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बुधवार, 29 नवंबर 2023

चाय को दोबारा गर्म करना हानिकारक: स्वास्थ्य

चाय को दोबारा गर्म करना हानिकारक: स्वास्थ्य 

सरस्वती उपाध्याय 
हमेशा फ्रेश चाय पिएं। चाय को दोबारा गर्म नहीं करेंगे तो बेहतर होगा। अगर आपकी तुरंत बनाई चाय ठंडी हो गई है तो उसे गर्म करके पी सकते हैं। लेकिन इसकी आदत न डालें।
जब चाय बनती है, तब वो ठीक होती है। लेकिन जैसे जैसे वो ठंडी होती है तो इसमें बैक्टीरिया फैलने लगता है। ऐसे में कुछ देर बाद जब इसे फिर से गर्म किया जाता है तो ये बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते है। इसलिए ठंडी चाय को दोबारा गर्म करने से वह जहर बन जाती है और इससे पेट में कई सारे साइड इफेक्ट्स होते हैं,
जैसे कब्ज, एसिडिटी, पेट में जलन,उल्टी या दस्त की समस्या। जब चाय बनती है तब वो ठीक होती है लेकिन जैसे जैसे वो ठंडी होती है तो इसमें बैक्टीरिया फैलने लगता है। ऐसे में कुछ देर बाद जब इसे फिर से गर्म किया जाता है तो ये बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते है। इसलिए ठंडी चाय को दोबारा गर्म करने से वह जहर बन जाती है और इससे पेट में कई सारे साइड इफेक्ट्स होते हैं, जैसे कब्ज, एसिडिटी, पेट में जलन,उल्टी या दस्त की समस्या।

सेहत के लिए फायदेमंद है देसी अंडे, जानिए

सेहत के लिए फायदेमंद है देसी अंडे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स अंडे को माना जाता है। इसमें कैल्शियम की भी प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो शरीर की हड्डियों के लिए फायदेमंद है। अंडा न केवल खाने में आसान है, बल्कि इसे घर पर स्टोर करना और बनाना भी आसान है। वैसे तो सफेद या भूरा, दोनों ही अंडे सेहत के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन कुछ लोग देसी अंडों यानी भूरे अंडों को सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद या सलाह के तौर पर लोगों को बताते हैं।

1. घने पोषक तत्व
देसी अंडे को आमतौर पर फैक्ट्री-फार्म किए गए अंडों की तुलना में अधिक पोषक तत्व-घने माना जाता है। उनमें विटामिन ए, डी, और ई सहित विटामिन और खनिजों के उच्च स्तर के साथ-साथ ल्यूटिन और ज़ीएक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं।

2. हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे  
देसी अंडे उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत हैं, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। उनमें स्वस्थ वसा भी होते हैं, जैसे ओमेगा -3 फैटी एसिड, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

3. मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा दे  
देसी अंडे कोलीन का एक समृद्ध स्रोत हैं, एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व जो मस्तिष्क के विकास और कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अध्ययनों से पता चला है कि कोलीन की कमी से संज्ञानात्मक गिरावट और स्मृति हानि हो सकती है।

4. वज़न प्रबंधन में मदद करे  
देसी अंडे कैलोरी में कम होते हैं और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन होते हैं, जो उन्हें अपने वजन को प्रबंधित करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाते हैं। वे परिपूर्णता की भावनाओं को बढ़ाने और भूख को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे अधिक खाने से रोकने में मदद मिल सकती है।

शनिवार, 25 नवंबर 2023

ज्यादा चीनी का सेवन करना बेहद नुकसानदायक

ज्यादा चीनी का सेवन करना बेहद नुकसानदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
चीनी से बनी हुई सामाग्री का सेवन करना लगभग हर इंसान को पसंद होता है। कुछ लोग तो दिनभर कुछ न कुछ मीठा चीज खाते रहते हैं। कुछ लोग तो खाने के साथ चीनी का भी सेवन करते हैं। ऐसे में अगर आप ज्यादा चीनी का सेवन करते हैं और उस पर नियंत्रण नहीं रखते हैं तो आपको कई तरह की समस्याओं का समामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि ज्यादा चीनी का सेवन करने आपकी सेहत से जुड़ी कौन कौन सी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता हैं।

मोटापा
अगर आप ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन करते हैं तो आपको मोटापे की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण आपको वजन बढ़ने की समस्या से सामना करना पड़ सकता हैं। वहीं वजन बढ़ने से आपको कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज
अगर आप अधिक चीनी का सेवन कर रहें तो आप सावधान हो जाइए। क्योंकि इससे आपको डाबिटीज का जैसी गंभीर समस्याओं के होने का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा चीनी के सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण डायबिटीज की बीमारी पैदा होती है। वहीं जो मरीज डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं उन्हें चीनी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल की समस्या
चीनी का ज्यादा सेवन कोलेस्ट्राल को बढ़ाने में मदद करता है। इससे आपको कोलेस्ट्राल बढ़ने की समस्या से जूझना पड़ सकता है। कोलेस्ट्राल बढ़ने से हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही चीनी का ज्यादा सेवन करने से ब्लड प्रेशर और थॉयराइड जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

सूजन की समस्या
ज्यादा चीनी का सेवन करने से आपके शरीर में सूजन हो सकती है। वहीं इसके कारण जलन और लालिमा भी होने का खतरा रहता है।

दांतों के लिए नुकसानदायक
चीनी का अधिक सेवन करने से दांतों की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इससे दांतों में बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाता है। वहीं इसके कारण दांतों की जल्दी टूटना और मसूड़ों के कमजोर होने का डर रहता है। इसके साथ ही आपको ऊर्जा के स्तर में कमी, मानसिक स्वास्थ्य और अनिद्रा की समस्याएं भी हो सकती हैं।

सोमवार, 20 नवंबर 2023

प्रोटीन-विटामिन की तरह आयरन की भी जरूरत

प्रोटीन-विटामिन की तरह आयरन की भी जरूरत

सरस्वती उपाध्याय 
शरीर को प्रोटीन और विटामिन की तरह ही पर्याप्त मात्रा में आयरन की जरूरत होती है। जिससे शरीर इंफेक्शन से लड़ सके। हीमोग्लोबिन के लिए आयरन बेहद जरूरी है। आयरन की मदद से शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। साथ ही ये मसल्स की ग्रोथ और मजबूती के लिए भी जरूरी है। लेकिन ज्यादातर महिलाएं आयरन की कमी से जूझती हैं और पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व ना मिलने के कारण एनीमिया की शिकार हो जाती है। शरीर में अगर आयरन की कमी हो गई है तो अनार या चुकंदर खाने की बजाय इन फ्रूट्स एंड फूड्स को खाएं। बढ़ने लगेगी आयरन की मात्रा।
मटर
मटर या सूखी मटर में आयरन की मात्रा 100 ग्राम में 1.5 मिलीग्राम होती है। अगर हर दिन पर्याप्त मात्रा मे मटर खाया जाए तो रोज की जरूरत की आयनर की मात्रा मिल जाएगी। मटर के अलावा सोयाबीन, राजमा में भी आयरन पाया जाता है।खजूर, आलुबूखारा, अंजीर, किशमिश
आयरन की कमी से एनीमिया होने का खतरा होता है। ऐसे में आयरन रिच फूड्स को जरूर खाना चाहिए। 
खजूर, आलुबूखारा, अंजीर और किशमिश आयरन रिच फूड्स हैं। आलुबूखारा में आयनर की मात्रा भले ही ज्यादा ना हो लेकिन इसमे मौजूद विटामिन सी शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन सोखने में मदद करता है। अंजीर में आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। अंजीर में 29.49 मिलीग्राम आयरन की मात्रा होती है। हर दिन एक से दो अंजीर दैनिक आयरन की मात्रा की पूर्ति कर सकता है।
काले तिल
आयुर्वेद के अनुसार काले तिल में सफेद तिल की तुलना में ज्यादा आयरन की मात्रा होती है। हर दिन थोड़ी मात्रा में काले तिल को खाने से आयरन की पर्याप्त मात्रा मिल सकती है।
काजू
शरीर में आयरन की कमी है तो हर दिन काजू खाना बेस्ट ऑप्शन है। काजू खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा नहीं बल्कि प्रति 100 ग्राम काजू में आयरन की मात्रा करीब 6.68 मिलीग्राम होती है।

गुरुवार, 16 नवंबर 2023

एक्ने को दूर करेगा एलोवेरा, जानिए

एक्ने को दूर करेगा एलोवेरा, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
एक्ने एक ऐसी प्रॉब्लम है, जिसे हम सभी ने कभी ना कभी फेस किया ही है। जब भी ब्रेकआउट्स व एक्ने होते हैं तो ऐसे चेहरे की खूबसूरती कहीं छिप जाती है। इतना ही नहीं, हम उस एक्ने को जल्द से जल्द दूर करने के लिए तरह-तरह की क्रीम्स व उपायों का सहारा लेते हैं। लेकिन अगर आप नेचुरल तरीके से एक्ने की प्रॉब्लम को दूर करना चाहते हैं तो ऐसे में एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। एलोवेरा ना केवल स्किन के अतिरिक्त ऑयल को दूर करता है, बल्कि इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी- इन्फ्लेमेटरी गुण भी एक्ने को दूर करने में मददगार होते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप एलोवेरा से एक्ने को दूर कर सकते हैं। 

एलोवेरा आइस क्यूब का करें इस्तेमाल
इसके लिए आप सबसे पहले एलोवेरा जेल को आइस क्यूब ट्रे में जमाएं। जब यह बर्फ के टुकड़ों में बदल जाए तो आप उन्हें अपने एक्ने एरिया पर रब करें। ठंड सूजन और रेडनेस को कम करने में मदद करती है जबकि एलोवेरा स्किन को सूदिंग इफेक्ट देता है।

एलोवेरा और खीरा करें इस्तेमाल
अगर आपकी स्किन सेंसेटिव है तो ऐसे में आप एलोवेरा और खीरे को मिक्स करके भी एक्ने एरिया पर लगा सकते हैं। इसके लिए आप खीरा को कद्दूकस कर लें। इसमें एलोवेरा जेल मिक्स करें। अब आप इसे अपनी स्किन पर लगाएं और 15-20 मिनट तक लगाएं। अंत में, ठंडे पानी से धो लें।

बुधवार, 15 नवंबर 2023

ब्रेड से कलाकंद बनाने की रेसिपी, जानिए

ब्रेड से कलाकंद बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
मीठे खेाने की क्रेविं को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। जब बात हमारी पारंपरिक देसी मिठाई की हो, तो अनुभव बढ़ जाता है। मिठाइयों को देख कर मुहं में पानी आने लगता है। देसी मिठाई है कलाकंद नरम, मलाईदार और दूधिया होते हैं। इसे आप घर पर भी आसानी से बना सकती हैं। भाई दूज के दिन भाई को खिलाने के लिए आप इस मिठाई को तैयार कर सकते हैं। यहां जानिए ब्रेड से कलाकंद बनाने का तरीका...!

ब्रेड से बनाने के लिए क्या चाहिए ?
ब्रेड कलाकंद एक ऐसी रेसिपी है, जिसे हर कोई फटाफट तैयार कर सकता है। इसे बनाने के लिए शक्कर, दूध, इलायची, केसर, बादाम, पिस्ता, काजू और ब्रेड की होगी

ब्रेड से कैसे बनाएं ?
इसे बनाने के लि सबसे पहले दूध को उबालकर एक तिहाई मात्रा में रख लें फिर इसमें चीनी और इलायची पाउडर डालकर मिलाएं। आंच बंद कर दें, केसर के रेशे और कटे हुए ड्राई फ्रूट्स डालकर मिलाएं। अब ब्रेड लें और फिर किनारों को काट लें। अब एक ट्रे लें और बेस बनाने के लिए इसमें रबड़ी में डालें, फिर ब्रेड को समान रूप से डालें। इसे सूखे मेवों से सजाएं और फिर कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें। इसके बाद कलाकंद को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और भोग लगाने के बाद भाई को खिलाएं।

सोमवार, 13 नवंबर 2023

वजन को नियंत्रित करने में फायदेमंद है अदरक

वजन को नियंत्रित करने में फायदेमंद है अदरक

सरस्वती उपाध्याय 
वर्तमान समय में हर इंसान खुद को फिट रखना चाहता है। क्योंकि वजन बढ़ने से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। वजन कम करने के लिए लोग तरह तरह के उपायों और दवाईयों का उपयोग करते हैं। वहीं वजन कम करने में अदरक एक कारगर उपाय माना जाता है। ज्यादातर लोग सर्दी जुकाम और पाचन सही रखने में ही अदरक को असरदार जानते हैं। लेकिन अदरक वजन को नियंत्रित करने में काफी फायदेमंद माना जाता है। इसमें पाया जाने वाला एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट्स  और एंटी बैक्टीरियल गुण शरीर में इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाने के साथ कई तरह की परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।

अदरक का पाउडर
जितना अदरक कारगर होता है, उतना ही अदरक पाउडर भी फायदेमंद होता है। अदरक पाउडर का पानी के साथ नियमित सेवन करने से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।

अदरक और नींबू
वजन कम करने के लिए अदरक एक कारगर उपाय माना जाता है। गुनगुने पानी में अदरक और नींबू के रस को मिलाकर नियमित रूप से पीने से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।

अदरक और ग्रीन टी
अदरक के साथ ग्रीन टी मिलाकर पीने से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। इन दोनों का एक साथ सेवन वजन कम करने में बहुत असरदार माना जाता है।

अदरक और सेब
वजन कम करने के लिए अदरक और सेब का सिरका दोनों का सेवन काफा फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए आपको अदरक के रस के साथ सेब का सिरका मिलाकर पीने से वजन को नियंत्रिक किया जा सकता है।

अदरक और शहद
शहद का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इससे कई तरह की समस्या से छुटकारा मिल जाता है। वहीं वजन करने के लिए अदरक के पानी के साथ शहद का सेवन करना वजन को नियंत्रित करने में काफी मददगार साबित होता है।

शुक्रवार, 10 नवंबर 2023

आंखों की रोशनी कम होने से परेशान, जानिए

आंखों की रोशनी कम होने से परेशान, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
आंखें हमारी शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा होती है। लोगों को अपनी आंखों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। आंखों की समस्या आज के समय में आम हो गई है। इस दौर में छोटी उम्र के बच्चे भी चश्मा लगाए हुए देखने को मिल जाते हैं। आंखों की रोशनी की कम होने की समस्या का कारण खराब खानपान और लाइफस्टाइल है। ज्यादातर लोग पौष्टिक आहार के बजाय जंक फूड और फास्ट फूड खाते हैं। वहीं ज्यादा समय तक लैपटॉप और मोबाइल का उपयोग भी आंखों की समस्या का कारण बनते हैं। जो लोग आंखों की रोशनी कम होने की समस्या से परेशान है। उन्हें अपने डाइट में बदलाव करना चाहिए। ऐसे में उन्हें पौष्टिक तत्वों से भरपूर आहार को शामिल करना चाहिए।

हरी सब्जियां 
आंखों की रोशनी कम होने से परेशान है तो अपनी डाइट में हरी सब्जियों को शामिल करें। हरी सब्जियों में पालक, मेथी, ब्रोकली, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों का सेवन करने से आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसमें पाए जाने वाले रासायनिक तत्व आपके आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होता है।

बादाम
बादाम का नियमित सेवन कर आंखों की रोशनी कम होने की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट्स आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होता है। इसे आप भिगोकर या तो दूध के साथ भी खा सकते हैं।

आंवला
आंखों की रोशनी बढ़ाने में आंवला भी कारगर उपाय माना जाता है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी का गुण आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। आंवले का सेवन शहद के साथ या फिर उसके रस को पानी में मिलाकर दो बार पीने से आंखों की रोशनी कम होने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

संतरा
आंखों की रोशनी कम होने की समस्या के लिए संतरे का सेवन किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट्स आपकी आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इसके नियमित सेवन से आंखों की रोशनी को फायदा होता है।

गाजर और शकरकंद
गाजर औऱ शकरकंद में पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन ए पोषक तत्व आंखों की रोशनी को बढ़ाने में काफी फायदेमंद होता है। गाजर का सेवन सलाद के रूप में या फिर जूस के रूप में भी कर सकते हैं। इन दोनों का सेवन आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करते हैं।

शनिवार, 28 अक्तूबर 2023

भुना चना और गुड़ खाने के फायदे, जानिए

भुना चना और गुड़ खाने के फायदे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
भुना चना और गुड़ दोनों ही भारतीय आहार का एक अभिन्न अंग हैं, और इन दोनों का एक साथ सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। भुना चना प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम, और आयरन जैसे खनिज भी मौजूद होते हैं। गुड़ में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।

भुना चना और गुड़ खाने से निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं: पाचन में सुधार: भुना चना और गुड़ दोनों ही आसानी से पचने योग्य होते हैं, और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। भुना चना में फाइबर होता है, जो कब्ज को रोकने में मदद करता है, जबकि गुड़ पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ाता है।
वजन घटाने में मदद: भुना चना और गुड़ दोनों ही कम कैलोरी और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ हैं, जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। भुना चना प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत भी है, जो मांसपेशियों के निर्माण और चयापचय को बढ़ाने में मदद करता है।
मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद: भुना चना और गुड़ दोनों ही मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। भुना चना में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका अर्थ है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से नहीं बढ़ाता है। गुड़ में भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, और इसमें क्रोमियम होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद: भुना चना और गुड़ दोनों ही इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। भुना चना में विटामिन सी होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। गुड़ में भी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार: भुना चना और गुड़ दोनों ही हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। भुना चना में मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। गुड़ में भी पोटेशियम होता है, और इसमें niacin होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
कैंसर के खतरे को कम करना: भुना चना और गुड़ दोनों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों से लड़ते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं।
भुना चना और गुड़ का सेवन कैसे करें : भुना चना और गुड़ को नाश्ते में, भोजन के बीच या रात के खाने के बाद खाया जा सकता है। भुना चना और गुड़ को एक साथ मिलाकर खाया जा सकता है, या अलग-अलग भी खाया जा सकता है।

गुरुवार, 26 अक्तूबर 2023

स्वास्थ्य: सावधानी से खाएं चावल, जानिए

स्वास्थ्य: सावधानी से खाएं चावल, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
चावल बहुत सारे लोगों का पसंदीदा फूड है। लेकिन कार्बोहाइड्रेट फूड्स को मोटापा बढ़ने के डर से खाने से लोग अवॉएड करते हैं। चावल की बजाय अलग-अलग अनाज की रोटी खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन चावल के बगैर आपको खाना अधूरा लगता है तो इसे खाते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखें। कई बार लोग चावल खाते समय इन गलतियों को करते हैं। जिसकी वजह से ही उनका वजन बढ़ता है, तो चलिए जानें कौन सी वो गलतियां हैं, जिन्हें अपने मनपसंद चावल को खाते वक्त ना करें।

दाल और चावल की मात्रा पर ध्यान दें
चावल को खाते वक्त साथ में सांभर, दाल या सब्जी की मात्रा पर जरूर फोकस करें। जैसे कि अगर आपने एक कप चावल लिया है तो साथ में दो कप सब्जी और सांभर लें। इससे आप चावल की मात्रा कम खाएंगे और मोटापा बढ़ने का चांस कम रहेगा। क्योंकि कार्बोहाइड्रेट से ज्यादा प्लेट में आपके प्रोटीन और फाइबर की मात्रा होगी। जो कि हेल्दी ऑप्शन है।

छोटी प्लेट में खाएं
लंच में चावल खा रही हैं तो हमेशा अपनी चावल की प्लेट को छोटा रखें। इससे आप कम मात्रा में चावल लेंगी खाने को। लेकिन साथ में फाइबर की मात्रा होने से पेट आसानी से भर जाता है।

अगर चावल ज्यादा खाते हैं तो इसका मतलब है कि प्लेट में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा कम है। इसलिए प्लेट में प्रोटीन यानी दाल और फाइबर यानी सब्जी की मात्रा को बढ़ाएं। इसे खाने से पेट जल्दी भरता है और आप चावल कम खाने की कोशिश करते हैं। चावल के साथ पनीर, चिकन, फिश, टोफू जैसे प्रोटीन के सोर्स ऐड करें। ये आपकी प्लेट को हेल्दी और टेस्टी बनाएगा।

साथ में पिए छाछ
चावल की कम मात्रा लेने से आपको संतुष्टि नहीं मिलती तो चावल के साथ छाछ जरूर लें। इसकी खाने के साथ एक-एक घूंट पीने से पेट भरेगा और आप ज्यादा खाने से बचे रहेंगे।

चावल को चबाकर खाएं
चावल की तुलना में जब भी रोटी खाई जाती है तो उसे चबाकर खाते हैं। लेकिन आमतौर पर चावल को निगल लिया जाता है। लेकिन रोटी की तरह ही चावल को भी चबाकर खाएं जिससे दिमाग को पेट भरने का सिग्नल टाइम पर मिल सके।

शनिवार, 21 अक्तूबर 2023

पपीते के पत्तों का रस पीने के फायदे, जानिए

पपीते के पत्तों का रस पीने के फायदे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
पपीता पोषक तत्वों से भरा होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पपीता की पत्तियों के फायदे भी हमारे स्वास्थ्य के लिए चमत्कार कर सकते हैं। क्या आप पपीते के पत्ते के रस के फायदों के बारे में जानना चाहेंगे ? 
आपको बता दें पपीते के पत्तों का जूस कई बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है। पपीता की पत्तियों में विटामिन ए, सी, ई, के, और बी की हाई मात्रा है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। यहां पपीता के पत्तों का जूस पीने के शानदार फायदों के बारे में बताया गया है।

हेल्दी पाचन
ये जू, पाचन संबंधी लक्षणों जैसे गैस, सूजन और हार्ट बर्न को कम करने के लिए जाना जाता है। पपीते के पत्ते में फाइबर होता है, जो पाचन स्वास्थ्य का सपोर्ट करता है। यह प्रोटीन और अमीनो एसिड को पचाने के लिए बड़े प्रोटीन को छोटे टुकड़ों में तोड़ सकता है।

एंटी इंफ्लेमेटरी गुण
इस जूस का उपयोग मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों के दर्द सहित आंतरिक और बाहरी स्थितियों की एक सीरीज के इलाज के लिए किया जाता है। एक अध्ययन में पाया गया कि पपीते का पत्ता अर्क गठिया के साथ पैरों की सूजन को काफी कम कर सकता है।
पपीते के पत्ते का जूस पीने से बालों की ग्रोथ को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन यह साबित करने वाले साक्ष्य बहुत सीमित हैं। इस एंटीऑक्सिडेंट से भरे जूस से ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और बालों के विकास में सुधार की संभावना बढ़ जाती है।

डेंगू में फायदेमंद
पपीते के पत्तों के रस का सबसे अधिक उपयोग डेंगू के बुखार, थकान, सिरदर्द, मतली, त्वचा पर चकत्ते और उल्टी से राहत पाने के लिए किया जाता है। कुछ गंभीर मामलों में यह प्लेटलेट लेवल को ठीक कर सकता है।

डायबिटीज
डायबिटीज रगियों के लिए पपीते का जूस काफी लाभकारी माना जाता है। यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए किसी प्राकृतिक दवा के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

कई बीमारियों में लाभदायक है 'सिंघाड़ा'

कई बीमारियों में लाभदायक है 'सिंघाड़ा'

सरस्वती उपाध्याय 
नवरात्रि व्रत के दौरान फलाहार के लिए सिंघाड़े का सेवन किया जाता है। लेकिन सिंघाड़े का महत्व सिर्फ फलाहार तक ही सीमित नहीं है। सिंघाडे में मौजूद प्रोटीन, फाइबर, पोटेशियम और विटामिन बी6 जैसे पोषक तत्व इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बनाते हैं। सिंघाड़ा को ‘पानी फल’ भी कहा जाता है। इसके नियमित सेवन से शरीर में पानी की कमी दूर होने के साथ वेट लॉस और थायराइड को भी कंट्रोल करने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं सिंघाड़ा खाने से सेहत को मिलते हैं कौन से गजब के फायदे और क्या है इसका सेवन करने का सही तरीका।

सिंघाड़ा खाने से मिलते हैं ये फायदे

थायराइड में फायदेमंद
सिघाड़े में मौजूद आयोडिन और मैंगनीज थायराइड की समस्या में फायदेमंद माने जाते हैं। सिघाड़े में मौजूद आयोडीन गले संबंधी रोगों से बचाव करता है। ऐसे में अगर आप थायराइड रोगी हैं, तो आपके लिए सिंघाड़े का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

डिहाइड्रेशन
सिघाड़े में पानी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। इसका सेवन करने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या दूर रहती है।

बालों की सेहत
सिंघाड़े का सेवन बालों की समस्या को दूर करके बालों की सेहत को बनाए रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद लॉरिक एसिड बालों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

वेट लॉस
अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हो चुके हैं तो सिंघाड़ा का सेवन आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। सिघाड़े में बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है। जो बैली फैटी को कम करने में मदद कर सकता है। इसका सेवन आप नाश्ते के समय कर सकते हैं।

तनाव की छुट्टी
सिंघाड़ा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। इसका सेवन करने से वजन कम होने के साथ ऑक्सीडेटिव तनाव भी कम होता है। सिंघाड़ा का सेवन करने से शरीर एक्टिव बने रहने के साथ मेटॉबोलिज्म भी तेज बना रहता है। जिसकी मदद से व्यक्ति को तेजी से अपना वजन घटाने में मदद मिलती है।

वेट लॉस के लिए कैसे करें सिंघाड़े का सेवन?
वेट लॉस करना चाहते हैं तो सिंघाड़े को कच्चा नाश्ते में स्नैक के रूप में खा सकते हैं।
वजन घटाने के लिए सिघाड़े को सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है।
सिंघाड़े को उबालकर उसका सेवन कर सकते हैं।
वजन घटाने के लिए सिंघाड़े को सुखाकर आटे में भी मिलाकर खाया जा सकता है।

मंगलवार, 17 अक्तूबर 2023

व्रत रखने में कमजोरी, 5 स्वस्थ पेय जानिए

व्रत रखने में कमजोरी, 5 स्वस्थ पेय जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
देशभर में नवरात्रि का त्योहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान लोग पूचा-अर्चना के साथ-साथ व्रत रख रहे हैं।
हालांकि, व्रत रखने के 1-2 दिन बाद ही कमजोरी महसूस होने लगती है। ऐसे में आपको अपनी डाइट में पौष्टिक और हाइड्रेटेड पेय को शामिल करना चाहिए।
स्वस्थ पेय आपको दिनभर ऊर्जावान महसूस कराने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करेंगे।
आइये, आज व्रत अनुकूल 5 स्वस्थ पेय जानते हैं।

साबूदाना ठंडाई 
कई खनिज और पोषक तत्वों से भरपूर साबूदाना व्रत के लिए एक पसंदीदा विकल्प है। ठंडाई के स्वाद के साथ साबूदाना से बना यह पेय व्रत में पीने के लिए फायदेमंद है।
इलायची, सौंफ और काली मिर्च से युक्त यह पेय पाचन के लिए अच्छा है।
इसके अलावा इसके सेवन से व्रत के दौरान आपको कमजोरी महसूस नहीं होगी और आप दिनभर ऊर्जावान महसूस करेंगे।
घर पर साबूदाना से बने इन व्यंजनों को भी बनाएं।

नारियल और खजूर की स्मूदी 
अगर आप व्रत के दौरान अपने पेट को देर तक भरा हुआ रखना चाहते हैं तो इसके लिए यह पेय एक बेहतरीन विकल्प है।
खजूर, नारियल, इलायची और सेंधा नमक से बनी यह स्मूदी फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर है।
यह आपको दिनभर ऊर्जावान महसूस कराने, प्रतिरक्षा प्रणाली और पूरे शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस स्वस्थ पेय को व्रत के दौरान अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं।

छाछ 
यह पेय दही और पानी से बनाई जाती है और इसमें स्वाद के लिए तरह-तरह के मसाले मिलाए जाते हैं।
यह इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होती है, जो शरीर से पानी की कमी को पूरा करता है।
इसके अलावा छाछ में विटामिन-D और कैल्शियम की अच्छी मात्रा मौजूद होती है, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही इनके विकास में मददगार है।
यहां जानिए दही और छाछ के बीच का अंतर।

अदरक और नींबू का पानी 
नींबू पानी में ताजा अदरक का रस और चुटकी भर सेंधा नमक मिलाने से यह मसालेदार पेय तैयार हो जाता है।
इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं इसलिए इस पेय का सेवन व्रत के दौरान किया जा सकता है।
यह स्वस्थ पेय पाचन क्रिया और पेट के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
मखाने से बने इन व्रत अनुकूल स्नैक्स को भी आजमाएं।

केला और बादाम का शेक
शेक स्वस्थ फलों, दही और दूध से तैयार होने वाला पेय है, जिसका सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, इसलिए इस पेय का सेवन व्रत के दौरान किया जा सकता है।
नवरात्रि में आप केला और बादाम की स्मूदी को आजमा सकते हैं। क्योंकि यह पेय आपके पेट को देर तक भरा हुआ रखने में मदद करेगा।

शनिवार, 14 अक्तूबर 2023

मूंगफली खाने के अनेक फायदे, जानिए

मूंगफली खाने के अनेक फायदे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
लोग अक्सर खाली समय में मूंगफली खाना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग इस टेस्टी नट को काफी पसंद करते हैं। मूंगफली में कई आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इस वजह से ये सेहत के लिए भी काफी गुणकारी होती है। इसमें प्रोटीन, हेल्दी फैट, फाइबर, विटामिन (जैसे बी विटामिन और विटामिन ई), और खनिज (जैसे मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम) शामिल हैं। 
बता दें रोजाना मूंगफली खाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। पूरे स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाने के साथ ही ये इम्यूनिटी को बेहतर करने में भी मदद करती है। अगर आप मूंगफली से होने वाले फायदों से अनजान हैं, तो आज हम आपको इसके फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे।
डिप्रेशन कम करने में मददगार
इन दिनों कई सारे लोग मानसिक समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। डिप्रेशन इन्हीं समस्याओं में से एक है, जिससे आजकल कई लोग परेशान रहते हैं। ऐसे में मूंगफली खाने से डिप्रेशन कम करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद ट्रिप्टोफैन सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाता है, जो आपको डिप्रेशन से निपटने में मदद करता है।
आंखों की रोशनी में करे सुधार
अगर आपकी आंखें भी कमजोर हो रही है, तो इन्हें तेज करने के लिए आप मूंगफली को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। इसमें मौजूद जिंक आपके शरीर को विटामिन ए का उत्पादन करने में मदद करता है, जो नाइट ब्लाइंडनेस के इलाज के लिए उपयोगी है।

सोमवार, 9 अक्तूबर 2023

रोजाना नीम की 10-12 पत्तियों का सेवन करें

रोजाना नीम की 10-12 पत्तियों का सेवन करें 

सरस्वती उपाध्याय 
नीम का नाम सुनते हैं मुंह में कड़वाहट महसूस होने लगती है। हम सभी नीम की पत्तियों के कड़वे स्वाद से अनजान नहीं हैं। आप जानते हैं कि नीम की ये कड़वी पत्तियां सेहत का ख़जाना है। औषधीय गुणों से भरपूर नीम की पत्तियां कई बीमारियों का उपचार करती हैं। नीम की पत्तियों का अगर रोजाना सेवन किया जाए तो इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता है और कई बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। बॉडी को संक्रमण से बचाने में नीम की पत्तियां बेहद असरदार हैं। नीम का इस्तेमाल स्किन की कई परेशानियों जैसे पिंपल्स ,एक्ने,दाग-धब्बे, टैनिंग,बेजान और ड्राई स्किन का उपचार करने में किया जाता है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर नीम का सेवन वायरल फीवर,सर्दी-खांसी,गले की खराश को दूर करने में किया जाए तो तुरंत राहत मिलती है। आइए जानते हैं कि रोजाना नीम की 10-12 पत्तियों का सेवन करने से कौन-कौन सी बीमारियों का उपचार होता है।

नीम की पत्तियां गट से कीटाणुओं का करती हैं सफाया
खाली पेट नीम की पत्तियों का सेवन किया जाए तो गट की हेल्थ दुरुस्त रहती है। खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल हमारी गट हेल्थ को बिगाड़ रहा है ऐसे में नीम की पत्तियों का सेवन गट को हेल्दी रखता है और बीमारियों से बचाव करता है।

ये पत्तियां लिवर को रखती हैं हेल्दी
खाली पेट नीम की पत्तियों का सेवन करने से लिवर की सेहत दुरुस्त रहती है। नीम की पत्तियों के सूजनरोधी गुण ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ते हैं जो मुक्त कणों के कारण होता है। ऑक्सीडेटिव तनाव लीवर के टिशू को नुकसान पहुंचाता है। लिवर को हेल्दी रखने में नीम की पत्तियां दवा की तरह असर करती हैं।

ब्लड शुगर करती हैं कंट्रोल
नीम का कड़वा स्वाद ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। जिन लोगों की ब्लड शुगर हाई रहती है वो रोजाना नीम के पत्तों का सेवन करें। आयुर्वेद के मुताबिक नीम की पत्तियों में तिक्त और कषाय रस पाया जाता है, जो शरीर के अंदर पहुंचकर ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।

नीम से होता है कब्ज का इलाज
नीम की पत्तियों का सबसे आम उपयोग पेट से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में होता है। कब्ज और सूजन को दूर करने में नीम का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। नीम की पत्तियों में मौजूद फाइबर मल डिस्चार्ज करने में मदद करता है और सूजन से भी राहत दिलाता हैं।

नीम की पत्तियों का सेवन कैसे करें
नीम की पत्तियों का सेवन पेस्ट बनाकर किया जा सकता है। नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाते समय सावधानी बरतें, हमेशा ताजी बनी नीम की पत्तियों के रस का ही सेवन करें।
इसका जूस निकालकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
आप नीम की पत्तियों को तवे पर सूखा भूनकर भी कर सकते हैं।

शुक्रवार, 6 अक्तूबर 2023

करी पत्ते के पानी को पीने से अनेक फायदे

करी पत्ते के पानी को पीने से अनेक फायदे 

सरस्वती उपाध्याय 
करी पत्ते का उपयोग खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, करी के पत्तों में विभिन्न पोषक तत्व और औषधीय गुण होते हैं, जैसे कि विटामिन C, विटामिन A, कैल्शियम, फोलिक एसिड और विटामिन K। ये सभी सेहत के लिए महत्वपूर्ण होते है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभाव से बचाते हैं। वहीं, करी पत्ते के पानी को पीने से शरीर को अनेक फायदे मिलते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको इसे रोजाना पीने के फायदे बताते हैं। आइए बताते हैं विस्तार से…

पाचन
करी पत्तों में पाचन को बेहतर बनाने में मदद करने वाले एंजाइम्स होते हैं। यह आपके पाचन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। करी पत्तों का पानी पीने से पाचन शक्ति बढ़ जाती है और मल त्याग की क्रिया में सुधार आती है। इसलिए आप रोजाना इसे खाली पेट पिएं, जिससे आपकी समस्या दूर होगी।

स्ट्रेस
करी पत्तों का पानी एक प्रकार का होम रेमेडी है जो स्ट्रेस को कम करता है। करी पत्तों की खुशबू, ताजगी और स्वाद मनोबल को बढ़ा सकती है। करी पत्तों का इस्तेमाल स्ट्रेस और तनाव को कम करने के लिए किया जाता है। इसके लिए आप सुबह के समय इसका पानी पीएं, जिससे शांति मिलेगी और स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। आप एक कप गर्म पानी में करी पत्तों का पानी डालकर भी पी सकते हैं।

हार्ट
करी पत्तों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है। इसका नियमित रुप से सेवन आपको इस समस्या से सदैव बचाए रख सकता है। इसलिए करी पत्ते का पानी आप रोज सुबह उठकर खाली पेट पिएं।

डायबिटीज
करी पत्तों में पाए जाने वाले कार्बाजोल एल्कलॉइड्स का इस्तेमाल डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। यह ग्लूकोज के स्तर को कम करता है, खासकर टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसलिए आज ही अपनी डेली डाइट में इसे शामिल कर लें।

सुबह ऐसे करें पानी का सेवन
सबसे पहले एक कप गर्म पानी उबालें और इसे ठंडा होने दें।
एक छोटे से पात्र में कुछ स्वच्छ करी पत्ते डालें।
अब ठंडे हुए पानी में करी पत्तों को मिलाएं।
इस करी पत्तों के पानी को सुबह खाली पेट पीएं।

बुधवार, 4 अक्तूबर 2023

कोलेस्ट्रॉल बढ़ना गंभीर समस्या, जानिए लक्षण

कोलेस्ट्रॉल बढ़ना गंभीर समस्या, जानिए लक्षण 

सरस्वती उपाध्याय 
कोलेस्ट्रॉल बढ़ना एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। इस समस्या पर काबू नहीं पाने से आपको नसों के रोग, दिल के रोग, हार्ट अटैक और यहां तक कि स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा होता है। कोलेस्ट्रॉल एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो खून में जमा होता है और इसका लेवल बढ़ने से नसों में ब्लॉकेज हो सकती है।
सबसे चिंता की बात यह है कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कोई खास लक्षण समझ नहीं आता है और जब तक पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यही वजह है कि डॉक्टर समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराने की सलाह देते हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल के लक्षण या संकेत बिल्कुल ही नहीं दिखते हैं। कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो आपको अपने चेहरे पर नजर आ सकते हैं। हम आपको कोलेस्ट्रॉल के कुछ ऐसे लक्षण बता रहे हैं, जो किसी व्यक्ति के चेहरे पर दिखाई दे सकते हैं।
ज़ेन्थोमास- कई बार पलकों पर मुलायम उभार हो जाता है, जो हल्का पीला सा नजर आता है और छूने में बहुत मुलायम होता है, जिसे ज़ेन्थोमास कहा जाता है। इस स्थिति में पलकों की त्वचा के नीचे मोम जमा हो जाता है।
कॉर्नियल आर्कस- कई बार कॉर्निया के चारों ओर एक पतली सफेद रेखा दिखाई देती है। ऐसा माना जाता है कि कॉर्नियल आर्कस हाई कोलेस्ट्रॉल का एक बड़ा संकेतक है।

चेहरे, गालों और माथे पर पीले रंग के उभार भी उच्च कोलेस्ट्रॉल का संकेत देते हैं। ये नितंबों, कोहनियों, हाथों और घुटनों पर भी दिखाई देते हैं।
सोरायसिस- यदि आपको अपने चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पर त्वचा पर लाल और खुजली वाले धब्बे दिखाई दें तो तुरंत इसका इलाज कराएं। इसे सोरायसिस कहा जाता है। यह उन लोगों में भी देखी जाती है जिनके खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक होता है।
अपनी डाइट में फाइबर वाले फूड्स जैसे कि अनाज, फल, सब्जियां शामिल करें, क्योंकि यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा घी, मक्खन, और पालमा तेल की जगह जैतून का तेल, नारियल तेल और कैनोला तेल का उपयोग करें।

कोलेस्ट्रॉल का लेवल सैचुरेटेड फैट वाली चीजें जैसे कि रेड मीट, अंडे का पीला हिस्सा और तली हुई चीजों को खाने से बढ़ता है इसलिए इन चीजों का जितना हो सके कम सेवन करें। अपने खाने में प्रोटीन से भरपूर चीजों को अधिक शामिल करें।
नियमित व्यायाम करने से एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ सकता है और एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल) को कम किया जा सकता है। यदि आपका वजन बढ़ गया है, तो इसे कम करने का प्रयास करें, क्योंकि वजन कम करने से कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है।
धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन कम करें या बंद करें, क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान, योग, और प्राणायाम का प्रयास करें, क्योंकि स्ट्रेस कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाने का काम करता है।

शनिवार, 30 सितंबर 2023

स्वास्थ्य: ड्राई फ्रूट्स को भूनकर खाना सही नहीं

स्वास्थ्य: ड्राई फ्रूट्स को भूनकर खाना सही नहीं

सरस्वती उपाध्याय 
शरीर को स्वस्थ रखने और पोषण देने के लिए प्रतिदिन कुछ मात्रा में ड्राई फ्रूट्स खाना सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है। ड्राई फ्रूट पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसको बहुत से लोग ऐसे भी खाते हैं और भूनकर भी इसका सेवन करते हैं। ऐसे में एक सवाल ये है कि क्या ड्राई फ्रूट्स को भूनकर खाना सही है? तो आइए जानते हैं इस बारे में।
ड्राई फ्रूट के सेवन से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लक्षणों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। फिर भी इसे किसी समस्या का सटीक इलाज नहीं माना जा सकता है। ऐसे में अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो डॉक्टरी इलाज को प्राथमिकता दें। 

ड्राई फ्रूट भूनकर खाना चाहिए या नहीं?
दरअसल, ड्राई फूट्स में कई प्रकार के फाइबर और मल्टी न्यूट्रीएंट्स होते हैं जो कि भूनने के दौरान गायब हो सकते हैं। इसके अलावा ड्राई फ्रूट में जिंक, पोटेशियम और मैग्निशियम जैसे ट्रेस मिनरल्स भी होते हैं जो कि ज्यादा तापमान के संपर्क में आने से खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा ड्राई फ्रूट्स को भूनकर खाना इसके फाइबर और रफेज का भी नुकसान करता है। तो, आपको इसको भूनकर खाने से बचना चाहिए।

ड्राई फ्रूट खाने का सही तरीका...
आप कुछ ड्राई फ्रूट्स को पहले भिगोकर खा सकते है। जैसे कि अंजीर, खजूर,  काजू, किशमिश और बादाम को भिगोकर ही खाना चाहिए। बाकी अखरोट और पिस्ता आप ऐसे भी खा सकते हैं। इसके अलावा आपको मखाना और छुहारे को दूध में उबालकर या इसके साथ लेना चाहिए। इससे शरीर को इनके पोषण तत्वों का लाभ मिलेगा। अगर आपको भूनकर भी खाना है तो मूंगफली और मखाने को भून कर खाएं। 

ड्राई फ्रूट को भूनने का सही तरीका क्या है?
अगर आप ड्राई फ्रूट्स को भूनकर खाना चाहते हैं तो सही तरीका जानना जरुरुी होता है। ड्राई फ्रूट नहीं पचते तो आपको इन्हें भूनकर खाना चाहिए लेकिन, इसमें भी आपको तेल का इस्तेमाल नहीं करना है। आपको इस सीधे कड़ाही गर्म करके भूनना है, बिना तेल इस्तेमाल किए। साथ ही इस दौरान तापमान का खास ख्याल रखें। ऐसा न करना कई सारे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और ट्रेस मिनरल्स का नुकसान कर सकता है।

शुक्रवार, 29 सितंबर 2023

वायरल फीवर से बचाव के उपाय, जानिए नुस्खे

वायरल फीवर से बचाव के उपाय, जानिए नुस्खे 

सरस्वती उपाध्याय 
मौसम के बदलने के साथ सर्दी और जुकाम होना आम बात है। ऐसा ज्यादातर सभी लोगों के साथ होता है। अक्सर ऐसा तब होता है, जब कभी धूप तो कभी बारिश या भीषण गर्मी पड़ने लगती है। बारिश की वजह से जगह-जगह जलजमाव होने लगता है और उसमें तरह-तरह के मच्छर और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिनके काटने और इंफेक्शन फैलाने से अनेक तरह की बीमारियां फैलने लगती हैं।

मौसम के बदलने का हमारे शरीर पर भी असर होने लग जाता है। ऐसे में शरीर का तापमान मौसम के हिसाब से बार-बार बदलने लगता है और फिर हम बीमार पड़ जाते हैं, इसलिए मानसून में हर जगह सभी लोगों को वायरल फीवर होने लगता है। इस समय में बहुत तेजी से मौसमी फ्लू की समस्या सामने आने लगती है। ऐसे में कुछ घरेलू नुस्खों से हम अपने आप को इस वायरल फीवर से बचाव बचा सकते हैं। तो चलिए उन नुस्खों के बारे में जानते हैं। 

तरल पदार्थों का करें सेवन...
वैसे तो शरीर को हमेशा हाड्रेटेड रखना चाहिए, लेकिन बदलते मौसम में इसका खास ध्यान रखना चाहिए कि हमें हमेशा तरल पदार्थो का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए। इसमें नारियल पानी, घर पर बने फ्रूट जूस और पानी का अधिक से अधिक सेवन करें।

घर के आस-पास की करें सफाई...
बता दें वायरल फीवर मौसम के बदलने या फिर किसी भी तरह के इंफेक्शन की वजह से होता है, इसलिए जरूरी है कि आप अपने घर के आस-पड़ोस में सफाई रखें। घर के किसी भी कोने में कहीं पानी जमा हो, तो तुरंत उसकी सफाई करें। इनसे डेंगू, मलेरिया जैसे बीमारियों के मच्छर पनपने का डर रहता है।

बाहर की चीजें खाने से करें परहेज...
बदलते मौसम में मार्केट में बनी हुई चीजों को बिल्कुल भी न खाएं। ये इंफेक्शन की वजह बन सकता है, क्योंकि मार्केट में बनी हुई कोई भी चीज अनहाईजेनिक हो सकती है।

मास्क का करें यूज...
भीड़भाड़ वाले जगहों पर हमेशा मास्क का उपयोग करें। कोरोना महामारी के बाद से हमने इतना तो सीखा ही है कि किसी भी बीमारी को हल्के में लेना कितना बड़ा जोखिम उठाने जैसा है।

तुलसी और दालचीनी का पानी पीएं...
बता दें तुलसी और दालचीनी औषधीय गुणों से भरपूर है, इसे पानी में उबालकर सुबह खाली पेट पीने से इम्युनिटी मजबूत रहती है।

अजवाइन का पानी पीएं...
अजवाइन एक मसाला है, जो वायरल फीवर में बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है। इसे पानी में उबालकर पीने से वायरल फीवर में बहुत राहत मिलती है।
खबर में दी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सोमवार, 25 सितंबर 2023

स्वास्थ्य: बालों के लिए फायदेमंद है 'हल्दी'

स्वास्थ्य: बालों के लिए फायदेमंद है 'हल्दी'

सरस्वती उपाध्याय 
किचन में रोज इस्‍तेमाल होने वाला हल्‍दी के बिना कोई भी सब्जी अधूरा है। खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ यह अपने औषधीय गुणों के लिए भी जानी जाती है। हल्दी स्किन की कई समस्‍याओं को ठीक करने के साथ-साथ बालों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। हाल ही के शोधों में पाया गया है कि यह बालों के लिए हेयर टॉनिक की तरह काम करती है और हेयर ग्रोथ में काफी मदद करती है। इसके इस्‍तेमाल से सिर और स्‍कैल्‍प के ब्‍लड सर्कुलेशन को बेहतर किया जा सकता है और यह एंटी-डैंड्रफ ट्रीटमेंट की तरह भी काम करती है। तो आइए जानते हैं कि आप हल्‍दी को बालों के लिए किस तरह शामिल कर सकते हैं।

बालों के लिए हल्दी के फायदे...
त्वचा पर हल्दी का इस्तेमाल करने के साथ ही, बालों के लिए भी हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। बालों के लिए हल्दी किस तरह लाभकारी हो सकती है, इसकी जानकारी नीचे क्रमवार दे रहे हैं। ध्यान रखें कि यहां बताए गए बालों के लिये हल्‍दी के फायदे सिर्फ घरेलू उपाय हैं। इन्हें बालों से जुड़ी गंभीर परेशानियों का इलाज समझने की भूल न करें।

ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार...
एक अध्ययन के अनुसार ब्लड सर्कुलेशन की कमी बाल झड़ने का कारण बन सकती है। ऐसे में बालों में हल्दी का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एक रिसर्च में इसका पता चलता है कि चिकित्सीय उपयोग में हल्दी का इस्तेमाल ब्‍लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है। इस आधार पर माना जा सकता है कि हल्दी स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने के साथ कई हेयर प्राब्लम्स को दूर करने में उपयोगी हो सकती है।

रूसी के उपचार में कारगर
एक रिसर्च के अनुसार, हल्दी में एंटी डैंड्रफ (रूसी दूर करने वाला) प्रभाव होता है। इस वजह से बालों में हल्दी लगाने से रूसी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। हल्दी के इस प्रभाव को बढ़ाने के लिए इसमें नारियल तेल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। दोनों के मिश्रण का तेल लगाने से रूसी का कारण बनाने वाले फंगस पिट्रोस्पोरम ओवल को खत्म किया जा सकता है।

बालों का रंग बरकरार...
हल्दी का इस्तेमाल वक्त से पहले बालों के सफेद होने के जोखिम को भी कम कर सकता है। दरअसल, एक शोध में पाया गया कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक कंपाउंड में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो सफेद बालों की समस्या को कम कर सकते हैं। इसलिए, सफेद बालों को काला बनाने के उपाय के लिए हल्दी का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इसकी मात्रा का खास ख्याल रखें। बेहतर होगा कि किसी त्वचा विशेषज्ञ की देखरेख में ही बालों के लिए हल्दी का इस्तेमाल करें।

बालों के विकास में सुधार
लंबे बालों के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। चूहों पर किए गए शोध से यह भी पता चलता है कि करक्यूमिन हेयर साइकिल को बढ़ाकर बालों के विकास में मदद कर सकता है। इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च इस बात की पुष्टि करता है कि हल्दी के अर्क और मिनोक्सिडिल (minoxidil – हेयर ग्रोथ की एक दवा) का मिश्रण लगाने से स्कैल्प की बाहरी त्वचा में सुधार हो सकता है। साथ ही, इससे हेयर ग्रोथ यानी बालों के विकास को भी गति मिल सकती है।

हल्‍दी का हेयर मास्‍क इस तरह बनाएं...
वैसे आप घर पर ही मिनटों में हल्‍दी होम मेड हेयर मास्क तैयार कर सकते हैं। साथ ही ध्यान रखे कि बालों को स्वस्थ रखने के लिए नीचे बताए गए घरेलू उपाय के साथ संतुलित भोजन करना भी जरूरी है।

1. अंडा, शहद और हल्दी का हेयर मास्क
 
सामग्री...

2 अंडे
2 चम्मच शहद
2 चम्मच हल्दी पाउडर
उपयोग की विधि 
एक कटोरी में 2 अंडा और 2 चम्‍मच शहद मिलाएं और इसमें 2 चम्‍मच हल्‍दी पाउडर डाल लें। अब तैयार हुए इस मिश्रण को अच्‍छी तरह से फेट लें। अब इसे बालों की जड़ों और सिर में लगाएं। आधे घंटे बाद ठंडे पानी और शैंपू से बालों को धो लें। इस हेयर पैक का प्रयोग सप्ताह में एक बार किया जा सकता है।

2. दूध, शहद और हल्दी का हेयर मास्क
 

सामग्री...
2 चम्मच कच्चा दूध
1 चम्मच शहद
1 चम्मच हल्दी पाउडर
उपयोग की विधि 
एक बाउल में ऊपर बताई गई सभी सामग्रियों को अच्छे से मिक्स करें। फिर इस मिश्रण को बालों की जड़ों में अच्छे से लगाएं। इसके बाद बचा हुआ मिश्रण बालों के सिरों में भी लगाएं। 30 मिनट बाद गुनगुने ठंडे पानी और शैंपू से बालों को धो लें। हफ्ते में एक बार इस हेयर पैक का इस्तेमाल किया जा सकता है।

3. नारियल तेल और हल्दी का हेयर मास्क
 
सामग्री...
4 चम्‍मच नारियल तेल
1 से 2 कच्ची हल्‍दी की गांठ
उपयोग की विधि
एक कटोरी में नारियल का तेल गुनगुना करें। फिर इसमें कच्ची हल्दी के छोटे-छोटे टुकड़े करके डालें। दोनों को साथ में 2 मिनट के लिए गर्म करें। इसके बाद हल्दी को निचोड़कर सारा तेल निकाल लें। तेल के ठंड़ा होने पर इसे स्कैल्प पर लगाएं। 15 मिनट बाद शैम्‍पू से वॉश कर लें। हफ्ते में इस हेयर पैक को 1 बार जरूर लगाएं।

विष्णुदेव को नया सीएम चुने जाने पर प्रतिक्रिया दी

विष्णुदेव को नया सीएम चुने जाने पर प्रतिक्रिया दी दुष्यंत टीकम  रायपुर। छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री का नाम तय हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्...