शनिवार, 2 नवंबर 2019

धान का भाव कम,किसानों में भारी रोष

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़! इंद्री की अनाज मंडी में बारीक धान के भाव कम होने से किसानों में भारी रोष है! पिछले वर्ष की तुलना में  इस बार  बारीक धान के कम रेट मिलने से किसानों को 15 से 20000 हज़ार प्रति एकड़ का नुकसान हो रहा है! इस बार किसान को न केवल रेट कम मिलने की मार झेलनी पड़ रही है बल्कि किसान की उपज भी कम निकल रही है! किसानों ने कम भाव मिलने के पीछे कारण सरकार की गलत नीतियों को दोषी माना है! किसानों ने सरकार पर इस मामले में कोई भी ठोस कदम ना उठाने के आरोप लगाए l


अनाज मंडी में बारीक धान लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष बारिक धान की जिन किसानों के रेट 3000 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे थे! उसी किस्म की धान के इस वर्ष रेट 2200  से लेकर 2600 प्रति क्विंटल मिल रहे रहे हैं! किसानों ने बारीक धान की कम कीमत मिलने से किसानों में भारी नाराजगी है किसानों का कहना है कि वह अपनी बारीक जिगरी मंडी में लेकर पहुंचते हैं! तो उनकी जीरी के खरीददार नहीं मिलते जो खरीदार आते भी हैं वह मनमाने दाम पर उनकी फसल को खरीदने के बात करते हैं! इतना ही नहीं हर रोज किसानों की बारीक धान का रेट गिर रहा है! जिस कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है! किसान मंडी में हो रही इस लुटाई से परेशान है और सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है l


किसानों का आरोप है कि किसानों की बारीक दान को व्यापारी जानबूझकर कम रेट पर खरीद रहे हैं! क्योंकि सरकार किसानों की इस पीड़ा को सुनने को भी तैयार नहीं है! उधर अनाज मंडी में आढ़तियों का कहना है कि इस बार मुच्छल धान की कीमत  2300 रुपए चल रही है! जबकि पिछले वर्ष 3300 रूपये प्रति क्विंटल थी! 1121 किशन की बारीक जीरी के उत्तम दाम 2700 रूपय प्रति क्विंटल चल रहे हैं! जबकि पिछले वर्ष इसी किस्म के धान की कीमत 3600रूपये  प्रति क्विंटल थी! बासमती की धाम की कीमत इस वर्ष 3400 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि पिछले वर्ष इसी किस्म की धान की कीमत 4200 रूपये से ऊपर चल रही थी! इसी तरह दूसरी बार एक किस्म की धान की कीमत मैं भी यही अंतर चल रहा है l


उनका कहना है कि अनाज मंडी में बारीक जीरी कीकीमतें पिछले वर्ष की अपेक्षा कम मिलने से किसानों व आढ़तियों को आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है! आढ़तियों का यह भी कहना है कि बारीक धान का खरीदार कब मिल रहे हैं! जिस कारण इस धान के रेट कम मिल रहे हैं! दूसरी तरफ खरीदारों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमत कम होने के कारण बारीक धान के भाव में कमी आई है! जबकि आढती और किसान सरकार की गलत नीतियों को बारीक धान की कम कीमतों का जिम्मेदार मान रहे हैं!


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