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रविवार, 10 मार्च 2024

होली के अवसर पर बनाएं मावा भरी गुजिया, रेसिपी

होली के अवसर पर बनाएं मावा भरी गुजिया, रेसिपी 

सरस्वती उपाध्याय 
इस साल होली का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा और इस मौके पर घरेलू मिठाइयां तैयार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। होली के इस खास मौके पर गुजिया हर घर में बनाई जाएगी, खासकर मावा भरी गुजिया की रेसिपी को अपनाकर। यहां है इस खास मिठाई की ट्रेडिशनल रेसिपी...

सामग्री:

2 कप मैदा
घी
1 कप खोया
1 कप चीनी
1 चम्मच छोटी इलायची पाउडर
1 चम्मच कद्दूकस किया बादाम
4 चम्मच किशमिश
पानी

कैसे बनाएं गुजिया ?

सबसे पहले आटा बनाएं, जिसके लिए थोड़ा घी और पानी के साथ मैदा को अच्छे से गूंथ लें। आटा को आधे घंटे तक ढककर रखें ताकि वह सेट हो सके।
इस बीच, खोया को हल्की आंच पर भूनें और उसमें कद्दूकस किया बादाम, इलायची पाउडर, किशमिश और चीनी मिलाएं।
आटे को गूंथे हुए गोल पूरी बनाएं और उसमें बनाए गए मिक्सचर को भरें। गुजिया की किनारों पर हल्का पानी लगाकर उसे बंद करें।
फैंसी कटर की मदद से गुजिया को शेप दें और बनाएं और बनाएं।
एक कढ़ाई में घी गरम करें और गुजिया को हल्की आंच पर तलें। तब तक तलें जब तक वे हल्के भूरे रंग की नहीं हो जाएं।
चाश्नी वाली गुजिया के लिए, एक पैन में चीनी और पानी डालकर चाश्नी तैयार करें। तली हुई गुजिया को चाश्नी में डालें।
गुजिया को प्लेट में निकालें और ठंडा होने पर कंटेनर में स्टोर करें।
इस तरीके से आप बड़ी आसानी से घर पर होली के लिए मावा भरी गुजिया बना सकते हैं और इस त्योहार को और भी रंगीन बना सकते हैं।

शुक्रवार, 8 मार्च 2024

अच्छे खीरे की पहचान के तरीके, जानिए

अच्छे खीरे की पहचान के तरीके, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
गर्मी के मौसम में शरीर को तरोताजा रखने के लिए बहुत जरूरी है कि आप अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल करें, जो आपकी बॉडी को हाइड्रेटेड रखती हैं। खासतौर पर गर्मी के मौसम में आने वाले फल सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।
मगर फलों के सेवन के साथ ही आपको इस बात का ख्‍याल रखना भी जरूरी है कि बाजार से आप जो फल खरीद रहे हैं वह खाने में स्‍वादिष्‍ट और सेहत के लिए अच्‍छा है भी या नहीं है। ऐसे ही फलों में खीरे का नाम भी आता है।
वैसे तो खीरा आपको हर मौसम में मिल जाएगा। मगर अच्‍छा और देसी खीरा केवल गर्मियों के मौसम में ही आता है। खासतौर पर मार्च से लेकर जून तक के महीनों में लू चलने के कारण अच्‍छे और मीठे खीरे की पैदावार बहुत होती है।
खीरा एक सस्‍ता फल होने के साथ ही स्‍वादिष्‍ट और सेहतमंद भी होता है। मगर इसे खरीदते वक्‍त यदि आप सावधानी नहीं बरतेंगे तो कड़वा, बेस्‍वाद और बीज वाला खीरा आप घर ले आएंगे। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि जब आप खीरा खरीदें तो किन बातों का विशेष रूप से ध्‍यान रखें।

खीरे के छिलके को देखें

बाजार में आपको खीरे की कई वैरायटी मिल जाएंगी। मगर यदि आप देसी खीरा खरीदना चाहती हैं तो आपको खीरे का छिलका देखना चाहिए। खीरे का छिलका अगर गहरा हरा और कहीं-कहीं से पीलापन लिए हुए है और उसमें दाने उभरे हुए हैं तो जान लें कि वह देसी खीरा है।आप इस तरह के खीरे को खरीद सकते हैं।

खीरा में कितना कसाव है देखें

खीरा लेते वक्‍त यह भी देखें कि वह मुलायम तो नहीं है। मुलायम खीरे अंदर से अधिक बीज वाले और गले हुए हो सकते हैं। दरअसल, जब खीरा जरूरत से ज्‍यादा पक जाता है तो वह इस तरह का हो जाता है। आपको सख्‍त खीरा ही चुनना चाहिए, इसके लिए आप खीरा लेने से पहले उसे दबा कर देखें।

खीरे का आकार देखना भी है जरूरी

बाजार में छोटे, बड़े, मोटे और टेढ़े-मेढ़े कई आकार के खीरे आपको मिल जाएंगे। मगर बेस्‍ट होगा कि आप साइज में छोटे खीरे खरीदें। इसके साथ ही खीरा न बहुत अधिक पतला होना चाहिए और न बहुत अधिक मोटा होना चाहिए। अधिक बड़े और मोटे आकार के खीरे में अधिक बीज निकल सकते हैं और बहुत अधिक पतला खीरा कच्‍चा और कड़वा हो सकता है।

न खरीदें इस तरह का खीरा

खीरा अगर कटा हुआ है और बहुत अधिक मुड़ा हुआ है तो ऐसे खीरे भी नहीं खरीदने चाहिए। इसके साथ ही खीरे में उभरी हुई हरी रेखाएं नजर आ रही हों तो जान लें कि वह देसी खीरा नहीं है।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से रोकने में मददगार है 'साग'

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से रोकने में मददगार है 'साग'

सरस्वती उपाध्याय 
दिल की बीमारियां जो आजकल तेजी से बढ़ रही हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना जो कि खराब डाइट के कारण आम होता जा रहा है। दरअसल, अनहेल्दी फैट से भरपूर फूड्स का सेवन शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है। इसकी वजह से होता ये है कि दिल को पूरे शरीर में ब्लड पंप करने में प्रेशर महसूस होता है जिस वजह से हाई बीपी की समस्या होती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि आप शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से रोकें और इस काम में ये साग आपके लिए मददगार हो सकता है। कैसे, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

हाई कोलेस्ट्रॉल में बथुआ

हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को बथुआ जरूर खाना चाहिए। दरअसल, बथुआ की पत्तियों में फाइबर और रफेज की अच्छी मात्रा होती है जो कि कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद कर सकता है। ये असल में आपके शरीर में जाकर गर्मी बढ़ाती है और बैड फैट लिपिड्स को पिघलाने में मदद कर सकती है। एक तरह से समझें तो इसका रफेज आपकी धमनियों के लिए स्क्रब की तरह काम करता है और कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद कर सकता है। इतना ही नहीं ये दिल के लिए भी फायदेमंद है।
बथुआ साग में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो हृदय रोग से जुड़ी पुरानी सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये विटामिन ए, सी और के से भरपूर होने के कारण, बथुआ की पत्तियां दिल के लिए फायदेमंद है। इन पत्तियों में मैग्नीशियम और पोटेशियम भी होता है, जो धमनियों की दीवारों को स्वस्थ रखने के साथ दिल के काम काज को बेहतर बनाते हैं।

हाई कोलेस्ट्रॉल में कैसे खाएं बथुआ

हाई कोलेस्ट्रॉल में आप बथुआ को कई प्रकार से खा सकते हैं। लेकिन, सबसे कारगर तरीका ये है कि बथुआ को उबाल लें और फिर इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर दरदरा पीस लें और इसका चौखा जैसा बनाकर या रायता बनाकर खाएं। ध्यान रखें कि इसमें तेल और मसाले आदि की मिलावट न करें।

शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

नारियल पानी का सेवन करना बेहद लाभदायक

नारियल पानी का सेवन करना बेहद लाभदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
गर्मियों के मौसम में नारियल पानी का सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है। क्योंकि गर्मियों में खुद को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी होता है, इसलिए रोजाना नारियल पानी का सेवन करने से हम खुद को हाइड्रेट रख पाते हैं। साथ ही, गर्मियों में नारियल पानी पीने के कई फायदे होते हैं।
गर्मियों में रोजाना नारियल पानी पिने से मिलते है अनेको फायदे , जाने कैसे ?

हाईड्रेशन 
शरीर को हाइड्रेट रखने में नारियल पानी का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद है। नारियल पानी में 90% पानी नहीं होता है। शरीर में पानी की कमी होने पर नारियल का पानी पीना फायदेमंद होता है, जो पानी की कमी को पूरा करने में सहायक होता है। साथ ही आपको डिहाइड्रेशन की समस्या भी बचाता है।

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद 
कई बार आपने सुना होगा कि तरल पदार्थों के अधिक सेवन से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है क्योंकि इसे पचाने में आसानी होती है और पोषक तत्व भी रक्त द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। नारियल पानी में उच्च मात्रा में फाइबर और मैग्नीशियम पाए जाते हैं, जो पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे कब्ज और अपच की दिक्कत कम हो सकती है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार 
कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए नारियल पानी अच्छा होता है। इसका एक और कारण यह है कि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।

वजन कम करने में सहायक
कई लोग अपने बढ़े हुए वजन को लेकर परेशान रहते हैं। साथ ही उनके लिए गर्मियों में खुद को फिट रखना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आप रोज सुबह नारियल पानी के सेवन कर सकते हैं। इसमें फैट की मात्रा कम होती है और यह पूरे दिन आपको भरा हुआ महसूस करता है। इससे आपकी बॉडी ग्लो कर सकती है। साथ ही शरीर भी सुडौल रहता है।

मंगलवार, 16 जनवरी 2024

छुटकारा पाने में बादाम का तेल काफी असरदार

छुटकारा पाने में बादाम का तेल काफी असरदार

सरस्वती उपाध्याय 
वैसे तो चेहरे पर झुर्रियों की समस्या बढ़ते उम्र की निशानी होती है। लेकिन, आजकल 30-35 साल के लोगों को भी यह दिक्कत होने लगी है। पहले समझते हैं कि झुर्रियों के पीछे क्या कारण है? तो इसके पीछे तनाव, कम नींद और बदलती जीवनशैली के चलते हमारी दिनचर्या और खानपान में आए बदलाव जैसे कई कारण हो सकते हैं। शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी के वजह से भी झुर्रियों की समस्या हो सकती है। अब सवाल उठता है कि क्या हम झुर्रियों को दूर कर सकते हैं? तो इससे छुटकारा पाने में बादाम का तेल काफी असरदार है।
अगर आप जानना चाह रहे हैं कि झुर्रियों के लिए सबसे अच्छी क्रीम कौन सी है, तो हम बताने जा रहे हैं एक ऐसे तेल के बारे में जो रातों रात झुर्रियां दूर करने में आपकी मदद कर सकता है। वो तेल है बादाम का तेल। बादाम तेल में झुर्रियों को कम करने वाले कई गुण मौजूद होते हैं। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-ई, विटामिन-डी, ओमेगा-3, फैटी एसिड और फास्फोरस जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। इन पोषक तत्वों की प्रचुरता की वजह से बादाम तेल त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है।
झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए ऐसे करें इस्तेमाल।
झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आप रात में सोने से पहले रोजाना अपने चेहरे पर बादाम तेल का इस्तेमाल करें। अपने हाथों पर बादाम तेल की कुछ बूंदें लें और कम से कम दो मिनट तक हल्के हाथों से मसाज करें। इसके लिए रात का समय सबसे बेहतर होता है। तेल से मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। बादाम तेल के नियमित इस्तेमाल से चेहरे में चमक और निखार भी आती है। इससे आपकी स्किन को जरूरी पोषण मिलता है और स्किन हेल्दी रहता है। बादाम के तेल में विटामिन-ई और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होता है जिससे चेहरे की झुर्रियों के साथ-साथ दाग-धब्बों से भी छुटकारा मिलता है। अगर आपके चेहरे पर दाग-धब्बे हैं तो बादाम का तेल आपको इन से भी निजात दिलाएगा।
इनके साथ भी मिला सकते हैं बादाम तेल
झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आप बादाम तेल का इस्तेमाल एलोवेरा जेल, नारियल तेल और विटामिन-ई कैप्सूल के साथ भी कर सकती हैं। नारियल तेल, एलोवेरा जेल और विटामिन-ई कैप्सूल भी हमारे स्किन के लिए फायदेमंद होता है। झुर्रियां कम होने के अलावा बादाम तेल के साथ इनके इस्तेमाल से आपको दोहरा फायदा मिलेगा क्योंकि, स्किन के लिए ये तीनों भी फायदेमंद है।
चेहरे की झुर्रियों को कम करने के उपाय 
एलोवेरा जेल – झुर्रियों को कम करने के लिए सिर्फ बादाम तेल की जगह आप इसके साथ एलोवेरा जेल मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। एलोवेरा जेल और बादाम तेल एक साथ बेहतरीन एंटी-एजिंग क्रीम की तरह काम करते हैं।
विटामिन-ई कैप्सूल – बाजार में ढ़ेरों एंटी-रिंकल क्रीम मौजूद हैं लेकिन, वह काफी महंगा होता है। साथ ही उनमें केमिकल भी मौजूद होता है ऐसे में विटामिन-ई कैप्सूल और बादाम तेल एक सस्ता और नेचुरल विकल्प हो सकता है। इसे इस्तेमाल करना भी आसान है, आपको बस बादाम के तेल में विटामिन-ई कैप्सूल मिलाकर चेहरे पर लगा लेना है।
नारियल तेल – बादाम तेल में नारियल तेल मिलाकर लगाने से भी झुर्रियों में कमी आती है। इसके साथ ही नारियल तेल से आपको एक और फायदा मिलेगा। नारियल तेल से चेहरे में कसाव आता है। साथ ही त्वचा मुलायम और स्वस्थ बनती है।

गर्म पानी पीने के हानिकारक प्रभाव, जानिए

गर्म पानी पीने के हानिकारक प्रभाव, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
गले में खराश, अपच या कंजेशन जैसी कई मेडिकल कंडिशन के इलाज के लिए अक्सर गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है। क्या आप जानते हैं कि बहुत ज्यादा गर्म पानी पीने से आपकी सेहत पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है ? जबकि गर्म पानी पीने के बहुत सारे फायदे माने जाते हैं, लेकिन हर एक चीज साइडइफेक्ट के साथ आती है। कई लोग मानते हैं कि गर्म पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यहां जानिए क्यों सीमित मात्रा में करना चाहिए गर्म पानी का सेवन।
1. जलन
बहुत ज्यादा गर्म पानी पीने से आपके मुंह, गले और पाचन तंत्र में जलन हो सकती है। गर्म पानी का सेवन करने से पहले इसे सुरक्षित तापमान तक ठंडा करना जरूरी है।
2. डिहाइड्रेशन
अगर गर्म पानी का ज्यादा सेवन किया जाए तो यह डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। बहुत ज्यादा गर्म पानी पीने से आपके शरीर में लिक्विड की कमी हो सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
3. पाचन संबंधी परेशानी
जबकि अक्सर पाचन में मदद के लिए गर्म पानी की सिफारिश की जाती है, लेकिन बहुत ज्यादा गर्म पानी का सेवन पेट की परत में जलन पैदा कर सकता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
4. मिनरल इनबैलेंस
लंबे समय तक बहुत गर्म पानी के सेवन से शरीर में जरूरी मिनरल्स की कमी हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गर्म पानी से बहुत ज्यादा पसीना आ सकता है और लिक्विड की कमी हो सकती है, जिसकी वजह से इलेक्ट्रोलाइट इनबैलेंस हो सकता है।
5. दांतों पर असर
बहुत गर्म पानी समय के साथ आपके दांतों के इनेमल को नष्ट कर सकता है, जिससे दांतों की सेंसिटिविटी बढ़ जाती है और कैविटी का खतरा बढ़ जाता है। गर्म पानी को पीने से पहले थोड़ा ठंडा कर लेना सबसे अच्छा है।

रविवार, 24 दिसंबर 2023

पेपर कप में चाय पीना बेहद नुकसानदायक

पेपर कप में चाय पीना बेहद नुकसानदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
अगर आप भी पेपर कप में चाय पीते है, तो तुरंत ही पेपर कप में चाय पीना बंद कर दें।
पेपर कप सेहत को नुक्सान पंहुचा सकता है। प्लास्टिक कप के नुक्सान से बचने के लिए लोग अक्सर पेपर के कप में चाय पीना पसंद करते है।
लोग सड़क के किनारे चाय की टपरी से चाय पीते है। टी-स्टाल पर चाय देने के लिए पेपर कप का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर लोग इन पेपर कप से चाय पीते है। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि पेपर कप सेहत को कितना नुक्सान पहुंचते है। ऐसे में चलिए जानते है कि पेपर कप आपकी सेहत को क्या-क्या नुक्सान पंहुचा सकते है ?

इस वजह से नुकसानदायक है पेपर कप से चाय पीना

हर कोई प्लास्टिक कप से होने वाले नुक्सान के बारे में जानता है। लेकिन प्लास्टिक कप जितना नुक्सानदायक होता है सेहत के लिए पेपर कप भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। पेपर कप जब बनता है तो उसमें प्लास्टिक या मोम से कोटिंग क जाती है।
ताकि पेपर कप में गरम चीज़ डाली जा सके। ऐसे में जब आप पेपर कप में चाय या कोई भी गरम चीज़ पीते है तो इसमें मौजूद केमिकल्स पदार्थ उसके साथ मिल जाते है। जो सीधा आपके शरीर में जाते है। जिससे स्वास्थ्य को नुक्सान हो सकता है।

पेपर कप के नुकसान
पेपर कप में चाय या कोई भी गरम चीज़ पीने से कप के केमिकल सीधा पेट के अंदर जा सकते है। जिससे व्यक्ति को अपच और डायरिया जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती है।
पेपर कप में मौजूद केमिकल्स शरीर में टॉक्सिन के जमा होने का भी कारण हो सकते है। जो बाद में शरीर में स्लो पाइजन का काम करते है।
पेपर कप में चाय पीने से पाचन तंत्र और किडनी पर काफी प्रभाव पड़ता है।
पेपर कप में मौजूद केमिकल्स हार्मोन असंतुलन कर सकते है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।

शनिवार, 23 दिसंबर 2023

कच्चे दूध का सेवन करना बेहद लाभदायक

कच्चे दूध का सेवन करना बेहद लाभदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
कच्चे दूध में मौजूद विटामिन, पोटैशियम, बायोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम चेहरे के दाग धब्बों को दूर करने में मदद करते हैं और साथ ही काफी फायदा देते हैं। कच्चे दूध को आप रात में सोने से पहले का इस्तेमाल करते हैं, तो सुबह सवेरे आपकी स्किन एकदम सॉफ्ट और खिली खिली रहेगी। नाइट के रूटीन में दूध को कैसे इस्तेमाल करना है ? चलिए आपको बताते हैं।

कच्चे दूध के इस्तेमाल से त्वचा को मिलते हैं ये 3 फायदे

चेहरे पर कच्चा दूध लगाने के फायदों के बारे में जयपुर में अरोमा एंड नैचुरो थेरेपिस्ट डॉ. मनोज दास बताते हैं कि कच्चे दूध को चेहरे पर लगाने से कई फायदे होते हैं। कच्चे दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो स्किन को मॉस्चराइज़ करते हैं और स्किन को खूबसूरत बनाते हैं।

मुंहासों का बेहतर इलाज़

कच्चे दूध को मुंहासों के इलाज में एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। डॉ. मनोज ने बताया कि कच्चे दूध में मौजूद लैक्टोफेरिन, एक प्राकृतिक प्रोटीन, और लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया एंटी-इन्फ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज रखते हैं, जो मुंहासों की सूजन और लालिमा को कम करने में मदद करते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कच्चे दूध में प्रोबायोटिक्स जैसे गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो त्वचा के मैक्रोबिओटिक्स को संतुलित रखने में मदद करते हैं और बैक्टीरियल इंफेक्शन को कम करते हैं। जिससे मुंहासों की समस्या में कमी आती है।

कैसे करना हैं इस्तेमाल ?

कच्चे दूध को मुंहासों पर लगाने के लिए, आप इसे एक क्लींजर की तरह ही प्रयोग कर सकते हैं और उसे कच्चे दूध में डिप करके मुंहासों पर लगा सकते हैं। इसे लगाने के बाद आप इसे 15-20 मिनट के लिए सुखा लें और फिर ठंडे पानी से धो सकते हैं। इस प्रकार के उपचार को नियमित रूप से करने से मुंहासों की स्थिति में सुधार हो सकता है।

गुरुवार, 21 दिसंबर 2023

मूली के पत्तों की सब्जी बनाकर खाएं, स्वादिष्ट

मूली के पत्तों की सब्जी बनाकर खाएं, स्वादिष्ट 

सरस्वती उपाध्याय 
“सर्दियों के मौसम में मूली की जबरदस्त आवक होती है। इसे सलाद के रूप में तो खाया ही जाता है, साथ ही इसकी सब्जी भी लाजवाब होती है। मूली पाचन के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। साथ ही यह शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करती है। इसले अलावा मूली के पत्तों के भी कई फायदे होते हैं।

आम तौर पर लोग मूली को तो खाते हैं। लेकिन इसके पत्तों को फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप इनके पत्तों की सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं, क्योंकि ये बहुत ही स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होती है। यह बनाना काफी आसान है और ज्यादा वक्त भी नहीं लगता, तो चलिए जान लेते हैं, मूली के पत्तों की सब्जी बनाने की आसान विधि।

सामग्री

मूली पत्ते – 1/2 किलो
मूली – 2
प्याज – 2
लहसुन – 8-10 कलियां
लाल मिर्च पाउडर – 1/2 टी स्पून
धनिया पाउडर – 1 टी स्पून
हल्दी – 1/2 टी स्पून
मेथी दाना – 2 टी स्पून (वैकल्पिक)
राई – 1/2 टी स्पून
सौंफ – 1/2 टी स्पून
खड़ी लाल मिर्च – 5-6
तेल – जरूरत के मुताबिक
नमक – स्वादानुसार

विधि
सबसे पहले मूली के पत्ते लें और उन्हें अच्छे से धो लें। इसके बाद इन्हें बारीक काट लें। अब मूली लें और इन्हें भी छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें.प्याज और लहसुन की कली के भी बारीक-बारीक टुकड़े कर लें। अब एक कड़ाही में 2 टेबल स्पून तेल डालकर गरम करें। तेल गरम होने के बाद इसमें जीरा, मेथीदाना, राई और सौंफ डालकर कुछ सैकंड भूनें और तड़का लगाएं। कुछ सैकंड तक भूनने के बाद इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर पकाएं। कुछ देर बाद बारीक कटा प्याज और लहसुन डालकर सेकें। इन्हें तब तक भूनना है, जब तक कि प्याज का रंग हल्का गुलाबी न हो जाए।

इसके बाद मसाले में कटी मूली डालें और फ्राई करें. इसके बाद लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर डालकर मिलाएं। अब मूली के पत्ते और स्वादानुसार नमक डालकर मिलाएं.अब कड़ाही ढक दें और सब्जी को 4-5 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें। जब मूली के पत्ते और मूली ठीक से नरम हो जाए तो गैस बंद कर दें।तैयार है मूली पत्तों की सब्जी। इसे लंच या डिनर किसी भी वक्त बना सकते हैं।

मंगलवार, 19 दिसंबर 2023

स्वादिष्ट गाजर की खीर बनाने की विधि, जानिए

स्वादिष्ट गाजर की खीर बनाने की विधि, जानिए 
सरस्वती उपाध्याय 
खीर का नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है। आम तौर पर चावल की खीर बनती है, लेकिन कुछ और चीजें भी हैं जिससे यह तैयार की जा सकती है और वह बेहद स्वादिष्ट होती है। आज हम बात कर रहे हैं गाजर की खीर की, जो सर्दियों में भरपूर पोषण भी देती है। आम तौर पर गाजर का मीठे के रूप में हलवा बनाकर ही मजा लिया जाता है, लेकिन आप एक बार इसकी खीर चख लेंगे तो बार-बार इसकी डिमांड करेंगे। यह घर में छोटे-बड़ों सबको पसंद आएगी। इस बनाने में दूध, इलायची के साथ ही ड्राई फ्रूट्स काम लिए जाते हैं। इसे लंच या डिनर के बाद सर्व कर सकते हैं।
सामग्री
गाजर – 250 ग्राम
दूध – 1 लीटर
बादाम – 8-10
इलायची – 2 पिंच
चीनी – 1 कप
विधि
1- सबसे पहले गाजर को धोकर साफ कर लें। इसके बाद उन्हें सूखे सूती कपड़े से पोछ लें। अब गाजर को कद्दूकस कर एक बर्तन में अलग रख दें।
2- इसके बाद बादाम को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।अब एक गहरे तले वाले बर्तन में दूध डालकर उसे मीडियम आंच पर गरम करने के लिए रख दें।
3- अब दूध को 2-3 मिनट तक पकाने के बाद उसमें उबाल आना शुरू हो जाएगा। इसके बाद दूध में कद्दूकस गाजर डालकर मिक्स कर दें।
4- अब खीर को 4-5 मिनट तक पकने दें। जब खीर गाढ़ी होने लग जाए तो इसमें दो चुटकी इलायची पाउडर और चीनी डालकर मिक्स करें। अब खीर को ढककर लगभग 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
5- खीर तब तक पकाना है। जब तक कि गाजर अच्छी तरह से नरम होकर पूरी पक न जाए। गाजर की खीर तैयार है। इसे सर्विग बाउल में डालें और ऊपर से बादाम के टुकड़ों से गार्निश कर परोसें।

रविवार, 17 दिसंबर 2023

लिवर को समय पर डिटॉक्स करना बेहद जरूरी

लिवर को समय पर डिटॉक्स करना बेहद जरूरी
सरस्वती उपाध्याय 
ठंड में जब शरीर जाम होने लगता है तो लिवर का फंक्शन में स्लो हो जाता है। जिससे तकलीफ बढ़ सकती है। पेट में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। बहुत ज्यादा जंक फू़ड, ऑयली खाना और मसालेदार खाने से सेहत तो बिगड़ती ही है साथ ही लिवर पर भी इसका असर पड़ता है।लिवर के फंक्शन को ठीक रखने के लिए समय समय पर इसे डिटॉक्स करना बेहद्द जरुरी होता है। इससे आप लिवर संबंधी तकलीफों को दूर कर सकते हैं और आपका शरीर भी डिटॉक्स होता है। पेट दर्द, कब्ज, अपच, लिवर सम्बन्धी बीमारियां हैं। इन बीमारियों को दूर करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। आज हम आपको एक ऐसा ड्रिंक बता रहे हैं जो लिवर को डिटॉक्स करता है। जानिए इसे घर पर कैसे तैयार करें?
लिवर को डिटॉक्स करता है ये वॉटर
आपको इस डिटॉक्स वॉटर को तैयार करने के लिए 1 लीटर पानी लेना है। इसके लिए 1 ग्रीन एप्पल चाहिए। थोड़े से चिया सीड्स और पुदीना के पत्ते, थोड़े तुलसी के पत्ते आपको चाहिेए।
कैसे बनाएं डिटॉक्स वॉटर
किसी बर्तन में 1 लीटर फिल्टर वाला पीना ले लें।
इसमें तुलसी की 5 पत्तियां और पुदीना की 10 पत्तियों को हल्का कूट कर डाल दें।
ग्रीन एप्पल को धोकर साफ कर लें और छोटे टुकड़े करके पानी में डाल दें।
पानी में आपको करीब 1 चम्मच चिया सीड्स डालने होंगे।
सारी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स कर लें और इसे करीब 1 घंटे के लिए छोड़ दें।
अब आप इस पानी को को दिनभर में जब जी चाहे पी सकते हैं। वैसे सुबह के वक्त ये पानी ज्यादा असरदार साबित होता है।
डिटॉक्स वॉटर के फायदे
अगर आप डेली 1 गिलास डिटॉक्स वॉटर पीते हैं तो इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी।
डिटॉरक्स वॉटर पीने से यूरिन संबंधी परेशानियां कम होने लगती हैं, इसलिए आप रोजाना 1 गिलास डिटॉक्स वॉटर जरूर पिएं।
पेट से जुडी तकलीफें होने पर ये पानी कमाल का काम करता है। इससे पेट में जमा सारी गंदगी साफ हो जाती है।
डिटॉक्स वाटर पीन से पेट अच्छी तरह से क्लीन हो जाता है और पेट की समस्याएं कम हो जाती हैं।
डिटॉक्स वॉटर स्किन और बालों को भी शाइनी बनाता है। ग्लोइंग स्किन पाने के लिए रोजाना डिटॉक्स वॉटर जरूर पिएं।

बुधवार, 29 नवंबर 2023

चाय को दोबारा गर्म करना हानिकारक: स्वास्थ्य

चाय को दोबारा गर्म करना हानिकारक: स्वास्थ्य 

सरस्वती उपाध्याय 
हमेशा फ्रेश चाय पिएं। चाय को दोबारा गर्म नहीं करेंगे तो बेहतर होगा। अगर आपकी तुरंत बनाई चाय ठंडी हो गई है तो उसे गर्म करके पी सकते हैं। लेकिन इसकी आदत न डालें।
जब चाय बनती है, तब वो ठीक होती है। लेकिन जैसे जैसे वो ठंडी होती है तो इसमें बैक्टीरिया फैलने लगता है। ऐसे में कुछ देर बाद जब इसे फिर से गर्म किया जाता है तो ये बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते है। इसलिए ठंडी चाय को दोबारा गर्म करने से वह जहर बन जाती है और इससे पेट में कई सारे साइड इफेक्ट्स होते हैं,
जैसे कब्ज, एसिडिटी, पेट में जलन,उल्टी या दस्त की समस्या। जब चाय बनती है तब वो ठीक होती है लेकिन जैसे जैसे वो ठंडी होती है तो इसमें बैक्टीरिया फैलने लगता है। ऐसे में कुछ देर बाद जब इसे फिर से गर्म किया जाता है तो ये बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते है। इसलिए ठंडी चाय को दोबारा गर्म करने से वह जहर बन जाती है और इससे पेट में कई सारे साइड इफेक्ट्स होते हैं, जैसे कब्ज, एसिडिटी, पेट में जलन,उल्टी या दस्त की समस्या।

सेहत के लिए फायदेमंद है देसी अंडे, जानिए

सेहत के लिए फायदेमंद है देसी अंडे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स अंडे को माना जाता है। इसमें कैल्शियम की भी प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो शरीर की हड्डियों के लिए फायदेमंद है। अंडा न केवल खाने में आसान है, बल्कि इसे घर पर स्टोर करना और बनाना भी आसान है। वैसे तो सफेद या भूरा, दोनों ही अंडे सेहत के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन कुछ लोग देसी अंडों यानी भूरे अंडों को सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद या सलाह के तौर पर लोगों को बताते हैं।

1. घने पोषक तत्व
देसी अंडे को आमतौर पर फैक्ट्री-फार्म किए गए अंडों की तुलना में अधिक पोषक तत्व-घने माना जाता है। उनमें विटामिन ए, डी, और ई सहित विटामिन और खनिजों के उच्च स्तर के साथ-साथ ल्यूटिन और ज़ीएक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं।

2. हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे  
देसी अंडे उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत हैं, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। उनमें स्वस्थ वसा भी होते हैं, जैसे ओमेगा -3 फैटी एसिड, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

3. मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा दे  
देसी अंडे कोलीन का एक समृद्ध स्रोत हैं, एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व जो मस्तिष्क के विकास और कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अध्ययनों से पता चला है कि कोलीन की कमी से संज्ञानात्मक गिरावट और स्मृति हानि हो सकती है।

4. वज़न प्रबंधन में मदद करे  
देसी अंडे कैलोरी में कम होते हैं और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन होते हैं, जो उन्हें अपने वजन को प्रबंधित करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाते हैं। वे परिपूर्णता की भावनाओं को बढ़ाने और भूख को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे अधिक खाने से रोकने में मदद मिल सकती है।

शनिवार, 25 नवंबर 2023

ज्यादा चीनी का सेवन करना बेहद नुकसानदायक

ज्यादा चीनी का सेवन करना बेहद नुकसानदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
चीनी से बनी हुई सामाग्री का सेवन करना लगभग हर इंसान को पसंद होता है। कुछ लोग तो दिनभर कुछ न कुछ मीठा चीज खाते रहते हैं। कुछ लोग तो खाने के साथ चीनी का भी सेवन करते हैं। ऐसे में अगर आप ज्यादा चीनी का सेवन करते हैं और उस पर नियंत्रण नहीं रखते हैं तो आपको कई तरह की समस्याओं का समामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि ज्यादा चीनी का सेवन करने आपकी सेहत से जुड़ी कौन कौन सी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता हैं।

मोटापा
अगर आप ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन करते हैं तो आपको मोटापे की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण आपको वजन बढ़ने की समस्या से सामना करना पड़ सकता हैं। वहीं वजन बढ़ने से आपको कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज
अगर आप अधिक चीनी का सेवन कर रहें तो आप सावधान हो जाइए। क्योंकि इससे आपको डाबिटीज का जैसी गंभीर समस्याओं के होने का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा चीनी के सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण डायबिटीज की बीमारी पैदा होती है। वहीं जो मरीज डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं उन्हें चीनी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल की समस्या
चीनी का ज्यादा सेवन कोलेस्ट्राल को बढ़ाने में मदद करता है। इससे आपको कोलेस्ट्राल बढ़ने की समस्या से जूझना पड़ सकता है। कोलेस्ट्राल बढ़ने से हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही चीनी का ज्यादा सेवन करने से ब्लड प्रेशर और थॉयराइड जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

सूजन की समस्या
ज्यादा चीनी का सेवन करने से आपके शरीर में सूजन हो सकती है। वहीं इसके कारण जलन और लालिमा भी होने का खतरा रहता है।

दांतों के लिए नुकसानदायक
चीनी का अधिक सेवन करने से दांतों की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इससे दांतों में बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाता है। वहीं इसके कारण दांतों की जल्दी टूटना और मसूड़ों के कमजोर होने का डर रहता है। इसके साथ ही आपको ऊर्जा के स्तर में कमी, मानसिक स्वास्थ्य और अनिद्रा की समस्याएं भी हो सकती हैं।

सोमवार, 20 नवंबर 2023

प्रोटीन-विटामिन की तरह आयरन की भी जरूरत

प्रोटीन-विटामिन की तरह आयरन की भी जरूरत

सरस्वती उपाध्याय 
शरीर को प्रोटीन और विटामिन की तरह ही पर्याप्त मात्रा में आयरन की जरूरत होती है। जिससे शरीर इंफेक्शन से लड़ सके। हीमोग्लोबिन के लिए आयरन बेहद जरूरी है। आयरन की मदद से शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। साथ ही ये मसल्स की ग्रोथ और मजबूती के लिए भी जरूरी है। लेकिन ज्यादातर महिलाएं आयरन की कमी से जूझती हैं और पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व ना मिलने के कारण एनीमिया की शिकार हो जाती है। शरीर में अगर आयरन की कमी हो गई है तो अनार या चुकंदर खाने की बजाय इन फ्रूट्स एंड फूड्स को खाएं। बढ़ने लगेगी आयरन की मात्रा।
मटर
मटर या सूखी मटर में आयरन की मात्रा 100 ग्राम में 1.5 मिलीग्राम होती है। अगर हर दिन पर्याप्त मात्रा मे मटर खाया जाए तो रोज की जरूरत की आयनर की मात्रा मिल जाएगी। मटर के अलावा सोयाबीन, राजमा में भी आयरन पाया जाता है।खजूर, आलुबूखारा, अंजीर, किशमिश
आयरन की कमी से एनीमिया होने का खतरा होता है। ऐसे में आयरन रिच फूड्स को जरूर खाना चाहिए। 
खजूर, आलुबूखारा, अंजीर और किशमिश आयरन रिच फूड्स हैं। आलुबूखारा में आयनर की मात्रा भले ही ज्यादा ना हो लेकिन इसमे मौजूद विटामिन सी शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन सोखने में मदद करता है। अंजीर में आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। अंजीर में 29.49 मिलीग्राम आयरन की मात्रा होती है। हर दिन एक से दो अंजीर दैनिक आयरन की मात्रा की पूर्ति कर सकता है।
काले तिल
आयुर्वेद के अनुसार काले तिल में सफेद तिल की तुलना में ज्यादा आयरन की मात्रा होती है। हर दिन थोड़ी मात्रा में काले तिल को खाने से आयरन की पर्याप्त मात्रा मिल सकती है।
काजू
शरीर में आयरन की कमी है तो हर दिन काजू खाना बेस्ट ऑप्शन है। काजू खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा नहीं बल्कि प्रति 100 ग्राम काजू में आयरन की मात्रा करीब 6.68 मिलीग्राम होती है।

गुरुवार, 16 नवंबर 2023

एक्ने को दूर करेगा एलोवेरा, जानिए

एक्ने को दूर करेगा एलोवेरा, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
एक्ने एक ऐसी प्रॉब्लम है, जिसे हम सभी ने कभी ना कभी फेस किया ही है। जब भी ब्रेकआउट्स व एक्ने होते हैं तो ऐसे चेहरे की खूबसूरती कहीं छिप जाती है। इतना ही नहीं, हम उस एक्ने को जल्द से जल्द दूर करने के लिए तरह-तरह की क्रीम्स व उपायों का सहारा लेते हैं। लेकिन अगर आप नेचुरल तरीके से एक्ने की प्रॉब्लम को दूर करना चाहते हैं तो ऐसे में एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। एलोवेरा ना केवल स्किन के अतिरिक्त ऑयल को दूर करता है, बल्कि इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी- इन्फ्लेमेटरी गुण भी एक्ने को दूर करने में मददगार होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप एलोवेरा से एक्ने को दूर कर सकते हैं। 

एलोवेरा आइस क्यूब का करें इस्तेमाल
इसके लिए आप सबसे पहले एलोवेरा जेल को आइस क्यूब ट्रे में जमाएं। जब यह बर्फ के टुकड़ों में बदल जाए तो आप उन्हें अपने एक्ने एरिया पर रब करें। ठंड सूजन और रेडनेस को कम करने में मदद करती है जबकि एलोवेरा स्किन को सूदिंग इफेक्ट देता है।

एलोवेरा और खीरा करें इस्तेमाल
अगर आपकी स्किन सेंसेटिव है तो ऐसे में आप एलोवेरा और खीरे को मिक्स करके भी एक्ने एरिया पर लगा सकते हैं। इसके लिए आप खीरा को कद्दूकस कर लें। इसमें एलोवेरा जेल मिक्स करें। अब आप इसे अपनी स्किन पर लगाएं और 15-20 मिनट तक लगाएं। अंत में, ठंडे पानी से धो लें।

बुधवार, 15 नवंबर 2023

ब्रेड से कलाकंद बनाने की रेसिपी, जानिए

ब्रेड से कलाकंद बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
मीठे खेाने की क्रेविं को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। जब बात हमारी पारंपरिक देसी मिठाई की हो, तो अनुभव बढ़ जाता है। मिठाइयों को देख कर मुहं में पानी आने लगता है। देसी मिठाई है कलाकंद नरम, मलाईदार और दूधिया होते हैं। इसे आप घर पर भी आसानी से बना सकती हैं। भाई दूज के दिन भाई को खिलाने के लिए आप इस मिठाई को तैयार कर सकते हैं। यहां जानिए ब्रेड से कलाकंद बनाने का तरीका...!

ब्रेड से बनाने के लिए क्या चाहिए ?
ब्रेड कलाकंद एक ऐसी रेसिपी है, जिसे हर कोई फटाफट तैयार कर सकता है। इसे बनाने के लिए शक्कर, दूध, इलायची, केसर, बादाम, पिस्ता, काजू और ब्रेड की होगी

ब्रेड से कैसे बनाएं ?
इसे बनाने के लि सबसे पहले दूध को उबालकर एक तिहाई मात्रा में रख लें फिर इसमें चीनी और इलायची पाउडर डालकर मिलाएं। आंच बंद कर दें, केसर के रेशे और कटे हुए ड्राई फ्रूट्स डालकर मिलाएं। अब ब्रेड लें और फिर किनारों को काट लें। अब एक ट्रे लें और बेस बनाने के लिए इसमें रबड़ी में डालें, फिर ब्रेड को समान रूप से डालें। इसे सूखे मेवों से सजाएं और फिर कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें। इसके बाद कलाकंद को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और भोग लगाने के बाद भाई को खिलाएं।

सोमवार, 13 नवंबर 2023

वजन को नियंत्रित करने में फायदेमंद है अदरक

वजन को नियंत्रित करने में फायदेमंद है अदरक

सरस्वती उपाध्याय 
वर्तमान समय में हर इंसान खुद को फिट रखना चाहता है। क्योंकि वजन बढ़ने से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। वजन कम करने के लिए लोग तरह तरह के उपायों और दवाईयों का उपयोग करते हैं। वहीं वजन कम करने में अदरक एक कारगर उपाय माना जाता है। ज्यादातर लोग सर्दी जुकाम और पाचन सही रखने में ही अदरक को असरदार जानते हैं। लेकिन अदरक वजन को नियंत्रित करने में काफी फायदेमंद माना जाता है। इसमें पाया जाने वाला एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट्स  और एंटी बैक्टीरियल गुण शरीर में इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाने के साथ कई तरह की परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।

अदरक का पाउडर
जितना अदरक कारगर होता है, उतना ही अदरक पाउडर भी फायदेमंद होता है। अदरक पाउडर का पानी के साथ नियमित सेवन करने से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।

अदरक और नींबू
वजन कम करने के लिए अदरक एक कारगर उपाय माना जाता है। गुनगुने पानी में अदरक और नींबू के रस को मिलाकर नियमित रूप से पीने से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।

अदरक और ग्रीन टी
अदरक के साथ ग्रीन टी मिलाकर पीने से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। इन दोनों का एक साथ सेवन वजन कम करने में बहुत असरदार माना जाता है।

अदरक और सेब
वजन कम करने के लिए अदरक और सेब का सिरका दोनों का सेवन काफा फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए आपको अदरक के रस के साथ सेब का सिरका मिलाकर पीने से वजन को नियंत्रिक किया जा सकता है।

अदरक और शहद
शहद का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इससे कई तरह की समस्या से छुटकारा मिल जाता है। वहीं वजन करने के लिए अदरक के पानी के साथ शहद का सेवन करना वजन को नियंत्रित करने में काफी मददगार साबित होता है।

शुक्रवार, 10 नवंबर 2023

आंखों की रोशनी कम होने से परेशान, जानिए

आंखों की रोशनी कम होने से परेशान, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
आंखें हमारी शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा होती है। लोगों को अपनी आंखों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। आंखों की समस्या आज के समय में आम हो गई है। इस दौर में छोटी उम्र के बच्चे भी चश्मा लगाए हुए देखने को मिल जाते हैं। आंखों की रोशनी की कम होने की समस्या का कारण खराब खानपान और लाइफस्टाइल है। ज्यादातर लोग पौष्टिक आहार के बजाय जंक फूड और फास्ट फूड खाते हैं। वहीं ज्यादा समय तक लैपटॉप और मोबाइल का उपयोग भी आंखों की समस्या का कारण बनते हैं। जो लोग आंखों की रोशनी कम होने की समस्या से परेशान है। उन्हें अपने डाइट में बदलाव करना चाहिए। ऐसे में उन्हें पौष्टिक तत्वों से भरपूर आहार को शामिल करना चाहिए।

हरी सब्जियां 
आंखों की रोशनी कम होने से परेशान है तो अपनी डाइट में हरी सब्जियों को शामिल करें। हरी सब्जियों में पालक, मेथी, ब्रोकली, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों का सेवन करने से आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसमें पाए जाने वाले रासायनिक तत्व आपके आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होता है।

बादाम
बादाम का नियमित सेवन कर आंखों की रोशनी कम होने की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट्स आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होता है। इसे आप भिगोकर या तो दूध के साथ भी खा सकते हैं।

आंवला
आंखों की रोशनी बढ़ाने में आंवला भी कारगर उपाय माना जाता है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी का गुण आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। आंवले का सेवन शहद के साथ या फिर उसके रस को पानी में मिलाकर दो बार पीने से आंखों की रोशनी कम होने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

संतरा
आंखों की रोशनी कम होने की समस्या के लिए संतरे का सेवन किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट्स आपकी आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इसके नियमित सेवन से आंखों की रोशनी को फायदा होता है।

गाजर और शकरकंद
गाजर औऱ शकरकंद में पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन ए पोषक तत्व आंखों की रोशनी को बढ़ाने में काफी फायदेमंद होता है। गाजर का सेवन सलाद के रूप में या फिर जूस के रूप में भी कर सकते हैं। इन दोनों का सेवन आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करते हैं।

शनिवार, 28 अक्तूबर 2023

भुना चना और गुड़ खाने के फायदे, जानिए

भुना चना और गुड़ खाने के फायदे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
भुना चना और गुड़ दोनों ही भारतीय आहार का एक अभिन्न अंग हैं, और इन दोनों का एक साथ सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। भुना चना प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम, और आयरन जैसे खनिज भी मौजूद होते हैं। गुड़ में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।

भुना चना और गुड़ खाने से निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं: पाचन में सुधार: भुना चना और गुड़ दोनों ही आसानी से पचने योग्य होते हैं, और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। भुना चना में फाइबर होता है, जो कब्ज को रोकने में मदद करता है, जबकि गुड़ पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाता है।
वजन घटाने में मदद: भुना चना और गुड़ दोनों ही कम कैलोरी और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ हैं, जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। भुना चना प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत भी है, जो मांसपेशियों के निर्माण और चयापचय को बढ़ाने में मदद करता है।
मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद: भुना चना और गुड़ दोनों ही मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। भुना चना में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका अर्थ है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से नहीं बढ़ाता है। गुड़ में भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, और इसमें क्रोमियम होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद: भुना चना और गुड़ दोनों ही इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। भुना चना में विटामिन सी होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। गुड़ में भी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार: भुना चना और गुड़ दोनों ही हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। भुना चना में मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। गुड़ में भी पोटेशियम होता है, और इसमें niacin होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
कैंसर के खतरे को कम करना: भुना चना और गुड़ दोनों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों से लड़ते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं।
भुना चना और गुड़ का सेवन कैसे करें : भुना चना और गुड़ को नाश्ते में, भोजन के बीच या रात के खाने के बाद खाया जा सकता है। भुना चना और गुड़ को एक साथ मिलाकर खाया जा सकता है, या अलग-अलग भी खाया जा सकता है।

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को कड़ी फटकार लग...