शुक्रवार, 31 मई 2024

1 जून की शाम तक ध्यान लगाएंगे 'पीएम' मोदी

1 जून की शाम तक ध्यान लगाएंगे 'पीएम' मोदी 

इकबाल अंसारी 
चेन्नई। पीएम नरेंद्र मोदी 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक कन्याकुमारी के राॅक मेमोरियल पर ध्यान लगाएंगे। ये खबर सामने आने के बाद से ही विपक्ष पीएम मोदी पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की अगुवाई में एक दल आज इलेक्शन कमीशन के ऑफिस पहुंचा और इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराई।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से कहा है कि 48 घंटे के मौन काल में किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। कोई भी नेता कुछ भी करे, हमें उससे कोई आपत्ति नहीं है। चाहे वे मौन व्रत रखें या कुछ और, मौन काल में अप्रत्यक्ष प्रचार नहीं होना चाहिए। हमने शिकायत की है कि प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि वे 30 मई की शाम से मौन व्रत पर बैठेंगे। मौन काल 30 मई को शाम 7 बजे से 1 जून तक रहेगा। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ये या तो प्रचार जारी रखने या खुद को सुर्खियों में बनाए रखने के हथकंडे हैं। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि उन्हें इसे (मौन व्रत) 1 जून की शाम 24-48 घंटे बाद शुरू करना चाहिए। लेकिन अगर वे इसे कल शुरू करने पर जोर देते हैं, तो इसे प्रिंट या ऑडियो-विजुअल मीडिया द्वारा प्रसारित करने से रोका जाना चाहिए।

ममता बोलीं- ध्यान पर कैमरे की क्या जरूरत

वहीं पीएम मोदी के मौन व्रत पर कांग्रेस के अलावा टीएमसी भी हमलावर है। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि ध्यान के समय कैमरा ले जाना जरूरी है। क्या ममता ने कहा कि मोदी ध्यान लगा सकते हैं, लेकिन उसे टीवी पर नहीं दिखाया जाना चाहिए ? हम इसे लेकर शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि ध्यान के दौरान कैमरा ले जाने की क्या जरूरत है ?

पत्रकार यूनियन द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया

पत्रकार यूनियन द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया

पंकज कपूर 
हल्द्वानी। हिंदी पत्रकारिता दिवस पर बृहस्पतिवार को श्रमजीवी पत्रकार यूनियन द्वारा मीडिया सेंटर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें हल्द्वानी शहर के दर्जनों पत्रकार शामिल हुए इस दौरान श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष तारा चंद जोशी भी मौजूद रहे।
यूनियन के जिलाध्यक्ष सर्वेंद्र बिष्ट और महानगर अध्यक्ष योगेश शर्मा ने सभी पत्रकार साथियों को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं दी। साथ ही सभी पत्रकारों ने विचार विमर्श कर पत्रकारिता को और मजबूत करने की बात कही, इस दौरान पत्रकारों के सामने आ रही समस्याओं को लेकर भी चर्चा की गई और एकजुट होकर मजबूती से सरकार और प्रशासन के समक्ष आवाज उठाने की बात कही, पत्रकारिता के इतिहास और आज के इस दौर में आ रही नई टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया को लेकर भी पत्रकारों ने अपडेट होने की बात कही।
इस दौरान जिला महामंत्री भूपेंद्र रावत, कोषाध्यक्ष हर्ष रावत, शेर अफगान, अंशुल डांगी, भावनाथ पंडित, समीर बिसारिया, दीप बिष्ट बाबा, नवनीत सिंह, अमित चौधरी, अंकित शाह, दीपक अधिकारी, विनोद कांडपाल, सरताज आलम, संजय प्रसाद विनोद यादव, रक्षित टंडन, वंदना आर्य, ऋषि कपूर, शरद पाण्डे, अरक़म सिद्दीकी, संजय पाठक, कुनाल अरोड़ा, श्रुति तिवारी, संजय पाठक सहित कई पत्रकार मौजूद रहे।

पानी नहीं छोड़े जाने पर रुख करेगी आतिशी

पानी नहीं छोड़े जाने पर रुख करेगी आतिशी

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने गुरुवार कहा कि दिल्ली सरकार हरियाणा की ओर से यमुना का राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से का पानी नहीं छोड़े जाने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। आतिशी ने गुरुवार को वजीराबाद यमुना जलाशय का निरीक्षण किया और कहा कि वह हरियाणा द्वारा राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से का पानी नहीं छोड़े जाने के मुद्दे पर वह केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगी। दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण पानी की कमी हो रही है और राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास है।
आतिशी ने आरोप लगाया है कि पानी की कमी की वजह हरियाणा की ओर से यमुना में दिल्ली के हिस्से का पानी रोकना है। आतिशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा वज़ीराबाद यमुना जलाशय का निरीक्षण किया, यहां से पानी वज़ीराबाद, चन्द्रावल और ओखला जल उपचार संयंत्रों में जाता है। यमुना नदी का स्तर 674 फुट होना चाहिए, लेकिन यह मात्र 670.3 फुट पर है। इस वजह से दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में पानी की किल्लत है।
उन्होंने लिखा आज केंद्र सरकार को भी पत्र लिखूंगी। उनकी भी ज़िम्मेदारी है कि दिल्ली को अपने हिस्से का पानी मिले। हरियाणा को दिल्ली का पानी रोकने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं दिल्ली सरकार जल संकट के संबंध में गुरुवार को एक आपात बैठक भी हुई। दिल्ली सरकार ने बुधवार को ही पानी की बर्बादी पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया और जुर्माना लागू करने के लिए 200 टीमें गठित कीं। साथ ही सरकार ने जल संकट से प्रभावित इलाकों में दो पालियों में ट्यूबवेल चलाने और जलापूर्ति के लिए पानी के टैंकर भेजने जैसे कदम उठाने का भी फैसला किया है।

'हिंदी पत्रकारिता' दिवस के महत्व पर चर्चा की

'हिंदी पत्रकारिता' दिवस के महत्व पर चर्चा की

पत्रकारों ने सत्य निष्पक्ष पत्रकारिता करने का लिया संकल्प

हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर भारतीय पत्रकार संघ के बैनर तले एकत्रित हुए पत्रकार

कौशाम्बी‌‌। हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर जनपद मुख्यालय मंझनपुर में भारतीय पत्रकार संघ के बैनर तले एकत्रित हुए पत्रकारों ने हिंदी पत्रकारिता दिवस के महत्व पर चर्चा की, कि मौके पर उपस्थित पत्रकारों ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता की यात्रा 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा शुरू किए गए प्रथम हिन्दी समाचार पत्र “उदन्त मार्तण्ड” के प्रकाशन से प्रारम्भ हुई। यह दिन सत्य और साहस के साथ जनकल्याण के उद्देश्य से कार्य करने वाले हिंदी पत्रकारों के विशेष योगदान को समर्पित है। उदन्त मार्तण्ड का हिन्दी प्रकाशन भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ। समाचार पत्र से भारत में पत्रकारिता के एक नए युग की शुरुआत हुई और बाद में समाज और संस्कृति पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ा। इससे पत्रकारिता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ी और नागरिकों को सही जानकारी प्रदान करने में हिंदी समाचार-पत्रों का महत्व बढ़ा।
बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने कहा कि पत्रकारिता में देश और समाज के मुद्दों, घटनाओं और समाचारों को देशभर के लोगों तक पहुंचाया जाता है और उन्हें अवगत कराने की कोशिश की जाती है‌। इस पत्रकारिता को बढ़ावा देने और सराहने के लिए ही हर साल 30 मई के दिन हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। भारत में प्रकाशित होने वाला पहला हिंदी भाषा का अखबार, उदंत मार्तंड (द राइजिंग सन), 30 मई 1826 को शुरू हुआ। इस दिन को "हिंदी पत्रकारिता दिवस" के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसने हिंदी भाषा में पत्रकारिता की शुरुआत को चिह्नित किया था। हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए पत्रकारों ने निष्पक्ष पत्रकारिता करने का संकल्प लिया वक्ताओं ने कहा कि सत्य और निष्पक्ष पत्रकारिता समाज को सही दिशा दे सकती है। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता किसी चुनौती से काम नहीं है और सत्य निष्पक्ष खबर लिखने पर तमाम तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ता है। भ्रष्टाचार से जुड़े लोग माफिया अपराधी कलम की आवाज दबाना चाहते हैं, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ केसरवानी, रामबदन भार्गव, सुशील केसरवानी, संतलाल मौर्य, सुबोध केसरवानी, गणेश साहू, राजू सक्सेना, राकेश केसरवानी, अजीत कुशवाहा, मदन केसरवानी, राजकुमार, विष्णु सोनी, रामबाबू केशरवानी, शम्सुल हसन खान, शकील अहमद, मनजीत कुमार यादव, रजनीश कुमार, नेता तिवारी, शशि भूषण सिंह, सोनू त्रिपाठी, सुशील कुमार उर्फ बबलू मिश्रा, अनिल कुमार, महेंद्र मिश्रा, शैलेंद्र मौर्य, रितेश जायसवाल, एनडी तिवारी, पवन मिश्रा, धर्मेंद्र सोनकर, नथन पटेल, मोनू पांडेय, मुन्ना सिंह यादव, विजेंद्र केसरवानी, सदाब्रत पांडेय,  राकेश दिवाकर, मोहम्मद फैज, सियाराम सिंह, आर्यवीर उत्तम मिश्रा, सहित तमाम पत्रकार मौजूद रहे और पत्रकारिता दिवस पर अपना विचार व्यक्त किया।
सुबोध केशरवानी

संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया

संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया

पंकज कपूर 
देहरादून। हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब की ओर से संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सूचना महानिदेशक ने सभी को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी के प्रथम समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड का अर्थ है उगता सूरज और सही मायनों में इस उगते सूरज ने नई राह दिखाने का कार्य किया। यह राह राजनीतिक और सामाजिक दोनों तरह से थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अभी जो भी माध्यम हैं, उनमें अब सामाजिक वाला हिस्सा नजर नहीं आता। ऐसे में हमें पुनः एक बार सामाजिक जागरूकता लाने की जरूरत है। आज कहीं न कहीं हम अपने मानवीय मूल्यों से भी दूर होते जा रहे हैं और यही वजह है कि व्यक्ति प्रिय होने के बजाए हम वस्तु प्रिय होते जा रहे हैं। पहले की तुलना में अब लोगों में धैर्य का अभाव भी तेजी से देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता और पत्रकारों के समक्ष कई चुनौतियां हैं। समाचार लिखते या कवर करते समय हमें संतुलन का बेहद ध्यान रखना चाहिए।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत, अनुपम द्विवेदी व संजीव कंडवाल ने भी पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर अपने विचार प्रमुखता से प्रस्तुत किए। इस अवसर पर प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा ने सूचना महानिदेशक सहित अन्य अतिथियों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर उत्तरांचल प्रेस क्लब की ओर से पत्रकारों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर प्रेस क्लब कार्यकारिणी के तमाम पदाधिकारी व सदस्य भी उपस्थित रहे।

पीएम नेतन्याहू की सरकार को बर्बर करार दिया

पीएम नेतन्याहू की सरकार को बर्बर करार दिया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार को कांग्रेस...