शनिवार, 2 नवंबर 2019

विधानसभा के चुनाव जिस तरह से भाजपा

चण्डीगढ़ ! हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा 75 पार के नारे से 40 पर आकर अटकी है!


चण्डीगढ़ ;- हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा 75 पार के नारे से 40 पर आकर अटकी है। उसका सीधा ठिकड़ा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की कार्यप्रणाली से जोड़ा जा रहा है!मिली जानकारी के अनुसार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सुभाष बराला के कार्य से प्रसन्न नहीं है। वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि बराला की प्रदेश संगठन पर पकड़ कमजोर होती दिखाई दी थी। जिसके कारण भाजपा पूर्ण बहुमत में ना आकर अल्पमत से सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। यदि यह कहें कि आज भाजपा सरकार जेजेपी की बैसाखियों पर खड़ी हुई है। इसमें भी कोई दो राय नहीं जब भी भाजपा पार्टी ने जेजेपी पार्टी की किसी भी बात को नजरअंदाज किया तो उसी दिन हरियाणा में भाजपा की सरकार टूट सकती है। भाजपा को मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के नेतृत्व में इस बार पुर्ण बहुमत नहीं मिला। विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जीत न मिलने के बाद अब पार्टी के प्रदेश संगठन में बदलाव तय है। चौथी बार चुनाव लड़े सुभाष बराला खुद टोहाना विधानसभा क्षेत्र से अपना चुनाव हार गए। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष के नाते सुभाष बराला के प्रदर्शन से कतई खुश नहीं है, इसलिए दिसंबर में होने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले हरियाणा के भाजपा संगठन में बदलाव तय माना जा रहा है। इस बार के चुनाव में भाजपा ने 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था। तमाम प्रयासों के बावजूद भाजपा 40 सीटों पर आकर ठहर गई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही सार्वजनिक तौर पर प्रदेश संगठन की खिंचाई नहीं कर रहे, लेकिन दोनों शीर्ष नेताओं ने इस निराशाजनक प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर की है। राष्ट्रीय नेतृत्व की नाराजगी के कारण अब नए प्रदेश अध्यक्ष पद की लाबिंग शुरू हो गई। सुभाष बराला नवंबर 2014 में हरियाणा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। जनवरी 2015 में उन्होंने पूरी तरह से कार्यभार संभाल लिया था। गैर जाट चेहरे के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जाट अध्यक्ष के नाते सुभाष बराला की जोड़ी पूरे समय खूब जमी। मुख्यमंत्री हालांकि इस बार भी सुभाष बराला की प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पैरवी कर सकते हैं, क्योंकि जजपा संयोजक के नाते दुष्यंत चौटाला जिस तरह भाजपा सरकार में साझीदार हैं। हालांकि यह देखते हुए भाजपा इस बार जाट के बजाय किसी गैर जाट खासकर पिछड़े, दलित अथवा ब्राह्मण वर्ग से नया प्रदेश अध्यक्ष दे सकती है। भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। वह दोबारा फिर तीन साल के लिए रिपीट किया जा सकता है। सुभाष बराला का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में उन्हें बदला जाना तय है। जाट चेहरे के रूप में भाजपा के पास पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु हैं। दोनों ही चुनाव हार गए हैं। भाजपा ने यदि पिछड़ा वर्ग को संगठन में अहमियत दी तो पूर्व स्पीकर एवं जगाधरी से चुनाव जीते कंवरपाल गुर्जर को अध्यक्ष पद का ताज सौंपा जा सकता है। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी भी मुख्यमंत्री की पसंद हैं। दोनों की कार्य प्रणाली से सीएम खुश हैं। दलित चेहरे के रूप में भाजपा के पास तेज तर्रार मंत्री रह चुके कृष्ण कुमार बेदी हैं। जाट दलित गठजोड़ में बेदी भाजपा का बड़ा चेहरा बन सकते हैं।
दक्षिण हरियाणा में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश
दक्षिण हरियाणा में इस बार भाजपा 11 सीटें में से तीन हार गई है। यहां भाजपा के मजबूत चेहरे मनीष यादव भी चुनाव हार गए। इसलिए यदि भाजपा ने यादवों को महत्व दिया तो मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद यादव और प्रांतीय प्रवक्ता वीर कुमार यादव में से किसी को जिम्मेदारी मिल सकती है। भाजपा में एक वर्ग प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ब्राह्मणों को प्रतिनिधित्व देने की मांग कर रहा है। यदि ऐसा होता है तो पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा का नाम सबसे ऊपर आ सकता है। इतना तय है कि नए अध्यक्ष के चयन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद का पूरी तरह से ख्याल रखा जाएगा।


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उसका सीधा ठिकड़ा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की कार्यप्रणाली से जोड़ा जा रहा है!मिली जानकारी के अनुसार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सुभाष बराला के कार्य से प्रसन्न नहीं है। वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि बराला की प्रदेश संगठन पर पकड़ कमजोर होती दिखाई दी थी। जिसके कारण भाजपा पूर्ण बहुमत में ना आकर अल्पमत से सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। यदि यह कहें कि आज भाजपा सरकार जेजेपी की बैसाखियों पर खड़ी हुई है। इसमें भी कोई दो राय नहीं जब भी भाजपा पार्टी ने जेजेपी पार्टी की किसी भी बात को नजरअंदाज किया तो उसी दिन हरियाणा में भाजपा की सरकार टूट सकती है! भाजपा को मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के नेतृत्व में इस बार पुर्ण बहुमत नहीं मिला। विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जीत न मिलने के बाद अब पार्टी के प्रदेश संगठन में बदलाव तय है। चौथी बार चुनाव लड़े सुभाष बराला खुद टोहाना विधानसभा क्षेत्र से अपना चुनाव हार गए। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष के नाते सुभाष बराला के प्रदर्शन से कतई खुश नहीं है, इसलिए दिसंबर में होने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले हरियाणा के भाजपा संगठन में बदलाव तय माना जा रहा है! इस बार के चुनाव में भाजपा ने 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था। तमाम प्रयासों के बावजूद भाजपा 40 सीटों पर आकर ठहर गई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही सार्वजनिक तौर पर प्रदेश संगठन की खिंचाई नहीं कर रहे, लेकिन दोनों शीर्ष नेताओं ने इस निराशाजनक प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर की है। राष्ट्रीय नेतृत्व की नाराजगी के कारण अब नए प्रदेश अध्यक्ष पद की लाबिंग शुरू हो गई! सुभाष बराला नवंबर 2014 में हरियाणा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। जनवरी 2015 में उन्होंने पूरी तरह से कार्यभार संभाल लिया था। गैर जाट चेहरे के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जाट अध्यक्ष के नाते सुभाष बराला की जोड़ी पूरे समय खूब जमी। मुख्यमंत्री हालांकि इस बार भी सुभाष बराला की प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पैरवी कर सकते हैं, क्योंकि जजपा संयोजक के नाते दुष्यंत चौटाला जिस तरह भाजपा सरकार में साझीदार हैं! हालांकि यह देखते हुए भाजपा इस बार जाट के बजाय किसी गैर जाट खासकर पिछड़े, दलित अथवा ब्राह्मण वर्ग से नया प्रदेश अध्यक्ष दे सकती है! भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। वह दोबारा फिर तीन साल के लिए रिपीट किया जा सकता है! सुभाष बराला का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है! ऐसे में उन्हें बदला जाना तय है। जाट चेहरे के रूप में भाजपा के पास पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु हैं। दोनों ही चुनाव हार गए हैं। भाजपा ने यदि पिछड़ा वर्ग को संगठन में अहमियत दी तो पूर्व स्पीकर एवं जगाधरी से चुनाव जीते कंवरपाल गुर्जर को अध्यक्ष पद का ताज सौंपा जा सकता है। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी भी मुख्यमंत्री की पसंद हैं। दोनों की कार्य प्रणाली से सीएम खुश हैं। दलित चेहरे के रूप में भाजपा के पास तेज तर्रार मंत्री रह चुके कृष्ण कुमार बेदी हैं। जाट दलित गठजोड़ में बेदी भाजपा का बड़ा चेहरा बन सकते हैं!
दक्षिण हरियाणा में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश
दक्षिण हरियाणा में इस बार भाजपा 11 सीटें में से तीन हार गई है। यहां भाजपा के मजबूत चेहरे मनीष यादव भी चुनाव हार गए। इसलिए यदि भाजपा ने यादवों को महत्व दिया तो मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद यादव और प्रांतीय प्रवक्ता वीर कुमार यादव में से किसी को जिम्मेदारी मिल सकती हैै! भाजपा में एक वर्ग प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ब्राह्मणों को प्रतिनिधित्व देने की मांग कर रहा है। यदि ऐसा होता है तो पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा का नाम सबसे ऊपर आ सकता है। इतना तय है कि नए अध्यक्ष के चयन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद का पूरी तरह से ख्याल रखा जाएगा!


गंगा-जमुना के किनारे, पहुचा भक्त जन समूह

नई दिल्ली! छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य देने बड़ी संख्या में उपवासी महिलाओ का हुजूम नदी, तालाबों के किनारे बनाए गए घाटों पर नजर आ रहा है! सबसे ज्यादा भीड़ यमुना नदी के किनारे पर रही, गंगा पर बहुत लंबी यात्राएं की जा रही है! बालकोनगर रोड स्थित ढेंगुरनाला पल के छठ घाट में देखने को मिल रहा है! यहाँ सैकड़ो की संख्या में उपवासी महिलाये तमाम पूजा-पाठ के सामानो के साथ सूर्य को अर्ध्य देने पहुंची है! शहर का पूरा माहौल धार्मिक बना हुआ है! इसी तरह हसदेव घाट, कंकालिन मंदिर स्थित मुड़ापार तालाब में भी व्रती महिलाओ और साथ में सभी वर्गों का हुजूम नजर आ रहा है! मन को भावविभोर कर देने वाला चित्रण दृष्टिपात आ रहा है! इस दौरान लगातार आतिशबाजियां भी की जा रही है!


तरह-तरह के फूल लग रहे हैं, खुशबू न्यारी-न्यारी !


माली ने वो जगह देखकर बाग लगाया, छोटी-छोटी-क्यारी!


दो हत्या कर अलग-अलग सड़क पर फेंके

कौशाम्बी। जिले के चरवा और मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र में दो युवकों की अलग-अलग हत्या कर लाश सडक किनारे गढढे में फेक दी गई। सडक किनारे लाश पडी होने की सूचना ग्रामीणो ने पुलिस को दी है। दोनो लाश को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दोनो लोगो को घर से बुलाकर उनके रिश्तेदार परिचित ले गये, और दोनो युवको की हत्या करने के बाद रिश्तेदार परिचित फरार है। खबर लिखे जाने तक दोनो हत्याओ का मुकदमा पुलिस ने नही दर्ज किया है।


बता दें कि, घटनाक्रम के मुताबिक मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के पिपरकुण्डी गांव निवासी लालचन्द्र उम्र 28 वर्ष पुत्र सुन्दर लाल एक ठेकेदार के साथ काम करते थे, ठेकेदार से उनका लाखो का लेनदेन था। बिहार प्रान्त के रहने वाले कमलेश कुमार नामक यह ठेकेदार लालचन्द्र को उसके घर से यह कहकर बुलाकर गुरूवार को ले गया था कि, इलाहाबाद जा रहे है। वापस लौट कर घर छोड देगें। लेकिन लालचन्द्र घर नही पहुच सका और उसकी लाश चरवा थाना क्षेत्र के काजू बेरवा के बीच सडक किनारे गढढे में मिली है। इस मौत को कमलेश दुर्घटना बता रहे और कुछ देर बाद मौके से वह फरार हो गये है। जबकि कमलेश के साथ लालचन्द्र बाइक से गये थे, और यदि सडक दुर्घटना में लालचन्द्र की मौत हुयी तो कमलेश को चोट क्यों नही आई? और दुर्घटना के बाद तुरन्त मामले की सूचना पुलिस को क्यों नही दी गई? घटनास्थल पर कोई खून भी पड़ा नही मिला, और दुर्घटना के किसी प्रकार के साक्ष्य मौजूद नही है। वही इलाहाबाद से वापस आने वाली सड़क पर लाश नही मिली। जिससे लालचन्द्र की हत्या कर लाश को ठिकाने लगाने की घटना से इंकार नही किया जा सकता।


दूसरी घटना मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के देवखरपुर गांव की है । रघवापुर निवासी शिवकरन उम्र 30 वर्ष पुत्र ओमप्रकाश की ससुराल देवखरपुर गांव में है, और गुरूवार को शिवकरण अपनी ससुराल देवखरपुर आया था। जहॉ शिवकरण को उसके चचेरे साले मुकेश कुमार और बारातफारिक गांव का एक युवक घर से बुला कर ले गये थे, और आधी रात को शिवकरन की लाश सडक किनारे गढढे में पडी मिली थी। मौके से मृतक शिवकरन का साला और दूसरा युवक गायब है। तीन लोगो के साथ बाइक में बीच मे बैठे शिवकरन की सडक दुर्घटना में मौत की बात बताने वालो को इसी हादसे में खरोच तक नही आई है। जिससे उनकी बातो को हजम करना कठिन है। लाश भी सडक के किनारे गढढे में मिली है। यह घटना भी हत्या की ओर इशारा कर रही है। परिजनो ने हत्या का आरोप भी लगाया है। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दोनो मामलो की यदि पुलिस आलाधिकारियो ने सूक्ष्म जॉच करायी तो हत्यारे जेल के पीछे होगे।


5 वर्षीय बच्ची से रेप,आरोपी को आजीवन कारावास

ग्वालियर। विशेष सत्र न्यायाधीश अर्चना सिंह ने 5 वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले 55 वर्षीय पड़ोसी बाबा उर्फ ईश्वर सिंह सहित पीड़िता के दीदी व जीजाजी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 75 हजार रुपए का अर्थदंड लगाते हुए राशि पीड़िता को प्रदान करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने आरोपियों के कृत्य पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ईश्वर उर्फ बाबा की उम्र 55 वर्ष है। उसने एक असहाय नाबालिग की मजबूरी का फायदा उठाकर उसके साथ नरपिशाच समान कृत्य किया है।
इसे जो भी सजा सुनाई जाए, वह कम है। दया का कोई भाव नहीं लाया जा सकता है। कोर्ट ने उसे सजा काटने के लिए जेल भेज दिया। 20 अप्रैल 2017 को 5 वर्षीय नाबालिग ने महाराजपुरा थाने में शिकायत की। उसने बताया कि उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है। वह दीदी-जीजाजी के घर रहती है। उसके जीजाजी पीटते थे। कभी-कभी उसे छत पर खड़ा कर देते थे। पंखे से उल्टा लटका देते थे।
बाहर से लोगों को बुलाते थे। उनसे 50-50 रुपए लेकर अश्लील हरकत करने के लिए उनके सुपुर्द कर दे देते थे। इन अपराधों में दीदी भी जीजाजी का पूरा साथ देती थी। जीजाजी ने भी एक दिन अश्लील हरकत की और दुष्कर्म किया। पड़ोस में रहने वाले ईश्वर बाबा आए दिन उसके साथ दुष्कर्म करते थे। दीदी व जीजाजी गलत काम करने में बाबा की मदद करते थे। नाबालिग की शिकायत पर पुलिस ने जीजाजी, दीदी, पड़ोसी ईश्वर के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया और जांच कर कोर्ट में चालान पेश किया।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी अनिल मिश्रा ने तर्क दिया कि आरोपित ने गंभीर अपराध किया है। इन्हें कड़ा दंड दिया जाए, जिससे समाज में एक संदेश जा सके। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि छोटी बच्ची जिसके माता-पिता जीवित नहीं रहे। उसके दीदी-जीजाजी एक मात्र पालनहार रह गए थे। उन्होंने ऐसा घिनोना कृत्य किया है, जिससे उसका पूरा जीवन प्रभावित होगा। उसके जीवन के ऊपर पड़ने वाले दुुष्प्रभाव का परिकल्पना नहीं की जा सकती है। आरोपी नरमी व क्षमा के पात्र नहीं है।


पत्नी ने सरेराह पति का गला रेत पर की हत्या

अहमदाबाद। शादी के पहले अफेयर होने की बात पति को पता लगी तो वो रोज ताने मारने लगा। पति-पत्नी के बीच अक्सर इसे लेकर झगड़े होते रहते थे। इस सब से तंज आकर पत्नी ने आखिरकार अपने ही पति का सरेराह गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार किया है। मामला गुजरात के महिसागर जिले का है जहां एक अजीबोगरीब घटनाक्रम का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने पति की हत्या के आरोप में पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार दीपावली के बाद विक्रम संवत वर्ष की शुरुआत के दिन खानपुर तहसील के लवाणा गांव के निर्जन रास्ते से 56 वर्षीय कालूभाई वालाभाई मछार का शव बरामद हुआ था। किसी धारदार शस्त्र से उसका सिर धड़ से अलग कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी।
इस मामले की तफ्तीश पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। हत्या के कारणों की गुत्थी सुलझ नहीं रही थी। कालूभाई इतने अमीर भी नहीं थे कि लूटने के इरादे से भी उनकी हत्या हुई हो। उनकी किसी व्यक्ति के साथ दुश्मनी भी नहीं थी। इस मामले में हत्यारे तक पहुंचने के लिए पुलिस आकाश-पाताल एक कर रही थी।
मामले की जांच के लिए पुलिस मृतक के घर गई। वहां देखा तो पुत्र और पुत्रवधू विलाप कर रहे थे। कालूभाई की बेटी का भी रो-रो कर बुरा हाल था। वहीं कालूभाई की पत्नी घर के एक कोने में बैठी थी। उसके चेहरे पर चिंता की शिकन भी नहीं थी। उसे देखकर यह मानना बहुत मुश्किल था कि उसके पति की किसी ने हत्या कर दी थी।
पुलिस ने ग्रामीणों से पूछताछ शुरू की। इससे पता चला कि कालूभाई की पत्नी शांता का गांव के एक व्यक्ति के साथ नाजायज संबंध थे। इसे लेकर कालूभाई और उनकी पत्नी के बीच आए दिन झगड़ा होता रहता था। फिर क्या था पुलिस के लिए इतना सुराग ही काफी था। पुलिस ने शांता से पूछताछ की शुरुआत की। शुरू में तो वह पुलिस को गुमराह करती रही, किन्तु सख्ती करने पर वह टूट गई। उसने कबूल कर लिया कि उसी के हाथों उसके पति की हत्या हुई है। कबूलात के आधार पर पुलिस ने शांता को गिरफ्तार कर लिया।


पूजा गहलोत ने हंगरी में जीता रजत पदक

नई दिल्ली! पूजा गहलोत ने हंगरी के बुडापेस्ट में चल रही अंडर-23 विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग में शुक्रवार रात रजत पदक जीतकर भारत को प्रतियोगिता में दूसरा पदक दिला दिया जबकि ज्योति को 50 किग्रा के कांस्य पदक मुकाबले और नैना को 72 किग्रा के रेपेचेज में हार का सामना करना पड़ा! पूजा ने 53 किग्रा में क्वालिफिकेशन में रूस की एकातेरिना वेरबीना को 8-3 से तथा क्वार्टरफाइनल में ताइपे की मेंग सुआन सीह को 8-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई, जहां उन्होंने तुर्की की जेनैप येतगिल को 8-4 से शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया!  पूजा का स्वर्ण पदक के लिए 2017 की विश्व चैंपियन जापान की हारुना ओकुनो से मुकाबला हुआ, जिसमें उन्हें नजदीकी संघर्ष में 0-2 से हार का सामना करना पड़ा और रजत से संतोष करना पड़ा। भारत का इस प्रतियोगिता में यह दूसरा रजत पदक है। इससे पहले पुरुष फ्रीस्टाइल में रविंदर 61 किग्रा के फाइनल में पहुंचे थे और उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा था। भारत ने इस तरह अपने पिछले प्रदर्शन में सुधार कर लिया है। भारत ने पिछली चैंपियनशिप में एक रजत पदक जीता था!


मैक्सवेल ने क्रिकेट से ब्रेक का फैसला लिया

सिडनी! खेलबेहद गंभीर बीमारी से जूझ रहे ग्लेन मैक्सवेल, मजबूरन तोड़ना पड़ा क्रिकेट से रिश्ता, ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल ने अनिश्चितकाल के लिए क्रिकेट से ब्रेक लेने का फैसला किया है! अपने मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में अनुभव की गई कठिनाइयों के कारण मैक्सवेल ने यह बड़ा कदम उठाया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मनोवैज्ञानिक डॉक्टर माइकल लॉयड ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज का हिस्सा रहे मैक्सवेल के स्थान पर अब डार्सी शॉर्ट को टीम में चुना गया हैै! पृथ्वी शॉ के रूप में मिला देश को नया सहवाग।


लॉयड ने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि, 'ग्लेन मैक्सवेल मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं थे। कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। नतीजतन, वह खेल से आराम लेकर थोड़ा समय बिताएंगे। इस संबंध में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की ओर से भी बयान जारी हुआ है।


'हमारे लिए खिलाड़ियों और कर्मचारियों की भलाई सर्वोपरि है। ग्लेन को हमारा पूरा समर्थन है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ग्लेन की भलाई और खेल में उसकी लगन सुनिश्चित करने के लिए क्रिकेट विक्टोरिया के सहयोगी स्टाफ के साथ मिलकर काम करेगा। हम हर किसी से ग्लेन, उनके परिवार और दोस्तों की निजता का सम्मान करने की अपील करते हैं। वह एक खास खिलाड़ी हैं। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए अहम हैं। हम गर्मियों तक उन्हें दोबारा टीम में खेलते देखने की उम्मीद करते हैं।' जन्मदिन विशेष- उमेश यादव ने मेहनत के दम पर पूरा किया फर्श से अर्श तक का सफर।


बता दें कि श्रीलंका के खिलाफ रविवार को खेले गए पहले टी-20 में ग्लेन मैक्सवेल ने तीसरे क्रम पर 28 गेंदों में ताबड़तोड़ 62 रन ठोके थे। इस दौरान उनके बल्ले से सात चौके और तीन छक्के भी निकले थे। हालांकि दूसरे टी-20 में उन्हें बल्लेबाजी का मौका ही नहीं मिला। स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर ने अर्धशतक ठोकते हुए टीम को नौ विकेट से जीत दिलाई और सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली!


सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की परवाह नहीं

मुंबई! बॉलीवुड की दबंग गर्ल सोनाक्षी सिन्हा सोशल मीडिया पर अब ट्रोलिंग की परवाह नहीं करतीं हैं। सोनाक्षी ने अपने मोटापे पर निशाना साधकर ट्रोलिंग करने वालों को करारा जवाब देते हुए आड़े हाथों लिया। सोनाक्षी ने एक वीडियो शेयर किया है, इसमें उन्हें सोशल मीडिया पर उन्हें मिलने वाले संदेशों को पढ़ते हुए देखा जा सकता है।


सोनाक्षी ने वीडियो को शेयर कर कमेंट किया,कमरे में बैठे हाथी के बारे में बात करते हैं। वर्षों तक मुझे मेरे वजन के कारण ट्रोल किया गया। मुझे कभी भी इसपर रिएक्शन देने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई क्योंकि मुझे हमेशा लगता था कि मेरा उद्देश्य इससे बड़ा है।
सोनाक्षी ने कहा,ट्रोल करने वाले वे लोग है जो सिर्फ तुम्हारे वाइब को मारना चाहते हैं। इन लोगों के पास हर समय दूसरों को जज करने के अलावा और कोई काम नहीं होताद्य इसलिए वे कुछ भी कहते हैं। कभी-कभी हमें गुस्सा, दु:ख या सुन्न महसूस करते हैं, लेकिन अब हम इसपर सिर्फ हंसते हैं क्योंकि ये लोग क्या हैं, एक मजाक है। 30 किलोग्राम वजन कम करने के बाद भी ट्रोलर्स इस पर कायम हैं। अब वह भाड़ में जाए क्योंकि सोनाक्षी यहां एक कारण से हैं। मैंने इसे वैसे ही बनाया है जैसे मैं हूं और मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। इनसे मेरा कुछ नहीं बिगड़ता, मेरा वजन भी नहीं और नहीं मेरी छवि को कोई नुकसान होता हैं। मुझे मेरा उद्देश्य बड़ा बनाता है।


जॉन अब्राहम नजर आएंगे 'अटैक' में

मुंबई! कुछ वक्त पहले जॉन अब्राहम की फिल्म बाटला हाउस रिलीज हुई थी, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। अब जॉन ने अपनी अगली फिल्म की तैयारी शुरू कर दी है। इस फिल्म का नाम अटैक है, जिसमें जॉन हैरतअंगेज स्टंट और ऐक्शन सीन्स करते नजर आएंगे। 
जॉन ने इस फिल्म के लिए अपनी कमर कस ली है। अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर उन्होंने एक विडियो शेयर किया है, जिसमें वह एक एक्सपर्ट के साथ रिवॉल्वर और अन्य हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग लेते नजर आ रहे हैं। इस विडियो के साथ जॉन ने लिखा है, अटैक करने के लिए हो रहा हूं तैयार। मेरी अगली ऐक्शन फिल्म। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस फिल्म में जॉन आतंकवादियों से लड़ते नजर आएंगे। फिल्म की शूटिंग इस साल दिसंबर में शुरू होगी। फिल्म का निर्देशन नए डायरेक्टर लक्ष्य राज आनंद करेंगे।


अटैक फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें जॉन का एक अलग ही अवतार और लुक देखने को मिलेगा। इससे पहले उन्होंने बाटला हाउस में भी अपना ऐक्शन अवतार दिखाया था। यह फिल्म दिल्ली के जामिया नगर के बाटला हाउस 19 सितंबर 2008 में हुए एनकाउंटर पर आधारित थी, जिसमें जॉन ने एसीपी संजय कुमार यादव का रोल प्ले किया था।


दिल्ली में पुलिस-वकीलों के बीच हिंसक झड़प

नई दिल्ली! दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में शनिवार दोपहर में वकीलों और पुलिस के बीच मामूली विवाद के दौरान जबरदस्त झड़प हो गई। झड़प कुछ ही देर में हिंसा में तब्दील हो गई। वहीं, वकीलों से झड़प के दौरान पुलिस द्वारा फायरिंग की भी सूचना आ रही है। इतना ही नहीं, कुछ गाड़ियों में आग भी लगा दी गई है। इसी बीच बवाल को बढ़ता देखकर उत्तरी जिले के कई थानों से पुलिस बलों को मौके पर पहुंचने के लिए कहा गया है।फायरिंग में जिस शख्स गोली लगी है उस वकील का नाम विजय वर्मा बताया जा रहा है। उसे तत्काल नजदीक केसेंट स्टीफेंस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। वकीलों का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने एक वकील को रोका और कहा कि लॉकअप के सामने गाड़ी क्यों लगाई। इसके बाद वकील को पीटा गया। जब बवाल हुआ तो गोली मार दी। एक राउंड गोली चलाई है। वकील अस्पताल में भर्ती है।


7 मुद्दों पर लगी यूपी कैबिनेट की मुहर

लखनऊ! कैबिनेट बैठक खत्म 7 प्रमुख मुद्दों पर कैबिनेट लगाई मुहर


1 - टूरिज्म पुलिस के लिए पर्यटन थाना का निर्माण किया जाएगा जिसके लिए जमीन मुफ्त दी जाएगी


2 - वर्ष 2019-20 के लिए शीरा नीति का निर्धारण कर दिया गया है इसका प्रस्ताव मंत्रिपरिषद ने पास किया! हर साल हम देसी मदिरा के लिए शीरा उपलब्ध कराते हैं! जिससे सस्ती मदिरा उपलब्ध होती थी! इसके लिए हम शेरा उत्पादन करते हैं और आकलन करते हैं! पांच सौ कुंटल शीरा उत्पादन अनुमानित है इसमें ढील दी गई बिक्री के लिए!


3 -उत्तर प्रदेश नगरीय नवीकरण ऊर्जा विकास अधिकरण यूपी नेडा द्वारा सौर ऊर्जा नीति 2017 के अंतर्गत 500 मेगावाट क्षमता हेतु आमंत्रित प्रतिस्पर्धात्मक नियम टैरिफ के अनुसार परियोजना विकास कर्ताओं के चयन के संबंध में प्रस्ताव पास


4 - प्रदेश में 28 विकास खण्डों के सृजन में प्रथक -प्रथक सूचना 20 दिसंबर 2016 को मुख्यमंत्री के आदेश से सर्वे और अध्ययन के आदेश, इस 'अध्ययन और सर्वेक्षण समिति' समीक्षा करेगी कि यह ब्लॉक बने रहें या समाप्त किये जायें या बनाये रखे जाएं।


सोनभद्र के दो ब्लॉक कोन और कर्मा बने रहेंगे, ये जांच से अलग होंगे


5- अयोधया में प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था के मद्देनजर 'बड़े पैमाने पर पर्यटन सुविधाएं, भव्य श्रीराम मूर्ति, फ़ूड प्लाजा आदि के लिए 61.3807 हेक्टेयर भूमि खरीद हेतु 446.46 करोड़ का प्रस्ताव पास


प्रभु श्रीराम की मूर्ति के लिए सीएसआर फण्ड और दान आदि भी प्राप्त किया जाएगा


6-  बुंदेलखंड व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के विकासकर्ता के चयन को मिल सकती है मंजूरी


7- वाराणसी में दो नए थानों की स्थापना के प्रस्ताव को मिल सकती है मंजूरी। इनमे एक पर्यटक पुलिस थाना होगा सारनाथ और दूसरा थाना होगा लालपुर।


दो पक्षों की मारपीट में युवक की मौत

बरहा में युवक की हत्या से मचा हड़कंप, पुलिस मौजूद


प्रयागराज! मांडा थाना क्षेत्र के बरहाकला गांव में शुक्रवार की शाम तकरीबन 4:30 बजे के आसपास पेड़ काटने के विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो गई। जिसमें राधेश्याम बिंद उम्र 55 वर्ष पुत्र महादेव की मारपीट के दौरान धारदार हथियार से हत्या कर दी गई, और वहीं अशोक कुमार,उमेश कुमार, विनोद कुमार, इंदु देवी,गुड़िया, अंजली, सिद्धार्थ समेत अन्य एक ही परिवार के कई लोग बुरी तरह घायल हो गए। सूचना पर दिव्या चौकी के उपनिरीक्षक शिवांशु पांडे दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे, जहां शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घायलों को अस्पताल इलाज के लिए भेज दिया।
 बता दें कि विपक्ष से शिवचंद, दीपचंद को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर लिया है,जबकि विवाद में शामिल राधेश्याम बिन्द, पप्पू, दीपक,शुभम,सोनी व विपक्ष के दो दामाद शामिल थे,जो मौके से फरार है। उक्त घटना से क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। 
सूत्रों की माने तो दोनो पक्षो में जमीनी विवाद का मामला बताया जा रहा है। शुक्रवार कज शाम करीब साढ़े चार बजे के आसपास मृतक विपक्ष राधेश्याम बिन्द परिवार के साथ मृतक जमीन के समीप लगे पौधों की कटाई कर रहा था,इसी दरम्यान दोनो पक्षो में विवाद शुरू हो गया,और मारपीट हो गयी,जहा श्यामलाल की कटवासे-बल्लम से हत्या कर दी गयी,जबकि मृतक परिवार से आधा दर्जन लोग बुरी तरह घायल हो गए,जिन्हें पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया है।


सीएम ने अनुसंधानकर्ता-प्राध्यापकों को किया सम्मानित

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थायाओं, अनुसंधानकर्ताओं, नवाचार करने वालों और प्राध्यापकों को ऑरोपाथ ग्लोबल अवार्ड 2019 से सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- आज सबसे बड़ी जरूरत उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की और उच्च शिक्षा को वास्तविक जरूरतों से जोड़ने की है! शिक्षा के माध्यम से युवाओं के दृष्टिकोण को व्यापक करने की भी आवश्यकता है!


आगरा सड़क हादसे में 3 लोगों की मौत

आगरा! लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर शनिवार को भीषण हादसे में तीन लोगों की जान चली गई! जबकि एक मौके पर घायल हो गया। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर को आगरा में फतेहाबाद के पास ये हादसा उस वक्त हुआ, जब एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार कार ने ट्रक में पीछे से टक्कर मार दी। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कार में बैठे हुए तीन लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई जबकि एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा दिया है। जबकि शवों को अपनी गाड़ी से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


मिली जानकारी के अनुसार कार ने ट्रक को पीछे से इतनी जोर की टक्कर मारी कि गाड़ी का अगला हिस्सा ध्वस्त हो गया और ट्रक के पिछले भाग में जाकर चिपक गया जिसको क्रेन की मदद से खीचकर अलग किया गया। दुर्घटना के बाद हाइवे पर भीषण जाम लग गया मौके पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। कुछ देर के लिए हाइवे जाम हो गया। जिसके बाद पुलिस ने लोगों को हटाकर एक बार फिर से हाइवे को चालू करवाया।


एशिया के सबसे ज्यादा निर्णय देने वाले जज

प्रयागराज! इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस सुधीर अग्रवाल के नाम नया रिकॉर्ड बन गया है! जस्टिस सुधीर अग्रवाल सबसे ज्यादा मुकदमों में फैसला देने वाले एशिया के पहले न्यायधीश बन गए हैं! जस्टिस अग्रवाल 31 अक्टूबर तक एक लाख तीस हजार 418 मुकदमे तय करने वाले बने पहले कीर्तिमान न्यायाधीश बन गए हैं! अयोध्या विवाद का फैसला देने वाली पीठ में भी शामिल रहे! 5 अक्टूबर 2005 को एडिशनल जज के रूप में शपथ ली थी! जिसके बाद 10 अगस्त 2007 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्थाई जज की पद की शपथ ली!


अयोध्या बाबरी मस्जिद विवाद, शंकराचार्य बद्रिकाश्रम पीठ विवाद, सरकारी स्कूलों में वीआईपी के बच्चों के पढ़ने का मामला जैसे कई प्रमुख मामलों में महत्वपूर्ण फैसले भी दीये है!


बृजेश केसरवानी


रेलवे की लापरवाही का खामियाजा उठाते यात्री

 योगी के शहर में रेलवे की लापरवाही से यात्री हुए परेसान              


गोरखपुर! रेलवे की लापरवाही से शुक्रवार ट्रेन नम्बर 04923 गोरखपुर से चंडीगढ़ जाती है! जिसका गोरखपुर से छूटने का टाइम 22 बजकर 10 मिनट था, जो प्लेटफॉर्म नम्बर 4 पर खड़ी थी! यात्री गण अपने कोच के बर्थ पर बैठने के लिए बेताब थे! जिन यात्रियों के टिकट फर्स्ट ऐसी ए1 में था! सभी यात्री परेसान दिख रहे थे क्योंकी फर्स्ट ऐसी का कोई कोच ही नही लगा था, न ही रेलवे के तरफ से यात्रियों को कोई सुचना दिया गया! न तो प्लेटफॉर्म पर किसी तरह का अलौस्मेंट ही किया गया! बहुत खोज बीन करने पर टी टी देव् प्रभाकर जी मिले यात्री गण  जब उनसे इसका कारण पूछा तो टीटी महोदय का जबाब सुनकर सभी यात्री चिंतित हो गए टीटी महोदय का जबाब था! जिनको यात्रा करना है! थर्ड ac में यात्रा कर सकते है! यात्रियों ने जब पूछा की हमने तो किराया फर्स्ट ac का दिया है आप मुझे थर्ड ac में ले जा रहे हो तो मेरा बाक़ी का रिफंड कैसे होगा इस टीटी देव् प्रभाकर ने बताया कि यह जिम्मेदारी अधिकारियो की है! आप उनसे बात करे तो मैं सभी रेल के या प्रसासनिक अधिकारियो से यह पूछना चाहता हूँ कि जब कोई यात्री गलती से जनरल का टिकट लेकर किसी स्लीपर या ac में बैठ जाता है! तो टीटी महोदय मन मानी जुरमाना वसूल करते है! तब उनको यात्री से जुर्माना वसूलने का अधिकार रहता है! तो जिस यात्री को फर्स्ट ac के जगह पर थर्ड ac में यात्रा करवा रहे है तो उनका रिफंड करने का अधिकार उनको क्यों नही है! रेलवे की लापरवाही से यात्री परेसान भी हो, फिर अपने रिफंड के लिए उनके ऑफिस का चक्कर भी लगावे तो इसका जिम्मेदार कौन है जो परेसानी यात्री को हुई है! उसके लिए कौन होगा जिम्मेदार कौन करेगा यात्री का रिफंड रेलवे  के सीनियर डीसीऍम से बात करने पर उनका जबाब भी सन्तोष जनक नही रहा!


पूर्व सीएम हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता

राणा ओबराय
पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता नियुक्त, कल मीटिंग में हो गया था लगभग फाइनल

चण्डीगढ़! हरियाणा में कांग्रेस की तरफ से विधायक दल के नेता के नाम पर मुहर लग गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना है। कल चंडीगढ में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी जिसमें विधायक दल के नेता चुने जाने को लेकर बातचीत हुई थी लेकिन इस बैठक में विदायक दल का नेता तय नहीं हो पाया था जिसके बाद गेंद सोनिया गांधी के पाले में चली गई थी। अब सोनिया गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम पर मुहर लगा दी थी।


पूर्व मंत्री हार की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते

राणा ओबराय
वोटबैंक बढ़ने के बावजूद खट्टर के मंत्री अपने अहंकार औऱ कार्यकर्ताओं को मीठी गोली देने के कारण हारे! भ्रष्टाचार भी था एक मुद्दा? बहाने बनाने वाले पूर्व मंत्री हार की जिम्मेदारी से बच नही सकते!
चंडीगढ़! मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछली कैबिनेट में रहे सभी मंत्रियों की शुक्रवार को बैठक बुलाई। बैठक में इस बात पर मंथन हुआ कि प्रदेश में बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ने के बाद भी लगभग सभी मंत्री क्यों हार गए ? मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में हार के उन कारणों पर विचार किया गया और फिर से वे गलतियां नहीं हों उस पर चर्चा की गई। विधानसभा चुनाव में राज्य के 8 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। हार की समीक्षा के साथ आगे की रणनीति तय की जा रही है। पिछली सरकार के अधूरे कामों को पूरा करेगी नई कैबिनेट, बीजेपी के हारे हुए मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि पिछली सरकार की कैबिनेट में कुछ ऐसे विचार थे जो पेंडिंग थे उन्हें नई गठित होने वाली सरकार में कैसे लागू किया जाएगा, इस बारे में भी बातचीत की गई। प्रदेश में आठ फीसदी वोट कम पोलिंग होने के बावजूद पार्टी का 3 प्रतिशत वोट बढ़ा है। वहीं खट्टर की पिछली सरकार में राज्य मंत्री रहे कर्णदेव कंबोज ने कहा कि चुनाव हारे सभी लोगों ने अपने-अपने ढंग से चुनाव हारने के कारण बताए है। अब हमने सारी बातें संगठन के ध्यान में ला दी हैं। उल्लेखनीय है कि कम्बोज रादौर विधानसभा सीट चुनाव लड़े थे। एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिनमें बीजेपी के पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा बीजेपी के कार्यकर्ताओं को कंबोज को वोट न देने के लिए दबाव बनाते सुनाई दिए थे।
इस मामले कंबोज ने श्याम सिंह राणा को अपनी हार का कारण बताया था और कहा था कि श्याम सिंह राणा की गद्दारी की वजह से वह चुनाव हारे हैं। बताया जा रहा है इसी तरह बड़े स्तर पर पार्टी में भितरघात हुआ, जिसकी पूर्व मंत्रियों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को जानकारी दी। जानिए… किस पूर्व मंत्री ने किस तरह बयां किया दिल का दर्द, हरियाणा में सबसे बड़ी हार का सामना करने वाले प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला चुपचाप हार के कारणों को सुनते रहे। पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि जाट आंदोलन के बाद हम जाटों का विश्वास नहीं जीत सके।
पूर्व राज्य मंत्री कर्णदेव कांबोज ने कहा कि हम पिछड़ों का भी विश्वास नहीं जीत सके। इसके अलावा बिना मुझसे पूछे मेरा हलका इंद्री से रादौर बदल दिया गया। पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि प्रशासन ने साथ नहीं दिया। कांग्रेस प्रत्याशी ने पैसों का जमकर दुरुपयोग किया। वोट खरीदे गए। एक मंत्री ने कहा कि बिजली निगमों ने चुनाव के दौरान ही पिछली यूनिट भी जोड़कर मोटी राशि के बिल लोगों के घरों में भेज दिए। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा सही ढंग से विपक्षी दलों पर अटैक नहीं कर सकी। पूर्व राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि नई दिल्ली में संत रविदास मंदिर तोड़े जाने की घटना का नुकसान हमें चुनावों में हुआ। पूर्व मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि जाटों के गुस्से की वजह से हमें हार का मुंह देखना पड़ा। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि अब आरोप-प्रत्यारोप लगाने और पुरानी बातों को याद करने का कोई मतलब नहीं है। पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा कि हम कांग्रेस से नहीं हारे बल्कि भाजपाइयों की वजह से ही हार हुई है।


महिला जाट मंच ने 'हरियाणा-दिवस' पर की मांग

हर्षित सैनी
रोहतक। महिला जाट मंच द्वारा आज स्थानीय जाट भवन में हरियाणा दिवस सम्मेलन का आयोजन कर हरियाणा को उसके हक अलग हाईकोर्ट तथा अलग राजधानी की मांग को बुलन्द किया गया।
महिला जाट मंच की कोर्डिनेटर संतोष गोछी ने कहा कि जब तक हमारे हरियाणा के सभी अधिकार नहीं मिल जाते तब तक महिला जाट मंच संघर्षरत रहेगा। इस अवसर पर पूरे प्रदेश से आई जाट महिलाओं ने एकजुट होकर अपनी हरियाणवी सभ्यता व संस्कृति को सहेजने की हुंकार भी भरी।


डॉ. संतोष गोछी ने कहा कि हरियाणा से डस्ट बाऊल से ग्रीन बाऊल तक का सफर बड़ी मेहनत से किया है। भारत के विभाजन के बाद भारत में आने वाले पंजाब को पूर्वी पंजाब कहा जाता था। इसमें दो ही डिवीजन जालंधर तथा अंबाला थे। सबसे पहले दोनों डिवीजनों में मंत्रिमंडल में समान प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर प्रो. शेर सिंह, चौ. सूरजमल, चौ. देवीलाल के भाई साहब राम, समर सिंह, जगदीश चन्द्र और रत्न सिंह आचार्य कृपलानी से मिले परन्तु वहां इनकी बात नहीं बनी। सन 1949 में सच्चर सरकार बनी और उसमें पंजाबी भाषा क्षेत्र, हिन्दी भाषा क्षेत्र व द्वि भाग क्षेत्र का फार्मूला बनाया गया, पर इसका भी भारी विरोध हुआ। सन 1955 में एक उप समिति का गठन हुआ जिसमें धर्मवीर वशिष्ठ, मूलचन्द जैन, चौ. देवी लाल और प्रो. शेर सिंह सदस्य बने। उन्होंने विशाल हरियाणा अथवा महा दिल्ली की मांग की। डॉ. संतोष गोछी ने कहा कि 1957 में हिन्दी रक्षा समिति का हिन्दी रक्षा को लेकर तीव्र आन्दोलन हुआ। जिसमें 9000 के करीब आन्दोलनकारी गिरफ्तार हुए तथा कई सत्याग्रही शहीद हुए। आचार्य भगवान देव का आह्वान था कि हरियाणा के वीर की गर्दन टूट सकती है लेकिन झुक नहीं सकती।


उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर, 1965 को एक ऐतिहासिक महान हरियाणा सम्मेलन रोहतक में आचार्य भगवान देव की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें चौ. देवीलाल, टेक सिंह, हरद्वारी लाल, जगदेव सिद्धांती, मूलचन्द जैन, रामशरण मित्तल और प्रो. शेर सिंह शामिल हुए। जब आचार्य का सब्र टूटा तो उन्होंने रोहतक के दयानन्द मठ के हवन कुंड में आत्मदाह की घोषणा तक कर दी। अत: 18 मार्च, 1966 में संसदीय समिति ने अपनी रिर्पोट पेश की। जिसमें पंजाब को तीन हिस्सों में बांटने की सलाह दी गई, पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश। महिला जाट मंच की कोर्डिनेटर ने कहा कि इसके बाद सीमाओं के बंटवारे को लेकर एक कमेटी बनी। जिसमें 4314 ज्ञापन लोगों ने दिए। इस कमीशन ने अपनी रिर्पोट में हरियाणा, पंजाब व हिमाचल क्षेत्र का बंटवारा कर दिया और पंजाब के हिन्दी भाषा क्षेत्र चंडीगढ़ व खरड़ को हरियाणा को दिए जाने की सिफारिश की गई।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने इस आयोग की सिफारिशों को निर्विरोध मान लिया परन्तु चंडीगढ़ व खरड़ की निर्विरोध की बात को नजरअंदाज कर दिया। 18 सितम्बर, 1966 को शाह कमीशन की रिर्पोट भारतीय संसद के दोनों सदनों में पारित हुई और 1 नवम्बर, 1966 को हरियाणा भारत का सबसे छोटे आकार का 17वां राज्य बना। जिसके बाद से हरियाणा लगातार अपनी राजधानी और हाईकोर्ट के लिए आंदोलनरत है। अत: हमें अलग राजधानी व अलग हाईकोर्ट मिलना ही चाहिए। महिला जाट मंच की कार्यकर्त्ताओं ने सम्मेलन में हरियाणवी संस्कृति से जुड़ी अनेक चीजें व बातें प्रस्तुत की गई तथा हरियाणवी संस्कृति को सहेजने व बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया। महिलाओं ने हरियाणवी गानों पर नृत्य व संगीत का लुत्फ भी उठाया। वहीं अपनी एकजुटता के जरिए समाज में व्यापक स्तर पर बदलाव लाने की मुहिम छेडऩे का भी ऐलान किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से महिला जाट मंच की अध्यक्षा रमा राठी, शर्मिला रोज, देविका सिवाच, सन्तोष जून, सुनीता कटारिया, सवी मान, रोहतक अध्यक्षा मंजू सांगवान, कविता, मनु ढुल, स्वीटी मलिक, पूनम हुड्डा, गुडग़ांव से नीलम गुलिया, जींद से सुचिता ढुल, सुनीता मलिक, आशा आदि सहित सैंकड़ों महिलाएं मौजूद रही।


धान का भाव कम,किसानों में भारी रोष

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़! इंद्री की अनाज मंडी में बारीक धान के भाव कम होने से किसानों में भारी रोष है! पिछले वर्ष की तुलना में  इस बार  बारीक धान के कम रेट मिलने से किसानों को 15 से 20000 हज़ार प्रति एकड़ का नुकसान हो रहा है! इस बार किसान को न केवल रेट कम मिलने की मार झेलनी पड़ रही है बल्कि किसान की उपज भी कम निकल रही है! किसानों ने कम भाव मिलने के पीछे कारण सरकार की गलत नीतियों को दोषी माना है! किसानों ने सरकार पर इस मामले में कोई भी ठोस कदम ना उठाने के आरोप लगाए l


अनाज मंडी में बारीक धान लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष बारिक धान की जिन किसानों के रेट 3000 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे थे! उसी किस्म की धान के इस वर्ष रेट 2200  से लेकर 2600 प्रति क्विंटल मिल रहे रहे हैं! किसानों ने बारीक धान की कम कीमत मिलने से किसानों में भारी नाराजगी है किसानों का कहना है कि वह अपनी बारीक जिगरी मंडी में लेकर पहुंचते हैं! तो उनकी जीरी के खरीददार नहीं मिलते जो खरीदार आते भी हैं वह मनमाने दाम पर उनकी फसल को खरीदने के बात करते हैं! इतना ही नहीं हर रोज किसानों की बारीक धान का रेट गिर रहा है! जिस कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है! किसान मंडी में हो रही इस लुटाई से परेशान है और सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है l


किसानों का आरोप है कि किसानों की बारीक दान को व्यापारी जानबूझकर कम रेट पर खरीद रहे हैं! क्योंकि सरकार किसानों की इस पीड़ा को सुनने को भी तैयार नहीं है! उधर अनाज मंडी में आढ़तियों का कहना है कि इस बार मुच्छल धान की कीमत  2300 रुपए चल रही है! जबकि पिछले वर्ष 3300 रूपये प्रति क्विंटल थी! 1121 किशन की बारीक जीरी के उत्तम दाम 2700 रूपय प्रति क्विंटल चल रहे हैं! जबकि पिछले वर्ष इसी किस्म के धान की कीमत 3600रूपये  प्रति क्विंटल थी! बासमती की धाम की कीमत इस वर्ष 3400 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि पिछले वर्ष इसी किस्म की धान की कीमत 4200 रूपये से ऊपर चल रही थी! इसी तरह दूसरी बार एक किस्म की धान की कीमत मैं भी यही अंतर चल रहा है l


उनका कहना है कि अनाज मंडी में बारीक जीरी कीकीमतें पिछले वर्ष की अपेक्षा कम मिलने से किसानों व आढ़तियों को आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है! आढ़तियों का यह भी कहना है कि बारीक धान का खरीदार कब मिल रहे हैं! जिस कारण इस धान के रेट कम मिल रहे हैं! दूसरी तरफ खरीदारों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमत कम होने के कारण बारीक धान के भाव में कमी आई है! जबकि आढती और किसान सरकार की गलत नीतियों को बारीक धान की कम कीमतों का जिम्मेदार मान रहे हैं!


जीजा को पेड़ से बांधकर, 6 ने किया गैंगरेप

लखनऊ। योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के चाहे लाख दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत में ये दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं। मामला यूपी के चित्रकूट जिले के मऊ थाना क्षेत्र का है। यहां एक महिला के साथ चार दिन पहले हुए कथित सामूहिक रेप का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद पुलिस ने 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पीड़िता की तहरीर के आधार पर विक्की गर्ग, कुलदीप, डीजे और कारतूस के अलावा दो अज्ञात नकाबपोश युवकों के खिलाफ सामूहिक रेप, लूटपाट और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश की जा रही है।


पुलिस ने बताया कि 14 सेकेंड का यह वीडियो 28 अक्टूबर का है। उन्होंने बताया कि 24 साल की एक महिला अपने जीजा के साथ रिश्तेदारी में जा रही थी, तभी रास्ते में छह युवकों ने हथियार दिखाकर उन्हें रोका। लूटपाट का विरोध करने पर जीजा को पेड़ से बांध कर महिला के साथ सामूहिक रेप किया गया।


थानाध्यक्ष ने बताया कि पीड़िता को चिकित्सीय जांच के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया है। पीड़ित महिला का दावा है कि उसने घटना के ही दिन मऊ थाना पहुंच कर मौखिक तौर पर पूरी जानकारी पुलिस को दी लेकिन उसे डांट कर भगा दिया गया। महिला का कहना है कि वीडियो वायरल होने के बाद वह खुद पुलिस अधीक्षक से मिली, तब मुकदमा दर्ज किया गया।


कारोबारियों को जीएसटी ने दी बड़ी राहत

नई दिल्ली! जीएसटी विभाग की ओर से कारोबारियों को एक बड़ी राहत दी गई है। बताया जा रहा है कि अब डेढ़ करोड़ से कम टर्न ओवर वाले कारोबारियों जीएसटी रिटर्न भरना आवश्यक नहीं है। हालांकि 30 नवंबर तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करना जरूरी है। इसमें वार्षिक रिटर्न 1.5 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए है और जीएसटी ऑडिट दो करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए है। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इसके साथ ही कारोबारियों को एक बड़ी राहत यह भी दी गई है कि 40 लाख टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी में पंजीयन कराने की भी आवश्यकता नहीं है। अब जीएसटी सॉफ्टवेयर भी थोड़ा अपग्रेड किया गया है, इससे जीएसटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया थोड़ी आसान हो गई है।


तालछुआ में विचित्र प्रजाति की मछली मिली

भुवनेश्वर। केंद्रापड़ा जिला तालचुआ (Kendrapara District Talchua)  क्षेत्र में एक विचित्र प्रजाति की मछली मिली है। यह एक लम्बी मछली है व उसका मुंह एक पंछी की लंबी चोंच की तरह है। इस मछली का आनुमानिक मूल्य दो लाख रुपए बताया जा रहा है। स्थानीय मछुआरे इस मछली को मयूर मछली (Peacock Fish)  होने का दावा कर रहे हैं। शुक्रवार की सुबह जब स्थानीय मछुआरे समुद्र (Fisherman sea) से मछली पकड़ रहे थे तब यह विचित्र प्रजाति की मछली उनके जाल में फंस गई थी। मछुआरों ने जब इस मछली को किनारे पर लाया तो इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई।


बालेश्वर जिले Baleshwar District के दीघा क्षेत्र के एक व्यापारी इस मछली को खरीदने के लिए बोली लगा चुका है। इस मछली को वह 10 हजार रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदने को तैयार है। बताया कि उक्त मछली का वजन 20 किलो है। इस हिसाब से मछली कीमत करीब 2 लाख रुपए होती है। शुक्रवार को इस मछली को भद्रक जिले के धामरा ले जाया गया है। वहां से उसे दीघा लेकर एक व्यापारी को बेचा जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी एक मछली बालेश्वर इलाके में पकड़ी गई थी जो लाखों रुपये में बेची गई थी। बीते दिनों ओडिशा के चंदबाली में धामरा समुद्र तट पर एक विचित्र प्रजाति  की मछली एक मछुआरे के जाल में फंस गई थी। इस मछली के मिलते ही इसे पकडऩे वाले मछुआरे की मानों किस्मत ही खुल गई, इस मछली को एक दवा कंपनी ने 7 लाख 49 रुपए में खरीदा था। इस मछली का नाम ड्रोन सागर Drone sea था, मछली का कुल वजन 107 किलोग्राम था। इस मछली के प्रयोग से पूर्वी एशिया में कई दवाईयां तैयार की जाती है।


दक्षिणी इजरायल पर 10 रॉकेट दागे

गाजा। गाजा पट्टी से शुक्रवार रात दक्षिणी इजराइल पर 10 रॉकेट दागे गए। यह जानकारी इजाराइली और फिलिस्तानी सूत्रों ने दी। इजराइली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दक्षिणी इजराइल में गाजा की तरफ से रॉकेट दागे जाने के बाद सायरन बजने लगे। किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।


उल्लेखनीय है कि पिछले 24 घंटों में दूसरी बार गाजा पट्टी से दक्षिणी इजराइल की ओर रॉकेट दागे गए। इजराइल के आयरन डोम एंटी रॉकेट सिस्टम के माध्यम से गाजा में दागे गए रॉकेटों को रोकने के बाद दक्षिणी इजराइल में कई विस्फोट हुए।


आज का दिन शुभ आय में बढ़ोतरी होगी:धनु

राशिफल


मेष-राशि वालों के लिए आज का दिन आर्थिक रूप से शुभ है! आमदनी में बढ़ोतरी होगी! व्यापार में तरक्की मिलेगी! पारिवारिक संबंध प्रगाढ़ होंगे! जीवनसाथी के साथ समय बिताएंगे!


वृष-राशि के लोगों के लिए आज का दिन मिले जुले परिणामों वाला रहेगा! कार्यक्षेत्र पर ज्यादा मेहनत करनी होगी! करियर के लिए नए रास्ते खुलेंगे! स्वास्थ्य में सुधार आएगा! पारिवारिक जीवन सकुशल रहेगा!


मिथुन-राशि वालों के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा! कार्यक्षेत्र पर विरोधियों को मात देंगे! व्यापार में भरपूर लाभ होगा! दोस्तों के साथ घूमने निकल सकते हैं! घर-परिवार की स्थिति अनुकूल रहेगी!


कर्क-राशि वालों के लिए आज का दिन सकारात्मक परिणामों वाला रहेगा! अपने काम में व्यस्त रहेंगे! प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी! भाग्य का साथ मिलेगा! सहकर्मियों को सहयोग मिलेगा! सेहत में गिरावट आएगी!


सिंह-राशि के लोगों के लिए आज का दिन चुनौती भरा रहेगा? कार्यक्षेत्र पर आपके काम की तारीफ होगी! सहयोगियों से झगड़ा होने की आशंका है! व्यापार में हल्की मंदी का असर रहेगा! किसी क्लैश में न उलझें!


कन्या-राशि वालों के लिए आज का दिन कुछ खास नहीं रहेगा. खर्च में बढ़ोतरी से परेशान रहेंगे! कार्यक्षेत्र पर असफलता का सामना करना पड़ेगा! मानसिक तनाव से गुजरेंगे! जीवनसाथी का पूरा सहोयग मिलेगा! स्वास्थ्य में गिरावट आएगी!


तुला-राशि वालों के लिए आज का दिन अच्छा बितेगा! करियर में तरक्की के रास्ते खुलेंगे! अपने काम से दूसरों को प्रभावित करेंगे! व्यापार के विस्तार की योजना बढ़ेगी! आमदनी में वृद्धि होगी! यात्रा फलदायी होगी! पारिवारिक जीवन खुशहाल रहेगा!


वृश्चिक-राशि वालों के लिए आज का दिन कठिनाईयों से भरा रहेगा! असफलता से तनाव की स्थिति पैदा होगी! नौकरीपेशा वाले लोगों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा! स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहेंगे! स्वभाव चिड़चिड़ा होने से संबंध भी बिगड़ेंगे!


धनु-राशि वालों के लिए आज का दिन शुभ है! आय में बढ़ोतरी होगी! भौतिक सुख-सुविधाओं पर बड़ा खर्च कर सकते हैं! अध्यात्म में रुचि बढ़ेगी! पूरे दिन आत्मविश्वास से भरे रहेंगे!


मकर-राशि के लोगों के लिए आज का दिन बुरे परिणामों वाला रहेगा! कार्य में असफलता मिलेगी! किसी करीबी से धोखा मिल सकता है! व्यापार में नया निवेश न करें, भविष्य में हानिकारक परिणाम मिलेंगे! पारिवारिक जीवन में खटास आएगा!


कुंभ-राशि के लोगों के लिए आज का दिन शुभ रहेगा! करियर में सफलता के द्वार खुलेंगे! व्यापार में अतिरिक्त लाभ अर्जित होगा! प्रभावशाली लोगों से संबंध बनेंगे! सामाजिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी! पारिवारिक क्लैश खत्म होगा!


मीन-राशि वाले आज काफी भाग्यशाली रहेंगे! कारोबार में लाभकारी सौदे होंगे! नौकरीपेशा वाले लोगों को कार्य की प्रशंसा मिलेगी! अचानक से बड़ा लाभ हो सकता है! पारिवारिक जीवन खुशहाल रहेगा!


खगोलीय धूल अथवा शिशु ग्रह

शिशुग्रह (planetesimal) उन ठोस वस्तुओं को कहते हैं जो किसी तारे के इर्द-गिर्द के आदिग्रह चक्र या मलबा चक्र में बन रही होती हैं।


उत्पत्ति और ग्रह-निर्माण में भूमिका 
हालांकि खगोलशास्त्रियों ने आजतक किसी शिशुग्रह को वास्तव में देखा नहीं है लेकिन ग्रह-निर्माण की प्रक्रिया के बारे में यह विचार है कि आरम्भ में किसी तारे के इर्द-गिर्द परिक्रमा करता हुआ खगोलीय धूल का चक्र होता है। फिर इस चक्र के कण एक-दूसरे से टकारते है और गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के कारण कभी-कभी एक-दूसरे से चिपक जाते हैं। धीरे-धीरे वस्तुएँ बनने लगती हैं (और प्रहारों से टूटती भी रहती हैं)। कुछ वस्तुएँ जब बड़ा आकार कर लेती हैं तो उनका गुरुत्वाकर्षण भी बढ़ जाता है और वे और तेज़ी से कणों को अपनी ओर खींच कर आकार बढ़ाने लगती हैं। इस स्तर पर उन्हें शिशुग्रह कहा जाता है क्योंकि इसके बाद इनमें जल्द ही अन्य वस्तुओं और मलबे को खींचकर ग्रह का आकार बना लेने की गुरुत्वाकर्षक क्षमता आ जाती है।


बढ़ते-बढ़ते कुछ समय में इनका आकार हमारे चंद्रमा जितना हो जाता है और भयंकर गुरुत्वाकर्षण की सिकुड़न से इसका रूप भी गोलाकार होने लगता है। फिर यह अपने तारे की परिक्रमा करते हुए अपने कक्षा (ओरबिट) में स्थित सभी वस्तुओं को अपने में विलीन कर लेती है और अपना मार्ग साफ़ कर लेती है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के नियमों के तहत यह परिक्रमा कक्षा में स्थित वस्तुओं और मलबे को साफ़ कर लेने की प्रक्रिया ही ग्रह का दर्जा पा लेने की परिभाषा है।


ध्यान दें कि यह आवश्यक नहीं है कि सभी शिशुग्रह बढ़कर ग्रह बन सकें। अक्सर इनमें आपकी टक्कर होने से यह टूटकर छोटे भी हो जाते हैं। हमारे सौर मंडल के क्षुद्रग्रह ४ वेस्टा के साथ कुछ ऐसा ही हुआ लगता है। वेस्टा के दक्षिणी गोलार्ध (हॅमीस्फ़ेयर) में रियासिल्विया (Rheasilvia) नामक एक ५०५ किमी का गहरा प्रहार क्रेटर है और माना जाता है के क़रीब एक अरब साल पूर्व एक बड़ी वस्तु का वेस्टा के साथ भयंकर टकराव हुआ जो वेस्टा का एक बड़ा अंश उखाड़ गया और उसे ग्रह का आकार ग्रहण करने से रोक गया।


वायु प्रदूषण से मौत का संबंध

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल २-४ लाख लोगों की मौत का कारण सीधे सीधे वायु प्रदूषण है जबकि इनमे से १-५ लाख लोग आतंरिक वायु प्रदूषण से मारे जाते हैं (indoor air pollution)! बर्मिंघम विश्वविद्यालय (University of Birmingham) का एक अध्ययन दिखाता है कि निमोनिया (pneumonia) से होने वाली मौतें और मोटर गाड़ी से होने वाले वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में पक्का सम्बन्ध है। दुनिया भर में हर साल मोटर गाड़ी (automobile) से होने वाली मौतों की तुलना में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें अधिक है. २००५ में प्रकाशित यह बताता है कि हर साल ३१०,००० यूरोपियन वायु प्रदूषण से मर जाते हैं। वायु प्रदुषण के प्रत्यक्ष कारण से जुड़ी मौतों में शामिल है अस्थमा (asthma), ब्रोन्काइटिस (bronchitis), वातस्फीति (emphysema), फेफड़ों और हृदय रोग और सांस की एलर्जी.US EPA (US EPA) का आकलन है कि डीजल इंजन की तकनीक में (एक प्रस्तावित परिवर्तन) अमेरिका में हर साल १२,००० असमय मौतों, १५,००० असमय हदय आघात, अस्थमा से पीड़ित ६,००० (heart attack) बच्चों की असमय पीडा (emergency room), ८९०० श्वास रोग से पीड़ित लोगों को (asthma) दवाखाने में भरती होने से रोक सकता है।


भारत में सबसे भयंकर नागरिक प्रदूषण आपदा १९८४ में भोपाल आपदा थी (Bhopal Disaster)! संयुक्त राज्य अमरीका की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री कारखाने से रिसने वाली औद्योगिक वाष्प से २००० से अधिक लोग मारे गए और १५०,००० से ६००,००० दूसरे लोग घायल हो गए जिनमे से ६,००० लोग बाद में मारे गए। इंग्लैंड को अपना सबसे बुरा नुकसान जब हुआ तब ४ दिसम्बर १९५२ (Great Smog of 1952) को लन्दन में भारी धूम कोहरा की घटना हुई. छह दिन में ४००० से अधिक लोग मारे गए और बाद के महीनों के भीतर ८००० और लोगों की मृत्यु हो गई। १९७९ में पूर्व सोवियत संघ में स्वर्डर्लोव्स्क (anthrax) के पास एक (biological warfare) जैविक युद्ध कारखाने से अन्थ्राक्स (USSR) के रिसाव से यह (Sverdlovsk) माना जाता है को सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो गयी! अमेरिका में वायु प्रदूषण की सबसे भीषण घटना डोनोरा, पेनसिल्वेनिया (Donora, Pennsylvania) में १९४८ के अक्टूबर के अन्तिम दिनों में हुई जिसमे २० लोग मरे गए और ७,००० लोग घायल हो गए!


वायु प्रदूषण से होने वाले स्वस्थ्य प्रभाव जैविक रसायन और शारीरिक परिवर्तन से लेकर श्वास में परेशानी, घरघराहट, खांसी और विद्यमान श्वास तथा हृदय की परेशानी हो सकती है। इन प्रभावों का परिणाम दवाओं के उपयोग में वृद्धि होती है, चिकित्सक के पास या आपातकालीन कक्ष में ज्यादा जाना, ज्यादा अस्पताल में भरती होना और असामयिक मृत्यु के रूप में आता है। वायु की ख़राब गुणवत्ता के प्रभाव दूरगामी है परन्तु यह सैद्धांतिक रूप से शरीर की श्वास प्रणाली और ह्रदय व्यवस्था को प्रभावित करता है। वायु प्रदूषण की व्यक्तिगत प्रतिक्रिया उस प्रदूषक पर, उसकी मात्रा पर, व्यक्ति के स्वास्थय की स्थिति और अनुवांशिकी पर निर्भर करती है जिससे वह व्यक्ति संपर्क में रहता है।बच्चों पर प्रभाव संपादित करें
दुनिया भर के अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले शहरों में ऐसी संभावना है कि उनमें रहने वाले बच्चों में कम जन्म दर के अतिरिक्त अस्थमा (asthma), निमोनिया (pneumonia) और दूसरी श्वास सम्बन्धी परेशानियाँ विकसित हो सकती हैं। युवाओं के स्वास्थ्य के प्रति सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली, भारत (New Delhi, India) जैसे शहरों में बसें अब संपीडित प्राकृतिक गैस का उपयोग प्रारंभ किया गया है।[विश्व स्वास्थ्य संगठन]who] द्वारा किए गए अनुसंधान बताते हैं कि कम आर्थिक संसाधन वाले देशों में जहाँ सूक्ष्म तत्वों की मात्रा बहुत ज्यादा है, बहुत ज्यादा गरीबी है और जनसंख्या की उच्च दर है। इन देशों के उदाहरण में शामिल हैं मिस्र, सूडान, मंगोलिया और इंडोनेशिया.स्वच्छ वायु अधिनियम (Clean Air Act) १९७० में पारित किया गया था, लेकिन २००२ में कम से कम १४६ मिलियन अमेरिकी ऐसे क्षेत्रों में रहते थे जो १९९७ के राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों में से एक "प्रदूषक मानदंड" को भी पूरा नहीं करते थे। उन प्रदूषकों में शामिल हैं, ओज़ोन, सूक्ष्म तत्व, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सीसा क्योंकि बच्चे ज्यादातर समय बाहर गुजारते हैं इसलिए वे वायु प्रदूषण के खतरों के प्रति अधिक संवेदनशील है।


एशिया का मूल निवासी ऊंट

ऊँट कैमुलस जीनस के अंतर्गत आने वाला एक खुरधारी जीव है। अरबी ऊँट के एक कूबड़ जबकि बैकट्रियन ऊँट के दो कूबड़ होते हैं। अरबी ऊँट पश्चिमी एशिया के सूखे रेगिस्तान क्षेत्रों के जबकि बैकट्रियन ऊँट मध्य और पूर्व एशिया के मूल निवासी हैं। इसे रेगिस्तान का जहाज भी कहते हैं। यह रेतीले तपते मैदानों में इक्कीस इक्कीस दिन तक बिना पानी पिये चल सकता है। इसका उपयोग सवारी और सामान ढोने के काम आता है। यह 7 दिन बिना पानी पिए रह सकता है! ऊँट शब्द का प्रयोग मोटे तौर पर ऊँट परिवार के छह ऊँट जैसे प्राणियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है, इनमे दो वास्तविक ऊँट और चार दक्षिण अमेरिकी ऊँट जैसे जीव है जो हैं लामा, अलपाका, गुआनाको और विकुना।


एक ऊँट की औसत जीवन प्रत्याशा चालीस से पचास वर्ष होती है। एक पूरी तरह से विकसित खड़े वयस्क ऊंट की ऊँचाई कंधे तक 1.85 मी और कूबड़ तक 2.15 मी होती है। कूबड़ शरीर से लगभग तीस इंच ऊपर तक बढ़ता है। ऊँट की अधिकतम भागने की गति 65 किमी/घंटा के आसपास होती है तथा लम्बी दूरी की यात्रा के दौरान यह अपनी गति 40 किमी/घंटा तक बनाए रख सकता है।


जीवाश्म साक्ष्यों से पता चलता है कि आधुनिक ऊँट के पूर्वजों का विकास उत्तरी अमेरिका में हुआ था जो बाद में एशिया में फैल गये। लगभग 2000 ई.पू. में पहले पहल मनुष्य ने ऊँटों को पालतू बनाया था। अरबी ऊँट और बैकट्रियन ऊँट दोनों का उपयोग अभी भी दूध, मांस और बोझा ढोने के लिये किया जाता है।


पपीहे की सुरीली ध्वनि

पपीहा एक पक्षी है जो दक्षिण एशिया में बहुतायत में पाया जाता है। यह दिखने में शिकरा की तरह होता है। इसके उड़ने और बैठने का तरीका भी बिल्कुल शिकरा जैसा होता है। इसीलिए अंग्रेज़ी में इसको (Common Hawk-Cuckoo) कहते हैं। यह अपना घोंसला नहीं बनाता है और दूसरे चिड़ियों के घोंसलों में अपने अण्डे देता है। प्रजनन काल में नर तीन स्वर की आवाज़ दोहराता रहता है जिसमें दूसरा स्वर सबसे लंबा और ज़्यादा तीव्र होता है। यह स्वर धीरे-धीरे तेज होते जाते हैं और एकदम बन्द हो जाते हैं और काफ़ी देर तक चलता रहता है; पूरे दिन, शाम को देर तक और सवेरे पौं फटने तक। पपीहा कीड़े खानेवाला एक पक्षी है जो बसंत और वर्षा में प्रायः आम के पेड़ों पर बैठकर बड़ी सुरीली ध्वनि में बोलता है।


देशभेद से यह पक्षी कई रंग, रूप और आकार का पाया जाता है। उत्तर भारत में इसका डील प्रायः श्यामा पक्षी के बराबर और रंग हलका काला या मटमैला होता है। दक्षिण भारत का पपीहा डील में इससे कुछ बड़ा और रंग में चित्रविचित्र होता है। अन्यान्य स्थानों में और भी कई प्रकार के पपीहे मिलते हैं, जो कदाचित् उत्तर और दक्षिण के पपीहे की संकर संतानें हैं। मादा का रंगरूप प्रायः सर्वत्र एक ही सा होता है। पपीहा पेड़ से नीचे प्रायः बहुत कम उतरता है और उसपर भी इस प्रकार छिपकर बैठा रहता है कि मनुष्य की दृष्टि कदाचित् ही उसपर पड़ती है। इसकी बोली बहुत ही रसमय होती है और उसमें कई स्वरों का समावेश होता है। किसी किसी के मत से इसकी बोली में कोयल की बोली से भी अधिक मिठास है। हिंदी कवियों ने मान रखा है कि वह अपनी बोली में 'पी कहाँ....? पी कहाँ....?' अर्थात् 'प्रियतम कहाँ हैं'? बोलता है। वास्तव में ध्यान देने से इसकी रागमय बोली से इस वाक्य के उच्चारण के समान ही ध्वनि निकलती जान पड़ती है। यह भी प्रवाद है कि यह केवल वर्षा की बूँद का ही जलपीता है, प्यास से मर जाने पर भी नदी, तालाब आदि के जल में चोंच नहीं डुबोता। जब आकाश में मेघ छा रहे हों, उस समय यह माना जाता है कि यह इस आशा से कि कदाचित् कोई बूँद मेरे मुँह में पड़ जाय, बराबर चोंच खोले उनकी ओर एक लगाए रहता है। बहुतों ने तो यहाँ तक मान रखा है कि यह केवल स्वाती नक्षत्र में होनेवाली वर्षा का ही जल पीता है और गदि यह नक्षत्र न बरसे तो साल भर प्यासा रह जाता है।


इसकी बोली कामोद्दीपक मानी गई है। इसके अटल नियम, मेघ पर अन्यय प्रेम और इसकी बोली की कामोद्दीपकता को लेकर संस्कृत और भाषा के कवियों ने कितनी ही अच्छी अच्छी उक्तियाँ की है। यद्यपि इसकी बोली चैत से भादों तक बराबर सुनाई पड़ती रहती है; परंतु कवियों ने इसका वर्णन केवल वर्षा के उद्दीपनों में ही किया है। वैद्यक में इसके मांस को मधुर कषाय, लघु, शीतल कफ, पित्त और रक्त का नाशक तथा अग्नि की वृद्धि करनेवाला लिखा है।


विटामिन ए से भरपूर बथुआ

बथुआ एक वनस्पति है जो भारत में रवि के फसलों के साथ के उगता है। इसका शाक बनाकर खाने के काम आता है।


औषधीय गुणों से भरपूर बथुआ:-बथुआ एक ऐसी सब्जी है जिसके गुणों से ज्यादातर लोग अपरिचित हैं। ये छोटा-सा दिखने वाला हराभरा पौधा काफी फायदेमंद है, सर्दियों में इसका सेवन कई बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है। बथुए में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, बथुआ न सिर्फ पाचनशक्ति बढ़ाता बल्कि अन्य कई बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। गुजरात में इसे चील भी कहते है। बथुआ एक ऐसी सब्जी या साग है, जो गुणों की खान होने पर भी बिना किसी विशेष परिश्रम और देखभाल के खेतों में स्वत: ही उग जाता है। एक डेढ़ फुट का यह हराभरा पौधा कितने ही गुणों से भरपूर है। बथुआ के परांठे और रायता तो लोग चटकारे लगाकर खाते हैं, लेकिन वे इसके औषधीय गुणों से ज्यादा परिचित नहीं है, बता रहे हैं वैद्य हरिकृष्ण पाण्डेय 'हरीश' इसकी पत्तियों में सुगंधित तैल, पोटाश तथा अलवयुमिनॉयड पाये जाते हैं। दोष कर्म की दृष्टि से यह त्रिदोष (वात, पित, कफ) को शांत करने वाला है। आयुर्वेदिक विद्वानों ने बथुआ को भूख बढ़ाने वाला पित्तशामक मलमूत्र को साफ और शुद्ध करने वाला माना है। यह आंखों के लिए उपयोगी तथा पेट के कीड़ों का नाश करने वाला है। यह पाचनशक्ति बढ़ाने वाला, भोजन में रुचि बढ़ाने वाला पेट की कब्ज मिटाने वाला और स्वर (गले) को मधुर बनाने वाला है। गुणों में हरे से ज्यादा लाल बथुआ अधिक उपयोगी होता है। इसके सेवन से वात, पित्त, कफ के प्रकोप का नाश होता है और बल-बुद्धि बढ़ती है। लाल बथुआ के सेवन से बूंद-बूंद पेशाब आने की तकलीफ में लाभ होता है। टीबी की खांसी में इसको बादाम के तेल में पकाकर खाने से लाभ होता है। नियमित कब्ज वालों को इसके पत्ते पानी में उबाल कर शक्कर (चीनी नहीं) मिला कर पीने से बहुत लाभ होता है। यही पानी गुर्दे तथा मसाने के लिए भी लाभकारी है। इस पानी से तिल्ली की सूजन में लाभ होता है। सूजन अधिक हो तो उबले पत्तों को पीसकर तिल्ली पर लेप लगाएं। लाल बथुआ हृदय को बल देने वाला, फोड़े-फुंसी, मिटाकर खून साफ करने में भी मददगार है। बथुआ लीवर के विकारों को मिटा कर पाचन शक्ति बढ़ाकर रक्त बढ़ाता है। शरीर की शिथिलता मिटाता है। लिवर के आसपास की जगह सख्त हो, उसके कारण पीलिया हो गया हो तो छह ग्राम बथुआ के बीज सवेरे शाम पानी से देने से लाभ होता है। बीजों को सिल पर पीस कर उबटन की तरह लगाने से शरीर का मैल साफ होता है, चेहरे के दाग धब्बे दूर होते हैं। तिल्ली की बीमारी और पित्त के प्रकोप में इसका साग खाना उपयोगी है। इसका रस जरा-सा नमक मिलाकर दो-दो चम्मच दिन में दो बार पिलाने से पेट के कीड़ों से छुटकारा मिलता है। पत्तों के रस में मिश्री मिला कर पिलाने से पेशाब खुल कर आता है। इसका साग खाने से बवासीर में लाभ होता है। पखाना खुलकर आता है। दर्द में आराम मिलता है। इसके काढ़े से रंगीन तथा रेशमी कपड़े धोने से दाग धब्बे छूट जाते हैं और रंग सुरक्षित रहते हैं। अरुचि, अर्जीण, भूख की कमी, कब्ज, लिवर की बीमारी पीलिया में इसका साग खाना बहुत लाभकारी है। सामान्य दुर्बलता बुखार के बाद की अरुचि और कमजोरी में इसका साग खाना हितकारी है। धातु दुर्बलता में भी बथुए का साग खाना लाभकारी है।


चिरपोटी अथवा परपोटनी

केप गुसबेरी (वानस्पतिक नाम : Physalis peruviana ; physalis = bladder) एक छोटा सा पौधा है। इसके फलों के ऊपर एक पतला सा आवरण होता है। कहीं-कहीं इसे 'मकोय' भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में इसे 'चिरपोटी'व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पटपोटनी भी कहते हैं। इसके फलों को खाया जाता है। रसभरी औषधीय गुणो से परिपूर्ण है।


केप गुसबेरी का पौधा किसानो के लिये सिरदर्द माना जाता है। जब यह खर पतवार की तरह उगता है तो फसलों के लिये मुश्किल पैदा कर देता है।


औषधीय गुण:-केप गुसबेरी का फल और पंचांग (फल, फूल, पत्ती, तना, मूल) उदर रोगों (और मुख्यतः यकृत) के लिए लाभकारी है। इसकी पत्तियों का काढ़ा पीने से पाचन अच्छा होता है साथ ही भूख भी बढ़ती है। यह लीवर को उत्तेजित कर पित्त निकालता है। इसकी पत्तियों का काढ़ा शरीर के भीतर की सूजन को दूर करता है। सूजन के ऊपर इसका पेस्ट लगाने से सूजन दूर होती है। रसभरी की पत्तियों में कैल्सियम, फास्फोरस, लोहा, विटामिन-ए, विटामिन-सी पाये जाते हैं। इसके अलावा कैटोरिन नामक तत्त्व भी पाया जाता है जो ऐण्टी-आक्सीडैंट का काम करता है। बाबासीर में इसकी पत्तियों का काढ़ा पीने से लाभ होता है। संधिवात में पत्तियों का लेप तथा पत्तियों के रस का काढ़ा पीने से लाभ होता है। खांसी, हिचकी, श्वांस रोग में इसके फल का चूर्ण लाभकारी है। बाजार में अर्क-रसभरी मिलता है जो पेट के लिए उपयोगी है। सफेद दाग में पत्तियों का लेप लाभकारी है। अनुभूूत है यह डायबेटीज मे कारगर है। लीवर की सूजन कम करने में अत्यंत उपयोगी।


असुविधा में यज्ञ कैसे करें?

गतांक से...
मेरे प्यारे ब्रह्मचारी यज्ञदत्त ने कहा हे भगवान, यह वाक्य भी मैंने स्वीकार कर लिया है! परंतु मैं यह जानना चाहता हूं कि हे प्रभु यदि अग्नि भी ना हो और समिधा भी ना हो, तो यजमान यज्ञ कैसे करेगा? उन्होंने कहा यदि अग्नि भी नहीं है, साकलय भी नहीं है निर्माणशाला भी नहीं है! तो हे ब्राह्मणे प्राहा वर्तम, तुम यज्ञ करो तो जल से परोक्षण करो मानव जल से उसे आहूत करने वाले बने! अगने स्वाहा, प्रणाम स्वाहा अपनाय स्वाहा, वयानाय स्वाहा नाना प्रकार की आहुति हूत करता हुआ! अग्नि ब्रह्मा अग्नि रूद्र भागा:, वह अग्नि में हूत करता रहे, अग्नि ब्रह्म: अग्नि न सुताम न वृत्ति हो तो जल को परोक्षण करके जल को लेकर के वह प्राण को प्रवेश करता हुआ, वह हूत करता है! क्योंकि यह जो जल है यही तो अापोमयी कहलाता है! आपोमयी ज्योति कहलाता है, कि अग्नि में परिणित होता हुआ अपनी आभा में रत हो जाता है! विचार आता रहता है बेटा देखो जल का परोक्षण करना चाहिए! क्योंकि परमपिता परमात्मा ने जब इस सृष्टि का निर्माण किया तो उस समय पृथ्वी भी जल में मगन रहती थी! अतः वह जल को ले करके आपोमयी कह कर के अपने में पूर्ति करता रहता है! वह कहता है अग्नि स्वाहा, अग्नि ब्रह्मा: में जल से परोक्षण कर रहा है! जो जल आपोमयी ज्योति बन करके रहता है! मेरे प्यारे देखो जब यजमान अपनी यज्ञशाला में विद्यमान होता है, तो अपनी दिव्या से कहता है! हे दिव्या, तुम आओ आचमन करो, सबसे प्रथम व शरीर की कामना करता है! वह सत्य की कामना करता है! मानो श्रीमरिय: श्री सृकता की कामना कर रहा है! वे यजमान हूत करने से पूर्व आचमन करता है! उसका क्या अभिप्राय है मानव परमपिता परमात्मा ने सृष्टि में पृथ्वी के अंतर्गत जल परोक्षण रूप में परिणत किया है! यह जल्द ही माता के गर्भ स्थल में आंखों में ज्योति है! जल ही उस बालक का  औढना और जल ही उसका बिछोना बन करके और पास से बनकर के उसमें वह व्रत विद्यमान रहता है! अमृत को बनाता रहता है! देखो प्रभु कितना विचित्र विज्ञानवेता है वह अपने में हूत कर रहा है! वह कह रहा है आत्म है! यह आपोमयी हमारा औढना और विचौना  है, जिसमें आपोमयी ज्योति कि हम कल्पना करते रहे और विचार दे रहे है! देखो, प्रभा वह कीर्ति को प्राप्त करता हुआ अपने में महानता का दर्शन करता रहे! तो विचारवेता कहते हैं कि अगर ध्यान हो रहा है वही अग्नि प्रचंड होकर के जल के रूप में परिणत रहती है! वही आपोमयी ज्योति है! जिस आपोमयी में अपने को हूत कर रहा है! आहुति दे रहा है और कह रहा है! अगने स्वाहा, प्राणाया स्वाहा, अपनाय स्वाहा, वयानाय स्वाहा और उत्तम स्वाहा मेरे प्यारे पवमानाय की आहुति प्रदान करता रहता है! विचार आता रहता है मेरे पुत्रों की वह भव्य हो रहा है! यागा: रुद्रा: यागा: मया परब्रह्मा: यज्ञ:, मेरे प्यारे यग हो रहा है! ऋषि ने कहा है ब्रह्मचारी तुम जल संरक्षण कर सकते हो! जल से ही हूत कर सकते हो! क्योंकि जल प्राणों का रक्षक है यह जल ही संसार का प्राण बना हुआ है! हम उसी याग में हूत हो जाए!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 03, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-90 (साल-01)
2. रविवार, नवंबर 03, 2019
3. शक-1941, कार्तिक-शुक्ल पक्ष, तिथि- सप्तमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:28,सूर्यास्त 05:48
5. न्‍यूनतम तापमान -18 डी.सै.,अधिकतम-24+ डी.सै., हवा की गति बढ़नेे की संभावना रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित


 


एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को कड़ी फटकार लग...