शनिवार, 11 अप्रैल 2020

वायरस का खौफ, बढ़ेगा 'लॉक डाउन'

बृज बिहारी दुबे


नई दिल्ली। भारत में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। जिसमें उन्होंने सभी से इस बात का फीडबैक लिया कि क्या कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के लिए 14 अप्रैल को खत्म हो रहे 21 दिनों के लॉकडाउन को बढ़ाना चाहिए या नहीं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी मास्क (गमछा या तौलिया) पहने हुए नजर आए।
केंद्र सरकार ने महामारी के प्रसार को रोकने के प्रयासों में लगे हुए सभी संबंधित एजेंसियों और हितधारकों से इस मुद्दे पर विचार प्राप्त किए हैं। प्रधानमंत्री ने शनिवार सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्रियों से बात ऐसे समय पर की जब माना जा रहा है कि सरकार देशभर में लागू लॉकडाउन को कुछ संभावित छूट के साथ बढ़ा सकती है।
पंजाब और ओडिशा पहले ही अपने राज्यों में जारी लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा चुके हैं। वहीं देश में जारी लॉकडाउन आने वाले मंगलवार को खत्म हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विभिन्न पहलुओं पर राज्य सरकारों से विचार मांगे हैं, जिसमें यह जानकारी भी शामिल है कि क्या अधिक लोगों और सेवाओं को छूट दी जानी चाहिए।
वर्तमान में जारी लॉकडाउन में केवल जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है। यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की है। दो अप्रैल को हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जारी लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए कहा था।
केजरीवाल ने दिया लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेस में पूरे भारत में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने 15 दिनों के लिए लॉकडाउन बढ़ाने को कहा
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उद्योग और कृषि क्षेत्रों के लिए विशेष रियायतों के अलावा कम से कम एक पखवाड़े तक लॉकडाउन बढ़ाने की सिफारिश की। उन्होंने रैपिड टेस्टिंग किट की जल्द आपूर्ति के लिए भी कहा।


मास्क की जगह गमछे के उपयोग को दें बढ़ावा
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जिलाध्यक्ष से बातचीत में कहा था कि मास्क तैयार करने के लिए अनावश्यक पैसा खर्च करने की जरुरत नहीं है। पूर्वांचल में तो कंधे पर तौलिया व गमछा रखने की परंपरा है, इसे जारी रखें और इसी से मुंह ढकने के लिए लोगों को जागरूक करें। जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने पीएम मोदी को मास्क बांटने के बारे में बताया तो प्रधानमंत्री ने कहा था कि अनावश्यक पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। मास्क इलाज में लगे डॉक्टर एवं उनके सहयोगियों, सफाई कामगारों के लिए जरूरी है।


242 लोगों की मौत, 7529 संक्रमित

नई दिल्ली। देशभर में कहर बरपा रहे कोरोना को लेकर  स्वास्थ्य मंत्रालय रिपोर्ट पेश कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार कोरोना से अब तक 242 लोगों की मौत हो गई है। अब तक 643 लोग ठीक हो गए हैं। देश में अब तक 1 लाख 70 हजार टेस्ट किए गए हैं।  स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अगर समय रहते लॉकडाउन ना किया होता तो आज देश में 8 लाख केस होते। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्राालय के अनुसार 242 लोगों की मौत हुई है। इनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, असम राज्य शामिल है है। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा 110 मौत महाराष्ट्र में हुई है। इसके बाद मध्य प्रदेश में 33, गुजरात में 19 और दिल्ली में 13 लोगों की मौत हुई है। पंजाब में 11 मौत जबकि तमिलनाडु में आठ और तेलंगाना में सात लोगों की मौत हुई है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में छह-छह लोगों की मौत जबकि पश्चिम बंगाल में पांच लोगों की मौत हुई है।
आज तक 171718 सैंपल के टेस्ट किए गए हैं। कल 16764 टेस्ट किए गए। प्राइवेट लैब की संख्या 67 है।
लॉकडाउन और कन्टेनमेंट का असर दिख रहा है। अगर हम कोई कदम न उठाते तो आज 2 लाख से ज्यादा केस आ गए होतेः स्वास्थ्य मंत्रालय
अब तक 643 लोग ठीक हो गए हैं। कल 40 लोगों की मौत हुई थी। अब तक 7542 केस सामने आए हैं और कुल 242 लोगों की मौत हुई हैः स्वास्थ्य मंत्रालय


उत्तराखंडः 93 मरीज निगेटिव, 5 ठीक

देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि, आज उत्तराखंड के लिए लगातार राहत भरा तीसरा दिन है। आज तीसरे दिन भी राज्य में किसी मरीज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। आज कुल 93 मरीजों की सभी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जानकारी के लिए बता दें कि, राज्य में अब तक 5 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कुल 1,705 मरीजों के सैंपल भेजे जा चुके है। जिसमें अब तक 1,340 मरीजो कि रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जिसमें से 330 मरीजों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।


विद्युत-विभाग के अभियंता की उगाही

अतुल त्यागी जिला प्रभारी


विद्युत विभाग के जे ई की दबंगई।


लॉक डाउन में किसानों से निकले अवैध उगाही को नहीं देने पर विद्युत मोटर का करने लगे ओवर लोड चैक


हापुड़। एक तरफ प्रदेश सरकार आम जन और किसानों के लिये हर संभव सहायता को  प्रतिबद्ध है।
वहीं बिजली विभाग लग रहा किसान उत्पीडन में शनिवार को हरौडा बिजली घर के जे ई राजकुमार शनिवार को.जखैडा रहमतपुर में  किसानो की ट्यूवैलों पर अवैध उगाही के मकसद से छापेमारी को निकले जहां भाकियू कार्यकर्ताओं और किसानो के आक्रोश का सामना करना पडा। प्रदेश  सरकार जहां जनता को ऐसी विषम परिस्थितियों में हर संभव सहायता का प्रयाश कर रही है वहीं विद्युत विभाग के जे.ई उत्पीडन पर जुटे हैं। भाकियू जिलासंयोजक  रिंकू राघव जिला उपाध्यक्ष विनोद तोमर  और ग्राम प्रधान मनोज कुमार राघव ने  जे ई के राजकुमार का घेराव कर लिया और लौक डाउन में किसानो के साथ उत्पीडन का विरोध किया भाकियू जिलाध्यक्ष धनवीर शास्त्री ने कहा कि किसान  उत्पीडन पर जे.ई राजकुमार के विरुद्ध कार्यवाही के लिये जिलाधिकारी हापुड से मांग करेंगे।


पहलः रूस ने चीन का भी तोड़ा रिकॉर्ड

मास्को। रूस ने कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए चीन का भी रेकॉर्ड तोड़ दिया है। वुहान की तर्ज पर रूस ने सिर्फ 20 दिन में ही 10 हजार लोगों के इलाज के लिए एक बड़ा अस्पताल खड़ा कर दिया है। मीडिया रपटों के अनुसार, रूस में इस तरह के 18 अस्पताल तैयार किए गए हैं। करीब 10 हजार से ज्यादा मजदूरों ने इस अस्पताल को तैयार किया है।


इस अस्पताल को बनाने में लगभग 700 करोड़ रुपये का खर्च आया है। बाकी अस्पताल सेना ने बनाए हैं। इसमें आधे बिस्तर आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा से लैस होंगे। रूस अब तक कोरोना वायरस के 10 लाख टेस्ट कर चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अभी सबसे खराब स्थिति आनी बाकी है। बता दें कि चीन ने वुहान शहर में 10 दिनों में ही अस्पताल बनाकर तैयार किया था। चीन का अस्पताल 1000 बेड का था। हुबेई प्रांत के वुहान शहर में स्थित इस अस्पताल में सेना के 1400 डॉक्टरों की एक टीम तैनात की गई थी। कोरोना वायरस से सबसे पहले चीन का वुहान शहर प्रभावित हुआ था। इस अस्पताल का निर्माण 23 जनवरी को शुरू हुआ था और 2 फरवरी को अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो गया था।


कैसेः 2 लोगों के बीच फैला वायरस

बर्लिन। जर्मनी में वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के लिए बारीकी से टेस्टिंग की, जिससे उन्हें ये पता लगाने में आसानी हुई कि आखिर कैसे कोरोना वायरस दो लोगों के बीच फैला। इस तरह से टेस्टिंग करने के बाद उन्हें ये भी पता चला कि कैंटीन में जब एक कर्मचारी ने दूसरे को नमक की शीशी दी, तो उसके जरिए कभी कोरोना वायरस ट्रांसफर हो गया। ये सब सिर्फ इसलिए मुमकिन हो सका, क्योंकि इस मामले में हर छोटी-बड़ी चीज का ध्यान रखा गया, जिसकी वजह से वैज्ञानिकों को पूरी चेन का पता चल सका।


ये मामला जर्मनी के बावरिया में म्यूनिक के पास की नगरपालिका स्टॉकडोर्फ का है। स्टॉकडोर्फ की आबादी करीब 4000 की है। यहां रहने वाले ही कुछ लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए, जो वेबस्टो ग्रुप नाम की कार के पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करते हैं। इस कंपनी पर दुनिया का ध्यान तब खिंच, जब लोगों को पता चला कि एक चीनी महिला को कोरोना वायरस हुआ था और फिर उसी से यह वायरस वेबस्टो के हेडक्वार्टर पहुंचा। वहां पर यह एक शख्स से दूसरे को होता गया, जिसमें कैंटीन में खाना खाने वाले भी शामिल थे, जिनका मरीज से सीधे कोई संपर्क भी नहीं था।


स्वास्थ्य मंत्री से मदद का आश्वासन

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सभी राज्यों  के स्वास्थ्य मंत्रियों और विभागों के अधिकारियों से बातचीत कर कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ की स्थिति की समीक्षा की है और उन्हें इस लड़ाई में केन्द्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए की गई इस बैठक में उन्होंने  कोरोना समर्पित अस्पतालों, कोरोना वायरस से निपटने पर चर्चा की। इसमें कोरोना सर्विलांस और  मरीजों की कांटेक्ट ट्रेङ्क्षसग पर ध्यान दिए जाने की बात कही गई है। सभी राज्यों ने उन्हें कोरोना वायरस से निपटने में अपनी तरफ से पूरी तैयारी का आश्वासन दिया है। श्री अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोरोना महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय  और राज्य स्तर पर स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से कल ‘कोविड-19 आपात स्वास्थ्य तंत्र तैयारी पैकेज’ के लिए 15000 करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की गई थी।  इस पैकेज  की राशि कोरोना वायरस से निपटने के लिए आपात स्थिति में उठाये जाने वाले कदमों तथा उपायों पर खर्च की जायेगी जबकि शेष राशि अगले चार वर्षों में मिशन मोड योजना के तहत खर्च की जायेगी। इस पैकेज का उद्देश्य देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के निदान और उपचार की सुविधाओं को बढ़ाना है। इसके तहत अनिवार्य चिकित्सा उपकरणों तथा दवााओं की केन्द्रीकृत खरीद, प्रयोगशाला बनाना, निगरानी बढ़ाना और व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाना शामिल है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में केन्द्र सरकार ने रक्त ट्रांसफ्यूजन को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने सभी रक्त बैंकों के लिए एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। देश में वेंटीलेटर, फेस मॉस्क, सर्जिकल मास्क, कोरोना टेस्ट किट,पीपीई और अन्य सामग्री को कस्टम उत्पाद ड्यूटी से मुक्त कर दिया है। इसके अलावा अस्पतालों में पीपीई के तर्कसंगत इस्तेमाल के लिए एक वीडियो बनाकर उसे मंत्रालय की वेबसाईट पर उपलब्ध करा दिया है। उन्होंने बताया कि देश में गुरूवार से शुक्रवार तक कोरोना के 678 नए मामले सामने आए हैं और अब तक 503 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। देश में अब तक कोरोना वायरस के कुल मामले 6412 हैं और इससे अब तक 199  लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से कल 33 लोगों की मौत हुई थी। श्री अग्रवाल ने बताया कि देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को लेकर सरकार की तरफ से काफी विचार-विमर्श किया गया है और यह दवा कोरोना पीड़ति मरीजों, उनके संपर्क में आए प्रथम स्तर के संपर्क रिश्तेदारों और चिकित्सकों को दी जाती है तथा अगले एक हफ्ते तक अगर ऐसी एक करोड़ गोलियों की जरूरत पड़ती है और अभी तक देश में 3़ 28 ऐसी टेबलेट हैं। इस माह के अंत अगर ऐसी अतिरिक्त 1़ 6 करोड़ टेबलेट की जरूरत पड़ेगी तो इसके लिए भी दो से तीन करोड़ अतिरिक्त टेबलेट की उपलब्धता की पूरी तैयारी है और घरेलू स्तर पर उत्पादन सुनिश्चित कर दिया गया है। निजी क्षेत्र में दो करोड़ गोलियां के लिए इंतजाम कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कल तक 16 हजार टेस्ट किए गए थे और इसमें 320 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है जो मात्र दो प्रतिशत के करीब है। श्री अग्रवाल ने इस बात को खारिज किया कि यह संक्रमण सामुदायिक स्तर पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि अभी वह स्थिति नहीं बनी है। उन्होंने बताया कि रैपिड डायग्नोस्टिक किट का आर्डर दिया चुका है। पीपीई, एन-95 मॉस्क और वेंटीलेटर्स की कोई कमी नहीं है और विदेशों से इनकी आपूर्ति आनी शुरू हो गई है। पहले देश में बुनियादी सुविधा संबधी दिक्कतें थी लेकिन अब इस दूर कर लिया गया है। इस समय देश में पीपीई के 39 मैन्युफैक्चर्स हैं और वे इनकी आपूर्ति को लेकर पूरी तरह तैयार हैं। इनके अलावा 49 हजार वेंटीलेटर्स का आर्डर दिया जा चुका है। उन्होंने देश भर में स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सा स्टाफ पर हो रहे हमले पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों का मनोबल गिराती है। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में राज्य स्तर पर नौ लाख एन -95 मास्क उपलब्ध थे लेकिन हमने अब राज्यों को 20 लाख ऐसे मास्क उपलब्ध कराए हैं और इनकी खरीद शुरू कर दी गई है। यह बात अच्छी तरह समझ लेनी है कि इनका इस्तेमाल तर्कसंगत तरीके से किया जाना चाहिए तथा इसमें यह भी ध्यान रखा जाना है कि चिकित्सकों को जोखिम कितना है। कोरोना वायरस के मरीजों की तीन श्रेणियां होती हैं जिनमें लो रिस्क, मीडियम और हाई रिस्क मरीज होते हैं और केवल हाई रिस्क मरीजों के लिए पूरे सुरक्षात्मक उपकरण की जरूरत होती है। राज्य सरकारों को उनकी मांग के आधार पर ही इन पीपीई की आूपर्ति की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि लोगों को इस बीमारी को लेकर अनचाहे डर से बचना चाहिए और अगर किसी के परिवार में किसी को यह संक्रमण है तो उन्हें सामने आना चाहिए और इसमें केन्द्र सरकार की तरफ से पूरी मदद की जाएगी।


आंधी-तूफान ने उजाडे़ कई आशियाने

शेख मक़बूल
सुकमा। बीती रात तेज आंधी तूफान की वजह से जगरगुंडा क्षेत्र में दस मकानों के छप्पर उड़ गए। वहीं दो मकान पूरी तरह से गिर गए है। इस आंधी तूफान से सैकड़ों पेड़ भी गिर गए है। 
दुसरीं तरफ तेज आंधी तूफान ने कहर ढाहाते हुए जगरगुंडा बेस केम्प में स्थित ग्रामीणों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए है। इस मामले की जानकारी कोंटा एसडीएम हिमाचल साहू को मिलते ही उन्होंने तत्काल मौके से पीड़ितों को जल्द राहत पहुँचाने के लिए दल रवाना कर दिया है ।
इधर कोन्टा विधायक एंव केबिनेट मंत्री कवासी लखमा को इसकी जानकारी मिलते ही सुकमा कलेक्टर को पूरी जांच कर जल्द से जल्द पीड़ितों को राहत पहुचाने की दूरभाष पर बात की है ।


मास्क के बिना होगा मामला दर्जः डीएम

बिना मास्क घर से बाहर निकलने पर होगी कार्रवाई कलेक्टर ने जारी किये निर्देश


 किशोर महंत


कोरबा। कोरबा महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को जिले में रोकने के लिए जिला प्रशासन सजग और गंभीर है। लोगों में सक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये हैं। निर्देशानुसार प्रत्येक व्यक्ति को घर से बाहर सार्वजनिक स्थलों में निकलते समय मास्क, फेस कवर पहनना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए बाजार में मिलने वाले ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग किया जा सकता है अथवा घर में ही तीन परतों वाला फेस कव्हर बनाया जा सकता है। इस होम मेड मास्क, फेस कवर को साबुन से धोकर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है। मास्क, फेस कवर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में गमछा, रूमाल, दुपट्टा इत्यादि का भी फेस कवर के रूप में उपयोग किया जा सकता है बशर्ते मुंह एवं नाक पूरी तरह से ढका हो। उपयोग में लाया हुआ फेस कवर मुंह, नाक में प्रयुक्त होने वाला गमछा का पुनः प्रयोग बिना साबुन से अच्छी तरह धोये उपयोग में न लाया जाये। बिना फेस कवर, मास्क के घर से बाहर सार्वजनिक स्थलों पर जाना सरकार द्वारा जारी निर्देश का उल्लंघन माना जायेगा तथा संबंधित के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी।


राहत सामग्री की सेल्फी पर धारा 188

आकाश दत्त मिश्रा


कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए जो समाज सेवी संस्थाएं और जो युवाओं का समूह सामने आ रहा था उनके द्वारा किए जाने वाली सामग्रियों के वितरण के दौरान लिए जाने वाली सेल्फी फोटो को लेकर मुंगेली जिला प्रशासन ने तीखे तेवर दिखाए है और अब इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी गयी है। इतना ही नहीं अब इस प्रकार के कृत्य को अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है ।
दरअसल सेवा के नाम पर गरीब और जरूरतमंद के साथ तस्वीर लेकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए एक प्रकार से गरीब और उनकी गरीबी का उपहास उड़ाया जा रहा है । कुछ लोग समाज सेवा के नाम पर अपना विज्ञापन और उदारता का थोथा प्रदर्शन करने में जुट गए हैं, इससे एक तरफ जहां सोशल डिस्टेंस के नियमों की धज्जियां उड़ रही है, वहीं जरूरतमंद लोग भी खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। जिसे लेकर अब मुंगेली जिला प्रशासन ने भी सख्ती दर्शाते हुए कहा कि अब इस तरह की गतिविधियों पर धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।


लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों को अनाज सब्जी व अन्य खाद्य सामग्रियों का निशुल्क वितरण विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा किया जा रहा है। समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा निशुल्क सामग्रियों का वितरण करते हुए उनके साथ फोटो और उनकी सेल्फी ली जा रही है और जिसे सोशल साइट्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। जिससे वे सामाजिक तौर पर शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं।
इसलिए अब जिला प्रशासन ने इस मसले पर आदेश जारी करते हुए कहा है कि समाजसेवी संस्थाओं दानदाताओं और अन्य संगठनों के द्वारा इस तरह की फोटो को सोशल साइट्स पर साझा न किया जाए।
हालांकि इसका दूसरा पहलू भी है। लोग स्वयं को बड़ा दानदाता और उदार प्रदर्शित करने के लिए जिस तरह का प्रयास कर रहे हैं उससे अंततः किसी जरूरतमंद की मदद ही हो रही है। अब शासन ने स्पष्ट कहा है कि दानदाता, राहत सामग्री आदि सीधे जरूरतमंद को न देकर पुलिस को दे, जिसे पुलिस वितरित करेगी।
बहुत कम उम्मीद है कि अब इतनी बड़ी संख्या में लोग इस कार्य में सहयोग करेंगे। कम से कम सेल्फी खींचने के नाम पर ही लोग बढ़-चढ़कर यह दिखावा कर रहे थे , जिससे कुछ लोगों की मदद हो रही थी , लेकिन जिला प्रशासन की सख्ती के बाद बहुत मुमकिन है कि ऐसे लोग अपने कदम वापस खींच ले। हिंदू शास्त्र में कहा गया है कि परोपकार का महत्व तभी है जब आप दाएं हाथ से दान करें और बाएं हाथ को पता ना चले । यह प्रदर्शन शास्त्रों के उस कथन की धज्जियां उड़ा रही है लेकिन मौजूदा चलन में जब हर छोटी-बड़ी घटना के साथ सेल्फी लेने का ही प्रचलन हो, उस दौर में इन बातों को बेवजह तूल देने की बजाय अगर इसमें निहित लाभ पर फोकस किया जाता तो शायद जरूरतमंदों का भला होता । जाहिर है यह लॉक डाउन लंबा खींचने वाला है। अब तक आम लोगों की मदद से जिला प्रशासन ने हालात पर काबू आया हुआ है। अगर अब नए नियम के चलते आम लोग मदद से हाथ खींच ले तो फिर पुलिस और प्रशासन के लिए यह दोहरी जिम्मेदारी हो जाएगी और जिसका खामियाजा अंततः हाशिए पर बैठा हुआ आदमी उठाएगा, जिस तक शायद ही राहत सामग्री पहुंच सके।


रात-दिन मेहनत करती पुलिस का स्वागत

अतुल त्यागी जिला प्रभारी


हापुड़। कोरोना वायरस के चलते दिन रात मेहनत कर रहीं पिलखुवा पुलिस का जोरदार स्वागत। कोतवाली पिलखुवा पुलिस का छेत्र वाशियो ने पुलिसकर्मियों के ऊपर फूलों की बरसात कर बढ़ाया मनोबल। कोरोना वायरस के चलते दिन रात मेहनत कर रहीं पिलखुवा पुलिस का जोरदार स्वागत। सीईओ तेजवीर सिंह , कोतवाल महावीर सिंह व एसडीएम सहित सभी पुलिसकर्मियों का छेत्र के अंदर हुआ फूलों से स्वागत।


झारखंडः 3 बढ़े, कुल 17 पॉजिटिव

कोरोना वायरसः झारखंड में कोरोना के 3 और मरीज मिले, अब तक 17 पॉजिटिव; कोडरमा में पहला मामला


रांची। झारखंड में कोरोना के तीन और मरीज मिले हैं। शनिवार को रांची के हिंदपीढ़ी, हजारीबाग तथा कोडरमा में कोरोना वायरस का एक-एक मरीज मिला है। राज्‍य के स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की है। इस तरह से राज्‍य में अब तक कोरोना वायरस के कुल 17 मरीज हो गए हैं। इसमें एक की मौत हो गई है। 17 मरीजों में से 13 तब्‍लीगी जमात के हैं। पहली बार कोडरमा में कोरोना वायरस का मरीज मिला है। इससे पूर्व रांची के हिंदपीढ़ी, बोकारो, और हजारीबाग में भी कोरोना के मरीज मिले थे।


कोडरमा जिले में कोरोना कोविड 19 का पहला पॉजिटिव मामला सामने आया है। संक्रमित व्यक्ति कोडरमा जिला के मरकच्‍चो प्रखंड से सटे गिरिडीह जिला अंतर्गत राजधनवार का रहनेवाला है। ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसार वह मुंबई से लौटा था। इसके बाद गत 3 अप्रैल को उसने अपने नजदीकी मरकच्चो स्वास्थ्य केंद्र मरकच्चो में जाकर स्क्रीनिंग कराई थी।


लोनी विधायक ने डीएम को लिखा पत्र

अकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लिखा जिलाधिकारी को पत्र, मांगा नगरपालिका और तहसील के लिए कॅरोना से निपटनें के लिए करोड़ों का पैकेज, कहा बिना राशन कार्ड वालों को भी राशन और 1000 रूपए का लाभ दिए जाने की हो व्यवस्था। शनिवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी गाजियाबाद को पत्र लिखकर क्षेत्र के असंगठित क्षेत्र व छोटे कामगार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। उन्हें चिन्हित कर राशन और 1000 रूपए की धनराशि दिए जाने की मांग की। साथ ही कॅरोना आपदा से निपटने के लिए लोनी को दी गई 10 लाख की राशि को अपर्याप्त बताते हुए पालिका और तहसील को पृथक रूप से करोड़ों रूपए दिए जाने की बात रखी। 


देखने वाली बात यह है कि जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय, विधायक के द्वारा की गई मांग को किस प्रकार लेते हैं? क्या जरूरतमंदों के प्रति उनका हृदय पसीज जाएगा या शासन व्यवस्था के अधीन कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे। विधायक ने पत्र में लिखा कि विधानसभा क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत आबादी दिहाड़ी मजदूर, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूर, खोखा, पटरी, आॅटो चालक आदि की है जिनमें से अधिकतर वे लोग है जो प्रतिदिन कमाकर उसी से अपना पेट भरते है। कॅरोना महामारी को देखते हुए लाॅकडाउन हो जाने के कारण इनके सामने भूखमरी का संकट पैदा हो गया था। मैंने स्वंय 27 मार्च से लोनी की भूखमरी के कारण बिगड़ती स्थिति के कारण 6 विधायक-योगी रसोई के नाम से जरूरतमंदों तक भोजन वितरण के लिए रसोई चालू करवाई। साथ ही, दर्जनों सामाजिक संगठनों से निवेदन कर अधिकारियों के साथ बैठक करवाकर उनसे भी क्षेत्र में भिन्न-भिन्न स्थानो पर रसोई शुरू की गई और काॅल के माध्यम से मिलने वाली सूचना पर जरूरतमंदों के घर तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है जिससे लाॅकडाउन का भी आसानी से पालन हो सकें। 3 दिवस पूर्व 2 सरकारी रसोई तहसील के द्वारा शुरू की गई है लेकिन सामाजिक संगठनों की सीमित क्षमता होने के कारण उन्होंने प्रतिदिन बनने वाले खाने की मात्रा घटा दी है या फिर निकट भविष्य में परिस्थितियों को देखते हुए ये पूर्ण रूप से बंद भी हो सकते हैं। 16 लाख की आबादी में अधिकांश संख्या गरीब मजदूरों के होने के कारण उत्पन्न होने वाली भूखमरी से स्थिति भयावह हो सकती है। इसलिए समय रहते ही सभी वार्ड एवं गांव स्तर पर ऐसे मजदूरों और जरूरतमंदों सूची बनाई जाए जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, आधार कार्ड नहीं है उन्हें राशन पहुंचाने की व्यवस्था के साथ-साथ 1000 रूपए की भी मुख्यमंत्री विशेष आपदा कोष से इनके खातों में दिलवाने की मांग की हैं जिससे प्रदेश सरकार व माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप इस आपदा की घड़ी में कोई भी भूखा एवं असहाय न रहें। 


वहीं विधायक ने लिखा कि लोनी की आबादी को ध्यान में रखते हुए कॉरोना से निपटने के लिए करोड़ों रूपए की मदद मिलनी चाहिए थी वहां 10 लाख रूपए की राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। इसलिए एसडीएम व अधिशासी अधिकारी की रसोई एवं अन्य कार्य के लिए पृथक रूप में करोड़ों रूपए की जरूरत है।  विधायक ने पत्र की प्रतिलिपि माननीय मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी प्रेषित किया है।


महाराष्ट्रः 110 की मौत, 1574 संक्रमित

मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत का आंकड़ा 100 पार कर गया। शुक्रवार को मुंबई में 12 लोगों की मौत हुई। इसी के साथ राज्य में मौतों का आंकड़ा 110 हो गया। वहीं, राज्य में संक्रमितों की संख्या 1574 तक पहुंच गई है। राज्य में संक्रमण से पहली मौत 17 मार्च को हुई थी। लेकिन दो अप्रैल के बाद मौत के आंकड़ों में बेहद तेजी रही। जहां 17 मार्च से एक अप्रैल तक यानी 14 दिन में संक्रमण से 13 लोगों की मौत हुई। वहीं, दो अप्रैल से 10 अप्रैल यानी 9 दिनों में 98 लोगों की जान गई।
देश के संक्रमण में महाराष्ट्र की स्थिति-
देश में संक्रमण के करीब सात हजार मामले हैं। वहीं, महाराष्ट्र में संक्रमितों का आंकड़ा 1500 से ज्यादा है। यानी हर पांचवां मरीज महाराष्ट्र से है। राज्य के 36 में से 22 जिलों तक कोरोना का संक्रमण फैल चुका है।
देश में मौत का आंकड़ा 255 है। महाराष्ट्र में 108 मौत हो चुकी है। यानी हर 10 में चार मौत महाराष्ट्र में हुई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौत मुंबई और पुणे में हुई है। मुंबई में अब तक 74 जबकि पुणे में 25 की मौत हो चुकी है।
देश के 20% संक्रमित महाराष्ट्र में
देश के कुल संक्रमित मामलों में करीब 20% जबकि कुल मौतों में से 42% मामले महाराष्ट्र के हैं। राज्य में कोरोना संक्रमितों की मृत्युदर (सीएफआर) 7.11% है जबकि देश में यह 3.10% है। हालांकि, मृत्यु दर के मामले में महाराष्ट्र, पंजाब और गुजरात से पीछे है। यहां क्रमशः 7.92 और 7.69% मृत्यु दर रही है। वहीं सबसे खास यह है कि केरल, जहां कोरोना का पहला मामला सामने आया वहां अब तक सिर्फ 2 मौतें हुई और वहां मृत्यु दर सिर्फ 0.56% है।
पुणे में तेजी से बढ़ा मृतकों का आकंड़ा, सिर्फ दो दिन में हुई 18 मौतें
राज्य में हुई 108 मौतों में से 74 यानि की तकरीबन 70% मौतें मुंबई में हुई हैं। इसके बाद दूसरा नंबर पुणे का आता है। यहां अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है। खास यह है कि पुणे में मंगलवार के बाद से मृतकों के आकड़ों में तेजी से वृद्धि हुई है। मंगलवार को यहां मृतकों की संख्या सिर्फ 6 थी जो गुरुवार शाम तक बढ़कर 25 हो गई। यानि सिर्फ दो दिन में पुणे में 19 लोगों की मौत हुई है। पुणे में सबसे ज्यादा मौतें ससून हॉस्पिटल और मुंबई में कस्तूरबा हॉस्पिटल में हुईं हैं।


पश्चिम बंगाल में संक्रमितो की संख्या-116

कोलकाता। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पीडि़तों की कुल संख्या पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को बढ़कर 116 हो गई। फिलहाल कोविड-19 से 89 संक्रमित हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान 12 और मामले सामने आए हैं। और तीन लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि महामारी से राज्य में मृतकों की संख्या 5 पर ही टिकी हुई है। इस बीच दक्षिण कोलकाता में एक बैंक अधिकारी की मां के कोरोना से पीडि़त होने के बाद बैंक को सील कर दिया गया।
राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने सचिवालय नवान्न में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य में अभी भी 44,474 लोग होम क्वारंटाइन में हैं जबकि 4830 लोग सरकारी क्वारंटाइन में हैं। सरकारी क्वारंटाइन सेन्टरों में 14 दिन की अवधि पूरा कर लेने के कारण 450 लोगों को रिहा किया गया। मुख्य सचिव के अनुसार राज्य में 2 गैर सरकारी और 5 सरकारी लेबोरेटरी में अब तक कुल 2095 लोगों के नमूने की जांच की गई। 
निगम जारी नहीं कर सकता प्रमाण पत्र
पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से मृतकों की संख्या कम दिखाने के आरोपों पर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना पर गठित डेथ ऑडिट कमेटी में शामिल विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुशंसा पर ही स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग आधिकारिक तौर पर कोविड-19 से मौत की पुष्टि करता है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि कोरोना से किसी भी व्यक्ति की मौत का प्रमाण पत्र नगर निगम या स्थानीय निकायों की ओर से जारी नहीं किया जा सकता।


बुजुर्ग की पेंशन से जरूरतमंदों की मदद

८० वर्षीय पुष्पलता पेंशन के पैसों से कर रहीं ज़रुरतमन्दों की मदद
 
प्रयागराज। कीडगंज की ८०वर्षीय पुष्पलता यादव का जज़बा देख कर क्षेत्रवासी गदगद हैं। इस उम्र में वह लोगों के लिए प्रेणा बनी हैं।जब से कोरोना वॉयरस के कारण लॉक डाऊन लगा है। तब से प्रतिदिन वह ग़रीबों व ज़रुरतमन्दों को खाद्ध सामाग्री बाँट रही हैं।उम्र के इस पड़ाव पर भी वह अपनी पेंशन के पैसों से ज़रुरतमन्दों के घर चूलहा जलाने के लिए प्रबन्ध कर रही हैं।अस्वस्थ रहने के बाद भी लोगों की सेवा करने से उनके अन्दर ग़ज़ब की स्फूर्ति जाग्रत हो गई है।मोहल्ले में कोई उनहे दादी मॉ तो कोई माता जी तो काकी माँ कह कर पुकारते हैं।पुष्पलता यादव की बेटी मंजू यादव अखिल भारतीय यादव महासभा की ज़िलाध्यक्ष व समाजवादी पार्टी महिला सभा की महानगर अध्यक्ष हैं।बेटी को हमेशा लोगों की सेवा करते देख पुष्पलता जी में भी इस उम्र में ज़रुरतमन्दों के लिए कुछ करने का जज़बा पैदा हो गया।उनहोने बेटी मंजू से कह कर आँटा, दाल, चावल,सरसों का तेल,आलू,मसाले आदि मंगा कर खुद व नातियों की मदद से पैकेट तय्यार करवाए और एक एक ज़रुरतमन्द को अपने हाँथों से खाद्ध सामाग्री का वित्रण किया।दो नाती उनके डाक्टर हैं और मंजू यादव के पति भी डाक्टर थे जिनका देहान्त हो चूका है।बूढ़ी माँ के हौसले को देख कर मंजू यादव की आँखे छल छला आईं।उनका कहना है की पति के इस संसार से जाने के बाद माँ का हौसला था जो आज मैं लोगों की समाज सेवा कर रही हूँ।


बृजेश केसरवानी


लॉक डाउनः राजनीति का गिरता स्तर

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी की लोनी नगर पालिका अध्यक्ष रंजीता धामा अपने पति मनोज धामा के साथ दोपहर 1बजे लोनी बार्डर थाने पर पँहुची तथा थाना प्रभारी को तहरीर देते हुये कल कुछ असामाजिक तत्वों के दुारा उनके विषय मे "लोनी की लाडली चैयरमेन लापता " है ऐसे पोस्टर लोनी क्षेत्र मे लगाये गये थे जो कि उनकी लोनी क्षेत्र मे बढती लोकप्रियता से द्वेष रखने वाले लोगोॆ ने लगाये हैं । 
लोनी नगरपालिका अध्यक्ष रंजीता धामा जी जानकारी देते हुये बताया कि उनका परिवार लोनी क्षेत्र का एक प्रतिष्ठित परिवार है तथा उनके पति पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रहे हैं। जिस वजह से कुछ लोग उनसे राजनीतिक दुेष रखने लगे हैं। इसी कारणवश इस संकट की घडी मे भी वो लोग बाज नही आ रहे हैं तथा नित नये नये हथकंडे अपना रहे हैं।
हमारे परिवार के दुारा इस कोरोना नामक वैश्विक महामारी के दौर मे लोनी की जनता के लिये दिन -प्रतिदिन शुद्ध एवं सात्विक भोजन की व्यवस्था की जा रही है हम लोग अपनी लोनी की जनता के लिये हमेशा सुख -दु:ख मे साथ खडे रहते हैं इसी वजह से ये लोग हमसे राजनीतिक द्वेष रखते हैं ।
लोनी नगर पालिका अध्यक्ष रंजीता धामा ने पुलिस प्रशासन से प्रकरण की जाँच कर उचित कानूनी कार्यवाही की मांग की तथा दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही हो ऐसा पुलिस प्रशासन सुनिश्चित करे।


24 घंटे में दो हजार से अधिक मौत

वाशिंगटन। अमेरिका में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) ने विकराल रूप ले लिया है और इसके कारण अब तक 18 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि पांच लाख से अधिक संक्रमित हुए हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना से पहली बार दो हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 18 हजार को पार कर 18693 पहुंच गयी है जबकि 500399 लोग इससे संक्रमित हुए हैं।
अमेरिका में कोरोना से शुक्रवार को 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इससे पहले बुधवार को सर्वाधिक 1936 लोगों की मौत हुई थी। कोरोना के कारण इटली के बाद अमेरिका में सर्वाधिक मौतें हुई हैं। इटली में इस महामारी के कारण अब तक 18849 लोगों की मौत हो चुकी है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 60 प्रतिशत से अधिक मौतें न्यूयॉर्क (777), न्यूजर्सी (232) और मिशीगन (205) प्रांत में हुई हैं। 
वहीं, विश्व में कोरोना वायरस से मरनेवालों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत मौत यूरोप में हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर एएफपी द्वारा तैयार की गई सूची के अनुसार, विश्व में कोरोना वायरस 1,00,661 लोगों की जान ले चुका है जिनमें से 70,245 लोगों की मौत यूरोप में हुई है। इटली में 18,849 के आंकड़े के साथ सर्वाधिक मौत हुई हैं, जबकि उसके बाद अमेरिका में 17,925 लोगों की मौत हुई है। वहीं, स्पेन में 15,843 लोगों की मौत हुई है।


वीजा प्रतिबंध आदेश पर हस्ताक्षर

मनोज सिंह ठाकुर


वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घातक कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के बीच अमेरिकी में मौजूदा विदेशी नागरिकों को स्वदेश वापसी की स्वीकृति नहीं देने या इसमें अनुचित रूप से देरी करने वाले देशों के खिलाफ वीजा प्रतिबंध लगाने संबंधी एक सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया है।
ट्रंप ने शुक्रवार देर रात एक ज्ञापन जारी कर कहा, कोरोना वायरस माहमारी के बीच जिस भी देश ने अमेरिका से अपने नागरिकों को स्वदेश वापसी की स्वीकृति नहीं दी या अनुचित रूप से देरी की है, अमेरिका उन पर वीजा प्रतिबंध लगायेगा। इन देशों ने अमेरिकी लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरे और बढ़ा दिये है। अमेरिका देश के कानून का उल्लघंन करने वाले विदेशी नागरिकों को प्रत्यावर्तित करने में सक्षम है।
ज्ञापन में कहा गया, विदेश मंत्री जल्द से जल्द और अधिकतम सात दिन के अंदर प्रवासन एवं नागरिकता कानून के अनुच्छेद 234(डी) के तहत वीजा प्रतिबंध लगाने के लिए एक योजना तैयार करें।


कंडोम की जगह बनाएगें कोरोना किट

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा ब्लड टेस्ट कराने पर ज़ोर दे रही है। हर दिन टेस्ट की संख्या को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। देश में फिलहाल पर्याप्त संख्या में टेस्टिंग किट नहीं हैं। ऐसे में कंडोम बनाने वाली एक सरकारी कंपनी हिंदुस्तान लैटेक्स लिमिटेड को किट बनाने की जि़म्मेदारी दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार से किट बनाने का काम शुरू हो जाएगा। 1970 के दशक में इस कंपनी ने परिवार नियोजन में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। उस दौरान ये कंपनी निरोध के नाम से कंडोम बनाती थी। लेकिन वक्त के साथ कंपनी का मार्केट शेयर घटता गया। तीन साल पहले एचएलएल को निजीकरण करने का भी मुद्दा उठा था। इसके अलावा पिछले महीने भी ये कंपनी विवादों में थी। आरोप लगा था कि स्वास्थ्यकर्मियों के प्रोटेक्टिव इच्पिमेंट बनाने में इसने देरी कर दी।
कंपनी के मुताबिक, कोरोना वायरस के मरीजों के लिए वो ऐसा टेस्टटिंग किट बना रही है, जिससे सिर्फ 15-20 मिनट में नतीजे आ जाएंगे। कंपनी के टेकनिकल ऑपरेशन के डायरेक्टर इए सुब्रमनियम के मुताबिक एचएलएल ने ये किट सिर्फ एक महीने में तैयार किया है। इससे पहले कंपनी टीबी, डेंगू और मलेरिया के लिए टेस्टटिंग किट तैयार कर चुकी है।


यूपीः 449 संक्रमित, 515 संदिग्ध

लखनऊ। लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) को शुक्रवार रात मिले 557 सैंपल की रिपोर्ट शनिवार को सुबह आई है। जिसमें छह पॉजिटिव हैं। इनमें से तीन आगरा के सरोजनी नायडू(एसएन) मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं तो अन्य तीन का इलाज लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती हैं। प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण के 449 केस पॉजिटिव हैं। 


ताजनगरी आगरा का आकंड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वर्तमान समय में आगरा में कोरोना वायरस के 92 पॉजिटिव मामले हैं। आगरा में आज जिनकी सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उनमें एक 23 वर्षीया महिला तथा दो पुरुष हैं। केजीएमयू में भर्ती दो महिला तथा एक पुरुष की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है। इस तरह से लखनऊ में अब कोरोना पॉजिटिव 32 हो गए हैं। सीएमओ लखनऊ नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि केजीएमयू में आज ही कोरोना पॉजिटिव मिले लखनऊ के तीनों संक्रमितों को बख्शी की तालाब क्षेत्र के रामसागर मिश्र हॉस्पिटल, साढ़ामऊ में शिफ्ट किया गया है। ताजनगरी मे कोरोना तीन में दो को घटिया आजम खां क्षेत्र के कोरोना संक्रमित वरिष्ठ चिकित्सक के संपर्क में थे। प्रदेश में इनके अलावा 515 संदिग्ध को भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही 8771 क्वारंटाइन हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि प्रदेश में तब्लीगी जमात से जुड़े 252 लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव हैं। यानी प्रदेश में अभी तक मिले पॉजिटिव केस की संख्या में आधे से अधिक तब्लीगी जमात से जुड़े लोग ही हैं।


लखनऊ में ढाई वर्ष के बच्चे की दो रिपोर्ट निगेटिव आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। प्रदेश में अब तक कुल 32 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिली है। शुक्रवार को जो 18 पॉजिटिव केस सामने आए थे, उनमें से आगरा के पांच, मेरठ के चार, हापुड़ के तीन और बदायूं का एक मरीज वह है, जो तब्लीगी जमात में शामिल होकर यूपी लौटे हैं। वहीं नोएडा, रामपुर, कन्नौज, बुलंदशहर और मथुरा में एक-एक मरीज पॉजिटिव पाया गया। कन्नौज में पहला पॉजिटिव पाया गया।अब तक नोएडा में 64, पीलीभीत में दो, बस्ती में नौ, मुरादाबाद में दो, बरेली में छह, कौशांबी में दो और रामपुर व कन्नौज में मिले एक-एक मरीज तब्लीगी जमात के नहीं हैैं। आगरा में 92 में से 50 मरीज तब्लीगी जमात के हैं। इसी तरह लखनऊ में 29 में से 17, गाजियाबाद में 25 में से 14, कानपुर में नौ में से आठ, वाराणसी में नौ में से चार, शामली में सभी 17, जौनपुर में चार में से तीन, बागपत में पांच में से चार, मेरठ में 49 में से 29, बुलंदशहर में नौ में से पांच, हापुड़ में सभी छह, गाजीपुर में सभी पांच, आजमगढ़ में सभी चार, फिरोजाबाद में सभी 11, हरदोई में सभी दो, प्रतापगढ़ में सभी छह, सहारनपुर में सभी 20, शाहजहांपुर में एक, बांदा में सभी दो, महाराजगंज में सभी छह, हाथरस में सभी चार, मिर्जापुर में सभी दो, रायबरेली में सभी दो, औरैया में सभी तीन, बाराबंकी में एक, बिजनौर में एक, सीतापुर में सभी 10, प्रयागराज में एक, मथुरा में तीन में से दो, रामपुर में सात में से एक, मुजफ्फरनगर में चार में से तीन, बदायूं में दो और अमरोहा में सभी सात मरीज तब्लीगी जमात में शामिल होकर वापस लौटे हैं।


शामलीः 83 के खिलाफ एफआईआर दर्ज

साजिद खान / फरमान अली 


शामली। जिलाधिकारी शामली जसजीत कौर ने बताया कि लॉक डाउन व धारा 144 का उल्लंघन करने वालों पर 83 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।तथा 223 लोग गिरफ्तार किये गए है।उन्होंने बताया कि महामारी अधिनियम के तहत 44 एफआईआर लोगों पर दर्ज कराई गई है साथ ही दर्जनों लोगों की गिरफ्तारी की कार्यवाही की गई। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन, धारा 144 व महामारी अधिनियम का उल्लंघन करते पाए जाने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर कठोर से कठोर कार्यवाही करें।


जरूरतमंदों के लिए एसडीएम को पत्र

इकबाल अंसारी


लोनी/गाजियाबाद। अभिलंब स्थाई-अस्थाई राशन कार्ड बनवाकर जरूरतमंद लोगों,परिवारों को आर्थिक सहायता ,खाद्य राशन ,घरेलू सामग्री वितरित किए जाने के सम्बन्ध मे लोनी नगर पालिका परिषद क्षेत्र में बहुत सारे गरीब परिवार, किराएदार, जरूरतमंद अनुसुचित जाति परिवार ऐसे हैं। जिनके अभी तक राशनकार्ड नहीं बने हैं। जिसकी वजह से उपरोक्त लोगों, परिवारों को प्रशासनिक स्तर पर कोई आर्थिक सहायता, राहत सामग्री, जरूरी आर्थिक सहायता श्रीमानजी के द्वारा या प्रशासनिक स्तर पर नही दी गई है न ही सार्वजनिक वितरण राशन की दुकान से कोई राशन मिला रहा है। जिस कारण उपरोक्त परिवारों का जीवन संकट मैं हैं। बिना खाद्दय सामग्री भोजन आदि आर्थिक सहायता के उक्त लोग कठिनाइयों से घुटन भरी जिंदगी से झूज रहे है। तथा किसी के सामने हाथ फैलाने या मदद मांगने मे व अपनी पहचान सार्वजनिक करने में अपमानित महसूस करते हैं। शासन प्रशासन द्वारा लोनी देहात नगर क्षेत्र,विकासनगर  सलाहनगर,मिलक, सादुल्लाबाद व उनसे संलग्न कॉलोनियो मे सरकारी सहायता/खादय सामंग्री से वंचित लोगो परिवारो को
 एडवोकेट सुरेंद्र कुमार अध्यक्ष लोनी बार एसोसिएशन के द्वारा पत्र प्रेषित कर उप जिला अधिकारी से स्थिति के अनुसार सहायता के लिए प्रार्थना की है। जनहित में अविलंम्ब उपरोक्त परिवारों को अस्थाई/ स्थाई राशन कार्ड बनाकर आर्थिक सहायता/खाद्य सामग्री/ राहत सामग्री दी जानी अति आवश्यक है स्थाई अस्थाई राशन कार्ड के अभाव में आधार कार्ड से उपरोक्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जानी अति आवश्यक है। शिकायत पत्र का अविलंब संज्ञान लेकर लोनी नगरपालिका परिषद लोनी क्षेत्र के सरकारी आर्थिक सहायता मदद खादय सामंग्री से वचिंत लोगों / परिवारो के स्थाई/अस्थाई राशन कार्ड  बनवा कर सरकारी आर्थिक सहायता / राहत सामग्री / खाद्य सामग्री वितरित की जाए तथा उपरोक्त राशन कार्डों के अभाव में  आधार कार्ड  के आधार पर उपरोक्त कार्यवाहीया सुनिश्चित करें।


समाज कल्याण अधिकारी के घर लूट

इटावा। दिनदहाड़े घर में घुसे एक युवक व दो युवतियों ने जिला समाज कल्याण अधिकारी शिशुपाल सिंह का गला दबाने के साथ ही अलमारी में रखे रुपये व अंगूठियां लूट ले गए। घटना के समय वह अपने निवास ट्रांजिट हॉस्टल से दफ्तर जाने को तैयार हो रहे थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मामले के पीछे जानकार लोगों का हाथ बताए जाने की आशंका जताई गई है।समाज कल्याण अधिकारी शिशुपाल सिंह ने बताया कि 8 अप्रैल को वह अपने घर पर सुबह दस बजे दफ्तर आने के लिए तैयार हो रहे थे। तभी एक युवक व दो युवतियां अचानक उनके घर में घुस आए और पेंशन न आने की बात कहकर उनके साथ अभद्रता करने लगे। तीनों ने उन्हें पकड़ लिया और कपड़े से उनके गले को कसकर जान से मारने की कोशिश की। इसके बाद उन लोगों ने उनसे अलमारी की चाबी मांगी और अलमारी में रखे हुए 55 हजार रुपये, तीन सोने की अंगूठी व दो मोबाइल लूटकर भाग गए। घटना के बाद उन्होंने पास में रहने वाले पड़ोसियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लूटपाट करने वाले लोगों को वह शक्ल से जानते हैं। लेकिन उनके नाम उन्हें नहीं पता।मामले की जानकारी पुलिस को दी गई, उसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। पुलिस ने गुरुवार रात को उनका मुकदमा थाना सिविल लाइन में दर्ज कर लिया है। शिशुपाल सिंह ट्रांजिट हॉस्टल में द्वितीय तल पर रहते हैं। मामले से जिलाधिकारी जेबी सिंह व एसएसपी आकाश तोमर को भी अवगत कराया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मामले में कार्यालय के लोगों की भी संलिप्तता हो सकती है। इस पर भी जांच के निर्देश पुलिस को दिए गए हैं।


छापेमारी करने गई पुलिस पर हमला

छापेमारी करने गए पुलिसकर्मियों पर हमला, 7 घायल


पंकज कपूर


चित्रकूट। उत्तरप्रदेश के जिला चित्रकूट के रइयापुरवा गांव में लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब की बिक्री होने की सूचना पर शुक्रवार को छापेमारी करने गए पुलिस दल पर ग्रामीणों ने ईंट-पत्थर से हमला बोल दिया। करीब आधे घंटे तक हुए हमले में थाना प्रभारी समेत सात सिपाही घायल हो गए। सूचना मिलते ही एसडीएम, एएसपी समेत तीन थाने का पुलिस बल गांव पहुंचा। भारी पुलिस बल को देखते ही आरोपी और अन्य ग्रामीण बागे नदी पार कर भाग गए। लेकिन पुलिसकर्मियों ने सात ग्रामीणों को दबोच लिया। साथ ही सुरक्षा के तौर पर पुलिस बल गांव में तैनात कर दिया गया है। मामले में छह नामजद व दस अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।


जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किसी ने शिकायत की थी कि, पहाड़ी थानाक्षेत्र के गढ़ीघाट के रइयापुरवा में अवैध शराब बनाकर बेची जा रही है। सूचना पर पुलिस टीम के साथ पहाड़ी थानाध्यक्ष सुशील चंद्र ने वहां छापा मारा। लहन नष्ट करने के दौरान वहां मौजूद लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जिसकी जानकारी पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए अधिकारियों को दी। इस बीच कई हमलावर बागे नदी पार कर बांदा जिले में सिंहपुर गांव पहुंच गए। सूचना मिलते ही एसडीएम एके पांडेय, राजापुर एसडीएम राहुल विश्वकर्मा, एएसपी बलवंत चौधरी, सीओ रजनीश यादव, इम्त्यिाज अहमद समेत विभिन्न थानों की भारी पुलिस मौके पर पहुंच गई।


पथराव से थानाध्यक्ष सुशील चंद्र शर्मा के साथ सिपाही लवकुश यादव, रामअजोर सरोज, मधुसूदन पाठक, आशीष कुमार, बसहर खान और दो महिला सिपाही शिल्पा व सरिता घायल हो गईं। सभी घायल पुलिसकर्मियों को सीएचसी पहाड़ी में इलाज किया गया। इस क्रम में एएसपी ने बताया कि, लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री बंद होने से ये सब लोग कच्ची शराब बनाकर धंधा कर रहे थे। मौके से सात लोगों को पकड़ा गया है। जिनसे पूछताछ जारी है। जिसमें से मुख्य आरोपी फूलचंद्र अभी फरार है। उसके घर के पास कच्ची शराब बनाने के भारी मात्रा में उपकरण, एक क्विंटल लहन व बीस लीटर शराब बरामद हुई है। पहाड़ी थाना प्रभारी सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि, इस मामले में रइयापुरवा निवासी फूलचंद्र, रामदास, अवधेश, महेश पुत्र बुत्ता, गिरजा पुत्र रामबहोरी व रज्जन पुत्र गिरजा समेत दस अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।


कलह से तंग महिला ने फांसी लगाई

झगड़े से तंग आकर फाँसी पर झूली विवाहिता


करारी थाना क्षेत्र में विवाहिता की मौत पर चर्चाओं का बाजार गर्म


करारी कौशाम्बी। करारी थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में एक विवाहिता ने अपने साड़ी के पल्लू से पशु बाड़ा में फांसी लगा कर जान दे दिया है। सूचना पर पहुँची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


घटना क्रम के मुताबिक इब्राहिम पुर गांव की विवाहिता सुशीला देवी का शव पशु बाड़ा में फंदे से लटक रहा था विवाहिता की आत्महत्या का मामला संदिग्ध प्रतीत होता है।विवाहिता के सुसर राम पाल का कहना है कि उनकी छोटी बहू सुशील देवी से आए दिन उसकी जेठानी से झगड़ा होता था किन्तु किसी तरह से ससुर राम पाल इस झगड़े को शान्त करा देते थे। लेकिन बीते दिन फिर दोनों में झगड़ा हुआ था और राम पाल ने बताया कि बीती रात उनकी छोटी बहू सुशीला देवी ने छत के चूल्ले से दरवजा बन्द करके आत्म हत्या करने जा रही थी तभी ससुर ने किसी तरह मनाया और मामला शांत हो गया। 


किन्तु आज शनिवार की सुबह करीब 8.30 बजे जब ससुर राम पाल ने अपने पशु बाड़ा की तरफ गए तो उन्होंने देखा कि उनकी छोटी बहू सुशीला देवी ने अपने आप को अपने साड़ी के पल्लू से धन्नी में फांसी का फंदा बनाकर झूल गई। जिसे देखकर ससुर राम पाल के होश उड़ गए और गांव में इस घटना को सुनकर लोगो में सनसनी मच गई। 
इस घटना कि जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली तो मौके पर अरका पुलिस चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार राय एवम् करारी थाना यस ओ पहुंचे और लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।


सुशील कुमार दिवाकर


अपना काम बनता,कोरोना से मरे जनता

सन्दीप मिश्रा
रायबरेली। महराजगंज के नगर पंचायत अध्यक्षा सरला साहू को उनके क्षेत्र की जनता इस महामारी की मुसीबत में खोज रही है । लेकिन अध्यक्ष का वही हाल है कि अपना काम बनता-भाड़ में जाए जनता शायद इसी सोच क़े चलते नगर पंचायत चुनाव में चौखटो पएलगी करने वाली मोहतरमा ने लाकडाउन क़े 15 दिन बाद भी रोजी रोजगार छोड़ घर में बैठने वाले गरीब की झोपड़ी में पहुंच दुःख दर्द जानना तक भी मुनासिब नही समझा।चेयरमैन क़े लापता होने और नगर की जनता से दूरी होने का मसला पहली बार नही इसके पूर्व खुद को गरीबो की हमदर्द बताने वाली चेयरमैन मोहतरमा क़े राज में इस बार ठंड ही नही पड़ी यह हम नही नगर पंचायत क़े आकड़े कहते है क्यूंकि सरकारी मद 2019-20 क़े वित्तीय वर्ष में कंबल बटे ही नही। नगर पंचायत क़े कार्यो क़े प्रति बेरुखी का दूसरा उदाहरण ठेका टैक्सी वाहन स्टैंड नीलामी में दिखाई पड़ा जहां सरकारी तिथि प्रकाशन क़े बाद भी अध्यक्षा क़े ना आने से बोली कैंसिल हो चली, हद तो तब हो गयी जब चेयरमैन महोदया कोरोना जैसे अति संवेदनशील मुद्दे को लेकर बुलाई गयी बोर्ड बैठक में प्रतिनिधित्व करने क़े बजाए नदारत दिखी। जिससें बैठक टल गयी।वैसे तो मोदी जी कोरोना महामारी को लेकर दो बार टीवी पर आ गए किन्तु गुमान ऐसा की सरला साहू ने इस महामारी से बचाव में नगरवासियों से अपील करना भी अब तक मुनासिब नही *समझा।खैर उनके पति एवं जिला पंचायत सदस्य प्रभात साहू पूरे समर्पण भाव से कस्बे की जनता की सेवा में दिन रात एक किए है लेकिन लोगो का कहना है की जिसको उन्होने वोट दिया वो तो पिछले छः महीने से लापता है और किसी को दिखाई तक नही पड़ी है, सुख दुःख में शामिल होने का दावा तो सरला साहू द्वारा नगर की भोली भाली जनता से किया गया था तो ऐसे आपातकालीन समय में उन्हें नगर का हाल तो लेना ही चाहिए। क्या वोट लेने क़े बाद जनता की समस्याओ का निराकरण करना चेयरमैन का फर्ज नही बनता। जिसको लेकर लोगो में आक्रोश भी दिखाई दे रहा। प्रकरण में नगर पंचायत कार्यालय स्थित चेयरमैन कक्ष क़े बाबत वहां क़े कर्मियों ने बताया की नाम वाली चेयरमैन सिर्फ झंडा फहराने क़े दिवसो में ही नगर पंचायत दिखाई पड़ती है बाकी काम वाले चेयरमैन ही नगर पंचायत क़े दायित्वों का निर्वहन करते है।


जवाबी कार्रवाई में मार गिराए 5 सैनिक


देश की सेना ने की बड़ी कार्यवाई: मार गिराए पांच सैनिक को, लांचिंग पैड तबाह, आयुध डिपो भी को भी किया ध्‍वस्‍त
 


नई दिल्ली। नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने पर पाकिस्तानी सेना को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। श्रीनगर के उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई में नीलम घाटी में पाकिस्तान के पांच सैनिक मारे गए। वही कई आतंकियों के भी मारे जाने की सूचना है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड मुख्यालय को भी भारी नुकसान पहुंचा है और उसका आयुध डिपो भी तबाह हो गया है। इसके अलावा उसका एक लांचिंग पैड भी भारतीय सेना ने तबाह कर दिया। पाकिस्तानी सेना ने बालाकोट और मेंढर सेक्टर में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।


यूपीः सिपाही को ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचला

बालू लदे ट्रैक्टर ट्राली से कुचलकर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत सिपाही की सर्विस पिस्टल गायब


प्रयागराज। नैनी क्षेत्र के एग्रीकल्चर पुलिस चौकी अंतर्गत ठकुरी का पुरवा, मोहब्बतगंज में यमुना कछार के पास बालू लदे ट्रैक्टर ट्राली से एक सिपाही की कुचल कर मौत हो गई। उसकी सरकारी पिस्टल गायब है। घटना रात में करीब 9.30 बजे की है।
सूचना पर एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज , एसपी यमुनापार दीपेंद्रनाथ चौधरी और सीओ आशुतोष तिवारी मौके पर पहुच गए। घटना के दौरान ट्रैक्टर ट्राली पलट गई। जिसे जेसीबी बुलाकर ट्रैक्टर ट्राली को निकाला गया।
एग्रीकल्चर पुलिस चौकी में तैनात सिपाही रवि पांडेय (35) पुत्र सत्यदेव पांडेय निवासी बड़का लौहार, बड़हरा थाना, भोजपुर, आरा, बिहार अपने साथी हेडकांस्टेबिल मनोज राय, चौकी इंचार्ज एग्रीकल्चर तरुणेंद्र त्रिपाठी व एक अन्य दरोगा के साथ शुक्रवार रात मोहब्बतगंज के ठकुरी का पूरा गांव के यमुना कछार में हो रहे अवैध बालू खनन एवं परिवहन की सूचना पर पहुँचे थे।
अचानक पुलिस को सामने देख ट्रैक्टर ट्राली में बालू लादकर जा रहे लोग ट्रैक्टर लेकर भागने लगे। पुलिस वालों ने पकड़ने के प्रयास किया तो उनकी गाड़ी बालू में फिसल गई। रवि पांडेय के साथ बैठा सिपाही पहले उतर गया। रवि ने बालू लदे ट्रैक्टर ट्राली को पकड़ने का प्रयास किया , उसी दौरान ट्रैक्टर ट्राली पलट गई। जिसमें दबकर सिपाही राजू पांडेय की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। मौके पर आला अधिकारी पहुचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। पुलिस मौके पर मिला ट्रैक्टर मोहब्बतगंज के राजबहादुर का है।
2011 बैच का सिपाही था रवि, पिस्टल अभी भी गायब
नैनी। दुर्घटना में मारा गया सिपाही रवि पांडेय वर्ष 2011 बैच का सिपाही है। नैनी में नियुक्ति 26 मार्च 2018 में नियुक्ति हुई है। उसकी पिस्टल नही मिली है। पुलिस जेसीबी मशीन के जरिये बालू हटवा कर गायब पिस्टल खोज रही है। हालांकि घटना को लेकर तरह तरह की चर्चाएं शुरू है।              बृजेश केसरवानी


कंप्रोमाइज के बदले 3 गुना रुपये

कास्टिंग काउच पर फिल्म अभिनेत्री का खुलासा, बोलीं- कॉम्प्रोमाइज के बदले तीन गुना पैसों का मिला था ऑफर..


मानवी ने 2007 में शो 'धूम मचाओ धूम' से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके अलावा वो 'टीवीएफ ट्रिपलिंग' और 'फोर मोर शॉट्स' जैसी वेब सीरीज में भी नजर आ चुकी हैं।


मुंबई। बॉलीवुड में मीटू अभियान शुरू होने के बाद कई अभिनेत्रियों ने अपने साथ हुई ज्यादतियों का खुलासा किया। ऐसा होते ही कई मशहूर हस्तियों पर आरोप लगे, जिसके चलते कई फिल्मों से उन्हें निकाल दिया गया। इस अभियान का ऐसा असर हुआ कि अब बिना डरे फिल्म जगत से जुड़ी महिलाएं अपनी बात खुलकर सामने रखने लगी हैं। बॉलीवुड में मीटू अभियान शुरू होने के बाद कई अभिनेत्रियों ने अपने साथ हुई ज्यादतियों का खुलासा किया। ऐसा होते ही कई मशहूर हस्तियों पर आरोप लगे, जिसके चलते कई फिल्मों से उन्हें निकाल दिया गया। इस अभियान का ऐसा असर हुआ कि अब बिना डरे फिल्म जगत से जुड़ी महिलाएं अपनी बात खुलकर सामने रखने लगी हैं।


अभिनेत्री मानवी गगरू ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ जैसी कई फिल्मों और वेब सीरीज में नजर आ चुकीं हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में मानवी ने खुलासा किया कि उन्हें एक वेब सीरीज के बदले कॉम्प्रोमाइज करने को कहा गया। उन्होंने बताया कि करीब एक साल पहले उन्हें एक प्रोड्यूसर का फोन आया था, जिसने उन्हें एक वेब सीरीज का ऑफर दिया था। जब मानवी ने बजट के बारे में पूछा तो उसने काफी कम पैसों की बात कही। मानवी ने उस प्रोड्यूसर से कहा कि ये बहुत कम है तो उसने कहा कि वो मुझे तीन गुना ज्यादा पैसे देगा लेकिन इसके लिए मुझे कॉम्प्रोमाइज करना होगा। उन्होंने कहा कि कॉम्प्रोमाइज जैसे शब्द मैं 7-8 साल बाद सुन रही थी। प्रोड्यूसर की बात पर मानवी को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने उसे चिल्लाते हुए कहा फोन रखो, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? बता दें कि मानवी ने 2007 में शो ‘धूम मचाओ धूम’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके अलावा वो ‘टीवीएफ ट्रिपलिंग’ और ‘फोर मोर शॉट्स’ जैसी वेब सीरीज में भी नजर आ चुकी हैं।


सप्ताह में 1 भी संक्रमित नहींः गाजियाबाद

गाजियाबाद में एक सप्ताह में एक भी संक्रमित नहीं
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। पिछले एक सप्ताह से पूरे जिले में एक भी कोरोना पाॅजिटिव का नया मामला दर्ज नही किया गया है, प्रशासन द्वारा लाॅकडाउन का सख्ती से पालन करना है वजह।
यूपी का गाजियाबाद जिला लाॅकडाउन पालन करने पर मिसाल बन गया है। पिछले एक सप्ताह में यहां पर कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है, जिले में अबतक कुल कोरोना पाॅजिटिव मामलों की संख्या 25 है। इसके पीछे प्रशासन व स्थानिय लोगों के सहयोग को वजह बताया जा रहा है, यूपी के दूसरे शहरों को इससे सबक लेने की जरूरत है।


200 अमेरिकी जवान वायरस संक्रमित

प्रेमशंकर 
वाशिंगटन। कोरोना का क़हर सबसे ज्यादा अमेरिका पर बरस रहा है, अब अमेरिकी सेना के 200 जवानों के संक्रमित होने से हड़कंप मच गया है।


दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका को चीन से निकले एक अद्रश्य वायरस ने घुटनों पर ला दिया है, एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में आम लोगों को निशाना बनाने के बाद अब कोरोना ने अमेरिकी सेना में भी अपनी घुसपैठ कर ली है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी सेना में शुक्रवार रात तक करीब 200 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं और अभी इनके और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।


इंदौर में 3 कोरोना संक्रमित ने तोड़ा दम

इंदौर। शहर में 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण 7 लोगों की मौत हो गई। देर रात जारी रिपोर्ट में 3 और मौतों की पुष्टि की गई है। इनको मिलाकर इंदौर शहर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 30 पहुंच गई है। शुक्रवार शाम तक जहां 4 मौत की पुष्टि हुई थी। वहीं इंदौर मेडिकल कॉलेज ने शनिवार अलसुबह 4 बजे तीन और मौत की पुष्टि की, इसमें से एक की मौत 8 अप्रैल को हुई थी। जबकि दो की मौत 10 अप्रैल को हुई थी।
शुक्रवार को कोरोना वायरस से प्राइवेट प्रैक्टिशनर डॉक्टर की मौत हो गई। गुरुवार को भी इंदौर में एक निजी चिकित्सक की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई थी। शाम को आई रिपोर्ट में शहर में 14 नए मरीज मिले। इसी के साथ कुल पॉजिटिव की संख्या 249 पर जा पहुंची। यह पूरे प्रदेश में मिले कुल मरीजों का 50 प्रतिशत है। ब्रह्मबाग कॉलोनी निवासी 65 साल के जिस डॉक्टर की मौत हुई है, वह जिला आयुष अधिकारी धार रह चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद से ही वह इंदौर में प्रैक्टिस कर रहे थे। ब्रह्मबाग निवासी इस डॉक्टर के क्लीनिक में आसपास के उस क्षेत्र से भी मरीज पहुंचे थे जहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अधिक संख्या में मिले थे। 2 दिन पहले ही उन्हें एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके पहले किसी प्राइवेट अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा था। मौत की पुष्टि सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने की है।
शुक्रवार को 14 नए मरीज सामने आए। जिन्हें मिलाकर अब कुल संक्रमित लोगों की संख्या 249 तक पहुंच चुकी है। इंदौर में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या 28 हो चुकी है जो देश में सबसे अधिक है। मेडिकल कॉलेज से जारी बुलेटिन के अनुसार कुल मरीजों में से 176 मरीजों की हालत स्थिर है। 13 मरीज अभी भी गंभीर स्थिति में हैं।
इन कॉलोनियों से मिले 14 नए मरीज
रिपोर्ट के अनुसार उमेश नगर से एक ही परिवार के दो मरीज सामने आए हैं। वहीं तिलक नगर से भी दो मरीज एक ही परिवार के मिले हैं। इसके अलावा नंदन कॉलोनी, परदेसीपुरा, स्कीम नंबर 71, गुमास्ता नगर, लालबाग श्रवण कॉलोनी, पुलिस कॉलोनी, इकबाल कॉलोनी, स्वामीनारायण नगर, विहार कॉलोनी और अहिल्या पलटन से भी एक-एक मरीज सामने आए हैं।
सर्वे के दौरान मिले 304 संदिग्ध
शहर में जिन क्षेत्र से सबसे अधिक मरीज मिले हैं वहां पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। इसमें 304 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजे गए हैं। इसके अलावा एमवाय अस्पताल से 83, सिविल हॉस्पिटल महू से 56, मयूर अस्पताल से 5, जीएचआरसी से 17, विशेष अस्पताल से 3, सिनर्जी अस्पताल से 4, डेंटल हॉस्पिटल से 44,सुयश हॉस्पिटल से 8, अरिहंत अस्पताल से 2, अरविंदो अस्पताल से 8, सीएचएल अस्पताल से 2 और बॉम्बे हॉस्पिटल से 27 सैंपल प्राप्त हुए हैं।


जरूरतमंदों की सेवा में जुटे आरएसएस

RSS भी जुटा जरूरतमदों को भोजन राशन मास्क सैनेटाइज़र आदि का वितरण करने में ।


संघ ने जरूरतमंदो की मदद के लिए नगरों व ब्लॉक में व्यापक योजना की है तैयार :- किसलय


रुड़की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी  कोरोना वायरस से लड़ाई में जुटा हुआ है संघ लोकडाउन में मजदूरों,किराये का कमरा लेकर रह रहे छात्रों को व जरूरतमदों को भोजन,रासन,मास्क,सैनेटाइज़र आदि का वितरण कर रहा है। स्वयंसेवक शहर से लेकर गांव तक लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग व लोकडाउन की अहमियत भी बता रहे है। आरएसएस के उत्तराखंड प्रान्त प्रचार प्रमुख किसलय कुमार ने बताया कि कोरोना से लड़ने के लिये लॉकडाउन व सोशल डिस्टनसिंग ही एकमात्र उपाय है । ऐसे में संघ ने जरूरतमंदो की मदद के लिए नगरों व ब्लॉक में व्यापक योजना तैयार की है। रुड़की नगर व आसपास में प्रत्येक बस्ती में 80 प्रशिक्षित संघ के कार्यकर्ता जिनकी टोली में 10 से 15 तक कार्यकर्ता अपनी अपनी शाखा छेत्रो में सेवा कार्य कर रहे है। अभी तक 820 परिवारों को राशन किट दी गई है, 2600 तैयार भोजन पैकेट , 25 घुमंतू परिवारों को खाद्य सामग्री दी गयी, 850 मास्क वितरित किये गए , 380 सेनेटाइजर जरूरतमंदों को वितरित किये गए इसी के साथ ही पुलिस प्रशासन को सहयोग करने की दृष्टि से 50 कार्यकर्ता आवश्यकता अनुसार लगे हुए है। इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों का सम्मान शहर में अनेक स्थानों पर मास्क, सेनेटाइजर, फल व पुष्प वर्षा करके किया जा रहा है। आकश्मिक सेवाओ के लिए प्रशाशनिक सहयोग प्रदान करने के लिए 10 स्वयंसेवक सुचिबध किये गए है। वृद्धजनों व असहायो को आवश्यक सामग्री व दवाई आपूर्ति के लिए 30 स्वयंसेवक सेवा में लगे है। दुकानों पर गोले आदि बनाने के लये 43 कार्यकर्ताओ ने सहयोग किया है इसके साथ ही शाखाओ ने लॉकडाउन का प्रचार करने के लिए लाउडस्पीकर से भी समाज को सूचित किया है इसके अलावा स्वयंसेवक इलाको को सनेटाइज़ भी कर रहे है साथ ही संघ का संगठन सेवा भारती के माध्यम से पुलिस के वाहनों को व ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी सनेटाइज़ कर रहा है । कच्चे राशन की आवश्यकता वाले परिवरों को चिन्हित कर उन तक रासन पोहोचाया जा रहा है घुमंतू पशुओ के लिए गौसेवा विभाग द्वारा चारे की व्यवस्था की जा रही है इस अभियान में डॉ बृजपाल, प्रवेश , तेजपाल , विवेक, राजपाल, संजय कक्कड़, नर सिंह , अमित, अंग्रेशपाल, क्रांति, त्रिभुवन , बालेश , महेंद्र काला , अनुज , रमेश , वीरेंद्र , मयंक भाटिया , वंशज, जलसिंह , प्रवीण ,अमित,जितेंद्र,सोनू, अरविंद , मनोज , मोहित अग्रवाल , सुशील मधोक , राजेश , डॉ विनोद , सुधांशु वत्स , अवनीश , आकाश , संजीव , अनिल गोयल , नितिन , नवीन , सहदेव , संजय कुमार आदि कार्यकर्ता लगे हुए है।


बेहाल दुनिया को चीन का सहारा

कोरोना से बेहाल दुनिया को चीन का सहारा
नई दिल्ली। चीन के शहर कोरोना के कहर को कमोबेश शिकस्त देने के बाद अब चीन में जिंदगी पटरी पर तेजी से लौट रही है। हालांकि, इसे पूरी तरह से सामान्य होने में अभी और लंबा वक्त लग सकता है। कोरोना के कारण सर्वाधिक प्रभावित हुए वुहान शहर में बाजार-दफ्तर और फैक्ट्रियां अब धीरे-धीरे खुल रहे हैं। आपको याद होगा कि चीन सरकार ने एक करोड़ से अधिक आबादी वाले औद्योगिक शहर वुहान में जनवरी के अंत में लॉकडाउन लगा दिया था, ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जाए। लगभग साढ़े तीन महीने लॉक डाउन के कदम के नतीजे तो बेहतर आए। अब स्थिति वह है कि चीन की ग्रेट वॉल में भी पर्यटक आने लगे हें। हालांकि, उनकी संख्या काफी कम ही है। चीन में ये स्थितियां तब की हैं, जब सारी दुनिया में कोरोना से बचने के लिए कहीं लॉकडाउन लगा हुआ है तो कहीं बिना लॉकडाउन के हाहाकार मचा हुआ है। अभी किसी को कोई आइडिया नहीं है कि हम कोरोना पर कब पूरी तरह काबू पा लेंगे। दुनिया भर के लोग अपने-अपने घरों में कैद है। यानी चीन एक तरह से अब आर्थिक लाभ की स्थिति में आ गया हैं। जब सारी दुनिया में विभिन्न वस्तुओं की मांग बढ़ने लगेगी तो वे चीन की तरफ ही तो देखेंगे। चीन से ही उन्हें आपूर्ति होगी। क्योंकि, उनके अपने देशों में तो उत्पादन ठप पड़ा हुआ है। इसमें कमोवेश भारत भी शामिल है। भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को तो चीन ने घुटनों के बल पर लगाकर खड़ा कर दिया है। वैसे, इसमें हमारी अपनी काहिली भी कम नहीं है कि हमने अपने को आत्मनिर्भर बनाने की पर्याप्त चेष्टा ही नहीं की। चीन से भारत बनी-बनाई चीजें, खासकर तरह-तरह की मशीनरी, टेलिकॉम उपकरण,बिजली के सामान, खिलौने, इलेक्ट्रिकल मशीनरी व उपकरण, मैकेनिकल मशीनरी व उपकरण, बने-बनाये फर्नीचर प्रोजेक्ट गुड्स, जेनेरिक दवाएं बनाने के लिए जरूरी कच्चा माल, आर्गेनिक केमिकल, लौह व इस्पात आदि प्रमुख चीजें मंगाता है। वैसे भारत में यह सामर्थ्य और शक्ति दोनों ही विधमान है कि हम इनमें से ज्यादातर चीजे देश के भीतर खुद ही और ज्यादा बढ़िया बना सकते हैं । पिछले कुछ सालों से बिजली व दूरसंचार उपकरणों के आयात में काफी तेजी आई है।
हालांकि चीन की अर्थव्यलस्था भी फिलवक्त कोरोना के असर के कारण लगभग निचुड़ सी चुकी है। पर उसमें अपने को खड़ा करने की क्षमता, शक्ति और अनुशासन तो है ही । चीन में भी फैक्ट्रियों में उत्पादन तेजी से घटा है। विदेशों से होने वाली मांग भी कम होती जा रही है। चीन का पिछले साल (जनवरी-फरवरी)की तुलना में इस साल इन दो महीनों में आयात 17.2 फीसद घटा है। चीन से मिल रही पुख्ता जानकारियों के अनुसार, वहां पर फैक्ट्री उत्पादन इस माह के अंत तक ही काफी हद तक गति पकड़ने लगेगा। तो यह समझ लें कि कोरोना की मार से उबरता चीन अब दुनिया को तमाम जरूरी वस्तुओं की सप्लाई करके अरबों डॉलर कमाएगा। वह अब इस आर्थिक आन्दोलन की तैयारी में जुट गया है । जब चीन में कोरोना का प्रभाव अपने चरम पर था, तब वहां से अन्य देशों के उद्योगों को जरूरी माल की सप्लाई थम सी गई थी। इसके चलते अन्य देशों को 50 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। संयुक्त राष्ट्र ने यह आंकड़ा जारी किया है। पिछले जनवरी महीने में कोरोना और चीनी नव वर्ष के कारण हुए अवकाश में लाखों मजदूर अपने घरों को भी चले गए थे। इस कारण वहां पर फैक्ट्री उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। पर जैसा की पहले उल्लेख किया जा चुका है, वहां पर हालात सुधरने के बाद अब 70 फीसद कंपनियां सक्रिय हो गई हैं, जो मुख्य रूप से अपने माल का विश्व भर में एक्सपोर्ट ही करती हैं। इस तरह का दावा चीन के वाणिज्य मंत्रालय का है। न्यूयार्क टाइम्स और दि ग्राजियन जैसे अखबारों का दावा है कि चीन के अति महत्वपूर्ण आधुनिक शहर शिंघाई में नाइट क्लब चालू हो गए हैं। वहां पर लोग मदिरापान अब निश्चिन्त होकर पहले की तरह ले रहे हैं । मैं शिंघाई 1990 में गया था । उस समय भी वह मुम्बई से ज्यादा आधुनिकता से ओत प्रोत लग रहा था। मेरी अनुवादक एक सरकारी डॉक्टर नवयुवती थी जो अतिरिक्त कमाने के लिये अनुवादक का काम कर रही थी ।मैंने उससे पुछा कि तुम्हारे पिता प्रोफेसर हैं,माता नर्स है,तुम डॉक्टर हो । यह ठीक है कि सरकारी नौकरी में पैसा ज्यादा नहीं मिलता,पर बांड समाप्त होने पर प्राइवेट अस्पताल में काम तो मिल सकता है ? उसने बहुत ही बेबाकी से कहा कि मुझे इंतजार नहीं करना । जल्दी-जल्दी ढेर सारे पैसे कमाकर अमेरिका भागना है और वहां डॉक्टर की जॉब पानी है और किसी बड़े पैसे वाले अमेरिकी लड़के से शादी करके मौज की जिन्दगी बितानी है । मैंने पूछा कि अपने माँ-बाप को अकेले छोड़कर चली जाओगी? उसने शरारत भरे नजरों से मुस्कराते हुये कहा, “जब अमरीकी पति हो जायेगा तब मुझे भी नागरिकता मिल जायेगी अमेरिका की और तब मेरे मम्मी-पापा को भी तो वहां का ग्रीन कार्ड मिल ही जायेगा न ? यह तो 1990 में चीन की नवयुवतियों की मानसिकता थी,तब आज के दिन क्या होगी यह तो कोई भी कल्पना कर ही सकता है ? और तो और, उनमें आने वाले लोग मास्क भी नहीं पहन रहे। इससे साफ है कि चीन में जीवन अब तो सामान्य होने ही लगा है। उधर, बीजिंग की मुख्य सड़कों पर यातायात भी रफ्तार पकड़ रहा है। यानी लोगबाग घरों से कामकाज के लिए निकल रहे हैं। आम जनता को पार्कों में घूमते हुए भी देखा जा सकता है।
 यानी चीन ने तो अब भले ही सख्त अनुशासन के बल पर ही,मोटा-मोटी कोरोना पर विजय पा ली है। यह खबर शेष दुनिया के लिए सुकून देनी वाली तो है ही । पर अभी तो ऐसा ही लगता है कि सारी दुनिया को चीन के आयात पर निर्भर रहना होगा। अगर बात दुनियाभर की प्रमुख फार्मा सेक्टर की कंपनियों की करें तो वे अपनी जेनेरिक दवाएं बनाने और उनके निर्यात करने में काफी हद तक चीन पर ही निर्भर रहती है। इन्हें दवाओं के उत्पादन लिए चीन से एक्टिव फ़ार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स (एपीआई) आयात करना पड़ता है। इसे आप दवाइयां बनाने का कच्चा माल कह सकते हैं। अगर बात भारत की करें तो इन दवाओं को बनाने के लिए लगभग 75 प्रतिशत कच्चा माल तो चीन से लेना पड़ता है। जमीनी हकीकत तो यही है,आज के दिन । तो आप समझ ही सकते है कि भारत की फार्मा कंपनियों के सामने इस वक्त कितना बड़ा संकट पैदा हो चुका है। अभी से ही बाजारों से आंखों में प्रेशर खत्म करने के लिए डाली जानी वाली दवा लुमिगिन गायब है। इसकी वजह यही है कि इसे भारतीय कंपनियां बना ही नहीं पा रही है, क्योंकि उनके पास कच्चा माल ही नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल करीब दस दवाएं ऐसी हैं जिनका उत्पादन चीन के कच्चे माल से ही संभव है। यह सच में एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि हमारा फार्मा सेक्टर बहुत हद तक चीन पर आश्रित है। भारत ने साल 2018-19 में दुनिया के 150 से भी अधिक देशों में 9 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य की दवाएं निर्यात कीं थीं। पर यह हुआ तो इसलिए क्योंकि हमें चीन से लगातार कच्चा माल मिल रहा था। एक संकेत अब साफ नजर आ रहा है कि कोरोना से खस्ताहाल भारत की अर्थव्यवस्था को चीनी मदद की जरूरत तो पड़ती रहेगी। अच्छी बात ये है कि डोकलम विवाद के बाद दोनों देशों के शिखर नेताओं भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिन की समझदारी से दोनों देशों के संबंध मधुर हो रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति पिछले साल भारतके दौरे पर आए भी थे। तब उनका भारत में अभूतपूर्व स्वागत भी हुआ था। हालांकि इसमें कोई शक ही नहीं है कि 1962 के युद्ध की कड़वी यादें अब भी भारतीय जनमानस के जेहन ताजा हैं। फिर जो कुछ भी कहिए, भारत और चीन ने एक सार्वभौम पडोसी राष्ट्रों के रूप में द्विपक्षीय रिश्ते में एक लम्बी दूरी तय कर ली हैं। चीनी कंपनियां भारत में भारी निवेश को लेकर खासा सकारात्मक रुख अपना रही है। दिल्ली से सटे गुरुग्राम में हजारों चीनी नागरिक भी रह रहे हैं। ये भारत में कार्यरत विभिन्न चीनी कंपनियों के पेशेवर हैं। मतलब चीन का प्राइवेट सेक्टर अब भारत से संबंध सुधारना चाहता है। उसे भारत के विशाल बाजार की जानकारी है, और मजे की बात तो यह है कि चीन की सभी देशी- विदेशी कंपनियों में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी यानि चीन की सरकार का उन्से 50 प्रतिशत शेयर होता है । कोरोना की मार से उबरते चीन की तरफ सारी दुनिया आज आशा भरी निगाहों से देख रही है। भारत भी इसमें अछूता नहीं है। अब चीन का दायित्व है कि वे कोरोना से बेहाल दुनिया के जख्मों पर मरहम लगाए। हां, इस क्रम में उसकी अर्थ व्यवस्था तो विकास की बुलंदियों की तरफ बढती ही रहेगी।


सेवा प्रदाता को मास्क अनिवार्यः डीएम

जौनपुर। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में खाद्यान्न, सब्जी, किराना, पशु चारा, दूध, फल आदि के थोक और फुटकर दुकाने सभी पूर्व की भांति सुबह 6.00 बजे से 11.00 बजे तक खुलेगी। मेडिकल की दुकानें 24 घंटे खुली रहेंगी। उन्होंने बताया कि जौनपुर शहर के बाहर से भी कुछ फुटकर दुकानदार शहर में थोक दुकानदारों के पास सामान लेने आते हैं और वह गाड़ी लेकर आते हैं उनको कोई न रोके, उनको आने दिया जाए। खाद्यान्न सामग्री से लदे हुए या खाली खाद्यान्न सामग्री को ढोने वाली किसी गाड़ी को रोका नहीं जाएगा। जो फुटकर दुकानदार सामान खरीदने आ रहे हैं उनको भी न रोका जाए। थोक सब्जी मंडी में थोक विक्रेता व फुटकर विक्रेता और उनके कर्मचारियों को भी आने जाने से न रोका जाए। किराना के फुटकर दुकानदार अपनी दुकान पर सामान इस शर्त के साथ बेच सकेंगे कि वे एक-एक मीटर दूरी पर अपनी दुकान के सामने गोले बनाएं और उपभोक्ता उन्हीं गोलो में खड़े हो। इसके लिए दुकानदार स्वयं व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी अपने भ्रमण के दौरान भी यह  सुनिश्चित कराएंगे। जिलाधिकारी ने जनता से भी अपील किया है कि अनावश्यक रूप से बाजारों मे न जाए। डोर स्टेप डिलीवरी की भी व्यवस्था है वह आपके घर के सामने आएंगे और आप फल, सब्जी, खाद्यान्न सामग्री उनसे खरीद सकते हैं। बहुत मजबूरी हो तो अपने मोहल्ले की दुकान से खरीदारी करें। अपने मोहल्ले के दुकानदार का फोन नंबर अपने पास रखें, उसको फोन करके अपने सामान का आर्डर कर दे और वह आपके घर सामान पहुंचा देगा। सभी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें, बिना मास्क लगाए कोई भी घर के बाहर नहीं निकलेगा। दुकानदार एवं दुकान के कर्मचारी भी मास्क लगाकर के ही रहेंगे और सोशल डिस्टेंसिग को हर हाल में खुद पालन करेंगे और पालन करवाएंगे। थोक और फुटकर व्यापारी अपने कर्मचारियों का भी पास बनवा ले, जिससे कोई पुलिस वाला उनको रास्ते में रोकें नहीं। फिरोसेपुर का क्षेत्र, बड़ी मस्जिद का क्षेत्र व लाल दरवाजा का चिन्हित क्षेत्र जहां कोरोना वायरस पीड़ित केस मिले हैं, चिन्हित क्षेत्रों मे न कोई दुकान खुलेगी न कोई घर के बाहर निकलेगा। वहां डोर स्टेप डिलीवरी शतप्रतिशत होगी।


कुछ शर्तो के साथ बिकेगा मीट-मछली

लखनऊ। लॉकडाउन में ठप पड़े मीट-मछली के कारोबार को कुछ शर्तों के साथ शुरू कराने की तैयारी है। इसके तहत मुर्गे के मांस और मछली की अलग-अलग दुकानें खुलवाई जाएंगी और वहां सोशल डिस्टेंसिंग एवं साफ सफाई के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने मीट-मछली एवं अंडे के उत्पादन एवं उसके कारोबार को अत्यावश्यक वस्तु एवं सेवाओं में शामिल किया है। राज्य सरकार ने भी केंद्र के दिशा-निर्देशों को आत्मसात करते हुए इन्हें आवश्यक वस्तु एवं सेवा के रूप में स्वीकार तो किया लेकिन गंदगी की वजह से इसकी बिक्री पर रोक लगा दी। लगातार बंदी के कारण अब इस क्षेत्र में लगे उत्पादक एवं कारोबारियों के आर्थिक हालत बिगड़ते जा रहे हैं। बीते 24 मार्च से लेकर 2 अप्रैल तक राज्य सरकार ने मीट,मछली एवं अंडे के उत्पादन एवं उसकी बिक्री को आवश्यक सेवा में शामिल करने संबंधी आदेश एवं दिशा-निर्देश जारी कर सभी जिला प्रशासन तो जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। 2 अप्रैल को मुख्य सचिव द्वारा जारी सर्कुलर में मीट, मछली ऑफ अंडे के कारोबार को सुचारू रूप से चलाए जाने के बारे में विस्तार से दिशा-निर्देश जारी किया गया।


कोरोना का राजनीति करण दुर्भाग्यपूर्ण

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए उस पर कोरोना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। साथ ही सरकार को याद दिलाया कि भूख का आइसोलेशन नहीं हो सकता। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह तंज किया। ट्वीट में कहा गया कि कोरोना का ‘राजनीतिकरण’ दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे मूल मुद्दों से ध्यान हटता है और सरकार से पूछे जानेवाले सही क्वारंटाइन, स्क्रीनिंग, संक्रमण की जांच, इलाज तथा दूध-दवाई, सब्ज़ी-खाद्यान्न की आपूर्ति जैसे उचित प्रश्न पीछे छूट जाते हैं। सरकार याद रखे ‘भूख’ का आइसोलेशन नहीं हो सकता।


अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ नसीब

मुंबई में फंसा लखनऊ का युवक लॉकडाउन के चलते नहीं पहुंच पाया घर
लखनऊ। देश में कोरोना का कहर जारी है। पूरे भारत में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू है। जिसकी वजह से लोग बाहर फंसे हुए है और अपने घर नहीं पहुंच पा रहे है। यूपी की राजधानी लखनऊ का युवक भी मुंबई में लॉकडाउन के चलते फंसा हुआ है। जिसके कारण वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका। दरअसल, वह कमाने के लिए मुंबई गया था और वहीं फंस गया। इधर उनके पिता की मौत हो गई। वह अपने पिता को न कंधा दे पाया और न ही अंतिम यात्रा में शामिल हो सका। मुंबई कमाने गया युवक लॉकडाउन की वजह पिता की मौत पर घर नहीं आ पाया। उसने वीडियो कॉल पर पिता के अंतिम दर्शन कर विदाई दी। लखनऊ के ग्राम सभा जिंदौर निवासी जमाल (65) का बड़ा बेटा नेहाल मुंबई में एक कारखाने में काम करता है। करीब 6 माह पूर्व वह मुंबई गया था तब से वापस नहीं लौटा। पिता की बीमारी की खबर पाकर घर आने की तैयारी कर ही रहा था। तब तक लॉकडाउन की घोषणा हो गई और वह मुंबई में ही फंस गया। पिता की ज्यादा हालत खराब हुई तो वह बेटे को काफी याद करने लगे। बेटे के इंतजार में पिता कई दिनों से बेचैन थे। बेटे की राह देखते देखते ही गुरुवार को पिता की सांसें थम गई। घर में जमाल की पत्नी और उनके दो छोटे बेटे सवाब और साहब हैं। नेहाल अपने पिता के अंतिम दर्शन भी नहीं कर सका।


लखनऊ: 50 फीसदी बैंक शाखाएं बंद

लखनऊ। लॉकडाउन के दौरान राजधानी लखनऊ में शहर की 50 फीसदी बैंक शाखाएं बंद रहेंगी। सडक़ों पर लोगों का आवागमन कम हो इसलिए बैंक बंद रखने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही शहर चयनित 12 हॉटस्पॉट इलाकों में न तो कोई बैंक शाखा खुली न ही एटीएम संचालित किए गए।
दूसरी शाखाओं से कराएं काम- एलडीएम विनोद बिहारी मिश्र ने बताया कि जिन शाखाओं को बंद किया जाएगा उनके उपभोक्ता किसी भी पास की बैंक शाखा में अपना कामकाज निपटा सकेंगे। डीएम समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह तय किया गया कि सरकारी और निजी क्षेत्र के 50 फीसदी बैंक शाखाओं को बंद कर दिया जाए। यह निर्देश दिए गए हैं कि वे बैंक शाखाओं की सूची उपलब्ध करा दें जिन्हें बंद करना है।
बैंक अपनी खुली शाखाओं की सूची चस्पा करेंगे- एलडीएम विनोद बिहारी मिश्र ने बताया कि शहर की सभी बैंक अपनी-अपनी शाखाओं पर खुलने और बंद होने की सूची चस्पा करेंगी। जिससे उपभोक्ताओं को अपने पास की खुली शाखा पहुंचने में आसानी हो। शहर में सरकारी और निजी क्षेत्र वाली बैंकों की लगभग 250 शाखाओं में सामान्य कामकाज किया जाएगा। इन बैंक शाखाओं में अपनी अन्य बंद शाखाओं को भी ऑनलाइन सिस्टम के जरिए निपटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन बैंकों की सबसे ज्यादा शाखाएं खुली रहेंगी उनमें एसबीआई की 67, बैंक ऑफ बड़ौदा की 35, केनरा की 15, यूनियन, यूको की 11-11, पीएनबी की 12, सिंडीकेट और एचडीएफसी की 17-17 शाखाएं विभिन्न इलाकों में खुली रहेंगी। 
घर-घर कैश पहुंचाने की सेवा शुरू- बैंक ऑफ इंडिया ने कैश होम डिलिवरी वैन की शुरुआत की। एलडीएम ने बताया कि यह वैन शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर लोगों को दरवाजे पर ही एटीएम जैसी सुविधा उपलब्ध कराएगी। यह सुविधा उन उपभोक्ताओं को दी जाएगी जिनका आधार और मोबाइल नम्बर बैंक में पंजीकृत होगा। इसके साथ ही बैंक ने उन जगहों को भी चिह्नित करके कैश पहुंचाएगी जहां पर 10 या इससे ज्यादा लोग जरूरतमंद होंगे। बैंक ने यह जिम्मेदारी एएफडी आदित्य राठौर को सौंपी है जिनका फोन नम्बर 7007658177 है। बैंक अपने उपभोक्ताओं को यह सेवा नि:शुल्क प्रदान करेगी।


अस्पताल पर लापरवाही का मामला दर्ज

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शहर के एक अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ कोरोना वायरस मामलों के बारे में स्थानीय प्रशासन को सूचित करने में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित महाराज अग्रसेन अस्पताल के अधिकारियों ने सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कोरोना पॉजिटिव मरीज का शव स्थानीय प्रशासन को सूचित किए बगैर उसके संबंधियों को सौंप दिया। मामले की जांच जारी है। इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने बताया कि महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने एक 72 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव महिला को गंगाराम हॉस्पिटल के लिए रेफर किया था। रिपोर्ट के मुताबिक गंगाराम हॉस्पिटल के 100 से ज्यादा स्टाफ को चरेंटाइन में रहने के आदेश दिए गए थे, इसके बावजूद अग्रसेन अस्पताल ने महिला मरीज को वहां रेफर कर दिया। इधर, दिल्ली सरकार ने कोरोना पॉजिटिव मरीज को रेफर करने को लेकर अग्रेसन अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों और 82 स्टाफ की जांच के आदेश दिए हैं।


दिल्ली में लॉक डाउन जारी रखने की सलाह

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को 30 अप्रैल तक लकडाउन बढ़ाने की सलाह दी है। साथ ही यह भी कहा है कि सिर्फ राज्य सरकारें इस दिशा में फैसला लें तो भी ये लॉकडाउन कारगर नहीं होगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर फैसला लेना होगा। अगर लोगों की सुविधा का ख्याल रखते हुए सरकार किसी तरह की ढील देती भी है तो ट्रांसपोर्ट को हर हाल में बंद रखना चाहिए. ना रेल ना सड़क और ना ही वायु।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम 30 अप्रैल तक जारी रखने को कहा है। इससे पहले कई अन्य सरकारों ने भी केंद्र सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने की सलाह दी थी। ओडिशा में तो पहले ही इसे बढ़ाए जाने का फैसला लिया जा चुका है।
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने भी प्रधानमंत्री मोदी को लॉकडाउन आगे जारी रखने की सलाह दी है। बीएसपी प्रमुख ने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल पर कई ट्वीट किए हैं। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को 21 दिनों के लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की सलाह देते हुए कहा है, ‘कोरोना वायरस के घातक प्रकोप की वजह से देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन की हर स्तर पर समीक्षा की जानी चाहिए। जनहित का ख्याल रखते हुए अगर केंद्र सरकार इसे आगे जारी रखने का फैसला लेती है तो बीएसपी उसका स्वागत करती है।’
प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की इस चर्चा से पहले ही कई राज्य एवं अनेक विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर 25 मार्च को लागू 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए।


दहशतः संदिग्ध ने कर ली आत्महत्या

अरियालुर। देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। हर रोज कोरोना वायरस से संक्रमित नए मरीज सामने आ रहे हैं। देश में अब तक 7000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इस बीच तमिलनाडु से हैरान करने वाला मामला सामने आया है।


दरअसल, अरियालुर में एक कोरोना संदिग्ध ने आत्महत्या कर ली। कोरोना वायरस के एक संदिग्ध को अरियालुर के सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां शख्स ने आत्महत्या कर ली। 60 वर्षीय शख्स हाल ही में केरल से लौटा था। केरल से लौटने के बाद उसे बुखार और खांसी के लक्षण दिखाई देने लगे, जिसके बाद 6 अप्रैल को मरीज को अरियालूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती शख्स के 7 अप्रैल को कोविड-19 के लिए नमूने लिए गए। शख्स के टेस्ट के नतीजों का इंतजार किया जा रहा था। हालांकि इससे पहले ही शख्स तनाव में आ गया और अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही आत्महत्या कर ली। जिसके बाद पुलिस को आत्महत्या की जानकारी दी गई। वहीं जिले के अधिकारियों का कहना है कि उसके कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हालांकि पुलिस अधिकारी अब इस मामले की जांच कर रहे हैं कि आत्महत्या के पीछे कहीं कोई और कारण तो नहीं था।


डैम टूटने से कई गांव तबाह, फसल बर्बाद

सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक बार फिर से एश डैम के टूटने की वजह से पूरा इलाका प्रभावित हुआ है। शुक्रवार को यहां पर स्थित एक पावर प्लांट का फ्लाई एश डैम टूट गया जिसकी वजह से इलाके की करीब 200 एकड़ की फसल बर्बाद हो गई। वहीं इसकी वजह से कई गांव प्रभावित हुए हैं और कुछ घर भी मलबे में डूब गए हैं। डैम के अचानक से टूटने के बाद राख युक्त पानी के तेज बहाव की वजह से कई किलोमीटर का इलाके पर भी बुरा असर पड़ा है। हालांकि इसमें किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है और बचाव कार्य भी जारी है। बता दें कि इससे पहले पिछले साल ही अगस्त में भी इलाके के अन्य पावर प्लांट का एश डैम टूट गया था जिसकी वजह से खेतों और घरों को काफी नुकसान हुआ था।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 12, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-245 (साल-01)
2. रविवार, अप्रैल 12, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:04,सूर्यास्त 06:53।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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