मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

भारतः वायरस ने ली 124 की जान

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है। न्यूज एजैंसी व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक देखा जाए तो देश में पिदले 24 घंटे में 354 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए है। और इन्ही 24 घंटों में भारत में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 4421 हो गई है। इनमें 3981 सक्रिय हैं, 325 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। साथ है मौत का आंकड़ा 124 पहुंच चुका है। महाराष्ट्र में 1018 संक्रमित।


सोनिया के बयान पर शाह की प्रतिक्रिया

अश्वनी उपाध्याय


नई दिल्ली। पूरे देश में लॉक डाउन का माहौल है, भारत सरकार ने 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की है। जिसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोना सोनिया गांधी ने भले ही लॉक डाउन का समर्थन किया है। लेकिन उन्होंने इसके तरीके को गलत माना है। उनका क्या कहना है आइए जानते हैं। दरअसल सोनिया गांधी जी का कहना है, कि लोकतंत्र उड़ी तो था लेकिन इसे लागू गलत तरीके से किया गया है इस अनियोजित लॉक डाउन  के कारण प्रवासी मजदूरों का उत्पीड़न हुआ है। जिनकी संख्या लाखों थी लॉक डाउन एक ऐसा प्रोटोकॉल है, जो कि आपातकालीन होता है। इस स्थिति में लोगों के कहीं पर भी आने-जाने पर रोक लगाई गई है। सरकार द्वारा यह प्रतिबंध 21 दिनों के लिए गया है।


आपको बता दें कि साल 2020 में कोरोना वायरस के बचाव के लिए भारत सरकार ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक पूरे देश में लोग कौन किया है। जहां पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से त्राहि मचा हुआ है। वहीं भारत में इसके कारण आए दिन हालात बिगड़ते नजर आते हैं। अभी तो भारत सरकार ने कोरोना वायरस को हराने के उद्देश्य से देशवासियों से यह अपील की है, कि सभी लोग अपने अपने घरों में रहे और कोई भी बाहर ना निकले।


सीएम नीतीश कुमार एवं एवं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 21 दिनों की लॉक डाउन  के बाद देशवासियों से बार-बार हाथ जोड़कर या अपील की है कि कोरोना वायरस का खतरा आपकी जान ले सकता है। इसीलिए अपने घरों में रहकर सुरक्षित रहें और बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतें। अपने हाथों में सैनिटाइज करें। कुछ भी छूने या खाने से पहले अच्छी तरीके से हाथ जरूर धोये। यहा  स्थिति ऐसी है कि लॉक डाउन  होने के बावजूद भी शहर के लोग नहीं मान रहे हैं। जिसकी वजह से पुलिस को डंडे का सहारा लेना पड़ रहा है। जिस शहर को लॉक डाउन किया जाता है उस शहर में कोई भी व्यक्ति के  घर से निकलने पर मनाही होती है एवं उसे स्वयं कों घरों में कैद करना होता है मात्र आवश्यक कार्य के लिए ही लोगों को घर से बाहर निकलने की आज्ञा दी जाती है।


इधर अमित शाह ने सोनिया गांधी के बयान पर तीखा और करारा जवाब देते हुए कहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ने के लिए विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। उनके प्रयासों की लोग सराहना कर रहे हैं। अगर 130 करोड़ भारतीय जनता एकजुट है तो फिर कांग्रेस ऐसी राजनीति और विचार क्यों कर रही है उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय में पहले सोनिया गांधी जी को अपने देश और राष्ट्रीय हित के बारे में सोचना चाहिए और देश की जनता को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए।


आपको बता दें कि लॉक डाउन की वजह से कई जगह ट्रेनों को रोकने की वजह से लोग एवं प्रवासी मजदूर एवं यात्रा करने निकले यात्री लोग भी जगह-जगह देश के कई हिस्सों में फंसे हुए हैं। वह अपने राज्य और अपने शहर लौटने के लिए बहुत ही प्रयास कर रहे हैं। जिन्हें कुछ को तो सरकार ने बसों के द्वारा किसी तरीके से वहां से निकाला। लेकिन अभी भी बिहारी और देश के अन्य हिस्सों से कई जगह के लोग कई जगहों पर फंसे हुए हैं। जिन्हें निकालने के लिए सरकार प्रयास तो कर रही है परंतु लॉक डाउन  के दौरान  किसी भी व्यक्ति को इस शहर से दूसरे शहर में भेजना खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन इन सबके बावजूद भी सरकार द्वारा उन लोगों को ठहरने का जगह और खाना भी दिया जा रहा है।


97 जमातीयों के खिलाफ मामला दर्ज

शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस निजामुद्दीन की मरकज की तबलीगी जमात पर में शामिल हुए लोगों के खिलाफ सख्त हो गई है। पुलिस ने जानकारी छुपाने के आरोप में 97 जमातियों के खिलाफ मामले दर्ज कर दिया है। इनमें से अधिकांश ऐसे जमाती हैं जो दिल्ली में मरकज के जलसे में शामिल हुए थे। हिमाचल प्रदेश में वापस आने पर इन्होंने पुलिस और प्रशासन को अपनी यात्रा की जानकारी नहीं दी। मगर जैसे ही जमातियों का मुद्दा गरमाया तो हिमाचल पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न भागों से मरकज से लौटे तब्लीगी जमात के 329 सदस्यों को ढूंढ निकाला। इन सभी को क्वारंटाइन कर दिया गया है।


पुलिस  के अनुसार ने 14 जमातियों के खिलाफ ऊना जिले में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। मंडी जिले में  सात जमातियों के खिलाफ चार एफआईआर, शिमला में  15 जमातियों के खिलाफ तीन, 45 जमातियों के खिलाफ बद्दी में दो एफआईआर, पांच जमातियों के खिलाफ दो एफआईआर बिलासपुर में, दो जमातियों के खिलाफ दो एफआईआर सिरमौर जिले में, आठ जमातियों के खिलाफ एक एफआईआर चंबा जिले में और एक एफआईआर कांगड़ा जिले में दर्ज की गई है। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51 के तहत यह मामले दर्ज किए हैं।


पुलिस सूत्रों ने बताया कि 64 जमातियों ने पुलिस और प्रशासन को खुद जानकारी मुहैया करवाई है। इनके कोविड-19 सैंपल लिए गए हैं।


वीसी के माध्यम से अदालती कार्रवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की रूपरेखा तय की है और कहा कि तकनीकी यही रहने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोरोना लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों के कामकाज के लिए स्वत: संज्ञान लेकर शुरु किए मामले में विभिन्न दिशा-निर्देश पारित किए है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने निर्देश दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के तौर-तरीकों को स्थापित करने के लिए राज्य उच्च न्यायालयों के साथ संपर्क करने और सहयोग करने के लिए एऩआईसी और राज्य के अधिकारियों को नियुक्त किया जाए। हमें केवल तब तक नहीं रुकना चाहिए जब तक कोरोना है। लॉकडाउन के बाद भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जारी रखने की आवश्यकता है।


सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने टेकनोलॉजी फ्रेंडली और व्यवहार्य विकल्पों को लागू करने की आवश्यकता भी बताई, जो न केवल लॉकडाउन के दौरान, बल्कि बाद में भी जारी रहें। यह कहते हुए कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और इसके तौर-तरीके नियम कानून को सुनिश्चित करने और संविधान को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि कोरोना महामारी के प्रकाश में सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करना महत्वपूर्ण है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि सामाजिक दूरियां करने के दिशा-निर्देशों और सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के लिए उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों द्वारा सभी उपाय किए जाएंगे। उच्च न्यायालयों को सामाजिक दूरी के लिए उपायों को नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया जाता है।


24 घंटे में 600 से ज्यादा संक्रमित

नई दिल्ली। कोरोना का कहर लगातार जारी है। पूरी दुनिया में वह 70 हज़ार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है और 13 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है। इतनी भयंकर जानलेवा बीमारी जिसका तोड़ अभी तक नहीं मिल पाया है उसे हमारे देश में कुछ लोग पता नहीं क्यों जानबूझकर छुपा रहे या यूं कहिए उसे पाल पोस  रहे हैं। भारत में भी कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 42 सौ पार कर चुकी है जिसमें से 1445 तो अकेले एक जमात है। दिल्ली की मुसीबत भी उसी जमात के लोगों ने और बढ़ा दी है। वहां भी संख्या तेजी से बढ़ रही है। सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र का है। कोरोना का कहर सिर्फ भारत में ही नहीं है। ब्रिटेन में भी इस का कहर अब तेजी से बढ़ रहा है। वहां के प्रधानमंत्री खुद इसका शिकार हो चुके हैं और उन्हें आईसीयू में उन्हें भर्ती कराया नया है। भारत में ही पिछले 24 घंटे में सवा 6 सौ से ज्यादा नए मरीज मिले हैं। ये बेहद चिंता की बात है।


अशोक कुमार देश के सर्वश्रेष्ठ आईपीएस

नई दिल्ली। उत्तराखंड पुलिस के पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार को देश का सर्वश्रेष्ठ सक्रिय आईपीएस चुना गया। वर्तमान में देश भर में करीब 4000 आईपीएस अधिकारियों में से सिर्फ 25 को उत्कृष्ट के तौर पर चुना गया है।
फेम इंडिया द्वारा हर वर्ष देश के 25 सर्वश्रेष्ठ आईपीएस की सूची जारी की जाती है। सोमवार को फेम इंडिया ने वर्ष 2020 की सर्वश्रेष्ठ 25 आईपीएस की सूची जारी की। जिसमें 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी और उत्तराखंड के डीजी (कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार को देश का सर्वश्रेष्ठ सक्रिय आईपीएस चुना गया। फेम इंडिया द्वारा विभिन्न वर्ग में 25 सर्वश्रेष्ठ आईपीएस अधिकारियों का चयन किया गया है। यह चयन देश के 4000 से अधिक आईपीएस अधिकारियों के बीच से किया गया है।असल में फेम इंडिया हर वर्ष देश के ऐसे आईपीएस अधिकारियों का सर्वे करता है जिन्होंने अपने कार्य से समाज में अभूतपूर्व योगदान दिया हो। इस लिस्ट में अधिकारियों का चयन उनकी कार्यशैली, जागरूकता ईमानदारी एवं जनता के बीच उनकी छवि सहित 11 बिंदु शामिल होते हैं। सर्वे के बाद फेम इंडिया द्वारा उत्कृष्ट आईपीएस अधिकारी का चयन किया जाता है।
वर्तमान में देश भर में करीब 4000 आईपीएस अधिकारियों में से सर्वश्रेष्ठ 25 में अपनी जगह बनाना बेहद उल्लेखनीय है। यह सभी आईपीएस अधिकारी अपने उत्कृष्ट सेवा के कारण देशभर में विशिष्ट स्थान रखते हैं। इन सभी अधिकारियों को 25 कैटेगरी में बांटा जाता है और हर कैटेगरी में से एक-एक प्रमुख का नाम उत्कृष्ट आईपीएस की सूची में शामिल किया जाता है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार को देश में सबसे सक्रिय आईपीएस अधिकारी घोषित करने के साथ ही फेम इंडिया की इस लिस्ट में उत्तराखंड का नाम भी शामिल हो गया।


समितियां बनाएगी जिले की व्यवस्था

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर जिले में 11 समितियां (Team 11) बनाई जाए। दरअसल राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव व प्रदेश के सभी प्रमुख अफसरों के साथ 11 समितियां बनाई हैं। सीएम की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि अलग-अलग लोगों की समिति जिले में सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करे। इन 11 जिला समितियों द्वरा रोज शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। ये सभी समितियां राज्य मुख्यालय पर बनी समितियों की तर्ज पर ही काम करेंगीं। जिलाधिकारी सभी समितियों के अध्यक्ष तय करेंगे।
राज्य स्तर पर सीएम योगी बना चुके हैं टीम 11


बता दें योगी सरकार ने कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ जंग और लॉक डाउन को लेकर प्रदेश के आलाधिकारियों की कुल 11 समितियां (टीम 11) बनाई हैं। ये समितियां लॉकडाउन के दौरान लोगों को जरूरी सामान की आपूर्ति (विशेष रूप से होम डिलिवरी), गरीब, कमजोर और मजदूरों तक सहायता पहुंचाने, लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने, मीडिया को सही जानकारी देने के साथ ही कई काम कर रही है। ये समितियां रोजाना रिपोर्ट सीएम कार्यालय को भेजती हैं। इसमें सभी जिलों में कंट्रोल रूम की व्यवस्था, चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों की इकाइयों द्वारा लोगों की सहायता, लोगों से लगातार संवाद और अर्थव्यवस्था पर इस लॉकडाउन से पड़ने वाले प्रभाव के लिए कार्ययोजना तैयार करना शमिल है।
मुख्य सचिव से लेकर सभी प्रमुख अधिकारियों की तय है जिम्मेदारी


एक समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव बनाए गए हैं. उनके साथ अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा व श्रम एवं सेवायोजन के अफसर सदस्य हैं। इस समिति का मुख्य काम होगा भारत सरकार और अन्य राज्य सरकारों से महत्वपूर्ण मुद्दों पर समन्वय स्थापित करना। शिक्षा से जुड़े सभी विभागों और सेवायोजन विभाग के माध्यम से सभी छात्रों व काम करने वाले लोगों को अपनी जगह पर रहने के लिए जागरूक करना।
वहीं दूसरी समिति में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अध्यक्ष होंगे। उनका साथ प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास और श्रम व सेवायोजन देंगे। इस समिति का काम श्रमिकों और अन्य गरीबों को समय से भरण पोषण भत्ते का वितरण सुनिश्चित कराना। प्रदेश की औद्योगिक और व्यावसायिक इकाइयों में काम करने वाले कर्मियों को बंदी के दौरान पूरा वेतन/मानदेय सुनिश्चित कराना। इनसे जुड़ी समस्याओं का शासन व जिला स्तर पर निराकरण कराना होगा। इसी तरह कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति का काम आवश्यक सामग्री और वस्तुएं उपलब्ध करने के लिए जिलों से समन्वय करना। अंतर जिला व जनपदीय परिवहन में आ रही दिक्कतों का निराकरण करना। प्रदेश के जनता को होम डिलिवरी से आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने की व्यवस्था देखना। समिति ये भी सुनिश्चित करेगी कि ये वस्तुएं उचित मूल्य पर ही मिलें, इनमें कोई भी कालाबाजारी न हो।
इसी तरह से सरकार ने कुल 11 समितियां बनाई हैं।


जॉनसन की गर्भवती मंगेतर भी संक्रमित

ब्रिटेन। कोरोना वायरस के चपेट में अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की गर्भवती मंगेतर कैरी सायमंड्स भी आ गई है। खुद कैरी सायमंड्स ने इसकी जानकारी देते हुए एक ट्वीट में लिखा, ‘मैं कोरोना वायरस के लक्षण नजर आने के बाद से पिछले एक हफ्ते से आराम कर रही हूं। मुझे अभी टेस्ट कराने की जरूरत महसूस नहीं हुई है। सात दिनों के आराम के बाद मैं मजबूत महसूस कर रही हूं और मुझमें सुधार हो रहा है।’


कोरोना वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे अधिक जोखिम भरा माना जा रहा है, ऐसे में कैरी सायमंड्स ने गर्भवती महिलाओं के लिए एक सलाह भी साझा की है। उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञों का एक लिंक साझा करते हुए लिखा है, ‘कोविड-19 के साथ गर्भवती होना स्पष्ट रूप से चिंताजनक है। अन्य गर्भवती महिलाएं इसे पढ़ें और जरूरी सलाह का पालन करें, मुझे ये ज्यादा ठीक लग रहा है।’ इससे पहले ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. क्लेरेंस हाउस ने घोषणा की थी कि प्रिंस चार्ल्स का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है। मगर उनका स्वास्थ्य ठीक है। 71 वर्षीय प्रिंस चार्ल्स का कोरोना वायरस का टेस्ट स्कॉटलैंड में किया गया था।


 


 


पुलिस-यातायात पुलिस ने बढाई सख्ती

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, मुकेश सैनी रिपोर्टर देहात, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ, रिंकू सैनी रिपोर्टर


हापुड़। प्रदेश सरकार द्वारा लॉक डाउन के चलते हुए गरीब मजदूर के जनधन खाते में धनराशि आने के बाद लोग सड़कों पर आते जाते दिखाई पड़े जिन्हें देखकर सिविल पुलिस व यातायात पुलिस सख्ती से पेश आई।


इन वाहन चालक लोगों को पक्का बाग अतर पुरा चौपुला तथा तहसील चौपला पर लोगों को चेक करना शुरू कर दिया इन लोगों को दो ही बहाने मिले कि हम बैंक जा रहे हैं या फिर हम डॉक्टर के जा रहे हैं। मेरठ गेट चौकी प्रभारी शुभम चौधरी ने पुलिस बल के साथ करीब 20 वाहनों के चालान किए वही अतर पुरा चौपला स्थित चौकी पर यातायात पुलिस ने एक बाइक सीज की तथा दर्जनों चालान किए साथ ही तहसील चौक पर एचसीपी धर्मेंद्र कुमार तोमर ने  सात वाहन चालकों के चालान किए।


लॉक डाउन खुलने की संभावना कम

यूपी में 15 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने की संभावना कम, प्रमुख सचिव ने दिये संकेत, बोले, इंसान की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण!



बृजेश केसरवानी


लखनऊ। यूपी में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यूपी में अबतक 305 कोरोना पॉजीटिव केस आ चुके है, जिसमें तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में सरकार 15 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन खोलने की स्थिति में नहीं है। तब्लीगी जमात से लौटने वाले लोगों के कारण वायरस से संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। जिसने सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। जिसके मद्देनजर योगी आदित्यनाथ सरकार लॉकडाउन पीरियड को 14 अप्रैल से आगे बढ़ा सकती है। 
सोमवार को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रेस कांफ्रेंस में इसके संकेत दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से तबलीगी जमात में शामिल लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो रही है उससे प्रदेश में मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। अगर ऐसा ही रहा तो 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खोलना संभव नहीं होगा। 
अवनीश अवस्थी ने बताया कि शाम चार बजे तक यूपी में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 305 हैं। इनमें से 159 लोग वे हैं, जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए आयोजन में हिस्सा लिया था। बताया कि सरकार अब जमात से जुड़े जिन लोगों में संक्रमण पाया गया है उनके संपर्क में आया है उनको ट्रेस किया जा रहा है।
बताया कि मुख्यमंत्री ने रविवार को सभी जिलों के धर्मगुरुओं से भी बात की। इस बातचीत में सभी ने की सहमती थी कि इंसान की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण है। सभी ने अपना इसमें सहयोग देने की बात कही है। अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि यूपी में 305 में से 159 केश तब्लीगी जमात के लोग हैं। आगे इनकी संख्या बढऩे की भी संभावना है। अब जो भी पकड़ में आएगा, उसका कोरोना वायरस टेस्ट जरूर कराया जाएगा। हालात संवेदनशील हैं। अगर एक भी कोरोना संक्रमित बच जाता है तो पूरे प्रयासों पर पानी फिर जाएगा। इसी कारण प्रदेश में अब भी लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है।


सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ


हापुड़। नंबर 1 लॉक डाउन के चलते हुए गत सोमवार को ततारपुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया पर कुछ महिलाएं में लोग बैंक से पैसे निकालने आए थे। इन लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नही किया। जिसकी कवरेज हापुड़ न्यूज़ की टीम ने की थी।


आज मंगलवार को जनधन बैंक अकाउंट में सरकार द्वारा पैसे आने की सूचना पर लोग भारी मात्रा में ततारपुर स्थित बैंक में लाइन लगाए हुए सोशल स्टैंड सिंह का पालन करते हुए दिखाई दिए सी न नंबर 2 यहां पक्का बाग स्थित एसबीआई बैंक के बाहर भारी मात्रा में महिला व पुरुष बैंक  के बाहर खड़े दिखाई दिए और यह लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी भूल गए, मौके पर पहुंची देहात पुलिस ने उन्हें 1 मीटर दूरी बनाने को कहा और कुछ लोगों को डांटा फटकारा भी तब जाकर यह लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर खड़े हुए सी नंबर 3 गढ़ रोड स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक मैं भी महिलाओं का यही हाल था। यह महिलाएं पैसा निकालने के लिए बैंक में बगैर दूरी बनाए हुए लाइन में खड़े थे एक सज्जन ने मेरठ गेट पुलिस को सूचित किया कि यहां बैंक में महिलाओं की भीड़ लगी है मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी शुभम चौधरी ने पुलिस के साथ इन महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लाइन में लगाया जब बैंकों में भीड़ लगी होने की की सूचना पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार सिंह को मिली तो उन्होंने सिटी कोतवाल अवनीश गौतम को तथा महिला थाना प्रभारी को वायरलेस सेट पर सूचित करते हुए आदेशित किया कि  बैंकों के बाहर भीड़ एकत्रित ना होने दें और यदि यह लोग नहीं मानते हैं तो इनसे सख्ती से निपटा जाए यह हाल इन तीन बैंकों का ही नहीं नगर में अधिकतर बैंकों में ऐसी ही भीड़ देखी जा सकती है।


जरूरत और सरकार के नियम

गंगोह थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव दुधला में सोशल डिस्टेंसिंग ताक पर-बिना किसी सावधानी के बैंक के बाहर लोगो का जमावड़ा
सहारनपुर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समस्त देशवासियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का आह्वान कर चुके हैं।प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा निर्देश पूरे प्रदेश में जारी कर दिए हैं। जनपद सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. ने पूरे जनपद में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने का आदेश जारी किया हुआ है। सरकार की घोषणा के अनुसार गंगोह थाना क्षेत्र के गाँव दुधला मे सरकार के उलंघन साफ तोर पर देखा जा सकता है ! जहाँ बैंक के बाहर बिना किसी डिस्टेंस के लोगो का जमावड़ा लगा हुआ है ! तो वहा यह भी देखा जा सकता ना तो लोगो के मास्क है और ना ही कोई सावधानी बर्ती जा रही है ! बैंक कर्मी भी  डिस्टेंसिंग बनवाने में नाकामयाब है ! यहां जागरूकता की कमी साफ नजर आ रही है।किसी प्रकार की कोई भी सावधानी न तो बैंक के द्वारा और ना ही ग्राहकों के द्वारा बरती जा रही है।यहां सवाल यह है...प्रशासन जनता को जागरूक करने में नाकाम या जनता की लापरवाही...?
रिपोर्ट : आश मोहम्मद/इंतज़ार शाह


जमात के लोगों पर लगे प्रतिबंध

नई दिल्ली। आज दिनांक 7अप्रेल 2020सांय 5बजे भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गुरू जी श्री सूर्य कांत केलकर जी के नेतृत्व में देश भर के पदाधिकारियो एवम कार्यकर्ताओं से कोराना महामारी को लेकर वीडियो कांफ्रेंस द्वारा चर्चा हुई और भारत सरकार से मांग की गई जमात और तरबीज जमात के लोगो पर प्रतिबंध लगे और उन पर सख्त कानूनी कार्यवाही हो, और देश मे अपने आस पास सभी नागरिको को सरकार द्वारा जारी आदेशों का पालन करने के लिए जागरूक करना, जिसमे शंशाक जी, ड्राक्टर पी के सिंघल जी दिल्ली से , श्री गोविन्द मालवीय, श्री सतीश कुमार जी,श्री  महेश चन्द्रा जी, श्री सतपाल  हिंदू जम्मू कशमीरसे, सुप्रीम कोर्ट से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री  ज्ञान प्रकाश जी, अनुरागनी मलिक दिल्ली से , सनातनी संदीप गुप्ता लोनी  गाजियाबाद से,श्री अपूर्व पांडे जी, श्री जगदीश जी हरियाणा से,श्री हनी सोबित जी, श्री विकास कुमार जी एवम सभी कार्यकर्ता।


सोच-विचार कर ही निकले बाहर

 घर से कोई भी ना निकले बाहर और नही निकाले वाहन वरना होगी उसपर सख्त कानूनी कार्यवाही..


जिलाधिकारी के सख्त आदेशों के बाद पुलिस प्रशासन हुआ सख्त सड़क से आजा रहे लोगो को लाकडाउन का पालन करने कि बात कहकर दी आखरी चेतावनी अगर अबभी ना माने तो लिख जायेगा मुकदमा


कानपुर। जिलाधिकारी ब्र्हम देव राम तिवारी ने बीते दिन प्रेसकांफ्रेस कर अपने जिले के लोगो से अपील कि है कि आज दिनाँक 07/04/20 से कोई भी व्यक्ति वाहन से नही चलेगा जिसे भी बाहर कोई काम हो वो पैदल ही बाहर जाये जादा जरूरी काम से या समान लाने ले जाने वाले वाहन ही चलेंगे सड़को पर साथ ही अब अगर कोई भी फालतू घूमता या घर से बाहर पाया गया तो सख्त कार्यवाही करते हुऐ उसपर मुकदमा लिखकर कि जायेगी कानूनी कार्यवाही। सोशल डिस्टेंसिंग का जादा से जादा दे ध्यान ड्रोन कैमरे से रक्खी जा रही नजर। जिसे देखते हुऐ कानपुर के सभी थानो कि पुलिस बीते दिन से ही एक्शन पर उतर आयी है और लोगो पर सख्ती दिखाते हुऐ उन्हे सख्त हीदायद देकर उनसे घर के अंदर रहकर लाकडाउन का पालन करने कि कह रही बात। जिस दौरान सड़क से आ जा रही महिलाओ को भी महिला पुलिस ने सख्त हिदायत देकर किया सचेत।


बागपत अस्पताल से संक्रमित फरार

बागपत। अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे मरीज के फरार होने की हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। फरार होने वाला मरीज जमात का बताया जा रहा है। मरीज के फरार होने से हड़कंप मच गया है। क्योंकि उसके संपर्क में आने वाले लोगों को कोरोना अपना शिकार बना सकता है। अब सवाल यह उठता है की इलाज के लिए धर पकड़ कर अगर अस्पताल में एक जमात के लोगों को भर्ती कराया जा रहा है तो वे इलाज में सहयोग क्यों नहीं कर रहे हैं? और फिर अस्पताल से फरार हो जाना? उसके पीछे की मंशा क्या है? आखिर क्यों वे लोग अपनी बीमारी को अभी तक छुपाते आये  है? और बीमार होने के बावजूद क्यों हुए एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश भटक रहे हैं? आखिर उद्देश्य क्या है उनका? क्या वे खुद को जिंदा बम बना कर दूसरे प्रदेश के लोगों की जिंदगी हराम कर रहे हैं? और अगर उन्हें पकड़कर इलाज के लिए भर्ती भी कराया जा रहा है वहां से भाग क्यों रहे है? क्या उन्हें इस बीमारी से मुक्ति नहीं चाहिए? या फिर वे इस बीमारी से जकड़े रहना चाहते हैं और इस बीमारी को अपने साथ लेकर सारे देश में फैलाना चाहते हैं? अगर उनका यह मकसद है तो यह बेहद खतरनाक है। इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए और ऐसे लोगों के साथ सहानुभूति का रवैया न अपनाकर उनके साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए।


नहीं जलेंगे अकि़दत के चराग़

पुरखों की क़ब्रों पर नहीं जलेंगे अक़िदत के चरॉग़,घरों में होगी फातिहाख्वानी


प्रयागराज। कोरोना वॉयरस की महामारी और लॉक डाउन की पाबन्दी को देखते हुए शबे बारात पर इस वर्ष पुरखों की क़ब्रें वीरान रहेंगी। शासन के आदेश के अनूपालन में जहाँ मस्जिदों में बा जमात नमाज़ पढ़ने पर पुरी तरहा रोक है। वहीं शबे बारात पर क़बरिस्तान पर जा कर अपने पुरखों की क़ब्रों पर चरागाँ कर फातेहा पढ़ने पर भी ओलमाओं ने सखती से मनाही की है। शहर क़ाज़ी क़ारी मक़बूल हबीबी साहब,शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम हसन रज़ा ज़ैदी साहब,चकिया करबला क़बरिस्तान के मुतावल्ली असग़र अब्बास,शेरु भाई समेत शहर के सभी मस्जिदों के इन्तेज़ामकार कमेटियों ने पहले से लोगों को ताकीद कर दी है की कोई भी क़बरिस्तान न जाए अपने अपने घरों में रहकर नज़्रो नियाज़ दिलाए और इबादत करे।सभी ज़िम्मेदार लोगों ने शासन प्रशासन को पूरा सहयोग देने का वायदा भी किया है।समाजिक व धार्मिक संस्था उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै०मो०अस्करी के मुताबिक़ बुधवार ८अप्रैल को पुरखों को याद करने का वार्षिक पर्व शबे बरात पर बड़ी संख्या मे मुस्लिम समुदाय क़बरिस्तान,दरगाहों,मज़ारों पर रात भर मोमबत्ती जला कर क़ब्रों को चरागाँ करता है और फातेहा पढ़ कर अपने पुरखों की मग़फिरत को दूआ करता है।घरों में हलवे और खाने पर नज्रो नियाज़ दिलाने के बाद लोग क़बरिस्तान का रुख करते हैं जो रात भर जारी रहता है।अस्करी ने लोगों से अपील की है की इस वक़्त देश बड़ी विपदा से घिरा है लगातार कोरोना वॉयरस के मरिज़ो मे बढ़ोतरी हो रही है इस वक़्त लोगों को घरों में रह कर लॉक डाऊन को शत प्रतिशत अमल मे लाना होगा।घरों में ही फातेहा पढ़ें।रात भर जग कर अल्लाह की बारगाह में इबादत करें की इस वक़्त दूनिया में कोरोना वॉयरस जैसी वबा से हम सब को महफूज़ रखे ।


बृजेश केसरवानी


30 अप्रैल तक रेलवे की बुकिंग रद्द

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर IRCTC ने अपनी 3 ट्रेनों की बुकिंग्स 30 अप्रैल तक रद्द करने का फैसला किया है. आईआरसीटीसी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है फिलहाल तीन ट्रेन चल रही हैं, जिनमें दो तेजस और एक काशी महाकाल एक्सप्रेस हैं, उनकी रिजर्वेशन रद्द कर दी गयी है।


बुकिंग को पहले 21 दिनों के लॉकडाउन के अंत तक सस्पेंड किया गया था। इसके अलावा इन तीनों ट्रेनों में टिकट बुक करने वाले सभी यात्रियों को पूरा रिफंड मिलेगा। इस समय IRCTC तेजस एक्सप्रेस के नाम से देश के दो अति व्यस्त रूटों पर प्राइवेट ट्रेनों का परिचालन करती है। इनमें दिल्ली से लखनऊ और अहमदाबाद से मुंबई का रूट शामिल है। रेलवे अधिकारी का कहना है कि जिन लोगों ने 15 से 30 अप्रैल 2020 के बीच यात्रा के लिए तेजस एक्सप्रेस में बुकिंग कराई थी, उन्हें पूरा रिफंड मिलेगा।


एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 15 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच प्राइवेट ट्रेन तेजस (Tejas Express) का परिचालन रद्द किया गया है। इसलिए ट्रेनों की बुकिंग फिर से बंद कर दी गई है। इस बारे में रेलवे को सूचना भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि अभी महज 100 से डेढ़ सौ लोगों ने ही रिजर्वेशन कराया था। इतने कम यात्रियों के साथ पूरी ट्रेन को चलाने से काफी नुकसान होता इसलिए रिजर्वेशन की प्रक्रिया बंद कर दी गई है। इस बीच जिन यात्रियों ने टिकट की बुकिंग कराई थी उन्हें रिफंड मिल जाएगा।


'स्टेचू ऑफ यूनिटी' ओएलएक्स पर सेल

नई दिल्ली। संकट और लॉकडाउन के बीच एक अजीबोगरी घटना में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'द स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को ओएलएक्स पर 'सेल' लिए डालने का हैरान करने देने वाला मामला सामने आया है। हालांकि बाद में कंपनी (OLX) ने इस आपत्तिजनक पोस्ट को अपनी साइट से हटा दिया। गुजरात के केवड़िया में बनी विशालकाय इस मूर्ति को ओएलक्स पर बिक्री के लिए डालने को लेकर स्थानीय पुलिस हरकत में आ गई है और मामले की जांच में जुट गई है।
दुनिया की सबसे विशालतम मूर्ति द स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई को समर्पित है जिसे 30,000 करोड़ की कीमत के साथ ऑनलाइन 'सेल' के लिए पोस्ट डाली गई थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 'द स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को सेल के लिए दिए विज्ञापन में लिखा गया था, 'इमरजेंसी! Statue of Unity बेच रहे हैं क्योंकि कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पैसों की जरूरत है।


मामले की खबर स्थानीय समाचार पत्रों पर छपने के बाद लोगों को इस बारे में जानकारी हुई तो होश उड़ गए। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अधिकारियों ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए रविवार को पुलिस में मामले को लेकर अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
Statue of Unity परिसर के असिस्टेंट कमिश्ननर नीलेश दुबे द्वारा साइन की गई प्रेस रिलीज में कहा गया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने बदइरादे से सरकार को बदनाम करने के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को ओएलएक्स पर सेल के लिए डाला था। इसके बावजूद कि उस व्यक्ति को इस प्रकार का कोई अधिकार नहीं था। इस घटना से यह भी साबित होता है कि कंपनी ओएलएक्स अपने यहां आने वाले विज्ञापनों की जांच नहीं की और साइट पर पब्लिश होने की अनुमति दे दी।
अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (अफवाह फैलाने), धारा 417 (धोखाधड़ी), धारा 469 (जालसाजी) और अन्य संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपी का पता लगाया जा रहा है।


उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर 2018 को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने किया था। इसकी ऊंचाई 182 मीटर(597 फीट) है। यहां बड़ी मात्रा में टूरिस्ट पहुंचते हैं। कोरोना वायरस के चलते इस साइट को गुजरात सरकार ने 17 मार्च से बंद कर दिया है।


तहसीलदार पर हमला, भाजपा पर आरोप

तहसीलदार पर हुआ हमला, भाजपाइयों पर लगाया आरोप

कन्नौज। सदर तहसील परिसर स्थित अपने आवास में मौजूद तहसीलदार अरविंद कुमार पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया और बुरी तरह से उनको मारा पीटा। ऐसे में हंगामा सुनकर तहसील कर्मी और सुरक्षा कर्मी पहुंचे तो मौका देख कर हमलावर भाग निकले। मामले की जानकारी होते ही डीएम राकेश कुमार मिश्रा, एसपी अमरेंद्र प्रसाद, एसडीएम सदर शैलेश कुमार फोर्स के साथ तहसीलदार के आवास पर पहुंच गए। यहां बातचीत के दौरान तहसीलदार ने बताया कि दोपहर के वक्त 20 से 25 लोगों की भीड़ उनके घर पर आकर हंगामा करने लगी। जब बाहर निकलकर देखा तो भाजपा सांसद बरामदे की कुर्सी पर बैठे थे। जैसे ही वह बाहर निकले तो सांसद ने थप्पड़ चला दिया और फिर उनके साथ मौजूद लोगो ने बुरी तरह से मारपीट कर दी। मामले को लेकर कर्मचारी संघ ने आरोपियों पर मुकदमा लिखकर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।


राजस्थान में 24 मामलों की बढ़ोतरी

जयपुर। जैसे जैसे लॉकडाउन के दिन बीतते जा रहे है वैसे ही राजस्थान में लगातार मामले बढ़ते जा रहे है बढ़ रहे मामलों से सरकार चिंता में है। मंगलवार की सुबह आए सरकारी आंकड़े परेशानी बढ़ाने वाले है सुबह ही 24 मामले की पुष्टि हुई है।


जैसलमेर के पोकरण मे भी 7 पॉजिटिव
इतने दिनों तक जैसलमेर जिला कोरोना से दूर था लेकिन 2 दिन पूर्व 1 मामला सामने आते ही प्रशासन अलर्ट हो गया था और अब आज पोकरण से एक साथ 7 मामले सामने आते ही प्रशासन पूरा मुस्तैद हो गया है। जैसलमेर के पोकरण मे आये पॉजिटिव सभी उस व्यक्ति के सम्पर्क के बताये जा रहे है जो बीकानेर में पॉजिटिव पाया गया था उसी के सम्पर्क में आने से ये सातों पॉजिटिव हुए है


जोधपुर में भी एक साथ 9 मामले
जोधपुर के मामलों मे 6 व्यक्ति कल पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के परिवार के ही है वही सातवा पॉजिटिव कल पॉजिटिव आये मरीज की पत्नी है और आठवा मरीज एक निजी अस्पताल से संबंधित बताया जा रहा है वही एक महिला वह भी संक्रमित है जो घर-घर सर्वे कर रही थी उसका भी सोर्स पता लगाया जा रहा है।
वही बांसवाड़ा से 4 मामले सामने आए है चुरू से 1 मामला आया है जो निजामुद्दीन मरकज से  जुड़ा हो सकता है।  जयपुर से भी 3 मामले सामने आए है
सुबह-सुबह आये इन आंकड़ों ने सरकार और ज्यादा अलर्ट हो गयी है और तेजी से काम करने में लगी है।


मेरठ के युवक ने फांसी लगाई

युवक ने फांसी लगाकर जान दी


प्रेम शंकर
मेरठ। टेलीकॉम कंपनी में काम करने वाले युवक ने कमरे में फांसी लगाकर जान दी। आत्महत्या के कारण का पता नहीं चला है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।


गंगानगर क्षेत्र के आई ब्लाक में अमरोहा जिले का रहने वाला शशिकांत त्यागी किराए पर कमरा लेकर रहता था, शशिकांत एक टेलिकॉम कंपनी में काम करता था। बताया जा रहा है कि साथ में ही काम करने वाले जानकार सुबह शशिकांत से मिलने कमरे पर पहुंचे।काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब नही खुला तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खोला और अंदर पहुंची। कमरे में शशिकांत का शव फांसी पर लटका मिला। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाकर मोर्चरी भिजवाया। 



एमपीः संक्रमण छिपाने पर धारा 307

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी भोपाल और इंदौर में अधिक खतरा बढ़ गया है। कोरोना मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गंभीर हैं और उन्होंने प्रदेशवासियों को सख्त चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जानकारी छिपाने वाले को किसी भी स्थिति में माफ नहीं किया जाएगा।


हत्या के प्रयास का दर्ज होगा मामला
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- कोरोना की जानकारी छुपाने वाले के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाएगा, क्योंकि वे जानबूछकर संक्रमण को फैलाकर प्रदेश के लोगों की जान आफत में डाल रहे हैं। धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाता है।


भोपालवासियों को दिया संदेश
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपालवासियों के लिए संदेश जारी किया। सीएम ने कहा- कोरोना के मामले में भोपाल हॉट स्पाट बनता जा रहा है। बाहर से आए कुछ लोगों के कारण यह समस्या अचानक बढ़ गई है। इसका एकमात्र उपाय संपर्क को तोड़ना है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के निर्देश का पालन कीजिए। जो घर से बाहर निकलेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


तब्लीगी जमात के कारण बढ़े केस
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा- तबलीगी जमात और अन्य विदेशियों के कारण प्रदेश में पॉजिटिव केसों में बढ़ोतरी हुई है। इनकी पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन और आइसोलेट किया जा रहा है।


छह माह का तैयार हो रहा रोडमैप
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश और दुनिया की स्थिति का आकलन करके छह माह का रोडमैप तैयार कर रहे हैं। पहले दौर में हम जून तक की रणनीति बना रहे हैं। सभी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता के साथ आर्थिक गतिविधियोंको शुरू करने पर मंथन बना रहे हैं। अभी आर्थिक हालत चरमरा गई है। इसे सुधारने के लिए विशेषज्ञों की टाम गठित की है। बता दें कि मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल कोरोना के मामले में हॉटस्पॉट बन चुके हैं। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 255 हो गई है। इंदौर और भोपाल में सबसे ज्यादा मामले हैं। इसी कारण से इन दोनों जिलों में सरकार ने टोटल लॉकडाउन कर दिया है।


शामलीः संपर्क में आने वालों की जांच

शामली। जनपद शामली के थानाभवन क्षेत्र के गांव भैसानी में दिल्ली मरकज से आए तबलीगी जमात के तीन लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद जिला प्रशासन ने जहां तीनों को उपचार के लिए जनपद के अस्पताल में  भर्ती कर दिया है। तो वहीं जिला प्रशासन के आदेश के बाद क्षेत्र के गांव भैसानी में स्वास्थ्य विभाग की टीम व पुलिस प्रशासन ने तबलीगी जमात के लोगों के संपर्क में आए सभी लोगों की घर-घर जाकर प्राथमिक जांच की थी। जिनमें से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 14 लोगों को चिन्हित किया था। आज जनपद शामली की कैराना एसडीएम मनी अरोड़ा सुपर जोनल मजिस्ट्रेट तहसीलदार व पुलिस बल के साथ सबसे पहले थानाभवन कस्बे के मोहल्ला रेत्ति में पहुंची। जहां से चिन्हित किए गए 4 लोगों को थानाभवन क्षेत्र के कस्बा जलालाबाद में बनाए गए आइसोलेशन स्थल गुरु नानक कन्या इंटर कॉलेज में क्वॉरेंटाइन कर दिया। इसके बाद टीम ने क्षेत्र के ही गांव भैसानी इस्लामपुर के चिन्हित किए 10 लोगों को अपने साथ क्वॉरेंटाइन करने के लिए जैसे ही ले जाना चाहा। तो ग्रामीणों ने पुलिस बल व स्वास्थ्य विभाग की टीम का विरोध किया तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में ही एक धार्मिक स्थल में 10 लोगों को क्वॉरेंटाइन कर दिया। अब सभी पर स्वास्थ्य विभाग निगरानी बनाए हुआ है। तबलीगी जमात के लोगों के लगातार संक्रमण मामले सामने आने से जनपद शामली में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिलाधिकारी ने भी जानकारी देकर बताया कि जनपद में अब  11 लोगों कोरोना पॉजिटिव हैं जिन्हें सभी को उपचार दिया जा रहा है।


रिपोर्ट:- सतेन्द्र राणा


डीएम ने खुद स्थिति का जायजा लिया

सुलतानपुर। (कोविड -19) महामारी फैलाव के दृष्टिगत सम्पूर्ण देश में हुए लॉक डाउन के बाद जिलाधिकारी सी 0 इन्दुमती ने जनपद वासियों को हर सम्भव मदद के लिए निरन्तर अय्यारत हैं।


उन्होंने दिहाड़ी मजदूरों आदि के खान-पान की हो व्यवस्था व चिकित्सा सेवा की व्यवस्था सम्बन्धी प्रत्येक सुविधाओं का स्वयं जायजा लेकर ,आवश्यक दिशा निर्देश सम्बन्धित को दिए। उन्होंने आज नगर का भ्रमण करते हुए शालीमार मैरिज लान में बने आइसोलेशन सेंटर पहुंच उसका गोजा लिया और पप्पू रिजवान के सहयोग से उनके स्वास्थ्यानें में तैयार कराये जा रहे चेहरे को 94 ग्राम प्रधानों / प्रधान मंत्रियों को 5000 5000 डीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए। उस किए जा रहे कारकों को अपने-अपने क्षेत्र में जरूरतमंद व्यक्तियों को उपलब्ध कर सकते हैं। उन्होंने पप्पू रिजवान द्वारा किये जा रहे सहयोग की जाशा की।
जिलाधिकारी ने जनपद सभी नागरिकों से अपील की कि सभी लॉक डाउन का पालन करें और अपने घरों में सुरक्षित और स्वावलंबी रहें। साफ-सफाई व सोशल डिस्टेसिंग का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को नॉर्मल सर्दी-जुखाम, बुखार हो, तो दवा लेना आवश्यक है, तो घर से बाहर निकलना पड़े तो चेहरे जरूर लगाएं। उन्होंने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं है कि कोरोना में मुख का उपयोग किया जाए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि ईश्वर की कृपा है कि अभी तक जनपद सुरक्षित है। सूडान से सभी नागरिकों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आयी है। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि बेहतर से बेहतर व्यवस्था जिले में रहे। जनपद के अंदर से सभी व्यक्तियों को शारीरिक परीक्षण में रखा गया है, जिनके स्वास्थ्य में कोई गड़बड़ी अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि हमे उम्मीद है कि आगे भी सब कुछ ठीक रहेगा। इस मौके पर पूर्व ब्लाक प्रमुख दूबेपुर नरगिसरायब द्वारा महिला प्रधानों को मुख वितरण किया गया।


₹500 के लिए बैंकों में लगी लाइन

हरदोई। पाली नगर स्थित हर बैंक में इस समय महिलाओं की लंबी कतारें लगी दिखाई दे रही हैं। फिर चाहें वह बैंक ऑफ इंडिया हो या आर्यवर्त ग्रामीण बैंक या बैंक ऑफ बड़ौदा हो हर बैंक में महिलाओं की लंबी लाइने लगी है। उसकी बजह है कि जन धन योजना के तहत खुले खातों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 रुपये हर महिला के खाते में डाले जा रहे है। उसी को निकालने के लिए महिलाएं बैंकों में कतार लगाकर खड़ी है। आपको बता दें देश इस समय कोरोना की मार से जूझ रहा है। और उसी के बचाव के लिए 21 दिनों का लॉक डाउन चल रहा है। लॉक डाउन की बजह से गरीबों को कोई दिक्कत न हो उसी के लिए प्रधानमंत्री द्वारा जनधन खाते में रुपये भेजे जा रहे है। जिससे गरीबों को कुछ हदतक राहत मिल सके। हालांकि बैंक परिसरों के बाहर लगी लाइनों को सोशल डिस्टेंसिग के तहत खड़ा करने के लिए पुलिस लगातार जुटी हुई है।


'लॉक डाउन' का हो सख्ती से पालन

नई दिल्ली। लॉकडाउन में देखा जा रहा है कि लोग घूम घूमकर बाहर खाना बांट रहे हैं। लोगों के इस कदम पर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। केरल हाईकोर्ट ने प्रशासन से इसपर तुरंत रोक लगाने को कहा है।
लोगों के लॉकडाउन के दौरान बाहर निकल कर खाना बांटने पर केरल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को घर से बाहर घूमने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। चाहे वे खाना बांटने के लिए ही बाहर क्यों न निकले हों। हाईकोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक मामले में सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। इसमें राज्य के कोल्लम में जरूरतमंदों को खाना बांटने की इजाजत कुछ लोगों ने मांगी थी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लोगों को हर हाल में सरकार की एडवाइजरी का पालन करना होगा। कोई भी अपने मन से कुछ भी नहीं कर सकता है। वर्ना हरकोई मनमानी करने लगेगा। दरअसल, याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से कहा था कि उसे जिला प्रशासन जरूरतमंदों को खाना बांटने की इजाजत नहीं दे रहा है। इसलिए हाईकोर्ट उसे ऐसा करने की इजाजत दे। जिसपर हाईकोर्ट ने इजाजत देने से साफ इंकार करते हुए ये आदेश दिया।


राज्यों की लॉक डाउन बढ़ाने की मांग

नई दिल्ली। 24 मार्च से जारी देशव्यापी लॉकडाउन संभवत 14 मार्च को समाप्त हो सकता है। राज्यों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों के मुख्यमंत्री लॉक डाउन को बढ़ाने की मांग कर रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा किया था, जिसके बाद पुरे देश में आवाजाही, ट्रेन, हवाई यात्रा और परिवहन बंद है।


देश भर में कोरोना के 4200 से ज्यादा मरीज मिलने के बाद प्रशासन दबाव में है वही कई राज्यों में हालात बेकाबू है। महाराष्ट्र, तेलंगाना राजस्थान में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। जिसके बाद इन राज्यों के मुख्यमंत्री प्रधनमंत्री से 14 अप्रेल को लॉक डाउन समाप्त ना कर आगे बढ़ाने की मांग कर रहे है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि


“राजस्थान की कुल 7.5 करोड़ आबादी में से हमने 5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग कर ली है। राज्य और केंद्र सरकार एक-दूसरे के संपर्क में हैं और हालात पर नजर बनाए रखे हैं। अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग समस्याएं हैं, हम केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। राज्यों को 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लेने का अधिकार मिलना चाहिए।”
तबलीगी जमात पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है, जिन्होंने गलत किया है उन्हें सजा दी जानी चाहिए।


वही महाराष्ट्र में अब तक 849 कोरोना संक्रमित पाए गए है। जिसके बाद वहा के मंत्री सेना को तैयार रहने कहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि“राज्य में लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद हटेगा या नहीं, यह लोगों द्वारा सरकारी निर्देशों के अनुपालन पर निर्भर करेगा। हालांकि उन्होंने इतना साफ कर दिया था कि महाराष्ट्र में राजनीतिक, धार्मिक या खेलकूद से जुड़े कार्यक्रमों की अगले नोटिस तक इजाजत नहीं होगी, ताकि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लोगों का आपस में मिलना-जुलना न हो।”वही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी लॉक डाउन बढ़ाने की मांग की है। देश में महारष्ट्र के बाद यूपी के हालत बेकाबू है।


वन्यजीवों के स्वास्थ्य की समीक्षा

रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज यहां राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य के समस्त राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों, चिड़िया घरों और वन्यप्राणी केन्द्रों में सुरक्षात्मक उपायों और वहां मानव प्रवेश पर रोक के संबंध में बैठक लेकर गहन समीक्षा की। उन्होंने ब्रांक्स जू न्यूयार्क में रखे गए टायगर को कोरोना संक्रमण के कारण केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केन्द्रीय चिड़िया घर प्राधिकरण, राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण द्वारा 6 अप्रैल को जारी दिशा-निर्देशों का राज्य में संबंधित विभागीय अधिकारियों को पूर्णतः पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वन मंत्री अकबर ने इसके तहत राज्य के समस्त चिड़िया घरों और वन्य प्राणी केन्द्रों में मानव प्रवेश, इनके आवा-जाही पर रोक और इनमें कोरोना संक्रमण की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त सुरक्षात्मक उपाय भी सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया।


वन मंत्री अकबर ने बताया कि राज्य के समस्त चिड़िया घरों और वन्य प्राणी केन्द्रों में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विगत 15 मार्च से मानव प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। वर्तमान में केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के पालन सुनिश्चित करने के लिए आज संबंधित विभागीय अधिकारियों की यह बैठक ली गई है। इसमें जारी दिशा-निर्देशों के संबंध में सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। वन मंत्री अकबर ने बैठक में राज्य के समस्त चिड़िया घरों तथा वन्य प्राणी केन्द्रों पर उच्च निगरानी रखने और यहां कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर संदिग्ध मामलों में तत्काल नमूना लेने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप हर आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह भी दी।


अकबर ने वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए आज नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी के पूरे कैम्पस और चिड़िया घर क्षेत्र को सेनेटाईज करने का कार्य नगर निगम रायपुर के माध्यम से पूर्ण करा लिया गया है। इसी तरह बिलासपुर वनमंडल द्वारा नगर निगम बिलासपुर के माध्यम से कानन पेण्डारी चिड़िया घर बिलासपुर को सेनेटाईज करने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अलावा भिलाई स्टील प्लांट को मैत्री बाग के संबंध में भारत सरकार की एडवाईजरी से अवगत करा दिया गया है। नंदनवन रायपुर में 8 अप्रैल को सेनेटाईजर का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य के चिड़िया घरों और सफारी में कार्यरत समस्त अधिकारी, कर्मचारियों के द्वारा व्यक्तिगत हाईजिन, कैम्पस की साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए सेनेटाईजर से आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था भी की जा रही है।


वन मंत्री अकबर ने बताया कि जंगल सफारी नवा रायपुर में वर्तमान में टायगर लाॅयन, तेंदूआ, भालू, हिरण, साम्भर, नीलगाय, कोटरी और चीतल आदि वन्य प्राणी हैं। राज्य में तीन टायगर रिजर्व अचानक मार्ग, टायगर रिजर्व, उदन्ती सीता नदी, टायगर रिजर्व ओर इंद्रावती टायगर रिजर्व हैं। इन सभी स्थानों में 15 मार्च से मानव प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों में भी 15 मार्च से मानव प्रवेश पर रोक है। जिन-जिन नेशनल पार्को में रोक लगाई गई है, इनमें कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, बस्तर, गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया में भी मानव प्रवेश पर रोक है. इसी प्रकार राज्य के अभ्यारण्यों तमोर पिंगला-सरगुजा, सेमर सोत-बलरामपुर, बादलखोल-जशपुर, गोमर्ढा-रायगढ़, पामेड़-बस्तर, भैरमगढ़-बस्तर, भोरमदेव-कवर्धा के साथ-साथ बार-नवापारा अभ्यारण्य में भी आवा-जाही पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अतुल कुमार शुक्ल, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अरूण पाण्डेय सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।


ब्रिटिश प्रधानमंत्री की तबीयत बिगड़ी

लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को लंदन के हॉस्पिटल में आईसीयू में रखा गया है। ये कदम उनकी लगातार बिगड़ती हालात के बाद उठाया गया है। 55 साल के जॉनसन 26 मार्च को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे। बोरिस के ऑफिस के अनुसार जॉनसन होश में है और उन्हें तत्काल वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत नहीं है।


बोरिस जॉनसन के हॉस्पिटलाइज होने के बाद ब्रिटेन के विदेश सचिव डोमेनिक रॉब आपदा के वक्त बोरिस की जगह देश की अगुवाई कर रहे हैं। दुनिया भर के नेताओं ने बोरी जॉनसन के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि बोरिस बहुत ही मजबूत इंसान है। वे अपने देश से बहुत प्यार करते हैं। वह जल्द ही कोरोना को हराकर लौटेंगे और अपने देश की सेवा करेंगे।


संकट के खिलाफ लोनी के जिम्मेदार

संकट के खिलाफ लोनी के जिम्मेदार
अकाशुं उपाध्याय/इकबाल अंसारी/आदिल 
गाजियाबाद। लॉक डाउन के चलते एक बड़े तबके के सामने भूख एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। 'सरकार की बात और कुत्ते की लात' एक समान होती है। जिस पर विचार करना समय बर्बाद करने के अलावा कुछ भी नहीं है। जनता की सेवा में तत्पर लोगों की वास्तविकता को इंगित करते हुए प्रदेश के सर्वाधिक आबादी वाले क्षेत्र के प्रत्यक्ष सर्वेक्षण आपके सामने हैं। हालांकि प्रयास और परिणाम में एक बड़े अनुपात की खाई अभी भी बाकी है।
1. गाजियाबाद सांसद जनरल वीके सिंह नदारद है। ऐसे नहीं जैसे 'गधे के सिर से सींग' चुनाव के समय फिर घुटनों पर आप लोगों के सामने होंगे। लोनी क्षेत्र में स्थित जनप्रतिनिधि, संस्थाएं, सामाजिक संगठन भुखमरी की समस्या से जूझ रहे हैं। जिसमें कुछ संस्थाएं अभूतपूर्व योगदान प्रदान कर रही है। कुछ दिखावटी और बनावटी लोग भी पीछे चलने की रीश तो कर रहे हैं। लेकिन रफ्तार में पिछड़ गए हैं। कुछ लोग सरकार के रिश्तेदार हैं जो सोशल मीडिया पर फोटो सेशन का काम करते रहते हैं।
आइए देखते हैं कौन-कौन लोग इस समस्या के समय में किस प्रकार से योगदान कर रहे हैं।
2. पूर्व विधायक मदन भैया क्षेत्र में नहीं है। जनता से राजनीतिक संबंध है, भूख का नहीं है। उनके द्वारा नियुक्त प्रतिअधिकारी राशिद नामक व्यक्ति के द्वारा प्रेम नगर कॉलोनी में भोजन वितरण एवं राहत कार्य किया जा रहा है।
3. पूर्व विधायक जाकिर अली के द्वारा प्रतिदिन 2,000 से अधिक लोगों को पक्का भोजन पैक करके वितरित किया जा रहा है। जिसका आज सातवां दिन है और यह अभी निरंतर जारी रहेगा। 4.वर्तमान विधायक नंदकिशोर गुर्जर की रसोई बंथला नहर स्थित लेखा फार्म हाउस में संचालित है। निरीक्षण के दौरान विधायक जी से संपर्क का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। रसोई की देखरेख करता के द्वारा जानकारी दी गई। प्रतिदिन 5000 लोगों को पक्का भोजन पैक करके उनके निवास स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। हालांकि निरीक्षण में केवल एक गैस की भट्टी मौजूद थी और कितना खाना पक सकता है? यह आप स्वयं आकलन कर सकते हैं। उनके पास वितरण का कोई लिखित विवरण भी उपलब्ध नहीं था कि किस को, किस प्रकार भोजन वितरित किया जाएगा?
5. पूर्व चेयरमैन विनोद बंसल से संपर्क नहीं हो पाया है। क्षेत्र में उनके द्वारा किसी प्रकार की सेवा अथवा राहत का कार्य होने की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। मनोज धामा/रंजीता धामा पूर्व चेयरमैन/वर्तमान चेयरमैन:- मनोज धामा एवं रंजीता धामा स्वयं की उपस्थिति में बैठकर बेहटा स्थित कार्यालय पर तीन भटि्यों पर लगभग 9000 लोगों के लिए पक्का भोजन तैयार करा रहे हैं। इसके अलावा दो अन्य स्थानों पर भी भोजन तैयार किया जाता है और नजदीकी क्षेत्रों में वितरण किया जाता है। जरूरतमंद लोगों की लिस्ट के अनुसार भोजन निर्मित किया जाता है। उसके पश्चात वितरण किया जा रहा है। उनके द्वारा स्थापित व्यवस्था बाकी सभी व्यवस्थाओं से ठीक है। साफ-सफाई और पैकिंग का भी विशेष ध्यान रखा गया है। इस प्रकार की व्यवस्था अन्य किसी के द्वारा लागू नहीं की गई है।
6.सचखंड नानक धाम में प्रकाश नामक व्यवस्थापक सदस्य के अनुसार संस्था को किसी प्रकार का अनुदान,सहायता किसी से प्राप्त नहीं हुई है। संस्था स्वयं 22000 लोगों का भोजन निर्मित कर रही है और निर्धारित केंद्रों तक वितरित भी कर रही है। हालांकि यह आधा सच है।
7. मानव कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष धर्मेंद्र त्यागी के द्वारा 700 से 800 व्यक्तियों के लिए के भोजन वितरण किया जा रहा है। स्वयं की देखरेख में जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाया जा रहा है। यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
8. गुरु गोरखनाथ पीठ ट्रस्ट के संरक्षक चंद्रपाल भगत जी के द्वारा जरूरतमंदों को संयुक्त राशन के पैकेट और पक्के भोजन की व्यवस्था समय-समय पर की जा रही है।
9. जमीयत उलेमा हिंद के शहर सदर हाजी अब्दुल अजीज कुरैशी एवं पदाधिकारियों के द्वारा दो हजार से अधिक परिवारों को संयुक्त राशन के पैकेट वितरित किए जा चुके हैं।एक वक्त के भोजन की व्यवस्था निरंतर जारी है। 300 से अधिक लोगों को प्रतिदिन के भोजन की पूर्ति की जा रही है। यह निरंतर जारी रहेगा।
10. आवाम ए हिंद के द्वारा व्हाट्सएप के ग्रुपों पर कई बार फोटो तो देखे गए हैं। लेकिन वास्तविकता क्या है? इसका ठीक-ठीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। संस्था के कार्य धारी नौशाद सैफी से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
11. हाजी सलमान प्रदेश मंत्री भाजपा के द्वारा 3000 जरूरतमंद लोगों को संयुक्त राशन के पैकेट वितरित किए गए हैं। उनका प्रयास निरंतर जारी है उन्होंने यह भी कहा है कि जरूरतमंदों के लिए मैं यथासंभव तत्पर हूं।
12. तरुण जैन चैरिटेबल हॉस्पिटल के अध्यक्ष हरीश जैन के द्वारा निरंतर 10 दिनों से 800 लोगों को पक्के भोजन की सेवा प्रदान की जा रही है। क्षेत्र में कार्यरत प्रशासनिक अमले को भोजन देने में संस्था सफल प्रयास कर रही है। ज्यादातर भोजन का वितरण उपजिला अधिकारी खालिद अंजुम खान के निर्देश में वितरित किया जाता है। हालांकि सरकारी अनुदान या लाभ का कोई संबंध नहीं है। यह सेवा भी निरंतर जारी रहेगी।


चल रहा है कण-कण 'संपादकीय'

जल रहा है कण-कण, बरस रहे अंगार।
साधु-संत ना होते तो जल जाता संसार।


ढोंग का आडंबर रच कर, स्वांग का मंच बनाकर, नर्तक-नर्तकी, गीतकार कला का प्रदर्शन करते हैं और अपनी आजीविका निर्वाह करते हैं। परंतु उनका हृदय निर्मल और निश्छल रहता है। पक्षपात रहित सभी को अपने गुणधर्म का आनंद लेने के लिए स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। उसमें किंचित भी लेश मात्र नहीं रहता है। आज देश की स्थिति अत्यंत दयनीय बन गई है। सामर्थ्यवान और उत्तरदायी लोग अपने दोषो को निरीह और कमजोर पर थोपने का कार्य कर रहे हैं। देश की बागडोर संभालने वाले सभी लोग धन्य है। मानव जाति को वर्ग-समूह में बांटकर दृष्टिगत करने वाले नीती धारको की महिमा भी कम नहीं है। विवश और लाचार व्यक्ति की पीड़ा को अपने स्वार्थ की बलि चढ़ाने वाला एक भी व्यक्ति क्षमा प्रार्थी नहीं है। यह भी स्मरण रखना चाहिए, समय की गति कभी नहीं रुकती है। यहां इसी पृथ्वी पर बहुत सारे बलिस्ट, बुद्धिमान, मानव, तपस्वी भी हुए हैं। लेकिन समय सब कुछ निगल गया है और किसी को इसका एहसास भी नहीं हुआ। आज भूख और लाचारी के जन्मदाताओं के मुख पर मुर्दों के जैसी उदासी देखी जा सकती है। बल्कि साफ-साफ दिख रही है। जनता की रक्षा और सुरक्षा के चक्रव्हू की संरचना में कई द्वार खाली छोड़ने के कारण यह पराजय अंत समय तक आत्मग्लानि का दर्पण दिखलाती रहेगी और इसकी विभूति सदियों तक अंकित रहेगी। जिन लोगों का मन संवेदना से परिपूर्ण है। जिन्हें मान, पद, प्रतिष्ठा से कोई लगाव नहीं है। जिन्होंने वस्त्रों को रंगने के बजाय, अपने मन को रंगा है। जो मानव सेवा के महत्व को समझते हैं। उन्होंने सब बंधनों को त्याग कर, सेवा और समर्पण के मार्ग को अपनाया है। लेकिन ऐसे उन्मुक्त प्राणियों की गिनती बहुत कम रह गई है। साधुवाद और तप की परिभाषा का भी ज्ञान नहीं है। ऐसे लोगों से जनता को इस युग में कोई आशा और अपेक्षा रखना उचित नहीं है।


 राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


'अच्छे दिनों का किला ढह गया'

अच्छे दिनों का किला ढह गया 


इजाजत दे दे अब हमें मरने की,
वरना कोई रहा निकाल पेट भरने की।
फाका मेरे बच्चो का, बेखौफ कर दिया है।
जमीर अब गवाही नहीं देता है डरने की।
तेरी हुकूमत से मुझे बगावत नहीं है।
ऐसी बे-तरतीब मेरी आदत नहीं है।
अपने-अपने घरों में भूखे पेट रोने से,
हम जिंदा रहेंगे हिफाजत ओढ़ कर सोने से।
अपने-अपने घरों में नजरबंद किया है।
हालात ए दस्तूर हमने भी पसंद किया है।
गरीब का काम नहीं तो इंतजाम नहीं।
दो वक्त की रोटी भी सुबह-शाम नहीं।
सांस वायरस के खौफ से नहीं चलेगा।
फकत कुछ वादों से चूल्हा नहीं चलेगा।
हवा-हवाई फैसलों को जमीन पर उतरना होगा।
बिखरा वतन मदद के हाथों से सवारना होगा।
कमोबेश जहां अनाज ही अनाज निकलता है।
बदकिस्मती वहीं से भुखमरी का आवाज निकलता है।
मंजर साफ इशारा है हुकूमत की बेपरवाही का।
सूली पर लटकी भूख की तस्वीर की गवाही का।
देश तरक्की परस्त मुल्क में शुमार था।
हमें भी इस गलतफहमी का बेहद खुमार था।
नासूर बना जख्म कतरा-कतरा लहू बह गया।
बुरे दिन ढूंढता हूं अच्छे दिनों का किला ढह गया।



 'सिराज' मोहम्मद सिराज


मना करने पर लेता कड़ा एक्शनः ट्रंप

 भारत दवा की सप्लाई नहीं करता,तो लेते कड़ा एक्शन-डोनाल्ड ट्रंप
अंतरराष्ट्रीय
भारत दवा की सप्लाई नहीं करता,तो लेते कड़ा एक्शन-डोनाल्ड ट्रंप


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान
दवाई की सप्लाई के लिए शुक्रिया: ट्रंप सप्लाई ना होने पर लेते कड़ा एक्शन
वाशिंगटन। कोरोना वायरस के कहर का शिकार हो रहे अमेरिका ने मुश्किल वक्त में भारत से मदद मांगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बीते दिनों फोन पर बात की और कोरोना वायरस पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने एक दवाई की सप्लाई फिर शुरू करने को कहा था, लेकिन अब दो दिन के बाद ट्रंप ने कहा है कि अगर भारत ये मदद नहीं करता तो फिर उसका करारा जवाब दिया जाता।


मंगलवार को व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘रविवार की सुबह मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी, मैंने उनसे कहा था कि अगर आप हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई को शुरू करते हैं, तो काफी अच्छा होगा। लेकिन अगर वो ऐसा नहीं करते तो कुछ नहीं होता, तो उसका करारा जवाब दिया जाता। आखिर कड़ा जवाब क्यों नहीं दिया जाएगा ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी डोनाल्ड ट्रंप को इस दवा के लिए आश्वासन दिया गया था। इस बातचीत के बाद भारत सरकार ने 12 एक्टिव फार्माटिकल इनग्रीडियंट्स के निर्यात पर लगी रोक को हटा दिया है, जिसके बारे में जानकारी साझा की गई।


दो दिन में बदले ट्रंप के तेवर?


गौरतलब है कि रविवार को जब डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी की बातचीत हुई थी, तब ट्रंप ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ मिलने पर आभार जताया था। व्हाइट हाउस में उन्होंने बयान दिया था कि अगर भारत दवाई की सप्लाई करता है, तो वह काफी अच्छा होगा, हम उनका धन्यवाद करते हैं। लेकिन अब दो दिन के अंदर ही ट्रंप पूरी तरह से बदल गए और धमकी देने के अंदाज में आ गए।


क्यों जरूरी है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन?


आपको बता दें कि एक रिसर्च में सामने आया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार है और ये दवाई दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में ही बनाई जाती है, लेकिन भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी।


भारतीय दवा कंपनियां बड़े स्तर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन करती हैं। मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बेहद कारगर दवा है। भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं, इसलिए भारतीय दवा कंपनियां बड़े स्तर पर इसका उत्पादन करती हैं। चीन से निकले कोरोना वायरस का कहर धीरे-धीरे दुनियाभर पर छा गया, जिसमें अमेरिका इसका सबसे बड़ा शिकार हुआ। अमेरिका में साढ़े तीन लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस की चपेट में हैं, जबकि 10 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालात इतने खराब हैं कि अमेरिका में वेंटिलेटर्स और अस्पतालों में बेड की कमी है।


एकता संघ टीवी शो करेंगे अक्षय

मुंबई। अभिनेता अक्षय ओबेरॉय मंच पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। वह शॉर्ट और फीचर फिल्मों के साथ-साथ वेब सीरीज में भी काम कर चुके हैं। अब उनकी इच्छा मशहूर निर्माता एकता कपूर संग टेलीविजन शोज करने की है, जिनके साथ वह इससे पहले कुछ परियोजनाओं में काम कर चुके हैं। उनके पास इस वक्त कई सारी परियोजनाएं हैं, जिनमें से एक एकता की फिल्म केटीना भी है। इस फिल्म में दिशा पटानी मुख्य किरदार में हैं।
इस फिल्म के बारे में अक्षय ने यह एक पंजाबी लड़की के बारे में है, जिसका ज्योतिषशास्त्र पर गहरा यकीन है। यह उस लड़की की प्रेम कहानी है। इससे पहले अक्षय, एकता की वेब सीरीज द टेस्ट केस और हम तुम एंड देम में काम कर चुके हैं। एकता टीवी की दुनिया में काफी मशहूर हैं, ऐसे में क्या वह उनके द्वारा निर्मित किसी टीवी शो का हिस्सा बनना चाहेंगे?


इस पर अक्षय ने कहा, क्यों नहीं? बिल्कुल। अगर एकता को लगता है कि उनके द्वारा निर्मित किसी टीवी शो के लिए मैं ठीक हूं, तो फिर क्यों नहीं करूंगा। सिर्फ एक बात यह है कि भारत में टीवी शोज जिस तरीके से काम करते हैं..सारे डेली सोप हैं, तो ऐसे में यह एक लंबी प्रतिबद्धतता है। इसमें पूरे साल का समय देना होता है और मैं एक साल में कई सारी परियोजनाओं में काम करना चाहता हूं। यही बस एक दुविधा है।


इम्यूनिटी सिस्टम पड़ सकता है कमजोर

कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है. लॉकडाउन के चलते कई लोग वर्क फ्रॉम होम भी कर रहे हैं. इस दौरान वो लैपटॉप की स्क्रीन या फिर अपने मोबाइल फोन के संपर्क में कई घंटे रहते हैं. काम खत्म होने के बाद भी कुछ लोग मोबाइल स्क्रॉल करते रहते हैं जिससे वजह से उन्हें नींद आने में काफी परेशानी होती है. रात को देर से सोना और सुबह शिफ्ट के लिए जल्दी उठ जाने से कई बार लोगों की नींद पूरी नहीं होती है जिसका सीधा असर न केवल उनके चेहरे और स्वभाव पर पड़ता है बल्कि उनकी इम्यूनिटी पावर भी काफी कमजोर हो जाती है. लेकिन क्या आप कम सोने के नुकसान जानते हैं
इम्यूनिटी सिस्टम पर पड़ता है बुरा असर:
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप कम नींद लेते हैं तो इम्यूनिटी काफी कम हो सकती है. हालांकि कमजोर इम्यूनिटी के पीछे और भी कई वजहें जिम्मेदार हो सकती हैं.
सेक्सुअल डिसऑर्डर की समस्या:
नींद कम ले पाने का सीधा प्रभाव लोगों की यौन क्षमता पर भी पड़ता है. दरअसल, टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की वजह से ही महिलाओं और पुरुषों में यौन संबंध बनाने की इच्छा होती है. जब आप सोते हैं तो टेस्टोस्टेरॉन का लेवल बढ़ जाता है.
याददाश्त होती है कमजोर:
कम नींद लेने से लोगों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है. इसका सीधा असर उनकी याददाश्त पर भी पड़ता है. लोगों की लॉन्ग टर्म मेमोरी प्रभावित होती है और वो बातों को काफी जल्दी भूलने लगते हैं.
निर्णय लेने की क्षमता होती है प्रभावित:
कम नींद लेने से आपकी निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. कई बार आपने शायद ऐसा महसूस किया होगा कि आप किसी बात को लेकर क्विक डिसिजन नहीं ले पा रहे हैं और निर्णय लेने के बाद भी आप उसे लेकर श्योर नहीं हैं. नींद कम लेने की वजह से अक्सर निर्णय लेते वक्त लोग असमंजस का शिकार हो जाते हैं.
बढ़ सकता है स्ट्रेस:
कम नींद लेने का सीधा असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. दरअसल, सोने से दिमाग फ्रेश रहता है और ऊर्जा से भरा रहता है. लेकिन जब नींद पूरी नहीं हो पाती है तो दिमाग भी फ्रेश नहीं महसूस करता हैं. यही वजह है कि कम नींद लेने से स्ट्रेस बढ़ सकता है.


ऑनलाइन घर से काम और चर्बी

मनोज सिंह ठाकुर


कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश लॉकडाउन में के चलते कई ऐसे लोग हैं जो वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. वर्क फ्रॉम होम यानी ऑफिस का काम घर से ऑनलाइन करना. वर्क फ्रॉम होम सुनने में जितना आसान लगता है वास्तविकता में ऐसा होता नहीं है. दरअसल, ऑफिस में टेबल चेयर और एक सिस्टम पर काम करना ज़्यादा प्रोफेशनल होता है. वर्क फ्रॉम होम के दौरान शायद ज़्यादातर लोग ऐसे होंगे जो अपना लैपटॉप लेकर या तो बिस्तर पर बैठे काम कर रहे होंगे या कुछ जमीन पर भी. ऐसे में कई बार स्ट्रेस काफी ज़्यादा तो होता ही है साथ ही पोश्चर सही न होने की वजह से पेट और कमर के आसपास की चर्बी भी बढ़ सकती है. आइए हेल्थलाइन के हवाले ऐसे जानते हैं कि किस तरह आप बेली फैट यानी पेट की चर्बी कम कर सकते हैं…
घुलनशील फाइबर का करें सेवन:
खाने में ऐसे आहार को शामिल करें जिसमें प्रचुर मात्रा में घुलनशील फाइबर पाया जाता है. यह फाइबर कैलोरी को सोख लेता है. घुलनशील फाइबर इन फ़ूड आइटम्स में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है:अलसी का बीज, शिराताकी नूडल्स, ब्रसल स्प्राउट, एवोकेडो, फलियां और काले शहतूत.
ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थों से रहें दूर:
कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आयी है कि पेट की चर्बी बढऩे का ट्रांस फैट के ज़्यादा सेवन से गहरा कनेक्शन है. चाहे आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हों, ट्रांस फैट का खाने में कम से कम इस्तेमाल करें.
अल्कोहल बहुत कम मात्रा में लें:
अगर आप ज़्यादा मात्रा में शराब का सेवन करते हैं तो आपकी बेली फैट यानी कि तोंद बढ़ सकती है. अगर आप कमर के बढ़ते हुए घेरे को कम करना चाहते हैं तो शराब का सेवन बिलकुल संतुलित मात्रा में करें और चाहें तो न ही करें.
हाई प्रोटीन युक्त डाइट लें:
अगर आप अपनी कमर के आसपास के घेरे को कुछ कम करना चाहते हैं तो ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिनमें प्रोटीन की प्रचुर मात्रा होती है. फिश, दाल, और बीन्स में प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है.
तनाव से रहें दूर:
तनाव आपकी कमर और पेट के आसपास की चर्बी को बढ़ा सकता है. लेकिन अगर आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो तनाव कम करना आपकी प्रायोरिटी लिस्ट में शामिल होना चाहिए. दरअसल स्ट्रेस से एड्रिनल ग्रंथि में कोर्टिसोल हार्मोन ज़्यादा मात्रा में बनने लगता है. कोर्टिसोल हार्मोन को स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है. रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोर्टिसोल हार्मोन की ज़्यादा मात्रा होने से भूख काफी तेज लगती है और इससे पेट की चर्बी बढ़ती है.


ओटीपी को लेकर एसबीआई का अलर्ट

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक ने अपने ग्राहकों को नए तरीके से हो रहे साइबर क्राइम को लेकर अलर्ट किया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए एक चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में बैंक ने अपने ग्राहकों को एक नए तरह के साइबर क्राइम को लेकर चेताया है। बैंक ने कहा है कि कुछ धोखाधड़ियों में ग्राहकों के पास उनकी लोन ईएमआई को टालने के लिए उनसे कॉल पर ओटीपी मांगा गया है। एसबीआई ने एक ट्वीट में कहा, ‘ईएमआई को टालने के लिए ओटीपी शेयर करने की जरूरत नहीं होती है। कृपया अपना ओटीपी शेयर ना करें।’ SBI के सोशल मीडिया पर वायरस हो रही उन खबरों को फेक खबर बताया, जिसमें EMI टालने के लिए OTP साझा करने की बात कही जा रही है। SBI ने अपने ग्राहकों को सतर्क करते हुए कहा कि लोगों को लोन की ईएमआई रुकवाने के लिए अपना ओटोपी साझा करने के लिए कहा जा रहा है। बैंक से साफ किया है कि ऐसी कोई भी एडवाइजरी या निर्देश बैंकों की ओर से नहीं दिए गए हैं।


बैंक ने कहा कि EMI टालने के लिए OTP साझा करना जरूरी नहीं है। एक बार ओटीपी साझा करने के बाद साइबर क्रिमिनल्स और हैकर्स आपके खाते से पैसे निकालकर आपका अकाउंट खाली कर सकते हैं। ऐसे में बैंक ने ट्वीट कर, ग्राहकों को ईमेल और SMS भेजकर अलर्ट किया है कि वो किसी से भी अपना OTP साझा न करें। बैंक ने ट्वीट मकिया है कि EMI डिफर्मेंट के लिए OTP शेयरिंग की आवश्यकता नहीं है। बैंक ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वो ईएमआई डिफर्मेंट स्कीम के बारे में जानकारी के लिए बैंक की वेबसाइट से ही जानकारी लें। बैंक ने कहा कि EMI टालने के लिए OTP साझा करना जरूरी नहीं है। एक बार ओटीपी साझा करने के बाद साइबर क्रिमिनल्स और हैकर्स आपके खाते से पैसे निकालकर आपका अकाउंट खाली कर सकते हैं। ऐसे में बैंक ने ट्वीट कर, ग्राहकों को ईमेल और SMS भेजकर अलर्ट किया है कि वो किसी से भी अपना OTP साझा न करें। बैंक ने ट्वीट मकिया है कि EMI डिफर्मेंट के लिए OTP शेयरिंग की आवश्यकता नहीं है। बैंक ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वो ईएमआई डिफर्मेंट स्कीम के बारे में जानकारी के लिए बैंक की वेबसाइट से ही जानकारी लें।


बता दें कि कोरोना माहामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए RBI ने सभी भारतीय बैंकों / भारतीय वित्तीय संस्थानों को यह अनुमति दी है कि वे 1 मार्च 2020 से 31 मई, 2020 के बीच अपने EMI भुगतानों पर 3 महीने तक के ग्राहकों को राहत दे सकते हैं. यानी ईएमआई को आगे बढ़ा सकते हैं। आरबीआई की सलाह के बाद सरकारी के साथ प्राइवेट बैंकों ने इसका फायदा ग्राहकों को दिया है।


यूपी विधायकों के वेतन पर गाज

लखनऊ। केंद्र सरकार की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सभी विधायकों की 30 प्रतिशत सैलरी कम करने की तैयारी में है। इतना ही नहीं सभी विधायकों की निधि 2 साल के लिये सस्पेंड की जाएगी। दो साल तक विधायक निधि कोविड-19 (COVID-19) की महामारी के लिए उपयोग की जाएगी।


योगी सरकार इसके लिए जल्द ही अध्यादेश लाएगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सांसद निधि के फंड को दो साल तक के लिए स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही कोरोना से निपटने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सांसदों के वेतन में तीस फीसदी कटौती का भी फैसला लिया है। यह फैसला 1 अप्रैल 2020 से लागू माना जाएगा। इस फैसले के तत्काल बाद ही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने भी स्वेच्छा से साल भर तक तीस फीसद कम वेतन लेने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले का सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया है। यूपी सरकार भी सभी विधायकों की सैलरी में कटौती और विधायक निधि को दो साल के लिए सस्पेंड करेगी। केंद्र के फैसले की कॉपी मिलने के बाद यूपी सरकार अध्यादेश के जरिए इसे लागू करेगी।
सपा का समर्थनः सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी ने इसका समर्थन किया है, लेकिन साथ ही कहा है कि सरकार को एक-एक पैसे का हिसाब भी देना होगा। समाजवादी पार्टी के अनुराग भदौरिया ने कहा कि जितनी सैलरी काटनी हो सरकार काट सकती है। संकट की इस घड़ी में सभी साथ हैं, लेकिन सरकार को जनता को हिसाब भी देना होगा। सरकार को ये भी बताना होगा कि पैसों का कहां और कैसे इस्तेमाल किया गया।


बीजेपी एमएलसी पहले ही कर चुके हैं ऐलान
कोरोना के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री के आह्वान का असर उत्तर प्रदेश में भी दिखने लगा है। बीजेपी के महामंत्री और एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने दो साल की विधायक निधि की पांच करोड़ की राशि मुख्यमंत्री को सौंपने का ऐलान किया है। बीजेपी नेता ने इसकी जानकारी ट्वीट कर के दी है। न्यूज़ 18 से बातचीत में विजय बहादुर पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से प्रेरणा लेते हुए वे अपने वेतन में भी तीस फीसदी कटौती कराएंगे। इसके लिए वे सभापति विधानपरिषद को चिट्ठी लिखकर अनुरोध करेंगे।


सौतेली बेटी से रेप करता रहा बाप

नागपुर। रिश्ते को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। हैवान बाप अपनी सौतेली बेटी का पिछले चार साल से रेप कर रहा था। पुलिस ने सोमवार को बताया कि नागपुर में जरीपटका इलाके में एक 53 वर्षीय व्यक्ति पर उसकी नाबालिग सौतेली बेटी के साथ पिछले चार साल से बलात्कार करने का मामला दर्ज किया गया है।


एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी अपनी सौतेली बेटी को पॉर्न वीडियो दिखाता था और घर के भीतर ही उसका रेप करता। अब वह 17 साल की है। यह वह पिछले चाल साल से किया करता था। उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां घटना के बारे में पता चलने पर दो बार घर छोड़कर चली गई थी, मगर बाद में फिर आरोपी के पास लौट आई। हालांकि, जब 1 अप्रैल को आरोपी ने फिर उसकी बेटी का रेप किया, तो मां इस बार चुप नहीं बैठी और उनसे पुलिस से संपर्क किया और मामला दर्ज कराया। अधिकारी ने बताया कि आरोपी पिता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।


रेलवे प्रणाली-सारणी में करेगा बदलाव

नई दिल्ली। रेलवे 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद संभावित ट्रेन परिचालन को लेकर तैयारियों में जुट गया है। कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने को लेकर कुछ प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। इसके तहत यदि परिचालन शुरू किया जाता है तो यात्रियों को मास्क पहनने के निर्देश देने समेत उनके स्वास्थ्य की जांच करने और यात्रियों के बीच दूरी रखने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।


लॉकडाउन के मद्देनजर स्थगित की गई यात्री सेवाएं कब बहाल होंगी, इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन सेवाएं बहाल करने के बारे में फैसला आगामी हफ्ते में लिए जाने की संभावना है।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह संवेदनशील समय है और हम फिलहाल राजस्व अर्जित करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। मुख्य जोर यात्री सुरक्षा पर और (कोरोना वायरस) महामारी के नहीं फैलने पर है। सरकार जब हरी झंडी दिखा देगी तब समय आने पर ट्रेनें चलेंगी। हालांकि अभी तक हमने कोई फैसला नहीं लिया है। रेलवे के विभिन्न जोनों में अधिकारी उन ट्रेनों और मार्गों को चिह्नित कर रहे हैं जिन्हें बोर्ड की मंजूरी के साथ बहाल किया जा सकता है। अधिकारियों ने कहा कि मुख्य तौर पर ध्यान इस पर देना है कि क्या प्रवासी कामगारों को ले जाने वाले मार्गों और जो लोग यात्रा नहीं कर रहे हैं तथा कोविड-19 के अत्यधिक संक्रमण वाले स्थानों पर रुके हुए हैं, को शुरू में बहाल किया जा सकता है।


उन्होंने कहा कि रेलवे को यह भी ध्यान में रखना होगा कि लॉकडाउन कैसे खुलने वाला है। यदि यह चुनिंदा तरीके से होता है तो फिर ट्रेनें सिर्फ उन्हीं इलाकों में परिचालित होंगी जहां लॉकडाउन (उस वक्त) हट गया होगा। रेलवे द्वारा 19 मार्च के उस आदेश को भी जल्दबाजी में रद्द नहीं करने की संभावना है, जिसके तहत यह कहा गया था कि अनावश्यक यात्रा को हतोत्साहित करने के लिए लॉकडाउन के बाद की भी अवधि में रोगियों, छात्रों और दिव्यांगों को छोड़ कर अन्य यात्रियों के लिए किराये में रियायत स्थगित की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन सेवाएं बहाल होने के बाद यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी प्रोटोकॉल पर भी रेलवे चर्चा कर रहा है। वे ट्रेनों में सवार होने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग और अन्य तरीकों से जांच करने पर भी विचार कर रहे हैं।


रेलवे के व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण को डीआरडीओ की हरी झंडी


उत्तर रेलवे के वर्कशॉप में बने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के दो नमूनों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने हरी झंडी दे दी है। इससे रेलवे इकाइयों में इनके उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ये उपकरण रक्त या शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ को रोक पाने में कारगर साबित हुए हैं।
उत्तर रेलवे ने रविवार को कहा-अब इन पीपीई का विनिर्माण भारतीय रेल द्वारा किया जाएगा, इसे रेलवे अस्पतालों में कोविड रोगियों का इलाज करने वाले चिकित्सक इस्तेमाल करेंगे। उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्साकर्मियों के लिए पीपीई की काफी कमी है। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि अभी रेलवे प्रतिदिन 20 पीपीई बना पा रहा है, लेकिन आने वाले हफ्तों में प्रतिदिन 100 बनाने में सक्षम होगा।


13 लाख रेल कर्मियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने को कहा


भारतीय रेलवे ने अपने 13 लाख कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य मंत्रालय के एप आरोग्य सेतु को डाउनलोड करने के लिए कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो अप्रैल को यह एप शुरू किया था। इस मोबाइल एप से लोगों को यह पता लगाने में मदद मिलती है कि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा है या नहीं।


इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर ने विकसित किया है। रेलवे ने कहा कि यह एप भारत में कोरोना वायरस संकट से निपटने में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। शुरू किए जाने के बाद सिर्फ तीन दिनों में ही आरोग्य सेतु एप को गूगल प्ले स्टोर से 50 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। यह एप 11 भाषाओं में उपलब्ध है।


भारत की मदद को आगे आया चीन

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत को चीन ने पीपीई किट दान किया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में चिकित्साकर्मियों के इस्तेमाल में आने वाले निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की 1.7 लाख किट चीन से भारत को सोमवार को मिल गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चीन ने भारत को कोरोना संकट से निपटने के लिये सहायता के रूप में ये किट दी हैं।


मंत्रालय के अनुसार, देश में निर्मित 20 हजार पीपीई की आपूर्ति होने के साथ ही अब अस्पतालों को 1.90 लाख पीपीई की आपूर्ति कर दी जाएगी। देश में पीपीई की मौजूदा उपलब्धता 3,87,473 हो गयी है। मंत्रालय के अनुसार राज्यों को केन्द्र सरकार की ओर से अब तक 2.94 लाख पीपीई की आपूर्ति कर दी गयी है। इसके अलावा देश में ही बने दो लाख एन95 मास्क भी अस्पतालों को मुहैया कराये गये हैं। इसके अलावा अन्य स्रोतों से मिले इस श्रेणी के 20 लाख मास्क की पहले ही अस्पतालों को आपूर्ति कर दी गयी है।


जानें क्या है पीपीई
पीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स। नाम से ही स्पष्ट है कि ऐसे सामान जिससे संक्रमण से खुद को बचाने में मदद मिले। कोरोना वायरस चूंकि संक्रामक बीमारी है इसलिए इससे बचने के लिए लोग मास्क पहन रहे हैं, बार-बार हाथ साफ कर रहे हैं, लोगों से दूरी बनाकर बात कर रहे हैं। आम लोगों तो मास्क और दास्ताने का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और मेडिकल स्टाफ को सिर से पांव तक वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और ये सारी चीजें पीपीई किट्स हैं।


अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग तरह के पीपीई किट्स हो सकते हैं लेकिन आम तौर पर मास्क, ग्लोव्स, गाउन, एप्रन, फेस प्रोटेक्टर, फेस शील्ड, स्पेशल हेलमेट, रेस्पिरेटर्स, आई प्रोटेक्टर, गोगल्स, हेड कवर, शू कवर, रबर बूट्स इसमें गिने जा सकते हैं। इनमें से बहुत कुछ पहने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ हम-आप आए दिन देखते रहते हैं। इन सारी चीजों का मकसद एक ही है- मरीज से वायरस इलाज कर रहे लोगों में ना फैल जाए। हालांकि हमने दिल्ली समेत पूरे देश में देखा है कि कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ खुद कोरोना के मरीज बन गए हैं। हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है कि इन लोगों में संक्रमण कैसे फैला- इलाज के दौरान पीपीई किट का इस्तेमाल नहीं हुआ या पीपीई किट पहनने के बाद भी कोरोना वायरस ने संक्रमित कर लिया।


पीपीई किट में जितने भी तरह के सामान आते हैं, सबके इस्तेमाल करने के नियम और तौर-तरीके हैं। हर सामान को पहनने का सही तरीका है। ऐसा नहीं हो तो पहनने के बाद भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को इस्तेमाल से पहने ये देखना होता है कि किस तरह के पीपीई किट की जरूरत है। फिर उसे कैसे सही तरीके से पहनना है, एडजस्ट करना है, ये भी देखना होता है। इस्तेमाल के बाद पीपीई किट को सही तरह से कचरे में फेंकना ताकि उससे आगे किसी को संक्रमण ना हो, इसका बहुत ज्यादा ध्यान रखना होता है।


बिना कार्ड, दिल्ली में मिलेगा राशन

नई दिल्ली। बगैर राशन कार्ड वाले लोगों को मंगलवार से राशन मिलने लगेगा। दिल्ली सरकार ने इसके लिए 421 सरकारी स्कूलों में अलग से राशन वितरण केंद्र बनाए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी दी।


उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के इस कठिन समय में हम किसी को भूखा नहीं रहने देंगे। मंगलवार से बगैर राशन कार्ड वाले लोगों को भी राशन मिलने लगेगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी ऐसे 10 लाख लोगों के लिए राशन की व्यवस्था की गई है। राशन कार्डवालों को 7.5 किलो राशन मिल रहा था, मगर बगैर राशन कार्ड वालों को 5-5 किलो राशन मिलेगा। इसमें 4 किलो गेहूं और एक किलो चावल होंगे। इसके बदले उनसे कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।


वर्तमान में चल रही दुकानों से अलग होंगी
यह दुकानें वर्तमान में चल रही 2200 दुकानों से अलग होंगी। दिल्ली सरकार इससे पहले राशनकार्ड धारक 71 लाख लोगों को मुफ्त में राशन बांटने का काम कर रही है।


राशन वितरण केंद्रों पर भीड़ न लगाएं
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि सबको राशन मिलेगा, इसलिए लोग राशन वितरण केंद्र पर भीड़ न लगाएं। सांसदों, विधायकों व पार्षदों की जिम्मेदारी है कि वह अपने इलाके में सामाजिक दूरी का पालन कराएं। उन्होंने कहा कि 10 लाख लोगों की व्यवस्था की गई है। अगर जरूरत पड़ी तो और राशन आएगा, लेकिन लोग राशन लेते समय दुकानों पर भीड़ न लगाएं। कोरोना से बचने के लिए सामाजिक दूरी का ख्याल रखें।


दूरी बनाए रखें
मुख्यमंत्री राशन लेने वालों से अपील की है कि वे राशन लेते समय पर्याप्त दूरी बनाए रखें, ताकि कोरोना संक्रमण का खतरा न हो।


धर्मगुरुओं ने कहा, घर से ना निकले

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से देश और दुनिया में जंग जारी है। पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। लॉकडाउन के बीच ही 9 अप्रैल गुरुवार को शब-ए-बारात भी है। मुस्लिम समुदाय के लिए ये इबादत की रात होती है। लोग इस दिन अपने बुजुर्गों की कब्र पर जाते हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते उलेमाओं ने इस बार घर से ही इबादत करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाहर न निकलने की अपील की है। शब-ए-बारात की रात में कब्रिस्तान न जाने की भी सलाह दी गई है।


दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि शब-ए-बारात इबादत की रात है। इस दिन कब्रिस्तान जाना जरूरी नहीं होता है। इसीलिए सभी अपने घरों में ही रहकर इबादत करें और अपने रिश्तेदारों के अलावा पूरे मुल्क व दुनिया की सलामती के लिए दुआ करें। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का एक यही तरीका है कि हम अपने-अपने घरों में रहें। लॉकडाउन का पालन करें और कानून को अपने हाथ में न लें।


मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी ने कहा कि शब-ए-बारात को अपने घर से ही मनाएं. मौजूदा समय में बीमारी से अपनी और दूसरों की जान बचाना फर्ज है और ज्यादा जरूरी है। कोरोना के चलते जब दुनिया भर की मस्जिदें बंद हैं और लोग अपने-अपने घरों से नमाज पढ़ रहे हैं तो घर से ही शब-ए-बारात की रात इबादत करें। उन्होंने कहा कि कब्रों पर जाना जरूरी नहीं है, इसीलिए घरों से ही अपने बुजुर्गों की मगफरत (माफी) की दुआ करें। इस वक्त सबसे ज्यादा उनके लिए दुआ करना जरूरी है, जो लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर इस बीमारी से दूसरे लोगों की जान बचाने में जुटे हैं।


कोरोना संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने शब-ए-बारात के मद्देनजर सभी धर्मस्थलों (मस्जिद-मकबरा) और कब्रिस्तानों के ट्रस्टियों और प्रबंध समितियों को निर्देश दिया है कि लोगों को परिसर में प्रवेश न दें। सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैयद मोहम्मद शोएब ने कहा कि शब-ए-बारात के मौके पर सभी लोग धार्मिक स्थलों और कब्रिस्तानों पर जाने के बजाय घर के ही इबादत करें। साथ ही मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की है कि लोगों को घर से इबादत के लिए प्रोत्साहित करें।


लखनऊ ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि किसी भी सूरत में घरों से बाहर न निकलें और घर में रहकर ही इबादत करें। कब्रिस्तान में अपने पुरखों व परिवारजनों की कब्रों पर न जाएं बल्कि फातेहा घर पर ही पढ़ें। उन्होंने कहा कि शब-ए-बारात गुनाहों से निजात की रात है। ऐसे में हमें गुनाह से बचना भी है और जहां तक गरीबों के भोजन कराने की बात है तो इससे अच्छा और क्या मौका होगा।


शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने भी शब-ए-बारात पर कहा कि कोई भी कब्रिस्तान न जाए। आतिशबाजी कर जश्न भी न मनाए। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भीड़ इकट्ठा कर किसी भी आयोजन करने से मना किया। वहीं, बरेली के मौलाना फहीम अहमद अजहरी ने भी कहा कि समाज के लोग शब-ए-बारात के मौके पर घरों में ही इबादत करें और इस बार कब्रिस्तान न जाएं।


शब-ए-बारात की अहमियत


इस्लाम में शब-ए-बारात का बड़ा महत्व है। बरेली के इमाम अध्यक्ष मौलाना रिफाकत सकलैनी ने बताया कि वैसे तो साल के सभी दिन रात समान हैं, लेकिन इस्लाम में पांच रातें सभी रातों से ज्यादा अहम मानी जाती हैं। इनमें ईद की रात, बकरीद की रात, मेअराज की रात, रमजान में शबे कद्र और पांचवीं रात शब-ए-बारात है। इस रात को की जाने वाली हर जायज दुआ को अल्लाह जरूर कुबूल करते हैं, इस पूरी रात लोगों पर अल्लाह की रहमतें बरसती हैं। इस रात में पूरे साल के गुनाहों का हिसाब-किताब भी किया जाता है और लोगों की किस्मत का फैसला भी होता है।


इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से आठवां यानी शाबान के महीने की 15वीं तारीख की रात में शब-ए-बारात मनाई जाती है। इस रात को लोग न सिर्फ अपने गुनाहों से तौबा करते हैं बल्कि अपने उन बुजुर्गों की मगफिरत के लिए भी दुआ मांगते हैं जिनका इंतकाल हो चुका होता है। यही वजह है कि लोग इस मौके पर कब्रिस्तान भी जाते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मुस्लिम उलेमाओं ने इस बार कब्रिस्तान पर नहीं जाने की अपील की है।


प्रतिदिन 8 अरब डॉलर का नुकसान

नई दिल्ली। लॉकडाउन खत्म होने की मियाद जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, अब लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि 14 अप्रैल के बाद क्या होगा? क्या लॉकडाउन खत्म हो जाएगा या फिर इसे एक बार फिर से बढ़ाया जाएगा। या फिर कुछ ही इलाकों में लॉकडाउन से छुटकारा मिलेगा। भारत में अभी कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए एक अरब से ज्यादा की आबादी लॉकडाउन के दायरे में है। इसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो रहा है।


लॉकडाउन से क्रमवार तरीके से मिलेगी राहत


सरकार से मिल रहे संकेत बताते है कि 14 अप्रैल के बाद एक ही बार में देश से लॉकडाउन नहीं हटाया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास, कैबिनेट मीटिंग, राज्य सरकारों की मीटिंग से मिल रहे संकेत बताते हैं कि देश में क्रमवार तरीके से लॉकडाउन हटाया जा सकता है। इसके लिए एक टाइमलाइन तैयार की जाएगी, जिसकी घोषणा होनी बाकी है। नरेंद्र मोदी सरकार के एक सीनियर मंत्री ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि सरकार Rational lockdown के आइडिया पर गौर कर रही है। इसके तहत क्रमवार तरीके से देश को लॉकडाउन से बाहर निकालने पर जोर दिया जाएगा।


लॉकडाउन की वजह से चरमरा रही अर्थव्यवस्था


सरकार का आकलन है कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस को कंट्रोल करने में बहुत मदद मिली है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से लोगों और अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंच रही है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एक फौरी आकलन बताता है कि भारत की रोजाना जीडीपी लगभग 8 बिलियन डॉलर है। अगर लॉकडाउन को 30 दिनों तक खींचा जाता है तो लगभग 250 बिलियन डॉलर का नुकसान देश को होगा। अगर लॉकडाउन को जल्दी हटा लिया जाता है तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस नुकसान को पाटा जा सकता है। लेकिन अगर लॉकडाउन लंबा खिंचा तो रिकवरी असंभव हो जाएगी।


हालांकि सरकार के सामने चुनौती गंभीर है। कोरोना के विश्वव्यापी खतरे और दुनिया में इसके कहर को देखते हुए सरकार एकतरफा फैसला नहीं लेना चाहती है। इसलिए मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने सहमति का रास्ता चुना और राज्यों से कहा कि वे लॉकडाउन से एग्जिट का प्लान तैयार करके भेजें।


बता दें कि कोरोना के लगातार बदलते आंकड़ों से राज्यों के सामने लॉकडॉउन का एग्जिट प्लान तैयार करना मुश्किल है, क्योंकि कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या रोजाना आ रही है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों की रिपोर्ट इस सप्ताह के अंत तक का सकती है, इसके बाद पीएम एक बार मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार फिर से बैठक करेंगे।


कल्याणकारी योजनाओं से राज्यों पर असर


लॉकडाउन की वजह से राज्यों को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। इसके अलावा लॉकडाउन के प्रभाव में आए लोगों के लिए शुरू किए गए कल्याणकारी योजनाओं की वजह से भी उनके खजाने पर असर हो रहा है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं हो सकता है, क्योंकि कुछ दिनों बाद फंड के लिए राज्य सरकारें केंद्र के पास ही आएंगी।


क्षेत्रवार एग्जिट प्लान पर विचार


केंद्र और राज्य सरकारें फेजवाइज और क्षेत्रवार तरीके से लॉकडाउन से निकलने की संभावना पर विचार कर रही है। वैसे इलाके जहां ज्यादा केस आ रहे हैं वो 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन में रह सकते हैं। जबकि बाकी इलाकों को राहत दी जा सकती है।


कई राज्य ऐसे इलाकों की पहचान कर रहे हैं। इन इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखने के लिए लॉकडाउन हटाने के बाद धारा-144 लागू रखा जा सकता है।


अंतरराज्यीय परिवहन के पक्ष में नहीं है राज्य


कोरोना के संक्रमण को देखते हुए कई राज्य अभी भी एक से दूसरे राज्यों में परिवहन व्यवस्था शुरू करने के पक्ष में नहीं है। इसलिए बसों के चलने की संभावना खत्म हो जाती है। जहां तक ट्रेनों का सवाल है, तो जब तब राज्य इजाजत नहीं देते ट्रेनें नहीं चलाई जा सकती हैं।


केंद्रीय कर्मचारियों का रोस्टर तैयार कर रही है सरकार


केंद्र सरकार लॉकडाउन खत्म होने के बाद की अवधि के लिए अपने कर्मचारियों की ड्यूटी का रोस्टर तैयार कर रही है। इससे संकेत मिलता है कि लॉकडाउन को पूरी तरह से खत्म किए जाने की संभावना नहीं है।


अमेरिका को भारत से दवा की आशा

वाशिंगटन। अमेरिका में कोरोना वायरस का संकट तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ट्रायल के तौर पर भारत से दवा की सप्लाई की उम्मीद कर रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया को संबोधित कर कहा कि अगर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर की आपूर्ति करने को मंजूरी देता है तो हम इसकी सराहना करेंगे, अगर ऐसा नहीं होता है तब भी कोई बात नहीं। बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के लिए होता है, जिसका भारत प्रमुख निर्यातक रहा है।


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस संबंध में मैंने रविवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और मैंने कहा कि अगर आप हमारी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के सप्लाई को अनुमति दे रहे हैं, तो हम इसकी सराहना करेंगे। अगर वह इसकी अनुमति नहीं देते हैं तो भी कोई बात नहीं। लेकिन वे हमसे भी इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद रखें।


भारत ने क्या दिया था जवाब


दरअसल, कोरोना संकट से घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर की आपूर्ति करने के आग्रह पर भारत ने कहा है कि एक जिम्मेदार देश होने के नाते हमसे जितना हो सकेगा, हम मदद करेंगे। भारत ने अमेरिका को स्पष्ट तौर पर बताया कि हम अपने 1.30 अरब आबादी को कोरोना वायरस महामारी से सुरक्षित करने के बाद ही कोरोना वायरस के मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के रोगनिरोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति करेंगे।


सरकारी सूत्रों की मानें तो, भारत महामारी के संभावित सबसे खराब स्थिति से निपटने के मद्देनजर अपनी आबादी के लिए दवा का स्टॉक कर रहा है और सभी भारतीयों के लिए पर्याप्त होने के बाद ही इस दवा के निर्यात पर लगी रोक के आदेश को हटाएगा। भारत के अलावा, अन्य देश भी ऐसा ही कर रहे हैं। बता दें कि भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है, जिसका उपयोग मलेरिया के के लिए किया जाता है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया की दशकों पुरानी दवा है।


25 मार्च से लगी है दवा के निर्यात पर रोक
दरअसल, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, डीजीएफटी ने कहा था कि मानवता के आधार पर मामले-दर-मामले में इसके कुछ निर्यात की अनुमति दी जा सकती है। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। अभी तक इस वायरस से अमेरिका में 8,000 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है।


ट्रंप ने की दवा की सप्लाई की अपील
आज सुबह प्रेस ब्रीफिंग में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'मैंने सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उन्होंने काफी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट्स बनवाई हैं। भारत इस पर गंभीरता से काम कर रहा है।' अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह भी इन टैबलेट्स का सेवन करेंगे। उन्होंने कहा, 'संभव है कि मैं भी इसे लूं। हालांकि, इसके लिए मुझे पहले डॉक्टर्स से बात करनी होगी।' उन्होंने आगे कहा कि मैं सराहना करूंगा कि अगर भारत हमारे द्वारा ऑर्डर की गईं टैबलेट्स की खेप को जारी करेगा। उन्होंने कहा, 'भारत ने काफी संख्या में यह टैबलेट्स बनाई हैं। उन्हें अपने अरब से अधिक लोगों के लिए इसकी जरूरत है।'


अमेरिका में कोरोना की स्थिति
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में कोहराम मचा हुआ है। कोरोना वायरस से पिछले 24 घंटों में अमेरिका में 1150 लोगों की मौत हुई है। इससे एक दिन पहले भी अमेरिका में 1200 लोगों की जान चली गई थी। अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 10 हजार के ऊपर पहुंच गई है।


कोविड-19 के खिलाफ हो धन उपयोग

नई दिल्‍ली। कांग्रेस की अंतरिक अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख है। इस पत्र में सोनिया गांधी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का समर्थन किया है, जिसमें सांसदों के वेतन में 30 फीसद की कमी करने का फैसला लिया गया है। सोनिया गांधी ने इस पत्र में लिखा है- ‘ यह एक सराहनीय कदम है। इस पैसे का उपयोग कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई के लिए बहुत आवश्यक है। यह समय की आवश्यकता है।


 


मैसेज फॉरवर्ड में व्हाट्सएप का बदलाव

कुंती ध्रुव


नई दिल्ली। व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर फैलाए जा रहे अफवाह को लेकर व्हाट्सएप ने बड़ा फैसला लिया है। व्हाट्सएप ने मैसेज फॉरवर्डिंग को सीमित कर दिया है। व्हाट्सएप यूजर्स अब किसी मैसेज को एक बार में ही सिर्फ एक ही यूजर को फॉरवर्ड कर सकेंगे। फेसबुक के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप ने कहा है कि अब किसी फॉरवर्ड मेसेज को सिर्फ एक चैट के साथ ही शेयर किया जा सकेगा। यानी अब वॉट्सऐप यूजर्स एक से ज्यादा चैट में फॉरवर्ड मेसेज नहीं शेयर कर पाएंगे। इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है। वॉट्सऐप इस फीचर को रोलआउट कर रहा है। कंपनी ने यह कदम coronavirus को लेकर अपने प्लैटफॉर्म के जरिए फैल रही गलत जानकारी और फर्जी खबरों को रोकने के लिए उठाया है।



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@PTI_News
 WhatsApp's new limit on frequently forwarded messages aimed at combating spread of fake news, misinformation amid COVID-19 pandemic
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12:41 PM - Apr 7, 2020
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मेसेजिंग ऐप के जरिए अफवाहों के फैलने के चलते अब यह लिमिट 1 चैट के लिए ही तय की गई है। खास बात है कि वॉट्सऐप का यह फीचर ऐसे समय में आया है जबकि वॉट्सऐप लॉकडाउन के समय में लोगों को आपस में कनेक्ट रखने के लिए खासा ऐक्टिव है। बता दें कि अगर किसी यूजर को लगातार फॉरवर्ड किया जा रहा मेसेज मिलता है। वह उसे आगे 5 बार फॉरवर्ड कर सकता है। लेकिन नए नियमों के मुताबिक अब सिर्फ एक सिंगल चैट को ही यह मेसेज भेजा जा सकेगा। 2019 में इस लिमिट को 5 चैट के लिए तय किया गया था।


वॉट्सऐप ने इस फीचर को ऐसे समय में जारी किया गया है जबकि दुनियाभर में लोग सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर फैल रही अफवाहें और फर्जी खबरों को रोकने में लगे हैं। इसी सिलसिले में हाल ही में वॉट्सऐप पर एक फीचर देखा गया था जिसके जरिए यूजर्स वॉट्सऐप फॉरवर्ड मेसेज को गूगल पर सर्च कर यह जान सकेंगे कि वह फेक तो नहीं। यह फीचर अभी वॉट्सऐप के ऐंड्रॉयड व आईओएस वर्जन के बीटा ऐप पर उपलब्ध है।


दुर्भाग्यपूर्णः श्रेय लेने की राजनीति

देहरादून। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश (Dr.Indira Hridayesh) ने हल्द्वानी में प्रशासन द्वारा गरीबों को खाद्यान्न वितरण किए जाने पर भाजपा संगठन पर निशाना साधा है नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हरदेश का कहना है कि खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। लेकिन भाजपा संगठन प्रशासन को जबरन दबाव में लेकर वितरण व्यवस्था को खराब करने में तुला हुआ है जिस वजह से जरूरतमंद गरीबों को खाद्यान्न रसद मुहैया कराने में दिक्कत हो रही है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हरदेश का कहना है कि भाजपा संगठन शहर में प्रशासन द्वारा बांटे जा रहे खाद्यान्न रसद को अपने हिसाब से बटवा ने की लिए दबाव बना रहा है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।


इंदिरा हृदयेश ने न सिर्फ वितरण व्यवस्था पर सवाल उठाए बल्कि भाजपा संगठन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस विपत्ति के समय में भी भाजपा संगठन इस खाद्यान्न वितरण व्यवस्था के बहाने संगठन में लाभ लेना चाह रहा है जो कि बिल्कुल भी गलत है खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की कमी की वजह से लोग निराश हैं और इसमें भारतीय जनता पार्टी के संगठन का पूरा दोष है।


यूपी में 31 से अधिक इलाके किए सील

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 31 से अधिक इलाकों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, जिससे क्षेत्रों में कोई भी आवाजाही नहीं हो पा रही है। जिन इलाकों को सील किया गया है, ये वो इलाके हैं जहां पिछले 48 घंटों में कोरोनावायरस पॉजिटिव केस पाए गए हैं। रायबरेली जिले में दिल्ली से लौटे दो तब्लीगी जमातियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सोमवार को यहां के दस इलाकों को सील कर दिया गया था। रायबरेली के पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई ने कहा कि नगर कोतवाली क्षेत्र में 200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और निजामुद्दीन मरकज से लौटे दो जमातियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। ये दोनों एक ‘धर्मशाला’ में रह रहे थे।


उन्होंने कहा कि अग्निशमन दल और स्वास्थ्य कर्मचारी लगातार इन क्षेत्रों की सफाई कर रहे हैं। इसी तरह, सीतापुर जिले के खैराबाद को भी सोमवार को सील कर दिया। यहां सादिक नाम के व्यक्ति के स्वामित्व वाले घर में 8 बांग्लाादेशी रह रहे थे। यहां एक का कोविड -19 परीक्षण पॉजिटिव आया था।


लखनऊ के पूरे सदर बाजार क्षेत्र को शुक्रवार शाम सील कर दिया गया था। यहां एक मस्जिद में तब्लीगी जमात के 12 सदस्य पाए गए जिनमें से 11 का इस घातक वायरस के लिए परीक्षण पॉजिटिव आया था। सील किए गए सदर बाजार के निवासी रमेश भसीन ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि उन्हें अपने दरवाजे पर खड़े होने या खिड़कियों के माध्यम से पड़ोसियों से बात करने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है।


वाराणसी में चार इलाकों को भी सील कर दिया गया है। इनमें मदनपुरा, बजरडीहा, गंगापुर और लोहता शामिल हैं। इसके अलावा प्रतापगढ़, हाथरस, गाजीपुर, आजमगढ़ और कानपुर के विभिन्न इलाकों को भी सील कर दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “सभी सील हुए क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और संक्रमण को रोकने के लिए यह किसी भी तरह के मूवमेंट को रोक दिया गया है।”यह पूछे जाने पर कि लॉकडाउन अवधि में इलाकों को सील करने की जरूरत क्योिं पडी तो पुलिस अधिकारी ने बताया, “लॉकडाउन में, आवाजाही पर प्रतिबंध होता है, आपात स्थिति होने पर ही लोग बाहर जा सकते हैं। लेकिन जब हम किसी क्षेत्र को सील करते हैं, तो वहां किसी को भी घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है और आपात स्थिति होने पर हम उनके पास पहुंचते हैं।”


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून और व्यवस्था, पी.वी. रामसस्त्रि ने कहा कि जिला पुलिस प्रमुखों और दो पुलिस आयुक्तों को एक निर्देश जारी किया गया है, जिसमें किसी भी स्थिति के प्रभावी संचालन के लिए एक रैपिड एक्शन टीम (आरएटी) और राज्य में कोरोना फैलने के कारण उत्पन्न हुई किसी भी स्थिति में अन्य विभागों के साथ समन्वय के लिए एक नोडल कोरोना सेल की स्थापना करने को कहा गया है।उन्होंने कहा, “एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जिसमें अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों के अनुसार जोखिम वाले क्षेत्रों से निपटने का एक उचित तरीका बताया गया है, उसे भी सभी जिलों के साथ साझा किया गया है।” उन्होंने कहा कि किसी भी ऑपरेशन को शुरू करने के लिए जरूरी उपकरण राज्य के सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को उपलब्ध कराए गए हैं।


भूख से पीड़ित की डीएम से गुहार

हरिहरपुर। कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन में मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है। सरकार और प्रशासन भले ही लोगों तक मदद पहुंचाने की बात कर रहा है, लेकिन ऐसा ही परिवार हैं जिन तक अब भी मदद नहीं पहुंच सकी है। ऐसे ही एक मामला नगर पंचायत हरिहरपुर में सामने आया है।
यहां एक ही परिवार के कई सदस्यों को भोजन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। परिवार को न ही कोई सरकारी सहायता मुहैया हुई और न ही कोटे का राशन मिला। मजबूरी में बच्चों को रिश्तेदारी में भेजना पड़ा। पीड़ित परिजनों ने डीएम से सहायता की गुहार लगाई है। नगर पंचायत हरिहरपुर के वार्ड नंबर चार पटेल नगर निवासी भइयाराम व उनका परिवार लॉकडाउन की वजह से राशन नहीं मिलने से परेशान है। घर के मुखिया भइयाराम का कहना है कि उन्हें अब तक सरकारी सहायता के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है।


यहां तक कि पीड़ित परिवार के किसी भी सदस्य के नाम से राशन कार्ड भी नहीं बना है। जिसके कारण कोटे का राशन भी नहीं मिला। परिवार के भरण पोषण का जरिया मजदूरी है जो लॉकडाउन की वजह से बंद है। ऐसे में परिवार के सदस्यों के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजार करना मुश्किल हो गया है।


परिवार में कुल तीन पुरूष, दो विधवा, एक विकलांग महिला और नौ छोटे-छोटे बच्चे हैं। जब खाने बगैर परिवार के लोग परेशान हुए तो छोटे बच्चों को एक रिश्तेदार के घर भेज दिया गया। परिवार के अन्य सदस्य कहां जाएं। भूख से परेशान पीड़ित परिजनों ने डीएम से सहायता की गुहार लगाई है। डीएम रवीश गुप्त ने बताया कि तहसील प्रशासन के माध्यम से पीड़ितों तक राशन आदि उपलब्ध कराया जाएगा।


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