स्वास्थ्य लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
स्वास्थ्य लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 29 नवंबर 2024

स्वास्थ्य: अपनी 'त्वचा' का ख्याल कैसे रखें ?

स्वास्थ्य: अपनी 'त्वचा' का ख्याल कैसे रखें ? 

सरस्वती उपाध्याय 
सर्दियों का मौसम अपनी ठंडी हवाओं और सुकूनभरी धूप के साथ हमें राहत का एहसास कराता है। लेकिन, इस मौसम का सबसे ज्यादा असर हमारी त्वचा पर पड़ता है। ठंड में हवा की नमी कम हो जाती है, जिससे त्वचा रूखी, खिंची हुई और बेजान नजर आने लगती है। अगर सही देखभाल न की जाए, तो यह खुजली, फटने और अन्य त्वचा संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है। आइए जानते हैं, इस सर्द मौसम में अपनी त्वचा का ख्याल कैसे रखें ? 
1. त्वचा को मॉइस्चराइज करना न भूलें सर्दियों में त्वचा की नमी बनाए रखना बेहद जरूरी है। मॉइस्चराइजर का सही चुनाव- किसी अच्छे क्रीम-बेस्ड मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। यदि आप प्राकृतिक विकल्प चाहते हैं, तो नारियल तेल, जैतून का तेल, या शीया बटर लगाएं। नहाने के बाद नमी लॉक करें। गुनगुने पानी से नहाने के तुरंत बाद त्वचा पर मॉइस्चराइजर लगाएं। बार-बार मॉइस्चराइज करें। त्वचा की जरूरत के अनुसार दिन में 2-3 बार मॉइस्चराइजर लगाएं। 
2. प्राकृतिक उपाय अपनाएं प्राकृतिक सामग्रियां आपकी त्वचा को गहराई से पोषण देती हैं। शहद और दूध का पैक- एक चम्मच शहद और थोड़ा दूध मिलाकर त्वचा पर लगाएं। यह त्वचा को नमी देने और मुलायम बनाने में मदद करता है। एलोवेरा जेल- ताजा एलोवेरा जेल त्वचा पर लगाएं। यह रूखेपन और जलन को दूर करने में मदद करता है। मुल्तानी मिट्टी और गुलाबजल- यह फेस पैक आपकी त्वचा को ठंडक और नमी प्रदान करता है। 
3. होंठ और एड़ियों की खास देखभाल करें सर्दियों में होंठ और एड़ियां सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। होंठों के लिए दिन-भर लिप बाम या नारियल तेल का उपयोग करें। सोने से पहले शुद्ध घी लगाना फायदेमंद होता है। एड़ियों के लिए- सोने से पहले गुनगुने पानी में पैर भिगोएं और प्यूमिक स्टोन से साफ करें। इसके बाद कोई गाढ़ा लोशन लगाएं और मोजे पहने। 
4. सनस्क्रीन का उपयोग करें सर्दियों में हल्की धूप का आनंद लेते समय हमें यह एहसास नहीं होता कि सूरज की हानिकारक यूवी किरणें अब भी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाएं और हर 2-3 घंटे में इसे दोबारा लगाएं। 
5. संतुलित आहार त्वचा को बनाएगा भीतर से स्वस्थ आपकी त्वचा की खूबसूरती का राज आपकी डाइट में छिपा है। सूखे मेवे और बीज- बादाम, अखरोट, और फ्लैक्स सीड्स में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड त्वचा को चमकदार बनाते हैं। सीजनल फल और सब्जियां- संतरा, गाजर, और पपीता विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। पानी और हर्बल टी- पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं और ग्रीन टी या अदरक की चाय का सेवन करें। यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करता है। 
6. त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाव करें सर्दियों में एक्जिमा और डर्मेटाइटिस जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इनसे बचने के लिए: सिंथेटिक कपड़ों से बचें और सूती या ऊनी कपड़े पहनें। त्वचा को खुजली से बचाने के लिए नीम के तेल का उपयोग करें। डॉक्टर की सलाह लें, अगर त्वचा की समस्या ज्यादा बढ़ जाएं। 
7. पर्याप्त नींद और स्ट्रेस फ्री लाइफ नींद की कमी और तनाव का सीधा असर त्वचा पर पड़ता है। सर्दियों में शरीर की ऊर्जा धीमी हो जाती है, इसलिए 7-8 घंटे की नींद लें और योग-ध्यान का अभ्यास करें। 
8. घर के अंदर नमी बनाए रखें सर्दियों की हवा त्वचा को रूखा बना सकती है। ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें: घर के वातावरण में नमी बनाए रखने के लिए यह बेहद कारगर है। 
कपड़ों की सही देखभाल करें: ऊनी और गरम कपड़े पहनने से पहले उन्हें साफ और मुलायम बनाएं ताकि वे त्वचा पर जलन न करें। सर्दियों में त्वचा की देखभाल केवल बाहरी उपायों तक सीमित नहीं है। बल्कि, सही खानपान, पर्याप्त नींद, और मानसिक शांति भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। ऊपर बताए गए आसान उपाय अपनाकर आप अपनी त्वचा को नर्म-मुलायम, स्वस्थ और चमकदार बनाए रख सकते हैं। याद रखें, हर दिन त्वचा की थोड़ी देखभाल से ही उसकी असली खूबसूरती निखरती है। रूखी न हो ये नाज़ुक सी कली, सर्द हवाओं में भी महके गली। नमी से सींचो इसे हर दिन, ताकि खिल उठे जैसे चांद की चमकन। अपनी त्वचा से प्यार करें। क्योंकि, यह आपकी सुंदरता का सबसे बड़ा आईना है। 

शुक्रवार, 15 नवंबर 2024

'मसाले वाली चाय' पीना बेहद फायदेमंद, जानिए

'मसाले वाली चाय' पीना बेहद फायदेमंद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
पूरे भारत में ठंड की शुरुआत हो चुकी है। लोग अब कंबल और रजाई का इस्तेमाल करने लगे हैं। सर्दी आने के साथ ही लोग चाय पीना शुरू कर देते हैं। कुछ लोगों के लिए चाय उनका पहला प्यार जैसा होता है। इस पर लोग तरह-तरह की शायरियां भी लिखते हैं। इसे पीने से दिमाग को आराम मिलता है और एक रिफ्रेशमेंट के साथ एनर्जेटिक तरीके से काम में भी मन लगता है। 
सर्दियों में मसाले वाली चाय पीना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर को गर्माहट मिलती है, तो वहीं इसके कई औषधीय गुण भी होते हैं। अगर चाय में अदरक, इलायची, लौंग, दालचीनी और तुलसी जैसे मसाले का इस्तेमाल किया जाता है। 

इम्युनिटी पावर होगी मजबूत... 

इससे बॉडी की इम्युनिटी पावर काफी अधिक स्ट्रॉन्ग होती है और सर्दी में बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी मिलती है। मसाला चाय में कुछ खास मसाले का इस्तेमाल किया जाता है। सबसे पहले चाय के बर्तन में पानी को गर्म कर लें। फिर इसमें दूध डाल दें। अब चाय पत्ती के साथ-साथ इसमें इलायची, दालचीनी, लौंग, अदरक, काली मिर्च, तेज पत्ता जैसे मसाल डाल दें। इससे न केवल स्वाद बढ़ेगा, बल्कि इससे सेहत को भी काफी ज्यादा फायदा पहुंचेगा। इसके अलावा, आप इसमें स्वाद अनुसार चीनी डाल सकते हैं। इस सर्दी के मौसम में 2 टाइम गरमा-गरम पी सकते हैं। 

मिलेंगे ये फायदे... 

मसालेदार चाय पीने से दिनभर की थकान चुटकियों में दूर हो सकती है, क्योंकि इसमें मौजूद टेनिस शरीर को बहुत ही ज्यादा रिलैक्स पहुंचती है। इसे पहले की तरह सामान्य करती है। ठंडियों में मसाला वाली चाय पीने से आपके अंदर एनर्जी आएगी। साथ ही आपकी इम्युनिटी पावर भी बूस्ट होगी। 
अगर किसी को सर्दी की बहुत ज्यादा शिकायत है, तो उसे अवश्य ही इस मौसम में मसालेदार चाय पीनी चाहिए। इससे शरीर को ठंड से लड़ने की ताकत मिलती है। मौसमी बीमारियों से राहत पहुंचता है। मसालेदार चाय में मौजूद कैटाक्यून तत्व शरीर को बचाता है।
यदि कोई डायबिटीज पेशेंट है, तो उसके लिए भी सर्दियों के मौसम में मसालेदार चाय काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इससे शुगर लेवल कंट्रोल हो जाता है और यह मीठे की क्रेविंग को काम करती है। इसलिए अपनी डेली डाइट में मसालेदार चाय अवश्य शामिल करें। 
सर्दियों के मौसम में अक्सर शरीर में दर्द और गठन जैसी समस्याएं आती है। यह फिर चलने फिरने में पर दिखने लगते हैं। जमीन पर पांव रखने का मन नहीं करता, ऐसे लोगों को मसालेदार चाय जरूर पीनी चाहिए। यह सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही, दर्द से भी छुटकारा मिल जाता है। 

सोमवार, 4 नवंबर 2024

हर रोज खाली पेट करें 'किशमिश' का सेवन

हर रोज खाली पेट करें 'किशमिश' का सेवन 

सरस्वती उपाध्याय 
अंगूर को सुखाकर बनाई जाने वाली किशमिश में ढ़ेर सारे गुण छुपे रहते हैं। अगर आप इसे हर रोज खाली पेट खाते हैं, तो आपको कई फायदे मिलते हैं। इसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम व फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है। इसमें कई ऐसे गुण छुपे हुए हैं, जो आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। चलिए जानते हैं किशमिश को खाली पेट खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं ? 

गले के इंफेक्शन... 

खाली पेट किशकिश का सेवन करने से इसमें उपस्थित एंटीबैक्टीरियल के गुण मुंह से आने वाली बदबू दूर करने के साथ गले के इंफेक्शन से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते है। 

पाचन में सहायक... 

जो लोग पेट दर्द, कब्जियत जैसी बीमारी से परेशान है। उन्हें रोज 1-12 किशमिश को रात में एक गिलास पानी में भिगोकर रखेंवप्रातः कालखाली पेट इस पानी को किशमिश के साथ पी लें। ये पेट की बीमारी के लिए फायदेमंद है। 

इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक... 

किशमिश में वे सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।सर्दी के दिनों में रोजाना इसका सेवन करने से बैक्टीरियाववायरल इंफेक्शन (संक्रमण) से लड़ने में सहायता मिलती है। 

हड्डियों के लिए लाभदायक... 

किशमिश में फाइवर की मात्रा के साथ कैल्शियम व माइक्रो न्यूट्रीयंट के गुण भी पाए जाते हैं। जिससे शरीर की हड्डियां स्वस्थवमज़बूत बनी रहती हैं। इसलिए, इसका सेवन रोज खाली पेट करना चाहिए। 

आखों की लाइट बढ़ती है... 

किशमिश के पानी में एंटीऑक्सीडेंटस, विटामिन एवबीटा केरोटिन जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो आखों कीलाइटको बढ़ाने में मदद करते है। 

सोमवार, 28 अक्टूबर 2024

'सिरदर्द' की समस्या से राहत, कुछ थेरेपी अपनाएं

'सिरदर्द' की समस्या से राहत, कुछ थेरेपी अपनाएं 

सरस्वती उपाध्याय 
आज के समय हर व्यक्ति कभी न कभी सिरदर्द की शिकायत करता है। यह दर्द काफी बैचेन करने वाला होता है। अगर आप भी सिरदर्द की समस्या से परेशान रहते हैं, तो यह जरूरी नहीं है कि आप इसके लिए दवाई का ही सहारा लें। इसके अलावा भी आप कुछ थेरेपी को अपना सकते हैं। 
सिर दर्द को दूर करने के लिए आप एक्यूप्रेशर थेरेपी अपनाकर देखिए। यह रक्त वाहिकाओं पर तनाव को कम करके सिरदर्द को दूर करता है। थेरेपी के दौरान गर्दन व कंधे के विशेष बिंदुओं को दबाया जाता है। वहीं पैर के तलवे और हाथों के विशेष बिंदुओं पर दबाव डालने से भी सिरदर्द से छुटकारा मिलता है। एक्यूप्रेशर थेरेपी के अलावा मसाज थेरेपी के जरिए भी सिर दर्द को छूमंतर करें। सिर, गर्दन और कंधों पर तेल की मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मसल्स का तनाव कम होता है जिससे सिर दर्द ठीक होता है। मसाज थेरेपी से शरीर को काफी रिलैक्स मिलता है। 
इसके अतिरिक्त सुगंधित तेलों की स्टीम लेने से तनाव कम होता है और सिरदर्द को ठीक करने में मदद मिलती है। लेवेंडर एसेंशियल ऑयल आदि की कुछ बूंदे गर्म पानी में डालकर स्टीम लेने से इसके एरोमैटिक गुण नसों पर दबाव कम करते हैं और सिरदर्द को ठीक करते हैं। 

मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024

बालों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं 'तिल'

बालों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं 'तिल' 

सरस्वती उपाध्याय 
बालों की सेहत के लिए तिल एक बेहतरीन सामग्री है। विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर तिल स्कैल्प को पोषण देता है और बालों को मजबूत बनाता है। तिल में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल, और हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं। इसके अलावा, तिल में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। 
तिल में मौजूद ओमेगा-3, ओमेगा-6, और ओमेगा-9 फैटी एसिड स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं और बालों को आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, बालों का विकास तेज़ होता है, और समय से पहले बाल झड़ने की समस्या कम होती है। इसके अलावा, तिल में मौजूद विटामिन और मिनरल स्कैल्प को स्वस्थ रखने और बालों के टूटने को कम करने में मदद करते हैं। 
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर तिल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में मदद करता है। तिल में मौजूद ज़रूरी पोषक तत्व जैसे कॉपर और आयरन, मेलेनिन के उत्पादन के लिए ज़रूरी होते हैं, जो बालों को रंग प्रदान करता है। इन ज़रूरी तत्वों को शरीर को प्रदान करके, तिल स्वस्थ बालों के रंग को बनाए रखने और समय से पहले सफेद बाल आने से रोकने में मदद कर सकता है। 
अच्छी तरह से गर्म किए हुए नारियल तेल में दो चम्मच तिल डालें और इसे अपने स्कैल्प पर लगाकर मालिश करें। 15 मिनट बाद हर्बल शैम्पू से धो लें। यह पैक समय से पहले सफेद बाल आने से रोकने के लिए बेहतरीन है। एक कटोरी में थोड़ा सा तिल का तेल लें। फिर इसमें थोड़ा सा जेल मिलाएं। अच्छी तरह मिलाने के बाद इसे अपने स्कैल्प पर लगाएं। यह बालों के विकास के लिए एक बेहतरीन पैक है। 

शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2024

'हीमोग्लोबिन' का लेवल अधिक बढ़ना नुकसानदेह

'हीमोग्लोबिन' का लेवल अधिक बढ़ना नुकसानदेह 

सरस्वती उपाध्याय 
हमारा शरीर इस तरह बना है कि इसके लिए कुछ भी बहुत ज्यादा या बहुत कम अच्छा नहीं होता है। हीमोग्लोबिन को लेकर भी ऐसा ही होता है। हीमोग्लोबिन कम होने पर थकान, कमजोरी, एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं, तो इसका बढ़ना भी खतरनाक है। इसलिए, शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल मेंटेन करना बेहद जरूरी है। अगर आपका भी हीमोग्लोबिन लेवल लगातार बढ़ा हुआ रहता है, तो आपको इसके खतरों को बारें में जान लेना चाहिए…। हीमोग्लोबिन क्या हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में मौजूद प्रोटीन है ? जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। जब इसका लेवल शरीर में बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो खून गाढ़ा होने लगता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो जाता है, जो कई समस्याओं का कारण बन सकता है। पुरुषों के लिए 16.6 ग्राम/डीएल से अधिक और महिलाओं के लिए 15 ग्राम/डीएल से अधिक हीमोग्लोबिन नहीं होना चाहिए। 
हीमोग्लोबिन बढ़ने का कारणहेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हाई हीमोग्लोबिन के कुछ सामान्य कारणों में ज्यादा ऊंचाई पर रहना, लंबे समय तक धूम्रपान करना, डिहाइड्रेसन और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी स्थितियां हैं, जो ऑक्सीजन को सीमित करती हैं। ज्यादा गंभीर मामलों में पॉलीसिथेमिया वेरा जैसे बोन मैरो डिसऑर्डर भी हो सकता है, जो ब्लड से जुड़ी एक रेयर बीमारी है। जिसमें शरीर में बहुत अधिक रेड ब्लड सेल्स बनने लगता है। इसके अलावा हार्ट डिजीज, कैंसर और ब्लड से जुड़ी कुछ समस्याओं में भी खून में हीमोग्लोबिन की हाई कंसट्रेशन की ज्यादा आशंका होती है। 

हीमोग्लोबिन बढ़ने के खतरे... 

1. इससे ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है। इलेक्ट्रोलाइट खून के थक्के का रिस्क रिकवर है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक या डीप वेन थ्रोम्बोसिस हो सकता है। 
2. हीमोग्लोबिन बढ़ने से खून में चिपचिपाहट बढ़ सकती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। 
3. हीमोग्लोबिन ज्यादा होने से थकान और चक्कर की समस्या आ सकती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन खराब हो सकता है। 

सोमवार, 14 अक्टूबर 2024

तांबे के बर्तन में रखें पानी का सेवन लाभदायक

तांबे के बर्तन में रखें पानी का सेवन लाभदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
हमारे बड़े-बुजुर्ग सदियों से तांबे के बर्तनों में पानी स्टोर करने और उसे पीने की सलाह देते आएं हैं। आयुर्वेद में भी तांबे के बर्तन में रखें पानी को सेहत के लिए बेहद लाभकारी बताया गया है। तांबे के संपर्क में रहने पर पानी में ऐसे तत्व घुल जाते हैं, जो शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद साबित होते हैं। अगर आप अब तक इस प्राचीन पद्धति से अनजान हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आइए जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी के कुछ प्रमुख स्वास्थ्य लाभ। 

हाई ब्लड प्रेशर में लाभकारी... 

तांबे के बर्तन में रखा पानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद होता है। यह पानी कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है। जिन लोगों को हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, वे इसे अपने मॉर्निंग रूटीन में शामिल करके अपने रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं।

उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करें... 

उम्र बढ़ने के साथ शरीर में इलास्टिन और कोलेजन का उत्पादन कम होने लगता है, जिससे त्वचा पर झुर्रियां और फाइन लाइंस दिखाई देने लगती हैं। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है और त्वचा चमकदार व जवां बनी रहती है। तांबा एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है और एजिंग के संकेतों को कम करता है।

वजन घटाने में सहायक... 

तेजी से बढ़ते वजन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी तांबे का पानी बेहद फायदेमंद हो सकता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे फैट बर्निंग प्रक्रिया तेज होती है। इसके अलावा यह पानी पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है, जिससे शरीर में जमा अतिरिक्त फैट को आसानी से घटाया जा सकता है। यदि आप वजन घटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो तांबे के बर्तन का पानी पीना आपके लिए एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर... 

तांबे का पानी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। अगर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं या मौसमी बीमारियों से परेशान रहते हैं, तो तांबे के बर्तन में रखा पानी आपकी इम्युनिटी को बूस्ट कर सकता है। तांबे में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं, जिससे आप ज्यादा स्वस्थ महसूस करेंगे।

जोड़ो के दर्द में आराम... 

गठिया और जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए तांबे का पानी राहत देने वाला हो सकता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी यह पानी बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।

कैसे करें तांबे के पानी का सेवन ? 

तांबे के बर्तन में रात भर पानी रखें और सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करें। इससे आपको अधिकतम लाभ मिल सकते हैं। ध्यान रखें कि तांबे के बर्तन को नियमित रूप से साफ करें ताकि उसमें बैक्टीरिया का जमाव न हो। हर 6 महीने में बर्तन को बदलने की सलाह दी जाती है। ताकि, पानी हमेशा ताजा और शुद्ध बना रहे। 

रविवार, 13 अक्टूबर 2024

शरीर में 'पानी' की कमी बेहद नुकसानदायक

शरीर में 'पानी' की कमी बेहद नुकसानदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
पानी हमारे शरीर के तापमान को संतुलित रखता है। हमारे शरीर  का 75% भाग पानी से बना है। पानी शरीर को नमी देने के साथ-साथ शरीर को अच्छे से कार्य करने में भी मदद करता है। जिनका आयु 18 वर्ष से ज्यादा है। उसे दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। 
लेकिन, सर्दियों के मौसम में हम कम पानी पीते हैं। पानी कम पीने के कारण सर्दियों में हमारे शरीर में नमी की कमी हो जाती है और त्वचा भी रूखे हो जाते है। कभी-कभी शरीर डीहाइड्रेट भी हो जाता है। डीहाइड्रेट का मतलब- शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा कम हो जाना। मात्रा कम होने के कारण यह हमारे शरीर की संतुलन को को बिगाड़ देता है। सही मात्रा में पानी पीने से हमारा पाचन क्रिया सही रहता है और साथ ही शरीर की गंदगी भी बाहर होती है। सर्दियों के मौसम में पानी की कमी को दूर करने के लिए हम कुछ फल/सब्जियों का प्रयोग कर सकते हैं। पानी की कमी दूर करने वाले फल और सब्जियां। 
इसको खाकर हम शरीर में पानी की कमी को दूर कर सकते हैं। इसमें बहुत अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पाए जाते हैं। यदि आप इनका सेवन करें, तो आप अपने शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सकते हैं। जैसे– 

खीरा मे लगभग 90% लगभग पानी रहता है। हम शरीर मे खीरा खाकर भी पानी के कमी को दूर कर सकते हैं। टमाटर खाने से भी हमारे शरीर में पानी की कमी दूर हो सकती है। इसमें लगभग 90% से ज्यादा तरल पदार्थ पाए जाते हैं। टमाटर खाने से दूसरा फायदा है कि यह हमारे त्वचा को स्वस्थ रखता है। 

गाजर का हम जूस पी सकते हैं। गाजर खाने से हमें ना केवल शरीर में पानी की कमी दूर होगी। बल्कि, गाजर खाने से हमें विटामिन भी मिलेगा। 

पालक ऐसे तो आयरन से भरपूर होता है। लेकिन, यदि हम पालक का सेवन करते हैं, तो हम अपने शरीर में पानी की कमी को भी पूरा कर सकते हैं। पालक हमें आसानी से सस्ते दामों में मिल जाएगा। 

सेब सबसे हेल्दी फल माना जाता है। यदि हम रोज सुबह एक सेब खाते हैं तो हमारा शरीर जरूर स्वस्थ रहेगा। सेब खाने से हम ना केवल अपने शरीर में भी पानी की कमी को दूर कर सकते हैं। बल्कि, इससे सेब खाने से हमें विटामिन भी मिलेगा। इसमें फाइबर की मात्रा भी होती है। इसलिए, सेब को एक हेल्दी फल माना गया है। 

जानिए, किन लोगों को नहीं खाना चाहिए अनार ?

जानिए, किन लोगों को नहीं खाना चाहिए अनार ? 

सरस्वती उपाध्याय 
अनार का सेवन करने से हमारे शरीर को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। साथ ही अनार में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण तत्व हमारे शरीर के लिए काफी उपयोगी साबित होते हैं। डॉक्टर से लेकर घर के बुजुर्ग तक अनार की खूबी के बारे में हमें बताते हैं। अनार में सभी आवश्यक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें अनार का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। 
खाना खाने के बाद कभी भी भूलकर अनार का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते है, तो आपको दस्त व कब्ज जैसी समस्या के होने का खतरा रहता है। मानसिक स्थिति खराब होने पर अगर आप दवाई लेने के साथ-साथ अनार का सेवन भी कर रहे हैं, तो यह आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। 
अगर शरीर पर किसी भी तरह की एलर्जी है, जो लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में आपको भूलकर भी अनार का सेवन नहीं करना चाहिए। 
जिन लोगों का पाचन तंत्र खराब होता है। उन्हें काले अनार का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। अगर वह ऐसा करते हैं, तो उनका पाचन तंत्र और ज्यादा खराब हो सकता है। 
अगर आपको खांसी व छींक जैसी समस्या है, तो ऐसे में अनार का रस निकालने के बाद तुरंत नहीं पीना चाहिए। ऐसे में आपकी समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है। 

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

'किशमिश' का नियमित सेवन करना फायदेमंद

'किशमिश' का नियमित सेवन करना फायदेमंद 

सरस्वती उपाध्याय 
किशमिश खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही अन्य ड्राई फ्रूट की तुलना में यह सस्ता भी है। किशमिश का इस्तेमाल अक्सर मीठे पकवानों में किया जाता है। किशमिश का खट्टा-मीठा स्वाद हर खाने को स्पेशल बना देता है। लेकिन, क्या आपको पता है कि एक छोटी-सी किशमिश हमें कितना फायदा पहुंचाती है ? अगर नहीं, तो हम आपको बताएंगे कि किशमिश के नियमित सेवन करने से आपको क्या-क्या फायदे मिलते हैं ? 

शरीर में ताकत आना... 

रोज़ाना किशमिश का सेवन करने से शरीर को ताकत मिलती है। किशमिश में नेचुरल शुगर पाया जाता है, जो आसानी से पच जाता है। इसके कारण शरीर में तुरंत ऊर्जा आ जाती है। किशमिश में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। इसलिए, यह दिल के मरीजों के लिए भी लाभदायक है। 

वजन घटना... 

अगर आप मोटापे के शिकार हैं, तो आपके लिए किशमिश बेहद फायदेमंद साबित होगी। किशमिश में नेचुरल शुगर पाई जाती है, जो हमारे शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती है। किशमिश के नियमित सेवन करने से आपका वज़न आसानी से घटना शुुरू हो जाएगा। 

कब्ज की समस्या... 

अगर आपको कब्ज की समस्या है, तो आपके लिए किशमिश किसी वरदान से कम नहीं है। अक्सर लोग कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए तरह-तरह की दवाइयों का सेवन करते हैं। कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए किशमिश रामबाण इलाज है। लेकिन, ध्यान रहें कि किशमिश को भिगोकर खाने से ज्यादा फायदा मिलेगा। 

हड्डियां मजबूत होना... 

हड्डियों को मजबूत करना है, तो किशमिश का सेवन जरूर करें। किशमिश में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए, किशमिश का रोजाना सेवन करें। 

कुरकुरी जलेबी बनाने की रेसिपी, जानिए

कुरकुरी जलेबी बनाने की रेसिपी, जानिए 

आप 5 मिनट में कुरकुरी जलेबी तैयार कर सकते हैं।

रेसिपी क्विज़ीन : इंडियन 
कितने लोगों के लिए : 4 – 6 
समय : 5 से 15 मिनट 

आवश्यक सामग्री... 

1 कप मैदा 
1 1/2 कप चीनी 
1 1/2 कप पानी 
1/4 टीस्पून से कम बेकिंग सोडा 
एक चुटकी ऑरेंज फूड कलर 
एक कोन 
तेल जरूरत के अनुसार 

विधि... 

सबसे पहले मीडियम आंच पर पैन में चीनी डाल दें। इसमें पानी डालकर चाशनी बनने के लिए रख दें। इसमें तार की कोई जरूरत नहीं है। 
एक बर्तन में मैदा डालें। फिर पानी डालकर बैटर तैयार करें। 
बैटर में फूड कलर डालकर 3-4 मिनट तक फेंटते रहें। अब दूसरी तरफ मीडियम आंच पर पैन में तेल डालकर गर्म करने के लिए रख दें। 
बैटर में बेकिंग सोडा डालकर एक बार और फेंट लें। तैयार बैटर कोन में भरकर तेल में जलेबी की शेप में डालते जाएं। 
दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेकने के बाद जलेबियां चाशनी में डाल दें। 
इसी तरह से सारी जलेबियां तैयार कर लें। 
जलेबियों को प्लेट पर निकाल लें। 
तैयार है कुरकुरी जलेबी। 

मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं मखाने, जानिए

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं मखाने, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
ड्राई फ्रूट खाना सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इससे हमें कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं। इस स्टोरी में एक ऐसे ड्राई फ्रूट की बात करने जा रहे है। जिसका सेवन काफी फायदेमंद होता हैं। कौन-सा ड्राई फ्रूट ? इस स्टोरी में हम जिस ड्राई फ्रूट की बात कर रहे हैं, वो मखाना है। 
मखाने में कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। मखाने के सेवन से कैल्शियम की कमी पूरी होती है। जिससे हड्डियां मजबूत होती है। मखाने के सेवन से आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। मखाने में फाइबर पाया जाता है। जिससे हमारा पाचन भी सही रहता है। 

रविवार, 6 अक्टूबर 2024

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं बादाम, जानिए

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं बादाम, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
आपने अक्सर अपने घर के बुजुर्गों से बादाम के फायदों के बारे में सुना होगा। वास्तव में बादाम गुणों का खजाना होता हैं। बादाम प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम और राइबोफ्लेविन से भरपूर होते हैं। 

ये आयरन, पोटैशियम, जिंक और विटामिन बी, नियासिन, थायमिन और फोलेट का भी स्रोत होते हैं।
बादाम का रोजाना सेवन आपके शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करता है, जिससे हड्डियां मजबूती रहती हैं। 
पोषक तत्वों से भरपूर होने की वजह से बादाम शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करते हैं जिससे आप बार-बार होने वाली बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। 
बादाम में फाइबर होता है, जो आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। बादाम में मौजूद विटामिन ई आपकी स्किन को जरूरी पोषण देता है। जिससे चेहरे पर चमक आती है। 
इसके अलावा बादाम में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर के हानिकारक फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं, जो एजिंग बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में बादाम आपकी स्किन को जवान रख सकते हैं। 
बादाम को आप कैसे भी खा सकते हैं। लेकिन अगर आप इन्हें पानी में भिगोकर खाते हैं, तो इससे आपके शरीर को ज्यादा फायदे मिलते हैं। 

अरबी के पत्ते खाने के कई फायदे, जानिए

अरबी के पत्ते खाने के कई फायदे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
बारिश का मौसम आते ही हरियाली छाई रहती है और सब्जियों की भरमार होती है। इस मौसम में अरबी के पत्ते खाने के कई फायदे होते हैं। ये पत्ते न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। अरबी के पत्तों में आयरन की मात्रा भरपूर होती है। आयरन खून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बारिश के मौसम में अक्सर खून की कमी की समस्या होती है। ऐसे में अरबी के पत्ते खाने से खून की कमी दूर करने में मदद मिलती है।

1. मोटापा न्यूट्रीशनिस्ट के मुताबिक, जो लोग अपना बढ़ता हुआ वजन कम करना चाहते हैं। उनके लिए अरबी के पत्ते फायदेमंद साबित हो सकते हैं। 

2. हाई कोलेस्ट्रॉल अरबी के पत्तों का सेवन करने से बढ़ते कोलेस्ट्रोल पर लगाम लगाई जा सकती है। 

3. हाई बीपी जिन लोगों को हाई ब्लड की शिकायत उनको अरबी के पत्तों का सेवन जरूर करना चाहिए। 

4. हार्ट डिजीज अरबी के पत्तों में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकती है। 

5. स्किन प्रॉबलम्स अरबी के पत्तों के में विटामिन ए के साथ बीटा-कैरोटीन होते हैं, जो स्किन को स्वस्थ रखते हैं। 

6. बालों की समस्या अरबी के पत्ते में एंटी फंगल गुण होते हैं, जो डैंड्रफ और हेयरफॉल जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। 

7. एनीमिया अरबी के पत्तों को आयरन का रिच सोर्स माना जाता है, जो एनीमिया यानी खून की कमी को दूर कर सकता है। 

8. आंखों की परेशानियां अरबी के पत्तों में बीटा-कैरोटीन होता है, जो शरीर में विटामिन-ए के रूप में बदल जाता है और आंखों की परेशानियां दूर करता है। 

9. इनडाइजेशन अरबी के पत्तों में मौजूद फाइबर के कारण कब्ज, गैस जैसी परेशानियों से निजात मिल जाती है। 

10. प्रेगनेंसी अरबी के पत्तों में फोलेट पाया जाता है, जो प्रेग्नेंट महिलाओं की समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। 

बुधवार, 2 अक्टूबर 2024

वजन कंट्रोल करने में मददगार हैं 'लहसुन व शहद'

वजन कंट्रोल करने में मददगार हैं 'लहसुन व शहद' 

सरस्वती उपाध्याय 
शरीर की चर्बी कम करने के लिए लोग तरह-तरह की तरकीबें अपनाते हैं। इसके लिए लोग तरह-तरह के वेट लॉस सप्लीमेंट्स का भी सेवन करते हैं। 
क्या आपको पता है, हमारे किचन में कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जो वजन कम करने में सहायक साबित हो सकती हैं ? 
रोज सुबह एक चम्मच शहद के साथ लहसुन की एक कली चबाने से भी वेट लॉस कंट्रोल करने में मदद मिल सकती हैं। 
बता दें कि लहसुन और शहद दोनों में ही एंटीऑक्सीडेंट्, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। 
लहसुन को शहद के साथ चबाने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिसके चलते पाचन तंत्र बेहतर होता है और वजन में कमी आ सकती है। 
अगर आप नियमित सुबह खाली पेट शहद और लहसुन का सेवन करते हैं, तो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में आ सकता है। 
ऐसा होने से लोगों में हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।

रविवार, 29 सितंबर 2024

स्वास्थ्य: 'नीम' की पत्तियां खाने के फायदे, जानिए

स्वास्थ्य: 'नीम' की पत्तियां खाने के फायदे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
कहावत है ’स्वास्थ्य ही धन है’। ऐसे में हमें अपनी सेहत का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि, हेल्थ खराब होने पर हमारा किसी काम में मन नहीं लगता है।

नीम की पत्ती चबाएं 

आयुर्वेद में हमारे स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं। जिसमे से एक है नीम की पत्तियां। जो कि कड़वी होने के साथ शरीर को कई लाभ देती हैं।

खाली पेट नीम की पत्ती खाने के फायदे 

वहीं, यदि आप सुबह खाली पेट नीम की पत्तियां चबाते हैं। तो ये हमारी कई बड़े रोगों से रक्षा करती है। ऐसे में हमें इसका सेवन आज से ही शुरू कर देना चाहिए।

डायबिटीज में फायदा 

यदि आप रोजाना सुबह बासी मुंह नीम की पत्तियां चबाते हैं। तो इससे ब्लड शुगर लेविल कंट्रोल में रहता है। एक्सपर्ट के अनुसार इसमें एजाडिरेक्टिन नामक तत्व इसमें मददगार होता है।

खून साफ 

इसके अलावा रोजाना खाली पेट नीम की पत्ती चबाने से हमारा खून साफ होता है। यह ब्लड से टॉक्सिन बाहर कर खून साफ करता है।

पेट की बीमारियां होंगी दूर 

वहीं, नीम की पत्तियों में पेट संबंधी बीमारियां जैसे एसिडिटी, कब्ज, ब्लोटिंग आदि की समस्या दूर करने के भी गुण पाए जाते हैं। चबाने के अलावा आप इन पत्तियों को उबालकर इसका पानी भी पि सकती हैं।

बुखार में मदद 

नीम की पत्तियों का खाली पेट सेवन हमें कई तरह के मौसमी बुखार चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया आदि से भी बचाव करता है।

वजन कम करने में मदद 

नीम की पत्तियां और उसका खाली पेट अर्क पीने से वजन कंट्रोल भी होता है। ऐसे में ये वेट कंट्रोल में भी सहायक होता है।

गुरुवार, 26 सितंबर 2024

अधिकारी-नेता पी गए 12 तरह के कीटनाशक

अधिकारी-नेता पी गए 12 तरह के कीटनाशक 

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। नगर पालिका परिषद लोनी सघन आबादी वाला नगर है। जगह-जगह खाली प्लाटों, रास्ते और मुख्य मार्गो में  खड़े पानी भरने से जानलेवा मच्छरों की पैदावार बढ़ती हैं। ऐसी स्थिति में मलेरिया का फैलना सुनिश्चित हो जाता है। लेकिन अधिकारी और नेता मच्छरों की अच्छी फसल पैदा करने का काम कर रहे हैं। हालांकि, इसका खामियाजा नगर की जनता को भुगतना ही होगा। पूरी बरसात निकालने के बाद भी, अभी तक नगर में किसी प्रकार के कीटनाशक रासायनिक का छिड़काव अथवा फोगिंग कर इस समस्या के विरुद्ध एक कदम भी नहीं उठाया गया है। लगता है कि 12 प्रकार के कीटनाशकों को अधिकारी और नेता मिलकर पी गए हैं। 
आप खुद अनुमान लगाइए मच्छरों की जनसंख्या का घनत्व, मच्छरों से मनुष्यों तक प्रसार और मनुष्यों से मच्छरों तक प्रसार मलेरिया के फैलने के कारक हैं। इन कारकों में से किसी एक को भी बहुत कम कर दिया जाए तो उस क्षेत्र से मलेरिया को मिटाया या कम किया जा सकता है। इसीलिए मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों मे रोग का प्रसार रोकने हेतु दवाओं के साथ-साथ मच्छरों का उन्मूलन या उनसे काटने से बचने के उपाय किये जाते हैं। अनेक अनुसन्धान कर्ता दावा करते हैं कि मलेरिया के उपचार की तुलना मे उस से बचाव का व्यय दीर्घ काल मे कम रहेगा। 1956-1960 के दशक मे विश्व स्तर पर मलेरिया उन्मूलन के व्यापक प्रयास किए गए। किंतु उनमें सफलता नहीं मिल सकीं और मलेरिया आज भी उसी स्तर पर मौजूद है। 
मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करके मलेरिया पर बहुत नियन्त्रण पाया जा सकता है। खड़े पानी में मच्छर अपना प्रजनन करते हैं, ऐसे खड़े पानी की जगहों को ढक कर रखना, सुखा देना या बहा देना चाहिये या पानी की सतह पर तेल डाल देना चाहिये, जिससे मच्छरों के लारवा सांस न ले पाएं। इसके अतिरिक्त मलेरिया-प्रभावित क्षेत्रों में अकसर घरों की दीवारों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाता है। अनेक प्रजातियों के मच्छर मनुष्य का खून चूसने के बाद दीवार पर बैठ कर इसे हजम करते हैं। ऐसे में अगर दीवारों पर कीटनाशकों का छिड़काव कर दिया जाएं तो दीवार पर बैठते ही मच्छर मर जाएगा, किसी और मनुष्य को काटने के पहले ही। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में छिड़काव के लिए लगभग 12 दवाओं को मान्यता दी है। इनमें डीडीटी के अलावा परमैथ्रिन और डेल्टामैथ्रिन जैसी दवाएँ शामिल हैं, खासकर उन क्षेत्रों मे जहाँ मच्छर डीडीटी के प्रति रोधक क्षमता विकसित कर चुके है। 
मच्छरदानियां मच्छरों को लोगों से दूर रखने मे सफल रहती हैं तथा मलेरिया संक्रमण को काफी हद तक रोकती हैं। एनोफिलीज़ मच्छर चूंकि रात को काटता है। इसलिए, बड़ी मच्छरदानी को चारपाई/बिस्तर पे लटका देने तथा इसके द्वारा बिस्तर को चारों तरफ से पूर्णतः घेर देने से सुरक्षा पूरी हो जाती है। मच्छरदानियां अपने-आप में बहुत प्रभावी उपाय नहीं हैं, किंतु यदि उन्हें रासायनिक रूप से उपचारित कर दें, तो वे बहुत उपयोगी हो जाती हैं। मलेरिया-प्रभावित क्षेत्रों में मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाने से मलेरिया में 20 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। साथ ही मलेरिया का निदान और इलाज जल्द से जल्द करने से भी इसके प्रसार में कमी होती है।

बुधवार, 25 सितंबर 2024

'साबूदाना खिचड़ी’ की आसान रेसिपी, जानिए

'साबूदाना खिचड़ी’ की आसान रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
साल के वह 9 दिन फिर से दस्तक देने वाले हैं। जिनमें देवी दुर्गा की मूर्तियों को कुमकुम, चूड़ियों, फूलों और आभूषणों से सजाया जाता है। उनकी पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। ‘नवरात्रि’ के दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है और इन दिनों में अधिकांश लोग उपवास/व्रत रखते हैं। ऐसे में इन 9 दिनों में लोग देसी घी और बिना प्याज-लहसुन से बने खास, शुद्ध व्यंजन और फलाहार खाते हैं। अगर आप भी ‘नवरात्रि’ में व्रत रखते हैं और सोच रहे हैं कि आप क्या बनाएंगे, तो हम आपके लिए ‘साबूदाना खिचड़ी’ की आसान रेसिपी लाएं हैं। यह रेसिपी ना केवल खास है, बल्कि बेहद स्वादिष्ट भी है। चलिए जानते हैं ‘साबूदाना खिचड़ी’ की स्टेप बाय स्टेप रेसिपी...

सामग्रीः–

साबूदाना – 1 कप

उबले आलू- 2-3 कटे हुए

काजू – 12-15 कटे हुए

बादाम- 6-8

मखाने – 1/2 कप

भुनी हुई मूंगफली – 1/4 कप

घी – 1 टी स्पून

साबुत लाल मिर्च – 2

कढ़ी पत्ता – 18-20 पत्तियां

स्वादअनुसार सेंधा नमक

कटा हुआ हरा धनिया

हरी मिर्च कटी- 1 टी स्पून

नींबू रस – 1 टेबल स्पून।

कैसे बनाएं ?

सबसे पहले साबूदाने को धो कर, उसे एक घंटे के लिए पानी में भिगोए रखें। 
अब आलू को छील कर धोएं और इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। 
फिर एक कढ़ाई में तेल या घी डालिए और गर्म करिए। इसमें आलू को डालकर हल्का भूरा होने तक भूनें और इसे एक प्लेट में निकाल कर अलग रख लें। अब बचे हुए तेल या घी में जीरा और हींग डालें, जब जीरा भून जाए, तो इसमें हरी मिर्च और अदरक डाल लें और इन्हें भी अच्छे से भून लें। 
इसमें मूंगफली डालें और लगभग 1 मिनट तक भूनें। अब इसमें साबूदाना, नमक और काली मिर्च डालकर इसे अच्छी तरह मिलाएं। 
फिर इसमें दो चम्मच पानी डालकर, इसे 7 से 8 मिनट तक ढक कर पकाएं। 
जब आपको लगे कि साबूदाने सॉफ्ट हो गए हैं, तो इसमें आलू मिलाएं। अगर साबूदाने सॉफ्ट नहीं लग रहे हैं, तो कढ़ाई में 1 से 2 चम्मच पानी डाल कर इसे कुछ देर और पकाएं। 
जब साबूदाने सॉफ्ट लगने लगे, तो इसमें कटा हुआ हरा धनियां डालें और इसे गरमागर्म खाएं। 

रविवार, 22 सितंबर 2024

हेल्थ को इम्प्रूव कर सकता हैं 'नारियल' का पानी

हेल्थ को इम्प्रूव कर सकता हैं 'नारियल' का पानी 

सरस्वती उपाध्याय 
औषधीय गुणों से भरपूर नारियल का पानी आपकी ओवरऑल हेल्थ को काफी हद तक इम्प्रूव कर सकता हैं। अगर आप अपनी मॉर्निंग डाइट में कोकोनट वॉटर को शामिल करते हैं, तो आप खुद को सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का शिकार बनने से बचा सकते हैं। नारियल पानी पीकर आप दिन भर एनर्जेटिक महसूस कर पाएंगे। अगर आपको भी यही लगता है कि नारियल का पानी पीकर सिर्फ बॉडी को हाइड्रेशन मिलता है, तो आपको अपनी इस गलतफहमी को दूर कर लेना चाहिए।

वेट लॉस में मददगार 

लो कैलोरी कोकोनट वॉटर आपकी वेट लॉस जर्नी को आसान बनाने में मददगार साबित हो सकता है। नारियल का पानी पीकर आपका पेट भरा हुआ महसूस करेगा जिससे आप ओवरईटिंग करने से बच जाएंगे। इसके अलावा इम्यून सिस्मट को मजबूत बनाने के लिए भी नारियल का पानी पिया जा सकता है। नारियल का पानी पीकर आपको सिर के दर्द से भी राहत मिल सकती है।

गट हेल्थ के लिए फायदेमंद 

नारियल का पानी पीकर आप अपनी गट हेल्थ को काफी  हद तक इम्प्रूव कर सकते हैं। एसिडिटी जैसी पेट से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाने के लिए नारियल का पानी पीने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा नारियल का पानी पीने से आप अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकते हैं। किडनी की सेहत को मजबूत बनाए रखने के लिए भी नारियल का पानी फायदेमंद साबित हो सकता है।

नारियल के पानी में पाए जाने वाले तत्व 

नारियल के पानी में एंटीवायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए आपको सुबह-सुबह खाली पेट नारियल पानी पीकर अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए। सुबह नारियल का पानी पीकर आप अपने आलस से छुटकारा पा सकते हैं। यानी कोकोनट वॉटर पीने के बाद आप दिन भर एनर्जेटिक महसूस कर पाएंगे। 

शनिवार, 21 सितंबर 2024

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
आंख हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक हैं। जिसकी मदद से हम अपने आस-पास की दुनिया देख पाते हैं। हमारी आंखें बहुत सेंसिटिव होती हैं। आंखों में इन्फेक्शन या आई फ्लू का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि फंगस इन्फेक्शन फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया हवा में रहते हैं। अधिकांश लोग इन्फेक्शन या एलर्जी के कारण आंखें रगड़ने लगते हैं। इससे कुछ देर के लिए से बहुत अच्छा महसूस हो सकता है। लेकिन, बार-बार ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। ज्यादा तेजी से आंखों को रगड़ने से कॉर्निया डैमेज हो सकता है।

अपनी आंखें क्यों रगड़ते हैं लोग 

आंखें के रगड़ने के कई कारण हो सकते हैं। जब हमारी आंखों में खुजली होती है, हम थके हुए होते हैं या ऐसा महसूस होता है कि पलकें आंखों में फंस गईं हैं तो हम सभी अपनी आंखें रगड़ते लगते हैं। कुछ लोगों को आंखों को बार-बार रगड़ना एक रिफ्लेक्स या आदत भी हो सकती है। आंखों के रगड़ने से अलग-अलग उम्र के मुताबिक अलग-अलग परेशानियां हो सकती हैं। जो बच्चे आंखों को ज्यादा रगड़ते हैं, उनके कॉर्निया का आकार बदल जाता है। आंखों की ब्लड वेसल्स बहुत नाजुक होती हैं। आंखों के रगड़ने से वेसल्स टूटने लगती है। जिससे आंखों की सफेद परत पर खून आने लगता है और आंख लाल पड़ जाती है। इसके अलावा बच्चों के बार-बार आंखों को रगड़ने से डार्क सर्कल आने लगते हैं। वहीं एडल्ट के बार-बार आंखों को रगड़ने से केराटोकोनस नाम की बीमारी हो सकती है। इसमें कार्निया की सतह अनियमित और पतली हो जाती है।

एलर्जी से बचाना जरूरी 

आमतौर पर धूल-मिट्टी या ज्यादा स्क्रीन टाइम की वजह से आंखों में एलर्जी होती है। जिसके कारण लोग आंखों को रगड़ने लगते हैं। आंखों से पानी आना, पलकों का ड्राई होना या आंखों का लाल होना जैसी किसी स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

स्क्रीन से ब्रेक लें

लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल की स्क्रीन पर लगातार टकटकी लगाकर देखने से आंखों पर खिंचाव पड़ता है। जिससे आंखें ड्राई होने लगती है और बार-बार रगड़ने का मन करता है। हर 20 मिनट में स्क्रीन से नजर हटाएं और 20 फीट दूर रखी किसी चीज कर कुछ देर देखें। 

लगातार पलक झपकाएं 

पलकें झपकाना एक नेचुरल क्रिया है। इससे आंखें नम और स्वस्थ बनी रहती हैं। लेकिन जब हम स्क्रीन लगातार देखते हैं तो हमारी आंखें कम झपकती हैं, जिससे आंखें ड्राई हो जाती हैं। इसलिए नियमित पलक जरूर झपकानी चाहिए।

आंखों को हाइड्रेट रखने के लिए खाने-पीने का रखें ध्यान 

आंखों को हाइड्रेट रखने के लिए अपनी डाइट में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड शामिल करें। इसके लिए गाजर, चुकंदर, शिमला मिर्च, मूली और हरी सब्जियों को खूब खाएं। इसके साथ ही हर रोज 2 से 3 लीटर पानी जरूर पिएं। जब आंखे हाइड्रेट रखेंगी तो आंखों में खुजली या जलन की परेशानी कम होगी।

रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की

रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की  अखिलेश पांडेय  मेड्रिड। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को स्पेन की रक्षा मंत्री मा...