थी कि अगर 10 अप्रैल तक ये बात साफ नहीं हो जाती की 15 अप्रैल से आईपीएल का शुरू होना पक्का है, तो इसे अगले साल के लिए भी टाला जा सकता है।


मगर इस बीच जो फैंस के लिए अच्छी खबर आ रही है वो ये है कि अगर अप्रैल के आखिरी तक इस वायरस की स्थिति नियंत्रण में होती है तो फिर मई के पहले हफ्ते में आइपीएल 2020 की शुरुआत हो सकती है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा है कि मौजूदा समय में आइपीएल के बारे में सोचना काफी कठिन है, बोर्ड अभी भी लीग का आयोजन उस पैटर्न (एक दिन में दो मैच) से कर सकता है, मगर हालाकि, अधिकारी ने आगे यह भी कहा, ‘अभी की बात करें तो हमें अप्रैल के अंत तक इंतजार करना होगा। अगर आइपीएल 2020 का पहला मैच मई के पहले सप्ताह में नहीं खेला जाता है तो फिर इस साल लीग का आयोजन करना असंभव है।’इसका पहला मैच मई की शुरुआत में हो जाना चाहिए। इस दौरान अधिकारी ने 2009 में दक्षिण अफ्रीका में हुए आईपीएल का याद दिलाया। उन्होंने कहा कि वो दिनों के हिसाब से सबसे छोटा आइपीएल था। 2009 के आईपीएल में 37 दिनों में 59 मैच खेले गए थे। अगर सब कुछ समय के मुताबिक ठीक रहा तो इस बार भी ऐसा हा कुछ कर सकते हैं।


मालगाड़ी से चलकर 'कौशाम्बी' पहुंचा

दिल्ली से मालगाड़ी से चल कर युवक पहुचा गांव


कौशाम्बी। कोरोना वायरस के चलते आवागमन में लोगो को दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है रोजी रोटी के चक्कर मे दिल्ली गए युवक को गांव वापस आने के लिए ट्रेन नही मिल रही थी जिस पर उस युवक ने मालगाड़ी से सफर कर गांव वापस लौट आया है इस बात की जानकारी पुलिस को लगी तो पुलिस ने युवक को जांच के लिए चिकित्सको के पास भेजा है।


बता दे कि भरवारी पुरानी बाजार निवासी सुरेश चंद पुत्र गुलाब चंद प्रजापति  रोजी रोटी के चक्कर मे दिल्ली में रहता है लेकिन लॉक डाउन के आदेश के बाद उसने घर वापस आने की सोची लेकिन ट्रेन या बस का साधन उसे नही मिल सका जिस पर सुरेश ने दिल्ली से मालगाड़ी से बैठ कर भरवारी आया और भरवारी में 11 बजे मालगाड़ी से उतर गया वह घर पहुंचा उसकी सूचना पुलिस वाले को मिल गई पुलिस वालों ने मौके पर जाकर सुरेश चंद को पकड़ा और उसे जांच कराने की सलाह देकर चिकित्सको के पास अस्पताल ले गए।


राजू सक्सेना


बिहार में 537 संदिग्धों की पहचान

पटना। बिहार में कोरोनावायरस के संदिग्धों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीच हालांकि राज्य के शहरी इलाकों में सोमवार से लगाए गए लॉकडाउन को सख्ती से पालन कराने की कोशिश की जा रही है। बिहार में अब तक 537 संदिग्धों की पहचान की गई है, जिसमें कुल 122 संदिग्धों को आइसोलेशन से मुक्त किया गया है। इन्हें 14 दिनों के लिए आइसोलेशन में रखा गया था। इस बीच, तीन लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमण होने की पुष्टि हुई है, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।


बिहार के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 15 जनवरी से सोमवार शाम तक बिहार में कोरोना वारयरस से ग्रसित देशों से लौटे 537 यात्रियों को सर्विलांस (निगरानी) में रखा गया है। इनमें से 122 यात्रियों ने 14 दिनों की सर्विलांस की अवधि पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि इस दौरान पटना और गया हवाईअड्डों पर आने वाले लोगों थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। इन दोनों हवाईअड्डों पर 20 हजार से ज्यादा यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि अबतक 185 संदिग्ध लोगों से लिए गए नमूनों की जांच कराई गई है, जिसमें से तीन लोगों में कोरोनावायरस के सकारात्मक लक्षण पाए गए, जबकि 127 लोगों में यह लक्षण नहीं पाया गया है। शेष भेजे गए नमूनों की जांच रिपोर्ट अबतक नहीं आई है। रविवार को बिहार में कोरोनावायरस से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई है।


उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर एक राज्य समन्वय समिति का गठन किया गया है, वहीं जिलों में भी जिलाधिकारी की अध्यक्षता जिला समन्वय समिति का गठन किया गया है। इस बीच, सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को गांव में जाने के पहले सरकारी भवनों में रखने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए शहरी इलाकों में सोमवार से लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है।


ऐतिहासिक गिरावट के बाद बढ़त मिली

मुंबई। घरेलू शेयर बाजार सोमवार की ऐतिहासिक गिरावट के बाद आज बढ़त के साथ बंद हुये। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 692.79 अंक यानी 2.67 प्रतिशत की तेजी के साथ 26,674.03 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 190.80 अंक यानी 2.51 प्रतिशत की मजबूती के साथ 7,801.05 अंक पर पहुंच गया।


एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों से बाजार में शुरुआती तेजी रही। सेंसेक्स चार प्रतिशत और निफ्टी तीन प्रतिशत की बढ़त में खुला, लेकिन एक घंटे के अंदर यह गिरावट में चला गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेसवार्ता की खबर से बाजार में आर्थिक पैकेज की उम्मीद बढ़ी और इसमें दुबारा अच्छी तेजी देखी गयी। हालांकि पैकेज की घोषणा नहीं होने से बाद में इसकी बढ़त में कमी आयी। आईटी, टेक और ऊर्जा क्षेत्र में सबसे ज्यादा तेजी रही। सेंसेक्स की कंपनियों में इंफोसिस के शेयर सबसे ज्यादा 13 फीसदी के करीब चढ़े। रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलिवर और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी अच्छी तेजी रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने आठ प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान उठाया। मझौली और छोटी कंपनियों में भी तेजी रही। बीएसई का मिडकैप 1.56 फीसदी की तेजी के साथ 9,863.42 अंक पर और स्मॉलकैप 0.05 फीसदी यानी 8,877.58 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में कुल 2,413 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1,337 में गिरावट और 923 में बढ़त रही जबकि 153 कंपनियों के शेयर दिन भर के उतार-चढ़ाव के बाद अंतत: अपरिवर्तित रहे। सेंसेक्स 1,074.99 अंक की तेजी के साथ 27,056.23 अंक पर खुला और कुछ ही देर में 27,462.87 अंक तक पहुंच गया। हालांकि बाद में यह 25,638.90 अंक तक उतर भी गया। आर्थिक पैकेज की उम्मीद में यह एक बार फिर 27,307 अंक तक चढ़ गया। हालांकि पैकेज की घोषणा नहीं होने से अंत में यह गत दिवस की तुलना में 2.67 प्रतिशत ऊपर 26,674.03 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 238.05 अंक की मजबूती के साथ 7,848.30 अंक पर खुला। इसका दिवस का उच्चतम स्तर 8,036.95 अंक और निचला स्तर 7,511.10 अंक रहा। अंत में यह गत दिवस के मुकाबले 2.51 फीसदी यानी 7,801.05 अंक दर्ज किया गया। अंतत: यह 2.51 फीसदी की तेजी के साथ 7,801.05 अंक पर बंद हुआ। विदेशों में अधिकतर एशियाई बाजार हरे निशान में रहे। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5.94 फीसदी, जापान का निक्की 5.70 फीसदी, हांगकांग का हैंगसेंग 3.67 फीसदी और चीन का शंघाई कंपोजिट 2.10 फीसदी की मजबूती के साथ बंद हुआ। यूरोप में शुरुआती कारोबार में गिरावट रही और ब्रिटेन का एफटीएसई 3.79 प्रतिशत तथा जर्मनी का डैक्स 2.10 प्रतिशत टूटा। बीएसई के समूहों में आईटी का सूचकांक सबसे ज्यादा 6.95 प्रतिशत चढ़ा। टेक में 5.81 फीसदी, ऊर्जा में 4.26, एफएमसीजी में 3.13, स्वास्थ्य में 2.33, ऑटो में 1.43 और बैंकिंग में 1.42 प्रतिशत की तेजी रही। सीडीजीएंडएस, वित्त, इंडस्ट्रियल्स, यूटिलिटीज, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद, धातु, तेल एवं गैस और बिजली समूहों में भी बढ़त रही। रियलिटी समूह का सूचकांक दो फीसदी की गिरावट में रहा।सेंसेक्स की कंपनियों में इंफोसिस के शेयर 12.69 फीसदी चढ़े। बजाज फाइनेंस में 9.78 प्रतिशत, हिंदुस्तान यूनिलिवर में 8.34, मारुति सुजुकी में 7.48, एचसीएल टेक्नोलॉजीज में 6.86, रिलायंस इंडस्ट्रीज में 6.70, नेस्ले इंडिया में 6.43, आईसीआईसीआई बैंक में 4.47, कोटक महिंद्रा बैंक में 4.39, टाइटन में 4.00, एशियन पेंट्स में 3.42, सनफार्मा में 3.41, ओएनजीसी में 3.39, टीसीएस में 2.42, टेक महिंद्रा में 1.78, बजाज ऑटो में 1.68, एनटीपीसी में 1.64, भारतीय स्टेट बैंक में 0.96, टाटा स्टील में 0.22, हीरो मोटोकॉर्प में 0.19 और भारती एयरटेल में 0.14 प्रतिशत की मजबूती रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 8.32 फीसदी टूटे। इंडसइंड बैंक में 7.19 प्रतिशत, आईटीसी में 3.21, पावरग्रिड में 2.85, एलएंडटी में 2.13, एचडीएफसी में 1.73, एक्सिस बैंक में 1.69, अल्ट्राटेक सीमेंट में 1.49 और एचडीएफसी बैंक में 0.66 प्रतिशत की तेजी रही।


हवा में दो घंटे तक जीवित रहता है

नई दिल्ली। कोरोनावायरस को लेकर बीते कुछ समय से दावा किया जा रहा था कि कोरोना वायरस हवा में जिंदा नहीं रह सकता, क्योंकि इसके स्पाइक को सतह से चिपकना होता है। अब वुहान की सेंट्रल यूनिवर्सिटी और सिंगापुर यूनिवर्सिटी के शोधों से स्पष्ट है कि कोरोना वायरस हवा में जिंदा रह सकता है। एरोसॉल जैसे हालात बनने पर यह संभव है। यह अपवाद स्थिति है, लेकिन नामुमकिन नहीं है। वुहान सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने पाया कि 1.1 घंटे से लेकर दो घंटे तक कोरोना वायरस आराम से जिंदा रह सकता है। इसने हवा में जिंदा रहने के लिए वही रणनीति अपनाई है, जो इसके ही दूर के रिश्तेदार सार्स के सीओवी वायरस ने अपनाई थी।


आपकी जानकारी के लिए बता दे कि डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन सेवाओं और पशुजन्य रोगों के विभाग की प्रमुख डॉ. मारिया वेन केरखोव ने आधिकारिक रूप से चेतावनी दी है कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) एयरबॉर्न (हवा में जिंदा रहना) हो सकता है। डॉ. मारिया ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि एरोसॉल (हवा और वाष्प का मिश्रण) पैदा करने वाले मेडिकल उपकरण के कारण कोरोना वायरस हवा में जिंदा रह सकता है, दुर्भाग्य से कुछ देर ज्यादा जिंदा। यह अपवाद स्थिति है, लेकिन संभावित स्थिति है। वायरस को लेकर यह जानकारी सामने आने के बाद हमें संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को बचाव की किट भी एरोसॉल के हालात को देखते हुए देनी होगी और लोगों को ज्यादा से ज्यादा क्वारंटाइन करना होगा। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस हवा में सस्पेंशन की स्थिति में रहता है और मौका पाते ही एक्टिव हो सकता है। डॉ. मारिया ने बताया कि गर्मी और नमी पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। अहम है कि डब्ल्यूएचओ समेत कई संगठनों ने चेतावनी दी है कि ज्यादा नमी की स्थिति कोरोना के लिए फायदेमंद है। ज्यादा नमी की स्थिति में वायरस एयरबॉर्न हो सकता है।


इटली में राहत, दो दिन महत्वपूर्ण

रोम। कोरोना के कहर से परेशान संसार के लिए इटली से कुछ राहत भरी समाचार सामने आ रही है। हालांकि इटली में कोरोना से अब तक 6000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। किन्तु पिछले दो दिनों में हर दिन होने वाली मृत्यु की संख्या कम हुई है। यदि अगले दो दिनों से जारी रहता है तो माना जा सकता है कि इटली में कोरोना का खतरा कम होने लगा है। विश्व के 195 देश कोरोना की चपेट में आ चुके हैं व अबतक कुल 3,81,598 लोग कोरोना से ग्रसित हो चुके हैं। इनमें से लगभग एक लाख लोगों को इलाज के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है जबकि 16,559 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं इटली में मृत्यु का आंकड़ा चाइना से बहुत आगे निकल चुका है। इटली में कोरोना के जानलेवा वायरस से अब तक 6,077 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।


पत्नी से नाराज पति बना हैवान

ग्वालियर। जिले में पत्नी से नाराज पति हैवान बन गया। मामूली विवाद से गुस्साए पति ने पत्नी और 3 मासूम बच्चों को नहर में फेंक दिया। जिसकी चीख-पुकार सुनकर आस पास के किसानों ने पत्नी को बचा लिया। लेकिन बच्चों को निकाल नहीं पाए, मौके पर पहुंचे गोताखोरों ने नहर से 2 बच्चों की लाश निकाल ली है, एक बच्ची की तलाश जारी है। लोगों ने आरोपी पति को पुलिस के हवाले कर दिया है। कराहिया पुलिस के अनुसार, वारदात सोमवार की है. चीनोर थाना के ग्राम बनवार का रहनेवाला प्रमोद कुशवाह सोमवार को अपनी पत्नी पूनम कुशवाह को लेने कोसा गांव स्थित ससुराल गया था। प्रमोद वहां से पत्नी और तीनों बच्चों के साथ वह बाइक से बनवार लौट रहा था। रास्ते में पति-पत्नी के बीच कुछ बात को लेकर विवाद हो गया। 


 
विवाद इतना बढ़ा कि बात गाली-गलौच तक पहुंच गई। इस दौरान प्रमोद ने मेहगांव और ईटमां के बीच पड़ने वाली हरसी नहर के पास बाइक रोकी ओर यहां पर पति-पत्नी के बीच झगड़ा और बढ़ गया तो गुस्साए प्रमोद ने पहले अपने तीनों बच्चों- 6 साल की सिमरन, 4 साल के बेटे प्रशांत और डेढ़ साल की बेटी को नहर में फेंक दिया। इसके बाद पत्नी पूनम को भी नहर में पटक कर पानी में डूबा कर मारने का प्रयास करने लगा। इस दौरान पूनम की चीख-पुकार सुन नहर के पास रहने वाले किसान मौके पर पहुंचे और उन्होंने पूनम को छुड़ाया। गोताखोरों ने निकालीं 2 लाशें, एक बच्ची की तलाश जारी किसानों ने डायल-100 को खबर दी। थोड़ी देर बाद कराहिया थाना पुलिस और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची। नहर में फेंके गए तीनों बच्चों को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू हुआ। पुलिस ने प्रमोद को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। प्रमोद ने पुलिस को बताया कि पत्नी पूनम अक्सर विवाद करती थी, विवाद में गुस्से के चलते उससे बहुत बड़ा पाप हो गया।


सोनिया से की मुलाकात, बताई वजह

नई दिल्ली। पंद्रह महीने की कांग्रेस सरकार के मुखिया रहे कमलनाथ ने अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सोमवार को मुलाकात की। उन्हें बताया कि हमारे नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर खेल खेला। भाजपा की साजिश और विधायकों को दिए गए प्रलोभनों से सरकार गिरी। उन्होंने सोनिया गांधी को भरोसा दिलाया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस फिर लौटेगी और पूरी ताकत से आएगी।


कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार दोपहर सोनिया गांधी से भेंट की। वे बुधवार को भोपाल लौटने वाले थे, लेकिन सोमवार की रात को नए मुख्यमंत्री के शपथ समारोह की वजह से वे सोमवार को ही भोपाल लौट आए। इसके पहले सोनिया गांधी से मिलकर उन्होंने प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में बताया। भाजपा की साजिश से सरकार कैसे गिरी तथा उसमें अपने लोगों ने किस तरह भाजपा का साथ दिया, पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।


कमलनाथ ने सोनिया गांधी को भाजपा द्वारा बेंगलुरु में कांग्रेस विधायकों को किस तरह बंधक बनाकर रखा गया, यह भी बताया। उन्होंने कहा कि विधायकों को हमारे नेताओं से तो दूर उनके स्वजनों तक से नहीं मिलने दिया गया। कमलनाथ ने मुलाकात के दौरान अपनी 15 महीने की सरकार के प्रमुख कामों की जानकारी भी दी और बताया कि सरकार के जनहितैषी फैसलों से मध्य प्रदेश की तस्वीर बदलने की दिशा में काम किए जा रहे थे, लेकिन भाजपा ने बौखलाकर तथा भयभीत होकर साजिश की। कमलनाथ ने अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि प्रदेश के कांग्रेसजन एकजुट हैं और उनमें निराशा का भाव नहीं है। वे भाजपा की हर चुनौती का डटकर मुकाबला करेंगे।


उत्तराखंडः 4 अप्रैल तक अदालत अवकाश

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आगामी चार अप्रैल तक के पुनः अवकाश का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि एक से 14 अप्रैल के लिए पहले ही उच्च न्यायालय से अवकाश का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। इस प्रकार अब उच्च न्यायालय में 14 अप्रैल तक अवकाश रहेगा, और न्यायालय 15 अप्रैल को खुलेगा। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने निचली अदालतों के लिए भी 4 अप्रैल तक अवकाश घोषित कर दिया है। 
मंगलवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल हीरा सिंह बोनाल ने इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन के अनुसार कोरोना विषाणु के प्रसार को रोकने के दृष्टिगत उच्च न्यायालय में 26, 27, 30 व 31 मार्च तथा 1 अप्रैल को अवकाश रहेगा। इन अवकाशों को 26 एवं 28 से 31 दिसंबर के क्रिसमस अवकाशों में समायोजित किया जाएगा। यानी 26 एवं 28 से 31 दिसंबर को पूर्व घोषित अवकाशों के बावजूद उच्च न्यायालय खुला रहेगा। इसके साथ ही एक अन्य नोटिफिकेशन के अनुसार राज्य सरकार के 31 मार्च तक घोषित ‘लॉक डाउन’ एवं बार एसोसिएशन द्वारा किए गए निवेदन के दृष्टिगत उच्च न्यायालय ने निचली अदालतों में 26 मार्च से चार अप्रैल तक अवकाश घोषित कर दिया है। अलबत्ता, अत्यधिक आवश्यकता वाले मामलों पर सुनवाई करने के लिए जिला न्यायाधीश निर्णय ले सकेंगे। इस दौरान गिरफ्तार लोगांे के रिमांड एवं जमानत के मामलों पर अन्य अवकाश के दिनों में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया ही अपनाई जा सकेगी। इन छुट्टियों के बदले सभी अदालतें आने वाली गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में कार्य करेंगे।


सीमा पर पुलिस की व्यापक जांच

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए रायबरेली जनपद की ओर से आने वाले लोगों की हो रही है व्यापक चेकिंग


रायबरेली फतेहपुर बार्डर असनी पुल पर हुसैनगंज पुलिस कर रही है कोरोना वायरस संदिग्धों की चेकिंग,साथ में डाक्टरों की मोबाइल टीम भी मुस्तैद।


हुसैनगंज फतेहपुर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए जहां प्रदेश सरकार ने UP के 16 जिलों को लॉक डाउन कर दिया है।इसके साथ ही अन्य जनपदों में भी महामारी को लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैदी के साथ लगा हुआ है।बाहर के प्रांतों से आने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है,लोगो से कहा गया है कि गांव में बाहर से कोई भी व्यक्ति आता है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस,112,ग्राम प्रधान,व सोशल वर्कर को दे,पुलिस उसकी जांच करेगी,आज सुबह से ही हुसैनगंज पुलिस असनी पुल पर रायबरेली जनपद से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पूंछताछ कर रही है।प्रभारी निरीक्षक निशीकांत राय ने बताया कि खासकर  बाहर से आने वाले सभी लोगों की चेकिंग की जा रही है,इसके साथ ही लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है,अगर कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में आता है तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाए।देश में तेजी से फैल रहे कोरॉना वायरस को लेकर लोग दहशत में है।पुलिस के साथ साथ डॉक्टरों की मोबाइल टीम को भी लगाया गया है,जो बाहर से आने वाले संदिग्ध कोरोना वायरस की जांच के लिए मुस्तैद है।


यूपीः बैंकों में 2 बजे तक होगा काम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लॉकडाउन वाले 16 शहरों में बैंकिंग काम सुबह 10 बजे से दो बजे होगा। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उत्तर प्रदेश ने यह निर्देश प्रदेश के 16 शहरों के जिला स्तरीय बैंकर्स समिति को भेज दिया है।


इंडियन बैंक एसोसिएशन के निर्देश पर सोमवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उप्र. के कन्वेनर डॉ. रामजस यादव ने बताया कि यह व्यवस्था उन शहरों में लागू होगी, जहां पर सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की है। इनमें आगरा, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, बरेली, आजमगढ़, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, अलीगढ़ और सहारनपुर शामिल हैं। यह व्यवस्था 25 मार्च तक ही अमल में लाई जाएगी। साथ ही एटीएम की सुविधा जारी रहेगी। समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि बैंक में एक साथ पांच से ज्यादा लोग प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी होगी। यही नहीं जिन खातों को एटीएम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है उन खातों से नगदी निकासी एटीएम से ही करानी होगी।


बुखारः युवती पर बना जांंच का दबाव

रामबहादुर निषाद 


जहानाबाद। फतेहपुर में नोएडा से मजदूरी कर लौटी युवतियों को ग्रामीणों ने जांच कराने का बनाया दबाव।
मिली जानकारी के अनुसार थाना जहानाबाद क्षेत्र के मोहल्ला पोजेपुर निवासी रामकिशोर की पुत्री नोएडा में रहकर नौकरी कर रही थी। बीते दिनों जनता कर्फ्यू के दिन 22 मार्च नोएडा छोड़कर अपने गृह निवास आई तो मोहल्ले वासियों को  उन पर बुखार की सूचना मिलते ही जांच का दबाव बनाने लगे। कोविड कोरोना वायरस के भय का आतंक दिनों इस कदर हावी है कि लोग बाहर से आए हुए लोगों को शक भरी निगाह से निहारने का काम कर रहे हैं। जिसके चलते नोएडा से जैसे ही वापस आयी युवतियां अपने घर पहुंची तो मोहल्ले वालों को जानकारी हुई कि उपरोक्त युवतियों को बुखार के लक्षण दिख रहे हैं। जिस पर लोगों ने स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों में जांच की गुहार लगाई। जिस पर डिप्टी सीएमओ नोडल अधिकारी के.के. श्रीवास्तव ने बताया दोनों युवतियों को सावधानी बरतने को कहा गया है। उन पर कोरोना जैसा कोई मर्ज नहीं हैं। इस संबंध में ग्राम प्रधान संतोष कुमार ने बताया जैसे ही उन्हें जानकारी मिली तो  उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देकर उपचार की बात कहीं। स्वास्थ्य विभाग ने उक्त युवतियों में कोरोना जैसे किसी भी प्रकार के लक्षणों से इनकार किया गया।


'लॉकडाउन' के पीछे का सच

लोक डाउन के पीछे की सच्चाई


 अकाशुं उपाध्याय/इकबाल अंसारी 
गाजियाबाद। वैश्विक महामारी कोविड-19 मानव जीवन से मौत का खेल, खेल रहा है। मानव समाज इस महामारी से बचने के लिए पर्यत्नशील है। वायरस का संक्रमण नियंत्रित करने के सरकार के प्रयास पर्याप्त हो सकते हैं। लेकिन जनता के एक तबके को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जनपद गाजियाबाद में लोोककडाउन से मजदूर वर्ग खासी मुसीबतों का सामना कर रहा है। आप स्वयं अनुमान लगा सकते हैं जो प्रतिनिधि चुनाव में वोट के लिए उसी मजदूर वर्ग का क्या-क्या पकड़ता नजर आता है? आज उसके लिए उसकी सुध लेना कितना जरूरी है? सामान्यतः मजदूर एक इंसान हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि शायद कुछ और है। प्रदेश केे सर्वाधिक घनी आबादी वाले क्षेत्र में लोक डाउन का कितना दुष्प्रभाव पड़ रहा है? मजदूर वर्ग के लिए कोई भी आगे आने वाला नहीं है। आज विषम परिस्थितियों में मजदूर वर्ग को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है।
 सर्वेक्षण में यह बात स्पष्ट हो गई है। संकट के समय जो शासक जनता को समर्पित रहता है, उसका भारी अकाल पड़ गया है। जनपद स्थित लोनी नगर पालिका के 55 वार्डों में स्थित किसी भी सभासद के पास ऐसा कोई आंकड़ा या जानकारी नहीं है कि उनके वार्ड में ऐसे कितने मजदूर हैं। जो अति आवश्यक सामग्री के अभाव से ग्रसित है। इनमें ज्यादातर हस्तचालित रिक्शा चालक, कूड़ा बीनने वाले, बेलदारी-पल्लाधारी करने वाले आदि मजदूर और उनके परिवारों के सामने भयानक संकट उत्पन्न हो गया है। अफसोस की बात तो यह है। ज्यादातर जनप्रतिनिधियों के पास समस्या से जूझने की कोई भी योजना नहीं है। विशेष बात तो यह है कि जनप्रतिनिधियों के घर-कार्यालय पर सामान्य उपयोग में सैनिटाइजर आदि उपकरण भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मजदूर वर्ग का 'राम रखवाली' है। ज्यादातर मजदूर गैर पंजीकृत है। उनके प्रति सरकार का कोई दायित्व नहीं है? 


1.जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेयः- जिला अधिकारी के द्वारा सीधा संदेश दिया गया है। भुखमरी, तंगहाली के लिए विशेष तौर पर टीम गठित की गई है, जो ऐसे उपेक्षित वर्ग को चिन्हित कर रही है। खदान्न सहित सरकारी योजनाओं का लाभ जल्द ही प्रदान किया जाएगा।
2.उप-जिलाधिकारी खालिद अंजुम खान:- शासनादेश के दिशा अनुरूप कार्य किया जा रहा है। यदि कोई अन्य सर्कुलर जारी होगा तो कठोरता से नियम अनुसार पालन किया जाएगा। क्षेत्र में 11000 से अधिक श्रमिक कार्यरत है। जिनका आवश्यक विवरण श्रम-विभाग को भेज दिया गया है। 600 से अधिक कार्डधारक, श्रमिक चिन्हित किए गए हैं। गैर पंजीकृत श्रमिकों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा हैं। सभी को जल्द से जल्द खदान्न आदि की पूर्ति का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। यदि बावजूद इसके भी कोई अपेक्षित रहेगा तो मानवीय आधार पर हम हर संभव सहयोग करेंगे।
3. नंदकिशोर गुर्जर विधायक:- स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि यह एक गंभीर समस्या है। इस पर अभी होमवर्क नहीं किया गया है। जल्द ही हम इस समस्या के विरुद्ध कोई निर्णय लेंगे।
4.रंजीता धामा अध्यक्ष:- नगर पालिका अध्यक्ष से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। संभवतः ऐसे संकट के समय उनका अपना बचाव अधिक आवश्यक है। जनता के प्रति उनके दायित्व का कोई मूल्य नहीं है।


डगमगाया इमान, बढ़ गई कालाबाजारी

रुद्रपुर। तीन दिन तक टोटल लॉक डाउन की सूचना पर महानगर के व्यापारियों का ईमान डगमगा गया। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के जिला प्रशासन को दिए आश्वासन के बाद भी आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी धड़ल्ले से की गई, मगर व्यापार मंडल के पदाधिकारी व जिला प्रशासन के अफसर इन कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश नहीं लगा सके। राष्ट्रीय आपदा के वक्त लोगों की सामान खरीदने की मजबूरी का फायदा उठाया गया। यह हाल महानगर का मंगलवार की सुबह दिखाई दिया।


यूं तो जिला प्रशासन ने सुबह सात बजे से दस बजे तक का वक्त आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए मुकर्रर किया था, लेकिन सुबह छह बजे ही किराने की दुकानें खुल गई थी। दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। राष्ट्रीय आपदा में भी व्यापारियों ने अपना ईमान डिगा दिया। दालें, सोयाबीन की बरी, आटा, चावल तक के दामों पर बढ़ोत्तरी कर दी गई। यह हाल उस थोक व्यापारी ने किया जो खुद को भाजपा के साथ ही व्यापारी नेता भी कहलाते हैं। जब थोक वस्तुओं के दाम बढ़े तो रिटेल वस्तुओं के भी दाम बढ़ गए। बाजार से लेकर गली मोहल्लों तक में किराने की दुकानों पर खरीदारों की अभूतपूर्व भीड़ थी। दरअसल प्रशासन ने आगामी तीन दिन के लिए पूरी तरह लॉक डाउन का ऐलान किया है। लोगों को यह महसूस होने लगा है कि जिला प्रशासन के अधिकारी इस लॉक डाउन को आगे भी बढ़ा सकते हैं।


कर्नाटक में 31 मार्च तक लॉकडाउन

बेंगलुरु। कोविड-19 पॉजिटिव परीक्षणों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पूरे कर्नाटक को लॉक डाउन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा ने मंगलवार को इसकी घोषणा की, जो 31 मार्च तक लागू रहेगी।


येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, “कोविड-19 संकट के कारण बनी हुई स्थिति को देखते हुए हमने न केवल 9 जिलों बल्कि पूरे कर्नाटक राज्य को लॉकडाउन करने का निर्देश दिया है। यह लॉकडाउन मंगलवार से 31 मार्च तक के लिए किया गया है। मेरा सभी नागरिकों से अनुरोध है कि सहयोग करें और घरों में रहें।” इससे पहले उन जिलों में ही लॉकडाउन किया गया था, जहां कोविड-19 के केस आए थे। डॉलर्स कॉलोनी स्थित अपने घर से येदियुरप्पा ने कहा कि सभी लोग आने वाले उगाडी त्यौहार को अपने घरों में साधारण तरीके से मनाएं। इस घातक वायरस के डर से कर्नाटक सरकार ने करगा उत्सव भी रद्द कर दिया है। येदियुरप्पा ने खाद्य और भोजन सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति का आश्वासन दिया है। येदियुरप्पा ने कहा, “ज्यादा मात्रा में खरीददारी करने और डरने की जरूरत नहीं है। खाद्य और भोजन सामग्री की दुकानें खुली रहेंगी। आप सभी के सहयोग से हम इस स्थिति से लड़ सकते हैं।” वहीं लॉकडाउन के दौरान उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच, मंगलवार का शहर के केआर मार्केट में लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर घूमते हुए नजर आए। ऐसे लोगों को पुलिस ने जबरदस्ती घर भेजा और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कराया। बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने ट्वीट किया, “नागरिकों से अनुरोध है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ‘घर के अंदर रहें का नियम’ लागू है। कानून का कोई खतरा नहीं है। बतौर नागरिक अपनी भूमिका अदा करें। हमारे जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है। कृपया अपने लिए घर में ही रहें।


केंद्र शासित राज्यों में कंप्लीट लॉकडाउन

नई दिल्ली। देश के 32 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के 560 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया। इसी बीच, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों ऐसे हैं, जहां धाराएं ही लगाई गई हैं। तीनों राज्यों में कुल 58 जिले बंद हैं।


वहीं लक्षद्वीप में आंशिक लॉकडाउन किया गया है। यात्री जहाजों को द्वीप में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू है। भारत में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या अब 500 पर पहुंच चुकी है, जिसमें नौ मौतें भी शामिल हैं।


गरीब-मजदूरों की मदद करेंः कपिल

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अपनी पार्टी की मांग को दोहराते हुए कहा है कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन में बेरोजगार गरीबों की आर्थिक मदद करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 10 हजार रुपये दिए जाने चाहिए।


सिब्बल ने कहा, “युद्ध में हों तो प्रतिक्रिया भी युद्ध स्तर पर करें।” कांग्रेस सांसद ने सरकार से आग्रह किया कि वह तेजी से इस बाबत कार्य करे और दरवाजे तक मुसीबत आने का इंतजार न करे। हालांकि, उन्होंने शटडाउन को सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि ढेर सारे लोग बेरोजगार हो गए हैं, जैसे प्रवासी, असंगठित क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले, कृषि श्रमिक, बेरोजगार और दिहाड़ी मजदूर। इन सभी को संकट से उबारने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रत्येक को 10 हजार रुपये प्रदान किए जाने चाहिए। कांग्रेस ने पहले ही गरीबों के लिए वित्तीय पैकेज की मांग की है। कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए कथित तौर पर तैयारियों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को बताया कि उन्हें क्या करना चाहिए, लेकिन यह नहीं बताया कि बीमारी को रोकने के लिए सरकार क्या करेगी।कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने ट्वीट किया, “हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री एक वित्तीय पैकेज की घोषणा कर सकते हैं, और हमें उम्मीद है कि यह उनके पूंजीवादी दोस्तों के लिए नहीं होगा बल्कि गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों और अन्य लोगों के लिए होगा, जो बेरोजगार हो गए हैं।


उमर की नजरबंदी का आदेश निरस्त

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत चल रही नजरबंदी के आदेश को रद्द कर दिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पीएसए नजरबंदी आदेश को निरस्त कर दिया गया है।


सूत्रों ने कहा कि उमर अब्दुल्ला अब श्रीनगर में हरि निवास जलवायु को छोड़ देंगे। अब्दुल्ला वहां 5 अगस्त, 2019 से नजरबंदी में रह रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सूत्रों ने कहा, “वह शीघ्र ही गुपकर रोड स्थित अपने निवास पर पहुंचेंगे, लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए, किसी को भी उमर साहब से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।” ऐसे हालातों में उमर के अपनी रिहाई के बाद मीडिया को संबोधित करने की भी संभावना नहीं है। बता दें कि उमर की रिहाई से कुछ दिन पहले ही उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की भी रिहाई हुई थी। उमर की बहन सारा पायलट द्वारा दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे जल्द ही उमर अब्दुल्ला को रिहा करने का इरादा रखते हैं या नहीं। अब केवल एक पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं। सूत्रों ने बताया कि इस सप्ताह के अंत तक उनकी भी रिहाई की संभावना है।


शिवराज के सामने अब ज्यादा चुनौती

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने इस बार ज्यादा हैं चुनोतियाँ


शेख़ नसीम 


भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार को सत्ता से बेदखल करके प्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ और कद्दावर नेता शिवराज सिंह चौहान के सामने पहले के मुकाबले इस बार ज्यादा चुनोतियाँ हैं सबसे पहले कोरोना वायरस से निपटने की चुनोती इसके बाद कांग्रेस से बगावत करके कांग्रेस की सरकार को गिराने वाले और अब भाजपा में शामिल हुए बागी विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर और 25 सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव में उनको भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़वाना एवं भाजपा के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं से आपसी तालमेल बिठाना ये वो चुनोतियाँ हैं जिससे मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निपटना हैं।


कांग्रेस के बागी विधायकों में से 10 विधायको का मंत्री बनने तय हैं जिसमे से कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे 6 पूर्व मंत्री शामिल हैं लेकिन भाजपा सरकार में मंत्री रहे उन विधायको को शिवराजसिंह चौहान कैसे डील करते हैं और किस- किसको मंत्री बनाते हैं ये देखने वाली बात हैं शिवराज सरकार में पहले जो मंत्री थे उनमें से अगर किसी एक को भी मंत्री नही बनाया गया तो ये शिवराज सरकार के लिए घातक होगा। दूसरी और आगामी 25 सीटों पर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में 22 कांग्रेस के विधायक जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं उनको उन्ही के क्षेत्र से टिकट देना भाजपा के स्थानीय दावेदारों को नाराज़ करने वाला फैसला होगा और हो सकता हैं उस दौरान भाजपा के टिकट के दावेदार बगावत पर उतर जाए बहरहाल शिवराज सिंह चौहान के सामने अबकी बार ज्यादा चुनोतियाँ हैं और शिवराजसिंह इन चुनोतियो से कैसे निपटते हैं ये तो आने वाला समय ही बताएगा।


भारत का सफल प्रयासः डब्ल्यूएचओ

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर भारत में किए जा रहे अलर्ट और इससे निपटने की गई तैयारियों को लेकर भारत की तारिफ की है। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामले के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के लिए भारत को अपनी आक्रामक कार्रवाई जारी रखनी चाहिए। भारत में कोरोना के 499 मामले सामने आए हैं और इसके प्रसार को रोकने के लिए 548 जिलों में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है।


सजा 7 वर्ष से कम तो मिलेगी पैरोल


सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला जेल में बंद कैदियों को 6 सप्ताह के लिए दी जाएगी पैरोल

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के मध्य सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। फैसले के मुताबिक देश में मौजूद सभी जेलों में सजा काट रहे वे कैदी जिनकी सजा 7 वर्ष से कम है उन्हें पैरोल दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों को 6 सप्ताह के लिए पैरोल देने को कहा है। इस फैसले से जेलों में मौजूद हजारों कैदियों को पैरोल मिलने का रास्ता साफ हो गया है।


ज्ञातव्य है कि कोरोना का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। अब तक देश में 418 मामले सामने आ चुके हैं, यहीं नहीं 8 लोगों की मौत भी हो चुकी है। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि राज्य सरकारें हाई पॉवर कमेटी का गठन करें। इस समिति में लॉ सेकेट्ररी, राज्य लीगल सर्विस ऑथोरिटी के चैयरमैन, जेल के डीजी को शामिल किया जाए। कमेटी तय करे कि 7 वर्ष की सज़ा वाले मामलो में किन सजायाफ्ता दोषियो और अंडर ट्रायल कैदियों को पैरोल या अन्तरिम ज़मानत पर छोड़ा जाए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है।


राज्यसभा चुनाव किये गये स्थगित

नई दिल्ली। कोरोना वाइरस के मद्देनजर चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है।इलैक्शन कमीशन ने राज्यसभा चुनाव स्थगित कर दिया है।26 मार्च को होने वाला था चुनाव।जैसा कि मालूम है कि राज्यसभा की 55 सीटों के लिए चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। राज्य सभा र चुनाव की प्रक्रिया 6 मार्च को शुरू हुई और 26 मार्च को मतदान होने वाला था। जिन राज्यों में राज्यसभा की सीटों के लिए चुनाव हो रहे थे, उनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सात, तमिलनाडु में छह, पश्चिम बंगाल में 5 सीटें सीटों के लिए चुनाव हो रहे थे।इसी तरह पश्चिम बंगाल में पांच आंध्र प्रदेश में चार, तेलंगाना में दो, असम में 3, बिहार में पांच ,छत्तीसगढ़ में दो ,गुजरात में चार, हरियाणा में दो, हिमाचल प्रदेश में एक, झारखंड में दो ,मध्यप्रदेश में तीन, मणिपुर में एक ,राजस्थान में तीन और मेघालय में एक सीट के चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी।


मंत्रीपरिषद की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक

रायपुर। कोरोना वायरस के चलते छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज 24 मार्च को शाम 5 बजे मुख्यमंत्री निवास में आयोजित की जाएगी। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के चलते राज्य शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव कार्यालय ने छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसाइटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों के निवास और मुख्यमंत्री निवास को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोडऩे के लिए सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।


संक्रमणः अंतिम-संस्कार पर उपजा विवाद

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले पहले व्यक्ति के अंतिम संस्कार में विलंब से किया गया क्योंकि लोगों ने यह कहते हुए नाकेबंदी कर दी कि क्रिया-कर्म से वायरस फैल सकता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को करीब दो घंटे तक स्थानीय निवासियों को समझाया कि संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। कोलकाता पुलिस केंद्रीय प्रभाग के एक अधिकारी ने कहा, ''हमने उन्हें बताया कि मृतक के शव को लपेटने के दौरान, सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। डरने की कोई जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शव सौंपने में बहुत विलंब हुआ क्योंकि मृतक के परिवार के सदस्य अस्पताल नहीं आए। इसके अलावा, शव ले जाने के लिए कोई वाहन भी नहीं मिल रहा था। अधिकारी ने बताया कि एक सरकारी अस्पताल के पृथक वार्ड में फिलहाल भर्ती, मृतक की पत्नी ने स्वीकृति दी जिसके बाद विभाग को शव सौंपा गया। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, ''सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, शव पर रसायनों का लेप लगाया गया और फिर उसे निर्दिष्ट तरीके से लपेटा गया। हमने किसी तरह एक शव वाहन का इंतजाम किया और बिधाननगर शहर पुलिस के अधिकारियों के एक दल की निगरानी में शव को नीमताला शवगृह ले जाया गया। 
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोविड-19 से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए इस व्यक्ति को 16 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 19 फरवरी को इस व्यक्ति की हालत खराब हो गई थी जिसके बाद उसे जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया था। नॉर्थ 24 परगना के दम दम निवासी इस व्यक्ति ने सोमवार को अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे दम तोड़ दिया।
देश में कोरोना मरीजों की संख्‍या 500 पहुंची-
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक करीब 500 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार तक के आंकड़ों में यह संख्या सामने आई है। मंगलवार सुबह तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के कुल मामले 492 हो गए हैं जिनमें से 446 लोगों का अभी इलाज चल रहा है।


जरूरी सामान की कमी, मूल्य दर बढ़ी

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना वायरस का असर अब लोगों की जेब पर भी पड़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों में आम जरूरत की चीजों के साथ खाद्य वस्तुओं के भी दाम बढ़े हैं। खुद सरकार के आंकड़े बताते है कि खाने पीने की चीजो के दाम में पिछले एक सप्ताह और रविवार को जनता कर्फ्यू के बाद बढ़े हैं।
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक, पिछले एक सप्ताह के दौरान दाल, सब्जी और खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि दर्ज हुई है। खुदरा बाजार में यह इजाफा और ज्यादा है। बाजार से जुड़े जानकर मानते हैं।  दिल्ली में 31 मार्च तक बाजार बंद होने से दूसरे प्रदेशों में आपूर्ति और मांग का संतुलन बिगड़ सकता है। इसकी वजह से खाने-पीने की चीजों के दाम और बढ़ सकते हैं। सरकार के मूल्य निगरानी प्रभाग के मुताबिक दालों की कीमतों में अरहर की दाल में पांच से छह रुपये किलो तक वृद्धि हुई है। बाजार में यह इजाफा दस रुपये प्रति किलो तक है। आंकड़े बताते है कि पिछले साल के मुकाबले अरहर या तूर की दाल की कीमत बीस रुपये से अधिक बढ़ी है। सोमवार (23 मार्च) को अरहर की कीमत श्रीनगर और हरिद्वार में 95 रुपये किलो तक पहुंच गई। इसी तरह उड़द और मूंग की दाल की कीमतों में भी काफी इजाफा हुआ है।
खाद्य तेल में जबरदस्त वृद्धि का रुझान
खाद्य तेल की कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि का रुझान है। सरसों और वनस्पति की कीमत पांच रुपये प्रतिकिलो तक सरकारी आंकड़ों में बढ़े है। बाजार में यह इजाफा दस रुपये प्रतिकिलो तक है। शिमला में सरसों का तेल 130 रुपये पर पहुंच गया, जबकि एक सप्ताह पहले तेल की कीमत 117 रुपये प्रति किलो थी। गेंहू के आटा और चावल की कीमत भी बढ़ी है। दूसरी तरफ आवाजाही कम या लगभग बंद होने से स्थानीय स्तर पर दाम कम हुए है।


 


लक्षणः गंद-स्वाद का एहसास ना होना

आकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को लेकर एक और खौफनाक दावा सामने आया है। डॉक्टरों का कहना है कि गंध और स्वाद का अहसास न होना भी कोरोना वायरस के संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है। डॉक्टरों ने इस समस्या का सामना करने वाले लोगों को भी सेल्फ आइसोलेट करने की सख्त जरूरत है। 
डॉक्टरों का मानना है कि संक्रमण के संभावित मरीजों की पहचान के लिए यह भी एक सुराग हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि स्वाद और गंध नहीं समझ पाने या अहसास खो देने वाले लोगों को खुद को तत्काल प्रभाव से अलग-थलग कर लेना चाहिए। उन्हें जांच भी करवानी चाहिए भले ही उनमें पास कोई अन्य लक्षण न हों।
मरीजों ने बताए एनोस्मिया के अनुभव : दक्षिण कोरिया में 30 प्रतिशत यानी 2,000 रोगियों ने ऐसे अनुभव बताए हैं। ऐसे लोगों में वायरस के संचरण की एक उच्च दर चीन, इटली और ईरान में भी रिपोर्ट की गई है, जिसके परिणामस्वरूप वहां कई मौतें हुई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, एक मां जो कोरोना वायरस से संक्रमित थी उसे बच्चों के डायपर की गंध नहीं आ रही थी। वहीं, एक रसोइया जो आमतौर पर हर डिश में से मसाले को पहचान सकते हैं, वह कढ़ी या लहसुन और भोजन का स्वाद नहीं महसूस कर पा रहा था। कुछ का कहना है कि वे शैंपू की खुशबू या कूड़े की दुर्गंध आदि महसूस नहीं कर पा रहे थे। डॉक्टर इसको एनोस्मिया कहते हैं। अन्य देशों की रिपोर्टों में भी कोरोनो वायरस रोगियों की बड़ी संख्या ने एनोस्मिया का अनुभव किया।  
ब्रिटेन में शुरू हुआ विस्तृत अध्ययन : ब्रिटिश राइनोलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष प्रोफेसर क्लेयर हॉपकिंस ने बताया कि शुक्रवार को, ब्रिटिश कान, नाक और गले के डॉक्टरों ने दुनियाभर के सहयोगियों की रिपोर्टों का हवाला देते हुए इस पर विस्तृत अध्ययन शुरू कर दिया है। डॉक्टरों ने शुक्रवार को उन वयस्कों को सात दिनों के आइसोलेशन के लिए बुलाया, जो अपनी इंद्रियों से गंध और स्वाद को खो चुके हैं, भले ही उनमें संक्रमण के कोई अन्य लक्षण न हों। हालांकि, अभी इसकी प्रमाणिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई हो लेकिन डॉक्टर संक्रमण के फैलाव को लेकर चिंतित हैं। साथ ही प्रसार को धीमा करने के लिए आइसोलेशन कर क्वारंटाइन के लिए चेतावनी दे रहे हैं।
अमेरिका में भी देखे गए ऐसे लक्षण : अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलर्यनोलोजी (ईएनटी विज्ञान) ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी कि संकेत मिलता है कि गंध की कमी या स्वाद की कमी संक्रमण से जुड़े अहम लक्षण हैं और यह उन रोगियों में देखे गए हैं जिनमें कोरोना परीक्षण सकारात्मक पाए गए हैं। उस दौरान उनमें अन्य लक्षण नहीं थे। 
इटली में इसी से बढ़े मामले : इटली में वायरस से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला है कि स्वाद और गंध का अहसास खोना एक संकेत है जो एक स्वस्थ व्यक्ति को वास्तव में वायरस के संक्रमण की और ले जा रहा है और इसे दूसरों तक फैला सकता है। वहीं, ब्रसेशिया के मुख्य अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर मार्को मेट्रा ने कहा, अस्पताल में भर्ती होने वाले लगभग हर व्यक्ति की यही कहानी है। 
ब्रिटेन के संक्रमित ईएनटी डॉक्टरों की हालात गंभीर : 
प्रोफेसर हॉपकिंस ने कहा कि ब्रिटेन में दो कान, नाक और गले के विशेषज्ञ जो कोरोनो वायरस से संक्रमित पाए गए थे, वे गंभीर स्थिति में हैं। हॉपकिंस ने कहा कि चीन के वुहान की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि कान, नाक और गले के विशेषज्ञ के साथ-साथ नेत्र चिकित्सक भी संक्रमित थे और बड़ी संख्या में मर रहे थे। 
स्वास्थ्य कर्मियों से सावधानी की अपील : ईएनटी, यूके के अध्यक्ष निर्मल कुमार ने बताया कि ब्रिटेन में कान, नाक और गले के डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने एक संयुक्त बयान जारी कर ईएनटी स्वास्थ्य कर्मियों से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने का आग्रह किया है। विशेष तौर पर जब वे किसी भी ऐसे मरीज का इलाज करते हैं, जो गंध और स्वाद के अहसास को खो चुके हैं।


देवी चंडिका का मेला स्थगित किया

महोबा। नोवल कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के महोबा में नवरात्रि के पर्व पर ऐतिहासिक बड़ी चंडिका शक्तिपीठ में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेले को स्थगित कर दिया गया है। जिलाधिकारी अवधेश तिवारी ने मंगलवार को बताया कि भीड़भाड़ वाले आयोजनों से कोरोना वायरस के संक्रमण में विस्तार होने की चिकित्सको की चेतावनी को गम्भीरता से लेते हुए जिले में सभी प्रकार के सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत कार्यक्रमो पर अग्रिम आदेशो तक के लिए रोक लगाई गई है। 
इसके तहत नवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ी चंद्रिका पीठ में आयोजित होने वाले धार्मिक मेले को भी स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा लोगो से अपील की गई है कि वे नवरात्रि पर देवी पूजन के लिए मंदिर न जाये तथा अपने घरों में ही रहकर पूजन व अनुष्ठान के धार्मिक कार्य सम्पादित करे। इसी क्रम में मेले को लेकर मंदिर परिसर में लगाई गई दुकानो को हटाकर स्थल को रिक्त करा दिया है तथा मेले में दुकानें लेकर आये बाहरी दुकानदारों को भी घर वापस लौट जाने को कहा गया है।        
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड के महोबा में स्थित आठवी शताब्दी के चंदेल कालीन बड़ी चंद्रिका देवी शक्तिपीठ की श्रद्धालुओ में विशेष आस्था एवम मान्यता है। वीर शिरोमणि अजर अमर आल्हा की कुलदेवी के इस मंदिर में यहां हर रोज स्थानीय भक्तों के अलावा दूरदराज से श्रद्धालु देवी के दर्शन पूजन व अनुष्ठान के लिए पहुंचते है। चैत्र में वर्ष प्रतिपदा तथा  क्वांर माह में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर यहां नौ दिवसीय विशाल मेले का आयोजन होता है। इस दौरान हजारों की संख्या में लोगो की भारी भीड़ उमड़ती है।


 


इटलीः लॉकडाउन के बाद 5000 मौत

रोम। कोरोना वायरस महामारी के चलते इटली को पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया है, लेकिन फिर भी यहां कोविड-19 संक्रमण के मामलों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है। सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट के नवीनतम जारी आंकड़ों के अनुसार, इटली में रविवार तक कोरोनावायरस संक्रमण के 59,138 मामलों की पुष्टि हुई और इस वैश्विक महामारी के चलते यहां 5,746 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट के प्रमुख एंजेलो बोरेल्ली के हवाले से कहा कि उत्तरी इटली में 21 फरवरी को पहली बार महामारी फैलने के बाद से वर्तमान में अभी तक 46,638 लोग संक्रमण से ग्रस्त हैं, जबकि कोविड-19 संक्रमण के चलते 5,746 मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमित 23,789 लोग अपने घरों में आइसोलेशन में हैं। 19,846 लोग अस्पताल में, जबकि 3,009 लोग आईसीयू में भर्ती हैं। 
कोरोना वायरस इमरजेंसी के नेशनल कमिश्नर इंचार्ज एंजेलो ने आगे कहा कि अभी तक कुल 7,024 मरीजों को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने सिविल प्रोटेक्शन स्टाफ के 12 सदस्यों के भी कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने की पुष्टि की है। वहीं, स्पेन में कोरोना वायरस से 24 घंटे में 462 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद देश में घातक संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,182 पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार (23 मार्च) को यह जानकारी दी। एक दिन पहले जारी आंकड़ों की तुलना में मृत्यु दर में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। स्पेन में कोविड-19 के मामलों की संख्या 33,089 हो गई है। यह देश चीन और इटली के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित है।
देशभर में 14 मार्च को लॉकडाउन लागू करने के बावजूद स्पेन में मौत और संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि देश ने संक्रमण की जांच करने की अपनी क्षमता में इज़ाफा किया है। प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा कि लॉकडाउन को पहले दो हफ्तों के लिए लागू किया गया था, लेकिन इसे अब 11 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 25, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-226 (साल-01)
2. बुधवार, मार्च 25, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:38
5. न्‍यूनतम तापमान 17+ डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई

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