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बुधवार, 24 जुलाई 2024

'बेक्ड कटोरी भेल' बनाने की रेसिपी, जानिए

'बेक्ड कटोरी भेल' बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
बारिश के मौसम में कुछ कुरकुरा और चटपटा खाने की क्रेविंग होने लगती है। आमतौर पर लोग बरसात के सुहावने मौसम का आनंद पकौड़ों के साथ लेते हैं। जबकि पकौड़े हमारी सेहत के लिए हेल्दी साबित नहीं होते हैं। 
अगर आप हेल्दी स्नैक्स के साथ रेनी सीज़न को एन्जॉय करना चाहती हैं, तो ये लाजवाब और आसान रेसिपी को अपने मेन्यू में ज़रूर शामिल करें। जो आपके स्वाद के साथ साथ आपकी सेहत का भी भरपूर ख्याल रखती हैं। आइए जानते हैं, बारिश के इस मौसम को सुहावने मौसम में बेक्ड कटोरी भेल बनाने की रेसिपी।

सामग्री...

आटा-2 कप
ऑलिव ऑयल -2 चम्मच
काबुली चने -1/2 कटोरी
चाट मसाला -1 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर- 1/2 चम्मच
नमक -स्वादानुसार
सेव- 1/2 कटोरी
उबले हुए आलू -1/2 कटोरी
अरदक- 1 चम्मच
अनार- 1 चम्मच
कटा हुआ टमाटर -1
बेकिंग सोडा- 1 चम्मच
पुदीने की चटनी -2 टेबल स्पून
इमली की चटनी- 2 टेबल स्पून
पानी -3 से 4 कप
काली मिर्च -1 चुटकी
धनिया पत्ती।

विधि...

सबसे पहले आटा, बेकिंग सोडा, नमक और तेल को डालकर गूंथ लें। अब इसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलाएं। अब इनकी बॉल्स तैयार कर लें।
उसके बाद इन्हें बेलकर कटोरी को उलटाकर उस पर चिपका दें। चिपकाने से पहले कटोरी को ग्रीस अवश्य करें।
इस तरह से बेली हुई रोटी कटोरी की शेप ले लेती है। अब इन्हें बेक करने के लिए अवन में रख दें। एक अलग बाउल में उबले हुए काबूली चने, अनार के दाने, बॉइल्ड आलू, कटा हुआ प्याज, हरी मिर्च और धनिया डालें।
इसके बाद फलेवर एड करने के लिए काली मिर्च, लाल मिर्च, धनिया पाउडर, नमक और जीरा पाउडर डालें।
अब इसमें इमली की चटनी और पुदीने की चटनी डालकर मिक्स कर दें। बेक्ड कटोरियों को अवन में से निकालकर अलग कर लें। तैयार कटोरियों में बाउल में मिक्स किया मिश्रण डालें और धनिया पत्ती से गार्निश करके परोसें।

रविवार, 14 जुलाई 2024

सेहत के लिए लाभदायक है 'जामुन की गुठली'

सेहत के लिए लाभदायक है 'जामुन की गुठली' 

सरस्वती उपाध्याय 
मानसून में मौसमी फलों का मजा ही अलग हैं। इस मौसम में जामुन भी बेहद पसंद किए जाते हैं, लेकिन बहुत से लोग इनकी गुठली को बेकार समझकर फेंक देते हैं। क्या आप जानते हैं इस गुठली के फायदें, जो आपकी हेल्थ के लिए कई प्रकार से लाभदायक हैं ? इस गुठली का इस्तेमाल पाउडर बनाकर कर सकते हैं। इस गुठली में औषधीय गुण होते हैं।
जामुन के बीज का वैज्ञानिक नाम शीजीजियम जाम्बोलिनम हैं। जामुन की गुठली के पाउडर का काढ़ा बनाकर पीना भी फायदेमंद हैं। मानसिक समस्याओं से बचाव करता हैं।

टॉक्सिन

शरीर को टॉक्सिन (ज्वÛपद) करना चाहते हैं, तो आप जामुन के गुठली का पाउडर का काढ़ा बनाकर पिएं या या पानी के साथ इसे लें, इससे शरीर की गंदगी बाहर आ जाती हैं। कई बीमारियों में इनका दवाई के रूप में उपयोग किया जाता हैं।

डायबिटीज

अगर आपकी शुगर 250 है और आप इन बीजों के पाउडर को एक चम्मच मात्रा में आधे कप पानी में मिलाकर लेंगे, तो यह आपके शुगर लेवल को 150 तक पहुंचा सकता हैं। जामुन के बीज एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं।

हृदय रोग

जामुन के बीजों में विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी समेत तमाम मिनरल्स मौजूद होते हैं। मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक, आयरन, फास्फोरस आदि भी इसमें प्रचुर मात्रा में होते हैं, इसलिए आप इसे मल्टीविटामिन कैप्सूल भी मान सकते हैं। जामुन के बीजों में पोटेशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, इसलिए यह हृदय रोग से संबंधित मरीजों के लिए भी फायदेमंद हैं।

गुरुवार, 11 जुलाई 2024

'चुकंदर की खीर' बनाने की रेसिपी, जानिए

'चुकंदर की खीर' बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
सब्जियों में से एक चुकंदर की बात की जाए तो, शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने के लिए इसका सेवन किया जाता है। इसका सेवन हम सलाद के रूप में प्राय: करते हैं तो वहीं पर कई बार इसका जूस पीना भी पसंद करते है।
लेकिन आज हम आपको इसकी और अन्य डिश के बारे में बताने जा रहे है, जो टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होती है। इस खास डिश का नाम चुकंदर की खीर है।

इन विधि से बनाएं आसान चुकंदर की खीर...

घर पर आप कम समय में चुकंदर की खीर बना सकते है, फायदेमंद है, जो इस प्रकार है...

अगर आप भी कुछ हेल्दी और टेस्टी पीना चाहते हैं। आप कम समय में घर पर चुकंदर की खीर बना सकते हैं। यह सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी गई है।

क्या चाहिए आपको ?

घर में चुकंदर की खीर बनाने के लिए आपको कई चीजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार है…

1- चुकंदर -कद्दूकस किया हुआ
2- दूध
3- इलायची और दूध मसाला।

जानिए, कैसे बनाएं ?

चुकंदर की खीर बनाने के लिए चुकंदर को छील कर उसे कद्दूकस कर लें।
दूसरी तरफ एक बर्तन में दूध को अच्छी तरह उबाल लें। इस पैन में कद्दूकस किया हुआ चुकंदर डाल दें, जब यह अच्छी तरह भून जाए, तो इसे उबले हुए दूध में डालकर 10 मिनट तक पकाएं।
इसे अच्छी तरह पकाने के बाद इसमें इलायची पाउडर और दूध मसाला पाउडर डालकर थोड़ी देर तक चम्मच की मदद से घुमाते रहे।
अब आपकी खीर तैयार हो गई है। आप इसे एक कटोरी में निकालकर ऊपर से कुछ ड्राई फ्रूट डालकर सर्व कर सकते हैं।

मंगलवार, 9 जुलाई 2024

मॉनसून: डाइट में शामिल करें काली मिर्च, जानिए

मॉनसून: डाइट में शामिल करें काली मिर्च, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
काली मिर्च में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल, एंटी-फ्लैटुलेंस और एंटी-माइक्रोबियल गुणों का खजाना होता है। दुनियाभर में किंग ऑफ स्पाइस के नाम से मशहूर इस मसाले में पोषक तत्वों का भंडार पाया जाता है।
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे, कि मानसून में पाचन तंत्र और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिहाज से डाइट में इसे जगह देना कितना जरूरी है और इससे आपको क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं ?

डाइजेशन के लिए लाभकारी 

बदलते मौसम में पाचन तंत्र को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। ऐसे में, काली मिर्च में पाया जाने वाला पाइपरिन नामक तत्व पाचन तंत्र से जुड़े एंजाइम को बूस्ट करने में मदद करता है और इससे डाइजेशन काफी इम्प्रूव हो जाता है।

स्ट्रांग इम्युनिटी 

मानसून के सीजन में अक्सर लोगों को कमजोर इम्युनिटी की समस्या रहती है। ऐसे में, अगर आप भी थकान और कमजोरी का कोई सस्ता और टिकाऊ उपाय खोज रहे हैं, तो काली मिर्च इस मामले में काफी मददगार हो सकती है। इसके सेवन से आप कई तरह के संक्रमण से बच सकते हैं।

वेट लॉस में फायदेमंद

मानसून के मौसम में अक्सर खानपान बिगड़ जाता है, ऐसे में वेट लॉस भी मुश्किल हो जाता है। बता दें, वजन घटाने के लिहाज से भी काली मिर्च एक अच्छा ऑप्शन साबित होती है। इसमें मौजूद पाइपरिन और एंटी ओबेसिटी गुण वजन घटाने में काफी मदद करते हैं, जिससे आपको मोटापे की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

जोड़ों के दर्द से दिलाएं राहत

मानसून के मौसम में अक्सर जोड़ों का दर्द भी बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आप काली मिर्च को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो इससे सूजन और दर्द से भी राहत मिलती है। बता दें, कि ऐसा काली मिर्च में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी अर्थराइटिस गुणों के कारण होता है।

रविवार, 7 जुलाई 2024

स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है लाल 'केला'

स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है लाल 'केला' 

सरस्वती उपाध्याय 
दुनिया में सबसे अधिक खाए जाने वाले फल में से एक फल है केला। पूरी दुनिया में केले की बहुत-सी वैराइटीज़ हैं, जिसमें से भारत में केलों की 20 वैराइटीज पाई जाती हैं। पीले और हरे रंग के केले तो हम सभी जानते हैं।
भारत में पीले और हरे केले को सबसे अधिक खाया और पसंद किया जाता है। पीला केला सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है। लेकिन क्या कभी आपने लाल केला खाया है या उसके फायदे के बारे में सुना है ? लाल केला स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी माना जाता है। लाल केला खासकर ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है, ऑस्ट्रेलिया के अलावा वेस्टइंडीज, मेक्स‍िको और अमेरिका के कुछ हिस्सों में इसको उगाया जाता है। इस केले को 'रेड डक्का' के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, लाल केला भारत में इतना अधिक प्रचलित नहीं है, भारत में, ये व्यापक रूप से कर्नाटक और आस-पास के जिलों में उगाए जाते हैं। लाल केला खाने में जितना स्वादिष्ट होता है सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद भी माना जाता है। इसमें सामान्य केले की तुलना में कहीं अधिक बीटा-कैरोटीन पाया जाता है। बीटा-कैरोटीन धमनियों में खून का थक्का जमने नहीं देता है। ये कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों को भी दूर रखने में मददगार है। इसके साथ ही लाल केले में खनिज, विटामिन, बहुत सारे फाइबर और अच्छे कार्बोहाइड्रेट होते हैं। लाल केला खाने से इम्युनिटी मजबूत और वजन को कंट्रोल किया जा सकता है।

लाल केला खाने के फायदे

डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद।
लाल केला खाने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। लाल केले में ग्लाइसेमिक की प्रतिक्रिया कम होती है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है‌। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को लाल केले का सेवन करना चाहिए।
न्यूट्रिएंट्स रिच होते हैं लाल केले। 
लाल केला न्यूट्रिएंट्स रिच होते हैं। एक छोटा लाल केला में केवल 90 कैलोरी होती है और इसमें प्रमुख रूप से पानी और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। विटामिन बी6, मैग्नीशियम और विटामिन सी की उच्च मात्रा इस केले की विशेषता को पोषकता में बढ़ाती है।

ब्लड प्रेशर को करता है कंट्रोल

लाल केला में पोटैशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक माना जाता है। इसलिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए लाल केले का सेवन अवश्य करें।

आंखो की रोशनी बढ़ाने के लिए फायदेमंद

लाल केला आंखो के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इसको रोज़ खाने से आंखो की रोशनी को बढ़ाया जा सकता है। इसमें ल्यूटिन और जेक्सैंथिन नामक तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इसमें बीटा-कैरोटेनॉइड और विटामिन ए भी पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होता है।

इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत रखता है लाल केला

इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए हम बहुत से फलों का सेवन करते हैं और उन्हीं फलों में से एक फल है लाल केला। लाल केले में विटामिन सी और विटामिन बी6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।

लाल केले के अन्य फायदे

इससे पारकिंसन जैसी बीमारी को दूर किया जा सकता है।
पथरी का खतरा कम करने के लिए लाल केला असरदार।
लाल केले में विटामिन बी-6 की मौजूदगी शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बनाए रखता है।
पाचन शक्ति में भी मददगार होता है लाल केला।
लाल केले में कैल्शियम और पोटैशियम पाया जाता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

लाल केले के दुष्प्रभाव

कभी-कभी केले के ज्यादा सेवन से एलर्जी हो सकती है। क्योंकि, इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। अधिक मात्रा में लाल केला खाने से उल्टी, सूजन, पेट फूलना आदि हो सकता है। इसके अलावा, लाल केले का अत्यधिक सेवन शरीर में पोटेशियम का लेवल बढ़ा सकता है। जिसके परिणामस्वरूप असामान्य हृदय गति हो सकती है। हालांकि, अगर आप लाल केला खाने के बाद किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस करते हैं, तो इसका सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपके लक्षणों के लिए उचित उपाय देने में सक्षम होंगे।

बुधवार, 3 जुलाई 2024

बारिश के मौसम में बेहद फायदेमंद हैं 'जामुन'

बारिश के मौसम में बेहद फायदेमंद हैं 'जामुन'  

सरस्वती उपाध्याय 
बारिश के मौसम में कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जो स्वाद और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद होती हैं। इनमें से एक है जामुन, जिसे इंडियन ब्लैकबेरी या ब्लैक प्लम भी कहा जाता है। अब हम सब इसे जामुन के नाम से जानते हैं।
बरसात के मौसम में इस फल को जरूर खाना चाहिए। कई लोगों को इसका खट्टा, तीखा या फीका स्वाद पसंद नहीं आता। लेकिन यह बेर मीठा भी होता है। खासकर, मधुमेह रोगियों को ब्लैकबेरी खानी चाहिए।

जामुन में कई पोषक तत्व होते हैं

जामुन विटामिन ए और सी से भरपूर होता है। जामुन आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम का एक समृद्ध स्रोत है। इसलिए त्वचा में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए ब्लैकबेरी खाना फायदेमंद होता है।

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर

जामुन में फ्लेवोनोइड्स, एंथोसायनिन और फेनोलिक यौगिक होते हैं। जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। यह कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाता है। इसके अलावा हृदय रोग और मधुमेह का खतरा भी कम हो जाता है।

ब्लड शुगर लेवल रखता है मेंटेन

जामुन में जम्बोलन नामक एक यौगिक होता है जो स्टार्च को चीनी में बदलने को धीमा कर देता है। जिसके कारण यह मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद बताया जाता है। ब्लैकबेरी खाने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और इंसुलिन संवेदनशीलता को सामान्य करने में मदद मिलती है।

पाचन के लिए फायदेमंद

इसके अलावा जिन लोगों की पाचन क्रिया खराब है उन्हें भी रोजाना ब्लैकबेरी खानी चाहिए। इससे भोजन को पचाने वाले एंजाइम बढ़ते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

जामुन का स्वाद मुंह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है

जामुन का तीखा स्वाद मसूड़ों में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और मसूड़ों की सूजन को कम करता है। मुंह के छाले और सांसों की दुर्गंध जैसी समस्याओं में जामुन बहुत फायदेमंद होता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद

जिन लोगों को बारिश के दौरान त्वचा के रूखेपन और मुंहासे निकलने की समस्या होती है। उन्हें जामुन खाना चाहिए. यह रक्त को शुद्ध करता है और त्वचा के बैक्टीरिया को दूर करता है।

मंगलवार, 2 जुलाई 2024

स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है 'मोरिंगा' के पत्ते

स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है 'मोरिंगा' के पत्ते 

सरस्वती उपाध्याय 
सेहत के लिए मोरिंगा के पत्ते को चमत्कारिक माना जाता हैं। मोरिंगा के पत्तों के विशेष गुण शरीर में कई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। मोरिंगा के पत्तों का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
आइये जानते है कि,मोरिंगा के पत्तों को चबाने से आपके शरीर में कौन-कौन से सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं ?

पोषण की भरपाई

मोरिंगा के पत्तों में विटामिन ए, सी, ई, और बी-कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, पोटैशियम, प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। नियमित सेवन से आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और आप हेल्दी रहते हैं।

इम्यून सिस्टम को मजबूती

मोरिंगा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इससे आपका शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम होता है।

हार्ट हेल्थ

मोरिंगा के पत्ते ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इनमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम हार्ट की धड़कन को रेगुलेट रखने में सहायक होते हैं, जिससे हार्ट रिलेटेड डिजीज का खतरा कम होता है।

शुगर लेवल को कंट्रोल करना

मोरिंगा के पत्तों में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। इससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है।

शुक्रवार, 28 जून 2024

खाली पेट 'नींबू पानी' पीना बेहद फायदेमंद, जानिए

खाली पेट 'नींबू पानी' पीना बेहद फायदेमंद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
नींबू वह है, जो हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं। यह खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि नींबू में विटामिन सी, ई, बी-6, थायमिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन और फोलेट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
लेकिन अगर इसका सेवन रोज सुबह खाली पेट (खाली पेट) नींबू पानी के रूप में किया जाए तो इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। आइए जानते हैं, खाली पेट नींबू पानी पीने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ क्या हैं ?

पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है

नींबू पानी पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में काफी फायदेमंद साबित होता है। यह हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पित्त स्राव के उत्पादन में सुधार करता है, जिससे गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

इम्युनिटी बढ़ाता है

नींबू पानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में काफी मददगार होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और पोटेशियम इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। खाली पेट नींबू पानी पीने से शरीर पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है। जिससे बीमार होने की संभावना कम हो जाती है।

रक्तचाप को नियंत्रित करता है

खाली पेट नींबू पानी पीने से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह साइट्रिक एसिड और विटामिन सी से भरपूर होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वजन घटाने में मददगार

खाली पेट नींबू पानी पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है। यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और फैट बर्न करता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

शरीर को हाइड्रेट रखता है

नींबू पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है और डिहाइड्रेशन का कारण नहीं बनता है। यह विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है, जो शरीर को गर्मी और निर्जलीकरण से बचाने में मदद करता है।

त्वचा को स्वस्थ रखता है

नींबू पानी का सेवन करने से त्वचा भी स्वस्थ रहती है। इसमें मौजूद विटामिन सी कोलेजन के निर्माण के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार रखता है।

लीवर को रखेंगे स्वस्थ

नींबू पानी के सेवन से लीवर की सेहत भी बनी रहती है। इससे लीवर साफ रहता है और साथ ही लीवर की ऊर्जा भी बहाल हो जाती है, जिससे यह पूरी रात सक्रिय रहता है।

पोषक तत्वों से भरपूर हैं सोयाबीन, जानिए

पोषक तत्वों से भरपूर हैं सोयाबीन, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
सोयाबीन पोषक तत्वों से भरपूर होता हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन बी6, बी12, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद जरुरी होते हैं। इतना ही नहीं, इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं।
सोयाबीन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कोशिकाओं के विकास में मददगार होते हैं और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत भी करते हैं। सोयाबीन का सेवन करने से मानसिक संतुलन बेहतर बनता है। इससे दिमाग काफी तेज चलता है। सोयाबीन मेंटल हेल्थ को अच्छा करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, सोयाबीन दिल की सेहत के लिए काफी जरबदस्त माना जाता है। हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने का काम कर सकता है।
एक्सपर्ट्स की मानें, तो सोयाबीन में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कैंसर रोकने में भी मदद कर सकते हैं। सोयाबीन खाने से हड्डियां मजबूत बनती हैं। सोयाबीन मेटाबॉलिक सिस्टम को भी बेहतर बनाए रखता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सोयाबीन शारीरिक कमजोरी को दूर करने का काम करता है। सोयाबीन खाने से बालों और त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो सकती हैं।
बॉडी बिल्डिंग के लिए सोयाबीन जबरदस्त फायदेमंद माना जाता है। सोयाबीन महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का काम कर सकता है। इससे महिलाओं की सेहत बेहतर रहती है।

शनिवार, 22 जून 2024

शुगर को कंट्रोल करने में फायदेमंद है 'सेब का सिरका'

शुगर को कंट्रोल करने में फायदेमंद है 'सेब का सिरका'

सरस्वती उपाध्याय 
खराब जीवनशैली और खानपान का नतीजा आज के समय मे अधिकतर लोग डायबिटीज की चपेट में है। अगर समय रहते इसे कंट्रोल न किया गया, तो शरीर के कई अंगो तो डैमेज कर सकती है। डायबिटीज लाइलाज बीमारी है।
दवाओं और खानपान व जीवनशैली में बदलाव करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए सेब का सिरका फायदेमंद होता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार सेब का सिरका टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में कारगर साबित हो सकता है।
एक शोध के अनुसार डायबिटीज के मरीज भोजन करने के बाद इसका सेवन करते है तो शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद करता है।इसके सेवन से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है, जिससे डायबिटीज रोगियों में अचानक से ब्लड शुगर स्पाइक को रोकने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, यह हाई कोलेस्ट्रॉल और वजन को कंट्रोल में भी मदद कर सकता है। इसके नियमित सेवन से दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है।
शरीर में ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कंट्रोल करने के लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका डालें। फिर इसे अच्छी तरह मिक्स करने के बाद इसे पी लें। नियमित रूप से रोज सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।

तुलना: बेहद फायदेमंद होता है कच्चा 'नारियल'

तुलना: बेहद फायदेमंद होता है कच्चा 'नारियल' 

सरस्वती उपाध्याय 
हेल्दी डाइट की बात हो, तो नारियल का नाम आना जायज है। नारियल के पानी के अनगिनत फायदे तो सभी जानते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसमें मौजूद मलाई यानी कच्चे नारियल की खासियत नहीं जानते हैं। कई लोग सूखे नारियल को ही बेहतर मानते हैं, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। कच्चे और सूखे नारियल के बीच ढेरों अंतर हैं, जिसकी सही जानकारी जरूरी है। क्योंकि, फिर उसी अनुसार आप उसका सेवन कर सकते हैं। दोनों ही तरह के नारियल का स्वाद, न्यूट्रिशन, फ्लेवर और टेक्सचर अलग होता है। आइए जानते हैं कि कच्चा या सूखा, किस रूप में नारियल का सेवन है अधिक फायदेमंद ?

सूखा नारियल

कच्चे ताजा नारियल को खाने में इसका स्वाद हल्का मीठा और नटी टेस्ट होता है और वहीं, सूखा नारियल खाने में अधिक मीठा और देर तक चबाने वाला होता है। सूखने के बाद नारियल का स्वाद कच्चे नारियल से अलग हो जाता है। नारियल को सुखा कर स्टोर करने में कुछ साधारण सी समस्याएं हैं, जो इसे पानी वाले नारियल से थोड़ा अनहेल्दी बनाती है। पहली बात ये कि सूखे नारियल में पानी नहीं रहता है, जिससे शरीर को हाइड्रेट रखने में इसका कोई महत्व नहीं रह जाता है।
वहीं, नारियल सूखने के बाद इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। इस तरह सूखे नारियल में अधिक शुगर, कैलोरी और फैट पाया जाता है। सूखा नारियल कई दिन तक बिना सड़े रहे, इसके लिए इसमें प्रिजर्वेटिव और वाइटनर डाला जाता है, जो इसे और भी अनहेल्दी बनाता है।

कच्चा नारियल

कच्चे नारियल में ढेर सारे विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो इसे एक बेहतरीन प्लांट बेस्ड प्रोटीन डाइट का हिस्सा बनाता है। इसमें कैलोरी, हेल्दी फैट और ओमेगा 6 फैटी एसिड पाया जाता है। इसमें पाए जाने वाला अधिकतर फैट सैचुरेटेड होता है। हालांकि, इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। नारियल पानी के साथ कच्चा नारियल मिलने की वजह से ये एक अच्छे इलेक्ट्रोलाइट का भी काम करता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।

कच्चा नारियल vs सूखा नारियल- क्या ज्यादा बेहतर ?

सूखे नारियल में मॉइश्चर की कमी के कारण अधिक फैट मौजूद होता है। ताजे कच्चे नारियल की तुलना में सूखे नारियल में कैलोरी की मात्रा ठीक उसकी दुगुनी होती है। इसमें अधिक फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता है। सूखे नारियल की शेल्फ लाइफ अधिक होती है और ये कच्चे नारियल की तुलना में अधिक दिन तक अच्छी अवस्था में रहते हैं। हालांकि, पोषक मूल्यों और गुणों के आधार पर कच्चा नारियल ज्यादा फायदेमंद होता है।

सोमवार, 17 जून 2024

स्वास्थ्य: पोषक तत्वों से भरपूर है 'सब्जा के बीज'

स्वास्थ्य: पोषक तत्वों से भरपूर है 'सब्जा के बीज' 

सरस्वती उपाध्याय 
शायद ही कोई घर हो, जहां तुलसी का पौधा न लगा हो और इसके गुणों को न जानता हो। सब्जा बीज तुलसी की ही एक प्रजाति का पौधा होता है, जिसे स्वीट बेसिल कहा जाता है।
सब्जा सीड्स का इस्तेमाल कई बीमारियों से बचाव करने के लिए किया जाता है। सब्जा के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन,फाइबर औमेगा और फैटी एशिड पाया जाता है। इसका सेवन करने से शरीर को ठंंडक पहुंचती है और गर्मी कम लगती है।
सब्जा के बीज का सेवन करने से मोटापा कम होता है। इसका सेवन करने से पेट अधिक समय तक भरा रहता है। फैट बर्न होता है। साथ ही जिन लोगो को गैस की दिक्कत होती है, उनके लिए भी फायदेमंद होता है। पेट को ठंडा रखता है। एक कप दूध के साथ इसका सेवन करने से पेट में जलन, एसिडिटी, अपत गैस व अन्य पेट की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए सब्जा सीड्स फायदेमंद होती है। इसका सेवन करने से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसका सेवन करने से माइग्रेन, थकान, टेंशन, सिरदर्द आदि में राहत मिलती है। इसके अलावा सब्जा सीड्स का सेवन करने से इम्यूनिटी बेहतर होती है।

गुरुवार, 13 जून 2024

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'  

सरस्वती उपाध्याय 
गर्मी का मौसम (समर सीजन) अपने मौसमी फलों के लिए जाना जाता हैं। इन दिनों में जहां आम का बोल-बाला हैं, वहीं लीची का स्वाद भी चखने को मिलता हैं। लीची गर्मियों के खास फलों में से एक है।
स्वाद के साथ सेहत के लिए भी लीची बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है। गर्मियों में लीची के खाने से शरीर को कई समस्याओं से बचाया जा सकता है। ची में विटामिन सी, विटामिन बी6, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, तांबा, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्निशियम और मैग्नीज जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। रोजाना लीची खाने से चेहरे पर निखार आता है और बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि लीची के सेवन से किस तरह सेहत को फायदा मिलता हैं। आइये जानते हैं, इसके बारे में...

कैंसर के जोखिम को करें कम

इसमें एंटीकैंसर प्रभाव होते हैं, प्रतिदिन किसी भी रूप में लीची के सेवन से इस खतरनाक रोग से काफी हद तक बचाव करती है। चूंकि, इसके जूस में एंटीऑक्सीडेंट और फ्लैवोनॉए़ड्स होते हैं, जिनमें एंटीकैंसर प्रभाव होते हैं। यह स्तन के कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते हैं।

मोतियाबिंद से बचाव

लीची फ्रूट के फायदे में मोतियाबिंद के लक्षणों को कम करना भी शामिल है। बता दें कि मोतियाबिंद बढ़ती उम्र में होने वाली आंखों से जुड़ी समस्या है, जिसमें देखने की सकती कमजोर पड़ जाती है। इस समस्या से बचाव के लिए भी लीची खाना फायदेमंद हो सकता है। इस पर हुए एक शोध में यह बताया गया है कि लीची मोतियाबिंद से बचाव करने में सहायक साबित हो सकती है। इसके अलावा, लीची में विटामिन-सी मौजूद होता है, जो मोतियाबिंद के जोखिमों को कम करने में लाभकारी हो सकता है।

ब्लड सर्कुलेशन के लिए

लीची का सेवन, ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, लीची ब्लड सर्कुलेशन में सुधार ला सकता है। हालांकि इसके पीछे इसका कौन-सा गुण काम करता है, फिलहाल इस बारे में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

वजन करे कम

क्या आप जानते हैं कि लीची के सेवन से वजन भी कम हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि लीची में कैलोरी, फैट बिल्कुल नहीं होता है और इसमें पानी, फाइबर अधिक होता है। ऐसे में जो लोग अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, वो लीची भी खाना शुरू कर दें।

हड्डियों को बनाएं मजबूत

अगर हड्डियां कमजोर हो तो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या, एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है और टूटने लगती है। इस समस्या से बचाव के लिए हड्डियों का मजबूत रहना जरूरी है और इसमें लीची खाने के फायदे देखे जा सकते है। बताया जाता है कि लीची हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक साबित हो सकती है।

पाचन को रखे दुरुस्त

लीची खाने से गर्मी के मौसम में पाचन संबंधित समस्याएं नहीं होती हैं। लीची में मौजूद फ्लेवोनॉएड्स, फिनोलिक कम्पाउंड डाइजेशन को दुरुस्त रखता है। ऐसे में पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए आप गर्मी के मौसम में लीची का सेवन जरूर करें।

सनबर्न से राहत

अधिक समय तक सूरज की हानिकारक किरणों के संपर्क में आने के कारण त्वचा लाल हो जाती है, जिसे सनबर्न के नाम से जाना जाता है। इससे राहत पाने के लिए लीची के फायदे देखे जा सकते है। बताया जाता है कि लीची सनबर्न को कम कर सकता है। हालांकि इस विषय में अभी और रिसर्च किए जाने की आवश्यकता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता करें मजबूत

यदि आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, सर्दी-खांसी होती रहती है, तो लीची खा सकते हैं। यह इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से कई तरह की बीमारियों, इंफेक्शन से बचाव होता है। इसमें मौजूद सैपोनिन कम्पाउंड प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करने के लिए जिम्मेदार होता है।

हृदय के लिए अच्छा

लीची खाने के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी देखे जा सकते हैं। दरअसल, लीची में क्वेरसेटिन नामक बायो एक्टिव कंपाउंड मौजूद होता है, जो कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ यानी हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा, लीची में पॉलीफेनोल की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो सीने से संबंधित समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकता है। इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जा सकता है।

मंगलवार, 11 जून 2024

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है 'गन्ने का रस'

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है 'गन्ने का रस' 

सरस्वती उपाध्याय 
चिलचिलाती गर्मी के मौसम में सभी को ठंडा रहने के लिए शरीर को ठंडक देने वाले पेय पदार्थो का सेवन करना बेहद जरुरी होता है। ऐसे में सबकी पहली पसंद रहता है गन्ने का रस। गर्मी के मौसम में गन्ने का रस पीना न केवल ताजगी-भरा होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है।
गन्ने का रस एक प्राकृतिक और पौष्टिक पेय है, जो गर्मियों में ताजगी और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। हालांकि, इसे संतुलित मात्रा में और स्वच्छता का ध्यान रखते हुए ही सेवन करना चाहिए। गन्ने के रस के नियमित सेवन से आप गर्मियों के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल के जरिए गन्ने के रस के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में बताएंगे...!

ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत

गन्ने का रस प्राकृतिक शर्करा से भरपूर होता है जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसे पीने से थकान और कमजोरी से तुरंत राहत मिलती है, जो गर्मियों में अत्यधिक पसीने के कारण होती है। गर्मी के दिनों में यह शरीर को ताजगी और शक्ति प्रदान करता है।

हाइड्रेशन बनाए रखना

गर्मियों में शरीर से अधिक पसीना निकलता है जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। गन्ने का रस पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।

पाचन में सुधार

गन्ने का रस पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले पोटैशियम और एंजाइम्स पेट की जलन और कब्ज को कम करने में सहायक होते हैं। गन्ने का रस कब्ज से राहत दिलाता है। इसमें मौजूद पोटेशियम पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है।
 
त्वचा के लिए फायदेमंद

गन्ने का रस एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं। यह त्वचा की समस्याओं जैसे कि एक्ने और त्वचा की सूजन को कम करने में भी सहायक होता है। यह त्वचा को हाइड्रेट रखता है और मुंहासों को कम करता है। इसमें मौजूद अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHA) त्वचा को निखारता है।

इम्यूनिटी को बढ़ावा

गन्ने का रस विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। यह सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों से बचाव में मदद करता है।

गुर्दे की सेहत के लिए लाभकारी

गन्ने का रस मूत्रवर्धक गुणों से भरपूर होता है, जो गुर्दे को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह गुर्दे में पथरी बनने की संभावना को भी कम करता है।
 
वजन नियंत्रण

गन्ने का रस कम कैलोरी वाला होता है और इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसे पीने से भूख कम लगती है और यह वजन नियंत्रण में सहायक होता है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो भूख को नियंत्रित करता है और अधिक खाने से बचाता है।

हृदय स्वास्थ्य

गन्ने का रस पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। गन्ने का रस कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम करता है। इसमें पोटेशियम होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
 
डायबिटीज के लिए लाभकारी

हालांकि गन्ने का रस मीठा होता है, लेकिन यह प्राकृतिक शर्करा से युक्त होता है जो धीरे-धीरे अवशोषित होती है और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखता है। हालांकि, डायबिटीज के मरीजों को इसे सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।

 
हड्डियों को मजबूत बनाता है

गन्ने के रस में कैल्शियम, मैग्नीशियम, और आयरन होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा गन्ने का रस लिवर को साफ करने में मदद करता है और जॉन्डिस जैसे लिवर संबंधित रोगों में फायदेमंद होता है।

इन बातों का रखे ख्याल

गन्ने का रस पीते समय यह ध्यान रखें कि इसे ताजा ही पिएं और ज्यादा समय तक खुला न रखें क्योंकि यह जल्दी खराब हो सकता है। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि गन्ने का रस साफ-सुथरे और हाइजेनिक तरीके से तैयार किया गया हो।

रविवार, 9 जून 2024

'खून' की कमी को दूर करने के घरेलू उपाय, जानिए

'खून' की कमी को दूर करने के घरेलू उपाय, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
हीमोग्लोबिन यानि खून की कमी अधिकतर महिलाओं को रहती है। यह एक बेहद गंभीर समस्या है। शरीर में खून की कमी के कारण चिड़चिड़ापन, थकावट, थकान और कमजोरी लगने की दिक्कते होती है। एक स्वस्थ्य शरीर में प्रोटीन, विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
जब शरीर में खून की कमी होने लगती है तो ब्रेन शरीर को कई सिग्नल देना शुरु कर देता है। 
शरीर में खून की कमी होने पर हाथ पैर में झुन-झुनी होने लगती है। बार बार चक्कर आने लगते है। अचानक उठने पर आंखों के सामने अंधेरा दिखने लगता है। शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर कुछ घरेलू उपाय शेयर किया गया है। जिसे फॉलो करके खून की कमी को दूर किया जा सकता है।

शरीर में खून की कमी को दूर करने के घरेलू उपाय

रक्त की कमी होने पर इन आहार को अपने भोजन में प्रमुख स्थान देने से आपकी रक्त की कमी कुछ ही दिनों में पूरी हो जाएगी।

हरी सब्जिया :- भोजन में नियमित हरी शाक सब्जियों का मिश्रण पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए। मौसम के अनुकूल आने वाली सब्जियों का सेवन ज़्यादा करना चाहिए।

केला :- प्रात : तीन केले खाकर दूध में मिश्री, इलायची मिलाकर नित्य पीते रहने से रक्त की कमी दूर हो जाती हैं। यह पौष्टिक नाश्ता हैं।

अंगूर :- 10 ओंस अंगूर का रस पीते रहने से रक्तालप्ता में लाभ होता हैं। अर्थात खून की कमी पूरी होती हैं।

नींबू :- जिनके शरीर में रक्त की कमो हो, शरीर दिन पर दिन गिरता जाए, उन्हें निम्बू और टमाटर के रस का सेवन लाभ पहुंचता हैं।

आंवला :- आधा कप आंवले के रस में दो चम्मच शहद, थोड़ा सा पानी मिलाकर पीने से लाभ होता हैं।

फालसा :- फालसा खाने से शरीर में रक्त बढ़ता हैं।

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गाजर :- 250 ग्राम गाजर के रस में पालक का रस मिलाकर पियें।

चुकंदर :- चुकंदर रक्त बढ़ाने में बहुत सहयोगी हैं। सीजन में इसका नित्य सेवन करना चाहिए। इसको डॉक्टर प्योर खून भी बोलते हैं।

प्याज :- प्याज में लोहा बहुत होता हैं, अत : इसको कच्चा या इस का रस शरीर में खून बढ़ाता हैं। प्याज का रस और गाजर का रस आधा आधा कप मिलाकर पीने से रक्तक्षीणता दूर होती हैं। प्याज का रस चौथाई कप और आंवले का रस या आंवले का चूर्ण एक चम्मच मिलाकर लेने से रक्तक्षीणता दूर हो जाती हैं। प्याज का रस आधा कप तथा पालक और टमाटर का रस आधा आधा गिलास, सबको मिलाकर पीने से लाभ होता हैं। प्याज का रस दो चम्मच तथा शहद दो चम्मच मिलाकर पीने से खून की कमी दूर होती हैं।

अनार :- अनार नित्य खाने से कुछ ही दिनों में खून की कमी दूर होती हैं, और चेहरा लाल टमाटर जैसा बन जाता हैं।

शहद :- रक्त की कमी हो तो दिन में तीन बार एक एक चम्मच शहद पानी में या दूध में डालकर पिए।

पालक :- पालक की सब्जी और पालक का रस दोनों ही बहुत बढ़िया हैं खून बढ़ने में। इसके रस में स्वादनुसार शहद मिलाकर पी सकते हैं। इस से चेहरे पर लालिमा, शरीर में स्फूर्ति, उत्साह, शक्ति - संचार व् रक्त भृमण तेजी से होता हैं। चेहरे के रंग में निखार आता हैं। नेत्र ज्योति बढ़ती हैं।

रक्तवर्धक मुनक्का :- 60 ग्राम मुनक्के धो कर भिगो दे। बारह घंटो बाद इनको खाए। भीगे हुए मुनक्के पेट के रोगो को दूर कर रक्त बढ़ाते हैं। मुनक्के धीरे धीरे बढ़ा कर 200 ग्राम तक कर सकते हैं। वर्ष में इस प्रकार तीन चार किलो मुनक्के खाना बहुत लाभदायक हैं।

बेल :- बेल का सूखा गूदा पीस ले। गर्म दूध में इसके दो चम्मच और स्वादनुसार पीसी मिश्री मिला कर पियें। यह अच्छा रक्तवर्धक टॉनिक हैं।

शनिवार, 8 जून 2024

अपनी डाइट में शामिल करें 'अदरक' का जूस

अपनी डाइट में शामिल करें 'अदरक' का जूस 

सरस्वती उपाध्याय 
अदरक भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाला एक अहम मसाला है। लोग आमतौर पर इसका इस्तेमाल खाने का स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए करते हैं। अदरक न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है।
खाना बनाने के अलावा भारतीय लोग अदरक की चाय भी बड़े चाव से पीते हैं।
शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे अदरक की चाय पसंद न हो। इसलिए चाहे कोई भी मौसम हो लोग अदरक की चाय पीना नहीं छोड़ते। चाय और खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा यह सेहत को भी कई तरह से फायदा पहुंचाती है। पाचन क्रिया को दुरुस्त करने के साथ ही यह कई लोगों को गैस से भी राहत दिलाती है। अदरक अपने पौष्टिक गुणों के लिए जाना जाता है, जिसकी वजह से सदियों से भारतीय रसोई में इसका इस्तेमाल होता आ रहा है।
इसे रोजाना अपनी डाइट में शामिल करने से कब्ज, एसिडिटी, अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। खाना बनाने और चाय का स्वाद बढ़ाने के अलावा आप अदरक के जूस को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। लेकिन, इसके फायदे आपको तभी मिलेंगे, जब आप इसका जूस रोज सुबह खाली पेट पिएंगे। आइए जानते हैं कि रोज सुबह खाली पेट अदरक का जूस...!

पीने से क्या-क्या फायदे होते हैं ?

जी मिचलाना और उल्टी से राहत अदरक के औषधीय गुणों के कारण इसे जी मिचलाना या उल्टी रोकने में कारगर माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस को रोकने में भी इसे काफी कारगर माना जाता है। इतना ही नहीं, यह कीमोथेरेपी और मोशन सिकनेस के कारण होने वाली जी मिचलाने से भी बचाता है।
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करें यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाकर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है। कई शोधों में पाया गया है कि अदरक ब्लड शुगर लेवल को तेजी से कम कर सकता है और एचएसबीसी के स्तर को भी बेहतर बनाता है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें अदरक एलडीएल लेवल को कम करने और एचडीएल लेवल को बढ़ाने में कारगर साबित होता है। इसके साथ ही यह दिल को भी स्वस्थ रखता है। क्योंकि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से जुड़ा होता है।
सर्दी-खांसी में कारगर रोजाना डाइट में अदरक का जूस शामिल करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जो आपको मौसमी बीमारियों से दूर रखती है। इतना ही नहीं, यह शरीर में सूजन को कम करने में भी मदद करता है।

शुक्रवार, 7 जून 2024

स्वास्थ्य: 'स्वीट डिश' बनाने की रेसिपी, जानिए

स्वास्थ्य: 'स्वीट डिश' बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
ड्राई फ्रूट्स (सूखे मेवे) हमारी सेहत के सच्चे दोस्त होते हैं। इनका नियमित सेवन करने पर हमें ताकत तो मिलती ही है, साथ ही शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) भी विकसित होती है।
ये किसी भी तरह से हमारे अंदर जाए, हमारे लिए फायदेमंद होते हैं। इनके हलवा का जलवा देखते ही बनता है। इसका स्वाद बेहतरीन होता है और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह काफी लाभकारी है। स्वाद काफी कुछ बनाने के तरीके पर निर्भर करता है। आज हम आपके लिए इसकी आसान रेसिपी लेकर आए हैं, जिससे यह स्वीट डिश सभी लोगों को पसंद आएगी।

सामग्री...

आधा कप काजू
आधा कप बादाम
1 कप बिना बीज के खजूर
1 कप अंजीर
आधा कप अखरोट
आधा छोटा कप पिस्ता
5-6 चम्मच नारियल बुरादा
1 चम्मच पिसी हुई हरी इलायची
आधा चम्मच पिसी हुई काली इलायची
आधा कप पिसे हुए मखाने
4 बड़े चम्मच दूध
2 बड़े चम्मच देसी घी।

विधि...

सबसे पहले बादाम, पिस्ता, काजू, अखरोट और मखाने को मिक्सी में पीस लें।
मिश्रण को दरदरा ही रखें, ज्यादा महीन न पीसें। चाहें तो मेवा पीसने से पहले टुकड़ों में काट सकते हैं, ताकि अच्छे से पिस जाए।
इसके बाद इसे एक बर्तन में निकाल लें। अब ब्लेंडर में खजूर, अंजीर, दूध, इलायची, नारियल बुरादा और एक चम्मच घी डालें और ब्लैंड करें।
अब एक पैन या कड़ाही लें और उसमें एक चम्मच घी डालें। इसमें मेवे का मिश्रण डालकर भूनें।
इसके बाद अंजीर-खजूर और दूध वाला मिश्रण डालें और चलाते हुए पकाएं। इसे ज्यादा तेज आंच पर न पकाएं। 5 मिनट बाद गैस बंद कर दें।
हलवे को ठंडा होने दें। इसे हलवे की तरह भी खा सकते हैं और बर्फी या लड्डू बनाकर भी तैयार कर सकते हैं।

सोमवार, 3 जून 2024

स्वास्थ्य: 'पुदीना पुलाव' बनाने की रेसिपी, जानिए

स्वास्थ्य: 'पुदीना पुलाव' बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
दोपहर के समय ज्यादातर लोग चावल खाना पसंद करते हैं। चावल दाल, पुलाव और बिरयानी जैसे वन-पॉट मील से बेहतर कुछ लगता भी नहीं। वहीं, कभी चावल ज्यादा बन जाएं, तो उन्हें बाद के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। बचे हुए चावल से आप एक नई रेसपी ट्राइ कर सकते हैं, जो है पुदीने की चटनी वाला पुलाव। ये स्वाद में लाजवाब तो है ही, साथ ही बड़ी ही आसानी से बना सकते हैं।
चलिए, आज हम आपके लिए एक नई और उम्दा पुदीना पुलाव की रेसिपी लेकर आए हैं। इसे बनाकर आप मिनटों में अपना ऑफिस का लंच तैयार कर सकेंगे। यह स्वादिष्ट इतनी होगी कि आपके सहकर्मी भी इसे खाते ही आपकी तारीफ करेंगे।

सामग्री...

बासमती चावल 1 कप
पुदीने की पत्तियां 1 कप
धनिया पत्तियां 1 कटोरी
हरी मिर्च 2 (बारीक कटी)
 प्याज 1 (बारीक कटा)
अदरक 1 छोटा चम्मच (बारीक कटा)
लहसुन की 4 कलियां छिली हुईं
नींबू का रस एक छोटा चम्मच
नारियल 3 बड़े चम्मच (कद्दूकस किया)
3 छोटी इलायची
4 लौंग
1 दालचीनी का टुकड़ा
1 तेज पत्ता
नमक स्वादानुसार
तेल या घी।

विधि...

सबसे पहले चावल साफ करके धो लें। इन्हें 20 मिनट के लिए पानी में भिगोकर रख दें। इसके बाद चावल को गैस पर रख कर मीडियम आंच पर ढककर उबाल लें। चावल उबलने के बाद गैस बंदकर छलनी से इसका पानी अलग कर दें। अब पुदीना, हरा धनिया, नींबू रस, अदरक, लहसुन, और नारियल को मिक्सी में पीसकर पेस्ट तैयार कर लें। इसके बाद गैस पर पैन में तेल या घी गर्म करें। इसमें तेज पत्ता, दालचीनी, लौंग और छोटी इलायची का तड़का लगाएं। फिर प्याज और हरी मिर्च डालें। प्याज को सुनहरा होने तक पकाएं।
अब इसमें पुदीने का पेस्ट डालकर 2 मिनट तक और पकाएं। इसके बाद पैन में उबले चावल और नमक डालकर मिक्स करें। 2 मिनट तक पकाने के बाद गैस बंद कर दें। तैयार हैं पुदीना पुलाव। 
ऊपर से पुदीना और हरी धनिया पत्तियों से गार्निश करके गर्मा-गर्म सर्व करें।

सोमवार, 27 मई 2024

15 मिनट में बनाएं 'चॉकलेट' पेड़ा, जानिए रेसिपी

15 मिनट में बनाएं 'चॉकलेट' पेड़ा, जानिए रेसिपी 

सरस्वती उपाध्याय 
चॉकलेट का नाम सुनते ही बच्चों के मुंह में पानी आने लगता है। भले ही आज बाजार में कितनी ही मीठे चीजे उपलब्ध हो, लेकिन चॉकलेट की बात ही कुछ और है। इसे खिलाकर किसी भी रूठे हुए बच्चे को मनाया जा सकता है। अब सोचिए, जब चॉकलेट में इतना असर है तो चॉकलेट पेड़ा कितना कमाल कर देगा। यह मिठाई बच्चों के साथ बड़ों का दिल जीत लेगी। इसे खाकर सबको मजा आ जाएगा। किसी खास अवसर पर इस स्पेशल स्वीट डिश का मजा मेजबान और मेहमान दोनों ले सकते, तो चलिए जानते हैं सिर्फ 15 मिनट में बनने वाली चॉकलेट मिठाई की रेसीपी।

सामग्री...

खोया- 1 कप कद्दूकस किया हुआ
चीनी-1/4 कप
कोको पाउडर-2 टेबल स्पून
सजावट के लिए कटा हुआ पिस्ता और बादाम

विधि...

1- सबसे पहले एक कड़ाही या पैन को गरम होने के लिए गैस पर चढ़ा दें।हल्का गरम होने पर इसमें खोया और चीन डाल दें। गैस की आंच को मध्यम पर रखें।
2-खोया और चीन गरम होने पर पिघलने लगेगा।इसे 6 से 7 मिनट तक लगातार चलाते रहें, ताकी यह नीचे न लगे।जब यह गाढ़ा होने लगे तो इसमें कोको पाउडर डालें। पाउडर कहीं कम या ज्यादा न हो जाए, इसलिए इसे अच्छे से मिक्स करें।
3-अब गैस को भी अब बंद कर दें। इस मिश्रण को किसी प्लेट में निकाल लें और ठंडा होने दें। जब यह ठंडा हो जाए, तो इसे बराबर हिस्सों में बांट लें और मनचाहे आकार में पेड़े बना लें। सारे पेड़े बन जाएं तो इसे बादाम और पिस्ता की कतरन से सजाएं। तैयार है चॉकलेट पेड़ा।

मंगलवार, 14 मई 2024

स्वास्थ्य: बासी 'रोटी' खाना बेहद फायदेमंद, जानिए

स्वास्थ्य: बासी 'रोटी' खाना बेहद फायदेमंद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
तवे से उतरी गर्मा-गर्म रोटी खाना हर कोई पसंद करता है। लेकिन जब बात रात की बची यानी बासी रोटी की आती है, तो लोगों की भूख ही मिट जाती है। अगर आप भी इसे खाने से परहेज करते हैं और इन रोटियों को जानवरों के आगे डाल देते हैं, तो ये आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए। बता दें, पुराने जमाने से ही लोग सुबह-सवेरे उठकर बासी रोटी खाते आए हैं, जिसके पीछे सेहत को मिलने वाले कई फायदे छिपे हुए हैं।

इम्युनिटी बूस्टर

बासी रोटी का सेवन आपके लिए इम्युनिटी बूस्टर भी साबित हो सकता है, बस जरूरत है इसका सही ढंग से सेवन करने की। कई लोग रात में बची रोटी को कढ़ाई में तेल डालकर सब्जी की तरह छोंकते हैं या फिर चीनी और मक्खन लगाकर खाने की कोशिश करते हैं, जो कि सेहत के लिए लिहाज से बिल्कुल भी सही नहीं है और ऐसा करने से इसमें मौजूद प्रीबायोटिक्स भी नष्ट हो जाते हैं।

पाचन को बनाए बेहतर

बासी रोटी खाने से पाचन से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलती है और अगर आपको कब्ज की भी दिक्कत रहती है, तो उस लिहाज से भी इसका सेवन काफी मददगार साबित हो सकता है। सुबह इसे खाने से आपको पेट फूलने और एसिडिटी जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है।

वेट लॉस में मददगार

बढ़ते वजन को काबू में रखने के लिए भी बासी रोटी खाना फायदेमंद हो सकता है। बता दें, ताजी रोटियों की तुलना में बासी रोटी में कैलोरी कम पाई जाती है, जिससे वेट लॉस कर रहे लोगों को मदद मिलती है।

ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोल

बासी रोटी खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, ऐसे में डायबिटीज के रोगियों के लिए सुबह सवेरे दूध के साथ यह एक बढ़िया नाश्ता साबित हो सकती है। बस आपको ध्यान इस बात का रखना है कि, इसमें चीनी डालने की भूल नहीं करनी है।

मांसपेशियों को बनाए मजबूत

बासी रोटी में मौजूद न्यूट्रिएंट्स वर्कआउट करने वाले लोगों के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। खासतौर से जब रोटी गेहूं से तैयार की गई हो। इसके सेवन से मसल्स को स्ट्रांग बनाया जा सकता है और इसे दूध के साथ डाइट में शामिल करने से भी फायदे दोगुने हो जाते हैं।

पीएम नेतन्याहू की सरकार को बर्बर करार दिया

पीएम नेतन्याहू की सरकार को बर्बर करार दिया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार को कांग्रेस...