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बुधवार, 17 जनवरी 2024

42 लाख नए लाभार्थियों को राशन कार्ड वितरण

42 लाख नए लाभार्थियों को राशन कार्ड वितरण 

इकबाल अंसारी 
गुवाहाटी। असम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 42 लाख से अधिक नए लाभार्थियों को राशन कार्ड वितरण शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र जालुकबाड़ी में इसकी शुरुआत की। शर्मा ने मंगलवार को बोरीपाड़ा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए इसे वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक मील का पत्थर बताया। 
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य भर में राशन कार्ड के औपचारिक वितरण के साथ एनएफएसए के तहत राज्य में कुल 42,85,745 नये लाभार्थियों को कवर किया जाएगा। शर्मा ने कहा, ‘‘अपने सभी निवासियों के लिए खाद्य सुरक्षा हासिल करने के मौजूदा सरकार के प्रभावी प्रयासों में यह एक और मील का पत्थर है।’’ 
उन्होंने बताया कि राशन कार्डधारक परिवार का प्रत्येक सदस्य हर माह पांच किलोग्राम चावल मुफ्त पाने का हकदार है। उन्होंने कहा कि यह सुविधा हर माह ‘‘अन्न सेवा सप्ताह’’ के दौरान उपलब्ध रहेगी और इस माह के लिए यह 31 जनवरी तक उपलब्ध है। शर्मा ने अंत्योदय अन्न योजना जैसी सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा समाज के वंचित वर्गों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अधिक लोगों तक इसका लाभ पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए कार्डधारकों के खातिर आय सीमा को दो लाख रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि राशन कार्ड धारक सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और आयुष्मान भारत तथा आयुष्मान असम स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। 
मुख्यमंत्री ने उन विभिन्न पहलों का भी उल्लेख किया, जिन पर अभी काम किया जा रहा है, जिसमें राशन कार्डधारकों के लिए जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा कवरेज योजना प्रदान करना शामिल हैं। नये राशन कार्डों के वितरण से 10,73,479 परिवार इसके दायरे में आ जायेंगे। मुख्यमंत्री ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि 2.52 करोड़ राशन कार्ड लाभार्थियों में से 2.32 करोड़ को अब तक कार्ड मिल चुके हैं और शेष को कार्ड उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है।

मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी जान नहीं गई

चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी जान नहीं गई 

इकबाल अंसारी 
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि 2023 में राज्य में चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई। 
शर्मा ने कहा, “ 2023 एक अभूतपूर्व वर्ष हैं, क्योंकि हमारी पुलिसिंग और शांति प्रयास सफल रहे। केंद्र और राज्य सरकारों के निरंतर प्रयासों के कारण, असम शांति और समृद्धि के दौर का गवाह बन रहा है। ”
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि साल 2023 में कई समूहों ने अपने हथियार डाल दिये। विशेष बल शक्ति अधिनियम (अफस्पा) को हटा दिया गया और चरमपंथी हिंसा में किसी की जान नहीं गई। यह राज्य के लिये एक सफल वर्ष है। उन्होंने कहा कि राज्य से अफस्पा को धीरे-धीरे हटाने की प्रक्रिया चल रही है और अब यह अधिनियम राज्य के सिर्फ चार जिलों में प्रभावी है।
उन्होंने बताया है कि गत दो साल में 8,756 पूर्व कैडरों का तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से पुनर्वास किया गया है। आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के लिये कौशल प्रशिक्षण और क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम आयोजित किये गये और वे अब राज्य की आर्थिक वृद्धि में सहायता कर रहे हैं।

मंगलवार, 19 दिसंबर 2023

1,281 मदरसों के नाम बदलकर एमई स्कूल किया

1,281 मदरसों के नाम बदलकर एमई स्कूल किया 
इकबाल अंसारी 
दिसपुर। असम प्रारंभिक शिक्षा निदेशक कार्यालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर इन सभी सरकार संचालित और सरकारी सहायता प्राप्त 'एमई मदरसों' (मिडिल स्कूल मदरसा) को तत्काल प्रभाव से सामान्य स्कूलों में बदलने का निर्देश दिया था। असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर बताया, “सभी सरकारी और प्रांतीय मदरसों को असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत सामान्य स्कूलों में परिवर्तित करने के परिणामस्वरूप आज एक अधिसूचना के ज़रिए 1,281 एमई मदरसों के नाम बदलकर एमई स्कूल कर दिए गए हैं।”
दरअसल असम में कई दशकों से चल रहे इन मदरसों को बंद करने को लेकर न केवल विवाद पैदा हो गया है बल्कि एक बड़ा तबका बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगा रहा है। ऑल असम मदरसा स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके वहिदुज़्ज़मान के अनुसार, इन मदरसों को बंद करने का मतलब वहां पढ़ने वाले छात्रों के साथ नाइंसाफ़ी करना है।
वहिदुज़्ज़मान कहते हैं, "मदरसों को लेकर एक ग़लत धारणा फैलाई गई है। जिन मदरसों को सरकार ने स्कूल में तब्दील किया है इसमें धार्मिक शिक्षा के साथ विज्ञान, गणित, अंग्रेज़ी, सामाजिक विज्ञान जैसे सामान्य विषय भी पढ़ाए जा रहे थे।" उनका कहना है कि मदरसों में पढ़ाई करने वाले काफी छात्र डॉक्टर, वकील से लेकर कई बड़े पेशे में गए हैं।

मंगलवार, 17 अक्तूबर 2023

ओवैसी के बयान को बंदर वाली उछल-कूद बताया

ओवैसी के बयान को बंदर वाली उछल-कूद बताया 

संदीप मिश्र 
नई दिल्ली/दिसपुर। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ऑल इंडिया मुत्ताहिदा ए मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी के फिलीस्तीन को समर्थन देने के बयान को बंदर वाली उछल कूद बताते हुए कहा है कि हैदराबाद में चिल्लाने की बजाय सांसद फिलिस्तीन जाकर इजराइल का मुकाबला करें।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमास की निंदा करना हर भारतीय व्यक्ति का कर्तव्य है। हमास का समर्थन करने वाले कभी भी भारत के शुभचिंतक नहीं हो सकते हैं।उन्होंने कहा है कि जो आज हमास के साथ खड़े हुए हैं वह कल भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ भी खड़े हो सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठ रही है और हम भी आतंकी संगठन हमास के खिलाफ आवाज उठाएंगे। देश भर से अलग-अलग लोगों की तरफ से फिलीस्तीन को मिल रहे समर्थन पर उन्होंने हैदराबाद के सांसद असदुदीन ओवैसी के ऊपर निशाना साधते हुए उनके बयान बाजी को कोरा पब्लिसिटी स्टंट बताया है।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि सांसद के भारत में हो हल्ला करने से कुछ नहीं होगा। यदि असदुद्दीन ओवैसी वास्तव में ही हमास के साथ हैं तो वह सीधे फिलिस्तीन जाएं और इजराइल का मुकाबला करें। मुख्यमंत्री के इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसे लोग इधर से उधर शेयर करते हुए असदुद्दीन ओवैसी की बयानबाजी पर अपने कमेंट भी कर रहे हैं।

रविवार, 25 जून 2023

बाढ़ से कई इलाकों में हालात बेहद खराब

बाढ़ से कई इलाकों में हालात बेहद खराब 

आदिल अहमद

गुवाहाटी। असम में लगातार हो रही बारिश के कारण आई बाढ़ से कई इलाकों में हालात बेहद ख़राब बने हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के 24 जून की शाम को जारी की गई दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, इस समय राज्य के 15 ज़िलों के 1 हज़ार 118 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल यह प्रथम चरण की बाढ़ है, जिसमें 4 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक बाढ़ के कारण कुल 3 लोगों की मौत हो चुकी है। असम सरकार ने बेघर हुए लोगों के लिए 101 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जबकि 119 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं।

आपदा विभाग की एक जानकारी के अनुसार, बाढ़ के कारण अपना घर-बार गंवा चुके 81 हज़ार 352 लोग इन राहत शिविरों में रह रहे हैं। इस साल बाढ़ के कारण सबसे ज़्यादा नुकसान बजाली, बारपेटा, कामरूप, दरंग और नलबाड़ी ज़िले में हुआ है। बजाली में बाढ़ के कारण 2 लाख 21 हज़ार से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए है और 70 हज़ार से अधिक बेघर हुए लोगों को अपने परिवार के साथ राहत शिविरों में रहने के लिए आना पड़ा है।

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ज़िला प्रशासन बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन, दवा और अन्य आवश्यक चीज़ें उपलब्ध करवा रहा है। बाढ़ प्रभावित सभी ज़िलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ की टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। दरअसल लगातार हो रही बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र नदी कई जगहों पर अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

गुरुवार, 1 जून 2023

गुवाहाटी और सिलचर के बीच दैनिक उड़ानें शुरू 

गुवाहाटी और सिलचर के बीच दैनिक उड़ानें शुरू 

इकबाल अंसारी 

दिसपुर। फ्लाईबिग एयरलाइंस ने असम में गुवाहाटी और सिलचर के बीच बृहस्पतिवार से दैनिक उड़ानें शुरू की। असम के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ल बरुआ ने पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाई। गुवाहाटी से सिलचर के लिए कुल 63 यात्रियों ने उड़ान भरी। यह असम में फ्लाईबिग एयरलाइंस की दूसरी सेवा है। इसकी पहली सेवा एक मई को गुवाहाटी-डिब्रूगढ़-गुवाहाटी सेक्टर में शुरू हुई थी।

गुवाहाटी-सिलचर-गुवाहाटी रूट पर फ्लाईबिग की उड़ानों को असम पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (एटीडीसीएल) की मदद मिलेगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘ सबसे कम किराए के साथ गुवाहाटी से डिब्रूगढ़ और सिलचर के बीच संचालित इन दोनों सेवाओं से ऊपरी असम और बराक घाटी के लोगों को काफी मदद मिलेगी।

हम अपने लोगों की हर संभव तरीके से सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ’’ गुवाहाटी से सिलचर के लिए सुबह 7.30 बजे उड़ान का परिचालन होगा जबकि सिलचर से गुवाहाटी के लिए उड़ान का समय प्रतिदिन सुबह 8.30 बजे होगा।

शुक्रवार, 12 मई 2023

इलाके में आग, 20 दुकानें व प्रतिष्ठान जलकर खाक 

इलाके में आग, 20 दुकानें व प्रतिष्ठान जलकर खाक 

इकबाल अंसारी 

दिसपुर/हैलाकांडी‌। असम के हैलाकांडी के रतनपुरबाजार इलाके में भीषण आग लगने से कम से कम 20 दुकानें तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान जलकर खाक हो गए और एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हो गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, यह आग बृहस्पतिवार को आधी रात के करीब लगी और बाजार के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया।

स्थानीय लोगों ने दमकल विभाग को इसकी सूचना दी और स्थानीय लोगों की मदद से कुछ घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। अधिकारियों ने कहा, ‘‘रतन रोड स्थित बाजार में लगी भीषण आग में कम से कम 20 दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान जलकर खाक हो गए। आग के कारण एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हो गई।’’

अधिकारियों ने कहा कि आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन एक दुकान में हुए बिजली के शार्ट सर्किट से आग लगने का संदेह है। आग के कारण जिन व्यवसाइयों की दुकानें और प्रतिष्ठान जल गए हैं, उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को जगह-जगह बिजली कनेक्शन की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मुआवजे की मांग की है। 

शनिवार, 18 मार्च 2023

असम: भूकंप के दो झटके महसूस किए, तीव्रता दर्ज 

असम: भूकंप के दो झटके महसूस किए, तीव्रता दर्ज 

इकबाल अंसारी 

दिसपुर/गुवाहाटी। असम में शनिवार सुबह एक के बाद एक भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 3.6 और 2.8 दर्ज की गई। यह जानकारी एक आधिकारिक बुलेटिन में दी गई। बुलेटिन के मुताबिक, भूकंप से जानमाल के नुकसान की फिलहाल कोई सूचना नहीं है।राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि 3.6 तीव्रता का पहला भूकंप सुबह नौ बजकर तीन मिनट पर आया, जिसका केंद्र ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी किनारे पर जोरहाट जिले के टीटाबार के पास 50 किलोमीटर की गहराई में था। बुलेटिन के अनुसार, पड़ोसी शिवसागर, कार्बी आंगलोंग और गोलाघाट जिलों में भी लोगों ने इस भूकंप के झटके महसूस किए।

ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर स्थित लखीमपुर में भी झटके महसूस किए गए। बुलेटिन में कहा गया है कि भूकंप के झटके नगालैंड के उत्तर-पश्चिमी हिस्से के कई क्षेत्रों में भी महसूस किए गए। बुलेटिन के मुताबिक, 2.8 तीव्रता का दूसरा भूकंप पूर्वाह्न 11 बजकर दो मिनट पर आया, जिसका केंद्र ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर डारंग जिले के डलगांव के पास 9 किलोमीटर की गहराई में था।

बुलेटिन में कहा गया है कि इस भूकंप के झटके उदलगुरी, बक्सा और सोनितपुर जिलों के अलावा ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट पर स्थित मोरीगांव में भी महसूस किए गए। भारत का पूर्वोत्तर हिस्सा भूकंप के प्रति बेहद संवेदनशील क्षेत्र में पड़ता है। इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

बुधवार, 18 जनवरी 2023

90 प्रतिशत क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया, एक गैंडा देखा 

90 प्रतिशत क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया, एक गैंडा देखा 

इकबाल अंसारी 

दिसपुर/लखीमपुर। असम के लखीमपुर जिले में पावा संरक्षित वन के लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र से अतिक्रमण हटाए जाने के कुछ दिनों बाद उसी जगह पर एक गैंडा देखा गया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इससे वन्यजीव रक्षकों को काफी खुशी हुई है। लखीमपुर के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अशोक कुमार देव चौधरी के अनुसार, संरक्षित वन से अतिक्रमण हटाए जाने के बाद वहां कुछ गांवों में मंगलवार को एक वयस्क गैंडे को घूमते देखा गया। डीएफओ अशोक कुमार देव चौधरी ने पीटीआई-भाषा को बताया,  हालांकि, ग्रामीणों ने तीन गैंडों को देखने का दावा किया है, लेकिन हमने एक गैंडा देखा है।

लोग गैंडों को परेशान कर रहे है। गैंडों ने कल तीन लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था।  मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पावा संरक्षित वन के अंदर गैंडों के दिखाई देने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले ही जानवरों को अतिक्रमण से मुक्त भूमि में देखा गया था। डीएफओ ने कहा कि 1941 में पावा संरक्षित वन 46 वर्ग किलोमीटर भूभाग में फैला था जिसमें से केवल 0.32 वर्ग किमी खाली था और बाकी सभी पर कब्जा (अतिक्रमण) किया गया था।

उन्होंने बताया कि पिछले तीन दशक के दौरान करीब 170 परिवारों ने पावा संरक्षित वन की भूमि पर कब्जा किया था। उनके अनुसार करीब 450 हेक्टेयर वनीय भूभाग पर कब्जे के बाद लोगों ने मकान बना लिए थे और कुछ जगह पर खेती कर रहे थे।

गुरुवार, 29 दिसंबर 2022

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 17 हजार टैबलेट जब्त की 

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 17 हजार टैबलेट जब्त की 

इकबाल अंसारी 

दिसपुर/गुवाहाटी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने दक्षिणी असम के कछार जिले में भारत-बंगलादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर याबा की बड़ी खेप 17 हजार टैबलेट जब्त की है, जिसकी कीमत 1.7 करोड़ रुपये है। इस मादक पदार्थ को एनएच-06 पर कटिगोराह-कलैन रोड पर मेघालय जा रहे एक वाहन से जब्त किया गया।

अधिकारियों के अनुसार, सिलचर में बीएसएफ फील्ड खुफिया इकाई, करीमगंज सीमा शुल्क प्रभाग और बीएसएफ की पहली बटालियन की अभियान टीम ने संयुक्त रूप से इस अभियान की योजना बनाई थी। बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि सत्ताइस दिसंबर, 2022 की रात लगभग 11 बजे, एनएच-06 पर कटिगोराह-कलैन रोड पर मेघालय जा रहे एक सफेद ऑल्टो कार में संदिग्ध याबा गोलियां होने की विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करने की एक संयुक्त योजना बनाई गई।

अट्ठाइस दिसंबर को दोपहर लगभग एक बजकर 20 मिनट पर इस संयुक्त अभियान दल ने एनएच-06 पर कटिगोराह-कलैन रोड पर हिलारा रेलवे क्रॉसिंग के पास संदिग्ध ऑल्टो कार को रोका। तलाशी के दौरान बीएसएफ को कार के बाएं दरवाजे में छिपाकर रखी संदिग्ध याबा गोलियां प्राप्त हुईं। सीमा शुल्क विभाग ने जब्त की गई वस्तुओं का मूल्यांकन किया और पाया कि 17 हजार याबा टैबलेट की कीमत 1.70 करोड़ रुपये है।

शनिवार, 23 जुलाई 2022

बाढ़: 10,000 से अधिक लोग अब भी प्रभावित

बाढ़: 10,000 से अधिक लोग अब भी प्रभावित 

विमलेश यादव

दिसपुर/गुवाहाटी। असम में बाढ़ से उत्पन्न स्थिति में सुधार हुआ है। जबकि, तीन जिलों में 10,000 से अधिक लोग अब भी प्रभावित हैं। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया है कि कछार, मोरीगांव और तामूलपुर जिलों में बाढ़ से 10,000 से अधिक लोग प्रभावित हैं। कछार जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 6,600 से अधिक लोग अब भी बाढ़ की चपेट में हैं।

मोरीगांव में 2,600 और तामूलपुर में 900 लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। बृहस्पतिवार तक चार जिलों में लगभग 17,200 लोग बाढ़ से प्रभावित थे। असम में इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण 197 लोगों की जान जा चुकी है। फिलहाल 44 गांव पानी में डूबे हुए हैं और 210 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है।

बसों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा शुरू: निगम

बसों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा शुरू: निगम

इकबाल अंसारी

गुवाहाटी। असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) ने अपनी बसों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा शुरू की है। एएसटीसी के प्रबंध निदेशक राहुल चंद्र दास की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि असम इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमट्रॉन) के सहयोग से शुरू की गई यह सेवा प्रारंभिक दौर में कामरूप (महानगर) और सोनितपुर जिलों में उपलब्ध कराई गई है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, सॉफ्टवेयर को नगांव के रास्ते गुवाहाटी से तेजपुर तक टिकट की बुकिंग से जुड़ी एक प्रायोगिक परियोजना के लिए तैयार किया गया है। बाद में इससे अन्य मार्गों पर भी बुकिंग शुरू की जाएगी। विज्ञप्ति के अनुसार, सॉफ्टवेयर को उन्नत किए जाने के बाद यात्री राज्यभर में शहरों के साथ-साथ अंतरजिला स्तर पर भी एएसटीसी की बसों के टिकट ऑनलाइन बुक कर सकेंगे।

गुरुवार, 7 जुलाई 2022

असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या-186 हुई

असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या-186 हुई 

इकबाल अंसारी 
दिसपुर। असम में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। बाढ़ से मची तबाही के कारण वहां सामान्य जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ (Flood) के चलते लाखों लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। वहीं, अब बाढ़ के हालात में कुछ सुधार देखने को मिला है। हांलाकि कि कल भी असम में बाढ़ के चलते दो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
जिसके बाद असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 186 हो गई है। ताजा जानकारी के मुताबिक असम के 15 जिलों में 9.68 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं। वहीं मंगलवार 5 जुलाई को असम के 16 जिलों में 11.17 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित थे।
असम में बाढ़ का कहर बरकार है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण  की बाढ़ के हालातों पर जानकारी देते हुए बताया कि, बुधवार को बाढ़ के कारण असम के दो जिलों कामरूप और नगांव  में दो बच्चों की मौत हो गई। बता दें कि असम में बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिला कछार है। अकेले कछार जिले  में बाढ़ से 5.7 लाख लोग प्रभावित हैं। कछार के बाद बाढ़ से दूसरा सबसे प्रभावित जिला नगांव है जहां पर 1.89 लाख मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। वहीं, बाढ़ से मोरीगांव के 1.58 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

मंगलवार, 5 जुलाई 2022

दक्षिणी असम में 3.7 तीव्रता का भूकंप: एनसीएस

दक्षिणी असम में 3.7 तीव्रता का भूकंप: एनसीएस

इकबाल अंसारी
गुवाहाटी। दक्षिणी असम में मंगलवार को 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप से अब तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप मणिपुर के साथ अंतर-राज्य सीमा के पास कछार जिले में पूर्वाह्न करीब 11 बजकर तीन मिनट पर 35 किलोमीटर की गहराई में आया।
पूर्वोत्तर का इलाका उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आता है। जहां अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं। असम और उत्तर पूर्व के कुछ हिस्सों को 2021 में 28 अप्रैल को आए 6.4 तीव्रता के भूकंप ने हिला दिया था। यह हाल के वर्षों में उच्च तीव्रता वाले भूकंपों में से एक था। उसी साल 26 नवंबर को असम और मिजोरम के कुछ हिस्सों में 6.1 तीव्रता का एक और झटका महसूस किया गया था।

रविवार, 19 जून 2022

असम: 3 हजार से अधिक प्रभावित लोगों को बचाया

असम: 3 हजार से अधिक प्रभावित लोगों को बचाया

इकबाल अंसारी  
गुवाहाटी। बाढ़ प्रभावित असम में सेना का बड़े पैमाने पर राहत अभियान जारी है और अब तक तीन हजार से अधिक प्रभावित लोगों को बचाया जा चुका है। एक बयान में कहा गया है कि सेना के जवान असम के होजई, बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, दरांग, तामूलपुर और कामरूप में बाढ़ राहत अभियान चला रहे हैं। सेना ने बाढ़ राहत कार्यों के लिए असम के विभिन्न स्थानों पर 11 समग्र कॉलम तैनात किए हैं।
बयान में कहा गया,“असम के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश जारी है तथा खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली नदियां ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बाढ़ एवं जलजमाव का कारण बन रही हैं। सेना बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में जुटी हुई है।” असम में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है।
शनिवार को आठ नई मौतों के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की नवीनतम क्षति रिपोर्ट के अनुसार, कुल 118 राजस्व मंडलों सहित राज्य के 32 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। फसल प्रभावित क्षेत्र 66455.82 हेक्टेयर हैं।
एएसडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटों में आठ और लोगों की जान चली गई और कुल 62 लोगों की जान चली गई (बाढ़ में 51 और भूस्खलन में 11 लोगों की मौत हुई है)। शनिवार तक सभी प्रभावित क्षेत्रों में 514 राहत शिविर और 302 राहत वितरण केंद्र खोले जा चुके हैं।

शनिवार, 18 जून 2022

असम: बाढ़ से मरने वालों की संख्या-54 हुईं

असम: बाढ़ से मरने वालों की संख्या-54 हुईं 

इकबाल अंसारी  
गुवाहाटी। असम में सभी बड़ी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने से बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश होने से कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आयी हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्य के 28 जिलों के 2930 गांवों के 19 लाख लोग प्रभावित हुए है। 
इसके अलावा राज्य के विभिन्न इलाकों से भूस्खलन की घटनाओं की रिपोर्ट मिल रही है। जहां भारी बारिश हो रही है, जिससे गुवाहाटी में प्रमुख सड़कों पर घुटनों तक पानी जमा हो गया है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार कम से कम अगले दो दिनों तक बारिश के थमने का कोई आसार नहीं है। असम और मेघालय दोनों राज्यों में आज तक रेड अलर्ट जारी है।

गुरुवार, 9 जून 2022

आकाशीय बिजली गिरने से 6 महिलाएं झुलसी

आकाशीय बिजली गिरने से 6 महिलाएं झुलसी 

इकबाल अंसारी  
गुवाहाटी। असम के कई जिलों में हो रही भारी बारिश और तूफान के बीच विश्वनाथ जिले में आकाशीय बिजली गिरने से चाय बगान में काम करने वाली कम से कम छ: महिलाएं झुलस गई। झुलसी हुयी महिलाएं मजुलीगढ़ टी एस्टेट तथा पाभोई टी एस्टेट काम करती है। इन महिलाओं की पहचान चरित ओरांग, लक्ष्मी कलांदी, ममी भूमिज, गोपी ओरिया (पाभोई), पिंकी तशा तथा कुम्ली खादल के तौर पर हुयी है। इन सभी को उपचार चल रहा है। 
इधर, भारतीय मौसम विभाग ने आठ और नौ जून को राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है।

बुधवार, 6 अप्रैल 2022

'एनएलएफबी' के 6 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया

'एनएलएफबी' के 6 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया   

इकबाल अंसारी          
दिसपुर। असम के सोनितपुर जिले में नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनएलएफबी) के छ: उग्रवादियों ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा पर चारीदुआर इलाके में करीब 12 उग्रवादियों के एक समूह के छिपे होने की सूचना प्राप्त हुई थी।
उन्होंने बताया कि पुलिस की टीम ने एक अप्रैल को भालुकपोंग कस्बे के 12 माइल इलाके में छापा मारा था और इस दौरान हुई मुठभेड़ में दो उग्रवादी घायल हो गए थे। अधिकारियों के अनुसार, जैसे ही इलाके में अभियान तेज किया गया, छह उग्रवादियों ने पुलिस की ओर से आश्वासन मिलने पर अपने हथियारों और गोला-बारूद के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। जनवरी 2020 में बोडो समझौते पर हस्ताक्षर के बाद बड़ी संख्या में एनडीएफबी उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि कुछ ने एनएलएफबी का गठन कर लिया है।

रविवार, 13 मार्च 2022

असम के बाजार में लगीं आग, 1 करोड़ की संपत्ति नष्ट

असम के बाजार में लगीं आग, 1 करोड़ की संपत्ति नष्ट  

इकबाल अंसारी     

कोकराझार। असम के कोकराझार में एक बाजार में लगी आग से करीब एक करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि आग से 10 से अधिक दुकानें और उनमें रखा सामान पूरी तरह जलकर खाक हो गया। 
अग्नि और आपात सेवा के अधिकारी ने बताया कि अबतक आग लगने की वजहों का पता नहीं चला है लेकिन माना जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी है।

सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

15 से कोविड संबंधी सभी पाबंदियां हटा ली जाएंगी

15 से कोविड संबंधी सभी पाबंदियां हटा ली जाएंगी


इकबाल अंसारी       

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि राज्य में कोविड महामारी के मामलों की संख्या घट रही है और स्थिति में सुधार हो रहा है जिसे देखते हुए असम में 15 फरवरी से कोविड-19 संबंधी सभी पाबंदियां हटा ली जाएंगी।

सरमा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि स्कूल की बोर्ड परीक्षाएं, नगर निगम चुनाव, माजुल विधानसभा सीट पर उपुचनाव और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) चुनाव अगले दो माह में संपन्न कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले विद्यार्थियों को कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक लगी होनी चाहिए।

सरमा ने कहा कि रात्रिकालीन कर्फ्यू हटा दिया जाएगा और मॉल तथा सिनेमाघर पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे। विवाह समारोह रात में आयोजित किए जा सकेंगे लेकिन अतिथियों का पूर्ण टीकाकरण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

सरमा ने यह भी घोषणा की कि उनकी सरकार ने बिहू समितियों को सात दिनों के लिए समारोह आयोजित करने के लिए 1.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है ताकि वे उन व्यापारियों से दान एकत्र न करें जिन्हें महामारी के कारण भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य में रोंगाली बिहू बिना किसी पाबंदी के मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने व्यापारियों और कारोबारियों पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए उन बिहू समितियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का फैसला किया है जो दस साल से अधिक समय से कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों ने ऐसी समितियों की एक सूची तैयार की है और उसी के अनुसार सहायता प्रदान की जाएगी।

शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी बिहू को इस तरह से मनाएं कि कलाकार, आयोजक और लोग एक साथ आनंद लें।

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