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गुरुवार, 29 अगस्त 2024

'ब्लैकहेड्स' से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं टिप्स

'ब्लैकहेड्स' से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं टिप्स

सरस्वती उपाध्याय 
स्किन पर ब्लैकहेड्स होना आम समस्या है। लेकिन, इसके चलते चेहरे की खूबसूरत छिन जाती है। ये स्किन पर काले धब्बों की तरह होते हैं। ब्लैकहेड्स नाक और माथे पर ज्यादा होते हैं। दरअसल, ये स्किन पर गंदगी और तेल जमने के कारण हो जाते हैं। इन्हें हटाने के लिए लोग तरह-तरह के टिप्स को फॉलो करते हैं। लेकिन, कई बार ज्यादा फायदा नहीं मिल पाता है।
जब हमारी स्किन के रोम छिद्रों डेड सेल्स और तेल जमा हो जाता है। इसकी वजह से छोटे-छोटे दाने उभरने लगते हैं। जब ये दाने हवा के संपर्क में आते हैं, तो ऑक्सीडाइज होते हैं। जिसके चलते इनका रंग काला हो जाता है। यही बाद में ब्लैकहेड्स में दिखाई देते हैं।

ब्लैकहेड्स के कारण

ब्लैकहेड्स गलत खानपान, खराब लाइफस्टाइल, हार्मोनल असंतुलन और स्किन की ठीक तरह से सफाई नहीं होने के कारण होते हैं। लेकिन ब्लैकहेड्स से निपटने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों को फॉलो कर सकते हैं। बहरहाल, यहां हम आपको ब्लैकहेड्स से निपटने के आसान टिप्स के बारे में बताएंगे।

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा भी ब्लैक हेड्स की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। दरअसल, यह एक्सफोलिएट के रूप में काम करता है। बेकिंग सोडा को लगाने से डेड स्किन सेल्स हट जाते हैं। एक चम्मच बेकिंग सोडा में दो चम्मच पानी मिलाकर पेस्ट तैयार करें। अब आप इस पेस्ट को 10 मिनट ब्लैकहेड्स वाली जगह पर लगाएं।

भाप लें

भाप लेने से सर्दी-जुकाम की दिक्कत भी ठीक होती है। इससे रोम छिद्र भी खुल जाते हैं। इसके अलावा, जमा तेल और गंदगी को बाहर निकालने में मदद मिलती है। आप किसी बर्तन में गर्म पानी लेकर तौलिए से ढक लें। आप भाप को 5 से 10 मिनट लें। इससे भी काफी फायदा होगा। 

शहद और नींबू

ब्लैकहेड्स को हटाने के लिए आप नींबू और शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके लिए एक चम्मच शहद में कुछ बूंदे नींबू के रस की मिलाएं। इन दोनों चीजों का मिश्रण 5 से 10 मिनट के लिए ब्लैकहेड्स पर लगाएं। इससे स्किन को काफी फायदा होगा। 

सोमवार, 26 अगस्त 2024

'बब्बू गोशा' खाना बेहद फायदेमंद, जानिए

'बब्बू गोशा' खाना बेहद फायदेमंद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
बारिश के सीजन में बाजारों में कई खास फल आते हैं।  लेकिन, एक फल ऐसा है। जो खींचकर बाजार में इस मौसम में 20 दिन तक ही टिक पाता हैं। एकदम नाशपाती जैसा दिखने वाला यह खास फल बाजार में नग और बब्बू गोशा के नाम से बिकता है। इस फल के कुछ फायदें ऐसे है, जिन्हें जान कर आप हैरान हो जाएंगे। 
आज हम आपको बारिश के सीजन में आने वाले एक ऐसे खास फल के बारे में बताने जा रहे हैं। जो मुश्किल से इस सीजन में बाजारों में केवल 20 दिन या महीने भर तक ही चल पाता है। जो इन दिनों करौली के बाजारों में अपनी दो किस्मों के साथ आ रहा है, जिसका आकार और नाम दोनों ही अजीब है।
बब्बू गोशा और नग के नाम से बिकने वाला यह फल हालांकि नाशपाती जैसा दिखाई देता है। मगर, स्वाद में यह फल नाशपाती से भी ज्यादा स्वादिष्ट और गुणकारी रहता है।
नाशपाती जैसा दिखने वाला यह फल नाशपाती के बजाय काफी सॉफ्ट होता है और स्वाद में तो एकदम सेब जैसा लगता है। हर साल महंगा रहने वाला यह फल बाजार में काफी कम दिनों तक ही मिल पाता है। 
फल व्यापारीयों का कहना है कि नग नाम का फल खाने में एकदम मुलायम और बहुत अच्छा लगता है। जिसे कई लोग बब्बू गोशा भी कहते हैं। उनका कहना है कि शुगर की बीमारी में यह बहुत ही फायदेमंद रहता है। लेकिन, बब्बू गोशा को बहुत कम लोग जानते हैं।
यह फल सेब से भी ज्यादा फायदेमंद रहता है। जो हर साल महंगा बिकता है। फिलहाल, यह फल बाजार में अपनी दों किस्मों में उपलब्ध है। जिसमें पहला हरे रंग का जो सबसे ज्यादा मात्रा में उपलब्ध है और दूसरा लाल रंग का जो बहुत कम मात्रा में आता हैं।
इस खास फल की पैदाइशी हिमाचल और जम्मू कश्मीर में है। नाशपाती जैसा दिखने वाला यह फल स्वाद में उससे एकदम हटके है। नाशपाती खाने में कठोर और नग खाने में बहुत ज्यादा मुलायम होता है। महंगा मिलने के कारण बाजार में भी इसकी पकड़ कम और मुश्किल से यह फल खींचकर 20 दिन ही बाजार में चल पाता है। फिलहाल, थोक में इसका भाव ₹70 किलो और फुटकर में बब्बूगोशा ₹80 किलो बिक रहा है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक का कहना है, कि कि नाशपाती के बजाए ये फल शारीरिक कमजोरी को दूर करने में काफी गुणकारी है। इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। यें फल कब्ज में फायदेमंद और डाइजेशन को भी सही बनाए रखता है। इसके अंदर कई पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी भी भरपूर मात्रा में होती है। जिससे यह शरीर की शारीरिक कमजोरी को दूर कर देता है। 

शनिवार, 10 अगस्त 2024

स्वास्थ्य: भीगे हुए चने खाने के फायदे, जानिए

स्वास्थ्य: भीगे हुए चने खाने के फायदे, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
हेल्थ को लेकर दिन की शुरुआत के साथ ही हम सतर्क हो जाते हैं। रात से ही सुबह के लिए दिनचर्या निर्धारित होती हैं। सुबह उठकर भीगे हुए चना, स्प्रॉउट्स, या कोई हेल्दी जूस सेवन न सिर्फ आपके दिन की शुरुआत अच्छी करता हैं, बल्कि आपको सेहतमंद भी रखने में सहायक होते हैं। ऐसे में अगर आप नियमित रूप से भीगे हुए चने का इस्तेमाल करते हैं, तो इसका बहुत ही अच्छा असर आपके सेहत पर पड़ेगा।
हमारे बड़े-बुजुर्ग सबसे पहले सुबह में ब्रश करने के बाद भीगे हुए चना ही खाना पसंद करते हैं इसके बाद ही कुछ खाया करते हैं। चना में कई सारे पोषक तत्व होते हैं जैसे कि कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स आदि यह सभी कुछ चना में मौजूद होता है। भीगे हुए चने में फाइबर और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी है। जानिए, भीगे हुए चने खाने के फायदे।
अगर आप मोटापा से परेशान चल रहे हैं तो सुबह में एक प्लेट भीगा हुआ चना खाएं। क्योंकि, भीगे हुए चने में मौजूद गुण भूख को कम करते हैं और वजन तेजी से घटाने में मदद करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि भीगा हुआ चना सेहत के लिए खजाना है।
सुबह में भीगा हुआ चना खाने से कभी भी खून की कमी नहीं होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि चना में आयरन की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती है, जो खून की मात्रा को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। अगर आप सुबह में भीगे चने के सावन करते हैं, तो शरीर में खून तो बढ़ेगा ही साथ ही कभी भी एनीमिया की समस्या नहीं होगी।
चमकदार और मजबूत बाल चाहिए तो रोज सुबह भीगे हुए चने का सेवन करें। क्योंकि भीगे हुए चने में विटामिन-ए, बी, और विटामिन-ई होता है, जो बालों को स्वस्थ रखता है और उन्हें मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
भीगे हुए चने का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को कई सारे लाभ मिलते हैं। भीगे हुए चने में प्रोटीन की भरपूर होती है, जो पेट में पल रहे बच्चे के साथ-साथ मां को भी पर्याप्त ऊर्जा देने में मदद करती है। इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को सुबह में भीगे हुए चने का सेवन जरूर करना चाहिए।

सेहत के लिए 'अलार्म' सुनकर उठना नुकसानदायक

सेहत के लिए 'अलार्म' सुनकर उठना नुकसानदायक 

सरस्वती उपाध्याय 
दिनभर की थकान दूर करने के लिए रात में सुकून वाली नींद लेना बहुत जरूरी होता है। लेकिन, सुबह समय से उठकर रोजाना के काम पर जाने की भी जल्दी रहती है।

फोन या घड़ी में अलार्म

कई लोग सुबह समय से उठने के लिए अपने फोन या घड़ी में अलार्म लगाते हैं। कुछ लोग एक अलार्म पर उठ जाते हैं, तो वहीं कई लोग मल्टीपल अलार्म भी सेट किए रहते हैं।

मल्टीपल अलार्म

मल्टीपल अलार्म हर 5 या 10 मिनट पर बजने लगता है। अगर सुबह उठने के लिए आपको भी मल्टीपल अलार्म की जरूरत पड़ती है, तो यह आपके सेहत के लिए ठीक नहीं है।

नींद क्वालिटी पर असर

रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह उठने के लिए 5 या 10 मिनट के गैप पर सेट किए गए मल्टीपल अलार्म से नींद की क्वालिटी बिगड़ जाती है।

स्लीप साइकिल की लास्ट स्टेज

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, स्लीप साइकिल की आखिरी स्टेज मेमोरी प्रोसेसिंग और क्रिएटिव थिंकिंग के लिए बेहद जरूरी मानी जाती है।

सेहत पर गलत प्रभाव

अगर आप नींद खत्म कर सुबह उठने के लिए बार-बार अलार्म सुन रहे हैं, तो इससे शरीर में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं।

स्लीप इनर्शिया

कई रिसर्च में पता चला है कि मल्टीपल अलार्म की मदद से नींद खोलने के कारण स्लीप इनर्शिया की कंडीशन पैदा होती है और बॉडी में कोर्टिसोल हार्मोन भी बढ़ता है।

स्लीप इनर्शिया क्या होता है ?

स्लीप इनर्शिया एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें सुबह जागने के बाद व्यक्ति को बहुत ज्यादा थकान और भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ता है।

कोर्टिसोल हार्मोन

कई बार अलार्म सुनने के बाद अगर आपकी नींद खुलती है, तो इससे कोर्टिसोल हार्मोन भी बढ़ता है। यह हार्मोन तनाव को बढ़ाता है।
नींद के अंतिम पड़ाव में अलार्म सुनकर जबरदस्ती उठने से मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में सेहतमंद रहने के लिए समय से सो जाएं और 7-8 घंटे की नींद पूरा कर सुबह उठ जाएं।

मंगलवार, 6 अगस्त 2024

अधिक मात्रा में 'नमक' का सेवन बेहद हानिकारक

अधिक मात्रा में 'नमक' का सेवन बेहद हानिकारक 

सरस्वती उपाध्याय 
हमारे खानपान में नमक काफी अहम मायने रखता है।  नमक के बिना खाना बेस्वाद लगता है। कुछ लोग अपने स्वाद के अनुसार, नमक को अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं। लिमिटेड अमाउंट में नमक का सेवन हेल्थ के लिए नुकसानदेह नहीं होता, लेकिन ज्यादा मात्रा में इसे खाने से कई नुकसान हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन नमक के ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले घातक परिणामों के बारे में अलर्ट जारी कर चुका है…।

ज्यादा नमक खाना बन सकता है पेट के कैंसर का कारण

अब हाल ही में नमक को लेकर एक ताजा जानकारी सामने आई हैं, एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस नए अध्यन के अनुसार भोजन में ऊपर से या ज्यादा नमक मिलाकर खाने से पेट के कैंसर होने का खतरा हो सकता है। यह अध्ययन वियना यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर पब्लिक हेल्थ का एक हालिया स्टडी में सामने आई है। ऐसे में आज इस खबर के माध्यम से हम आपको ऐसे कुछ संकेतों के बारे में जो बताऐंगे, जिससे आप हैरान हो जाऐंगे। यदि आप भी ज्यादा नमक का सेवन करते है, तो इस खबर को पढ़ने के बाद छोड़ देंगे।

दुनिया भर में तेजी से फैल रहा गैस्ट्रिक कैंसर

इन दिनों गैस्ट्रिक कैंसर के केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी चपेट में आकर प्रत्येक साल लाखों की संख्या में लोग अपनी जान से हाथ धो देते हैं। जैसा कि हम सब को पता है, कैंसर एक बेहद खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। दुनिया में कैंसर कई प्रकार के होते हैं। जैसे कि ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेन कैंसर आदि, इनमें एक गैस्ट्रिक कैंसर भी है। जिसे पेट का कैंसर को पेट का कैंसर भी कहते है। इसे एब्डोमिनल कैंसर या स्टमक कैंसर भी कहा जाता है। इस कैंसर में पेट के भीतर ट्यूमर सेल्स असामान्य तरीके से बढ़ने लगता हैं। इस गंभीर बीमारी के कई सिम्टम्स भी होते है, जो हमें स्किन के साथ-साथ चेहरे पर भी दिखने लगते हैं।

हार्ट स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं का भी बन सकता है कारन

नमक सोडियम से बना होता है और बहुत ज्यादा सोडियम इनटेक करने से आपके शरीर में एक्स्ट्रा लिक्विड जमा हो सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। वक्त के साथ, हाई ब्लड प्रेशर ब्लड वेसल्स को क्षति पहुंचा सकता है। जिससे हार्ट डिजीज, हार्ट स्ट्रोक जैसी खतरनाक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। बहुत ज्यादा सोडियम का सेवन किडनी की समस्याओं के रिस्क को भी बढ़ा सकता है।

नमक के सेवन और पेट के कैंसर के बारे में अध्ययन क्या कहता है

शोधकर्ताओं ने यूनाइटेड किंगडम के 500,000 से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण किया। कैंसर या किडनी की समस्या वाले लोग इस शोध का हिस्सा नहीं थे, जिसे अप्रैल 2024 में गैस्ट्रिक कैंसर जर्नल में प्रकाशित किया गया था। यह पाया गया कि जिन लोगों ने खाने में नमक डाला, उनमें गैस्ट्रिक या पेट के कैंसर होने का जोखिम उन लोगों की तुलना में 41 प्रतिशत अधिक था, जिन्होंने कभी नमक नहीं डाला या शायद ही कभी नमक डाला।
नमक के सेवन और पेट के कैंसर के बीच संबंध का पता लगाने वाला यह पहला अध्ययन नहीं है। एडवांस इन न्यूट्रिशन एंड कैंसर में 2014 में प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार, बहुत अधिक नमक और नमक युक्त खाद्य पदार्थों का लोगों में गैस्ट्रिक कैंसर के जोखिम पर एक मजबूत प्रतिकूल प्रभाव पाया गया था।

रविवार, 28 जुलाई 2024

रोजाना चावल के पानी का सेवन करना फायदेमंद


रोजाना चावल के पानी का सेवन करना फायदेमंद 

सरस्वती उपाध्याय 
आज हम स्वास्थ्य से संबंधित फायदों के बारे में आपको बताएंगे। चावल बनाने के बाद हम अक्‍सर पानी को फेंक देते हैं, लेक‍िन चावल के पानी से बहुत-सी समस्‍याएं दूर हो सकती है। चावल का पानी रोजाना पीने से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। चावल का पानी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होने के साथ आपकी त्‍वचा और बालों के लिए भी लाभकारी होते हैं।

आइए, जानें चावल के पानी के फायदे

तुरंत दे एनर्जी

यह आपकी बॉडी के लिए एनर्जी का सबसे अच्‍छा स्रोत है। जी हां इसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है जो दिनभर आपको थकान महसूस नहीं होने देता है और एनर्जी को बनाए रखता है। सुबह के समय इस पानी को पीना एनर्जी बूस्ट करने का सबसे अच्‍छा तरीका है। इसके अलावा चावल का पानी विटामिन से भरपूर होता है, इसमें विटामिन बी, सी, ई और मिनरल पाए जाते हैं जो थकान को दूर करने में मददगार होते हैं।

डिहाइड्रेशन से बचने के लिए

चावल का पानी आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने और आपको डिहाइड्रेशन से बचाने में मददगार है। यह एक बेहतरीन समर ड्रिंक का काम करती है, जो शरीर को ठंडा और हाइड्रेट भी रखती है। इसलिए आप गर्मी के दिनों में भी घर से बाहर निकलने से पहले एक गिलास चावल का पानी पी सकते हैं।

दस्‍त में फायदेमंद

एक अध्ययन मे भी पाया गया है कि चावल का पानी दस्त के लिए एक प्रभावी उपाय है क्योंकि यह मल की मात्रा और आवृत्ति को कम करता है। इसके अलावा, चावल का पानी पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और यह आपको कब्‍ज से राहत दिलाने में भी सहायक है।

त्‍वचा के लिए फायदेमंद

चावल का पानी त्वचा की जलन को दूर करने और  हेल्‍दी स्किन में मदद करता है। आप रोजाना दो बार ठंडे चावल के पानी से अपना चेहरा धो सकते हैं, इससे आपको ग्‍लोइंग स्किन मिलेगी। चावल का पानी एक टोनर और फेसवॉश के रूप में भी काम करता है। यह आपकी त्वचा के रोम छिद्रों को साफ करता है और कसता है। इतना ही नहीं, यह एक ऐंटीएजिंग प्रॉडक्‍ट के रूप में काम करता है।

हेल्‍दी और मजबूत बालों को बढ़ावा

चावल का पानी आपके बालों को पोषण देने का काम करता है और उन्‍हें नुकसान से बचाता है। चावल के पानी में विटामिन ए, सी, डी, और ई होता है जो बालों की खोई चमक वापस लाने और उनके विकास को बढ़ावा देता है। चावल के पानी से बाल धोने से आपके बाल मुलायम, मजबूत और शाईनी होते हैं।

पेट की समस्या

अगर आपको हमेशा पेट की समस्या रहती है तो आपको इसके लिए चावल का पानी पीना चाहिए। लोकिन चावल का मांड खाने से खाना पचाने में आसानी होती है। चावल में दूध मिलाकर 20 मिनट तक ढककर रख दीजिए। इसके बाद इसको खाने से आपको इस समस्या से लाभ मिल जाएगा।

दिमागी विकास के लिए

अगर आप चावल के पानी का रोजाना सेवन करते है तो आपके दिमाग के लिए ये काफी फायदेमंद होता है। इससे आपका दिमागी विकास होता है और आपको अल्झाइमर जैसे रोगों से छुटकारा मिलता है। आपको इसका सेवन रोजाना करना चाहिए।

कैंसर से बचाव

चावल के पानी का सेवन आपके सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। ये आपको कैंसर जैसी समस्याओं से बचाता है। इसलिए आपको इसका सेवन करना चाहिए।

ट्यूमर को दबाता है

आपको बता दें की आपको ट्यूमर की समस्या अगर होने वाली है और आप इसका सेवन करते है, तो ये आपकी ट्यूमर की समस्या को दबाता है। इसके सेवन से आपको ट्यूमर नहीं होता है।

बुधवार, 24 जुलाई 2024

'बेक्ड कटोरी भेल' बनाने की रेसिपी, जानिए

'बेक्ड कटोरी भेल' बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
बारिश के मौसम में कुछ कुरकुरा और चटपटा खाने की क्रेविंग होने लगती है। आमतौर पर लोग बरसात के सुहावने मौसम का आनंद पकौड़ों के साथ लेते हैं। जबकि पकौड़े हमारी सेहत के लिए हेल्दी साबित नहीं होते हैं। 
अगर आप हेल्दी स्नैक्स के साथ रेनी सीज़न को एन्जॉय करना चाहती हैं, तो ये लाजवाब और आसान रेसिपी को अपने मेन्यू में ज़रूर शामिल करें। जो आपके स्वाद के साथ साथ आपकी सेहत का भी भरपूर ख्याल रखती हैं। आइए जानते हैं, बारिश के इस मौसम को सुहावने मौसम में बेक्ड कटोरी भेल बनाने की रेसिपी।

सामग्री...

आटा-2 कप
ऑलिव ऑयल -2 चम्मच
काबुली चने -1/2 कटोरी
चाट मसाला -1 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर- 1/2 चम्मच
नमक -स्वादानुसार
सेव- 1/2 कटोरी
उबले हुए आलू -1/2 कटोरी
अरदक- 1 चम्मच
अनार- 1 चम्मच
कटा हुआ टमाटर -1
बेकिंग सोडा- 1 चम्मच
पुदीने की चटनी -2 टेबल स्पून
इमली की चटनी- 2 टेबल स्पून
पानी -3 से 4 कप
काली मिर्च -1 चुटकी
धनिया पत्ती।

विधि...

सबसे पहले आटा, बेकिंग सोडा, नमक और तेल को डालकर गूंथ लें। अब इसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलाएं। अब इनकी बॉल्स तैयार कर लें।
उसके बाद इन्हें बेलकर कटोरी को उलटाकर उस पर चिपका दें। चिपकाने से पहले कटोरी को ग्रीस अवश्य करें।
इस तरह से बेली हुई रोटी कटोरी की शेप ले लेती है। अब इन्हें बेक करने के लिए अवन में रख दें। एक अलग बाउल में उबले हुए काबूली चने, अनार के दाने, बॉइल्ड आलू, कटा हुआ प्याज, हरी मिर्च और धनिया डालें।
इसके बाद फलेवर एड करने के लिए काली मिर्च, लाल मिर्च, धनिया पाउडर, नमक और जीरा पाउडर डालें।
अब इसमें इमली की चटनी और पुदीने की चटनी डालकर मिक्स कर दें। बेक्ड कटोरियों को अवन में से निकालकर अलग कर लें। तैयार कटोरियों में बाउल में मिक्स किया मिश्रण डालें और धनिया पत्ती से गार्निश करके परोसें।

रविवार, 14 जुलाई 2024

सेहत के लिए लाभदायक है 'जामुन की गुठली'

सेहत के लिए लाभदायक है 'जामुन की गुठली' 

सरस्वती उपाध्याय 
मानसून में मौसमी फलों का मजा ही अलग हैं। इस मौसम में जामुन भी बेहद पसंद किए जाते हैं, लेकिन बहुत से लोग इनकी गुठली को बेकार समझकर फेंक देते हैं। क्या आप जानते हैं इस गुठली के फायदें, जो आपकी हेल्थ के लिए कई प्रकार से लाभदायक हैं ? इस गुठली का इस्तेमाल पाउडर बनाकर कर सकते हैं। इस गुठली में औषधीय गुण होते हैं।
जामुन के बीज का वैज्ञानिक नाम शीजीजियम जाम्बोलिनम हैं। जामुन की गुठली के पाउडर का काढ़ा बनाकर पीना भी फायदेमंद हैं। मानसिक समस्याओं से बचाव करता हैं।

टॉक्सिन

शरीर को टॉक्सिन (ज्वÛपद) करना चाहते हैं, तो आप जामुन के गुठली का पाउडर का काढ़ा बनाकर पिएं या या पानी के साथ इसे लें, इससे शरीर की गंदगी बाहर आ जाती हैं। कई बीमारियों में इनका दवाई के रूप में उपयोग किया जाता हैं।

डायबिटीज

अगर आपकी शुगर 250 है और आप इन बीजों के पाउडर को एक चम्मच मात्रा में आधे कप पानी में मिलाकर लेंगे, तो यह आपके शुगर लेवल को 150 तक पहुंचा सकता हैं। जामुन के बीज एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं।

हृदय रोग

जामुन के बीजों में विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी समेत तमाम मिनरल्स मौजूद होते हैं। मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक, आयरन, फास्फोरस आदि भी इसमें प्रचुर मात्रा में होते हैं, इसलिए आप इसे मल्टीविटामिन कैप्सूल भी मान सकते हैं। जामुन के बीजों में पोटेशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, इसलिए यह हृदय रोग से संबंधित मरीजों के लिए भी फायदेमंद हैं।

गुरुवार, 11 जुलाई 2024

'चुकंदर की खीर' बनाने की रेसिपी, जानिए

'चुकंदर की खीर' बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
सब्जियों में से एक चुकंदर की बात की जाए तो, शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने के लिए इसका सेवन किया जाता है। इसका सेवन हम सलाद के रूप में प्राय: करते हैं तो वहीं पर कई बार इसका जूस पीना भी पसंद करते है।
लेकिन आज हम आपको इसकी और अन्य डिश के बारे में बताने जा रहे है, जो टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होती है। इस खास डिश का नाम चुकंदर की खीर है।

इन विधि से बनाएं आसान चुकंदर की खीर...

घर पर आप कम समय में चुकंदर की खीर बना सकते है, फायदेमंद है, जो इस प्रकार है...

अगर आप भी कुछ हेल्दी और टेस्टी पीना चाहते हैं। आप कम समय में घर पर चुकंदर की खीर बना सकते हैं। यह सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी गई है।

क्या चाहिए आपको ?

घर में चुकंदर की खीर बनाने के लिए आपको कई चीजों की आवश्यकता होगी, जो इस प्रकार है…

1- चुकंदर -कद्दूकस किया हुआ
2- दूध
3- इलायची और दूध मसाला।

जानिए, कैसे बनाएं ?

चुकंदर की खीर बनाने के लिए चुकंदर को छील कर उसे कद्दूकस कर लें।
दूसरी तरफ एक बर्तन में दूध को अच्छी तरह उबाल लें। इस पैन में कद्दूकस किया हुआ चुकंदर डाल दें, जब यह अच्छी तरह भून जाए, तो इसे उबले हुए दूध में डालकर 10 मिनट तक पकाएं।
इसे अच्छी तरह पकाने के बाद इसमें इलायची पाउडर और दूध मसाला पाउडर डालकर थोड़ी देर तक चम्मच की मदद से घुमाते रहे।
अब आपकी खीर तैयार हो गई है। आप इसे एक कटोरी में निकालकर ऊपर से कुछ ड्राई फ्रूट डालकर सर्व कर सकते हैं।

मंगलवार, 9 जुलाई 2024

मॉनसून: डाइट में शामिल करें काली मिर्च, जानिए

मॉनसून: डाइट में शामिल करें काली मिर्च, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
काली मिर्च में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल, एंटी-फ्लैटुलेंस और एंटी-माइक्रोबियल गुणों का खजाना होता है। दुनियाभर में किंग ऑफ स्पाइस के नाम से मशहूर इस मसाले में पोषक तत्वों का भंडार पाया जाता है।
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे, कि मानसून में पाचन तंत्र और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिहाज से डाइट में इसे जगह देना कितना जरूरी है और इससे आपको क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं ?

डाइजेशन के लिए लाभकारी 

बदलते मौसम में पाचन तंत्र को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। ऐसे में, काली मिर्च में पाया जाने वाला पाइपरिन नामक तत्व पाचन तंत्र से जुड़े एंजाइम को बूस्ट करने में मदद करता है और इससे डाइजेशन काफी इम्प्रूव हो जाता है।

स्ट्रांग इम्युनिटी 

मानसून के सीजन में अक्सर लोगों को कमजोर इम्युनिटी की समस्या रहती है। ऐसे में, अगर आप भी थकान और कमजोरी का कोई सस्ता और टिकाऊ उपाय खोज रहे हैं, तो काली मिर्च इस मामले में काफी मददगार हो सकती है। इसके सेवन से आप कई तरह के संक्रमण से बच सकते हैं।

वेट लॉस में फायदेमंद

मानसून के मौसम में अक्सर खानपान बिगड़ जाता है, ऐसे में वेट लॉस भी मुश्किल हो जाता है। बता दें, वजन घटाने के लिहाज से भी काली मिर्च एक अच्छा ऑप्शन साबित होती है। इसमें मौजूद पाइपरिन और एंटी ओबेसिटी गुण वजन घटाने में काफी मदद करते हैं, जिससे आपको मोटापे की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

जोड़ों के दर्द से दिलाएं राहत

मानसून के मौसम में अक्सर जोड़ों का दर्द भी बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आप काली मिर्च को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो इससे सूजन और दर्द से भी राहत मिलती है। बता दें, कि ऐसा काली मिर्च में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी अर्थराइटिस गुणों के कारण होता है।

रविवार, 7 जुलाई 2024

स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है लाल 'केला'

स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है लाल 'केला' 

सरस्वती उपाध्याय 
दुनिया में सबसे अधिक खाए जाने वाले फल में से एक फल है केला। पूरी दुनिया में केले की बहुत-सी वैराइटीज़ हैं, जिसमें से भारत में केलों की 20 वैराइटीज पाई जाती हैं। पीले और हरे रंग के केले तो हम सभी जानते हैं।
भारत में पीले और हरे केले को सबसे अधिक खाया और पसंद किया जाता है। पीला केला सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है। लेकिन क्या कभी आपने लाल केला खाया है या उसके फायदे के बारे में सुना है ? लाल केला स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी माना जाता है। लाल केला खासकर ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है, ऑस्ट्रेलिया के अलावा वेस्टइंडीज, मेक्स‍िको और अमेरिका के कुछ हिस्सों में इसको उगाया जाता है। इस केले को 'रेड डक्का' के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, लाल केला भारत में इतना अधिक प्रचलित नहीं है, भारत में, ये व्यापक रूप से कर्नाटक और आस-पास के जिलों में उगाए जाते हैं। लाल केला खाने में जितना स्वादिष्ट होता है सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद भी माना जाता है। इसमें सामान्य केले की तुलना में कहीं अधिक बीटा-कैरोटीन पाया जाता है। बीटा-कैरोटीन धमनियों में खून का थक्का जमने नहीं देता है। ये कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों को भी दूर रखने में मददगार है। इसके साथ ही लाल केले में खनिज, विटामिन, बहुत सारे फाइबर और अच्छे कार्बोहाइड्रेट होते हैं। लाल केला खाने से इम्युनिटी मजबूत और वजन को कंट्रोल किया जा सकता है।

लाल केला खाने के फायदे

डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद।
लाल केला खाने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। लाल केले में ग्लाइसेमिक की प्रतिक्रिया कम होती है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है‌। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को लाल केले का सेवन करना चाहिए।
न्यूट्रिएंट्स रिच होते हैं लाल केले। 
लाल केला न्यूट्रिएंट्स रिच होते हैं। एक छोटा लाल केला में केवल 90 कैलोरी होती है और इसमें प्रमुख रूप से पानी और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। विटामिन बी6, मैग्नीशियम और विटामिन सी की उच्च मात्रा इस केले की विशेषता को पोषकता में बढ़ाती है।

ब्लड प्रेशर को करता है कंट्रोल

लाल केला में पोटैशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक माना जाता है। इसलिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए लाल केले का सेवन अवश्य करें।

आंखो की रोशनी बढ़ाने के लिए फायदेमंद

लाल केला आंखो के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इसको रोज़ खाने से आंखो की रोशनी को बढ़ाया जा सकता है। इसमें ल्यूटिन और जेक्सैंथिन नामक तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इसमें बीटा-कैरोटेनॉइड और विटामिन ए भी पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होता है।

इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत रखता है लाल केला

इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए हम बहुत से फलों का सेवन करते हैं और उन्हीं फलों में से एक फल है लाल केला। लाल केले में विटामिन सी और विटामिन बी6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।

लाल केले के अन्य फायदे

इससे पारकिंसन जैसी बीमारी को दूर किया जा सकता है।
पथरी का खतरा कम करने के लिए लाल केला असरदार।
लाल केले में विटामिन बी-6 की मौजूदगी शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बनाए रखता है।
पाचन शक्ति में भी मददगार होता है लाल केला।
लाल केले में कैल्शियम और पोटैशियम पाया जाता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

लाल केले के दुष्प्रभाव

कभी-कभी केले के ज्यादा सेवन से एलर्जी हो सकती है। क्योंकि, इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। अधिक मात्रा में लाल केला खाने से उल्टी, सूजन, पेट फूलना आदि हो सकता है। इसके अलावा, लाल केले का अत्यधिक सेवन शरीर में पोटेशियम का लेवल बढ़ा सकता है। जिसके परिणामस्वरूप असामान्य हृदय गति हो सकती है। हालांकि, अगर आप लाल केला खाने के बाद किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस करते हैं, तो इसका सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपके लक्षणों के लिए उचित उपाय देने में सक्षम होंगे।

बुधवार, 3 जुलाई 2024

बारिश के मौसम में बेहद फायदेमंद हैं 'जामुन'

बारिश के मौसम में बेहद फायदेमंद हैं 'जामुन'  

सरस्वती उपाध्याय 
बारिश के मौसम में कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जो स्वाद और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद होती हैं। इनमें से एक है जामुन, जिसे इंडियन ब्लैकबेरी या ब्लैक प्लम भी कहा जाता है। अब हम सब इसे जामुन के नाम से जानते हैं।
बरसात के मौसम में इस फल को जरूर खाना चाहिए। कई लोगों को इसका खट्टा, तीखा या फीका स्वाद पसंद नहीं आता। लेकिन यह बेर मीठा भी होता है। खासकर, मधुमेह रोगियों को ब्लैकबेरी खानी चाहिए।

जामुन में कई पोषक तत्व होते हैं

जामुन विटामिन ए और सी से भरपूर होता है। जामुन आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम का एक समृद्ध स्रोत है। इसलिए त्वचा में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए ब्लैकबेरी खाना फायदेमंद होता है।

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर

जामुन में फ्लेवोनोइड्स, एंथोसायनिन और फेनोलिक यौगिक होते हैं। जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। यह कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाता है। इसके अलावा हृदय रोग और मधुमेह का खतरा भी कम हो जाता है।

ब्लड शुगर लेवल रखता है मेंटेन

जामुन में जम्बोलन नामक एक यौगिक होता है जो स्टार्च को चीनी में बदलने को धीमा कर देता है। जिसके कारण यह मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद बताया जाता है। ब्लैकबेरी खाने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और इंसुलिन संवेदनशीलता को सामान्य करने में मदद मिलती है।

पाचन के लिए फायदेमंद

इसके अलावा जिन लोगों की पाचन क्रिया खराब है उन्हें भी रोजाना ब्लैकबेरी खानी चाहिए। इससे भोजन को पचाने वाले एंजाइम बढ़ते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

जामुन का स्वाद मुंह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है

जामुन का तीखा स्वाद मसूड़ों में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और मसूड़ों की सूजन को कम करता है। मुंह के छाले और सांसों की दुर्गंध जैसी समस्याओं में जामुन बहुत फायदेमंद होता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद

जिन लोगों को बारिश के दौरान त्वचा के रूखेपन और मुंहासे निकलने की समस्या होती है। उन्हें जामुन खाना चाहिए. यह रक्त को शुद्ध करता है और त्वचा के बैक्टीरिया को दूर करता है।

मंगलवार, 2 जुलाई 2024

स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है 'मोरिंगा' के पत्ते

स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है 'मोरिंगा' के पत्ते 

सरस्वती उपाध्याय 
सेहत के लिए मोरिंगा के पत्ते को चमत्कारिक माना जाता हैं। मोरिंगा के पत्तों के विशेष गुण शरीर में कई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। मोरिंगा के पत्तों का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
आइये जानते है कि,मोरिंगा के पत्तों को चबाने से आपके शरीर में कौन-कौन से सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं ?

पोषण की भरपाई

मोरिंगा के पत्तों में विटामिन ए, सी, ई, और बी-कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, पोटैशियम, प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। नियमित सेवन से आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और आप हेल्दी रहते हैं।

इम्यून सिस्टम को मजबूती

मोरिंगा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इससे आपका शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम होता है।

हार्ट हेल्थ

मोरिंगा के पत्ते ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इनमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम हार्ट की धड़कन को रेगुलेट रखने में सहायक होते हैं, जिससे हार्ट रिलेटेड डिजीज का खतरा कम होता है।

शुगर लेवल को कंट्रोल करना

मोरिंगा के पत्तों में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। इससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है।

शुक्रवार, 28 जून 2024

खाली पेट 'नींबू पानी' पीना बेहद फायदेमंद, जानिए

खाली पेट 'नींबू पानी' पीना बेहद फायदेमंद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
नींबू वह है, जो हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं। यह खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि नींबू में विटामिन सी, ई, बी-6, थायमिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन और फोलेट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
लेकिन अगर इसका सेवन रोज सुबह खाली पेट (खाली पेट) नींबू पानी के रूप में किया जाए तो इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। आइए जानते हैं, खाली पेट नींबू पानी पीने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ क्या हैं ?

पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है

नींबू पानी पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में काफी फायदेमंद साबित होता है। यह हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पित्त स्राव के उत्पादन में सुधार करता है, जिससे गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

इम्युनिटी बढ़ाता है

नींबू पानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में काफी मददगार होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और पोटेशियम इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। खाली पेट नींबू पानी पीने से शरीर पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है। जिससे बीमार होने की संभावना कम हो जाती है।

रक्तचाप को नियंत्रित करता है

खाली पेट नींबू पानी पीने से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह साइट्रिक एसिड और विटामिन सी से भरपूर होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वजन घटाने में मददगार

खाली पेट नींबू पानी पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है। यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और फैट बर्न करता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

शरीर को हाइड्रेट रखता है

नींबू पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है और डिहाइड्रेशन का कारण नहीं बनता है। यह विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है, जो शरीर को गर्मी और निर्जलीकरण से बचाने में मदद करता है।

त्वचा को स्वस्थ रखता है

नींबू पानी का सेवन करने से त्वचा भी स्वस्थ रहती है। इसमें मौजूद विटामिन सी कोलेजन के निर्माण के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार रखता है।

लीवर को रखेंगे स्वस्थ

नींबू पानी के सेवन से लीवर की सेहत भी बनी रहती है। इससे लीवर साफ रहता है और साथ ही लीवर की ऊर्जा भी बहाल हो जाती है, जिससे यह पूरी रात सक्रिय रहता है।

पोषक तत्वों से भरपूर हैं सोयाबीन, जानिए

पोषक तत्वों से भरपूर हैं सोयाबीन, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
सोयाबीन पोषक तत्वों से भरपूर होता हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन बी6, बी12, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद जरुरी होते हैं। इतना ही नहीं, इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं।
सोयाबीन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कोशिकाओं के विकास में मददगार होते हैं और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत भी करते हैं। सोयाबीन का सेवन करने से मानसिक संतुलन बेहतर बनता है। इससे दिमाग काफी तेज चलता है। सोयाबीन मेंटल हेल्थ को अच्छा करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, सोयाबीन दिल की सेहत के लिए काफी जरबदस्त माना जाता है। हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने का काम कर सकता है।
एक्सपर्ट्स की मानें, तो सोयाबीन में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कैंसर रोकने में भी मदद कर सकते हैं। सोयाबीन खाने से हड्डियां मजबूत बनती हैं। सोयाबीन मेटाबॉलिक सिस्टम को भी बेहतर बनाए रखता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सोयाबीन शारीरिक कमजोरी को दूर करने का काम करता है। सोयाबीन खाने से बालों और त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो सकती हैं।
बॉडी बिल्डिंग के लिए सोयाबीन जबरदस्त फायदेमंद माना जाता है। सोयाबीन महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का काम कर सकता है। इससे महिलाओं की सेहत बेहतर रहती है।

शनिवार, 22 जून 2024

शुगर को कंट्रोल करने में फायदेमंद है 'सेब का सिरका'

शुगर को कंट्रोल करने में फायदेमंद है 'सेब का सिरका'

सरस्वती उपाध्याय 
खराब जीवनशैली और खानपान का नतीजा आज के समय मे अधिकतर लोग डायबिटीज की चपेट में है। अगर समय रहते इसे कंट्रोल न किया गया, तो शरीर के कई अंगो तो डैमेज कर सकती है। डायबिटीज लाइलाज बीमारी है।
दवाओं और खानपान व जीवनशैली में बदलाव करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए सेब का सिरका फायदेमंद होता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार सेब का सिरका टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में कारगर साबित हो सकता है।
एक शोध के अनुसार डायबिटीज के मरीज भोजन करने के बाद इसका सेवन करते है तो शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद करता है।इसके सेवन से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है, जिससे डायबिटीज रोगियों में अचानक से ब्लड शुगर स्पाइक को रोकने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, यह हाई कोलेस्ट्रॉल और वजन को कंट्रोल में भी मदद कर सकता है। इसके नियमित सेवन से दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है।
शरीर में ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कंट्रोल करने के लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका डालें। फिर इसे अच्छी तरह मिक्स करने के बाद इसे पी लें। नियमित रूप से रोज सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।

तुलना: बेहद फायदेमंद होता है कच्चा 'नारियल'

तुलना: बेहद फायदेमंद होता है कच्चा 'नारियल' 

सरस्वती उपाध्याय 
हेल्दी डाइट की बात हो, तो नारियल का नाम आना जायज है। नारियल के पानी के अनगिनत फायदे तो सभी जानते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसमें मौजूद मलाई यानी कच्चे नारियल की खासियत नहीं जानते हैं। कई लोग सूखे नारियल को ही बेहतर मानते हैं, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। कच्चे और सूखे नारियल के बीच ढेरों अंतर हैं, जिसकी सही जानकारी जरूरी है। क्योंकि, फिर उसी अनुसार आप उसका सेवन कर सकते हैं। दोनों ही तरह के नारियल का स्वाद, न्यूट्रिशन, फ्लेवर और टेक्सचर अलग होता है। आइए जानते हैं कि कच्चा या सूखा, किस रूप में नारियल का सेवन है अधिक फायदेमंद ?

सूखा नारियल

कच्चे ताजा नारियल को खाने में इसका स्वाद हल्का मीठा और नटी टेस्ट होता है और वहीं, सूखा नारियल खाने में अधिक मीठा और देर तक चबाने वाला होता है। सूखने के बाद नारियल का स्वाद कच्चे नारियल से अलग हो जाता है। नारियल को सुखा कर स्टोर करने में कुछ साधारण सी समस्याएं हैं, जो इसे पानी वाले नारियल से थोड़ा अनहेल्दी बनाती है। पहली बात ये कि सूखे नारियल में पानी नहीं रहता है, जिससे शरीर को हाइड्रेट रखने में इसका कोई महत्व नहीं रह जाता है।
वहीं, नारियल सूखने के बाद इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। इस तरह सूखे नारियल में अधिक शुगर, कैलोरी और फैट पाया जाता है। सूखा नारियल कई दिन तक बिना सड़े रहे, इसके लिए इसमें प्रिजर्वेटिव और वाइटनर डाला जाता है, जो इसे और भी अनहेल्दी बनाता है।

कच्चा नारियल

कच्चे नारियल में ढेर सारे विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो इसे एक बेहतरीन प्लांट बेस्ड प्रोटीन डाइट का हिस्सा बनाता है। इसमें कैलोरी, हेल्दी फैट और ओमेगा 6 फैटी एसिड पाया जाता है। इसमें पाए जाने वाला अधिकतर फैट सैचुरेटेड होता है। हालांकि, इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। नारियल पानी के साथ कच्चा नारियल मिलने की वजह से ये एक अच्छे इलेक्ट्रोलाइट का भी काम करता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।

कच्चा नारियल vs सूखा नारियल- क्या ज्यादा बेहतर ?

सूखे नारियल में मॉइश्चर की कमी के कारण अधिक फैट मौजूद होता है। ताजे कच्चे नारियल की तुलना में सूखे नारियल में कैलोरी की मात्रा ठीक उसकी दुगुनी होती है। इसमें अधिक फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता है। सूखे नारियल की शेल्फ लाइफ अधिक होती है और ये कच्चे नारियल की तुलना में अधिक दिन तक अच्छी अवस्था में रहते हैं। हालांकि, पोषक मूल्यों और गुणों के आधार पर कच्चा नारियल ज्यादा फायदेमंद होता है।

सोमवार, 17 जून 2024

स्वास्थ्य: पोषक तत्वों से भरपूर है 'सब्जा के बीज'

स्वास्थ्य: पोषक तत्वों से भरपूर है 'सब्जा के बीज' 

सरस्वती उपाध्याय 
शायद ही कोई घर हो, जहां तुलसी का पौधा न लगा हो और इसके गुणों को न जानता हो। सब्जा बीज तुलसी की ही एक प्रजाति का पौधा होता है, जिसे स्वीट बेसिल कहा जाता है।
सब्जा सीड्स का इस्तेमाल कई बीमारियों से बचाव करने के लिए किया जाता है। सब्जा के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन,फाइबर औमेगा और फैटी एशिड पाया जाता है। इसका सेवन करने से शरीर को ठंंडक पहुंचती है और गर्मी कम लगती है।
सब्जा के बीज का सेवन करने से मोटापा कम होता है। इसका सेवन करने से पेट अधिक समय तक भरा रहता है। फैट बर्न होता है। साथ ही जिन लोगो को गैस की दिक्कत होती है, उनके लिए भी फायदेमंद होता है। पेट को ठंडा रखता है। एक कप दूध के साथ इसका सेवन करने से पेट में जलन, एसिडिटी, अपत गैस व अन्य पेट की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए सब्जा सीड्स फायदेमंद होती है। इसका सेवन करने से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसका सेवन करने से माइग्रेन, थकान, टेंशन, सिरदर्द आदि में राहत मिलती है। इसके अलावा सब्जा सीड्स का सेवन करने से इम्यूनिटी बेहतर होती है।

गुरुवार, 13 जून 2024

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'  

सरस्वती उपाध्याय 
गर्मी का मौसम (समर सीजन) अपने मौसमी फलों के लिए जाना जाता हैं। इन दिनों में जहां आम का बोल-बाला हैं, वहीं लीची का स्वाद भी चखने को मिलता हैं। लीची गर्मियों के खास फलों में से एक है।
स्वाद के साथ सेहत के लिए भी लीची बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है। गर्मियों में लीची के खाने से शरीर को कई समस्याओं से बचाया जा सकता है। ची में विटामिन सी, विटामिन बी6, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, तांबा, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्निशियम और मैग्नीज जैसे खनिज पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। रोजाना लीची खाने से चेहरे पर निखार आता है और बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि लीची के सेवन से किस तरह सेहत को फायदा मिलता हैं। आइये जानते हैं, इसके बारे में...

कैंसर के जोखिम को करें कम

इसमें एंटीकैंसर प्रभाव होते हैं, प्रतिदिन किसी भी रूप में लीची के सेवन से इस खतरनाक रोग से काफी हद तक बचाव करती है। चूंकि, इसके जूस में एंटीऑक्सीडेंट और फ्लैवोनॉए़ड्स होते हैं, जिनमें एंटीकैंसर प्रभाव होते हैं। यह स्तन के कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते हैं।

मोतियाबिंद से बचाव

लीची फ्रूट के फायदे में मोतियाबिंद के लक्षणों को कम करना भी शामिल है। बता दें कि मोतियाबिंद बढ़ती उम्र में होने वाली आंखों से जुड़ी समस्या है, जिसमें देखने की सकती कमजोर पड़ जाती है। इस समस्या से बचाव के लिए भी लीची खाना फायदेमंद हो सकता है। इस पर हुए एक शोध में यह बताया गया है कि लीची मोतियाबिंद से बचाव करने में सहायक साबित हो सकती है। इसके अलावा, लीची में विटामिन-सी मौजूद होता है, जो मोतियाबिंद के जोखिमों को कम करने में लाभकारी हो सकता है।

ब्लड सर्कुलेशन के लिए

लीची का सेवन, ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, लीची ब्लड सर्कुलेशन में सुधार ला सकता है। हालांकि इसके पीछे इसका कौन-सा गुण काम करता है, फिलहाल इस बारे में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

वजन करे कम

क्या आप जानते हैं कि लीची के सेवन से वजन भी कम हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि लीची में कैलोरी, फैट बिल्कुल नहीं होता है और इसमें पानी, फाइबर अधिक होता है। ऐसे में जो लोग अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, वो लीची भी खाना शुरू कर दें।

हड्डियों को बनाएं मजबूत

अगर हड्डियां कमजोर हो तो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या, एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है और टूटने लगती है। इस समस्या से बचाव के लिए हड्डियों का मजबूत रहना जरूरी है और इसमें लीची खाने के फायदे देखे जा सकते है। बताया जाता है कि लीची हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक साबित हो सकती है।

पाचन को रखे दुरुस्त

लीची खाने से गर्मी के मौसम में पाचन संबंधित समस्याएं नहीं होती हैं। लीची में मौजूद फ्लेवोनॉएड्स, फिनोलिक कम्पाउंड डाइजेशन को दुरुस्त रखता है। ऐसे में पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए आप गर्मी के मौसम में लीची का सेवन जरूर करें।

सनबर्न से राहत

अधिक समय तक सूरज की हानिकारक किरणों के संपर्क में आने के कारण त्वचा लाल हो जाती है, जिसे सनबर्न के नाम से जाना जाता है। इससे राहत पाने के लिए लीची के फायदे देखे जा सकते है। बताया जाता है कि लीची सनबर्न को कम कर सकता है। हालांकि इस विषय में अभी और रिसर्च किए जाने की आवश्यकता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता करें मजबूत

यदि आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, सर्दी-खांसी होती रहती है, तो लीची खा सकते हैं। यह इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से कई तरह की बीमारियों, इंफेक्शन से बचाव होता है। इसमें मौजूद सैपोनिन कम्पाउंड प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करने के लिए जिम्मेदार होता है।

हृदय के लिए अच्छा

लीची खाने के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी देखे जा सकते हैं। दरअसल, लीची में क्वेरसेटिन नामक बायो एक्टिव कंपाउंड मौजूद होता है, जो कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ यानी हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा, लीची में पॉलीफेनोल की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो सीने से संबंधित समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकता है। इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जा सकता है।

मंगलवार, 11 जून 2024

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है 'गन्ने का रस'

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है 'गन्ने का रस' 

सरस्वती उपाध्याय 
चिलचिलाती गर्मी के मौसम में सभी को ठंडा रहने के लिए शरीर को ठंडक देने वाले पेय पदार्थो का सेवन करना बेहद जरुरी होता है। ऐसे में सबकी पहली पसंद रहता है गन्ने का रस। गर्मी के मौसम में गन्ने का रस पीना न केवल ताजगी-भरा होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है।
गन्ने का रस एक प्राकृतिक और पौष्टिक पेय है, जो गर्मियों में ताजगी और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। हालांकि, इसे संतुलित मात्रा में और स्वच्छता का ध्यान रखते हुए ही सेवन करना चाहिए। गन्ने के रस के नियमित सेवन से आप गर्मियों के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल के जरिए गन्ने के रस के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में बताएंगे...!

ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत

गन्ने का रस प्राकृतिक शर्करा से भरपूर होता है जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसे पीने से थकान और कमजोरी से तुरंत राहत मिलती है, जो गर्मियों में अत्यधिक पसीने के कारण होती है। गर्मी के दिनों में यह शरीर को ताजगी और शक्ति प्रदान करता है।

हाइड्रेशन बनाए रखना

गर्मियों में शरीर से अधिक पसीना निकलता है जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। गन्ने का रस पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।

पाचन में सुधार

गन्ने का रस पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले पोटैशियम और एंजाइम्स पेट की जलन और कब्ज को कम करने में सहायक होते हैं। गन्ने का रस कब्ज से राहत दिलाता है। इसमें मौजूद पोटेशियम पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है।
 
त्वचा के लिए फायदेमंद

गन्ने का रस एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं। यह त्वचा की समस्याओं जैसे कि एक्ने और त्वचा की सूजन को कम करने में भी सहायक होता है। यह त्वचा को हाइड्रेट रखता है और मुंहासों को कम करता है। इसमें मौजूद अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHA) त्वचा को निखारता है।

इम्यूनिटी को बढ़ावा

गन्ने का रस विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। यह सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों से बचाव में मदद करता है।

गुर्दे की सेहत के लिए लाभकारी

गन्ने का रस मूत्रवर्धक गुणों से भरपूर होता है, जो गुर्दे को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह गुर्दे में पथरी बनने की संभावना को भी कम करता है।
 
वजन नियंत्रण

गन्ने का रस कम कैलोरी वाला होता है और इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसे पीने से भूख कम लगती है और यह वजन नियंत्रण में सहायक होता है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो भूख को नियंत्रित करता है और अधिक खाने से बचाता है।

हृदय स्वास्थ्य

गन्ने का रस पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। गन्ने का रस कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम करता है। इसमें पोटेशियम होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
 
डायबिटीज के लिए लाभकारी

हालांकि गन्ने का रस मीठा होता है, लेकिन यह प्राकृतिक शर्करा से युक्त होता है जो धीरे-धीरे अवशोषित होती है और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखता है। हालांकि, डायबिटीज के मरीजों को इसे सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।

 
हड्डियों को मजबूत बनाता है

गन्ने के रस में कैल्शियम, मैग्नीशियम, और आयरन होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा गन्ने का रस लिवर को साफ करने में मदद करता है और जॉन्डिस जैसे लिवर संबंधित रोगों में फायदेमंद होता है।

इन बातों का रखे ख्याल

गन्ने का रस पीते समय यह ध्यान रखें कि इसे ताजा ही पिएं और ज्यादा समय तक खुला न रखें क्योंकि यह जल्दी खराब हो सकता है। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि गन्ने का रस साफ-सुथरे और हाइजेनिक तरीके से तैयार किया गया हो।

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