गुरुवार, 24 जून 2021

अमेरिका के फैसले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित

वाशिंगटन डीसी। क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के अमेरिका के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव का कुल 193 सदस्य देशों में से 184 ने समर्थन किया है। वहीं अमेरिका, इजरायल ने इसका विरोध किया है। इसके अलावा ब्राजील, कोलंबिया और यूक्रेन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। वहीं चार देशों ने वोट ही नहीं किया। इन देशों में सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, म्यांमार, मोलडोवा और सोमालिया शामिल हैं। प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले अमेरिकी राजनयिक रोडनी हंटर ने बाइडेन प्रशासन का पक्ष रखते हुए कहा कि हमारा मतदान इसके खिलाफ है। इसकी वजह यह है कि अमेरिका मानता है कि लोकतंत्र और ह्यूमन राइट्स की रक्षा के लिए यह अहम है। क्यूबा को लेकर यह हमारी नीति का प्रमुख आधार रहा है।

अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि क्यूबा पर हमारी ओर से लगाए गए प्रतिबंध जारी रहेंगे। अमेरिका ने क्यूबा पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध हटाने को लेकर पूर्ववर्ती डोनाल्ड प्रशासन के विरोध को बरकरार रखते हुए और 2016 में बराक ओबामा प्रशासन के प्रतिबंध हटाने के सुझाव को मानने से इनकार करते हुए 29वें साल भी क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबंध जारी रखा है। जिसकी इस प्रस्ताव में घोर निंदा की गई है। क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो रोड्रिगेज ने बाइडेन प्रशासन पर पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की नीतियों के अनुसरण का आरोप लगाया।

कश्मीर को पूर्ण राज्य देने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबंध

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य देने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबंध है। समय आने पर राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा।बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यह बात कही। गृहमंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा हैं कि, "जम्मू कश्मीर पर आज की बैठक बहुत खुशनुमा माहौल में हुई हैं। 
बैठक में मौजूद सभी राजनेताओं ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति अपनी वचनबद्धता व्यक्त की हैं। जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने की बात भी जोर देकर कही गयी हैं। हम जम्मू कश्मीर के चहुमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा , बैठक में जम्मू कश्मीर के भविष्य पर चर्चा की गयी और यह कहा गया कि परिसीमन प्रक्रिया तथा शांतिपूर्ण चुनाव पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किये जाने के महत्वपूर्ण पड़ाव हैं जिसका संसद में आश्वासन दिया गया था। 

8 वर्षीय बच्ची को मल्टीसिस्टम इन्फ्लैमेटरी सिंड्रोम

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस के एक संदिग्ध मामले में आठ साल की बच्ची को मल्टीसिस्टम इन्फ्लैमेटरी सिंड्रोम (एमआईएससी) होने का पता चला है। यह बीमारी कोविड-19 के संक्रमण के बाद होती है। अस्पताल प्राधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आम तौर पर यह बीमारी संक्रमण होने के तीन से छह हफ्तों बाद पैदा हो सकती है। 
डॉक्टरों ने बताया कि मौत होने से रोकने के लिए एमआईएस-सी का शुरुआती स्तर पर पता लगना महत्वपूर्ण है। यह शरीर में सूजन की प्रतिक्रिया के तौर पर प्रतिरक्षा तंत्र संबंधी बीमारी है जो आम तौर पर बच्चों में पायी जाती है। इसका अनियंत्रित होना घातक हो सकता है। अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘बच्ची को जून की शुरुआत में यहां अपोलो अस्पताल लाया गया। रक्तचाप, ऑक्सीजन के कम स्तर और नब्ज धीमी होने के कारण बच्ची की हालत गंभीर थी। वह कोविड-19 से संक्रमित नहीं पायी गई लेकिन उसमें कोविड एंटीबॉडीज का उच्च स्तर पाया गया जिससे यह एमआईएस-सी का मामला बन गया।’’ 
अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा संदेह है कि वह बिना लक्षण वाली, कोरोना वायरस की मरीज रही हो। बाल चिकित्सा गहन कक्ष में वरिष्ठ परामर्शक डॉ. नमीत जेराथ ने कहा, ‘‘बच्ची को वेंटीलेटर की बहुत ज्यादा आवश्यकता थी और ऑक्सीजन स्तर भी कम हो रहा था तो हमने फौरन उसे ईसीएमओ पर रखने का फैसला किया। उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार आया और एक हफ्ते बाद ही उसे ईसीएमओ से हटा दिया गया।’’ उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के बाद होने वाली बीमारी एमआईएस-सी बिना लक्षण या लक्षण के साथ होने वाले संक्रमण के तीन से छह हफ्तों बाद पैदा हो सकती है तथा मौत होने से रोकने के लिए शुरुआती स्तर पर इसका पता लगाना महत्वपूर्ण है। बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी में वरिष्ठ परामर्शक डॉ. मुथु ज्योति ने कहा कि यह बीमारी उन बच्चों में हो सकती हैं। 
जिनमें कोविड-19 के गंभीर लक्षण न रहे हों। बयान में कहा गया है कि एक हफ्ते तक अत्यधिक बुखार, पेट में दर्द, उल्टी और लगातार सिर में दर्द की शिकायत के बाद लड़की को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत बिगड़ गयी। इसके बाद उसे यहां इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के बाल चिकित्सकों के पास भेजा गया।

कारवार नेवल बेस के 2 दिवसीय दौरे पर पहुंचे राजनाथ

अकांशु उपाध्याय                  
​नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केरल के कोच्चि और कर्नाटक के कारवार नेवल बेस के दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को पहुंचे हैं। उन्होंने कारवार में नौसेना के महत्वाकांक्षी 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' के तहत किये जा रहे विकास कार्यों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कारवार में चल रहे बुनियादी ढांचे के विकास और कोच्चि में स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) के निर्माण की प्रगति के बारे में भी समीक्षा की। इसके बाद रक्षा मंत्री ने नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ कारवार में 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' का हवाई सर्वेक्षण किया। 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज सुबह कारवार नेवल बेस पहुंचे। वेस्टर्न नेवल कमांड के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल आर. हरि कुमार और रियर एडमिरल महेश सिंह ने उनका स्वागत किया। उन्होंने सीएनएस के साथ प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत चल रहे बुनियादी विकास कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद उनके साथ 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' का हवाई सर्वेक्षण किया। रक्षा मंत्री नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ एक विशेष विमान से आज शाम 7.30 बजे कोच्चि के नौसेना वायु स्टेशन आईएनएस गरुड़ में पहुंचेंगे। रक्षा मंत्री अपने दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह 9.45 बजे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) जाकर आईएनएस विक्रांत के निर्माण की समीक्षा करेंगे। देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत का निर्माण इस समय तीसरे चरण में है। 
रक्षा मंत्री का यह दो दिवसीय दौरा विमानवाहक पोत के समुद्री ट्रायल में देरी होने के कारण किया जा रहा है। पोत को इस साल के पहले छह महीनों में समुद्र में उतारकर उसका परीक्षण किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण इस परीक्षण को टाल दिया गया था। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में सीएसएल की तरफ से किए बेसिन ट्रायल में विमानवाहक पोत पूरी तरह खरा उतरा था। नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह ने तीन दिसम्बर 2019 को कहा था कि विक्रांत 2022 तक ही पूरी तरह कार्यशील हो पाएगा और इस पर मिग-29 के विमानों का बेड़ा तैनात होगा। इस दौरान राजनाथ सिंह दक्षिणी नौसेना कमान की विभिन्न प्रशिक्षण इकाइयों का दौरा करेंगे। अपनी दौरे के बाद केंद्रीय मंत्री शुक्रवार दोपहर तीन बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
भारतीय नौसेना के लिए यह सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना है जिसके तहत भारत के पश्चिमी तट पर कारवार में एक नौसेना बेस का निर्माण किया जाना है। 3 बिलियन डॉलर का यह प्रोजेक्ट भारतीय नौसेना को पश्चिमी तट पर अपने सबसे बड़े नौसैनिक अड्डे और स्वेज नहर के पूर्व में सबसे बड़ा नौसैनिक आधार प्रदान करेगा। भारत के लिए सबसे बड़ी नौसैनिक बुनियादी ढांचा परियोजना में भारत के पश्चिमी तट पर कारवार में एक नौसैनिक अड्डे का निर्माण शामिल है। एक दशक तक चलने वाली परियोजना के दौरान अमेरिकी बहुराष्ट्रीय इंजीनियरिंग फर्म नए नेवल एयर स्टेशन के निर्माण सहित संपूर्ण कार्यों की योजना, डिजाइन, अनुबंध, निर्माण और स्वीकृति का प्रबंधन और देखरेख करेगी। 
नए और विस्तारित नौसैनिक परिसर में कई प्रमुख युद्धपोतों और पनडुब्बियों का विशेष डॉकयार्ड बनना है। यहां मरम्मत और रखरखाव सुविधाओं के साथ जहाजों और पनडुब्बियों के लिए नई तकनीकी रूप से उन्नत सुरक्षा और संचार प्रणाली होगी। नौसेना वायु स्टेशन में एक से अधिक रनवे, हैंगर, आवास सहित आयुध प्रबंधन क्षेत्र, सेवाएं, कार्मिक सहायता अवसंरचना आदि होंगी। समुद्री तट के साथ आंशिक रूप से पहाड़ी इलाके में स्थित इस परियोजना में कई तकनीकी और पर्यावरणीय चुनौतियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सुविधाओं का निर्माण पहाड़ी इलाके में करना होगा। अमेरिकन कंपनी पर्यावरण में कम से कम व्यवधान सुनिश्चित करते हुए इस कार्य को करने के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग करेगी।

राज्य द्वारा सुझाएं एहतियाती कदमों से आश्वस्त नहीं

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को आंध्र प्रदेश से कहा कि वह 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं कराने के लिए राज्य द्वारा सुझाए एहतियाती कदमों से आश्वस्त नहीं है और जब तक वह इस बात से संतुष्ट नहीं होता कि कोविड-19 के कारण किसी की मौत नहीं होगी। तब तक परीक्षाएं कराने की अनुमति नहीं दी जाएंगी। न्यायालय पीठ ने कहा, ‘‘परीक्षा के दौरान किसी की मौत होने के मामले में मुआवजे के पहलू को हमें देखना होगा। कुछ राज्यों ने कोविड के कारण होने वाली मौत के लिए एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। हम उस पहलू के जरिए भी चीजों को देख सकते हैं।’’

शीर्ष अदालत कोविड-19 महामारी के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं न कराने के राज्य सरकारों को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायलाय ने परीक्षाओं के लिए कक्षाओं में 5,19,510 छात्रों को बैठाने की व्यवस्था पर खास चिंता जतायी और कहा कि राज्य सरकार का कहना है कि एक कक्षा में अधिकतम 15 से 18 छात्र होंगे। पीठ ने कहा, ‘‘अगर आपके आंकड़ों पर चले तो हर कक्षा में 15 छात्रों के लिए आपको 34,644 कमरों की आवश्यकता होगी और अगर हम हर कक्षा में 18 छात्रों को बैठाने की बात करे तो आपको 28,862 कमरों की जरूरत होगी। हमें बताइए आप कहां से ये सभी कमरे लाएंगे।’’ न्यायालय ने नज्की से कहा, ‘‘केवल परीक्षाएं कराने के लिए परीक्षाएं मत कराइए। यह सिर्फ पांच लाख छात्रों के परीक्षाएं देने की बात नहीं है बल्कि इस प्रक्रिया में प्रत्येक कक्षा के लिए 34,000 पर्यवेक्षकों समेत एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे। आपको उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में भी सोचना होगा।’’

न्यायालय ने कहा कि राज्य को कोरोना वायरस की दूसरी लहर के असर को ध्यान में रखना चाहिए कि यह कितनी जल्दी फैली और अगर तीसरी लहर आती है तो वह इससे कैसे उबरेगा। पीठ ने कहा, ‘‘क्या आपके पास किसी आकस्मिक स्थिति से निपटने की योजनाएं हैं? अगर आप तीसरी लहर की चपेट में आ जाते हैं या कोई अवांछित स्थिति पैदा हो जाती है तो आप इससे कैसे निपटेंगे। हमने आपके हलफनामे में ऐसी कोई चीज नहीं देखी। यहां कोई भी कुछ साबित करने के लिए नहीं है। आपको छात्रों तथा शिक्षकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए।’’

नज्की ने कहा कि बड़ी दिक्कत यह है कि 10वीं कक्षा के छात्रों को केवल ग्रेड दिए गए और छात्रों के मूल्यांकन का कोई तंत्र नहीं है। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हम आपकी परेशानी समझते हैं कि ग्रेड्स को अंकों में बदलने या छात्रों का मूल्यांकन करने में दिक्कत होगी। लेकिन हर समस्या के दस समाधान होते हैं। आपको विशेषज्ञों से बात करनी चाहिए। आप यूजीसी, सीबीएसई, सीआईएससीई या अन्य राज्यों और विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं तथा एक फॉर्मूला निकाल सकते हैं। कई राज्यों को दिक्कतें थीं लेकिन उन्होंने परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया।’’

शीर्ष अदालत ने इस पर भी चिंता जताई कि आंध्र प्रदेश ने परीक्षाओं या नतीजों के लिए कोई समयसीमा नहीं बतायी है और उसने राज्य को यह स्पष्ट करने के लिए कहा ताकि छात्रों के मन में कोई अनिश्चितता की स्थिति न हो। न्यायालय ने कहा, ‘‘आप चीजों को अनिश्चितता में नहीं रख सकते। अगर आप परीक्षा कराना चाहते हैं तो हमें कल तक एक ठोस योजना चाहिए। हम जानना चाहते हैं कि आपका कोविड प्रोटोकॉल प्रबंधन क्या है और आप कैसे इसे लागू करेंगे। आपको यह पता होना चाहिए कि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर अलग है और विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर भी अलग होगी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल में डेल्टा स्वरूप को लेकर सतर्क किया गया है।’’ उच्चतम न्यायालय ने नज्की को पूरी योजना बताते हुए शुक्रवार तक एक हलफनामा दायर करने को कहा और अदालत को यह आश्वस्त करने के लिए कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उसके पास सभी आवश्यक संसाधन हैं। पीठ ने केरल के हलफनामे पर भी गौर किया जिसमें कहा गया कि उसने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं करा ली है और वह सितंबर में 11वीं कक्षा की परीक्षाएं भी कराएगा।

सोमवार को असम, त्रिपुरा और कर्नाटक सरकारों ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि उन्होंने महामारी के कारण 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। शीर्ष अदालत को 17 जून को बताया गया था कि 28 में से छह राज्यों ने बोर्ड परीक्षाएं करा ली है, 18 राज्यों ने परीक्षाएं रद्द कर दी है लेकिन चार राज्यों (असम, पंजाब, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश) ने अभी तक इन्हें रद्द नहीं किया है।

सरकार पर लोकतंत्र के खिलाफ कार्य करने का आरोप

कविता गर्ग              
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की सरकार पर लोकतंत्र के खिलाफ कार्य करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि यह सरकार सभी मोर्चे पर विफल भी साबित हो रही है। फडणवीस ने कहा कि उद्धव सरकार की नाकामियों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब आम जनता के बीच ले जाएगी।  फडणवीस गुरुवार को मुंबई में आयोजित भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सीटी रवि, सह प्रभारी ओमप्रकाश धुर्वे, जयभानसिंह पव्वैया आदि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। फडणवीस ने कहा कि राज्य में सरकार चल रही है या सर्कस; समझ में ही नहीं आ रहा है। 
सभी विभागों के मंत्री खुद को मुख्यमंत्री समझकर काम कर रहे हैं। इस तरह की स्थिति पिछले 60 साल में देखने को नहीं मिली। राज्य के हर विभाग में सिर्फ वसूली का काम जोरदार तरीके से चल रहा है। मुख्यमंत्री सहित राज्य के किसी भी मंत्री में मराठा आरक्षण और ओबीसी आरक्षण के लिए काम करने की इच्छाशक्ति नहीं है। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण के लिए केंद्र सरकार पर अनायास आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। ओबीसी आरक्षण जब तक उनकी सरकार थी, तब तक लागू था। सर्वोच्च न्यायालय ने जो कागजात उद्धव ठाकरे की सरकार से मांगे थे, उसे समय पर नहीं दिया गया। इसी वजह से स्थानीय निकाय में मिलने वाला ओबीसी आरक्षण रद्द हो गया है। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार की गलती की वजह से आज ओबीसी समाज स्थानीय निकाय में आरक्षण से वंचित हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल है। किसानों की समस्या, कोरोना काल में हुए भ्रष्टाचार, बिजली ग्राहकों की समस्या, महिलाओं पर होने वाले अत्याचार आदि मामले विधानमंडल के दोनों सदनों में उठाने की तैयारी भाजपा ने की थी लेकिन सरकार ने सिर्फ दो दिन का अधिवेशन आयोजित कर लोकशाही का दरवाजा ही बंद कर दिया है। 
भाजपा अब इन समस्याओं को लेकर आम जनता के बीच आवाज बुलंद करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि तीन दलों की महाविकास आघाड़ी सरकार को खुद पता नहीं है कि यह कितने दिन चलेगी। इसी वजह से इस सरकार में शामिल समर्थक दलों ने कमाई अभियान जारी रखा है। सरकार को आम जनता की कोई फिक्र नहीं है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री आशीष शेलार, भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे, प्रदेश महासचिव श्रीकांत भारतीय, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, मुंबई भाजपा अध्यक्ष मंगलप्रभात लोढ़ा आदि उपस्थित थे। 

टोक्यो ओलंपिक से कोरोना संक्रमण तेजी से फैला

टोक्यो। जापान के राजा नारुहितो ‘बेहद चिंतित’ हैं कि टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक से कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल सकता है। राजमहल के प्रमुख ने गुरुवार को यह जानकारी दी जबकि खेलों के उद्घाटन समारोह में एक महीने का समय बचा है। 
विशेषज्ञों के संक्रमण के खतरे को लेकर चिंता जताने और जनता के लगातार इन खेलों को रद्द या और समय के लिए स्थगित करने की मांगों के बावजूद महामारी के बीच खेलों के दौरान हजारों विदेशी खिलाड़ी, अधिकारी, प्रायोजक और पत्रकार जापान आएंगे। ‘इम्पीरियल हाउसहोल्ड एजेंसी’ के ‘ग्रैंड स्टीवर्ड’ यासुहिको निशिमुरा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजा ने चिंता जताई है।
निशिमुरा ने कहा, ”महामहिम कोविड-19 संक्रमण की मौजूदा स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। जनता के बीच असंतोष की आवाजें उठ रही हैं। मेरा मानना है कि (राजा) ओलंपिक और पैरालंपित के आयोजन को लेकर चिंतित है। इसके कारण संक्रमण के मामलों में इजाफा हो सकता है। पिछले साल स्थगित किए गए ओलंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह 23 जुलाई को है जबकि पैरालंपिक इसके एक महीने बाद शुरू होंगे। निशिमुरा ने आयोजकों से अपील की कि वे हर संभव विषाणु रोधी कदम उठाएं जिससे कि ओलंपिक और पैरालंपिक के दौरान संक्रमण नहीं फैले। 
राजा ओलंपिक और पैरालंपिक के मानद संरक्षक हैं। राजा को कोई राजनीतिक अधिकार नहीं हैं लेकिन अपने पिता की तरह नारुहितो भी काफी लोकप्रिय हैं और उनकी बातों का काफी सम्मान किया जाता है। प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा जनता और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताओं के बावजूद ओलंपिक के आयोजन को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

देश में 5जी की शुरूआत करेगा रिलायंस जियो, भरोसा

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। रिलायंस की 44 वीं सालाना आम सभा के दौरान चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भरोसा जताया कि देश में 5जी की शुरूआत रिलायंस जियो ही करेगा। रिलायंस जियो ने अत्याधुनिक स्टैंडअलोन 5G तकनीक को विकसित करने में जबरदस्त बढ़त हासिल की है, जो वायरलेस ब्रॉडबैंड के लिए बड़ी छलांग है। मुकेश अंबानी ने बताया कि 5जी परीक्षणों के दौरान जियो ने सफलतापूर्वक 1 GBPS से अधिक की स्पीड पाई है। जियो के ‘मेड इन इंडिया’ सॉल्युशन को मुकेश अंबानी ने विश्व स्तर का बताया।

हाल ही में 5G परीक्षण शुरू करने के लिए आवश्यक स्पेक्ट्रम कंपनियों को जारी किया गया था। जियो दिल्ली, मुंबई समेत कई शहरों में 5जी तकनीक का परीक्षण कर रही है। मुकेश अंबानी ने बताया कि पूरे देश में फैले डेटा सेंटर्स पर 5जी स्टैंडअलोन नेटवर्क को इंस्टाल कर दिया गया है और रिलायंस जियो के मजबूत नेटवर्क आर्किटेक्चर की वजह से 4जी से 5जी में आसानी से अपग्रेडेशन किया जा सकता है। आत्मनिर्भर भारत का जिक्र करते हुए रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि “एंड-टू-एंड 5G इकोसिस्टम विकसित करने के लिए हम अपने अग्रणी वैश्विक भागीदारों के साथ 5G उपकरणों की पूरी श्रृंखला विकसित कर रहे हैं। हेल्थकेयर, शिक्षा, मनोरंजन, रिटेल और अर्थव्यवस्था के लिए जियो बेहतरीन ऐप्लीकेशन विकसित करेगा। इसका उदाहरण है अत्याधुनिक 5जी कनेक्टेड एम्बुलेंस जो सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के साथ मिलकर रिलायंस जियो विकसित कर रहा है। जियो भारत को 5G विकास और निर्यात का एक वैश्विक केंद्र बनाने की कोशिश करेगा। एक बार जब जियो का 5G सॉल्युशन भारत के स्तर पर सफल हो जाता है, तो उसे दुनिया भर के अन्य देशों में निर्यात की संभावनाएं बनेंगी। मुकेश अंबानी ने बताया कि जियो ने 5G, AI / ML और ब्लॉकचेन जैसी कई प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता हासिल की है।

विशेषज्ञों को जरूरी रणनीति बनाने के निर्देश दियें

हरिओम उपाध्याय                

लखनऊ। देश के कई राज्यों में कोविड के नये वैरिएंट 'डेल्टा प्लस' संक्रमण के नये मामले मिलने से सतर्क उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को जरूरी रणनीति बनाने के निर्देश दिये हैं।योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को गुरूवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में कहा "देश के कई राज्यों में कोविड का नया वैरिएंट 'डेल्टा प्लस' संक्रमण के मरीज सामने आए हैं। हमें विशेष सतर्कता बरतनी होगी। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्शदाता समिति से संवाद करते हुए आवश्यक रणनीति तय की जाए। 

उन्होने कहा " उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि को देखते हुए निकटस्थ जिलों से सैम्पल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जानी चाहिए। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए केजीएमयू, लखनऊ में आवश्यक सुविधाएं यथाशीघ्र मुहैया कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 229 नए मामले सामने आये है। जबकि 308 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में फिलहाल 3,552 संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है। उन्होने कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में महामारी पर नियंत्रण, बेहतर टीमवर्क का परिणाम है। लगातार नियोजित कोशिशों से अब ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नए मामले नहीं मिल रहे, तो कई जिलों में नए केस इकाई में आ रहे हैं।

पीएम मोदी ने 14 नेताओं के साथ अहम बैठक की

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए बृहस्पतिवार को केंद्र शासित प्रदेश के 14 नेताओं के साथ एक अहम बैठक की। राजधानी के 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर जारी इस बैठक में पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री और चार पूर्व उपमुख्यमंत्री शामिल हुए।

इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर प्रमुख हैं। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, गृह सचिव अजय भल्ला और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभल मौजूद हैं। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है। जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं।

संक्रामक स्वरूप डेल्टा के स्वरूपों के मुकाबले हावी

वाशिंगटन डीसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह किया है कि अगर मौजूदा चलन जारी रहता है तो कोविड-19 के सबसे अधिक संक्रामक प्रकार डेल्टा के अन्य स्वरूपों के मुकाबले हावी होने की आशंका है। डब्ल्यूएचओ की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब 85 देशों में इस स्वरूप के मिलने की पुष्टि हुई है और दुनिया के अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आते जा रहे। डब्ल्यूएचओ की ओर से 22 जून को जारी कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर, अल्फा स्वरूप 170 देशों, क्षेत्रों या इलाकों में मिला है। 

बीटा स्वरूप 119 देशों में, गामा स्वरूप 71 देशों में और डेल्टा स्वरूप का 85 दें। अपडेट में कहा गया कि भर के 85 देशों में मिला है, डब्ल्यूएचओ के अंतर्गत सभी क्षेत्रों के अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आने का चलन जारी है, जिनमें से 11 क्षेत्रों में ये पिछले दो हफ्तों में सामने आए। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चार मौजूदा चिंताजनक स्वरूपों अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा पर करीब से नजर रखी जा रही है जो बड़े पैमाने पर फैले हुए हैं और डब्ल्यूएचओ के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्रों में उनका पता चला है। इसने कहा कि डेल्टा स्वरूप अल्फा स्वरूप से कहीं ज्यादा संक्रामक है और अगर मौजूदा चलन जारी रहता है तो इसके अधिक हावी होने की आशंका है। 

अपडेट में बताया गया कि पिछले हफ्ते (14 जून से 20 जून) कोविड के नये मामले सबसे अधिक 4,41,976 भारत से सामने आए। यह उससे पिछले हफ्ते की तुलना में 30 प्रतिशत कम हैं। मौत के सर्वाधिक मामले भी भारत से ही सामने आए (16,329 लोगों की मौत, प्रति एक लाख पर 1.2 लोगों की मौत, 31 प्रतिशत की कमी)।

घनश्याम ने अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगाईं

बृजेश केसरवानी            
प्रयागराज। जिला मुख्यालय से मात्र 25 किलोमीटर दूर कौंधियारा ब्लाक बरौली ग्राम सभा के नवनिर्वाचित प्रधान घनश्याम भारती ने आरोप लगाया है, कि पूर्व प्रधान पति ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन लोगों को कॉलोनियां मिली थी। उनमें से सभी अपात्र लोगों को घर पैसा ले देकर दिलवा दिया। जबकि, ग्राम सभा 5 लोग बहुत हैं। लेकिन, वह विचारे पूर्व प्रधान पति को रिश्वत के तौर पर पैसा नहीं दिए जाने के कारण अपात्र घोषित कर दिए गए। 
पूर्व प्रधान पति व उनका पूरा परिवार दबंग किस्म के हैं। जिन पर थाना घूरपुर में कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज है। नवनिर्वाचित प्रधान ने एक बड़ा आरोप और लगाया है कि पूर्व प्रधान पति स्वदेश द्विवेदी पुणे जातिसूचक गालियां देते हैं। कहते हैं, कि तेरी प्रधानी इस गांव में नहीं चलने देंगे जबकि जनता द्वारा चुने गए नवनिर्वाचित प्रधान को किसी भी अधिकारियों का भी साथ नहीं मिल रहा है। नवनिर्वाचित प्रधान घनश्याम भारती ने उच्च अधिकारियों से अपनी जान माल और सुरक्षा की गुहार लगाई।

बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं जाने की जरूरत

अकांशु उपाध्याय            

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की गति को लेकर चिंता प्रकट करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तीव्रता से तैयारी करने और विशेषकर बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है। उन्होंने पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की डिजिटल बैठक में यह टिप्पणी की। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर बताया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महासचिवों और प्रभारियों की बैठक को संबोधित किया। 

टीकाकरण की गति को लेकर उन्होंने गहरी चिंता प्रकट की। कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर को लेकर तैयारी करने और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर उन्होंने अधिक जोर सोनिया गांधी की अगुवाई में चल रही इस बैठक में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस डिजिटल बैठक में कांग्रेस के नेता पार्टी के प्रस्तावित संपर्क अभियान पर भी चर्चा करेंगे। 

इस बैठक में पेट्रोल-डीजल और जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के संदर्भ में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। बैठक में कोविड के मौजूदा हालात और आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा होगी। इस बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों की भी बैठक बुलाई जाएगी। सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ यह बैठक संसद के मॉनसून सत्र से पहले बुलाई है। मॉनसून सत्र जुलाई में हो सकता है। कांग्रेस पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से सरकार पर लगातार हमले कर रही है।

गाजियाबाद: 24 घंटे में 3 मरीजों को डिस्चार्ज किया

अश्वनी उपाध्याय           

गाजियाबाद। जिलेें में पिछले 24 घंटों की अवधि में केवल दो नए मरीज मिले और तीन मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिले में अब 73 सक्रिय मरीज हैं। गौतमबुद्ध नगर जिलें में केवल एक नया मरीज मिला और 9 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिले में अब 67 सक्रिय मरीज हैं। मेरठ जिलें में केवल 18 मरीज मिले और 8 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिले में 1 मरीज की मौत दर्ज की गई और अब 166 सक्रिय मरीज हैं। बुलंदशहर जिलें में 6 नए मरीज मिले और 5 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिले में अब 57 सक्रिय मरीज हैं।

बचाव: स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण शुरू किया

कौशाम्बी। कोविड-19 से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण शुरू कर दिया गया है। बुधवार को 18 वर्ष से 44 वर्ष के लोगो को सरकार के शासनादेश के तहत मूरतगंज ब्लाक के अशरफपुर गांव में टीका करण कैम्प लगाया गया। सरकार ने अशरफपुर गांव में टीकाकरण के लिए 150 ब्यक्तियो का लक्ष्य रखा था। अशरफपुर गांव में कोविड-19 से बचाव वाले टीके में ग्रामीणों में उत्साह देखने को नही मिला और लक्ष्य से बहुत कम 19 लोगों का टीका करण किया गया। उक्त जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों ने दी टीका करण के मौके पर ओम प्रकाश मौर्या नेखपाल, राम कृत राम सिंगरेट्री,शिव मोहन मौर्या प्रधान,हरी मोहन,सत्येंद्र कुमार,अशोक मौर्य,राजेंद्र मौर्या,कोमल,भारत मौर्या,महफूज़ अहमद,चाँद बाबू,नासिर खान आदि लोग मौजूद रहे।
समीर अहमद 

घटतौली की शिकायत पर राशन डीलर भागा: हापुड़

अतुल त्यागी             
हापुड़। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र के गांव गोयना में ग्रामीणों ने राशन डीलर पर घटतौली कर राशन कम देने का आरोप लगाया है। आपको बता दें कि ग्राम गोयना में राशन डीलर मीनाक्षी देवी पत्नी सुनील कुमार अपनी दबंगई दिखाते हुए ग्रामीणों को उनकी यूनिट के हिसाब से राशन ना देकर 1 किलो राशन काटकर देता है। जहां आज मीडिया कर्मियों के द्वारा पूछे जाने पर सुनील कुमार राशन यूनिट मशीन को उठाकर भाग खड़े हुए। 
बताते चलें, कि कोरोना काल में सरकार ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में फ्री राशन देने की मुहिम चला रही है और गरीब लोगों को भूखा न सोना पड़े। इस लक्ष्य को देखते हुए घर-घर राशन पहुंचाने में जुटी हुई है, तो वही ग्रामीण क्षेत्रों में राशन डीलर अपनी दबंगई दिखाते हुए ग्रामीणों को उनकी यूनिट के हिसाब से राशन देने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही मामला एक गांव गोयना में देखने को मिला। जहां राशन डीलर मीनाक्षी के पति सुनील कुमार ने यह कहते हुए मशीन को बंद कर घर में रख लिया, कि जाओ जो मेरा हो। वह मेरा करा लेना, मैं किसी से नहीं डरता हूं और मशीन को लेकर भाग खड़ा हुआ। 
क्या ऐसे राशन डीलरों को प्रशासन का डर पुलिस व आलाधिकारियों डर नही है ? अब देखना है कि इस दबंग डीलर पर प्रशासन की क्या कार्यवाही होती है या अधिकारियों के द्वारा खाना पूर्ति कर मामले को रफादफा कर दिया जाएगा।

यूपी: विश्वविद्यालय में शोध की प्रक्रिया ऑनलाइन होगीं

संदीप मिश्र               
बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में शोध की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय ने शोध निदेशालय की वेबसाइट लांच कर दी है। वेबसाइट पर शोध पर्यवेक्षकों को लॉग इन-पासवर्ड भी दे दिए हैं। जल्द ही शोधार्थियों को भी लॉग इन पासवर्ड दे दिए जाएंगे। शोधार्थी भविष्य में अपनी अस्थायी डिग्री भी वेबसाइट से स्वयं डाउनलोड कर सकेंगे। शोध निदेशालय ने शोध की प्रवेश परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। 
जल्द ही शासन और विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के बाद परीक्षा नियंत्रण कक्ष से तिथि जारी कर दी जाएगी। विश्वविद्यालय के द्वारा शोध गंगा पोर्टल पर भी अब तक 600 से अधिक थीसिस अपलोड की जा चुकी हैं।
शोध निदेशक के मुताबिक वेबसाइट पर 315 शोध पर्यवेक्षकों का डाटा अपलोड कर दिया गया है। शोध पर्यवेक्षक ने अब तक कितनी रिसर्च की हैं। उनके अंतर्गत कितने छात्रों ने शोध की हैं। विदेश में उनकी शोध का क्या स्तर रहा है। यह सभी जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी। उन्होंने कहा कि नए पर्यवेक्षक भी जुड़ सकेंगे। इसके लिए उनका विभाग 10 साल पुराना और उन्हें कम से कम संस्थागत तौर पर दो वर्ष पढ़ाने का अनुभव हो। जल्द ही दिल्ली, उत्तराखंड व अन्य राज्यों के संस्थानों के भी शोध पर्यवेक्षक शामिल किए जाएंगे। इससे छात्र ऑनलाइन ही अपना पर्यवेक्षक अपनी सुविधा के हिसाब से चुन सकेगा।

गेहूं की खरीद किसानों से ना होने पर चिंता जताईं

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद किसानों से ना होने पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि सरकार की अंतिम किसान तक गेहूं की खरीद की घोषणा एक और जुमला साबित हुई है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से गेहूं खरीद की तिथि आगे बढ़ा कर अधिकतम खरीद सुनिश्चित यह जाने की मांग की है।
बृहस्पतिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने टि्वटर हैंडल पर ट्वीट करते करते हुए उत्तर प्रदेश के किसानों की गेहूं खरीद न होने पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार घोषणा कर रही है कि अंतिम किसान तक गेहूं की खरीद सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन प्रदेश सरकार की घोषणा के ठीक उलट देश का किसान अपने गेहूं को बेचने के लिए इधर-उधर मारा हुआ फिर रहा है। आढती उनके गेहूं की खरीद ओने पौने दामों पर कर रहे हैं। 
प्रदेश में गेहूं खरीद बंद होने से किसानों को मजबूरी में अपना गेहूं आढतियों के हाथों बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार की अन्य घोषणाओं की तरह अंतिम किसान तक गेहूं की खरीद को भी जुमला बताते हुए प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह गेहूं की खरीद की तिथि को आगे बढ़ा कर किसानों से अधिकतम गेहूं खरीद सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा है यदि किसानों से समस्त गेहूं नहीं खरीदा गया तो बारिश की चपेट में आकर किसानों का गेहूं बर्बाद हो जाएगा। जिससे उन्हें भारी भारी नुकसान झेलने को मजबूर होना पड़ेगा।

मुंबई: सेतुपति के साथ काम करेंगीं अभिनेत्री केटरीना

कविता गर्ग              
मुंबई। बॉलीवुड की बार्बी गर्ल कैटरीना कैफ सिल्वर स्क्रीन पर दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार विजय सेतुपति के साथ काम करती नजर आ सकती है।
कैटरीना कैफ इन दिनों टाइगर 3 को लेकर सुर्खियों में हैं। इस फिल्म में वह सलमान खान के साथ काम कर रही है। फिल्म की शूटिंग कोविड के कारण रुकी पड़ी है। चर्चा है कि कैटरीना, दक्षिण भारतीय फ़िल्मों के स्टार विजय सेतुपति के साथ श्रीराम राघवन की फ़िल्म में नज़र आएंगी। कैटरीना ने फ़िल्म पर काम शुरू कर दिया है।
इन दिनों कैटरीना फिल्म की कहानी पढ़ रही हैं, इससे कैटरीना अपने रोल को अच्छे से समझ पाएंगी और इसी के अनुसार खुद को ढाल भी पाएंगी।फिल्म का टाइटल तय नहीं है लेकिन कहा जा रहा है कि मेरी क्रिसमस के नाम से फिल्म बनायी जा सकती है। बताया जा रहा है कि पूरी ही फिल्म का पूरा शूटिंग शेड्यूल 30 दिन का होगा। फिल्म भी केवल 90 मिनट की होने वाली हैं। कैटरीना,सलमान ख़ान के साथ टाइगर 3 की शूटिंग पूरी करने के बाद इस फ़िल्म को शूट कर सकती हैं।

यूपी में एक करोड़ सदस्‍य बनाने का लक्ष्‍य: आप पार्टी

हरिओम उपाध्याय              
लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (आप) आठ जुलाई से एक महीने के लिये यूपी जोड़ो अभियान चलायेगी जिसमें प्रत्‍येक विधानसभा में लगभग 25 हजार सदस्‍य बनाने का लक्ष्‍य रखा गया है। इस लिहाज से एक महीने में पूरे उत्‍तर प्रदेश में एक करोड़ सदस्‍य बनाने का लक्ष्‍य है। आप सांसद और प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से कहा " इसमें हम गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क करेंगे। उनके बीच जाकर शिविर लगाएंगे। हमारे कार्यकर्ता रसीदें लेकर गांव-गांव जाएंगे, लेकिन यह पूरी सदस्‍यता निशुल्‍क होगी। 
किसी को आम आदमी पार्टी का सदस्‍य बनने के लिए एक पैसा नहीं देना है। इस तरह से एक महीने में एक करोड़ सदस्‍य बनाने का हमने लक्ष्‍य रखा है।सदस्‍यता अभियान में 403 विधानसभा क्षेत्रों के अंदर अलग-अलग मिस्‍ड कॉल नंबर जारी किया जाएगा। 25 जून से 28 जुलाई तक दीवार लेखन का काम होगा। इस पर मिस्‍ड कॉल नंबर होगा और आम आदमी पार्टी का सदस्‍य बनने की अपील होगी। रसीद के संग जो साथी पार्टी का सदस्‍य बनेंगे विधानसभा वार उनका पूरा डाटा मेंटेन होगा, जिसके आधार पर आगे उनसे बूथ स्‍तर से लेकर विधानसभा तक की जिम्‍मेदारी उन लोगों को दी जाएगी।
उन्होने कहा, कि इस अभियान के जरिये हमारा लक्ष्‍य है कि हम केजरीवाल के मॉडल की चर्चा करें, लोगों को बताएं कि उत्‍तर प्रदेश को कैसे हम मुफ्त बिजली उपलब्‍ध करा सकते हैं। हम कैसे उप्र में मुफ्त शिक्षा उपलब्‍ध करा सकते हैं। कैसे मुफ्त स्‍वास्‍थ्‍य सेवा मुहैया करा सकते हैं। कैसे हम नौजवानों को नौकरियां और बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्‍ता दे सकते हैं। हम कैसे विधवा और बुजुर्गों को भत्‍ता और पेंशन आदि दे सकते हैं। हम बताएंगे कि किस तरह से उत्‍तर प्रदेश की कानून व्‍यवस्‍था संभाल कर सूबे को औद्योगीकरण एवं विकास के रास्‍ते पर लाकर लोगों का जीवन स्‍तर सुधारने का काम करके आम आदमी पार्टी यहां नया इतिहास लिखने का काम करेगी।

13वीं बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज जून के महीने में 13वीं बार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी कर दी। पेट्रोल और डीजल की कीमत में आज की गई बढ़ोतरी 2021 में की गई साल की 55वीं बढ़ोतरी है। आज पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 24 से 28 पैसे तक की बढ़ोतरी की गई है। डीजल की कीमत में प्रति लीटर 6 से 9 पैसे का इजाफा किया गया है। आज की बढ़ोतरी के साथ ही राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का दाम बढ़कर 97.76 रुपये प्रति लीटर हो गया है। जबकि डीजल 88.30 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है।
इस महीने राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में अभी तक प्रति लीटर 3.53 रुपये की और डीजल की कीमत में 3.15 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। आज की बढ़ोतरी के बाद देश में सबसे महंगा पेट्रोल मध्यप्रदेश के अनूपपुर में बिक रहा है। यहां पेट्रोल की कीमत बढ़कर 109.11 रुपये प्रति लीटर हो गई है। डीजल यहां 99.89 रुपये के भाव पर बिक रहा है।

तीरथ के सीएम बने रहने की राह में अडंगा लगाया

पंकज कपूर                         
देहरादून। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सीएम बने रहने की राह में कांग्रेस ने अडंगा लगा दिया हैं। सीएम को दस सितंबर 2021 तक विधानसभा का सदस्य बनना अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने पर राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। संविधान के अनुच्छेद 164(4) के तहत किसी भी मंत्री को छह महीने के भीतर सदन का सदस्य बनना आवश्यक है। राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 151ए के तहत अब राज्य में उपचुनाव नहीं हो सकता हैं। क्योंकि विधानसभा का कार्यकाल एक साल से भी कम बचा है। 
इस धारा में प्रावधान है कि लोकसभा या विधानसभा की कोई सीट खाली होने पर चुनाव आयोग को छह महीने के भीतर चुनाव कराना चाहिए। लेकिन छह महीने के भीतर यह उपचुनाव तब न हो अगर विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम बचा हो।तीरथ सिंह रावत इस साल मार्च में मुख्यमंत्री बनाए गए थे। इस लिहाज से उनके छह महीने दस सितंबर 2021 को पूरे हो रहे हैं। राज्य में अभी दो विधानसभा सीटें खाली हैं। इस लिहाज से उनके पास विधानसभा सदस्य बनने का यही रास्ता है कि वे इन दो में से किसी एक सीट से चुनाव जीतें। सीएम अभी तक लोकसभा सांसद हैं और उन्होंने लोक सभा से इस्तीफा भी नहीं दिया है। 
ऐसे हालातों में उनके भविष्य को लेकर पार्टी के भीतर अटकलें शुरु हो गई हैं। सवाल पूछा जा रहा है कि क्या तीरथ सिंह रावत बतौर मुख्यमंत्री अपने भविष्य को लेकर आशंकित है, इसीलिए उन्होंने अभी तक लोक सभा से इस्तीफा नहीं दिया है। यह भी पूछा जा रहा है कि जब उनके पास मौका था तब उन्होंने सल्ट विधानसभा सीट से उपचुनाव क्यों नहीं लड़ा। लेकिन कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार चुनाव आयोग पर यह पाबंदी नहीं है कि वह विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम होने पर उपचुनाव न कराए। ऐसा केवल इसलिए है ताकि प्रशासनिक तौर पर असुविधा न हो।

तीसरी लहर के बीच डेल्टा प्लस वेरिएंट ने चिंता बढ़ाईं

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। देश में तीसरी लहर के बीच डेल्टा प्लस वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि, अब तक सरकार इसे वेरियंट ऑफ इंट्रेस्ट मान रही थी। लेकिन अब इसे चिंता का विषय मान रही है। इसको लेकर तीन राज्यों में अलर्ट जारी करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिट्ठी लिखी है। डेल्टा प्लस के अबतक 40 मामले सामने आए
देश में डेल्टा प्लस के मामले भी तेजी बढ़ते जा रहे हैं। चार राज्यों से अबतक 40 मामले सामने आ चुके हैं। अकेले महाराष्ट्र से 21 मामले सामने आए हैं। इसके साथ मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु से भी मामले सामने आए हैं। 
दरअसल डेल्टा प्लस वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट से म्यूटेट होकर बना है। तकनीकी रूप से कहा जाए तो डेल्टा प्लस को बी.1.617.2.1 नाम दिया गया है। इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के मुताबिक डेल्टा प्लस वेरियंट भी दो तरह के हो गए हैं। इन्हें एवाई.1 और एवाई.2 का नाम दिया गया है। इन दोनों में एक और नई म्यूटेशन भी नजर आई है, जिसे एके417एन नाम दिया गया है। 
डेल्टा प्लस संक्रमण का पहला मामला मध्य प्रदेश के भोपाल में मिला था। यहां 64 साल की महिला में इस नए वेरियंट का पता चला था। महिला होम आइसोलेशन में ही रहते हुए पूरी तरह स्वस्थ हो गई। 
लेकिन मध्य प्रदेश के ही शिवपुरी में डेल्टा प्लस से संक्रमित चार लोगों की मौत हो गई है। केरल के दो जिलों पलक्कड़ और पथनमथिट्टा में तीन लोगों में इस नए वैरियंट की पुष्टि हुई है। तीन लोगों में एक 4 साल का बच्चा भी शामिल है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरियंट भारत के अलावा अभी 9 देशों में पाया गया है। ये देश हैं- अमेरिका, यूके, पुर्तगाल, स्विजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन, रूस। जबकि डेल्टा वैरियंट भारत सहित दुनिया के 80 देशों में पाया गया है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर की वजह भी यही डेल्टा वेरियंट ही था।

बेसिक शिक्षा विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित की

हरिओम उपाध्याय                
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को विधानसभा स्थित पारिजात कक्ष में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के सम्बंध में उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा तथा बेसिक शिक्षा विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने विभाग को उप्र बोर्ड 10वीं व 12वीं का परिणाम जुलाई में घोषित करने के निर्देश दिए।
बैठक में आयोग के गठन तथा अन्य विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। 
उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर निर्देश दिया कि विभिन्न आयोगों द्वारा चयनित शिक्षकों का अतिशीघ्र पदस्थापन किया जाय। उन्होंने कहा कि विभिन्न आयोग द्वारा चयनित शिक्षकों को पदस्थापन के लिए किसी भी दशा में भटकना न पड़े। इस कार्य में किसी भी दशा में लापरवाही नहीं होनी चाहिए और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को तत्काल दंडित किया जाए। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि माध्यमिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रधानाचार्य और शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण के लिए 28 जून तक पोर्टल खोल दिया जाए। उन्होंने संस्कृत अध्यापकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों को उपलब्ध कराने हेतु तत्काल नीति निर्धारण कराए जाने का भी निर्देश दिए। डॉ शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा के अंकपत्र जुलाई माह में जारी कर दिया जाए। 
वहीं, उच्च शिक्षा विभाग स्नातक व स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए एक पारदर्शी नीति अपनाकर प्रवेश प्रारम्भ किया जाए।

किसान नेता टिकैत ने केन्द्र सरकार पर कसा तंज

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता राकेश टिकैत ने केन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि 7 माह से किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहा है। क्या सरकार को यह सुनकर शर्म नहीं आती। इससे पूर्व ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए राकेश टिकैत ने कहा था कि 4 लाख ट्रैक्टर भी यहीं है और 25 लाख किसान भी यहीं हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि ये 4 लाख ट्रैक्टर और 25 लाख लोग यहां हैं। ये ट्रैक्टर इसी देश के हैं और अफगानिस्तान से नहीं आए हैं। हम पिछले 7 महीनों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं, क्या सरकार को यह सुनकर शर्म नहीं आती कि किसानों का क्या कहना है। यह लोकतंत्र में काम नहीं करता। राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया इससे पहले तंज कसते हुए कहा था कि चार लाख ट्रैक्टर भी यही हैं और 25 लाख किसान भी यहीं हैं। उन्होंने यह ट्वीट करते हुए बिल वापसी ही घर वापसी का हैशटेग का यूज करते हुए लिखा था कि 4 लाख ट्रैक्टर भी यहीं है।

दिल्ली के ढब को खड़े-खड़े घे करें वे। वो 25 लाख किसान भी यही हैं औश्र 26 तारीख भी हर महीने आती है। ये सरकार याद रख लें। कुछ दिनों पहले राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से कोलकाता में किसानों से जुड़े मामलों पर वार्ता की थी। ममता ने इस बैठक में किसान नेताओं को नये कृषि कानूनों के विरूद्ध आंदोलन के समर्थन करने का आश्वासन दिया था। इसके साथ-साथ ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्यों को निशाना बनाना संघीय ढांचे के लिये अच्छी बात नहीं है।

अबदुल्ला ने मीटिंग से पहले पीएम मोदी से वार्ता की

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दिल्ली में जम्मू कश्मीर के मसले को लेकर बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पहुंच गये है। उन्होंने इस मीटिंग से पहले पीएम मोदी से वार्ता की है। बैठक में जम्मू कश्मीर के सभी दलों के नेताओं से पीएम मोदी बात करेंगे। इस मीटिंग में फारूक अब्दुल्ला शामिल होने के लिये दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने कहा है कि हमें पाकिस्तान के बारे में वार्ता नहीं करनी है। हमें अपने वतन को लेकर गुफ्तुगू करनी है। उन्होंने कहा है कि जो भी हमारी मीटिंग में वार्ता होगी। इसकी जानकारी हम मीडिया को देंगे।

फारूक अब्दुल्ला ने एक निजी चैनल को बातचीत के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से बुलाई गई बैठक जाने का भी वेलकम किया है। उन्होंने कहा है कि यह देर से आने लेकिन दुरूस्त आने जैसा है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि हम उम्मीद करेंगे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हम लोगों की बात को शांति से सुनकर कोई ऐसा समाधान निकाले कि जिससे प्रदेश में शांति कायम हो सके। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि बैठक के बाद हम मीडिया को इस बारे में जानकारी देंगे कि हमने क्या प्रस्ताव रखें और क्या वार्ता हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि हम चाहते तो आसमान हैं लेकिन अभी पीएम मोदी से बात करेंगे ताकि सूबे में अमनक कायम हो सके।

गौरतलब है कि इसी हफ्ते गुपकार अलायंस की बैठक के पश्चात मुफ्ती महबूबा ने कहा था कि कश्मीर के मामले पर केन्द्र सरकार को पाक से भी वार्ता करनी चाहिए। इस दौरान महबूबा ने कहा था कि यदि सरकार अफगानिस्तान में तालिबान से बात कर सकी है तो कश्मीर के मसले पर पाक से वार्ता क्यों नहीं कर सकमी। जम्मू कश्मीर मुफ्ती महबूबा की इस बयान पर विरोध कर रहा है। इतना ही नहीं बल्कि डोगरा फ्रंट संगठन से जुडे लोग सड़कों पर उतरकर महबूबा को कारागार भेजने की मांग कर रहे हैं।

मौतों के आंकड़ों पर राजनीति करने का आरोप लगाया

हरिओम उपाध्याय           

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्षी पर कोविड से हुई मौतों के आंकड़ों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी कर कुछ असामाजिक तत्व सरकार को बदनाम करने की कोशिश में लग गए हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के बाद तथ्यों और आंकड़ों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया जिसके बाद से सोशल मीडिया पर यह मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने पहले वैक्सीन और अब मौत के आंकड़ों की राजनीति करना शुरु कर दिया है। बौखलाया विपक्ष उत्तर प्रदेश की जनता के बीच सिर्फ भ्रम की स्थिती पैदा कोशिश कर रहा है। विभाग की ओर से जारी आकड़े बताते हैं कि सोशल मीडिया पर आंकड़ों का हेरफेर कर यूपी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही

काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि एक तथाकथित एक्टिविस्ट ने आरटीआई में सरकार से पूछा कि जुलाई 2019-मार्च 2020 और जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक उत्तर प्रदेश में कुल कितनी मौतें हुई है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इन आंकड़ों को कोरोना से जोड़ुने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 में कुल 103000, फरवरी 2021 में 99100, मार्च 2021 में 70797 मौतें हुई हैं। वहीं अप्रैल 2021 में 61986 मौतें हुई है। गौर करने वाली बात है कि जिन आंकड़ों को कोविड के साथ जोड़ा जा रहा है वो गलत है क्योंकि कोरोना की पहली लहर मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक ही थी, वहीं दूसरी लहर की बात की जाए तो अप्रैल 2021 से कोविड के मामले बढ़ते दिखाई दे रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन लोगों के आंकड़ों में हेराफेरी की है, उन्हें अप्रैल का आंकड़ा भी उजागर करना चाहिए था।

विभाग की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 में मौतें ज्यादा हुई लेकिन वो कोरोना से नहीं हुई। क्योंकि कोविड की दूसरी लहर अप्रैल 2021 में आनी शुरु हुई थी और अप्रैल की आंकड़े इस महीनों से काफी कम है। उत्तर प्रदेश सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने कोविड को लेकर समय रहते अस्पतालों में बेड्स की संख्या और टेस्टिंग की क्षमता को तेजी से बढ़ाया है।

आबादी में जागरूकता फैलाने के लिए सहयोग मांगा

हरिओम उपाध्याय     

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त ग्राम प्रधानो से कोरोना वैक्सीनेशन और संक्रामक बीमारियों के प्रति ग्रामीण आबादी में जागरूकता फैलाने के लिये सहयोग मांगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी ग्राम प्रधानो को पत्र लिख कर अपील की है कि वे ' मेरा गांव-कोरोना मुक्त गांव' के ध्येय को साकार करने के लिये सक्रिय योगदान करें। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर को गांव में नियंत्रित करने के लिये निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 

अब संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिये टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान निगरानी समितियों से समन्वय स्थापित कर न सिर्फ कोरोना बल्कि जेई और एईएस समेत अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिये गांवों में विशेष सफाई,स्वच्छता एवं फागिंग अभियान को अपने निर्देशन में आयोजित करेंं और शुद्ध पेयजल की जरूरत के संबंध में लोगों को जागरूक करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्राम प्रधान कोरोना से बचाव के लिये जरूरी टीकाकरण के संबंध में जन सामान्य को प्रेरित करें और उनकी शंकाओं का समाधान करें। 

27 जून से निगरानी समितियों के माध्यम से कोरोना के लक्षणयुक्त बच्चों की पहचान कर विशेष कोरोना मेडिसिन किट का वितरण करें। ग्राम प्रधान वृक्षारोपण के महा अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें और गांव की हर उपयुक्त एवं खाली जमीन पर वृक्षारोपण की प्रक्रिया को आगे बढायें।

चैंपियनशिप मुकाबले में भारत को 8 विकेट से हराया

साउथम्पटन। न्यूजीलैंड ने साउथैंप्टन के द रोज बाउल में खेले गए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भारत को आठ विकेट से हरा दिया। इसके साथ ही न्यूजीलैंड विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली टीम बन गई। भारत ने दूसरी पारी में न्यूजीलैंड को जीत के लिए 139 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे उसने दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।
न्यूजीलैंड के लिए कप्तान केन विलियमसन ने 89 गेंदो में आठ चौको की मदद से नाबाद 52 रन बनाए। वहीं रॉस टेलर ने 100 गेंदो में छह चौको के साथ नाबाद 47 रनों की पारी खेली। इससे पहले गेंदबाजी में टिम साउथी ने चार और ट्रेंट बोल्ट ने तीन विकेट लिए, और भारत को महज़ 170 रनों पर ऑलआउट कर दिया।

पहली पारी में 32 रनों से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 170 रनों पर सिमट गई थी। दूसरी पारी में भारत के लिए ऋषभ पंत ने सबसे ज्यादा 41 रन बनाए। उन्होंने 88 गेंदो की अपनी पारी में छह चौके लगाए। इसके अलावा रोहित ने 30, शुभमन गिल ने आठ, कोहली ने 15, पुजारा ने 13, रविंद्र जडेजा ने 16, अश्विन ने सात और शमी ने 13 रन बनाए। वहीं इशांत शर्मा एक रन बनाकर नाबाद रहे। न्यूजीलैंड के लिए दूसरी पारी में टिम साउथी ने 48 रन देकर चार और ट्रेंट बोल्ट ने 39 रन देकर तीन विकेट लिए। इसके अलावा काइल जैमीसन को दो और नील वैगनर को एक विकेट मिला।

वकील के मुकदमें खास जज के सामने न लगाये जाएं

बृजेश केसरवानी              
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चीफ जस्टिस मास्टर आफ रोस्टर है। उन्ही के प्राधिकार से मुकद्दमों की सूची निबंधक कार्यालय तैयार करता है। यह चीफ जस्टिस का अधिकार है कि कौन-सा मुकद्दमा किस जज के समक्ष सुनवाई के लिए लगाया जाएंं। हाईकोर्ट अपनी रजिस्ट्री को यह आदेश नहीं दे सकता कि किसी खास वकील के मुकदमें खास जज के सामने न लगाये जाए। 
कोर्ट ने याचिका को दिग्भ्रमित मानते हुए 20 हजार हर्जाने के साथ खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति ए के ओझा की खंडपीठ ने अधिवक्ता अरूण मिश्र की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि बड़ी अजीब बात है कि ऐसी मांग को लेकर हाईकोर्ट को पक्षकार बनाकर याचिका दाखिल की गयी है। याची का कहना था कि हाईकोर्ट के एक विशेष महिला जज के खिलाफ उसने सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रपति को शिकायत की है। इसलिए उनके दाखिल मुकदमे उस जज की अदालत में  सुनवाई के लिए न लगाये जाए।

विदेशी खिलौनों की अत्याधिक मांग पर चिंता जताईं

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में विदेशी खिलौनों की अत्याधिक मांग पर चिंता जताते हुए कहा कि 100 अरब डॉलर के वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 1.5 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि हम 80 प्रतिशत खिलौनों का आयात करते हैं। खिलौनों पर देश का करोड़ों रुपया बाहर जा रहा है। इस स्थिति को बदलने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से देश के पहले टॉयकैथॉन-2021 के समापन समारोह में प्रतिभागियों से संवाद कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी इसमें उपस्थित थे।  22 जून को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और संजय धोत्रे ने इस तीन दिवसीय टॉयकैथॉन का उद्घाटन किया था। हिंसा केंद्रित ऑनलाइन गेम्स पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जितने भी ऑनलाइन या डिजिटल गेम्स आज मार्केट में उपलब्ध हैं, उनमें से अधिकतर का कॉन्सेप्ट भारतीय नहीं है। आप भी जानते हैं कि इसमें अनेक गेम्स के कॉन्सेप्ट या तो हिंसा को प्रमोट करते हैं या फिर मानसिक तनाव का कारण बनते हैं।

खिलौनों को लेकर गंभीर चर्चा को फिजूल बताने वालों को जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि बच्चे की पहली पाठशाला परिवार होता है। इस दौरान उनकी पहली किताब और पहले दोस्त ये खिलौने ही होते हैं। समाज के साथ बच्चे का पहला संवाद इन्हीं खिलौनों के माध्यम से होता है। मोदी ने कहा कि बीते 5-6 वर्षों में हैकाथॉन को देश की समस्याओं के समाधान का एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार समय-समय पर कई हैकाथॉन आयोजित कर चुका है। इसमें कई छात्र समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हैं। यह पहला मौक है। जब खिलौना क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए टॉयकैथॉन आयोजित किया गया।

प्रधानमंत्री ने टॉय और गेमिंग उद्योग का आह्वान करते हुए कहा कि भारत के वर्तमान सामर्थ्य, कला-संस्कृति और समाज को आज दुनिया ज्यादा बेहतर तरीके से समझना चाहती है। इसमें हमारी टॉय और गेमिंग उद्योग बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते है। इस मौके पर शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने स्वागत भाषण में कहा कि भारत के खिलौना व्यापार को सभी आयु वर्गों के इनोवेटर और रिसर्चर के साथ जोड़कर एक नई दिशा प्रदान की जाए। टॉयकैथॉन के माध्यम से हमारा प्रयास है कि भारतीय परमपरा, इतिहास, संस्कृति और स्थानीय शहरों के अनुरूप खिलौनों का विकास हो सके।

उन्होंने बताया कि पहले टॉयकैथॉन में 14,130 टीमों ने पंजीकरण किया है और 17,770 विचार प्रस्तुत किये गये। छटनी के बाद 1567 टीमें ग्रैंड फिनाले में भाग ले रही हैं। विजेता टीम की घोषणा 26 जून को की जाएगी। विजेताओं को लगभग 60 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। टॉयकैथॉन का आयोजन शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से पांच अन्य मंत्रालयों के समन्वय से किया गया। इसमें महिला और बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), कपड़ा मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय शामिल हैं।

मूल्यांकन एक जैसा रखने का निर्देश देने से इनकार

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों में 12वीं के मूल्यांकन का तरीका एक जैसा रखने का निर्देश देने से इनकार किया है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हर राज्य का शिक्षा बोर्ड स्वायत्त है। अपने हिसाब से निर्णय ले सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं के रिजल्ट के लिए अंतिम तिथि घोषित करने पर कहा कि यूजीसी से कहा जाएगा कि सभी राज्य बोर्ड को एक कट ऑफ डेट दें। कोर्ट ने 12वीं की परीक्षा जुलाई में आयोजित करने जा रहे आंध्र प्रदेश सरकार से कहा कि परीक्षा न करवाना बेहतर है। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से परीक्षा को लेकर उचित स्कीम के बारे में कल यानी 25 जून तक कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया। 
जस्टिस खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने केरल सरकार से भी 25 जून तक 12वीं की परीक्षा को लेकर बताने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से वकील महफूज नाजकी ने कहा कि राज्य बोर्ड की 12वीं और 11वीं की परीक्षा को कराने का फैसला किया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा कि 12वीं की राज्य बोर्ड की परीक्षा रद्द नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि जुलाई के अंत में परीक्षा होगी। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप जुलाई के अंत में परीक्षा लेंगे तो ये काफी अनिश्चितता हो जाएगी। आप रिजल्ट कब जारी करेंगे। दूसरे कोर्स में दाखिला के लिए आपके रिजल्ट का कोई इंतजार नहीं करेगा। तब नाजकी ने कहा कि हम कोशिश करेंगे की परीक्षा पहले हो। 
कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि आपने कहा है कि एक कमरे में 15 से 18 छात्र होंगे। तो क्या आपने 34,634 कमरों के फार्मूले पर काम किया है। कमरों में हवा आने-जाने की व्यवस्था होनी चाहिए। किसी भी मौत का जिम्मा सरकार का होगा। कोर्ट ने कहा कि मौत होने पर एक करोड़ रुपये का मुआवजा देना पड़ सकता है। तब नाजकी ने कहा कि हमारे पास कमरे हैं। तब कोर्ट ने इसके संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अन्य बोर्डों ने जमीनी हकीकत को देखते हुए सोच-समझकर फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट भी आ रहा है। इसे लेकर कोई असमंजस नहीं होना चाहिए। यह लोगों के स्वास्थ्य का सवाल है। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से कहा कि आपके पास कोई ठोस प्लान होना चाहिए।

आतंकी संगठनों से जुड़े होने के पुख्ता प्रमाण मिलें

हरिओम उपाध्याय                   
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के मामले में रोज नये खुलासे हो रहे हैं। इस प्रकरण की जांच में जुटी एजेंसियों के हाथ धर्मांतरण गिरोह के आतंकी संगठनों से जुड़े होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। मुख्यमंत्री योगी ने इस मामले में सुरक्षा जांच एजेंसियों से कहा है कि इससे सख्ती से निपटें। यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के मामले में खुलासा करते हुए दिल्ली के जामियानगर के मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहागीर आलम कासमी को पकड़ा था। 
जांच एजेंसियों ने जब दोनों से पूछताछ की तो इन्होंने अपने मंसूबे जाहिर किए। दोनों ने बताया कि वह लोग मूक-बधिर बच्चों और मजबूर महिलाओं को पैसों का लालच देकर धर्मांतरण कराते हैं। उमर गौतम ने यह भी स्वीकारा है कि उसने एक हजार लोगों का धर्मांतरण कराया है। इसमें नोएडा सेक्टर-117 स्थित डेफ सोसाइटी में मूक-बधिर बच्चे भी शामिल हैं। इसके बाद उन्हें ही अपना हथियार बनाकर भारत समेत कई देशों में आतंक फैलाने की साजिश रचते हैं। ये बच्चे इसलिए भी इनके काम आते हैं कि ना तो ये बोल पाते हैं और न ही सुन पाते हैं। 
ये आरोपित खासतौर से चैरिटेबल ट्रस्ट पर चलने वाले संस्थान के छात्र-छात्राओं को ही अपना निशाना बनाते थे। जांच एजेंसियों की तहकीकात में धर्म परिवर्तन के अलावा इनके टेरर फंडिंग के भी प्रमाण मिले हैं। धर्मांतरण गिरोह के आतंकी संगठनों से जुड़े होने के साक्ष्य भी मिला है। इन्हें धर्मांतरण की आड़ में देश में आतंकी साजिश रचने के लिए विदेशों से पैसा भेजा जाता था। साथ ही साथ धर्मांतरित मूक बधिर बच्चों का जेहादी गतिविधियों मेइस्तेमाल किए जाने के भी सुराग मिले है। 
उमर देश के 24 राज्यों में करा चुका धर्मांतरण 
मामले की जांच कर रही एजेंसियों के हाथ धर्मांतरण और टेरर फंडिंग के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। ये गिरोह आतंकी गतिविधियों से भी जुड़ा हुआ है। धर्मांतरण का मास्टरमाइंड उमर गौतम देश के 24 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में धर्मांतरण करा चुका है। वह 18 बार इंग्लैंड, चार बार अमेरिका, अफ्रीका, सिंगापुर, पौलेंड समेत कई देशों की यात्रा पर जा चुका है। वह कहा करता था कि लोगों को इस्लाम कबूल करने से अल्लाह का काम हो रहा है। उसने हिंदू ही नहीं ईसाई, जैन और सिख परिवारों के बच्चों का भी बड़ी संख्या में धर्मांतरण कराया है। 
उमर गौतम ने दिल्ली के बाटला हाऊस को अपनी गतिविधि का मुख्य केंद्र बनाया था। धर्म परिवर्तन के मामले की जांच कर सुरक्षा एजेंसियों को कई अहम जानकारियां मिली है। धर्मांतरण के लिए अरब देश व विदेशों से फंडिंग की जा रही है। इसमें पाकिस्तान का भी नाम सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियां देश भर में संदिग्धों के बैंक खाते खंगालने में जुट गईं हैं और 100 से अधिक बैंक खाते रडार पर लिए गए हैं। हालांकि यह गोपनीय जांच है, इसके चलते जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है।
उमर के नाम अरबों की संपत्ति सूत्रों के मुताबिक, धर्मांतरण के मामले में पकड़े गए मौलाना उमर गौतम की कई जगहों पर अरबों की संपत्ति होने का पता चला है। अकेले गाजियाबाद में उसकी काफी अचल संपत्ति है। फतेहपुर के रहने वालों का कहना है कि उमर गौतम जब भी गांव आता था तो अंदौली का एक व्यक्ति हमेशा उसके साथ रहता था। इस व्यक्ति का बहुआ रोड पर एफसीआई गोदाम के पास ट्रैक्टर ट्राली बनाने का कारखाना है। 
मोहम्मद उमर जब भी जनपद आया, तो इसी शख्स ने उसकी सारी व्यवस्था दोखी।  
धर्मांतरण गिरोह के आतंकी संगठनों से जुड़े होने के प्रमाण मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच एजेंसियों को इस केस की गहराई से जांच करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने एजेंसियों को निर्देश दिया है कि देश की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटें। मुख्यमंत्री स्वयं धर्मांतरण प्रकरण की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

बेल को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद फल माना

आदर्श श्रीवास्तव           
लखीमपुर खीरी। बेल को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद फल माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार पका हुआ बेल मधुर, रुचिकर, पाचक तथा शीतल फल है। यह बेहद पौष्टिक और पेट की कई बीमारियों की अचूक औषधि भी है। इसका गूदा खुशबूदार और पौष्टिकता से भरपूर होता है। इसके पेड़ दुधवा नेशनल पार्क में बहुतायत में पाये जाते हैं। आयुर्वेद में बेल को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद फल माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार कच्चा बेलफल रुखा, पाचक, गर्म, वात-कफ, शूलनाशक व आंतों के रोगों में उपयोगी होता है। ताजे फल का सेवन किया जा सकता है और इसके गूदे से बीज हटाकर, सुखाकर, उसका चूर्ण बनाकर भी सेवन किया जा सकता है।
आयुर्वेद के जानकार बताते हैं कि उदर विकारों में बेल का फल रामबाण औषधि है। वैसे भी अधिकांश रोगों की जड़ उदर विकार ही है। बेल के फल के नियमित सेवन से कब्ज जड़ से समाप्त हो जाता है। कब्ज के रोगियों को इसके शर्बत का नियमित सेवन करना चाहिए। बेल का पका हुआ फल उदर की स्वच्छता के अलावा आँतों को साफ कर उन्हें ताकत देता है।
मधुमेह रोगियों के लिए बेलफल बहुत लाभदायक है। बेल की पत्तियों को पीसकर उसके रस का दिन में दो बार सेवन करने से डायबिटीज की बीमारी में काफी राहत मिलती है। रक्त अल्पता में पके हुए सूखे बेल की गिरी का चूर्ण बनाकर गर्म दूध में मिश्री के साथ एक चम्मच पाउडर प्रतिदिन देने से शरीर में नए रक्त का निर्माण होता है।
प्रायः देखा गया है कि गर्मियों में अतिसार की वजह से पतले दस्त आने लगते हैं। ऐसी स्थिति में कच्चे बेल को आग में भून कर उसका गूदा, रोगी को खिलाने से फौरन लाभ मिलता है। गर्मियों में लू लगने पर बेल के ताजे पत्तों को पीसकर मेहंदी की तरह पैर के तलवों में भली प्रकार मलें। इसके अलावा सिर, हाथ, छाती पर भी इसकी मालिश करें। मिश्री डालकर बेल का शर्बत पिलाने से भी तुरंत राहत मिलती है। इन्हीं सब गुणों को लेकर बेल को पूजनीय कहा गया है।बेल के 100 ग्राम गूदे में नमी 61.5 प्रतिशत, वसा 3 प्रतिशत, प्रोटीन 1.8 प्रतिशत, फाइबर 2.9 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट 31.8 प्रतिशत, कैल्शियम 85 मिलीग्राम, फॉस्फोरस 50 मिलीग्राम, आयरन 2.6 मिलीग्राम, विटामिन सी 2 मिलीग्राम हैं। इनके अतिरिक्त बेल में 137 कैलोरी ऊर्जा तथा कुछ मात्रा में विटामिन बी भी पाया जाता है।

सैकड़ों केंद्र आधे कर्मचारियों से चला रहे हैं काम, पद

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। लंबे अरसे से नियुक्तियां न होने के कारण देश भर में फैले दूरदर्शन और आकाशवाणी के सैकड़ों केंद्र आधे कर्मचारियों से काम चला रहे हैं। इस समय दूरदर्शन में 10,247 जबकि आकाशवाणी में 12,086 पद रिक्त हैं। दूरदर्शन में ग्रुप ए के 1,116 पदों के मुकाबले केवल 494 कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है, जबकि 622 पद रिक्त हैं। इसी प्रकार बी ग्रुप में 4,183 कर्मचारियों की जगह 2,112 कर्मचारी काम कर रहे हैं। 
यानी 2071 कर्मचारियों की कमी है। यही हाल ग्रुप सी का है जिसमें 16,401 स्वीकृत पदों में से 7,554 पद खाली होने से मात्र 11,453 कर्मचारियों पर सारे काम का बोझ है। इस तरह बेरोजगारी के इस दौर में दूरदर्शन में 21,700 कर्मचारियों का काम 11,451 कर्मचारियों को करना पड़ रहा है।
यह स्थिति तब है जब सरकार 2002-03 से 2008-09 के बीच दूरदर्शन के 2,038 पदों को समाप्त कर चुकी है।यही हाल ग्रुप सी का है जिसमें 16,401 स्वीकृत पदों में से 7,554 पद खाली होने से मात्र 11,453 कर्मचारियों पर सारे काम का बोझ है। इस तरह बेरोजगारी के इस दौर में दूरदर्शन में 21,700 कर्मचारियों का काम 11,451 कर्मचारियों को करना पड़ रहा है।
यह स्थिति तब है जब सरकार 2002-03 से 2008-09 के बीच दूरदर्शन के 2,038 पदों को समाप्त कर चुकी है। जहां तक आकाशवाणी का प्रश्न है तो यहां 26,129 स्वीकृत पदों के एवज में सिर्फ 14,043 लोग नौकरी पर हैं। इनमें ग्रुप ए के 2,002 पदों के एवज में 800 कर्मचारी काम कर रहे हैं जबकि 1,202 की जगह खाली पड़ी है। ग्रुप बी में 4,928 पद रिक्त होने से 12,056 कर्मचारियों का बोझ 7128 मुलाजिमों पर है। जबकि ग्रुप सी में 26,129 मंजूर पदों के बजाय महज 14,043 का स्टाफ काम कर रहा है। ग्रुप सी में 12,086 पद नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। दूरदर्शन और आकाशवाणी में कर्मचारियों की आवश्यकता को लेकर सरकार कई बार सर्वे करवा चुकी है। इस संबन्ध में दो समितियों का गठन भी किया जा चुका है। पहली समिति 2014 में सैम पित्रोदा की अध्यक्षता में बनी बनाई गई थी। उसकी सिफारिशों को स्वीकार भी कर लिया गया था। लेकिन थोड़ी-बहुत खानापूरी के अलावा कुछ नहीं हुआ। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय एजेंसी अर्न्स्ट एंड यंग को स्टाफ की आवश्यकता का नए सिरे से अध्ययन करने को कहा गया। इसकी रिपोर्ट भी पिछले साल सितंबर में मंजूर की जा चुकी है। लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी वास्तविक प्रगति का इंतजार है। दूरदर्शन और आकाशवाणी में रिक्तियों के मसले को संसदीय समिति भी सरकार के समक्ष उठा चुकी है। लेकिन इस बात का कोई स्पष्ट जवाब उसे भी नहीं मिला है कि आखिर इस समस्या का समाधान कैसे और कब तक होगा। देश में अभी दूरदर्शन के किसान चैनल समेत 36 सेटेलाइट चैनल काम कर रहे हैं जिनमें 7 राष्ट्रीय, 1 अंतरराष्ट्रीय तथा 28 क्षेत्रीय चैनल हैं। जबकि सरकार जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख जैसे संवेदनशील इलाकों समेत सभी दूरदर्शन केंद्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार एवं आधुनिकीकरण करने में जुटी है। इसी प्रकार आकाशवाणी के 485 केंद्र हैं, जिनके जरिये 22 भाषाओं तथा 181 बोलियों के साथ 506 एफएम चैनलों तथा 129 मीडियम वेव चैनलों का प्रसारण किया जा रहा है।

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को कड़ी फटकार लग...