शनिवार, 11 अप्रैल 2020

राहत सामग्री की सेल्फी पर धारा 188

आकाश दत्त मिश्रा


कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए जो समाज सेवी संस्थाएं और जो युवाओं का समूह सामने आ रहा था उनके द्वारा किए जाने वाली सामग्रियों के वितरण के दौरान लिए जाने वाली सेल्फी फोटो को लेकर मुंगेली जिला प्रशासन ने तीखे तेवर दिखाए है और अब इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी गयी है। इतना ही नहीं अब इस प्रकार के कृत्य को अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है ।
दरअसल सेवा के नाम पर गरीब और जरूरतमंद के साथ तस्वीर लेकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए एक प्रकार से गरीब और उनकी गरीबी का उपहास उड़ाया जा रहा है । कुछ लोग समाज सेवा के नाम पर अपना विज्ञापन और उदारता का थोथा प्रदर्शन करने में जुट गए हैं, इससे एक तरफ जहां सोशल डिस्टेंस के नियमों की धज्जियां उड़ रही है, वहीं जरूरतमंद लोग भी खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। जिसे लेकर अब मुंगेली जिला प्रशासन ने भी सख्ती दर्शाते हुए कहा कि अब इस तरह की गतिविधियों पर धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।


लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों को अनाज सब्जी व अन्य खाद्य सामग्रियों का निशुल्क वितरण विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा किया जा रहा है। समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा निशुल्क सामग्रियों का वितरण करते हुए उनके साथ फोटो और उनकी सेल्फी ली जा रही है और जिसे सोशल साइट्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। जिससे वे सामाजिक तौर पर शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं।
इसलिए अब जिला प्रशासन ने इस मसले पर आदेश जारी करते हुए कहा है कि समाजसेवी संस्थाओं दानदाताओं और अन्य संगठनों के द्वारा इस तरह की फोटो को सोशल साइट्स पर साझा न किया जाए।
हालांकि इसका दूसरा पहलू भी है। लोग स्वयं को बड़ा दानदाता और उदार प्रदर्शित करने के लिए जिस तरह का प्रयास कर रहे हैं उससे अंततः किसी जरूरतमंद की मदद ही हो रही है। अब शासन ने स्पष्ट कहा है कि दानदाता, राहत सामग्री आदि सीधे जरूरतमंद को न देकर पुलिस को दे, जिसे पुलिस वितरित करेगी।
बहुत कम उम्मीद है कि अब इतनी बड़ी संख्या में लोग इस कार्य में सहयोग करेंगे। कम से कम सेल्फी खींचने के नाम पर ही लोग बढ़-चढ़कर यह दिखावा कर रहे थे , जिससे कुछ लोगों की मदद हो रही थी , लेकिन जिला प्रशासन की सख्ती के बाद बहुत मुमकिन है कि ऐसे लोग अपने कदम वापस खींच ले। हिंदू शास्त्र में कहा गया है कि परोपकार का महत्व तभी है जब आप दाएं हाथ से दान करें और बाएं हाथ को पता ना चले । यह प्रदर्शन शास्त्रों के उस कथन की धज्जियां उड़ा रही है लेकिन मौजूदा चलन में जब हर छोटी-बड़ी घटना के साथ सेल्फी लेने का ही प्रचलन हो, उस दौर में इन बातों को बेवजह तूल देने की बजाय अगर इसमें निहित लाभ पर फोकस किया जाता तो शायद जरूरतमंदों का भला होता । जाहिर है यह लॉक डाउन लंबा खींचने वाला है। अब तक आम लोगों की मदद से जिला प्रशासन ने हालात पर काबू आया हुआ है। अगर अब नए नियम के चलते आम लोग मदद से हाथ खींच ले तो फिर पुलिस और प्रशासन के लिए यह दोहरी जिम्मेदारी हो जाएगी और जिसका खामियाजा अंततः हाशिए पर बैठा हुआ आदमी उठाएगा, जिस तक शायद ही राहत सामग्री पहुंच सके।


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