सत्ता वह चाबी है, जिससे तरक्की के दरवाजे खुलते है
संदीप मिश्र
लखनऊ। बहुजन समाज को एक सामूहिक व संगठित राजनीतिक शक्ति में पिरोकर उन्हें लेने वाला नहीं बल्कि हर प्रकार से "देने वाला हुकमरान (शासक) समाज" में उत्थान करने के लिए सर्वप्रथन बामसेफ, डीएस-4 एवं बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी) के जन्मदाता व संस्थापक बहुजन नायक कांशीराम को आज उनकी पुण्यतिथि पर नमन् व अपार श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद मायावती ने कहा कि खासकर यूपी के लोगों ने यहाँ चार बार अपनी पार्टी की सरकार बनाकर यह देख लिया है कि सत्ता वह मास्टर चाबी है, जिससे तरक्की के तमाम बंद दरवाजे खुल सकते हैं, इसीलिए यह मिशनरी अभियान हर कीमत पर जरूर जारी रहना चाहिए।
देश के बहुजन समाज के गरीब, पिछड़े एवं उपेक्षित लोग आजादी के बाद के 75 वर्षों के लम्बे इतिहास काल के दौरान अपना संवैधानिक व कानूनी हक माँगते माँगते काफी परेषान हो चुके हैं और अब अपनी पूरी ताकत व शिद्दत के साथ "हुकमरान समाज" बनने के मिशनरी अभियान में मुस्तैदी के साथ जुट जाना चाहते हैं। इसीलिए जब जागो तब सवेरा अर्थात् खासकर यूपी में आने वाला निकाय चुनाव सहित अगला कोई भी चुनाव आपकी आजमाइश एवं चुनौती हो सकता है, जिसकी तैयारी व सफलता बहुत कुछ परिवर्तन की राह आसान कर सकती है। यही आज के दिन का संदेश है जिसे संकल्प के रूप में अंगीकार करके आगे बढ़ना है।
वैसे भी इस प्रकार के महान लक्ष्यों की प्राप्ति के दौरान कठिन चुनौतियों की घड़ी सामने आती रहती है, जिससे निराश व हताश हुए बिना ही तथा केवल अपने आप पर ही पूरा-पूरा भरोसा करके पूरे तन, मन, धन के साथ संघर्ष में तीव्रता के साथ लगे रहना है। कौन कहाँ आया, कौन कहाँ गया, ऐसे निजी स्वार्थी लोगों की परवाह किए बिना आपको अपना कदम गजबूती के साथ आगे बढाते रहना है। बहुजन मूवमेन्ट कल भी जीवित व जीवन्त था, आज भी है और आगे भी ऐसा ही रहेगा।
आज पुण्यतिथि के अवसर पर जब लोग मान्यवर कांशीराम जी को अपने अपने हिसाब से जगह-जगह नमन, स्मरण व श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे है तो उन्हें यह जरूर याद रखना चाहिए कि मान्यवर श्री कांशीराम जी उस महान हस्ती शख्सियत व महापुरुष का नाम है जिन्होंने देश में करोड़ों गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों एवं अन्य सभी उपेक्षितों के नसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के लम्बे समय तक अंधकार में बिखरे पड़े हुये कारवों को जिन्दा व मजबूत करके उसे"हुकमरान समाज बनाने के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष एवं जबर्दस्त जद्दोजहद करते रहे और इस महान उद्देश्य में वे कुछ हद तक सफल भी रहे जब उत्तर प्रदेश में बी. एस.पी. की चार बार मेरे नेतृत्व में सरकार बनी व उस दौरान "सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय" की आदर्श मानवतावादी नीति एवं कार्यक्रम को अपनाते हुए कानून द्वारा कानून का राज पहली बार यहाँ सही मायने में स्थापित करके समस्त जनता को पूरी निष्पक्षता के साथ रोजगार, अमन-चैन, सुख-शान्ति व समृद्धि प्रदान की गई।
मायावती स्वयं आज सुबह बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट कार्यालय 12 माल एवेन्यू में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ काशीराम जी की भव्य प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि व श्रद्धा सुमन अर्पित किया। साथ ही यूपी की राजधानी लखनऊ में बी. एस. पी. सरकार द्वारा स्थापित भव्य एवं आकर्षक गुम्बदाकार "मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल में भी इनके द्वारा उन्हें वहाँ उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया जबकि पार्टी के अन्य बाकी पदाधिकारियों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र के मण्डलों में आयोजित पार्टी कार्यक्रमों में भारी जन भागीदारी के साथ शिरकत की।
बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम के इस प्रकार के सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के बहुमूल्य योगदान के कारण ही आज उनको उनकी पुण्यतिथि पर देश भर में पार्टी से जुड़े लोगों एवं उनके अनुयाइयों द्वारा विभिन्न आयोजनों आदि के जरिए इनको भावभीनी श्रद्धांजलि व श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन व स्मरण कर रहे हैं। खासकर उत्तर प्रदेश में जहाँ बी. एस.पी. ने देश में पहली बार अपनी सरकारें बनाई व उनकी मंशा के हिसाब से सरकार चलाई, यहाँ गाँव-गाँव में इनके अपार अनुयाइयों ने जिस भी रूप में इनकी पुण्यतिथि आयोजित करके पूरी श्रद्धा के साथ इनको नमन, स्मरण एवं श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहें हैं उन सभी का सुश्री मायावती जी ने अपनी व पार्टी की ओर से हार्दिक धन्यवाद व बहुत - बहुत आभार प्रकट किया।
अन्त में उल्लेखनीय है कि देश में अन्याय - मुक्त, शोषण मुक्त एवं जाति विहीन मानवतावादी समतामूलक सामाजिक व्यवस्था बनाने के लिये बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने हेतु सम्पूर्ण जीवन समर्पित करके अपना सब कुछ उस मूवमेन्ट को न्योछावर करने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी के आदर-सम्मान में सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बनी बी.एस.पी. की सरकार द्वारा अनेकों जनकल्याणकारी कार्यक्रम एवं परियोजनायें चलायी गयीं एवं उनके नाम पर अनेकों कॉलेज, विश्वविद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थायें एवं उनके नाम पर नये जिले आदि स्थापित किये गये जो जातिगत द्वेष के कारण विरोधियों के आँखों की लगातार किरकिरी बन गए हैं व ऐसे उपयोगी स्थलों. स्मारकों व पार्कों आदि की उपेक्षा भी की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. सरकार द्वारा मान्यवर कांशीराम के जीवन संघर्ष एवं उनकी स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिये जो अन्य प्रमुख काम किये गये हैं, उनमें लखनऊ के वी.आई.पी. रोड पर स्थित भव्य कांशीराम स्मारक स्थल तथा उसी के समीप कांशीराम जी ग्रीन (इको) गार्डेन का निर्माण प्रमुख है, जिससे राजधानी लखनऊ को एक नई पहचान मिली है। साथ ही मान्यवर श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल एवं 'बहुजन नायक पार्क का निर्माण भी कराया गया और वी. आई. पी. रोड पर ही दूसरी तरफ 'बौद्ध विहार शांति उपवन में मान्यवर कांशीराम की भव्य प्रतिमा स्थापित की गयी है जो ये सभी आकर्षक जन उपयोगी व पर्यटन स्थल होने के बावजूद केवल इनके बहुजन स्वाभिमान स्थल होने के कारण इनके रख-रखाव के प्रति पूर्व की समाजवादी पार्टी व वर्तमान में भाजपा की सरकार भी इनकी घोर उपेक्षा कर रही है।
इसके अलावा बी.एस.पी. सरकार द्वारा काशीराम जी पर्यटन प्रबन्ध संस्थान स्थापित किया गया, जिसमें बीबीए एवं बीबीए ( टूरिज्म) के नये पाठ्यक्रम संचालित किये गये श्री काशीराम जी पर्यावरण भवन का निर्माण एवं कांशीराम बाल चिकित्सालय की स्थापना के महत्वपूर्ण काम किये गये। साथ ही, श्री काशीराम जी अन्तर्राष्ट्रीय खेल पुरस्कार, मान्यवर श्री कांशीराम जी सामाजिक परिवर्तन सम्बन्धी पुरस्कार एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी राज्य हथकरघा पुरस्कार की शुरुआत की गयी । मान्यवर श्री कांशीराम जी की याद में कला सम्मान पुरस्कार तथा निर्यात प्रोत्साहन हेतु मान्यवर श्री कांशीराम जी निर्यात पुरस्कार भी स्थापित किया गया।
बी. एस.पी. सरकार द्वारा मान्यवर श्री कांशीराम के जन्मदिन 15 मार्च एवं उनके परिनिर्वाण दिवस दिनांक 09 अक्तूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। इसके अलावा, दिल्ली के नजदीक नोएडा में निर्मित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी मूवमेन्ट को गति प्रदान करने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी को भी पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया गया। श्री कांशीराम जी कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बाँदा की स्थापना के अलावा, श्री कांशीराम जी के नाम से जिला कांशीराम नगर का गठन, मान्यवर श्री काशीराम जी राजकीय मेडिकल कॉलेज, सहारनपुर में स्थापना व मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के अन्तर्गत गरीबों के लिए लगभग लाखों आवासों का निर्माण कराया गया।(3)
इसके साथ-साथ मान्यवर श्री कांशीराम जी यू.पी. इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना तथा लखनऊ में मान्यवर श्री कांशीराम जी उर्दू अरबी-फारसी विश्वविद्यालय की भी स्थापना की गयी, जिसका नया नामकरण कर दिया गया है। शहरी दलित बाहुल्य बस्तियों के विकास के लिए भी मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना भी प्रारम्भ की गयी थी। इन युग परिवर्तनीय कार्यों के लिये माननीया बहनजी का मजबूत नेतृत्व हमेशा ही याद किया जाता रहेगा। कुल मिलाकर बी.एस.पी प्रमुख सुश्री मायावती जी का मान्यवर श्री कांशीराम जी के सभी अनुयाइयों से यही कहना है कि वे इनके बताये हुये रास्तों पर चलकर अपने मसीहा व भारतीय संविधान के मूल निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अधूरे कारवाँ को पूरा करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत के साथ कार्य में लगे, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी तथा इसी में ही सर्वसमाज का हित निहित व भविष्य भी सुरक्षित है।