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शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025

12 को दो दिवसीय अमेरिकी दौरे पर जाएंगे 'पीएम'

12 को दो दिवसीय अमेरिकी दौरे पर जाएंगे 'पीएम' 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दो दिवसीय अमेरिकी दौरे पर जाएंगे। पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब कथित अवैध भारतीयों को निकाले जाने के दौरान हुई बदसलूकी को लेकर बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने अमेरिका से 100 से अधिक अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भेजे जाने और उनके साथ कथित तौर पर अमानवीय व्यवहार किए जाने के खिलाफ बृहस्पतिवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया था। 
पीएम मोदी के विदेश दौरे की बात करें, तो वह इस महीने दो महत्वपूर्ण विदेशी यात्राएं करेंगे। वे 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा करेंगे और इसके तुरंत बाद 12 से 13 फरवरी को अमेरिका का आधिकारिक दौरा करेंगे। इस यात्रा के दौरान भारत और इन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त बनाने पर चर्चा होगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के देश के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी। 
विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर 10 से 12 फरवरी 2025 तक फ्रांस की आधिकारिक यात्रा करेंगे। इस दौरान वे “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट” में भाग लेंगे, जिसका आयोजन फ्रांस कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। पीएम मोदी 10 फरवरी की शाम पेरिस पहुंचेंगे, जहां Élysée Palace में राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे। इस विशेष आयोजन में तकनीकी क्षेत्र के दिग्गज सीईओ और अन्य प्रतिष्ठित अतिथि भी मौजूद रहेंगे। 
11 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों मिलकर AI एक्शन समिट की अध्यक्षता करेंगे। यह वैश्विक स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव और इसके संभावित खतरों से निपटने की रणनीतियों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया है। इस तरह का पहला सम्मेलन 2023 में यूके, और दूसरा 2024 में दक्षिण कोरिया में हुआ था। 
फ्रांस यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर जाएंगे। यह दौरा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर हो रहा है। यह उनके दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि मोदी उन पहले कुछ विश्व नेताओं में से होंगे, जिन्हें ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के तीन सप्ताह के भीतर अमेरिका आने का निमंत्रण मिला है। यह भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के महत्व को दर्शाता है और अमेरिकी राजनीति में द्विदलीय समर्थन को भी प्रतिबिंबित करता है। 
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों के प्रत्यर्पण और उनके साथ होने वाले व्यवहार को लेकर भी भारत सरकार ने अपनी चिंता जताई है। विदेश सचिव ने कहा कि विदेश मंत्री (EAM) ने अमेरिका द्वारा अपनाए गए “मानक संचालन प्रक्रिया” (SOP) की जानकारी साझा की है और यह भी स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था पहले से चली आ रही है। 
हालांकि, विदेश सचिव ने दोहराया कि भारत इस मुद्दे पर लगातार अमेरिकी अधिकारियों से संवाद करता रहेगा और यह सुनिश्चित करने की मांग करेगा कि भारतीय नागरिकों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध प्रवासन को बढ़ावा देने वाले पूरे तंत्र को समाप्त करने के लिए समुचित कार्रवाई की आवश्यकता है। 
बता दें कि विभिन्न राज्यों के 104 अवैध प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर पहुंचा था। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीयों का यह पहला समूह था। निर्वासित किए गए 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से, 30 पंजाब से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से थे। 

बुधवार, 5 फ़रवरी 2025

'डबल्यूएचओ' से बाहर होने का ऐलान: अर्जेंटीना

'डबल्यूएचओ' से बाहर होने का ऐलान: अर्जेंटीना 

अखिलेश पांडेय 
ब्यूनस आयर्स। अर्जेंटीना ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर होने का ऐलान किया है। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के प्रवक्ता के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने डब्ल्यूएचओ से बाहर होने के लिए कार्यकारी आदेश जारी किया था। 
उसके बाद अब अर्जेंटीना ने भी डब्ल्यूएचओ से बाहर होने का फैसला किया। मिलेई को ट्रंप का करीबी माना जाता है। ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनने के बाद पहले ही दिन डब्ल्यूएचओ से बाहर निकलने की घोषणा की थी। मिलेई के मुताबिक, इस कदम के पीछे की वजह डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य मुद्दों , खासतौर पर कोरोना महामारी, को संभालने के तरीके को लेकर गहरे मतभेद हैं। 
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के प्रवक्ता मैन्युएल अदोर्नी ने कहा कि मिलेई ने अर्जेंटीना को डब्ल्यूएचओ से बाहर होने का आदेश इस वजह से दिया। क्योंकि, पूर्ववर्ती वामपंथी सरकार में देश में कई महीनों का लॉकडाउन लगाया गया था और डब्ल्यूएचओ ने इस महामारी से निपटने के लिए सही तरीके से काम नहीं किया। अदोर्नी ने यह भी कहा कि अर्जेंटीना को डब्ल्यूएचओ से शिकायत है कि यह संगठन अन्य देशों के राजनीतिक असर से स्वतंत्र नहीं है और इसके फैसलों में बाहरी दबाव महसूस होता है। ट्रंप ने भी डब्ल्यूएचओ पर कोरोना महामारी और अन्य वैश्विक संकटों को सही तरीके से न संभाल पाने का आरोप लगाया था। उनकी कहना था कि डब्ल्यूएचओ अमेरिका से अत्यधिक और अन्यापूर्ण तरीके से फंडिंग की मांग करता था, जबकि अमेरिका ही इसकी फंडिंग का सबसे स्रोत है। 

सोमवार, 3 फ़रवरी 2025

'हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर' का उद्घाटन

'हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर' का उद्घाटन 

सुनील श्रीवास्तव 
जोहान्सबर्ग। सनातन संस्कृति विदेश तक पहुंच रही है। साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में सबसे बड़े हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर के उद्घाटन के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में दक्षिणी ध्रुव के सबसे बड़े हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का उद्घाटन किया गया है। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका में हिंदू समुदाय के लोगों की आबादी दो प्रतिशत से भी कम है। 
लेकिन, यह देश के भारतीय समुदाय में सबसे अधिक प्रचलित धर्म है। इस मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थित हुए श्रद्धालुओं ने सनातन संस्कृति को लेकर अपनी खुशी व्यक्त की। बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्था के आध्यात्मिक गुरु महंत स्वामी महाराज ने इस समारोह का नेतृत्व किया और सनातन संस्कृति को विश्व की श्रेष्ठ संस्कृति बताते हुए लोगों से इसे जुड़ने का आह्वान किया। 

ट्रंप ने पनामा नहर पर कब्जा करने की धमकी दी

ट्रंप ने पनामा नहर पर कब्जा करने की धमकी दी 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण के बाद से ही एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। एक के बाद एक कई बड़े फैसले ले रहे हैं। ट्रंप ने एक बार फिर से पनामा नहर पर कब्जा करने की धमकी दी है। ट्रंप की धमकी के आगे पनामा झुक गया है। पनामा ने चीन को जोर का झटका देते हुए ड्रैगन के वन बेल्ट वन रोड से पीछे हट गया है। पनामा का यह फैसला ड्रैगन के मंसूबे को फेल कर सकता है। 
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति की शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका पनामा को वापस लेकर रहेगा और इसके लिए हम कुछ बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पनामा ही चीन को चला रहा है जबकि इस नहर को चीन को नहीं सौंपा गया था। पनामा नहर बेवकूफाना तरीके से पनामा को सौंपी गई थी। 
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल मची हुई है। ट्रंप ने शनिवार को कनाडा और मेक्सिको जैसे पड़ोसी मुल्कों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाकर हलचल मचा दिया था। चीन पर भी 10 फीसदी टैरिफ लगाया गया है। अब ट्रंप के दबाव में पनामा भी झुक गया है। 
पनामा नहर को लेकर ट्रंप के दबाव के बीच पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने कहा कि है कि उनका देश चीन की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड (BRI) को रिन्यू नहीं करेगा। राष्ट्रपति मुलिनो ने कहा कि अब पनामा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स सहित नए निवेश पर अमेरिका के साथ मिलकर काम करेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार पनामा पोर्ट्स कंपनी का ऑडिट करेगी। यह कंपनी पनामा नहर के दो बंदरगाहों को ऑपरेट करने वाली चीन की कंपनी के साथ जुड़ी है। मुलिनो ने कहा कि हमें पहले ऑडिट पूरा होने का इंतजार करना पड़ेगा। 

अमेरिकी विदेश मंत्री की पनामा को धमकी 

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने पनामा के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी। इसके साथ ही उन्होंने पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो को साफ कहा कि जलमार्ग से चीन का नियंत्रण खत्म किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वाशिंगटन आवश्यक कदम उठाएगा। 
मंत्री की इस धमकी के बाद पनामा का भी रिएक्शन सामने आया है। राष्ट्रपति ने कहा कि हम आक्रमण से नहीं डरते हैं। इसी दौरान उन्होंने दोनों देशों से बातचीत की पेशकश की। 

रविवार, 2 फ़रवरी 2025

मैक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाया

मैक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाया 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा की गई घोषणा के अनुसार रविवार से मैक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगा दिया गया है। मामले में व्हाइट हाउस ने कहा है कि कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25 प्रतिशत तथा चीन से आयात होने वाले सामानों पर 10 प्रतिशत का शुल्क (टैरिफ) लागू हो गए। 
हालांकि, व्हाइट हाउस ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि क्या इन उपायों में कोई छूट भी दी जाएगी ? क्योंकि, इन टैरिफ के परिणामस्वरूप अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कनाडा, मेक्सिको और चीन में बने सामान काफी महंगे हो सकते हैं। 

ट्रंप ने किया सोशल मीडिया पोस्ट 

कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ को लगाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मैक्सिको, कनाडा और चीन से आयात पर टैरिफ लागू कर दिए हैं। मैक्सिको और कनाडा से आयात पर 25% और कनाडाई ऊर्जा पर 10% टैरिफ लगाया गया है, जबकि चीन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है।
बता दें कि ट्रंप ने इसे अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम के तहत लागू किया है। इसको लेकर उनका कहना है कि यह कदम अवैध विदेशियों और घातक ड्रग्स, जैसे फेंटेनाइल के कारण अमेरिकी नागरिकों को होने वाले खतरे से बचने के लिए उठाया गया है। ट्रंप ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अमेरिकियों की सुरक्षा है, और उन्होंने अपने अभियान में यह वादा किया था कि वह सीमा पर अवैध प्रवास और ड्रग्स की बाढ़ को रोकेंगे। 

बुधवार, 22 जनवरी 2025

हम अमेरिका को ईंधन आपूर्ति बंद कर देंगे: कनाडा

हम अमेरिका को ईंधन आपूर्ति बंद कर देंगे: कनाडा 

अखिलेश पांडेय 
ओटावा। अगर अमेरिका कड़े शुल्क लागू करता है, तो हम अमेरिका को ईंधन आपूर्ति बंद कर देंगे, ऐसा कनाडा ने कहा है। हम अमेरिका के ईंधन पर निर्भर नहीं हैं। कनाडा के ईंधन पर ही अमेरिका चलता है। ऐसे में अगर अमेरिका हमारे ऊपर अतिरिक्त शुल्क लागू करता है, तो यह सही नहीं होगा। अगर ऐसा हुआ, तो वे कनाडा से ईंधन नहीं खरीद पाएंगे। इसके बजाय वे रूस से ईंधन ले सकते हैं। 
चीन, वेनेजुएला जैसे देशों से भी वे ईंधन खरीद सकते हैं। अगर हमारे ऊपर २५% शुल्क लागू किया गया, तो हम अमेरिका को ईंधन आपूर्ति नहीं करेंगे, ऐसा कनाडा ने स्पष्ट किया है। कनाडा पर अतिरिक्त शुल्क लागू करने या कनाडा को अमेरिका का ५१वां राज्य बनाने का दबाव डालने की स्थिति में, अमेरिका को कड़े परिणाम भुगतने होंगे। 

शनिवार, 18 जनवरी 2025

'टिकटॉक' पर बैन लगाने का फैसला सुनाया: एससी

'टिकटॉक' पर बैन लगाने का फैसला सुनाया: एससी 

अखिलेश पांडेय 
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने टिकटॉक पर बैन लगाने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी के मद्देनजर लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय के तहत चीनी कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाले टिकटॉक को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है। अमेरिकी सरकार और कई विशेषज्ञों का मानना है कि TikTok के जरिए संवेदनशील डाटा चीन के हाथों में जा सकता है। इस मामले पर चर्चा करते हुए न्यायालय ने कहा कि “देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। यदि किसी एप्लिकेशन से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, तो उसे तुरंत प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।” 
TikTok के खिलाफ यह मामला कई महीनों से चल रहा था। अमेरिकी सरकार ने पहले ही इस एप को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं और इसे प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। TikTok ने इस फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में अपना अंतिम फैसला सुनाया। TikTok ने इस फैसले पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और कहा है कि वे इस निर्णय से असहमत हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हम अमेरिकी कानून का पालन करते हैं और यूजर्स की प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।” कंपनी ने यह भी कहा कि वे अपनी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। 
TikTok के प्रतिबंध से लाखों अमेरिकी यूजर्स और कंटेंट क्रिएटर्स प्रभावित होंगे। कई क्रिएटर्स ने इस प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी पहचान बनाई है और इसका उपयोग अपनी रोजी-रोटी के लिए करते हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स इस फैसले को लेकर मिले-जुले रिएक्शन दे रहे हैं। 
एक क्रिएटर ने कहा: “यह हमारे लिए बहुत बड़ा झटका है। हम इस फैसले के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।” 

बुधवार, 15 जनवरी 2025

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को गिरफ्तार किया

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को गिरफ्तार किया 

अखिलेश पांडेय 
सियोल। अचानक देशभर में मार्शल लाॅ लागू करने वाले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, राजपति के समर्थकों ने गिरफ्तारी का जमकर विरोध किया। लेकिन 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस और सुरक्षा कर्मी राष्ट्रपति को हिरासत में लेने में कामयाब हो गए। 
बुधवार को दक्षिण कोरिया में हुए एक बड़े घटनाक्रम के अंतर्गत राष्ट्रपति यून सुक येओल को गिरफ्तार कर लिया गया है। पिछले महीने अचानक देश में मार्शल लाॅ लागू करने वाले राष्ट्रपति की अरेस्टिंग के लिए पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। समर्थकों ने राष्ट्रपति की गिरफ्तारी का जमकर विरोध किया। समर्थकों के विरोध की वजह से यह मुमकिन नहीं हो पाया। 
जहां विपक्षी दलों ने देश में अचानक मार्शल लागू करने के लिए राष्ट्रपति की तीखी आलोचना की थी, वहीं राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्होंने मार्शल अल्लाह लागू करने का फैसला देश हित में लिया था। तकरीबन 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद हिरासत में लिए गए राष्ट्रपति के समर्थकों का विरोध अंत में काम नहीं आया। 

'मेटा' ने जुकरबर्ग के बयान के लिए माफी मांगी

'मेटा' ने जुकरबर्ग के बयान के लिए माफी मांगी 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारतीय संसदीय समिति की ओर से लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा की हार वाली जुकरबर्ग की पोस्ट को लेकर दिए गए मानहानि के मुकदमे की वार्निंग की दहशत में आए 'मेटा' ने जुकरबर्ग के बयान के लिए माफी मांग ली है। बुधवार को फेसबुक पर अपना मलिक आना हक रखने वाली मेहता ने अपने मुख्य एवं संस्थापक जोकर वर्ग की ओर से मौजूदा केंद्र सरकार को लेकर की गई हर की पोस्ट के लिए माफी मांगी है। 
बुधवार को मेटा के वाइस प्रेसिडेंट पब्लिक पॉलिसी शिवांथ ठुकराल ने एक्स पर लिखा है माननीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मार्क की यह टिप्पणी कि ज्यादातर सरकारे 2024 के आम चुनाव में वापस नहीं लौटी कई देशों के बारे में सही थी, लेकिन भारत को लेकर गलत। हम इस चूक के लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने लिखा है कि मेटा के लिए भारत बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है और हम यहां अपना भविष्य देखते हैं। 
उल्लेखनीय है कि मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर भाजपा और सरकार की ओर से तीखा विरोध जाहिर करते हुए इस मामले में जुकरबर्ग को समन जारी कर पेशी पर बुलाने की मांग की थी। लेकिन समन जारी होने से पहले ही मेटा ने हरकत में आते हुए मामले की गंभीरता को समझते हुए आज बिना शर्त माफी मांग ली है। 

सोमवार, 13 जनवरी 2025

इजरायली हमलों में 8 फिलिस्तीनी मारें गए

इजरायली हमलों में 8 फिलिस्तीनी मारें गए 

अखिलेश पांडेय 
जेरूसलम। गाजा पट्टी के इलाकों पर इजरायली हमलों में कम से कम आठ फिलिस्तीनी मारें गए। स्थानीय नागरिक सुरक्षा और चिकित्सा सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। गाजा में नागरिक सुरक्षा के प्रवक्ता महमूद बसल ने बताया कि गाजा शहर के पश्चिम में अल-शती शरणार्थी शिविर में फिलिस्तीनियों की एक सभा को निशाना बनाकर किए गए इजरायली ड्रोन हमले में तीन लोग मारे गए। 
वॉयस ऑफ अमेरिका का प्रमुख एक अलग हमले में गाजा शहर के उत्तर-पश्चिम में अल-करामा पड़ोस में एक हवाई हमले में दो फिलिस्तीनी मारे गए और गाजा शहर के पूर्व में अल-शुजाइया पड़ोस में एक इजरायली हमले में दो और मारे गए। चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि इसके अतिरिक्त उत्तरी गाजा के जबालिया शहर में एक युवक की मौत हो गई। जहां प्रत्यक्षदर्शियों ने क्षेत्र को निशाना बनाने वाले इजरायली तोपखाने से चोटों की पुष्टि की। फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने रविवार को इज़रायल पर “नरसंहार, विस्थापन और कब्जे” को बढ़ावा देने के लिए ‘‘समय खरीदने के खेल” के माध्यम से अपने युद्ध को लम्बा खींचने का आरोप लगाया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हिंसा को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। 

रविवार, 12 जनवरी 2025

'राष्ट्रपति' ट्रंप के समारोह में शामिल होंगे जयशंकर

'राष्ट्रपति' ट्रंप के समारोह में शामिल होंगे जयशंकर 

अखिलेश पांडेय 
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। विदेश मंत्री एस जयशंकर 20 जनवरी को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। दरअसल, ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करेंगे। पिछले साल नवंबर में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को 312 इलेक्टोरल वोट्स और हैरिस को 226 इलेक्टोरल वोट्स मिले थे। चुनाव में बहुमत के लिए किसी प्रत्याशी को 270 इलेक्टोरल वोट्स की जरूरत होती है। 
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वाशिंगटन यात्रा के दौरान जयशंकर अमेरिका के आगामी ट्रंप प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी करेंगे। ट्रंप-वेंस शपथ ग्रहण समिति के निमंत्रण पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। यात्रा के दौरान विदेश मंत्री अमेरिका के भावी प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ ही समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका आने वाले कुछ अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी बैठकें करेंगे। 

पदभार ग्रहण करने का रास्ता साफ... 

बैठक के बाद कमला हैरिस ने एलान किया कि ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के लिए भी ऐसी ही घोषणा की थी। हैरिस ने बताया कि ट्रंप के साथी ओहायो सीनेटर जेडी वेंस को 312 वोट मिले। इसी के साथ अमेरिकी कांग्रेस ने देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत को प्रमाणित कर 20 जनवरी को उनके पदभार ग्रहण करने का रास्ता साफ कर दिया था। 

भारतीय अमेरिकी ‘ढोल बैंड’ को भी आमंत्रण... 

ट्रंप के शपथ लेने के बाद आयोजित होने वाली परेड में शामिल होने के लिए एक भारतीय अमेरिकी ‘ढोल बैंड’ को भी आमंत्रित किया गया है। यह परेड कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद परिसर) से व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का अधिकारिक आवास एवं कार्यालय) तक निकाली जाएगी। जानकारी के मुताबिक, टेक्सास स्थित भारतीय पारंपरिक ‘ढोल बैंड’ समूह ‘शिवम ढोल ताशा पाठक’ अपनी जीवंत ताल और जोशीले धुन के साथ वाशिंगटन में इस कार्यक्रम के दौरान दुनिया को भारत की समृद्ध संगीत परंपराओं की एक झलक पेश करेगा, जिसे विश्व भर में लाखों लोग देखेंगे। यह पहली बार है, जब टेक्सास राज्य से भारतीय पारंपरिक ‘ढोल बैंड’ समूह इतने भव्य मंच पर प्रदर्शन करेगा। 

रविवार, 5 जनवरी 2025

'पीएम' शरीफ ने तालिबान को लेकर बयान दिया

'पीएम' शरीफ ने तालिबान को लेकर बयान दिया 

अखिलेश पांडेय 
इस्लामाबाद/काबुल। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय सीमा विवाद बड़ा मुद्दा रहा है, जो अब हाल के दिनों में और भी गहरा होता जा रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें कई तालिबान लड़ाके मारे गए। इसके बाद अफगानिस्तान ने जवाबी कार्रवाई का दावा किया। 
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तालिबान को लेकर सख्त बयान दिया। उन्होंने कहा कि तालिबान को कुचले बिना पाकिस्तान आगे नहीं बढ़ सकता। इस बीच पाकिस्तान में अफगानिस्तान के एक हिस्से वखान पर कब्जा करने की बात चल रही है, जिस पर तालिबान भड़का हुआ है। 
तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास ने भारत की जिक्र कर पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने कहा, “इस समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और आंतरिक अस्थिरता इतनी खराब है कि वह वखान कॉरिडोर पर कब्जा करने या एक और युद्ध करने की स्थिति में नहीं है। इतिहास पाकिस्तान की सेना के नाम युद्ध में खराब रिकॉर्ड दर्ज है। भारत के साथ 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) हार गया। 93,000 से अधिक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया जो आधुनिक इतिहास में सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है।” 
तालिबान के उप विदेश मंत्री ने कहा, “1973 और 1989 में जलालाबाद की लड़ाई और अफगानिस्तान के अंदर कुनार नदी की लड़ाई दोनों में पाकिस्तान को हार मिली थी। बाहरी युद्ध में पाकिस्तान की सेना को लगातार हार का सामना करना पड़ा। अपनी सीमाओं के बाहर पाकिस्तान कोई बड़ी जंग नहीं जीत पाया है। पाकिस्तान जैसे अपने देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करती है…। बलूच और पश्तूनों लोगों के खिलाफ अत्याचार करती है, उस पर उसे काम करना चाहिए. वाखान कॉरिडोर पर पाकिस्तान का कब्जा करने का ख्याल मूर्खता से भरा है।” 
इस तरह से तालिबान ने पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी दे डाली है कि अगर वह अफगानिस्तान में घुसपैठ या किसी हिस्से को तोड़ने की कोशिश करेगा तो वह उसकी बड़ी गलती होगी। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के राजनीतिक और सैन्य स्टेक होल्डर से एकजुट होने की अपील की और देश में बढ़ते सुरक्षा संकट से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया था। 

जब मैं राष्ट्रपति पद की शपथ लूंगा, झंडे झुके रहेंगे

जब मैं राष्ट्रपति पद की शपथ लूंगा, झंडे झुके रहेंगे 

सुनील श्रीवास्तव 
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होने जा रहा है। हालांकि उससे पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन के कारण देशभर में 30 दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब वह राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। तब भी झंडे झुके रहेंगे। 
अमेरिका की ध्वज संहिता के अनुसार, किसी मौजूदा या पूर्व राष्ट्रपति की मृत्यु होने पर 30 दिनों तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहना चाहिए। इसके अलावा, उपराष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के जज और कांग्रेस के सदस्यों की मृत्यु पर भी झंडा झुकाया जा सकता है। लेकिन, कम समय के लिए। 
झंडा झुकाने का आदेश अन्य मौकों पर भी दिया जा सकता है, जैसे राष्ट्रीय त्रासदी या स्मृति दिवस पर। अमेरिकी ध्वज हमेशा किसी भी अन्य झंडे से ऊंचा होता है। लेकिन, जब इसे झुकाया जाता है, तो अन्य झंडे भी झुकाए जाते हैं। 
राष्ट्रपति बाइडेन के आदेश के मुताबिक, जिमी कार्टर के निधन के कारण झंडा 28 जनवरी तक झुका रहेगा। इसका मतलब है कि ट्रंप के शपथ ग्रहण के दौरान और उसके बाद के एक हफ्ते तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। राष्ट्रीय ध्वज को झुकाने का आदेश राष्ट्रपति, गवर्नर या वॉशिंगटन डीसी के मेयर दे सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि झंडे का झुका रहना किसी को अच्छा नहीं लगेगा। 
हालांकि, अगर वह राष्ट्रपति बनने के बाद चाहें तो इस आदेश को बदल सकते हैं। क्योंकि, ध्वज संहिता अनिवार्य नहीं है। 

शनिवार, 4 जनवरी 2025

इथियोपिया में 5.5 तीव्रता का भूकंप, झटकें

इथियोपिया में 5.5 तीव्रता का भूकंप, झटकें 

अखिलेश पांडेय 
अदिस अबाबा। 5.5 तीव्रता के भूकंप से लगे झटकों की दहशत में आए लोग अपने घरों से निकलकर बाहर आ गए। इलाके में लगातार छोटे-छोटे भूकंप के झटके लगने से लोगों में अफरा तफरी बनी रहीं। 
यूरोपियन मिडटरेनियन सीस्मोलॉजिकर सेंटर के मुताबिक, इथियोपिया में आए 5.5 तीव्रता के भूकंप से लोगों में दहशत पसर गई। शनिवार को आए भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में होना बताया गया है। शनिवार को आए भूकंप से पहले दिन इथोपिया के केंद्रीय माउंटडोफन में विभाग की ओर से ज्वालामुखी विस्फोट की सूचना दी गई थी। 
लेकिन, शनिवार को इलाके में लगातार भूकंप के छोटे-छोटे झटके पब्लिक को लगते रहे। जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना रहा और वह अपने घरों के भीतर घुसने की हिम्मत नहीं जुटा सकें। 

गुरुवार, 2 जनवरी 2025

चीन में भूकंप के झटकें महसूस किए गए

चीन में भूकंप के झटकें महसूस किए गए 

अखिलेश पांडेय 
बीजिंग। उत्तर-पश्चिम चीन के निंग्जिया में भूकंप के झटकें महसूस किए गए है। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र के अनुसार उत्तर-पश्चिम चीन के निंग्ज़िया हुई स्वायत्त क्षेत्र की राजधानी यिनचुआन के योंगनिंग काउंटी में गुरुवार सुबह 10:01 बजे (बीजिंग समय) पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.8 मापी गई। 
भूकंप का केंद्र 38.4 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 106.22 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 10 किलोमीटर की गहराई पर था। 

पूर्व रक्षा मंत्री गैलेंट ने संसद नेसेट से इस्तीफा दिया

पूर्व रक्षा मंत्री गैलेंट ने संसद नेसेट से इस्तीफा दिया 

अखिलेश पांडेय 
जेरूसलम। इजरायल के पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने संसद नेसेट से इस्तीफा दे दिया है। टाइम्स ऑफ़ इज़रायल समाचार पत्र ने गुरुवार को यह जानकारी दी। समाचार पत्र ने पूर्व मंत्री के लाइव बयान का हवाला देते हुए कहा कि गैलेंट प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के सदस्य बने हुए हैं। 
गैलेंट ने कथित तौर पर नेतन्याहू और मौजूदा रक्षा मंत्री इज़रायल कैट्ज़ के कार्यों से असहमति जताते हुए अपने फ़ैसले की व्याख्या की जिसका उद्देश्य रूढ़िवादी यहूदियों को इज़रायल रक्षा बलों में सेवा से छूट देना था। कैट्ज ने दिसंबर के मध्य में नेसेट विदेश मामलों और सुरक्षा समिति को भर्ती कानून के लिए नए दिशा-निर्देश प्रस्तुत किए जिसके तहत लगभग 50 प्रतिशत अति-रूढ़िवादी युवा भर्ती के अधीन होंगे। इज़रायली समाचार पोर्टल येनेट ने तब रिपोर्ट दी थी कि यह आँकड़ा लगभग सात वर्षों में पहुँच जाएगा। पूर्व रक्षा मंत्री ने जुलाई में अति-रूढ़िवादी यहूदियों को शामिल करने के लिए भर्ती के दायरे का विस्तार करने की वकालत की। 
इज़रायल के अति-धार्मिक हलकों का मानना ​​है कि पवित्र ग्रंथों के अध्ययन के माध्यम से अति-रूढ़िवादी यहूदी सार्वजनिक बोझ को साझा करते हैं और यहूदी राज्य की अखंडता और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। 

रविवार, 29 दिसंबर 2024

'राष्ट्रपति' ने विमान हादसे के लिए माफी मांगी

'राष्ट्रपति' ने विमान हादसे के लिए माफी मांगी 

अखिलेश पांडेय 
मॉस्को। कजाकिस्तान विमान हादसे के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने "माफी" मांगी है। रूस ने हादसे को एक 'दुखद घटना' बताते हुए कहा कि एयर डिफेंस उस समय यूक्रेनी ड्रोन हमलों का जवाब दे रहा था, जब यह हादसा हो गया। इससे पहले अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलिएव ने पुतिन से कहा था कि प्लेन में रूसी एयर स्पेस में बाहरी हस्तक्षेप हुआ था। फिर विमान ने अपना नियंत्रण खो दिया और अक्ताऊ की तरफ मुड़ना पड़ा। फ्लाइट J2-8243 कजाकिस्तान के अक्ताउ में बुधवार को क्रैश कर गया था। 
दावा है कि उस दौरान इलाके में यूक्रेन ड्रोन हमले कर रहा था, जिसका रूसी एयर डिफेंस जवाब दे रही थी। हादसे के बाद सामने आई तस्वीरों में देखा गया कि विमान की बॉडी में तुछ सुराख हो रखे थे, जो कि संभावित रूप से मिसाइल के टुकड़े लगने से हुए थे। इस हादसे में दो पायलट और क्रू मेंबर समेत 38 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद अजरबैजान एयरलाइंस की तरफ से सर्वे किया गया और रिपोर्ट में दावा किया गया कि रूसी एयर डिफेंस ने गलती से विमान पर हमला कर दिया था। यह हमला सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम से किया गया था। अब रूस ने इन आरोपों को स्वीकार किया है, जो कि पहले यूक्रेन पर आरोप मढ़ने की कोशिश कर रहा था। 
हालांकि, यूक्रेन ने आरोपों को खारिज किया था, और जांच की अपील की थी। पुतिन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, "राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दुखद घटना के लिए माफी मांगते हैं, और एक बार फिर मृतकों के परिवार के प्रति उनकी संवेदना है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं." बयान में रूस ने कहा, "उस समय ग्रोज्नी, मॉजडोक और व्लादिकावकाज इलाके में यूक्रेन ड्रोन हमले कर रहा था, जिसका एयर डिफेंस जवाब दे रहा था। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलिएव ने नोटिस किया था कि विमान के साथ रूसी एयरस्पेस में बाहरी फिजिकल और टेक्निकल हस्तक्षेप हुआ था, जिससे विमान ने नियंत्रण खो दिया और फिर कजाकिस्तान के अक्ताउ शहर की तरफ मुड़ना पड़ा." यह भी दावे किए गए कि रूस डिफेंस ने विमान को ग्रोज्नी एयरपोर्ट पर लैंडिंग से रोक दिया था। इनके अलावा दावा यह भी है कि विमान ने ग्रोज्नी एयरपोर्ट पर दो बार लैंडिंग की कोशिश की थी, लेकिन विफल रहा था। 
हालांकि, विमान जबतक अक्ताउ एयरपोर्ट पर लैंड करता, तबतक देर हो चुकी थी। विमान हादसे की सामने आई तस्वीरों में देखा गया था कि अनियंत्रित विमान सीधा रनवे से जाकर टकराया और आग लग गई, जो कि एक बड़ा हादसा साबित हुआ। 

बुधवार, 25 दिसंबर 2024

कजाकिस्तान: विमान दुर्घटना में 42 लोगों की मौत

कजाकिस्तान: विमान दुर्घटना में 42 लोगों की मौत 

अखिलेश पांडेय 
अकातू। इस वक्त की बड़ी खबर कजाकिस्तान से आई है। कजाकिस्तान में प्लेन क्रैश हुआ है। अजरबैजान एयरलाइंस का विमान कजाकिस्तान के अकातू में दुर्घटना का शिकार हो गया है। प्लेन में 67 यात्री और 5 क्रू मेंबर्स समेत 72 लोग थे। विमान दुर्घटना में 42 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 30 लोगों को बचा लिया गया है, जिनमें से 22 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विमान के क्रैश होने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें विमान को गिरते देखा जा सकता है। लैंडिंग के हिसाब से उसकी गति बहुत ज्यादा दिख रही है। 
रूसी समाचार एजेंसियों ने इस हादसे का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कजाकिस्तान इमरजेंसी मिनिस्ट्री ने बताया कि अजरबैजान का विमान बाकू से ग्रोन्जी के लिए जा रहा था। एजेंसियों के मुताबिक, घने कोहरे के चलते फ्लाइट का रूट बदला गया था। 

शनिवार, 21 दिसंबर 2024

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें 

सुनील श्रीवास्तव 
मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन के माध्यम से आधा दर्जन से अधिक हमलें किए गए हैं। आधा दर्जन इमारतों को निशाना बनाते हुए किया गया यह अटैक मास्को से 800 किलोमीटर दूर अंजाम दिया गया है। शनिवार को रूस के कजान शहर में यूक्रेन ने अमेरिका में 9/11 को हुए अटैक जैसा हमला अंजाम देते हुए ड्रोन के माध्यम से 8 अटैक किए हैं, जिनमें से 6 अटैक रिहायसी इमारतों पर किए गए हैं। 
रूस की राजधानी मॉस्को से तकरीबन 800 किलोमीटर दूर स्थित कजान शहर में शनिवार को अंजाम दिए गए अटैक के कई वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें कई ड्रोन रिहायसी इमारतों से टकराते हुए नजर आ रहे हैं। 
ड्रोन के माध्यम से किए गए आधा दर्जन से अधिक अटैक के बाद रूस के दो एयरपोर्ट आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। 

दो दिवसीय यात्रा के लिए कुवैत रवाना हुए 'पीएम'

दो दिवसीय यात्रा के लिए कुवैत रवाना हुए 'पीएम' 

अखिलेश पांडेय 
नई दिल्ली/कुवैत सिटी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय यात्रा के लिए कुवैत रवाना हो गए। कुवैत जाने से पहले शनिवार को उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया की शांति, सुरक्षा और स्थिरता में भारत और खाड़ी देश का साझा हित है। यह पिछले 43 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत की पहली यात्रा है। 
मोदी ऐसे समय में कुवैत की यात्रा कर रहे हैं, जब दो सप्ताह पहले सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का पतन हो गया और गाजा में इजराइल एवं हमास के बीच संभावित युद्ध विराम समझौते के संकेत नजर आ रहे हैं। इससे पहले, भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में इस खाड़ी देश की यात्रा की थी। 

भविष्य की साझेदारी का खाका तैयार 

मोदी ने यात्रा पर रवाना होने से पहले दिए गए एक बयान में कहा कि कुवैत के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी बातचीत भारत और कुवैत के बीच भविष्य की साझेदारी का खाका तैयार करने का अवसर देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से कायम हैं। हम न केवल व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्रों में मजबूत साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता में भी हमारा साझा हित है।’’ मोदी कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर कुवैत जा रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारत और कुवैत के लोगों के विशेष आपसी संबंधों और मित्रता के बंधन को और मजबूत करेगी।’’ 

पीएम करेंगे गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट का उद्घाटन 

मोदी ने कहा कि वह कुवैत के अमीर, युवराज (क्राउन प्रिंस) और प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठकों के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भविष्य की साझेदारी का खाका तैयार करने का एक अवसर होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुवैत में भारतीय प्रवासियों से मिलने के लिए उत्सुक हूं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच मित्रता के बंधन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’’ मोदी कुवैत के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे, भारतीय श्रमिक शिविर का दौरा करेंगे, भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे और गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं खाड़ी क्षेत्र के प्रमुख खेल आयोजन ‘अरेबियन गल्फ कप’ के उद्घाटन समारोह में मुझे आमंत्रित कर विशेष सम्मान देने के लिए कुवैत के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं एथलेटिक उत्कृष्टता और क्षेत्रीय एकता के इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं।’’ विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत की यात्रा के दौरान भारत और खाड़ी देश के बीच रक्षा और व्यापार समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि कुवैत के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि और रक्षा सहयोग समझौते पर चर्चा जारी है। विदेश मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुछ द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा से भारत-कुवैत द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘यह न केवल मौजूदा क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करेगा, बल्कि भविष्य में सहयोग के नए रास्ते भी खोलेगा, हमारे साझा मूल्यों को सुदृढ़ करेगा और भविष्य के लिए अधिक मजबूत साझेदारी का निर्माण करेगा।’’ भारत, कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। 
कुवैत भी भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। कुवैत, भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को तीन प्रतिशत तक पूरा करता है। 

12 को दो दिवसीय अमेरिकी दौरे पर जाएंगे 'पीएम'

12 को दो दिवसीय अमेरिकी दौरे पर जाएंगे 'पीएम'  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दो दिवसीय अमेरिकी द...