सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

सपा के संरक्षक मुलायम का 82 साल की उम्र में निधन 

सपा के संरक्षक मुलायम का 82 साल की उम्र में निधन 

संदीप मिश्र/राणा ओबरॉय 

लखनऊ/गुरुग्राम। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 3 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में रक्षामंत्री रहे मुलायम सिंह को देश के दिग्गज राजनेताओं में से एक कहा जाता था। मुलायम सिंह को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होने पर मेदांता अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन हो गया।अस्पताल में मुलायम सिंह (82) की निगरानी खुद मेदांता समूह के निदेशक डॉ. नरेश त्रेहन कर रहे थे। हालांकि हालत बिगड़ने के बाद उनका जीवन नहीं बचाया जा सका और मुलायम ने सुबह 8.16 पर आखिरी सांस ली। जब से मुलायम सिंह यादव अस्‍पताल में भर्ती हुए थे तब से लगातार उनके समर्थक और प्रशंसक उनकी बेहतर सेहत के लिए पूजा-प्रार्थना कर रहे थे।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद मेदांता अस्पताल पहुंचे थे। अखिलेश यादव और मुलायम सिंह के बहू अपर्णा यादव को लखनऊ में मुलायम की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी, जिसके बाद वह 2 अक्टूबर को ही स्पेशल विमान से दिल्ली के रास्ते गुरुग्राम पहुंचे। अखिलेश से पहले शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव दिल्ली में ही मौजूद थे। अखिलेश के साथ उनकी पत्नी डिंपल और बच्चे भी गुरुग्राम पहुंचे हैं। शनिवार को ही अखिलेश दिल्ली से लखनऊ आए थे, लेकिन मुलायम की तबीयत बिगड़ने के बाद वह अचानक फिर गुरुग्राम पहुंचे।

इटावा में जन्म और 6 दशक की सक्रिय राजनीति...

22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई में जन्मे मुलायम ने करीब 6 दशक तक सक्रिय राजनीति में हिस्सा लिया। वो कई बार यूपी विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य रहे। इसके अलावा उन्होंने संसद के सदस्य के रूप में ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं और पंद्रहवीं लोकसभा में हिस्सा भी लिया। मुलायम सिंह यादव 1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में कुल 8 बार विधानसभा के सदस्य बने। इसके अलावा वह 1982 से 1985 तक यूपी विधानसभा के सदस्य भी रहे।

यूपी के सीएम और रक्षामंत्री भी रहे...

मुलायम सिंह यादव ने तीन बार यूपी के सीएम के रूप में काम किया। वो पहली बार 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991, दूसरी बार 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और तीसरी बार 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के सीएम रहे। इन कार्यकालों के अलावा उन्होंने 1996 में एचडी देवगौड़ा की संयुक्त गठबंधन वाली सरकार में रक्षामंत्री के रूप में भी काम किया। अपने सर्वस्पर्शी रिश्तों के कारण मुलायम सिंह को नेताजी की उपाधि भी दी जाती थी। मुलायम को उन नेताओं में जाना जाता था, जो यूपी और देश की राजनीति की नब्ज समझते थे और सभी दलों के लिए सम्मानित भी थे।

रक्षामंत्री सिंह ने मुलायम के निधन पर शोक जताया

रक्षामंत्री सिंह ने मुलायम के निधन पर शोक जताया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक व वयोवृद्ध नेता मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक जताया और उन्हें एक जमीनी नेता करार देते हुए कहा कि राजनीतिक तौर पर विरोधी होने के बावजूद उनके संबंध सभी से अच्छे थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे यादव का सोमवार को निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली। राजनाथ ने ट्वीट किया, राजनीति में विरोधी होने के बावजूद मुलायम सिंह के संबंध सबसे अच्छे थे। जब भी उनसे भेंट होती तो वे बड़े खुले मन से अनेक विषयों पर बात करते।

अनेक अवसरों पर उनसे हुई बातचीत मेरी स्मृति में सदैव तरोताजा रहेगी। मुलायम सिंह के परिजनों एवं उनके समर्थकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि वह जमीन से जुड़े एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने कई दशकों तक उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, अपने लम्बे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने अनेक पदों पर काम किया और देश, समाज एवं प्रदेश के विकास में योगदान दिया। उनका निधन बेहद पीड़ादायक है।

मुलायम के पार्थिव शरीर की तस्वीर ट्विटर पर शेयर

मुलायम के पार्थिव शरीर की तस्वीर ट्विटर पर शेयर

संदीप मिश्र/राणा ओबरॉय 

लखनऊ/गुरुग्राम। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के संस्थापक व अपने पिता मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल से उनके पार्थिव शरीर की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है। उन्होंने लिखा, मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने भी अस्पताल पहुंचकर मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि दी। वहीं, अखिलेश यादव की बेटी ने लिखा कि नही रहे दादा जी अब इस दुनियां में।

समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से पार्टी पर कोई प्रत्यक्ष राजनीतिक प्रभाव भले ना पड़े लेकिन अब उनके पुत्र पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनकी ‘छाया और कवच’ के बगैर काम करना होगा। अपने बेटे अखिलेश और सगे भाई शिवपाल सिंह यादव के बीच वर्चस्व की जंग के चलते कुनबे में हुए बिखराव के बावजूद मुलायम ही एकमात्र ऐसे शख्स थे जो हर मंच और मौके पर कुनबे को जोड़ने की आखिरी उम्मीद थे। उनके जाने के बाद अब हालात शायद पहले जैसे नहीं रह जाएंगे और परिवार की एकजुटता चाहने वाले लोगों को उनकी कमी जरूर खिलेगी।

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी बहू व बीजेपी नेता अपर्णा यादव ने ट्वीट किया है, मेरे गुरु व धरती पुत्र नेताजी और मेरे लिए ‘पिताजी’ आज गोलोक वासी हो गए। उन्होंने लिखा, ईश्वर इस सत्य की वेदना सहन करने के लिए मुझे और नेताजी से प्रेम करने वाले सभी लोगों को शक्ति दें। उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि हम लोग मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर पाकर काफी दुखी हैं और समाजवादी पार्टी उनके निधन पर शोक व्यक्त करती है। समाजवादी पार्टी उनकी आत्मा की शांति की कामना करती है। यह देश के लिए अपूरणीय क्षति है।

मुलायम सिंह यादव पर सपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि नेता जी भले हमारे बीच नहीं है लेकिन उनका संघर्ष, विचार हमेशा हमारे बीच रहेगा… समाजवादी पार्टी के लखनऊ के मुख्यालय में पार्टी के झंडे को झुकाया है और एक शोक सभा भी की है। हमने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

कैसा था सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर ?

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सोमवार को अंतिम सांस लेने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे। 1996-98 के बीच देश के रक्षा मंत्री रह चुके मुलायम आठ-बार उत्तर प्रदेश में विधायक निर्वाचित हुए और सात-बार लोकसभा सांसद चुने गए। उन्होंने 1992 में सपा की स्थापना की थी।

1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996: सदस्‍य, उत्‍तर प्रदेश विधान सभा (आठ बार)
1974: सदस्‍य, प्रतिनिहित विधायन समिति
1977: सहकारी और पशुपालन मंत्री, उत्‍तर प्रदेश अध्‍यक्ष, लोक दल उत्‍तर प्रदेश अध्‍यक्ष लोक दल, उत्‍तर प्रदेश
1980: अध्‍यक्ष जनता दल, उत्‍तर प्रदेश
1982-85: उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद विपक्ष नेता, उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद
1985-87: विपक्ष नेता, उत्‍तर प्रदेश विधान सभा
1989-91: मुख्‍यमंत्री उत्‍तरप्रदेश
1989: नेता, जनता दल, विधायी दल, उत्‍तरप्रदेश
1992: संस्‍थापक अध्‍यक्ष, समाजवादी पार्टी
1993-95: मुख्‍यमंत्री, उत्‍तर प्रदेश
1996: ग्‍यारहवीं लोक सभा के लिए निर्वाचित
1996-98: केन्‍द्रीय केबिनेट रक्षा मंत्री
1998: बारहवीं लोकसभा के लिए पुन: निर्वाचित (दूसरी बार)
1998-99: सदस्‍य, सामान्‍य प्रयोजन समिति
1999: तेरहवीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित (तीसरी बार) नेता, समाजवादी संसदीय दल, लोक सभा
1999-2000: सभापति, पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस संबंधी स्‍थायी समिति सदस्‍य, सामान्य प्रयोजन समिति
अगस्‍त 2003-मई 2007: मुख्‍यमंत्री उत्‍तर प्रदेश
2004: चौदहवीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित ( चौथी बार)
14 मई 2007- 15 मई 2009: नेता, विपक्ष, उत्‍तरप्रदेश विधान सभा
मई 2009: पंद्रहवी लोकसभा के लिए पुन:-निर्वाचित (पांचवी बार)
31 अगस्‍त 2009: सभापति, ऊर्जा संबंधी स्‍थायी समिति
मई 2014: सोलहवीं लोकसभा के लिए पुन:-निर्वाचित
1 सितम्‍बर 2014 से सदस्‍य श्रम संबंधी स्‍थायी समिति सदस्‍य, परामर्शदात्री समिति, गृह मंत्रालय
29 जनवरी 2015 से सदस्‍य, सामन्‍य प्रयोजन समिति
मई, 2019: सत्रहवीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित।

विदेश यात्रा...
फ्रांस, जर्मनी, नेपाल, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, रूस, सिंगापुर,यू.के, यू.एस.ए.।

अन्य जानकारी...
डा. राममनोहर लोहिया के विचारों और विचारधारा प्रेरित और प्रमाणित; सर्वश्री मधु लिमये, कर्पूरी ठाकुर, राम सेवक यादव, राज नारायण और जनेश्वर मिश्र के सम्‍पर्क में आने के पश्‍चात राजनीति में अाए। बाद में भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, श्री वी.पी. सिंह और चन्‍द्रशेखर से प्रभावित; किसानों,श्रमिकों, युवाओं, छात्रों, अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए नौ बार जेल गए; तथ्‍ाा प्रेजिडेन्‍ट,(i)इटावा डिग्री कॉलेज, 1962-63; (Ii) शिकोहाबाद ए.के कॉलेज, 1963-64 और (iii) छात्र संघ, के.के. कॉलेज, इटावा; करहैल (मैनपुरी), उत्तर प्रदेश के लेक्‍चरर के रूप में कार्य किया।

'आप' के नेता गौतम ने पीएम पर हमला बोला 

'आप' के नेता गौतम ने पीएम पर हमला बोला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। धर्मांतरण संबंधी एक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति को लेकर उपजे विवाद के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राजेंद्र पाल गौतम ने देश में दलितों के खिलाफ अपराध रोकने में कथित रूप से नाकाम रहने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। गौतम ने नरेंद्र मोदी को ‘कमज़ोर प्रधानमंत्री’ बताया और उनका इस्तीफा मांगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश में अगड़ी जाति के व्यक्तियों द्वारा एक दलित शख्स की कथित रूप से पिटाई की घटना को लेकर वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी इस्तीफा मांगा। गौतम ने ट्विटर पर कहा,  इन जातिवादी घटिया हरकतों को रोकिये नरेंद्र मोदी जी ! अन्यथा आप इस्तीफा दीजिए। …और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तो कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह विफल हैं। मैं जनता हूं कि आप इतने कमजोर प्रधानमंत्री हैं कि उनसे इस्तीफा भी नहीं ले सकते ! आप चिन्ता न करें, मेरा बहुजन समाज जवाब देगा।

उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर घटना का एक कथित वीडियो भी साझा किया जिसमें कुछ व्यक्ति एक शख्स को अपशब्द कहते हुए पीट रहे हैं। आरोप है कि हमलावर अगड़ी जाति के हैं जबकि पीड़ित दलित है। दिल्ली के पूर्व समाज कल्याण मंत्री गौतम ने धर्मांतरण कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर हुए विवाद के बीच रविवार को अरविंद केजरीवाल नीत मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। कार्यक्रम में कथित तौर पर हिंदू देवताओं की निंदा की गई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला करने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया और उन पर “हिंदू विरोधी” होने का आरोप लगाया है। मंत्री के तौर पर गौतम के पास समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग का जिम्मा था। वह सीमापुरी से विधायक हैं।

गौतम ने कहा था कि वह मंत्री पद से इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं ताकि उनकी वजह से उनके नेता केजरीवाल व ’आप’ पर कोई आंच नहीं आए। सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। पिछले हफ्ते एक वीडियो वायरल होने के बाद विवाद शुरू हो गया। यह पांच अक्टूबर को हुए एक कार्यक्रम का वीडियो था जिसमें गौतम ने शिरकत की थी। कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाने और हिंदू देवताओं को भगवान नहीं मानने की प्रतिज्ञा ली थी।

आज राजनीति के एक युग का अंत हो गया: सोरेन 

आज राजनीति के एक युग का अंत हो गया: सोरेन 

विमलेश यादव 

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि आज राजनीति के एक युग का अंत हो गया। सोरेन ने आज यहां कहा कि सामाजिक न्याय और वंचितों के उत्थान के लिए हमेशा जीने वाले नेताजी सभी को सेवा और समर्पण की ज्योति देकर चले गए।

परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवार तथा सपा कार्यकर्ता और प्रशंसकों को दु:ख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे। इस बीच झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने भी समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव सत्ता में समाजवादी विचारधारा को मजबूती से स्थापित किए और वे भारतीय राजनीति के मर्मज्ञ थे। उनके देहांत पर आज पूरा देश मर्माहत है। महतो ने शोक संतप्त परिवार जनों एवं उनके सहयोगियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-366, (वर्ष-05)

2. मंगलवार, अक्टूबर 11, 2022

3. शक-1944, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 06:15, सूर्यास्त: 06:15। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 19 डी.सै., अधिकतम-32+ डी.सै., उत्तर भारत में बरसात की संभावना है।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...